प्राइमरी का मास्टर ● इन |
- ऐलान : आयोग करे स्थगित अन्यथा करेंगे मतगणना का बहिष्कार, हजारों शिक्षक अब तक संक्रमित
- CBSE और CISCE ने 11वीं में एडमिशन के लिए छात्रों से मांगा विषय का विकल्प, मई से शुरू होंगी क्लासेस
- एडेड स्कूलों में पढ़ाई से लेकर शिक्षकों की भर्ती तक सरकार के हवाले
- मतगणना प्रशिक्षण का बॉयकॉट करने का आह्वान, कई असमय मौतों से कर्मचारियों में भय का माहौल
- कोरोना से हुई मौतों को देखते हुए मतगणना स्थगित करने की कर्मचारी संगठनों की मांग
ऐलान : आयोग करे स्थगित अन्यथा करेंगे मतगणना का बहिष्कार, हजारों शिक्षक अब तक संक्रमित Posted: 27 Apr 2021 08:12 PM PDT ऐलान : आयोग करे स्थगित अन्यथा करेंगे मतगणना का बहिष्कार, हजारों शिक्षक अब तक संक्रमित ◆ चुनाव ड्यूटी कर चुके हजारों शिक्षक हो चुके हैं संक्रमित ◆ मृतक शिक्षकों के परिवारों के लिए 50-50 लाख मुआवजा मांगा लखनऊ । शिक्षकों ने कोरोना संक्रमण के बीच पंचायत चुनाव की मतगणना का बहिष्कार करने की घोषणा कर दी है। शिक्षकों का कहना है कि पंचायत चुनाव की ड्यूटी कर चुके हजारों शिक्षक संक्रमित हो चुके हैं और लगभग हर जिले से 10 से 15 शिक्षकों की मौत की सूचना है। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी ने कहा है कि चुनाव आयोग मतणना स्थगित करें, अन्यथा शिक्षक इसका बहिष्कार करेंगे। उन्होंने कहा कि इस चुनाव की वजह से संक्रमण गांवों तक पहुंच गया है। सैकड़ों शिक्षकों की मतदान के दौरान ड्यूटी लगी और वे वहां से संक्रमित होकर लौटे सैकड़ों की शिक्षकों की मौत हो चुकी है। शिक्षकों के परिवारों में भय का माहौल है। वहीं यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन ने भी मतगणना स्थगित करने की मांग करते हुए कहा है कि मृतक शिक्षकों के परिवारों को 50-50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राठौर ने कहा है कि अपने साथियों की मौत और संक्रमण के फैलाव को देखते हुए शिक्षक अब मतगणना की ड्यूटी करने से डर रहे हैं |
CBSE और CISCE ने 11वीं में एडमिशन के लिए छात्रों से मांगा विषय का विकल्प, मई से शुरू होंगी क्लासेस Posted: 27 Apr 2021 06:14 PM PDT CBSE और CISCE ने 11वीं में एडमिशन के लिए छात्रों से मांगा विषय का विकल्प, मई से शुरू होंगी क्लासेस प्रयागराज : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल एग्जामिनेशन्स (सीआईएससीई) की ओर से 10वीं की बोर्ड परीक्षा निरस्त करने और बच्चों को प्रमोट करने के निर्णय के बाद स्कूलों ने 11वीं में प्रवेश की तैयारी शुरू कर दी है। स्कूलों ने बच्चों को 11वीं में विषय चुनने के लिए ऑनलाइन फॉर्म भेजा है और विषय आवंटन के बाद मई के पहले सप्ताह में कक्षाएं शुरू की जाएंगी। महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर की प्रिंसिपल सुष्मिता कानूनगो ने बताया कि विषय चुनने के लिए फॉर्म बच्चों को ऑनलाइन दे चुके हैं। एक-दो दिन में विषय दे दिए जाएंगे और एक मई से क्लास शुरू होगी। हालांकि दूसरे स्कूल से आने वाले बच्चों को रिजल्ट आने के बाद विषय आवंटन होगा। उन्हें एक्स्ट्रा क्लास और ब्रिज कोर्स से छूटा कोर्स पूरा कराएंगे। इसी प्रकार सेंट जोसेफ कॉलेज के 10वीं के छात्र छात्राओं को भी ऑनलाइन फॉर्म दे दिए गए हैं। प्रिंसिपल फादर थॉमस कुमार का कहना है कि 10वीं के प्री बोर्ड सही से नहीं हो सके थे। इसलिए कक्षा 9 की परफार्मेंस के आधार पर विषय का आवंटन होगा। 3 मई से ऑनलाइन क्लास शुरू करने की तैयारी है। |
एडेड स्कूलों में पढ़ाई से लेकर शिक्षकों की भर्ती तक सरकार के हवाले Posted: 27 Apr 2021 06:01 PM PDT एडेड स्कूलों में पढ़ाई से लेकर शिक्षकों की भर्ती तक सरकार के हवाले अब एडेड स्कूलों में भी पढ़ाई से लेकर शिक्षकों तक की गुणवत्ता पर सरकार शिकंजा कसेगी। राज्य सरकार पहली बार एडेड जूनियर हाईस्कूलों के शिक्षकों की भर्ती करने जा रही है। वहीं यहां पर मिशन प्रेरणा के साथ मानव संपदा पोर्टल भी अनिवार्य कर दिया गया है। इन स्कूलों में सरकारी स्कूलों वाला शैक्षणिक कैलेण्डर लागू होगा। मिशन प्रेरणा के तहत यहां के लर्निंग गोल भी वहीं होंगे जो सरकार ने तय किए हैं। वहीं यहां भी विद्यार्थियों के सीखने के लिए वे सभी मॉड्यूल लागू होंगे जो सरकारी स्कूलों में चलाए जा रहे हैं। इसके साथ ही यहां के विद्यार्थियों की आधार सीडिंग का काम भी शुरू हो गया है। अभी तक सरकार इन स्कूलों में शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का वेतन देती है, साथ ही निःशुल्क यूनिफार्म, पाठ्य पुस्तकें व मिड डे मील की व्यवस्था सरकारी स्कूलों की तर्ज पर की जाती है। सरकार ने तय किया है कि जब ये स्कूल सरकारी सहायता से चलते हैं तो यहां भी पढ़ाई की गुणवत्ता पर सरकार नजर रखेगी। प्रदेश में लगभग आठ हजार एडेड स्कूल हैं जिनमें जूनियर हाईस्कूल, प्राइमरी व माध्यमिक के वे स्कूल शामिल हैं जहां कक्षा एक से आठ तक की कक्षाएं चलाई जाती हैं। |
मतगणना प्रशिक्षण का बॉयकॉट करने का आह्वान, कई असमय मौतों से कर्मचारियों में भय का माहौल Posted: 27 Apr 2021 05:54 PM PDT मतगणना प्रशिक्षण का बॉयकॉट करने का आह्वान, कई असमय मौतों से कर्मचारियों में भय का माहौललखीमपुर खीरी। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने मतगणना ड्यूटी में लगाए गए कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिए जाने का बहिष्कार करने का एलान किया है और मतगणना को स्थगित करने की मांग करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग को ज्ञापन भेजा है। इसके साथ ही अटेवा संघ और राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने भी मतगणना स्थगित करने की मांग संबंधी ज्ञापन डीएम को दिए हैं। राष्ट्रीय शैक्षणिक महासंघ के प्रदेश संयुक्त महामंत्री व जिलाध्यक्ष संतोष मौर्य ने कहा है कि पंचायत चुनाव में हमने अपने कई साथियों को खो दिया है, जो निर्दोष थे। जिलाध्यक्ष ने कहा कि कार्यकारिणी ने यह निर्णय लिया है कि कोई भी शिक्षक साथी दो मई को होने वाली मतगणना और उसके पूर्व प्रशिक्षण में प्रतिभाग नहीं करेगा। उधर, अटेवा पेंशन बचाओ मंच के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री एवं राज्य निर्वाचन आयुक्त को संबोधित ज्ञापन एडीएम अरुण कुमार सिंह को सौंपा है। उन्होंने दिवगंत शिक्षकों एवं कर्मचारियों के परिजन को 50-50 लाख की आर्थिक सहायता तत्काल मुहैया कराने एवं संक्रमित कर्मियों के इलाज का पूरा खर्च सरकार से देने की मांग की है। अटेवा मंच ने सरकार से मांग की है कि पंचायत चुनाव की मतगणना को स्थगित कर दिया जाए, क्योंकि मद्रास हाईकोर्ट ने भी माना है कि करोना की दूसरी लहर के लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद पुष्कर और जिला मंत्री अजय कुमार पाठक के नेतृत्व में कर्मचारियों ने डीएम को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा। |
कोरोना से हुई मौतों को देखते हुए मतगणना स्थगित करने की कर्मचारी संगठनों की मांग Posted: 27 Apr 2021 05:50 PM PDT कोरोना से हुई मौतों को देखते हुए मतगणना स्थगित करने की कर्मचारी संगठनों की मांगलखनऊ। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले शिक्षकों, कर्मचारियों और अधिकारियों की कोरोना से हुई मौत को देखते हुए कर्मचारी संगठनों ने मतगणना स्थगित करने की मांग की है। शिक्षक और कर्मचारी संगठनों का कहना है कि ऐसे में इसे टालना चाहिए। मतगणना में संक्रमण की आशंका ज्यादा हैं। खंड शिक्षा अधिकारी संघ के महासचिव वीरेंद्र कुमार कनौजिया ने राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है कि मतगणना में कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करना संभव नहीं होगा। इसके पहले चुनाव ड्यूटी में ही कई खंड शिक्षा अधिकारी संक्रमित हुए और कुछ की मौत भी हो गई है। ऐसे में मतगणना तत्काल स्थगित कर दी जानी चाहिए। उन्होंने मृत खंड शिक्षा अधिकारियों के परिवारीजनों को 50-50 लाख रुपये का मुआवजा और मृतक आश्रित को नौकरी देने की मांग की। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय सिंह व राजकीय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने भी बमतगणना टालने की मांग की है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि पूरे चुनाव भर सरकार से मांग की जाती रही कि वे कर्मचारियों को समुचित किट उपलब्ध करवाकर ड्यूटी करवाएं। लेकिन सरकार ने नहीं सुना। लिहाजा मतगणना टाल देनी चाहिए। ग्राम पंचायतीराज सफाई कर्मचारी संगठन समेत कई अन्य संगठनों ने भी मतगणना टालने की मांग की है। |
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