प्राइमरी का मास्टर ● इन |
- जिले के अंदर शिक्षकों के समायोजन - ट्रांसफर के आदेश का इंतजार, अगस्त में ही ऑनलाइन आवेदन लेने का था निर्देश
- सूबे में पांच नवीन राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय खुलेंगे
- संस्कृत शिक्षा निदेशालय बनाने की तैयारी, संस्कृत विद्यालयों की सुधरेगी दशा बढ़ेगा नामांकन
- नहीं भर पाईं इस वर्ष डीएलएड की 47 हजार सीटें, पिछले वर्ष कोरोना के कारण आवेदन नहीं लिए गए थे, फिर आवेदन तिथि बढ़ाने की तैयारी
- 69000 शिक्षक भर्ती के रिक्त पदों पर चौथी काउंसिलिंग की मांग
- बीएसए और बीईओ का भी मूल्यांकन, 50 फीसदी अंक वाले पास
- CTET & UPTET 2021 : जानें इन पात्रता परीक्षाओं के लिए कब आ सकता है नोटिफिकेशन?
- यूपी : स्कूल बंद रखने के लिए हाईकोर्ट में याचिका, कोविड की तीसरी लहर का दिया हवाला
- प्राथमिक विद्यालयों में कल से पढाई, कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने का निर्देश, जानिए अहम बातें
Posted: 31 Aug 2021 06:44 PM PDT जिले के अंदर शिक्षकों के समायोजन - ट्रांसफर के आदेश का इंतजार, अगस्त में ही ऑनलाइन आवेदन लेने का था निर्देश लखनऊ : परिषदीय शिक्षकों का जिले के अंदर तबादला व समायोजन कराने के लिए बेसिक शिक्षा मंत्री डा.सतीश द्विवेदी ने बीती सात अगस्त को निर्देश जारी किए थे। इसके तहत पहले चरण के लिए आनलाइन आवेदन अगस्त में ही लिए जाने थे, महीना बीत गया लेकिन आवेदन लेने का आदेश जारी नहीं हुआ। बुधवार से विद्यालयों में पढ़ाई शुरू होनी है, इसलिए तबादला प्रक्रिया लटकने के आसार हैं। समीक्षा बैठक में दिए गए निर्देशों में से अधिकांश का अनुपालन नहीं हो सका है। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के तबादले एक से दूसरे जिले में हुए हैं, लेकिन जिले के अंदर दूसरे विद्यालय या विकासखंड में जाने के लिए आदेश का इंतजार है। बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षक हैं, जो गृह या पसंदीदा जिले में होने के बाद भी उनका विद्यालय निवास स्थान से 50 से 60 किलोमीटर की दूरी पर हैं। करीब के स्कूलों में रिक्त पद होने के बाद भी वे तबादला नहीं करा पा रहे हैं। इसके अलावा कई ऐसे स्कूल हैं, जहां शिक्षकों की संख्या बेहद कम है। वहां समायोजन आदेश न होने से शिक्षक भेजे नहीं जा रहे हैं। इसका असर पठन-पाठन पर पड़ रहा है। बेसिक शिक्षा मंत्री डा.द्विवेदी ने निर्देश दिया था कि जिले के अंदर तबादला व समायोजन दो चरणों में होगा। पहले चरण में अगस्त माह में ही शिक्षकों से आनलाइन आवेदन लेकर स्थानांतरण किया जाए और दूसरे चरण में नियमावली में संशोधन के बाद तबादले किए जाएं। प्रक्रिया जल्द पूरी करने के लिए शिक्षकों को पसंद के ब्लाक में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया था। यही नहीं तय समय के बाद मिलने वाले आवेदनों पर मंत्री से अनुमति लेकर तबादला करने का निर्देश था। |
सूबे में पांच नवीन राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय खुलेंगे Posted: 31 Aug 2021 06:34 PM PDT सूबे में पांच नवीन राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय खुलेंगे सूबे में पांच नवीन राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय जल्द खुलेंगे। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में गठित समिति ने कन्नौज, गौतमबुद्ध नगर, शाहजहांपुर, सुलतानपुर व मीरजापुर में विद्यालय की स्थापना की संस्तुति की है। इनमें कन्नौज, गौतमबुद्ध नगर व शाहजहांपुर में कोई राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय नहीं है वहीं, सुल्तानपुर में दो बालक विद्यालय संचालित हैं, मीरजापुर में दो विद्यालय हैं, लेकिन वहां अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की बहुलता को देखते हुए निर्णय लिया गया है। चिन्हित जिलों में मानक के अनुरूप पांच एकड़ भूमि भी उपलब्ध है। |
संस्कृत शिक्षा निदेशालय बनाने की तैयारी, संस्कृत विद्यालयों की सुधरेगी दशा बढ़ेगा नामांकन Posted: 31 Aug 2021 06:22 PM PDT संस्कृत शिक्षा निदेशालय बनाने की तैयारी, संस्कृत विद्यालयों की सुधरेगी दशा बढ़ेगा नामांकन सब ठीक रहा तो संस्कृत शिक्षा निदेशालय आकार ले लेगा। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है। निदेशालय बन जाने से संस्कृत के विद्यालयों की दशा सुधारने, विद्यालयों में विद्यार्थियों की नामांकन संख्या बढ़ाने, नए विद्यालयों की मान्यता और नियुक्ति के कामकाज तेजी से हो सकेंगे। अभी संस्कृत विद्यालयों में पढ़ाई की जो स्थिति है, उससे शासन भी चिंतित है। इसी कारण विद्यालयों की संचालन व्यवस्था सुचारु रखने के लिए मानदेय पर शिक्षक नियुक्त किए जा रहे हैं। प्रदेश में 567 संस्कृत विद्यालय हैं। इनमें से ज्यादातर में पढ़ाई की स्थिति चिंताजनक है। वजह, शिक्षकों की व्यापक स्तर पर कमी होना है। इसके कारण विद्यालयों में विद्यार्थियों की नामांकन संख्या भी कम है। अभी संस्कृत विद्यालयों की मान्यता, नियुक्ति आदि का कार्य माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के अधीन है, जो कि अपने ही माध्यमिक विद्यालयों की व्यवस्था बनाने में जूझता रहता है। इसके बावजूद उसके विद्यालयों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है। स्थिति यह है विद्यालयों में रिक्तियों से जुड़े आकड़े अपडेट नहीं हैं। यह हकीकत एडेड माध्यमिक विद्यालयों के आनलाइन तबादले की प्रक्रिया के दौरान सामने भी आई। ऐसे में संस्कृत विद्यालयों की ओर उसका उतना फोकस नहीं हो पाता, जितना कि व्यवस्था सुधारने के लिए होना चाहिए। फिलहाल, शासन का मानना है कि मानदेय पर शिक्षक नियुक्त किए जाने के बाद संस्कृत विद्यालयों का संचालन कुछ हद तक सुधर सकेगा। संस्कृत विद्यालयों के संचालन और पठन-पाठन की व्यवस्था पटरी पर लाने के लिए मानदेय पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शासन के निर्देश पर शुरू हो गई है। यह नियुक्ति सत्र 2021-22 एवं 2022-23 के लिए की जा रही है। इस अवधि में जिन विद्यालयों में संस्कृत के स्थायी शिक्षक की नियुक्ति हो जाएगी, वहां मानदेय पर की गई नियुक्ति खत्म हो जाएगी। इसी बीच उप शिक्षा निदेशक संस्कृत, उत्तर प्रदेश ने संस्कृत निदेशालय बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। उप शिक्षा निदेशक संस्कृत सीएल चौरसिया ने निदेशालय का कार्य सुचारु रुप से चलाने के लिए 114 कर्मचारियों व अधिकारियों की मांग प्रस्ताव में की है। इधर, जानकारों का मानना है कि प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए संस्कृत निदेशालय की मंजूरी मिलने में अड़चन नहीं आएगी। |
Posted: 31 Aug 2021 06:13 PM PDT नहीं भर पाईं इस वर्ष डीएलएड की 47 हजार सीटें, पिछले वर्ष कोरोना के कारण आवेदन नहीं लिए गए थे, फिर आवेदन तिथि बढ़ाने की तैयारी प्रयागराज : वजहें कुछ भी हों, लेकिन हकीकत यह है कि तिथि बढ़ाए जाने के बावजूद डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन (डीएलएड) की सीटें नहीं भरीं। करीब 47,000 सीटें खाली रह गई हैं। यह स्थिति तब है, जब पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण आवेदन ही नहीं लिए गए थे। इस कारण उम्मीद थी कि इस बार आवेदन अधिक आएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) सचिव ने सीटें भरने के प्रयास में आवेदन करने की तिथि एक बार और बढ़ाए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। उम्मीद है कि तिथि बढ़ जाने पर सीटों के सापेक्ष आवेदन प्राप्त हो सकेंगे। प्रदेश में डीएलएड की 2,42,200 सीटे हैं। दो वर्षीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में सीटों के मुताबिक विद्यार्थी पिछले कुछ वर्षो से नहीं मिल रहे हैं। वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमण के चलते प्रवेश नहीं लिया गया। उसके पहले वर्ष 2019 के सत्र में 69,515 सीटें खाली रह गई थीं, जबकि वर्ष 2018 में 76,929 सीटें रिक्त रह गई थीं। अंतिम तिथि अगस्त के दूसरे सप्ताह तक सीटों के सापेक्ष आवेदन न आने पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव संजय उपाध्याय ने तिथि बढ़ाकर 30 अगस्त कर दी। लेकिन इतने नहीं कि सभी आवेदकों को प्रवेश देकर भी सीटें भरी जा सकें। अगर सभी आवेदकों को प्रवेश दे भी दिया जाए। |
69000 शिक्षक भर्ती के रिक्त पदों पर चौथी काउंसिलिंग की मांग Posted: 31 Aug 2021 06:03 PM PDT 69000 शिक्षक भर्ती के रिक्त पदों पर चौथी काउंसिलिंग की मांग प्रयागराज : 69000 प्राथमिक सहायक अध्यापक भर्ती के तृतीय चरण (6696) की काउंसिलिंग के बाद रिक्त रह गए पदों के लिए अभ्यर्थियों ने चौथी काउंसिलिंग कराए जाने की मांग की है। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को भेजे मांग पत्र में अभ्यर्थियों ने कहा है कि इस भर्ती में तीसरे चरण की काउंसिलिंग के बाद करीब एक हजार पद रिक्त रह गए हैं और न्यूनतम उत्तीर्णाक प्राप्त लगभग 70 हजार अभ्यर्थी प्रतीक्षा सूची में हैं। ऐसे में मांग की है अगली जिला आवंटन सूची जारी कर बेरोजगारों को राहत दी जाए। अभ्यर्थी अमित, नीरज, रवींद्र सिंह, महिमा, खुशबू मिश्र, राम बदन आदि ने कहा है कि चयन के लिए दशमलव के कुछ अंशों से वंचित उच्च गुणांक वाले सभी अभ्यर्थी अगली सूची जारी होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसके लिए समय-समय पर उन्हें आश्वासन भी दिया गया है। |
बीएसए और बीईओ का भी मूल्यांकन, 50 फीसदी अंक वाले पास Posted: 31 Aug 2021 05:45 PM PDT बीएसए और बीईओ का भी मूल्यांकन, 50 फीसदी अंक वाले पास गोरखपुर। परिषदीय स्कूलों में अब बीएसए और बीईओ का भी मूल्यांकन किया जाएगा। इसके मुताबिक 50 फीसदी अंक वाले पास माने जाएंगे। शिक्षाधिकारियों का भी मूल्यांकन कराए जाने की नई व्यवस्था की गई है। कायाकल्प के साथ ही अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन पर भी उन्हें अंक मिलेंगे। 50 फीसदी से कम अंक पाने वाले अफसर फेल माने जाएंगे। बीएसए का 18 और बीईओ का 16 बिंदुओं पर मूल्यांकन किया जाएगा। ऑपरेशन कायाकल्प का कार्य पूरा कराने पर 20 अंक दिए जाएंगे। इसी तरह से गुणवत्तापरक फर्नीचर उपलब्ध कराने पर पांच अंक निर्धारित होंगे। शिक्षकों को ऑनलाइन अवकाश स्वीकृति, निरीक्षण का लक्ष्य पूर्ति, दिव्यांग बच्चों के शिक्षण व कस्तूरबा विद्यालयों के रिक्त पद भरने पर पांच-पांच अंक प्रदान किए जाएंगे। माना जा रहा है कि शिक्षाधिकारियों के ट्रांसफर व प्रमोशन में अंकों को आधार बनाया जाएगा। इस तरह होगा मूल्यांकन शिक्षाधिकारियों को 80 फीसदी से अधिक अंक मिलने पर उत्कृष्ट श्रेणी में रखा जाएगा। 71 से 80 पर अति उत्तम, 61 से 70 पर उत्तम, 50 से 60 पर संतोषजनक व 50 फीसदी से कम अंक मिलने पर अनुत्तीर्ण या खराब माना जाएगा। --------------------- बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के कार्यों में तेजी लाने के लिए शासन स्तर से व्यवस्था बनाई गई है। इसी आधार पर गोपनीय आख्या तैयार कर शासन को भेजी जाएगी। आगे जैसा निर्देश होगा उसे लागू कराया जाएगा। आरके सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी |
CTET & UPTET 2021 : जानें इन पात्रता परीक्षाओं के लिए कब आ सकता है नोटिफिकेशन? Posted: 31 Aug 2021 12:30 PM PDT CTET & UPTET 2021 : जानें इन पात्रता परीक्षाओं के लिए कब आ सकता है नोटिफिकेशन? केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा आयोजित किए जाने वाले केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) एवं उत्तर प्रदेश बेसिक एजुकेशन बोर्ड (UPBEB) द्वारा आयोजित किए जाने वाले उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (UPTET) के लिए अभ्यर्थी लंबे समय से नोटिफिकेशन जारी होने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन इस संबंध में इन्हें अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है। गौरतलब है कि CTET का आयोजन साल में दो बार किया जाता है और UPTET का आयोजन साल में एक बार किया जाता है। इन पात्रता परीक्षाओं में हर साल लाखों अभ्यर्थी शामिल होते हैं और अपने शिक्षक बनने के सपने को पूरा करते हैं, लेकिन इनके लिए अभी तक नोटिफिकेशन भी नहीं जारी होने की वजह से अभ्यर्थी काफी परेशान हैं। कब तक जारी हो सकता है CTET के लिए नोटिफिकेशन : CTET 2021 के लिए नोटिफिकेशन जारी करने के संबंध में अभी तक कोई भी आधिकारिक सूचना नहीं आई है। हालांकि CBSE ने एक नोटिस जारी करके कहा है कि अगले CTET का आयोजन ऑनलाइन मोड में दिसंबर में किया जा सकता है। ऐसे में यह उम्मीद लगाई जा रही है कि इसके लिए जल्द ही नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है। गौरतलब है कि CTET का आयोजन साल 2021 में एक बार हो चुका है और अब अभ्यर्थी दूसरे चक्र के CTET के लिए नोटिफिकेशन जारी होने का इंतजार कर रहे हैं। अभ्यर्थियों को नोटिफिकेशन से संबंधित सूचनाओं के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करते रहना चाहिए। UPTET को लेकर क्या है अपडेट : UPTET का आयोजन जल्द करवाने की अभ्यर्थी लंबे समय से मांग कर रहे हैं। गौरतलब है कि अभी तक UPTET 2020 के लिए अधिसूचना भी जारी नहीं हुई है। इस परीक्षा में पहले ही एक साल से अधिक का विलंब हो चुका है , इसलिए अभ्यर्थी इसका आयोजन जल्द से जल्द करवाए जाने की मांग कर रहे हैं। हालांकि विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक UPTET का आयोजन अक्टूबर के आखिर तक किया जा सकता है और अगर ऐसा होता है, तो इसके लिए नोटिफिकेशन जल्द ही जारी किया जा सकता है। अभ्यर्थियों को इससे संबंधित जानकारी के लिए समय समय पर आधिकारिक वेबसाइट को चेक करते रहना चाहिए। |
यूपी : स्कूल बंद रखने के लिए हाईकोर्ट में याचिका, कोविड की तीसरी लहर का दिया हवाला Posted: 31 Aug 2021 12:15 PM PDT यूपी : स्कूल बंद रखने के लिए हाईकोर्ट में याचिका, कोविड की तीसरी लहर का दिया हवाला प्रयागराज : उत्तर प्रदेश में एक सितंबर से कक्षा 1 से 8वीं के तक के स्कूल खोले जाने के सरकार के फैसले को हाईकोर्ट में पत्र याचिका दाखिल कर चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता ने कोविड के थर्ड वेब की आशंका को देखते हुए बगैर छात्रों के वैक्सीनेशन स्कूलों को खोले जाने पर रोक लगाए जाने की मांग की है। याचिका में मांग की गई है कि कक्षा एक से 12वीं तक के स्कूल में साल 2021-22 की पढ़ाई ऑनलाइन मोड में ही कराई जाए। कोविड थर्ड वेब को लेकर स्कूलों को बंद रखने की मांग इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल पत्र याचिका में एक सितंबर से 18 अगस्त को एक से आठवीं तक के स्कूल खोलने पर सरकारी आदेश पर रोक लगाए जाने की मांग की गई है। साथ ही प्रदेश भर में बच्चों के लिए अलग से किए गए चिकित्सा व्यवस्था के व्यवस्था की जानकारी मांगी गई है। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि सरकार बताए कि बच्चे अगर कोविड-19 से प्रभावित होते हैं तो स्कूलों में क्या व्यवस्था की गई है, जिससे माता-पिता को अपने बच्चों को बेफिक्र होकर स्कूल भेज सकें। याची अधिवक्ता गौरव द्विवेदी ने बताया की पत्र याचिका को सरकारी वकील ने नोटिस में ले लिया है। उम्मीद है कि इसी सप्ताह पत्र याचिका पर कोर्ट सुनवाई कर सकता है। 1 सितंबर से खोला जाना था स्कूल कोविड-19 का संक्रमण उत्तर प्रदेश में कम होते ही प्रदेश सरकार ने एक से बारहवीं तक के स्कूल पूरी तरीके से खोले जाने का आदेश जारी कर दिया था। हालांकि आदेश में कोविड-19 के गाइडलइन के अनुसार स्कूल प्रशासन को पालन करने का आदेश दिया गया है। हालांकि इस बार कोविड-19 की थर्ड बेवका खतरा सबसे ज्यादा छोटे बच्चों पर बताया जा रहा है। इसी बात का ख्याल रखते हुए याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में यह याचिका दाखिल की है। |
Posted: 31 Aug 2021 11:59 AM PDT प्राथमिक विद्यालयों में कल से पढाई, कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने का निर्देश, जानिए अहम बातें ■ संबंधित आदेश 👇 यूपी में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति काफी नियंत्रण में आने के बाद अब स्कूलों में शिक्षण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इसी क्रम में माध्यमिक तथा बेसिक के बाद अब एक सितंबर से प्राइमरी स्कूल व मदरसों में भी शिक्षण कार्य प्रारंभ होगा। लम्बे अंतराल के बाद प्राइमरी के बच्चे भी स्कूल जाएंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराने का निर्देश दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार तथा स्वास्थ्य विभाग से जारी कोरोना प्रोटोकॉल के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए कल से प्रदेश में प्राथमिक स्कूलों की कक्षाएं फिर से शुरू होंगी। सरकारी के साथ ही सभी प्राइवेट स्कूलों में भी इसको लेकर काफी तैयारी है। प्रदेश में कल से कक्षा एक से पांच के बच्चों को स्कूल में शिक्षा दी जाएगी। कल से ही मदरसे में भी बच्चे पढऩे जाएंगे। इन सभी स्कूल को कोविड गाइडलाइन पर ही खोला जा रहा है। आज से ही सभी स्कूल खोलने को अंतिम रूप दिया जा रहा है। बेसिक शिक्षा परिषद ने निगरानी के लिए टीम बनाई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में एक सितम्बर कक्षा एक से पांच तक के विद्यालय तथा मदरसे खुलेंगे। इसके दृष्टिगत सभी स्कूलों में कोविड प्रोटोकॉल से सम्बन्धित सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाएं। स्वच्छता और सैनिटाइजेशन का कार्य प्रत्येक दिन किया जाए। स्कूलों में कोविड प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा जाए। स्वच्छता, सैनीटाइजेशन का कार्य हर दिन हो। पठन-पाठन के साथ-साथ बच्चों की सुरक्षा पर भी पूरा ध्यान दिया जाए। स्कूल खोलने के फैसले के साथ ही यह घोषणा भी की गई है स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति अनिवार्य नहीं होगी। अगर कोविड की स्थिति बिगड़ती है स्कूल फिर से बंद हो सकते हैं। इससे पहले सरकार ने 16 अगस्त से कक्षा 9वीं से 12वीं तक के स्कूल, विश्वविद्यालय, कॉलेज और कोचिंग संस्थान खोलने का फैसला किया था। ■ इन गाइडलाइन का करना होगा पालन ● - मास्क और सामाजिक दूरी का करवाया जाएगा पालन। ● - स्कूलों में दो पालियों में होगी पढ़ाई ● - ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन। कक्षाओं का भी है विकल्प ● -सुबह 8 बजे से खुलेंगे स्कूल। ■ लागू होंगे सात नियम ● - चार-चार घंटे की दो शिफ्ट में होंगी कक्षांए। ● - एक शिफ्ट में क्लास में बैठ सकेंगे कक्ष की क्षमता के 50 प्रतिशत विद्यार्थी। ● - क्लासरूम में ही होगी असेंबली ● -इंटरवल में क्लास में ही करना होगा लंच। ● -ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में पढ़ाई होगी। ● - अभिभावकों की अनुमति के बाद ही बच्चों को स्कूल में प्रवेश मिलेगा। ● - स्कूल ना आने वाले बच्चे घर से कर सकेंगे ऑनलाइन क्लासेस। |
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