प्राइमरी का मास्टर ● इन |
- यूपी बोर्ड : 10वीं और 12वीं के प्राइवेट छात्रों को इस बार ऑनलाइन भरना होगा फार्म, सामूहिक नकल वाले स्कूलों को नहीं बनाया जाएगा केंद्र
- नई राह पर यूपी बोर्ड, अध्ययन-अध्यापन का तरीका बदलने की तैयारी
- राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय में 20 तक ले सकेंगे दाखिला
- मांग : अंतर्जनपदीय तबादले में खत्म किया में जाए आकांक्षी जनपद का 'भेदभाव'
- संस्कृत विद्यालयों की तर्ज पर महाविद्यालयों में भी अब संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति करने की तैयारी
- प्राथमिक शिक्षक भर्ती की मांग कर रहे अभ्यर्थियों की पुलिस से झड़प
- प्रयागराज : ARP चयन के सम्बन्ध में विज्ञप्ति जारी
- आंगनबाड़ी कार्यकत्री भर्ती मामले में आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) अभ्यर्थियों को 10 प्रतिशत आरक्षण न देने पर राज्य सरकार से जवाब तलब
- 2014 के बाद नियुक्त परिषदीय शिक्षकों की 87₹ बीमा कटौती के सम्बन्ध में लेखाधिकारी एटा ने वित्त नियंत्रक से मांगा मार्गदर्शन
Posted: 01 Sep 2021 09:48 PM PDT UP BOARD : यूपी बोर्ड के व्यक्तिगत परीक्षार्थियों का होगा ऑनलाइन पंजीकरण यूपी बोर्ड : 10वीं और 12वीं के प्राइवेट छात्रों को इस बार ऑनलाइन भरना होगा फार्म, सामूहिक नकल वाले स्कूलों को नहीं बनाया जाएगा केंद्र यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा में व्यक्तिगत परीक्षार्थियों का पंजीकरण ऑनलाइन होगा। केवल राजकीय विद्यालयों को ही अग्रसारण केंद्र बनाया जाएगा। एक केंद्र से हाईस्कूल के 600 और इंटरमीडिएट के 400 कुल 1000 की अधिकतम सीमा तक ही पंजीकरण/अग्रसारण किया जाएगा। व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के पंजीकरण/अग्रसारण नीति जारी कर दी गई है। पंजीकरण कराने के लिए आवेदन पत्र का ऑनलाइन प्रारूप यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध है। जिन सरकारी विद्यालयों में पिछले वर्षों की परीक्षाओं में सामूहिक नकल होने या अन्य अनियमितताओं की शिकायत रही हो या परिषद द्वारा पंजीकरण केंद्र बनाए जाने से वंचित किया गया हो उन्हें अग्रसारण केंद्र नहीं बनाया जाएगा। जिला मुख्यालय पर लड़के-लड़कियों के लिए अलग-अलग पंजीकरण केंद्र बनाए जाएंगे। हर पंजीकरण /अग्रसारण केंद्र से निर्धारित सीमा तक व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के आवेदन पत्र ऑनलाइन अग्रसारित किए जाएंगे यदि कहीं से निर्धारित संख्या से अधिक आवेदन पत्र आएंगे तो उनके विरुद्ध प्रशासनिक व विधिक कार्रवाई की जाएगी। कोई भी परीक्षार्थी सीधे बोर्ड को अपना आवेदन पत्र नहीं दे सकता है। प्रदेश के बाहर के विद्यार्थी विदेशी नागरिकों और अन्य राज्यों से आए हुए परीक्षाथियों के पंजीकरण की व्यवस्था केवल जिला मुख्यालय स्थित राजकीय विद्यालयों में ही होगी। ऐसे लोगों को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति तभी दी जाएगी जब वह प्रदेश में 2 वर्ष निवास करने का प्रमाण पत्र आवेदन पत्र के साथ देंगे। यह नियम फेल परीक्षार्थियों या कश्मीरी विस्थापितों पर लागू नहीं होगा। |
नई राह पर यूपी बोर्ड, अध्ययन-अध्यापन का तरीका बदलने की तैयारी Posted: 01 Sep 2021 06:31 PM PDT नई राह पर यूपी बोर्ड, अध्ययन-अध्यापन का तरीका बदलने की तैयारी कोविड-19 के दौर ने बहुत क्षति पहुंचाई तो नए ढंग से कामकाज करने और पढ़ाई के तौर तरीके भी बदलने का काम किया। इससे यूपी बोर्ड भी अछूता नहीं रहा। सबक लेते हुए यूपी बोर्ड अध्ययन-अध्यापन का तरीका बदल रहा है। इसके लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम (विषय) समिति की कार्यशाला आयोजित कर शोध विशेषज्ञों को पाठ्यक्रम तीन हिस्सों में तैयार करने के सुझाव दिए। पाठ्यक्रम विभाजन इस तरह हो कि विद्यार्थी स्कूल में तो पढ़ें ही, घर पर भी खुद पढ़कर समझ सकेंऔर प्रोजेक्ट के माध्यम से भी अध्ययन कर जीवन कौशल भी सीखें। पाठ्यक्रम को इसी तीन स्तर पर विभाजित कर 32 सप्ताह में पूरा कराया जाएगा। यूपी बोर्ड सभागार में बुधवार को पाठ्यक्रम समिति के शोध विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने कहा कि कोरोना संक्रमण ने पढ़ाई के तरीके बदलने को विवश किया है। ऐसे में कोर्स को इस तरह तीन हिस्सों में विभाजित करके पढ़ाया जाना है कि शिक्षण कार्य किसी भी स्थिति में बाधित न हो। इसके लिए तय करना है कि पाठ्यक्रम को कम करने के बाद किस तरह तीन हिस्सों में विभाजित किया जाए। कोरोना संक्रमण काल में प्रयोगों का स्मरण कराया और कहा कि उसी पैटर्न पर यूपी बोर्ड को अब आगे बढ़ना है। बोर्ड मुख्यालय के उप सचिव सुधीर कुमार ने कहा कि पाठ्यक्रम में पहला हिस्सा वह होगा, जिसे विद्यालयों में अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाएगा। दूसरे हिस्से में कोर्स ऐसा होगा कि विद्यार्थी घर पर पढ़कर समझ सकें, उसके लिए क्लास की आवश्यकता नहीं होगी। तीसरा हिस्सा आनलाइन पढ़ाई के इर्दगिर्द होगा, जिसमें विद्यार्थी प्रोजेक्ट, वीडियो व एप के माध्यम से पढ़ाई कर सकेंगे। सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की मंशा है कि पढ़ाई में व्यावसायिक पहलू प्रमुखता से हो, ताकि विद्यार्थी जीवन कौशल भी जानें। अपर सचिव (शोध) यूपी बोर्ड अशोक गुप्ता ने भी पाठ्यक्रम को लेकर जरूरी सुझाव दिए। पाठ्यक्रम निर्धारण को माध्यमिक शिक्षा परिषद के सभापति की मंजूरी मिलने के बाद लागू कर दिया जाएगा। |
राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय में 20 तक ले सकेंगे दाखिला Posted: 01 Sep 2021 06:26 PM PDT राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय में 20 तक ले सकेंगे दाखिला प्रयागराज : राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय में जुलाई 2021-22 में प्रवेश के लिए 20 सितंबर तक आवेदन कर सकेंगे। प्रवेश प्रभारी डा. ज्ञान प्रकाश यादव ने बताया कि प्रयागराज, लखनऊ, बरेली, आगरा, मेरठ, कानपुर, झांसी, नोएडा, आजमगढ़, गोरखपुर तथा अयोध्या क्षेत्रीय केंद्र से संबंधित सभी अध्ययन केंद्रों के समन्वयकों को इस संबंध में दिशा-निर्देश भेज दिए गए हैं। वेबसाइट के जरिए आनलाइन प्रवेश शुल्क जमा करना होगा। |
मांग : अंतर्जनपदीय तबादले में खत्म किया में जाए आकांक्षी जनपद का 'भेदभाव' Posted: 01 Sep 2021 06:22 PM PDT मांग : अंतर्जनपदीय तबादले में खत्म किया में जाए आकांक्षी जनपद का 'भेदभाव' सोनभद्र। बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात शिक्षकों को अंतर्जनपदीय तबादले की सौगात दी थी लेकिन उसमें कम ही शिक्षकों का तबादला हो सका था। सरकार ने आश्वासन दिया था कि विधानसभा चुनाव के पूर्व एक बार फिर शिक्षकों को अंतर्जनपदीय तबादला का तोहफा दिया जाएगा। इससे शिक्षकों में खुशी की लहर थी लेकिन अब जबकि चुनाव करीब आ रहा है और सरकार की ओर से इस बाबत किसी तरह की कोई चर्चा नहीं है तो इसको लेकर शिक्षक शिक्षिकाएं खासे परेशान है। शिक्षकों का कहना है कि यदि सरकार ने अंतर्जनपदीय तबादला नहीं किया तो इसका खामियाजा खामियाजा आगामी विस चुनाव में भुगतना होगा। इस बाबत शिक्षिका रंजना सिंह का कहना है कि सरकार को अंतर्जनपदीय स्थानांतरण में आकांक्षी जनपदों के साथ हुए भेदभाव को समाप्त कर अंतर्जनपदीय स्थानांतरण करना चाहिए। शिक्षिका जेबा अफरोज का कहना है कि आकांक्षी जनपदों से शिक्षकों के स्थानांतरण कभी नहीं होंगे, ऐसा अगर हम लोगों के बैच की ज्वाइनिंग के समय ही बताया गया होता या 68 हजार वालों की तरह शपथ पत्र लिया गया होता स्थानांतरण न चाहने के लिए तो ज्वाइनिंग के पहले इस बारे में विचार करके ही यहां ज्वाइन करते। मधु मिश्रा और निशा मालवीया ने कहा कि सरकार को महिलाओं की समस्या को संज्ञान में लेना चाहिए और अंतर्जनपदीय तबादला करना चाहिए। सुनीता सिंह और डॉली राजपूत ने कहा कि अति पिछड़े जिले के प्रतिबंध को समाप्त कर तबादला किया जाए। बबिता सिंह ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पूर्व सरकार शिक्षकों का अंतर्जनपदीय तबादला करे। |
संस्कृत विद्यालयों की तर्ज पर महाविद्यालयों में भी अब संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति करने की तैयारी Posted: 01 Sep 2021 06:12 PM PDT संस्कृत विद्यालयों की तर्ज पर महाविद्यालयों में भी अब संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति करने की तैयारी वाराणसी : संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में शिक्षकों का टोटा बना हुआ है। इसे देखते हुए शासन संस्कृत विद्यालयों की तर्ज पर महाविद्यालयों में भी अब संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति करने की तैयारी कर रहा है ताकि फौरी तौर पर शिक्षकों की कमी पूरी की जा सके। वहीं स्थायी अध्यापकों की नियुक्ति के लिए परामर्श किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह जानकारी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी को दी। वह मुख्यमंत्री से मिलने बुधवार को लखनऊ में गए थे। सीएम आवास में हुई मुलाकात के दौरान कुलपति ने महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति, छात्रवृत्ति की राशि, पांडुलिपियों के संरक्षण के लिए अलग से बजट देने, वेतन के मद में 35 करोड़ रुपये अनुदान करने सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने बताया कि छात्रवृत्ति की राशि बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वहीं वेतन मद में अनुदान बढ़ाने के लिए उन्होंने वित्त अधिकारी से विस्तृत प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया है। साथ ही विश्वविद्यालय को भ्रष्टाचारमुक्त व पारदर्शी व्यवस्था अपनाने का भी सुझाव दिया है। खास तौर पर परीक्षा, संबद्धता, प्रमाणपत्रों के सत्यापन व्यवस्था को और पारदर्शी बनाने के लिए डिजिटल करने का निर्देश दिया है। कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय को डिजिटल बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। शास्त्री-आचार्य की परीक्षाएं हो चुकी है। छात्रों की कापियों का मूल्यांकन भी हो चुका है। रिजल्ट जल्द जारी करने की तैयारी चल रही है। संबद्ध कालेजों की कापियों का मूल्यांकन दो सितंबर से शुरू होने का जा रहा है। ● 'सीएम से मिले संस्कृत विवि कुलपति, की विभिन्न मुद्दों पर वार्ता ● 'स्थायी नियुक्ति के लिए विधि विशेषज्ञों से जा रहा किया परामर्श |
प्राथमिक शिक्षक भर्ती की मांग कर रहे अभ्यर्थियों की पुलिस से झड़प Posted: 01 Sep 2021 06:17 PM PDT प्राथमिक शिक्षक भर्ती की मांग कर रहे अभ्यर्थियों की पुलिस से झड़प यूपी में नई शिक्षक भर्ती की मांग की लेकर गरजे बेरोजगार, पुलिस ने उठाया प्रयागराज: नई शिक्षक भर्ती की मांग कर रहे प्रशिक्षु बेरोजगार युवाओं ने बुधवार को परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पर हुंकार भरी। पुलिस से नोकझोंक के बीच कहा कि डीएलएड प्रशिक्षु, शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास बीएड अभ्यर्थी बेरोजगार हैं और सरकार नई भर्ती नहीं निकाल रही है। अभ्यर्थी परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव से मिलने की मांग कर रहे थे। उनके न मिलने पर डीएम को ज्ञापन देने कलेक्ट्रेट की ओर पैदल रवाना हुए तो पुलिस ने बैंक रोड से हिरासत में ले दिया। पुलिस लाइन ले जाकर मुचलके पर छोड़ा गया। डीएलएड प्रशिक्षु विनोद पटेल ने बताया कि दो वर्ष से प्राथमिक शिक्षक भर्ती जारी नहीं की। आरटीआइ की सूचना के अनुसार 1.70 लाख पद खाली हैं। रजत सिंह, रामानुज दुबे, पंकज मिश्र, प्रियंका, प्रिया सिंह आदि का कहना था कि प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर स्वीकार किया था कि 51,112 पद अभी रिक्त हैं। विनोद पटेल एवं रजत सिंह ने बताया कि गुरुवार को सचिव से वार्ता को बुलाया गया है। प्रयागराज : प्रदेश सरकार से नई शिक्षक भर्ती निकाले जाने की मांग कर रहे डीएलएड, बीटीसी प्रशिक्षुओं की बुधवार को पुलिस से तीखी झड़प हुई। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से कलक्ट्रेट जा रहे प्रशिक्षु अभ्यर्थियों को पुलिस ने रोक ना चाहा तो धक्कामुक्की शुरू हो गई। अभ्यर्थी रुकने को तैयार नहीं थे। इस पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर 35 अभ्यर्थियों को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन भेज दिया। देर शाम उन्हें निजी मुचलके पर छोड़ा गया। डीएलएड, बीटीसी प्रशिक्षु काफी समय से शिक्षक भर्ती का विज्ञापन निकाले जाने की मांग कर रहे हैं। वे बेसिक शिक्षा निदेशालय, शिक्षा मंत्री आवास, एससीईआरटी लखनऊ में प्रदर्शन कर चुके हैं। सुनवाई न होने पर बुधवार को बड़ी संख्या में प्रशिक्षु अभ्यर्थी परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पर जुटे। कुछ देर तक प्रदर्शन के बाद अभ्यर्थी पैदल मार्च करते हुए कलक्ट्रेट के लिए चल दिए। तत्काल इसकी सूचना पुलिस अफसरों को दी गई। अभ्यर्थियों को भीड़ बैंक रोड चौराहे पर पहुंची तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया। पुलिस अफसरों ने अभ्यर्थियों से वहीं ज्ञापन देने के लिए कहा लेकिन अभ्यर्थी तैयार नहीं हुए। इस पर उनकी पुलिस से तीखी नोकझोंक शुरू हो गई। धक्कामुक्की के चलते अफरातफरी मच गई। इस पर पुलिस ने लाठी फटक कर 35 अभ्यर्थियों को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन भेज दिया। अभ्यर्थियों का आरोप है कि उनके कई साथी पुलिस कार्रवाई में जख्मी भी हुए हैं। प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे विनोद ने बताया कि प्रदेश में एक लाख 70 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं। डीएलएड प्रशिक्षु सरकार से अपना वादा पूरा करने और बेसिक शिक्षा में शिक्षकों की नई भर्ती का विज्ञापन जारी करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि हर साल बड़ी संख्या में शिक्षक रिटायर हो रहे हैं। इसके बाद भी सरकार प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन नहीं निकाल रही है। धरने में मुख्य रूप से विनोद पटेल, शिवम सिंह राणा, रजत सिंह ,पंकज मिश्रा, बंटी पांडे महेंद्र कुमार ,निशा दास, प्रियंका, प्रिया सिंह आदि मौजूद रहे। |
प्रयागराज : ARP चयन के सम्बन्ध में विज्ञप्ति जारी Posted: 01 Sep 2021 06:01 PM PDT |
Posted: 01 Sep 2021 05:57 PM PDT आंगनबाड़ी कार्यकत्री भर्ती मामले में आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) अभ्यर्थियों को 10 प्रतिशत आरक्षण न देने पर राज्य सरकार से जवाब तलब लखनऊ:- इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के भर्ती मामले में आर्थिक रूप से कमजोर ( ईडब्ल्यूएस) अभ्यर्थियों को 10 प्रतिशत आरक्षण न देने के मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने सरकार को जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है। इसके बाद हफ्ते भर में याचियों की तरफ से प्रतिउत्तर दाखिल किया जा सकेगा। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने यह आदेश गोदावरी सिंह व एक अन्य अभ्यर्थी की याचिका पर दिया। याचियों के अधिवक्ता बृजेश कुमार तिवारी का कहना था कि भर्ती संबंधी ऑनलाइन विज्ञापन में ऊर्ध्वाधर आरक्षण सिर्फ एससी/एसटी/ओबीसी को दिया गया है। जबकि 103वें संविधान संशोधन के तहत आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थियों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना अनिवार्य है। पिछले दिनों बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की भर्ती में सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत पद आरक्षित किए बगैर विज्ञापन जारी किया गया। जबकि इसको लेकर कई जिलों के जिलाधिकारियों ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण की व्यवस्था लागू किए जाने या न किए जाने के संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश मांगे थे। इसी बीच अर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों ने यह याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने बगैर ईडब्ल्यूएस का आरक्षण निर्धारित कि ए विज्ञापन निकलने के कारण भर्ती और शासनादेश को रदद् करने का आग्रह किया है। साथ ही भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार ही चयन समिति गठित करने की गुजारिश भी किया है। इस मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी . |
Posted: 01 Sep 2021 09:15 AM PDT |
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