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Friday, July 24, 2020

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समस्तीपुर-दरभंगा रूट पर ट्रेनों का परिचालन बंद, रेलवे ने तीन गाड़ियों को किया डायवर्ट

Posted: 24 Jul 2020 12:22 AM PDT

नेपाल के तराई क्षेत्रों और उत्तर बिहार में हो रही भारी बारिश की वजह से कई जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। दरभंगा, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल और कटिहार समेत कई जिलों में स्थिति खराब है। इसका असर रेल नेटवर्क पर भी पड़ा है। समस्तीपुर रेल मंडल के हायाघाट स्टेशन के पास पुल पर कोसी नदी का पानी आ गया है। इस वजह से रेलवे ने समस्तीपुर-दरभंगा रूट पर ट्रेनों का परिचालन रोक दिया है।

ये तीन ट्रेनें रहेंगी डायवर्ट

  • 02565 दरभंगा-नई दिल्ली बिहार संपर्क क्रांति
  • 04673/04649 जयनगर-अमृतसर शहीद/सरयू यमुना एक्सप्रेस
  • 01062 दरभंगा-लोकमान्य तिलक पवन एक्सप्रेस

रेलवे का कहना है कि इन तीनों ट्रेनों को डायवर्ट करके दरभंगा से वाया सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर होकर चलाया जा रहा है। अगले आदेश तक ये ट्रेनें समस्तीपुर होकर नहीं गुजरेंगी। जिन लोगों का समस्तीपुर से टिकट है वे मुजफ्फरपुर से ट्रेन पकड़ सकते हैं या टिकट कैंसिल करा सकते हैं।

बिहार में कोसी समेत 8 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।


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रेलवे का कहना है कि ये तीन ट्रेनें अगले आदेश तक समस्तीपुर से नहीं गुजरेंगी।


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/news/bihar-floods-news-railway-services-affected-in-samastipur-darbhanga-diverted-127546714.html

बीएड व इंटीग्रेटेड बीएड की परीक्षा फिर स्थगित, अब अगस्त में भी नहीं

Posted: 23 Jul 2020 11:22 PM PDT

कहा- साल और छात्रों का भविष्य बचाना है तो मार्क्स पर ऑनलाइन आवेदन लिया जाए
बीएड और इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स की अगस्त में हाेने वाली परीक्षा फिर स्थगित हाे गई है। कोरोना महामारी को देखते हुए इसे स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। सरकार ने बीएड और पहली बार शुरू हो रहे इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स में दाखिले के लिए एलएन मिथिला विवि को टेस्ट के लिए नोडल सेंटर बनाया है। विवि ने बीएड में दाखिले के लिए परीक्षा केंद्र के निर्धारण से लेकर अन्य तैयारी कर ली। बिहार विवि को भी पत्र भेज कोरोना से बचाव करते हुए सेंटर के बारे में जानकारी मांगी। इस माह परीक्षा संभावित थी, लेकिन लॉकडाउन होने से परीक्षा स्थगित कर दी गई। अब नोडल सेंटर ने इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स की 9 अगस्त की परीक्षा भी टाल दी है। इसे लेकर कॉलेज अब कोर्ट के दरवाजे पर दस्तक देने लगे हैं।

एसोसिएशन ऑफ बिहार टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज के राज्य सचिव श्यामनंदन यादव ने कहा, इस तरह छात्रों का साल और भविष्य दोनों बर्बाद हो जाएगा। कोरोना का प्रभाव कब खत्म होगा पता नहीं, इसलिए सरकार को मार्क्स के आधार पर कॉलेज को ऑनलाइन एडमिशन का आदेश देना चाहिए। छात्रों का दाखिला हो जाएगा तो एक दो माह लेट सेशन को भी आगे पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन दाखिला ही नहीं होगा तो साल बर्बाद हो जाएगा। उन्होंने कहा, एलएन मिश्रा कॉलेज ने कोर्ट याचिका दायर की है। एक दो दिनों के अंदर एसोसिएशन कोर्ट जाएगा।

इंटीग्रेटेड बीएड में पहली बार 4 कॉलेजों को दाखिले की अनुमति

बीएड में तो पढ़ाई होती रही, लेकिन इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स में पहली बार पढ़ाई शुरू होनी है, इसके लिए 4 कॉलेजों को 400 सीटों पर दाखिले की अनुमति मिली है। सभी कॉलेजों को एनसीटीई ने 100-100 की मान्यता दी है। इनमें मुजफ्फरपुर के शहीद प्रमोद बीएड कॉलेज, वसुंधरा टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज, सीतामढ़ी के माता सीता सुंदर कॉलेज ऑफ एजुकेशन और वैशाली के वैद्यनाथ शुक्ला कॉलेज ऑफ एजुकेशन शामिल है। चारों कॉलेज बीआरए बिहार विवि से संबद्ध हैं।

बिहार विवि : स्नातक के लिए दाे दिनों में 23 हजार आवेदन

मुजफ्फरपुर|बीआर विवि में नामांकन के लिए पोर्टल खुलने के साथ आवेदन के लिए छात्र-छात्राएं तेजी से आगे आ रहे हैं। पोर्टल खुलने के दो दिनों में ही अब तक 23 हजार छात्र-छात्राअों ने ऑनलाइन आवेदन के लिए रजिस्ट्रेशन और आवेदन किया है। 14 हजार छात्रों के आवेदन पूरे हो गए हैं। लंबे समय से इंटर उत्तीर्ण छात्र दाखिले के लिए पोर्टल खुलने का इंतजार कर रहे थे। यूएमआईएस के को-ऑर्डिनेटर डॉ. ललन झा ने कहा, ऑनलाइन आवेदन की सुविधा होने से छात्र घर बैठे आवेदन कर रहे हैं।

14 हजार छात्रों की फीस भी जमा हाे चुकी है। पहली बार विवि के स्नातक पार्ट-1 में सबसे अधिक 1 लाख 17 हजार सीटों के लिए आवेदन हो रहा है। इस बार 10 हजार अधिक सीटों के विरुद्ध दाखिला होगा। विवि में गत वर्ष तक 39 अंगीभूत कॉलेज थे, लेकिन 3 अंगीभूत कॉलेज बढ़ गए हैं, जहां पहली बार दाखिला होगा। इसी तरह 18 संबद्ध अनुदानित कॉलेज हैं। छात्र विवि की आधिकारिक वेबसाइट BRABU.NET पर जाकर नामांकन के लिए आवेदन कर रहे हैं। उधर, पीजी में दाखिले के लिए भी आवेदन चल रहा है। कई छात्र लॉकडाउन के कारण आवेदन से वंचित रह गए थे। ऐसे में उन्हें फिर मौका दिया गया है।



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Examination of B.Ed and Integrated B.Ed postponed again, not even in August


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/muzaffarpur/news/examination-of-bed-and-integrated-bed-postponed-again-not-even-in-august-127544738.html

सुंदर शरीर नग्न तस्वीर

Posted: 23 Jul 2020 10:32 PM PDT

सुंदर शरीर नग्न तस्वीर(कविता)

दिखाकर नग्न तस्वीर,
और उस पर-
देकर सुंदर तकरीर-
वह बताता रहा;
वाह!वाह!!क्या है सुंदर शरीर।।
      मर्यादा के ओट पर,ये नृसंशता की चोट,
      तेरी मनसा प्रकट कर रही,नियत के खोट,
      तेरी निर्लज्ज कामुक निगाहें,
      फैलाकर दुर्लंघ्य क्रुर बाँहे,
      चाहते हो नांपना सौंदर्य का तासीर।।
परोसना मत इधर,कामांध नग्नता,
तुम्हें पता नहीं सौंदर्य आखिर है कहां?
आ गये तुम उनकी उच्छृंखल बातों में-
सौंदर्य दृष्टि और चेतना है सत्य कहा,
घृणित नजर और आचरण लेकर-
चल दिये गढने तकदीर।।
         अपनी अतृप्त वासना को कोचने लगे,
         कोमलांगी के कोमल शरीर नोचने लगे,
         कभी खुद पर जुगुप्सा भी न जगी-
        हमने ब्लात् लुटकर भोगा सोचने लगे,
        सर्वथा त्याज्य है यह तेरा चिंत्य और कृत्य-
        अबला पर बल दिखा बन गये वीर।।
नग्नता सौंदर्य नहीं है और न वासना पवित्र,
ये खोलकर रख दिया तेरा खुद का चरित्र,
तुम त्याज्य हो गये,कलुषित देह दृष्टि बो गये-
देखो न लगने लगा सबको तेरा चित्र-विचित्र,
सृजन सौंदर्य पाकर सम्मुख,
और भर दिया चिपचिपा दुख,
सबके नजरों में खुद गीर।।
         ----:भारतका एक ब्राह्मण.
           संजय कुमार मिश्र "अणु"
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गोपालगंज और पूर्वी चंपारण में टूटा गंडक नदी का बांध, 1000 गांव में भरा पानी, 12 साल का किशोर बहा

Posted: 23 Jul 2020 10:22 PM PDT

नेपाल और उत्तर बिहार में पिछले चार-पांच दिन से हो रही बारिश के चलते गंडक नदी उफनाई हुई है। शुक्रवार को गोपालगंज और पूर्वी चंपारण में गंडक का बांध तीन जगह टूट गया। बांध टूटने से 1000 से अधिक गांव में पानी भर गया है। लोग जान बचाने के लिए ऊंचे स्थान की ओर पलायन कर रहे हैं।बांध टूटने से दोनों जिले के एक लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।

घर में पानी भर जाने के चलते सुरक्षित स्थान की ओर जाते ग्रामीण।

देवापुर के पास सारण मुख्य बांध टूटा
गोपालगंज जिले के बरौली प्रखंड में देवापुर के पास सारण मुख्य बांध टूट गया है। पानी तेजी से एनएच 28 की ओर बह रहा है। एनएच पर पानी का दबाव बढ़ गया है, जिससे इसके कटने का खतरा है। हादसा रोकने के लिए कई जगह बैरिकेडिंग की गई है। वहीं, देवापुर में पानी की तेज धारा में एक 12 साल का किशोर बह गया है। उसकी तलाश की जा रही है। देवापुर के बाद मांझागढ़ के पुरैना में भी सारण बांध टूट गया है, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई है।

अपने मवेशी और सामान लेकर ऊंचे स्थान की ओर जाते गांव के लोग।

भवानीपुर में टूटा चंपारण बांध
पूर्वी चंपारण जिले के संग्रामपुर प्रखंड के दक्षिणी भवानीपुर पंचायत के निहालु टोला में करीब 10 फीट की चौड़ाई में गंडक नदी पर बना चंपारण बांध टूट गया है। बांध टूटने का दायरा बढ़ रहा है। पानी तेजी से आस-पास के करीब 600 गांव में फैल रहा है, जिससे गांव के लोग घर छोड़कर ऊंचे स्थान की ओर जा रहे हैं। एसएच 74 पर भी पानी चढ़ने लगा है।दक्षिणी भवानीपुर में गांव होकर नदी ने धारा बनाया है। डीएम और एसपी कैंप कर रहे हैं। एनडीआरएफ की कई टीम तैनात है। जवान लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थान तक ले जा रहे हैं।

दरभंगा समस्तीपुर रेलखंड पर ट्रेन परिचालन बंद
हायाघाट मुंडा पुल तक पानी पहुंच जाने के चलते रेलवे ने सावधानी बरतते हुए दरभंगा समस्तीपुर रेलखंड पर ट्रेन परिचालन बंद कर दिया है। बिहार संपर्क क्रांति का रूट बदला गया है। अब ट्रेन सीतामढ़ी होकर जाएगी।



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पूर्वी चंपारण जिले के संग्रामपुर में टूटे चंपारण बांध से बहता पानी।


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/news/bihar-flood-gandak-river-dam-broken-in-gopalganj-and-east-champaran-water-filled-in-1000-villages-127546643.html

स्वातंत्र्य योद्धा साहित्यकार थे विंध्याचल प्रसाद गुप्त :- डा अनिल सुलभ

Posted: 23 Jul 2020 07:54 PM PDT

पुण्यतिथि (२४ जुलाई ) पर विशेष 
स्वातंत्र्य योद्धा साहित्यकार थे विंध्याचल प्रसाद गुप्त :- डा अनिल सुलभ 

महात्मा गांधी के ऐतिहासिक चंपारण-सत्याग्रह की गूँज के बीच अपनी आँखें खोलने वाले और संघर्षों में पगे महान स्वतंत्रता-सेनानी विंध्याचल प्रसाद गुप्त उतने ही महान कवि और साहित्यकार भी थे। वे उसी पावन भूमि के वीर सपूत थे, जहाँ से भारत की स्वतंत्रता का निर्णायक और महान संग्राम आरंभ हुआ था। वे गांधी जी द्वारा स्थापित विद्यालय के निष्ठावान विद्यार्थी और सत्य के उत्साही आग्रही होने के साथ एक ऐसे स्वातंत्र्य-वीर थे जिन्हें, गांधी जी द्वारा चलाए गए, चंपारण-सत्याग्रह, नामक-सत्याग्रह और 'अंग्रेज़ों भारत छोड़ो आंदोलन' अर्थात अगस्त-क्रांति समेत भारत की स्वतंत्रता के लिए आहूत अनेक आंदोलनों में भाग लेने का अवसर मिला। वे क्रांति और परिवर्तन के कवि थे। उनकी रचनाओं में चंपारण का भोलापन, आंदोलन का प्रखर स्वर और नव-निर्माण का मृदुल गान व्यंजित हुआ। उनका संपूर्ण जीवन राष्ट्र,राष्ट्रभाषा और राष्ट्रीयता के लिए समर्पित रहा। वे पहले साहित्यकार थे, जिन्होंने विश्व-विश्रुत चंपारण-सत्याग्रह के 'सूत्रधार' परम श्रद्धेय पं राज कुमार शुक्ल के त्यागमय-जीवन पर लेखनी उठाई और 'चंपारण: नील के धब्बे' शीर्षक से प्रकाशित पुस्तक का प्रणयन किया। स्वतंत्रता आंदोलन ने उनके मन और लेखनी को जो ऊर्जा और प्रेरणा दी, वह उन्हें कभी विश्राम करने नही दिया। तरुणाई में ही, देश और समाज के लिए जो अग्नि उनके अंतर में जल उठी थी, वह चिता की अग्नि के साथ ही बुझी। उनकी लेखनी ने भी तभी विराम लिया। और इस अवधि में, साहित्य की प्रायः सभी विधाओं में साधनारत हो, उन्होंने ६८ से अधिक अत्यंत मूल्यवान पुस्तकों से माँ भारती की अर्चना की। देश की सर्वतोभावेन सेवा करने वाले वे एक विरल व्यक्तित्व और भावितात्मा साहित्यकार थे। देवोपम गुणों से युक्त एक वन्दनीय महापुरुष ! 
गुप्त जी का आविर्भाव पश्चिम चंपारण (वेतिया) जिले के चनपटिया कस्बे में २६ अक्टूबर १९१५ को, एक निम्न मध्यम वर्गीय वैश्य परिवार में हुआ था। पिताश्री बनारसी साह, नील की खेती करनेवाले अन्य किसानों की भाँति एक किसान थे और उनका एक छोटा वस्त्र-व्यवसाय भी था। यह वह काल था जब चंपारण के किसान, नील की खेती के लिए विवश करने वाले 'अंग्रेज़-ज़मींदारों' से त्रस्त और उससे बचने के लिए, वेचैनी से किसी उद्धारक मसीहा की बाट जोह रहे थे। किसानों की पीड़ा से द्रवित और व्यथित किसान-नेता पं राज कुमार शुक्ल के भगीरथ प्रयास से गांधी जी चंपारण आए थे। सत्याग्रह का बीज वपन हुआ था और संत्रास की ज्वाला-मुखी से अंतर हीं अंतर धधक रहा चंपारण एक महाविस्फोट के लिए तैयार हो चुका था। इसी पृष्ठ-भूमि में जन्म लिए बालक विंध्याचल की प्रारंभिक शिक्षा, गांधी जी द्वारा चनपटिया में स्थापित राष्ट्रीय विद्यालय में हुई। पुत्र के प्रति सजग पिता ने उन्हें उच्च शिक्षा के लिए काशी विद्यापीठ, बनारस भेज दिया। वहाँ से वे अयोध्या गए, जहाँ उन्होंने 'संस्कृत विद्यालय' से इसी विषय में भाषा और साहित्य में उपाधि प्राप्त की। कालांतर में ( १९३९ ) में तिरुपति,मद्रास (अब चेन्नई) से 'साहित्य भूषण' की भी उपाधि प्राप्त की।
जब तक वे तरुणावस्था को प्राप्त हुए, चंपारण-सत्याग्रह भी युवा-ऊर्जा को प्राप्त कर चुका था। चंपारण का सामान्य किसान तक उस आंदोलन में कूद पड़े थे, तो विंध्याचल जैसा राष्ट्र-धर्मी तरुण कैसे अछूते रह सकते थे। वे भी आंदोलन में सक्रिए हो गए। उनका संबंध चंपारण के प्रायः सभी प्रमुख आंदोलन कारियों से नैकट्य का हो चुका था,उनमे गांधी जी के अहिंसक सत्याग्रही नेता तो थे हीं, रक्त-क्रांति में विश्वास रखने वाले युवा क्रांतिकारी कमलनाथ तिवारी, केदारमणि शुक्ल, गुलाब चंद्र गुप्त 'गुलाली' तथा कपिलदेव राय जैसे वलिदानी भी सम्मिलित थे। उन्होंने वर्ष १९२८ में, गुलाब चंद्र के सहयोग से चनपटिया में, देश के महान सपूत और वालिदानी स्वतंत्रता सेनानी 'लाला लाजपत राय' की स्मृति में, 'लाजपत पुस्तकालय' की भी स्थापना की थी, जिसमें आंदोलन-संबंधी पुस्तकें एवं साहित्य संग्रहित थे, जिस पर अंग्रेज़ी सरकार की कुदृष्टि पड़ी और छापे पड़े तो उसका नाम परिवर्तित कर 'वैदिक पुस्तकालय' कर दिया गया। 
क्रांतिकारी गतिविधियों के साथ पुस्तकालय के संचालन और आंदोलन साहित्य के अध्ययन ने उन्हें लेखन के प्रति प्रेरित किया। उन पर कथा-सम्राट मुंशी प्रेमचंद्र और बंगला-साहित्यकार बंकिम चंद्र चटोपाध्याय और शरत चंद्र का भी गहरा प्रभाव था। प्रेमचंद्र की एक कहानी 'आज़ाद-कथा' से अनुप्राणित होकर, उन्होंने अपनी पहली कहानी १९३७ में लिखी, जिसका प्रकाशन 'ग़रीब किसान' शीर्षक से, सुप्रसिद्ध साप्ताहिक-पत्र'योगी' (पटना) में हुआ। इस कथा को साहित्य-समाज में व्यापक स्वीकृति मिली, जिससे उत्साहित होकर उन्होंने लेखन को अपना अभीष्ट बना लिया और जीवन पर्यन्त लिखते रहे। गद्य और पद्य साहित्य की प्रायः सभी प्रचलित विधाओं में लिखा। कहानी, उपन्यास, नाटक, निबंध,नाट्य-रूपक, काव्य, गीति-रूपक, व्यंग्य, संस्मरण, जीवनी और बाल-साहित्य भी। 'मुस्कान', 'बिखरे आँसू' ( कहानी संग्रह ), 'शीश-दान' (नाटक), 'अमिट रेखाएँ' (एकांकी-संग्रह), 'आँधी पानी', 'नई किरण', 'सूरज चाँद सितारें', 'कजरारे बादल' ( सभी काव्य-संग्रह), 'भीगी आँखें', 'लहरों के बीच', हँसती आँखें', 'आधी रात', 'राह का पत्थर', 'किनारे की ओर', 'नीली साड़ी', 'आग और आँसू', 'तूफ़ान के तिनके' , 'शमा जलती रही', 'सीमा और उड़ान', छोटे बड़े लोग' (सभी उपन्यास), 'पकौड़ी साह ज़िंदाबाद', 'ऊँची नाक', उल्टा अस्तुरा', 'बोतलानंद', पाँचों अंगुलियाँ घी में', 'ओटीआर अमर हो', 'नया ज़माना नया रंग' (सभी व्यंग्य-साहित्य), 'परियों की रानी', सोने की बुलबुल', सोने का पेड़', जादू का पलंग', 'जादू की नगरी', 'राजा का बेटा' ( सभी बाल-साहित्य ), 'चंपारण : नील के धब्बे', 'क्रांतिकारी भूले-बिसरे' तथा 'क्रांति-यात्रा' ( सभी संस्मरण-साहित्य)समेत ६८ पुस्तको से उन्होंने हिन्दी साहित्य का भण्डार भरा। 'क्रांति-यात्रा', जो उनकी अंतिम कृति रही, का प्रकाशन उनके निधन के पश्चात हो सका। उनके एक उपन्यास 'लहरों के बीच' का तमिल भाषा में अनुवाद भी हुआ था।
'चंपारण : नील के धब्बे' उनके द्वारा लिखित निलहे किसानों की दर्दभरी कहानी का जीवंत दस्तावेज़ और उनके प्रथम-उद्धारक पं राज कुमार शुक्ल की प्रतीकार-कथा है। निलहे ज़मींदारों से मुक्ति के लिए पं शुक्ल के महान उद्योग और उनके जीवन पर लिखी यह प्रथम कृति है, जिसकी प्रशंसा देश के प्रथम राष्ट्रपति तथा चंपारण-सत्याग्रह में महात्मा गांधी के प्रमुख सहयोगी रहे देश-रत्न डा राजेंद्र प्रसाद ने भी की। उन्होंने राष्ट्रपति भवन से, १५ अक्टूबर १९५९ को, पत्र लिखकर गुप्त जी के प्रति इन शब्दों में साधुभाव प्रकट किया कि, "मुझे यह जानकर ख़ुशी हुई कि स्वर्गीय श्री राज कुमार शुक्ल की स्मृति में आपने 'चंपारण और नील के धब्बे' नामक पुस्तक लिखी है। पुस्तक की एक प्रति मुझे भी देखने को मिली। चंपारण-सत्याग्रह हमारे राष्ट्रीय आंदोलन में महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है और श्री राज कुमार शुक्ल उन व्यक्तियों में थे, जिन्होंने इस सत्याग्रह में प्रमुख (रूप से) भाग लिया। मुझे उनके काफ़ी निकट आने का अवसर मिला था और इसलिए मुझे यह पुस्तक देखकर बड़ी ख़ुशी हुई कि इस प्रकार से उनकी स्मृति सदा ताज़ा रहेगी। मैं आपके इस प्रयास को स्तुत्य समझता हूँ और आपको बधाई देता हूँ।"
गुप्त जी पटना में आकाशवाणी केंद्र की स्थापना के काल से ही जुड़ गए थे। आकाशवाणी से उनके काव्य-पाठ और उनके द्वारा रचित 'रेडियो-रूपक' का भी प्रसारण होता रहा। वाग्देवी उन पर सर्वतोभावेन कृपालु बनी रही। न केवल उन्हें कोमल भावनाओं और कवित्त-शक्ति से ही परिपूर्ण किया, अपितु उन्हें मधुर कंठ भी प्रदान किए। गुप्त जी का काव्य-पाठ भी, गीत-शिरोमणि आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री के मधुर गान की भाँति ही मनोहारी होता था। वे 'चंपारण के कोकिल' कहे जाते थे। यही कारण था कि वे देश भर के कवि-सम्मेलनों में न केवल मंच की शोभा, अपितु श्रोताओं के कंठ-हार भी बन जाते थे। काव्य-मंचों के आदरणीय और लोकप्रिय कवि के रूप में उनकी बड़ी प्रतिष्ठा थी। आरंभ की उनकी रचनाएँ जहाँ क्रांति का आह्वान करती हुआ करती थीं, तो स्वतंत्रता के पश्चात समाज की अकुलाहट और वेचैनी का प्रतिनिधित्व भी। जब देश ने क्रांतिकारियों को भूलना आरंभ कर दिया तब उन्होंने 'क्रांतिकारी भूले-बिसरे' लिख कर देश की स्मृति को ताज़ा किया और जब उन्हें लगा कि भारत एक बार फिर छल-प्रपंच' का शिकार हो रहा है तो अपने व्यंग्य-साहित्य से, ऐसे पाखंडियों और भ्रष्टाचारियों पर अग्नि-वाण भी छोड़े। उन्होंने अपने गीत की इन पंक्तियों से युवाओं का आह्वान किया कि :"हमें शहीदों के सपने को सत्य बनाना है/ हर घर में आज़ादी का सूरज पहुँचाना है/ प्राण-प्राण में मानवता का दीप जलाना है/ हमें देश को, अपनी मिहनत से चमकाना है।"
वे बच्चों को देश का भविष्य मानते हुए, और कि वे संस्कारी बनें, अनेक बाल-साहित्य का सृजन किया। उनकी भाषा अत्यंत सरल, आकर्षक और प्रेरणादायक होती थी। उनके बाल-साहित्य की विशेषता यह थी कि उनमे कहीं भी संयुक्ताक्षर का प्रयोग नही हुआ। इसीलिए बच्चों में उनका साहित्य अत्यंत लोकप्रिय हुआ। उनके बाल साहित्य 'चंदामामा' जैसी बालोपयोगी पत्रिकाओं में भी छपा करती थी। 
गुप्त जी बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन समेत अनेक साहित्यिक संस्थाओं से भी जुड़े रहे। चंपारण ज़िला हिन्दी साहित्य सम्मेलन ने उनका अभिनंदन भी किया था। उनकी दीर्घ क़ालीन साहित्य-सेवा के लिए राजभाषा विभाग (बिहार सरकार) ने १९७७ में पुरस्कृत किया। चनपटिया में २६ अक्टूबर १९८२ को, उनके ६७वें जन्म दिवस पर एक बड़ा समारोह आयोजित कर उनका नागरिक अभिनंदन किया गया। १९८७ में उनके जन्म दिवस पर, उनपर केंद्रित एक साहित्यिक पत्रिका 'दर्शन-मंथन' का मुज़फ़्फ़रपुर में प्रकाशन किया गया। यह सब उस तपस्वी-साधक की अविराम साधना की सामाजिक स्वीकृति की दिशा में एक आदर-पुष्प ही तो था। यों उनका देश के प्रति और साहित्य के प्रति जो अवदान रहा है, वह कुछ और बड़े की अपेक्षा रखता था। 
उनके कोमल भावों में प्रकृति, प्रेम और ऋंगार के लिए भी पर्याप्त स्थान था। तभी तो उन्होंने 'पंचमी वसंत की' और 'झूम रहा वृंदावन' जैसी प्रेम और श्रींगार की रचनाएँ की। उनकी ये पंक्तियाँ;- "छलकाती अमृत की धार/ आई-आई वसंत बहार/ माथे पर चंदा की विंदा लगाकर/नयनों में जीवन के सपने जगाकर/ फूलों का करके ऋंगार/ आई-आई वसंत बहार" काव्य-लालित्य पर उनके अधिकार का सहज परिचय देती हैं। 
२४ जुलाई, १९९२ को गुप्त जी, ७७ वर्ष की आयु में अपने पार्थिव देह का त्याग कर 'गोलोक' के लिए विदा हो गए। किसी को सेवा का अवसर नहीं दिया। जिस प्रकार उन्होंने अपने जीवन सुधारे, उसी प्रकार 'मृत्य' भी सुधार ली, और अपने साहित्य-संस्कार को अगली पीढ़ियों को भी दे कर विदा हुए। उनके बड़े पुत्र स्व चंद्र किशोर गुप्त भी एक लोकप्रिय कवि हुए और उनके दो पौत्र श्री दीपक कुमार गुप्त और श्री अजित कुमार गुप्त ( दोनों चंद्र किशोर गुप्त के पुत्र) अपने साहित्य-संस्कार को परिमार्जित कर रहे हैं। साहित्य-समाज में इन दोनों की 'सुकवि'के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त हो रही है।
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कम्युनिस्ट सर्वहारा वर्ग की तानाशाही (dictatorship of the proletariat) में विश्वास रखते हैं|

Posted: 23 Jul 2020 07:50 PM PDT

कम्युनिस्ट सर्वहारा वर्ग की तानाशाही (dictatorship of the proletariat) में विश्वास रखते हैं और हमारा संविधान संसदीय लोकतन्त्र पर आधारित है | यही वजह है कि कम्युनिस्ट भारतीय संविधान में आस्था नहीं रखते हैं ।

संकलन अश्विनी कुमार तिवारी
अगर आप समझ रहे हैं कि ऐसा सिर्फ हम कहते हैं तो आप गलत समझ रहे हैं | बाबा साहब भीमराव रामजी आंबेडकर ने लगभग ऐसा 25 नवम्बर 1949 को ही कह दिया था | संविधान का ड्राफ्ट मजूर होने से ठीक एक दिन पहले का उनका अधिकारिक भाषण देखा जा सकता है |

एक पतली सी किताब है, कम्युनिस्ट मैनिफेस्टो | जब आप उस के चौथे अध्याय का आखरी हिस्सा देंखेंगे तो आप "सर्वहारा की तानाशाही" से परिचित हो सकेंगे | इस आयातित विचाधारा में कहीं लोकतंत्र का कोई स्थान नहीं होता | यही कारण है कि विश्व में आप जहाँ भी देखेंगे वहां आपको वामपंथी तानाशाह ही मिलेंगे |

सशस्त्र जन क्रांति इनका सत्ता हथियाने का तरीका होता है, जिसे आम तौर पर armed urban revolution कहते हैं | इसमें शहरी जनता का एक बड़ा वर्ग हथियार उठाकर, मुट्ठी भर झूठे-मक्कार-फरेबियों के खिलाफ विद्रोह कर देता है | इस वजह से वामपंथी तख्ता-पलट की घटनाएं हमेशा रक्त रंजित रही हैं | भारत में ये तरीका कभी सफल नहीं हो पाया |

जैसे हिन्दुओं में "वसुधैव कुटुम्बकम" की अवधारणा होती है वैसे ही कम्युनिस्ट भी विश्व के सभी मजदूरों के एक होने की वकालत करते हैं | इस वजह से कम्युनिस्ट राष्ट्र की अवधारणा में यकीन नहीं करते | भौगोलिक सीमाओं से परे उनके लिए पाकिस्तान और भारत दोनों के मजदूरों में एकता होगी |

लिउ शिआओबा चीनी थे, सहित्य आलोचक थे, लेखक थे और मानवाधिकारों की वकालत करते थे | वो चीन में कम्युनिस्ट के बदले लोकतान्त्रिक सरकार की स्थापना चाहते थे | ऐसा सोचने के जुर्म में उन्हें चौथी बार जेल में डाला गया था | जेल में होने के कारण जब उन्हें नॉबेल पुरस्कार मिला तो वो उसे लेने नहीं जा पाए | अब वो पुरस्कार लेने नहीं जायेंगे, कॉमरेडों के कारावास में उनकी मृत्यु हो गई है |
✍🏻आनन्द कुमार जी की पोस्टों से संग्रहित

स्वर्ण के परिशोधन का तरीका उसे आग में तपाना ही होता है | इस प्रक्रिया में सोना तो जैसे का तैसा, शुद्ध रूप में बाहर आ जाता है | मैल सारा जल जाता है | हिन्दुओं की स्वयं से प्रश्न करने की इसी विशेषता ने धर्म को बार बार अग्नि परीक्षा जैसे कसौटी से गुजरने पर मजबूर किया | नतीजा ये हुआ कि हमारे पास धर्म बड़े ही परिशोधित रूप में आया |
तुलनात्मक रूप से अन्य रिलिजन, या मजहब के पैरोकार सवाल पूछने की इजाजत नहीं देते | इसे ब्लासफेमी या फिर कुफ्र जैसे नाम से बुलाया जाता है | सजाएं इतनी सख्त हो सकती थी कि सवाल उठाने की हिम्मत कम ही लोगों की हुई | किसी ने गलती से सवाल किये भी तो उनका मंसूर-सरमद का सा हाल हुआ |
इसका नमूना आप सबसे नए पैदा हुए रिलिजन कम्युनिज्म में देख सकते हैं | रिलिजन के ABC पर ये खरा उतरता है | Assure यानि ये सभी दुखों से मुक्ति का भरोसा दिलाता है | Belief में इनका इश्वर के ना होने और अन्य कई सिद्धांतों में विश्वास भी है | Convert यानि अन्य मजहबों के लोगों को ये अपने पक्ष में मिलाने के लिए तर्क पर भरोसा भी कर सकते हैं |
बाकी मजहबों-रिलिजन की तरह यहाँ भी सवाल करने की इजाजत नहीं होती | मार्क्सवादी, लेनिनवादी, या माओवादी और अन्य छोटी मोटी जातियों के उदय का भी इनमें अध्ययन किया जा सकता है | एक दुसरे के साथ मंच साझा ना करने, अनपर्सन (unperson) जैसी समाज से व्यक्ति को बहिष्कृत करने की प्रथाओं में आप इनका छुआछूत भी देख सकते हैं |
रिलिजन-मजहब के उत्थान और पतन पर शोध करने वालों को कम्युनिज्म पर भी ध्यान देना चाहिए |

पाकिस्तान के बनने के पीछे मुख्य वजह जिन्नाह की जिद और उनका प्रधानमंत्री बनने का सपना माना जाता है।  गाँधी जी को दोष दिया जाता है की उन्होंने भारत के विभाजन को रोकने के लिए कुछ नहीं किया , जबकि उन्होंने कहा था की भारत का विभाजन उनकी लाश पर होगा।  अंग्रेजो को भी दोष दिया जाता है की उन्होंने ही भारत के दो टुकड़े किये , डिवाइड एंड रूल पॉलिसी का नतीजा।  

खैर आज बात कुछ अलग।  

पाकिस्तान बनने की तमाम कहानियों में आज एक कहानी ये भी।  

पाकिस्तान बनाने की आधिकारिक मांग मुस्लिम लीग ने 1940 में अपने लाहौर अधिवेशन में की थी।  लीग के अनुसार हिन्दू और मुस्लमान दो अलग अलग राष्ट्र थे और मुस्लिम जनता को अधिकार था की वो अंग्रेजो से अलग देश की मांग करे।   लीग के मुताबिक कांग्रेस सिर्फ हिन्दुओ को रिप्रेजेंट करती थी और हिन्दू हितो के लिए प्रतिबद्ध थी।  लीग का कहना था की सिर्फ वही मुस्लिम आवाज है।  

जैसा की अपेक्षित था , कांग्रेस ने लीग की इस मांग का विरोध किया।  लीग को अंग्रेजो के इशारे पर चलने वाली पार्टी बताया।  भारत की आजादी की मांग को कमजोर करने की साजिश बताया।  

न सिर्फ कांग्रेस बल्कि तमाम अन्य मुस्लिम पार्टियों ने भी लीग की अलग पाकिस्तान की मांग का विरोध किया।  इनमे भारत की जमाते इस्लामी थी तो तबके पाकिस्तान की खाकसार तहरीक , यूनियनिस्ट पार्टी भी थी जो लीग की इस मांग का विरोध कर रही थी।  

पूरे यूनाइटेड भारत में कोई पार्टी या संगठन लीग की इस मांग के साथ नहीं खड़ा था , सिवाय 

मुस्लिम लीग को अलग पाकिस्तान की मांग का समर्थन कम्युनिस्ट पार्टी से मिला।  सन 42 और उसके बाद कम्युनिस्ट पार्टी ने मुस्लिम लीग की अलग देश की मांग का खुल कर समर्थन किया।  

एक्चुली साम्यवाद साइंटिफिक यानी वैज्ञानिक धर्म है।  तबके कम्युनिस्टो ने वैज्ञानिक तरीके से लीग की मांग का दो साल तक अध्ययन किया और उसके बाद उनकी अधिकारी रिपोर्ट आयी।  

जी ऍम अधिकारी एक महान कम्युनिस्ट का नाम है जिन्होंने नेशनलिटी की वैज्ञानिक परिभाषा दी 

A nation is a historically evolved stable community of language territory economic life and psychological make up manifested in a community of culture

इस वैज्ञानिक परिभाषा के मुताबिक तमाम व्यापार , फैक्ट्री और नौकरियां हिन्दू हाथों में थीं , और मुस्लिम शोषित थे।  न सिर्फ अंग्रेजो से बल्कि हिन्दुओ से भी।  और मुस्लिम जनता को अंग्रेजो के साथ हिन्दुओ की गुलामी से आजाद होने का पूरा अधिकार था।  

Right of self determination 

1944 में कही गयी इस बात की गूँज आज भी कश्मीर के सन्दर्भ में सुनाई देती है।  

लेकिन पाकिस्तान बनाने के लिए कम्युनिस्टो का रोल सिर्फ मौखिक और लिखित समर्थन तक सीमित नहीं है।  

मुस्लिम लीग मुख्यतः  जमींदारों, वकीलो सामंतो बड़े किसानों की पार्टी थी।  आम जनता यानि छोटे किसानों मजदूरो तक उनका प्रभाव कम था।  ये कमी कम्युनिस्ट पार्टी ने पूरी की।  

सन 40 के दशक में कम्युनिस्ट पार्टी भारत की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी थी।  देश भर में उसका बड़ा आधार था।  ये बात ध्यान देने की है की आजादी के बाद प्रथम चुनावो में कम्युनिस्ट पार्टी ही 55 सीटें जीतकर मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी थी।  

कम्युनिस्ट पार्टी ने 1944 में पाकिस्तान की मांग के समर्थन में कैम्पेन शुरू किया।  कम्युनिस्ट पार्टी के मुताबिक पाकिस्तान की मांग प्रोग्रेसिव यानी प्रगतिशील थी और पाकिस्तान मुस्लिम जनता का जन्मसिद्ध अधिकार था।  

खुद जिन्नाह साहब ने स्वीकार किया की लीग से ज्यादा कम्युनिस्ट पार्टी ने अपने प्लेटफॉर्म से पाकिस्तान की मांग को ज्यादा मजबूती से प्रमोट किया।  

कम्युनिस्ट पार्टी ने अपने अख़बार , लेखों , सभाओ के जरिये पाकिस्तान की मांग को आगे बढ़ाया।  

इसके बाद कम्युनिस्ट पार्टी ने अपने तमाम मुस्लिम कामरेडो को मुस्लिम लीग में शामिल होने को कहा।  ताकि लीग के धार्मिक चेहरे को प्रगतिशील , जनपक्षधर चेहरे में बदला जा सके।  

लेकिन लीग ने इस पर एतराज किया।  जिन्नाह और लियाकत अली खान ने शर्त रखी की दोहरी सदस्यता नहीं चलेगी।  तमाम हिन्दू कामरेड तब कांग्रेस के भी सदस्य थे।  लेकिन लीग ने दोहरी सदस्यता से इंकार किया।  

तमाम कामरेडो ने मजबूरन कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्यता छोड़ी और लीग को ज्वाइन किया।  

कम्युनिस्ट पार्टी ने अपनी मजदूर रैलियों , किसान सभाओ में लीग के नेताओ को बुलाना शुरू किया जो किसान मजदूरो को पाकिस्तान की जन्नत के बारे में जागरूक करते थे।  

और इसके बाद 1945 के आम चुनाव आये।  इन चुनावो को मुस्लिम लीग ने पाकिस्तान की मांग के जनमत संग्रह की तरह प्रस्तुत किया और इसी आधार पर लड़ा भी।  

इन चुनावो में लीग का घोषणा पत्र हमारे महान मुस्लिम कामरेडो ने तैयार किया।  पाकिस्तान की मांग को प्रगतिशील , सेक्युलर , किसान मजदूर हितों के साथ मिलाकर प्रस्तुत किया।  

पूरे देश में कम्युनिस्ट पार्टी ने मुस्लिम लीग के उम्मीदवारों के समर्थंन में प्रचार किया।  

इन चुनावो के बाद मुस्लिम लीग और जिन्नाह मुस्लिम जनता की आधिकारिक आवाज के रूप में उभरे।  और अंतिम परिणति भारत के विभाजन के रूप में आयी।  

लेकिन कहानी ख़तम नहीं हुई।  

कहानी तो अभी बाकी है।  लेकिन वो फिर कभी।  

जरा सोचिये ये वही लोग हैं, मुस्लिम और कम्युनिस्ट जो संघ के स्वाधीनता आंदोलन में रोल पर सवाल उठाते हैं।  जो प्रचार करते हैं की सावरकर ने अंग्रेजो से माफ़ी मांगी।  जिनका अपना एक काला इतिहास है वो इतिहास पर उंगली उठाते हैं।  


और इनका चरित्र आज भी वही है।  देश के टुकड़े के बाद भी नहीं बदला।  न कम्युनिस्ट बदले।  आज भी कश्मीर में सेल्फ डिटरमिनेशन की मांग करते हैं।  
✍🏻शरद श्रीवास्तव जी

एमरजेंसी का ही नहीं उसके बाद भी कम्युनिस्ट 1977 के चुनावों में आपातकाल लागू करने वालों का समर्थन कर रहे थे।

एक पोस्ट लिखी थी पिछले वर्ष Marx के 200वें जन्मदिवस पर हुए सम्मेलन में कम्युनिस्ट गैंग का चीन जाना  ... भारत के कम्युनिस्ट गैंग का एक दल नेपाल बार बार जाके वहां के कम्युनिस्ट पार्टी से बातचीत  ....  उसी समय हुए नेपाल के द्वारा पहला भारत का विरोध ... जिस रूस में मार्क्स के जन्मसती को नहीं मनाया गया और दुनिया भर के कम्युनिस्ट ने रूस को लानत भेजा था, एक कम्युनिस्ट अखबार ने लिखा था हैडलाइन   "... Russia forgets Marx  ... "  जहाँ ऐसी ख़बरें निकली वहां हमारे देश के कम्युनिस्ट St Peters berg  में न जाने कौन सा मार्क्स का मेला attend करने गए थे  ... मैंने लिखा था कि उस समय वहां पाकिस्तान और चीन के सेना के अधिकारी के साथ कुछ नेता भी आए थे  .... 
फिर कुछ मोठे सेठों, कड़क राष्ट्रवादियों ने इसको फालतू का बात बोला  ... बाजपेयी जी ने तो गज़ब व्यंग्य भरा कमेंट लिखा था .... हमारे विरोध और गाली देने का सीजन चल रहा था तो कई लोग कम्युनिस्टों  को clean चिट देने आए थे पोस्ट पर  ... खैर  ... 
अब अगला कदम ?  ...  चीन वाला मामला ख़त्म नहीं है  .... कोरोना के रहते अभी यूनिवर्सिटी बंद है तो कुछ समय अगला कदम इन लोगों के अभी स्थगित है  ...  लेकिन अगला कदम ये हो सकता है  ... 
१. भारत के हर product development, innovation को नकारेंगे और उसको फालतू बोलेंगे  ... 
२. जल्द ही स्टार्ट अप से लेकर MSME लोन आदि को लेकर RTI, झूठे लेख और बवाल किए जाएँगे  ... 
३. जहाँ जहाँ नई कम्पनी लग रही हैं वहां आंदोलन होंगे  .. 
४. कुछ संस्थानों में ट्रेड यूनियन हंगामा करने जा रही है  ... 
५. इंफ़्रा प्रोजेक्ट को रोकने के लिए फ़र्ज़ी किसान - मजदूर का एक आंदोलन खड़ा करने की योजना बन रही है  ..  
६. सबसे बड़ा इनका टारगेट आने वाली नई कंपनी हैं  ... 
पूरे हंगामे को करने के लिए इनको पैसे दिए जा रहे हैं NGO के माध्यम से, इस हंगामे से ये लोग इन्वेस्टर के आँखों में भारत को disturbed country दिखा सकें  ... बॉर्डर पर अभी कोई शान्ति नहीं है  .... पश्चिम में वो लतखोर पाकिस्तान बैठा है जिसने पिछले हफ्ते CPEC की किश्त के पेमेंट को आगे बढ़ाने के बदले पता नहीं क्या(###) चीन को भेजी है  ... वो तो रोज लात खाता है उसका कोई ध्यान नहीं देता  ...  लेकन चीन का मोहरा जानते हैं कौन है अगला  .....
भारत की कम्युनिस्ट गैंग अपने आका के इशारे की प्रतीक्षा में है  ....

भारत के कम्युनिस्ट अपने संस्थापक के सगे नहीं हुए  ... ये उसको ही ख़त्म करना चाहते थे फिर ये हमारे आपके कैसे हो सकेंगे  ... 
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लोग कहते है कि CPI की स्थापना 1925 में हुई थी  ...  गलत है  ...  Communist Party of India (CPI) की स्थापना भारत में नहीं हुई थी बल्कि 1920 में ताशकन्द में हुई थी और इसको बनाने का आशीर्वाद दिया था लेनिन ने .. अगर आप CPI का वेबसाइट देखेंगे या फिर किसी कम्युनिष्ट से बात करेंगे तो वो इसको 1925 बताएगा .. बीच के 5 वर्ष गोल कर देने का अनोखा इतिहास है ... 
इसका स्थापना किया था नरेंद्र नाथ भट्टाचार्य ने जिन्होंने अपना नाम MN Roy रख लिया था अमेरिका में .. कारण बताते है थोड़ा आगे ... MN Roy एक क्रांतिकारी थे जिन्होंने मान लिया था कि अंग्रेज़ों से भारत की आज़ादी सिर्फ हथियार के दम पर मिल सकती है ... इसके लिए उन्होंने कई देशों की यात्रा की .. इंडोनेशिया, जापान, चीन, अमेरिका आदि .. अमेरिका में अंग्रेज़ों से गिरफ़्तारी से बचने के लिए इन्होने अपना नाम और पहचान बदल कर MN Roy कर लिया था ...
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MN Roy जब रूस पहुंचे तब लेनिन ने पहले भारत की कम्युनिष्ट पार्टी बनाने को कहा और भारत में कम्युनिज्म का प्रचार करने को कहा .. जिसको उन्होंने माना और CPI की स्थापना किया ... 1919 - 20 में सोवियत संघ के पक्ष में पठानों को लड़ने के लिए M N Roy ही Moscow से ताशकन्द तक एक ट्रैन भर के हथियार लाया था ... जबकि बाद में इन हथियारों का उपयोग पठनों ने भारत के पंजाबी हिन्दुओं और सिक्खों का सफाया करने के लिए इस्तेमाल किया था .. 1924 में "कानपूर कांस्पीरेसी केस" हुआ ... ये भारत में कम्युनिज्म फैलाने का प्रयास था ... इसी तारिख से भारत के कम्युनिस्ट अपना पैदा दिवस प्रस्तुत करते हैं  ... इस कानपूर केस को अंग्रेज़ों ने अपने शासन के खिलाफ एक साजिश माना और कम्युनिष्ट नेता MN Roy, शौकत उस्मानी, ग़ुलाम हुसैन, मुज़फ्फर अहमद, चेट्टियार, नलिनी गुप्ता को दोषी माना ... MN Roy तो गायब हो गए बाकी सब पकडे गए ...  पकड़े गए ये कम्युनिष्ट नेता सरकारी गवाह बन गए ... इन्होने अन्य क्रांतिकारियों के दल में घुसकर अंग्रेज़ों के लिए जासूसी के बदले पैसे और उपाधियाँ पाई ... इसके बाद अधिकतर कम्युनिष्ट नेता अंग्रेज़ों के लिए करते हुए हिन्दू - मुसलमान लड़ाई कराने का काम करने लगे ... इन लोगों ने मुस्लिम लीग के साथ मिलकर भारत के बंटवारे का पूरी ताकत से समर्थन किया ...
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उधर MN Roy अधिकतर भारत में कम्युनिज्म के प्रचार को लेकर कई देशों में सभाएं और गोष्ठियाँ आयोजित करते रहे और भाग लेते रहे .. communist Party of India भारत में Communist International की एक शाखा थी और इसका सारा कण्ट्रोल रूस में था .. जैसा रूसी कहते उनको वैसा ही करना होता था .. एक थे Heinrich Brandler जो की जर्मनी के कम्युनिस्ट ट्रेड यूनियन से सम्बद्ध थे .. वो कम्युनिस्ट थे लेकिन कम्युनिज्म के एक ग्रुप और नेता के ढर्रे पर चलने की जगह सबके साथ पर विश्वास करते थे .. इसके चलते Communist International ने उनको communist बिरादरी से बाहर कर दिया था ... MN Roy उन्ही Heinrich Brandler से प्रभवित हो चले थे ... 1927 में MN Roy को रूस ने Communist International का चीन में होने वाले सम्मलेन में अपना प्रतिनधि बना के भेजा था ... वहां उन्होंने कम्युनिष्ट प्रोपेगंडा चलाने वाले प्रेस को बंद करके लोगों की आवाज़ उठाने की वकालत किया .. उन्होंने अपने बोलने के हक़ का आवाज़ उठाया .. उन्होंने भारत में ब्रिटिश राज के खिलाफ आम आदमी के राज और सहभागिता का वकालत किया ... इसका नतीजा ये रहा की Communist International ने तुरंत ही MN Roy को अपने कम्युनिष्ट बिरादरी से अलग कर दिया ... वो रूस गए जहाँ से उनको Heinrich Brandler के नजदीकी के कारण कोई मदद नहीं मिला 
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इसके बाद MN Roy वापस भारत आये और ब्रिटिश सरकार ने कानपूर conspiracy वाला वारंट जारी करके गिरफ्तार कर लिया ... फिर भी वो अभी भी मार्क्सवादी विचरों की हिमायत करते थे .. 1936 में ख़राब सेहत के कारण जेल से रिहा हुए और कांग्रेस ज्वाइन करने के लिए नेहरू से मिले .. नेहरू ने फ़िरोज़पुर अधिवेशन में उनका स्वागत किया जबकि उस समय की भारत के कम्युनिष्ट पार्टियों ने कांग्रेस के अधिवेशन और MN Roy का बहिष्कार किया ... कुछ वर्षों के बाद उनका कांग्रेस से मोहभंग हुआ क्योंकि उनको लगा की कांग्रेस भारत की आज़ादी के लिए नहीं लड़ रही है ... इसलिए उन्होंने Radical Democratic Party का स्थापना किया जो कि एक राष्ट्रवादी, गैर कम्युनिष्ट और गैर कांग्रेसी पार्टी थी ... वो स्वामी विवेकानन्द, और श्री औरोबिन्दो के आदर्शों के नज़दीक होते गए ... उन्होंने WW II के समय कांग्रेस और गाँधी द्वारा अंग्रेज़ों की मदद और भारतीय सैनिक भेजे जाने का विरोध किया ... भारत के कम्युनिष्टों ने 1927 के बाद उनके हर बात का विरोध किया ... 1925 के बाद से ही जब वो रूसी छत्रछाया से निकलकर Heinrich Brandler के करीब आना चालू हुए तबसे ही भारत के कम्युनिष्ट उनके धुर विरोधी हो गए ...
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भारत के कम्युनिष्ट अपने ही founder MN Roy को ख़त्म कर देना चाहते थे क्योंकि वो राष्ट्रवादी निकला, वो लेनिन के खिलाफ गया, उसको भारत से मतलब था, वो कांग्रेस के तरीकों से सहमत नहीं था, वो अंग्रेज़ों के खिलाफ उग्र राष्ट्रवाद और सत्ता में कांग्रेस की पूर्ण अधिकार के जगह भारत के जनता की भागेदारी की तरफ था ... आज़ादी के बाद उसने कांग्रेस के फेंके टुकड़ों पर पलने से इंकार कर दिया .. उसको भारत के कम्युनिष्ट नहीं मानते ... CPI से लेकर फुदकुए कम्युनिष्ट उसका नाम नहीं लेना चाहते , न ही कभी लेते हैं ...
.✍🏻रंजय त्रिपाठी
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डुमरिया-सरडीहा क्वारेंटाइन सेंटर में मिले संक्रमित

Posted: 23 Jul 2020 07:22 PM PDT

डुमरिया के बड़ाबोतला गांव के 19 वर्षीय युवक कोरोना पाॅजिटिव निकला है। वह प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय डुमरिया स्थित क्वारेंटाइन सेंटर में था। वह 13 जुलाई को कोलकाता से अन्य चार युवकों के साथ आया था। अन्य चार युवक पाण्डुसाई गांव के हैं। इन युवकों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। बड़ाबोतला के युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बावजूद रात साढ़े आठ बजे तक उसे डुमरिया क्वारेंटाइन सेंटर मे ही अलग कमरे में रखा गया था। क्योंकि उसे लेने जमशेदपुर से गाड़ी नहीं आई थी। दूसरी ओर, चाकुलिया प्रखंड स्थित सरडीहा क्वारेंटाइन सेंटर से गुरुवार को 1 कोरोना पाॅजिटिव मरीज मिला। यह प्रवासी मजदूर पिछले सप्ताह कोलकाता से लौटा था।



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source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/dumria/news/infected-found-at-dumaria-sardiha-quarantine-center-127546364.html

विस चुनाव को ले डीआईजी ने किया 69 पुलिसवालों का तबादला, काेराेना काल को देख एडीजी ने लगाई रोक

Posted: 23 Jul 2020 06:22 PM PDT

विधानसभा चुनाव को देखते हुए बुधवार की देर शाम डीआईजी सुजीत कुमार ने एक जिले में 3 वर्ष तक पदस्थापित रहने वाले 10 इंस्पेक्टर, 54 दारोगा और 5 प्रारक्ष अवर निरीक्षक (प्रशिक्षण) का तबादला कर दिया। इसमें भागलपुर रेंज के तीनों जिले भागलपुर, बांका और नवगछिया के पुलिसवाले शामिल थे। उधर, अपर पुलिस महानिदेशक जितेंद्र कुमार ने लॉकडाउन और कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य भर में हर तरह के तबादले पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया।

एडीजी के जारी आदेश के बाद रेंज के तीनों जिलों के 69 पुलिसवालों के तबादले पर तत्काल रोक लग गई और जो जहां पदस्थापित है, उसी स्थान पर बने रहेंगे। जारी किए गए आदेश में यह साफ कर दिया कि पुलिस पदाधिकारी और कर्मियों के किए गए स्थानांतरण को अगले आदेश तक क्रियान्वयन नहीं किया जाए। यानी स्थानांतरित पदाधिकारी और कर्मी को विरमित नहीं किए जाएं।
यदि विरमित आदेश जारी हो चुका है और स्थानांतरित पुलिस पदाधिकारी और कर्मी भौतिक रूप से प्रस्थान नहीं किए हों, तो उनका पुन: समायोजन मूल कार्यालय में ही कर लिया जाए। बताया जाता है कि उक्त तबादले को लेकर डीआईजी ने तीनों जिले के एसपी के साथ पहले ही बैठक की थी। इसके बाद बुधवार की देर शाम तबादले की सूची को अंतिम रूप दिया था। इसमें कुछ वैसे पुलिस पदाधिकारी भी बदले गए, जो सेवानिवृत्ति निकटता के आधार पर अपने गृह जिले में नौकरी रह रहे थे।

जिन पुलिस पदाधिकारियों का रिटायरमेंट 6 माह से कम है, उनके तबादले पर विचार नहीं किया गया। लेकिन जो 6 माह बाद रिटायर होंगे, उनको गृह जिले से स्थानांतरित कर रेंज के दूसरे जिले में भेज दिया गया था। बताया गया कि इस तबादले के बाद जल्द ही सिपाही, हवलदार का भी स्थानांतरण होना था, जो एक जिला में तीन साल या उससे अधिक समय से नौकरी कर रहे हैं। स्थानांतरित होने वाले प्रमुख इंस्पेक्टरों में कोतवाली इंस्पेक्टर अमर विश्वास, विधि व्यवस्था इंस्पेक्टर कुणाल आनंद चक्रवर्ती, अभियोजन कोषांग प्रभारी मो. इनामुल्लाह, कहलगांव सर्किल इंस्पेक्टर अजीत कुमार सिंह सहित अन्य के नाम शामिल थे।



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source https://www.bhaskar.com/local/bihar/bhagalpur/news/the-dig-transferred-69-policemen-for-the-election-of-vis-127546208.html

कांव नदी में लग्जरी कार पलटने से चाचा-भतीजा की मौत, 3 लोग बचे

Posted: 23 Jul 2020 05:22 PM PDT

डुमरांव-बिक्रमगंज सड़क पर बासुदेवा ओपी के मकुंदडेरा गांव के पास कांव नदी में लग्जरी कार पलटने से चाचा-भतीजे की मौत हो गई। वही उसमें सवार किशोरी समेत तीन लोग बाल-बाल बच निकले। घटना बुधवार की रात 12 बजे की है। सूचना पर पहुंची बासुदेवा पुलिस ने वाहन से शव को बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए बक्सर भेज दिया है।

मृतक की पहचान डेहरी ऑन सोन के मनौरा गांव निवासी अजय कुमार सिंह (45 वर्ष) व शुभम कुमार (35 वर्ष) के रूप में की गई है। कार में एक ही परिवार के कुल पांच लोग सवार थे। अजय कुमार सिंह भतीजा समेत परिवार के साथ कार से यूपी के गोरखपुर से अपने गांव के लिए रवाना हुए थे। जिसमें शुभम कार चला रहा था। इसी दौरान मकुंदडेरा गांव के पास उसे झपकी आ गई और गाड़ी अनियंत्रित होकर कांव नदी मे पलट गई। चाचा-भतीजा की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। जबकि पीछे बैठे किशोरी समेत तीन लोग सुरक्षित बच निकले।



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Uncle's nephew dies due to overturning of luxury car in Kav river, 3 left


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/nawanagr/news/uncles-nephew-dies-due-to-overturning-of-luxury-car-in-kav-river-3-left-127545539.html

मौत से पहले लाइव आकर नरेंद्र ने कहा- कल से भर्ती हूं, डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी नहीं आते देखने, रात में कुत्ते घूमते हैं; दोस्तों मुझे बचा लीजिए

Posted: 23 Jul 2020 05:22 PM PDT

शहर निवासी नरेद्र वर्णवाल की जीएमसीएच के आइसोलेशन वार्ड में इलाज के अभाव में मौत हो गई। वह सोमवार को भर्ती हुए थे। वार्ड में भर्ती होने के बावजूद उनके इलाज के लिए डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी तक नहीं आते थे। नरेंद्र के दो दिन पूर्व का आइसोलेशन वार्ड में भर्ती होने के बाद फेसबुक पर लाइव वीडियो ने जीएमसीएच की लचर व्यवस्था की पोल खोल दी। जिसको लेकर सोशल मीडिया पर चर्चाओं का बाजार गर्म है। फेसबुक लाइव में नरेद्र यह कह रहाे हैं कि डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी उसे देखने तक नहीं आते। नरेन्द्र की मौत के बाद सोशल मीडिया पर तेजी से हो रहे उसके लाइव को लेकर जिला प्रशासन, जीएमसीएच प्रशासन व राजनेताओं के प्रति तमाम लोगों में आक्रोश का माहौल है।

ना कोई इलाज करने आता हैना ही नेमोलाइजेशन करने
वीडियो में नरेंद्र कह रहे हैं कि गुड मॉर्निंग फ्रेड्स! कल मैं बेतिया कोविड वार्ड में भर्ती हुआ हूं। ना यहां कोई इलाज करने आता है, ना कोई इंजेक्सन लगाने आता है व ना ही कोई नेमोलाइजेशन करने आता है। पचास बार चिल्लाओ तो कोई आता है। नहीं तो वो भी नहीं आता है। सरकार कहती है यहां इलाज की सारी व्यवस्थाएं हैं। पर ऐसा कुछ नहीं है। रात में कुत्ते घूमते रहते हैं। वार्ड की व्यवस्था को लेकर नरेंद्र इतना डर गए थे कि वे फेसबुक लाइव में कह रहे हैं कि इस वीडियो को अधिक से अधिक वायरल करें, मेरी जान बचा लिजिए दोस्तों। उसके बाद दूसरी बार लाइव होने की बात नरेंद्र ने की, लेकिन इसके पहले ही उसकी मौत हो गई।

चौबीस घंटे में दो संक्रमितों ने तोड़ा दम, आइसोलेशन वार्ड में भर्ती तीन कोरोना पीडितों की हालत बनी हुई है नाजुक

नरेंद्र दोबारा लाइव आते, इससे पहले हो गई मौत
नरेंद्र ने अस्पताल की साफ-सफाई की व्यवस्था की पोल खोली। नरेंद्र कह रहा कि इन सभी को फिर लाइव होकर दिखाउंगा। दोबारा लाइव अाते, वार्ड की लचर व्यवस्था सामने आती, उससे पहले ही नरेंद्र की मौत हो गई।

नरेंद्र की मौत नहीं हुई है, सिस्टम ने उसकी हत्या की
नरेंद्र की मौत के बाद लोगों में भारी गुस्सा है। मनावाधिकार कार्यकर्ता अजय कुमार सहित अन्य लोगों का कहना है कि नरेंद्र की मौत नहीं हुई है। सिस्टम ने उसकी हत्या की है। जिला प्रशासन व जीएमसीएच प्रशासन जिम्मेवार हैं।
जिले में कोरोना के अभी भी 515 केस हैं एक्टिव
गुरूवार को 53 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। 24 घंटे के अंदर कोरोना से दो लोगों की मौत हो गई है। जीएमसीएच के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती तीन कोरोना पॉजिटिवों की हालत नाजुक बनी हुई है। अभी 515 एक्टिव हैं।

वीडियो वायरल होने के बाद जीएमसीएच पहुंचकर जिला प्रशासन की टीम भी जांच की है। व्यवस्था में किसी तरह की कमी नहीं पाई गई। साफ-सफाई भी बेहतर मिली है। मरीज की हालत गंभीर थी।
कुंदन कुमार जिलाधिकारी, बेतिया

मरीज ने इंजेक्शन लेने से किया इनकार : विभाग

नरेंद्र वर्णवाल की मौत के बाद जीएमसीएच प्रशासन ने प्रेस नोट जारी कर मरीज के द्वारा लगाए आरोप का खंडन किया है। कहा है कि मरीज 20 जुलाई को सांस लेने व मधुमेह की बीमारी को लेकर आईसोलेशन वार्ड में भर्ती हुआ था। वार्ड में तैनात डॉक्टर व स्वास्थ्य जब इंजेक्शन लेने की बात कहते थे, तो वह इंजेक्शन लेने से इनकार कर देता था। कहता था बीएस टेबलेट खाने से ठीक हो जाएगा। मरीज अपने जिद के कारण यह सब हुअा।



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Coming live before death, Narendra said - I am admitted from tomorrow, seeing doctors and health workers do not come, dogs roam at night; Share friends video save me


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/muzaffarpur/bettiah/news/coming-live-before-death-narendra-said-i-am-admitted-from-tomorrow-seeing-doctors-and-health-workers-do-not-come-dogs-roam-at-night-share-friends-video-save-me-127543573.html

वोटरों को जागरूक करने के लिए चुनाव आयोग सुना रहा सबा-फराह की कहानी

Posted: 23 Jul 2020 05:22 PM PDT

मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए चुनाव आयोग रोचक कहानियां सुना रहा है। देश के अलग-अलग हिस्सों से जुटाई गई इन कहानियों में पटना की सबा और फराह बहनों की भी कहानी शामिल है। आयोग ने इन दोनों बहनों, जिनके सिर आपस में जुड़े हुए हैं, की वोटिंग से जुड़ी कहानी को बड़े ही रोचक अंदाज में परोसा है। आयोग इन कहानियों को वोटिंग के अधिकार के मिसाल के तौर पर पेश कर रहा है, जिससे उन लोगों को जागरूक किया जा सके, जो वोट देने नहीं जाते।
आयोग की ओर से चुनाव से जुड़ी कहानियों को मदाताओं तक पहुंचाने की कोशिश हो रही है, ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके। यू-ट्यूब पर ऐसी कहानियां उपलब्ध कराई जा रही हैं। आयोग ने कई लघु कहानियां तैयार की हैं, जिनकी अवधि पांच मिनट तक की है। कार्टून और बैक ग्राउंड म्यूजिक के साथ इन कहानियों को तैयार किया गया है। इसी कड़ी में पटना के दीघा विधानसभा क्षेत्र की सिर से जुड़ी दो बहनों सबा और फराह की कहानी भी है। 28 अक्टूबर, 2015 को इन दोनों बहनों ने कैसे वोट दिया, उसकी कहानी है। सिर से जुड़े होने के कारण इन्हें कैसे वोटिंग कम्पार्टमेंट में जाने की अनुमति मिली, ऐसी तमाम बातें इनकी कहानी में है।

'चुनाव की कहानियां'
आयोग ने कहानियों की सीरीज को 'चुनाव की कहानियां' नाम दिया है। इन कहानियों में गुजरात के राजेश पटेल की भी कहानी है। जिसमें बताया गया है कि राजेश कभी वोट देने नहीं जाते थे। फिर कैसे एक दिन उन्हें एक चिट्ठी मिली और वे वोटिंग के लिए प्रेरित हुए। इसी तरह दिल्ली के रैन बसेरा में रहने वाली 35 वर्षीय नीतू की कहानी है, जिन्होंने किस हालात में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। वहीं जयपुर की हमीदा ने एक प्रत्याशी के उपहार को ठुकरा दिया।



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Election Commission recites Saba-Farah's story to make voters aware


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/election-commission-recites-saba-farahs-story-to-make-voters-aware-127546119.html

सरकारीकर्मियों को लॉकडाउन अवधि का भी मिलेगा पूरा वेतन, नियमित और संविदा पर कार्यरत दोनों कर्मियों पर होगा लागू

Posted: 23 Jul 2020 05:22 PM PDT

नियमित सरकारी और संविदा कर्मियों को बड़ी राहत देने वाली खबर है, उन्हें लॉकडाउन की अवधि का भी वेतन मिलेगा। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कोरोना के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए राज्य में एक बार फिर 16 से 31 जुलाई तक लॉकडाउन लागू किया गया है। इस कारण से कार्यालय से अनुपस्थित रहने वाले नियमित सरकारी व संविदा कर्मियों को जुलाई का पूर्ण वेतन भुगतान करने का निर्णय सरकार ने लिया है।

संविदा व आउटसोर्स के तहत काम करने वाले कर्मियों को लॉकडाउन की अवधि का उनकी नियुक्ति की शर्तों के अधीन वेतन भुगतान पूर्व की तरह किया जाएगा। वैसे कर्मचारी जो प्रतिदिन लोकल ट्रेन से यात्रा कर सचिवालय आते थे, उन्हें लॉकडाउन अवधि में उपस्थिति में छूट दी गई है। इसके अलावा सरकारी कार्य से भ्रमण पर गए और लॉकडाउन लागू होने की वजह से मुख्यालय से बाहर फंसे कर्मियों को भी उपस्थित माना जाएगा।अनुमति लिए बिना गैर हाजिर कर्मचारियों को नहीं मिलेगा इसका लाभउपमुख्यमंत्री ने बताया कि वैसे कर्मी, जो विधिवत मुख्यालय छोड़ने की अनुमति लेकर अथवा अवकाश स्वीकृत करा कर लॉकडाउन से पहले बाहर गए और लॉकडाउन की घोषणा के कारण सामान्य परिवहन का साधन नहीं मिलने से अगर मुख्यालय में उपस्थित नहीं हो सके, तो उन्हें भी उपस्थित माना जाएगा।

मगर बिना अवकाश स्वीकृत कराए और अनुमति लिए मुख्यालय से बाहर रहने वाले कर्मियों को मुख्यालय वापस आने और नियमानुसार अनुमान्य अवकाश स्वीकृत कराने के बाद ही लॉकडाउन अवधि का वेतन भुगतान किया जाएगा। लॉकडाउन अवधि में अपने निर्धारित मुख्यालय में उपस्थित रहने वाले वैसे सभी कर्मियों को जो भले ही प्रत्येक कार्यदिवस को निर्धारित अवधि में कार्यालय में उपस्थित नहीं रहे हों, को वेतन का भुगतान किया जाएगा।

यमराज की दूत बन गई रामराज्य और राममंदिर की विरोधी कांग्रेसउपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि रामराज्य और राममंदिर की विरोधी कांग्रेस यमराज की दूत बन गई है। उन्हाेंने गुरुवार को ट्वीट किया- बिहार सरकार ने कोरोना को हराने पर 8538 करोड़ खर्च कर मृत्यु दर को 0.7 फीसदी पर रोक लिया। 12 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में केवल 220 नागरिकों को बचाया नहीं जा सका। दूसरी तरफ कांग्रेस शासित राजस्थान में 2000 करोड़ और पंजाब में मात्र 106 करोड़ रुपए कोरोना महामारी से लड़ने पर खर्च हुए।

इन राज्यों में क्रमश: 576 और 466 से ज्यादा जिंदगियां काल के गाल में समा गईं। महाराष्ट्र में मौत का आंकड़ा 13 हजार के पास पहुंच रहा है। बिहार में अगर कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी है, तो इससे बचाव, जांच, क्वारेंटाइन सेंटर और इलाज का दायरा भी बढ़ा है। कहा- स्वास्थ्य मंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष जब कोविड अस्पताल का निरीक्षण कर रहे हैं, तब राजद नेता सुरक्षित कमरों में बैठकर केवल मनोबल गिराने वाले ट्वीट कर रहे हैं।



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Government employees will also get full pay for the lockdown period, applicable to both regular and contract workers


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/government-employees-will-also-get-full-pay-for-the-lockdown-period-applicable-to-both-regular-and-contract-workers-127546109.html

चार वरिष्ठ नेता 16 विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से हुए मुखातिब, सभी के निशाने पर रहा राजद और तेजस्वी यादव

Posted: 23 Jul 2020 05:22 PM PDT

जदयू के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) आरसीपी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कभी भी वोट की चिंता नहीं की है। मुख्यमंत्री हमेशा वोटरों के भले की चिंता करते हैं। वह गुरुवार को भोरे, हथुआ, जीरादेई और बड़हरिया विधानसभा क्षेत्र में सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में आज फिर अपनी खोई प्रतिष्ठा हासिल कर रहा है। वर्ष 2005 से पहले लोग सरकारी अस्पतालों में पोस्टमार्टम कराने के लिए ही जाते थे। आज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में हर माह 12 से 13 हजार मरीज इलाज कराने जाते हैं। सम्मेलन को सांसद चन्देश्वर प्रसाद चन्द्रवंशी, अभय कुशवाहा व डॉ. अमरदीप ने भी संबोधित किया।

राजनीति मे रिस्पांस टाइम का बहुत महत्व : नीरज
आईपीआरडी मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि राजनीति में रिस्पांस टाइम का बहुत महत्व होता है। आज विपक्ष के नेता को पुल और एप्रोच रोड का अंतर नहीं पता है। सत्तरघाट पुल को लेकर तेजस्वी यादव ने जैसी गैरजिम्मेदाराना हरकत की, उस पर तत्काल और कड़ी प्रतिक्रिया देने की जरूरत है। परिवहन मंत्री संतोष निराला ने कहा कि नीतीश ने वंचित समाज को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक मजबूती दी।

तेजस्वी ने पांच साल में पद के साथ नहीं किया न्याय

लोकसभा में जदयू के नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने अपने पद के साथ न्याय नहीं किया। तेजस्वी ने पिछले 5 साल मौज-मस्ती में ही बर्बाद कर दिए। बिहार में वोट मांगना तो दूर, लालू परिवार को जनता के सामने सिर उठाने की भी नैतिकता नहीं है। वह गुरुवार को गोरेयाकोठी, महाराजगंज, एकमा और बनियापुर विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि जदयू बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 15 साल तक किए गए काम के आधार पर चुनाव में उतरेगा। नीतीश कुमार ने बिहार की जनता से जो भी वादा किया, उसे 100 प्रतिशत जमीन पर उतारा है। बेहतर व गुणवत्तापूर्ण सड़कों के निर्माण से बिहार के ग्रामीण अर्थव्यवस्था का विकास हुआ है।

नीतीश ने नेताओं के प्रति जनता में विश्वास जगाया

जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर जयनगर वीयर को बराज में परिवर्तित करने की 406 करोड़ की योजना तैयार हो चुकी है। काम जल्द शुरू होगा। इससे मधुबनी जिले के हरलाखी, बासोपट्टी, कलुआही, खजौली, लदनिया व बाबूबरही प्रखंड में 44 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी। बड़ी आबादी को कमला नदी की बाढ़ से सुरक्षा मिलेगी।

कोरोना काल में विपक्ष के नेता (तेजस्वी यादव) तुच्छ राजनीति करके लोगों की जान खतरे में डाल रहे हैं। उनके द्वारा जुटाई गई भीड़ में दो लोग करंट के शिकार हुए। वह बिहारीगंज, सिंहेश्वर, खजौली और राजनगर के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। बोले- नीतीश कुमार ने नेता के प्रति जनता का विश्वास फिर से कायम किया है।

लोक अधिकार कानून से भ्रष्टाचार पर लगी लगाम

राज्यसभा सांसद हरिवंश ने कहा कि लोक अधिकार कानून ने लोगों को ना सिर्फ निर्धारित समय सीमा के भीतर काम कराने का कानूनी अधिकार दिया, बल्कि इससे भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगा है। वह गुरुवार को बख्तियारपुर, बांकीपुर, कुम्हरार व पटना साहिब विधानसभा क्षेत्र के जदयू कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुव्यवस्थित वित्तीय और आर्थिक प्रबंधन ने बिहार की तकदीर बदल दी है।

उन्होंने बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं आधारभूत संरचना में बदलाव को तुलनात्मक रूप से समझाते हुए पहले के शासन से पिछले 15 साल में हुए विकास पर विस्तार से चर्चा की। कहा- इस क्रम में हुई मशक्कत का अंदाज किया जा सकता है। बेपटरी हुए प्रदेश को रास्ते पर लाकर विकास की छलांग देना, कोई हंसी-खेल नहीं है।



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Four senior leaders met with activists of 16 assembly constituencies, RJD and Tejashwi Yadav were all targeted


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/four-senior-leaders-met-with-activists-of-16-assembly-constituencies-rjd-and-tejashwi-yadav-were-all-targeted-127546107.html

गोपालगंज में गंडक की धार से सारण मुख्य बांध टूटा, सीवान पर भी खतरा; पटना में पुनपुन लाल निशान पार, गंगा भी उफनाई

Posted: 23 Jul 2020 05:22 PM PDT

गोपालगंज के बरौली प्रखंड के देवापुर के पास गुरुवार देर रात करीब 1 बजे गंडक की तेज धार से सारण मुख्य बांध टूट गया। इससे गोपालगंज के अलावा सारण और सीवान के 14 प्रखंडों की करीब 15 लाख आबादी पर बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। एनएच-28 पर भी पानी चढ़ गया है। बांध टूटने से सीवान की बाहा और सारण की सरयू नदी में भी उफान आ गया है।
उधर, नेपाल और उत्तर बिहार में लगातार बारिश के बीच 14 बड़ी नदियां खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गई हैं। महज 24 घंटे में पांच नदियां लाल निशान को पार कर गईं। कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला, ललबकिया, अधवारा, खिरोई, महानंदा पहले से ऊपर थी। भुतही बलान, खांडो के अलावा घाघरा, परमान भी लाल निशान पार कर गईं। पटना में पुनपुन के साथ गंगा व सोन के जलस्तर में भी वृद्धि हो रही है।

पुनपुन के पानी में 24 घंटे में 26 सेमी की बढ़ोतरी हुई। यह हर घंटे एक सेमी से भी अधिक है। पटना के श्रीपालपुर में यह खतरे के निशान से 24 सेमी ऊपर बह रही है। गंगा में पटना में 17 सेंटीमीटर से 23 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है। नदियों में उफान के बीच सूबे में तटबंधों पर भारी दबाव है। कई स्थानों पर रिसाव भी शुरू है। बढ़ते दबाव को देखते हुए रात में भी पेट्रोलिंग शुरू कर दी गई है।

पटना व कई जिलों में भारी बारिश संभव

बिहार में दक्षिणी पश्चिमी मानसून एक्टिव है। मानसून का टर्फ लाइन गया से कोलकाता हाेते हुए बंगाल की खाड़ी की ओर जा रहा है। इससे हवा में नमी मिलेगी। इस वजह से गंगा के मैदानी क्षेत्राें में आने वाले और गया के आसपास के जिलाें पटना, वैशाली, लखीसराय, भागलपुर, बांका, गया, बेगूसराय आदि में मध्यम से भारी बारिश हाेने की उम्मीद है।

27 तक वज्रपात की भी दी गई चेतावनी

माैसम विभाग ने 27 जुलाई तक के लिए वज्रपात और मेघ गर्जन की चेतावनी जारी की है। पिछले 24 घंटे में बैरगनिया में 120एमएम, महुआ में 110 एमएम, बेलसंड में 90 एमएम, बड़हिया और जंदाहा में 70-70 एमएम बारिश हुई। माैसम वैज्ञानिक एसके पटेल ने बताया कि गया से टर्फ लाइन गुजर रहा है। इससे पटना समेत गंगा के मैदानी क्षेत्राें में अच्छी बारिश हाेने की उम्मीद है।



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Saran main dam broken off from Gandak's torrent in Gopalganj, danger also on Siwan; Punpun Lal mark crosses Patna, Ganga also buries


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/saran-main-dam-broken-off-from-gandaks-torrent-in-gopalganj-danger-also-on-siwan-punpun-lal-mark-crosses-patna-ganga-also-buries-127546050.html

एनएमसीएच की नर्स काम पर लौटीं, अब पटना एम्स के 750 नर्सिंग स्टाफ बेमियादी हड़ताल पर

Posted: 23 Jul 2020 05:22 PM PDT

काेराेना संकट के बीच एकबार फिर एम्स में हड़ताल हाे गई है। इसबार कांट्रैक्ट पर बहाल करीब 750 नर्सिंग स्टाफ समान काम के लिए समान वेतन की मांग काे लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। गुरुवार की सुबह 7 बजे से ही इन लाेगाें ने काम ठप कर दिया। इसके बाद जमकर हंगामा, नारेबाजी करने के साथ ही एम्स के गेट काे जाम कर दिया। इनके हड़ताल पर जाने से काेराेना मरीजाें के इलाज सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित रहीं। हालांकि एम्स प्रशासन का दावा है कि नर्सिंग छात्राओं और स्थायी नर्सिंग स्टाफ ने काम किया जिससे काेई खास असर नहीं पड़ा।
इधर, बुधवार रात एनएमसीएच में मरीजों के परिजनों के हंगामा करने के बाद कार्य बहिष्कार पर गईं नर्सें पर लौट आईं। एनएमसीएच के अधिक्षक ने उन्हें समझा-बुझा कर मामला शांत कराया।पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे एम्स के नर्सिंग स्टाफ काे काेराेना महामारी का हवाला देकर समझाने की काेशिश की लेकिन वे अपनी पांच सूत्री मांगाें पर अड़े रहे।

इस दाैरान पुलिस ने हल्का बल प्रयाेग भी किया। ये सभी बेदी एंड बेदी आउटसाेर्सिंग कंपनी के स्टाफ हैं। प्रदर्शन कर रहे नर्सिंग स्टाफ के प्रतिनिधियाें महिपाल, माेहित यादव, राजेश कुमार, देवबंदा, संजीव बलुकिया, स्नेल डुंगडुंग, प्रतिमा कुमारी, ज्याेति कुमारी, स्नेहा कुमारी आदि ने बताया कि एम्स प्रशासन से बातचीत हुई, पर बात नहीं बनी। इसके बाद हड़ताल पर चले गए।

कंपनी ने 10 स्टाफ काे नाैकरी से निकाला
महिपाल ने बताया कि कंपनी ने हड़ताल पर जाने के बाद गुरुवार की देर शाम फाेन कर 10 नर्सिंग स्टाफ काे नाैकरी से हटाने की बात कही है। जिन नर्सिंग स्टाफ काे फाेन कर काम पर नहीं अाने काे गया है, उनमें निशा पांडेय, बलबीर डूडी, देवेंद्र कुमार, माे. राजा, आशीष कुमार समेत 10 स्टाफ हैं। महिपाल ने कहा कि पटना एम्स में कांट्रैक्ट पर बहाल नर्सिंग स्टाफ काे 39 हजार रुपए मिलते हैं, जबकि रायपुर एम्स में 53 हजार और भुवनेश्वर एम्स में 45 हजार मिलते हैं।

रजिस्ट्रेशन हाे सकता है रद्द
इधर, निदेशक प्रमुख नर्सिंग, स्वास्थ्य सेवाएं, बिहार डाॅ. तापेश्वर प्रसाद ने एम्स निदेशक डाॅ. पीके सिंह से कहा है कि काेविड-19 महामारी कानून एवं आपातकालीन सेवा काे बाधित करने के कारण इन नर्सिंग स्टाफ का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा सकता है। एम्स निदेशक डाॅ. प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि निदेशक प्रमुख काे सूची भेज दी गई है। उनकी चार मांगें मान ली गई हैं। स्थायी करने और समान काम के लिए समान वेतन की मांग कैसे मानी जा सकती है?

ये हैं मांगें

  • समान काम के लिए समान वेतन मिले। वेतनमान बढ़ाया जाए।
  • स्थायी स्टाफ की तरह मेडिकल सुविधा व छुट्टी मिले।
  • थर्ड पार्टी के अधीन से हटाकर एम्स खुद अपने अधीन करे।
  • स्थायी बहाली हाे ताे प्राथमिकता मिले।
  • काेई काम छाेड़े ताे एम्स के लेटरपैड पर अनुभव प्रमाणपत्र मिले।

अधीक्षक ने ली नर्सों की सुरक्षा और सम्मान की पूरी जिम्मेदारी

एनएमसीएच में कार्य बहिष्कार किये नर्स ने अस्पताल के अधीक्षक डाॅ. विनोद कुमार सिंह का भरोसा पा कर बुधवार को देर रात ही काम पर लौट आई। अधीक्षक ने बताया की नर्स को समझा बुझाकर और सुरक्षा और सम्मान की पूरी जिम्मेदारी लेते हुए मामला शांत करा दिया गया हैं। इसके बाद वे लोग बुधवार की देर रात काम पर लौट आई हैं।

मालूम हो कि बुधवार की रात बाढ़ से पहुंचे मरीज के परिजनों ने नर्स की ओर से मरीज के परिजनों को मास्क लगाकर अंदर आने की हिदायत देने पर ड्यूटी पर तैनात नर्स से दुर्व्यवहार किया था। इसी से आक्रोशित नर्स ने कार्य बहिष्कार कर दिया था।

स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन के बाद संविदा कर्मियों की हड़ताल स्थगित

अपनी मांगों को लेकर दो दिनों से हड़ताल कर रहे स्वास्थ्य संविदा कर्मियों ने मंत्री मंगल पांडेय के आश्वासन के बाद हड़ताल स्थगित कर दिया। बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ के सचिव ललन कुमार सिंह ने बताया कि मंत्री ने मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है, जिसमें हर वर्ष 15 फीसदी की वेतन बढ़ोतरी और पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट कैडर बनाने आदि शामिल हैं।
कर्मचारियों की मांगों पर विचार के लिए बनेगी समिति: मंगल पांडेय
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की मांग पर विचार करने के लिए जल्द ही एक समिति गठित की जाएगी। समिति इनकी मांगों पर विचार कर सरकार को रिपोर्ट देगी। विभाग उस रिपोर्ट पर तर्कसंगत निर्णय लेगा।



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NMCH nurses returned to work, now 750 nursing staff of Patna AIIMS on indefinite strike


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/nmch-nurses-returned-to-work-now-750-nursing-staff-of-patna-aiims-on-indefinite-strike-127546049.html

पीएमसीएच के 3 और आईजीआईएमएस के 1 डॉक्टर समेत और 43 मेडिकल स्टाफ संक्रमित

Posted: 23 Jul 2020 05:22 PM PDT

पटना जिले में गुरुवार को 306 कोरोना संक्रमित मिले हैं। जिले में अबतक कोरोना संक्रमितों की संख्या 4728 पर पहुंच गई है। अबतक 2944 स्वस्थ हो चुके हैं। गुरुवार को पटना में 1587 सैंपल की जांच हुई है। पीएमसीएच में 401 सैंपल की जांच में 113 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। पीएमसीएच के तीन डॉक्टर समेत 20 स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित हुए हैं। दो डॉक्टर मेडिसिन व एक हड्डी विभाग के हैं।

माइक्रोबायोलॉजी का एक और स्टाफ संक्रमित हुआहै। पीएमसीएच के कोविड अस्पताल में दो मरीजों की मौत हुई है। इनमें कंकड़बाग की अंजू देवी और रमना रोड के शाहिद शामिल हैं। दोनों गुरुवार को गंभीर हालत में भर्ती हुए थे। पीएमसीएच में जिन इलाकों के पॉजिटिव मिले हैं, उनमें कंकड़बाग, लोहानीपुर, राजीवनगर, मीठापुर, मुसल्हपुरहाट, परसा बाजार, फुलवारीशरीफ, बाजार समिति, सैदपुर, जानीपुर, मोतिहारी, बख्तियारपुर अादि शामिल हैं।
आईजीआईएमएस में 100 सैंपल की जांच हुई जिनमें 27 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इनमें एक डॉक्टर, नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ, अन्य कर्मचारी, परिजन और चार मरीज शामिल हैं। सिर्फ चार भर्ती मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। पटना एम्स में 30 मरीज संक्रमित मिले हैं। इनमें पटना के 20 मरीज हैं। बैंक ऑफ इंडिया की नौबतपुर शाखा के शाखा प्रबंधक समेत छह कर्मी की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

इसके बाद शाखा को बंद कर दिया गया है। गत सप्ताह एक कैशियर के पॉजिटिव आने के बाद इनका सैंपल लिया गया था। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सह रेफरल अस्पताल नौबतपुर के डाटा ऑपरेटर और बिचली बाजार के एक व्यवसायी की पत्नी भी पॉजिटिव पाई गई है। पुनपुन पीएचसी के एक डॉक्टर की रिपोर्ट पाॅजिटिव आई है। पीएचसी को दाे दिन के लिए बंद किया गया है।

फतुहा, बाढ़, खुसररूपुर व बिहटा में 71 नए केस

फतुहा, बाढ़, खुसररूपुर व बिहटा में एक साथ 71 लोग कोरोना से संक्रमित हो गए। इनमें फतुहा के दो वार्ड पार्षद समेत 12 की रिपोर्टर पॉजिटिव आई वहीं बाढ़ के एनटीपीसी थाना के 5 पुलिसकर्मी तो खुसरूपुर में 30 और बिहटा में 24 कोरोना संक्रमित हो गए। फतुहा में कुल 150 का सैंपल लिया गया था जिनमें अभी ज्यादातर की रिपोर्ट नहीं आई है। संक्रमितों में दो वार्ड पार्षद के अलावा नगर निकाय के पांच कर्मी, अस्पताल का एक स्वीपर, एक मुहल्ले की दो महिला तथा मृत शिक्षक के परिवार में चार लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव होने की बात सामने आई है। चिकित्सा प्रभारी डॉ. सुधा शंकर राय ने बताया कि पूरी रिपोर्ट आने के बाद ही विस्तृत जानकारी दी जाएगी।

खुसरूपुर में 53 के सैंपल में 30 लोग पॉजिटिव, इनमें 26 खुसरूपुर बाजार के
मंगलवार को खुसरूपुर के महादेव हाईस्कूल में जिला प्रशासन द्वारा कैंप लगा जिन 58 लोगों के सैंपल कलेक्ट किए गए थे, उनमें 53 के आए रिजल्ट में 30 लोग कोरोना से संक्रमित हो गए। इनमें 26 लोग खुसरूपुर बाजार के हैं, वहीं 1 जगमलबीघा गांव के, 2 बड़ा हसनपुर गांव के तथा 1 छोटी नवादा गांव के हैं। 5 लोगों का रिजल्ट अभी आना बाकी है।

बाढ़ में 5 पुलिसकर्मी और एक बैंककर्मी पॉजिटिव, बैंक बंद
बाढ़ के एनटीपीसी थाने में तैनात पांच पुलिसकर्मियों की रिपोर्ट गुरुवार को कोरोना पॉजिटिव पाई गई है। वहीं बाढ़ के इलाहाबाद बैंक के एक कर्मी की कोरोना से संक्रमित हो गए। एनटीपीसी के थानाध्यक्ष अमरदीप कुमार ने बताया कि एनटीपीसी में तैनात पांच पुलिसकर्मियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके बाद सभी को आइसोलेशन वार्ड भेज दिया गया। थाना को सेनेटाइज भी कराया जा रहा है।

बिहटा में 41 में मिले 24 पॉजिटिव, लिए गए 79 और लोगों के सैंपल
बिहटा में दो दिन पूर्व लिए गए 41 सैंपल में 24 लोग के पॉजिटिव हो गए। हालांकि देर शाम तक अस्पताल प्रबंधक के पास 15 की लिस्ट ही पहुंची थी। प्रशासन ने नए पॉजिटिव आए लोगों को क्वारेंटाइन व आइसोलेट करने की दिशा में प्रयास तेज कर दिए है। इधर, गुरुवार को पटना से आई टीम ने रेफरल अस्पताल बिहटा में संदिग्ध व सशंकित कॉन्टैक्ट हिस्ट्री वाले 79 लोगों के सैंपल लिए हैं।

शहर के 25 स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच में 148 पॉजिटिव मिले
25 केंद्रों पर जांच में 148 पॉजिटिव मिले हैं। इनमें आलमगंज, एनजीआरएच व बड़ी पहाड़ी में 5-5, पोस्टल पार्क व होटल पाटलिपुत्र अशोक में 2-2, दाउदपुर बगीचा-1, पूर्वी लोहानीपुर-12, गर्दनीबाग-8, गुलजारबाग-3, झखरी महादेव-5, जयप्रभा-19, कंकड़बाग-11, मारूफगंज-12, रुकनपुरा-17, शास्त्रीनगर-19, सचिवालय-7, पश्चिमी लोहानीपुर-6, चांदपुर बेला-9 मरीज मिले।



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3 of PMCH and 1 of IGIMS including doctors and 43 medical staff infected


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/3-of-pmch-and-1-of-igims-including-doctors-and-43-medical-staff-infected-127546048.html

स्कूली कक्षा के सिलेबस 35% तक घटाए जाएंगे, एससीईआरटी काे मिला जिम्मा

Posted: 23 Jul 2020 05:22 PM PDT

कोरोना के कारण स्कूल की विभिन्न कक्षाओं की बाधित पढ़ाई की भरपाई के लिए सिलेबस को कम किया जा रहा है। शिक्षा विभाग ने सिलेबस छोटा करने की जिम्मेदारी राज्य शिक्षा शोध व प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को दी है। सिलेबस को 30 से 35 प्रतिशत छोटा किया जा रहा है। शेष बचे सिलेबस के आधार पर आगे की पढ़ाई और परीक्षा भी ली जाएगी।

कोई भी महत्वपूर्ण चैप्टर नहीं हटाए जाएंगे
सिलेबस कम करने के दौरान किसी भी अहम चैप्टर को नहीं हटाया जाएगा। ज्यादातर शुरू के चैप्टर ही कम करने की बात कही जा रही है। स्कूल कब से खुलेंगे, यह भी अभी स्पष्ट नहीं है। अभिभावक कोरोना संक्रमण रहते स्कूल खुलने के पक्ष में नहीं हैं। हालांकि बच्चों के लिए दूरदर्शन पर पढ़ाई कराई जा रही है।



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School class syllabus will be reduced by 35%, SCERT gets the responsibility


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/school-class-syllabus-will-be-reduced-by-35-scert-gets-the-responsibility-127545995.html

कोरोना-बाढ़ को देखते हुए चुनाव आयोग ने वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट और सात विस सीटों के उपचुनाव टाले

Posted: 23 Jul 2020 05:22 PM PDT

काेरोना व बाढ़ के खतरे को देखते हुए चुनाव आयोग ने बिहार के वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट सहित छह राज्यों की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव टाल दिया है। आयोग ने 7 सितंबर तक सिर्फ इन्हीं सीटों पर होने वाले उपचुनाव को टाला है। आयोग शुक्रवार को होने वाली बैठक में इन सीटों पर उपचुनाव के लिए नए कार्यक्रम की तारीखों पर चर्चा करेगा।

वाल्मीकिनगर सीट सहित तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में 2-2 विधानसभा सीट तथा असम मध्य प्रदेश और केरल में 1-1 विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। ज्यादातर सीटें निर्वाचित सदस्यों के निधन के कारण खाली हुई हैं। आयोग के अनुसार ग्राउंड रिपोर्ट के आधार पर आयोग ने विचार किया है कि संबंधित सीटों पर उपचुनाव कराना लोगों के स्वास्थ्य के लिहाज से फिलहाल उचित नहीं है। दूसरी और जिला स्तर के पदाधिकारी बाढ़ की स्थिति से निपटने में लगे हैं। चुनाव के नियमों के अनुसार 180 दिनों के भीतर उपचुनाव करा लिया जाना है।



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In view of the Corona-Flood, the Election Commission postponed the by-elections to Valmikinagar Lok Sabha seat and seven Vis seats.


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/in-view-of-the-corona-flood-the-election-commission-postponed-the-by-elections-to-valmikinagar-lok-sabha-seat-and-seven-vis-seats-127545994.html

मेरठ की महिला और उसकी बेटी की हत्या करने वाला बेगूसराय का युवक गिरफ्तार

Posted: 23 Jul 2020 05:22 PM PDT

मेरठ के परतापुर थाना क्षेत्र में एक महिला और उसकी बेटी की हत्या के मामले में फरार अभियुक्त शमशाद को मेरठ पुलिस ने एक मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। गुरुवार सुबह करीब 4 बजे मेरठ के ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र में शमशाद के होने का पता चला था, जिसके बाद पुलिस वहां पहुंची थी। मेरठ पुलिस के अनुसार शमशाद ने पुलिस पर गोली चलाई, जिसके बाद आत्मरक्षार्थ पुलिस ने भी फायर किया।

जिसमें वह घायल हो गया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। शमशाद बेगूसराय का रहने वाला है और लंबे समय से मेरठ में रह रहा था। शमशाद पर आरोप है कि उसने बतौर पत्नी साथ रह रही एक महिला और उसकी करीब 10 साल की बेटी की चार महीने पहले हत्या कर घर में ही फर्श के नीचे दबा दिया था और फरार हो गया था। पूरे मामले को लव जिहाद से जोड़कर देखा जा रहा है।

क्या है मामला: शमशाद ने झूठ बोल कर शादी की
शमशाद ने गाजियाबाद के मोदीनगर निवासी महिला के साथ फेसबुक पर दोस्ती की और उसके बाद शादी कर मेरठ में रहने लगा। कहा जा रहा है कि शमशाद ने धर्म के बारे में झूठ बाेलकर अमित बन महिला से दोस्ती और फिर शादी की। जब इसका खुलासा हुआ तो शमशाद और उसकी पत्नी तथा अन्य लोगों ने मिलकर महिला व बेटी की हत्या कर दी। फिर शव काे घर के अंदर ही दफना दिया। इस बीच महिला की सहेली को फोन बंद होने से शक हुआ। उसने थाना मां-बेटी की गुमशुदगी की सूचना दर्ज कराई।



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Begusarai youth arrested for killing Meerut woman and her daughter


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/begusarai-youth-arrested-for-killing-meerut-woman-and-her-daughter-127545993.html

5000 बेड बढ़ाएंगे, पटना के ज्ञान भवन में बनेगा 100 बेड का कोरोना अस्पताल, बिहार में 1625 और पटना में 306 नए कोरोना मरीज

Posted: 23 Jul 2020 05:22 PM PDT

राज्य में कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के इलाज करने वाले अस्पतालों में बेड की संख्या तेजी से बढ़ाई जाएगी। फिलहाल कोविड-19 अस्पतालों में ट्रीटमेंट बेड की संख्या लगभग 8000 है। इसमें 5000 बेड की बढ़ोतरी का लक्ष्य रखा गया है। अगले कुछ दिनों में कोविड-19 डेडीकेटेड अस्पतालों में 1100 बेड की बढ़ोतरी हो जाएगी। यह जानकारी आईपीआरडी सचिव अनुपम कुमार और स्वास्थ्य सचिव लोकेश कुमार सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई प्रेस कांफ्रेंस में दी।

जिलाधिकारियों को कोरोना मरीजों के लिए निजी अस्पतालों में भी बेड की संख्या बढ़ाने को कहा गया है। आईपीआरडी सचिव ने कहा कि सैंपल टेस्ट की क्षमता बढ़ाने के लिए तेजी से कार्रवाई हो रही है। सभी अनुमंडल अस्पतालों में एंटीजन टेस्ट की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है। जिला से लेकर अनुमंडल तक में 1 लाख किट्स फील्ड में भेजे गए हैं ताकि लोग ऑन डिमांड जांच करा सके। पटना के ज्ञान भवन में 100 बेड का डेडीकेटेड कोविड-19 अस्पताल बनाने का फैसला लिया गया है। वहां ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर और ऑक्सीजन सिलिंडर के साथ संक्रमित मरीजों के लिए तमाम स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है।
आईपीआरडी सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों कोविड-19 डेडीकेटेड अस्पतालों, कोविड-19 केयर सेंटर और आइसोलेशन सेंटर में बेड की संख्या बढ़ाने का आदेश दिया था। मुख्यमंत्री ने अधिक से अधिक जांच के लिए सैंपल टेस्ट की संख्या भी बढ़ाने का आदेश दिया था। गुरुवार को मुख्य सचिव दीपक कुमार ने मुख्यमंत्री के आदेशों पर जिलों में हो रही कार्रवाई की समीक्षा की।

निजी अस्पतालों में तय दरों पर ही इलाज

आईपीआरडी सचिव ने कहा कि मुख्यालय व अनुमंडल स्तर पर निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज की दर तय की जाएगी ताकि लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो। जिलों को हिदायत दे दी गई है कि कहीं से भी मरीजों से ज्यादा फीस लिए जाने की शिकायत नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा प्राइवेट हस्पिटल्स में कोविड-19 के इलाज व बेड की व्यवस्था के लिए सभी जिलाधिकारियों को जवाबदेही सौंपी गई है ताकि लोगों को किसी प्रकार की समस्या नहीं हो।

24 घंटे से पहले आ जाएगी सैंपल टेस्ट की रिपोर्ट
कुछ जगहों से सैम्पल रिपोर्ट मिलने में देर होने की शिकायत आई है। निर्णय लिया गया है कि स्वास्थ्य विभाग ऐसी व्यवस्था करेगा कि किसी भी सैम्पल की टेस्ट रिपोर्ट में 24 घंटे से ज्यादा समय नही लगे।

कोविड केयर सेंटर : 40 हजार बेड की तैयारी

यहां बढ़ेगी बेड की संख्या

  • गुरु गोविन्द सिंह अस्पताल (पटना सिटी) को एनएमसीएच के साथ संबद्ध करके 100 बेड की व्यवस्था होगी।
  • मधेपुरा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 400 और बेड बढ़ाने का फैसला लिया गया, वहां 100 बेड उपलब्ध है।
  • ईएसआई अस्पताल (बिहटा) में 100 बेड की व्यवस्था की जा रही है, वहां और 300 बेड बढ़ाए जाएंगे।

कोरोना मरीजों के लिए उपलब्ध सुविधाएं

  • कोविड केयर सेंटर के लिए 40,000 बेड्स का स्थान चयनित, फिलहाल लगभग 20000 बेड तैयार है।
  • हल्के और मध्यम लक्षण वाले मरीजों को रखने के लिए डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर्स में 4000 बेड उपलब्ध।
  • 9 मेडिकल कालेजों और एम्स में गंभीर मरीजों के लिए ऑक्सीजन के साथ 3500 बेड उपलब्ध।

बिहार में 1625 और पटना में 306 नए कोरोना मरीज

राज्य में गुरुवार को भी 1625 और पटना में 306 नए संक्रमितों की पहचान की गई। राज्य में कुल मरीज 31691 हो गई। पिछले 24 घंटे में 1083 संक्रमित कोरोना काे मात देने में सफल रहे हैं। कुछ ठीक होने वाले 20959 हो गए। अभी राज्य की रिकवरी दर 66.14 फीसदी है। राज्य में कोरोना से 6 और लोगों की जान चली गई। भागलपुर में तीन,बिहारशरीफ और अरवल मे एक-एक ने दम तोड़ दिया।
बिंदी यादव की मौत : गया जिला परिषद के पूर्व चेयरमैन बिंदी यादव की पीएमसीएच में कोरोना से मौत हो गई। उनकी पत्नी मनोरमा देवी विधान पार्षद हैं।



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Will increase 5000 beds, 100-bed corona hospital to be built in Gyan Bhawan of Patna, 1625 in Bihar and 306 new corona patients in Patna


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/will-increase-5000-beds-100-bed-corona-hospital-to-be-built-in-gyan-bhawan-of-patna-1625-in-bihar-and-306-new-corona-patients-in-patna-127545979.html

50 उम्र पार के सरकारी कर्मचारी उपयोगी नहीं तो अनिवार्य सेवानिवृत्ति, सभी विभागों को जरूरी कार्रवाई के निर्देश

Posted: 23 Jul 2020 05:22 PM PDT

पाॅलिटिकल रिपाेर्टर | पटना
खुद को उपयोगी साबित नहीं कर पाने वाले सरकारी कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। इस बारे में सामान्य प्रशासन विभाग ने दिशानिर्देश जारी कर दिया है। राज्य के सभी विभागों के प्रधानों से इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है। सरकारी कर्मचारियों के कामकाज की समय समय पर समीक्षा के लिए समिति बनाई जाएगी।
कम से कम तीन माह पूर्व सूचना अथवा तीन माह के वेतन की समतुल्य राशि देकर 30 वर्ष की सेवा अथवा 50 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने पर सेवानिवृत्ति की जा सकती है। समीक्षा में समय-समय पर न्यायालय के निर्णयों को भी संज्ञान में लिया जाएगा। जिन कर्मियों की उम्र जुलाई से दिसंबर माह में 50 वर्ष से ज्यादा होने वाली हो, उनके मामलों की समीक्षा समिति द्वारा उसी वर्ष जून माह में की जाएगी।

ये आएंगे दायरे में
समूह 'क'- 5400 ग्रेड पे वाले लेवल- 9 के डिप्टी कलेक्टर और अन्य राज्य सेवा के अधिकारी
समूह 'ख'- 4200 ग्रेड पे वाले लेवल- 6,7 और 8 के सुपरवाईजरी और सचिवालय सेवा के अधिकारी
समूह 'ग'- 1800 ग्रेड पे वाले लेवल-5 और 6 और उसके नीचे के एडडीसी-यूडीसी कर्मी



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Compulsory retirement if not useful to government employees above 50 years, instructions to all departments for necessary action


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/compulsory-retirement-if-not-useful-to-government-employees-above-50-years-instructions-to-all-departments-for-necessary-action-127545978.html

प्याज की बोरियों के नीचे छिपाकर रखी 100 कार्टन शराब बरामद

Posted: 23 Jul 2020 05:22 PM PDT

शराब बंदी के बाद तस्कर पुलिस को चकमा देने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं। शराब की बोतलों को तस्करों द्वारा कभी सब्जियों तो कभी फलों के नीचे, कभी गैस के सिलेंडर में तो कभी गाड़ियों में खुफिया बक्सा बनाकर छिपाकर लाया जा रहा है। बुधवार की रात्रि तस्करों ने ट्रक में प्याज के नीचे शराब छुपाकर लाने का प्रयास किया जिसे मैरवा पुलिस ने मैरवा के धरनीछापर से पकड़ लिया।

पुलिस ट्रक चालक को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है। गिरफ्तार चालक हरियाणा के हिसार का सतवीर ठाकुर है। पुलिस द्वारा बरामद की गई शराब का बाजार मूल्य 30 लाख रूपय बताया जा रहा है। मामले के संबंध में पुलिस ने बताया कि बुधवार की रात्रि मैरवा के धरनीछापर चेक पोस्ट पर बिहार की तरफ आ रहे ट्रक की जब पुलिस के जवानों ने रोक कर जांच की तो प्याज के अंदर छुपा कर रखा 100 कार्टन इंपीरियल ब्लू ब्रांड की अंग्रेजी शराब बरामद हुई। पुलिस ने ट्रक चालक को गिरफ्तार कर लिया है।



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100 cartons of liquor hidden under onion bags found


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/gopalganj/news/100-cartons-of-liquor-hidden-under-onion-bags-found-127543717.html

दैनिक पंचांग एवं राशिफल 24 - जुलाई – 2020

Posted: 23 Jul 2020 05:09 PM PDT

 दैनिक पंचांग एवं राशिफल  24 - जुलाई – 2020

पं. प्रेम सागर पाण्डेय् नक्षत्र ज्योतिष वास्तु अनुसंधान केन्द्र ,नि:शुल्क परामर्श -  रविवार

दूरभाष  9122608219 /       9835654844

पंचांग

·        तिथि  चतुर्थी  दिन  04:10:31

·        नक्षत्र  पूर्वा फाल्गुनी  सायं  06:30:11

·        करण :           विष्टि  14:35:52

                               बव  25:19:49

·        पक्ष  शुक्ल 

·        योग  वरियान  08:57:50

·        वार  शुक्रवार 

सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ    

·        चन्द्रोदय  09:09:00  चन्द्र राशि  सिंह - 21:36:57 तक  चन्द्रास्त  22:11:59 

🔅ऋतु  वर्षा 

हिन्दू मास एवं वर्ष   

 शक सम्वत  1942  शार्वरी

 कलि सम्वत  5122 

 दिन काल  13:38:30 

 विक्रम सम्वत  2077 

मास अमांत  श्रावण 

 मास पूर्णिमांत  श्रावण 

शुभ और अशुभ समय   

शुभ समय     अभिजित  12:00:08 - 12:54:42

अशुभ समय     दुष्टमुहूर्त :

                    08:21:52 - 09:16:26         12:54:42 - 13:49:16

 कंटक  13:49:16 - 14:43:50

 यमघण्ट  17:27:32 - 18:22:06

 राहु काल  10:45:06 - 12:27:24

 कुलिक  08:21:52 - 09:16:26

 कालवेला या अर्द्धयाम  15:38:24 - 16:32:58

 यमगण्ड  15:52:02 - 17:34:21

 गुलिक काल  07:20:28 - 09:02:47

दिशा शूल   

 दिशा शूल  पश्चिम 

चन्द्रबल और ताराबल   

·        ताराबल  :-अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद 

चन्द्रबल  :-मिथुन, सिंह, तुला, वृश्चिक, कुम्भ, मीन 

विशेष  भद्रा दिन  04:10:31 तक, वैनायिकी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत, दूर्वा गणपति।

राशिफल 24 जुलाई 2020, शुक्रवार

1.   मेष (Aries):  आज आप सामाजिक और सार्वजनिक क्षेत्र में प्रशंसा के पात्र बनेंगे। धन लाभ का योग है। पारिवारिक जीवन में सुख और संतोष का अनुभव होगा। आज आप बौद्धिक चर्चा में हिस्सा लेंगे, परंतु अपनी वाणी पर संयम रखना आवश्यक है। वैचारिक रुप से आवेश रह सकता है। समाधानकारी व्यवहार से अधिक लाभ होने की संभावना है। शुभ रंग  =  उजला      शुभ अंक  :   4

2.   वृषभ (Tauras): आपका आज का दिन आनंदपूर्वक बीतेगा। मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे। आपके कार्य निर्धारित रूप से योजना के अनुसार पूर्ण होंगे। आर्थिक लाभ की संभावना है। अधूरे कार्य पूर्ण होंगे। मायके की ओर से आनंद के समाचार मिलेंगे और लाभ भी हो सकता है। किसी बीमारी से परेशान हैं तो स्वास्थ्य में सुधार आएगा। सहकर्मियों से लाभ होगा।    शुभ रंग  =  क्रीम      शुभ अंक  :  2

3.   मिथुन (Gemini): आपको जीवनसाथी और संतान के आरोग्य के लिए विशेष ध्यान रखने की जरुरत है। किसी प्रकार के वाद-विवाद या बौद्धिक चर्चा से दूर रहें। अपमान न हो इसका ध्यान रखें। मित्रों के पीछे खर्च होने की संभावना है। पेट सम्बंधित बीमारियों से परेशानी हो सकती है। नए कार्य के आरंभ में निष्फलता मिलने की भी संभावना है। प्रवास की योजना आज न बनाएं।  शुभ रंग  =  हरा       शुभ अंक  :  3

4.   कर्क (Cancer): ग्लानि से आज आपका मन व्यथित रहेगा। प्रफुल्लितता, स्फूर्ति और आनंद का आज अभाव रहेगा। परिवारजनों के साथ तकरार होने की संभावना है। धन का खर्च होगा और अपयश भी मिल सकता है। समयानुसार भोजन नहीं मिलेगा। अनिद्रा सताएगी। छाती में विकार हो सकता है। इस सप्ताह कोरोना संक्रमित लोगों से दूर रहें। शुभ रंग  =  उजला      शुभ अंक  :  4

5.   सिंह (Leo): आज का दिन सुख-शांतिपूर्वक बीतेगा। अपने सहोदर के साथ संबंधों में निकटता का अनुभव करेंगे। उनका सहयोग भी आपको मिलेगा। संबंधों में भावना की गहराई को आप समझ सकेंगे। किसी रमणीय पर्यटनस्थल पर जाने का आयोजन हो सकता है। मानसिक रूप से चिंता रहित हो जाएंगे। कार्यसफलता के योग हैं।शुभ रंग  =  गुलाबी          शुभ अंक  :  1

6.   कन्या (Virgo): परिवार में आनंद का वातावरण रहेगा। वाणी में मधुरता से आप अपना निर्धारित कार्य कर सकेंगे। आरोग्य अच्छा रहेगा। बौद्धिक चर्चा में न उतरने की सलाह है। भोजन में मिष्टान्न मिल सकता है। प्रवास की संभावना है। व्यर्थ के खर्च न हो इसका ध्यान रखें। विद्यार्थियों के लिए कठिन समय रहेगा।   शुभ रंग  =  फीरोजा        शुभ अंक  :  6

7.   तुला (Libra): आप व्यवस्थित रूप से आर्थिक योजना बना सकेंगे। आज कोई सृजनात्मक प्रवृत्ति हो सकती है। आपकी सृजनात्मक शक्ति श्रेष्ठ रहेगी। शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थता का अनुभव आप करेंगे। दृढ़ विचारों के साथ आप कार्य पूर्ण कर सकेंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। आनंद-प्रमोद और मनोरंजन के पीछे धन का खर्च होगा।शुभ रंग  =  क्रीम   शुभ अंक  :  2

8.   वृश्चिक (Scorpio): आज आपको दुर्घटना से बचने, शल्य चिकित्सा न करवाने और तकरार से बचने की सलाह देते हैं। बातचीत में किसी के साथ भ्रांति न हो इसका ध्यान रखें। शारीरिक कष्ट और मानसिक चिंताओं से आप परेशान रहेंगे। आनंद-प्रमोद के पीछे विशेष खर्च होने की संभावना है। स्वजनों के साथ कलह होने का प्रसंग बन सकता है।   शुभ रंग  =  गुलाबी   शुभ अंक  :  1

9.   धनु (Sagittarius): आज का दिन आपके लिए लाभकारी है। गृहस्थ जीवन का संपूर्ण आनंद आप ले सकेंगे। मित्रों के साथ सुंदर स्थल पर प्रवास का आयोजन होगा। आय में वृद्धि के योग हैं। भोजन अच्छा मिल सकता है। इस सप्ताह कोरोना संक्रमित लोगों से दूर रहें। शुभ रंग  =  पींक          शुभ अंक  :  5

10.               मकर (Capricorn): व्यापार संबंधी कार्यों में लाभ होगा। उगाही, प्रवास, आय आदि के लिए अच्छा दिन है। मित्रों, सम्बंधियो से लाभ होगा। उनसे भेंट-उपहार मिलने से खुशी होगी। परंतु अग्नि, जल और अकस्मात से दूर रहें। व्यावसायिक कार्य के प्रति भागदौड़ बढेगी। संतान की पढा़ई के लिए आप संतोष का अनुभव करेंगे। प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।     शुभ रंग  =  नीला     शुभ अंक  :  7

11.               कुंभ (Aquarius): आज का दिन मिश्र फलदायी है। शारीरिक रूप से अस्वस्थता का अनुभव होगा। लेकिन मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे। शरीर में स्फूर्ति कम रहने के कारण कार्य करने का उत्साह कम रहेगा। ऊपरी अधिकारियो की अप्रसन्नता भी आपको अखरेगी। आनंद-प्रमोद के पीछे धन का खर्च होगा। प्रवास की संभावना है। विदेश से समाचार मिलेंगे। शुभ रंग  =  फीरोजा शुभ अंक  :  6

12.               मीन (Pisces): आज का दिन ईश्वरभक्ति और आध्यात्मिक प्रवृत्तियों में बिताएं। थोड़ी बहुत प्रतिकूलताओं का सामना करना पड़ेगा। स्वास्थ्य के विषय में आज विशेष ध्यान देना पड़ेगा। व्याधि के कारण अधिक खर्च होने की भी संभावना है। परिवारजनों के साथ संयम बरतें। आकस्मिक धन लाभ आपके मन के भार को हलका करेगा। उगाही का धन व्यापारियों को मिल सकता है।     शुभ रंग  =  उजला    शुभ अंक  :  4
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डाटा आज के दौर का ''नया आयल'' है, जिसे कंपनियां थर्ड पार्टी को बेचकर कमाई करती हैं - जी एस गंगवार

Posted: 23 Jul 2020 06:25 AM PDT

डाटा आज के दौर का ''नया आयल'' है, जिसे कंपनियां थर्ड पार्टी को बेचकर कमाई करती हैं - जी एस गंगवार


** चाइनीज एप्प पर प्रतिबंध के एक सप्ताह के भीतर ही भारत में 40,300 बार साइबर हमले किए गए

***"आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदमः चाइनीज एप्प पर प्रतिबंध" विषय पर पीआईबी ने किया वेबिनार का आयोजन



सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी), पटना द्वारा आज "आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदमः चाइनीज एप्प पर प्रतिबंध" विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया।



वेबिनार की अध्यक्षता कर रहे पीआईबी, पटना के अपर महानिदेशक श्री शैलेश कुमार मालवीय ने विषय प्रवेश संबोधन में कहा कि हमें यह समझने की जरूरत है कि चीनी एप्स पर पाबंदी लगाने की जरूरत क्यों महसूस हुई। यह किस तरह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक खतरा बन गये हैं। साथ ही साथ हमारी आर्थिक सुरक्षा में भी इन एप्स के जरिए किस प्रकार से सेंध लगाया जा सकता है। एक आम आदमी साइबर क्राइम से कैसे बच सकता है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि चीनी एप्स पर पाबंदी लगाने के पश्चात हमें आत्मनिर्भरता के तहत अपने लिए स्वदेशी एप्स बनाने की दिशा में अग्रसर होने की जरूरत है।



मुख्य अतिथि वक्ता के रूप में बोलते हुए एडीजी आर्थिक अपराध इकाई, बिहार पुलिस के श्री जी एस गंगवार ने कहा कि भारत सरकार ने 29 जून 2020 को 59 चीनी एप्स पर आईटी एक्ट की धारा 69 के तहत पाबंदी लगाई गई है। उन्होंने कहा कि ऐसे एप्स जब दूसरे देशों में लोकप्रिय कराए जाते हैं तो राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर पड़ता ही है। उन्होंने कई तरह के संभावित खतरों का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे एप्प्स से हमारी एकता, अखंडता, संप्रभुता, सुरक्षा, लोक व्यवस्था और अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया जा सकता है। श्री गंगवार ने कहा कि भारत में 60 करोड़ मोबाइल फोन उपभोक्ता हैं जबकि इन्टरनेट इस्तेमाल करने वाले 80 करोड़ उपभोक्ता हैं। उन्होने कहा कि प्रतिबंधित एप्स चाइनीज टिक टॉक 50 प्रतिशत अधिक सूचनाएँ अन्य एप्स की तुलना में मांगता हैं ।



श्री गंगवार ने कहा कि आज इंटरनेट पर डाटा ट्रांसफर की जो दर है, वह बहुत ही विशाल है। इस समय लगभग डेढ़ लाख जीबी प्रति सेकंड की दर से डाटा का ट्रांसफर होता है। इन डाटा की वाशिंग और प्रोसेसिंग की जाती है। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अंततः इस डेटा का उपयोग कहां और कैसे होता है। उन्होंने कहा कि एप्स द्वारा ऐसी-ऐसी जानकारियां और परमिशन मांगे जाते हैं, जिनकी कोई खास जरूरत नहीं होती। उन्होंने डाटा को आज का आयल/तेल बताया जिसे कंपनियां थर्ड पार्टी को बेचकर कमाई करती हैं। इन सबसे बचने के उपायों के बारे में उल्लेख करते हुए श्री गंगवार ने 'टैलेंट टैपिंग इकोसिस्टम' बनाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि क्रिटिकल डाटा पर नियंत्रण तभी संभव हो सकेगा, जब इस तरह के सारे ऐप्स हमारे अपने हो। उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन में बाहरी कंपनियों द्वारा समय पर और पूरा सहयोग नहीं मिलता।

वेबिनार में अतिथि वक्ता के तौर पर शामिल राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (नाइलिट), पटना सेंटर के डायरेक्टर-इन-चार्ज श्री आलोक त्रिपाठी ने कहा कि पहले इस तरह का डिजिटाइजेशन नहीं था लेकिन अब हम तेजी से डिजिटाइजेशन की ओर बढ़ रहे हैं। डिजिटाइजेशन हमारे जीवन के हर पहलू को छू रहा है। हमारे पूरे सामाजिक जीवन को डिजिटाइजेशन प्रभावित कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब कोई नई चीज आती है तो वह अपने साथ चुनौतियां भी लेकर आती है। हमें डिजिटल इकॉनमी व डिजिटाइजेशन से जुड़ी चुनौतियां का भी सामना करना पड़ेगा। श्री त्रिपाठी ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा चाइना की 59 एप्प पर प्रतिबंध लगाया जाना बिल्कुल सही फैसला था क्योंकि चाइनिज एप्प कंपनियां हमारे लोगों की डेटा की चोरी कर रही थीं। 'इंफार्मेशन वारफेयर' की स्थिति में हमारे डेटा का गलत इस्तेमाल किया जा सकता था, लिहाजा सरकार के द्वारा सही समय पर उचित कदम उठाया गया। कलपक्कम न्यूक्लियर पावर प्लांट पर साइबर हमले की खबर यह बताने के लिए काफी है कि इंफार्मेशन वारफेयर में यह हमारे देश के लिए किस तरह गंभीर स्थिति उत्पन्न कर सकता है। श्री त्रिपाठी ने कहा कि चाइनीज एप्प पर प्रतिबंध लगाने से जहां लोगों की निजी डेटा की चोरी को रोका गया, वहीं चीन को आर्थिक रूप से भी नुकसान हुआ है। आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने के लिए आईटी कंपनियों को प्रोडक्ट डेवलपमेंट पर काम करना होगा।



अतिथि वक्ता के तौर पर राष्ट्रीय सहारा के पूर्व वरिष्ठ समूह संपादक श्री ओंकारेश्वर पांडेय ने कहा कि जो घटना 15 जून को गलवान घाटी में हुई, उसके महज एक ही हफ्ते में भारत में 40,300 बार साइबर हमले किए गए थे। यह घटना इस बात की तस्दीक करती है कि केंद्र सरकार के द्वारा चाइनीज एप्प पर प्रतिबंध लगाया जाना कितना आवश्यक था। उन्होंने कहा कि भारत सोशल मीडिया का बहुत बड़ा बाजार है और एक आंकड़े के मुताबिक 59 चाइनीज एप्प पर प्रतिबंध लगाए जाने से चीन को करीब 6 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। हमारी मौजूदा सरकार कठोर फैसले लेने के लिए ही जानी जाती है और उसी का नतीजा है कि केंद्र सरकार ने बिना देरी किए चाइनीज एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया। उन्होंने कहा कि यह केवल डेटा चोरी या आर्थिक लाभ का मामला नहीं है बल्कि डेटा के दुरुपयोग से हमारे मजबूत लोकतांत्रिक एवं सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करने का भी मामला है। श्री पांडेय ने कहा कि हमारी आबादी बहुत बड़ी है और यहां किसी भी स्वदेशी एप को तुरंत लोकप्रियता मिल सकती है। सरकार के द्वारा चलाई जा रही' मेक इन इंडिया' योजना के माध्यम से इसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए।



भवन निर्माण विभाग, बिहार सरकार के विशेष सचिव एवं बीएसएनएल, बिहार सर्कल के पूर्व जीएम श्री मनीष कुमार ने वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि देश में डिजिटाइजेशन के माध्यम से 40 लाख नए रोजगार की संभावनाएं हैं। भारत में बैन किए गए चाइनीज एप के विकल्प में बहुत सारे स्वदेशी एप्प का निर्माण किया जा चुका है। शेयर ऑल, फोटो वीडिया मेकर एंड म्यूजिक, से नमस्ते जैसे कुछ स्वदेशी एप्प बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति में आत्मनिर्भरता देश के लिए बेहद जरूरी है।



अतिथि वक्ता के रूप में IIM लखनऊ से PGDM एवं ई-गवर्नेंस कंपनी, दिल्ली में पूर्व CFO रहे साइबर गुरु श्री राहुल कृष्ण ने कहा कि हमें स्कूली स्तर पर ही डिजिटल इंडिया के सिलेबस को समाहित करना होगा, ताकि बच्चे कम उम्र से ही डिजिटली साउंड हो सकें। साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर डेटा प्राइवेसी पॉलिसी बनाने की भी जरूरत महसूस की जा रही है। केंद्र सरकार को इस दिशा में भी कदम उठाना चाहिए।



कार्यक्रम का संचालन पीआईबी के सहायक निदेशक श्री संजय कुमार ने तथा समापन संबोधन व धन्यवाद ज्ञापन पीआईबी के निदेशक श्री दिनेश कुमार ने किया। ***
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महामारी में भी बिहार सरकार मस्त और जनता त्रस्त है

Posted: 23 Jul 2020 08:54 PM PDT

महामारी में भी बिहार सरकार मस्त और जनता त्रस्त है

एक तरफ बिहार सरकार अपने विज्ञापन के माध्यमो से कहती है कि आप के एक फोन पर कोरोना की जाँच आप के घर तक हो जाएगी , परन्तु जब लोग स्वयं कोरोना मरीज की जानकारी देते है तो सरकार कुम्भकर्णी निद्रा में चली जाती है | हमारे संवाददाता को हर्निचक अनीसाबाद , पटना के रहनेवाले अलोक कुमार सुमन ने बताया कि उनके किरायदारो को कोरोना हो चूका है जिसकी रिपोर्ट भी आगे है परन्तु खबर करने के बाद भी कोई सरकारी स्वास्थ्य कर्मी सहायता करने नहीं आता है । उन्हों ने पटना के कोरोना सेंटर में कई बार फोन किया परन्तु कोई पूछनेवाला  नहीं है |
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