दिव्य रश्मि न्यूज़ चैनल |
- लफुआ
- खुल गई विकास की पोल
- आया पुनः चुनाव रे!
- जब डॉ सी वी रमन ने नेहरू का पुतला पटक दिया
- प्रदर्शन हो या भोज, नेताजी को तो हर जगह भीड़ पसंद है
- कालीबाड़ी में बांग्ला रीति रिवाज से होगी मां की पूजा
- जीवन जागृति सोसायटी ने लाेगों से कहा- 18 साल के बच्चों को न चलाने दें बाइक
- चंपानगर में चाट-पकाैड़े का ठेला लगाने वाले की माैत, पर नहीं थे चोट के निशान
- लिव इन में रह रहा था युवक, बेरोजगार होने पर पिता के तानों से तंग आकर दी जान, प्रेमिका ने कहा- जिसके लिए घर छोड़ा वो ही नहीं रहा
- भागलपुर से कोलकाता, रांची, टाटा, पटना और बोकारो के लिए चलेंगी सरकारी बसें
- जिले में कोरोना के 46 मरीज, शहर में भी 11 मिले, 80 लोग ठीक होकर घर भी गए
- साहिबगंज-किऊल स्पेशल मेमू आज से, रिजर्वेशन जरूरी नहीं
- प्रभारी प्राचार्य ने कहा- सीओ जमीन नपाई कर दें; अभियंता बोले- पहले क्यों नहीं कराई
- 1283 बूथ बढ़े, वोटिंग से पहले वोटरों के पारा की होगी जांच
- बिहटा एयरपाेर्ट के विकास और निर्माण के लिए टेंडर का प्रस्ताव पब्लिक इंवेस्टमेंट ब्यूराे काे भेजा
- अब दफ्तर आने की जरूरत नहीं, मोबाइल एप से करें आवेदन और घर बैठे लें योजनाओं का लाभ
- छठ तक लोकतंत्र का महापर्व, दशहरे के बाद महाभारत; दिवाली से पहले राजतिलक
- रघुवंश बाबू के विचारों को नई पीढ़ी को बताया जाए : नीतीश
- पूर्व मध्य रेल मुख्यालय में राजभाषा पखवारा के समापन पर जीएम बोले- ई-ऑफिस से बढ़ा हिंदी का प्रचार-प्रसार
- 20 हत्यों के आरोपी काे पुलिस ने पकड़ा ताे छाेड़ने के लिए दिया था 5 कराेड़ का ऑफर
- अरबों रुपए के सृजन घोटाला मामले में फरार चल रहे बैंक प्रबंधक ने किया आत्मसमर्पण
- जयप्रभा ब्लड सेंटर का प्लाज्मा बैंक 28 सितंबर से होगा चालू
- ड्रग्स और स्मैक की डीलिंग कर रहे 6 शातिर गिरफ्तार
- महिला ने अपने पांच साल के बेटे की हत्या कर शव पानी से भरे गड्ढे में फेंका, कर चुकी हैं तीन शादियां
- पटना एम्स की नर्सिंग अफसर और बच्चे का अपहरण कर पूर्व परिचित ने पीड़िता से किया रेप और अप्राकृतिक यौनाचार
Posted: 25 Sep 2020 11:06 PM PDT लफुआ (कहानी) --:भारतका एक ब्राह्मण. संजय कुमार मिश्र "अणु" शाम का समय है। अचानक से फोन की घंटी बजी। हलो कहकर लफुआ बोला कौन? उधर से आवाज आई जय हो--जय हो हम जाहिल।लफुआ का माथा ठनका गया। जरूर कोई फसाद करेगा यह। पूर्व की घटना तुरंत हीं लफुआ को याद हो आई। कोई साल डेढ साल पहले भी वह कुछ इसी तरह का काम बताया था। कहा हम एक समूह बना देते हैं आप केवल लोगों को जोडते जाईये। बाकि का काम हमारा। क्या करना है न करना है हम सब बताते रहेगे। और बना बनाया काम वह कुछ हीं पल में सब गुड गौबर करके चलता बना। किसी जमाने में जाहिल के छरदादा एक उल्टा पुराण लिखे थे। पीढ़ी दर पीढ़ी उसके घर वाले उसकी चर्चा परंपरागत रूप से वैसे हीं करते चले आ रहे थे जैसे ज्ञान यज्ञ के मामले में व्यास-खास की चर्चा होती रही है। हलांकि कोई अब नाम लेवा नहीं है पर घर वाले की बात हीं निराली है।जाहिल के छरदादा का नाम था जरलाहा। वे जर-जर करते करते जर गये बाकि लोग अभी भी सबको जरा रहे है अपनी आत्ममुग्धता से। उनके आगे वे सब किसी का नाम सुनना नहीं चाहते हैं। जाहिल के मन में ये इच्छा बेहद बलवती थी की उल्टा पुराण कर्ता जरलाहा के कृतित्व और व्यक्तित्व से जन जन को जोडा जाय। उनका ईतना महिमामंडन किया जाय की सब के सब जर मरे बस। पर ये काम दुरूह था जाहिल के लिए तो वह एक जाल बुना। जाल यह था कि जाहिल का एक हितैषी था भडभडवा। भडभडवा एक समूह चलाता था लबरई का। अच्छे खासे लबों की टोली थी। उसी लवारों की टोली में कुछ काबिल थे और कुछ माहिर थे। काबिल के पास कुछ काबिलियत तो थी नहीं पर वह सबके साथ सक्रिय रहता था। उसकी बडी महत्वाकांक्षा थी। नाम के ओट में दाम कमाने की। भडभडवा ने जाहिल का कनेक्शन काबिल से जोड दिया। दोनों खुब एक दूसरे का गुणगान किये और अपने अपने आइडियोलॉजी को प्रस्तुत किये। दोनों जन सहमत हुए। और इस विषय को आगे बढाने का कायदा और वायदा किया गया। दोनों गदगद हो एक दूसरे का गुणगान किये। बारी-बारी से जाहिल और काबिल भडभडवा से घंटो चर्चा करते। दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
Posted: 25 Sep 2020 10:42 PM PDT खुल गई विकास की पोल|दो दिनों के बरसात में ही पटना सिटी में खुल गई विकास की पोल। विकास के नाम पर हुआ था विनाश! हमारे संवाददाता से बात करते हुए महासचिव, पटना जिला सुधार समिति श्री राकेश कपूर ने कहाकि क्यों नहीं ऐसे विनाशकारी विकास को कार्य रूप देने वाले अधिकारियों के तनख्वाह से इसकी वसूली की जाय? मैं अपनी संस्था के माध्यम से इसकी मांग करता हूं। दो दिनों के बरसात में ही पटना सिटी में खुल गई विकास की पोल। विकास के नाम पर हुआ था विनाश! विकास के नाम पर विनाश की पटकथा तो 2017 में श्री गुरूगोबिन्द सिंह जी महाराज के 350वें जन्मदिवस पर मनाये गये शताब्दी पर्व के दौरान ही लिख दी गई। केंद्र सरकार से बिहार सरकार को मिले हजारों करोड़ रुपए की मिली धन राशि को खर्च करने के तरीकों से ही इसकी शुरुआत हो गई थी। उसके बाद 2018 में पुनः गुरूपर्व पर मनाये गये शुकराना महोत्सव के अवसर पर भी यह देखने को मिला। बिना किसी सुविचारित योजना के पटना सिटी में विकास के नाम की जो गंगा बही - वह चकाचौंध करने वाली थी। नित्य बड़े-बड़े अधिकारियों की टीम पटना सिटी आती और जगह-जगह मुआयना और बैठकों का दौर चलता रहा। सड़कों को चमकता दिखाने के लिए उसके चौड़ीकरण व नालों को ढकने के लिए श्री गुरूगोबिन्द सिंह पथ के बड़े नालों को छोटा कर दिया गया। इस नाले में निगम के 5 वार्डों का पानी बहता था। गुरुद्वारे के इर्द-गिर्द के सभी नालों को ढक दिया गया। पुराने सीवरेज को ध्वस्त कर नये छोटे नालों में तब्दील कर दिया गया। यह सब सौंदर्यीकरण के नाम पर हुआ लेकिन इसका खामियाज़ा यहां की जनता को झेलना पड़ रहा है। किसी भी शहर को सुन्दर बनाने के लिए हजारों करोड़ रुपए काफी होता है। लेकिन अधिकारियों ने शहर को चौपट ही कर दिया। इसमें पटना के आयुक्त आनंद किशोर, जिलाधिकारी संजय अग्रवाल, बिहार पर्यटन विभाग की प्रधान सचिव हरजोत कौर के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चहेते चंचल कुमार, रवि कुमार, मनीष कुमार व दीपक कुमार आदि की भूमिका प्रमुख रही। उस समय तो तीन-तीन समय सफाई के साथ विशेष लाइट, चलन्त शौचालय, जहां-तहाँ आधुनिक शौचालय, पानी की व्यवस्था और स्ट्रीट लाइट के साथ-साथ बिजली पोल के केबुल को ऊँचा कर बदला गया। मंगल तालाब ग्रिड को फतुहा से जोड़ने के लिए बड़ी-बड़ी मशीनें भी आयीं थी। लेकिन वह अभी तक वैसे ही रखा हुआ है। जहाँ-तहाँ पुलिस चौकी बनाया गया था। अगर वह अभी ठीक से काम करता तो तो बढ़ते अपराध पर भी अंकुश रहता। शहर के पानी के बहाव का श्री गुरूगोबिन्द सिंह पथ के नाले को ढक कर उस पर टाइल्स लगा दिया गया। बरसात के पूर्व हर साल नाले की उड़ाही की बात होती है। लेकिन छोटे कर दिए गए इस नाले की सफाई होती ही नहीं है। इस नाले का पानी छटंकी पुल रेलवे लाइन से नीचे होकर बेना शाह की बाग़ होते हुए बादशाही पइन में गिरता है। इसकी सफाई होती ही नहीं है तो पानी आखिर जायेगा कहां? इस सीवरेज पर अधिकारियों ने ध्यान ही नहीं दिया। तख्त श्री हरमिंदर जी गुरूद्वारा, गुरूद्वारा बाल लीला ने अपना विस्तार किया। यात्री निवास के महलों के साथ-साथ प्रवासी भारतीयों के ठहरने के लिए फाइव स्टार होटल की सुविधा से सुसज्जित कालीस्थान में यात्री निवास बनाया। लेकिन पानी के निकास की व्यवस्था सरकारी छोटे नालों के ही भरोसे छोड़ दिया। इसे भीअधिकारियों ने नजरअंदाज किया। अब बरसात में इन नालों से पानी निकालने के लिए नित्य तोड़ा जा रहा है और अब पुनः निर्माण की बातें हो रही है। पहले जो राशि खर्च हुई वह इन नालों में बह गई और अब वह नये सिरे से खर्च की जायेगी। यह जनता के पैसे की बर्बादी नहीं तो क्या है? दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
Posted: 25 Sep 2020 10:27 PM PDT आया पुनः चुनाव रे! ........................... अपनी-अपनी डफली लेकर फिरते शहर व गाँव रे! अपने मुँह मिट्ठू बनते हैं, औरों को गाली बकते हैं, हरिश्चन्द्र दधीचि-अवतारी ये ही महानुभाव रे! बहुत दिनों पर फिर आए हैं, जन-मन-संदेशा लाए हैं, इनकी इच्छा पूरी कर दो पाएँ सुरतरु-छाँव रे! सपने खाओ सपने पीओ, सपने सँजो-सँजोकर जीओ, सपने लेकर पार लगा दो डगमग करती नाव रे! दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
जब डॉ सी वी रमन ने नेहरू का पुतला पटक दिया Posted: 25 Sep 2020 10:04 PM PDT जब डॉ सी वी रमन ने नेहरू का पुतला पटक दिया - लेखक मनोज मिश्र बैंक अधिकारी है | डॉ. सी वी रमन हमारे देश के महान वैज्ञानिकों में से एक थे जिन्हें एशिया महाद्वीप से प्रथम नोबेल पुरस्कार भौतिकी में उनके योगदान के लिए, प्राप्त हुआ था। भौतिकी में उनकी विशेष रुचि थी। रमन मूर्धन्य प्रतिभा के धनी थे। उनका अपने सिद्धांतों और अपनी जीवन शैली पर पूरा विश्वास था।उन्होंने अपना जीवन पूरे आत्मसम्मान से जिया और अपनी पूरी क्षमता देश के नाम पर कर दी थी। वो एक व्यापक दूरदृष्टि रखने वाले अग्रसोचि व्यक्तित्व थे। वो भारत को विज्ञान और अन्वेषण के मामले में विश्व गुरु देखना चाहते थे। अपने सीमित साधनों और सामर्थ्य के दम पर उन्होंने वो प्राप्त किया जिसने विश्व पटल पर वैज्ञानिकों की सोच बदल दी। वस्तुतः सी वी रमन के जीवन के दो पहलू थे। एक में वे एक साधारण वित्तीय अधिकारी थे जो सरकार के लिए काम करता था ताकि घर की दाल रोटी चलती रहे वहीं दूसरी ओर एक रहस्यमयी व्यक्तित्व भी था जो शाम के ठीक 5 बजे सभी कार्यालयीय दायित्वों को परे कर गायब हो जाता था और ठीक रात 10 बजे अपने घर पहुंच जाता था। पुनः सुबह 5 बजे गायब होकर पौने दस बजे कार्यालय पहुंच जाता था। किसी को कभी पता नहीं चला कि उनके दिमाग मे आखिर क्या चलता था या वे करते क्या थे। 1907 से 1917 तक करीब दस वर्षों का यह क्रम अनवरत चला।ये बाद में पता चला कि यह नौजवान महेन्द्र लाल सरकार द्वारा स्थापित संस्था IACS इंडियन एसोसिएशन फ़ॉर कल्टीवेशन ऑफ साइंस में अपनी विज्ञान संबंधी जिज्ञासा का शमन करने के लिए अतिरिक्त रूप से कार्यरत था। रमन कार्यालय के बाद का अपना समय इसी प्रयोगशाला में अपने पसंदीदा विषय भौतिकी के अध्ययन में बिताते थे। रमन को संगीत और विशेष तौर पर तार वाद्य संगीत भी बहुत पसंद था। उनके मन में स्ट्रिंग के प्रमेय (थ्योरी) और उनसे गुंजित होने वाले स्वरों पर काफी जिज्ञासा थी।उनकी इस जिज्ञासा ने आज कर्नाटक संगीत में प्रयुक्त होने वाले कई तार वाद्यों का निर्माण किया। रमन को वायलिन और उसका संगीत भी बहुत भाता था। उनके अध्ययन और प्रयोगों ने बाद में एक पुस्तक का रूप लिया जिसका नाम उन्होंने ऑन द मैकेनिकल थ्योरी ऑफ वाइब्रेशन ऑफ म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स ऑफ द वायलिन फैमिली विथ एक्सपेरिमेंटल वेरिफिकेशन ऑफ रिजल्ट्स रखा। वायलिन पर अपने इस शोध में वे फ्रीक्वेंसी रिस्पांस और वायलिन की गुणवत्ता में संबंध स्थापित करने में सफल रहे। वे साधारण चीजों और उनके मानव मात्र से संबंध को समझना चाहते थे। उनका विश्वास था कि विज्ञान वस्तुतः मानव के द्वारा विकसित सोच है जिसे मानव से अलग कर नहीं देखा जा सकता। बाद में उन्होंने अपने शोध के विषय को बदल कर संगीत से ऑप्टिक्स कर दिया। विश्व को उसके इतिहास की सबसे अनुपम खोज मिलने ही वाली थी। रमन बाद में कलकत्ता में व्याख्याता हो गए। उनके अद्भुत मेधा को देखते हुए उन्हें भौतिकी विज्ञान विषय में पालित की कुर्सी दी गई। इस विभाग में बहुत बदलाव किए जाने की जरूरत थी। उन्होंने इस नौकरी को आधे वेतन पर भी स्वीकारा और पूरे विभाग का काया पलट कर दिया। लेकिन उन्हें अपने प्रयोगशाला में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा चूंकि उनके शोध के लिए आवश्यक सुविधाएं वहां मौजूद नहीं थीं। उनके बहुत से प्रयोगों के लिए उन्हें उन्नत उपकरणों की आवश्यकता थी, ताकि प्रयोग का सही विश्लेषण हो सके, जो मौजूद नहीं थे। उन्होंने एक बार एक बड़े व्यापारी से अपनी प्रयोगशाला के लिए स्पेक्ट्रोफोटोमीटर मांगा। उस व्यापारी ने उनसे पूछा बदले में मुझे क्या मिलेगा? रमन का जबाब था अगर आप मुझे स्पेक्ट्रोफोटोमीटर दिलवा दोगे तो मैं आपको नोबेल प्राइज दिलवा दूंगा। जैसा कि उनका वचन था रमन को 1930 में रमण प्रभाव के सिद्धांत के लिए नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया। सन 1932 में IISC बंगलुरूको अपने लिए एक नए निदेशक की आवश्यकता थी और उन्होंने मशहूर वैज्ञानिक लार्ड रदरफोर्ड को इस पद के लिए आमंत्रित किया। तब रदरफोर्ड ने यह कहते हुए इस आमंत्रण को ठुकरा दिया कि जब तुम्हारे पास रमन जैसी प्रतिभा है तो मुझे क्यों ये पद दे रहे हो। अंततः रमन ने अपनी IISC की नौकरी शुरू की। उस समय वहां के सभी विभाग तत्कालीन सरकार की कठपुतलियों की मानिंद थे। रमन इस बात से बड़े परेशान रहते थे। उनका मानना था कि वैज्ञानिक प्रतिष्ठानों में सरकारी दखल से मेधा कुंठित हो सकती है। उनकी अपनी आज्ञाकारिता, समय की पाबंदी और लगन कुछ ऐसी चीजें थीं, जो वर्षों से IISC को घुन की तरह खाये जा रहे आलसी लोगों को नहीं भाती थी। इन सभी परेशानियों के बीच रमन ने भौतिकी शास्त्र में एक नया विभाग खोला और अनुदान के रूप में राशि आबंटित की ताकि कार्य सुचारू रूप से चल सके। इस क्रम में उन्होंने जाना कि सरकार से प्राप्त होने वाली बहुत सी राशि को जानबूझकर व्यर्थ के कामों में खर्च किया जा रहा है, इस पर उन्होंने कड़ाई दिखाई और इन खर्चों को बंद किया। इस कारण से उन्हें बारंबार अपमानित किया जाने लगा। संस्थान की रमन विरोधी लॉबी उन्हें निदेशक के पद से हटाने के लिए जोर लगाने लगी। अंततः उसमें वे सफल भी रहे, रमन को निदेशक के पद से हटना पड़ा पर भौतिकी के प्राध्यापक के रूप में वे कार्यरत रहे। भारत की स्वतंत्रता के 2 वर्ष पूर्व 1945 में उनके जवाहर लाल नेहरू और तत्कालीन अंतरिम सरकार से संबंध बुरी तरह बिगड़ गए। रमन नेहरू के समाजवाद और रूस के प्रति झुकाव से खिन्न थे। उनका मानना था कि विज्ञान कभी भी उन बंद दरवाजों के अंदर पनप नहीं सकता जहां सरकारें हुकुम चलाएं और वैज्ञानिक उसका पालन करें। उनका मानना था कि विज्ञान सर्वहारा आमजन के लिए हो इसके लिए वैज्ञानिक और सरकार दोनों को प्रयत्नशील होना चाहिए। वे नेहरू की सोवियत परस्त नीतियों को रिसर्च केंद्रों से बाहर रखना चाहते थे। रमन को नेहरू की चुनिंदा विशेष संस्थानों यथा ट्रोम्बे में एटॉमिक रिसर्च संस्थान या CSIR में ही शोध करने की नीतियां भी पसंद नहीं थी क्योंकि ये नीतियां विश्विद्यालयों में आबंटित होने वाले बजट को कम कर देती थीं। उनका मानना था कि देश के विश्वविद्यालय शोध के लिए सही संस्थान हैं क्योंकि वहां भिन्न परिवेश के आज़ाद ख्याल युवा मस्तिष्क आते हैं जो अपने विचारों को और अपनी ऊर्जा को वहां मूर्त रूप दे सकते हैं। उन्होंने 1950 में CSIR के बढ़ते संस्थानों को नेहरू भटनागर प्रभाव कहा और बताया कि बहुत बड़ी राशि खर्च करके बने ये संस्थान अंततः देश को कुछ नहीं दे पाएंगे। वो चाहते थे कि सभी शोध संस्थानों को प्रचुर राशि आबंटित की जाए और वैज्ञानिकों पर से किसी खास शोध करने का बंधन हटाया जाए। इस रिसर्च की केंद्रीकृत व्यवस्था के प्रति उनका गुस्सा इस कदर था कि वे CSIR को विज्ञान का ताजमहल सरीखा मकबरा कहते थे। वो अकेले व्यक्ति थे जिसने नेहरू की कम्युनिस्ट ढांचे पर खड़ी की गई व्यवस्था पर मुखर होकर बोला और कहा कि भारत जैसे देश के लिए यह व्यवस्था सर्वनाश लेकर आएगी। लेकिंग नेहरू इतना होने पर भी रमन के विरोधी के रूप में दिखना नहीं चाहते थे क्योंकि रमन को भारत की आम जनता सर आंखों पर बैठाती थी। नेहरू ने रमन को राष्ट्रीय प्रोफेसर और भारत रत्न की उपाधि भी दी, शायद नोबेल विजेता होने के नाते नेहरू के पास अन्य कोई चारा भी न था। रमन भली भांति जानते थे कि नेहरू ने देश के सभी वैज्ञानिक संस्थाओं को ऐसे विज्ञानियों को सौंप दिया है जिनकी रुचि नये प्रयोगों और अविष्कारों में नहीं थी। इन सभी संस्थाओं में शोध कार्य न होने के लिए वे नेहरू को दोषी मानते थे क्योंकि नेहरू ने शुरू से ही शिक्षा मंत्रालय ऐसे लोगों को सौंप दिया था जिन्हें विज्ञान का व भी नहीं पता था। वे समझते थे कि नेहरू ने भारत में विज्ञान को कुछ स्वघोषित आलंबदारों को सौंप दिया था जो पालिसी पर अपना अधिकार चाहते थे, वे ही खुद को मान्यता देने वाली नीतियां बनाते थे और खुद पर किसी का अंकुश भी नहीं चाहते थे। रमन को नेहरू के अल्पज्ञानी होने पर भी क्षोभ था। नेहरू में विज्ञान के प्रति समर्पण, सही व्यक्तियों के चयन और इच्छाशक्ति का अभाव था जिससे भारत मे विज्ञान को वो स्थान न प्राप्त हो सका जहां तक जाने की भारत मे क्षमता थी। नेहरू के एक भ्रमण के दौरान रमन ने उन्हें रमन इंस्टिट्यूट में घुमाया और उन्हें इस संस्थान की 10 लाख रुपयों की आवश्यकता के बारे मे बताया ताकि वे इसके शोध करने की क्षमता और आधार को बढ़ा सकें। लेकिन नेहरू ने किसी प्रकार का आश्वासन देने से इनकार कर दिया और कहा कि रमन तुम इस संस्थान के भविष्य को लेकर क्यों चिंतित रहते हो? रमन ने जबाब दिया - में इस संस्थान को दूसरा सरकारी संस्थान नहीं बनने देना चाहता। रमन के मन में भ्रष्ट नेताओं के प्रति बड़ा गुस्सा था और नेहरू के क्रिया कलापों ने इसे और भी बढ़ दिया था। एक बार तो वे इतने क्रोधित हो गए कि उन्होंने संस्थान में रखी नेहरू की मूर्ति को पटक कर तोड दिया और नेहरू सरकार के दिये भारत रत्न के पदक को हथोडा मार मार कर तोड़ दिया ( यह वाकया उनके पौत्र शेखर द्वारा बताया गया है)।रमन को पता था कि उनके सेवा निवृत्ति के उपरांत नेहरू सरकार उनको अपना शोध जारी रखने की इजाज़त नहीं देगी अतः उन्होंने मैसूर के महाराजा से अनुरोध किया कि थोड़ी सी जमीन उन्हें उपलब्ध कराई जाए जहां वो अपनी प्रयोग/शोधशाला बना सकें। मैसूर के महाराज ने खुशी खुशी 10 एकड़ की जमीन सी वी रमन को दे दी और कहा कि वे अपनी इच्छानुसार जैसा वे चाहते हैं वैसी प्रयोगशाला बनाएं और छात्रों को प्रशिक्षण दें और अपने जैसे वैज्ञानिक देश को दें। इसी जमीन पर रमन ने अपनी प्रयोगशाला बनाई और इसे रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट का नाम दिया जहां वे अंत तक कार्यरत रहे। सेवानिवृत्ति के समय रमन को नेहरू सरकार ने एकमुश्त रकम दी थी जिसे उन्होंने सरकार को ये कहते हुए लौट दी कि वो सरकार का किसी भी प्रकार का एहसान नहीं लेना चाहते। धीरे धीरे नेहरू सरकार ने उनके सभी अनुदानों पर रोक लगा दी और दिए गए अनुदान भी रोक दिए यही नहीं नेहरू सरकार ने रमन के उस भवन (IISC) मे भी प्रवेश पर पाबंदी लगा दी एवं जिस विभाग की उन्होंने स्थापना की थी उसमें प्रवेश भी निषिद्ध कर दिया। उनका कार्य पैसे की और उपकरणों की कमी से बाधित होने लगा। इनके विद्यार्थियों ने उनका साथ भिन्न कारणों से यथा पैसे की कमी या रमन के साथ काम न करने की चेतावनी की वजह से छोड़ दिया। रमन समझ गए थे कि नेहरू सरकार अब उंसके बदला ले रही थी अतः उन्होंने अपने IISC के सभी मित्रों को छोड़ दिया और अपने घर के दरवाजे भी बंद कर दिए। नेहरू सरकार के राजनेताओं के व्यवहार से वे इतने दुखी थे कि उन्होंने अपने घर के दरवाजे पर पट्टिका लगा दी किसे थोड़ी सी जमीन देने के लिए कहा जहां वो अपनी प्रयोग/शोधशाला बना सकें। मैसूर के महाराज ने खुशी खुशी 10 एकड़ की जमीन सी वी रमन को दे दी और कहा कि वे अपनी इच्छानुसार जैसा वे चाहते हैं वैसी प्रयोगशाला बनाएं और छात्रों को प्रशिक्षण दें और अपने जैसे वैज्ञानिक देश को दें। इसी जमीन पर रमन ने अपनी प्रयोगशाला बनाई और इसे रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट का नाम दिया जहां वे अंत तक कार्यरत रहे। सेवानिवृत्ति के समय रमन को नेहरू सरकार ने एकमुश्त रकम दी थी जिसे उन्होंने सरकार को ये कहते हुए लौट दी कि वो सरकार का किसी भी प्रकार का एहसान नहीं लेना चाहते। धीरे धीरे नेहरू सरकार नेउनके सभी अनुदानों पर रोक लगा दी और दिए गए अनुदान भी रोक दिए यही नहीं नेहरू सरकार ने रमन के उस भवन (IISC) मे भी प्रवेश पर पाबंदी लगा दी एवं जिस विभाग की उन्होंने स्थापना की थी उसमें प्रवेश भी निषिद्ध कर दिया। उनका कार्य पैसे की और उपकरणों की कमी से बाधित होने लगा। इनके विद्यार्थियों ने उनका साथ भिन्न कारणों से यथा पैसे की कमी या रमन के साथ काम करने पर चेतावनी की वजह से छोड़ दिया। रमन समझ गए थे कि नेहरू सरकार अब उंसके बदला ले रही थी अतः उन्होंने अपने IISC के सभी मित्रों को छोड़ दिया और अपने घर के दरवाजे भी बंद कर दिए। नेहरू सरकार के राजनेताओं के व्यवहार से वे इतने दुखी थे कि उन्होंने अपने घर के दरवाजे पर पट्टिका लगा दी कि घर मे नेताओं का प्रवेश वर्जित है (politicians not allowed)। रमन जी ने अपने जीवन के अंतिम दिन छोटे बच्चों को प्रकृति और संगीत के बारे में शिक्षा देते हुए बिताई। सी वी रमन ने 21नवंबर 1970 को अपनी अंतिम सांस, मैसूर महाराज के दिये हुए घर मे ली। अपनी मृत्यु से पहले उन्होंने अपनी सारी बचत, पुरुस्कार राशि और जमीं IISC को शोध कार्यों के लिए दान कर दी थीं। अपने वैज्ञानिक राष्ट्रपति कलाम साहब के बारे में तो सबने सुना है पर अपने नोबेल विजेता विज्ञान शिरोमणि सी वी रमन के बारे में कम ही जानकारी उपलब्ध है। दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
प्रदर्शन हो या भोज, नेताजी को तो हर जगह भीड़ पसंद है Posted: 25 Sep 2020 07:22 PM PDT कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए जिन नेताओं और राजनीतिक दलों के जिम्मेदार कार्यकर्ताओं को ब्रेकर का काम करना चाहिए, वे स्प्रेडर बने हुए हैं। ऐसा ही नजारा शुक्रवार को शहर में नजर आया। एक ओर राजद ने कृषि विधेयक के विरोध प्रदर्शन में कोरोना की गाइडलाइन तार-तार कर दी, वहीं जदयू के भोज में नेता व कार्यकर्ताओं ने सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क की अनिवार्यता भुला दी। किसी कार्यकर्ता व नेता ने मास्क तक पहनना जरूरी नहीं समझा। राजद नेता व कार्यकर्तओं ने प्रदर्शन में मास्क और दूरी बनाने की बजाय भीड़ लगाई। इधर, विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद साह धर्मशाला में बड़ी तादाद में जदयू कार्यकर्ता जुटे और लजीज व्यंजनों का लुत्फ उठाया। इक्का-दुक्का लोगों ने कोरोना गाइडलाइन फॉलो की। चंद ने मास्क लगाए, चेहरे पर रूमाल बांधा, लेकिन अधिकतर के चेहरे से मास्क नदारद नजर आए। दोनों दलों के नेता व कार्यकर्ताओं की इस हरकत से संक्रमण को न्योता मिलता नजर आया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/bhagalpur/news/be-it-a-performance-or-a-banquet-netaji-likes-crowds-everywhere-127754922.html |
कालीबाड़ी में बांग्ला रीति रिवाज से होगी मां की पूजा Posted: 25 Sep 2020 07:22 PM PDT इस बार शारदीय नवरात्र 17 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। प्रतिमा निर्माण को लेकर पूजा समितियों में अभी असमंजस की स्थिति है। कालीबाड़ी दुर्गा पूजा समिति के महासचिव विलास कुमार बागची ने बताया कि कालीबाड़ी में 1941 से दुर्गा पूजा हो रही है। 39 वर्षों तक लगातार महासचिव के पद पर रहे, लेकिन पहली बार काेराेना संक्रमण को लेकर संस्कृतिक कार्यक्रम, भोग वितरण, पंडाल निर्माण नहीं किया जाएगा। जिला प्रशासन से निर्देश मिलने पर मां दुर्गा की 5 फीट की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। मान्यता है कि बांग्ला रीति रिवाज के तहत पूजा में महास्नान कराया जाता है, जिसमें वैश्या घर की मिट्टी अनिवार्य रूप से लगती है। उन्होंने बताया कि देवदास फिल्म में भी वैश्या घर की मिट्टी के महत्व को दिखाया गया है। संस्कृति कार्यक्रम में सिलीगुड़ी, कोलकाता और उड़ीसा के कलाकारों को लाने की समिति के द्वारा चर्चा की गई थी। गाना कंपटीशन होता पर स्थगित कर दिया गया है। 3 दिन में 5000 से अधिक हांडी का भोग वितरण किया जाता था, इस बार नहीं हाेगा। भोग में करीब 75 से 80 हजार रुपए खर्च हो जाते थे। बांग्ला में होगा दुर्गा सप्तशती का पाठ कोलकाता के देवाशीष मुखर्जी और राजा मुखर्जी बांग्ला में दुर्गा सप्तशती का पाठ करेंगे। बंगाली समाज में पूजा काफी विधि विधान से समयानुसार किया जाता है। देवी दुर्गा को जगाने के लिए बंगाल के ढाक 5 पूजा को पहुंच जाते हैं। इस बार भी बंगाल से ढाक बजाने पहुंचेंगे। पूजा समिति के अध्यक्ष डॉ. सुजाता शर्मा, मुख्य संरक्षक डॉ. हेमशंकर शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. विश्वपति चटर्जी, महासचिव विलास कुमार बागची, कोषाध्यक्ष रजत मुखर्जी, उपाध्यक्ष देवाशीष बनर्जी, परिमल कंसवनिक, स्नेहेश कुमार बागची आदि जुटे हुए हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/bhagalpur/news/mother-will-be-worshiped-in-bangladeshi-customs-in-kalibari-127754885.html |
जीवन जागृति सोसायटी ने लाेगों से कहा- 18 साल के बच्चों को न चलाने दें बाइक Posted: 25 Sep 2020 07:22 PM PDT सड़क दुर्घटना से बचाव को लेकर जीवन जागृति सोसायटी ने शुक्रवार को बौंसी रोड में जागरूकता अभियान चलाया। सोसीयटी के अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार सिंह ने कहा कि यह अभियान सड़क दुर्घटना से बचाव के लिए चलाया जा रहा है। बाइक खरीदने वालों लोगों की जानकारी दी गई। बताया गया कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों को बाइक न चलाने दें। बताया गया कि ड्राइविंग लाइसेंस जरूरी है। यातायात के नियमों का पालन करने की शपथ दिलाई जाए। बाइक चलाते समय हेलमेट ही सच्चा दोस्त है, हेलमेट का आदत ऐसे लगाएं जैसे खाने में नमक का होता है। मौके पर सचिव सोमेश यादव, उप-कोषाध्यक्ष राकेश रजक सहित अन्य मौजूद थे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/bhagalpur/news/jeevan-jagriti-society-told-people-do-not-let-18-year-old-children-drive-bikes-127754899.html |
चंपानगर में चाट-पकाैड़े का ठेला लगाने वाले की माैत, पर नहीं थे चोट के निशान Posted: 25 Sep 2020 07:22 PM PDT चंपानगर के सिटी लेन के कामेश्वर महलदार के 32 वर्षीय पुत्र मुन्ना महलदार की संदेहास्पद मौत हो गई। शुक्रवार की शाम उसका शव मकदुम साह दरगाह घाट की मजार के टिल्हा पर मिला। नमाज अदा करने गये लोगों की उस पर नजर पड़ी तो पुलिस व परिजनों को सूचना दी। पुलिस ने शव की जांच की। मृतक के शरीर में किसी तरह के चोट के निशान नहीं हैं। मुन्ना चाट-पकोड़े का ठेला लगाता था। लॉकडाउन में आर्थिक तंगी की वजह से उसका काम बंद था। लोगों ने बताया कि वह शराब पीने का आदी था। मुन्ना की माैत की जानकारी मिलने पर परिवार में काेहराम मच गया। उसकी मां प्रमिला देवी ने बताया कि मुन्ना की किसी से दुश्मनी नही थी। शुक्रवार से ही ठेला लगाने वाला था। दोपहर करीब दो बजे वह बिना कुछ बताये घर से बाहर निकला था। उसकी माैत से वे लाेग हैरान हैं। मुन्ना की पत्नी संजना देवी ने बताया कि विषहरी स्थान चौक पर उसके ससुर झालमूढ़ी की दुकान चलाते हैं। पूरे लॉकडाउन में उन्हाेंने ही किसी तरह पूरे परिवार की परवरिश की। उसके तीन बच्चे हैं। अब वह किसके सहारे जियेगी। नाथनगर के इंस्पेक्टर मो. सज्जाद हुसैन ने बताया कि मृतक के शरीर पर किसी तरह के निशान नहीं हैं। शव के पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के कारण का पता चल पाएगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/bhagalpur/news/champ-jailers-cheat-dealer-who-did-not-have-injury-marks-127754864.html |
Posted: 25 Sep 2020 07:22 PM PDT बरारी श्मशान घाट के पास लीची बगान मोहल्ले में शुक्रवार दोपहर को लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे एक युवक ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक प्रिंस कुमार (21) गु्डडू सिंह का इकलौता पुत्र था। वह पिछले 6 माह से नोएडा की युवती शबनम के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रहा था। दोनों जल्द शादी करने वाले थे। घटना के समय घर पर केवल उसकी गर्लफ्रेंड शबनम थी, जाे सो रही थी। शबनम का कहना है कि काम नहीं मिलने के कारण पिता अक्सर प्रिंस को ताना देते थे, जिससे आजिज होकर उसने आत्महत्या की है। प्रिंस का परिवार मूल रूप से खगड़िया के कपासी गांव का रहने वाला है। एक माह पहले ही प्रिंस की मां अंजनी देवी की पीलिया से मौत हुई है। नोएडा में गाड़ी चलाता था प्रिंस, वहीं शबनम से हुई थी जान-पहचान शबनम ने बताया कि उसके पिता बिल्डर हैं। नोएडा में प्रिंस पहले गाड़ी चलाता था। वहीं उससे जान-पहचान हुई। दो माह पहले दाेनाें भागलपुर आए थे। दूसरी जाति की होने के बाद भी प्रिंस के माता-पिता ने उसे बहू का दर्जा दिया था। प्रिंस के पिता हैदराबाद में काम करते हैं। प्रिंस की मां के निधन के बाद उसके पिता हैदराबाद से भागलपुर आ गए। प्रिंस यहां बेरोजगार हो गया और परिवार में कलह शुरू हो गया। पिता कहते थे कि वह दूसरी शादी कर लेंगे। बात-बात पर प्रिंस को ताने मारते थे। नाना के सामने प्रिंस और उसके पिता में हुआ था विवाद, घर से निकल जाने को कहा था शबनम ने बताया कि वह प्रिंस और उसके परिजनों के साथ उसके गांव खगड़िया भी गई थी। आत्महत्या से दो दिन पहले प्रिंस के नाना आए थे तो उनके सामने पिता-पुत्र में विवाद हुआ था। नाना के सामने प्रिंस को उसके पिता ने फिर काम नहीं करने का ताना दिया था और घर से दोनों (प्रिंस और शबनम) को निकल जाने को कहा था। इसके बाद प्रिंस लगातार दो दिन से रो रहा था। खाना भी नहीं खा रहा था। प्रिंस की छोटी बहन सोनम नाना के साथ उनके घर चली गई थी। शुक्रवार दोपहर में खाना खाकर प्रिंस के पिता गुड्डू सिंह कहीं बाहर गए। वह साेई थी। जगी तो प्रिंस काे फंदे से लटका पाया। पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। घर से बाहर निकले पिता देर रात तक घर नहीं लाैटे थे। प्रिंस के मामा के नाम पर यूडी केस दर्ज किया गया है। जिसके लिए घर छोड़ा वही नहीं रहा : शबनम शबनम ने बताया कि वह प्रिंस से प्यार करती है। इस कारण नोएडा में अपने घर, माता-पिता, बहन को छोड़ कर प्रिंस के साथ भागलपुर आ गई। कभी यह नहीं सोचा कि प्रिंस का जाति-धर्म दूसरा है। प्रिंस भी मुझसे बहुत प्यार करता था और दोनों जल्द ही शादी करने वाले थे। लेकिन जिसके लिए सबकुछ छोड़ा, अब वहीं नहीं रहा। शबनम ने बताया कि प्रिंस के कारण उसने अपने माता-पिता से भी संबंध में तोड़ लिया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/bhagalpur/news/the-young-man-was-living-in-a-live-in-after-being-unemployed-gave-life-to-his-fathers-taunts-the-girlfriend-said-he-left-the-house-for-which-he-did-not-exist-127754847.html |
भागलपुर से कोलकाता, रांची, टाटा, पटना और बोकारो के लिए चलेंगी सरकारी बसें Posted: 25 Sep 2020 06:22 PM PDT पथ परिवहन निगम अपने तिलकामांझी बस स्टैंड से कोलकाता से रांची, टाटा, बाेकारो व अन्य रूटों पर बस चलाएगा। लंबी दूरी की बसों को चलाने के लिए पटना से 25 दिन पहले क्षेत्रीय प्रबंधक ने रूट चार्ट मांगा था। यह रूट विभाग को भेज दिया गया है। विभाग भागलपुर डिपो के लिए नई बसों की खरीदारी की प्रक्रिया में है। अक्टूबर के दूसरे सप्ताह तक नए रूट पर चलाने के लिए भागलपुर डिपो को 15 नई बसें मिलेंगी। सभी बसें 2x2 हाेंगी। बता दें कि अभी निगम बेगूसराय, पूर्णिया, कटिहार, बांका और तारापुर रूट पर बसें चला रहा है। लाॅकडाउन में पटना के लिए भी बस सेवा शुरू की गई थी। इन जगहों के लिए दौड़ेगी बसें
रूट चार्ट बनाकर भेजा है पटना से रूट चार्ट मांगने पर चार्ट बनाकर भेजा है। अक्टूबर के दूसरे सप्ताह तक भागलपुर डिपो को 15 नई बसें मिलेंगी। कोलकाता, टाटा, बोकारो आदि नए रूट पर बस दौडेंगी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/bhagalpur/news/government-buses-will-run-from-bhagalpur-to-kolkata-ranchi-tata-patna-and-bokaro-127754794.html |
जिले में कोरोना के 46 मरीज, शहर में भी 11 मिले, 80 लोग ठीक होकर घर भी गए Posted: 25 Sep 2020 06:22 PM PDT शुक्रवार को 46 नए मरीज मिले। इसमें शहरी क्षेत्र में 11 संक्रमित पाए गए। गोशाला रोड के मोबाइल कारोबारी के परिवार में देवरानी-जेठानी, दोनों की बेटियां और एक ड्राइवर संक्रमित मिले हैं। तिलकामांझी में एक युवती, लालबाग से एक युवक, खरमनचक और हबीबपुर के 1-1 युवक पॉजिटिव हुए हैं। इस बीच होम आइसोलेशन में 80 लोग ठीक भी हुए। इधर, जिले में शुक्रवार काे 4600 लाेगाें के सैंपल लिए गए। राज्य सरकार ने 4800 का टारगेट दिया था। सीएस डाॅ. विजय कुमार सिंह ने बताया, अब टारगेट कम हाे गया है। इसलिए 4600 सैंपल लिए गए। इधर, स्टेशन परिसर में 120 लाेगाें के सैंपल की जांच में सभी निगेटिव मिले। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/bhagalpur/news/46-patients-of-corona-in-the-district-11-were-also-found-in-the-city-80-people-recovered-and-also-went-home-127754780.html |
साहिबगंज-किऊल स्पेशल मेमू आज से, रिजर्वेशन जरूरी नहीं Posted: 25 Sep 2020 06:22 PM PDT भागलपुर रेलखंड पर शनिवार से पहली इलेक्ट्रिक स्पेशल मेमू ट्रेन दौड़ेगी। यह साहिबगंज से सुबह 7.05 खुलेगी और सभी स्टेशनों पर रुकते हुए जमालपुर तक जाएगी। वहां 10 मिनट रुकने के बाद नए ट्रेन नंबर से किऊल तक जाएगी। डीआरएम यतेंद्र कुमार ने वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में बताया, मेमू अभी 8 बोगियों के साथ चलेगी। सभी बोगी में 225 लोगों के बैठने की जगह है। ट्रेन में करीब 1800 यात्री सफर कर सकेंगे। स्पेशल होने के बाद भी किराया नहीं बढ़ाया गया है। इसमें बिना रिजर्वेशन ही यात्रा हो सकेगी। बड़े स्टेशनों पर थर्मल स्कैनिंग से पैसेंजर्स का बॉडी टेम्परेचर चेक होगा। इसके बाद ट्रेन में चढ़ने की अनुमति होगी। यात्रियों को मास्क पहनना और सैनिटाइजर रखना अनिवार्य है। उन्होंने कहा, अभी पैसेंजर ट्रेन के नाम पर सिर्फ मेमू की अनुमति मिली है। सीनियर डीओएम एसके तिवारी ने बताया, स्टेशनों पर यूटीएस काउंटर सुबह खुल जाएंगे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/bhagalpur/news/from-today-sahibganj-kiul-special-memu-reservation-not-necessary-127754766.html |
प्रभारी प्राचार्य ने कहा- सीओ जमीन नपाई कर दें; अभियंता बोले- पहले क्यों नहीं कराई Posted: 25 Sep 2020 06:22 PM PDT आवास बोर्ड की जमीन पर शिक्षा विभाग के कब्जे के बाद मामला गर्म हो उठा है। बोर्ड की जमीन पर विधायक निधि के 14.32 लाख से बन रही बरारी हाईस्कूल की बाउंड्रीवाल पर स्कूल के प्रभारी प्राचार्य गणेश कुमार एक ओर यह कह रहे हैं कि बाउंड्री स्कूल की जमीन पर ही बनेगा। अभी पाइलिंग भी नहीं हुई है और लोगों ने विवाद शुरू कर दिया। सीओ जमीन की नापी कर समस्या का निदान कर दें। दूसरी ओर बोर्ड के कार्यपालक अभियंता दीपक कुमार का कहना है कि निर्माण से पहले जमीन की नापी कराते तो विवाद नहीं होता। प्रभारी प्राचार्य गणेश कुमार ने बताया, जब सहायक अभियंता विजय कुमार ने स्थल निरीक्षण किया तो हमें इसकी सूचना नहीं दी। उन्हें मुझसे मिलना चाहिए था। उन्होंने कहा, बाउंड्री न होने से 2016 व 2017 में चोरी भी हो चुकी है। स्कूल चारागाह बन गया है। परीक्षा में भी परेशानी होती है। उन्होंने जगदीशपुर सीओ से जमीन नापी करवाकर मामला सुलझाने की बात कही। आवास बोर्ड के कार्यपालक अभियंता दीपक कुमार ने कहा, यहां 10 फीट चौड़ी सड़क है। यह मेन रोड को जोड़ती है। लेकिन बाउंड्री 5 फीट अंदर तक बोर्ड की जमीन पर बनाई जा रही है। जमीन की नापी पहले ही करवानी चाहिए थी। स्थानीय लोगों ने भी खोला मोर्चा हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी सेक्टर-3 निवासी डीडी दत्ता, लूसी लता शर्मा, उपेंद्र प्रसाद सिंह, दिलीप कुमार झा, सुभाषचंद्र गुप्ता, कुमारी सरिता ने कहा, घर के पश्चिम ओर हमारे लिए 10 फीट का रास्ता है। स्कूल प्रबंधन पुरानी दीवार तोड़कर आगे लाना चाहता है। इससे हमारा रास्ता छोटा हो जाएगा।स्कूल प्रबंधक पुरानी दीवार के आधार पर ही अपनी बाउंड्री बनाए। डीडी दत्ता ने बताया, मामले में आवास बोर्ड के कार्यपालक अभियंता को भी इसके लिए पत्र लिखा गया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/bhagalpur/news/the-principal-in-charge-said-co-impound-the-land-engineer-said-why-not-get-it-done-earlier-127754760.html |
1283 बूथ बढ़े, वोटिंग से पहले वोटरों के पारा की होगी जांच Posted: 25 Sep 2020 06:22 PM PDT काेराेनाकाल में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है। जिले के सात विधानसभा में दाे चरणाें में चुनाव हाेगा। दुर्गा पूजा के दाे दिन बाद 28 अक्टूबर काे कहलगांव व सुल्तानगंज और दीपावली से 11 दिन पहले तीन नवंबर काे भागलपुर, गाेपालपुर, बिहपुर, नाथनगर व पीरपैंती विधानसभा में वाेटिंग हाेगी। जिले में चुनाव अधिसूचना जारी हाेने के साथ आदर्श आचार संहिता लागू हाे गई। अब चुनाव के बाद ही जिले में नई याेजना का शिलान्यास या नए काम की शुरुआत हाे सकेगी। इस बार काेराेना के कारण बूथाें की संख्या भी बढ़ाई गई है। 2015 की तुलना में 1283 बूथ बनाए गए हैं, ताकि मतदान केंद्र पर भीड़ न लगे। 2015 में 1912 जबकि इस बार 3195 बूथ हैं। सभी बूथाें पर थर्मल स्क्रीनिंग हाेगी। वोटिंग से पहले वोटरों के तापमान की जांच की जाएगी। साथ ही पांच साल के अंदर एक लाख 31 लाख 968 वाेटर भी बढ़े हैं। शुक्रवार काे चुनाव की घाेषणा हाेने के बाद जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम प्रणव कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस कर जिले के साताें विधानसभा में चुनाव और उसकी तैयारी की विस्तार से जानकारी दी। उन्हाेंने बताया कि जिले में इस बार 21 लाख 78 हजार 112 मतदाता वाेटिंग में भाग लेंगे। काेराेना को जारी गाइड लाइन का पालन किया जाएगा। क्रिमनल बैकग्राउंड वालों को अपने बारे में तीन बार घाेषणा करनी हाेगी। डीएम ने आचार संहिता लागू हाेने के बाद सभी विधानसभा में धारा 144 लागू कर दी है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/bhagalpur/news/1283-booths-increased-mercury-of-voters-to-be-checked-before-voting-127754750.html |
बिहटा एयरपाेर्ट के विकास और निर्माण के लिए टेंडर का प्रस्ताव पब्लिक इंवेस्टमेंट ब्यूराे काे भेजा Posted: 25 Sep 2020 06:22 PM PDT पटना से करीब 30 किलाेमीटर दूर बिहटा में भी एयरपाेर्ट बनेगा। इस एयरपाेर्ट के टर्मिनल भवन से लेकर विमान की लैंडिंग व टेकऑफ से लेकर अन्य आधारभूत संरचनाओं पर 981 कराेड़ की लागत आएगी। अगले दाे-तीन साल में जब यह बनकर तैयार हाे जाएगा ताे इस एयरपाेर्ट की सालाना क्षमता 50 लाख यात्रियाें की हाेगी। बिहार सरकार ने इसके लिए 108 एकड़ जमीन दे दी है। इस जमीन की बाउंड्री का काम पिछले साल ही पूरा हाे गया। एयरपाेर्ट अथाॅरिटी ऑफ इंडिया ने 8 एकड़ और जमीन की मांग की है। इसके लिए पिछले साल ही एयरपाेर्ट अथाॅरिटी ऑफइंडिया व बिहार सरकार के वरीय अधिकारियाें के बीच बैठक भी हुई थी पर अभी तक आठ एकड़ जमीन नहीं मिली है। अच्छी बात यह है कि एयरपाेर्ट के विकास व निर्माण के लिए टेंडर के लिए प्रस्ताव पब्लिक इंवेस्टमेंट ब्यूराे काे भेजा जा चुका है। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद टेंडर हाेगा। बिहटा में सिविल इंक्लेव बन जाने से पटना का यह सबसे नजदीक और दूसरा एयरपाेर्ट हाेगा। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने साेशल मीडिया पर मैसेज शेयर किया है कि 981 कराेड़ की लागत से बनने वाले बिहटा एयरपाेर्ट के निर्माण के अनुमाेदन का प्रस्ताव पब्लिक इंवेस्टमेंट ब्यूराे काे चला गया है। 126 एकड़ में से 18 एकड़ सरकार ने रख ली स्टेट हैंगर के लिए दरअसल बिहार सरकार ने बिहटा एयरपाेर्ट से सटे विशंभरपुर और कुतुलपुर में 126 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। तीन साल पहले ही सरकार ने जमीन का अधिग्रहण किया था। इस 126 एकड़ जमीन में से बिहार सरकार ने स्टेट हैंगर के लिए 18 एकड़ जमीन अपने पास रख ली और 108 एकड़ जमीन एयरपाेर्ट के लिए दे दी। सूत्राें के अनुसार एयरपाेर्ट के सिडी साइड के लिए 8 एकड़ और जमीन की जरूरत है ताकि उसमें क्वार्टर, पार्कंग वे समेत अन्य निर्माण हाे सके। बिहटा एयरपाेर्ट पर भी पैरेलल टैक्सी ट्रैक, आइसोलेशन बे, कैट थ्री के लिए अप्रोचिंग लैंडिंग सिस्टम का निर्माण होना है। बड़े विमानाें के लिए 12 हजार फीट रनवे हाेना चाहिए, पर 8200 फीट है
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अब दफ्तर आने की जरूरत नहीं, मोबाइल एप से करें आवेदन और घर बैठे लें योजनाओं का लाभ Posted: 25 Sep 2020 06:22 PM PDT समाज कल्याण मंत्री राम सेवक सिंह ने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए विकसित मोबाइल एप और वेब पोर्टलों को ऑनलाइन लांच करने के बाद कहा कि आम जनता अब मोबाइल एप के जरिए विभिन्न योजनाओं का लाभ ले सकती है। तकनीक के इस युग में विभाग की लगातार कोशिश है कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ ऑनलाइन मिले, ताकि उन्हें अधिक परेशानी न हो। राज्य के 101 बुनियाद केंद्राें में वृद्धों को नि:शुल्क चश्मा दिया जा रहा है। उनकी आंखों की जांच भी नि:शुल्क की जा रही है। मोबाइल एप और वेब पोर्टल के उद्घाटन के बाद इन योजनाओं का अनुश्रवण और अच्छे से हो सकेगा। मोबाइल थेरेपी वैन के जरिए सभी जरूरतमंदों को मिल रही योजनाओं का भी अनुश्रवण हो सकेगा। अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद ने कहा कि मोबाइल एप के जरिए मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना के लाभुक सारे दस्तावेज घर बैठे जमा कर सकते हैं। इसके बाद उनका केवाईसी भी ऑनलाइन हो जाएगा। इन योजनाओं के लिए मोबाइल एप लांच उज्ज्वल दृष्टि अभियान हेतु : दृष्टि एप इन योजनाओं के लिए वेब पोर्टल लांच मुख्यमंत्री निशक्तजन विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/now-there-is-no-need-to-come-to-office-apply-with-the-mobile-app-and-take-advantage-of-schemes-from-home-127754597.html |
छठ तक लोकतंत्र का महापर्व, दशहरे के बाद महाभारत; दिवाली से पहले राजतिलक Posted: 25 Sep 2020 06:22 PM PDT जैसे वामन देव ने तीन पग में तीनों लोक नाप लिए थे, वैसे ही तीन चरण में वोटर को पूरा बिहार मापना है। कारण, चुनाव आयोग ने शुक्रवार को बिहार विधानसभा चुनाव तीन चरणों में ही कराने का ऐलान किया। पहले चरण की वोटिंग 28 अक्टूबर, दूसरे चरण की 3 नवंबर और तीसरे चरण की वोटिंग 7 नवंबर को होगी। चुनाव परिणाम 10 नवंबर को आएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने इसकी घोषणा की। आयोग ने मतदान की तिथि दशहरा और दीवाली के बीच रखा है। चुनाव की पूरी प्रकिया 12 नवंबर तक पूरी कर ली जाएगी। दीवाली और छठ के बीच ही सरकार का गठन हो जाएगा। चुनाव की घोषणा के साथ ही बिहार में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। बिहार-देश का यह पहला आम चुनाव है जो कोराना काल में होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि 70 देशों ने चुनाव टाल दिए, लेकिन जैसे-जैसे दिन गुजरते गए न्यू नॉर्मल होता गया। यह कोरोना के दौर में देश का ही नहीं, बल्कि दुनिया का पहला सबसे बड़ा चुनाव होने जा रहा है। बिहार में जिन 10 जिलों में बाढ़ व कोरोना का प्रभाव है वहां दो चरण व बाकी 28 जिलों में एक चरण में वोटिंग होगी। बिहार में तीन चरण में चुनाव: 49 दिनों के लिए आचार संहिता लागू पहला चरण 28 अक्टूबर : 71 सीट 16 जिलों में वोट | बांका, मुंगेर, जमुई, लखीसराय, शेखपुरा, नवादा, गया, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, भोजपुर, रोहतास, बक्सर, कैमूर (भभुआ) भागलपुर, पटना। दूसरा चरण 3 नवंबर : 94 सीट 17 जिलों में वोट | भागलपुर, खगड़िया, बेगूसराय, समस्तीपुर, वैशाली, नालंदा, पटना, सारण,मुजफ्फरपुर, सीवान, गोपालगंज, पू.चंपारण, शिवहर,दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, प. चंपारण। तीसरा चरण 7 नवंबर : 78 सीट 15 जिलों में वोट |कटिहार, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, मधुबनी, वैशाली, सीतामढ़ी, प. चंपारण, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, दरभंगा। पटना : पहले चरण में 5, दूसरे चरण में 9 सीटों पर मतदान पहले चरण में मोकामा, मसौढ़ी, पालीगंज, विक्रम व बाढ़, दूसरे में दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब, फतुहा, दानापुर, मनेर, फुलवारी व बख्तियारपुर । विधान परिषद चुनाव: शिक्षक और स्नातक क्षेत्रों की 4-4 सीटों के लिए 22 अक्टूबर को वोटिंग बिहार विधान परिषद के लिए शिक्षक और स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों की चार-चार सीटों पर 22 अक्टूबर को वोटिंग होगी। पटना, दरभंगा, तिरहुत और कोशी स्नातक निर्वाचन क्षेत्र व पटना, दरभंगा, तिरहुत और सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव होना है। नीरज कुमार, दिलीप कुमार चौधरी, देवेश चंद्र ठाकुर, डॉ.एन.के.यादव, नवल किशोर यादव, डॉ.मदन मोहन झा, संजय सिंह और केदारनाथ पांडेय 6 मई के रिटायर हो चुके हैं। नीतीश ने चुनाव के लिए अपना एजेंडा बताया-सात निश्चय पार्ट-2 का ऐलान जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने बहुआयामी और बहुत महत्वाकांक्षी मिशन 7 निश्चय के अगले पार्ट (हिस्से) का ऐलान किया। शुक्रवार की देर शाम जदयू प्रदेश कार्यालय में संवाददाताओं से बात कर रहे थे। बोले-'हमने जो भी कहा, एक-एक काम किया। हमारा काम चारों तरफ दिख रहा है। ये है 7 निश्चय पार्ट 2 1. युवा शक्ति, बिहार की प्रगति 2.सशक्त महिला, सक्षम महिला 3. हर खेत को पानी 4. स्वच्छ गांव, समृद्ध गांव 5. स्वच्छ शहर, विकसित शहर 6. सुलभ संपर्कता 7. सबके लिए अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधा। तेजस्वी ने कहा- कांग्रेस-वामदलों से ही गठबंधन विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत है। हम आश्वस्त हैं, क्योंकि बिहार के लोग इस सरकार से छुटकारा चाहते हैं। जदयू चुनाव में मायने नहीं रखता। हमारी लड़ाई भाजपा के साथ है। रालोसपा-वीआईपी का नाम लिए बिना तेजस्वी बोले-बिहार में हमारा गठबंधन कांग्रेस और वामपंथी दलों के साथ है। सीट शेयरिंग के मुद्दे पर कहा- जल्दीबाजी क्याें? क्या दूसरे गठबंधन ने सीट शेयरिंग कर लिया कि हम हड़बड़ा जाएं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/mahaparva-of-democracy-till-chhath-mahabharata-after-dussehra-coronation-before-diwali-127754144.html |
रघुवंश बाबू के विचारों को नई पीढ़ी को बताया जाए : नीतीश Posted: 25 Sep 2020 05:22 PM PDT मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह के पैतृक गांव में आयोजित उनके एकादशा कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने उनको श्रद्धांजलि दी। उनके परिजनों को सांत्वना दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके निधन से हम सब दुखी हैं। हम सबका उनके प्रति आदर का भाव रहा है। वे किसी भी पार्टी से रहे लेकिन उनका विचार अपने क्षेत्र, राज्य और देश के लिए महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने बीमारी के दौरान जो पत्र लिखा, उसके संबंध में प्रधानमंत्री ने भी चर्चा की थी। प्रधानमंत्री ने कहा था कि रघुवंश बाबू के पत्र में लिखी बातों को हम सब मिलकर पूरा करेंगे। उनके पत्र के संबंध में बिहार सरकार की तरफ से तत्काल कार्रवाई करते हुए केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है, जल संसाधन विभाग को कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। पत्र में वैशाली और मनरेगा से संबंधित बातें केंद्र सरकार के दायरे में हैं, जिसके संबंध में हम लोगों ने पत्र लिखा है। मनरेगा के कार्य को खेती के कार्य से जोड़ने के संबंध में भी बातें कही गयी हैं, इससे कृषि कार्य में फायदा होगा। हमलोग वैशाली के लिए जो कुछ भी संभव है, उसे कर रहे हैं। उनके विचारों को नई पीढ़ी को बताना चाहिये ताकि वे उनसे सीख ले सकें। एक प्रोफेसर के रुप में उन्होंने अपनी सेवाएं दीं। हम शोक संतप्त परिवार के साथ हैं और जो भी हमसे संभव होगा, करते रहेंगे। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, विधान पार्षद देवेश चंद्र ठाकुर भी साथ थे। दारोगा पांडेय के श्राद्धकर्म में भी शामिल हुए नीतीश मुख्यमंत्री बलवा (पूर्वी चंपारण) गांव में दारोगा पांडेय के श्राद्ध कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने दारोगा पांडेय को श्रद्धांजलि दी। परिजनों को सांत्वना दी। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, कला संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार, विधान पार्षद देवेश चंद्र ठाकुर आदि भी मौजूद थे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/raghuvansh-babus-views-should-be-told-to-the-new-generation-nitish-127754579.html |
Posted: 25 Sep 2020 05:22 PM PDT पूर्व मध्य रेल मुख्यालय में आयोजित राजभाषा पखवारा का शुक्रवार को समापन हो गया। वर्चुअल माध्यम से आयोजित इस समारोह में रेल राज्यमंत्री सुरेश अंगड़ी के निधन पर दो मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गई। अध्यक्षता करते हुए जीएम एलसी त्रिवेदी ने कोरोना काल की विपरीत परिस्थितियों में भी राजभाषा विभाग द्वारा किए गए कार्य की सराहना की। ई-ऑफिस का उल्लेख किया और कहा कि इसके कारण हिंदी का प्रचार-प्रसार बढ़ा है और कार्य करने में सुगमता आई है। मुख्य राजभाषा अधिकारी सह प्रधान मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर राजेश कुमार ने आयोजित कार्यक्रमों की जानकारी दी। पूर्व उप मुख्य राजभाषा अधिकारी सह उप मुख्य कार्मिक अधिकारी/राजपत्रित विवेक कुमार ने भी विचार रखे। मौके पर दिलीप कुमार, अशोक कुमार श्रीवास्तव भी मौजूद थे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/gm-said-at-the-conclusion-of-rajbhasha-pakhwara-at-east-central-railway-headquarters-hindi-publicity-increased-from-e-office-127754557.html |
20 हत्यों के आरोपी काे पुलिस ने पकड़ा ताे छाेड़ने के लिए दिया था 5 कराेड़ का ऑफर Posted: 25 Sep 2020 05:22 PM PDT पटना पुलिस की टीम ने जब साइकाे सीरियल किलर कंकड़बाग निवासी अविनाश श्रीवास्तव उर्फ अमित काे रक्साैल स्थित एक हाेटल से गिरफ्तार किया ताे उसने छाेड़ने के लिए पुलिस काे 5 कराेड़ का ऑफर दिया था। कहा था, एक घंटा दे दें, पांच कराेड़ पेमेंट कर देंगे पर पुलिस पर इसका असर नहीं पड़ा। हत्या के 20 केस का आरोपी अमित मां के साथ नेपाल भागने के लिए हाेटल में ठहरा हुआ था। इसी बीच बुधवार की देर रात पुलिस ने छापेमारी कर दी। अमित हाल ही हाजीपुर जेल से छूटा था। वह दिल्ली के जामिया मिल्लिया से एमसीए कर चुका है। यही नहीं उसने इंफाेसिस में नाैकरी भी की है। फर्राटेदार अंग्रेजी बाेलता है। वह किताब भी लिख चुका है। एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि खाजेकलां थाना इलाके में भी अमित ने हत्या व लूट की वारदात काे अंजाम दिया था। पटना पुलिस उसे गिरफ्तार कर ले आई है। पुलिस उससे पूछताछ करने में जुटी है। अमित के पिता लाला ललन श्रीवास्तव राजद के पूर्व एमएलसी थे। ललन की हत्या 2002 में हाजीपुर में हुई थी। पिता की हत्या के बाद अपराध की दुनिया में रखा कदम पढ़ाई के बाद अमित दिल्ली में ही नौकरी करने लगा। उसे 40 हजार मिलते थे लेकिन उसके पिता ने अमित को पटना आकर बिजनेस करने काे कहा था। पिता के कहने पर वह पटना आया लेकिन अमित के पिता ने जिन लोगों के साथ मिलकर बिजनेस प्लान किया था, उन्हीं लोगों ने उसके पिता की हाजीपुर में हत्या कर दी। इसके बाद अपराध की दुनिया में उतर गया। अमित, अपराध जगत में साइकाे किलर के नाम से जाना जाता है। उसे ब्रस्ट फायर करने में महारत हासिल है। सूत्राें के अनुसार, पटना नगर निगम की पूर्व डिप्टी मेयर अमरावती देवी के पति दीना गाेप की हत्या में भी अमित शामिल था। दीना गाेप की हत्या पिछले साल 12 मई काे उसके घर के पास ही बल्लमीचक में एके 47 से हुई थी। इसके अलावा अमित का नाम अधिवक्ता सरदारजी, अजीत गोप, चनारिक गोप, इम्तियाज, आभूषण काराेबारी मनोज सोनार, राहुल यादव, कैप्टन सुनील के भाई, विजय गोप, अजय गोप, लालू गोप, अजीत गोप समेत अन्य की हत्या में शामिल रहा है। पिता के हत्यारे काे मारी थी 32 गाेली सूत्राें के अनुसार, वर्ष 2003 में अविनाश ने अपने पिता के हत्या के आरोपी मोइन खां उर्फ पप्पू खां को हाजीपुर में 32 गाेलियां मारी थी। उसके बाद से ही वह साइकाे किलर के नाम से जाना जाने लगा। यही नहीं हाजीपुर में ही उसने एक की हत्या की। वह उसके लाश पर दाे घंटे बैठा रहा और लगातार लाश पर गाेलियां चलाता रहा। 2016 में जब पुलिस ने पकड़ा था ताे उसने कहा था गूगल में सर्च करें साइकाे किलर अमित पुलिस से बचने के लिए उसे मां लेकर सिलीगुड़ी लेकर चली गई थी। बाद में फिर वह बिहार लाैट गया। 2016 में हाजीपुर पुलिस ने उसे एक बैंक में चाेरी करने के दाैरान पकड़ा था। पुलिस ने जब उससे पूछताछ की थी ताे उसने कहा कि गूगल में साइकाे किलर सर्च करें। पुलिस ने सर्च किया ताे दंग रह गई। उसने पुलिस की पूछताछ में यह भी दावा किया था कि फिल्म गैंग ऑफ वासेपुर में उसके ब्रस्ट फायर वाले क्लाइमेक्स का नकल किया गया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/police-arrested-20-accused-accused-for-offering-to-kill-5-crores-127754546.html |
अरबों रुपए के सृजन घोटाला मामले में फरार चल रहे बैंक प्रबंधक ने किया आत्मसमर्पण Posted: 25 Sep 2020 05:22 PM PDT भागलपुर जिले में हुए अरबों रुपए के सृजन घोटाला के एक मामले में फरार चल रहे इंडियन बैंक के पूर्व प्रबंधक दिलीप कुमार ठाकुर ने विशेष अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। सीबीआई की विशेष न्यायाधीश की अदालत में आत्मसमर्पण करने के साथ ही उनकी ओर से नियमित जमानत अर्जी भी दाखिल की गई लेकिन उस पर बहस नहीं की गई। विशेष अदालत ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में लेने के बाद 9 अक्टूबर तक के लिए जेल भेजने का आदेश दिया। बैंक प्रबंधक ने वर्ष 2014 से 2017 के बीच सरकारी राशि को सृजन के खाते में भेजा था। उसके बाद सृजन के कर्मियों के साथ मिलकर लगभग 15 करोड़ की बंदरबांट की। सीबीआई ने 25 अगस्त 2017 को मामला दर्ज किया था। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/bank-manager-absconding-in-billions-of-rupees-creation-scam-surrenders-127754503.html |
जयप्रभा ब्लड सेंटर का प्लाज्मा बैंक 28 सितंबर से होगा चालू Posted: 25 Sep 2020 05:22 PM PDT जयप्रभा ब्लड सेंटर में 28 सितंबर से प्लाज्मा बैंक चालू हो जाएगा। यहां स्वस्थ हो चुके कोरोना मरीज प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं। मरीज के परिजन भी डोनर ला सकते हैं। डोनर में पर्याप्त एंटीबॉडी होनी चाहिए। कोरोना निगेटिव होने के बावजूद कुछ मरीजों में एंटीबॉडी नहीं बन पा रही है। वैसे मरीजों से प्लाज्मा नहीं लिया जाएगा। सीरम प्रोटीन भी सही होना चाहिए। कुछ अन्य जांच भी कराई जाएगी। प्लाज्मा बैंक की तैयारी पूरी कर ली गई है। डॉक्टर और टेक्नीशियन प्रशिक्षण भी ले चुके हैं। रेट निर्धारित करने के लिए बैठक भी हो चुकी है। बैठक में निर्णय लिया गया था कि कोरोना मरीज को प्लाज्मा मुफ्त देना है। हालांकि अभी तक इस संबंध में आदेश नहीं मिला है। उम्मीद है कि सोमवार तक आदेश आ जाएगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/jayaprabha-blood-centers-plasma-bank-to-be-operational-from-september-28-127754493.html |
ड्रग्स और स्मैक की डीलिंग कर रहे 6 शातिर गिरफ्तार Posted: 25 Sep 2020 05:22 PM PDT वेटनरी काॅलेज के पास एक मंदिर के बरामदे में ड्रग्स व स्मैक की डीलिंग कर रहे छह शातिरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। एयरपोर्ट थाने की पुलिस ने उफरापुर के राकेश कुमार, खाजपुरा के सिद्धार्थ गुरुंग, मोहिनी गली के सुमित गुरुंग, आशियाना मोड़ के चंद्रवीर कुमार, महुआबाग के शुभाशीष और रुपसपुर के सिद्धांत परिहार को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 20 हजार रुपए का स्मैक मिला। पुलिस शातिरों से पूछताछ कर रही है। गुप्त सूचना पर पुलिस ने मंदिर के पास छापेमारी की। थानेदार अरुण कुमार ने कहा कि शातिरों की निशानदेही पर छापेमारी चल रही है। सभी शातिर अव्वल दर्जे के अय्याश हैं। वे मौज-मस्ती के लिए ड्रग्स का धंधा करते हैं। महंगे कपड़े, ब्रांडेड जूते और महंगे फोन रखते हैं और एयरपोर्ट व आसपास के इलाकों में किराए के फ्लैट में रहते हैं। इधर पुलिस को जानकारी मिली है कि गिरफ्त में आए शातिर भाभीजी गैंग के ही सदस्य हैं और उसी के लिए काम करते हैं। कुछ महीने पहले जक्कनपुर पुलिस ने लाखों रुपए के ड्रग्स के साथ भाभीजी को गिरफ्तार किया था। पुलिस इस तरफ भी अब अनुसंधान कर रही है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/6-vicious-arrested-for-dealing-drugs-and-smack-127754479.html |
महिला ने अपने पांच साल के बेटे की हत्या कर शव पानी से भरे गड्ढे में फेंका, कर चुकी हैं तीन शादियां Posted: 25 Sep 2020 05:22 PM PDT शाहजहांपुर थाना क्षेत्र के हसनपुर गांव के महुआ तल के पास प्रेमशीला देवी नामक एक महिला ने अपने ही पांच साल के बेटे की हत्या कर शव को पानी भरे आहर में फेंक कर भाग निकली। इसे आसपास के लोगों ने देख लिया, वहीं महिला का पीछा करते हुए उसके परिजन भी घटनास्थल पर पहुंच गए। परिजनों ने पानी भरे आहर से बच्चे का शव निकाला और ले गए। पुलिस ने शव उसके घर से बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए पटना भेज दिया और आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने महिला ने की 3 शादियां थानाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार ने बताया कि आरोपी प्रेमशीला देवी बहादुरचक निवासी डोमन चौधरी की पुत्री है, जिसे गिरफ्तार करते हुए पूछताछ की जा रही है। कारणों का पता नहीं चल सका है। पूछताछ में पता चला कि आरोपी महिला की तीन शादियां हुई थीं। पहली शादी नालंदा के इंदौत गांव में मनोज चौधरी के साथ हुई थी। मनोज की मौत के बाद प्रेमशीला ने दूसरी शादी मुस्तफापुर गांव में एक युवक से की जिसकी भी मौत हो गई, जिससे एक पुत्री भी है। फिर महिला ने तीसरी शादी नालंदा में की, जिससे यह बच्चा था। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/woman-murdered-her-five-year-old-son-and-threw-the-dead-body-in-a-pit-filled-with-water-having-done-three-marriages-127754470.html |
Posted: 25 Sep 2020 05:22 PM PDT पटना एम्स की एक नर्सिंग अफसर और उसके बच्चे काे रांची के बरियातु का रहने वाला संजीव कुमार 24 सितंबर काे फुलवारीशरीफ के नाेहसा से अगवा कर रांची ले गया। मां-बेटे काे रांची रेलवे स्टेशन के पास रखा और मारपीट कर रेप और अप्राकृतिक याैनाचर किया। 25 सिंतबर काे वह बहाना बनाकर हाेटल के पास ही स्थित चुटिया थाने चली गई और पुलिस काे सारी जानकारी दे दी। चुटिया पुलिस ने शुक्रवार काे हाेटल में छापेमारी कर संजीव काे गिरफ्तार कर लिया। संजीव पीड़िता से पहले से परिचित है। वह पिछले आठ साल से रांची से लेकर फुलवारीशरीफ स्थित नाेहसा के फ्लैट में आया-जाया करता था। पीड़िता का आरोप है कि रांची से लेकर पटना तक वह रेप करता रहा। वह मुंह खाेलने पर बच्चे की हत्या करने की धमकी देता था। इस वजह से वह पुलिस काे नहीं बता रही थी। रांची पुलिस ने पीड़िता के बयान पर संजीव के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पीड़िता मूल रूप से गुमला जिले की रहने वाली है। उसकी शादी वाराणसी के एक व्यक्ति से हुई थी। 2016 में तलाक हाे गया था। दंपती से एक बच्चा भी है, जाे पीड़िता के साथ रहता है। एटीएम छीना, निकाल लेता था वेतन पीड़िता ने दर्ज केस में कहा है कि संजीव ने हत्या की धमकी देकर एटीएम कार्ड छीन लिया। पिन नंबर भी पूछ लिया। हर माह वेतन निकाल लेता था। दर्ज प्राथमिकी में बताया है कि 2012-14 में वह रांची में रहती थी तब डीएवी स्कूल बरियातू के पास रहने वाले संजीव कुमार से दोस्ती हुई थी। वह अक्सर घर आता था। उसे व उसके बच्चे को अकेला देखकर संजीव पहले भी उसके साथ कई बार दुष्कर्म कर चुका है। हर बार संजीव उसके बच्चे को जान से मारने की धमकी देता था। डर से वह कुछ कर नहीं पाती थी। जबरन रजिस्ट्री ऑफिस में दिलवाया था आवेदन दर्ज प्राथमिकी में यह भी आरोप है कि संजीव ने उसे जबरन अपने लोगों को बुलाकर उसके बच्चे का उठवा लिया था और रजिस्ट्री ऑफिस में शादी के लिए आवेदन डलवाया था। एक महीने पूर्व जब पीड़िता ने शादी करने से इनकार दिया तो संजीव उसके घर फुलवारीशरीफ पहुंच गया और उसके व बच्चे के साथ मारपीट की और अगवा कर रांची ले आया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/patna-aiims-nursing-officer-and-former-acquaintance-kidnapped-child-raped-and-unnatural-sex-with-victim-127754448.html |
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