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Thursday, March 25, 2021

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यूपी बोर्ड : देश-दुनिया का सबसे बड़ा परीक्षा बोर्ड है यूपी बोर्ड, विस्तार से जाने इसके बारे में

Posted: 24 Mar 2021 06:15 PM PDT


यूपी बोर्ड : देश-दुनिया का सबसे बड़ा परीक्षा बोर्ड है यूपी बोर्ड, विस्तार से जाने इसके बारे में


अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे करने जा रहा उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (UP Board) सिर्फ देश का नहीं है दुनिया का सबसे बड़ा शिक्षा बोर्ड है। यह साल 2021 यूपी बोर्ड का शताब्दी वर्ष भी है। 1921 में एक एक्ट के माध्यम से उत्तर प्रदेश बोर्ड की स्थापना की गई थी। इन 100 वर्षों में यूपी बोर्ड ने एक क्षेत्रीय शिक्षा बोर्ड से दुनिया के सबसे बड़े राज्य शिक्षा बोर्ड के तौर पर अपनी एक विशिष्ट पहचान कायम की है। यहां इस खबर में हम उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के बीते 100 वर्षों के सफर को रोचक और संक्षिप्त अंदाज में बता रहे हैं। तो आइए जानते हैं क्या का यूपी बोर्ड का शुरुआती स्वरूप और क्या खास बदलाव आया। 


यूपी बोर्ड के वर्तमान स्वरूप की बात करें तो जितने छात्र इस बार शैक्षणिक सत्र 2020-2021 की बोर्ड परीक्षाओं में बैठने जा रहे हैं उनकी संख्या विश्व के कई देशों की जनसंख्या से अधिक है। इस बार 56 लाख से अधिक विद्यार्थी उत्तर प्रदेश की 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में भाग लेने वाले हैं। यूपी बोर्ड की व्यापकता का अंदाजा इससे झलकता है कि कोरोना महामारी के बावजूद वह 56,03,813 विद्यार्थियों की लिखित परीक्षाएं आयोजित करने जा रहा है। परीक्षार्थियों की यह संख्या कुछ प्रमुख देश जैसे- न्यूजीलैंड, कुवैत, नॉर्वे, फिनलैंड और आयरलैंड आदि की जनसंख्या से ज्यादा है।
 

पहली बार 5,744 विद्यार्थियों ने दी थी परीक्षा
बोर्ड के स्थापना वर्ष 1921 के मुकाबले 2021 में परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र एवं छात्राओं की संख्या करीब 976 गुणा बढ़ गई है। दस्तावेजों के अनुसार, पहली बार यूपी बोर्ड के द्वारा आयोजित परीक्षा में 5,744 ने विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था और परीक्षा 179 केंद्रों पर आयोजित की गई थी। तब इनमें से 5,665 विद्यार्थी हाईस्कूल के थे, जबकि 89 विद्यार्थी इंटरमीडिएट के थे। 


1952 में पौने दो लाख विद्यार्थी पंजीकृत थे 
देश की आजादी वाले वर्ष 1947 में यूपी बोर्ड के परीक्षार्थियों की संख्या 48,519 थी, जबकि परीक्षा केंद्रों की संख्या 244 थी। आप यह खबर प्राइमरी का मास्टर डॉट इन पर पढ़ रहे हैं। इसके बाद से ही यूपी बोर्ड में विद्यार्थियों का पंजीकरण बढ़ना शुरू हो गया था। 1952 में विद्यार्थियों के पंजीकरण की संख्या बढ़कर 1,72,246 पहुंच गई थी। 


2021 में विद्यार्थी 56 लाख, परीक्षा केंद्र भी 8,513 हुए  
उत्तर प्रदेश शिक्षा बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने हाल ही में बताया था कि 2021 में आयोजित होने जा रही बोर्ड परीक्षा में 56,03,813 छात्र-छात्राएं शामिल होने जा रहे हैं। इनमें 29,94,312 परीक्षार्थी हाईस्कूल से है, जबकि 26,09,501 परीक्षार्थी इंटरमीडिएट के हैं। साथ ही कोरोना महामारी के दौर में इस वर्ष 8,513 केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की जाएंगी। 


नए क्षेत्रीय कार्यालय भी खोले गए 
छात्र एवं छात्राओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने अपने कई जोन यानी मंडलीय कार्यालय खोले हैं। 1973 में मेरठ मंडल कार्यालय, 1981 में बरेली में, 1987 में प्रयागराज तत्कालीन इलाहाबाद में और 2017 में गोरखपुर में जोन कार्यालय खोले गए। यह सभी कार्यालय क्षेत्रीय सचिवालय के देखरेख में चलते हैं।

नई शिक्षा नीति : 2022 से ही लागू हो सकता है चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड प्रोग्राम, जानिए कोर्स के बारे में

Posted: 24 Mar 2021 06:04 PM PDT

नई शिक्षा नीति : 2022 से ही लागू हो सकता है चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड प्रोग्राम, जानिए कोर्स के बारे में


वर्ष 2030 के बाद केवल चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड प्रोग्राम की पढ़ाई करने वाले ही शिक्षक भर्ती के लिए योग्य अभ्यर्थी होंगे। यह प्रावधान नई शिक्षा नीति में दिया गया है। नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए गठित उच्च शिक्षा विभाग की स्टीयरिंग कमेटी यह कोर्स वर्ष 2022 से लागू करने पर विचार कर रही है। ऐसे में आपके लिए यह जानना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि इस चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड प्रोग्राम क्या-क्या होगा। पढ़िए...


इंटीग्रेटेड बीएड प्रोग्राम के चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम से आपको अपने विषय के साथ-साथ बीएड के विषयों को पढ़ने का भी मौका मिलेगा। उदाहरण के तौर पर अगर कोई विद्यार्थी केमिस्ट्री (रसायन विज्ञान) से बीएससी ऑनर्स के साथ बीएड करना चाहता है तो वह स्नातक के दौरान बीएससी के साथ बीएड के सेक्शन भी पढ़ पाएगा। तीन साल में बीएससी ऑनर्स की पढ़ाई पूरी होने पर चौथे साल में उसे बीएड के बचे सेक्शन पढ़ने होंगे। साथ ही इंटर्नशिप भी करनी होगी। इस तरह 5 साल में मिलने वाली डिग्री अब चार साल में इंटीग्रेटेड बीएससी-बीएड के नाम से मिल जाएगी और विद्यार्थियों का एक साल भी बच जाएगा।


वहीं क्रेडिट सिस्टम अभ्यर्थियों को बीच में ही कोर्स छोड़नी की भी अनुमति देता है। दाखिला लेने के बाद अगर किसी विद्यार्थी को बीएड की पढ़ाई नहीं करनी है, तो उसे तीन साल बाद स्नातम की डिग्री मिल जाएगी। साथ ही इन तीन सालों में विद्यार्थी ने बीएड कोर्स से संबंधित जिन भी विषयों की पढ़ाई की होगी, उसे उन विषयों का सर्टिफिकेट भी मिल जाएगा। आप यह खबर प्राइमरी का मास्टर डॉट इन पर पढ़ रहे हैं। यह सर्टिफिकेट विद्यार्थी के एकेडमिक बैंक क्रेडिट में जमा हो जाएगा। अगर भविष्य में कभी विद्यार्थी फिर से बीएड की पढ़ाई करना चाहेगा तो यह क्रेडिट उसके काम आएगा।


बता दें सबसे पहले बीएड प्रोग्राम एक साल का हुआ करता था और वर्तमान में यह दो वर्ष का है। अब यह जल्द ही चार वर्ष (इंटीग्रेटेड) का होने जा रहा है। हालांकि अभी तक यह एक संभावित मॉडल है, जिसे जल्द ही अंतिम स्वरूप दिया जा सकता है।

चयन हो जाने मात्र से नहीं मिलता नियुक्ति का अधिकार, एलटी ग्रेड अध्यापक को कालेज आवंटन का आदेश जारी करने से हाईकोर्ट का इंकार

Posted: 24 Mar 2021 05:54 PM PDT

चयन हो जाने मात्र से नहीं मिलता नियुक्ति का अधिकार, एलटी ग्रेड अध्यापक को कालेज आवंटन का आदेश जारी करने से हाईकोर्ट का इंकार


प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि चयन होने मात्र से अभ्यर्थी को नियुक्ति पाने का अधिकार नहीं मिल जाता है। कोर्ट ने एलटी ग्रेड सहायक अध्यापक कृषि भर्ती में चयनित अभ्यर्थी को कालेज आवंटित करने की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि चयन परिणाम नियमानुकूल पदों के सापेक्ष नहीं घोषित किया गया। ऐसे में याची को राहत नहीं दी जा सकती। यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने संतोष कुमार की याचिका पर दिया है। याचिका का प्रतिवाद विपक्षी अधिवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने किया।


इनका कहना था कि बोर्ड ने सहायक अध्यापक एलटी ग्रेड कृषि के 62 पद विज्ञापित किए। जिसे बाद में घटाकर 51 कर दिया गया। चयन परिणाम 24 अप्रैल 17 को घोषित किया जा चुका था। नियम 12(8) के अनुसार कुल पद का एल टी ग्रेड 25 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए। बोर्ड ने इस नियम का पालन नहीं किया। और याची यह बताने में विफल रहा कि चयनित होने से उसे किस आधार पर नियुक्ति पाने का अधिकार है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट में शिक्षा महकमा हुआ शर्मसार, शिक्षा निदेशक माध्यमिक अवमानना के दोषी करार

Posted: 24 Mar 2021 05:11 PM PDT

इलाहाबाद हाईकोर्ट में शिक्षा महकमा हुआ शर्मसार, शिक्षा निदेशक माध्यमिक अवमानना के दोषी करार


प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार को शिक्षा महकमा शर्मसार हो गया। कोर्ट को गुमराह करने और आदेश का अनुपालन न करने पर शिक्षा निदेशक माध्यमिक विनय कुमार पांडेय को कड़ी फटकार लगाई और काफी देर तक कोर्ट रूम में बैठाए रखा। हाईकोर्ट ने निदेशक को अवमानना का दोषी करार दिया है और उनके खिलाफ आरोप निíमत करते हुए कारण बताओ नोटिस दी है कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही कर दंडित किया जाए।


निदेशक पर 26 नवंबर, 2018 को जारी निर्देश की जानबूझकर अवहेलना करने व कोर्ट को गुमराह करने का आरोप है। कोर्ट ने निदेशक को जवाब के साथ नौ अप्रैल को कोर्ट में हाजिर होने का भी निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूíत सुनीत कुमार ने मीरजापुर जिले के काशीनाथ व नौ अन्य अध्यापकों की अवमानना याचिका पर दिया है।

गोण्डा : कस्तूरबा विद्यालयों में शिक्षक व शिक्षणेत्तर भर्ती हेतु विज्ञप्ति जारी

Posted: 24 Mar 2021 05:00 PM PDT

गोण्डा : कस्तूरबा विद्यालयों में शिक्षक व शिक्षणेत्तर भर्ती हेतु विज्ञप्ति जारी



मेरठ : कस्तूरबा विद्यालयों में शिक्षक व शिक्षणेत्तर भर्ती हेतु विज्ञप्ति जारी

Posted: 24 Mar 2021 04:59 PM PDT

मेरठ : कस्तूरबा विद्यालयों में शिक्षक व शिक्षणेत्तर भर्ती हेतु विज्ञप्ति जारी



शिक्षा मंत्री ने लॉन्च किया सीबीएसई असेसमेंट फ्रेमवर्क, कक्षा 6 से कक्षा 10 तक पढ़ाए जाने वाले अंग्रेजी, साइंस और मैथ्स सब्जेक्ट के लेवल में सुधार लाना मुख्य उद्देश्य

Posted: 24 Mar 2021 04:57 PM PDT

शिक्षा मंत्री ने लॉन्च किया सीबीएसई असेसमेंट फ्रेमवर्क, कक्षा 6 से कक्षा 10 तक पढ़ाए जाने वाले अंग्रेजी, साइंस और मैथ्स सब्जेक्ट के लेवल में सुधार लाना मुख्य उद्देश्य


असेसमेंट फ्रेमवर्क का शुभारंभ कल शिक्षा मंत्री द्वारा किया गया। इससे पूर्व, शिक्षा मंत्री ने अपने ऑफिशियल ट्वीटर अकाउंट से ट्वीट करके जानकारी साझा की थी।


शिक्षा मंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा है कि मैं सीबीएसई और ब्रिटिश काउंसिल द्वारा CBSE योग्यता आधारित शिक्षा परियोजना के हिस्से के रूप में विज्ञान, गणित और अंग्रेजी कक्षाओं के लिए असेसमेंट फ्रेमवर्क लॉन्‍च करूंगा।


यह कार्यक्रम सीबीएसई और ब्रिटिश काउंसिल के कॉम्पिटेंसी बेस्ड एजुकेशन प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस असेसमेंट फ्रेमवर्क को एनसीईआरटी और सीबीएसई पाठ्यक्रम के अनुसार तैयार किया गया है। इसका लक्ष्य कक्षा 6 से कक्षा 10 तक पढ़ाए जाने वाले अंग्रेजी, साइंस और मैथ्स सब्जेक्ट के लेवल में सुधार लाना है। वहीं, सीबीएसई के कॉम्पिटेंसी बेस्ड एजुकेशन प्रोजेक्ट का उद्देश्य स्टूडेंट्स के भीतर क्रिएटिव थिंकिंग, क्रिटिकल थिंकिंग, प्रॉब्लम सॉल्विंग, सेल्फ अवेयरनेस, एम्पैथी, डिसीजन मेकिंग, इफेक्टिव कम्युनिकेशन, इंटरपर्सनल रिलेशनशिप, कोपिंग विथ स्ट्रेस और कोपिंग विथ इमोशंस जैसे 10 लाइफ स्किल्स को विकसित करना है।


नया फ्रेमवर्क छात्रों को उनकी पेन और पेपर मोड परीक्षाओं के दौरान मदद करेगा। ब्रिटिश काउंसिल के साथ सीबीएसई की यह योग्यता आधारित शिक्षा परियोजना छात्रों के कौशल और व्यावहारिक ज्ञान को विकसित करने पर केंद्रित है। नई सीबीएसई प्रणाली कक्षाओं के अंदर छात्रों को दिए गए नियमित पाठ्यपुस्तक ज्ञान के साथ कार्य करेगी।


गौरतलब है कि सीबीएसई 10वीं परीक्षा का आयोजन 4 मई से 7 जून, 2021 तक और 12वीं की परीक्षा का आयोजन 4 मई से 14 जून, 2021 तक किया जाना है। वहीं, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कक्षा 10 और कक्षा 12 के छात्रों को बोर्ड परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्र बदलने की अनुमति दी है। जो छात्र अपने परीक्षा केंद्र को बदलना चाहते हैं, उन्हें 25 मार्च, 2021 तक संबंधित स्कूल में आवेदन भेजना होगा।

69000 शिक्षक भर्ती : धरने पर बैठे दिव्यांगों की मांगें पूरी करने का वादा, DGSE ने जल्द निस्तारण का दिया भरोसा

Posted: 24 Mar 2021 04:50 PM PDT

69000 शिक्षक भर्ती : धरने पर बैठे दिव्यांगों की मांगें पूरी करने का वादा, DGSE ने जल्द निस्तारण का दिया भरोसा



प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में दिव्यांगों को नियुक्ति दिलाने का आश्वासन मिला है। आसार है कि 100 दिन बाद आंदोलन खत्म हो जाए। दिव्यांगों का कहना है कि महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने प्रतिनिधिमंडल को प्रकरण का निस्तारण करने का वादा किया है। परिषदीय स्कूलों में 69000 शिक्षक भर्ती चल रही है। 


भर्ती में आरक्षण विसंगति को लेकर दिव्यांग 100 दिन से बेसिक शिक्षा निदेशालय मुख्यालय प्रयागराज पर आंदोलन कर रहे हैं। दिव्यांग प्रतिनिधिमंडल बुधवार को लखनऊ में महानिदेशक स्कूल शिक्षा से मिला और सार्थक वार्ता हुई, जिसमें महानिदेशक की ओर से उन्हें भरोसा दिया कि निस्तारण हर हाल में करेंगे। आरक्षण के अनुपालन में जो भी त्रुटियां थी, उनको लेकर विभाग का रुख सकारात्मक है, धरने को खत्म करने को कहा और विश्वास दिलाया कि अगर आपकी मांगों पर न्यायसंगत विचार न दिखे तो धरना देने को दिव्यांग स्वतंत्र हैं। 


प्रतिनिधि मंडल में शामिल धनराज कुमार यादव, प्रदीप शुक्ला, कौशल मिश्र, शिवप्रकाश, विष्णु, प्रेमकुमार, राघवेन्द्र सिंह शिवेंद्र व दिनेश यादव ने बताया कि डीजी से सकारात्मक वार्ता हुई और उन्होंने नीति नियम के अधीन सभी मुद्दों को हल करने का भरोसा दिया है।

इस साल भी फीस न बढ़ाएं निजी स्कूल, उपमुख्यमंत्री ने की निजी स्कूल प्रबंधकों से अपील

Posted: 24 Mar 2021 04:46 PM PDT

इस साल भी फीस न बढ़ाएं निजी स्कूल, उपमुख्यमंत्री ने की निजी स्कूल प्रबंधकों से अपील


लखनऊ : उप मुख्यमंत्री एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कोविड-19 के मद्देनजर स्कूल प्रबंधकों से इस साल भी फीस न बढ़ाने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि सरकार का सहयोग देते हुए जैसे पिछले साल फीस नहीं बढ़ाई, उसी तरह इस साल भी करें, जिससे अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ न पड़े। उप मुख्यमंत्री बुधवार को लामार्टीनियर गल्र्स कालेज में आयोजित कोरोना योद्धाओं के सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कोरोना काल के दौरान पुलिस, शिक्षा, चिकित्सा एवं सामाजिक सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 23 प्रमुख लोगों को सम्मानित किया।



फतेहपुर : आठ माह में खुले, 23 दिन में फिर बंद, कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते 31 मार्च तक के लिए बंद किए गए स्कूल

Posted: 24 Mar 2021 08:28 AM PDT

फतेहपुर : आठ माह में खुले, 23 दिन में फिर बंद, कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते 31 मार्च तक के लिए बंद किए गए स्कूल

फतेहपुर : कोरोना संक्रमण बढ़ने से 23 दिन बाद स्कूल फिर बंद हो गए हैं। हालांकि अभी स्कूल 31 मार्च तक के लिए ही बंद हुए हैं, लेकिन स्कूल अप्रैल में खुलने को लेकर फिर संशय पैदा हो रहा है।


जिले में 2650 परिषदीय स्कूल, 112 एडेड, 254 निजी स्कूलों में तीन लाख 26 हजार बच्चे कक्षा एक से लेकर आठ तक पंजीकृत हैं। इनमें एडेड और परिषदीय स्कूलों में पंजीकृत दो लाख 54 हजार बच्चों को दोपहर का भोजन स्कूलों में देने का व्यवस्था लागू है। यह सभी स्कूल आठ महीने बंद रहने के बाद खुले थे। इनमें कक्षा छह से आठ तक की कक्षाएं 15 फरवरी और कक्षा एक से पांच तक की कक्षाएं पहली मार्च से प्रारंभ हुई थीं। प्राथमिक स्कूल तो मात्र 23 दिन खुलने के बाद कोरोना की दहशत के कारण बंद कर दिए गए हैं कक्षा छह से आठ तक स्कूल 48 दिन ही खुले हैं। शासन ने बुधवार से कक्षा एक से आठ तक के सभी स्कूल 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया है ऐसे में बुधवार से इन सभी स्कूलों में एक बार फिर ताला लग गया है।

फिलहाल स्कूल 31 मार्च तक के लिए बंद किए गए हैं। अगर शासन दूसरा कोई आदेश जारी नहीं करता है, तो तय अवधि के बाद स्कूल खोल दिए जाएंगे। अगर स्कूल बंद रखने का निर्देश होते हैं, आदेश का पालन कराना उनका दायित्व है। -शिवेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए

परीक्षा कराने की छूट अन्य सभी शिक्षण संस्थाएं बंद रहेंगी

शासन से जारी गाइड लाइन में सिर्फ छात्र-छात्राओं की परीक्षा कराने के लिए स्कूल खोलने की छूट मिली है। जिन स्कूलों में कक्षा नौ और 11 की वार्षिक परीक्षाएं चल रही हैं, वह स्कूल कोविड़ 19 के प्रोटोकाल का पालन करते हुए परीक्षाएं कराएंगे। इनके अलावा सभी माध्यमिक और उच्च शिक्षण संस्थाएं, तकनीकी शिक्षण संस्थानों के कार्यालय तो खुलेंगे, लेकिन छात्र-छात्राएं 31 मार्च तक स्कूल नहीं आएंगे। इसके आगे स्कूल खोलने या बंद रखने की गाइड लाइन बाद में जारी होगी। डीआईओएस महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया जिन स्कूलों में परीक्षाएं चल रही हैं, उनको स्कूल खोलने की छूट दी गई है। अन्य सभी शिक्षण और तकनीकी शिक्षण संस्थाएं 31 मार्च तक बंद रहेंगे।

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