दिव्य रश्मि न्यूज़ चैनल |
- आज 11 जून 2021, शुक्रवार का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन ?
- ‘कोरोना टीकाकरण में सेक्युलरवादियों द्वारा हिन्दू-मुस्लिम भेद’ इस विषय पर ऑनलाइन विशेष संवाद
- बचपन की बात
- मुख्यमंत्री ने पटना के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर अनलाॅक की स्थिति का लिया जायजा
- झारखण्ड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर जाति सूचक बयानबाजी करने का लगा आरोप
- धरती पर इतने रिन्युब्ल संसाधन कि हर इंसान की ऊर्जा ज़रूरत हो सकती है पूरी
- बड़े प्रदूषकों की नेट ज़ीरो योजनायें वास्तविकता कम जुमलेबाज़ी ज़्यादा
- पति की लंबी आयु के लिए वट वृक्ष पूजा की गयी
- 13 जून 2021 को महाराणा प्रताप की जयंती देश के अनेक हिस्सों में मनाने का निर्णय लिया है
आज 11 जून 2021, शुक्रवार का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन ? Posted: 10 Jun 2021 07:43 AM PDT आज 11 जून 2021, शुक्रवार का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन ? क्या है आप की राशी में विशेष ? जाने प्रशिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. प्रेम सागर पाण्डेय से |श्री गणेशाय नम: !! दैनिक पंचांग ☀ 11 जून 2021, शुक्रवार ☀ पंचांग 🔅 तिथि प्रतिपदा दिन 04:57:26 🔅 नक्षत्र मृगशिरा दिन 01:48:14 🔅 करण : किन्स्तुघ्ना 05:30:29 बव 18:32:12 🔅 पक्ष शुक्ल 🔅 योग शूल 08:36:09 🔅 वार शुक्रवार ☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ 🔅 सूर्योदय 05:14:10 🔅 चन्द्रोदय 05:47:59 🔅 चन्द्र राशि मिथुन 🔅 सूर्यास्त 18:46:05 🔅 चन्द्रास्त 20:15:59 🔅 ऋतु ग्रीष्म ☀ हिन्दू मास एवं वर्ष 🔅 शक सम्वत 1943 प्लव 🔅 कलि सम्वत 5123 🔅 दिन काल 13:56:10 🔅 विक्रम सम्वत 2078 🔅 मास अमांत ज्येष्ठ 🔅 मास पूर्णिमांत ज्येष्ठ ☀ शुभ और अशुभ समय ☀ शुभ समय 🔅 अभिजित 11:52:47 - 12:48:31 ☀ अशुभ समय 🔅 दुष्टमुहूर्त : 08:09:48 - 09:05:32 12:48:31 - 13:44:16 🔅 कंटक 13:44:16 - 14:40:01 🔅 यमघण्ट 17:27:15 - 18:23:00 🔅 राहु काल 10:36:08 - 12:20:39 🔅 कुलिक 08:09:48 - 09:05:32 🔅 कालवेला या अर्द्धयाम 15:35:46 - 16:31:30 🔅 यमगण्ड 15:49:42 - 17:34:13 🔅 गुलिक काल 07:07:05 - 08:51:36 ☀ दिशा शूल 🔅 दिशा शूल पश्चिम ☀ चन्द्रबल और ताराबल ☀ ताराबल 🔅 भरणी, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती ☀ चन्द्रबल 🔅 मेष, मिथुन, सिंह, कन्या, धनु, मकर पं. प्रेम सागर पाण्डेय् राशिफल 11 जून 2021, शुक्रवार मेष (Aries): निजी प्रयासों में बेहतर बने रहेंगे। प्रेम में सफलता मिलेगी। प्रियजन से भेंट संभव है। प्रतियोगी अच्छा करेंगे। आर्थिक पक्ष हितकर रहेगा। दिन शुभ। शुभ रंग = उजला शुभ अंक : 4 वृषभ (Tauras): कम बोलें ज्यादा करें की नीति अपनाएं। बड़ों के प्रति विनम्र और कृतज्ञ रहें। घरेलू मामलों में स्मार्ट डिले की पॉलिसी रखें। दिन सामान्य से शुभकारक। शुभ रंग = क्रीम शुभ अंक : 2 मिथुन (Gemini): सूचना और जनसंपर्क बेहतर बने रहेंगे। आवश्यक कार्यों को आज ही पूरा कर लेने की सोच रखें। रक्त संबंध मजबूत होंगे। दिन श्रेष्ठ फलकारक। शुभ रंग = आसमानी शुभ अंक : 7 कर्क (Cancer): मूल्यवान भेंट की प्राप्ति संभव है। उल्लेखीय कार्यों को आगे बढ़ाने का समय है। अपनों का साथ मिलेगा। काम को बोझ न समझें। सहजता से आगे बढ़े। शुभ रंग = उजला शुभ अंक : 4 सिंह (Leo): अनोखी कोशिशों को समर्थन और सहयोग मिलेगा। जो सही लगे उसे निसंकोच आगे बढ़ाते रहें। प्रभावशीलता बनी रहेगी। दिन हितकारक। शुभ रंग = केशरी शुभ अंक : 6 कन्या (Virgo): कार्यों को निस्वार्थ कर्मयोगी की भांति करें। सफलता मिलेगी लेकिन तुरंत इसकी अपेक्षा न रखें। खर्च बढ़ा हुआ रहेगा। चापलूसों से सतर्क रहें। शुभ रंग = आसमानी शुभ अंक : 7 तुला (Libra): करियर कारोबार बेहतर बने रहेंगे। आर्थिक उन्नति का समय है। लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए यथासंभव प्रयास करें। दिन श्रेष्ठ फलकारक। तेजी दिखाएं। शुभ रंग = क्रीम शुभ अंक : 2 वृश्चिक (Scorpio): प्रभावशीलता बढ़त पर रहेगी। सभी वर्गों का सहयोग जुटाने में सफल रहेंगे। घर परिवार में सुख सौख्य बना रहेगा। दिन जिम्मेदारी बढ़ाने वाला। शुभ रंग = पीला शुभ अंक : 9 धनु (Sagittarius): आस्था और आत्मविश्वास से असंभव को संभव कर दिखाएंगे। भ्रमण मनोरंजन में रुचि रहेगी। शुभ सूचना मिल सकती है। दिन भाग्यवर्धक। शुभ रंग = उजला शुभ अंक : 4 मकर (Capricorn): बड़ी योजनाएं छोटी अनदेखियों से अधिक प्रभावित होती हैं। जो भी करें उसे पुख्ता करने का प्रयास करें। व्यक्तिगत मामलों में सतर्क रहें। दिन सामान्य। शुभ रंग = आसमानी शुभ अंक : 7 कुंभ (Aquarius): महत्वपूर्ण प्रयासों में तेजी आएगी। स्थायित्व बढ़ेगा। दाम्पत्य में विश्वास और निजता को बल मिलेगा। भूमि भवन के मामले पक्ष में रह सकते हैं। दिन हितकर। शुभ रंग = क्रीम शुभ अंक : 2 मीन (Pisces): आवश्यक कार्यों के पूरा होने तक विश्राम से बचें। लापरवाही से काम प्रभावित होने की आशंका है। लेन देन में सतर्क रहें। खर्च पर अंकुश रखें। दिन सामान्य। शुभ रंग = उजला शुभ अंक : 4 दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
‘कोरोना टीकाकरण में सेक्युलरवादियों द्वारा हिन्दू-मुस्लिम भेद’ इस विषय पर ऑनलाइन विशेष संवाद Posted: 10 Jun 2021 04:58 AM PDT 'कोरोना टीकाकरण में सेक्युलरवादियों द्वारा हिन्दू-मुस्लिम भेद' इस विषय पर ऑनलाइन विशेष संवादबांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठियों का टीकाकरण, और पाक विस्थापित हिन्दुओ को विरोध, यह कौनसा सेक्युलरिजम है ? - जय आहुजा, निमित्तेकम, राजस्थानराजस्थान में अनेक बांग्लादेशी और रोहिंगया घुसपैठिए मुसलमानों का टीकाकरण किया गया है । परंतु पाकिस्तान से आए विस्थापित हिन्दुओ का टीकाकरण क्यों नहीं किया जाता? उनके जीवन का क्या कुछ भी मोल नहीं ? यह कौनसा 'सेक्युलरिजम' है ? उन्हें न्याय मांगने हेतु न्यायालय में जाना पडता है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है, ऐसा मत राजस्थान के 'निमित्तेकम' संगठन के अध्यक्ष श्री. जय आहुजा ने व्यक्त किया । 'हिन्दू जनजागृति समिति' आयोजित 'कोरोना टीकाकरण में सेक्युलरवादियों द्वारा हिन्दूू-मुस्लिम भेद', इस 'ऑनलाइन विशेष संवाद' में वे बोल रहे थे । इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण समिति के जालस्थल Hindujagruti.org, यू-ट्यूब और ट्विटर पर 4,234 लोगों ने देखा । केरल सरकार द्वारा हज यात्रियों को 'फ्रंट लाईन वर्कर्स' घोषित करना अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण ! केरल की वामपंथी सरकार द्वारा हज यात्रियों को 'फ्रंट लाईन वर्कर्स' घोषित किया है; किन्तु विदेश में पढनेवाले विद्यार्थियों के टीके की व्यवस्था नहीं की । कोरोना संकट में मठ-मंदिरों द्वारा केरल सरकार को करोडों रुपए की आर्थिक सहायता की गई । अनेक मंदिरों ने 'कोविड सेंटर' चालू किए; परंतु हज यात्रा की निधि कोरोना हेतु दी, ऐसा एक भी उदाहरण है क्या ? ऐसा होते हुए भी टीकाकरण हेतु हिन्दुओ से पैसे लेना और हज यात्रियों का नि:शुल्क टीकाकरण करना, यह सत्ता हेतु किया जा रहा मुस्लिम तुष्टीकरण है । इस हेतु नेता किसी भी स्तर तक जाएंगे, ऐसा वक्तव्य केरल की अन्नपूर्णा फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री. बिनिल सोमसुंदरम् ने किया । कोरोन विषाणु द्वारा जाति-धर्म में भेदभाव नहीं, तब टीकाकरण में धर्म के आधार पर भेदभाव क्यों ? हिन्दू जनजागृति समिति के राज्यस्थान और मध्यप्रदेश राज्य समन्वयक श्री. आनंद जाखोटिया ने कहा कि कोरोना विषाणु जाति-धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करता, तब टीकाकरण में धर्म के आधार पर भेदभाव क्यों ? देहली के मुख्यमंत्री कोरोना योद्धा रहे एक मुस्लिम डॉक्टर की मृत्यु के पश्चात उसके घर जाकर 1 करोड रूपए देते हैं, तब ऐसा बलिदान करनेवाले सैकडों हिन्दू डॉक्टरों को यह सम्मान क्यों नहीं दिया जाता ? कम से कम इस महामारी में तो मानवता की भावना रखनी चाहिए । महामारी में भी यदि हिन्दुआें के साथ ऐसा दुर्व्यवहार होता हो, तो अन्य समय कैसा व्यवहार होता होगा ? इसलिए अब हिन्दुओ को जागृत होना होगा और न्याय प्राप्त करने के लिए हिन्दू राष्ट्र की मांग करनी होगी । राजस्थान उच्च न्यायालय के अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित ने कहा कि, अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना करना संविधान के मूलभूत सिद्धांत की अवहेलना है । प्रत्येक व्यक्ति को जीने का अधिकार है । ऐसे में सरकार द्वारा धर्म के आधार पर भेदभाव करना, संविधान का उल्लंघन करना है । दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
Posted: 10 Jun 2021 04:32 AM PDT बचपन की बातबचपन की बात बस, बचपने से सीखिए, युवावस्था, आये बुढापा, बचपन ना जाने दीजिये। बचपन की मासूमियत, मुख पर बरकरार हो, कर्मो और विचारों को, कुछ ऐसा भाव दीजिये। धीर हों, गंभीर हों, साहसी व वीर हों, सरलता, सौम्यता का, आचार विचार कीजिये। बचपन है खिलता गुलाब, चंपा,चमेली, जुही का बाग़, कोमलता जीवन में रहे, खुशबू बाँटा कीजिये। फूलों सा जीवन बनाइये, निर्लिप्त भाव रहे बना, शव हो या देव हों, जीवन समर्पित कीजिये। रखें न दिल में हम कभी, किसी बदले की भावना, रूठने और मनाने का खेल, बचपने से सीखिए। जाति-धर्म, ऊँच- नीच, नहीं यहाँ कोई भेद है, बाँट कर पीना व खाना और जीना सीखिए। चोट लगती गर किसी को, रोने लगता दूसरा, दर्द के भी दर्द का, अहसास करना सीखिए। छल-कपट, अहंकार क्या, जाने नहीं है बचपना, प्यार का संसार सारा, बचपने से सीखिए। खोये नहीं कहीं बचपना, बचपने का दोस्तों, बचपन को बचपन की तरह, विकसित होने दीजिये। छीनो न उनसे तुम जमीं, दे दो उन्हें सारा गगन, प्रकृति के साथ मिल, बचपन को बढ़ने दीजिये। आप तो बूढ़े हुए, तेरे -मेरे में बँट गए, बच्चों के मन पर भेदभाव, मत थोपा कीजिये। सीख लें उनसे सरलता, नव शिशु की किलकारियाँ, तनाव मुक्त जीवन जियें, बुढापे को बचपन दीजिये। डॉ अ कीर्तिवर्धन दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
मुख्यमंत्री ने पटना के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर अनलाॅक की स्थिति का लिया जायजा Posted: 10 Jun 2021 04:28 AM PDT मुख्यमंत्री ने पटना के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर अनलाॅक की स्थिति का लिया जायजापटना, 10 जून 2021:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज पटना के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने राजा बाजार, सगुना मोड़, दानापुर कैंट, दानापुर, दीघा, अषोक राजपथ, मैनपुरा, राजापुल, गांधी मैदान, फ्रेजर रोड, डाकबंगला चैराहा एवं इनकम टैक्स गोलम्बर का भ्रमण कर अनलाॅक की स्थिति का जायजा लिया। भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विषेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, जिलाधिकारी श्री चन्द्रषेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक श्री उपेन्द्र शर्मा भी उपस्थित थे। भ्रमण के पष्चात् मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि आज पटना शहर में कुछ इलाकों का भ्रमण किया। देखा कि कई लोग अभी भी मास्क नहीं पहन रहे हैं। लोगों की इस चूक से कोरोना संक्रमण बढ़ सकता है। बिहारवासियों से अपील है कि मास्क अवश्य लगाएं और 2 गज की दूरी बनाए रखें। दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
झारखण्ड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर जाति सूचक बयानबाजी करने का लगा आरोप Posted: 10 Jun 2021 04:07 AM PDT झारखण्ड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर जाति सूचक बयानबाजी करने का लगा आरोप|जमशेदपुर से हमारे संवाददाता मुकेश कुमार की रिपोर्ट जमशेदपुर : राष्ट्रीय नाई क्रांति सेना ने राज्य के आपदा प्रबंधन एवं स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर जाति सूचक बयानबाजी करने का आरोप लगाया है . सेना की ओर से इसका विरोध करते हुए कहा है कि मंत्री बन्ना गुप्ता 24 घंटे के अंदर माफी मांगे , नहीं तो पूरे राज्य में नाई समाज की ओर से राष्ट्रीय नाई क्रांति सेना के बैनर तले उनका पुतला दहन किया जायेगा . इस मसले को लेकर गुरुवार को संगठन के बैनर तले व भाजपा नेता विकास सिंह के नेतृत्व में समाज के लोग उपायुक्त कार्यालय पहुंचे थे . वहां एक ज्ञापन देकर उक्त मांगें रखी गयी . इस दौरान अरुण शर्मा , कांतिलाल सेन , मनोज ठाकुर , पवन कुमार शर्मा , दिलीप ठाकुर , सुभाष कुमार , शिवपूजन ठाकुर व अन्य उपस्थित थे . दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
धरती पर इतने रिन्युब्ल संसाधन कि हर इंसान की ऊर्जा ज़रूरत हो सकती है पूरी Posted: 10 Jun 2021 04:00 AM PDT धरती पर इतने रिन्युब्ल संसाधन कि हर इंसान की ऊर्जा ज़रूरत हो सकती है पूरीविश्व के प्रत्येक महाद्वीप में अपनी जनसंख्या को 100% रिन्यूएबल एनर्जी उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता है। वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5ºC के लक्ष्य से नीचे रखने के लिए न सिर्फ जीवाश्म ईंधन उत्पादन के विस्तार का अंत ज़रूरी है बल्कि मौजूदा उत्पादन को भी चरणबद्ध तरीके से कम करना ज़रूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि भले ही जीवाश्म ईंधन के विस्तार को रातोंरात बंद कर दिया जाए, लेकिन मौजूदा कोयला खदानों और तेल और गैस के कुओं में पहले से ही इतना जीवाश्म ईंधन उत्पादित हो रहा है कि वो 1.5 डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य को हासिल नहीं कर पायेगा। इस बात की जानकारी मिलती है इंस्टीट्यूट फॉर सस्टेनेबल फ्यूचर्स, यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, सिडनी द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट में। इस रिपोर्ट को फॉसिल फ्यूल नॉन प्रोलिफरेशन ट्रीटी के सहयोग से तैयार किया गया है। रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि दुनिया के पास अपनी ऊर्जा मांग की ज़रुरत से काफ़ी ज़्यादा मात्रा में रिन्यूएबल एनर्जी रिसोर्सेज़ मौजूद हैं। इन संसाधनों का सही से प्रयोग हो तो विश्व के प्रत्येक व्यक्ति की ऊर्जा मांगों को पूरा किया किया जा सकता है। लेकिन इसके बावजूद, असलियत ये है कई साल 2030 तक, अगर किसी भी नए कोयले, तेल या गैस परियोजना को शुरू ण किया जाये, फिर भी दुनिया 35% अधिक तेल और 69% अधिक कोयले का उत्पादन करेगी, जो कि 1.5 डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य को हासिल करने के अनुरूप नहीं है। एक और रोचक बात जो इस रिपोर्ट में पता चलती है वो ये है कि जैसे-जैसे रिन्यूएबल एनर्जी की लागत कम हुई है, उसकी तकनीकी और आर्थिक प्रासंगिकता भी बढ़ी है। तमाम बंदिशों के बावजूद, सौर और पवन ऊर्जा दुनिया को मौजूदा से 50 गुना से अधिक ऊर्जा प्रदान कर सकती है। बल्कि विश्व के प्रत्येक महाद्वीप में अपनी जनसंख्या को 100% नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता है। जीवाश्म ईंधन क्षेत्र का विस्तार जारी रखने से इंसानों और पर्यावरण को गंभीर कीमत चुकानी पड़ेगी। रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय सिडनी में अनुसंधान निदेशक, एसोसिएट प्रोफेसर स्वेन टेस्के कहते हैं, "राष्ट्रीय सरकारों को कोयला, तेल और गैस निकालने की मात्रा के लिए बाध्यकारी सीमाएं स्थापित करनी चाहिए। रिन्युब्ल एनर्जी, उसकी स्टोरेज टेक्नोलोजी और हाइड्रोजन और सिंथेटिक फ्यूल्स का संयोजन उद्योगों के लिए एक विश्वसनीय ऊर्जा आपूर्ति ढांचा प्रदान करेगा। जीवाश्म ऊर्जा उद्योग को तो समाप्त ही किया जाना चाहिए।" आगे, स्टैंड.अर्थ में अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम निदेशक और जीवाश्म ईंधन अप्रसार संधि पहल के अध्यक्ष, त्ज़ेपोरा बर्मन, कहते हैं, " तेल, गैस और कोयले की तेजी से कमी को ट्रैक करना और नवीकरणीय उत्पादन और बुनियादी ढांचे के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करना न केवल संभव है, बल्कि इससे लोगों की जान भी बचेगी।" अंत में क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क दक्षिण एशिया के निदेशक संजय वशिष्ठ, कहते हैं, "रिन्यूएबल एनर्जी के तेजी से बढ़ने और जीवाश्म ईंधन के विकास को समाप्त करने के लिए अब और कोई बहाना नहीं बचा है। ऐसे समय में जब रिन्यूएबल एनर्जी एक विश्वसनीय और किफ़ायती विकल्प के रूप में उभरी है, जीवाश्म ईंधन क्षेत्र का विस्तार करना न सिर्फ धन की एक आपराधिक बर्बादी है, बल्कि उसके विनाशकारी परिणाम होंगे जलवायु और मानव जाति के लिए, विशेष रूप से गरीब देशों में। G7 नेताओं को अब एक उदाहरण स्थापित करना चाहिए और अपने देशों में कोयला संयंत्रों को बंद करना चाहिए।" दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
बड़े प्रदूषकों की नेट ज़ीरो योजनायें वास्तविकता कम जुमलेबाज़ी ज़्यादा Posted: 10 Jun 2021 03:55 AM PDT बड़े प्रदूषकों की नेट ज़ीरो योजनायें वास्तविकता कम जुमलेबाज़ी ज़्यादाजैसे-जैसे जलवायु संकट के प्रभाव और अधिक स्पष्ट होते जा रहे हैं, दुनिया भर के लोग, महिलाओं और युवाओं के साथ, इन प्रभावों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। लेकिन जवाब में, दुनिया के बड़े प्रदूषक और सरकारें अपने द्वारा उत्पन्न पर्यावरण संकट के समाधान के रूप में अपनी "नेट ज़ीरो एमिशन" योजना को दिखा रहे हैं, जो कि असल में सिर्फ जुमलेबाजी है और असल करवाई से बचने का तरीका है। यह नतीजा है एक रिपोर्ट का जिसका शीर्षक है द बिग कॉन: हाउ बिग पॉल्यूटर्स आर एडवांसिंग ए "नेट ज़ीरो" क्लाइमेट एजेंडा टू डिले, डिसीव एंड डीनाइ ," ("एक बड़ी धोखेबाज़ी: बड़े प्रदूषक कैसे देरी करने, धोखा देने और मना करने के लिए एक "नेट ज़ीरो" जलवायु कार्यावली को बढ़ावा दे रहे हैं,") । इस हाल ही में जारी रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि बड़े प्रदूषकों का "नेट ज़ीरो एमिशन" का वादा सिर्फ वास्तविक कार्रवाई से ध्यान हटाने और जलवायु संकट की जिम्मेदारी से बचने और प्रदूषण को जारी रखने की उनकी निरंतर योजना का हिस्सा है। रिपोर्ट कहती है कि ऐसे में सरकारों को इस खतरनाक योजना पर विश्वास करना और उसे मजबूत करना बंद कर देना चाहिए, और इसके बजाय 2030 तक आवश्यक उत्सर्जन में कमी लाने के लिए वास्तविक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए, और बड़े प्रदूषकों को उनके धोखे के लिए जिम्मेदार ठहराना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र जलवायु ट्रीटी (संधि) की विर्चुअल चर्चा के बीच, यह नई रिपोर्ट इस बात पर प्रकाश डालती है कि जैसे-जैसे नयी-नयी "नेट ज़ीरो" योजनाएं शुरू की गई हैं, वैज्ञानिक, शैक्षणिक और कार्यकर्ता समुदायों ने पेरिस समझौते की प्रतिबद्धताओं को प्राप्त करने और वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने के लिए इन योजनाओं की अक्षमता के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की है। कॉरपोरेट एकाउंटेबिलिटी, द ग्लोबल फॉरेस्ट कोएलिशन और फ्रेंड्स ऑफ द अर्थ इंटरनेशनल द्वारा लिखित रिपोर्ट को एक्शनऐड इंटरनेशनल, ऑयलवॉच, थर्ड वर्ल्ड नेटवर्क और इंस्टीट्यूट फॉर पॉलिसी स्टडीज सहित साठ से अधिक पर्यावरण संगठनों से इंडोर्समेंट (समर्थन) मिला था। "द बिग कॉन" इन "नेट ज़ीरो" योजनाओं के संदिग्ध अंकगणित, अस्पष्ट लक्ष्यों और अक्सर अप्राप्य तकनीकी आकांक्षाओं को उजागर करने में हालिया रिपोर्टों की एक श्रृंखला में शामिल होता है, जिसमें जीवाश्म ईंधन और ऊर्जा, विमानन, प्रौद्योगिकी, खुदरा, वित्त और कृषि उद्योग सहित कई प्रमुख प्रदूषणकारी उद्योगों की योजनाओं का विश्लेषण किया जाता है। इसमें उन कुछ रणनीतियों पर गहराई से नज़र डालना भी शामिल है जिन्हें इन उद्योगों ने यह सुनिश्चित करने के लिए तैनात किया है कि उनका "नेट ज़ीरो" एजेंडा जलवायु संकट की वैश्विक प्रतिक्रिया का प्राथमिक सिद्धांत बन जाए। रिपोर्ट में हाइलाइट किए गए कुछ प्रमुख निष्कर्षों में शामिल हैं: रणनीति: · विमानन और जीवाश्म ईंधन उद्योगों सहित बड़े प्रदूषकों ने अमेरिका में टैक्स क्रेडिट के पारित होने को सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए बड़े पैमाने पर लॉबी (पैरवी) की, जिसे 45Q कहा जाता है, जो कार्बन कैप्चर और स्टोरेज को सब्सिडी देता है। योग्य होने के लिए जगह में सही सिस्टम नहीं होने के बावजूद, उन्हीं निगमों ने क्रेडिट से शायद लाखों में कमाई करी है। · इंटरनेशनल एमिशन ट्रेडिंग एसोसिएशन, शायद बाजार और ऑफसेट पर सबसे बड़ा वैश्विक लॉबिइस्ट (दोनों प्रदूषकों की ""नेट ज़ीरो" जलवायु योजनाओं" के स्तंभ") ने अपने एजेंडे को दूसरों से आगे बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय जलवायु वार्ता में अपनी बड़ी आकृति के बल का इस्तेमाल किया है। · निगमों ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट फॉर टेक्नोलॉजी, प्रिंसटन यूनिवर्सिटी, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी और इंपीरियल कॉलेज लंदन सहित प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्थानों में बहुत भारी वित्तीय योगदान किया है ताकि इन संस्थानों द्वारा किए जाने वाले "नेट ज़ीरो" संबंधित शोध के प्रकार को आकार दिया जा सके और प्रभावित किया जा सके। · एक उदाहरण में, एक्सॉन मोबिल ने अनुसंधान पूरा होने से पहले औपचारिक रूप से समीक्षा करने का अधिकार ख़ुद के पास बरक़रार रखा और कुछ मामलों में स्टैनफोर्ड के ग्लोबल क्लाइमेट एंड एनर्जी प्रोजेक्ट में परियोजना विकास टीमों में अपने स्वयं के कर्मचारियों को लगा दिया । योजनाएं: · 2030 तक, अकेले शेल ही हर साल अपने उत्सर्जन की भरपाई के लिए 2019 में संपूर्ण वैश्विक स्वैच्छिक कार्बन ऑफसेट बाजार क्षमता में उपलब्ध से ज़्यादा अधिक ऑफसेट खरीदने की योजना बना रहा है। · वॉलमार्ट की जलवायु योजना पूरी तरह से अनपे मूल्य श्रृंखला उत्सर्जन की उपेक्षा करती है, जो निगम के कार्बन पदचिह्न के अनुमानित 95 प्रतिशत के लिए ज़िम्मेदार है। · एनी आने वाले वर्षों में अपने तेल और गैस उत्पादन को बढ़ाने की योजना बना रहा है, एक ऐसा कारनामा जिसे निगम ने वनीकरण योजनाओं के माध्यम से ऑफसेट करने का प्रस्ताव किया है जिन्हें नकली जंगलों के रूप में वर्णित किया गया है। · दुनिया के सबसे बड़े परिसंपत्ति प्रबंधक, ब्लैकरॉक, ने 2050 तक अपने पोर्टफोलियो में "नेट ज़ीरो" उत्सर्जन तक पहुंचने का वादा किया है। लेकिन 2020 में अपने अधिकांश जीवाश्म ईंधन शेयरों को "निकट भविष्य में" बेचने की प्रतिज्ञा के बावजूद, यह अभी भी अपनी नीति में लूपहोल (प्रतिज्ञा से निकलने का छुपा रास्ता) के कारण US$ 85 बिलियन (अरबों) की कोयला संपत्ति का मालिक है। · 2035 तक अपनी आपूर्ति श्रृंखला में वनों की कटाई को समाप्त करने के लिए जेबीएस की प्रतिबद्धता का अर्थ है कि यह अपनी आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े वनों की कटाई को तुरंत समाप्त करने—जेबीएस के लिए अपने उत्सर्जन को कम करने के यकीनन सबसे प्रभावी और सबसे तेज़ तरीकों में से एक—के बजाय अगले 14 वर्षों (2035 तक) के लिए वनों की कटाई में योगदान जारी रखेगा। क्लाइमेट जस्टिस एंड एनर्जी प्रोग्राम को-ऑर्डिनेटर, फ्रेंड्स ऑफ़ द अर्त इंटरनेशनल, सारा शौ, कहती हैं, "इस रिपोर्ट से पता चलता है कि बड़े प्रदूषकों की 'नेट ज़ीरो' योजनाएँ एक बड़े धोखा से ज्यादा कुछ नहीं हैं। सच्चाई यह है कि शेल जैसी कम्पनियों को जीवाश्म ईंधन से अपने उत्सर्जन को कम करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। इसके बजाय वे वृक्षारोपण और ऑफसेटिंग योजनाओं की बातें कर अपनी छवि सुधारने में लगे हैं। हमें इस तथ्य के प्रति तेज़ी से जागरूकता होनी चाहिए कि हम छल-कपट में फस रहे हैं। कार्रवाई की कमी को अस्पष्ट करने वाला नेट ज़ीरो का वादा हमें जोखिम में डाल रहा है।"आगे, रेचल रोज़ जैक्सन, निदेशक, जलवायु नीति और अनुसंधान, कॉर्पोरेट एकाउंटेबिलिटी, कहती हैं, "ये बड़े खिलाड़ी जालसाज़ तामीरें बनाते हैं ताकि यह सुनिश्चित कर सकें कि दुनिया अपनी उम्मीदों को उन योजनाओं पर टिकाएगी जो कि असल में सिर्फ धोखे से ज्यादा कुछ नहीं। यदि हम तुरंत सही रास्ते पर नहीं आते हैं, तो दुनिया तेज़ी से जलवायु विनाश का रुख कर लेगी।" दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
पति की लंबी आयु के लिए वट वृक्ष पूजा की गयी Posted: 10 Jun 2021 03:38 AM PDT पति की लंबी आयु के लिए वट वृक्ष पूजा की गयीशेखपुरा: सुहागिन महिलाओं ने वट सावित्री के पावन मौके पर बृहस्पतिवार को विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना कर ईश्वर से पति की दीर्घायु होने की मंगल कामनाएं की। इस तरह के धार्मिक गतिविधि से क्षेत्र का माहौल भक्तिमय बना रहा। इस दौरान सुबह से ही विवाहित महिलाओं ने एक थाली में गुड़, भीगे हुए चने, मिठाई, कुमकुम, रोली, मोली, विभिन्न प्रकार के फल, पान का पत्ता, धुप, घी का दीया, जल, हाथ पंखा आदि लेकर बरगद पेड़ के नीचे पहुंचकर पेड़ की जड़ में जल, फूल, चन्दन, प्रसाद, धुप, दीपक चढ़ाकर एवं सच्चे मन से पूजा के बाद पंखे से वट वृक्ष को हवा कर सावित्री मां से पति के लिए दीर्घायु व स्वस्थ्य रखने की आशीर्वाद लिया। साथ ही बरगद के पेड़ के चारों ओर कच्चे धागे से या मोली से सात फेरे लगाकर प्रार्थना की एवं पति को परमेश्वर मान कर आशीर्वाद प्राप्त की। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में पूजा को लेकर महिलाएं काफी उत्साहित थी। इस अवसर पर महिलाओं को पंडित ने वट सावित्री पूजा के बारे में विस्तृत रूप से बताया तथा कथा सुनाई। सुहागिन महिलाओं ने सावित्री कथा का किया श्रवण पानशेखोपुरसराय प्रखंड के सभी गांवों की महिलाओं ने अपने पति के दीर्घायु होने के कामना करते हुए सोलह श्रृंगार कर वट वृक्ष की पूजा को किया। इस बाबत नीमी देवी स्थान के पुजारी संतोष पाण्डेय ने बताया की इस पर्व को खासकर सुहागिन महिलाएं अपने पति के दीर्घायु के लिए रखती है। इस पर्व को ज्येष्ठ महीने के अमावस्या तिथि को सोलाह श्रृंगार से सुसज्जित होकर महिलाएं विधिवत वट सावित्री की पूजा अर्चना कर कथा श्रवण करती है। उन्होंने बताया के इस पर्व को पतिव्रता स्त्री सावित्री ने सर्वप्रथम कर अपने पति सत्यवान को पुनर्जीवित कर लिया था। सावित्री ने अपने मृत पति के जीवित करने के लिए यमराज से याचना की थी यमराज ने सावित्री को तीन वचनों को देकर उनके सद्बुद्धि का इस्तेमाल कर उनके पति को पुनर्जीवित कर दिया था। आज भी भारतीय संस्कृति का यह पावन पर्व भारतीय महिलाओं के द्वारा हर्षोल्लास के साथ किया जाता है। दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
13 जून 2021 को महाराणा प्रताप की जयंती देश के अनेक हिस्सों में मनाने का निर्णय लिया है Posted: 10 Jun 2021 03:25 AM PDT 13 जून 2021 को महाराणा प्रताप की जयंती देश के अनेक हिस्सों में मनाने का निर्णय लिया हैदेश व समाज को समर्पित अखिल भारतीय सामाजिक संगठन भारतीय जन महासभा ने जयेष्ठ शुक्ल तृतीया तदनुसार 13 जून 2021 को महाराणा प्रताप की जयंती देश के अनेक हिस्सों में मनाने का निर्णय लिया है । यह जानकारी देते हुए भारतीय जन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने बताया कि देश भर के अनेक स्थानों पर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है । इन सभी स्थानों पर भारत के वीर योद्धा महाराणा प्रताप की जयंती बड़े ही धूमधाम के साथ मनाई जाएगी । पोद्दार ने उन स्थानों के नाम बताएं जिसके अनुसार जमशेदपुर जिला पूर्वी सिंहभूम (झारखंड) , रामनगर जिला नैनीताल (उत्तराखंड) , आदित्यपुर जिला सरायकेला-खरसावां (झारखंड) , बेंगलुरू (कर्नाटक) , मानगो जमशेदपुर जिला पूर्वी सिंहभूम (झारखंड) , नागपुर (महाराष्ट्र) , सिंगापुर (विदेश) , प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) , भागलपुर (बिहार) , गुरुग्राम (हरियाणा) , कोलकाता (प० बंगाल) आदि के नाम मुख्य रूप से सम्मिलित है । श्री पोद्दार ने कहा कि भारत के 28 राज्यों में से अभी तक 9 राज्यों में महाराणा प्रताप की जयंती ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया तदनुसार 13 जून 2021 (रविवार) को मनाए जाने की प्रामाणिक जानकारी प्राप्त हुई है । कहा कि उन सभी स्थानों के लोगों ने अपने अपने यहां की गयी तैयारियों के बारे में बताते हुए महाराणा प्रताप की फोटो भेजी है । इस प्रकार यह सिद्ध हो जाता है कि लोग निश्चित रूप से आगामी ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया को महाराणा प्रताप की जयंती मनाएंगे । कहा कि जिन-जिन स्थानों पर जयंती मनाई जाएगी , वहां लोगों को महाराणा प्रताप के बारे में बताया जाएगा और यह भी बताया जाएगा कि इस देश में सही रूप से देखा जाए तो महाराणा प्रताप ही महान थे । विदित हो कि महाराणा प्रताप के वंशज पिछले 400 वर्षों से महाराणा प्रताप की जयंती ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया को ही मनाते आये है और यह क्रम अभी भी चल रहा है और आगे भी चलेगा । दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
You are subscribed to email updates from दिव्य रश्मि समाचार (Divya Rashmi "News For Every One"). To stop receiving these emails, you may unsubscribe now. | Email delivery powered by Google |
Google, 1600 Amphitheatre Parkway, Mountain View, CA 94043, United States |