प्राइमरी का मास्टर ● इन - 🌐

Breaking

Home Top Ad

Post Top Ad

Tuesday, March 23, 2021

प्राइमरी का मास्टर ● इन

प्राइमरी का मास्टर ● इन


राज्य शिक्षा संस्थान द्वारा दिनांक 24 मार्च से आरंभ होने वाले राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 विषयक वेबिनार में प्रतिभाग के संदर्भ में

Posted: 22 Mar 2021 06:52 PM PDT

राज्य शिक्षा संस्थान द्वारा दिनांक 24 मार्च से आरंभ होने वाले राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 विषयक वेबिनार में प्रतिभाग के संदर्भ में।


नए शैक्षिक सत्र में भी 70 फीसदी पाठ्यक्रम की पढ़ाई के आसार

Posted: 22 Mar 2021 06:38 PM PDT

नए शैक्षिक सत्र में भी 70 फीसदी पाठ्यक्रम की पढ़ाई के आसार


■ प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंथन शुरू

■ बोर्ड परीक्षा के कारण अप्रैल व मई में कक्षाएं शुरू हो पाना मुश्किल


प्रयागराज : यूपी बोर्ड से संबद्ध माध्यमिक कालेजों में नए शैक्षिक सत्र में भी 70 फीसद पाठ्यक्रम की ही पढ़ाई के आसार हैं। चालू शैक्षिक सत्र में कक्षा नौ से 12 तक जो पाठ्यक्रम लागू है, उसे यथावत रखने पर मंथन चल रहा है। बोर्ड से शासन तक इस मुद्दे पर एकमत हुआ तो पाठ्यक्रम में कोई बदलाव नहीं होगा। इस संबंध में इसी माह निर्णय होने के आसार हैं। इस कदम से बोर्ड के लाखों छात्र-छात्रओं को भी सहूलियत मिल सकेगी।



माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के 27 हजार से अधिक माध्यमिक कालेजों में इस बार कुल पाठ्यक्रम का 70 फीसद ही ऑनलाइन व कक्षाओं में पढ़ाया गया। पाठ्यक्रम में 30 फीसद की कटौती कोरोना संक्रमण को देखते हुए की गई, क्योंकि लंबे समय तक कालेज खोले नहीं जा सके थे। अब एक अप्रैल से नया शैक्षिक सत्र शुरू होना है, इसके पहले ही कोरोना संक्रमितों की संख्या में धीरे-धीरे उछाल आ रहा है। बोर्ड से लेकर शासन तक की इस पर नजर है। ऐसे हालात देखते हुए पाठ्यक्रम को यथावत रखा जा सकता है। पाठ्यक्रम कम रखने के लिए एक तर्क यह भी दिया जा रहा है कि भले ही सभी स्कूल एक अप्रैल से खुल जाएं, लेकिन यूपी बोर्ड की 2021 की परीक्षाएं अप्रैल व मई माह में प्रस्तावित हैं। परीक्षा के दौरान पढ़ाई प्रभावित होगी। इसके बाद शिक्षक उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में व्यस्त रहेंगे।

एडेड जूनियर हाईस्कूल शिक्षक भर्ती परीक्षा हेतु मंडल मुख्यालयों पर तय किए जाएंगे परीक्षा केंद्र

Posted: 22 Mar 2021 06:24 PM PDT

एडेड जूनियर हाईस्कूल शिक्षक भर्ती परीक्षा हेतु मंडल मुख्यालयों पर तय किए जाएंगे परीक्षा केंद्र


प्रयागराज : प्रदेश के 3049 अशासकीय सहायताप्राप्त (एडेड) जूनियर हाईस्कूलों में प्रधानाध्यापकों व सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए आवेदन पूरे हो चुके हैं। लिखित परीक्षा की तैयारियां तेज हो गई हैं। इसी सप्ताह मंडल स्तर पर परीक्षा केंद्रों का निर्धारण होगा, होली के अवकाश के पहले केंद्रों की सूची परीक्षा संस्था को भेजे जाने के निर्देश हैं। परीक्षा संस्था ने आवेदकों की अंतिम संख्या 3.36 लाख घोषित कर दी है।



जूनियर विद्यालयों की शिक्षक भर्ती के लिए 3.62 लाख अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था, जिसमें से 3,36,942 अभ्यर्थियों ने शनिवार तक अंतिम रूप से आवेदन कर दिया है। सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि प्रधानाध्यापक पद के लिए 20,979 आवेदन मिले हैं। इसमें 18,596 अभ्यर्थियों ने प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक, दोनों पदों के लिए आवेदन किया है। सहायक अध्यापक पद के लिए 3,15,963 अभ्यर्थियों ने दावेदारी की है। ज्ञात हो कि इस भर्ती में प्रधानाध्यापक के 390 व सहायक अध्यापक के 1504 सहित 1894 पद हैं। इसकी लिखित परीक्षा 18 अप्रैल को एक साथ कराई जाएगी।


भर्ती में सहायक अध्यापक बनने वालों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा होगी। प्रत्येक पद के लिए औसतन 210 से अधिक दावेदार हैं। दोनों परीक्षाओं में पहला पेपर अनिवार्य है। प्रधानाध्यापक पद के अभ्यर्थियों के लिए प्रबंधन के दूसरे प्रश्नपत्र की लिखित परीक्षा होगी। आवेदन पूरा होने के बाद परीक्षा संस्था ने सभी 18 मंडल मुख्यालयों को संख्या भेजकर परीक्षा केंद्र निर्धारित करने का आदेश दिया है। 25 मार्च को केंद्र तय करने के लिए बैठक होगी, वहीं 27 मार्च तक मंडल मुख्यालयों से केंद्रों की सूची परीक्षा संस्था को भेजी जाएगी। अगले सप्ताह परीक्षा संस्था केंद्रों की सूची एनआइसी को भेजेगी, ताकि प्रवेशपत्र निर्गत किए जा सकें।

परिषदीय स्कूलों की दीवारों पर टँगेगा ‘जिम्मेदारी’ का बोर्ड

Posted: 22 Mar 2021 06:16 PM PDT

परिषदीय स्कूलों की दीवारों पर टँगेगा 'जिम्मेदारी' का बोर्ड



प्रयागराज : सरकारी स्कूल भी निजी स्कूलों के साथ कदमताल करें। वहां के बच्चे भी फर्राटेदार अंग्रेजी बोलें। शैक्षणिक स्तर में भी कमतर न रहे, इसके लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। अध्यापकों को तरह तरह के प्रशिक्षण भी दिए जा रहे हैं। इन सब के साथ अभिभावक व स्थानीय लोग भी अपनी जिम्मेदारी समङों यह भी प्रयास हो रहा है। लोगों को साथ जोड़ने के लिए विद्यालय प्रबंध समितियों में अभिभावकों, ग्राम प्रधानों व अन्य प्रभावी लोगों को शामिल किया गया है। अब शासन ने पहल करते हुए स्कूल प्रबंध समिति के सदस्यों के नाम, पदनाम व मोबाइल नंबर विद्यालय की दीवारों पर लिखवाने का फैसला किया है। इसके लिए बजट भी जारी हो चुका है। प्रस्तुत है जिले में विद्यालयों की स्थिति व नई योजना पर रिपोर्ट।


अभिभावकों से कर रहे संपर्क
कोरोना काल में स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई चली। इसमें अभिभावकों का सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया गया। अब भौतिक कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। विद्यार्थियों को स्कूल भेजने व पाठ्य सामग्री के प्रयोग आदि को लेकर अभिभावकों की भी सजगता बढ़ाने के क्रम में शिक्षक उनसे मिल रहे हैं। 30 मार्च को होने वाले अंकपत्र वितरण समारोह में सभी अभिभावकों को बुलाने का भी प्रयास किया जा रहा है।


महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय से स्कूलों में वॉलराइटिंग कराने के लिए दिशा निर्देश मिल चुका है। इस संबंध में कार्य भी शुरू हो गया है। जल्द ही शासन की मंशा के अनुरूप कार्य कराकर रिपोर्ट भेज दी जाएगी। - संजय कुशवाहा, बीएसए


टलेंगी यूपी बोर्ड की परीक्षाएं, पंचायत चुनाव के चलते अब 24 अप्रैल से नहीं, मई के पहले सप्ताह से होंगी शुरू

Posted: 22 Mar 2021 06:30 PM PDT

यूपी बोर्ड : नए शैक्षिक सत्र में भी 70 फीसद पाठ्यक्रम की पढ़ाई के आसार, प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंथन शुरू

बोर्ड परीक्षा के कारण अप्रैल बमई में कक्षाएं शुरू हो पाना मुश्किल

प्रयागराज : यूपी बोर्ड से संबद्ध माध्यमिक कालेजों में नए शैक्षिक सत्र में भी 70 फीसद पाठ्यक्रम की ही पढ़ाई के आसार हैं। चालू शैक्षिक सत्र में कक्षा नौ से 12 तक जो पाठ्यक्रम लागू है, उसे यथावत रखने पर मंथन चल रहा है। बोर्ड से शासन तक इस मुद्दे पर एकमत हुआ तो पाठ्यक्रम में कोई बदलाव नहीं होगा। इस संबंध में इसी माह निर्णय होने के आसार हैं। इस कदम से बोर्ड के लाखों छात्र- छात्राओं को भी सहूलियत मिल सकेगी।

माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के 27 हजार से अधिक माध्यमिक कालेजों में इस बार कुल पाठ्यक्रम का 70 फीसद ही ऑनलाइन व कक्षाओं में पढ़ाया गया। पाठ्यक्रम में 30 फीसद की कटौती कोरोना संक्रमण को देखते हुए की गई, क्योंकि लंबे समय तक कालेज खोले नहीं जा सके थे। अब एक अप्रैल से नया शैक्षिक सत्र शुरू होना है, इसके पहले ही कोरोना संक्रमितों की संख्या में धीरे-धीरे उछाल आ रहा है। बोर्ड से लेकर शासन तक की इस पर नजर है। ऐसे हालात देखते हुए पाठ्यक्रम को यथावत रखा जा सकता है। पाठ्यक्रम कम रखने के लिए एक तर्क यह भी दिया जा रहा है कि भले ही सभी स्कूल एक अप्रैल से खुल जाएं, लेकिन यूपी बोर्ड की 2021 की परीक्षाएं अप्रैल व मई माह में प्रस्तावित हैं। परीक्षा के दौरान पढ़ाई प्रभावित होगी इसके बाद शिक्षक उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में व्यस्त रहेंगे। इससे नियमित कक्षाएं वैसे भी जुलाई से ही शुरू हो सकेंगी।



टलेंगी यूपी बोर्ड की परीक्षाएं, पंचायत चुनाव के चलते अब 24 अप्रैल से नहीं, मई के पहले सप्ताह से होंगी शुरू


▪️ 27 मार्च को चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकता है आयोग

▪️30 अप्रैल तक मादान खत्म होकर तीन-चारमई को मतगणना संभव

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मद्देनजर यूपी बोर्ड की परीक्षाएं टलनी तय हैं। 24 अप्रैल से शुरू होने वाली परीक्षाएं अब मई के पहले सप्ताह से हो सकती हैं। होली से ठीक पहले 27 मार्च को राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी करने की तैयारी में है। आयोग 30 अप्रैल तक मतदन की प्रक्रिया पूरी कर तीन-चार मई में मतगणना करा सकता है।

दरअसल, पूर्व में जब यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 24 अप्रैल से 12 मई तक कराने का कार्यक्रम घोषित किया गया था। तब आयोग का भी चार चरणों में 23 अप्रैल तक मतदान की प्रक्रिया पूरी कर लेने का कार्यक्रम प्रस्तावित था। पंचायतों में गलत आरक्षण पर हाईकोर्ट द्वारा फिर से आरक्षण जारी कराने के निर्देश पर राज्य सरकार अब नए सिरे से आरक्षण करा रही है। ऐसे में अब 27 मार्च को आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होने के साथ आयोग चुनाव की अधिसूचना जारी करने भी की तैयारी में है। आयोग के सूत्रों का कहना है कि होली से ठीक पहले 27 मार्च को अधिसूचना जारी होने से उसे विधिवत चुनाव कराने के लिए 42 दिन चाहिए। चार चरण में जिलेवार सभी पदों का एक साथ चुनाव कराने के लिए 42 दिन का समय होने पर प्रत्येक चरण में प्रचार के लिए एक सप्ताह का समय दिया जा सकेगा। ऐसे में आयोग चाहता है कि बोर्ड की परीक्षाएं मई के पहले सप्ताह तक टल जाएं, ताकि मतगणना आदि भी उससे पहले करा ली जाए।

माध्यमिक शिक्षा का भी वयित्व संभाल रहे उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने 'दैनिक जागरण से बातचीत में स्पष्ट तौर पर बताया कि पंचायत चुनाव के बाद ही बोर्ड परीक्षाएं कराई जाएंगी। ऐसे में बोर्ड परीक्षाएं 24 अप्रैल से तो नहीं होगी, लेकिन नई तारीखों के बारे में डा. शर्मा कहते हैं कि यह तो पंचायत चुनाव के कार्यक्रम के अनुसार तय होगी। सूत्रों के मुताबिक माध्यमिक शिक्षा विभाग के अफसर बोर्ड की परीक्षाएं ज्यादा टालने के पक्ष में नहीं हैं, ताकि 10 जून के आसपास नतीजे घोषित किए जा सके। चूंकि सीबीएसई की परीक्षाएं चार मई से शुरू हो रही हैं, इसलिए माना जा रहा है कि यूपी बोर्ड की परीक्षाएं भी तीन-चार मई से शुरू हो सकती हैं।

अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिहं का कहना है कि पंचायत चुनाव के मद्देनजर बोर्ड परीक्षाएं एक सप्ताह आगे बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। आयोग के सूत्रों का कहना है कि 30 अप्रैल तक का भी समय मिल जाने पर हम चार चरणों के मतदान की प्रक्रिया तो पूरी ही कर लेंगे मतगणना तीन-चार मई को कराई जा सकती है।

नई शिक्षा नीति आई पर शिक्षक के पद नहीं जा रहे भरे

Posted: 22 Mar 2021 06:08 PM PDT

नई शिक्षा नीति आई पर शिक्षक के पद नहीं जा रहे भरे


राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों को नालंदा और तक्षशिला जैसी प्रतिष्ठा दिलाने की बातें तो हो रही है, लेकिन जब उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाने के लिए शिक्षक ही नहीं होंगे, तो यह मुकाम कैसे हासिल हो पाएगा। स्थिति कुछ ऐसी ही है। देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों में पर्याप्त शिक्षक ही नहीं है। यह कमी भी कोई सौ-दो सौ शिक्षकों की नहीं है, बल्कि अकेले केंद्रीय उच्च शिक्षण संस्थानों में ही 14 हजार से ज्यादा पद रिक्त हैं। इनमें सबसे खराब स्थिति केंद्रीय विश्वविद्यालयों की है, जहां फिलहाल शिक्षकों के छह हजार से ज्यादा पद खाली हैं। आइआइटी, एनआइटी और आइआइएम का भी कुछ ऐसा ही हाल है।


उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के खाली पदों को लेकर यह सवाल उस समय उठ रहे है, जब राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सरकार तेजी से लागू करने में जुटी है। खासबात यह है कि नीति में शिक्षकों के खाली पदों को लेकर चिंता जताई गई है, साथ ही कहा गया है कि जब तक शिक्षकों के खाली पदों को भरा नहीं जाएगा, तब तक नीति का फायदा मिल पाना मुश्किल है। यही वजह है कि सरकार से उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के खाली पदों को लेकर सवाल किए जाने लगे हैं। हाल ही में संसद में भी इसे लेकर सवाल पूछे गए हैं। इस बीच सरकार ने जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक केंद्रीय स्तर के उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के स्वीकृत पदों की कुल संख्या 42 हजार है, इनमें से 14,268 पद खाली हैं। इन संस्थानों में केंद्रीय विश्वविद्यालय,आइआइटी, टिपलआइटी, एनआइटी, आइआइएम जैसे संस्थान शामिल हैं।


शिक्षा मंत्रलय की ओर से संसद को दी गई जानकारी में बताया गया है कि मौजूदा समय में सभी 42 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के कुल स्वीकृत पदों की संख्या 18 हजार हैं, इनमें से 6,074 पद खाली हैं। आइआइटी में शिक्षकों के कुल स्वीकृत पद 10 हजार हैं, इनमें से 3,876 पद खाली हैं। टिपलआइटी में शिक्षकों के कुल स्वीकृत पदों की संख्या 919 हैं, जबकि इनमें से 461 पद खाली हैं।

परिषदीय शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के वेतन भुगतान में अब नहीं हुआ करेगी देर

Posted: 22 Mar 2021 05:46 PM PDT

परिषदीय शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के वेतन भुगतान में अब नहीं हुआ करेगी देर



लखनऊ : बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन परिषदीय शिक्षकों और शिक्षणोत्तर कर्मचारियों को अब वेतन मिलने में विलंब नहीं होगा। परिषदीय शिक्षकों और बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षणोत्तर कर्मचारियों का वेतन हस्तांतरण अब मानव संपदा पोर्टल के पे-रोल मॉड्यूल के जरिये होगा। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे राजधानी के बख्शी का तालाब ब्लॉक में लागू किया गया है। 



महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि मानव संपदा के पोर्टल पर पे-रोड मॉडयूल के जरिये वेतन हस्तांतरण की प्रक्रिया शासन के विचाराधीन है।

उन्नाव : अंकों में हेराफेरी पर 15 शिक्षकों का चयन निरस्त, छह महीने पहले हुई थी भर्ती, ऑनलाइन ज्यादा फीड किए गए थे अंक, शासन स्तर से हुई जांच में खुलासे के बाद बीएसए ने की कार्रवाई

Posted: 22 Mar 2021 05:34 PM PDT

उन्नाव : अंकों में हेराफेरी पर 15 शिक्षकों का चयन निरस्त, छह महीने पहले हुई थी भर्ती, ऑनलाइन ज्यादा फीड किए गए थे अंक, शासन स्तर से हुई जांच में खुलासे के बाद बीएसए ने की कार्रवाई

उन्नाव :  अंकों में हेराफेरी पर 15 शिक्षकों का चयन (अभ्यर्थन समाप्त) निरस्त कर दिया गया है। इन अभ्यर्थियों ने छह महीने पहले हुई शिक्षक भर्ती में ऑनलाइन फीडिंग में ज्यादा अंक फीड किए थे। शासन स्तर से हुई जांच में खुलासे के बाद बीएसए ने कार्रवाई की है।


अक्तूबर 2020 में जिले में हुई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में 1002 शिक्षकों का चयन हुआ था इसमें 16 अक्तूबर को 865 को और दूसरे चरण में 7 दिसंबर को 137 शिक्षक पद के नियुक्ति पत्र दिए गए थे।

यह शिक्षक डायट आकर उपस्थित रजिस्टर में हस्ताक्षर कर रहे थे। इसी दौरान कई जिलों से फर्जी अंकों पर नौकरी पाने की शिकायतें मिलने पर अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने जिला स्तर पर जमा उनके मूल शैक्षिक अभिलेखों के अंक और ऑनलाइन भरे गए अंकों का मिलान कराया तो हेराफेरी सामने आई ।


जिले में नियुक्त शांती देवी, पल्लवी शुक्ला, ज्योति गुप्ता, अभिषेक सिंह, मनीषा गुप्ता, शशि प्रभा, हिमांशु वर्मा, प्रियंका सिंह, आरती रावत, भइया लाल, बविता देवी मेनका जाटव, ज्योति गौतम सौरभ कुमार राय व अजमेर सिंह का चयन निरस्त कर दिया गया है । बीएसए प्रदीप कुमार पांडेय ने बताया कि अंकों में हेराफेरी मिलने पर नियुक्ति पत्र रोक दिया गया था। अब उनका अभ्यर्थन भी निरस्त कर दिया गया है।

फ़तेहपुर : कक्षा 1 से 8 तक वार्षिक परीक्षाफल मूल्यांकन व्यवस्था के सम्बंध में दिशा निर्देश जारी

Posted: 22 Mar 2021 08:29 AM PDT

फ़तेहपुर : कक्षा 1 से 8 तक वार्षिक परीक्षाफल मूल्यांकन व्यवस्था के सम्बंध में दिशा निर्देश जारी 



Post Bottom Ad

Pages