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Tuesday, September 22, 2020

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UGC ने विश्वविद्यालयों को दिए निर्देश, 1 नवंबर से शुरू करें फर्स्ट ईयर की कक्षाएं और 30 नवंबर तक पूरी करें प्रवेश प्रक्रिया

Posted: 22 Sep 2020 02:14 AM PDT

UGC ने विश्वविद्यालयों को दिए निर्देश, 1 नवंबर से शुरू करें फर्स्ट ईयर की कक्षाएं और 30 नवंबर तक पूरी करें प्रवेश प्रक्रिया।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र 2020-21 की शुरुआत करने के लिए निर्देश दिए हैं।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र 2020-21 की शुरुआत करने के लिए निर्देश दिए हैं। यूजीसी ने विश्वविद्यालयों से कहा है कि 1 नवंबर से नए सत्र की कक्षाएं शुरू कर दी जाएं। इसके अलावा यूनिवर्सिटी 30 नवंबर तक प्रवेश की प्रक्रिया पूरी कर लें। बता दें कि यूजीसी द्वारा 29 अप्रैल को जारी वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर जारी किया था। इसके तहत फर्स्ट ईयर के छात्रों की कक्षाएं 1 सितंबर से शुरू होनी थी और अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 1 जुलाई से 15 जुलाई तक आयोजित की जानी चाहिए। लेकिन फिर कोविड-19 महामारी के मामले कम नहीं होने की वजह से कैलेंडर को संशोधित करना पड़ा। इसके बाद फिर उच्च शिक्षा नियामक ने सितंबर के अंत तक अंतिम वर्ष की परीक्षा या टर्मिनल सेमेस्टर परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया।


लेकिन अब संशोधित दिशा निर्देशों के अनुसार, शैक्षणिक सत्र 2020-21 प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए 1 नवंबर से शुरू हो सकता है। हालांकि अगर फर्स्ट ईयर के लिए आयोजित होने वाले एंट्रेंस एग्जाम में देरी होती है तो यह भी संभव है कि फिर नए सत्र की कक्षाएं शुरू करने में देरी हो जाए। मीडिया रिपोट के मुताबिक फिर यह परीक्षाएं 18 नवंबर को शुरू हो सकती हैं। हालांकि अभी इस बारे में कुछ भी कहना संभव नहीं हैं।

स्टूडेंट्स ध्यान दें कि आयोग ने संशोधित कैलेंडर में आगे यह भी कहा है कि 30 नवंबर तक छात्रों के प्रवेश को रद्द करने पर पूरी फीस वापसी की जाएगी। इसके अलावा आयोग ने प्रवेश प्रक्रिया के संबंध में भी निर्देश जारी किए हैं। इसके मुताबिक यूजी और पीजी छात्रों के लिए मेरिट या प्रवेश आधारित प्रवेश अक्टूबर अंत तक पूरा हो जाना चाहिए और शेष खाली सीटों को 30 नवंबर तक भरा जाना चाहिए। बता दें कि इस बार कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से नए सत्र की शुरुआत में देरी हो रही है।

University Session 2020-21: विश्वविद्यालयों में यूजी, पीजी के लिए एकेडेमिक कैलेंडर जारी, 1 नवंबर से कक्षाएं, 8 मार्च से परीक्षाएं

Posted: 22 Sep 2020 02:06 AM PDT

University Session 2020-21: विश्वविद्यालयों में यूजी, पीजी के लिए एकेडेमिक कैलेंडर जारी, 1 नवंबर से कक्षाएं, 8 मार्च से परीक्षाएं

University Session 2020-21: विश्वविद्यालयों में यूजी, पीजी के लिए एकेडेमिक कैलेंडर जारी, 1 नवंबर से कक्षाएं, 8 मार्च से परीक्षाएं8 मार्च से 26 मार्च 2021 तक परीक्षाओं का आयोजन किया जाना है।


नई दिल्ली :  University Session 2020-21: शिक्षा मंत्री ने देश भर के विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, स्वायत्तशासी महाविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए एकेडेमिक कैलेंडर जारी कर दिया है। शिक्षा मंत्री द्वारा अब से कुछ ही देर पहले दी गयी जानकारी के अनुसार, "विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कोविड-19 महामारी को देखते हुए वर्ष 2020-21 के लिए अंडर-ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट (कोर्सेस) के छात्रों के लिए एकेडेमिक कैलेंडर के लिए यूजीसी गाइडलाइंस के लिए बनी समिति की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए इसे मान्यता दे दी है।" शिक्षा मंत्री द्वारा साझा किये गये यूजीसी यूजी/पीजी कैलेंडर के अनुसार सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिले की प्रक्रिया 31 अक्टूबर 2020 तक पूरी कर लेनी है और पहले सेमेस्टर के फ्रेश बैच के लिए पहले कक्षाओं का आरंभ 1 दिसंबर 2020 से किया जाना है। वहीं, 1 मार्च से 7 मार्च तक एक सप्ताह का प्रिपेरेशन ब्रेक दिया जाएगा और 8 मार्च से 26 मार्च 2021 तक परीक्षाओं का आयोजन किया जाना है।


यूजीसी यूजी/पीजी एकेडेमिक कैलेंडर 2020-21

दाखिला प्रक्रिया पूरी करने की तिथि – 31 अक्टूबर 2020

पहले सेमेस्टर के फ्रेश बैच के लिए कक्षाओं के आरंभ होने की तिथि - 1 दिसंबर 2020

परीक्षाओं की तैयारी के लिए ब्रेक – 1 मार्च 2021 से 7 मार्च 2021

परीक्षाओं के आयोजन की अवधि - 8 मार्च 2021 से 26 मार्च 2021

सेमेस्टर ब्रेक – 27 मार्च से 4 अप्रैल 2021

ईवन सेमेस्टर की कक्षाओं का आरंभ – 5 अप्रैल 2021

परीक्षाओं की तैयारी के लिए ब्रेक – 1 अगस्त 2021 से 8 अगस्त 2021

परीक्षाओं के आयोजन की अवधि – 9 अगस्त 2021 से 21 अगस्त 2021

सेमेस्टर ब्रेक – 22 अगस्त 2021 से 29 अगस्त 2021

इस बैच के लिए अगले एकेडेमिक सेशन आरंभ होने की तिथि – 30 अगस्त 2021

एडमिशन कैंसिल कराने या माइग्रेशन में पूरी फीस होगी वापस

शिक्षा मंत्री ने नये शैक्षणिक सत्र के लिए एकेडेमिक कैंलेडर जारी करने के साथ ही साथ कहा, "लॉकडाउन और सम्बन्धित समस्याओं के कारण पैरेंट्स को हुई आर्थिक दिक्कतों को देखते हुए इस सेशन के लिए 30 नवंबर 2020 तक लिए गए दाखिले को रद्द कराने या माइग्रेशन की स्थिति में छात्रों को पूरी फीस वापस की जाएगी।"

फतेहपुर : अंतर जनपदीय स्थानांतरण में 1038 शिक्षक जाएंगे जनपद से बाहर

Posted: 21 Sep 2020 07:26 PM PDT

फतेहपुर : अंतर जनपदीय स्थानांतरण में 1038 शिक्षक जाएंगे जनपद से बाहर।

फतेहपुर : बेसिक शिक्षा में अंतर जनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया को हरी झंडी मिलने से आवेदक शिक्षक-शिक्षिकाओं के चेहरे खिल गए हैं। इस आदेश से जिले के 1038 शिक्षक शिक्षिकाओं को लाभ मिलेगा। यह अलग बात है कि जिले को शिक्षक संख्या का नुकसान होगा। 

प्राथमिक शिक्षक भर्ती में कानपुर महानगर सहित आसपास के जिलों के युवक युवतियां बेरोजगारी दूर करने के लिए नौकरी तो ज्वाइन कर लेते हैं। इसके स्थानांतरण की जुगत भिड़ाते रहते हैं। स्थानांतरण नीति आते ही वह तबादले पर अपने जिलों को चले जाते हैं। बीते सालों में गौर करें तो जिले से 456 शिक्षक तबादले पर गए थे और आने वालों की संख्या 39 रही है। 


जानकार कहते हैं कि 1038 शिक्षकों की भरपाई आने वालों से नहीं होगी। इसलिए तबादला नीति से जिले को नुकसान होना तय है।

CBSE : 10वीं व 12वीं की कंपार्टमेंट परीक्षाएं आज से।

Posted: 21 Sep 2020 06:46 PM PDT

CBSE : 10वीं व 12वीं की कंपार्टमेंट परीक्षाएं आज से।

नई दिल्ली : सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की कंपार्टमेंट की परीक्षाएं आज से शुरू होने जा रही हैं। दसवीं की परीक्षाएं 28 और बारहवीं की परीक्षाएं 30 सितंबर को समाप्त होंगी। कोरोना के बढ़ते संक्रमण और सामाजिक दूरी का पालन कराने के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या 500 से बढ़ाकर 1268 की गई है।


परीक्षा सुबह 10.30 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक होगी। 10.15 तक छात्रों को प्रश्न पत्र दे दिया जाएगा। इस साल देश भर में दसवी में कुल 1, 50, 198 छात्रो और 12वीं में 87, 651 छात्रों की कंपार्टमेंट आई है। कोरोना के समय में छात्रों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसलिए परीक्षा केंद्र छात्रों के घर के नजदीक ही बनाए गए हैं। स्कूलों को कहा गया है वह इस बात का ध्यान रखें कि छात्र और शिक्षक परीक्षा केंद्र तक बिना किसी दिक्कत के पहुंच सकें। यह भी ध्यान रखें कि केंद्र के बाहर भीड़ जमा न हो।

आधा सत्र बीता विद्यालय खुलने पर अब भी संशय, आइए जानते हैं कि अभिभावकों की क्‍या है सोच?

Posted: 21 Sep 2020 05:36 PM PDT

आधा सत्र बीता विद्यालय खुलने पर अब भी संशय, 
आइए जानते हैं कि अभिभावकों की क्‍या है सोच? 

 
प्रत्येक वर्ष विद्यार्थियों का सत्र अप्रैल से शुरू होता है। विद्यार्थी स्कूल जाने लगते हैं लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते मार्च से ही सभी विद्यालय बंद हैं। पाठन-पाठन जैसे-तैसे ऑनलाइन संचालित करने की कोशिश हो रही है। आधा सत्र बीत जाने के बाद भी विद्यालय खुलने को लेकर असमंजस की स्थिति है।


बोले डीआइओएस, शासन से कोई निर्देश नहीं मिला है

हालांकि केंद्र सरकार की तरफ से कक्षा नौ से 12वीं तक के स्कूल खोलने का निर्देश हो चुका है। इस मामले में राज्य अपने यहां की परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लेने को स्वतंत्र हैं। डीआइओएस आरएन विश्वकर्मा ने बताया कि अभी शासन से कोई निर्देश नहीं मिला है। समीक्षा के बाद जो आदेश आएगा उसके अनुसार आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। उसमें भी बिना अभिभावक की अनुमति के कोई भी विद्यार्थी स्कूल नहीं आ सकेंगे।


स्‍कूल प्रबंधन का कहना है कि निर्देश मिलने पर खुलेंगे स्‍कूल

इस संबंध में स्कूलों का कहना है कि उनकी पूरी तैयारी है। जैसे निर्देश मिलेंगे, उसके अनुसार स्कूल खोले जाएंगे। संक्रमण से बचाव के लिए भी ठोस कदम उठाए जाएंगे। महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर की प्रधानाचार्य सुष्मिता कानूनगो ने बताया कि 22 से 30 सितंबर तक कम्पार्टमेंट परीक्षा कराई जाएगी। इस बीच विद्यालय नहीं खुलेगा। उसके बाद यदि निर्देश मिलेगा तो बोर्ड की परीक्षा वाले बच्चों को बुलाया जाएगा। खासकर प्रायोगिक कक्षाओं के लिए। बाकी विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई करते रहेंगे।


इन स्‍कूलों की प्रधानाचार्यों का यह कहना है

श्री महाप्रभु पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य रविंद्र बिरदी ने भी कहा कि ऑनलाइन कक्षाएं चलती रहेंगी। जरूरत के अनुसार विद्यार्थियों को विद्यालय बुलाया जाएगा। केपी गर्ल्‍स इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य अमिता सक्सेना ने बताया कि निर्देश आने पर स्कूल खुलेंगे। कर्नलगंज इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य अजय कुमार ने बताया कि विद्यालय में शिक्षक नियमित आ रहे हैं। शासन का जैसा निर्देश मिलेगा उसके अनुसार कक्षाएं चलाई जाएंगी।


आइए जानते हैं कि अभिभावकों की क्‍या है सोच

शहर में लगातार कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। इसे लेकर अभिभावक चिंतित हैं। वे अपने बच्चों को अभी स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं। उनका कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई जैसे चल रही है, वही पर्याप्त है। मेंहदौरी कालोनी की कविता कहती हैं कि मेरा बेटा कक्षा 11वीं में पढ़ता है। ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है। अभी संक्रमण को देखते हुए हम बच्चे को स्कूल नहीं भेज सकते। घर में ही रहना सुरक्षित है। इसी प्रकार नैनी की रहने वाली सुषमा पांडेय बेटे की पढ़ाई ऑनलाइन चल रही है। हालांकि वह उतनी प्रभावी नहीं है लेकिन कोरोना वायरस का खतरा भी नहीं मोल ले सकते। अभी घर में ही रहना ठीक है। जल्दबाजी कर के मुसीबत नहीं मोल लेंगे।

इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 में होगा संशोधन, यूपी बोर्ड से मांगा प्रस्ताव

Posted: 21 Sep 2020 05:25 PM PDT

इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 में होगा संशोधन, यूपी बोर्ड से मांगा प्रस्ताव

 
इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 में होगा संशोधन, यूपी बोर्ड से मांगा प्रस्ताव।

शिक्षा निदेशक माध्यमिक की ओर से शासन के निर्देश पर यूपी बोर्ड सचिव, बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों के अपर सचिव से इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 में संशोधन का प्रस्ताव मांगा है।

अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डॉ. महेंद्र देव की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि शासन के निर्देश पर 24 अगस्त 2020 को पत्र भेजकर इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 में संशोधन के लिए प्रस्ताव मांगा गया था परंतु अभी तक इस संबंध में कोई जानकारी नहीं भेजी गई है। अपर निदेशक माध्यमिक ने 15 दिन के भीतर इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 में संशोधन का प्रस्ताव शिक्षा निदेशक कार्यालय प्रयागराज भेजने को कहा है, जिससे इसे शासन को भेजा जा सके।

मानव संपदा पोर्टल का दुरुपयोग करने की कोशिश में पकड़े गए दो फर्जी शिक्षक, गिरफ्तार

Posted: 22 Sep 2020 12:47 AM PDT

दो फर्जी प्राथमिक शिक्षकों समेत तीन विभूति खंड से गिरफ्तार

--मानव संपदा पोर्टल का दुरुपयोग करने की कोशिश में धरे गए --बाराबंकी व लखनऊ में काम रहे हैं दोनों फर्जी शिक्षक

राज्य मुख्यालय :  स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने मानव संपदा पोर्टल का दुरुपयोग कर धांधली करने करने वाले दो फर्जी प्राथमिक शिक्षकों समेत तीन को लखनऊ से गिरफ्तार किया है। एक फर्जी शिक्षक बाराबंकी में तो दूसरा गोरखपुर में कार्यरत है। तीनों के विरुद्ध लखनऊ के विभूति खंड थाने में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। अलग-अलग फर्जी नाम से कर रहे थे नौकरी पकड़ा गया अभियुक्त यदुनंदन यादव पुत्र इन्द्रमणि यादव गोरखपुर के सहजनवां थाना क्षेत्र स्थित हरदी गांव का रहने वाला है।


वह वर्तमान में बाराबंकी जिले के कोतवाली क्षेत्र स्थित सिंघला रेजीडेंसी के मकान नंबर 26 में रहता है और प्रमोद कुमार सिंह के फर्जी नाम से बाराबंकी जिले के बनीकोडर ब्लॉक स्थित प्राथमिक विद्यालय ककराहा में सहायक अध्यापक के रूप में काम कर रहा है, जबकि गिरफ्तार दूसरा अभियुक्त सत्यपाल यादव उसका भाई है। तीसरा अभियुक्त प्रमोद कुमार यादव पुत्र इंद्रदेव यादव देवरिया जिले के सलेमपुर थाना क्षेत्र स्थित बरसीपार का रहने वाला है। वह आशीष कुमार सिंह के फर्जी नाम से गोरखपुर के बड़हलगंज क्षेत्र स्थित प्राथमिक विद्यालय खोरी पट्टी में सहायक अध्यापक के रूप में नौकरी कर रहा है। तीनों के कब्जे से 6 अदद मोबाइल फोन, दो लैपटॉप, एक प्रिंटर, एक अल्टो कार (यूपी 32 एचबी 5831), दो कूटरचित सीआरपीएफ का पहचान पत्र, प्रमोद कुमार सिंह के नाम को दो कूटरचित आधार कार्ड, एक कूटरचित प्रमोद कुमार सिंह के नाम का डीएल व एक पैनकार्ड, दो एटीएम कार्ड तथा 8.60 लाख रुपये नकद बरामद हुए हैं। तीनों को सोमवार को गोमती नगर में वेब सिनेमा के निकट पराग बूथ से गिरफ्तार किया गया। 


अर्चना पांडेय के नाम से पत्नी बनी शिक्षक फर्जी मार्कशीट के आधार पर विभिन्न विद्यालयों में शिक्षक के पद पर नौकरी करने वालों के विरुद्ध एएसपी सत्यसेन यादव के नेतृत्व में एसटीएफ मुख्यालय के अलावा फील्ड इकाई गोरखपुर की टीमें लगातार काम कर रही हैं। इसी दौरान पता चला कि प्रमोद कुमार सिंह उर्फ यदुनंदन यादव मानव सम्पदा पोर्टल का दुरुपयोग कर अपने गैंग के सदस्यों के साथ धांधली करके लोगों से पैसा इकट्ठा कर रहा है। यह भी पता चला कि वह अपने गैंग के सदस्य के साथ एक फर्जी शिक्षक से मिलने लखनऊ आएगा। इस सूचना पर इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश सिंह फील्ड इकाई गोरखपुर के नेतृत्व में एक टीम ने तीनों को दबोच लिया। यदुनंदन ने पूछताछ में बताया कि वह प्रमोद कुमार सिंह के नाम से फर्जी शिक्षक है। वह अनुसूचित जनजाति का प्रमाणपत्र बनवा कर वर्ष 2000 में सीआरपीएफ में भर्ती हुआ था। इस मामले में वर्ष 2007 में उसके विरुद्ध गोरखपुर के सहजनवां थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था और वह उसमें जेल भी गया था। उसकी पत्नी श्रीलता वर्तमान समय में अर्चना पांडेय के नाम से उच्च प्राथमिक विद्यालय गदिया बाराबंकी में अध्यापक के पद पर नौकरी कर रही है। 


पोर्टल का अधिकारी बनकर करता था फोन यदुनंदन ने एसटीएफ को बताया कि वह मानव संपदा पोर्टल से पब्लिक विंडो में दी गई सूची के आधार का इस्तेमाल करके यह जानकारी प्राप्त कर लेता था कि कौन फर्जी अध्यापक है। इसके बाद वह उनसे वसूली करता था। इसके बाद वह फर्जी अध्यापकों के हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक व बीएड आदि शैक्षिक दस्तावेजों का अध्ययन कर लेता था। इससे पता चल जाता था कि कौन कूटरचित शैक्षिक दस्तावेज के आधार पर चयनित होकर नौकरी कर रहा है। जिन शिक्षकों का मोबाइल नंबर नहीं मिलता था, उनसे सम्पर्क करने के लिए उनके जिले के पोर्टल से ग्राम प्रधान के नंबर पर सम्पर्क कर शिक्षक का मोबाइल नंबर प्राप्त कर लेता था। फिर उनके मोबाइल नंबर पर सम्पर्क कर बताता था कि वह मानव संपदा पोर्टल का अधिकारी बोल रहा है। इसी तरह उसने सोमवार को आशीष कुमार सिंह को पैसा लेकर लखनऊ बुलाया था, जिसका वास्तविक नाम प्रमोद कुमार यादव है। अपनी गाड़ी से बरामद कागजात के बारे में पूछताछ पर बताया कि उसने बताया कि ये सभी फर्जी अध्यापक हैं। ये सारे कागजात उसने मानव सम्पदा पोर्टल के माध्यम से निकाले हैं। इनमें से कुछ फर्जी अध्यापकों से वह पैसा वसूल चुका है और कुछ से पैसा वसूलना बाकी है। सत्यपाल यादव ने पूछताछ पर बताया कि वह यदुनंदन यादव का भाई है। जब कोई फर्जी शिक्षक मिलने आता है तो वह यदुनंदन का ड्राइवर या स्टाफ बन कर उससे मिलता है। इसी तरह प्रमोद कुमार यादव ने भी फर्जी शिक्षक होने की जानकारी दी।

शैक्षिक अभिलेखों के सत्यापन के लिए शुल्क लिए जाने से शिक्षक नाराज

Posted: 22 Sep 2020 12:09 AM PDT

सत्यापन के लिए शुल्क लिए जाने से शिक्षक नाराज।


राज्य मुख्यालय  : प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालयों, राजकीय महाविद्यालयों व सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में पढ़ा रहे शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन कराने के आदेश से नया विवाद छिड़ गया है। इस प्रक्रिया से एक तरफ शिक्षकों की जांच लटक गई है तो दूसरी तरफ सत्यापन के लिए जमा होने वाले शुल्क को लेकर फैसला नहीं हो पा रहा है। शिक्षक संगठनों ने यह शुल्क शिक्षकों से ही लिए जाने पर नाराजगी जताई है। शासन ने सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों तथा राजकीय व सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के प्राचार्यों से कहा है कि वे अपने यहां कार्यरत शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन उन बोर्डों या विश्वविद्यालयों से करा लें, जहां से वे जारी किए गए हैं। 

इससे पहले जिलावार गठित जांच कमेटी ने शिक्षकों का भौतिक सत्यापन करने के साथ-साथ उनके सेवा संबंधी अभिलेखों एवं शैक्षिक अभिलेखों की जांच की थी। अब एक नया विवाद यह शुरू हो गया है कि सत्यापन के लिए शुल्क कौन अदा करेगा? कई विश्वविद्यालय अंकपत्रों व प्रमाणपत्रों का सत्यापन करने के लिए पहले ही शुल्क जमा करा लेते हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ (लुआक्टा) ने उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को पत्र लिखकर नाराजगी जताई है कि कुछ महाविद्यालय यह शुल्क शिक्षकों से ही वसूल रहे हैं। संगठन ने लखनऊ के ही एक महाविद्यालय का उदाहरण भी दिया है, जिसने सत्यापन कराने की जिम्मेदारी शिक्षकों पर ही डाल दी है। संगठन का कहना है कि मुख्यमंत्री के आदेश के अनुसार यह जांच 31 जुलाई तक पूरी होनी थी लेकिन यह अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे में यह जांच अब स्थगित कर दी जानी चाहिए।

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