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Friday, September 25, 2020

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पिता की जान ले ली, न्याय भी नहीं मिला, बेटे ने ठानी सिस्टम बदलने की और खूब पढ़ा, बना IPS

Posted: 24 Sep 2020 05:56 PM PDT


एक छात्र जिसे इंजीनियरिंग करनी थी लेकिन सिस्टम की लापरवाही के कारण जब उसको न्याय नहीं मिला तो उसने सिस्टम बदलने की ठान ली। खूब पढ़ा। दिनभर पढ़ाई में रमा रहा सिर्फ इसलिये एक समय ऐसा आयेगा जब वो गरीबों को, मजलूमों को न्याय दिलाने की स्थिति में होगा। ये कहानी है सूरज कुमार राय की, जिन्होंने 2017 की यूपीएससी परीक्षा में 117वीं रैंक हासिल की। उनकी कहानी भले ही आपको थोड़ी फिल्मी लगे लेकिन वो बेहद दुखभरी और संघर्षपूर्ण है। बचपन में तो सूरज कुमार ने कभी आइएएस बनने के बारे में सोचा भी नहीं था। लेकिन जब किस्मत ने अपने रंग दिखाये तो सूरज ने दृढ़ निश्चय किया और जो निश्चय किया उसे करके भी दिखाया।

वे बचपन से पढ़ाई में ठीकठाक थे। जब इंजीनियरिंग के फर्स्ट इयर में थे तब उनके पिता की जान ले ली गई। घटना के दो साल बाद भी पुलिस कोर्ट में कुछ ज्यादा सबूत पेश नहीं कर पाई। यही नहीं उनका कहना है कि उन्हें अपने पिता के केस में न्याय भी नहीं मिला। वो जब थाने जाते तो उन्हें घंटों इंतजार करवाया जाता। सूरज ने इसी लाचार सिस्टम को देख खुद एक अफसर बनने का निर्णय लिया और इंजीनियरिंग में अपना करियर बनाने की बजाये ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी की और आज वो एक आईपीएस ऑफिसर हैं।
सूरज उत्तर प्रदेश के जौनपुर के रहने वाले हैं। 

पढ़ाई में अव्वल रहने वाले सूरज को परिवार से काफी सपोर्ट मिला। इसलिए उन्होंने मनचाही पढ़ाई की। उनका रुझान सांइस की तरफ था तो 12वीं उन्होंने इसी से पास की। इसके बाद की शिक्षा सूरज ने इलाहबाद से की। यहां के मोतीलाल नेहरू इंजीनियरिंग कॉलेज में इन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिये एडमिशन लिया। लेकिन एडमिशन लेने के 1 महीने बाद ही उनके पिता की जान ले ली गई। मामला पुलिस तक पहुंचा लेकिन जब सूरज ने मामले की छानबीन करने में पुलिस को लापरवाही बरतते देखा तो उन्होंने अपने पिता को न्याय मिल पाने की आस भी छोड़ दी।

जब उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली तो मीडिया से बात करते हुये उन्होंने कहा – जब मैं अपने पिता के केस में कभी थाने तो कभी कोर्ट के चक्कर लगा रहा था तब मैंने सरकार की कानून व्यवस्था को बड़े धीमे और लचर रूप को देखा। वो कहते हैं कि मेरे जैसे हजारों लोग कभी थाने तो कभी कोर्ट में मिलते जिन्हें सिर्फ भरमाया ही जाता था। उन्होंने तय किया कि अगर इस व्यवस्था में सुधार लाना है तो सिविल सेवा में आना ही होगा। यहां से उनका लक्ष्य बदल गया।

अपनी ग्रेजुएशन करने के बाद वो परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली आ गए। यहां वो पहले प्रयास में प्री भी क्लियर नहीं कर पाए। दूसरे प्रयास में प्री तो हुआ लेकिन इस बार मेंस में अटक गए लेकिन क्योंकि इसे आसान परीक्षा कहना ठीक नहीं होगा। इसलिए दो साल इन्हें भी लगे। 2017 की यूपीएससी परीक्षा में वो पूरी तैयारी के साथ बैठे थे, नतीजा ये हुआ कि जो लड़का प्री में रह गया था उसने ऑवरऑल 117वीं रेंक हासिल की थी। उनका कहना है कि वो इस जॉब में सेवा के लिए आए हैं ताकि कुछ अलग कर सकें। परीक्षा की तैयारी कैसे करें इस सवाल पर उनका कहना है कि ये मेटर नहीं करता कि आप कितने घंटे पढ़ाई करते हैं बल्कि मायने इस बात के होते हैं कि कितना पढ़ने से आपके कांसेप्ट क्लियर हो रह हैं, उसी के आधार पर पढ़ाई कीजिए।

सिर्फ 5000 रुपए में Post Office के साथ बिजनेस करने का मौका, होगी बंपर कमाई

Posted: 24 Sep 2020 05:54 PM PDT


अगर आप कम निवेश में अच्छी कमाई का मौका तलाश रहें हैं तो यह खबर आपके लिए काफी फायदेमंद है. आप पोस्ट ऑफिस (post Office) के साथ मिलकर हम महीने अच्छी कमाई कर सकते हैं. पोस्ट ऑफिस की फ्रेंचाइजी (Post office Franchise) लेकर अपना पोस्टल बिजनेस शुरू किया जा सकता है. इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको सिर्फ 5,000 रुपए खर्च करने होंगे.

हर जगह पहुंचेगा पोस्ट ऑफिस इस समय देश में लगभग 1.55 लाख पोस्ट ऑफिस हैं, लेकिन इसके बाद भी पोस्ट ऑफिस की हर जगह पहुंच नहीं बन पाई है. अपनी पहुंच को सभी जगह पहुंचाने के लिए पोस्ट ऑफिस फ्रेंचाइजी देता है. विभाग अपने नेटवर्क का तेजी से विस्तार कर रहा है, जिसका आप फायदा उठा सकते हैं. अगर आप अच्छी कमाई वाला काम करना चाहते हैं तो पोस्ट ऑफिस की फ्रेंचाइजी के माध्यम से यह किया जा सकता है.

दो तरह की होती हैं फ्रेंचाइजी: पोस्ट ऑफिस दो तरह की फ्रेंचाइजी देता है. पहली आउटलेट फ्रेंचाइजी है और दूसरी पोस्टल एजेंट्स फ्रेंचाइजी है. आप इन दोनों में से कोई भी फ्रेंचाइजी ले सकते हैं. देशभर में कई ऐसी जगह हैं, जहां पोस्ट ऑफिस खोलने की जरूरत तो है, लेकिन वहां पोस्ट ऑफिस खोला नहीं जा सकता, इसलिए वहां सुविधाएं पहुंचाने के लिए फ्रेंचाइजी आउटलेट खोला जाता है. इसके अलावा ऐसे एजेंट्स जो शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पोस्टल स्टैम्प्स और स्टेशनरी घर-घर पहुंचाते हैं. इसको पोस्टल एजेंट्स फ्रेंचाइजी के नाम से जाना जाता है.

फ्रेंचाइजी लेने के लिए शर्तें फ्रेंचाइजी लेने वाले व्यक्ति की आयु 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए. कोई भी भारतीय नागरिक पोस्ट ऑफिस की फ्रेंचाइजी ले सकता है. फ्रेंचाइजी लेने वाले व्यक्ति के पास किसी मान्यता प्राप्त स्कूल से 8वीं पास का सर्टिफिकेट होना जरूरी है. फ्रेंचाइजी का आवेदन करने के लिए सबसे पहले फॉर्म भरकर सब्मिट करना होगा. सेलेक्शन होने पर इंडिया पोस्ट के साथ एक MoU साइन करना होगा.

देना होता है 5000 रुपए सिक्योरिटी डिपॉजिट अगर आप पोस्ट ऑफिस की फ्रेंचाइजी लेना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए 5000 रुपए का सिक्योरिटी डिपॉजिट देना होता है. फ्रेंचाइजी मिलने के बाद आपको आपके काम के हिसाब से एक निश्चित कमीशन दिया जाता है. यह हजारों रुपए महीने का हो सकता है.

पोस्टल एजेंट बनकर पहुंचा सकते हैं घर-घर ग्राहकों को पोस्ट ऑफिस से मिलने वाली सुविधाएं जैसे- स्टाम्प, स्पीड पोस्ट, आर्टिकल्स, स्टेशनरी, मनी ऑर्डर की बुकिंग के लिए आपको अपनी तरफ से सुविधाएं मुहैया करानी होती हैं. ये सुविधाएं ग्राहकों को पोस्टल एजेंट्स बनकर घर-घर भी पहुंचाई जा सकती हैं.

भरना होगा फॉर्म पोस्ट ऑफिस की फ्रैंचाइजी के लिए आपको आवेदन करना होगा. आवेदन करने के लिए आप (https://www.indiapost.gov.in/VAS/DOP_PDFFiles/Franchise.pdf) इस ऑफिशियल लिंक पर क्लिक कर सकते हैं. यहां से आप फॉर्म डाउनलोड करके फ्रेंचाइजी के लिए आवेदन कर सकते हैं. बता दें जिन भी लोगों को चुना जाएगा उनको पोस्ट डिपार्टमेंट के साथ एक एमओयू साइन करना होता है. इसके बाद ही वह ग्राहकों को सुविधाएं दे सकेंगे.

कैसे होती है कमाई पोस्ट ऑफिस की फ्रेंचाइजी से कमाई कमीशन पर होती है. इसके लिए पोस्ट ऑफिस की तरफ से मिलने वाले प्रोडक्ट और सर्विस दी जाती है. इन सभी सर्विस पर कमीशन दिया जाता है. MOU में कमीशन पहले ही तय कर दिया जाता है. 

रजिस्‍टर्ड आर्टिकल्‍स की बुकिंग पर 3 रुपए
स्‍पीड पोस्‍ट आर्टिकल्‍स की बुकिंग पर 5 रुपए
100 से 200 रुपए के मनी ऑर्डर की बुकिंग पर 3.50 रुपए
200 रुपए से ज्‍यादा के मनी ऑर्डर पर 5 रुपए
हर माह रजिस्‍ट्री और स्‍पीड पोस्‍ट के 1000 से ज्‍यादा बुकिंग पर 20 फीसदी अतिरिक्‍त कमीशन
पोस्‍टेज स्‍टांप, पोस्‍टल स्‍टेशनरी और मनी ऑर्डर फॉर्म की बिक्री पर सेल अमाउंट का 5 फीसदी
रेवेन्‍यू स्‍टांप, सेंट्रल रिक्रूटमेंट फी स्‍टांप्‍स आदि की बिक्री समेत रिटेल सर्विसेज पर पोस्‍टल डिपार्टमेंट को हुई कमाई का 40 फीसदी

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