दिव्य रश्मि न्यूज़ चैनल - 🌐

Breaking

Home Top Ad

Post Top Ad

Saturday, July 25, 2020

दिव्य रश्मि न्यूज़ चैनल

दिव्य रश्मि न्यूज़ चैनल


5 दिनों से जलजमाव झेल रहे लाेगाें ने 3 घंटे शेरपुर में एनएच-28 पर ठप रखा आवागमन

Posted: 25 Jul 2020 12:22 AM PDT

यूं ताे इस वर्ष बारिश के काफी पहले शुरू हाे जाने के कारण शहरवासियाें काे करीब डेढ़ महीने से परेशानी झेलनी पड़ रही है। टूटी सड़काें पर जलजमाव के कारण लाेग रास्ता बदल-बदल कर निकल रहे हैं, फिर भी कहीं न कहीं फंस ही जा रहे हैं। इस बीच 5 दिनाें से बारिश व लगातार भीषण जलजमाव के बीच पानी निकासी की रफ्तार काफी कम हाेने से लाेगाें का आक्राेश भड़क रहा है। सड़क व गलियाें के साथ-साथ सैकड़ाें लाेगाें के घर व दुकानाें में बारिश के साथ-साथ नाला का पानी घुसा हुआ है।

गंदगी व बदबू के साथ-साथ सांप-बिच्छू का भी भयंकर प्रकाेप है। ऐसे में नारकीय जिंदगी जी रहे लाेग अब सड़क पर उतरने लगे हैं। शेरपुर के लोगों ने शुक्रवार की दोपहर बेंच-डेस्क रख और बांस-बल्ले से एनएच-28 को घेर कर जाम कर दिया और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कहा कि नगर विकास मंत्री का शहर होने पर भी शहर की ऐसी नारकीय स्थिति है। करीब 3 घंटे तक गाड़ियों की लंबी कतारें दोनों तरफ खड़ी हो गईं। शहर से लौटने वाले बाइक व साइकिल सवारों समेत कई राहगीरों से मारपीट भी की गई। ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे थे। लेकिन, कोई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे।

सीओ बोले- हम क्या कर सकते हैं

सीओ को लोगों ने फोन मिलाया ताे उन्होंने जवाब दिया कि बारिश अत्यधिक हुई है तो क्या किया जा सकता है। सदर थाने की गश्ती पुलिस ने दो बार ग्रामीणों से बात की, लाेग नहीं माने। लेकिन, जब काेई अधिकारी नहीं पहुंचे ताे स्वयं जाम हटा कर पानी निकासी के लिए पंचायत भवन के पास ग्रामीण सड़क को काट दिया। इससे शेरपुर का पानी दिघरा नहर साइफन की ओर निकलने लगा। हालांकि, रफ्तार धीमी ही थी।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Water logging for 5 days will bring traffic on NH-28 in Sherpur for 3 hours


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/muzaffarpur/news/water-logging-for-5-days-will-bring-traffic-on-nh-28-in-sherpur-for-3-hours-127548619.html

लगातार हो रही बारिश से घरों में घुसा पानी, विरोध में ग्रामीणों का प्रदर्शन

Posted: 25 Jul 2020 12:22 AM PDT

प्रखंड क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। वही भंगहा पंचायत के वार्ड नंबर 12 मे निवास करने वाले लोगों के घरो मे विगत 10 दिनों से पानी लबालब होने से लोगों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए प्रशासन के विरोध जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे हैं ग्रामीण अमरजीत यादव, जदू साह, भूषण यादव, लालमति देवी राजकुमार साह, धनेश साह, नीलमणि दास, अओली मोहम्मद अंसारी, सुकट साह सहित दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि इंडो नेपाल बॉर्डर पर सैनिक सड़क बनने के क्रम में पानी निकासी के लिए बने पुलिया का पानी निकासी का रास्ता बंद हो गया है। जिसके कारण बारिश के पानी का निकासी नहीं हो पाता है और जलजमाव की स्थिति हर हमेशा बना रहता है। निजी जमीन वाले लोग अपने जमीन में पानी के बहाव नहीं करने देते हैं। सूचना जनप्रतिनिधि व प्रशासन को देने के बावजूद भी किसी तरह का पहल नहीं किया जाता है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Water pouring into homes due to incessant rains, villagers protest against


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/muzaffarpur/bettiah/news/water-pouring-into-homes-due-to-incessant-rains-villagers-protest-against-127547047.html

पेड़ से लटके बुजुर्ग ने मदद की गुहार लगाई, डीएम ने हाथ पकड़कर नाव पर चढ़ाया

Posted: 24 Jul 2020 11:22 PM PDT

बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में गंडक नदी का बांध टूटने से एक बुजुर्ग पानी की तेज धारा में बह गए थे। उन्होंने पेड़ पकड़कर खुद को डूबने से बचाया। कुछ घंटे बाद उस तरफ जिले के डीएम पहुंचे। उन्होंने बुजुर्ग को नाव पर चढ़ाया और सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया।

घटना शुक्रवार की है। इसका वीडियो शनिवार को सामने आया। जिले के संग्रामपुर प्रखंड के भवानीपुर में गंडक नदी का बांध टूट गया था। इसके बाद जिले के डीएम शीर्षत कपिल अशोक और एसपी नवीनचंद्र झा मौके पर पहुंचे थे। एनडीआरएफ के नाव पर सवार होकर डीएम और एसपी टूटे हुए बांध का जायजा लेने जा रहे थे, तभी पेड़ों के बीच से आवाज आई।

डीएम ने एक हाथ से नाव की रस्सी को पकड़ा और दूसरे हाथ से बुजुर्ग के हाथ को पकड़कर उन्हें नाव में खींच लिया।

डीएम ने देखा कि एक बुजुर्ग तेज धारा के बीच फंसे हुए हैं। उन्होंने खुद को बहने से रोकने के लिए पेड़ को पकड़ रखा है। डीएम ने नाव को बुजुर्ग के पास ले जाने को कहा। कुछ देर में नाव बुजुर्ग के पास पहुंच गई, लेकिन आसपास पेड़ होने के चलते करीब जाना संभव न था।

बोट पर सवार एनडीआरएफ के जवान ने बुजुर्ग से कहा कि आप घबराइए नहीं, हम लोग आ रहे हैं। इसके बाद नाव को घुमाकर दूसरी तरफ से बुजुर्ग के पास ले जाया गया। बुजुर्ग से कहा गया कि नाव की रस्सी पकड़ लीजिए। इसके बाद डीएम ने एक हाथ से नाव की रस्सी को पकड़ा और दूसरे हाथ से बुजुर्ग के हाथ को पकड़कर उन्हें नाव में खींच लिया।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
नाव को पास आती देखकर पेड़ पकड़े बुजुर्ग की जान में जान आई।


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/news/bihar-flood-east-champaran-latest-news-updates-motihari-district-magistrate-help-elderly-man-127550156.html

सीबीएसई : नई मूल्यांकन पद्धति ने बदली स्थिति, पहली बार एक पेपर के रिवैल्यूएशन का असर स्टूडेंट्स के दो विषयों पर पड़ेगा

Posted: 24 Jul 2020 11:22 PM PDT

सीबीएसई की नई मूल्यांकन पद्धति से पहली बार होगा कि छात्रों के रिवैल्यूएशन का असर संबंधित विषय के साथ बाकी विषयों पर होगा। यानी छात्र-छात्रा ने जिस विषय में रिवेल के लिए आवेदन दिया है, उसमें तो अंक बढ़ेंगे ही। साथ में उन विषयों के अंक में भी बढ़ोतरी होगी, जिसका असेसमेंट किया गया था। रिवेल के क्रम में छात्रों का नंबर बढ़ने पर फायदा होगा। लेकिन, अगर नंबर घटता है तो दोहरा नुकसान भी होगा। इसको लेकर सीबीएसई ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि जिन बेस्ट थ्री सब्जेक्ट के अंक के आधार पर असेसमेंट किया गया है, उसमें से किसी भी विषय में अंक घटते या बढ़ते हैं तो एवरेज अंक में परिवर्तन होगा। कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि नंबर बढ़ने पर फायदा और घटने पर छात्र को नुकसान होगा। इसका असर 10वीं की तुलना में 12वीं में होगा।

ऐसे पड़ेगा छात्र-छात्राओं के अंक पर रिवैल्यूएशन का प्रभाव

कॉमर्स में बिजनेस स्टडीज का असेसमेंट बेस्ट ऑफ थ्री सब्जेक्ट के उच्चतम अंक के आधार पर किया गया है। जिन 3 विषयों की परीक्षा हो गई इसमें एक विषय अकाउंट्स था। ऐसे में अगर छात्र अकाउंट्स के अंक से संतुष्ट नहीं हैं उसे कम अंक मिले हैं तो वह इसके लिए रिवैल्यूएशन करवाता है और इस प्रक्रिया में अगर अंक बढ़ते हैं तो बीएसटी के अंक भी बढ़ेंगे। पहले अगर अकाउट्स में 70 अंक मिले थे। रीवेल में 80 हो गए तो अब बीएसटी का असेसमेंट 80 अंकों के आधार पर होगा। वहीं अगर रिवेल की प्रक्रिया में अकाउंट्स के अंक 70 से 65 हो जाते हैं तो बीएसटी का अंक भी कम जाएगा। सोशियोलॉजी, ज्योग्राफी, बायोटेक्नोलॉजी, बिजनेस स्टडीज, कंप्यूटर साइंस, हिंदी कोर, हिंदी इलेक्टिव व होम साइंस के पेपर नहीं हुए। इन सब में असेसमेंट किया गया था।

रिवैल्यूएशन के बाद ही भेजे जाएंगे अंकपत्र
बोर्ड ने भी स्पष्ट कर दिया है कि रिवैल्यूएशन की प्रक्रिया पूरी तरह से समाप्त होने के बाद ही स्कूलों में मार्क्सशीट भेजने की प्रक्रिया शुरू होगी। ऐसा करने से इसमें चूक की संभावना काफी कम होगी।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
CBSE: The new evaluation method has changed the situation, for the first time the revaluation of a paper will affect the two subjects of students.


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/muzaffarpur/news/cbse-the-new-evaluation-method-has-changed-the-situation-for-the-first-time-the-revaluation-of-a-paper-will-affect-the-two-subjects-of-students-127548372.html

नावानगर में चीनी व्यवसायी को गोली मारकर लूटे चार लाख रुपये

Posted: 24 Jul 2020 10:22 PM PDT

डुमरांव-विक्रमगंज हाइवे पर रूपसागर स्थित पचधरवा पुल के पास हथियारबंद लुटेरों ने एक चीनी व्यवसायी को दिनदहाड़े गोली मारकर लगभग चार लाख रुपए लूट लिए। गोली दाहिने पैर में लगने से व्यवसायी जख्मी हो गया। जिसे सीएचसी में प्राथमिक उपचार करने के बाद बक्सर रेफर कर दिया गया। हालांकि व्यवसायी खतरे से बाहर होने की चिकित्सकों ने जानकारी दी है। लूट की घटना दोपहर लगभग तीन बजे की है।

चीनी व्यवसायी बिक्रमगंज व मलियाबाग से बकाया रुपए वसूली कर बाइक से अपने घर डुमरांव लौट रहा था। तभी उक्त स्थान पर एक बाइक पर सवार दो लुटेरों ने उन्हें लूट के उद्देश्य से घेर लिया। जब पीड़ित व्यवसायी जवाहर प्रसाद ने लूट का विरोध किया तो लुटेरों ने गोली दागी दिया। संयोग अच्छा रहा कि हाथापाई के दौरान चली गोली पैर में जा लगी। जिसके बाद लुटेरे रुपये लेकर भाग निकले। घटना की सूचना पाकर पहुंची पुलिस लुटेरों की तलाश में जुटी है।
कांव नदी में लुटेरे छलांग लगाकर भाग निकले
चीनी व्यवसायी से लूटपाट करने के दौरान पास के खेतों में काम कर रहे किसानों ने देखकर सड़क पर पहुंच गए। जैसे ही लुटेरों ने गोली दागी, किसान सड़क के दोनों तरफ से लुटेरों के तरफ दौड़ पड़े। यह देख लुटेरों ने अपनी जान बचाने के लिए बाइक छोड़ बैग में रखे कैश के साथ कांव नदी में छलांग लगा दी। हालांकि किसानों ने नदी के किनारे से कुछ दूरी तक पीछा किया, पर नदी के किनारा टेढ़ा मेढ़ होने से लुटेरों का पता नहीं चल पाया।

चीनी व्यवसायी से कैश लूट की सूचना पर एसपी उपेन्द्र नाथ वर्मा व एसडीपीओ के.के सिंह पहुंच लुटेरों की तलाश में जुट गए। पुलिस को अनुमान है कि कांव नदी में छलांग लगाने के बाद लुटेरे ज्यादा दूर नहीं भागेे होंगे। लुटेरों को पकड़ने के लिए सीमावर्ती रोहतास के दावथ पुलिस से भी मदद ली है। वही लुटेरों की बाइक को पुलिस ने जब्त कर ली है और ऑनर की पहचान की जा रही है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Chinese businessman shot and looted four lakh rupees in Navanagar


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/nawanagr/news/chinese-businessman-shot-and-looted-four-lakh-rupees-in-navanagar-127549105.html

विश्व का सर्वाधिक संगठित समाज है हिन्दू समाज

Posted: 24 Jul 2020 09:18 PM PDT

विश्व का सर्वाधिक संगठित समाज है हिन्दू समाज 

प्रो. रामेश्वर मिश्र पंकज
भारत विश्व का सबसे अधिक संगठित और एकात्म समाज है और आज भी उसके आपसी झगडे विश्व में सब से कम हैं .इसे जाने बिना हिन्दू समाज की किसी काल्पनिक कमी की चिंता और उपचार में विभोर लोग या समूह मनोरंजक वस्तु ही कहे  जायेंगे .यह ऐसा ही है जैसे छोटे केशों वाली परम आधुनिक कन्याओं को कोई बेचारी बाल विधवाएं बताने लगे और विश्व विद्यालय में उनके लिए सहानुभूति जगाने लगे तो जितना दयनीय और हास्यास्पद छात्रों के बीच वह लगेगा ,उतने  ही दयनीय और हास्यास;पद अनेक तथाकथित हिन्दू समाज सुधारक हैं

अनादिकाल से 1947 ईस्वी तक भारत के बहुत बड़े हिस्से में अपरा विद्याओं का प्रवाह सहज प्रवाहित रहा है .प्रबुद्ध अंग्रेज और सभी प्रबुद्ध योरोपीय जन भारत की अपरा विद्याओ  के परम प्रसंशक और अध्ययन करने वाले रहे हैं तथा यूरोप में आधुनिक विज्ञान के विकास में भारत की अपरा विद्याओं का बहुत बड़ा योगदान है.
भारत अकेला गैर कम्युनिष्ट देश है जहाँ राज्यतंत्र धर्म पर पूर्ण नियंत्रण रखे है ,जबकि मज़हब और रिलिजन पर उसका कोई नियंत्रण नहीं है .राज्य का धर्म पर ऐसा नियंत्रण तो अंग्रेज नहीं कर सके थे ,यह काम १९४७ के बाद कम्युनिस्म की प्रेरणा से हुआ है , नेहरु ने किया और सब दल आज उसे ही स्वीकार किये हैं .और तो और १९७५ में समाजवाद बल पूर्वक संविधान में प्रविष्ट करा दिया गया .
 संसार के सभी समाजों के संगठन के जो आधार होते हैं, वे सर्वविदित हैं। सर्वप्रथम तो यह आधार समान पूर्वजों के वंशज होने की स्मृति और अनुभूति के रूप में होता है। जब तक की स्मृति संभव है और विश्व में जो भी मानवीय इतिहास के विषय में स्मृतियाँ हैं, तब से 20वीं शताब्दी ईस्वी के मध्य तक समस्त हिन्दुओं को यह स्मरण था कि वे एक ही पूर्वजों की संततियां हैं जो सब के सब ऋषि है और प्रजापति ब्रह्मा की ही संतति हैं।
 प्रातः स्मरण के श्लोकों के रूप में अथवा अपनी-अपनी भाषा और बोलियों की कविताओं और कथाओं के रूप में तथा गोत्र और जाति यानी कुल समूह के पूर्वजों के रूप में सबको इन ऋषियों का स्मरण सदा से रहा है। कवियों और चारणों तथा वंशलेखकों और कथाकारों की अटूट श्रृंखला निरंतर इस सत्य का गांव-गांव और वनांचलों तक फैलाव करती रही है। इस प्रकार जो सबसे मूल आधार है, वह हिन्दू समाज में अभूतपूर्व रूप में उपस्थित है।

 विश्व के अनेक प्राचीन समाजों को यह स्मरण था परन्तु उनमें से अधिकांश  को ईसाइयों ने नष्ट कर दिया और शेष को मुसलमानों ने। दक्षिण पूर्व एशिया के अनेक समाजों में इसकी थोड़ी बहुत स्मृति बची है परंतु वहां भी यह मिटाई जा रही है। भारत में अभी तक करोड़ों लोगों में यह स्मृति शेष है। 

 ईसाइयों और मुसलमानों में संगठन का यह आधार अनुपस्थित है। क्योंकि वे अपने पूर्वजों की परंपरा को अस्वीकार करने के बाद ही ईसाई या मुसलमान बनते हैं। यहां हम कम्युनिस्टों की कोई बात करना प्रासंगिक नहीं समझते क्योंकि कम्युनिस्ट केवल व्यक्तियों की राशियां हैं, उनका कोई समाज आज तक कहीं बन नहीं पाया है। उनकी पार्टियां अवश्य हैं जो स्वयं ही एक दूसरे को खाती रहती हैं। अतः उनका समाज संगठन के संदर्भ में उल्लेख अस्थाने होगा। 
 यूरोप में जो ईसाइयत फैली है, उसमें लगातार मूल वंशो की पहचान से इन पांथिक पहचानों का टकराव चलता रहता है। गोथ, हूण, वंडाल, मगयार, शक, पार्थ, मंगोल, एंगल्स, जूट, सेक्सन, रोमन, जर्मन, गॉल, वाईकिंग, स्कॉट, डेन, केल्त, ड्यूड, आयोनियन, चील्डियन, ब्रिटन, फ्रेंच, पुर्तगीज, स्पेनिश, स्कैंडिनेवियाई, स्वीड, बरो, कीव, पोल्स, बल्गार, नार्मन, ट्यूडर, बोहेमिया, कार्डोना, बाल्टिक आदि-आदि अनेक जातीय पहचाने अभी भी अपनी जगह हैं और उनके बीच वस्तुतः कोई एक आधार समाज संगठन की समान स्मृति के रूप में नहीं है।

 इसके अतिरिक्त रोमन कैथोलिक, प्रोटेस्टेंट, पूर्वी आर्थोडॉक्स, ओरियन्टल आर्थोडॉक्स तथा चर्च ऑफ दि ईस्ट इन पांच मुख्य सम्प्रदायों में विभक्त ईसाई समुदायों की प्रत्येक शाखा में अनेकों पंथ हैं जो परस्पर प्रबल विरोध रखते हैं। जिनमें से कैथोलिक ईसाई समस्त ईसाइयों का लगभग आधा भाग है। इनके रोमन कैथोलिक, आर्मेनियन, कॉपटिक, चार्डीयन, मैरोनाईट, बीजेन्टाइन आदि लगभग 50 से अधिक उप पंथ हैं। प्रोटेस्टेंट में उप पंथ कम हैं परंतु इंग्लैंड का प्रोटेस्टेंट चर्च अलग है और जर्मनी का अलग तथा इनमें एडवेंटिस्ट, बेपटिस्ट, एंग्लिकन, लूथरन, मैथोडिस्ट, पेंटेकोस्टल, कालविनवादी आदि अनेक उपपंथ हैं। सभी ्रप्रोटेस्टेंट लोगों का मानना है कि वर्तमान कैथोलिक चर्च कतिपय 'भूलों' से भरा हुआ है। प्रोटेस्टेंट ईसाइयों की अपनी एक संस्कृति है। 
 इसके साथ ही इन दोनों में से प्रत्येक के पश्चिमी यूरोपीय, उत्तरी यूरोपीय, दक्षिणी यूरोपीय और केन्द्रीय यूरोपीय ऐसे चार यूरोपीय विभाग हैं और सहारा अफ्रीका, अमेरिका तथा आक्सेनिया के लिये अलग विभाग हैं। पूर्वी आर्थोडाक्स चर्च के 23 उप पंथ हैं। इसी प्रकार चर्च ऑफ ईस्ट के चार बड़े उप पंथ हैं।  जिनमें से एक भारत में विशेष रूप से सक्रिय है। वैसे तो सभी ईसाई यह मानते हैं कि जीसस ने स्वयं एक चर्च बनाया था परंतु यूरोप के सभी प्रबुद्ध लोग इस मान्यता का उपहास करते हैं। निष्ठावान ईसाई चर्च को एक दिव्य सत्ता मानते हैं। परंतु चर्च के विभिन्न पदाधिकारियों ने आज तक हत्याएँ, व्याभिचार, बलात्कार और लूट की तथा यौनविकृतियों की हजारों क्रियायें की हैं जिनके अभिलेखीय साक्ष्य विद्यमान हैं। स्वयं पोप के परिसर में बड़ी संख्या में भ्रूण हत्या के प्रमाण पाये गये थे। इन सब पापों के कारण भिन्न-भिन्न पंथों में जबरदस्त टकराव हैं। पांचो प्रमुख ईसाई सम्प्रदायों में से प्रत्येक का यह दावा है कि केवल वही शुद्ध चर्च है और शेष सब पतित और पापी हैं।

 कैथोलिक सम्प्रदाय से बाईबिल की व्याख्या को लेकर उपजे प्रचंड मतभेद के आधार पर प्रोटेस्टेंट चर्च विकसित हुआ। 

इन सब के बीच बस एक ही बात समान है कि ये जीसस को दिव्यसत्ता मानते हैं और स्त्री पुरूष समागम को संसार के सब पापों में एकमात्र मूलपाप मानते हैं तथा वे यह भी मानते हैं कि मानवजाति इसी पाप में से जन्मी है और इसीलिये हर मनुष्य जन्म से पापी ही है परंतु मनुष्यों के इन पापों का प्रायश्चित जीसस ने दो प्रकार से किया - एक तो कुआंरी माँ से पवित्र प्रेत द्वारा गर्भधारण के उपरांत वे पैदा हुये अतः नर-नारी मिलन के पाप से वे अलिप्त हैं और दूसरे सूली पर चढ़ाये जाने के कारण उन्होंने उन सब मनुष्यों के पापों का प्रायश्चित कर लिया जो जीसस के पिता की शरण में आते हैं अर्थात् जो ईसाई बन जाते हैं।

 यूरोप और अमेरिका के सभी प्रबुद्ध लोग और समस्त विश्व के प्रबुद्ध लोग ईसाइयों की इन दो आधारभूत मान्यताओं पर बहुत हंसते हैं परन्तु चर्च की नेटवर्किंग इतनी बड़ी और विकराल तथा जटिल है कि जो उसके फंदे में फंसा है वह तो उससे कभी निकलता ही नहीं और निकलने की सोचता ही नहीं, भारत सही विश्व के सभी धन-यौवन के लालची लोग भी चर्च से इन चीजों को पाते रहने के कारण उसकी इन हास्यास्पद मान्यताओं का अतिशय सम्मान करते हैं।
 इस प्रकार विशुद्ध सांसारिक व्यवस्था तंत्र के बल पर अपना प्रभाव बनाये रखने वाले चर्चों का दावा दिव्यता का ही है। 

परंतु मूल बात समाज संगठन की है, चर्च समाज संगठन में अपने उपपंथ के स्तर पर अतिशय सफल हैं परंतु समस्त ईसाई समाज के संगठन की दृष्टि से पूर्णतः अक्षम और असफल हैं। इसीलिये यूरोपीय समाजों ने 19वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में समाज संगठन के लिये राज्य को अधिक प्रभावी और सक्षम एजेंसी के रूप में अपनाया है। यद्यपि मध्ययुग में राज्य पर भी चर्च का ही एकाधिकार था परंतु 20वीं शताब्दी ईस्वी से चर्च स्वयं राज्य के संरक्षण की अपेक्षा करने लगा है। 
 जहां तक इस्लाम की बात है, इस्लाम में समाज संगठन का कोई भी आधार दिया ही नहीं है। वहां अपने पूर्वजों को जाहिल और जहालत में डूबे मानकर आखिरी रसूल को अपने माता-पिता और अपने बच्चों से भी ज्यादा प्यार करने के आग्रह से मजहब की शुरूआत होती है। यही कारण है कि इस्लाम ने अन्य समाजों के विध्वंस और बलपूर्ण धर्मान्तरण के भयंकर कार्य को बड़े पैमाने पर किया।।
 परंतु समाज संगठन का कोई भी सूत्र वह कहीं भी नहीं दे पाया। परिणामस्वरूप हर समाज में इस्लाम के अलग-अलग रूप हैं और वे कुरान और हदीस की दो-चार बातों को अपनाने के बाद शेष या तो अपने इलाके के रीतिरिवाज चलाते रहते हैं या अपने पड़ोस के किसी मुल्क की नकल से काम चलाते रहते हैं। 

यही कारण है कि अरब देशों का इस्लाम स्वयं अरब समाज को ही आज तक संगठित नहीं कर पाया और वे परस्पर युद्धरत समुदायों के रूप में ही 1400 वर्षों से लगातार सक्रिय हैं।

 दूसरी ओर तुर्की का इस्लाम भरतवंशी तुरूष्क क्षत्रियों की अनेक प्राचीन परंपराओं और मान्यताओं को बनाये रखते हुये अल्लाह और उनके आखिरी रसूल तथा सलात और जकात को बनाये रखकर काम चलता है और राज्य की प्राचीन तुरूष्क परंपरा को तो कायम रखा ही है, उनकी शब्दावली तक अपनाये हुये है। 
 सर्वविदित है कि कुरान शरीफ में नमाज नामक कोई शब्द नहीं है। नमन करने के संस्कृत शब्द से पारसीकों और तुरूष्कों में नमाज शब्द चलता था और वही सलात के लिये भी प्रयुक्त होने लगा। इसी प्रकार हर व्यक्ति (खुदी) की अंतरात्मा में विराजमान खुदा की प्राचीन सनातन पंरपरा के प्रत्यय को ही अल्लाह के लिये भी प्रयुक्त किया जाने लगा। खुदा शब्द कुरान में कहीं नहीं है और खुदा की अवधारणा भी कुरान को मान्य नहीं है। क्योंकि खुदा वह है जो हर खुदी के भीतर बुलंद रहता है जबकि अल्लाह सातवें आसमान पर विराजमान ऐसी सत्ता है जिसका नूर सारी कायनात पर छाया रहता है परंतु इस कायनात के भीतर उसका कोई अंश नहीं है क्योंकि वह तो सातवे आसमान पर ही है।
 फिर भी पारसीकों और तुरूष्कों ने अल्लाह के स्थान पर खुदा शब्द को ही अपनाये रखा। इसीलिये अब नव-इस्लामवादी लोग खुदा हाफिज कहने पर आपत्ति जताते हुये अल्लाह हाफिज कहते हैं और यही कहने पर बल देते हैं। यह बात अलग है कि हाफिज भी अरबी का शब्द नहीं है, वह भारतीय-पारसीक मूल का शब्द है।

 इसी प्रकार कजाक, उजबक, उइगर, आरमेनियाई, किर्गिज, ताजिक आदि प्रत्येक समाज में इस्लाम का रूप बिलकुल अलग-अलग है। इन सभी समाजों की भाषायें संस्कृत मूल से निकली और आज भी वहां पारंपरिक लोककथायें अधिक लोकप्रिय और व्यापक हैं जिनमें गैर मुस्लिम वीरों की और प्रेमियों की गाथायें हैं। 
इसी प्रकार उइगर लोग जब हिन्दू थे और जब बौद्ध हुये, दोनों ही समय विद्वानों के लिये बख्शी शब्द का प्रयोग चल रहा था जो भिक्षु का ही उइगर रूप था। मुसलमानों ने उनकी भाषा की लिपि अवश्य नष्ट की परंतु बहुत सी परंपरायें आज तक वहां जीवंत हैं और वही वहां के समाज संगठन का आधार है। 

कजाक लोगों को इस्लाम से अधिक अपना कजाक देश प्रिय और पूजनीय लगता है और किर्गिज लोगों को अपना। इस्लाम कबूल करवाने के बाद किर्गिज लोगों की चित्रकला को बड़ी सीमा तक नष्ट किया गया क्योंकि मनुष्य या किसी भी जीव और प्राकृतिक रूप का चित्र बनाना इस्लाम में वर्जित है। परंतु अब वहां फिर से चित्रकला का उन्मेष हो रहा है। 
इसी प्रकार किर्गिज लोगों में उनकी अपनी 'मानस' बहुत लोकप्रिय है जो कि बहुत बड़ा वीर गाथा काव्य है। अतः स्पष्ट है कि इस्लाम में समाज संगठन का कोई भी आधार नहीं है इसीलिये अलग-अलग देशों के अलग-अलग मुस्लिम समाज अलग-अलग ढंग से संगठित हैं और उनकी मान्यताओं तथा परंपराओं में  बहुत अधिक भेद है। "अन्यों" के प्रति तीव्र घृणा का समान तत्व सब में है परन्तु वह तो एक प्रेरक वस्तु  मात्र है। वह समाज संगठन का कोई आधार नहीं है। 
 समाज संगठन का अपने मूल वंश और मूल पूर्वजों तथा उनकी पंरपराओं की स्मृति के साथ ही एक अन्य आधार दार्शनिक और आध्यात्मिक होता है। यह आधार बहुत महत्वपूर्ण होता है। आप जीवन और जगत के बारे में तथा परमसत्ता या दिव्यसत्ता के बारे में क्या विचार रखते हैं, इससे किसी समाज के संगठन के आधार स्पष्ट होते हैं। उदाहरण के लिये लार्ड जीसस और उनके पिता गॉड तथा दिव्य प्रेतात्मा (ट्रिनिटी) के विषय में मान्यताओं के भेद से ईसाइयत में सैकड़ों भेद वाले उपपंथ पैदा हुये। वे अपनी-अपनी मान्यताओं में इतने अधिक दृढ़ हैं कि शताब्दियों तक वे एक दूसरे के खून के प्यासे रहे। 
 जीसस के स्वरूप और प्रकृति को लेकर और उनके उत्तराधिकार को लेकर तथा ईसाइयत की मूल मान्यताओं और पंथ विद्या को लेकर तथा पोप की सर्वोच्चता को मानने या न मानने को लेकर ईसाइयों के अनेक सम्प्रदाय आपस में एक-दूसरे का खून पीते रहे। आरंभ से ही इनमें प्रचंड मतभेद रहे हैं। यहां तक कि कैथोलिकों के पंथ तो अनेक हैं ही, प्रोटेस्टेंट पंथ में भी कन्फेशन को लेकर और प्रार्थना की पद्धति और  दिव्यभोज की विधियों को लेकर परस्पर अनेक मतभेद रहे हैं। रोमन कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट तो शताब्दियों तक एक दूसरे का खून पीते ही रहे हैं। स्वयं इंग्लैंड के कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट लोगों ने एक-दूसरे को बारम्बार बड़ी तादाद में जिंदा जलाया है, बस्तियां उजाड़ी हैं और क्रूरतापूर्वक हत्यायें की हैं। जब इंग्लैंड में प्रोटेस्टेंट लोगों का बहुमत हो गया तो उन्होंने आयरलैंड के कैथोलिक लोगों की हत्यायें शुरू की। फ्रांस में कथार लोगों की हत्यायें कैथोलिकों ने की। उधर कथार लोगों ने कैथोलिकों के 'गॉड' को 'सांसारिक गॉड' कहकर रद्द कर दिया। अनेक देशों में चार-पांच सौ वर्षों तक कैथोलिक लोग प्रोटेस्टेंट लोगों को विधर्मी कहते रहे हैं और मौका लगते ही उनकी मार-काट करते रहे हैं। कुछ शताब्दियों तक यह क्रम पूरे यूरोप में चलता रहा कि एक पंथ के ईसाई समूह में तलवारें आदि लेकर दूसरे पंथ की ईसाई बस्तियों पर टूट पड़ते और पूरे इलाके को जला डालते तथा भयंकर बर्बर व्यवहार करते। 

कई बार ये झगड़े इन छोटी-छोटी बातों पर होते थे कि तुम्हारे चर्च में पवित्र मरियम का जो दूध रखा है, वह मरियम का नहीं है बल्कि भैंस का दूध है या कि तुम्हारे चर्च में जो ईसा की असली सलीब की लकड़ी के टुकड़े प्रदर्शित कर रखे हैं वे नकली हैं और मोहल्ले की किसी साधारण सी लकड़ी के टुकड़े लाकर रख दिये गये हैं और इन आरोपों के साथ केवल आरोप बाजी या बहस नहीं होती थी अपितु सामूहिक मारकाट होती थी और उनके बीच शास्त्रार्थ की कोई भी परंपरा विकसित नहीं हो सकी। 
 इसी प्रकार चर्च में मरियम की मूर्ति रखी जाये या नहीं इस बात को लेकर अलग-अलग सम्प्रदायों में झगड़े होते रहे हैं ।।
एक ईसाई पंथ मानता था कि मरियम भी स्त्री है अतः उसके भी आत्मा नहीं थी।। पवित्र प्रेत ने उसके द्वारा रहस्यमय ढंग से जीसस को पैदा कर दिया। अतः जीसस तो पूजनीय है ,,मरियम नहीं। तो दूसरे पंथ का मानना था कि माता मरियम भी पूजनीय हैं और वे जीसस की माता हैं ,,इसलिये उनमें आत्मा है। जबकि अन्य स्त्रियों में आत्मा नहीं होती। 

इसी प्रकार एक ईसाई संत को दूसरे पंथ वाला शैतान या ईविल कहता था और इस बात पर भी सामूहिक हत्यायें होती रहती थीं। 
इस तरह ईसाइयत के आधार पर कोई भी समाज संगठन आज तक संभव नहीं हुआ है। केवल उपपंथों के ही संगठन का आधार ईसाइयत और इस्लाम बनते रहे हैं। 

 इस दृष्टि से भी हिन्दू समाज अद्वितीय रूप से संगठित समाज है क्योंकि वह मानता है कि एक ही परमसत्ता संपूर्ण ब्रह्माण्ड में व्याप्त है और उससे परे भी वही है। इस सृष्टि का संचालन कतिपय सार्वभौम आधारों से ही हो रहा है और इन आधारभूत नियमों को ही मूल धर्म या प्रथम धर्म या सनत धर्म या सनातन धर्म कहते हैं। समस्त प्राणी इन्हीं सार्वभौम नियमों के अनुशासन के अंतर्गत ही बरत सकते हैं। अतः मनुष्य मात्र के लिये जिन आधारभूत सार्वभौम नियमों को मानना आवश्यक है, वे सत्य, अहिंसा, अस्तेय, संयम तथा मर्यादित उपभोग और पवित्रता, संतोष, श्रेष्ठ लक्ष्यों के लिये कष्ट सहन, ज्ञान की साधना और सर्वव्यापी भागवत सत्ता में श्रद्धा - ये 10 सार्वभौम नियम मानवधर्म हैं इनका पालन तो सभी मनुष्यों को करना ही होगा। इनका पालन करते हुये उपासना संबंधी विवधतायें और विचित्रतायें और नवीनतायें तथा रीतियों की विविधतायें और अजीविका तथा अर्जन की अपने-अपने व्यवसाय से संबंधित विशेषतायें तथा दक्षता और निपुणता की शिल्पगत और कलात्मक तथा विद्यात्मक विविधतायें और विशेषतायें संबंधित व्यक्तियों और समूहों का स्वधर्म है। इसलिये सार्वभौम नियमों के अनुशासन में स्वधर्म पालन का समुचित अवसर सदा सबको सुलभ रहे, यह देखना राज्य का काम है और ऐसा देखने वाला राज्य ही संबंधित प्रजाजनों द्वारा सम्मानित होता है। राज्य का काम मार्यादा को बनाये रखना है और उसके लिये आवश्यक व्यवस्थायें करना है परंतु आधारभूत नियमों की रचना राज्य का विषय नहीं है और उन नियमों के उल्लंघन की भी कोई शक्ति राज्य को प्राप्त नहीं है।

 ऐसी स्थिति में मर्यादा से संपन्न विविधता और परस्परता तथा अपने-अपने पूर्वजों  के ज्ञान और शील का निरन्तर श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हुये समस्त समाज के लोकमंगल के लिये कार्य करने वाले अपने सभी पूर्वजों का संपूर्ण समाज द्वारा निरंतर स्मरण और वंदन भारतीय राज्य और समाज संगठन के आधार रहे हैं और इस दृष्टि से हिन्दू समाज विश्व का सर्वाधिक संगठित समाज है। क्येांकि यह न तो एकपंथवादी है, न ही एकदेववादी है, न ही एकपुरूषार्थवादी है, ना ही एकमात्र पुरूषार्थवादी है और न ही एकमात्र वर्णवादी है तथा न ही किसी भी प्रकार की जड़ता या तमस का उपासक है । इसीलिये सर्वविध गतिशीलता तथा सहज उल्लसित जीवन प्रवाह हिन्दू समाज संगठन के मुख्य लक्षण हैं। इसमें किसी की भी विशेषता का निषेध नहीं है परंतु किसी की भी एकांतिक या एकमात्र श्रेष्ठता का पूर्ण निषेध है क्योंकि विभूति दर्शन हिन्दू समाज के आधारभूत दर्शन सूत्रों में से एक है। भगवान कृष्ण ने इसे ही गीता में विभूतियोग के रूप में वर्णन करते हुये स्पष्ट कहा है कि जो जो भी विभूतियां हैं, सत्व का उन्मेष विशेष है और जहां-जहां भी श्री की ऊर्जा है, वह सब हमारे ही अंश हैं। अतः ईश्वरीय अंशों की रूपगत और अस्तित्वगत विविधता तथा विराटता हिन्दू समाज संगठन का सर्वमान्य आधार होने से हिन्दू समाज विश्व का सर्वाधिक संगठित समाज रहा है। 
 परंतु जब से मनुष्यों के केवल भौतिक आकार को महत्व देकर उनकी इस आकारगत एकता को नस्ल का नाम दिया गया और नस्लों के आधार पर मानवजाति को विभाजित बताने का अवैज्ञानिक और अप्रामाणिक वर्गीकरण प्रचलन में लाया गया,, तब से हिन्दू समाज संगठन को आधारभूत आघात पहुंचाया जाने लगा।

 कुछ लोग हिन्दुओं को केवल दैहिक नस्ल की तरह देखते हुये हिन्दू एकता की बात करने लगे जो मनुष्य के भीतर अंतर्निहित प्राणमय, मनोमय, विज्ञानमय और आनंदमय कोशों की पूर्ण उपेक्षा करते हुये चलाया जा रहा वर्गीकरण है।
 यह सर्वथा अहिन्दू और अभारतीय वर्गीकरण है। नस्ल के आधार पर मनुष्य की पहचान निरर्थक है क्योंकि न तो उसकी प्रज्ञा का पता चलता,, न ही शील का। साथ ही नस्ल को आधार मानने वाले लोग देहवादी या देहात्मवादी होते हैं और इसलिये वे अपने पूर्वजों के भी दैहिक अवयवों , विशेषताओं का ही स्मरण कर पाते हैं, उनकी बौद्धिक, मानसिक और आध्यात्मिक विशेषताओं का नहीं। 
 देहात्मवादी दृष्टि से ही कुछ संगठनों ने हिन्दू की परिभाषा गढ़ने की कोशिश की और यह मान लिया कि नास्तिक या कम्युनिस्ट या अन्य विदेशी मतवादों को मानने वाला भी हिन्दू ही है। यह हिन्दुत्व के विनाश के लिये कार्यरत समूहों के समक्ष मूढ़ समर्पण है।

 निश्चय ही नास्तिकों और पाखंडियो को भी उनकी अपनी मर्यादा के अंतर्गत जीवन व्यवहार के अवसर देना भारतीय राज्य का सनातन कर्तव्य रहा है और ऐसा राज्य ही हिन्दू राज्य है। परंतु इसका यह अर्थ नहीं होता कि उन्हें भी हिन्दू कहा जाये। इसका केवल यह अर्थ होता है कि हिन्दू समाज नास्तिक और कम्युनिस्टों आदि को भी उस मर्यादा के अंतर्गत कार्य के पर्याप्त अवसर देता है, जिस मर्यादा के अंतर्गत वे हिन्दुत्व के विनाश की कोई घोषणा न कर सके और ना ही ऐसी कोई योजना बना सके या ऐसी कोई चर्चा कर सकें। क्येांकि ऐसी चर्चा करते ही और ऐसी योजनायें बनाते ही या घोषणायें करते ही वे सनातन हिन्दू आधारों के अनुसार आततायी कहलायेंगे और उन्हें देखते ही उनका वध करने का दायित्व या तो राज्य अपने सेवकों के द्वारा निभाये या समाज को अपने वीरजनों के द्वारा यह पुण्यकर्म करने दे और ऐसे पुण्यकर्म का राज्य अभिनन्दन करे, स्वागत करे। 

इसके स्थान पर आतताईयों को हिन्दू समाज का सहज अंग मान्य करना हिन्दू समाज संगठन के आधारों के प्रति अश्रद्धा या अज्ञान का ही प्रमाण है। 

 निश्चय ही हिन्दू समाज संगठन के समक्ष सबसे बड़ा संकट यही है कि लोकतंत्र में जनसंख्या के महत्व से भयभीत लोगों ने हिन्दू समाज को देहात्मवादी बनाने की ठान ली है और आतताईयों को समाज में समायोजित करने का अभियान ही चला रखा है। यह तो समाजवध के समकक्ष अपराध है।
 ऊपर से ऐसे ही लोग हिन्दुओं को असंगठित बताते रहते हैं। इसमें उनकी चिंता अपने समाज के प्रति अज्ञान से उत्पन्न तो है ही,, विश्व के अन्य समाजों के विषय में भी निपट अज्ञान से यह उत्पन्न है।
 जातियों और सम्प्रदायों में सुविभक्त तथा सार्वभौम नियमों से अनुशासित और इस अनुशासन के प्रति सर्वानुमति से सम्पन्न हिन्दू समाज विश्व का सर्वाधिक संगठित समाज है। 
धर्माय तस्मै नमः।।
✍🏻प्रो. रामेश्वर मिश्र पंकज
दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com

कोरोना संदिग्ध समझ डॉक्टर ने नहीं किया युवक का इलाज, मौत के बाद परिजनों ने नदी में फेंका शव

Posted: 24 Jul 2020 08:22 PM PDT

बिहार के सहरसा में कोरोना के डर से डॉक्टर ने एक युवक का इलाज करने से मना कर दिया। घरवालों ने फोन कर सरकारी एम्बुलेंस बुलाई, पर उसके पहुंचने से पहले ही युवक की मौत हो गई। युवक के परिजनों ने भी कोरोना के डर से इसका शव नदी में बहा दिया। जबकि गांव के कुछ लोगों का कहना था कि उसकी मौत सांप के काटने से हुई है।

सहरसा जिले के दुर्गापुर गांव में कोरोना के डर ने एक युवक की जान ले ली। 22 साल का दिलवर शुक्रवार को अचानक बेहोश होकर गिर गया। परिजन उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले गए। पर, डॉक्टर ने कोरोना संदिग्ध समझकर उसका इलाज करने से मना कर दिया। परिजनों ने फोन कर सरकारी एम्बुलेंस की मदद मांगी। लेकिन, एम्बुलेंस पहुंचने से पहले ही दिलवर की मौत हो गई। दिलवर की मौत के बाद उसके परिजन उसका शव ट्रैक्टर में लादकर झिटकिया घाट पर ले गए। यहां उसके 2 साल के बेटे से मुखाग्नि दिलवाई और शव को नदी में बहा दिया।

दिलवर के शव को ट्रैक्टर में लादकर घाट ले जाते परिजन।


दिल्ली से लौटा था युवक, खराब थी तबियत
दिलवर डेढ़ महीने पहले दिल्ली से आया था। उसकी तबियत पहले से खराब थी। उसकी मौत को लेकर गांव के कई लोगों का कहना है कि दिलवर को सांप ने काटा था और इसी वजह से उसकी मौत हुई है।

मृतक के परिजनों का होगा स्वाब जांच
^मृतक के सभी परिजनों को स्वाब जांच हेतु भेजा जाएगा। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह कहा जा सकता है कि उपरोक्त युवक की मौत कोरोना से हुई थी।
उपेंद्र कुमार तिवारी, सीओ



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
मुखाग्नि की रस्म के बाद दिलवर के शव को नदी में फेंक दिया गया।


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/bhagalpur/saharsa/news/the-doctor-did-not-treat-the-corona-suspect-the-young-man-was-not-treated-after-the-death-the-family-threw-the-body-in-the-river-127550063.html

दैनिक पंचांग एवं राशिफल 25 - जुलाई - 2020

Posted: 24 Jul 2020 05:54 PM PDT

श्री गणेशाय नम: 
📜 दैनिक पंचांग 📜
☀ 25 - जुलाई - 2020
☀ पंचांग    
🔅 तिथि  पंचमी  दिन  01:29:42
🔅 नक्षत्र  उत्तरा फाल्गुनी  दिन 05:00:26
🔅 करण :
           बालव  12:03:42
           कौलव  22:48:13
🔅 पक्ष  शुक्ल  
🔅 योग :
           परिघ  05:50:41
           शिव  26:44:13
🔅 वार  शनिवार  

☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ     
🔅 चन्द्रोदय  10:13:59  
🔅 चन्द्र राशि  कन्या  
🔅 चन्द्रास्त  22:48:59  
🔅 ऋतु  वर्षा  

☀ हिन्दू मास एवं वर्ष    
🔅 शक सम्वत  1942  शार्वरी
🔅 कलि सम्वत  5122  
🔅 दिन काल  13:37:24  
🔅 विक्रम सम्वत  2077  
🔅 मास अमांत  श्रावण  
🔅 मास पूर्णिमांत  श्रावण  

☀ शुभ और अशुभ समय    
☀ शुभ समय    
🔅 अभिजित  12:00:10 - 12:54:39
☀ अशुभ समय    
🔅 दुष्टमुहूर्त : 
                    05:38:42 - 06:33:12
                    06:33:12 - 07:27:42
🔅 कंटक  12:00:10 - 12:54:39
🔅 यमघण्ट  15:38:08 - 16:32:38
🔅 राहु काल  09:03:04 - 10:45:14
🔅 कुलिक  06:33:12 - 07:27:42
🔅 कालवेला या अर्द्धयाम  13:49:09 - 14:43:39
🔅 यमगण्ड  14:09:35 - 15:51:46
🔅 गुलिक काल  05:38:42 - 07:20:53
☀ दिशा शूल    
🔅 दिशा शूल  पूर्व  

☀ चन्द्रबल और ताराबल    
☀ ताराबल  
🔅 भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती  
☀ चन्द्रबल  
🔅 मेष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, धनु, मीन  
🌹विशेष ~  श्रीनागपंचमी, तक्षक पूजा, कल्कि जयन्ती ।🌹
पं. प्रेम सागर पाण्डेय् 
नक्षत्र ज्योतिष वास्तु अनुसंधान केन्द्र 
नि:शुल्क परामर्श -  रविवार 
दूरभाष  9122608219
            9835654844
🌹25 जुलाई 2020, शनिवार का राशिफल 🌹
मेष (Aries) : आप मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे। पारिवारिक जीवन सुखी रहेगा। साथ में प्रवास का और सुरुचिपूर्ण भोजन का भी योग है। कोई खोई हुई वस्तु आज मिलने की संभावना अधिक है। फिर भी अपने विचारों और आवेश को अंकुश में रखिएगा। विदेशी व्यापार से जुडे़ हुए लोगों को सफलता और लाभ मिलेगा।बौद्धिक चर्चा में विवाद टालकर समाधानकारी व्यवहार अपनाइएगा।
शुभ रंग  =  लाल
शुभ अंक  :  5
वृषभ (Taurus) : आज दिनभर मन पर आनंद छाया रहेगा। अपने कार्य में व्यवस्थित रूप से आप आगे बढ पाएंगे और योजना के अनुसार कार्य भी कर पाएंगे। अपूर्ण कार्यों को सफलतापूर्वक पूर्ण कर पाएंगे। कार्यालय में सहकर्मियों का अच्छा सहयोग मिलेगा। मायके से शुभ समाचार मिलने की संभावना अधिक है। मानसिक रूप से भी आप आनंदित रह पाएंगे। आपका स्वास्थ्य आज अच्छा रहेगा।
शुभ रंग  =  श्याम 
शुभ अंक  :  6
मिथुन (Gemini) : आज का दिन मध्यम रहेगा। नए कार्य का प्रारंभ न करने की सलाह है। जीवनसाथी और संतान के विषय में चिंता रहेगी, जिसके कारण मन में उद्वेग बना रहेगा। पेट में अजीर्णता रहने के कारण स्वास्थ्य भी कुछ नरम-गरम रहेगा। खर्च की भी मात्रा आज कुछ अधिक रहेगी। फिर भी विद्यार्थियों के लिए समय अनुकूल है। संभव हो तो वाद-विवाद टालिएगा जिससे किसी के साथ मनमुटाव के प्रसंग उपस्थित न हों। अपमान अथवा मानभंग की स्थिति से संभलिएगा।
शुभ रंग  =  नीला
शुभ अंक  :  3
कर्क (Cancer) : आज आप संभलकर चलिएगा। शारीरिक स्फूर्ति और मानसिक प्रसन्नता बनाए रखने के लिए आज कष्ट का अनुभव होगा। छाती में पीड़ा अथवा अन्य विकार से भी कष्ट की अनुभूति होगी। घर में सदस्यों के साथ उग्र चर्चा या वाद-विवाद हो जाने से भी मन में दुख बना रहेगा। धन का अधिक से अधिक खर्च होगा। सामाजिक रूप से मानहानि का प्रसंग उपस्थित न हो, इसका ध्यान रखिएगा। अनिद्रा आपको सताएगी।
शुभ रंग  =  हरा
शुभ अंक  :  7
 सिंह (Leo) : कार्य सफलता और प्रतिस्पर्द्धियों पर विजय मिलने से आप के मन में प्रसन्नता छाई रहेगी। भाई-बहनों के साथ संबंधों में मिठास भी बनी रहेगी। मित्रों और स्नेहीजनों के साथ किसी रमणीय पर्यटन स्थल पर घूमने-फिरने का आनंद उठा सकेंगे। आज के दिन आपका आरोग्य भी अच्छा रहेगा। आर्थिक रूप से भी आपको लाभ होगा। मानसिक रूप से उद्वेगरहित रहेंगे। भाग्यवृद्धि होने के भी संकेत हैं। नए कार्य प्रारंभ करने के लिए आज का दिन शुभ है।
शुभ रंग  =  पींक
शुभ अंक  :  5
 कन्या (Virgo) : आपके लिए आज का दिन शुभ रहेगा। आप वाणी की मधुरता से दूसरे लोगों के मन पर अपनी सकारात्मक छाप छोड़ सकेंगे। पारिवारिक वातावरण भी अच्छा रहेगा, फिर भी वाणी पर संयम बरतने से वाद-विवाद की संभावना कम हो जाएगी। आर्थिक कार्य भी आज सुखपूर्वक संपन्न होंगे। नकारात्मक विचारों से आप दूर रहिएगा। मित्रों और स्नेहीजनों से भेंट होगी। छोटा प्रवास हो सकता है।
शुभ रंग  =  श्याम 
शुभ अंक  :  6
तुला (Libra) : आपके प्रत्येक कार्य में आत्मविश्वास छलकता हुआ दिखेगा। आर्थिक योजनाएं भी सरलतापूर्वक बना सकेंगे। शारीरिक तथा मानसिक रूप से प्रसन्नता का अनुभव होगा। वस्त्राभूषण और आनंद-प्रमोद के पीछे खर्च होगा। वैचारिक रूप से दृढ़ता रहेगी। सृजनात्मक प्रवृत्तियों में मन लगा रहेगा।
शुभ रंग  =  नीला
शुभ अंक  :  3
वृश्चिक (Scorpio) : स्वभाव में उग्रता पर और वाणी पर संयम रखने की आज सलाह देते हैं। शारीरिक शिथिलता और मानसिक चिंता से आपका मन व्यग्र रहेगा। वाहन चलाते समय दुर्घटना हो जाए, इसका ध्यान रखिएगा। संभव हो तो ऑपरेशन को आज टाल दीजिएगा। स्नहीजनों और परिवारजनों के साथ वाद-विवाद होने की संभावना है। कोर्ट-कचहरी के कार्यों में संभवतः सावधानी बरतिएगा, नहीं तो टाल दीजिएगा। आनंद-प्रमोद के पीछे खर्च होने की संभावना है।
शुभ रंग  =  पींक
शुभ अंक  :  5
 धनु (Sagittarius) : आज का दिन आपके लिए लाभदायी रहेगा। आपको आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक क्षेत्र में भी लाभ होने की संभावना है। मित्रों और परिवारजनों के साथ पर्यटन स्थल पर जाने का आनंद प्राप्त होगा। व्यापार में भी लाभदायी दिन है। परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। विवाह के इच्छुक व्यक्तियों को जीवनसाथी मिलने की भी संभावना है।
शुभ रंग  =  लाल
शुभ अंक  :  8
 मकर (Capricorn) : परिवार और संतानों के विषय में आपको आनंद के साथ-साथ संतोष का भी अनुभव होगा। मित्रों और स्नेहीजनों के साथ हुई भेंट से आपका मन प्रसन्न हो उठेगा। व्यापार में धन की उगाही के लिए बाहर जाना पड़ेगा जो कि लाभप्रद रहेगा। व्यावसायिक क्षेत्र में धन तथा मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। उच्च अधिकारी आप पर प्रसन्न रहेंगे। व्यवसाय में भी आपको पदोन्नति मिलने की पूरी संभावना है। कोई भी काम जल्दबादी में करने से बचें।
शुभ रंग  =  नीला
शुभ अंक  :  3
 कुंभ (Aquarius) : प्रतिस्पर्द्धियों के साथ वाद-विवाद न करने की सलाह देते हैं। शारीरिक रूप से अस्वस्थता बनी रहेगी, शिथिलता और आलस्य बना रहेगा। मानसिक रूप से प्रसन्नता बनी रहेगी। व्यवसाय में उच्च अधिकारी के साथ कार्य करते समय संभलकर रहें। आनंद-प्रमोद के पीछे आज धन का खर्च हो सकता है। संतानों के विषय में चिंता बनी रहेगी। विदेश से आपको समाचार मिलेंगे।
शुभ रंग  =  क्रीम
शुभ अंक  :  2
 मीन (Pisces) : आज अनैतिक कार्यों में न उलझने की सलाह देते हैं। क्रोध और वाणी पर संयम बरतिएगा। स्वास्थ्य के विषय में सावधानी रखिएगा। सरकार-विरोधी प्रवृत्तियों से दूर रहिएगा। रोगों के इलाज के पीछे धन खर्च होने की संभावना है। मानसिक रूप से आप अस्वस्थ रहेंगे। परिजनों के साथ संबंधों में नकारात्मकता का प्रवेश न हो जाए इसका ध्यान रखिएगा। इष्टदेव का जप-ध्यान और उनके प्रति आपकी आस्था आपको उचित मार्ग दिखलाएगी।
शुभ रंग  =  लाल
शुभ अंक  :  8
दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com

ट्रेलर की टक्कर से बाइक सवार दो महिलाएं घायल

Posted: 24 Jul 2020 05:22 PM PDT

नेशनल हाइवे सिकंदरा चौराहे पर शुक्रवार दोपहर एक ट्रेलर की टक्कर से बाइक पर सवार दो महिलाएं घायल हो गई। जिन्हें उपचार के लिए राजकीय अस्पताल सिकंदरा में भर्ती कराया गया। सिकंदरा थाने के एएसआई भरत सिंह ने बताया कि उनबड़ागांव निवासी शीला सैनी व पिंकी सैनी अपने रिश्तेदार के साथ बाइक पर सवार होकर बहरावंडा में बैठक में शामिल होकर वापस लौट रही थी।

इस दौरान सिकंदरा चौराहे पर एक ट्रेलर ने बाइक को टक्कर मार दी। जिससे बाइक सवार दोनों महिलाएं घायल हो गई। घायलों को उपचार के लिए राजकीय अस्पताल सिकंदरा में भर्ती कराया गया। उन्होंने बताया कि दुर्घटना के बाद ट्रेलर को मौके पर ही पकड़ लिया। चौराहे पर दुर्घटना के बाद लोगों की भीड़ जमा
हो गई।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/bhagalpur/sikandara/news/two-women-riding-bike-injured-in-trailer-collision-127549685.html

बूढ़ी गंडक उफनाई तो आशियाने डूबे; बांध पर लेनी पड़ी शरण, तंबू में कट रही जिंदगी

Posted: 24 Jul 2020 05:22 PM PDT

बूढ़ी गंडक नदी का पानी बढ़ता जा रहा है। दूर से ही बाढ़ प्रभावित अपने घरों को देखकर उसके होने की तसल्ली कर रहे हैं। अपने बसे-बसाए घर को छोड़कर जान बचाने के लिए परिवार और जरूरी सामान के साथ सुरक्षित ठांव की तलाश में भटक रहे हैं। बूढ़ी गंडक नदी का बांध बाढ़ प्रभावितों के लिए अभी सुरक्षित ठिकाना है। यहां पॉलिथीन से बने तंबू में सिर छिपाने को मजबूर सतीश कुमार व रेखा देवी ने अपने डूब रहे घरों को दिखाया। हनुमंत नगर के 200 से अधिक परिवार के लोगों के लिए अब यह बांध ही सहारा है। घर में चौकी के ऊपर रखे चौकी पर भी पानी चढ़ जाने के बाद पूरे परिवार के साथ बांध पर आने के अलावा कोई चारा नहीं बचा। अब तो अपने घर को सिर्फ यहां से दिखा सकते हैं। घर के लिंटर तक पानी पहुंचने से वहां तक जाना भी अब दुरूह कार्य है। यह स्थिति केवल हनुमंत नगर की नहीं है। शहर के झील नगर, कर्पूरी नगर, बालू घाट, चंदबरदाई नगर, शेखपुर ढाब व विजयी छपरा में भी यही हाल है।

पानी में घिरे हुए घर तक पहुंचना भी मुश्किल

घर छोड़कर परिवार के साथ बांध पर आने की मजबूरी

घर डूबने के बाद अपना दुखड़ा बताता बांध पर शरण लेने वाला परिवार।

बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। अपने घर और मोहल्ले में बाढ़ का पानी भर जाने से लोग जरूरी सामान व बच्चों के साथ पलायन कर रहे हैं। बांध पर पूरे परिवार के साथ रह रही गीता देवी ने बताया कि अपने पति, बहू और बच्चे के साथ घर छोड़कर बांध पर आना पड़ा है। एक आफत बाढ़ अौर दूसरी लगातार हो रही बारिश के कारण प्लास्टिक का छप्पर सभी को ढंकने में सक्षम नहीं है।
घर में ही सामान छोड़ लौटा परिवार
अपने डूब चुके घर को देखकर वापस लौट रहे विनोद सिंह अपनी पत्नी चमेली देवी व बच्चों के साथ बाढ़ के पानी के बीच से किसी तरह आ रहे हैं। विनोद ने बताया कि घर में ही सारा सामान पड़ा है। ऐसे में अगर चोरी भी हो जाए तो रिपोर्ट लिखवाने कहां जाएंगे। हम लोगों का तो ऊपर वाला ही अब सहारा है। अब क्या करें, प्रकृति के मार के सामने विवश हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
मुजफ्फरपुर में शहरी क्षेत्र में बाढ़ का पानी घुस गया है। इससे सिकंदरपुर के बगल में हनुमंत नगर में सैकड़ों घर पानी में डूब गए हैं। घर के लिंटर तक पानी आ गया है। -फोटो : कुमार उत्तम


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/muzaffarpur/news/when-the-old-gandak-was-burnt-the-lovers-drowned-had-to-take-shelter-on-the-dam-life-was-cut-in-the-tent-127548605.html

5 दिनों से जलजमाव झेल रहे लाेगाें ने 3 घंटे शेरपुर में एनएच-28 पर ठप रखा आवागमन

Posted: 24 Jul 2020 05:22 PM PDT

यूं ताे इस वर्ष बारिश के काफी पहले शुरू हाे जाने के कारण शहरवासियाें काे करीब डेढ़ महीने से परेशानी झेलनी पड़ रही है। टूटी सड़काें पर जलजमाव के कारण लाेग रास्ता बदल-बदल कर निकल रहे हैं, फिर भी कहीं न कहीं फंस ही जा रहे हैं। इस बीच 5 दिनाें से बारिश व लगातार भीषण जलजमाव के बीच पानी निकासी की रफ्तार काफी कम हाेने से लाेगाें का आक्राेश भड़क रहा है। सड़क व गलियाें के साथ-साथ सैकड़ाें लाेगाें के घर व दुकानाें में बारिश के साथ-साथ नाला का पानी घुसा हुआ है।

गंदगी व बदबू के साथ-साथ सांप-बिच्छू का भी भयंकर प्रकाेप है। ऐसे में नारकीय जिंदगी जी रहे लाेग अब सड़क पर उतरने लगे हैं। शेरपुर के लोगों ने शुक्रवार की दोपहर बेंच-डेस्क रख और बांस-बल्ले से एनएच-28 को घेर कर जाम कर दिया और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कहा कि नगर विकास मंत्री का शहर होने पर भी शहर की ऐसी नारकीय स्थिति है। करीब 3 घंटे तक गाड़ियों की लंबी कतारें दोनों तरफ खड़ी हो गईं। शहर से लौटने वाले बाइक व साइकिल सवारों समेत कई राहगीरों से मारपीट भी की गई। ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे थे। लेकिन, कोई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे।

सीओ बोले- हम क्या कर सकते हैं

सीओ को लोगों ने फोन मिलाया ताे उन्होंने जवाब दिया कि बारिश अत्यधिक हुई है तो क्या किया जा सकता है। सदर थाने की गश्ती पुलिस ने दो बार ग्रामीणों से बात की, लाेग नहीं माने। लेकिन, जब काेई अधिकारी नहीं पहुंचे ताे स्वयं जाम हटा कर पानी निकासी के लिए पंचायत भवन के पास ग्रामीण सड़क को काट दिया। इससे शेरपुर का पानी दिघरा नहर साइफन की ओर निकलने लगा। हालांकि, रफ्तार धीमी ही थी।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Water logging for 5 days will bring traffic on NH-28 in Sherpur for 3 hours


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/muzaffarpur/news/water-logging-for-5-days-will-bring-traffic-on-nh-28-in-sherpur-for-3-hours-127548619.html

जगदीशपुर के 3 एएसआई समेत 12 पुलिसकर्मी संक्रमित, सील हाेगा थाना

Posted: 24 Jul 2020 05:22 PM PDT

जिले में शुक्रवार काे भी काेराेना के 81 मरीज मिले। शहर के अलावा प्रखंड क्षेत्र में भी काेराेना की रफ्तार बढ़ गयी है। मेडिकल काॅलेज अस्पताल के मेडिसिन विभाग के पीजी डाॅक्टर, इसी अस्पताल की नर्स, हेल्थ वर्कर व उनके घर की किशाेरी, सदर अस्पताल के टीबी विभाग का एक कर्मचारी व मशाकचक स्थित निजी नर्सिंग हाेम का कर्मचारी संक्रमित हुआ है। जगदीशपुर थाना के तीन एएसआई समेत 12 पुलिसकर्मी संक्रमित हाे गए हैं। शनिवार काे थाना सील किया जाएगा और उसे लाेकनाथ मिडिल स्कूल में शिफ्ट किया जाएगा। जिले में मरीजाें का आंकड़ा 2152 पर पहुंच गया है। शुक्रवार काे 34 मरीजाें काे छुट़्टी भी मिली है। सीएस डाॅ. विजय कुमार सिंह ने बताया कि अब एंटीजन टेस्ट हाेने से मरीज की संख्या बढ़ रही है।
टोल प्लाजा के पांच कर्मी सहित नवगछिया में 27 संक्रमित : नवगछिया प्रखंड के 27 लोगों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अनुमंडल अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. अरुण कुमार सिन्हा ने बताया कि इनमें मदहत्तपुर टोल प्लाजा के 5 कर्मचारी, जमुनियां गांव के तीन व्यक्ति, श्रीपुर, धरहरा व राजेन्द्र कॉलोनी एक-एक युवक, नवगछिया पीएचसी के एक स्वास्थ्यकर्मी और नया टोला के दो लोग शामिल हैं।

सीआईएसएफ के दो जवान सहित कहलगांव में 12 लोग हुए पॉजिटिव
कहलगांव शहर में शुक्रवार को कोरोना के 12 नए मरीज मिले। अनुमंडल अस्पताल के प्रभारी डीएस डॉ. विवेकानंद दास ने बताया कि इनमें विक्रमशिला नगर की महिला, 13 साल का उनका पोता, पुरानी बाजार के 38 वर्षीय भाजपा नेता, बौद्ध विहार कॉलोनी के 31 साल के युवक के अलावा एनटीपीसी का एक कर्मचारी, सीआईएसएफ के दो जवान और 5 ठेकेदार शामिल हैं।

अंचल पुलिस निरीक्षक, को-ऑपरेटिव व बंधन बैंक कर्मी समेत 18 को हुआ कोरोना
सुल्तानगंज रेफरल अस्पताल में एंटिजन टेस्ट में 18 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। अस्पताल प्रभारी डाॅ. उषा कुमारी ने बताया कि संक्रमितों में अंचल पुलिस निरीक्षक, उनके कार्यालय के कर्मचारी, अपर रोड की युवती, उसका भाई, बंधन बैंक के दो कर्मचारी, को-ऑपरेटिव बैंक की महिला कर्मी, आदर्श नगर की एक महिला, नप कार्यालय कर्मी, थाना रोड का युवक समेत पांच लोग शामिल हैं।

शहर में यहां मिले हैं कोरोना मरीज
भीखनपुर, इशाकचक, बड़ी खंजरपुर, मुंदीचक, बूढ़ानाथ, गुड़हट्टा चाैक, बरारी, संतनगर, माणिक सरकार, मोतीचक, तिलकामांझी, जीराेमाइल गंगा विहार काॅलाेनी, ज्योति विहार कॉलोनी, साहेबगंज, हनुमान नगर, जवारीपुर व सुरखीकल।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
बाजाराें में लग रही भीड़: शहर में लाॅकडाउन लगा है। लेकिन बाजाराें में भीड़ कम नहीं हाे रही है। इससे काेराेना की चेन बढ़ सकती है।


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/bhagalpur/news/12-policemen-including-3-asi-of-jagdishpur-infected-seal-haaga-police-station-127548976.html

24 घंटे बाद काम पर लौटा पटना एम्स का नर्सिंग स्टाफ, वेतन बढ़ाने का मिला आश्वासन

Posted: 24 Jul 2020 05:22 PM PDT

शुक्रवार को 24 घंटे बाद पटना एम्स के नर्सिंग स्टाफ काम पर लौट आए। कर्मचारियों को वेतन बढ़ाने का आश्वासन दिया गया है। गुरुवार सुबह सात बजे से पटना एम्स के 750 नर्सिंग स्टाफ पांच सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चिकालीन हड़ताल पर चले गए थे। समान काम समान वेतन की मांग को छोड़ बाकी सभी मांगें मान ली गई है।

इन मांगों को लेकर बेमियादी हड़ताल पर थे नर्सिंग स्टाफ-

  • समान काम के लिए समान वेतन मिले, वेतनमान बढ़ाया जाए
  • स्थायी स्टाफ की तरह मेडिकल सुविधा व छुट्टी मिले
  • थर्ड पार्टी के अधीन से हटाकर एम्स खुद अपने अधीन करे
  • स्थायी बहाली हो तो प्राथमिकता मिले
  • कोई काम छोड़े तो एम्स के लेटरपैड पर अनुभव प्रमाण पत्र मिले

पटना एम्स के निदेशक डॉ. प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक प्रमुख डॉ. तापेश्वर प्रसाद को कल ही सूची भेज दी गई थी। चार मांगें कल ही मान ली गई थी। स्थायी करने और समान काम के लिए समान वेतन की मांग नहीं मानी जा सकती है।

कंटेंट-मो. सिकंदर



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
हड़ताली नर्सिंग स्टाफ को समझाते पटना एम्स के निदेशक।


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/news/bihar-coronavirus-news-updates-patna-aiims-nursing-staff-strikes-ends-after-24-hours-over-salary-hike-demand-127546769.html

समस्तीपुर-दरभंगा रूट पर ट्रेनें चलना बंद, रेलवे ने तीन गाड़ियों को किया डायवर्ट

Posted: 24 Jul 2020 05:22 PM PDT

नेपाल के तराई क्षेत्रों और उत्तर बिहार में हो रही भारी बारिश की वजह से कई जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। दरभंगा, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल और कटिहार समेत कई जिलों में स्थिति खराब है। इसका असर रेल नेटवर्क पर भी पड़ा है। समस्तीपुर रेल मंडल के हायाघाट स्टेशन के पास पुल पर कोसी नदी का पानी आ गया है। इस वजह से रेलवे ने समस्तीपुर-दरभंगा रूट पर ट्रेनों का परिचालन रोक दिया है।

ये तीन ट्रेनें रहेंगी डायवर्ट

  • 02565 दरभंगा-नई दिल्ली बिहार संपर्क क्रांति
  • 04673/04649 जयनगर-अमृतसर शहीद/सरयू यमुना एक्सप्रेस
  • 01062 दरभंगा-लोकमान्य तिलक पवन एक्सप्रेस

रेलवे का कहना है कि इन तीनों ट्रेनों को डायवर्ट करके दरभंगा से वाया सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर होकर चलाया जा रहा है। अगले आदेश तक ये ट्रेनें समस्तीपुर होकर नहीं गुजरेंगी। जिन लोगों का समस्तीपुर से टिकट है वे मुजफ्फरपुर से ट्रेन पकड़ सकते हैं या टिकट कैंसिल करा सकते हैं।

बिहार में कोसी समेत 8 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।


Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
रेलवे का कहना है कि ये तीन ट्रेनें अगले आदेश तक समस्तीपुर से नहीं गुजरेंगी।


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/news/bihar-floods-news-railway-services-affected-in-samastipur-darbhanga-diverted-127546714.html

2017 के जलस्तर से 26 इंच ऊपर पहुंचा पानी, गंडक का तटबंध तीन स्थानों पर टूटा, कई जगह हो रहा रिसाव

Posted: 24 Jul 2020 05:22 PM PDT

नेपाल में लगातार हो रही बारिश के कारण सूबे की नदियों ने अब रौद्र रूप धारण करना शुरू कर दिया है। गंडक नदी अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई। इसका जलस्तर साल 2017 के जलस्तर से 26 इंच ऊपर पहुंच गया। इसका परिणाम यह हुआ कि कई स्थानों पर नदी के तटबंध दरक गए हैं। कई स्थानों पर सीपेज (रिसाव) शुरू हो गया है। 2017 में राज्य में भयानक बाढ़ आई थी।

शुक्रवार को जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने विभाग के सचिव संजीव हंस और आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत थे साथ कटाव वाले इलाकों का एरियल सर्वे किया। मंत्री ने बताया कि बगहा, संग्रामपुर और देवापुर में तटबंध पर 30 से 40 मीटर लंबाई में कटाव हुआ है। 2 दिनों में जलस्तर नीचे जाने पर तटबंधों को पूरी तरह दुरुस्त कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अपनी क्षमता के अनुरूप हम तटबंधों को बचाने में जुटे हैं। अलर्ट होने के कारण कई स्थानों पर हम तटबंधों को बचाने में सफल रहे। कई जगहों पर सीपेज की समस्या उत्पन्न हो गयी है। इन्हें भी दुरुस्त किया गया है।

मंत्री ने बताया कि नेपाल के साथ-साथ उत्तर बिहार में लगातार बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। औसतन 200 मिलीमीटर से अधिक बारिश एक दिन में हुई। गंडक में पानी 5.36 लाख क्यूसेक के स्तर पर पहुंच गया। पानी का स्तर 2017 के स्तर से दो फीट से भी अधिक पर पहुंच गया। इससे तटबंधों पर भरी दबाव उत्पन्न हो गया। दबाव के कारण तीन स्थानों पर इसमें ब्रीच हुआ। एनडीआरएफ की टीम पहुंच गयी है। जान-माल का अधिक नुकसान नहीं हुआ है।

मंत्री ने बताता कि मोबाइल बंद रहने की शिकायत पर मोतिहारी के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को सस्पेंड किया गया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि बाढ़ के समय किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
गोपालगंज में बाढ़ प्रभावित इलाके का एरियल सर्वे करते जल संसाधन मंत्री संजय झा।


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/news/bihar-food-water-reaches-26-inches-above-2017-level-in-gandak-127546980.html

कोरोना पीड़ित पिता को लिए 12 घंटे तक दर-दर भटकता रहा बेटा, पीएमसीएच ने भर्ती लिया लेकिन इलाज नहीं मिलने से चंद मिनट बाद थम गई सांसें

Posted: 24 Jul 2020 05:22 PM PDT

बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था का क्या हाल है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक बेटा अपने कोरोना पीड़ित पिता का इलाज कराने के लिए 12 घंटे तक दर-दर भटकता रहा। लेकिन, किसी अस्पताल ने उसे भर्ती नहीं लिया। कोरोना डेडिकेटेड एनएमसीएच से लेकर एम्स और निजी अस्पताल तक के चक्कर काटे लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी। आखिर में हार कर पीएमसीएच पहुंचा तो वहां डॉक्टरों ने भर्ती तो लिया, लेकिन इलाज के अभाव में चंद मिनट बाद पिता की सांसें थम गई। अस्पताल वालों ने कह दिया कि पिता मर चुके हैं ले जाओ। बेटा अस्पताल के बाहर रोता रहा लेकिन सुनने वाला कोई नहीं।

मृतक के बेटा अभिषेक ने बताया कि पिता को कल देर शाम से ही एंबुलेंस से लेकर भटकते रहे। रात में एम्स गए तो वहां गेट पर रोककर पूछा कि क्या हुआ है। मैंने बोला कि हंफनी है तो बेड फुल की बात कहकर लौटा दिया। निजी अस्पताल पहुंचे तो वहां रिपोर्ट देखा और बोला कि बाहर बोर्ड लगा है देख लीजिए। बोर्ड पर लिखा था कोविड-19 के मरीजों का बेड फुल। आखिर में हारकर पीएमसीएच पहुंचा। यहां काफी देर तक तो रिपोर्ट को लेकर ही उलझे रहे। बाद में किसी तरह भर्ती तो लिया लेकिन इलाज के अभाव में पिता की मौत हो गई। पिता पब्लिक सेक्टर में थे लेकिन, किसी ने कोई मदद नहीं की। ये घटना बताती है कि यह कोरोना मरीज की मौत नहीं बल्कि बिहार में दम तोड़ता सिस्टम है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
गुरुवार देर रात पीएमसीएच में बैंक कर्मी कोरोना मरीज की मौत हो गई।


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/news/death-due-to-medical-negligence-in-patna-hospital-amid-coronavirus-covid-19-bihar-cases-numbers-rising-127546916.html

रातभर जागकर बांध बचाने की कोशिश करते रहे गांव के लोग, सैलाब आया तो परिवार को लेकर दौड़ लगाई

Posted: 24 Jul 2020 05:22 PM PDT

बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के भवानीपुर गांव से गंडक नदी की धारा बह रही है। पानी कहीं इंसान के सीने तक है, तो कहीं इससे भी ज्यादा। गुरुवार रात तक सब ठीक था। रात के करीब 1 बजे गंडक नदी का बांध टूट गया और देखते ही देखते गांव पानी में डूब गया। लोग रातभर जागकर बांध बचाने की कोशिश करते रहे, लेकिन कामयाब न हो सके। सैलाब आया तो परिवार के लोगों को लेकर दौड़ लगा दी, ताकि सबकी जान बचाई जा सके।

रातभर जागकर करते रहे बांध बचाने की कोशिश
संग्रामपुर गांव के मुखिया मुनानी शर्मा कहते हैं कि गांव के 7-8 लोग बांध बचाने के लिए रातभर जागकर कोशिश करते रहे। गंडक में पानी बढ़ने के बाद से ही बांध टूटने का खतरा था, जिसके चलते हम लोग इसे बचाने की कोशिश में लगे थे। गांव के लोग रात में पहरा भी देते थे।

एनडीआरएफ की टीम के साथ बाढ़ प्रभावित संग्रामपुर गांव का जायजा लेते डीएम एसके अशोक।

बांध बचाने के लिए जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों ने बालू और गिट्टी भरी सीमेंट की बोरियां रखवाई थीं, लेकिन इसके बाद भी कहीं पानी ओवरफ्लो हो जाता, तो कहीं बांध रिसने लगता। गुरुवार को दिनभर बांध बचाने के लिए प्रशासन के लोगों के साथ गांव के लोग लगे रहे। रात के करीब 11 बजे सूचना मिली कि बांध से रिसाव हो रहा है।

गांव के लोगों ने बताया कि रात भर हमने रिसाव रोकने की कोशिश की, लेकिन पानी थम नहीं रहा था। हम लोग बाहर की ओर से मिट्टी, रेत और दूसरी चीजें डालकर पानी रोकने की कोशिश करते रहे। नदी की तरफ से रात में रिसाव रोकना संभव न था। नदी की तरफ 8-10 फीट पानी है। एक बजे के बाद अचानक करीब चार फीट चौड़ाई में बांध टूट गया। पानी तेजी से गांव की ओर बढ़ने लगा। इसके बाद हम लोग अपने घर की ओर भागे। गांव में हल्ला हो गया। सभी लोग अपने परिवार के सदस्यों को लेकर सुरक्षित जगहों की ओर भागने लगे। कोई मोतिहारी चला गया, तो किसी ने अपने रिश्तेदार के यहां शरण ली।

पानी में खड़े भवानीपुर गांव के मुकेश ठाकुर।

सुबह बचे सामान निकालने लौटे लोग
गांव के बालकिशोर गुप्ता ने कहा कि रात में मैं जाग रहा था। पानी जब गांव की ओर बढ़ा तो हम लोगों ने सभी से कहा कि भागो-भागो बाढ़ आ गई है। मैं परिवार के लोगों को लेकर एक रिश्तेदार के यहां गया। शुक्र है कि गांव के सभी लोग बच गए। सामान का बहुत नुकसान हुआ। अनाज, कपड़े, बर्तन और घर में रखे सारे सामान खराब हो गए

मुकेश ठाकुर ने कहा कि रात में तो हम लोग जान बचाकर भाग गए थे। सुबह हुई है तो लौटा हूं। मेरे घर जाने वाले रास्ते में 6 फीट पानी है। जो सामान बच गया, उसे निकालकर ले आया हूं।

बिहार में बाढ़ से जुड़ी ये खबरें भी आप पढ़ सकते हैं...

1. गोपालगंज और पूर्वी चंपारण में गंडक नदी का बांध टूटा, 1000 से ज्यादा गांवों में पानी भरा; 12 साल का बच्चा बहा
2. बिहार में बाढ़ का असर: समस्तीपुर-दरभंगा रूट पर ट्रेनें चलना बंद, रेलवे ने तीन गाड़ियों को किया डायवर्ट



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
बांध टूटने के बाद संग्रामपुर गांव पहुंचे डीएम एसके अशोक और एसपी नवीन चंद्र झा। यहां बांध के पानी से लोगों का सामान खराब हो गया।


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/news/bihar-motihari-people-of-the-village-kept-trying-to-save-the-dam-by-staying-up-all-night-127546787.html

नावानगर में चीनी व्यवसायी को गोली मारकर लूटे चार लाख रुपये

Posted: 24 Jul 2020 05:22 PM PDT

डुमरांव-विक्रमगंज हाइवे पर रूपसागर स्थित पचधरवा पुल के पास हथियारबंद लुटेरों ने एक चीनी व्यवसायी को दिनदहाड़े गोली मारकर लगभग चार लाख रुपए लूट लिए। गोली दाहिने पैर में लगने से व्यवसायी जख्मी हो गया। जिसे सीएचसी में प्राथमिक उपचार करने के बाद बक्सर रेफर कर दिया गया। हालांकि व्यवसायी खतरे से बाहर होने की चिकित्सकों ने जानकारी दी है। लूट की घटना दोपहर लगभग तीन बजे की है।

चीनी व्यवसायी बिक्रमगंज व मलियाबाग से बकाया रुपए वसूली कर बाइक से अपने घर डुमरांव लौट रहा था। तभी उक्त स्थान पर एक बाइक पर सवार दो लुटेरों ने उन्हें लूट के उद्देश्य से घेर लिया। जब पीड़ित व्यवसायी जवाहर प्रसाद ने लूट का विरोध किया तो लुटेरों ने गोली दागी दिया। संयोग अच्छा रहा कि हाथापाई के दौरान चली गोली पैर में जा लगी। जिसके बाद लुटेरे रुपये लेकर भाग निकले। घटना की सूचना पाकर पहुंची पुलिस लुटेरों की तलाश में जुटी है।
कांव नदी में लुटेरे छलांग लगाकर भाग निकले
चीनी व्यवसायी से लूटपाट करने के दौरान पास के खेतों में काम कर रहे किसानों ने देखकर सड़क पर पहुंच गए। जैसे ही लुटेरों ने गोली दागी, किसान सड़क के दोनों तरफ से लुटेरों के तरफ दौड़ पड़े। यह देख लुटेरों ने अपनी जान बचाने के लिए बाइक छोड़ बैग में रखे कैश के साथ कांव नदी में छलांग लगा दी। हालांकि किसानों ने नदी के किनारे से कुछ दूरी तक पीछा किया, पर नदी के किनारा टेढ़ा मेढ़ होने से लुटेरों का पता नहीं चल पाया।

चीनी व्यवसायी से कैश लूट की सूचना पर एसपी उपेन्द्र नाथ वर्मा व एसडीपीओ के.के सिंह पहुंच लुटेरों की तलाश में जुट गए। पुलिस को अनुमान है कि कांव नदी में छलांग लगाने के बाद लुटेरे ज्यादा दूर नहीं भागेे होंगे। लुटेरों को पकड़ने के लिए सीमावर्ती रोहतास के दावथ पुलिस से भी मदद ली है। वही लुटेरों की बाइक को पुलिस ने जब्त कर ली है और ऑनर की पहचान की जा रही है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Chinese businessman shot and looted four lakh rupees in Navanagar


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/nawanagr/news/chinese-businessman-shot-and-looted-four-lakh-rupees-in-navanagar-127549105.html

शादीशुदा महिला को स्कॉर्पियो में बैठाया और पांच किलोमीटर दूर ले जाकर किया रेप, दो गिरफ्तार

Posted: 24 Jul 2020 05:22 PM PDT

22 वर्षीय शादीशुदा महिला के साथ बलात्कार का मामला प्रकाश में आया है। बताया जाता है की महिला अपने घर मटियारी वार्ड नं 8 से अपने ससुराल अचरा जा रही थी। ससुराल जाने के क्रम में सुबह 7 बजे के लगभग बथनाहा ओपी क्षेत्र के पंचवटी चौक पर एक स्कॉर्पियो चालक ने बथनाहा बिरपुर चौक तक छोड़ने की बात कह कर महिला को गाड़ी में बैठा लिया।

चालक 8 बजे के लगभग बीरपुर चौक पर महिला को छोड़कर वापस चला गया। लेकिन कुछ ही देर के बाद चालक ने आकर पुनः महिला को यह कहा कि गाड़ी में बैठो। हम तुम्हें अचरा तक छोड़ देते हैं। इसके बाद पांच किलोमीटर दूर ले जाकर महिला के साथ दरिंदों ने घटना को अंजाम दिया।

जान पहचान होने के कारण महिला बैठी थी स्कार्पियो में
बताया जाता है कि चालक को महिला जानती थी। जान पहचान होने के कारण महिला विश्वास कर गाड़ी में बैठ गई। लेकिन चालक और चालक के साथ एक व्यक्ति और ने महिला को काफी देर घुमाया फिर बथनाहा बस्ती से पूरब डुमरिया स्थित मिडिल स्कूल के पास पहुंचे। जहां मटियारी निवासी सुधीर कुमार पासवान तथा विकास कुमार पासवान ने महिला के साथ बलात्कार किया।
मेडिकल जांच के लिए भेजा गया
इस बाबत ओपी अध्यक्ष राजेश कुमार रंजन ने कहा कि घटना की सूचना ग्रामीणों के द्वारा पुलिस को दी गई थी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। घटना स्थल से स्कॉर्पियो को भी जब्त किया गया है।

ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों को किया गिरफ्तार
गाड़ी में बलात्कार होता देख स्थानीय ग्रामीणों ने इसकी सूचना बथनाहा ओपी को दी। सूचना मिलते ही ओपी अध्यक्ष के निर्देश पर एसआई निरंजन पुलिस बल के साथ घटनास्थल पहुंचे और दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया। एसआई नितरंजन ने बताया कि पुलिस बल को देखते ही दोनों पूरब दिशा की ओर भागने लगे। जिसे 3 किलोमीटर दूर खदेड़ कर पकड़ा गया।

वहीं पुलिस के पूछताछ के क्रम में महिला ने कहा की वह अपने मायके अचरा पति के द्वारा भेजे गए रुपए लेने ठेकेदार के पास जा रही थी। बताया जाता है कि महिला का पति पंजाब में मजदूरी करता है। मजदूरी से होने वाले आए को को ठेकेदार के खाते में भेजता है। जिसे लेने महिला शुक्रवार को सवेरे अपने मामी के साथ घर से निकली थी।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Married woman seated in Scorpio and raped five kilometers away, two arrested


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/bhagalpur/araria/news/married-woman-seated-in-scorpio-and-raped-five-kilometers-away-two-arrested-127549608.html

गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी; 19 गांव में भरा पानी, पलायन के लिए मजबूर हैं लोग

Posted: 24 Jul 2020 05:22 PM PDT

नेपाल और उत्तर बिहार में 4-5 दिनों से हो रही भारी बारिश की वजह से गंडक नदी उफान पर है। शुक्रवार को गोपालगंज और पूर्वी चंपारण में गंडक नदी का बांध टूटने से छपरा के तीन प्रखंडों में हालात बिगड़ने लगे हैं। तरैया, पानापुर और मशरक प्रखंड के गांवों में लगातार पानी फैल रहा है। 19 गांवों में पानी घुस गया है और 25 से ज्यादा कच्चे घर गिर गए हैं। अगर यही स्थिति रही तो अगले 24 से 48 घंटों में तीनों प्रखंड में स्थिति और भयावह हो जाएगी। यहां के लोग जान बचाने के लिए नावों और अन्य माध्यम से सुरक्षित स्थान पर जा रहे हैं।

नाव का सहारा लेकर लोग सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं।
बाढ़ से प्रभावित लोग पलायन के लिए मजबूर हैं।

पलायन कर रहे लोगों का कहना है कि बाढ़ के पानी में हमारा सब कुछ बह गया है। कुछ पशु भी बह गए। जिसे बचाकर लाए हैं उसके लिए चारा भी नहीं मिल पा रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत बच्चों और बुजुर्गों को हो रही है। प्रशासन ने इन इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है। प्रशासन का कहना है कि इन इलाकों में अगले 72 घंटों तक जलस्तर बढ़ने की संभावना है। कुछ और गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

ईंट डालकर उस पार जाने की कोशिश करते लोग।
नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए अगले 72 घंटे तक अलर्ट जारी किया गया है।
बाढ़ की वजह से लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं।

तीन जगहों पर चलाया जा रहा राहत कैंप
बांध के पूर्वी क्षेत्र के प्रभावित 19 गांवों के लोगों के लिए राहत कैंप चलाया जा रहा है। माधोपुर पंचायत के सगुनी, चंचलिया पंचायत के लिए चंचलिया और पचरौर पंचायत के लिए आकुचक में राहत शिविर कैंप लगाए गए हैं। सीओ वीरेंद्र मोहन ने बताया कि इन कैंप में 800-900 लोगों को निःशुल्क भोजन कराया जा रहा है।

राहत कैंपों में हर दिन 800-900 लोगों के खाने की व्यवस्था की गई है।


Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
छपरा के तीन प्रखंडों में बाढ़ की वजह से सैकड़ों घर पानी में डूब गए।


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/news/bihar-flood-chapra-gopalganj-dam-break-news-updates-gandak-river-water-level-continues-to-increase-127546830.html

एयरपाेर्ट के कनाॅपी का फैब्रिकेटेड स्ट्रक्चर 15 तक बनकर हाे जाएगा तैयार, बढ़ेगी सुविधाएं

Posted: 24 Jul 2020 05:22 PM PDT

18 करोड़ की लागत से एयरपोर्ट का फैब्रिकेटेड स्ट्रक्चर 15 अगस्त तक बनकर तैयार हो जाएगा। इससे एयरपोर्ट टर्मिनल एरिया का करीब 2400 वर्गमीटर एरिया बढ़ जाएगा। इससे पटना एयरपोर्ट की क्षमता 25 लाख यात्री सालाना हो जाएगी, फिलहाल यह 7 लाख है।
शुक्रवार को पटना एयरपोर्ट सभी एयरलाइंस के नए काउंटर का उद्घाटन कैबिनेट व पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव संजय सिंह ने किया। इस मौके पर पटना एयरपोर्ट के निदेशक बीएचसी नेगी, सीआईएसएफ के कमांडैंट विशाल दुबे, एयरलाइन ऑपरेटर कमेटी के चेयरमैन इंडिगो के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह, कमेटी के सचिव स्पाइसजेट के स्टेशन मैनेजर सैयद हसन, गो एयर के स्टेशन मैनेजर मनमोहन तिवारी के अलावा एयर इंडिया और विस्तारा के स्टेशन मैनेजर के साथ ही एयरपोर्ट के कई वरीय अधिकारी आदि मौजूद रहे। यह फैब्रिकेटेड स्ट्रक्चर नए टर्मिनल भवन के बनने तक रहेगा। नए टर्मिनल भवन का काम 2022 तक पूरा होना है।
चेकइन काउंटर 16 से बढ़कर 20 हो जाएंगे
फैब्रिकेटेड स्ट्रक्चर का काम पूरा करने में पटना एयरपोर्ट के इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट के जीएम केएस विजयन और ज्वाइंट जीएम मनोज सिंह व उनकी टीम लगी हुई है। 15 अगस्त तक यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा। इससे यात्रियों को चेक इन के दौरान लगने वाली लंबी कतार से निजात मिलेगी। एयरपोर्ट निदेशक भूपेश नेगी ने बताया कि चेक इन काउंटर की संख्या 16 से 20 हो जाएगी। वहीं चार रजिस्टर्ड बैगेज एक्स-रे मशीन होंगे। अभी तीन एक्स-रे मशीन है। हैंड बैगेज एक्स-रे मशीन 3 से बढ़कर 5 हो जाएंगे।

इसी तरह पुरुष और महिला के फ्रिसकिंग बूथों की संख्या भी 4 से बढ़कर 6 हो जाएगी। यही नहीं जो फ्लाइट इंफॉर्मेशन डिस्पले सिस्टम है उसके भी स्थान में परिवर्तन हो जाएगा। डिपार्चर और अराइवल गेट के स्थान में भी बदलाव होगा। मालूम हो कि फैब्रिकेटेड स्ट्रक्चर के विस्तार का काम इसी साल अप्रैल माह में पूरा हो जाना था पर लॉकडाउन की वजह से काम रुक गया था। लॉकडाउन खत्म होने के बाद इसका काम शुरू हुआ।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
सभी एयरलाइंस के टिकट काउंटर का उद्घाटन करते हुए कैबिनेट एवं पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव संजय सिंह, एयरपोर्ट निदेशक बीएचसी नेगी व अन्य।


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/the-fabricated-structure-of-the-airport-canopy-will-be-ready-by-15-facilities-will-increase-127549568.html

पीएमसीएच पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री, मरीजों का हाल जाना, छुट्टी और अन्य मांगों के लिए नर्सों ने किया प्रदर्शन

Posted: 24 Jul 2020 05:22 PM PDT

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय शुक्रवार को पीएमसीएच में बने कोविड अस्पताल का जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने भर्ती मरीजों से हालचाल पूछा। स्वास्थ्य मंत्री ने नर्सों की समस्या भी सुनी और उसका समाधान करने का आश्वासन दिया। इसके बाद चिकित्सकों के साथ बैठक की और कोरोना मरीजों का बेहतर इलाज करने की बात कही। खासकर प्राचार्य और अधीक्षक से कोरोना मरीजों से संबंधित जानकारी ली। डॉक्टरों ने कोविड अस्पताल में और क्या जरूरत है उसकी जानकारी स्वास्थ्य मंत्री को दी। कोविड वार्ड में अभी 18 मरीज भर्ती हैं।

पीएमसीएच की नर्सों ने शुक्रवार को छुट्टी और अन्य मांगों के समर्थन में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के सामने प्रदर्शन किया। नर्सों का कहना था कि वे लगातार काम कर रही हैं। उन्हें छुट्टी नहीं मिल रही है। महीने में मिलने वाला दो दिन का स्पेशल लिव भी नहीं मिल रहा है। उनके लिए समुचित वॉशरूम अादि सुविधा नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री ने नर्सों की बात सुनी और कहा कि 16 अगस्त को अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ मिलें। उनकी मांगों को पूरा करने की कोशिश की जाएगी। अाश्वासन मिलने के बाद नर्स शांत हो गईं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Health Minister arrives at PMCH, nurses demonstrate for patients, leave and other demands


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/health-minister-arrives-at-pmch-nurses-demonstrate-for-patients-leave-and-other-demands-127549548.html

पटना एम्स की तीसरी मंजिल से कूदकर मरीज ने दी जान, बिहटा का रहनेवाला था पॉजिटिव युवक

Posted: 24 Jul 2020 05:22 PM PDT

एम्स में इलाज करा रहे काेराेना संक्रमित 21 वर्षीय राेहित कुमार ने खुदकुशी की ली। 20 जुलाई से उसका इलाज तीसरे तल्ले पर काेविड वार्ड में चल रहा था। शुक्रवार की शाम करीब 7 बजे वह बेड से उठा और बाथरूम गया। बाथरूम में जाली लगी नहीं थी। वहीं से नीचे कूद गया। नीचे गिरने की आवाज सुनकर गार्ड व अन्य लाेग उधर दाैड़े ताे देखा कि उसकी माैत हाे चुकी है।

उसके बाद इसकी सूचना एम्स प्रशासन व फुलवारीशरीफ थानेदार काे दी गई। शव काे पैक कर शवगृह में रख दिया गया। राेहित बिहटा के माेहम्मपुर गांव का रहने वाला था। वह बिहटा के जेजे काॅलेज में बीए का छात्र था। उसके पिता ब्रजेश उर्फ राजेश कुंद दानापुर में रेलवे में नाैकरी करते हैं। राेहित तीन भाइयाें में सबसे छाेटा था। उसकी दाे बहनें भी हैं। थानेदार रफीकुर रहमान ने बताया कि राेहित ने तीसरे तल्ले से कूदकर आत्महत्या की है।
पूरा परिवार है हाेम क्वारेंटाइन
राेहित के ग्रामीणाें ने बताया कि वह बाजार आने-जाने के दाैरान ही पाॅजिटिव हुआ था। उसके पाॅजिटिव हाेने के बाद उसका पूरा परिवार हाेम क्वारेंटाइन में है। इधर, उसके सुसाइड करने और माैत हाेने की सूचना मिलने के बाद मां उषा देवी समेत पूरा परिवार दहाड़ मारकर राेने लगा।

एक माह में एम्स में संक्रमित के सुसाइड करने की दूसरी घटना

एम्स में काेराेना संक्रमित के सुसाइड करने की एक माह में यह दूसरी घटना है। इससे पहले 22 जून काे खगाैल के लाेकाे पायलट शम्स तबरेज ने रूम में ही गला में गमछा लपेटकर पंखा से लटक कर खुदकुशी कर ली थी। हालांकि तबरेज की माैत के बाद उसकी रिपाेर्ट निगेटिव आई थी। 25 मई काे हाजीपुर के क्वारेंटाइन सेंटर में वैशाली के पटेढ़ी बेल्सर के रहने वाले 22 साल के राजेश कुमार ने सुसाइड कर लिया था। उसके मरने के बाद रिपाेर्ट पाॅजिटिव आई थी।
3 बजे पिता को कहा- तबीयत गड़बड़ा रही है

राेहित के पिता ने बताया कि उससे तीन बजे आखिरी बार बात हुई थी। उसने कहा था कि तबीयत गड़बड़ा रही है। दाे-तीन लैट्रिन हाे गया है। कमजाेरी लग रही है। परेशान हूं। मैंने उससे कहा था कि आराम से रहाे। ठीक हाे जाओगे। पिता ने बताया कि राेहित को जरूरत का सामान पहुंचवाने के लिए एम्स के पास मंझले बेटे राहुल काे डेरा दिलवा दिए थे। उसे 4 बजे जूस भी भेजवाया गया था।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
The patient gave life by jumping from the third floor of Patna AIIMS, a positive young man living in Bihta


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/the-patient-gave-life-by-jumping-from-the-third-floor-of-patna-aiims-a-positive-young-man-living-in-bihta-127549546.html

ऑक्सीजन बैंक की हुई स्थापना I

Posted: 24 Jul 2020 06:27 AM PDT

ऑक्सीजन बैंक की हुई स्थापना I 




खुसरूपुर से हमारे संवाददाता कन्हैया कुमार ने खबर दी है कि आज  शुक्रवार को खुसरूपुर में कोरोना महामारी की भयाभव स्थिति को देखते हुए मानव सेवा समिति ने एक ऑक्सीजन बैंक की स्थापना की है जिसमें फिलहाल 11 ऑक्सीजन सिलेंडर से इसकी शुरुआत की गयी है Iजिसका उद्घाटन भाजपा नेता सह पत्रकार बीएन चौबे ने किया I मानव सेवा समिति ने सदस्यों ने बताया कि इस ऑक्सीजन बैंक के स्थापना का उद्देश्य है कि किसी कोरोना मरीज को  इमरजेंसी में ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता होगी तो उन्हें उपलब्ध कराया जायेगा वो भी निःशुल्क,साथ ही अन्य सहायता भी दी जायेगी इस संस्था के तरफ से इसके संचालन के लिए मानव सेवा समिति के नाम से एक कमेटी बनाई गयी है Iजिसमें हर तबके के लोगों को शामिल किया गया है.इस संस्था के अध्यक्ष अजय कुमार आजाद को बनाया गया है I इस आक्सीजन बैंक को स्थापित करने में कई समाजसेवी,स्थानीय पत्रकार,राजनीतिक कार्यकर्ता,स्थानीय कई दुकानदार तथा स्थानीय लोगों ने इसमें सहयोग किया है.इस मौके पे मानव सेवा समिति के अध्यक्ष अजय कुमार आजाद ने लोगों के बीच अपने संबोधन में कहा कि आज समूचा विश्व इस समय कोरोना महामारी से जूझ रही है.खुसरूपुर में भी 30 लोग इस बीमारी से संक्रमित हुये हैं I हमनें इसी को ध्यान में रखते हुए मानव सेवा समिति कमेटी बनाई और लोगों के सहयोग से  ऑक्सीजन बैंक की स्थापना किया गया जो निःशुल्क है,साथ ही अन्य सहायता भी दी जायेगी.उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना मरीज में सबसे ज्यादा समस्या शवसन तंत्र पर पड़ता है,जिससे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है जो प्राणघातक हो सकता है I लोगों के लिए यह सेवा सातों दिन और 24 घण्टे उपलब्ध है I संस्था के लोगों ने तीन नम्बर जारी किए हैं लोग इन नमवरों पर सम्पर्क कर सहायता ले सकते हैं.9308312858,8789000173,9709714599इस मौके पर मौजूद थे इस संस्था के अध्यक्ष अजय कुमार आजाद,बीएन चौबे,अशोक वर्
दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com

सख्त हुआ कानून, सशक्त हुआ उपभोक्ता

Posted: 24 Jul 2020 05:48 AM PDT

सख्त हुआ कानून, सशक्त हुआ उपभोक्ता

 

-मनोज कुमार सिंह

 

कोई भी व्यक्ति जो अपने उपभोग के लिए सामान या सेवाएं खरीदता है, वह उपभोक्ता है। यानी हर व्यक्ति किसी न किसी रूप में उपभोक्ता है। लेकिन, यह भी सच है कि उपभोक्ता आज जमाखोरी, कालाबाजारी, मिलावट, अधिक दाम, कम नाप-तौल इत्यादि संकटों से घिरा है। उपभोक्ताओं को शोषण से बचाने के लिए देश में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-1986लागू किया गया था। ताकि, उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा सके।  धोखाधड़ी, कालाबाजारी, घटतौली आदि का शिकार होने पर उपभोक्ता इसकी शिकायत कर सकें। वर्ष 1986से लेकर अब तक उपभोक्ता बाजारों में भारी बदलाव आया है। उपभोक्ता अब विभिन्न प्रकार के अनुचित नियम एवं शर्तों के कारण भ्रम की स्थिति में हैं। वर्तमान में बदलते उपभोक्ता बाजारों में मौजूदा अधिनियम की प्रासंगिकता कम हो रही है। अत: उपभोक्ता के अधिकारों की सुरक्षा के लिये एक नए एवं संशोधित अधिनियम की जरूरत महसूस करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार ने तीन दशक पुराने कानून को बदल दिया है। इसकी जगह उपभोक्ता संरक्षण कानून- 2019ने ले ली है। नये कानून में उपभोक्ताओं के हित में कई कदम उठाए गए हैं। पुराने नियमों की खामियां दूर की गई हैं।

'उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-1986' में न्याय के लिए एकल बिंदु पहुंच दी गई थी, जो काफी समय खपाने वाला होता है। संशोधनों के बाद ये नया अधिनियम लाया गया है ताकि खरीदारों को न केवल पारंपरिक विक्रेताओं से बल्कि नए ई-कॉमर्स खुदरा विक्रेताओं-मंचों से भी सुरक्षा प्रदान की जा सके। 'उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम- 2019'  देश में उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण साबित होगा।

नए कानून की कुछ खूबियों में सेंट्रल रेगुलेटर का गठन, भ्रामक विज्ञापनों पर भारी पेनाल्टी और ई-कॉमर्स फर्मों और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बेचने वाली कंपनियों के लिए सख्‍त दिशा-निर्देश शामिल किये गए हैं। नए उपभोक्ता संरक्षण कानून को उपभोक्ताओं की नजर से देखें तो यह उनके अधिकारों में जबरदस्त वृद्धि करता है। नये कानून के तहत उपभोक्ताओं के प्रति कंपनियों की जिम्मेदारियां और बढ़ गयी हैं। शायद दुनिया में भारत सरकार की पहल पहली होगी कि भ्रामक विज्ञापन करनेवाले सेलिब्रिटीज पर भी अब कानून का शिकंजा कसा जा सकेगा। आधुनिक विपणन की धारणा के अंतर्गत उपभोक्ता को सभी व्यापार संबंधी गतिविधियों का केंद्र बिंदु समझा जाता है, जिसका ध्येय उपभोक्ता को अधिकतम संतुष्ट करना है। भारतीय बाजारों में वस्तुओं और सेवाओं की भरमार होने के बाद यह देखा गया है कि उपभोक्ता कई बार उच्च गुणवत्ता के दावों, अनुचित व्यापार पद्धतियों, फैन्सी पैकेजिंग के शिकार हो जाते हैं और कई बार युक्तिसंगत निर्णय नहीं कर पाते हैं। उपभोक्ता संरक्षण के दायरे में उपभोक्ताओं के कल्याण संबंधी सभी पहलू शामिल हैं और  वर्तमान युग में इन पहलुओं को अंतर्राष्ट्रीय रूप में भी स्वीकार किया गया है। आज उपभोक्ता यह अपेक्षा करता है कि कोई उत्पाद या सेवा युक्तिसंगत आकांक्षाओं को पूरा करेइस्तेमाल में सुरक्षित हो और उत्पाद संबंधी विशिष्टताओं का पूर्ण प्रकटीकरण किया गया हो। इन आकांक्षाओं को उपभोक्ता अधिकार कहा गया है। तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने उपभोक्ता के अधिकारों को राष्ट्रीय हित के समान बताया था। उन्होंने मार्च 1962में अमरीकी उपभोक्ताओं को बुनियादी अधिकार प्रदान किए थे।

देश में 20जुलाई 2020से लागू 'उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम- 2019' का मूल उद्देश्य, उपभोक्ताओं की समस्याओं को समय पर हल करने के लिए प्रभावी प्रशासन और जरूरी प्राधिकरण की स्थापना करना और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना है। उपभोक्ता किसी उत्पाद से खुद को किसी भी प्रकार का नुकसान होने या उत्पाद में खराबी निकलने पर विनिर्माता या विक्रेता के खिलाफ शिकायत करा सकता है। उत्पाद के खराब निकलने या विनिर्माण विनिर्देशों में किसी भी प्रकार का अंतर पाये जाने पर भी विनिर्माता ही पूर्ण रूप से जिम्मेदार होगा। इस नियम की खास बात यह है कि इसके तहत ई-कॉमर्स कंपनियां भी आती हैं।  उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत भ्रामक विज्ञापन करने वालों पर भी नकेल कसी गयी है। उत्पाद से संबंधित कोई भी गलत जानकारी उस विज्ञापन को करने वाले सेलिब्रिटी को मुश्किल में डाल सकती है। इस नियम के तहत विनिर्माता को भ्रामक प्रचार के लिए जुर्माना अथवा  जेल या फिर दोनों हो सकती है। भ्रामक विज्ञापन का प्रचार करनेवाले पर जुर्माना और प्रतिबंध लग सकता है। बार-बार ऐसा करने पर भारी जुर्माना और लम्बा  प्रतिबंध भी झेलना पड़ सकता है। कानून में एक और बड़ा बदलाव यह हुआ है कि अब कहीं से भी उपभोक्ता शिकायत दर्ज  कर सकता है। उपभोक्ताओं के नजरिए से यह बड़ी राहत है। पहले उपभोक्ता वहीं शिकायत दर्ज करा सकता था, जहां विक्रेता अपनी सेवाएं देता है। ई-कॉमर्स से बढ़ती खरीद को देखते हुए यह महत्वपूर्ण कदम है। इसके अलावा कानून में उपभोक्ता को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी सुनवाई में शिरकत करने की इजाजत दी गई है। इससे उपभोक्ता का पैसा और समय दोनों बचेंगे। नए कानून में कंपनी की जवाबदेही तय की गई है। मैन्यूफैक्चरिंग में खामी या खराब सेवाओं से अगर उपभोक्ता को नुकसान होता है तो उसे बनाने वाली कंपनी को हर्जाना देना होगा। मसलन, मैन्यूफैक्चरिंग में खराबी के कारण उपभोक्ता को चोट पहुंचती है, तो उस हादसे के लिए कंपनी को हर्जाना देना पड़ेगा। पहले कंज्यूमर को  केवल वस्तु की लागत मिलती थी। इस प्रावधान का सबसे ज्यादा असर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर होगा। कारण है कि इसके दायरे में सेवा प्रदाता भी आ जाएंगे। प्रोडक्ट की जवाबदेही अब मैन्यूफैक्चरर के साथ सर्विस प्रोवाइडर और विक्रेताओं पर भी होगी। अर्थात ई-कॉमर्स साइट खुद को एग्रीगेटर बताकर पल्ला नहीं झाड़ सकते हैं। ई-कॉमर्स कंपनियों पर डायरेक्ट सेलिंग पर लागू सभी कानून प्रभावी होंगे। इन्हें विक्रेताओं के ब्योरे का खुलासा करना होगा। ई-कॉमर्स फर्मों की जिम्मेदारी होगी कि उनके प्लेटफॉर्म पर किसी तरह के नकली उत्पादों की बिक्री न हो। अगर ऐसा होता है तो कंपनी पर पेनाल्टी लगेगी। यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों पर नकली उत्पादों की बिक्री के मामले बढ़े हैं। कानून में सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (सीसीपीए) नामक केंद्रीय रेगुलेटर का प्रावधान है, जो उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करने के साथ-साथ उनको बढ़ावा देगा और लागू करेगा। यह प्राधिकरण, अनुचित व्यापार प्रथाओं, भ्रामक विज्ञापनों और उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित मामलों को भी देखेगा। सीसीपीए के पास उल्लंघनकर्ताओं पर जुर्माना लगाने और बिके हुए माल को वापस लेने या सेवाओं को वापस लेने के आदेश पारित करना, अनुचित व्यापार प्रथाओं को बंद करने और उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान की गई कीमत को वापस दिलाने का अधिकार भी होगा। नए कानून के तहत उपभोक्ताओं के लिए शिकायत करने की जटिलता खत्म कर आसान बनाया गया है। साथ ही कई नए अधिकार भी शामिल किये गए हैं। मसलन, वस्तुओं या सेवाओं की मात्रा, गुणवत्ता, शुद्धता, क्षमता, कीमत और मानक के बारे में जानकारी प्राप्त करने का अधिकार। खतरनाक वस्तुओं और सेवाओं से सुरक्षित रहने का अधिकार। अनुचित या प्रतिबंधात्मक व्यापार प्रथाओं से संरक्षित रहने का अधिकार। प्रतिस्पर्धी कीमतों पर विभिन्न प्रकार की वस्तुओं या सेवाओं की उपलब्धता। भ्रामक विज्ञापनों पर प्रतिबंध और जुर्माना। राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तरों पर उपभोक्ता विवाद निवारण आयोगों का गठन। राष्ट्रीय विवाद निवारण आयोग, 10करोड़ रुपये से अधिक की शिकायतों को सुनेगा, जबकि राज्य विवाद निवारण आयोगएक करोड़ से 10करोड़ रुपये तक की शिकायतों की सुनवाई करेगा। जिला विवाद निवारण आयोगएक करोड़ रुपये तक की शिकायतों को सुनेगा। नए कानून के तहत कंज्यूमर मीडिएशन सेल गठन का प्रावधान है। जहां दोनों पक्ष आपसी सहमति से जा सकेंगे। जनहित याचिका (पीआईएल) अब कंज्यूमर फोरम में फाइल की जा सकेगी। पहले के कानून में ऐसा नहीं था। 20जुलाई 2020से लागू उपभोक्ता संरक्षण के नये कानून के लागू होते ही ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए कई नए नियम लागू हो गए हैं, जो पुराने एक्ट में नहीं थे। खास तौर से पिछले कुछ सालों में आए नए बिजनेस मॉडल्स को भी इसमें शामिल किया गया है। इस अधिनियम के तहत उपभोक्ता को किसी प्लेटफॉर्म पर खरीददारी करने से पहले उपयुक्त निर्णय लेने में सक्षम बनाने के लिए प्रत्येक ई-कॉमर्स इकाई को अपने मूल देश समेत रिटर्न, रिफंड, एक्सचेंज, वारंटी और गांरटी, डिलीवरी एवं शिपमेंट, भुगतान के तरीके, शिकायत निवारण तंत्र, भुगतान के तरीके, भुगतान के तरीकों की सुरक्षा, शुल्क वापसी संबंधित विकल्प आदि के बारे में सूचना देना अनिवार्य होगा। इस अधिनियम के तहत ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को 48घंटों के भीतर उपभोक्ता को शिकायत प्राप्ति की सूचना देनी होगी और शिकायत प्राप्ति की तारीख से एक महीने के भीतर उसका निपटारा करना होगा। इसके अलावा, नया अधिनियम उत्पाद दायित्व की अवधारणा को प्रस्तुत करता है और मुआवजे के किसी भी दावे के लिए उत्पाद निर्माता, उत्पाद सेवा प्रदाता और उत्पाद विक्रेता को इसके दायरे में लाता है। नया कानून ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी को रोकने में कारगर साबित तो होगा ही, धोखाधड़ी करने वालों की भी खैर नहीं होगी। उपभोक्ताओं के अधिकारों के संरक्षण के मकसद से केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की स्थापना तथा खराब सामान एवं सेवाओं की खामियों के संदर्भ में शिकायतों के निवारण की व्यवस्था ने उपभोक्ता अधिकारों को सशक्त किया है।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)

 दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com

Post Bottom Ad

Pages