ग्राम समाचार : Gram Samachar |
- GoddaNews: गोड्डा के प्रोफेसर कालोनी और लोहिया नगर वार्ड नं०-13 का ड्रोन व सीसीटीवी कैमरे से की जा रही है निगरानी
- Editorials : मुठभेड़ का सच: खूंखार अपराधियों को उनके किए की सजा देने वाले तंत्र में सुधार के लिए उठने चाहिए ठोस कदम
- Editorials : कानून के साथ चलने की चुनौती
- Bhagalpur News : आपसी रंजीश के कारण अटका सड़क निर्माण कार्य , जलजमाव की स्थिति
- Bounsi News: कोरोना वॉरियर्स पुलिसकर्मियों को एंजेल कंप्यूटर एजुकेशन सेंटर द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया
- Banka News: गृह मंत्रालय,भारत सरकार के सभी प्रावधानों के साथ अतिरिक्त शर्ते और प्रतिबंध सम्पूर्ण बिहार में 31 जुलाई तक लागू
- Bhagalpur News: खेरैहिया बहियार में वज्रपात से मवेशी की मौत
- Editorials : कोविड टीके की दौड़ में सजग रहे सरकार
- Editorials : अच्छे-बुरे बदलाव के बीच हम
- GoddaNews: सदर प्रखंड में वेक्टर जनित रोगियों की हुई खोज
- Bhagalpur News : राशन कार्ड वितरण की माँग को लेकर राजद की बैठक
- Mihijam News (Jamtara) क्वॉरेंटाइन सेंटर में मजदूरों का आना बस्तुर जारी
- Mihijam News (Jamtara) अम्बेडकर नगर के मुख्य सड़क जर्जर अवस्था मे होने से ग्रामीणों में रोष
- GoddaNews: कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु पुलिस प्रशासन की मदद करें- पुलिस अधीक्षक
- Rewari News : रेवाड़ी जिला प्रशासन ने कोविड क्षेत्रो में कंटेनमेंट जोन बनाए
- Rewari News : कोविड-19 हेल्थ बुलेटिन: 10 जुलाई : शुक्रवार को 56 नए केस मिले, 13 ठीक हुए
- Fatehabad News : सरकार व्यापारी व आम जनता की जान माल की सुरक्षा करने में पूरी तरह विफल : गर्ग
- Rewari News : कोसली के गांव गूगोढ में 25 अप्रैल को हत्या के मामले में आरोपी गिरफतार
- Rewari News : राजकीय पशु चिकित्सालय बावल में पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना का शुभारंभ
- GoddaNews: उपायुक्त के निर्देशानुसार डीपीआरओ द्वारा किया गया कोरोना संक्रमण संबंधित प्रचार प्रसार
- GoddaNews: अनावश्यक घरों से नहीं निकले घरों में रहें सुरक्षित रहे
- Mihijam News (Jamtara) कचड़े की समस्या को लेकर नगर भवन में की गई सर्वदलीय बैठक
- GoddaNews: जिले के क्वारंटाइन केन्द्रों में कोरोना संक्रमित के स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखें- उपायुक्त
- Banka News: जिला पदाधिकारी सुहर्ष भगत की अध्यक्षता में हुई खनिज फाउंडेशन की बैठक
- Banka News: जिला स्तरीय सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में मुआवजा हेतु कुल स्वीकृत 103 मामलों को लेकर हुई बैठक
Posted: 10 Jul 2020 09:40 PM PDT
उपायुक्त ने आमजनों से अपील करते हुए कहा कि अपने अपने घरों में सुरक्षित रहें, लॉक डाउन का पालन करें। सभी कोई अनिवार्य रूप से मास्क लगाएं। जहाँ पर मास्क उपलब्ध नहीं हो पा रहा है वहाँ गमछा/ रुमाल/ दुपट्टा इत्यादि भी प्रयोग कर सकते हैं। सामाजिक दूरी का अनिवार्य रूप से पालन करें। | ||||
Posted: 10 Jul 2020 09:38 PM PDT निर्वाचन आयोग यह कहते-कहते थक गया कि कम से कम उन्हें चुनाव लड़ने से रोको जिन पर संगीन अपराध में लिप्त होने के आरोप हों लेकिन कोई सुनवाई नहीं। इस पर यकीन करना कठिन है कि दुर्दात विकास दुबे सचमुच की मुठभेड़ में मारा गया, लेकिन पुलिस के दावे पर हैरानी प्रकट करना भी इस सच्चाई से मुंह मोड़ना है कि अपने देश में ज्यादातर मुठभेड़ें संदिग्ध किस्म की ही होती हैं। कुछ महीने पहले जब हैदराबाद में हत्या और सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों को मार गिराया गया था तो उसी तरह हंगामा मचा था जैसा आठ पुलिस कर्मियों के हत्यारे विकास दुबे को कथित मुठभेड़ में मारे जाने के बाद मचा है। तब सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि न्याय बदला लेने में तब्दील नहीं होना चाहिए, लेकिन क्या खूंखार अपराधियों को उनके किए की सजा देने वाले तंत्र में सुधार के लिए कोई ठोस कदम उठे? ऐसी कोई सूचना नहीं। हकीकत तो यह है कि अगर हैदराबाद की मुठभेड़ न होती तो शायद देश को दहला देने वाले निर्भया कांड के अपराधी अभी भी फांसी की सजा का इंतजार कर रहे होते। आखिर इस सच को स्वीकार करने से कब तक बचा जाता रहेगा कि अपने यहां अपराधियों को सजा सुनाने में अंधेर की हद तक देर ही नहीं होती, बल्कि सजा पर अमल में भी अनावश्यक विलंब होता है? इसी तरह पता नहीं क्यों इस सच की भी खूब अनदेखी हो रही है कि हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली इतनी नाकारा है कि ज्यादातर अपराधी छूट जाते हैं। यदि अपराधी माफिया किस्म का हो तो उसे सजा मिलने की संभावना कम ही होती जाती है। इसी तरह अगर कोई माफिया राजनीति में सक्रिय हो जाए, जैसा कि आज का चलन है तो फिर उसके जेल जाने के बजाय पंचायत, विधानसभा और संसद पहुंचने के आसार बढ़ जाते हैं। क्या हम इस शर्मनाक सच से अनजान हैं कि विधानमंडलों में आपराधिक पृष्ठभूमि वालों की संख्या बढ़ती जा रही है? हैरानी नहीं कि इसी कारण राजनीति के अपराधीकरण पर लगाम लगाने की हर पहल नाकाम हो रही है। निर्वाचन आयोग यह कहते-कहते थक गया कि कम से कम उन्हें चुनाव लड़ने से रोको जिन पर संगीन अपराध में लिप्त होने के आरोप हों, लेकिन कोई सुनवाई नहीं। यह अनसुनी ही राजनीति के अपराधीकरण को खाद-पानी देने के साथ ही विकास दुबे सरीखे माफिया तैयार कर रही है। न्याय और नीति का तकाजा यही कहता है कि अपराधी चाहे छोटा हो या बड़ा उसके मामले में विधिसम्मत प्रक्रिया का प्रभावी ढंग से पालन होना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से यह केवल किताबी ज्ञान बनकर रह गया है। सभ्य समाज संदिग्ध किस्म की मुठभेड़ों की इजाजत नहीं देगा, लेकिन वह इसकी भी नहीं देगा कि कोई विकास दुबे थाने में घुसकर हत्या कर दे और फिर भी छुट्टा घूमे। सौजन्य : दैनिक जागरण | ||||
Editorials : कानून के साथ चलने की चुनौती Posted: 10 Jul 2020 09:29 PM PDT उज्जैन से कानपुर लाते समय विकास दुबे के एनकाउंटर से सवाल जरूर उठे हैं, लेकिन इसने एक ऐसे मुकदमे का पटाक्षेप भी कर दिया, जो कम से कम पांच-छह साल चलता और उसका क्या हश्र होता, कुछ कहा नहीं जा सकता। देश की पुलिस एक कानून के दायरे में रहकर काम करती है। कानून के तहत काम करने का एक ढांचा या फ्रेमवर्क तय किया गया है, जिसमें रहते हुए पुलिस को अपना काम करना होता है। यदि पुलिस अपराधियों को पकड़कर मारने लग जाएगी, तो यह पुलिस को देखना होगा कि वह पुलिसमैन कहलाना पसंद करेगी या कुछ और। यह बिल्कुल सही है कि विकास दुबे एक दुर्दांत अपराधी था, हर तरह से भ्रष्ट था, और डकैत था। उसका दुस्साहस इतना बढ़ गया था कि उसने पुलिस को भी घात लगाकर मारना शुरू कर दिया था। पुलिस पर घात लगाकर किया गया हमला निस्संदेह देश की सार्वभौमिकता पर हमला था, लेकिन ऐसा था, तो फिर हमने मुंबई पर 26 नवंबर, 2012 को भीषण हमला करने वाले पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब को क्यों जिंदा पकड़ा था? प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारे सतवंत सिंह को जिंदा क्यों पकड़ा गया था? मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे को जिंदा क्यों पकड़ा गया था? उन्हें वहीं पकड़कर गोली क्यों नहीं मार दी गई थी? क्या उन पर मुकदमा नहीं चला, क्या उन्हें फांसी की सजा नहीं मिली? हां, यह जरूर है कि उनकी सुनवाई लंबी चली। जो कानूनी प्रक्रिया है और कानून के तहत जो अधिकार अभियुक्तों को मिले हुए हैं, उनके अनुसार, उन्हें कुछ कानूनी संरक्षण हासिल है, इनका जब पुलिस सही-सही इस्तेमाल करती है, तो किसी अपराधी को सजा दिलाने में थोड़ा वक्त लगता है। दरअसल, समस्या कानून के शासन यानी 'रूल ऑफ लॉ'की है। ऐसा देखा गया है कि कई बार रूल ऑफ लॉ के तहत कोर्ट चलते ही नहीं हैं। मान लीजिए, अगर विकास दुबे को अदालत में पेश किया जाता, तो उसका केस चलता। संभव है, उसका केस पांच साल तक खत्म ही नहीं होता। यह भी संभव है कि कोई गवाह नहीं मिलता। बचने के लिए वह कभी रिट कोर्ट में जाता, तो कभी कहीं और प्रयास करता। कभी उत्तर प्रदेश में राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त नेता की हत्या में यह बात साबित हुई थी कि विकास दुबे के खिलाफ कोई जुबान खोलने वाला नहीं है। यहां तक कि उस मामले में पुलिस भी चुप्पी साध गई थी। जब कभी-कभी कोर्ट में रूल ऑफ लॉ नहीं चलता, तो पुलिस क्या करे, पुलिस भी कानून के दायरे में है। मैंने देखा है कि जब भी कोई गवाह मुकरता है, तो निचली कोर्ट में न्यायिक अधिकारी सिर हिलाता रहता है और दूसरे गवाह को बुला लिया जाता है। वह यह नहीं देखता कि गवाह क्यों मुकर गया? क्या हालात थे, जिन्होंने उसे बयान बदलने पर मजबूर कर दिया? सवाल है कि कई बार ट्रायल जज के पोस्ट ऑफिस की तरह से काम करने से कानून का राज कैसे चलेगा? उसे सक्रिय होना पड़ेगा, लेकिन उसकी भी समस्याएं हैं। उसके पास असीमित केस हैं, जिनके बोझ से वह या कोई न्यायिक अधिकारी दबा हुआ है। वह गवाहों पर सवाल उठाएगा, तो केस आगे नहीं बढ़ पाएंगे। ऐसे में, पुलिस का भी क्या दोष है, उसे पता है कि गवाह सामने नहीं आएंगे। 'विटनेस प्रोटेक्शन सिस्टम' पूरी तरह से काम नहीं कर रहा है। यह इतना जटिल है कि सुरक्षा मांगते-मांगते गवाह पूरी तरह से 'एक्सपोज' हो जाता है। फिर अपराधी यदि ताकतवर हो, रसूख वाला हो, तो पुलिस के सामने कोई चारा नहीं रहता। विकास दुबे का मामला ऐसा ही था। साल 1999 में दिल्ली की चर्चित मॉडल जेसिका लाल की हत्या के मामले में क्या हुआ था, सबको पता है। ट्रायल कोर्ट ने मुख्य अभियुक्त को, जो एक शक्तिशाली नेता का बेटा था, सुबूतों और गवाहों के अभाव में हत्या के आरोप से बरी कर दिया था। केस मेरे सामने अपील में दिल्ली हाईकोर्ट आया। मैंने फैसला पलटा, उसे सजा दी और जेल भेजा। इस मामले में मैंने 30 लोगों को झूठी गवाही देने के आरोप में नोटिस भेजा और उन्हें तलब किया। यह अलग बात है कि वे ऊपरी अदालत से छूट गए, लेकिन उससे समाज में एक संदेश तो चला गया। यदि इस मामले के दोषी को सजा नहीं दी जाती, तो वह आज कहीं नेता बनकर घूम रहा होता। इसी प्रकार, दिल्ली विश्वविद्यालय में कानून की छात्रा प्रियदर्शिनी मट्टू बलात्कार और हत्या के मामले में किया गया था। अभियुक्त पुलिस विभाग के आईजी का बेटा था। दिल्ली के ट्रायल कोर्ट ने उसे बरी कर दिया था, क्योंकि उसके खिलाफ कोई सुबूत नहीं मिला था, लेकिन सुनवाई चली और हाईकोर्ट से उसे जेल भेजा गया। यदि न्यायपालिका उचित प्रकार से चले, तो कानून के राज का पालन हो सकता है, लेकिन यह काम इतना आसान नहीं है। सबको अपनी सुरक्षा की चिंता रहती है। पुलिस को भी यह देखना होगा कि वह अपनी प्रणाली को दुरुस्त रखे। अपराधियों पर नकेल कसने में कानून की प्रक्रिया का पालन करे, अपनी निष्ठाओं को मजबूत रखे और सही व बेखौफ रिपोर्ट करे। गवाहों को सुरक्षा दे और उनकी गोपनीयता बनाए रखे, लेकिन यह बात कहना जितना आसान है, पालन करना उतना ही कठिन है। इस रास्ते में अड़ंगा लगाने वाले तमाम कारक हैं, उनका नाम लेने की जरूरत नहीं है, यह सर्वविदित है। अदालतों के लिए भी जरूरी है कि जब किसी केस में गवाह न मिले या वह मुकर जाए, तो उन पर सवाल जरूर किए जाएं। यह जज को ही देखना होगा, क्योंकि आखिरकार कानून का राज अदालत में आकर ही ठहरता है। खतरनाक अपराधी और आठ पुलिसकर्मियों के हत्यारे विकास दुबे के एनकाउंटर ने कोर्ट और पुलिस व्यवस्था पर जितने सवाल खड़े किए हैं, उनके उतने ही जवाब भी सामने लाकर रख दिए हैं। सिर्फ हमें उन्हें देखना है और समझना है। (ये लेखक के अपने विचार हैं) सौजन्य : हिंदुस्तान | ||||
Bhagalpur News : आपसी रंजीश के कारण अटका सड़क निर्माण कार्य , जलजमाव की स्थिति Posted: 10 Jul 2020 09:15 PM PDT ग्राम समाचार , भागलपुर : अकबरनगर पंचायत के वार्ड नंबर 11 मे हो रही बारिश के कारण जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो गई है | जलजमाव के कारण कई लोगो के घरों पानी घुस गया है लोग घुटने भर पानी मे चलने को मजबूर है समस्या इतनी विकट हैं की बाढ़ जैसी स्थिति लगती है स्थानीय प्रतिनिधि द्वारा सड़क और नाला निर्माण की पहल की गई थी | लेकिन आपसी रंजीश के कारन न तो सड़क निर्माण हो पाया न ही नाला ही बन पाया जिसके कारण लोग इस समस्या से जूझ रहे है लोगो का कहना है की बारिश के बाद थोड़ी सी धुप खिलने के साथ ही पानी से दुर्गंध आने लगती है मच्छर का प्रकोप भी बढ़ गया है और महामारी फैलने का भी भय लगा रहता है | ||||
Posted: 10 Jul 2020 09:08 PM PDT ग्राम समाचार, बौंसी, बांका। कोरोना योद्धाओं को सम्मानित करने के क्रम में एंजेल कंप्यूटर एजुकेशन सेंटर के द्वारा शुक्रवार को बंधुआ कुरावा थाना परिसर में थानाध्यक्ष समेत तमाम पुलिसकर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। मालूम हो कि बिहार कौशल विकास मिशन ,श्रम संसाधन विभाग एवं प्रौद्योगिकी विभाग बिहार सरकार से संबद्ध एंजेल कंप्यूटर एजुकेशन सेंटर के द्वारा पूर्व में भी प्रभात खबर के संयोजन से स्वास्थ्य कर्मियों और बौसी थाना के पुलिस कर्मियों को भी सम्मानित करने का कार्य किया गया था । सेंटर के संरक्षक सह नेहरू युवा मेंटर यूथ क्लब के जिलाध्यक्ष मदन मेहरा , सेंटर के निदेशक कुमार चंदन के द्वारा थानाध्यक्ष जितेंद्र कुमार समेत सभी पुलिस कर्मियों को प्रशस्ति पत्र दिया गया ।इस मौके पर सेंटर के संरक्षक ने संबोधित करते हुए कहा कि ऐसी परिस्थिति में भी अपनी जान की परवाह किए बगैर आप जैसे कोरोना योद्धा लोगों की जान बचाने में लगे हुए हैं। आज आप लोगों के द्वारा ही इस महामारी से बचाव के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। थानाध्यक्ष ने कहा कि अभी हम सब लोग को कोविड-19 के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़नी होगी। आए दिन कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का प्रयोग करके ही इस महामारी से बचाव हो सकता है। इस मौके पर पुअनि निरंजन कुमार यादव ,संतोष पाठक, प्रशिक्षु पुअनि बिक्की कुमार ,भरत महतो,चन्द्रभूषण सिंह,उपेन्द्र कुमार, बीएमपी जवान, सैफ जवान, ड्राइवर आदि को कोरोना वारियर्स सम्मान प्रमाण पत्र दिया गया। मदन कुमार झा, प्रखंड संवाददाता, ग्राम समाचार, बौंसी | ||||
Posted: 10 Jul 2020 07:51 PM PDT ग्राम समाचार, बांका। गृह मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा राज्य सरकारों को अधिकृत किया गया है कि राज्य सरकारें स्थिति का आंकलन कर कंटेनमेंट जोन के बाहर कुछ अतिरिक्त गतिविधियों को भी प्रतिबंधित कर सकती है अथवा अतिरिक्त प्रतिबंध लगा सकती हैं, जैसा कि आवश्यक हो। बिहार राज्य में कोविड-19 से संक्रमण के मामले अभी भी बढ़ रहे हैं। अतः विचारोपरांत राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि गृह मंत्रालय भारत सरकार के सभी प्रावधानों के साथ निम्नलिखित अतिरिक्त शर्तें /प्रतिबंध भी संपूर्ण बिहार राज्य में दिनांक 31.07.2020 तक लागू रहेगें। सभी शॉपिंग मॉल/सार्वजनिक वाहनों (बस, टैक्सी ,ऑटो) में परिचालन कर्मियों /चालकों और ग्राहकों /सवारीयों के द्वारा मास्क का प्रयोग अनिवार्य होगा तथा संबंधित प्रतिष्ठान/ वाहन के मालिक एवं कर्मियों/ चालकों के लिए आवश्यक होगा कि वे बिना मास्क वाले वाहनों का प्रवेश वर्जित रखें। यदि जिला प्रशासन /पुलिस के द्वारा जांच के क्रम में इसका उल्लंघन पाया जाए तो जिला पदाधिकारी आदेश पारित कर आदेश के उल्लंघन के लिए दोषी शॉपिंग मॉल/ दुकान /व्यवसायिक प्रतिष्ठान अथवा वाहन (बस,टैक्सी, ऑटो सहित) का परिचालन बंद करने हेतु अधिकृत होंगे। सभी विभागों एवं पुलिस क्षेत्रीय प्रशासन के सभी अधिकारियों को निर्देश दिया जाता है कि गृह मंत्रालय के उपयुक्त आदेश तथा उसके साथ दिए गये दिशा–निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कराना सुनिश्चित करेंगे। | ||||
Bhagalpur News: खेरैहिया बहियार में वज्रपात से मवेशी की मौत Posted: 10 Jul 2020 07:04 PM PDT ग्राम समाचार,भागलपुर।शुक्रवार को अकबरनगर थाना क्षेत्र के खेरैहिया बहियार में वज्रपात से एक भैस की मृत्यु हो गई। घटना में पशुपालक बाल-बाल बच गया।पशु मालिक फुलवरिया निवासी पिंटू यादव ने बताया कि शुक्रवार को दोपहर करीब दो बजे बहियार में अपने वासा पर मवेशी को चराने के लिए ले गया था। अचानक तेज बारिश और वज्रपात होने से एक भैंस की मृत्यु हो गई। जिसमे अन्य मवेशियों को चरा रहा किसान बाल बाल बच गया। घटना के बाद पीड़ित मवेशी मालिक पिंटू यादव ने सीओ को घटना की जानकारी देकर मुआवजे की मांग की है। सीओ ने बताया कि घटना का रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जाएगी। जिसके बाद किसान को मुआवजा दिया जाएगा। | ||||
Editorials : कोविड टीके की दौड़ में सजग रहे सरकार Posted: 10 Jul 2020 09:42 AM PDT भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने गत 2 जुलाई को सबको अचरज में डाल दिया। संस्था के महानिदेशक ने भारत बायोटेक इंटरनैशनल (बीबीआईएल) द्वारा विकसित कोविड-19 टीके पर शुरुआती परीक्षणों के सिलसिले में देश के 12 अस्पतालों को लिखे अपने पत्र में कहा, 'सभी क्लिनिकल परीक्षण पूरा होने के बाद इस टीके को 15 अगस्त, 2020 तक उतारने की परिकल्पना की गई है। बीबीआईएल इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है लेकिन अंतिम नतीजा इस परियोजना में शामिल सभी क्लिनिकल परीक्षण स्थलों के सहयोग पर ही निर्भर करेगा।' सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में रहे इस पत्र की अंतिम पंक्तियों में एक चेतावनी भी निहित थी। उनमें कहा गया था, 'कृपया ध्यान रखें कि इसका पालन नहीं करने को बेहद गंभीरता से लिया जाएगा। इसलिए आपको यह सलाह दी जाती है कि इस परियोजना को सर्वोच्च प्राथमिकता दें और कोई चूक न करते हुए दी गई समयसीमा का पालन करें।' इस पर चिकित्सा जगत और टीकों के विकास से जुड़े रहे शोधकर्ताओं की प्रतिक्रिया अपेक्षा के अनुरूप ही काफी सख्त रही। इसकी वजह से आईसीएमआर को अब स्पष्टीकरण जारी कर यह कहना पड़ा है कि कोविड-19 के टीके की समयसीमा तय करने का मकसद सिर्फ प्रक्रियागत तेजी लाना एवं लालफीताशाही की अड़चनों को दूर करना था। टीका उतारने का मतलब शायद यह नहीं था कि यह इस्तेमाल के लिए उपलब्ध ही हो जाएगा। भारत टीकों को जल्द उतारने में तेजी लाने की कोशिश करने वाला पहला देश नहीं है। 'द वाशिंगटन पोस्ट' में गत 1 मई को प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में माइकल जे रोजनवाल्ड ने अमेरिका की संघीय सरकार द्वारा 'ऑपरेशन वार्प स्पीड' चलाने की जानकारी दी थी। यह अभियान कोविड-19 का टीका जनवरी 2021 तक तैयार करने के मकसद से चलाया गया है। अगर ऐसा होता है तो वह टीका तैयार होने में लगने वाले मानक समय से काफी कम होगा। रोजनवाल्ड ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि जल्दबाजी में टीका तैयार करने की पिछली कोशिश बुरी तरह नाकाम रही थी। उनका इशारा स्वाइन फ्लू के टीके के लिए 1976 में गेराल्ड फोर्ड सरकार द्वारा चलाए गए विकास कार्यक्रम की तरफ था। फरवरी 1976 में यह पाया गया कि फोर्ट डिक्स में तैनात जवानों से लिए गए नमूनों से स्वाइन फ्लू वायरस के दो एकक थे और यह 1918 में कहर बरपाने वाली महामारी स्पैनिश फ्लू वायरस की नस्ल से मेल खाता है। इसके बाद स्वास्थ्य जगत में काफी हंगामा खड़ा हो गया और कई दशकों से कोई महामारी नहीं आने से इसके दस्तक देने की आशंका ने भी स्थिति को गंभीर करने का काम किया। उसमें भी यह संकट उस समय आया जब अमेरिका में उसी साल राष्ट्रपति चुनाव होने वाले थे। टीकाकरण संबंधी सलाहकार समिति ने 10 मार्च को यह निष्कर्ष निकाला था कि महामारी आ सकती है, लिहाजा एक प्रतिरक्षीकरण कार्यक्रम चलाने का सुझाव दिया। बीमारी नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) के निदेशक ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए व्यापक स्तर पर टीकाकरण को जरूरी बताया। ऐसी स्थिति में अमेरिकी राष्ट्रपति ने बड़े वैज्ञानिकों की एक बैठक बुलाई जिसमें पोलियो वैक्सीन के लिए मशहूर जोनस साल्क और अल्बर्ट सेबिन भी मौजूद थे। इस तरह राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम की संकल्पना बनी। अमेरिकी संसद कांग्रेस की विनियोग पर गठित चार समितियों ने इस कार्यक्रम को मंजूरी दी और विनियोग विधेयक को भी स्वीकृति मिल गई। राष्ट्रपति फोर्ड ने 24 मार्च,1976 को इस टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा, 'मैं साफ तौर पर यह कहना चाहता हूं कि फिलहाल हमें इस खतरे की गंभीरता का कोई अंदाजा नहीं है। फिर भी हम देशवासियों की सेहत को लेकर कोई मौका नहीं ले सकते हैं।' उस समय यह सुझाव भी आया था कि टीके के प्रतिकूल असर संबंधी दावों पर मुआवजे का भी कुछ प्रावधान होना चाहिए लेकिन सर्जन जनरल के कार्यालय ने इसे ठुकरा दिया था। लेकिन बाद में यह उस समय मुद्दा बना जब टीका बनाने वाली कंपनियों ने मुकदमेबाजी से बचाव की गुहार लगाई। लेकिन फोर्ड पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। उनकी योजना तो सर्दियां आने तक रोजाना 10 लाख लोगों को टीका लगाने की थी। सीडीसी में राष्ट्रीय इन्फ्लूएंजा टीकाकरण कार्यक्रम इकाई गठित की गई और संघीय सरकार एवं राज्यों द्वारा संयुक्त रूप से टीकाकरण किया जाना था। टीका बनाने वाली कंपनियों ने अक्टूबर के अंत तक टीका बना लिया और कार्यक्रम के पहले 10 हफ्तों में 4.5 करोड़ लोगों को टीके लगा जा चुके थे। उसी समय आपदा ने दस्तक दे दी। यह देखा गया कि टीका लगवा चुके लोगों में से करीब 1 लाख लोगों में न्यूरोलॉजिकल समस्या गिलेन-बेयर सिन्ड्रोम के लक्षण दिखाई देने लगे। इस बीमारी से प्रभावित लोगों की बाह्य स्नायु प्रणाली पर असर पड़ा और उन्हें सनसनी एवं झनझनाहट का अहसास होने के अलावा नसों में कमजोरी भी हो रही थी। इसका नतीजा यह हुआ कि पीडि़तों को सांस लेने में तकलीफ और लकवा भी होने लगा। कोविड-19 महामारी में जिस तरह 'साइटोकाइन स्टॉर्म' एक युवा एवं मजबूत रोगी की भी जान ले सकता है, यह स्नायुओं को प्रभावित करने वाली स्वत: प्रतिरक्षित प्रतिक्रिया है। नतीजा यह हुआ कि दिसंबर 1976 आते-आते लकवा के शिकार होने के 94 मामले सामने आ चुके थे और 16 दिसंबर को इस टीकाकरण कार्यक्रम को पूरी तरह बंद कर दिया गया। फिर ऐसे आरोप लगने अपरिहार्य ही थे कि इस कार्यक्रम को महज राजनीतिक लाभ के लिए शुरू किया गया था। 20 दिसंबर, 1976 को 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' ने स्वाइन फ्लू नाकामी के लिए 'सरकार की स्वास्थ्य अफसरशाही के अपने हितों' को जिम्मेदार ठहराया। टीकाकरण कार्यक्रम की नाकामी और उससे भी बढ़कर महामारी की नाकामी का अमेरिका में दीर्घकालिक प्रभाव रहा था। रेबेका क्रेस्टन ने 'डिस्कवर' पत्रिका में 30 सितंबर, 2013 को लिखा था 'टीकों, खासकर फ्लू के टीके को अपनाने में अमेरिकी जनता के एक तबके की हिचकिचाहट के लिए स्वाइन फ्लू वायरस के खिलाफ जन टीकाकरण के नाकाम राजनीतिक अभियान को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। सरकार की अगुआई वाले अभियान को व्यापक रूप से असफल माना गया और इसने भविष्य के जन स्वास्थ्य अभियानों को अपूरणीय क्षति पहुंचाई। इसके अलावा इस नाकाम अभियान ने फ्लू एवं इसके टीके दोनों के बारे में जन धारणा को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया।' 1976 का यह प्रकरण केवल अकेला वाकया नहीं था। इसके पहले 1955 में भी कटर लैबोरेटरीज के बनाए पोलियो टीके के कुछ बैच में जिंदा वायरस मौजूद थे। इसकी वजह से करीब 40 हजार बच्चों में पोलियो के हल्के लक्षण देखे गए जबकि 51 विकलांग हो गए और पांच बच्चों की तो मौत हो गई थी। 1955 से लेकर 1963 तक सिमियन वायरस एसवी-40 का इस्तेमाल पोलियो टीके बनाने के लिए होता था लेकिन इसमें मिलावट पाई गई। इसी तरह नवजात बच्चों में अपच के लिए जिम्मेदार रोटावायरस के टीके की वजह से 1998-99 में पेट की गड़बड़ी होने की शिकायतें मिलने के बाद उसे वापस ले लिया गया। वर्ष 2007 में एक तरह के फ्लू हिब के लिए तैयार टीके की 12 लाख खुराक को मिलावट की आशंका के चलते बाजार से हटा लिया गया। हालांकि कोविड-19 टीके के विकास की कोशिश पूरी तरह 1976 की अमेरिकी नाकामी जैसी नहीं है। उस समय ऐसी समस्या थी जो महामारी नहीं बन पाई। लेकिन आज महामारी लगातार अपने पैर पसारती जा रही है और हमारे पास वक्त कम पड़ता जा रहा है। फिर भी इतिहास इतना तो जरूर बताता है कि असरदार टीकों में भी वक्त के साथ अनजान दुष्प्रभाव देखे जा सकते हैं। इस तरह, तमाम मानव प्रयासों की तरह विवेक का दामन थामे रहना बेहतर है। (लेखक देश के पूर्व कैबिनेट सचिव हैं) सौजन्य : बिज़नेस स्टैण्डर्ड | ||||
Editorials : अच्छे-बुरे बदलाव के बीच हम Posted: 10 Jul 2020 09:33 AM PDT कोरोना महामारी ने हमारी जिंदगी बदल दी है। जिन रिश्तों को हमारे देश और समाज में खासा अहमियत मिला करती थी, वे सब तार-तार हो गए हैं। आधुनिक समाज में संयुक्त परिवार तो पहले ही बिखरने की तरफ थे, लेकिन कोरोना ने उनको बिल्कुल ही तोड़ दिया है। आलम यह है कि अच्छे परिवारों के लोग भी कोरोना-संक्रमित अपने परिजन का शव ले जाने को तैयार नहीं हैं। स्वास्थ्यकर्मी ही उनका दाह-संस्कार कर रहे हैं। आश्चर्य तो यह है कि इस मुश्किल घड़ी में लोग ईश्वर को भी भूल रहे हैं। इतनी बड़ी महामारी में लोगों को प्रार्थना, हवन, पूजा या अरदास करते हुए शायद ही देखा गया है। संभव है, यह भ्रम इसलिए पैदा हो गया है कि लोग अब इकट्ठा होकर पूजा नहीं कर रहे हैं। मगर रोजमर्रा की सामान्य बातचीत में भी ईश्वर को लोग बमुश्किल याद कर रहे हैं। शायद यह मान लिया गया है कि कोरोना महामारी का संकट स्वयं भगवान भी टाल नहीं सकते। मंदिरों में जो लोग शिवलिंग की कोली भरकर सब कुछ पा जाना चाहते थे और नंदी बाबा के कान में अपनी सारी इच्छाएं, मनोकामनाएं सुना डालते थे, अब वही लोग इन मूर्तियों को छूने से बच रहे हैं। इस संक्रमण काल में रंग-बिरंगे मास्क भी चलन में आ गए हैं। जो मास्क पहले चिकित्सा कारणों से हम पहना करते थे, उनमें तमाम तरह के फैशन आ गए हैं। हालांकि इसे लेकर लोगों में आज भी दुविधा बनी हुई है। कुछ मास्क तो सिर्फ डॉक्टरों के लिए अनिवार्य हैं, पर उसे आम लोग पहने हुए दिख जाते हैं। अब तो बाजार में हैलमेट की तरह एक शील्ड भी आ गई है, जिसमें हल्की से लेकर अच्छी क्वालिटी का प्लास्टिक लगा है। ऐसे में, वह दिन दूर नहीं, जब चेहरे से ज्यादा सुंदर मास्क नजर आएंगे। कोरोना ने हमारी सोच पर भी वार किया है। कई बार आदमी निश्चिंत होकर घूम रहा होता है, पर जैसे ही कोई सामने आता दिखता है, तो मास्क ऐसे लगाता है, मानो पुलिस चालान काटने आ गई हो। इतना ही नहीं, यदि सामने वाले इंसान सामान्य रूप से भी खांसता है या किसी के गले में तकलीफ दिखाई देती है, तो सीधे ध्यान इसी बात पर जाता है कि 'इसे कोरोना तो नहीं?' समझ में ही नहीं आ रहा कि जाएं, तो जाएं कहां और करें, तो करें क्या? कोरोना में लोगों की श्रेणियां भी अलग-अलग हो गई हैं। एक डरे-सहमे वे लोग हैं, जिन्होंने खुद को पूरी तरह से घरों में बंद कर लिया है। उनका मानना है कि बाहर निकलते ही उन्हें कोरोना हो जाएगा। मजबूरी में जो घरेलू कामगार उनके घरों में रहते हैं, उनसे भी उन्हें डर लगता है। दूसरी श्रेणी में वे लोग हैं, जो घर पर तो हैं, पर उनके घरेलू सहायकों का हर रोज बाहर आना-जाना है। ये वे लोग हैं, जिनको स्वयं काम करने की आदत नहीं रही है, पर जोखिम उठाने को वे तैयार हैं। तीसरी श्रेणी में वे लोग हैं, जिनका मानना है कि हरसंभव सावधानी बरती जाए, दो गज की दूरी का पालन किया जाए, मास्क लगाया जाए और बार-बार हाथ धोया जाए। ये वे लोग हैं, जो घर में बैठे-बैठे ऊब चुके हैं और इन्होंने मान लिया है कि जीना यहां, मरना यहां, इसके सिवा जाना कहां? वैसे, चतुर-सुजान लोगों ने कोरोना में नए-नए व्यापार भी ढूंढ़ लिए हैं। रातों-रात मशीनें लगाकर मास्क, ऑटो सैनिटाइजर आदि बना लिए गए हैं। जापान में बना एक 'वायरस शट आउट' भी बाजार में आ गया है, जिसके बारे में दावा किया जाता है कि यदि उसे गले में टांग लिया जाए, तो वायरस निकट नहीं फटकेगा। इन सब चीजों का इस्तेमाल लोग यथाशक्ति कर रहे हैं, लेकिन किस चीज से क्या लाभ है, यह शायद ही किसी को पता है। इस बीमारी ने हमें स्वच्छता का पाठ फिर से पढ़ाया है। इस पर ध्यान देने की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत पहले कही थी। उन्होंने इसके लिए देश भर में स्वच्छता अभियान भी चलाए थे। लोगों को सफाई के प्रति जागरूक किया। खुले में शौच को खत्म करने के लिए घर-घर शौचालय बनवाए गए। हाथों को बार-बार धोने को कहा गया। अब कोरोना की मजबूरी में लोग इन सब पर संजीदगी से अमल कर रहे हैं। समय बिताने के लिए लोग उन खेलों की ओर लौटे हैं, जिन्हें बच्चों और बचपन का खेल समझकर छोड़ दिया गया था। बाजार से कैरम बोर्ड भी लगभग गायब हो गए हैं, जबकि ताश और शतरंज के दिन फिर से लौट आए हैं। सबसे ज्यादा वे लोग खुश हैं, जिनके घर में छोटे बच्चे हैं, पर पहले मजबूरीवश वे उनको पर्याप्त समय नहीं दे पाते थे। कोरोना महामारी में लोगों का नया व्यक्तित्व सामने आया है। ऐसे बहुत कम लोग होंगे, जिन्होंने पिछले तीन महीनों में कुछ नया गुण विकसित न किया हो। ऑनलाइन डांस, म्यूजिक, लैंग्वेज जैसे कोर्स खूब किए गए। कुछ लोगों ने तो वर्षों से गंदे पड़े घर के कोनों की सफाई की, तो कुछ ने कपड़ों की अलमारियां ठीक कर लीं। कई ने तो खाना बनाना सीख लिया। लॉकडाउन का उपयोग किसी ने पढ़ने के लिए किया, तो किसी ने लिखने के लिए। हालांकि, इस महामारी के कारण उन लोगों की परेशानियां बढ़ गईं, जिनके स्वभाव एक घर में रहते हुए भी नहीं मिलते। उन्हें एक-दूसरे को ज्यादा सहना पड़ रहा है, जिससे घरेलू हिंसा भी बढ़ी है। मास्क की वजह से झगड़े भी कम हुए हैं, क्योंकि कई बार चेहरे के हाव-भाव देखकर भी गुस्सा ज्यादा भड़कता है। कुछ अभिभावक तो कह रहे हैं कि उनके बच्चों की मानसिक स्थिति पर भी लॉकडाउन का असर पड़ा है। बच्चे तो पहले ही घर से बाहर नहीं निकलते थे, अब स्कूल न जाने के कारण उनकी शारीरिक गतिविधियां कम हो गई हैं। वैसे, कहा यह भी जा रहा है कि ये सब बदलाव मध्यम और उच्च वर्ग के लोगों के लिए आए हैं, निम्न वर्गों को उन्हीं हालात में अपना दिन गुजारना पड़ रहा है, जिनमें वे पहले गुजारा कर रहे थे। हां, उनकी कमाई पर बुरा असर जरूर पड़ा है। हालांकि, कोरोना ने लोगों को यह भी समझा दिया है कि पर्यावरण का क्या महत्व है? कुल मिलाकर, इस महामारी का एक ही संदेश है- न बैठो खाली, कुछ न कुछ करो न! (ये लेखक के अपने विचार हैं) सौजन्य : हिंदुस्तान | ||||
GoddaNews: सदर प्रखंड में वेक्टर जनित रोगियों की हुई खोज Posted: 10 Jul 2020 09:33 AM PDT ग्राम समाचार गोड्डा, ब्यूरो रिपोर्ट:- गोड्डा जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कालाज़ार सघन खोज अभियान चलाकर वेक्टर जनित रोग यथा, कालाज़ार, मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि संभावित रोगियों की खोज की जा रही है। इस क्रम में सदर प्रखंड केटीएस उषा किरण ने बुधवार को कौडिबहियार, बृहस्पतिवार को डोकाबांध उप स्वास्थ्यकेन्द्र के रमला संथाली और शुक्रवार को टुक्का गाँव का क्षेत्र भ्रमण किया और कालाज़ार सघन खोज अभियान का मुआयना किया। स्वास्थ्य विभाग के कर्मी ग्रामीणों से मिलकर उन्हें वेक्टरजनित रोगों के विषय में जागरूक करते हुए संभावित रोगियों की खोज कर रहे हैं। इस महती कार्य में स्वास्थ्य विभाग के एमपीडब्लू, सहिया एवं अन्य ग्राम स्तर पर संभावित रोगियों को चिन्हित करते हैं, जिनका स्वास्थ्य विभाग द्वारा निशुल्क जाँच और ईलाज भी किया जाता है। वेक्टरजनित रोगों के ईलाज में सरकार द्वारा निशुल्क उपचार के साथ साथ प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। केटीएस,एमटीएस, एसआई सोशल वर्कर ग्राम स्तर पर एम पी डब्लू, एएनएम और सहिया के साथ समन्वय स्थापित कर कार्यक्रम का मुआयना करते और जिला स्तर की टीम के साथ समन्वय स्थापित कर आवश्यक सहयोग करते हैं। उपायुक्त किरण पासी के निदेश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ग्राम स्तर पर लोगों को जागरूक करते हुए संभावित रोगियों की खोज, जाँच, ईलाज और ईलाज के उपरान्त रोगियों का सतत अनुश्रवण करती है| | ||||
Bhagalpur News : राशन कार्ड वितरण की माँग को लेकर राजद की बैठक Posted: 10 Jul 2020 09:24 AM PDT ग्राम समाचार, भागलपुर : शुक्रवार को राजद द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनविरोधी नीति के खिलाफ बिहार प्रदेश महासचिव चक्रपाणि हिमांशु के कार्यालय श्रीरामपुर में बैठक का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता प्रदेश महासचिव चक्रपाणि हिमांशु ने की। बैठक को संबोधित करते हुए राजद नेता चक्रपाणि हिमांशु ने कहा कि वर्तमान में सरकार राशन कार्ड एवं राशन वितरण करवाने में असक्षम साबित हुई। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते चार माह में ना तो राशन कार्ड बनवा सके एवं जो कार्ड बना भी उसमें बहुत से पुराने एवं गलत कार्ड हैं। प्रवासी मजदूर को राशन नहीं मिला है। एमओ एवं डीलर लाभुक की सूची सार्वजनिक नहीं करते हैं, जिससे गरीबों के राशन का घोटाला सदर अनुमंडल अधिकारी एवं डीलर के मिलीभगत से हो रहा है। कोरोना महामारी के नाम पर घोटाला करना सुशासन सरकार की पोल खोलती है। मजदूरों को रोजगार नहीं मिल रहा है। सरकार झूठी आंकड़ा देकर जनता को गुमराह कर रही है। उपरोक्त सवाल पर राष्ट्रीय जनता दल व्यापक लड़ाई लॉकडाउन एवं कोरोना वायरस का प्रभाव कम होने के बाद किया जाएगा। इस बैठक में विकेश कुमार, अरुण चौधरी, अंजीत कुमार, हर्ष कुमार, सुमन कुमार, बृजेश कुमार, नागेंद्र प्रसाद यादव, प्रीतम ठाकुर एवं अन्य लोग शामिल थे। | ||||
Mihijam News (Jamtara) क्वॉरेंटाइन सेंटर में मजदूरों का आना बस्तुर जारी Posted: 10 Jul 2020 09:24 AM PDT ग्राम समाचार मिहिजाम: भारत माता मंडप क्वॉरेंटाइन केंद्र मिहिजाम में अन्य राज्यों से लोगों का आवागमन बदस्तूर जारी है। बता दें कि हैदराबाद, कोलकाता तमिलनाडु इत्यादि रेड ज़ोन क्षेत्रों से बस व अन्य निजी वाहन के माध्यम से लोग आ रहे हैं। वही क्वॉरेंटाइन सेंटर में पूर्व से रह रहे 12 मजदूरों का स्वैब टेस्ट हो चुका है, जिसकी रिपोर्ट आना बाकी है। वहीं 10 जुलाई को तमिलनाडु से 4, कोलकाता से 1 व हैदराबाद से 1 लोग बस के माध्यम से जिला पहुंचे। जिला से जांच उपरांत 108 एम्बुलेंस द्वारा भारत माता कोरंटाइन केंद्र लाया गया। वहीं इस तथ्य की जानकारी रियाज ने देते हुए बताया कि दीनप्रती दिन लोगों में बहुत सुधार आ रहा है। जिससे आज हमारा जामताड़ा जिला ग्रीन जॉन में है। रोहित शर्मा, ब्यूरो, जामताड़ा | ||||
Mihijam News (Jamtara) अम्बेडकर नगर के मुख्य सड़क जर्जर अवस्था मे होने से ग्रामीणों में रोष Posted: 10 Jul 2020 09:16 AM PDT ग्राम समाचार मिहिजाम: वार्ड 17 के अंबेडकर नगर में मुख्य सड़क की स्तिथि दयनीय अवस्था में होने से स्थानीय निवासियों में रोष देखा जा रहा है। मुख्य सड़क पर बड़े बड़े गड्ढे होने से सड़क काफी खराब स्तिथि में है। वही इस संबंध में स्थानीय निवासी चंदन कुमार ने बताया कि मुख्य सड़क चितरंजन स्टेशन से कांनगोई फाटक को जोड़ता है। इस सड़क से जे०जे०एस० कॉलेज मिहिजाम के लिए भी आवागमन होता है। बता दे कि इसी मुख्य सड़क पर बड़े बड़े गड्ढे होने के कारण कई दुर्घटना हो चुकी है। वही लोग जान जोखिम में डालकर सड़क पर आवागमन करना पड़ता है। जिससे लोगो मे रोष है। वहीं स्थानीय निवासी कृष्णा कुमार ने बताया कि यहां के पार्षद का भी इस ओर ध्यान नहीं है। वहीं कुछ महिला व पुरूष भी सड़क पार करने में कई बार दुर्घटना से ग्रसित हो चुके हैं। इस ओर नगर व जिला प्रशासन को अविलंब कदम उठाने की जरूरत है। रोहित शर्मा, ब्यूरो, जामताड़ा | ||||
GoddaNews: कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु पुलिस प्रशासन की मदद करें- पुलिस अधीक्षक Posted: 10 Jul 2020 09:15 AM PDT ग्राम समाचार गोड्डा, ब्यूरो रिपोर्ट:- पुलिस अधीक्षक वाई एस रमेश के द्वारा चेक पोस्ट पर प्रतिनियुक्त पुलिस कर्मियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। लॉक डाउन को सफलतापूर्वक लागू करने हेतु ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए। पुलिस अधीक्षक गोड्डा वाईएस रमेश के द्वारा कोरोना संक्रमण से भयमुक्त होकर जिले में सुकून भरी जिंदगी जिलेवासी जी सके|जिले में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिले की जनता को संदेश दिए गए कि अनावश्यक रूप से दोपहिया वाहनों समेत अन्य प्रकार के वाहनों के लेकर बिना मास्क पहने चलने पर प्रतिबंध है। जिले में वैध पास के जरिए सफर कर सकते हैं। जिला मुख्यालय में वाहनों के प्रवेश करने वाले मार्गो जैसे सरकंडा चौक ,रौतारा चौक, मिशन चौक, कारगिल चौक, नगर थाना गोड्डा पर पुलिस बल की सख्ती बढ़ा दी गई है। ज्ञात हो कि गोड्डा जिले में धारा 144 लागू है, अतः धारा 144 का अनुपालन जिलेवासियों के द्वारा सुनिश्चित किए जाए । लोग बेवजह सड़कों पर घूमते रहते हैं उनपर निगरानी रखी जाएं। पुलिस प्रशासन के द्वारा आवश्यक ठोस कदम उठाते हुए आज विभिन्न चेक पोस्ट से करीब 10 लोगों पकड़कर उन्हें शपथ दिलाते हुए उन्हें छोड़ दिया गया कि अन्य दिन अनावश्यक सड़कों पर नहीं घूमेंगे। पुलिस अधीक्षक गोड्डा वाई एस रमेश के द्वारा जिले के सभी पुलिस पदाधिकारियों एवं पुलिसकर्मियों को निदेशित किए गए हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण से बचें। पुलिस अधीक्षक गोड्डा के द्वारा अनावश्यक रूप से दोपहिया वाहन समेत सभी प्रकार के वाहनों के लेकर लोग सड़कों पर घूमने निकल जाते हैं विशेष परिस्थितियों में दोपहिया वाहन पर एक एवं चार पहिया वाहन पर दो सवार कर जिले मे चल सकते हैं। पुलिस अधीक्षक गोड्डा के द्वारा बताया गया कि मौसम विभाग के तरफ से सूचना मिली है कि जिले में 2से 3 धंटे तक हल्की बारिश एवं मेघगर्जन के संकेत होने का अनुमान है अतः आप अपनी सुरक्षा को ध्यान मे रखते हुए सावधानी बरतें। इस दौरान जिलेवासियों से अपील की गई कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से आप अपने घरों में सुरक्षित रहें एवं अपने परिवार को सुरक्षित रखें। | ||||
Rewari News : रेवाड़ी जिला प्रशासन ने कोविड क्षेत्रो में कंटेनमेंट जोन बनाए Posted: 10 Jul 2020 09:13 AM PDT ग्राम समाचार न्यूज : रेवाड़ी : जिलाधीश यशेन्द्र सिंह ने कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 व महामारी अधिनियम 1897 के तहत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए मंचन्दा सोसायटी इडन गार्डन, रामपुरा, सरस्वती विहार, छिपटवाड़ा, काजीवाड़ा, मयूर विहार, कुतुबपुर, शक्ति नगर, सुर्खपुरा को (सभी 7 अगस्त तक प्रस्तावित) को कंटेमेन्ट जोन घोषित किया है। उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट जोन में आने वाले सभी लोगों को आरोग्य सेतु एप मोबाइल में डाउनलोड करना होगा। होम आइसोलेट किए गए पीडि़त व्यक्ति को स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी सलाह की अनुपालना करनी होगी। स्वास्थ्य विभाग की सलाह न मानने पर आरोपी के विरूद्घ केस दर्ज करते हुए प्रशासन द्वारा बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा। जिलाधीश यशेन्द्र सिंह ने सावधानी के तौर परमंचन्दा सोसायटी इडन गार्डन, रामपुरा, सरस्वती विहार, छिपटवाड़ा, काजीवाड़ा, मयूर विहार, कुतुबपुर, शक्ति नगर, सुर्खपुरा के शेष एरिया को बफर जोन में शामिल किया है। जिलाधीश ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए सभी संभव उपाय किए जा रहे हैं। जिलाधीश ने कहा कि लोग घबराएं नहीं, कोरोना से बचाव के लिए दो गज की दूरी बनाए रखें, घर से बाहर मास्क का प्रयोग करें, खुले में न थूकें आदि नियमों की अनुपालना करते हुए प्रशासन का सहयोग करें। प्रशासन और जिलावासी मिलकर जिला रेवाड़ी में कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी के संक्रमण के फैलाव को रोकने में सक्षम हैं। जिलाधीश ने कहा कि जिला स्वास्थ्य विभाग को कन्टेनमेंट जोन में कोविड प्रोटोकॉल के तहत कोरोना वायरस की चैन को तोडऩे के लिए सभी उपायों को अमल में लाने के आदेश दिए गए हैं। कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत कनटेनमेंट जोन को पूरी तरह सील करने, सैनिटाइज करने, सभी संभावित के सैंपल लेने, आईएलआई खांसी, जुकाम, बुखार, सांस लेने में तकलीफ आदि के मरीजों के सैंपल लेने, डोर-टू-डोर थर्मल स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। कंटेनमेंट जोन में आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित होने के कारण डीएफएससी विभाग रेवाड़ी और कार्यकारी अधिकारी नप व संबंधित बीडीपीओ द्वारा कंटेनमेंट जोन में घर-घर आवश्यक खाद्य सामग्री पंहुचाने की व्यवस्था की जाएगी। जिलाधीश ने कन्टेनमेंट जोन में बिजली, पेयजल व अन्य मूलभूत सुविधाएं निर्बाध रूप से जारी रखने के संबधित विभागों को आदेश दिए हैं ताकि कंटेनमेंट जोन में किसी भी नागरिक को कोई परेशानी न हो। जिलाधीश ने कहा कि कंटेनमेंट जोन में सभी संबंधित विभागों की डयूटी आदेशित कर दी गई है। कंटेनमेंट व बफर जोन के ओवरऑल प्रभारी अधिकारी सम्बंधित एसडीएम होंगे। कंटेनमेंट व बफर जोन में उपरोक्त नियमों की अवहेलना करने का आरोपी आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 व आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत दंड का भागी होगा। फोटो : जिलाधीश यशेन्द्र सिंह। | ||||
Rewari News : कोविड-19 हेल्थ बुलेटिन: 10 जुलाई : शुक्रवार को 56 नए केस मिले, 13 ठीक हुए Posted: 10 Jul 2020 09:09 AM PDT ग्राम समाचार न्यूज : रेवाड़ी : जिलाधीश यशेन्द्र सिंह ने बताया कि जिले में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा अभी तक 6768 सैंपल लिए गए हैं, जिनमें 596 कोविड-पॉजिटिव मिले हैं। इनमें 308 नागरिक कोविड संक्रमण से ठीक हुए हैं और अब तक छह मरीजों की मौत हुई है। अब जिले में कोविड पॉजिटिव के 282 एक्टिव केस रह गए हैं तथा 5642 की रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है तथा शेष 530 सैंपल की रिपोर्ट का इंतजार है। जिलाभर में 780 नागरिक क्वारंटीन किए गए हैं, जो विदेश व देश के अन्य हिस्सों से यात्रा करके आए हैं। उन्होंने बताया कि जिले में कोविड पॉजिटिव के कुल 282 एक्टिव केस हैं, इनमें दस विभिन्न अस्पतालों में व 42 जिला कोविड केयर सैंटर में एडमिट हैं, जबकि 230 कोविड मरीज होम आइसोलेट किए गए हैं। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को जिले में 13 कोविड पॉजिटिव ठीक हुए हैं जिनमें दो मोहल्ला छिपटवाड़ा तथा एक-एक कायस्थवाड़ा, राजगढ़, अजय नगर, बड़ी हवेली, सैक्टर तीन, बारा हजारी, अजय नगर, गोकल बाजार, रामसिंहपुरा, साल्हावास, महावीर नगर से संबंधित हैं। जिलाधीश ने जिलावासियों का आहवान किया कि वे कोरोना संक्रमण की चैन को तोडऩे के लिए सरकार व जिला प्रशासन द्वारा जारी की जा रही हिदायतों की पालना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि दो गज की दूरी बनाए रखें,मुंह को मास्क से ढंककर रखें तथा अति आवश्यक होने पर ही घरों से बाहर निकलें, बार-बार हाथ धोते रहें, तभी हम कोरोना संक्रमण चैन को ब्रेक करने व कोरोना को मात देने में कामयाब होंगे। वीरवार को लिए गए 294 सैंपल सीएमओ रेवाड़ी द्वारा जारी मैडिकल हैल्थ बुलेटिन के अनुसार शुक्रवार को जिले से संबंधित 56 नए कॉविड पॉजिटिव केस आए हैं, जिनमें से 19 धारूहेड़ा, 25 रेवाड़ी शहर, तीन जलालपुर, दो डूंगरवास, एक-एक केस बुडानी, बिठवाना चौक, साहपुर, नया बास, गुडियानी, भाकली, बीएमजी ऐलीगेंट से संबंधित हैं। सीएमओ ने कहा कि जिलाधीश के आदेशानुसार कोरोना संक्रमण के मिले नये क्षेत्रों में कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने कार्य शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा कान्टैक्ट ट्रेसिंग व आईएलआई के आधार पर 294 सैंपल लिए गए हैं। इन नंबरों पर लें मदद जिलाधीश ने कहा कि कोविड-19 की रोकथाम व उपचार के लिए हेल्प लाइन नंबर 01274-250764 मोबाइल नंबर 9466777510 और स्टेट हैल्प लाइन नंबर 1075 व 8558883911 पर मदद लें सकते हैं। उपायुक्त ने कहा कि जिलावासी लॉकडाउन के दौरान मदद के लिए टोल फ्री नंबर 1950 पर डायल करें। बाजार में कालाबाजारी व जमाखोरी के लिए 01274-255214 पर संपर्क करें। बावल उपमंडल कंट्रोल रूम के हैल्पलाइन नंबर 01284-260016 तथा वाटसअप नंबर 8168115539 पर संपर्क करें। फोटो कैप्शन : जिलाधीश यशेन्द्र सिंह.................... | ||||
Fatehabad News : सरकार व्यापारी व आम जनता की जान माल की सुरक्षा करने में पूरी तरह विफल : गर्ग Posted: 10 Jul 2020 09:24 AM PDT
ग्राम समाचार न्यूज़ : फतेहाबाद : व्यापारी प्रतिनिधियों की एक आवश्यक मीटिंग हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व हरियाणा कान्फैड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग की अध्यक्षता में अनाज मंडी में हुई। इस बैठक में इस्क सेठी को गोली मारने व जान से मारने की धमकी देने व राकेश कुमार सिंगला से दिनदहाड़े 10 लाख रुपए की फिरौती मांगने वाले अपराधियों को पुलिस द्वारा ना पकड़े जाने पर व्यापारियों में बड़ा भारी रोष जताया। व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने उपस्थित व्यापारियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में जंगलराज कायम है। प्रदेश में हर रोज व्यापारी, उद्योगपति व आम जनता के साथ लूटपाट, फिरौती, चोरी व हत्याओं की वारदातें हो रही है। सरकार यह सब तमाशा आंख मूंद कर देख रही है। जिसके कारण प्रदेश में व्यापारी व आम जनता अपनी जान माल की सुरक्षा के लिए भयभीत है। बड़े अफसोस से कहना पड़ रहा है की भुना में व्यापारी को गोली मारने व दिनदहाड़े 10 लाख की फिरौती मांगने वाले अपराधियों को पुलिस 17 दिन बीतने के बाद भी पकड़ नहीं पाई है। जिसके कारण प्रदेश के व्यापारियों में बड़ी भारी नाराजगी है। अगर समय रहते हुए पुलिस प्रशासन ने तुरंत अपराधियों को नहीं पकड़ा तो प्रदेश का व्यापारी सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेगा। जबकि सरकार की गलत नीतियों के कारण प्रदेश अपराध व बेरोजगारी के मामले में अव्वल स्थान पर है। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा प्रदेश के व्यापारियों के साथ ज्याति सहन नहीं की जाएगी और ज्याति होने नहीं दी जाएगी। बड़े अफसोस से कहना पड़ता है की करोड़ों अरबों रुपए टैक्स देने वाला व्यापारी आज हरियाणा प्रदेश में सुरक्षित नहीं है। जबकि व्यापारी व आम जनता की जान माल की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होती है। सरकार जिसमें पूरी तरह फेल हुई है। व्यापारी की जान माल की सुरक्षा व आगामी संघर्ष की रूपरेखा तैयार करने के लिए व्यापार मंडल के प्रतिनिधियों की राज्यस्तरीय मीटिंग टोहाना में 12 जुलाई रविवार को बुलाई गई है। जिसमें प्रदेश में लगातार कानून व्यवस्था की जो स्थिति खराब हो रही है उस पर विचार किया जाएगा। इस अवसर पर पूर्व मुख्य संासद सचिव पहलाद गिलो खेड़ा, भुना अनाज मंडी प्रधान अजय झाझडा एडवोकेट, टोहाना व्यापार मंडल प्रधान राजेन्द्र ठकराल, फतेहबाद व्यापार मंडल प्रधान अशोक नारंग, प्रदेश संगठन सचिव रामकुमार सैनी, प्रदेश सचिव रमेश गोयल, प्रदेश सहसचिव निरजन गोयल, अग्रोहा अग्रवाल संगठन प्रधान आनन्द मित्तल, अग्रवाल सभा प्रधान राकुमार सिंगला, भुना न्याय कमेटी के सभी सदस्य आदि व्यापारी नेता भारी संख्या में मौजूद थे। | ||||
Rewari News : कोसली के गांव गूगोढ में 25 अप्रैल को हत्या के मामले में आरोपी गिरफतार Posted: 10 Jul 2020 07:54 AM PDT ग्राम समाचार न्यूज़ : कोसली के गांव गूगोढ में 25 अप्रैल को हुई हत्या के मामले में एक आरोपी को गिरफतार किया गया है। जानकारी देते हुए जाँच अधिकारी ने बताया कि 25 अप्रैल की रात्रि में शिकायतकर्ता औमप्रकाश निवासी गूगोढ की शिकायत पर एक मामला दर्ज कर कार्यवाही शुरू की। यहां यह उल्लेखनीय है कि शिकायतकर्ता ने गांव गूगोढ में अपना मकान बनवाने के लिए सतपाल ठेकेदार निवासी बाडी मोहल्ला पटीकिरी जिला धोलपुर को ठेका दिया हुआ था, जिसने लेबर के तौर पर जिला धौलपुर दो लैबर रखी हुई थी। जो दिनांक 25.04.2019 को रात को दूसरे मजदूर से सूचना मिली की मजदूर खेमचन्द को चोट लग गई है। जब उस स्थान पर जाकर देखा तो दूसरा मजदूर मौके से भाग गया था। उक्त घायल मजदूर को घायलावस्था में अस्पताल रैफर किया। जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए रोहतक रैफर कर दिया। वंहा पर उपचार के दौरान मजदूर की माॅत हो गई। जिस पर कोसली थाना पुलिस ने तुंरत कार्यवाही करते हुुए मामला दर्ज कर कार्यवाही शुरू की। जांचकर्ता ने बताया कि मामले में संलिप्त आरोपी को गिरफतार कर लिया है। जिसकी पहचान भोगीराम उर्फ प्रमोद निवासी हिंगोता जिला धौलपुर राज0 के रूप में हुई है। आरोपी का कोविड-19 टैस्ट करवाकर धामलवास आईसोलेशन सैंटर में रखा गया है। | ||||
Rewari News : राजकीय पशु चिकित्सालय बावल में पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना का शुभारंभ Posted: 10 Jul 2020 07:44 AM PDT ग्राम समाचार न्यूज़ : रेवाड़ी : किसानों को खेती के साथ-साथ पशुधन व्यवसाय को बढ़ावा तथा उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करने के उदेश्य से सरकार द्वारा पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू किया गया है, जिनमें पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना (पीकेसीसी) एक महत्वकांक्षी योजना है, जिससे किसान अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाकर आत्मनिर्भर बन सकते हैं। बावल में कैबिनेट मंत्री ने शुक्रवार को राजकीय पशु चिकित्सालय में पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना का शुभारंभ किया। मंत्री बनवारी लाल ने कहा कि पशु किसान क्रेडिट योजना राज्य सरकार द्वारा पशुपालकों को आत्म निर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने पशुपालकों का आहवान किया कि वे इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाएं। योजना के तहत गाय-भैंस के अलावा भेड़-बकरी, सुअर व पोल्ट्री फार्म के लिए बगैर गारंटी के 1.60 लाख रुपए तक के ऋण का प्रावधान किया है। इस अवसर पर उन्होंने किसानों को योजना से संबंधित प्रमाण पत्र वितरित किए। इस मौके पर मंत्री ने चिकित्सालय प्रांगण में पौधारोपण भी किया। उन्होंने योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पशु किसान क्रेडिट कार्ड पशुओं की संख्या के अनुसार जारी किया जाएगा। एक गाय के लिए 40 हजार 783 और भैंस के लिए 60 हजार 249 रुपए का ऋण मिलेगा। भेड़ बकरी के लिए चार हजार 63 सूकर के लिए 16 हजार 337, मुर्गी अंडा देने वाली के लिए 720 तथा मुर्गी ब्रायलर के लिए 161 ऋण का प्रावधान किया गया है। डॉ बनवारी लाल ने कहा कि पशु पालकों को सुविधा जनक तरीके से योजना का लाभ देने के लिए बैंकों को निर्देश दिए गए हैं कि एक लाख 60 हजार रूपये तक बिना गारंंटी के तथा गांरटी के साथ तीन लाख रूपये तक लोन दें। उन्होनें बताया कि पशु किसान के्रडिट कार्ड बनवाने के लिए बैंक की तरफ से केवाईसी के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड, नवीनतम पासपोर्ट फोटो उपलब्ध कराने होंगे। बावल खंड के लिए आयोजित पशु किसान क्रेडिट कार्ड कैंप में बावल उपमंडल के पशु चिकित्सालयों बगथला, बावल, नंगली परसापुर एवं रानोली से पशुपालकों के करीब 1400 आवेदन प्राप्त हुए। इस मौके पर एसडीएम बावल रविन्द्र कुमार, चैयरमेन अमर ङ्क्षसह महलावत, पशु पालन विभाग के उपनिदेशक डॉ नसीब सिंह, एसडीओ डा. सुदर्शन कुमार यादव, डा. शेखर सहित पशुपालन विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे। | ||||
GoddaNews: उपायुक्त के निर्देशानुसार डीपीआरओ द्वारा किया गया कोरोना संक्रमण संबंधित प्रचार प्रसार Posted: 10 Jul 2020 07:39 AM PDT
| ||||
GoddaNews: अनावश्यक घरों से नहीं निकले घरों में रहें सुरक्षित रहे Posted: 10 Jul 2020 07:27 AM PDT ग्राम समाचार गोड्डा, ब्यूरो रिपोर्ट:- उपायुक्त गोड्डा किरण पासी के द्वारा जानकारी दी गई कि तत्कालिक मौसम विभाग के पूर्वानुमान के आधार पर जिले में अगले 2 -3 घंटे मे हल्की बारिश एवं मध्यम दर्जे का मेघगर्जन वर्षा के साथ बज्रपात होने की प्रबल संभावना है अतः जिलेवासियों को अपील की जाती है कि वे अनावश्यक घरों से बाहर नहीं निकले। सुरक्षित रहें एवं अपने परिवार को सुरक्षित रहें| | ||||
Mihijam News (Jamtara) कचड़े की समस्या को लेकर नगर भवन में की गई सर्वदलीय बैठक Posted: 10 Jul 2020 07:25 AM PDT ग्राम समाचार मिहिजाम: नगर भवन मिहिजाम में सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई। जिसमें सभी पार्टी के नेतागण सम्मिलित हुए। जहां नगर परिषद क्षेत्र में व्याप्त कचरा उठाव समस्या तूल पकड़ता जा रहा है। विगत कुछ दिनों से नगर परिषद क्षेत्र में कचरा उठाव बंद पड़ा है। जिससे मिहिजाम के विभिन्न इलाकों में कचरा का अंबार लगता जा रहा है। बारिश होने से नाला भी जाम होती जा रही है। जिससे मिहिजाम वासियों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इन्हीं सभी समस्या के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सर्वदलीय समीक्षा की बैठक की गई, जिससे कि कचरा उठाव को ले ठोस पहल हो सके। बैठक में सभी लोगों ने अपने अपने विचार व्यक्त किए, ताकि कचरा उठाव का उचित निष्पादन हो सके। वही डॉक्टर सिद्धार्थ राय ने बताया की खुले में कचरा फेंकने से विभिन्न प्रकार के समस्या उत्पन्न हो सकती है, जिससे स्वाश, त्वचा आदि संबंधित बीमारी घर कर सकती है। वही समाजसेवी विजय भंडारी ने कहा कि झारखंड आज विकास की गति पर चल रही है। विकास कार्य में बाधा डालने वालों पर नगर परिषद सख्त कदम उठाएंगे। वही कहा कि बैठक में कचड़े को लेकर ठोस कदम उठाने का निर्णय लिया गया है। जिससे कचड़े की समस्य का निष्पादन हो सके। इस अवसर पर नगर परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सभी पार्षद गण, जनप्रतिनिधि गण, नेतागण आदि सभी वार्ड के गणमान्य नागरिक उपस्थित हुए। बैठक में नही पहुचे ये वार्ड पार्षद: सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर की गई सर्वदलीय बैठक में वार्ड संख्या 5 के पार्षद रफीक मिया व वार्ड संख्या 18 के अंकिता राउत मौके पर बैठक में नही पहुचे। जबकि बैठक में सभी वार्ड पार्षदों का आना अनिवार्य किया गया था। वही बताया गया कि वार्ड 18 के पार्षद अंकित राउत किसी निजी काम से देवघर गयी हुई है। रोहित शर्मा, ब्यूरो, जामताड़ा | ||||
Posted: 10 Jul 2020 06:51 AM PDT ग्राम समाचार गोड्डा, ब्यूरो रिपोर्ट:- गोड्डा उपायुक्त के द्वारा बताया गया कि जिले में चलाए जा रहे क्वॉरेंटाइन सेंटर मे कोरोना वायरस से बचाव हेतु संदिग्ध, संक्रमित व्यक्तियों के लिए उपचार, जांच, बेड, रख-रखाव, साफ-सफाई व अन्य मूलभूत सुविधाओं संबंधित क्वॉरेंटाइन सेंटर के पदाधिकारी विशेष ध्यान रखें इसके अलावे क्वारंटाइन सेंटर में उपलब्ध संसाधनों के अलावा चिकित्सा कर्मी, चिकित्सक तथा एम्बूलेंस व कर्मियों की उपस्थिति एवं रोस्टर ड्यूटी के संबंध में जानकारी निरंतर लेते रहे ताकि आवश्यकता पड़ने पर किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। वर्तमान समय में अभी तक जिले में 13 कोरोना पॉजिटिव संक्रमित मरीज सक्रिय पाए गए हैं उनके लिए विशेष ध्यान रखा जाए। के द्वारा निदेश दिए गए कि सभी संबंधित अधिकारी किसी भी प्रतिकूल स्थिति से निपटने हेतु सभी आवश्यक तैयारी को पूर्ण रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर अविलम्ब क्वारंटाईन सेंटर में व्यवस्था बढ़ायी जा सके। क्वारंटाईन सेंटर में स्वास्थ्य सुविधा के साथ भोजन, जलपान, पेयजल की व्यवस्था को भी 24x7 दुरूस्थ रखें, ताकि वहाँ पर रहने वाले लोगों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। लोगों को कोरोना संक्रमण के प्रति करे जागरूक:-उपायुक्त गोड्डा .. उपायुक्त के द्वारा बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पताल एवं स्वास्थ्य केंद्रों में आने वाले मरीजों को भी कोरोना से संबंधित समूचित जानकारी देकर उन्हें जागरूक किया जाए, ताकि अधिक से अधिक लोग जागरूक होकर सतर्क हो सके। लोगों को मास्क पहनने एवं सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करने के लिए भी जागरूक करें। महोदया के द्वारा जिले में मास्क पहनने एवं सोशल डिस्टेंसिंग के अनुपालन करने के लिए लोगों से अपील भी की गई है ताकि कोरोना संक्रमण से बचा जा सके। | ||||
Banka News: जिला पदाधिकारी सुहर्ष भगत की अध्यक्षता में हुई खनिज फाउंडेशन की बैठक Posted: 10 Jul 2020 06:51 AM PDT ग्राम समाचार, बांका। जिला पदाधिकारी सुहर्ष भगत की अध्यक्षता में उनके कार्यालय में जिला खनिज फाउंडेशन, की बैठक आयोजित की गई। जिला खनिज फाउंडेशन के अध्यक्ष जिला पदाधिकारी ही होते हैं एवं सह–अध्यक्ष अपर समाहर्ता, बांका हैं। सदस्य–सचिव खनिज पदाधिकारी, बांका है। सदस्य के रूप में उप विकास आयुक्त बांका, जिला वन पदाधिकारी बांका, सिविल सर्जन बांका, निदेशक जिला ग्रामीण अभिकरण बांका, जिला लेखा पदाधिकारी बांका एवं जिला समन्वय जीविका होते हैं। इस बैठक में सभी पदाधिकारी उपस्थित थे। इस बैठक में अस्पताल को सुविधा युक्त बनाए जाने का निर्णय लिया गया इसके साथ ही सभी सुविधा से युक्त एक एंबुलेंस की खरीदारी का भी निर्णय लिया गया जिसे जनता को समर्पित किया जाएगा। साथ ही चलंत अस्पताल की भी व्यवस्था की जायेगी। इसके अलावे लेमन ग्रास का रोपन एवं उत्पादन पर विशेष चर्चा की गई। | ||||
Posted: 10 Jul 2020 06:44 AM PDT ग्राम समाचार, बांका।जिला पदाधिकारी सुहर्ष भगत की अध्यक्षता में उनके कार्यालय में जिला स्तरीय सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक आयोजित हुई, जिसमें अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम–1989, अधिनियम–1995 के तहत मुआवजा हेतु कुल स्वीकृत 103 मामलों को लेकर बैठक आयोजित की गई। इसके साथ साथ 12 मामले लंबित थे। जिनका वांछित कागजात लंबित रहने के कारण संबंधित पदाधिकारी से 1 सप्ताह के अंदर प्राप्त करने का निर्देश दिया गया। साथ ही विशेष लोक अभियोजन को 1 सप्ताह के अंदर कनविक्शन से संबंधित वर्षवार प्रतिवेदन जिला कल्याण कार्यालय, बांका को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। इसके अलावे भुगतान हेतु लंबित मामलों के लिए अतिरिक्त आवंटन की मांग करने हेतु जिला कल्याण पदाधिकारी, बांका को निर्देशित किया गया है। बैठक में पुलिस अधीक्षक बांका, उप विकास आयुक्त बांका, अपर समाहर्ता बांका, अनुमंडल पदाधिकारी बांका, भूमि सुधार उप समाहर्ता बांका, जिला कल्याण पदाधिकारी बांका, रामदेव यादव विधायक बेलहर, मनोज कुमार एम0एल0सी0 बांका,लोक अभियोजक बांका, जिला अभियोजन पदाधिकारी बांका, विशेष लोक अभियोजक एससी/ एसटी अत्याचार निवारण, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी बांका, रामदास राधानगर अमरपुर, नृपेंद्र दास विजय नगर, बांका, थाना अध्यक्ष बांका उपस्थित थे। |
You are subscribed to email updates from ग्राम समाचार : Gram Samachar. To stop receiving these emails, you may unsubscribe now. | Email delivery powered by Google |
Google, 1600 Amphitheatre Parkway, Mountain View, CA 94043, United States |