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Tuesday, July 28, 2020

न्यूज़ हिमाचली News Himachali | हिमाचल की No. 1 हिंदी वेबसाइट

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जो व्यक्ति अपनी इन 5 बातों को दूसरों के आगे शेयर करते हैं वह हमेशा दुख पाते हैं

Posted: 27 Jul 2020 06:07 PM PDT


असुराचार्य, भृगु ऋषि तथा हिरण्यकशिपु की पुत्री दिव्या के पुत्र जो शुक्राचार्य के नाम से अधिक विख्यात हैं। इनका जन्म का नाम 'शुक्र उशनस' है। पुराणों के अनुसार यह दैत्यों के गुरु तथा पुरोहित थे।

कहते हैं, भगवान के वामनावतार में तीन पग भूमि प्राप्त करने के समय, यह राजा बलि की झारी (सुराही) के मुख में जाकर बैठ गए थे और बलि द्वारा दर्भाग्र (कुशा) से सुराही को साफ करने की क्रिया में इनकी एक आँख फूट गई थी। इसीलिए यह "एकाक्ष" भी कहे जाते थे।

जैसा की आप सभी को जानते है शुक्राचार्य एक महान ज्ञानी महापुरुष थे| शुक्राचार्य ने कुछ नीतियां बनाई थी और उन नीतियों का बहुत कम लोगों के बारे में पता है| यह नीतियां मनुष्य के जीवन में बहुत ज्यादा काम आती हैं| आज के इस पोस्ट में हम आपको शुक्राचार्य की उन 5 नीतियों के बारे में बताने वाले हैं| जिन्हें किसी भी व्यक्ति को छुपा कर रखना चाहिए| तो आइए फिर जान लेते हैं उन बातों के बारे में|

1.दान दान पुण्य का काम है| लेकिन बहुत से लोग जिन्हें पता है वह गुप्त दान करते हैं और इसीलिए वह दान उनके लिए फलदाई होता है| लेकिन बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं जो दूसरे लोगों की तारीफ पानी के लिए अपनी महानता दिखाने के लिए अपने दान का दिखावा करते हैं और ऐसे में उसका पुण्य नष्ट हो जाता है|

2. धन धन का घमंड किसी को भी नहीं करना चाहिए| आपके पास कितना भी धन है उसकी जानकारी जितने कम लोगों को होगी उतना ही आपके लिए फलदाई होगा| वरना कई लोग आपके धन के लालच में आकर आपसे जान पहचान बढ़ाने लगते हैं और बाद में नुकसान पहुंचा सकते हैं|

3. मंत्र भगवान की कृपा पाने के लिए प्रतिदिन पूजा पाठ करते समय मंत्र का जाप करते हैं तो ऐसे में आप उन मंत्रों का जप किसी अन्य लोगों के बारे में ना बताएं |अन्यथा आपको नुकसान होगा|

4.ग्रह दोष बहुत से लोग ग्रह दोष के चलते पीड़ित होते हैं| जिसकी वजह से उन्हें कई तरह के समस्या झेलनी पड़ती है| ऐसे में आप अपने ग्रह दोष के बारे में किसी को ना बताएं| अन्यथा यह आपके लिए नुकसानदायक सिद्ध हो सकता है|

5.आयु मनुष्य को अपनी दौलत और आयु के बारे में कभी किसी को नहीं बताना चाहिए| क्योंकि दूसरे व्यक्तियों को आपकी आयु का ज्ञात होने से किसी बात का विरोध समय आने पर आप के खिलाफ कर सकते हैं|

भावुक कर देने वाली हैं मास्टर ब्लास्टर की वो सेंचुरी, 4 दिन पहले ही हुआ था पिता का निधन

Posted: 27 Jul 2020 06:04 PM PDT


मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों का शतक पूरा करने का अविश्वसनीय रिकॉर्ड अपने नाम रखते हैं. वनडे इंटरनेशनल में सचिन के शतकों की लिस्ट पर नजर डालें, तो उनका 22वां शतक सबसे अलग था. 21 साल पहले आज ( 23 मई) ही उन्होंने ब्रिस्टल में भावुक कर देने वाला शतक जमाया था. दरअसल, इससे ठीक चार दिन पहले ही सचिन के पिता का निधन हो गया था.

क्रिकेट को लेकर सचिन का समर्पण उन्हें महान बनाता है. 1999 के वर्ल्ड कप के दौरान भारत अपना पहला मैच साउथ अफ्रीका से हार चुका था. अगला मैच जिम्बाब्वे से था. उस वक्त वह एक अच्छी टीम थी. लेकिन जिम्बाब्वे के खिलाफ मैच से पहले ही एक बुरी खबर आ गई. सचिन के पिता रमेश तेंदुलकर का निधन हो गया… भारतीय टीम और प्रशंसक स्तब्ध थे. उन्हें पिता की अंत्येष्टि के लिए भारत लौटना पड़ा.

सचिन की मजबूरी से हर कोई वाकिफ था. जिम्बाब्वे के खिलाफ वर्ल्ड कप का वह मैच सचिन के बिना खेलाना पड़ा. भारतीय टीम तीन रनों से वह मैच हार गई. इस मैच में निश्चित तौर पर सचिन की कमी खली थी. लगातार दो मैच हारने से टीम इंडिया पर वर्ल्ड कप से बाहर होने का खतरा मंडराने लगा था. इसके बाद अगला मैच केन्या से था.

सचिन के बिना टीम इंडिया के लिए वर्ल्ड कप में राह और कठिन थी. पिता का अंतिम संस्कार कर वो सीधे केन्या के खिलाफ मैच खेलने पहुंच गए. सचिन ने ब्रिस्टल के काउंटी ग्राउंड पर 101 गेंदों पर नाबाद 140 रन ठोक दिए. उनकी धमाकेदार पारी की बदौलत भारत ने 329/2 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा किया.

शतक पूरा करने पर सचिन ने आसमान की ओर बल्ला उठाया और अपने पिता को याद किया. रोते हुए दिल से देश के लिए सचिन ने वो योगदान दिया था. केन्या की टीम निर्धारित ओवरों में 235/7 रन ही बना पाई और भारत ने 94 रनों से जीत हासिल की थी. सचिन 'मैन ऑफ द मैच' रहे थे. भारत ने इंग्लैंड-वेल्स में खेले गए उस वर्ल्ड कप के सुपर सिक्स में जगह बनाई, हालांकि इसके बाद भारतीय टीम पिछड़ गई.

प्रधानमंत्री की योजना में महिलाओं के सीधे खाते में 5 लाख डालेगी सरकार !

Posted: 27 Jul 2020 06:00 PM PDT


लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार (Central Government) लगातार अपनी कई योजनाएं लेकर आती हैं। खासकर महिलाओं (Scheme For Women) को विशेष रूप से सरकार आगे बढ़ाने लगी है। इसी के तहत धन लक्ष्मी योजना है (Dhanalakshmi Scheme)। इस योजना के तहत महिलाओं को पांच लाख की मदद की जाती है। यह योजना(Dhanalakshmi Scheme) 2008 में शुरू हुई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में लगातार गिरते लिंगानुपात को रोकना है।

इस योजना के अंतर्गत (Insurance For Girl Child) अगर महिलाएं अपना खुद का बिजनेस, व्यवसाय, कारोबार शुरू करना चाहती है तो सरकार की तरफ से लोन (Cash Transfer Scheme) दिया जाता है। जिससे वहां अपना खुद का रोजगार शुरू कर सके। और बेरोजगार ना रहे। इस योजना (Dhanalakshmi Scheme Eligibility) की खास बात यह है कि इसमें कोई ब्याज नहीं देना होता है, जो भी ब्याज धनराशि में लगेगा वह सरकार द्वारा दिया जाएगा।

बता दें कि पीएम धन लक्ष्मी योजना के तहत (PM Dhan Laxmi Yojana) महिलाओं को 5 लाख रुपये तक का लोन जीरो फीसदी ब्याज पर मिल रहा है, लेकिन ये पूरी तरह अफवाह है। सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि इस तरह की कोई भी योजना नहीं चलाई जा रही है और ऐसे किसी भी मैसेज पर भरोसा न करें।

सीधे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर होंगे पैसे…

अगर आप धन लक्ष्मी योजना 2020 के तहत 5 लाख रुपये तक का लाभ प्राप्त करना चाहती है तो उन्हें इस योजना के तहत आवेदन करना होगा। योजना के तहत दी जाने वाली धनराशि सीधे केंद्र सरकार की तरफ से लाभार्थी महिला के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाएगी।

इन डॉक्यूमेंट की पड़ेगी जरूरत

-इसके लिए इस महिला आवेदक के पास बैंक अकाउंट होना चाहिए।
बैंक अकाउंट किसी राष्ट्रीय बैंक में होना चाहिए न किसी प्राइवेट बैंक में होना चाहिए। तभी इस योजना का लाभ मिलेगा।
पास बुक।
आधार कार्ड।
आवेदक भारतीय निवासी होना चाहिए।
आधार कार्ड मोबाइल नंबर से लिंक होना चाहिए।
वोटर आईडी कार्ड या पैन कार्ड होनी चाहिए।
पासपोर्ट साइज फोटो देनी अनिवार्य है।

ऐसे करें आवदेन

इस योजना में आवेदन करने के लिए आप अपने पूरे दस्तावेजों को लेकर नज़दीकी जिला स्तरीय समुदाय केंद्र में जाना होगा।
फार्म में सभी जानकारी जैसे नाम, पता आयु,जन्मतिथि आदि भरना होगा।
आवेदन फॉर्म भरने के बाद अपने सभी दस्तावेज़ों को फॉर्म के साथ अटैच करके जिला स्तरीय समुदाय केंद्र के अधिकारी के पास जमा करना होगा।

ऐसे करें पंजीकरण

इस योजना में पंजीकरण के लिए पहले आपको योजना के पोर्टल पर जाना होगा।
पोर्टल पर जाने के बाद आपके समाने होम पेज खुल जायेगा।
इस होम पेज पर धनलक्ष्मी योजना रजिस्ट्रेशन का ऑप्शन दिखाई देगा।
इस ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।
ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद आपके सामने अगला आगे खुल जायेगा।
इस पेज पर आप कप रजिस्ट्रेशन फॉर्म दिखाई देगा।
पूछी गई सभी जानकारी भरने के बाद आपको सब्मिट के बटन पर क्लिक करना होगा।

कोवैक्सीन का ट्रायल शुरू, महिला समेत तीन लोगों को दिया गया टीका

Posted: 27 Jul 2020 05:57 PM PDT


देश में बने कोविड-19 महामारी के टीके 'कोवैक्सीन' का मानव परीक्षण नागपुर में शुरू हो गया है. राज्य में महामारी के टीके का यह पहला ट्रायल है. गिल्लुरकर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में 25 व 31 वर्षीय पुरुष और 53 वर्षीय महिला को आज सुबह टीका लगाया गया. पहले दिन कोई भी दुष्परिणाम सामने नहीं आए हैं. अगले 14 दिनों तक उन्हें निगरानी में रखा जाएगा, ताकि टीके के प्रभाव का पता लगाया जा सके. इस दौरान यह भी देखा जाएगा कि उनमें महामारी के लक्षण या अन्य किसी तरह की तकलीफ तो नहीं होती है. सब कुछ सामान्य होने पर टीके का दूसरा डोज दिया जाएगा.

देश में यह दूसरे चरण का ट्रायल है, जिसमें नागपुर के डॉ. चंद्रशेखर गिल्लूरकर के अस्पताल समेत चार संस्थाएं शामिल हैं. गिल्लुरकर हॉस्पिटल में परीक्षण के लिए 50 से अधिक 'वैक्सीन वॉरियर' खुद सामने आए हैं. पिछले सप्ताह सभी की जांच के लिए रक्त के नमूने मुंबई की प्रयोगशाला भेजे गए. इनमें से 8 व्यक्तियों के नमूने सामान्य पाए जाने से इनमें 3 को सोमवार को बीपी एवं अन्य स्वास्थ्य जांच के बाद टीका लगाया गया. शाम तक निगरानी के बाद उन्हें घर भेज दिया गया. अगले 14 दिन अस्पताल की टीम उनकी लगातार निगरानी करेगी.

इस परियोजना में भारत बायोटेक, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरॉलॉजी (एनआईवी) और इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) शामिल हैं. परीक्षण को भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने अनुमति दी है. देश में 12 केंद्रों में ट्रायल टीके के मानव परीक्षण के पहले चरण में एम्स दिल्ली, एम्स पटना, निजामुद्दीन इंस्टीट्यूट हैदराबाद और पीजीआई रोहतक शमिल थे.

24 जुलाई को दिल्ली के एम्स में 30 वर्षीय व्यक्ति को यह टीका लगाकर मानव परीक्षण की शुरुआत की गई. अब तक लगभग 50 लोगों को कोवैक्सीन का पहला डोज दिया गया है. गिल्लुरकर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के संचालक डॉ. चंद्रशेखर ने कहा है कि मंगलवार पुन: पांच का परीक्षण 18 से 55 वर्ष तक की आयु के निरोगी व्यक्तियों का इस परीक्षण के लिए चयन किया गया है. मंगलवार को पुन: पांच व्यक्तियों का मानव परीक्षण किया जाएगा. इसके बाद रक्त परीक्षण की रपट के उपलब्ध होने के साथ-साथ संबंधितों को बुलाकर टीका लगाया जाएगा. हमने 50 व्यक्तियों को टीका लगाने की तैयारी की है. कोरोना को हराने के लिए मानव परीक्षण करने के इच्छुक लोग अस्पताल के साथ संपर्क कर सकते हैं

मंगलवार का दिन कैसा रहेगा आपके लिए अच्छा या बुरा, राशिफल: 28 जुलाई 2020

Posted: 27 Jul 2020 05:55 PM PDT


मेष, सिंह, और धनु राशि :- आप अपने गुस्से के कारण तुरंत प्रतिक्रिया देने के मूड में हैं ǀ लेकिन आपके लिए सुझाव यह है कि अपने दिमाग को शांत रखकर गंभीरता से सोचें ǀ आपके पास अच्छी संचार-कुशलता है और इसे अपने लाभ के लिए इस्तेमाल करें ǀ तनाव घटाने के लिए,किसी साहसिक यात्रा पर जा सकते हैं लेकिन शारीरिक आनंद के चक्कर में न पड़ें ǀ आप के लिए आज का दिन शुभफलदायी होगा ऐसा गणेशजी कहते हैं। विविध क्षेत्रों में मिलनेवाले लाभ से आपकी प्रसन्नता में वृद्धि होगी। आपकी आय में भी वृद्धि होगी। मित्रों के पीछे खर्च भी होगा और उनसे लाभ भी प्राप्त होगा। किसी प्रवास या पर्यटन स्थल पर जाने से दिन रोमांचक बन जाएगा। विवाहोत्सुकों को जीवनसाथी प्राप्त होने के आज योग हैं। रुचिकर भोजन प्राप्त होगा।

वृष, कन्या और मकर राशि :- 
पिछले सप्ताह में तनाव के साथ साथ चिंता के कारण होने वाला मानसिक तनाव आपके लिए काफी तकलीफ का कारण बना हुआ है |इस समय आपकी बाहरी स्थितियों के बदलने की तो बहुत ज्यादा उम्मीद नही की जा सकती तब भी आप अपने मानसिक तनाव में काफी कमी पायेंगे |यह कमी आपके अपनी विचारधारा और अपनी जॉब तथा संबंधों में समस्याएँ सुलझाने के तरीके को बदलने से आई है| इससे आपको शांति और उपलब्धि की भावना महसूस करने में काफी मदद मिलेगी |आज स्वास्थ्य कुछ नरम-गरम रहने की संभावना है। शारीरिक रुप से अशक्ति और आलस्य की भावना रहेगी। मानसिकरुप से भी चिंता और व्यग्रता बनी रहेगी। व्यावसायिक रुप से विध्न आ सकते हैं। हानिकर विचारों को संभवतः दूर रखिए। किसी भी कार्य का आयोजन संभलकर कीजिएगा। उच्च अधिकारियों के साथ घर्षण के प्रसंग उपस्थित होंगे। प्रतिस्पर्धियो और विरोधीयों के साथ संभव हो तो विवाद न कीजिएगा।

कर्क, वृश्चिक और मीन राशि :- आप सफलतापूर्वक अपने रचनात्मक कार्यो को खत्म करने में सक्षम होंगे । इस जश्न को मनाने के लिए आप एक पार्टी की मेजबानी की योजना भी बना सकते हैं और जिन्होंने भी इस यात्रा में आप का समर्थन किया एवं अपने विरोधियों को भी समारोह में आमंत्रित करें । अपनी कमाई और खर्च के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए भी प्रयास करते रहे ।आज का दिन आप के लिए शुभ फलदायी होगा ऐसा गणेशजी कहते हैं। व्यावसायिक स्थल पर वातावरण अनुकूल प्राप्त होगा। उच्च अधिकारीगण प्रसन्न रहेंगे। कार्य सफलता प्राप्त करनी आज सरल होगी। मान-प्रतिष्ठा में भी वृद्धि होगी। नौकरी में पदोन्नति होगी। गृहस्थजीवन में भी आनंद का वातावरण छाया रहेगा। व्यापार के उद्देश्य से कहीं बाहर भी जाना हो सकता है। संतान की प्रगति से संतोष का अनुभव होगा

मिथुन, तुला और कुंभ राशि :- आपका बच्चों जैसा भोला स्वभाव फिर सतह पर आ जाएगा और आप शरारती मनोदशा में होंगे। आज अगर आप दूसरों की बात मानकर निवेश करेंगे, तो आर्थिक नुक़सान तक़रीबन पक्का है। आपकी मुस्कुराहट आपके प्रिय की नाराज़गी दूर करने के लिए सबसे उम्दा दवा है। जब तक आपको तसल्ली न हो जाए कि सारा काम पूरा हो चुका है, दस्तावेज़ अपने वरिष्ठ को न दें। जल्दबाज़ी में फ़ैसले न करें, ताकि ज़िन्दगी में आगे आपको पछताना न पड़े।आज आपके लिए आकस्मिक धनखर्च के योग हैं, जो व्यावहारिक और सामाजिक कार्य के लिए कुछ बाहर जाने से हो सकता है। खान-पान में संभलकर चलिएगा। क्रोध से बचकर चलिएगा। नकारात्मक भावनाओं को सकारात्मकता से दूर कीजिएगा। व्यावसायिक स्थल पर अनुकूलता रहेगी। भागीदारों के साथ मतभेद न हो इसका ध्यान रखिएगा। सरकारी क्षेत्र से संबंधित कार्यो में आप अपनी योग्यता का सदुपयोग कर सकेंगे।

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शिमला में 5 नए कोरोना मरीज, सभी संक्रमित पुलिस कर्मी के परिजन, प्रदेश में कोरोना का आंकड़ा 2270 पहुंच गया

Posted: 27 Jul 2020 05:52 PM PDT


शिमला के भराड़ी में पांच नए पॉजिटिव मामले आए हैं। सभी बीते दिनों कोरोना पॉजिटिव पाए गए पुलिस कर्मी के परिवार के सदस्य हैं। एसडीएम शिमला शहरी मंजीत शर्मा और सीएमओ शिमला डॉ. सुरेखा चोपड़ा ने इसकी पुष्टि की है। उधर, प्रदेश में सोमवार को 94 कोरोना पॉजिटिव मामले आए हैं। इनमें शिमला के अलावा सिरमौर में 31, सोलन 15, कांगड़ा में 16, मंडी में 10, बिलासपुर 11, चंबा में 3, ऊना दो और हमीरपुर में एक कोरोना पॉजिटिव मामला आया है। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 2270 पहुंच गया है। 1025 सक्रिय मामले हैं। अब तक 1216 ठीक हो चुके हैं। सोमवार को 18 और मरीज ठीक हो गए हैं। कोरोना से 12 की मौत हुई है और 15 मरीज राज्य के बाहर चले गए हैं।

राजधानी के नौ वार्डों में फैला कोरोना

वहीं, राजधानी में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ने लगा है। शहर के 34 में से नौ वार्डों में कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं। इन वार्डों में कई बड़े सरकारी कार्यालयों समेत 30 से अधिक भवन सील कर दिए हैं। शहर में सचिवालय, उद्योग निदेशालय के बाद अब एचपी यूनिवर्सिटी, आयकर कार्यालय, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जैसे बड़े कार्यालय मामले सामने आने के बाद कुछ समय के लिए बंद करने पड़े हैं। कोरहोना पॉजिटिव लोगों के संपर्क में आए करीब 50 से अधिक परिवार होम क्वारंटीन किए गए हैं। शहर में बालूगंज वार्ड के बाद अब छोटा शिमला, भराड़ी, कसुम्पटी, मज्याठ, बैनमोर, इंजनघर, समरहिल और कैथू में भी कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि, समरहिल वार्ड में कोई स्थानीय निवासी पॉजीटिव नहीं आया है। लेकिन वार्ड के तहत आने वाले एचपीयू का एक कर्मचारी पॉजीटिव आया है। यह कर्मी मज्याठ में रहता है। विवि में इसकी आवाजाही के बाद एचपीयू परिसर को भी बंद करना पड़ा है। कैथू पार्षद सुनील धर के अनुसार उनके वार्ड के होटल में भी एक व्यक्ति पॉजीटिव आया है। हालांकि यह होटल में खुद क्वारंटीन था।

मंडी: बहन की शादी से पहले पंखे से लटक गया नाबालिग, पुलिस ने शुरू की जांच

Posted: 27 Jul 2020 05:48 PM PDT


हिमाचल के मंडी जिले के बल्ह क्षेत्र में 17 साल के नाबालिग ने पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। कुछ दिनों बाद इसकी बहन की शादी थी। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सपुर्द कर दिया है। पुलिस से मिली जानकारी अनुसार नाबालिग अपने कमरे में अकेला था।

सुबह जब परिजनों ने कमरे में जाकर देखा तो नाबालिग पंखे से लटका था। सूचना पुलिस और स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों को दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस ने शव कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के बाद इसे परिजनों के सपुर्द कर दिया। पुलिस चौकी के आईओ राजकुमार ने बताया कि कुछ दिन बाद नाबालिग की बहन की शादी थी। मामले की जांच की जा रही है।

बहनें राखी बांधने के साथ भाइयों को दे सकती हैं ये खास चीजें, रिश्ता होगा मजबूत

Posted: 27 Jul 2020 05:44 PM PDT


रक्षाबंधन भाई-बहिन के प्यार का अनोखा त्योंहार है। भारतीय संस्कृति या हिंदू धर्म के जो सबसे प्रमुख त्यौहार हैं, उनमें रक्षाबंधन का नाम भी शामिल है। प्रतिवर्ष यह त्यौहार सावन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधती है और बदले में भाई उन्हें तोहफ़े देते हैं। इतना ही नहीं बहनें भी अपने भाईयों को राखी बांधने के दौरान तोहफे दें सकती है।

भाइयों को दे सकती है ये बेस्ट गिफ्ट:

अपने भाईयों को लेदर वॉलेट दे सकती है। ये आपके भाई के लिए काफ़ी बेस्ट हो सकते हैं। लेदर वॉलेट रखने का आज-कल हर किसी को शौक होता है।

रोलर बॉल पेन सभी तोहफ़े में बेस्ट साबित हो सकता है। यदि आपके भाई लेखक या कवि हैं तो फिर उनके लिए यह बेस्ट गिफ्ट होगा। हालांकि ऐसा नहीं है कि लेखक या कवि ही कलम रखते हैं, आज-कल हर किसी को इसका शौक रहता है।

ऐसी बहनें जिनके भाई वयस्क हैं, वे अपने भाईयों को शेविंग किट दे सकती है। इससे आपके भाई काफी खुश हो सकते हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि यह निरंतर उपयोग में आने वाली चीज है। इससे आपके भाई का सैलून का खर्चा भी बच सकता है।

आखिर पूजा के समय क्यों छिड़का जाता है शंख से पानी, क्या है फायदे

Posted: 27 Jul 2020 05:42 PM PDT


हिंदू धर्म में मंदिरों में सुबह और शाम के समय आरती में शंख बजाने का विधान है। शंखनाद के बिना पूजा-पाठ अधूरी मानी जाती है। साथ ही सभी धर्मों में शंखनाद को बड़ा ही पवित्र माना गया है। अथर्ववेद के चौथे कांड के दसवें सूक्त में कहा गया है कि शंख अंतरिक्ष वायु, ज्योतिर्मंडल और सुवर्ण से युक्त है। परंतु क्या आप जानते हैं कि कोई भी धार्मिक कार्य शुरू करने से पहले शंख क्यों बजाया जाता है?

क्यों बजाया जाता है शंख:

शास्त्रों में कहा गया है कि शंख की ध्वनि शत्रुओं को निर्बल करने वाली होती है। पुराणों में श्रीविष्णु का पांचजन्य, अर्जुन का देवदत्त आदि के शंखों का जिक्र है। पुराणों के अनुसार पूजा के समय जो व्यक्ति शंख बजाता है उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और वह भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाता है।

शंख ध्वनि का तन-मन पर प्रभाव पड़ता है और इसमें प्रदूषण को भी दूर करने की अद्भुत क्षमता होती है। कहा जाता है कि घर में शंख रखने से नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है।

शंख में जल भरकर पूजा स्थान पर रखा जाना और पूजा-पाठ और अनुष्ठान के बाद श्रद्धालुओं पर उस जल को छिड़कने के पीछे मान्यता है कि इसमें किटाणुनाशक शक्ति होती है। साथ ही इसमें जो गंधक, फास्फोरस और कैल्सियम की मात्रा होती है उसके अंश भी जल में आ जाते हैं। इसलिए शंख के जल को छिड़कने और पीने स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

कोरोना के मामूली लक्षण दिख रहे हैं तो घबराएं नहीं, घर पर इस तरह करें देखभाल

Posted: 27 Jul 2020 05:40 PM PDT


कोरोना महामारी के इस दौर में हर कोई दहशत में जी रहा है। संक्रमण से फैलने वाली इस महामारी के कारण पूरी दुनिया लॉकडाउन में है। हर दिन मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है अस्पताल में बेड की कमी पड़ रही है ऐसे में मरीजों को होम क्वारंटाइन रहने की सलाह दी जा रही है। होम क्वारंटाइन में मरीजों को सारे जरूरी गाइडलाइंस पालन करने की सलाह दी जा रही है।

घर पर इस तरह करें देखभाल:

अच्छी वेंटीलेशन वाले कमरे में मरीज को आइसोलेट करके रखें जिसकी खिड़कियां खुली हों व दरवाजे खुले हों। घर पर मरीज का आना-जाना और घूमना कम कर दें। शेयर्ड स्पेस जैसे किचन व बाथरुम में उसका आना-जाना बंद कर दें।

कई लोगों को उसकी देखभाल में ना लगाएं। केवल एक ही व्यक्ति जो पूरी तरह से स्वस्थ है जिसका इम्यूनिटा पावर सही है और हेल्दी है उसे ही मरीज की देखभाल में लगाएं।

मरीज से किसी भी प्रकार का शारीरिक संपर्क होने के बाद अपने आप को अच्छे से सैनिटाइज करें अपने हाथों को साबुन से धोएं। मरीज से मिलने के तुरंत बाद घर के के सदस्यों से ना मिलें।

हाथ सुखाने के लिए घर के टावल का नहीं बल्कि डिस्पोजेल पेपर टावेल का इस्तेमाल करें। अपने हाथों से चेहरे नाक मुंह आंख को ना छुएं।

घर के सभी सदस्यों को मास्क पहने रहना जरूरी है ताकि उनका मुंह और नाक कवर्ड रहे। मरीज के पास जब हों तो अपने मास्क को भी छूते रहने से परहेज करना चाहिए।

हाथों में ग्लव्स भी पहने रहें। जब भी ग्लव्स या मास्क पहनें या उतारें अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धोएं। एक ही मास्क और ग्लव्स को दोबारा से इस्तेमाल ना करें।

मरीज के लिए कपड़, चप्पल और खाने का बर्तन अलग रखें उसे दूसरे सदस्यों के साथ शेयर ना करें। यूज करने के बाद उनके सामानों को अच्छे से साफ करें।

मर्दों के लिए वरदान है यह फल, मिल जाए तो छोड़ना मत, क्लिक कर जानें फायदे

Posted: 27 Jul 2020 05:38 PM PDT


भारत के क्षेत्रों में ही पाया जाता है, इस फल के फायदे अनेक हैं, इस फल के अंदर विटामिंस की भरमार है जो हमारी सेहत के लिए बेहद जरूरी है, इस फल का सेवन करने से शरीर की कई गंभीर परेशानियां जड़ से खत्म हो जाती है, मनुष्य के लिए इस फल के अनगिनत फायदे हैं, इस फल के सेवन से शरीर का ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है और दिल की बीमारी होने का खतरा भी दूर रहता है, इस फल का सेवन करने से आंखों से संबंधित परेशानी खत्म हो जाती है और नियमित इसका सेवन करने से आंखों की रोशनी तेजी से बढ़ती है|

यदि आप एक पुरुष है तो आपको इसका सेवन जरूर करना चाहिए, आपको बता दें यह फल दक्षिण भारत में मिलता है, वहां के लोग इस फल को खूब खाते हैं और स्वस्थ वे तंदुरुस्त बने रहते हैं|

2 मिनट तक करिए ये आसान काम, खुद देखेंगे गजब का चमत्कार

Posted: 27 Jul 2020 05:35 PM PDT


कुछ बीमारियां ऐसी होती है जो लाख बड़े-बड़े अस्पतालों में इलाज़ कराने के बाद भी ठीक नहीं हो पाती है. लेकिन कई के बार घरेलू नुस्खे आपके बड़े काम आ जाते हैं. आज हम आपको घरेलू और सबसे आसान से नुस्खों के बारे में बताने वाले हैं. जिनको अपनाने के बाद आप बिना दवा लिए कई बिमारियों का इलाज़ कैसे कर सकते हैं. क्योंकि किसी भी बड़े से बड़े काम को करने के लिए हमारा स्वास्थ्य रहना सबसे ज्यादा जरूरी है.

कई बार किसी फंक्शन में जाने के बाद सोने का समय बदल जाता है जिससे हमारी नींद पूरी नहीं हो पाती है. जबकि कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनकी सूर्य उदय के बाद ही आंख खुलती है. ऐसे लोगों को अक्सर माइग्रेन की बीमारी होती है यानि आधे सिर का दर्द.

लेकिन लोग समझ नहीं पाते हैं कि ऐसा किस वजह से होता है और जब आप ऑफिस जा रहे होते है तो आपका सिर जोर-जोर से दर्द करने लगता है. तो इसके लिए बेहद ही सस्ता कहें जिसमें कि आपका एक पैसा नहीं लगना है लेकिन कुछ समय लगेगा जिसके बाद आपको माइग्रेन की बीमारी से तुरंत छुटकारा मिल जायेगा.

इस बीमारी से निजात पाने के लिए आपको दाएँ हाथ की हथेली में अंगूठे और तर्जनी उंगली के बीच में दूसरे हाथ के अंगूठे और तर्जनी उंगली से धीरे-धीरे पंप करें. क्योंकि यहाँ से हमारे दिमाग की नसें जुड़ी होती हैं जो हमारे दिमाग को शांत करता है.

रातोंरात अमीर बना देगा ये उपाय, सब पूछेंगे आपकी कामयाबी का राज

Posted: 27 Jul 2020 05:33 PM PDT


रातोंरात अमीर बना देगा ये उपाय :- हर जगह आपकी प्रशंसा होगी, आपके जीवन में खुशियों का इजाफा होगा, आप कैरियर में तरक्की के नए मार्ग हासिल करेंगे, किसी काम में माता-पिता से ली गई सलाह आपके लिए फलदाई सिद्ध होगी, आपके पारिवारिक रिश्ते में मजबूती आएगी, हर जगह आपकी तारीफ की जाएगी, काम धंधे में दिन दुगुनी और रात चौगुनी तरक्की करते हुए आप नए कीर्तिमान स्थापित करते हुए आगे बढ़ेंगे, आपको अपने सभी काम में सफलता मिल सकती है, यात्रा करने से पहले किसी बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद जरूर लें|

1.अगर आप बिजनेस करते हैं और वो ठप्प हो गया है, तो इसके लिए आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। जी हां, इसके लिए आपको पान के पत्तों का दान करना है। अगर आप ऐसा करेंगे तो आपको बहुत ही जल्द इसका असर दिख जाएगा। कामयाबी आपके कदमों को चूमेगी।

2.अगर आपके परिवार में किसी को नजर लग जाए तो इसके लिए आपको किसी पंडित के पास जाने की जरूरत नहीं है, बल्कि जिस शख्स को नजर लगी हो उसे पान के पत्ते पर सात गुलाब की पंखुड़ियां रखकर खिला दें, इससे उसकी नजर पूरी तरह से उतर जाएगी। और तो और आपके घर से नजर का दोष भी खत्म हो जाएगा।

3.अगर आपके घर में संकट है, जिससे आप निपटना चाहते हैं, तो इसके लिए पान पर कंसार कोरे रखकर गणेश जी को अर्पित करने से आपके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही अगर आप घर में गणेश जी को पान के ऊपर रखेंगे तो आपके यहां कभी भी कोई परेशानी नहीं होगी।

4.अगर आपका कोई काम लंबे समय से नहीं बन रहा है, तो आपके लिए यह उपाय बहुत ही खास है। इसके लिए आपको रविवार के दिन घर से निकलते वक्त आप पान के पत्ते को अपनी जेब में रखना है, ऐसा करने से आपका काम बन जाएगा। इतना ही नहीं, पान तो बहुत ही शुभ माना जाता है, ऐसे में इस उपाय को करने से आप मुसीबतों से भी बच सकते हैं।

5.हिंदू धर्म में पान का बहुत ही ज्यादा महत्व है, ऐसे में इसके उपाय करने से आपकी सारी समस्या दूर हो जाएंगी। मंगलवार और शनिवार के दिन भगवान हनुमान को पान अर्पित करने से आपके घर में खुशियों का वास होता है, ऐसे में आपको इस दिन जरूर यह उपाय करना चाहिए। अगर आपको किसी भी काम में सफलता नहीं मिल रही है, तो हनुमान जी को पूरा का पूरा पान अर्पित करें, लेकिन उसमें किसी भी तरह की कोई मिलावट यानि चूना या सुपारी न लगाएं।

OMG! जज बनते ही लड़की ने ब्वॉयफ्रेंड से कहा, अब तू मेरे काबिल नहीं तभी लड़के ने किया कुछ ऐसा

Posted: 27 Jul 2020 05:31 PM PDT


जैसा की आप सभी जानते ही हैं की हर घर के परिवार में कुछ बड़े बुजुर्ग होते हैं जो हमें ये सीख देते हैं की कभी भी किसी को अपने आप से छोटा नहीं समझना चाहिए और न ही किसी को नीचा देखना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से भगवान को भी बुरा लगता है और वो कहते हैं न की समय बदलते देर नहीं लगती है। तो आज एक ऐसी ही खबर सामने आई है जो इस कहावत को सच साबित करती नजर आ रही है।

जी हां आपको बताते चलें की हाल ही में 13 अक्टूबर को यूपी लोक सेवा आयोग द्वारा सिविल जज एंट्रेंस एग्जाम PCS-J 2016 का परिणाम सामने आया है जिसमें गाजीपुर के औड़िहार के रहने वाले अमित वर्मा का भी नाम है जी हां इस लड़के ने इस परीक्षा में 152वीं रैंक हासिल तो की ही है इसके साथ ही साथ दुनिया को एक ख़ास सीख भी दी है। दरअसल जब अमित के एक दोस्त ने पूछा की ऐसा कैसे हुआ तो उसने जवाब में जो कहाँ वो बेहद भावुक था जी हां दरअसल अमित ने शायराना अंदाज में कहा "बीच मझधार में छोड़ा था मेरा साथ उस बेवफा ने, वक़्त का करिश्मा कुछ ऐसा हुआ कि वो डूबे और हम पार हो गए।

आपको बताते चलें की अमीत वेस्ट बंगाल का PCS-J साल 2012 में किया था क्वालिफाई किया है। इस परीक्षा में पास होने के बाद अमित वर्मा से उनके परिवार के बारे में पूछा गया तो उन्होने बताया की वो बेहद ही साधारण फैमिली से संपर्क रखते हैं और उनकी मां एक साधारण सी हाउस वाइफ हैं और पापा का साल 2011 में कैंसर के चलते देहांत हो गया। ऐसे में भाई के छोटे-मोटे बिजनेस से ही घर का खर्च चलता है। वहीं उन्होने ये भी बताया की पापा का हमेशा से ही सपना था कि मैं बड़ा होकर जज बनूं, लेकिन अब जब मैं ने ये सपना पूरा कर दिया है तो वह पास नहीं हैं। इसके अलावा ये भी बता दें की इस एग्जाम के क्वालिफाई करने से पहले अमित ने साल 2004 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में लॉ के लिए एडमिशन लिया था, लेकिन वहां उनका मन नहीं लगा। जिसके बाद उन्होने सिलीगुड़ी से लॉ कर बीएचयू से LLM पूरी की।

और फिर साल 2012 में वेस्ट बंगाल में अपने घर पर रहकर ही उन्होंने PCS-J क्लियर किया था जिसमे अमित ने 18वीं रैंक हांसिल की थी पर अफसोस की उस दौरान सिलेक्शन सिर्फ 14 रैंक वालों तक के लोगों का ही हुआ लेकिन फिर भी उन्होने हार नहीं मानी और वे इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने लगे जिसके बाद अमित का एपीओ 2015 का रिजल्ट इसी साल सितंबर में आया था, जिसमें उनका सिलेक्शन भी हो गया था। लेकिन वो अपनी PCS- J का इंतजार कर रहे थे।

क्योंकि इसके पीछे भी एक खास वजह थी जी हां अमित अपने पापा का सपना पूरा तो करना ही चाहते थें लेकिन इसके अलावा उनके दिल एक दर्द था जिसे वो दूर करना चाहते थें इसलिए वो PCS- J का इंतजार कर रहे थे। जी हां अमित ने अपनी कामियाबी की कहानी सुनते हुए बताया कि 2012 के तैयारी के दौरान उनके बैच में एक लड़की भी थी, जिससे अमित ने फेसबुक के जरिए दोस्ती की थी। दोनों की दोस्ती धीरे-धीरे बढ़ने लगी और देखते ही देखते ये दोस्ती प्यार में बदल गई। इतना ही नहीं इस रिश्ते की बात शादी तक पहुंची, लेकिन लड़की हमेशा अमित की बेरोजगारी को लेकर ताना मारती थी जिसकी वजह से अमित ने अपनी गर्लफ्रेंड को खुश करने के लिए दिल्ली में प्राइवेट जॉब तक करने लगे।

जॉब करते हुए उनके सामने उनके पिता का जज बनने का सपना हमेशा उन्हें परेशान करता था। यही कारण था की उन्होने साल 2015 में LLM करने के लिए उन्होंने बीएचयू में एडमिशन ले लिया। इसकी खबर गर्लफ्रेंड को मिलते ही दोनों के बीच दूरियां बढ़ने लगी और एक बार फिर बेरोजगारी की वजह से इस सुंदर रिश्ते में दरार आ गई। कुछ दिन बाद अमित को खबर मिली की लड़की की शादी हो गई है।

और फिर अमित पूरी तरह से टूट गए और वो डिप्रेशन में चले गए जिसकी वजह से घरवाले ने भी उनके लिए शादी के कई ऑफर लाते थे लेकिन अमित सबको ठुकरा देता था क्योंकि अभी तक भी उसे पिता जी के सपने को पूरा करना था। और उन्होने उस डिप्रेशन से बाहर निकलकर अपना सपना पूरा किया।

कारगिल युद्ध का पहला शहीद पहला वेतन भी नहीं ले पाया था, परिवार आज भी न्याय के इंतजार में

Posted: 27 Jul 2020 05:28 PM PDT


कारगिल युद्ध का जिक्र आते ही भारत के एक ऐसे लाल की कुर्बानी याद आती है, जिन्होंने पहली शहादत पाई थी। पालमपुर निवासी बलिदानी कैप्टन सौरभ कालिया और उनके पांच साथियों (नरेश सिंह, भीखा राम, बनवारी लाल, मूला राम और अर्जुन राम) की शहादत ने देश को पाकिस्तान के गलत इरादों के प्रति सचेत किया था। लद्दाख के बटालिक सेक्टर की बजरंग पोस्ट पर 22 वर्षीय सौरभ कालिया को बतौर कैप्टन तैनात हुए मात्र महीना ही हुआ था। उन्हें पहला वेतन भी नहीं मिला था।

भारतीय सेना की 4 जाट रेजिमेंट के महानायक कैप्टन सौरभ कालिया ने ही सबसे पहले कारगिल में पाक के नापाक इरादों की जानकारी भारतीय सेना को दी थी। 5 मई, 1999 की रात पांच साथियों के साथ बजरंग पोस्ट में पेट्रोलिंग करते हुए सौरभ कालिया को पाकिस्तानी घुसपैठियों की सूचना मिली थी। कै. कालिया ने साथियों के साथ कूच किया तो घात लगाकर बैठे घुसपैठियों ने पांचों को घायल अवस्था में पकड़ लिया था। फिर बंधक बनाकर 22 दिन तक यातनाएं दी थीं और तीन हफ्ते बाद उनकी पार्थिव देह क्षतविक्षत हालत में भारतीय सेना को सौंपी थी।

स्वजनों को मलाल अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नहीं पहुंचाया मामला स्वजनों को लाडले की पार्थिव देह 9 जून, 1999 को क्षतविक्षत हालत में सौंपी गई थी। तबसे इस महान बलिदानी के पिता अपने स्तर पर न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं। कारगिल युद्ध के 21 वर्ष बीतने के बाद भी स्वजनों को लाडले पर किए अत्याचारों के खिलाफ न्याय नहीं मिल पाया है। पिता डॉ. एनके कालिया और माता विजय कालिया को मलाल है कि केंद्र सरकार ने मामले को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक नहीं पहुंचाया है। बकौल डॉ. कालिया, कारगिल जाने से पहले सौरभ ने मां से शीघ्र घर लौटने का वादा किया था। साथ ही एक चेक सौंपकर जरूरत पर पैसे निकालने की बात कही थी। चेक आज भी घर में यादगार के रूप में रखा है।

खाना बनाने में माहिर थे सौरभ सौरभ के सहपाठी तथा कर्नल विकास शर्मा बताते हैं कि उन्होंने चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में एक साथ शिक्षा ग्रहण की थी। स्नातक की डिग्री हासिल करने के दौरान उनमें अचानक सेना में भर्ती होने का जज्बा पैदा हुआ। कर्नल विकास बताते हैं कि दोनों ने ही एक साथ एप्लाई किया व साथ ही संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा में भाग लिया। बकौल विकास, उन्होंने किन्हीं परिस्थितियों के कारण एक साल बाद प्रशिक्षण किया लेकिन सौरभ ने तुरंत भारतीय सैन्य अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर 12 दिसंबर, 1998 में स्थायी कमीशन हासिल कर लिया था। वह बताते हैं कि सौरभ को खाना बनाने का शौक था। जब भी समय मिलता था तो सौरभ सभी के लिए स्वादिष्ट खाना बनाते थे।

अजब संयोग: तीनों भाईयों की पैदाइश जुलाई माह की है, वे एक ही दिन पुलिस में भर्ती हुए

Posted: 27 Jul 2020 05:25 PM PDT


यह संयोग है या कुदरत का करिश्मा। एक प्रधानाध्यापक के तीन बेटे। तीनों की पैदाइश जुलाई माह में ही। तीनों साथ पले-बढ़े। तीनों ने एक ही साल पुलिस में भर्ती के लिए आवेदन किया। एक ही दिन परीक्षा हुई। एक साथ तीनों पास भी हो गए। ट्रेनिंग के लिए एक ही दिन रवाना हुए। पॉसिंग आउट परेड में भी तीनों की एक साथ। यही नहीं संयोग ऐसा कि तीनों की तैनाती भी हुई तो एक साथ, एक ही थाने पर। एक साथ तीनों बेटों को खाकी में देखकर पिता सत्यप्रकाश यादव गदगद हैं। इन बेटों पर पूरे गांव को नाज है।

गीडा क्षेत्र के वसुधा गांव के सत्यप्रताप यादव प्राथमिक विद्यालय कुरमौल में प्रधानाध्यापक हैं। पत्नी विमला देवी गृहणी हैं। उनके तीन बेटे दिग्विजय यादव, गौरव यादव और सौरभ यादव हैं। तीनों के जन्म का वर्ष अलग है, मगर महीना जुलाई ही है। तीनों बेटों की प्रारंभिक शिक्षा पिपरौली और 10वीं व 12वीं की मुरारी इंटर कॉलेज सहजनवा में हुई। इंटर के बाद दिग्विजय ने इलाहाबाद से बीटेक किया तो गौरव ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीकॉम। सबसे छोटे सौरभ ने लिटिल फ्लावर पालीटेक्निक गोरखपुर से डिप्लोमा किया।

पढ़ाई पूरी करने के बाद तीनों भाइयों ने नौकरी की तलाश शुरू की। 2018 में पुलिस भर्ती के लिए विज्ञापन निकला तो तीनों ने एक साथ आवेदन कर दिया। संयोग से तीनों को शारीरिक परीक्षा के लिए गोरखपुर जिला मिला। लिखित परीक्षा फैजाबाद में हुई। दिसम्बर 2018 में रिजल्ट आया। तीनों पास हो गए। ट्रेनिंग के लिए तीनों भाइयों को मिर्जापुर में पीएसी 39वीं वाहिनी आवंटित हुई। तीनों ने एक साथ ट्रेनिंग पूरी की। पॉसिंग आउट परेड के बाद निकले तो तीनों भाइयों को एक साथ पहली तैनाती गाजीपुर जिले के रेवतीपुर थाने पर मिली।

इस संयोग से हैरान हैं खुद पिता

प्रधानाध्यापक सत्यप्रताप यादव इस संयोग को भगवान का करिश्मा मानते हैं। वह कहते हैं- सब एक ही साथ होता गया। यह ईश्वर की जो मर्जी। वह बताते हैं कि उन्होंने बच्चों पर कभी कोई दबाव नहीं डाला कि उन्हें क्या पढ़ना हैं। हां, उनकी पढ़ाई का मूल्यांकन जरूर करता रहा। उनमें कम्पटीशन की भावना भरी और तीनों आपस में कम्पटीशन करते था जिसका बेहतर नतीजा सामने आया।

ट्रेनिंग में तीनों का रहा बेहतरीन प्रदर्शन
मिर्जापुर। गोरखपुर निवासी तीन सगे भाई दिग्विजय यादव, गौरव यादव और सौरभ यादव को पुलिस ट्रेनिंग के लिए मिर्जापुर भेजा गया था। तीनों भाइयों ने पुलिस लाइन में एक जनवरी से सत्रह जुलाई तक ट्रेनिंग की। आरआई गोरखनाथ सिंह का कहना है कि तीनों भाई काफी मेहनती हैं। ट्रेनिंग की विभिन्न विधाओं में अन्य आरक्षियों से बेहतरीन प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि मिर्जापुर में लगभग सात माह ट्रेनिंग की। परेड हो या लिखित परीक्षा दोनों में तीनों का प्रदर्शन बेहतर रहा।

एक ही साथ करते थे तैयारी
गाजीपुर। गोरखपुर निवासी तीन सगे भाई दिग्विजय, गौरव और सौरभ रेवतीपुर थाने में सिपाही के रूप में तैनात हैं। मिर्जापुर पुलिस ट्रेनिंग सेंटर से गाजीपुर स्थानांतरित होकर विशेष अनुरोध पर एक ही थाने में तैनाती दी गई है। भाइयों के क्रम में वे एक दूसरे से लगभग दो-दो साल छोटे हैं। तीनों ने साथ में तैयारी की और परीक्षा पास करके सिपाही बन गए। तीनों को दिसंबर 2019 से रेवतीपुर थाने में तैनाती मिली थी।

अधिकारी बनना चाहते हैं तीनों भाई
रेवतीपुर थाने में तैनात दिग्विजय ने बताया कि हम तीनों भाई साथ में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। तीनों भाई ड्यूटी के साथ ही सिविल सर्विसेस की तैयारी में भी जुटे हैं। कोरोना के चलते कई परीक्षाएं रद होने का मलाल है लेकिन जल्द ही फार्म भरकर परीक्षा में शामिल होगे। इसमें दिग्विजय और सौरभ सिविल में और गौरव पुलिस में अधिकारी बनना चाहता है।

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