प्राइमरी का मास्टर ● इन |
- नई शिक्षा नीति : एक विवि में नहीं होंगे 300 से अधिक सम्बद्ध कॉलेज
- स्कूल परिसर में नहीं बनेंगे सामुदायिक शौचालय
- आकांक्षात्मक जिलों में बनेंगे मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र, 5 करोड़ से तैयार होगा डिजिटल पोर्टल
- फतेहपुर : शिक्षामित्रों और अनुदेशकों का काम नहीं करेंगे लिपिक, जिला समन्वयक (डीसी) को दिया गया कामकाज का जिम्मा
- यूपी बोर्ड : इम्प्रूवमेंट/कंपार्टमेंट के लिए 33 हजार अभ्यर्थियों ने किया आवेदन
- वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों को मानदेय देने का प्रस्ताव नहीं : उप-मुख्यमंत्री
- वर्चुअल स्कूल के रूप में चलेंगे माध्यमिक विद्यालय
- उच्च शिक्षा : शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों का भी होगा सत्यापन, संबंधित बोर्ड को भेजे जाएंगे मामले
- हाथरस : NPS से आच्छादित शिक्षकों/कर्मचारियों के PRAN नंबर आवंटन व कटौती के सम्बन्ध में
नई शिक्षा नीति : एक विवि में नहीं होंगे 300 से अधिक सम्बद्ध कॉलेज Posted: 21 Aug 2020 08:02 PM PDT नई शिक्षा नीति : एक विवि में नहीं होंगे 300 से अधिक सम्बद्ध कॉलेज देश के 17 विश्वविद्यालयों से 500 या इससे अधिक कॉलेज संबद्ध नई दिल्ली : उच्च शिक्षण संस्थानों को स्वायत्तता देने की मुहिम अब और तेज होगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इसे लेकर काम भी शुरू कर दिया है। संबद्ध कॉलेजों को इस मुहिम में फिलहाल सबसे ऊपर रखा गया है। जिन्हें एक चरणबद्ध तरीके से स्वायत्तता दी जाएगी। पहले चरण में विश्वविद्यालयों से कॉलेजों की संबद्धता को धीरे-धीरे खत्म किया जाएगा। इसके तहत अब विश्वविद्यालय से सिर्फ तीन सौ कॉलेज ही संबद्ध हो सकेंगे। मौजूदा समय में बड़ी संख्या में ऐसे भी विश्वविद्यालय हैं जिनसे करीब सात सौ कॉलेज संबद्ध हैं। देश में फिलहाल 40 हजार से ज्यादा कॉलेज हैं। यूजीसी ने यह पहल नई शिक्षा नीति में विश्वविद्यालयों से कॉलेजों की संबद्धता पर उठाए गए सवालों के बाद की है। नीति में अगले 15 साल में संबद्धता की पूरी प्रणाली को खत्म करने का प्रस्ताव किया गया है। हालांकि इसे एक चरणबद्ध तरीके से खत्म करने का सुझाव दिया गया है। इसके तहत विश्वविद्यालयों को जबावदेही देने का भी प्रस्ताव किया गया है ताकि वे संबद्ध कॉलेजों को अकादमिक, प्रशासनिक, पाठयक्रम संबंधी मामलों में न्यूनतम मापदंड, वित्तीय मजबूती, शिक्षण और मूल्यांकन आदि मापदंड पर तैयार कर सकें। कॉलेजों के लिए इन मापदंडों को पूरा करना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि स्वायत्तता के लिए ये आवश्यक हैं। देश के 17 विश्वविद्यालयों से 500 या इससे अधिक कॉलेज संबद्ध ● छत्रपति साहूजी महाराज कानपुर विश्वविद्यालय से 1,276 कॉलेज संबद्ध थे और करीब 15 लाख छात्र अध्ययनरत ● राजस्थान विश्वविद्यालय से 792 कॉलेज संबद्ध थे ● गुलबर्गा विश्वविद्यालय में कुल 345 कॉलेज थे, जिसे दो भागों में बांटा गया। एक हिस्से में 200 और दूसरे में 145 कॉलेज संबद्ध रहे। ● अगले 15 साल में चरणबद्ध तरीके से पूरी तरह खत्म होगी संबद्धता प्रणाली ● संबद्ध कॉलेजों को स्वायत्तता मानदंडों के अनुरूप तैयार करेंगे विवि नैक रैंकिंग पर मिलती है स्वायत्तता मौजूदा समय में किसी भी संस्थान को स्वायत्तता उसकी राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) की रैकिंग के आधार पर प्रदान की जाती है। यह रैंकिंग संस्थान की अकादमिक, प्रशासनिक, वित्तीय मजबूती और शिक्षण आदि क्षमता के आकलन के आधार पर प्रदान की जाती है। स्वायत्तता का अर्थ कुछ भी करने की आजादी नहीं स्वायत्तता को लेकर तेज हुई मुहिम में मंत्रलय ने यह भी साफ किया है कि इस स्वायत्तता का मतलब कुछ भी करने की स्वतंत्रता नहीं है, बल्कि नियमों के दायरे में रहकर ही काम करना होगा। मंत्रलय के मुताबिक, पिछले कुछ साल में करीब आठ हजार कॉलेजों को स्वायत्तता दी गई है। बाकी कॉलेजों को भी स्वायत्तता देने के लिए वह चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ेंगे। संबद्धता से अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाता संस्थान विश्वविद्यालय से तीन सौ कॉलेजों को ही संबद्ध करने के पीछे उद्देश्य यह है कि विश्वविद्यालय इतने कॉलेजों को सक्षम बनाने में आसानी से मार्गदर्शन कर सकेंगे। मंत्रलय से जुड़े अधिकारियों का मानना है कि संबद्धता से कोई भी संस्थान अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाता और न ही गुणवत्ता पर उसका कोई ध्यान रहता है। यूजीसी के मुताबिक देश में विश्वविद्यालयों की संख्या ● राज्य विश्वविद्यालय - 412 ● डीम्ड विश्वविद्यालय - 124 ● केंद्रीय विश्वविद्यालय - 53 ● निजी विश्वविद्यालय - 361 ● कुल विश्वविद्यालय - 950 ● देश में कुल कॉलेज -39,931 |
स्कूल परिसर में नहीं बनेंगे सामुदायिक शौचालय Posted: 21 Aug 2020 07:51 PM PDT स्कूल परिसर में नहीं बनेंगे सामुदायिक शौचालय प्रयागराज : ऑपरेशन कायाकल्प के तहत कई स्कूल परिसरों में शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है। इन शौचालयों का प्रयोग स्कूल के विद्यार्थी, शिक्षक और कर्मचारी ही कर सकेंगे। किसी भी हाल में बाहर का व्यक्ति इनका प्रयोग नहीं करेगा। अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार की तरफ से सभी जिलाधिकारियों और बेसिक शिक्षाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा गया है कि कई जनपदों में विद्यालय परिसर में सामुदायिक शौचालयों के निर्माण की जानकारी मिली है। यह आपत्तिजनक है। किसी भी विद्यालय परिसर में सिर्फ विद्यार्थियों, शिक्षकों और वहां के कर्मचारियों के लिए शौचालय का निर्माण कराया जा सकता है। पूरे गांव के प्रयोग के लिए बनने वाले सामुदायिक शौचालयों से विद्यार्थियों व शिक्षकों को असुविधा होगी। विद्यालय बंद होने के बाद गांव के लोग भी उसका प्रयोग नहीं कर सकेंगे। अत: किसी भी हाल में परिषदीय विद्यालय परिसर में उपलब्ध जमीन का प्रयोग सामुदायिक शौचालय के निर्माण के लिए न किया जाए। इस संबंध में बेसिक शिक्षाधिकारी संजय कुशवाहा ने बताया कि जिलाधिकारी की तरफ से नगर आयुक्त, जिला पंचायत राज अधिकारी को पत्र जारी कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि शासन के आदेश का अनुपालन करते हुए किसी भी हालत में परिषदीय विद्यालयों में सार्वजनिक शौचालय न बनवाए जाएं। |
आकांक्षात्मक जिलों में बनेंगे मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र, 5 करोड़ से तैयार होगा डिजिटल पोर्टल Posted: 21 Aug 2020 07:38 PM PDT आकांक्षात्मक जिलों में बनेंगे मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र, 5 करोड़ से तैयार होगा डिजिटल पोर्टल लखनऊ। आकांक्षात्मक जिलों में पोषण कार्यक्रम को और प्रभावी बनाया जाएगा। सभी 8 जिलों में दो- दो आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल के रूप में विकसित किया जायेगा। इन केंद्रों में लाभार्थियों को एनीमिया मुक्त करने के लिए जहां विशेष अभियान चलाया जाएगा, वहीं उनका बजन व लंबाई आदि की मॉनीटरिंग के लिए आधुनिक तकनीक आधारित डिवाइस भी लगाए जाएंगी। इसके अलावा मॉडल आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका भी बनायी जाएगी। दरअसल, आकांक्षात्मक जिलों में शामिल चंदौली, सोनभद्र, मिर्जापुर श्रावस्ती, बहराइच, बलरामपुर सिद्धार्थगर व चित्रकूट में पोषण कार्यक्रमों की स्थिति काफी खराब पाई गई है। इसके मद्देनजर ही राज्य पोषण मिशन ने इन सभी 8 जिलों के उन आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल के रूप में विकसित करने का फैसला किया है जिन क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर अधिक काम करने की जरूरत हैं। इसी कड़ी में फिर पोषण का विशेष अभियान भी चलाया जाएगा। जिसके सभी आकांक्षात्मक जिलों चलाये जाने वाले पोषण अभियान के अंतर्गत पोषण सेवाओं के लिए 5.3 करोड़ रुपये की लागत से एकीकृत तहत गर्भवती ब धात्री महिलाओं, 6 साल तक के बच्चों, 14 से 19 साल तक की किशोरियों और 10 से 49 वर्ष तक महिलाओं को एनिमिया मुक्त करने व उनके स्वास्थ्य एवं पोषण के उपाय किये जाएंगे। 5 करोड़ से तैयार होगा एकीकृत डिजिटल पोर्टल डिजिटल पोर्टल भी तैयार किया जाएगा। इसके अलाव प्रदेश के सभी 21005 एएनएम सेंटरों पर सुपोषण स्वास्थ्य मेलों का भी आयोजन किया जाएगा। इसके लिए भी 6.30 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा। प्रस्ताव को भी अनुमोदन प्रदान किया। |
Posted: 21 Aug 2020 06:43 PM PDT फतेहपुर : शिक्षामित्रों और अनुदेशकों का काम नहीं करेंगे लिपिक, जिला समन्वयक (डीसी) को दिया गया कामकाज का जिम्मा। फतेहपुर : बेसिक शिक्षा में तैनाती पाए अनुदेशकों और शिक्षामित्रों तथा अनुबंध पर काम करने वाले संविदा कर्मियों की सेवाओं का कामकाज लिपिक नहीं करेंगे। इन कर्मियों के कामकाज का जिम्मा अब जिला समन्वयक (डीसी) को दिया गया है। सेवा विस्तार सहित तमाम नामों का संपादन डीसी करेंगे साथ ही महानिदेशक ने चेतावनी दी है कि कामों में आई खामियां भविष्य में नहीं दिखनी चाहिए। अनुदेशकों और संविदा पर काम करने वाले कर्मियों का हर साल रिन्यूअल होता है, इसके साथ ही शिक्षामित्रों से जुड़े तमाम कामों को बेसिक शिक्षा में लिपिक निपटाते आए हैं। सालों साल की व्यवस्था में विराम लगा दिया गया है। अब यह सारा काम जिला समन्वयक से बेसिक शिक्षा अधिकारी कराएंगे। विभाग में लिपिकों की भारी कमी है। कई कई पटल लिपिक संभाल रहे हैं। जिससे निर्धारित अवधि में काम न होने से परेशानी होती है। शिक्षा महानिदेशक द्वारा बदलाव किया गया है। जिसका अनुपालन कराया जाएगा । जिससे कि शासन की मंशा साकार हो सके और समयबद्ध तरीके से काम का संपादन हो सके। शिवेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए |
यूपी बोर्ड : इम्प्रूवमेंट/कंपार्टमेंट के लिए 33 हजार अभ्यर्थियों ने किया आवेदन Posted: 21 Aug 2020 04:35 PM PDT यूपी बोर्ड : इम्प्रूवमेंट/कंपार्टमेंट के लिए 33 हजार अभ्यर्थियों ने किया आवेदन। प्रयागराज : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए 33344 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया है। एक विषय में फेल इंटर के छात्र छात्राओं के लिए इस वर्ष से पहली बार कम्पार्टमेंट की सुविधा शुरू की गई है। 27 जून को घोषित परिणाम में 12वीं के 35017 छात्र-छात्राएं एक विषय में असफल थे। इनमें से 17505 ने ही कम्पार्टमेंट परीक्षा के लिए आवेदन किया है। वहीं हाईस्कूल के 15839 छात्र-छात्राओं ने इम्प्रूवमेंट और कम्पार्टमेंट के लिए आवेदन किया है। इसकी परीक्षा तिथि अभी तय नहीं है और कोरोना को देखते हुए इसमें समय लग सकता है। 10वीं के आंतरिक मूल्यांकन और 12वीं के प्रयोगात्मक परीक्षा की तारीख की सूचना भी बाद में दी जाएगी। हाई स्कूल में एक विषय में 327663 परीक्षार्थी फेल हैं जबकि 771 बच्चे दो विषयों में फेल है। हाई स्कूल में एक विषय में फेल अभ्यर्थी इम्प्रूवमेंट और दो विषय में फेल परीक्षार्थी कम्पार्टमेंट के लिए आवेदन करते हैं। दो में से एक विषय में कम्पार्टमेंट देकर पास होने पर ही 10वीं के छात्रों को पास का प्रमाणपत्र जारी होता है। एक विषय में फेल अभ्यर्थी को पास कर दिया जाता है इसलिए यह उनकी इच्छा पर है कि इम्प्रूवमेंट की परीक्षा दें या नहीं। हालांकि इसके बावजूद हाईस्कूल के 15 हजार से अधिक छात्र छात्राओं ने इम्प्रूवमेंट के लिए आवेदन किया है। यूपी बोर्ड ने 5 से 20 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन लिए हैं। ▪️इंटर में पहली बार मिली कम्पार्टमेंट की सुविधा, 17505 ने भरा फॉर्म ▪️हाईस्कूल में इम्प्रूवमेंट/कम्पार्टमेंट के 15839 छात्रों ने किया आवेदन |
वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों को मानदेय देने का प्रस्ताव नहीं : उप-मुख्यमंत्री Posted: 21 Aug 2020 04:08 PM PDT वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों को मानदेय देने का प्रस्ताव नहीं : उप-मुख्यमंत्री। लखनऊ : विधान परिषद में उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने बताया कि वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों के मानदेय भुगतान के लिए प्रदेश सरकार ने इन विद्यालयों को एक-एक माह की फीस लेने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सरकार द्वारा वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों को मानदेय देने का कोई प्रस्ताव नहीं है। शून्य प्रहर में शिक्षक दल के सुरेश कुमार त्रिपाठी और सपा के मधुकर जेटली की वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों को मानदेय दिलाये जाने के संबंध में कार्यस्थगन सूचना के जवाब में दी। उन्होंने कहा कि विद्यालयों से इस साल फीस न बढ़ाने और परिवहन शुल्क न लेने के लिए कहा गया है। निर्दलीय समूह के राज बहादुर सिंह चंदेल ने कानपुर नगर के लल्लू प्रसाद इंटर कालेज की प्रबन्ध समिति द्वारा गंभीर वित्तीय अनियमितता किये जाने का मामला उठाया। अधिष्ठाता ने कार्यस्थगन सूचना अस्वीकार कर दी। |
वर्चुअल स्कूल के रूप में चलेंगे माध्यमिक विद्यालय Posted: 21 Aug 2020 04:00 PM PDT वर्चुअल स्कूल के रूप में चलेंगे माध्यमिक विद्यालय। लखनऊ : शासन ने वर्चुअल स्कूल के लिए तय की समय-सारिणी आनलाइन शिक्षण कार्य के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद के अधिकारियों को सौंपी जिम्मेदारी प्रमुख संवाददाता-राज्य मुख्यालय शासन ने माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित विद्यालयों में लॉक डाउन की अवधि में वर्चुअल स्कूल एवं ई-ज्ञान गंगा के माध्यम से पठन-पाठन शुरू कराने की समय-सारणी जारी कर दी है। इस तरह माध्यमिक विद्यालयों का संचालन अब वर्चुअल स्कूल के रूप में किया जाएगा। जिलाधिकारियों को इस पूरी व्यवस्था की निगरानी करने की जिम्मेदारी दी गई है। दूरदर्शन यूपी एवं स्वयंप्रभा चैनल-22 पर होगा प्रसारण प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने शुक्रवार को इस संबंध में शासनादेश जारी किया। इसमें वर्चुअल स्कूल के संचालन के लिए परिषद के अधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही कहा गया है कि पूरे प्रदेश में पूर्व निर्धारित समय-सारिणी के अनुसार कक्षावार-विषयवार शैक्षणिक वीडियोज का प्रसारण एवं आनलाइन अध्ययन सुनिश्चित किया जाएगा। प्रोजेक्ट ई-ज्ञान गंगा के तहत पाठन पाठन के लिए कक्षावार-विषयवार लेक्चर्स, वीडियोज के माध्यम से पढ़ाए जाएंगे। वीडियोज का प्रसारण निर्धारित समय-सारिणी के अनुसार दूरदर्शन यूपी एवं स्वयंप्रभा चैनल-22 पर किया जाएगा। कक्षावार प्रसारण का समय तय समय-सारिणी के अनुसार दूरदर्शन यूपी पर कक्षा 10 एवं 12 के लिए सोमवार से शुक्रवार तक प्रसारण होगा। इसमें अपराह्न एक बजे से दो बजे तक, अपराह्न 2.30 बजे से 3 बजे तक, अपराह्न 3.30 बजे से शाम 5 बजे तक तथा शाम 5.30 बजे से शाम 6.30 बजे तक होगा। इसी तरह स्वयं प्रभा चैनल-22 पर कक्षा 9 एवं 11 के लिए सोमवार से शुक्रवार तक प्रसारण होगा। इसमें पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न एक बजे तक तथा अपराह्न 4.30 बजे से शाम 6.30 बजे तक प्रसारण किया जाएगा। शासनादेश में कहा गया है कि दूरदर्शन यूपी और स्वयंप्रभा चैनल-22 पर प्रसारित होने वाले शैक्षणिक वीडियो माध्यमिक शिक्षा विभाग के यू-ट्यूब चैनल पर भी अपलोड किया जाए। प्रत्येक शनिवार को शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान व्हाट्सअप अथवा फोन द्वारा किया जाएगा। प्रत्येक सप्ताह में शनिवार को महत्वपूर्ण विषयों के वीडियो पुन: प्रसारित किए जाएंगे। विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं के समाधान के लिए विद्यालय स्तर पर विषयवार शिक्षकों के मोबाइल नंबर छात्रों को उपलब्ध कराए जाएंगे। ऐसे विद्यार्थी जिनके पास टेलीविजन तथा आनलाइन शिक्षा के लिए कोई व्यवस्था नहीं है, उनके लिए दूरस्थ शिक्षा से संबंधित पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराई जाए। माह के अंत में होगा मूल्यांकन स्वयंप्रभा चैनल और दूरदर्शन के माध्यम से प्रत्येक माह के अंत में मूल्यांकन के लिए प्रश्न प्रसारित किए जाएंगे। इन प्रसारित प्रश्नों के उत्तर व्हाट्सअप के माध्यम से शिक्षकों को भेजे जाएंगे। ऐसे विद्यार्थी जो व्हाट्सअप के माध्यम से उत्तर नहीं भेज सकते उनके लिए विद्यालय में कक्षावार ड्रापबाक्स की व्यवस्था की जाएगी। पठन-पाठन की मानीटरिंग के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा 10-12 विद्यालयों पर एक नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा। जिला स्तर पर मॉनीटरिंग के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक के निर्देशन में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा। |
उच्च शिक्षा : शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों का भी होगा सत्यापन, संबंधित बोर्ड को भेजे जाएंगे मामले Posted: 21 Aug 2020 03:52 PM PDT उच्च शिक्षा : शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों का भी होगा सत्यापन, संबंधित बोर्ड को भेजे जाएंगे मामले। उच्च शिक्षा : उत्तर प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालयों, राजकीय महाविद्यालयों व सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में पढ़ा रहे शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों का संबंधित परीक्षा बोर्ड व विश्वविद्यालय से सत्यापन कराया जाएगा। शासन ने सत्यापन कराने की जिम्मेदारी उन शिक्षण संस्थाओं पर ही डाल दी है, जहां शिक्षक कार्यरत हैं। शासन के आदेश पर क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले राज्य विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों और राजकीय व सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के प्राचार्यों को इसके लिए पत्र लिखा है। उनसे कहा गया है कि वे अपने यहां कार्यरत शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन उन बोर्डों या विश्वविद्यालयों से करा लें, जहां वे जारी किए गए हैं। इससे पहले शासन के आदेश पर सभी जिलों में गठित जांच कमेटी ने शिक्षकों का भौतिक सत्यापन करने के साथ-साथ उनके सेवा संबंधी अभिलेखों एवं शैक्षिक अभिलेखों की जांच की थी। इसके तहत सभी अभिलेखों की मूल प्रतियों का मिलान किया गया था। अभी तक विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के शिक्षकों के अकपंत्रों या प्रमाणपत्रों का सत्यापन, उन्हें जारी करने वाले बोर्ड या विश्वविद्यालय से नहीं कराया जाता था। |
हाथरस : NPS से आच्छादित शिक्षकों/कर्मचारियों के PRAN नंबर आवंटन व कटौती के सम्बन्ध में Posted: 21 Aug 2020 06:04 AM PDT |
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