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Friday, October 30, 2020

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ठीक होने के बाद कपिल देव बोले- 1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम से मिलना चाहता हूं

Posted: 29 Oct 2020 10:50 PM PDT


भारत के महान कप्तान और भारतीय टीम को पहली बार वर्ल्ड कप का खिताब दिलाने वाले कपिल देव को पिछले हफ्ते दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उनका सफल कोरोनरी एंजियोप्लास्टी की गई थी. भारत के पूर्व कप्तान कपिल देव अब अपने घर लौट आए है.

 दिग्गज कपिल देव ने एंजियोप्लास्टी करवाने के एक सप्ताह बाद गुरुवार को 1983 विश्व कप विजेता टीम के अपने साथियों का अभिवादन करते हुए कहा कि वह अब बहुत अच्छा महसूस कर रहे हैं और वह सभी से फिर से मिलने के लिये बेताब हैं. 

इस 61 वर्षीय खिलाड़ी को दिल का दौरा पड़ा था जिसके बाद उनकी एंजियोप्लास्टी की गयी थी। उन्हें दो दिन बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी थी. एंजियोप्लास्टी बंद हुई धमनियों को खोलने की प्रक्रिया है जिससे हृदय में सामान्य रक्त प्रवाह बना रहे. कपिल ने कहा, ''1983 का मेरा परिवार। मौसम सुहाना है दिलकश जमाना है. क्या कहें बहुत दिल कर रहा है आप सबसे मिलने का.

बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं. आपकी चिंता और शुभकामनाओं के लिये फिर से आभार. बैंगनी रंग की टी शर्ट पहने कपिल ने यह वीडियो 1983 के अपने साथियों के साथ साझा किया है. उन्होंने कहा, ''मैं उम्मीद कर रहा हूं कि जल्द से जल्द आप लोगों से मुलाकात होगी. मैं आपसे जल्द से जल्द मिलने की कोशिश करूंगा. साल का अंत आने को है लेकिन (अगले साल की) शुरुआत और भी बेहतर होगी. आप सभी को प्यार. कपिल देव की अगुवाई में ही भारत ने 1983 में पहला विश्व कप जीता था.

कपिल देव के लिए सुरेश रैना ने ट्वीट किया औऱ 83 फिल्म के लिए शुभकामनाएं दी.कपिल देव ने साल 1994 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. महान कपिल ने जब संन्यास लिया था तो उस समय वो टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे, उनका यह रिकॉर्ड वेस्टइंडीज कॉर्टनी वॉल्श ने तोड़ा था. कपिल ने भारत के लिए 131 टेस्ट और 225 वनडे मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 5248 और 3783 रन भी बनाए हैं.

Army में नौकरी करने का बेहतरीन मौका, ऐसे करें Apply

Posted: 29 Oct 2020 10:44 PM PDT


आर्मी में करियर बनाने का सपना देखने वाले युवाओं के लिए शानदार मौका है. यूपीएससी ने ग्रेजुएट पास युवाओं के लिए कंबाइंड डिफेंस परीक्षा2021 के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. यूपीएससी ने आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के कुल 345 पदों के लिए आवेदन मांगे हैं. इन पदों के लिए महिलाओं और पुरुषों से आवेदन मांगे गये हैं. इच्छुक अभ्यर्थी यूपीएसी की साइट upsconline.nic.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन करने की अंतिम तारीख 17 नवंबर है.

कुल रिक्तियां इस प्रकार हैं-

इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए),देहरादून में कुल पद- 100

इंडियन नेवल एकेडमी (आईएनए) में कुल पद-26

एयर फोर्स एकेडमी (एएफए), हैदराबाद में कुल पद- 32

ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) में कुल पद- 170

ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए, चेन्नई (महिला) कुल पद- 17

आयु सीमा

आईएमए : अभ्यर्थी का जन्म 02 जनवरी 1998 से पहले और 01 जनवरी 2003 के बाद न हुआ हो.

नेवल एकेडमी – अभ्यर्थी का जन्म 02 जनवरी 1998 से पहले और 01 जनवरी 2003 के बाद न हुआ हो.

एएफए : अभ्यर्थी का जन्म 02 जनवरी 1998 से पहले और 01 जनवरी 2002 के बाद न हुआ हो.

विस्तृत जानकारी के लिए आप यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग इन कर सकते हैं.

पीठ और कमर दर्द से हैं बेहाल तो अपनी इस आदत में तुरंत करें बदलाव

Posted: 29 Oct 2020 10:41 PM PDT


क्या आप पीठ और कमर दर्द की समस्या से परेशान हैं? अगर हां तो गलत मुद्रा में खड़ा होना इसकी बड़ी वजह हो सकता है। ऑस्ट्रेलिया की जानी-मानी व्यायाम विज्ञानी क्रिस्टी हेल ने इसी के मद्देनजर टिकटॉक पर 45 सेकेंड का वीडियो साझा कर कुछ आसान उपाय सुझाए हैं, जिनकी मदद लोग घर बैठे पता लगा सकते हैं कि वे ज्यादा झुककर या तनकर तो नहीं खड़े होते। हेल ने खड़े होने और बैठने की मुद्रा में सुधार लाने में मददगार कुछ व्यायाम भी बताए हैं। आइए इन पर नजर डालें-

गलत मुद्रा के पांच खतरे

1.मांसपेशियों और अस्थिबंध (लिगामेंट) में क्षरण की शिकायत तेज होती है
2.रीड़ के जोड़ों के बीच का अंतर घटने से नसों के दबने की समस्या पनपती है
3.पीठ, कमर, घुटनों में अहसनीय दर्द के साथ फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है
4.सैक्रोलियैक डिस्फंक्शन (रीढ़ के निचले हिस्से में मौजूद जोड़ों की चाल बिगड़ना) का शिकार हो सकता है व्यक्ति
5.गलत मुद्रा के मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी होते हैं, विभिन्न अध्ययनों में आत्मविश्वास में कमी का संकेत करार दिया गया है

ऐसे जानें कहां हो रही चूक 
-फर्श पर दस से 20 सेकेंड के लिए ठीक उसी तरह से खड़े हो जाएं, जैसे कि आमतौर पर खड़े होते हैं। इस दौरान ध्यान दें कि आपके कूल्हे की मांसपेशियों में दबाव तो नहीं महसूस हो रहा है। अगर हां तो समझ जाइए कि शरीर को सहारा देने के लिए बनीं पेट और पीठ की निचले हिस्से की मांसपेशियां ठीक से काम नहीं कर रही हैं। मुद्रा सुधारने के साथ ही आपको पेट-पीठ की मांसपेशियों को मजबूत बनाने की जरूरत है।

इन लक्षणों को देख सतर्क हो जाएं -खड़े होने के दौरान कंधे झुकना, कूल्हा या पेट बाहर की ओर निकला होना, गर्दन सीधी न होना, सिर का आगे की तरफ झुकना

ये व्यायाम फायदेमंद

1.इलास्टिक हिप एक्सटेंशन 
-एड़ी के ऊपर दोनों पैरों में इलास्टिक बैंड डालकर फर्श पर सीधे खड़े हो जाएं। इसके बाद बायां पैर स्थिर रखते हुए, जितना हो सके दाएं पैर को दस बार पीछे ले जाएं। फिर दायां पैर स्थिर रखते हुए बाएं पैर पर भी यही प्रक्रिया दोहराएं।

2.सेतुबंधासन -जमीन पर चटाई बिछाकर सीधे लेट जाएं। अब दोनों पैरों को घुटनों के पास से मोड़ें। पैरों के बीच कम से कम एक फीट का फासला रखें। अब दोनों हाथों से एड़ी या पिंडलियों को पकड़ें और फिर कमर व कूल्हे के हिस्से को ऊपर उठाएं।

3.फॉरवर्ड लंजेस -फर्श पर सीधे खड़े हो जाएं। दोनों हाथों को कमर पर रखें। अब दायां पैर आगे बढ़ाते हुए उसे फर्श पर टिकाएं और घुटने के पास से मोड़ते हुए बैठने की मुद्रा में जाएं। इसके बाद खड़े होकर पुरानी मुद्रा में लौटें। दोनों पैरों से दस-दस बार दोहराएं यह प्रक्रिया।

इसकी कमी से जल्दी आता है बुढ़ापा, ज्यादा सेवन भी है खतरनाक

Posted: 29 Oct 2020 10:37 PM PDT


हर दिन विटामिन डी (vitamin D) का सेवन शरीर को स्वस्थ्य रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. लेकिन इसका अत्याधिक सेवन नुकसान कर सकता है. अब तक रिसर्च में सामने आये है कि विटामिन डी का एक डोज व्यस्कों में कमजोरी और बुढ़ापा आने की रफ्तार को कम कर सकता है, लेकिन इसका ज्यादा सेवन से भी कमजोरी आती है. हालांकि अभी यह रिसर्च चूहों पर किया गया है और इंसानों पर किया जाना बाकी है.

कमजोरी के लक्षण अप्रत्याशित वजन घटाना, स्ट्रेंथ में कमी, थकान, फिजिकल एक्टिविटी और धीमी गति से चलना. ये पांच कमजोरी के लक्षण हैं. वर्तमान में डॉक्टर किसी व्यक्ति में इनमें से कम से कम तीन लक्षण पाते हैं तो उन्हें कमजोर मानते हैं. उम्र बढ़ने के साथ निर्बलता बढ़ती जाती है.

विटामिन डी की कमी से आती है निर्बलता: शोध बताते हैं कि जिन लोगों के खून में विटामिन डी (vitamin D) का स्तर कम होता है, उनके निर्बल (कमजोर) होने की संभावना अधिक होती है. यह एक विशेष रूप से चिंता को विषय है, क्योंकि वैश्विक स्तर पर 1 बिलियन लोगों में विटामिन डी का स्तर अपर्याप्त हो सकता है.

चूहों में विटामिन डी की कमी से स्ट्रेंथ में आई कमी: जर्नल न्यूट्रिएंट्स में बताया गया है कि चूहों पर की गई नवीनतम शोध में पाया गया कि वृद्धावस्था में विटामिन डी की कमी निर्बलता को बढ़ाता है. अध्ययन के लेखक केनेथ एल. सेल्डेन ने कहा, 'हमने पाया की ज्यादा उम्र के चूहों में विटामिन डी की कमी के कारण स्ट्रेंथ और फिजिकल एक्टिविटी कमी आई.'

अलग-अलग मात्रा देकर किया गया रिसर्च: वैज्ञानिकों ने 24-28 महीने के उम्र के चूहों पर रिसर्च किया, जो 65-80 साल के इंसानों के बराबर हैं.अध्ययन के शुरुआत में चूहों को तीन ग्रुप में बांटा गया और अलग-अलग मात्रा में विटामिन डी दिया गया. 4 महीने के शोध के बाद पाया गया कि जिन चूहों को जरूरत से कम या जरूरत के हिसाब से विटामिन डी दिया गया, उनमें रिसर्च के शुरुआत से थोड़ी कमजोरी आई थी. वहीं इसके विपरित जिन चूहों को अधिक मात्रा में विटामिन डी का सेवन कराया गया, उनमें निर्बलता कहीं ज्यादा नजर आई.

कितनी होती है विटामिन डी की जरूरत: एक व्यक्ति के विटामिन डी (vitamin D) की जरूरतों को लेकर काफी अनिश्चितता है. नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिसिन (National Academy of Medicine) 19-70 साल की आयु के वयस्कों के लिए 600 अंतरराष्ट्रीय इकाइयों (IU) और 70 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों के लिए 800 IU प्रतिदिन सेवन की सलाह दी जाती है.

मनुष्यों पर शोध का अभाव: मनुष्य पर अब तक बहुत ही कम शोध किए गए हैं. अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि मनुष्यों में परिणाम को मान्य करने के लिए क्लिनिकल जांच को कम से कम 5 साल तक करने की जरूरत होगी. हालांकि उनका कहना है कि इतनी लंबी अवधि में विटामिन डी के लगातार उच्च या निम्न स्तर का परीक्षण करना सुरक्षित नहीं हो सकता है.

सावधान: आपकी इस एक आदत के कारण कई गुना बढ़ सकता है 'ब्रेन स्ट्रोक' का खतरा

Posted: 29 Oct 2020 10:32 PM PDT


जब दिमाग के किसी हिस्से को खून की सप्लाई अचानक रुक जाती है तो उस हिस्से के सेल्स (Cells) मर जाते हैं. इस हालत को ब्रेन स्ट्रोक या ब्रेन अटैक  कहा जाता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ब्यूटी पार्लर में करवाई गई मसाज भी आपको स्ट्रोक के खतरे पर खड़ा कर सकती है!

जी हां, आराम, फैशन और खूबसूरती के लिए आप जिस ब्यूटी पार्लर का रुख करते हैं वो आपको सीधे अस्पताल भी पहुंचा सकते हैं. दरअसल, पार्लर में गर्दन की मालिश या आराम के लिए करवाई जा रही 'मसाज', दिमाग पर बुरा असर डाल सकती है. यहां तक कि ब्रेन स्ट्रोक का कारण भी हो सकती है.

मैक्स अस्पताल में न्यूरोलॉजिस्ट डॉ चंद्रील चुघ बताती हैं कि एक ऐसा ही केस राष्ट्रीय राजनाधी दिल्ली से भी सामने आया था जहां रहने वाली वंदना को जब गर्दन में अकड़न के साथ अस्पताल लाया गया तो शुरुआत में डॉक्टरों ने कहा कि वो अब उठ नहीं पाएंगी. पार्लर में एक मसाज के दौरान उनकी गर्दन से दिमाग तक जाने वाली एक नस में दर्द शुरू हुआ था. इस घटना को अब दो साल बीत चुके हैं. दो साल पहले 3 दिन अस्पताल में रहने के बाद वंदना ठीक तो हो गई लेकिन अब भी इलाज करवा रही हैं.

इन बातों का रखें विशेष ध्यान: मरीज वंदना बताती हैं कि गर्दन के पिछले हिस्से में रीढ़ और दिमाग तक जाने वाली कई अहम नसें होती हैं. लेकिन कई लोग इस हिस्से की जमकर मालिश करवा लेते हैं, जिसमें गलत तरीके से नस दबने की वजह से उनकी गर्दन में अकड़न से लेकर कई गंभीर परेशानियां हो सकती हैं. गलत तरीके से कुछ योगासन करने से भी कुछ लोग स्ट्रोक के शिकार हो सकते हैं. डॉक्टरों की राय में गर्दन की मसाज से बचना चाहिए. जरूरत हो तो हल्की मालिश करवाएं. पहलवान और नौसिखिए लोगों से गर्दन की मालिश ना करवाएं तो बेहतर है.

क्यों होता है ब्रेन स्ट्रोक:- ब्रेन स्टोर कई कारणों से हो सकता है. इसमें हाई ब्लड प्रेशर, स्मोकिंग, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ होना, जंक फूड का ज्यादा सेवन करना, प्रदूषण और तनाव सबसे अहम कारणों में से एक हैं.

इलाज या बचाव के उपाय:- डॉक्टरों के अनुसार, दिमाग की सेहत अच्छी करने के लिए रेगूलर एक्सरसाइज, मेडिटेशन, ताजी हवा, ज्यादा पानी पीना, और शतरंज या पजल हल करने जैसे खेल अच्छे माने गए हैं.

यानी मोटे तौर पर लाइफ स्टाइल, हमारी खराब आदतें ही हमें एक ऐसी बीमारी की ओर धकेल रही हैं जिससे होने वाला नुकसान अक्सर स्थायी होता है. सबसे जरूरी बात, अगर आप ब्लड प्रेशर या डायबिटीज के मरीज हैं तो इन दोनों बीमारियों को दवाओं और बेहतर लाइफ स्टाइल से काबू में रखें. वहीं, अगर आप नियमित व्यायाम करते हैं चाहे वो आधे घंटे की सैर ही क्यों ना हो. योग और ध्यान करते हैं. पानी पर्याप्त मात्रा में पी रहे हैं और सेहतमंद खाना खाते हैं जिसमें नमक की मात्रा, तेल की मात्रा, चीनी और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा पर आपका कंट्रोल है, तो आप स्ट्रोक के खतरे को कम कर सकते हैं.

क्या कहते हैं आंकड़े? हर 4 में से एक व्यक्ति को ब्रेन स्ट्रोक का खतरा होता है. स्ट्रोक के शिकार होने वाले 20 फीसदी लोग 40 वर्ष से कम उम्र के होते हैं. गांवों में ब्रेन स्ट्रोक की समस्या शहरों के मुकाबले ज्यादा देखी गई है. भारत में स्ट्रोक मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है.

10वीं के स्टूडेंट्स को हर महीने मिलेंगे ₹2000 स्कॉलरशिप, 13 नवम्बर तक करें Apply

Posted: 29 Oct 2020 10:28 PM PDT


राष्ट्रीय प्रतिभा खोज की परीक्षा (प्रथम चरण) की तिथि जारी कर दी गई है। 13 दिसंबर से परीक्षा होगी। आवेदक 13 नवंबर तक आवेदन कर सकते हैं। दसवीं में अध्ययनरत छात्र अपना ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। पांच दिसंबर को जैक के वेबसाइट से प्रवेश पत्र डाउनलोड किया जा सकता है। वहीं राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा को लेकर कोई भी निर्धारित पाठ्यक्रम नहीं है।

विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इस परीक्षा का आयोजन किया जाता है। परीक्षा दो सत्र में होगी। दोनों सत्र दो-दो घंटे के लिए होगी। पहले के सत्र में मेंटल एबिलिटी के 100 प्रश्न और एप्टीच्यूट के 100 प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रत्येक प्रश्नों के एक जवाब के लिए एक अंक प्राप्त होंगे। सफल विद्यार्थियों में से कक्षा 11वीं और 12वीं विद्यार्थियों को प्रत्येक माह 1250 रुपये दिए जाएंगे। स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के विद्यार्थियों के लिए दो हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाने का प्रावधान है।

जबकि पीएचडी करने वाले विद्यार्थियों के लिए यूजीसी के नियमानुसार एमएचआरडी नई दिल्ली के द्वारा दिया जाएगा। इसमें डोमिसाइल का कोई प्रतिबंध नहीं है। सिर्फ विद्यार्थी जिस विद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं, उस विद्यालय को झारखंड राज्य में अवस्थित होना आवश्यक है। 2020 में राज्य में स्थित सभी कोटि के मान्यता विद्यालय के दसवीं के नियमित विद्यार्थी परीक्षा में सम्मिलत हो सकेंगे। अगर किसी भी तरह की परेशानी हो तो छात्र 7485093439 पर संपर्क कर सकते हैं।

हिमाचल: प्यार में धोखा खाने के बाद 125 फुट ऊंची पानी की टंकी पर चढ़ी महिला

Posted: 29 Oct 2020 10:21 PM PDT


हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में एक वीडियो वायरल हुआ है. यहां प्रेमी से कथित तौर पर धोखा मिलने के बाद प्रेमिका पानी की टंकी पर चढ़ गई और इंसाफ की मांग की. पूरा मामला शोले फिल्म की तरह है, लेकिन इस मामले में प्रेमी के बजाय प्रेमिका पानी की टंकी पर चढ़ गई.

वायरल वीडियो के अनुसार, पुलिस थाना माजरा के अंतर्गत मिश्र वाला में महिला प्रेमी के शादी से इनकार पर 125 फुट ऊंची पानी की टंकी पर चढ़कर इंसाफ की गुहार लगाई.

महिला का कहना है कि वह दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है, जिसकी शिकायत पुलिस में दी थी. वीडियो में महिला ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. महिला पुलिस थाना माजरा से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी और बात्ता पुल क्रॉस करके के गांव में रहती है.

महिला धौला कुआं के सुधा वाला पुल के नजदीक शिव मंदिर के नजदीक रहने वाल युवक के संपर्क में आई थी. महिला ने 2 बच्चों व पति को छोड़कर युवक के साथ रहने का फैसला लिया था.

अब महिला युवक से अलग रहती है और उनका आरोप है कि युवक ने उनके साथ मारपीट भी की है.

वीडियो में महिला का कहना है कि वह मौत को गले लगाने को मजबूर है, जिसका जिम्मेदार युवक होगा.

डीएसपी वीर बहादुर ने बताया कि महिला की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया और युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है.

इस दिशा में रखें तुलसी का पौधा, हर शाम जरुर करें ये काम, प्रसन्न होंगी महालक्ष्मी

Posted: 29 Oct 2020 10:13 PM PDT


तुलसी का पौधा लगभग हर घर में रहता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार घर में तुलसी का पौधा होना बहुत शुभ भी होता है। माना जाता है की तुलसी में देवी लक्ष्मी का वास होता है। इसके अलावा भी घर में तुलसी का होना बहुत हितकारी होता है। कार्तिक मास में तुलसी के पौधे का बहुत महत्व माना जाता है और इसमें प्रतिदिन दीपक लगाकर पूजा की जाती है।

तुलसी का पौधा आपके जीवन में आपके द्वारा की जाने वाली हर चीज के लिए शुभ माना जाता है। इसलिए जब भी घर में तुलसी का पौधा लगाएं तब वास्तु अनुसार ये टिप्स जरुर अपनाएं।

- वास्तु के अनुसार तुलसी हमेशा बालकनी या खिड़की की उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना चाहिए। इसके अलावा आप घर के आंगन में आगे या पीछे की तरफ भी लगा सकते हैं।

- तुलसी का पौधा रखते समय इस बात का हमेशा ध्यान रखें की तुलसी एक महिला पौधा है। इसलिये इसे हमेशा फूलों के पौधों को पेड़ के करीब रखा जा सकता है। कैक्टस और कांटेदार पौधों के पास कभी तुलसी का पौधा नहीं रखना चाहिए।

- शाम के समय तुलसी के पौधे में दिपक जरूर लगाएं। कहा जाता है की हर दिन दिया-बत्ती के समय तुलसी में दीपक लगाते हैं उनपर हमेशा महालक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

- वास्तुशास्त्र के अनुसार, तुलसी का पौधा वास्तुदोषों को खत्म कर देता है। इसलिये तुलसी का पौधा आप उस जगह जरुर रखें जहां वास्तु त्रुटि हो।

- इसे ऐसी जगह पर लगाया जाना चाहिए। जो बहुत साफ और स्वच्छ होना चाहिए और नियमित रूप से बनाए रखा जाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि पौधे के भीतर और आसपास बाहरी धूल का अस्तित्व इसके अच्छे प्रभावों को कम कर सकता है।

चाहिए परिवार पर मां लक्ष्मी की कृपा, तो तुलसी से जुड़ा यह उपाय जरूर कर लें

Posted: 29 Oct 2020 10:11 PM PDT


हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का खास महत्व होता है। यह हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को आती है। माना जाता है कि इस रात को चंद्रमा अपनी किरणों से अमृत की वर्षा करता है। साथ ही इस दिन पर देवी लक्ष्मी के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन देवी मां धरती पर अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाने आती है। 

ऐसे में अगर आप भी उन्हें खुश करना चाहते हैं तो ज्योतिष व वास्तुशास्त्र के बताएं कुछ उपायों को कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं उन उपायों के बारे में...

साफ- सफाई का रखें ध्यान: माना जाता है कि जिस घर में साफ- सफाई होती है। वहां देवी लक्ष्मी का वास होता है। साथ ही घर में बरकत बनी रहती है। ऐसे में अपने घर की सफाई का विशेष ध्यान रखें। 
तुलसी मां के आगे दीया जलाएं

देवी लक्ष्मी और श्रीहरि को तुलसी का पौधा अतिप्रिय माना जाता है। ऐसे में शरद पूर्णिमा की सुबह नहा कर साफ कपड़े पहन कर तुलसी मां को जल चढ़ाएं। फिर घी का दीपक जलाकर सिंदूर चढ़ाएं। उसके बाद सफेद रंग की मिठाई का भोग लगाएं। इस तरह तुलसी माता की पूजा करने से देवी लक्ष्मी और श्रीहरि की कृपा आपके घर-परिवार पर बनी रहेगी।

चांद की रोशनी में रखें खीर: चांदी के बर्तन में खीर बनाकर उसे शरद पूर्णिमा की रात को चांद की रोशनी में रखें। अगली सुबह इस खीर का सेवन करें। माना जाता है कि पूर्णिमा की रात को चांद की किरणों से अमृत की वर्षा होती है। ऐसे में इसका सेवन करने से बीमारियों से छुटकारा मिलता है। 
रातभर जागे

मान्यता है कि इस रात देवी लक्ष्मी अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए धरती पर आती है। ऐसे में पूरी रात जागने के साथ देवी लक्ष्मी और श्रीहरि का नाम जपना चाहिए। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने के साथ अन्न व धन की कमी नहीं होती है। साथ ही मनोकामना की पूर्ति होती है। 

देवी लक्ष्मी की पूजा: शास्त्रों के अनुसार, इस दिन देवी लक्ष्मी का जन्मदिन होता है। ऐसे में इस दिन सच्चे मन से उनकी पूजा करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है। ऐसे में इस दिन को कर्जमुक्त पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में कर्ज से छुटकारा मिलने साथ ही आर्थिक स्थिति मजबूत हो आय के नए अवसर मिलते हैं।

करवाचौथ के दिन इस गांव को मिला था श्राप, महिलाएं नही रखती व्रत

Posted: 29 Oct 2020 10:04 PM PDT


करवाचौथ का व्रत गुरुवार को देश भर में मनाया जाता है। सुहागिन महिलाएं करवाचौथ बड़े ही धूमधाम से मना रही है चांद निकलने पर जब सुहागिनें उसे अर्घ्य देंगी तो वहीं मथुरा के विजौ गांव की महिलाएं इस दिन व्रत रखने से परहेज करती हैं यूपी में एक गांव ऐसा भी है जहां उस वक्त मायूसी छाई रहेगी। इस दिन हर महिला अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत रखती है, लेकिन मथुरा के विजऊ गांव की महिलाएं इस दिन अपने पतियों के लिए व्रत रखने से बचती हैं क्योंकि श्राप के चलते उनका ऐसा मानना है कि अगर वे करवा चौथ की परंपराएं मानेंगी तो उनके पतियों की आयु कम हो जाएगी। 

हालांकि इसके पीछे कोई वैज्ञानिक तर्क तो नहीं है लेकिन एक ऐसी कहानी है जिसकी वजह से यह मिथक विजऊ गांव की महिलाओं के लिए एक परंपरा बन चुकी है। गांव के लोगों ने बताया कि करीब 200 साल पहले करवा चौथ के दिन एक ब्राह्मण की पीट-पीट कर हत्या करने पर पूरे इलाके को उसकी पत्नी ने श्राप दिया था। 

स्थानीय निवासियों के अनुसार, राम नगला गांव का एक ब्राह्मण अपनी दुलहन के साथ करवा चौथ के दिन यहां से गुजर रहा था। उसे रास्ते में कुछ लोगों ने रोक लिया और बैलों की चोरी के शक में उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी। ग्राम प्रधान मुरारी लाल बताते हैं कि पति की हत्या के बाद उसकी विधवा ने गांव के लोगों को श्राप दिया था और फिर पति की चिता में सती प्रथा के तहत खुद जलकर भस्म हो गई थी।

गांव के प्रधान ने बताया कि गांव की महिलाएं सदियों पुरानी इस परंपरा को आज भी मानती आ रही हैं। व्रत न रखकर महिलाएं करवा चौथ के दिन यहां सती मंदिर में जाकर पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं। इसके अलावा गांव का प्रत्येक पुरुष शादी से पहले सती माता से आशीर्वाद भी लेता है।

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