प्राइमरी का मास्टर ● इन |  
- यूपी बोर्ड कंपार्टमेंट परीक्षा 2020 के लिए आवेदन कल तक
 - माध्यमिक स्कूलों की पढ़ाई भी अब हुई ऑनलाइन, वाट्सएप ग्रुप व गूगल मीट के साथ साथ स्वयं प्रभा चैनल व दूरदर्शन पर भी शुरू हुई ऑनलाइन कक्षाएं
 - फतेहपुर : परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के परिचय पत्र न बनवाने पर संयुक्त शिक्षा निदेशक ने बीएसए से मांगा लिखित स्पष्टीकरण
 - रद्द नहीं की जा सकतीं अंतिम वर्ष की परीक्षाएं -यूजीसी, परीक्षाएं कराने के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुरक्षित
 - परिषदीय स्कूलों के बच्चों को रोज मिलेगा विषयवार प्रोजेक्ट या होमवर्क
 - National Scholarship 2020 : 10वीं और 12वीं पास स्टूडेंट्स के लिए नेशनल स्कॉलरशिप पाने का मौका, scholarships.gov.in पर करें आवेदन
 - फतेहपुर : बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के क्रियान्वयन हेतु जिला शिक्षा अनुश्रवण समिति की बैठक का कार्यवृत्त जारी, देखें
 - प्रतापगढ़ में 17 परिषदीय शिक्षक मिले फर्जी, पांच पर एफआइआर
 - जौनपुर : मृतक आश्रित शिक्षणेत्तर संघ के जिलाध्यक्ष ने बीएसए व एबीएसए पर दर्ज कराया मुकदमा
 
|   यूपी बोर्ड कंपार्टमेंट परीक्षा 2020 के लिए आवेदन कल तक Posted: 18 Aug 2020 06:37 PM PDT यूपी बोर्ड कंपार्टमेंट परीक्षा 2020 के लिए आवेदन कल तक  प्रयागराज : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2020 में अनुत्तीर्ण परीक्षार्थियों के लिए अब कंपार्टमेंट परीक्षा में आवेदन पूरा होने जा रहा है। हाईस्कूल में दो और इंटर में एक विषय में अनुत्तीर्ण परीक्षार्थी इस परीक्षा को उत्तीर्ण करके पास हो सकेंगे। बोर्ड की ओर से कहा गया है कि हाईस्कूल के छात्र-छात्रएं अपने कालेज के प्रधानाचार्य से संपर्क करके परीक्षा शुल्क 256.50 व प्रार्थना पत्र के साथ अंकपत्र की छायाप्रति संलग्न करके देंगे। इंप्रूवमेंट के तहत परीक्षार्थी अनुत्तीर्ण एक विषय और कंपार्टमेंट में परीक्षार्थी अपने अनुत्तीर्ण दो विषयों में से केवल किसी एक विषय में आवेदन कर सकता है। इसी तरह से इंटर की परीक्षा में मानविकी, विज्ञान व कामर्स वर्ग के परीक्षार्थी किसी एक विषय में, कृषि भाग एक व दो में निर्धारित विषयों में किसी एक प्रश्नपत्र में और व्यावसायिक वर्ग के लिए निर्धारित ट्रेड विषय के किसी एक प्रश्नपत्र में अनुत्तीर्ण परीक्षार्थी कंपार्टमेंट परीक्षा में शामिल होने के लिए अर्ह माने जाएंगे।  इंटर की कंपार्टमेंट परीक्षा में शामिल होने का शुल्क 306 रुपये है। प्रार्थनापत्र के साथ अंकपत्र की छायाप्रति संलग्न कर प्रधानाचार्य को देना होगा। प्रधानाचार्य छात्रों से मिले परीक्षा शुल्क को एकमुश्त कोषागार में चालान के माध्यम से जमाकर शुल्क का विवरण व संबंधित छात्र-छात्र का अनुक्रमांक और उसके परीक्षा में शामिल होने वाले विषय-प्रश्नपत्र को 20 अगस्त की मध्यरात्रि तक कालेज की यूजर आइडी व पासवर्ड से वेबसाइट पर अनिवार्य रूप से अपलोड कर दें। सचिव यूपी बोर्ड दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं लेकिन, परीक्षा की तारीख तय नहीं है।  |  
|    Posted: 18 Aug 2020 06:34 PM PDT माध्यमिक स्कूलों की पढ़ाई भी अब हुई ऑनलाइन, वाट्सएप ग्रुप व गूगल मीट के साथ साथ स्वयं प्रभा चैनल व दूरदर्शन पर भी शुरू हुई ऑनलाइन कक्षाएं प्रयागराज : कोरोना के संकट के चलते सभी स्कूलों में पढ़ाई ऑनलाइन चल रही है। विद्यार्थी घरों में रहकर ही पठन पाठन कर रहे हैं, हालांकि शिक्षकों को विद्यालय जाना पड़ रहा है। वे वहीं से वाट्सएप ग्रुप व गूगल मीट के जरिए कक्षाएं ले रहे हैं। माध्यमिक स्कूलों के विद्यार्थियों की ऑनलाइन पढ़ाई मंगलवार को दूरदर्शन व स्वयं प्रभा चैनल से भी शुरू हो गई। स्वयं प्रभा चैनल पर कक्षा 9 व 11 के विद्यार्थियों के लिए पूर्वाह्न् 11 बजे से एक बजे तक प्रसारण हुआ। कक्षा 10 और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए दूरदर्शन पर अपराह्न् एक बजे से दो बजे, 2:30 से तीन बजे, 3:30 बजे से पांच बजे तक व 5:30 से 6:30 बजे तक प्रसारण हुआ। प्रतिदिन इसी समय पर शैक्षणिक कार्यक्रम प्रसारित होंगे। पहले दिन गणित और अंग्रेजी की कक्षाएं चलीं। बुधवार को अंग्रेजी, हंिदूी और विज्ञान की कक्षाएं चलेंगी। शिक्षा निदेशक माध्यमिक की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि टीवी पर जो भी कार्यक्रम प्रसारित हो रहे हैं, उन्हें शिक्षक भी अनिवार्य रूप से देखें। ऐसा इसलिए कि विद्यार्थियों के प्रश्नों का जवाब दे सकें। संबंधित प्रश्न स्कूलों की तरफ से चलने वाले वाट्सएप ग्रुप में छात्र-छात्रएं पूछ सकते हैं। जीआइसी के प्रधानाचार्य देवेंद्र सिंह ने बताया कि विद्यार्थियों ने अपने घरों से दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले शैक्षणिक कार्यक्रम देखे। हालांकि कॉलेज की तरफ से पहले से वाट्सएप ग्रुप पर समय सारिणी बनाकर आठ बजे से दो बजे तक सभी कक्षाएं चल रही हैं। उनमें शिक्षक नोट्स बनाकर दे रहे हैं। विद्यार्थियों के प्रश्नों के जवाब भी दिए जा रहे हैं। इसी तरह कर्नलगंज इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य अजय कुमार ने बताया कि छोटी कक्षाओं में वाट्सएप ग्रुप के जरिए पढ़ाई हो रही है जब कि 11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को गूगल मीट के जरिए पढ़ाया जा रहा है। वीडियो बनाकर ग्रुप में पोस्ट कर रहे शिक्षक : ऑनलाइन पढ़ाई के क्रम में जीजीआइसी में शिक्षक कक्षा में पहले अपना वीडियो बना रहे हैं। उसके बाद उसे वाट्सएप ग्रुप में पोस्ट करते हैं। विद्यार्थी उसे देखकर पाठ्य सामग्री को समझने की कोशिश कर रहे हैं। प्रधानाचार्य इंदू सिंह ने बताया कि यूट्यूब चैलन भी कॉलेज का है। उसपर भी छात्रएं अध्ययन सामग्री हासिल कर सकती हैं। स्कूलों में नहीं है टेलीविजन शिक्षा निदेशक की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि सभी अध्यापक दूरदर्शन से प्रसारित होने वाले शैक्षणिक कार्यक्रमों को जरूर देखें जिससे बच्चों के प्रश्नों का जवाब दे सकें। अब समस्या यह है कि किसी भी विद्यालय में टेलीविजन नहीं है। कर्नलगंज इंटर कॉलेज और जीआइसी के प्रधानाध्यापक ने कहा कि टीवी न होने के कारण विद्यालय में शिक्षक कार्यक्रम नहीं देख सकेंगे। इसी तरह की समस्या अन्य विद्यालयों के शिक्षकों के साथ भी है। सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यो को कहा गया है कि वे विद्यालय के किसी भी मद से टीवी खरीद लें। बाद में उस धन का समायोजन कर लिया जाएगा। जिससे कि अध्यापक भी विद्यालय में रहते हुए शैक्षणिक कार्यक्रमों का प्रसारण देख सकें और छात्रों के प्रश्नों का भी जवाब दे पाएं। - आरएन विश्वकर्मा, डीआइओएस  |  
|    Posted: 18 Aug 2020 06:23 PM PDT फतेहपुर : परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के परिचय पत्र न बनवाने पर संयुक्त शिक्षा निदेशक ने बीएसए से मांगा स्पष्टीकरण। फतेहपुर : परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के परिचय पत्र न बनवाने पर संयुक्त शिक्षा निदेशक ने बीएसए से मांगा स्पष्टीकरण। फतेहपुर। परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों के परिचय पत्र बनाने में जिले में भी घोर लापरवाही बरती गई। निदेशक स्तर से कई बार निर्देश जारी किए जाने के बाद भी परिचय पत्र नहीं बनाए गए। निदेशक ने अब बेसिक शिक्षा अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा है। 22 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का समय दिया है। परिचय पत्र बनाने में कुल 49 जिलों की लापरवाही सामने आई है। जिले में 2650 परिषदीय स्कूलों में 9000 शिक्षक कार्यरत हैं। जून महीने में निदेशक ने सभी शिक्षकों के परिचयपत्र जारी करने के निर्देश दिए थे। दो महीना व्यतीत होने के बाद भी जिले में अभी तक एक भी शिक्षक का परिचय पत्र जारी नहीं हो पाया है। मंगलवार को समीक्षा के दौरान प्रगति रिपोर्ट न मिलने पर शिक्षा निदेशक बेसिक के निर्देश पर संयुक्त शिक्षा निदेशक बेसिक गणेश कुमार ने नोटिस जारी कर बीएसए देवेंद्र प्रताप सिंह से स्पष्टीकरण मांगा है। स्पष्टीकरण में कहा गया है कि अभी तक प्रगति रिपोर्ट न मिलने से साफ है कि परिचय पत्र बनाने का काम शुरू नहीं किया गया है। ऐसा न किया जाना विभागीय आदेशों की अवहेलना के दायरे में आता है। 22 अगस्त तक बीएसए लिखित रूप से स्पष्टीकरण दें। अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ![]()  |  
|    Posted: 18 Aug 2020 06:26 PM PDT रद्द नहीं की जा सकतीं अंतिम वर्ष की परीक्षाएं -यूजीसी, परीक्षाएं कराने के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुरक्षित विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि 30 सितंबर तक विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराने के छह जुलाई के उसके निर्देश कोई फरमान नहीं है, लेकिन राज्य बिना परीक्षाएं कराए डिग्री प्रदान करने का फैसला नहीं ले सकते। यूजीसी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आरएस रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की पीठ को बताया कि आयोग के निर्देश छात्रों के फायदे के लिए हैं क्योंकि विश्वविद्यालयों को परास्नातक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश शुरू करने हैं और राज्य सरकारें यूजीसी के दिशानिर्देश निष्प्रभावी नहीं कर सकतीं।  यूजीसी के छह जुलाई के दिशानिर्देश की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखते हुए पीठ ने कहा, मसला यह है कि अगर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने फैसला किया है कि हालात परीक्षाएं कराने के अनुकूल नहीं हैं तो क्या वे यूजीसी के निर्देशों को अस्वीकार कर सकते हैं। दूसरा मुद्दा यह है कि क्या यूजीसी राज्य सरकारों को निष्प्रभावी कर सकता है और विश्वविद्यालयों को निर्धारित तिथि पर परीक्षाएं कराने के लिए कह सकता है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के दौरान मेहता ने पीठ को बताया कि राज्य समयसीमा बढ़ाने की मांग तो कर सकते हैं, लेकिन वे बिना परीक्षाएं कराए डिग्री प्रदान करने का फैसला नहीं ले सकते। उन्होंने दलील दी कि कोविड-19 राष्ट्रीय आपदा है और राज्य सरकारें यूजीसी को निष्प्रभावी नहीं कर सकतीं। पीठ ने कहा, यह ध्यान में रखना होगा कि छात्रों का कल्याण छात्र तय नहीं कर सकते, इस संबंध में फैसला संवैधानिक निकाय को लेना है। पीठ ने कहा, एक अन्य मसला यह है कि क्या आपदा प्रबंधन कानून के तहत राज्य फैसला ले सकते हैं और कह सकते हैं कि वे परीक्षाएं नहीं कराएंगे और छात्रों के पिछले प्रदर्शन के आधार पर परिणाम घोषित करेंगे।   |  
|   परिषदीय स्कूलों के बच्चों को रोज मिलेगा विषयवार प्रोजेक्ट या होमवर्क Posted: 18 Aug 2020 06:19 PM PDT परिषदीय स्कूलों के बच्चों को रोज मिलेगा विषयवार प्रोजेक्ट या होमवर्क लखनऊ : परिषदीय स्कूलों के खुलने पर उनमें पढ़ने वाले बच्चों को रोज विषयवार प्रोजेक्ट/होमवर्क दिया जाएगा। शिक्षक अगले दिन क्लास में होमवर्क का आकलन करेंगे। कक्षा के अनुरूप बच्चों के सीखने-समझने का स्तर प्राप्त करने की तारीख को ही शिक्षक उसे प्रेरणा तालिका में अंकित करेंगे। हर महीने प्रधानाध्यापक और एकेडमिक रिसोर्स पर्सन इसकी मॉनीटरिंग और सत्यापन करेंगे। परिषदीय विद्यालयों में शैक्षिक कार्यों के निर्धारण के सिलसिले में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से बीती 14 अगस्त को जारी शासनादेश में यह निर्देश दिये गए हैं। यदि कोई बच्चा नियमित तौर पर स्कूल नहीं आ रहा है तो शिक्षक उसके अभिभावक से संपर्क करने के लिए एक सुचारु व्यवस्था बनाएंगे। शैक्षिक पंचांग (साप्ताहिक कैलेंडर) का अनुपालन पूरी तरह सुनिश्चित किया जाएगा। यदि शैक्षिक पंचांग में निर्धारित समयसारिणी का अनुपालन नहीं किया जा सका है तो उसकी भरपाई के लिए एक अतिरिक्त पीरियड की व्यवस्था की जाएगी।  |  
|    Posted: 18 Aug 2020 04:20 PM PDT National Scholarship 2020 : 10वीं और 12वीं पास स्टूडेंट्स के लिए नेशनल स्कॉलरशिप पाने का मौका, scholarships.gov.in पर करें आवेदन। National Scholarship 2020 स्टूडेंट्स को जिन छात्रवृति योजना में रुचि हो उसकी विस्तृत गाइडलाइन पोर्टल पर देख सकते हैं। National Scholarship 2020: 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके स्टूडेंट्स के लिए राष्ट्रीय स्तर के स्कॉलरशिप प्राप्त करने का सुनहरा मौका है। इच्छुक व योग्य स्टूडेंट्स नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल (एनएसपी) पर ऑनलाइन आवेदन कर आसानी से स्कॉलरशिप पा सकते हैं। इसके लिए नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल (एनएसपी) को सक्रिय कर दिया गया है। बता दें कि एनएसपी पर अभी 16 प्रकार के राष्ट्रीय स्तर की छात्रवृत्ति योजना का नाम डाला गया है, जो केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के तहत है। इनमें से अधिक छात्रवृत्ति योजना मैट्रिक स्तर के ही हैं। स्टूडेंट्स एनएसपी पोर्टल, scholarships.gov.in पर विजिट कर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। बता दें कि एनएसपी पोर्टल पर छात्रवृत्ति से संबंधित सारी जानकारी दी गई है। स्टूडेंट्स को जिन छात्रवृति योजना में रुचि हो, उसकी विस्तृत गाइडलाइन पोर्टल पर देख सकते हैं। स्टूडेंट्स, छात्रवृत्ति के लिए योग्यता, छात्रवृत्ति राशि, डाक्यूमेंट्स, आवेदन आदि समेत तमाम जानकारियां गाइडलाइन में प्राप्त कर सकते हैं। सभी छात्रवृत्ति योजना भारत सरकार के अलग-अलग मंत्रालय ने जारी किया है। जिनमें अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, जनजातीय कार्य मंत्रालय, आरपीएफ/आरपीएसएफ रेल मंत्रालय आदि शामिल हैं। बता दें कि भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के तहत छात्रवृति योजनाओं के लिए आवेदन करने की अलग-अलग तिथि निर्धारित की गई है। स्टूडेंट्स, पोर्टल पर लॉगइन कर आवेदन की अंतिम तिथि, दोषपूर्ण सत्यापन और संस्थान सत्यापन की तिथियों की जांच कर सकते हैं। ये हैं राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजनाएं और आवेदन की अंतिम तिथि प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम फॉर माइनोरिटीज : 31 अक्टूबर, 2020 पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम फॉर माइनॉरिटीज : 31 अक्टूबर, 2020 मेरिट कम मींस स्कॉलरशिप फॉर प्रोफेशनल एंड टेक्निकल कोर्सेज : 31 अक्टूबर, 2020 प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप फॉर स्टूडेंट्स विद डिसैबिलिटीज : 31 अक्टूबर, 2020 पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप फॉर स्टूडेंट्स विद डिसैबिलिटीज : 31 अक्टूबर, 2020 स्कॉलरशिप फॉर टॉप क्लास एजुकेशन फॉर स्टूडेंट्स विद डिसैबिलिटीज : 31 अक्टूबर, 2020 टॉप क्लास एजुकेशन स्कीम फॉर एससी स्टूडेंट्स : 15 अक्टूबर, 2020 फाइनेंसियल असिस्टेंस फॉर एजुकेशन ऑफ द वाईस ऑफ पोस्ट मैट्रिक : 31 अक्टूबर, 2020 नेशनल मीन्स कम मेरिट स्कॉलरशिप : 15 दिसंबर, 2020 सेंट्रल सेक्टर स्कीम ऑफ स्कॉलरशिप फॉर कॉलेज एंड यूब स्टूडेंट्स : 31 अक्टूबर, 2020 प्राइम मिनिस्टर्स स्कॉलरशिप स्कीम फॉर सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज : 31 अक्टूबर, 2020 प्राइम मिनिस्टर्स स्कॉलरशिप स्कीम फॉर आरपीएफ : 31 अक्टूबर, 2020 एनईसी मेरिट स्कॉलरशिप : 31 अक्टूबर, 2020 नेशनल फेलोशिप एंड स्कॉलरशिप फॉर हायर एजुकेशन ऑफ एससी स्टूडेंट्स: 31 अक्टूबर, 2020 ![]()  |  
|    Posted: 18 Aug 2020 04:20 PM PDT  |  
|   प्रतापगढ़ में 17 परिषदीय शिक्षक मिले फर्जी, पांच पर एफआइआर Posted: 18 Aug 2020 04:19 PM PDT प्रतापगढ़ में 17 परिषदीय शिक्षक मिले फर्जी, पांच पर एफआइआर।बीईओ ने बताया है कि सुबोध का चयन 68 हजार 500 शिक्षकों की नियुक्ति में हुआ था। शिक्षक का टीईटी प्रमाण पत्र जांच में फर्जी मिला है।  प्रयागराज : पडोसी जनपद प्रतापगढ़ में जिले के परिषदीय स्कूलों में 17 परिषदीय शिक्षकों के अभिलेख फर्जी मिले हैं। इनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने का आदेश बीएसए ने दिया है। इनमें से मंगलवार को पांच परिषदीय शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। यह सभी फर्जी दस्तावेज से नौकरी हासिल किए थे। इनके विरुद्ध धोखाधड़ी, जालसाजी का मुकदमा थानों में दर्ज कराया गया है। नौकरी के लिए बन गए थे भूतपूर्व सैनिक जिले के परिषदीय स्कूलों में फर्जीवाड़ा कर नौकरी हासिल करने वालों पर विभाग ने शिकंजा कसा है। वर्ष 2017-18 में फर्जी दस्तावेज से शिक्षक की नौकरी हासिल करने वाले 17 शिक्षकों के अभिलेख फर्जी पाए गए हैं। इनके विरुद्ध बेसिक शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार सिंह ने एफआइआर का आदेश दिया है। लालगंज प्रतिनिधि के अनुसार रामपुर संग्रामगढ़ के खंड शिक्षा अधिकारी मो. रिजवान ने लालगंज कोतवाली में दी गई तहरीर में कहा है कि प्राथमिक विद्यालय ढिंगवस में उर्दू भाषा में जिले के मधुपुर प्रतापगढ़ निवासी रियासत अली पुत्र अब्दुल खालिक ने हाईस्कूल तथा इंटरमीडिएट के अंक पत्र फर्जी लगाकर नियुक्ति हासिल कर ली थी। यही नहीं शिक्षक ने स्वयं को भूतपूर्व सैनिक होने का भी फर्जी प्रमाण पत्र लगाया था। जांच में फर्जीवाड़े का राजफाश हुआ। बीएड का फर्जी अंकपत्र लगाकर कर रहे थे नौकरी इसी तरह प्राथमिक विद्यालय वीरसिंहपुर में कौशांबी जिले के पूरे पोखरा निवासी अरविंद कुमार पुत्र अमरनाथ ने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी से फर्जी बीएड का अंकपत्र लगाकर सहायक अध्यापक पद पर धोखे से चयन करा लिया था। जांच में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने आरोपित द्वारा दिए गए अनुक्रमांक को फर्जी बताया। इसी तरह जिले के मेंहदियावारी मुस्तर्का प्रतापगढ़ निवासी संजीव कुमार पुत्र रामनाथ ने विकासखंड के ग्राम पंचायत जेवई पूरे विश्राम प्राथमिक विद्यालय में फर्जी अंकपत्र लगाकर सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति हासिल कर ली थी। जांच में संजीव कुमार के अभिलेख कूटरचित पाए गए। बीईओ मो. रिजवान ने बताया कि तीनों शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है। सांगीपुर प्रतिनिधि के अनुसार सहायक अध्यापिका पर फर्जी दस्तावेज से नौकरी हासिल करने पर  कोठा नेवडिय़ा प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका उमा देवी सरोज पुत्री अजय सरोज के खिलाफ सांगीपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। जांच में शिक्षिका का 2011 टीईटी का प्रमाण पत्र फर्जी मिला  जांच में 2011 टीईटी का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हासिल करना पाया गया। इस पर  खंड शिक्षा अधिकारी संड़वा चंद्रिका राम शंकर ने मंगलवार को सांगीपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया। संड़वाचंद्रिका प्रतिनिधि के अनुसार अंतू थाना क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय मझिलहा में टीईटी के फर्जी प्रणामपत्र पर नौकरी कर रहे शिक्षक सुबोध कुमार के खिलाफ बीईओ ने अंतू थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। जांच में मामला पकड़ में आने पर बीएसए ने बीईओ सदर को रिपोर्ट दर्ज कराने का आदेश दिया था। बीईओ ने बताया है कि सुबोध का चयन 68 हजार 500 शिक्षकों की नियुक्ति में हुआ था। शिक्षक का टीईटी प्रमाण पत्र जांच में फर्जी मिला है। विभाग द्वारा शिक्षक को अभी वेतन निर्गत नहीं  किया गया है। बीएसए अशोक कुमार सिंह ने बताया कि 17 शिक्षकों ने फर्जी दस्तावेज से नौकरी हासिल की थी। इन सभी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने का आदेश खंड शिक्षाधिकारियों को दिया गया है। ![]()  |  
|   जौनपुर : मृतक आश्रित शिक्षणेत्तर संघ के जिलाध्यक्ष ने बीएसए व एबीएसए पर दर्ज कराया मुकदमा Posted: 18 Aug 2020 06:04 AM PDT जौनपुर : मृतक आश्रित शिक्षणेत्तर संघ  के जिलाध्यक्ष ने बीएसए व एबीएसए पर दर्ज कराया मुकदमा  जलालपुर– क्षेत्र के निवासी मृतक आश्रित शिक्षणेत्तर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष चन्द्र प्रकाश सिंह के न्याय संगत आवाज को दबाने के लिए बीएसए जौनपुर प्रवीण कुमार तिवारी तथा एबीएसए मुँगराबादशाहपुर जवाहरलाल यादव ने निलंबित करने और नौकरी खा जाने की धमकी दी तो प्रदेश उपाध्यक्ष ने संगठन के जिलाध्यक्ष रामआसरे यादव के सहयोग से 156(3) के तहत कोर्ट से एबीएसए मुँगराबादशाहपुर तथा बीएसए जौनपुर के ऊपर मुकदमा दर्ज कराने का मजिस्ट्रेट से आदेश करा लिए है । और दोनों लोगों के ऊपर मुकदमा दर्ज होते ही जनपद के शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है । गौरतलब हो कि शासनादेश के विरुद्ध सम्बद्धता कर बीएसए के आदेश पर एबीएसए जवाहरलाल यादव ने मुँगराबादशाहपुर क्षेत्र में कार्यरत मृतक आश्रित कर्मचारी मनोज कुमार मौर्य की 15 जुलाई 2020 को ड्यूटी करते समय पेड़ की डाली हाथ पर गिरने से हाथ टूट गया । और अधिकारियों द्वारा कोई सहयोग नहीं किया गया । इस घटना की जानकारी जब प्रदेश उपाध्यक्ष को हुई तो एबीएसए तथा बीएसए से शासनादेश के विरुद्ध ड्यूटी क्यों लगाई गई के सम्बंध में बात किया तो गुस्साए बीएसए ने प्रदेश उपाध्यक्ष के कार्यरत विद्यालय पुरेंव वि.खं. जलालपुर पर 17जुलाई 2020 को सुबह साढ़े सात बजे ही मड़ियाहूं के एबीएसए मनोज यादव से जाँच कराकर सभी शिक्षकों का एक दिन का वेतन रोक दिया । और स्पष्टीकरण की माँग करते हुए कार्यवाही कर दिए । जबकि प्रदेश उपाध्यक्ष चन्द्र प्रकाश सिंह ने बताया कि मैं उस दिन छुट्टी पर था । एबीएसए जलालपुर शशिकांत श्रीवास्तव को छुट्टी के लिए लिखित मैसेज भेज दिया था । बावजूद इसके मेरा भी वेतन रोक दिया गया । और मुझे निलंबित करने की धमकी दी गई । मृतक आश्रित कर्मचारी मनोज कुमार मौर्य ने जब एबीएसए मुगराबादशाहपुर से फोन पर बात करके पूछा कि सर मेरी क्या गलती है । मेरा हाथ भी टूटा और मेरे ऊपर कार्यवाही भी कर रहे है मै मर जाऊंगा तो उन्होंने कहा कि मरो या जियो कार्यवाही होकर रहेगी । न्याय पाने के उद्देश्य से इस मामले को थाना से लेकर पुलिस अधीक्षक तक लेकर गये लेकिन न्याय नहीं मिलने पर कोर्ट का सहारा लिया और कोर्ट ने एबीएसए मुँगराबादशाहपुर जवाहरलाल यादव तथा बीएसए जौनपुर प्रवीण कुमार तिवारी के ऊपर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दे दिया । उपाध्यक्ष श्री सिंह ने कहा कि अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए प्रदेश से लेकर जनपद तक के सभी संगठन लामबंद हो चुके है । अब किसी भी अधिकारी के द्वारा कर्मचारियों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा । साभार- तरुणमित्र लखनऊ एडिशन  |  
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