प्राइमरी का मास्टर ● इन |
- प्रयागराज में होगी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की स्थापना, विधानसभा में पास हुआ विधेयक
- हरदोई : रसोइयों ने मांगा लॉकडाउन का बकाया मानदेय
- बेसिक शिक्षक अब लेसन प्लान का करेंगे प्रयोग, रजिस्टरों का बोझ भी होगा पहले से कम
- यूपी बोर्ड : कक्षा 10 व 12 के बच्चे पहली बार देंगे प्री बोर्ड एग्जाम, पाठ्यक्रम भी 30% घटा
- लखनऊ : संसाधनों के अभाव में भी वर्कशीट पर बच्चे गढ़ रहें भविष्य, जानिए कैसे?
- 11 सूत्रीय मांगों को लेकर चार व पांच सितम्बर को उपवास पर रहेंगे शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक संघ ने किया ऐलान
- महराजगंज : राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा विकसित आधारशिला, ध्यानाकर्षण एवं शिक्षण संग्रह हस्तपुस्तिकाओं के वितरण सम्बन्धी बीएसए का दिशानिर्देश जारी
- महराजगंज : 30-30 STEM नामक आनलाइन साप्ताहिक कार्यक्रम प्रारम्भ किये जाने के सम्बन्ध में बीएसए का निर्देश जारी, आदेश देखें
- महराजगंज : टाइम एण्ड मोशन स्टडी के शैक्षणिक कार्य सम्बन्धी दिशानिर्देशों के अक्षरशः अनुपालन के सम्बन्ध में बीएसए ने जारी किया आदेश
प्रयागराज में होगी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की स्थापना, विधानसभा में पास हुआ विधेयक Posted: 22 Aug 2020 06:59 PM PDT प्रयागराज में होगी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की स्थापना, विधानसभा में पास हुआ विधेयक उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन 'उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय प्रयागराज विधेयक--2020' को मंजूरी मिल गई। इससे प्रदेश में दूसरे राज्य विधि विश्वविद्यालय की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है। बता दें कि विश्वविद्यालय के भवन निर्माण के लिए प्रदेश सरकार चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में 10 करोड़ रुपये का प्रावधान पहले ही कर चुकी है। सरकार की ओर से प्रयागराज के झलवा क्षेत्र में 25 एकड़ जमीन पर विधि विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। लखनऊ के राममनोहर लोहिया विधि विवि जो 40 एकड़ में बना है, उसके बाद यह विवि सबसे बड़े परिसर में होगा। इस विवि की स्थापना नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी बंगलुरु के तर्ज पर की जाएगी। विधि विवि खोलने से छात्रों के लिए अवसर बढ़ेंगे विधि विवि खोले जाने से प्रयागराज एवं उसके आसपास के छात्रों के लिए कानून की पढ़ाई के रास्ते खुलेंगे। इसमें डिप्लोमा और डिग्री पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके साथ न्यायिक व अन्य विधि सेवाएं, विधि निर्माण, विधि सुधार के क्षेत्र में छात्रों को शोध की सुविधा होगी। व्यावसायिक शिक्षा और न्यायिक पदाधिकारियों व अन्य व्यक्तियों को विधि क्षेत्र में प्रशिक्षण देने की व्यवस्था भी होगी। कानून के जानकार होंगे पदाधिकारी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इस विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष होंगे, जबकि इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विश्वविद्यालय के कुलाधिपति होंगे। कुलाधिपति ही विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति करेंगे। विश्वविद्यालय में महापरिषद, कार्य परिषद, शैक्षिक परिषद और वित्तीय समिति का गठन होगा। महापरिषद को विश्वविद्यालय के बारे में फैसला लेने का सर्वोच्च अधिकार होगा। |
हरदोई : रसोइयों ने मांगा लॉकडाउन का बकाया मानदेय Posted: 22 Aug 2020 06:10 PM PDT हरदोई : रसोइयों ने मांगा लॉकडाउन का बकाया मानदेय हरदोई। रसोइया जन कल्याण समिति के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को बीएसए हेमंत राव को शिक्षा निदेशक के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा। पदाधिकारियों ने लॉकडाउन के दौरान क्वारंटीन सेंटरों में काम करने वाले रसोइयों के बकाया मानदेय का भुगतान करने की मांग की। सौंपे गए ज्ञापन में जिलाध्यक्ष रामकुमार गौतम ने कहा कि रसोइयों ने कठिन समय में भी क्वारंटीन सेंटरों में दो माह का तक अपना काम ईमानदारी से किया, लेकिन अब तक का करने वाले रसोइयों को उस अवधि का मानदेय नहीं मिला है। कहा कि मानदेय न मिलने के कारण वे आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। कोरोना काल में लोगों को परेशानी न हो इसके लिए रसोइयों ने क्वारंटीन सेंटर पर बिना किसी संपत्ति के दिन रात काम किया है। बावजूद इसके उनके बकाया रुपये अभी तक नहीं दिए गए। इससे परेशान होकर पदाधिकारियों ने जल्द से जल्द बकाया मानदेय का भुगतान करने की मांग की। इस मौके पर रामश्री, कमला, रेशमा, सुनीता, श्यामा व सुशीला आदि मौजूद रहीं। |
बेसिक शिक्षक अब लेसन प्लान का करेंगे प्रयोग, रजिस्टरों का बोझ भी होगा पहले से कम Posted: 22 Aug 2020 06:06 PM PDT बेसिक शिक्षक अब लेसन प्लान का करेंगे प्रयोग, रजिस्टरों का बोझ भी होगा पहले से कम फतेहपुर |परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को शिक्षा के लिए अधिक समय निकालने के लिए अब शिक्षकों के ऊपर से रजिस्टरों के रख रखाव का बोझ कम किया जा रहा है। उन्हें अब 40 की बजाए महज 14 रजिस्टर रखने होंगे। यह कदम विद्यालयों में शिक्षकों द्वारा शिक्षण में बच्चों को अधिक समय देने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह की ओर से सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि अब तक विद्यालयों में 40 से अधिक रजिस्टर व्यवहार में लाए जा रहे थे। अब इनकी संख्या घटाकरमात्र 14 की जा रही है। इनमें शिक्षक डायरी, उपस्थिति पंजिका, प्रवेश पंजिका, कक्षावार छात्र उपस्थिति पंजिका, एमडीएम पंजिका, समेकित निःशुल्क सामग्री वितरण पंजिका, स्टाक पंजिका , आय व्यय पंजिका, चेक इश्यू पंजिका ( बजट पर ), बैठक पजिका, निरीक्षण पंजिका, पत्र व्यवहार पंजिका, बाल गणना पंजिका, पुस्तकालय एवं खेलकूद पंजिका शामिल हैं। सभी तरह के रजिस्टर के प्रारूप राज्य परियोजना कार्यालय की ओर से उपलब्ध कराए जाएंगे। अब तक प्रयोग हो रहे सभी रजिस्टरों को अभिलेख के रूप में संरक्षित किया जाएगा। इसके अलावा प्रवेश पंजिका का विवरण, एमडीएम पंजिका, निरीक्षणपंजिकाके ऑनलाइन विकल्प प्रेरणापोर्टल पर उपलब्ध रहेंगे। जिससे समय-समय पर आवश्यकता के अनुसार अपडेट भी किया जाएगा। प्रेरणा पोर्टल के विभिन्न मड्यूल में इन पंजिकाओं में अंकित विवरण भी प्रमाणित माने जाएंगे। आनलाइन प्राप्त विवरण और रजिस्टर में दर्ज जानकारी में अंतरहोने की स्थिति में प्रधानाध्यापक और खंड शिक्षा अधिकारी को जिम्मेदार माना जाएगा। लेसन प्लान का शिक्षक करेंगे प्रयोग विभाग की मानें तो नए निर्देशों के अनुसार छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के प्रति आकर्षित करने के लिए पोस्टर व चार्ट का प्रयोग किया जाएगा। गणित जैसे विषयों को आसानी से समझाने व रोचक बनाने के लिए भी टीचिंग लर्निंग मैटीरियल किट प्रयोग में लाई जाएगी। मौखिक भाषा विकास और गतिविधि आधारित पठन-पाठन पर जोर दिया जाएगा, इसके लिए उपलब्ध कराए गए लेसन प्लान का प्रयोग भी शिक्षकों को अनिवार्य रूप से करना होगा। जिससे शैक्षिण गुणवत्ता बेहतर होगी। |
यूपी बोर्ड : कक्षा 10 व 12 के बच्चे पहली बार देंगे प्री बोर्ड एग्जाम, पाठ्यक्रम भी 30% घटा Posted: 22 Aug 2020 05:21 PM PDT यूपी बोर्ड : कक्षा 10 व 12 के बच्चे पहली बार देंगे प्री बोर्ड एग्जाम, पाठ्यक्रम भी 30% घटा। UP Board: 2021 की बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित होने की तैयारी कर रहे 50 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को अनिवार्य रूप से प्री बोर्ड एग्जाम भी देना होगा। कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे बच्चों की तैयारियों परखने के उद्देश्य से सचिव ने शैक्षणिक पंचांग में फरवरी के तीसरे या चौथे सप्ताह में प्री बोर्ड परीक्षा कराने के निर्देश दिए हैं। सचिव दिव्यकान्त शुक्ल ने शनिवार को मीडिया को बताया कि विभिन्न कक्षाओं में आनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से शिक्षण कार्य 31 जनवरी 2021 तक पूर्ण किया जाएगा। उसके बाद प्री बोर्ड परीक्षा (यह कान्सेप्ट प्रथम बार प्रयोग किया जा रहा है) आयोजन फरवरी 2021 के तृतीय एवं चतुर्थ सप्ताह में किया जाएगा। इससे पहले प्री बोर्ड परीक्षा की अनिवार्यता नहीं थी। कुछ स्कूल अपने स्तर पर बोर्ड परीक्षा से पहले बच्चों की तैयारी परखने के लिए परीक्षा कराते थे और उसके आधार पर आवश्यकता पड़ने पर एक्स्ट्रा क्लासेस चलाकर बच्चों की मुकम्मल तैयारी करवाते थे। लेकिन इस बार शैक्षणिक पंचांग में शामिल होने के बाद सभी स्कूलों को प्री बोर्ड परीक्षा कराना पड़ेगा। ये परीक्षा ऑनलाइन होगी या ऑफलाइन ये तो कोरोना महामारी से पैदा होने वाले हालात पर निर्भर करेगा। कब क्या हुआ? 20 जुलाई को 9 से 12 तक के पाठ्यक्रम को लगभग 30 प्रतिशत संक्षिप्त करते हुए बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड किया गया। 13 अगस्त को शैक्षिक पंचाग एवं शैक्षणिक क्रियाकलाप का माहवार एकेडमिक कैलेन्डर जारी किया गया। 18 अगस्त से विभिन्न कक्षाओं में ऑनलाइन/वर्चुअल स्कूल के माध्यम से शिक्षण कार्य प्रारम्भ। ऑनलाइन शिक्षण की समय सारिणी कक्षा---------------------प्रसारण-----------------प्रसारण समय-------------------पुनः प्रसारण (रिपीट) 9 व 11----------स्वयं प्रभा चैनल-22--------सुबह 11 से 1 बजे तक--------दोपहर बाद 4.30 से 6.30 बजे तक 10 व 12--------दूरदर्शन --------1 से 2 बजे तक,-----------------2.30 से 3, 3.30 से 5, 5.30 से 6.30 बजे तक हर सप्ताह ऑनलाइन पढ़ाई की समीक्षा करेंगे सचिव दिव्यकांत शुक्ल : सचिव यूपी बोर्ड दिव्यकांत शुक्ल हर सप्ताह ऑनलाइन पढ़ाई की समीक्षा करेंगे। वर्चुअल स्कूल एवं ई-ज्ञान गंगा के माध्यम से जनपदों में छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन की साप्ताहिक रिपोर्ट समस्त मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक से प्राप्त करना एवं उसके पर्यवेक्षण आदि का दायित्व भी शिक्षा सचिव को दिया गया है। छात्रों के मूल्यांकन के लिए प्रश्न बैंक तैयार करना, छात्रों का मूल्यांकन करना तथा उनके लिए पाठ्य-पुस्तकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी भी सचिव को दी गई है। 10-12 विद्यालयों पर एक नोडल अफसर करेंगे निगरानी : ऑनलाइन पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए डीआईओएस आरएन विश्वकर्मा ने 10 से 12 स्कूलों पर एक नोडल अफसर की तैनाती की है। जिले के कुल 1057 राजकीय, सहायता प्राप्त एवं वित्तविहीन स्कूलों पर कुल 84 प्रधानाचार्य नोडल अफसर की जिम्मेदारी निभाएंगे। ये प्रधानाचार्य पठन-पाठन की साप्ताहिक समीक्षात्मक रिपोर्ट डीआईओएस को देंगे। |
लखनऊ : संसाधनों के अभाव में भी वर्कशीट पर बच्चे गढ़ रहें भविष्य, जानिए कैसे? Posted: 22 Aug 2020 08:33 AM PDT संसाधनों के अभाव में भी वर्कशीट पर बच्चे गढ़ रहें भविष्य, जानिए कैसे? ऑनलाइन पढ़ाई न कर पा रहे बच्चों को वर्कशीट पर शिक्षक दे रहें होमवर्क। परिषदीय विद्यालयों के बच्चों का भविष्य संवारने की पहल बच्चों के घर तक पहुंचा रहे होमवर्क। लखनऊ : अब एंड्रॉयड मोबाइल न होने पर भी परिषदीय विद्यालयों के बच्चों की पढाई नहीं रुकेगी। बच्चों का भविष्य सुधारने के लिए शिक्षक, शिक्षामित्र, रसोइयां और अनुदेशक खुद बच्चों के घर पर वर्कशीट पहुंचा रहे हैं। इसके अलावा विद्यालय में निःशुल्क पुस्तक लेने के लिए आ रहे अभिभावकों के माध्यम से भी वर्कशीट बच्चों के पास पहुंचाई जा रही है। वर्कशीट पर दिए गए प्रश्नों को हल करके बच्चें उसे स्कूल तक फिर किसी न किसी माध्यम से भेज रहे हैं। शिक्षक वर्कशीट को चेक करके बच्चों की योग्यता का आंकलन करके सूची तैयार कर रहे हैं। इसके बाद हफ्ते में एक दिन बच्चों के घर जाकर अथवा उनके अभिभावकों को विद्यालय बुलाकर उन्हें बच्चों की कमियों से अवगत कराते हैं। उसके बाद अभिभावकों के सहयोग से फिर बच्चों तक वर्कशीट पहुंचा रहे हैं। जिससे कोरोना काल मे भी बच्चों को पढाई बाधित न हो। राजधानी के बीकेटी ब्लॉक से एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) अनुराग सिंह राठौर और उनकी टीम से इसकी शुरुआत कर दी है। यह व्यवस्था इस लिए शुरू की गई है कि परिषदीय विद्यालयों के करीब 90 फीसद बच्चों के घर पर एंड्रॉयड मोबाइल नहीं है। जिसके चलते वह ऑनलाइन क्लास नहीं ले पा रहे हैं। मिशन प्रेरणा के तहत बच्चों को होनी चाहिए यह जानकारी कक्षा एक के बच्चों को गणित विषय में एक से 99 के बीच सभी संख्याओं की जानकारी होनी चाहिए। पांच अलग-अलग संख्याओं में कौन सी बड़ी और कौन सी छोटी है। बच्चों को यह पता होना चाहिए। वहीं, भाषा विषय में निर्धारित सूची में दिए गए 10 शब्दों में से पांच को पढ़ना, पहचानना और समझना बच्चों को आना चाहिए। राजधानी में स्कूल : 1841 शिक्षक : 4865 शिक्षामित्र : 2000 अनुदेशक : 381 विद्यार्थी : पौने दो लाख क्या कहते हैं बीएसए ? बीएसए दिनेश कुमार के मुताबिक, शासन के निर्देश और स्लेबस के अनुसार बच्चों की पढ़ाई कराई जा रही है। इसके साथ ही बच्चों को वर्कशीट पर होमवर्क भी उसी आधार पर दिया जा रहा है। |
Posted: 22 Aug 2020 07:54 AM PDT चार व पांच सितम्बर को उपवास पर रहेंगे शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक संघ ने किया ऐलान। लखनऊ में 11 सूत्री मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के शिक्षक चार व पांच सितंबर को उपवास पर बैठेंगे। लखनऊ : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की शुक्रवार को ओसीआर स्थित कार्यालय पर प्रांतीय स्तर की बैठक हुई। राजबहादुर सिंह चंदेल व प्रांतीय अध्यक्ष चेत नारायण सिंह की अध्यक्षता में हुई में प्रदेश के सभी मंडलों के पदाधिकारी, विधान परिषद चुनाव के प्रत्याशी एवं उपाध्यक्ष जगदीश ब्यास शामिल हुए। बैठक को संबोधित करते हुए प्रांतीय अध्यक्ष चेत नारायण सिंह ने कहा कि लंबे समय से शिक्षकों की मांगों की उपेक्षा की जा रही है। अब शिक्षक समस्याओं को लेकर आर पार की लड़ाई होगी। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के शिक्षक 4 व 5 सितंबर को प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर दो दिवसीय उपवास करने को मजबूर है। इस दौरान राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन को जिला विद्यालय निरीक्षक को सौंपेंगे। मांगे न पूरी होने पर 14 व 15 सितंबर को लखनऊ में राज्य परिषद की बैठक आयोजित की जाएगी। जिसमें पश्चिमांचल के नौ मंडलों के पदाधिकारी 14 सितंबर को व पूर्वांचल के पदाधिकारी भी शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि दो अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर 11 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालयों पर शिक्षक उपवास पर बैठेगे। वहीं 2 से 9 नवम्बर के बीच शिक्षा निदेशक माध्यमिक के कार्यालय पर शिक्षक क्रमिक उपवास पर रहेंगे। इस अवसर पर संगठन के प्रदेश महामंत्री प्रवक्ता डॉ महेंद्र नाथ राय समेत तमाम लोग मौजूद रहे। |
Posted: 22 Aug 2020 04:38 AM PDT |
Posted: 22 Aug 2020 04:28 AM PDT |
Posted: 22 Aug 2020 04:16 AM PDT |
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