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Friday, September 25, 2020

बेसिक शिक्षा न्यूज़ । Basic Shiksha News

बेसिक शिक्षा न्यूज़ । Basic Shiksha News

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CIRCULAR, DAY : दिनांक 01 अक्टूबर को अन्तर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस मनाये जाने के सम्बन्ध में।

Posted: 25 Sep 2020 10:49 AM PDT

CIRCULAR, DAY : दिनांक 01 अक्टूबर को अन्तर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस मनाये जाने के सम्बन्ध में।

CIRCULAR, ONLINE, CHILDREN, SCHOOL : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर राष्ट्रीय अध्यापक परिषद, नई दिल्ली द्वारा आयोजित Online Photography Contest for School Children कक्षा 1-5, 6-8 के बच्चों द्वारा विद्यालय के माध्यम से प्रतिभाग कराने के संबंध में।

Posted: 25 Sep 2020 10:47 AM PDT

CIRCULAR, ONLINE, CHILDREN, SCHOOL : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर राष्ट्रीय अध्यापक परिषद, नई दिल्ली द्वारा आयोजित Online Photography Contest for School Children कक्षा 1-5, 6-8 के बच्चों द्वारा विद्यालय के माध्यम से प्रतिभाग कराने के संबंध में।



CIRCULAR, ONLINE : निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 32 के अन्तर्गत शिकायतों के निराकरण हेतु वेबिनार के माध्यम से संवाद करने के सम्बन्ध में।

Posted: 25 Sep 2020 10:45 AM PDT

CIRCULAR, ONLINE : निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 32 के अन्तर्गत शिकायतों के निराकरण हेतु वेबिनार के माध्यम से संवाद करने के सम्बन्ध में।

CIRCULAR, SCHOLARSHIP : वित्तीय वर्ष 2020-21 से छात्रवृत्ति/पेंशन योजनान्तर्गत लाभार्थियों के आधार प्रमाणीकरण के कम में आधार कार्ड अपडेशन की कार्यवाही विभिन्न कैम्पों के माध्यम से किये जाने के सम्बन्ध में।

Posted: 25 Sep 2020 10:42 AM PDT

CIRCULAR, SCHOLARSHIP : वित्तीय वर्ष 2020-21 से छात्रवृत्ति/पेंशन योजनान्तर्गत लाभार्थियों के आधार प्रमाणीकरण के कम में आधार कार्ड अपडेशन की कार्यवाही विभिन्न कैम्पों के माध्यम से किये जाने के सम्बन्ध में।



SHIKSHAK BHARTI : 69000 शिक्षक भर्ती पिछड़ा वर्ग आयोग सख्त, अगली सुनवाई 01 अक्टूबर को

Posted: 24 Sep 2020 09:40 PM PDT

SHIKSHAK BHARTI : 69000 शिक्षक भर्ती पिछड़ा वर्ग आयोग सख्त, अगली सुनवाई 01 अक्टूबर को

 
69000 सहायक शिक्षक भर्ती को लेकर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में गुरुवार को सुनवाई हुई। इसमें बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी गुरुवार को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती की शैक्षिक वर्ग वार गुणांक सहित मूल चयन सूची उपलब्ध नहीं करा पाए। 


वहीं दूसरी तरफ आयोग में अधिकारी यह भी नहीं बता पाए कियह भर्ती प्रदेश स्तर की है या जिला स्तर की? आयोग ने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से स्पष्ट रूप से कहा कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में किस प्रकार से ओबीसी अभ्यर्थियों को 27 फीसदी आरक्षण दिया गया है और किस प्रकार एमआरसी लगाई गई है। साथ ही ओवरलैपिंग के नियमों का पालन किया गया है। इसका हमें एक हलफनामा प्रस्तुत कीजिए। 



आयोग ने स्पष्ट कहा कि 7 जुलाई से पूरी 69000 भर्ती पर रोक है यदि भर्ती हुई तो आयोग की तरफ से अधिकारियों के खिलाफ संवैधानिक कार्यवाही होगी और दंड भी दिया जाएगा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने अधिकारियों की बात को स्वीकार करते हुए सरकार को समय देते हुए अगली अंतिम तारीख एक अक्तूबर लगा दी। 


सरकार की तरफ से आयोग में पक्ष रखने वालों में संयुक्त शिक्षा निदेशक गणेश कुमार, बेसिक शिक्षा सचिव पी एस बघेल एवं परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण उपस्थित थे, आयोग में अन्य पिछड़ा वर्ग की की तरफ से शिकायत कर्ताओं के रूप में मनोज प्रजापति, सौरव यादव ,रविंद्र बघेल, सुनीता दक्ष, प्रतिभा यादव ,आशीष यादव, लोहा सिंह पटेल, सुशील कश्यप, विजय यादव , शक्ति सिंह, रामविलास यादव, रविंद्र कुशवाहा, अमन बर्मा, रवि निषाद, पीयूष पटेल , कृष्ण कुमार आदि उपस्थित थे।


ALLAHABAD HIGHCOURT, SHIKSHAK BHARTI : 68500 शिक्षक भर्ती पुनर्मूल्यांकन में सफल अभ्यर्थियों को काउंसलिंग में न बुलाने पर कोर्ट सख्त, बेसिक शिक्षा निदेशक को तलब करने की चेतावनी

Posted: 24 Sep 2020 09:38 PM PDT

ALLAHABAD HIGHCOURT, SHIKSHAK BHARTI : 68500 शिक्षक भर्ती पुनर्मूल्यांकन में सफल अभ्यर्थियों को काउंसलिंग में न बुलाने पर कोर्ट सख्त, बेसिक शिक्षा निदेशक को तलब करने की चेतावनी

 
प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में 68500 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा के पुनमरूल्यांकन में सफल अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग न होने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। कई बार समय देने के बावजूद आदेश का पालन न करने पर कोर्ट ने अंतिम अवसर देते हुए सख्त चेतावनी दी है, साथ ही कहा है कि यदि आदेश का पालन नहीं किया गया तो बेसिक शिक्षा निदेशक के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया जाएगा।


यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने नेहा परवीन की याचिका पर दिया है। अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी। याची का कहना है कि कोर्ट आदेश से पुनमरूल्यांकन में उसका एक अंक बढ़ाया गया है। इससे वह काउंसिलिंग के लिए बुलाने की हकदार हो गयी हैं। इस पर कोर्ट ने 30 जुलाई को याची को काउंसिलिंग के लिए बुलाने का आदेश दिया था। पालन न करने पर कोर्ट ने दो सितंबर को पुन: आदेश का पालन करने या इसका पालन न करने का कारण बताने का निर्देश देते हुए जवाब मांगा था। लेकिन, न तो जवाब दिया न ही आदेश का पालन किया गया। गुरुवार को सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने बताया कि अधिकारी से वार्ता न हो पाने से आदेश का पालन नहीं किया जा सका है। इस पर कोर्ट ने आदेश के पालन का अंतिम अवसर दिया है।

SHIKSHA NEETI, VACANCY, TEACHER : राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत राज्यों को भरने होंगे शिक्षकों के खाली पद, देश में शिक्षकों के 10 लाख से ज्यादा पद खाली

Posted: 24 Sep 2020 09:38 PM PDT

SHIKSHA NEETI, VACANCY, TEACHER : राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत राज्यों को भरने होंगे शिक्षकों के खाली पद, देश में शिक्षकों के 10 लाख से ज्यादा पद खाली


नीति पर अमल के शुरुआती दौर में ही इन्हें भरने की सिफारिश


राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत राज्यों को भरने होंगे शिक्षकों के खाली पद, जानें कहां कितने पद हैं खाली


 
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल में जुटे राज्यों को सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के खाली पड़े पदों को भी भरना होगा। योजना की शुरुआत में ही इस लक्ष्य को हासिल करने की सिफारिश की गई है। हालांकि, राज्यों के लिए यह एक कठिन लक्ष्य है। इसके बावजूद इस नीति में शिक्षकों के खाली पदों को समयबद्ध तरीके से जल्द-से-जल्द भरने पर जोर दिया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को तेजी से आगे बढ़ाने में जुटा शिक्षा मंत्रलय भी इस पर पूरी नजरें लगाए हुए है। फिलहाल राज्यों से शिक्षकों के खाली पदों का ब्योरा जुटाया गया है।



राज्यों से जुटाए गए इस ब्योरे के अनुसार, देश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के 10 लाख से ज्यादा पद खाली हैं। शिक्षकों के सबसे ज्यादा खाली पद उत्तर प्रदेश और बिहार में हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के कुल स्वीकृत पद करीब 7.52 लाख हैं। इनमें से 2.17 लाख पद खाली है। वहीं बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के कुल स्वीकृत पद 6.88 लाख हैं। इनमें 2.75 लाख पद खाली हैं। ऐसी ही स्थिति मध्य प्रदेश, बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों की भी है, जहां शिक्षकों के हजारों पद खाली पड़े हैं।


नीति पर अमल के शुरुआती दौर में ही इन्हें भरने की सिफारिश

खास बात यह है कि हाल ही में आई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्कूलों में शिक्षकों के खाली पड़े पदों को लेकर चिंता जताई गई है। इसके क्रियान्वयन की जो रूपरेखा तय की गई है, उनमें नीति के अमल की शुरुआत में ही शिक्षकों के खाली पदों को भरने की सिफारिश की गई है। इसके लिए राज्यों को एक समयबद्ध योजना बनाने का प्रस्ताव किया गया है। साथ ही कहा गया है कि प्रत्येक स्कूल में छात्र- शिक्षक के अनुपात को ठीक करने की जरूरत है। इसके तहत प्रत्येक 30 छात्र पर एक शिक्षक का होना जरूरी है।


वहीं सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित बच्चों की अधिकता वाले क्षेत्रों में प्रत्येक 25 बच्चों पर एक शिक्षक रखने को कहा गया है।शिक्षा मंत्रालय भी नीति के अमल के पहले दौर में ही राज्यों से शिक्षकों की कमी को खत्म करने को लेकर बातचीत की तैयारी में है। इसे लेकर तैयारी चल रही है। आने वाले दिनों में राज्यों से इसे लेकर प्लान मांगा जा सकता है। 


प्रमुख राज्य और शिक्षकों के खाली पदों की संख्या 
बिहार --2.75 लाख
उत्तर प्रदेश--2.17 लाख 
झारखंड --95 हजार 
मध्य प्रदेश--91 हजार 
बंगाल- -72 हजार 
राजस्थान- 47 हजार 
छत्तीसगढ़- 51 हजार 
आंध्र प्रदेश- 34 हजार 
उत्तराखंड- 18 हजार 

प्रयागराज : पीसीएस में भी सवाल बनी शिक्षित बेरोजगारी

Posted: 24 Sep 2020 07:01 PM PDT

प्रयागराज : पीसीएस में भी सवाल बनी शिक्षित बेरोजगारी
  
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी का मुद्दा छाया हुआ है। पीसीएस 2019 की मुख्य परीक्षा में भी शिक्षित बेरोजगारी सवाल बनी। बृहस्पतिवार को दूसरी पाली में आयोजित सामान्य अध्ययन के तीसरे प्रश्रपत्र में उत्तर प्रदेश में शिक्षित बेरोजगारी के मुद्दे की आलोचनात्मक व्याख्यान करने के लिए कहा गया। हालांकि, इस प्रश्नपत्र में कृषि एवं प्रौद्योगिकी से जुड़े कई सवाल पूछ गए। वहीं, दूसरी पाली में आयोजित चौथे प्रश्नपत्र की परीक्षा में ज्यादातर सवाल बतौर लोक सेवक अभ्यर्थियों की योग्यता को आंकने वाले रहे। बृहस्पतिवार को 24 अभ्यर्थियों ने परीक्षा छोड़ दी। उपस्थिति अभ्यर्थियों की कुल संख्या 4732 रही।पहली पाली में सामान्य अध्ययन का तृतीय प्रश्रपत्र और दूसरी पलाी में चतुर्थ प्रश्रपत्र की परीक्षा आयोजित की गई। चौथे प्रश्रपत्र में एक सवाल था, 'आप पीसीएस अधिकारी बनने की कोशिश कर रहे हैं और विभिन्न चरणों को पार कर व्यक्तिगत साक्षात्कार हेतु अर्ह हो गए हैं। साक्षात्कार के लिए जाते समय रास्ते में आपने देखा कि बुजुर्ग व्यक्ति अपनी पोती के साथ कहीं जा रहा है। अचानक उसे आपके सामने दिल का दौरा पड़ता है और बुजुर्ग की पोती आपसे से सहायता की पुकार करती है। ऐसी दशा में आप क्या करेंगे? विस्तृत चर्चा कीजिए।'विशेषज्ञों के मुताबिक बतौर लोक सेवक अभ्यर्थियों की योग्यता और उनके निर्णय लेने की क्षमता को परखने के लिए चौथे प्रश्रपत्र में कई सवाल पूछे गए। लोक सेवक की नैतिक जिम्मेदारियां, लोकहित एवं सूचना का अधिकार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखने को कहा गया।साथ ही सिविल सेवा के संदर्भ में 'पारदर्शकता', 'जवाबदेही' एवं 'दृढ़ विश्वास का साहस' की प्रासंगिकता का परीक्षण करने को कहा गया। इसके आलवा कार्ल माक्र्स के सामाजिक एवं राजनीतिक विचारों की समकालीन लोकसेवा में भूमिका की परीक्षा करने को कहा गया। यह सवाल भी आया कि सार्वजनिक जीवन के सिद्धांत क्या हैं? क्या ये सिविल सेवकों के लिए आचार संहिता है। इसके अलावा पूछा गया, 'नीतिशास्त्र क्या है? मानव जीवन में इसकी भूमिका की विवेचना कीजिए।' यह सवाल भी आया कि नैतिक मूल्यों के सुदृढ़ीकरण की क्या प्रक्रिया है? क्या नैतिक मूल्यों के सुदृढ़ीकरण से चरित्र निर्माण में सहायता प्राप्त होती है। इसके अलावा धार्मिक कट्टरता से संबंधित एक सवाल भी पूछा गया।पहली पाली में आयोजित सामान्य अध्ययन का तीसरा प्रश्रपत्र प्रौद्योगिकी, उद्योग और कृषि पर आधारित रहा। साथ ही अन्य समसामयिक मुद्दों से जुड़े कुछ सवाल भी पूछे गए। मसलन, 'राष्ट्रीय शक्ति की वृद्धि में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका उदाहरण सहित समझाइए', 'लघु एवं सीमांत किसानों पर हरित क्रांति के प्रभावों की व्याख्यान करें।', ' नई औद्योगिक नीति में नया क्या है? इस संदर्भ में नई औद्योगिक नीति की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए और औद्योगिक विकास पर इसके प्रभाव की व्याख्या कीजिए।', 'भारत में कृषि विपणन सुधारों का संक्षिप्त मूल्यांकन कीजिए। क्या वे समुचित हैं।',
'प्रौद्योगिकी स्भानांतरण से आप क्या समझते हैं। यह जटिल प्रौद्योगिकी के प्रसार में कैसे सहायक हो सकती है?' इसके अलावा सवाला आया, 'आंतरिक सुरक्षा के प्रति खतर के रूप में भ्रष्टाचार की विवेचन कीजिए।', ' डिजिटल अधिकार क्या होते हैं? इनके उद्देश्यों की विवेचना कीजिए।', सोशल मीडिया को राष्ट्रीय सुरक्षा संवर्धन के एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में किस तरह उपयोग में लाया जा सकता है? समझाइए।'
'दोनों पेपर संतुलित और आसान थे। तृतीय प्रश्नपत्र में सोशल मीडिया और डिजिटल इकोनॉमी से जुड़े सवाल आए। उद्योग और कृषि आधारित सवाल भी पूछे गए। वहीं, नीतिशास्त्र पर आधारित चौथे प्रश्नपत्र में भी परंपरागत रूप से सवाल पूछे गए। जिस अभ्यर्थी ने अच्छे से अभ्यास किया होगा और सामसामयिक घटनाक्रम का ठीक से अभ्यास किया होगा, उन्होंने आसानी से पेपर हल कर लिया होगा।' -अभिषेक उपाध्याय, सेंटर हेड, निर्माण आईएएस

प्रयागराज : यूपी घर के बाहर हर नागरिक के लिए अब अनिवार्य है मास्क पहनना, इलाहाबाद हाईकोर्ट का निर्देश

Posted: 24 Sep 2020 07:00 PM PDT

प्रयागराज : यूपी घर के बाहर हर नागरिक के लिए अब अनिवार्य है मास्क पहनना, इलाहाबाद हाईकोर्ट का निर्देश

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज कोरोना वायरस का संक्रमण थमता न देखकर हाईकोर्ट ने पूरे प्रदेश में लोगों का मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि प्रदेश में कोई भी नागरिक घर से बाहर बिना मास्क के दिखाई नहीं देना चाहिए। घर से बाहर निकलने वाला हर व्यक्ति यह सुनिश्चित करे कि उसका मुंह और नाक ढंका हो। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले पर मौजूदा कानून के तहत ही कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाए।कोर्ट ने आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए हर जिले के प्रत्येक थाने में एक टास्क फोर्स गठित करने का निर्देश दिया है, जिसमें मौजूदा से ज्यादा संख्या में पुलिसकर्मी रखे जाएं।अदालत ने प्रशासन और पुलिस को इस बात के लिए भी आगाह किया है कि वह मास्क पहनना सुनिश्चित करने की नाकामी जनता पर नहीं थोप सकेंगे। कोरोना संक्रमण की रोक थाम के प्रयासों की मॉनिटरिंग कर रही न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजीत कुमार की पीठ ने कहा कि लोगों को यह समझना होगा कि मास्क न सिर्फ उनको संक्रमण से बचाएगा, बल्कि पूरे समाज को सुरक्षित करेगा। यदि कोई व्यक्ति मास्क नहीं पहनता है तो वह पूरे समाज के प्रति अपराध करेगा और समाज के प्रति अपराध करने वाले को दंडित किया ही जाना चाहिए।कोर्ट ने कहा कि दुनिया भर के विशेषज्ञ इस बात को मान रहे हैं कि कोरोना से बचने के एक ही रास्ता है, शारीरिक दूरी और मास्क पहनना। यदि सभी लोग मास्क पहनने लगे तो इससे संक्रमण खुद ब खुद रुक जाएगा।

प्रयागराज : डीआईओएस की अनुमति के बाद भी प्रबंधन स्कूल खोलने पर असमंजस में

Posted: 24 Sep 2020 06:58 PM PDT

प्रयागराज : डीआईओएस की अनुमति के बाद भी प्रबंधन स्कूल खोलने पर असमंजस में

प्रयागराज। जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से जनपद के यूपी बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई, संस्कृत बोर्ड एवं मदरसा बोर्ड के विद्यालयों को आंशिक रूप से खोलने के निर्देश के बाद भी स्कूल प्रबंधन असमंजस में है।शहर के सीबीएसई से जुड़े स्कूलों में महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर, पतंजलि ऋषिकुल, श्री महाप्रभु पब्लिक स्कूल, बीबीएस इंटरनेशनल, गंगागुरुकुलम एवं आईसीएसई से जुड़े सेंट जोसफ कॉलेज, यूपी बोर्ड से जुड़े ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर, बीबीएस इंटर कॉलेज सहित दूसरे स्कूलों के प्रबंधन की ओर से आंशिक रूप से स्कूल खोलने के फैसले पर असमंजस में हैं। स्कूल प्रबंधन सीधे स्कूल में बच्चों को बुलाने के नाम से बच रहे हैं। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि अभिभावकों की राय लेने के बाद बच्चों को बुलाने पर निर्णय किया जाएगा।बीबीएस इंटर कॉलेज, बीबीएस इंटरनेशनल के प्रबंधक रंजीत सिंह का कहना है कि कोरोना काल में उनका विद्यालय आंशिक रूप से खुला है। शिक्षकों को जरूरत के अनुसार बुलाकर ऑनलाइन क्लास के दौरान हुई पढ़ाई का मूल्यांकन किया जा रहा है। बच्चे अपनी सुविधानुसार स्कूल में आकर कॉपी चेक करवा सकते हैं। सेंट जोसफ कॉलेज के प्रधानाचार्य फादर थामस कुमार का कहना है कि दसवीं और बारहवीं के छात्रों के अभिभावकों को 28 सितंबर से बच्चों एवं अभिभावकों को अलग-अलग बुलाकर उनकी राय जानी जाएगी। फिलहाल अभी ऑनलाइन क्लास ही चलेगी।बच्चों को स्कूल बुलाकर अध्यापक उनकी समस्या का बारी-बारी निवारण करेंगे। अभी कक्षाएं चलाना संभव नहीं है। 
गंगागुरुकुलम की प्रधानाचार्या अल्पना डे एवं पतंजलि ऋषिकुल के प्रधानाचार्य नित्यानंद सिंह का कहना है कि पहले अभिभवकों की राय जानी जाएगी, उसके बाद आंशिक रूप से स्कूल खोलने पर फैसला होगा। श्रीमहाप्रभु पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या रविंदर बिरदी का कहना है कि स्कूल में इस समय कंपार्टमेंट परीक्षाएं चल रही हैं, ऐसे में स्कूल खोलना संभव नहीं। अभिभावक जैसी राय देंगे, उसी के अनुसार निर्णय लिया जाएगा।

प्रयागराज : हाईकोर्ट सख्त, बेसिक शिक्षा निदेशक को वारंट जारी कर तलब करने की चेतावनी

Posted: 24 Sep 2020 06:57 PM PDT

प्रयागराज : हाईकोर्ट सख्त, बेसिक शिक्षा निदेशक को वारंट जारी कर तलब करने की चेतावनी

प्रयागराज। 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में सफल अभ्यर्थी को कोर्ट के आदेश के बावजूद काउंसलिंग में न बुलाने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है।कोर्ट ने बेसिक शिक्षा निदेशक को चेतावनी दी कि यदि अगली सुनवाई तक आदेश का पालन नहीं होता है तो अदालत निदेशक के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर उनको तलब करेगी। नेहा परवीन की याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने यह आदेश दिया। याचिका की सुनवाई 14 अक्तूबर को होगी।इससे पूर्व कोर्ट के आदेश पर याची को एक अंक दिया गया, जिससे वह चयन सूची में शामिल हो गई। कोर्ट ने याची को काउंसलिंग के लिए बुलाने और सफल होने पर परिणाम घोषित करने के लिए कहा था। साथ ही आदेश का पालन करने अथवा ऐसा न करने का कारण बताने का निर्देश दिया था। इस आदेश का पालन नहीं किया गया तो हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई। हाईकोर्ट ने 19 अगस्त को आदेश के पालन का एक और मौका दिया तथा ऐसा न करने पर निदेशक को हाजिर होने का निर्देश दिया गया। इस आदेश के बावजूद न तो याची की काउंसलिंग कराई गई और न ही निदेशक कोर्ट में हाजिर हुए।उनकी ओर से कोई हलफनामा दाखिल कर जवाब भी नहीं दिया गया। इस स्थिति पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने निदेशक को आदेश के पालन का एक और मौका देते हुए कहा कि यदि अब भी आदेश का पालन नहीं हुआ तो निदेशक को हाजिर करने के लिए अदालत जमानती वारंट जारी करेगी।

प्रतापगढ़ : राजकीय माध्यमिक स्कूलों में मानदेय पर रखे जाएंगे शिक्षक

Posted: 24 Sep 2020 06:55 PM PDT

प्रतापगढ़ : राजकीय माध्यमिक स्कूलों में मानदेय पर रखे जाएंगे शिक्षक

प्रतिनियुक्ति पर आए परिषदीय विद्यालयों के अध्यापकों को उनके द्वारा प्राप्त समान वेतन दिया जाएगा

प्रतापगढ़,जेएनएन। जिले के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में एलटी ग्रेड के रिक्त पदों पर मानदेय के आधार पर प्रतिनियुक्ति के शिक्षक रखे जाएंगे। इसके लिए ऐसे शिक्षक पात्र होंगे जो परिषदीय स्कूलों में विशिष्ट बीटीसी की योग्यता रखते होंगे। इसके साथ ही माध्यमिक विद्यालयों के अवकाश प्राप्त शिक्षक भी पात्र होंगे।

आवेदन डीआइओएस कार्यालय से दिए जाएंगे

जिले में संचालित राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अधीनस्थ शिक्षा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) के शिक्षकों (एलटीग्रेड) के रिक्त पदों पर मानदेय के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए डीआइओएस द्वारा आवेदन मांगे गए हैं। आवेदन डीआइओएस कार्यालय से दिए जाएंगे। विशिष्ट बीटीसी के माध्यम से चयनित एवं कार्यरत शिक्षक-शिक्षिकाओं के अलावा बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन कार्यरत अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं, जो राजकीय माध्यमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक, प्रवक्ता पद की शैक्षिक अर्हता रखते हों पात्र होंगे।

चयन के लिए साक्षात्कार लिया जाएगा

ऐसे अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा अग्रसारित किया जाएगा। शिक्षकों का चयन प्रतिनियुक्ति के आधार पर उत्तरप्रदेश अधीनस्थ शिक्षा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) सेवा नियमावली के अंतर्गत किया जाएगा। चयन के लिए साक्षात्कार लिया जाएगा, और सम्यक विचारोपरांत समस्त पहलुओं पर विचार कर चयन किया जाएगा। राजकीय एवं अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों से सेवानिवृत्त सहायक अध्यापक भी अपने विषय के अनुसार आवेदन कर सकेंगे। आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर निर्धारित की गई है।

*प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त होने के बाद मूल विभाग वापस किए जाएंगे*

डीआइओएस सर्वदा नंद ने बताया कि राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्ति के लिए आवेदन पत्र पंजीकृत एवं सीधे डीआइओएस कार्यालय में जमा किए जा सकेंगे। प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त होने के बाद संबंधित शिक्षक,शिक्षिका को मूल विभाग (बेसिक शिक्षा विभाग) में वापस कर दिया जाएगा तथा उनकी तैनाती के संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा अपने स्तर से निर्णय लिया जाएगा। प्रतिनियुक्ति पर आए परिषदीय विद्यालयों के अध्यापकों को उनके द्वारा प्राप्त समान वेतन दिया जाएगा।

लखनऊ : यूपी सहायक अध्यापक के 31,661 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का आदेश

Posted: 24 Sep 2020 06:54 PM PDT

लखनऊ : यूपी सहायक अध्यापक के 31,661 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का आदेश

प्रमुख संवाददाता,लखनऊ। | बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के 31661 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने का शासनादेश गुरुवार को जारी कर दिया गया। ये नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन विशेष अनुज्ञा याचिकाओं (एसएलपी) में पारित होने वाले अंतिम निर्णय के अधीन होंगी। अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार की ओर से जारी इस आदेश में कहा गया है कि शासन ने सुप्रीम कोर्ट के 21 मई 2020 व नौ जून 2020 के आदेश के अनुपालन में सहायक अध्यापकों 69 हजार रिक्त पदों के सापेक्ष शिक्षामित्रों के लिए 37339 पदों को छोड़ते हुए शेष 36661 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया पूर्व घोषित परिणाम के आधार पर पूर्ण करने का निर्णय लिया है। शासनादेश में कहा गया है कि 69 हजार रिक्त पदों के सापेक्ष भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई थी और अभ्यर्थियों को जिलों में उपलब्ध रिक्त पदों के अनुसार आरक्षण नियमों का पालन करते हुए जिले आवंटित किए जा चुके हैं। इस कारण अभ्यर्थियों को पूर्व में आवंटित जिले व आरक्षण को यथावत रखते हुए 36661 पदों में से समानुपातिक रूप से जिलों को पद आवंटित करते हुए आवंटित पद के सापेक्ष मेरिट के ऊपर से उतने ही अभ्यर्थियों का नियुक्ति पत्र निर्गत किया जाए। प्रत्येक अभ्यर्थी के नियुक्ति पत्र में इन शर्तों का उल्लेख किया जाएगा कि ये नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन विशेष अनुज्ञा याचिकाओं (एसएलपी) में पारित होने वाले अंतिम निर्णय के अधीन होंगी। अपर मुख्य सचिव ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं सचिव बेसिक शिक्षा से कहा है कि वे हाईकोर्ट इलाहाबाद और लखनऊ खंडपीठ में तत्काल कैविएट दाखिल करें, क्योंकि नियुक्ति प्रक्रिया को अभ्यर्थियों द्वारा चुनौती भी दी जा सकती है।

प्रयागराज : आईईआरटी प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट चंद दिनों में, अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से होंगे दाखिले

Posted: 24 Sep 2020 06:51 PM PDT

प्रयागराज : आईईआरटी प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट चंद दिनों में, अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से होंगे दाखिले

निज संवाददाता,प्रयागराज | आईईआरटी में नए सत्र में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा के बाद एडमिशन की तैयारी शुरू हो गई है। सितंबर के आखिरी सप्ताह में प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट घोषित होगा। इसके बाद अक्तूबर के द्वितीय सप्ताह से प्रवेश के लिए काउंसिलिंग होने की उम्मीद है। इस बार डिप्लोमा इंजीनियरिंग के 13 ब्रांचों के सापेक्ष 975 सीटों पर प्रवेश लिया जाएगा। ज्ञात हो कि नए सत्र में दाखिले के लिए डिप्लोमा इंजीनियरिंग के लिए 15 सितंबर को प्रवेश परीक्षा हुई थी। तकरीबन 62 छात्र-छात्राओं ने विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा दी थी। जबकि मैनेजमेंट पाठ्यक्रमों के लिए 17 सितंबर को प्रवेश परीक्षा हुई थी। आईईआरटी में डिप्लोमा इंजीनियरिंग के 13 ब्रांचों की पढ़ाई होती है। इलेक्ट्रिकल, सिविल, सिविल कंट्रेक्शन टेक्नोलॉजी, सिविल पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रानिक्स, इंस्टूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल ऑटोमोबाइल, मैकेनिकल पॉवर प्लांट, मैकेनिकल प्रोडक्शन, मैकेनिकल रेफ्रिजरेशन एंड एयर कंडीशन, मैकेनिकल टूल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल ट्यूबवेल इंजीनियरिंग, प्लास्टिक इंजीनियरिंग ब्रांचों में 75-75 सीटें तय की गई हैं।संस्थान के निदेशक डॉ. विमल मिश्र ने बताया कि प्रवेश की तैयारी शुरू कर दी गई है।सितंबर के अंतिम सप्ताह में प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया जाएगा। इसके बाद अक्तूबर के द्वितीय सप्ताह से प्रवेश के लिए काउंसिलिंग शुरू कर दी जाएगी।

प्रयागराज : 2852 स्कूलों में लगेगा रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

Posted: 24 Sep 2020 06:50 PM PDT

प्रयागराज : 2852 स्कूलों में लगेगा रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

हिन्दुस्तान टीम,प्रयागराज | जिले के 2852 परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं संविलियन स्कूलों के साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग के 23 कार्यालयों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगेगा। सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, अस्पतालों, आवासीय भवनों, मेडिकल कॉलेजों आदि में वर्षा जल संचयन, भूगर्भ जल पुर्नभरण के लिए रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की स्थापना के निर्देश सभी कमिश्नर और डीएम को दिए गए हैं। सभी संबंधित विभागों को वर्ष 2020-21 में उपलब्ध बजट में और बजट के अनुपूरक के माध्यम से इस प्रणाली की स्थापना के निर्देश दिए गए हैं।बीएसए संजय कुमार कुशवाहा ने सभी खंड शिक्षाधिकारियों को 21 सितंबर को पत्र लिखकर इस संबंध में की गई कार्रवाई की सूचना मांगी है। पूर्व में स्थापित रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की वर्तमान स्थिति के बारे में भी जानकारी मांगी गई है। यदि अक्रियाशील हैं तो उसे क्रियाशील करने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं। बीएसए ने बताया कि पूर्व में कुछ ब्लॉकों में अभियान चलाकर वर्षा जल संचयन प्रणाली लगाई गई थी। अब सभी विद्यालयों एवं कार्यालयों में इसे लगाया जाएगा।

प्रयागराज : संबद्ध प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों के 1565 पद हैं खाली

Posted: 24 Sep 2020 06:48 PM PDT

प्रयागराज : संबद्ध प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों के 1565 पद हैं खाली

हिन्दुस्तान टीम,प्रयागराज | यूपी में खाली पदों पर छह महीने में भर्ती की मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद सभी विभागों ने अपने-अपने यहां रिक्तियों का ब्योरा जुटाना शुरू कर दिया है।सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों से संबद्ध प्राथमिक प्रभाग में शिक्षकों के 1565 खाली पदों की सूचना माध्यमिक शिक्षा विभाग को प्राप्त हुई है।प्रदेशभर के 553 स्कूलों में शिक्षकों के कुल 4838 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 3273 शिक्षक कार्यरत हैं जबकि 1565 पद खाली हैं। इन स्कूलों में लंबे समय तक प्रबंधकों, शिक्षा विभाग के अधिकारियों और शिक्षक नेताओं के चहेतों को नियुक्ति मिलती रही।सूबे में 2017 में सरकार बदलने के बाद संबद्ध प्राथमिक स्कूलों में नियुक्ति की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को दे दी गई। चयन बोर्ड की नियमावली में 18 फरवरी 2019 को हुए संशोधन के बाद अब संबद्ध प्राइमरी में शिक्षकों की भर्ती केवल लिखित परीक्षा के आधार पर होगी। साक्षात्कार नहीं रहेगा। अपर निदेशक माध्यमिक डॉ. महेन्द्र देव के 16 सितंबर के पत्र के जवाब में सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों ने 1565 रिक्त पदों की सूचना भेजी है।

कई स्कूलों में नहीं बचे एक भी शिक्षक

संबद्ध प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नियमावली बनाने के नाम पर 2001 में सारी भर्ती रोक दी गयी थी। इसके बाद कुछ शर्तों के साथ 2003 में नियुक्तियां शुरू की गयी लेकिन नियमावली के अभाव में अधिकतर स्कूलों ने शिक्षक भर्ती में रुचि नहीं ली। लंबे समय तक नियमित नियुक्ति नहीं होने के कारण विभिन्न जिलों के कई स्कूलों में शिक्षक नहीं बचे। इस पर इन स्कूलों के प्रबंधक एक या दो शिक्षक रखकर बच्चों को सभी विषय पढ़वा रहे हैं। प्रयागराज में केसर विद्यापीठ से संबद्ध प्राइमरी में एकमात्र शिक्षक इस साल 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो गए। इलाहाबाद इंटर कॉलेज में 2012 से कोई शिक्षक नहीं है।

लखनऊ : कॅरिअर काउंसलिंग से नौकरी तक का रास्ता दिखागा यू-राइज - योगी

Posted: 24 Sep 2020 06:47 PM PDT

लखनऊ : कॅरिअर काउंसलिंग से नौकरी तक का रास्ता दिखागा यू-राइज - योगी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ शिक्षा के क्षेत्र में समानता से ही समरस समाज का सपना साकार होगा। लिहाजा भविष्य की जरूरतों के मद्देनजर शिक्षण संस्थानों में शिक्षा के सभी चरणों में सहज एकीकरण और समन्वय होना चाहिए। इससे विद्यार्थियों को उनके सीखने के क्षमता के अनुसार विकल्प चुनने के अवसर मिलेंगे। तभी वे अपनी प्रतिभा और रुचि के अनुसार सफलता हासिल कर सकेंगे। इसी उद्देश्य से यू-राइज यानी यूनिफाइड री-इमेजिंड इनोवेशन फॉर स्टूडेंट इम्पावरमेंट पोर्टल तैयार किया गया है, जो युवाओं को कॅरिअर काउंसलिंग से नौकरी तक का रास्ता दिखाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ये बातें बृहस्पतिवार को कही। वह युवाओं के सशक्तीकरण के लिए एकीकृत पुनर्जागरण नवाचार यू-राइज पोर्टल का लोकार्पण करने के बाद लोकभवन में युवकों को संबोधित कर रहे थे।डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विवि (एकेटीयू) और प्राविधिक शिक्षा विभाग ने संयुक्त रूप से यू-राइज पोर्टल को इंजीनियरिंग व व्यावसायिक शिक्षा संस्थानों के विद्यार्थियों के लिए तैयार किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यू-राइज पोर्टल पर विद्यार्थी जीवन के संपूर्ण चक्र जैसे संस्थान में प्रवेश, शुल्क, शिक्षण, प्रशिक्षण, प्रयोग, परीक्षा से लेकर रोजगार पाने तक पूरा ब्यौरा दर्ज होगा। कोई भी सेवायोजक इस पोर्टल से विद्यार्थी के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर सकता है। यह पोर्टल व्यावसायिक व तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर रहे 20 लाख विद्यार्थियों के लिए काफी मददगार साबित होगा। कार्यक्रम में विभिन्न तकनीकी संस्थानों के निदेशक, शिक्षक और विद्यार्थी भी डिजिटल माध्यम से मौजूद रहे। इस मौके पर एकेटीयू के कुलपति एके पाठक ने सीएम को यू-राइज पोर्टल के बारे में जानकारी दी। 
 
*तकनीक के जरिये कई काम हुए आसान*

मुख्यमंत्री ने कहा कि फर्जी शिक्षकों के षड्यंत्र का पर्दाफाश तकनीक की मदद से हुआ है। कोरोना काल में तकनीक की मदद से ही लोगों को अधिकाधिक सुविधाएं पहुंचाने में सफलता मिली है। शिक्षा व्यवस्था का ऑनलाइन संचालन भी तकनीक की मदद से संभव हो सका है।

*इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए दिए 100 करोड़ रुपये*

मुख्यमंत्री ने दीनदयाल उपाध्याय गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम के दूसरे चरण में 100 करोड़ भी जारी किए। इससे छात्रावासों का निर्माण, क्लास रूम, लैब, फर्नीचर, पुस्तकालय का विस्तार, ऑनलाइन क्लासेज, स्मार्ट क्लास रूम, वर्चुअल लैब आदि की व्यवस्था की जाएगी।
 
*यू-राइज पोर्टल की खास बातें*

-पोर्टल पर पंजीकरण के बाद विद्यार्थी आजीवन वहां उपलब्ध कंटेंट व सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।
-पोर्टल पर उद्योग, प्रशिक्षकों और फैकल्टी का एक वृहद नेटवर्क तैयार किया गया है।
-पोर्टल पर विद्यार्थियों के ट्रैक रिकॉर्ड का डिजिटल संग्रह करने प्रक्रिया लगातार चलती रहेगी।
-पढ़ाई पूरी करने के बाद भी विद्यार्थी पोर्टल से रोजगार संबंधी सूचनाएं पाते रहेंगे।

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