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Monday, September 21, 2020

Bhopal Samachar | No 1 hindi news portal of central india (madhya pradesh)

Bhopal Samachar | No 1 hindi news portal of central india (madhya pradesh)


मध्यप्रदेश में कलेक्टर पद की नियुक्ति में जातिगत आरक्षण चाहिए: AJJAKS का Khula Khat

Posted: 21 Sep 2020 07:06 AM PDT

प्रति, मुख्य सचिव महोदय
, मध्यप्रदेश शासन मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल! महोदय, उपरोक्त विषयांतर्गत निवेदन है कि वर्तमान में मध्यप्रदेश के 53 जिले हैं जिनमें से मात्र 2 जिलों में अनुसूचित जाति वर्ग एवं 2 जिलों में अनसूचित जनजाति वर्ग के कलेक्टर पदस्थ हैं। मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग की कुल जनसंख्या लगभग 40 प्रतिशत है। मध्यप्रदेश का विकसित राज्य न होने का मुख्य कारण अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग का मुख्य धारा से अलग होना है। माननीय मुख्य मंत्री जी एवं आप मध्यप्रदेश को विकसित राज्य बनाकर देश में प्रथम स्थान लाने के लिए कृतसंकल्पित है। 

महोदय देश को स्वतंत्र हुए लगभग 70 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है किंतु जिलों में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के कलेक्टरों की पदस्थापना नहीं होने से इस वर्ग की जो मूलभूत आवश्यकता एवं शासन के जो हितकारी नियम हैं उनको लागू करने में अन्य वर्ग के कलेक्टर रूचि नहीं रखते है या रखते भी हैं तो कम। प्रदेश के जिलों में यदि अनसचित जाति-जनजाति वर्ग के कलेक्टर होंगे तो इस वर्ग की मूलभूत समस्याओं को दूर करने की दिशा में समुचित निर्णय लेंगे और शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। 

अतः संघ का आपसे विनम्र अनुरोध है कि प्रदेश के कम से कम 40 प्रतिशत जिलों में अनुसचित जाति-जनजाति वर्ग के कलेक्टरों की पदस्थापना की जाये ताकि वे प्रदेश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें। 
(एस.एल.सूर्यवंशी) प्रांतीय महासचिव (प्रशासन)

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JABALPUR में सांसद निवास तक रैली लेकर जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ता गिरफ्तार - MP NEWS

Posted: 21 Sep 2020 07:07 AM PDT

जबलपुर।
 मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। कोरोना संक्रमण के चलते जिले की सारी प्रशासनिक व्यवस्था पूरी फेल हो चुकी है। कोरोना संक्रमण के आगे अब प्रशासनिक अमला भी घुटने टेकता नजर आ रहा है। निजी अस्पताल कोरोना संक्रमितों से खुलेआम वसूली पर उतारू हो गए हैं।  

यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता कोरोना संक्रमण से जुड़े तमाम मुद्दों को लेकर रविवार को सांसद निवास का घेराव करने पहुंचे। युवक कांग्रेस के कार्यकर्ता जब सिविल लाइन में स्थित सांसद राकेश सिंह के निवास की तरफ जब रैली लेकर जा रहे थे, तभी पुलिस ने आधे रास्ते से ही उन्हें खदेड़ दिया। इसी बीच कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झूमाझटकी हुई। पुलिस ने यूथ कांग्रेस के 2 दर्जन से ज्यादा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है।

यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का कहना था कि जबलपुर में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। जबलपुर की हालत बद से बदतर हो गयी है। देश के प्रधानमंत्री, प्रदेश के मुख्यमंत्री और जबलपुर सांसद सिर्फ सरकार बनाने और सरकार बिगाड़ने में लगे हैं। सांसद वर्चुअल बैठके करते नजर आ रहे है। सांसद को कुम्भकर्णी नींद से जगाने का कार्य कर रहे हैं।

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RDVV NEWS: ओपन बुक एग्जाम का रिजल्ट कब आएगा, यहां पढ़िए

Posted: 21 Sep 2020 07:01 AM PDT

जबलपुर
। रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित ओपन बुक एग्जाम पूरे हो चुके हैं। बड़ी खबर यह है कि मध्य प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटी में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय शायद पहला ऐसा विश्वविद्यालय होगा जहां सबसे पहले रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा। उम्मीद है कि 30 सितंबर को रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा।

ज्ञात हो कि रानी दुर्गावती युनिवर्सिटी ने 10 सितंबर को ओपन बुक एग्जाम के पेपर वेबसाइट में अपलोड किये थे। उत्तरपुस्तिका जमा करने के लिए 15 और 16 सितंबर का समय तय हुआ था। 18 सितंबर तक संग्रहण केंद्रों से उत्तरपुस्तिकाएं जिलों के अग्रणी कॉलेजों में जमा हुई। अब प्रशासन इनका मूल्यांकन शुरू करवा रहा है। कापियों को युनिवर्सिटी तक बुलवाने की बजाये उन्हें सीधे जिला स्तर पर ही मूल्यांकन के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है।

मूल्यांकन के लिए 1500 शिक्षकों की ड्यूटी

युनिवर्सिटी प्रशासन ने कम वक्त में मूल्यांकन पूरा करवाने के लिए इस बार 1500 से ज्यादा शिक्षकों को मूल्यांकन का कार्य सौंपेगा। इसमें अतिथि विद्वान, कॉलेजों में कोड 28 के तहत नियुक्त शिक्षक और शासकीय कॉलेजों के प्राध्यापक भी शामिल होंगे। प्रशासन ने साफ कि किया है 5 साल का अध्यापन कार्य करवाने वाले सभी अनुभवी अध्यापकों को मूल्यांकन करना होगा। इसमें लापरवाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। ज्ञात हो कि सरकारी कॉलेजों के प्राध्यापक मूल्यांकन कार्य से कतराते हैं ऐसे शिक्षकों को चि-ति कर शासन स्तर पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाई के लिए पत्र लिखा जायेगा।

99 फीसद कापियां केंद्रों में :
कुलसचिव दीपेश मिश्रा ने बताया कि 99 फीसद उत्तरपुस्तिका संग्रहण केंद्रों से अग्रणी कॉलेजों तक आ चुकी है। करीब एक फीसद कापियां डाक से आनी शेष है जो जल्द मिल जायेगी। उनके अनुसार 21 सितंबर से मूल्यांकन का कार्य प्रारंभ होगा। जिला स्तर पर मूल्यांकन समन्वयक बनाये जा चुके हैं। जो स्थानीय स्तर पर मूल्यांकन का कार्य करवायेंगे।

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JABALPUR में नया अस्पताल बनकर तैयार लेकिन मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे - MP NEWS

Posted: 21 Sep 2020 06:45 AM PDT

जबलपुर
। कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार ने जनता पर मनमाने प्रतिबंध लगाए और जनता ने मात्र 24 घंटे के अंदर सरकार की गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित किया परंतु मरीजों के इलाज के लिए सरकारी ढर्रा बिल्कुल वैसा ही चल रहा है जिसके लिए वह बदनाम है। जबलपुर में 30 बिस्तर का अस्पताल महामारी के पहले ही बनकर तैयार हो गया था परंतु आज दिनांक तक अस्पताल में एक भी मरीज को भर्ती नहीं किया गया। क्योंकि अस्पताल का लोकार्पण नहीं हुआ है।

पूर्व स्वास्थ्य राज्यमंत्री शरद जैन ने बताया कि माढ़ोताल में 30 बिस्तर का अस्पताल बनकर तैयार है। इसके बाद भी इसका उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा है। पूर्व स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने रविवार को जबलपुर कमिश्नर से चर्चा करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में यह अस्पताल बनवाया गया था, लेकिन इसका उपयोग नहीं किया जा रहा है। जबकि कोरोनाकाल में अस्पतालों की जरूरत है। प्रशासन होटलों में कोरोना मरीजों को क्वारंटाइन कर रहा है जबकि यहां अस्पताल खाली पड़ा है। संभागायुक्त ने इस विषय पर शीघ्र अमल करने आश्वासन दिया है। 

पूर्व स्वास्थ्य राज्यमंत्री से चर्चा के बाद संभागायुक्त महेशचंद्र चौधरी व सीएमएचओ डॉ. रत्नेश कुरारिया ने माढ़ोताल स्थित अस्पताल का निरीक्षण किया। इस मौके पर पवन तिवारी,शरद दीक्षित,विनीत सोनी, अतुल दाणी और राजेश ताम्रकार मौजूद रहे।

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BHOPAL में माँ ने ही मासूम शानवी की हत्या की, प्रेमी को नहीं खोना चाहती थी: पुलिस - MP NEWS

Posted: 21 Sep 2020 06:30 AM PDT

भोपाल।
 मप्र की राजधानी भोपाल में तीन दिन पहले एक साल की अपनी जिंदा बेटी को बड़े तालाब में फेंकने वाली मां का कबूलनामा पुलिस को भी हैरान कर रहा है। विवाहिता को कितना अफसोस है, यह तो नहीं बता पा रही, लेकिन वह इतना कह रही है कि उसके पास इसके सिवा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा था। वह अपने प्रेमी को खोना नहीं चाहती थी, इसलिए बेटी को रास्ते से हटा दिया। विवाहिता और उसका प्रेमी रायसेन जिले के रहने वाले हैं।

पुलिस को मासूम बच्ची शानवी का शव बड़े तालाब में मिला था। इधर, प्रेमी शिवम की फोन करने की एक गलती ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। पुलिस ने आरोपी महिला और उसके प्रेमी को सोमवार दोपहर करीब 2 बजे लालघाटी स्थित हलालपुरा बस स्टैंड से गिरफ्तार कर लिया। दोनों बस पकड़कर भोपाल से बाहर भागने की फिराक में थे। 

थाना प्रभारी तलैया डीपी सिंह के अनुसार, सोनम को अपनी बेटी की मौत का कोई खास अफसोस नजर नहीं आया। पकड़े जाने के बाद भी वह यही कहती रही कि उसे उसका पति मारता है। घरवाले भी डांटते हैं, इसलिए उसने यह कदम उठाया। पूछताछ में 23 साल की सोनम ने पुलिस को बताया- शादी के बाद से ही पति जितेंद्र चौरसिया से झगड़ा होने लगा था। वह मारपीट करता था। इसलिए मेरा मन नहीं लगता था। शिवम से मेरी पहचान कॉलेज के समय से थी। हम एक-दूसरे को प्यार करने लगे थे। 

16 सितंबर के तड़के करीब 3 बजे मैं घर से बेटी को लेकर औबेदुल्लागंज से रायसेन अपने मायके आ गई। पिता के पूछने पर मैंने बताया कि जितेंद्र मारपीट करता है। पापा ने डांटा भी था तो 17 तारीख की सुबह 11 बजे वहां से शिवम के साथ चली गई। हम भोपाल आ गए। VIP रोड पर मैंने अपनी बेटी को पानी में फेंक दिया। उसका सिर किसी चीज से टकराया भी था। फिर मैं रोने लगी और गोताखोर आ गए तो मैंने कहानी बना दी। शिवम के आने के बाद हम वहां से रायसेन कोतवाली थाने पहुंचे और मैंने पुलिस को बताया कि पति मारपीट करता है। इसलिए मैं शिवम के साथ जा रही हूं। उसके बाद शिवम के साथ भोपाल चली आई। सब मुझे डांटते हैं। शिवम ही है, जो मुझे प्यार करता है। मैं उसे किसी भी कीमत पर नहीं खोना चाहती थी। इसलिए बेटी को मार दिया। 

थाना प्रभारी सिंह ने बताया कि 17 सितंबर की शाम सोनम ने बेटी को पानी में फेंक दिया था। उसके बाद वह शिवम के साथ भाग गई थी। इससे पहले 16 सितंबर की सुबह जब वह घर से गायब हो गई थी तो पति जितेंद्र ने शाम को उसकी रिपोर्ट कराई थी। उसके बाद से ही उसे खोज रहे थे। इधर, बच्ची का शव शुक्रवार सुबह मिला तो शनिवार देर रात उसकी शिनाख्त हो सकी थी। उसके बाद से ही सोनम और शिवम की तलाश की जा रही थी। आज उन्हें हलालपुरा बस स्टैंड से गिरफ्तार कर लिया है। अब पूछताछ के बाद न्यायालय में पेश कर देंगे।

पुलिस आरोपी की लगातार तलाश कर रही थी। उनके भोपाल में कोई कनेक्शन नहीं होने के कारण उनका पता नहीं चल रहा था। इसी दौरान शिवम की उसके भाई से फोन पर बात हुई। बातों ही बातों में उसने बताया कि वह भोपाल में है। इसके बाद पुलिस खोजते-खोजते उस तक पहुंच गई।

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क्या सचमुच शनि बहुत भारी होता है, पढ़िए शनि ग्रह में कितना वजन है - GK IN HINDI

Posted: 21 Sep 2020 06:25 AM PDT

शनि ग्रह का नाम सुनते ही अच्छे-अच्छे कांपने लगते हैं। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए काली वस्तुओं का दान करते हैं। लोहा धातु से बनी शनिदेव की प्रतिमा या प्रतीक पर तेल चढ़ाते हैं। आइए आज हम आपको शनि ग्रह से मिलवाते हैं। कुछ ऐसी बातें बताते हैं जो शायद आज से पहले किसी ने नहीं बताई थी:- 

यह तो आप जानते ही हैं कि शनि ग्रह हमारे सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है। भारत के ज्योतिष वैज्ञानिकों ने करीब 5000 साल पहले इसकी खोज कर ली थी परंतु आधुनिक विज्ञान में वैज्ञानिक गैलीलियो ने 1610 में शनि ग्रह की खोज दर्ज की।

शनि ग्रह के चारों तरफ एक विशेष प्रकार की आकृति बनी हुई है। यह आकृति वलय की तरह दिखाई देती है। माना जाता है कि शनि ग्रह के वलय पर जीवन (LIFE) मौजूद है। वैज्ञानिकों ने वलय पर पाए जाने वाले जीवो को एलियंस नाम दिया है।

जैसे पृथ्वी के पास एक चंद्रमा है वैसे ही शनि ग्रह के पास भी एक चांद है। शनि ग्रह के चांद को टाइटन के नाम से जाना जाता है। शनि ग्रह के चांद पर पृथ्वी से भी ज्यादा पानी मौजूद है। शनि ग्रह कई तरह की गैसों से मिलकर बना हुआ है।

सौरमंडल में आकार की दृष्टि से बृहस्पति ग्रह के बाद शनि ग्रह दूसरे नंबर पर आता है। शनि ग्रह पृथ्वी से 9 गुना अधिक बड़ा है। यानी शनि ग्रह इतना बड़ा है कि उसमें पृथ्वी जैसे 9 ग्रह समाहित हो सकते हैं।

भले ही बृहस्पति ग्रह सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है, मगर सबसे ज्यादा उपग्रह शनि ग्रह के पास है। यानी शनि ग्रह का परिवार सबसे बड़ा है। या फिर आप यह भी कह सकते हैं कि शनि देव के पास सबसे ज्यादा सहयोगी कर्मचारी हैं। आपको यह जानकर सबसे ज्यादा आश्चर्य होगा कि पृथ्वी से 9 गुना अधिक बड़ा होने के बावजूद यदि शनि ग्रह को पानी में रख दिया जाए तो वह डूबेगा नहीं बल्कि तैरने लगेगा। क्योंकि शनि ग्रह का घनत्व जल से बहुत कम है।

शनि ग्रह का एक दिन पृथ्वी के 14 दिन 10 घंटे के बराबर होता है। इसी प्रकार शनि ग्रह का 1 साल पृथ्वी के 29 सालों के बराबर होता है। पृथ्वी का सबसे ख़तरनाक तूफान की स्पीड 400KM/h मापी गई है। जबकि शनि ग्रह पर आई तूफान की गति 1800km/h होती है। यानी शनि ग्रह पर हवा की सामान्य स्पीड पृथ्वी पर तूफान की स्पीड के बराबर है। 2004 में शनि ग्रह पर इतना ख़तरनाक तूफान आया था जिसमें ब्रिटेन जैसे 12 देश समा सकते थे। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article (current affairs in hindi, gk question in hindi, current affairs 2019 in hindi, current affairs 2018 in hindi, today current affairs in hindi, general knowledge in hindi, gk ke question, gktoday in hindi, gk question answer in hindi,)

BHOPAL के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां नहीं दी जा रही: पीसी शर्मा - MP NEWS

Posted: 21 Sep 2020 06:50 AM PDT

भोपाल
। कांग्रेस पार्टी के नेता, पूर्व मंत्री एवं विधायक पीसी शर्मा ने आज विधानसभा सदन के दौरान मुद्दा उठाते हुए बताया कि भोपाल में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार के लिए आरक्षित भदभदा विश्राम घाट में भोपाल के बाहर निवास करने वाले मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां नहीं दी जा रही है। यह अमानवीय फैसला किसने लिया, सरकार इस मामले में क्या कार्रवाई कर रही है। 

कोविड-19 महामारी है तो फिर प्राइवेट अस्पतालों में फीस क्यों ली जा रही है

विधानसभा में सदन की कार्यवाही के दौरान पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कोविड-19 का मुद्दा उठाया। परसों भोपाल में 307 एवं इंदौर में 407 कोविड-19 के केस आये। जबलपुर, ग्वालियर सहित संपूर्ण मप्र में कोरोना तेजी से फैल रहा है। मुख्यमंत्री जी को विस्तृत जानकारी देनी चाहिए कि मरीजों को ऑक्सीजन क्यों नहीं मिल पा रही है। शर्मा ने सवाल पूछते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी यह बतायें कि कोरोना से संक्रमित मरीजों से प्राईवेट अस्पतालों में फीस क्यों ली जा रही है। शर्मा ने कहा कि इसी प्रकार भोपाल एवं मप्र में कोरोना फैलता गया तो आने वाले समय में भोपाल एवं मप्र के लिए बहुत ही मुश्किल वाला क्षण होगा।

राजनीतिक रैलियां हो रही है तो फिर धार्मिक आयोजनों पर रोक क्यों लगाई

शर्मा ने कहा कि प्रदेश में एक तरफ राजनीतिक दलों को राजनीति रैलियों, सभा करने के लिए बड़े-बड़े आयोजनों की स्वीकृति दी जा रही है। फिर देवी जी के धार्मिक आयोजनों पर रोक क्यों लगाई जा रही है? 

नवरात्रि में दुर्गा जी का पंडाल 450 स्क्वायर फिट का क्यों नहीं हो सकता

पूर्व मंत्री शर्मा ने विधानसभा में मूर्तिकारों, एवं प्रजापति समाज का मुद्दा का उठाया। शर्मा ने कहा कि पहले गणेश उत्सव के समय मूर्तिकारों एवं प्रजापति समाज ने भगवान गणेश जी की मूर्तियों का निर्माण करने के बाद उनका विक्रय नह कर पाया और अब नवरात्रि का त्यौहार आ रहा है इसलिए मुख्यमंत्री जी बतायें कि इन मूर्तिकारों ने दुर्गा जी की 10-10 फिट की मूर्तियां बना ली हैं। ऐसे में मूर्तिकार दुर्गा जी प्रतिमा का विक्रय नही कर पाया तो उनका साल भर बिना व्यवसाय के जायेगा और भुखमरी की स्थिति निर्मित होगी। दुर्गा जी का पंडाल 450 स्कवेयर फिट का क्यों नहीं लग सकता? 10 फिट की मूर्तियां क्यों नहीं स्थापित की जा सकतीं? इस पर आप क्या संशोधन करने वाले हैं , इसकी विस्तृत जानकारी दीजिए। ताकि नवरात्रि का त्यौहार लोग उल्लास और श्रद्धा के साथ मना सकें।

इससे पहले विधानसभा में सर्वदलीय बैठक आयोजित हुई जिसमें प्रोटेम स्पीकर श्री रामेश्वर शर्मा जी, मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी, नेता प्रतिपक्ष श्री कमलनाथ जी, गृहमंत्री श्री नरोत्तम मिश्रा जी, नगरीय प्रशासन मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह जी एवं पूर्व मंत्री आदरणीय सज्जन सिंह वर्मा जी, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा जी उपस्थित रहे। सर्वदलीय बैठक में यह तय किया गया कि नेताओं को श्रद्धांजलि दी जायेगी एवं बजट पास होगा। दो विधेयक साहूकार ऋण माफी, नगरीय क्षेत्रों में रजिस्ट्री पर 2% टैक्स कम किये जाने पर सर्वदलीय बैठक में सहमति बनी। आरंभ में पूर्व राष्ट्रपति माननीय स्व. प्रणब मुखर्जी जी, पूर्व राज्यपाल माननीय स्व. लालजी टंडन जी , पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी जी, विधायक स्व. श्री गोवर्धन दांगी जी, स्व. श्री मनोहर ऊंटवाल जी एवं 20-22 नेताओं को श्रद्धांजलि विधानसभा में दी गई। इसके बाद 5 मिनट का मौन रखा गया। इसके बाद नरोत्तम मिश्रा जी ने बजट पेश किया। साथी विधायकों ने अपनी अपनी बात रखी।

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MADHYA PRADESH के हर दूसरे नागरिक को हमने कोरोना वाला आयुर्वेदिक काढ़ा दिया है: सीएम शिवराज सिंह - MP NEWS

Posted: 21 Sep 2020 06:05 AM PDT

भोपाल।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया है कि कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने के लिए मध्य प्रदेश के चार करोड़ नागरिकों को आयुर्वेदिक काढ़ा उपलब्ध कराया गया है। यहां बताना जरूरी है कि मध्य प्रदेश की कुल जनसंख्या करीब 8 करोड़ है। यानी मध्य प्रदेश के प्रत्येक दूसरे नागरिक को सरकार की तरफ से निशुल्क आयुर्वेदिक काढ़ा प्राप्त हो चुका है।

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आज कोरोनावायरस के संदर्भ में वक्तव्य जारी किया है। आइए पढ़ते हैं उनके वक्तव्य की मुख्य बातें:-
पूरे प्रदेश में 'एक मास्क-अनेक जिंदगी अभियान' में मास्क वितरण का कार्य किया जा रहा है।
वैकल्पिक चिकित्सा का उपयोग करते हुए, करीब 4 करोड़ लोगों तक आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी दवाओं के साथ ही आयुर्वेदिक काढ़ा पहुँचाने का कार्य किया गया है। 
प्रदेश में 23 मार्च 2020 को टेस्टिंग क्षमता मात्र 300 टेस्ट प्रतिदिन थी, इसमें से सिर्फ 60 टेस्ट रोजाना हो पाते थे। अब प्रदेश की टेस्टिंग क्षमता 29780 टेस्ट प्रतिदिन है। 
प्रदेश में इस समय करीब 22 हजार एक्टिव केस हैं, जो कुल प्रकरणों का 20 प्रतिशत है। 

कितना अजीब तुलनात्मक अध्ययन है 
सरकारी अधिकारियों ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के सामने कितना अजीब तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत कर दिया। मजेदार बात यह है कि श्री शिवराज सिंह चौहान ने भी बिना विचार किए प्रतिवेदन का वाचन कर दिया। 
मध्य प्रदेश के हर दूसरे नागरिक को आयुर्वेदिक काढ़ा का दावा अपने आप में हास्यास्पद है। आयुर्वेदिक काढ़ा वितरण के प्रारंभ से ही इसमें घोटाले का संदेह जताया जाने लगा था। भारतीय जनता पार्टी के ही कई नेताओं ने आयुर्वेदिक काढ़ा वितरण और सरकारी आंकड़ों पर सवाल उठाए थे। 
मुख्यमंत्री जी ने प्रतिदिन टेस्ट क्षमता का तुलनात्मक अध्ययन 23 मार्च और 20 सितंबर के बीच किया है परंतु एक्टिव केस का तुलनात्मक अध्ययन 23 मार्च से 20 सितंबर तक कुल मरीजों की संख्या के सामने किया है। 
क्या ऐसा कभी संभव हो सकता है कि जो व्यक्ति 23 मार्च को संक्रमित होकर अस्पताल में भर्ती हुआ हो वह आज 20 सितंबर को भी अस्पताल में ही रहे। 
यदि करना ही है तो 23 मार्च को एक्टिव केस की तुलना में 20 सितंबर को एक्टिव की संख्या का तुलनात्मक अध्ययन करना चाहिए। जैसा कि टेस्ट की क्षमताओं के बारे में किया गया।

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MP POLICE सहित कई विभागों में भर्तियां होंगी: सीएम शिवराज सिंह ने फिर दोहराया - MP NEWS

Posted: 21 Sep 2020 06:45 AM PDT

भोपाल।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर दोहराया है कि मध्य प्रदेश पुलिस सहित कई सरकारी विभागों में रिक्त पदों की पूर्ति के लिए भर्तियां निकाली जाएंगी। बताने की जरूरत नहीं कि मध्य प्रदेश उपचुनाव में बेरोजगारी एक मुद्दा है और सरकारी नौकरी के लिए उम्मीदवार लगातार आंदोलन कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के सीतामऊ में रविवार दिनांक 20 सितंबर 2020 को 301 एक करोड़ से ज्यादा की विकास कार्यों के भूमिपूजन और लोकार्पण कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने मध्यप्रदेश में युवाओं को सरकारी नौकरी की वचनबद्धता दोहराई। हालांकि सरकारी नौकरी के मामलों में लोग सीएम शिवराज सिंह चौहान की घोषणाओं को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते क्योंकि 2018 में विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने जो मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया था, सत्ता परिवर्तन के बाद उस मामले में कई तरह की रोक लगा दी गई है। 

मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती का इंतजार कर रहे कई उम्मीदवार ओवरेज हो चुके हैं। सरकार की जिम्मेदारी है कि वह हर साल रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी करें परंतु मध्य प्रदेश में सरकार अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रही। उम्मीदवारों की मांग है कि मध्यप्रदेश पुलिस आरक्षक के 15000 पद और सब इंस्पेक्टर के 5000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए। इसके अलावा जो उम्मीदवार भर्ती परीक्षा का इंतजार करते-करते ओवरएज उन्हें भी परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाए। सरकारी सूत्रों का कहना है कि अभी तक उन्हें भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के कोई आदेश नहीं मिले हैं।

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DPI में कर्मचारियों की हड़ताल, सरकारी कामकाज ठप - EMPLOYEE NEWS

Posted: 21 Sep 2020 06:45 AM PDT

भोपाल।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित लोक शिक्षण संचालनालय के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। एक महिला कर्मचारी की शिकायत पर सहायक ग्रेड 2 अनिल पाठक के खिलाफ कमिश्नर द्वारा कार्रवाई न करने की स्थिति में पिछले 4 दिन से धरना प्रदर्शन किया जा रहा था। पांचवें दिन काम बंद हड़ताल शुरू कर दी गई।

सहायक ग्रेड 2 कर्मचारी के खिलाफ 5 दिन से धरना प्रदर्शन

लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) में करीब एक दर्जन कर्मचारी संगठनों ने सहायक ग्रेड-2 कर्मचारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उसके निलंबन की मांग को लेकर सोमवार को लगातार पांचवे दिन भी कर्मचारी संगठनों ने डीपीआई परिसर मे आयुक्त को एक कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। सभी संघों के पदाधिकारियों का कहना है कि अनिल पाठक को निलंबित नहीं किया गया तो सभी कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे।

सहायक अधीक्षक माला वैद्य और मोहम्मद ताहिर की शिकायत पर कार्रवाई नहीं हुई तो हड़ताल

लोक शिक्षण में सहायक अधीक्षक माला वैद्य और मोहम्मद ताहिर ने संचालनालय की स्थापना शाखा चार में सहायक ग्रेड-2 अनिल पाठक पर गाली-गलौज और अभद्र व्यवहार का आरोप लगाया है। कर्मचारियों का कहना है कि अनिल पाठक द्वारा कर्मचारियों से बदतमीजी की जाती है। इस संबंध में लोक शिक्षण आयुक्त को निलंबित करने के लिए ज्ञापन भी सौंपा गया। आयुक्त ने इस संबंध में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।

इससे नाराज लघु वेतन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र शर्मा, अजाक्स के जिला अध्यक्ष अशोक बेन, तृतीय वर्ग के मोहम्मद ताहिर, अनुसूचित जाति जनजाति कर्मचारी संघ के माला वैद्य, कर्मचारी कांग्रेस के मोहनलाल मिश्रा, खेलकूद समन्वय समिति के शैलेष शुक्ला, राज्य कर्मचारी संघ के कैलाश जाट, लिपिक संघ के आरडी नरवरिया समेत अन्य कर्मचारी हड़ताल पर हैं।

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GWALIOR में शिवराज, सिंधिया हो या कमलनाथ, गाइडलाइन तोड़ी तो कलेक्टर को कार्रवाई करनी होगी: हाईकोर्ट का अंतरिम आदेश - MP NEWS

Posted: 21 Sep 2020 06:45 AM PDT

ग्वालियर
। मध्यप्रदेश उपचुनाव के लिए प्रचार अभियान के दौरान शिवराज सिंह सरकार, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी ग्वालियर में ताबड़तोड़ कार्यक्रम कर रहे हैं। इन कार्यक्रमों में कोविड-19 प्रोटोकॉल का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। जनहित याचिका की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी कर दिए हैं। हाईकोर्ट ने कलेक्टर को पाबंद किया है। आज के बाद ग्वालियर में यदि किसी भी राजनीतिज्ञ सरकारी कार्यक्रम में गाइड लाइन का उल्लंघन हुआ तो हाई कोर्ट आयोजक एवं कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।

ग्वालियर कलेक्टर-एसपी को हाई कोर्ट का नोटिस: नेताओं को गाइडलाइन उल्लंघन करने से क्यों नहीं रोका

हाई कोर्ट ने तीन वकीलों को न्याय मित्र भी बनाया है। जिनका काम राजनीतिक गतिविधि या अन्य किसी आयोजन में कोरोना गाइड लाइन की अवहेलना होने पर प्रिंसीपल रजिस्ट्रार के माध्यम से हाई कोर्ट को अवगत कराना है। साथ ही कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को नोटिस भी जारी किए हैं। इसका जवाब 28 सितंबर तक प्रस्तुत करना है।

हाई कोर्ट की युगल पीठ ने शुक्रवार को राजनीतिक कार्यक्रमों पर रोक को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की थी। इस मामले में अंतरिम आदेश जारी कर दिए गए हैं।कोर्ट ने कहा है कि इसमें कोई विवाद नहीं है कि कोरोना की महामारी तेजी से फैल रही है। केन्द्र या राज्य ने कोरोना को लेकर गाइड लाइन भी जारी की है। 

राजनीतिक कार्यक्रमों में प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ तो कलेक्टर जिम्मेदार: हाई कोर्ट

याचिकाकर्ता के वकील ने कई फोटोग्राफ भी प्रस्तुत किए हैं। बिना समुचित साक्ष्य के इन फोटोग्राफ को कनेक्ट नहीं किया जा सकता है। यदि यह फोटोग्राफ अभी की राजनीतिक गतिविधियों के हैं तो राजनेता व प्रशासनिक अफसर जो भी हैं, वह गैर जिम्मेदाराना तरीके से काम कर रहे हैं। आम आदमी, राजनेता एवं राज्य के मुखिया को भी कानून का सम्मान करना आवश्यक है। हाई कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि आगामी सुनवाई की दिनांक तक राजनीतिक व्यक्ति और प्रशासनिक अधिकारी कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूर्ण रूप से पालन करेंगे। जिले के कलेक्टर इसका पालन सुनिश्चित कराएंगे।

ग्वालियर में तीन वकीलों को न्याय मित्र बनाया, राजनीतिक कार्यक्रमों पर नजर रखेंगे

हाई कोर्ट ने तीन वकीलों को न्याय मित्र नियुक्त किया है। इसमें एड. संजय द्विवेदी, राजू शर्मा, वीडी शर्मा शामिल हैं। कोर्ट ने आदेश में कहा है कि न्याय मित्रों से अपेक्षा की जाती है कि वह किसी के भी द्वारा कोरोना गाइड लाइन की अवहेलना किए जाने पर प्रिंसीपल रजिस्ट्रार के माध्यम से हाई कोर्ट को अवगत कराएंगे। जिससे केस पर जल्दी सुनवाई हो सके।

जनहित याचिका में यह बिंदु शामिल थे

अधिवक्ता आशीष प्रताप सिंह ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। जिसमें कहा था कि कोविड-19(कोरोना) की वजह से शादी, अन्य सामाजिक कार्यक्रम व अंत्येष्टी में ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने की इजाजत नहीं है, लेकिन शहर में हो रहे राजनीतिक कार्यक्रमों में लोगों की भीड़ उमड़ रही है। इससे कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। 200 से अधिक मरीज निकल रहे हैं। शहर में होने वाली सभाओं को प्रतिबंधित किया जाए।

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BF ने नाबालिग GF से रेप किया फिर रिश्तेदार को सौंप दिया - BHOPAL NEWS

Posted: 21 Sep 2020 03:42 AM PDT

भोपाल।
मप्र की राजधानी भोपाल में नाबालिग से रेप किए जाने का मामला सामने आया है। इसमें एक आरोपी 22 साल का है, जबकि दूसरा आरोपी 50 साल का बताया जाता है। आरोपी करीब 15 दिन तक नाबालिग को यहां-वहां घुमाता रहा। उसे पेट दर्द होने के बाद उसे उसकी मौसी के घर छोड़कर भाग गए। नाबालिग ने देर रात परिजनों के साथ टीला जमालपुरा थाने पहुंचकर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया। अभी किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। आरोपी ने पहले मां से पहचान बनाकर विश्वास जीता था। इसके बाद लड़की से दोस्ती कर ली थी। 

टीला जमालपुरा थाना प्रभारी राधेश्याम रेंजर ने बताया कि 16 वर्षीय नाबालिग कृष्णा नगर में रहती है। पिता की मौत के बाद उसकी मां ही उसका लालन-पालन करती है। वे प्राइवेट नौकरी करती हैं। कभी-कभी वह मां की मदद के लिए उनके साथ काम पर चली जाती थी। करीब डेढ़ साल पहले मां की मुलाकात हबीबगंज में रहने वाले 22 साल के आरोपी सागर रैकवार से हुई थी। उसने मां का मोबाइल नंबर ले लिया था। 

सागर बीच-बीच में महिला को फोन करता रहता था। फिर वह घर आने लगा। उनकी फोन पर भी बात होती थी। इसके कारण उसकी पहचान हो गई। पिछले साल जब मां घर पर नहीं थी, तब सागर आया और उसने लड़की से रेप किया। इसके बाद वह लगातार कभी उसके घर और कभी दूसरी जगह ले जाकर दुष्कर्म करता रहा। करीब 15 दिन पहले बहला-फुसलाकर वह अपने साथ ले गया। उसने अलग-अलग जगह पर रेप किया। रविवार दोपहर वह अपने एक परिचित जफर के यहां ले गया।
 
जफर की उम्र करीब 50 साल है। सागर ने उनसे कहा कि वह मकान ढूंढने जा रहा है तब तक इसे अपने यहां रख लो। सागर के जाते ही जफर ने भी नाबालिग लड़की के साथ रेप किया। करीब 5 घंटे बाद सागर लौटा तो लड़की ने उसको सब कुछ बता दिया। उसने बताया कि उसे पेट में तकलीफ हो रही है। इसके बाद वह उसे उसकी मौसी के घर छोड़कर भाग गया।

बताया गया कि करीब 3 महीने पहले भी पीड़िता को पेट में तकलीफ हुई थी। जिसके बाद सागर उसे लेकर डॉक्टर के पास गया था। डॉक्टर ने उनसे कहा कि वह इस तरह के मामले नहीं देखते हैं। या तो परिजन को लेकर आएं या सरकारी अस्पताल जाएं। सागर सरकारी अस्पताल गया तो वहां भी उन्हें यही जवाब मिला। इसके बाद वे प्राइवेट किसी डॉक्टर से मिले, लेकिन उसका इलाज नहीं हो सका।

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INDORE में कोरोना मरीज के शव को चूहे कुतर गए, मजिस्ट्रियल जांच के आदेश - MP NEWS

Posted: 21 Sep 2020 03:29 AM PDT

इंदौर
। कोरोनावायरस संक्रमण के इलाज के नाम पर इंदौर के प्राइवेट अस्पतालों में मनमानी फीस तो वसूली जा ही रही है लेकिन मरीजों के साथ भी दुर्व्यवहार के समाचार मिल रहे हैं। अन्नपूर्णा क्षेत्र में स्थित यूनिक हॉस्पिटल में कोरोनावायरस से पीड़ित मरीज के शव को कचरे के साथ ऐसी जगह पर पटक दिया गया जहां उसे चूहे कुतर गए। परिजनों ने हंगामा किया तो अस्पताल ने पुलिस बुला ली। कलेक्टर मनीष सिंह ने मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।

रात 3:00 बजे मौत हुई, दोपहर 12:00 बजे तक शव को चूहे कुतर चुके थे

इतवारिया बाजार के रहने वाले नवीन चंद जैन (87 साल) को सांस लेने में तकलीफ होने पर 17 सितंबर को यूनिक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। परिजन के अनुसार, बुजुर्ग का कोविड वार्ड में भर्ती करके इलाज किया जा रहा था। रविवार देर रात करीब 3 बजे उनकी मौत की सूचना दी गई। हमें कहा गया कि निगम की गाड़ी उन्हें अंतिम संस्कार के लिए लेकर जाएगी। इसके बाद हम दोपहर 12 बजे अस्पताल पहुंचे तो हमने देखा कि शव को जगह-जगह चूहों ने कुतर रखा है। हमने प्रबंधन से बात की तो उनका कहना था कि हमसे गलती हो गई।

परिजनों ने हंगामा किया तो हॉस्पिटल मैनेजमेंट से कोई नहीं आया, पुलिस आ गई

परिजन प्राची जैन का कहना है कि जब हम अस्पताल पहुंचे तो उन्हें एक लाख से ज्यादा का बिल थमा दिया गया। बिल जमा करने के बाद शव दिया गया। शव देखकर हमारे होश उड़ गए। शव के चेहरे और पैर में गंभीर घाव थे। अस्पताल प्रबंधन ने शव को कहीं ऐसी जगह पटक दिया था, जहां चूहों ने शव को कुतर दिया। उनका कहना है कि चूहे ने आंख में बुरी तरह से कुतरा है। आक्रोशित परिजन ने शव अस्पताल के बाहर रखकर हंगामा किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने समझाइश दी। हालांकि, काफी देर होने के बाद भी अस्पताल की तरफ से कोई जिम्मेदार नहीं आया, जो परिजन को पूरी जानकारी दे सके।

शाम 4:00 बजे तक मरीज स्वस्थ था, रात 8:00 बजे अस्पताल ने कई कागजों पर साइन करवा लिए

परिजन के अनुसार, अस्पताल वालों ने भर्ती करने के बाद हमें मिलने नहीं दिया। रविवार शाम 4 बजे फोन पर बात हुई तो वे अच्छे से बात कर रहे थे। रात साढ़े 8 बजे अस्पताल वालों ने हमें बुलाया और हालत गंभीर बताते हुए हमसे कागज पर साइन करवा लिए। देर रात साढ़े 3 बजे हमें बताया कि उनकी मौत हो गई है। यदि वे कह देते तो हम रात में ही शव लेकर चले जाते। चार घंटे में ऐसा हो सकता है कि चूहा इस तरह से बॉडी को कुतर देंगे। अस्पताल वालों ने इस तरह से क्यों छोड़ा। ये बिल्कुल न्याय नहीं है, यह हमारे साथ अन्याय हुआ है।

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मध्य प्रदेश में 25 सितंबर से लॉकडाउन होगा या नहीं, गृह मंत्री ने बताया - MP NEWS

Posted: 21 Sep 2020 03:52 AM PDT

भोपाल
। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने उस न्यूज़ पर सरकार की स्थिति स्पष्ट की है जो बिना किसी रिलायबल सोर्स के सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा वायरल हो रही है। गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि 25 सितंबर से मध्यप्रदेश में लॉकडाउन होगा या नहीं। 

डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने आज पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, यह सही है कि मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं परंतु फिलहाल लॉक डाउन का कोई विचार नहीं है। लॉकडाउन के बुरे परिणाम हम देख चुके हैं। इसलिए सरकार इस दिशा में कोई विचार नहीं कर रही है। लोगों को सावधानी बरतनी होगी। लोग जितना सावधान होंगे संक्रमण उतना कम होता चला जाएगा। 

कोरोनावायरस के कारण कई प्रतिबंध लगाए गए 

पिछले कुछ दिनों में कोरोनावायरस के संक्रमण की रोकथाम के नाम पर आम जनता और दुकानदारों पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। 
नवदुर्गा के अवसर पर माता की प्रतिमा स्थापना एवं झांकी निर्माण पर रोक नहीं लगाई गई है परंतु उत्सव पर रोक लगा दी गई है। गरबा-डांडिया या फिर महा आरती आदि का आयोजन प्रतिबंधित कर दिया है। 
राजधानी भोपाल में रात का कर्फ्यू फिर से लगा दिया गया है। सरकारी दस्तावेज में इसे धारा 144 के तहत लगाया गया प्रतिबंध बताया गया है। 
भोपाल में रात 8:00 बजे बाजार बंद करने के आदेश न केवल पारित हुए बल्कि कढ़ाई पूर्वक पालन कराया जाने लगा है। 
इंदौर में बाजार बंदी के लिए खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टर को निर्देशित किया है। 
लोगों को आपत्ति सिर्फ इस बात पर है कि सभी प्रकार के प्रतिबंध धार्मिक आयोजनों एवं बाजारों पर लगाए जा रहे हैं। राजनीतिक रैलियां, आम सभाएं, और पार्टियों के कार्यक्रम पर कोई प्रतिबंध नहीं है।

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बिना फेसमास्क के गृहमंत्री ने कहा: कोरोना से बचने लोगों को आदत बदलनी होगी - MP NEWS

Posted: 21 Sep 2020 02:50 AM PDT

भोपाल।
कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए लागू प्रोटोकॉल का उल्लंघन यदि मध्यप्रदेश में किसी मंत्री ने सबसे ज्यादा किया है तो वह नाम डॉ नरोत्तम मिश्रा के अलावा शायद ही कोई हो। मजेदार बात तो यह है कि संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार क्या कदम उठाने जा रही है, सवाल पर प्रतिक्रिया देते समय भी गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने फेस मास्क नहीं लगाया था। इतना ही नहीं विधानसभा के अंदर भी डॉ मिश्रा और कमलनाथ बिना फेस मास्क के घूम रहे थे।

बिना फेस मास्क के मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा: लोगों को फेस मास्क की आदत डालनी चाहिए

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कोरोना बढ़ रहा है। अभी लॉकडाउन का कोई विचार नहीं है। हां, एक दर्जन से ज्यादा मंत्री संक्रमित हो चुके हैं। करीब 30 से ज्यादा विधायक भी संक्रमित निकल चुके हैं। सभी को अपना ध्यान रखना होगा। हमें इसके साथ रहने की आदत डालनी होगी। कोरोना की छाया में सावधानी का नाम बुद्धिमानी है।

गृह मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन कोई स्थायी निदान नहीं है। इसके दुष्परिणाम भी हम झेल चुके हैं। लोगों को अब इसके साथ ही चलने की आदत डालनी होगी। उन्होंने कहा कि हमारे एक विधायक तो दूसरी बार कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। ऐसे में यह हम सबको समझना होगा। 

अभी संक्रमण खत्म नहीं हुआ है। इसकी गंभीरता को जानना और पहचानना सभी को जरूरी है। अपनी-अपनी जिम्मेदारी से कोरोना के साथ रहने की आदत डालनी होगी। क्योंकि यह लंबे समय तक चलने वाला है। ऐसे में जितना हम सावधानी रखेंगे, उतनी ही इससे दूर रहेंगे। दूसरी की बातों में आकर लापरवाही न बरतें। अब लॉकडाउन नहीं किया जाएगा।

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MADHYA PRADESH में कौन-कौन से स्कूल खुले कौन से बंद रहे, यहां पढ़िए - EDUCATION NEWS

Posted: 21 Sep 2020 04:11 AM PDT

भोपाल
 मध्य प्रदेश में एक ओर जहां सरकार के आदेश के बाद सभी सरकारी स्कूलों को खोल दिया गया है वहीं, राजधानी में CBSE और मिशनरी से जुड़े प्राइवेट स्कूल 30 सितंबर तक बंद रहेंगे यह फैसला स्कूलों के एसोसिएशन भोपाल सहोदय कांप्लेक्स की तरफ से लिए गया है सहोदय कांप्लेक्स का कहना है कि 30 सितंबर के बाद स्थितियों का आकलन कर छात्रों को स्कूल भेजने पर फैसला लिया जाएगा। 

सरकार से मिली छूट के बाद भी प्रदेश के कई प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधन ने आज स्कूल खोलने से मना कर दिया इसके अलावा पैरेंट्स भी बच्चों को मार्गदर्शक सत्र में भेजने को तैयार नहीं हैं हालांकि प्राइवेट स्कूलों में संस्थान से ऑनलाइन मार्गदर्शक कक्षाएं 10 बजकर 30 मिनट पर संचालित की जाएंगी आपको बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय से आदेश मिलने के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने 9वीं से 12वीं तक सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को आज यानि 21 सितंबर से खोलने का आदेश दिया था

वहीं, ग्वालियर जिले में भी 9वीं से लेकर 12वीं तक के स्कूल खोल दिए गए जिले के कई सरकारी स्कूलों में बच्चे भी पहुंचे स्कूलों में पहुंचने वाले बच्चों को हैंड सैनिटाइजर के बाद सोशल डिस्टेंसिंग के साथ क्लास में भेजा गयाहालांकि जिले के अधिकांश प्राइवेट स्कूल भी बंद थे

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मैं, नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री होने के नाते किसानों को भरोसा देता हूं... पढ़िए PM MODI का किसानों के नाम संबोधन - NATIONAL NEWS

Posted: 21 Sep 2020 01:34 AM PDT

नई दिल्ली। 
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने खेती किसानी के संदर्भ में बनाए गए नए कानून के बाद उठे विवाद पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि मैं देश के प्रत्येक किसान को इस बात का भरोसा देता हूं कि MSP की व्यवस्था जैसे पहले चली आ रही थी, वैसे ही चलती रहेगी। इस साल रबी में गेहूं, धान, दलहन और तिलहन को मिलाकर, किसानों को 1 लाख 13 हजार करोड़ रु. MSP पर दिया गया है। ये राशि भी पिछले साल के मुकाबले 30% से ज्यादा है। 

नया कानून कृषि उपज मंडियों के खिलाफ नहीं है: प्रधानमंत्री मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि 'मैं यहां स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि ये कानून, ये बदलाव कृषि मंडियों के खिलाफ नहीं हैं। कृषि मंडियों में जैसे काम पहले होता था, वैसे ही अब भी होगा। बल्कि ये हमारी ही एनडीए सरकार है जिसने देश की कृषि मंडियों को आधुनिक बनाने के लिए निरंतर काम किया है। 

भारत में कोल्ड स्टोरेज का नेटवर्क विकसित होगा: प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी

श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब देश के किसान, बड़े-बड़े स्टोरहाउस में, कोल्ड स्टोरेज में इनका आसानी से भंडारण कर पाएंगे। जब भंडारण से जुड़ी कानूनी दिक्कतें दूर होंगी तो हमारे देश में कोल्ड स्टोरेज का भी नेटवर्क और विकसित होगा, उसका और विस्तार होगा। 

एसेन्शियल कमोडिटी एक्ट में भी बदलाव किया है, जो किसानों के लिए फायदेमंद है: पीएम मोदी

ये भी जगजाहिर रहा है कि कृषि व्यापार करने वाले हमारे साथियों के सामने एसेन्शियल कमोडिटी एक्ट के कुछ प्रावधान हमेशा आड़े आते रहे हैं। बदलते हुए समय में इसमें भी बदलाव किया है। दालें, आलू, खाद्य तेल, प्याज जैसी चीजें अब इस एक्ट के दायरे से बाहर कर दी गई हैं। 

किसान संगठित होगा तो उसे फायदा भी होगा: नरेंद्र मोदी

बहुत पुरानी कहावत है कि संगठन में शक्ति होती है। आज हमारे यहां ज्यादा किसान ऐसे हैं जो बहुत थोड़ी सी जमीन पर खेती करते हैं। जब किसी क्षेत्र के ऐसे किसान अगर एक संगठन बनाकर यही काम करते हैं, तो उनका खर्च भी कम होता है और सही कीमत भी सुनिश्चित होती है।

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INDORE - MUMBAI जा रही बस में विस्फोट, आधी से ज्यादा बस जली - MP NEWS

Posted: 21 Sep 2020 03:00 AM PDT

इंदौर।
 मध्य प्रदेश के इंदौर से मुंबई जा रही निजी ट्रेवल्स की बस रविवार-सोमवार की दरमियानी रात हादसे का शिकार हो गई। धार जिले के धामनोद शहर के बाहर से गुजर रहे फोरलेन पर बस में विस्फोट हुआ और फिर धुएं के गुबार के साथ आग की लपटें उठने लगीं। बस में सो रहे यात्री अचानक हुए धमाके के बाद जागे और किसी तरह सामान लेकर नीचे की ओर भागे। गनीमत रही कि समय रहते सभी यात्री बस से नीचे उतर चुके थे। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने फायर टीम की मदद से आग पर काबू पाया।   
  
जानकारी के अनुसार, निजी ट्रेवल्स की बस (एमपी 04 पीए 3778) रविवार रात को इंदौर से मुंबई के लिए रवाना हुई थी। बस में सवार ज्यादातर यात्री अपनी-अपनी सीट पर आराम से सो रहे थे। फोरलेन पर बस ने जैसे ही दूधी तिराहे मधुबन होटल के सामने स्थित स्पीड ब्रेकर को पार किया उसमें से अचानक जोरदार धमाके के आवाज आई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विस्फोट के बाद बस में धुएं के गुबार के साथ आग सुलगने लगी।धमाके से उठे यात्रियों ने आग देखकर तत्काल अपना सामान उठाया और एक-एक कर भागते हुए बस के नीचे आ गए। कुछ ही देर में बस आग की चपेट में आ गई और धू-धू कर जल उठी। 

घटना की सूचना मिलते ही दमकल की गाडिय़ां और धामनोद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग से करीब-करीब बस का आधा हिस्सा जल गया। राहतभरी बात यह रही कि समय पर सभी लाेग बस से नीचे आ चुके थे।

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INDORE में मंडी प्रभारी से चौकीदार तक 34 कर्मचारियों का ट्रांसफर, नाकेदार रिश्वत लेते पकड़ा गया था - MP NEWS

Posted: 21 Sep 2020 12:25 AM PDT

इंदौर।
 मध्य प्रदेश के इंदौर शहर की चोइथराम मंडी के नाकेदार के भ्रष्टाचार में पकड़े जाने के लगभग एक सप्ताह बाद कृषि उपज मंडी समिति ने अभी तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। मंडी प्रभारी से लेकर मंडी के चौकीदार तक कुल 34 कर्मचारियों को एक मंडी से दूसरी मंडी में भेज दिया गया है। अब चोइथराम मंडी का प्रभार दिलीप नागर के बजाए प्रदीप जोशी को दे दिया गया है।

बताया जा रहा है कि यह सब कुछ मंडी के कुछ बड़े अफसरों को बचाने के लिए किया गया है। असल में नाकेदार के पकड़े जाने के बाद जमानत पर रिहा आरोपी मंडी सचिव मानसिंह मुनिया और मंडी प्रभारी दिलीप नागर की बंद कमरे में लगभग एक घंटे तक बैठक चलती रही। इसके पीछे का कारण लोकायुक्त द्वारा मंडी सचिव मुनिया का बयान लिया जाना था। नाकेदार के पकड़े जाने के बाद भी चोइथराम मंडी के नाके पर होने वाली वसूली में कोई कमी नहीं आई थी।

इसकी गोपनीय जानकारी भोपाल के अफसरों ने भी निकलवाई। इसमें साफ हो गया कि मंडी के नाके पर होने वाली वसूली बदस्तूर जारी है। अब मंडी सचिव पर कार्रवाई को लेकर शिकंजा कसना शुरू हो गया। खुद को बचाने के चलते उन्होंने निचले स्तर के 34 कर्मचारियों पर कार्रवाई कर डाली। शुक्रवार को ही ताबड़तोड़ आदेश जारी कर दिए गए। जिन लोगों का तबादला किया है, उनमें मंडी प्रभारी के साथ ही मंडी निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक और 12 चौकीदार शामिल हैं।

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BTech: बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी में एडमिशन हेतु ऑनलाइन काउंसलिंग समय सारणी, सत्र 2020-21

Posted: 20 Sep 2020 09:34 PM PDT

BTech First year Counselling Program/Time table for admissions

प्रथम चरण जेईई मेन-2020 की मेरिट पर आधारित सामान्य पूल एवं TFW की सीटों के लिए एक साथ संयुक्त रूप से आयोजित

  1. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन/ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन निरस्त 22.09.2020 से 03.10.2020
  2. रजिस्ट्रेशन में सुधार (Edit Registration) 04.10.2020 से 05.10.2020
  3. इच्छित संस्थाओं के प्राथमिकता क्रम का ऑनलाइन चयन कर लॉक करना प्राथमिकता क्रम (Choice filling) में परिवर्तन की सुविधा अंतिम दो दिन उपलब्ध रहेगी। 24.09.2020 से 07.10.2020 रात्रि 11:45 बजे तक
  4. कॉमन मेरिट सूची की उपलब्धता 08.10.2020 सायं 5:00 बजे तक
  5. आवंटन पत्रों की ऑनलाइन उपलब्धता/आवंटित संस्था में उपस्थिति, आवंटित संस्था में मूल दस्तावेजों का सत्यापन एवं प्रवेश। 12.10.2020 से 16.10.2020 सायं 5:00 बजे तक
  6. अपग्रेडेशन का विकल्प ऑनलाइन प्रस्तुत करना अपग्रेडेशन आवंटन पत्रों की ऑनलाइन उपलब्धता/आवंटित संस्था में उपस्थिति, आवंटित संस्था में मूल दस्तावेजों का सत्यापन एवं प्रवेश। 19.10.2020 से 23.10.2020 सायं 5:00 बजे तक

द्वितीय चरण जेईई मेन-2020 के आधार पर आवंटन उपरान्त रिक्त रह गई सीटों के लिये अर्हकारी परीक्षा के आधार पर आवंटन जारी किया जायेगा।

  1. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन/ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन निरस्त (12वीं के आधार पर) 13.10.2020 से 24.10.2020
  2. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन/ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन निरस्त (जेईई मेन-2020 के आधार पर) 19.10/2020 से 24.10.2020
  3. रजिस्ट्रेशन में सुधार (Edit Registration) 25.10.2020 से 26.10.2020
  4. इच्छित संस्थाओं के प्राथमिकता क्रम का ऑनलाइन चयन कर लॉक करना प्राथमिकता क्रम  (Choice filling) में परिवर्तन की सुविधा अंतिम दो दिन उपलब्ध रहेगी। 21.10.2020 से 27.10.2020 रात्रि 11:45 बजे तक
  5. कॉमन मेरिट सूची की उपलब्धता 28.10.2020 सायं 5:00 बजे तक
  6. आवंटन पत्रों की ऑनलाइन उपलब्धता आवंटित संस्था में उपस्थिति, आवंटित संस्था में मूल दस्तावेजों का सत्यापन एवं प्रवेश। (प्रथमतः जेईई मेन-2020 के आधार पर आवंटन तत्पश्चात रिक्त सीटों पर 12वीं के आधार पर आवंटन जारी किया जायेगा।) 02.11.2020 से 06.11.2020 सायं 5:00 बजे तक

आन्तरिक ब्रांच परिवर्तन

प्रवेशित संस्था के लिये प्राथमिकता क्रम का ऑनलाइन चयन 06.11.2020 से 07.11.2020 सायं 5:00 बजे तक
ब्रांच परिवर्तन की सूची एवं पत्रों की ऑनलाइन उपलब्धता 10.11.2020 को दोपहर 3:00 बजे तक

संस्था स्तर की काउंसलिंग (CLC)

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 05.11.2020 से 13.11.2020 दोपहर 3:00 बजे तक
इच्छुक संस्था में प्रवेश का अवसर प्राप्त करने के लिये उपस्थित होना। 11.11.2020 से 13.11.2020 सायं 5:00 बजे तक

प्रवेश नियम, विस्तृत समय-सारणी, अभ्यर्थी मार्गदर्शिका काउंसलिंग प्रक्रिया, अधिकृत सहायता केन्द्रों की सूची आदि वेबसाइट dte.mponline.gov.in पर उपलब्ध है। काउंसलिंग में सम्मिलित होने के पूर्व इनका सूक्ष्मता से अध्ययन कर लें। काउंसलिंग के किसी भी चरण में प्राथमिकता क्रम का ऑनलाइन चयन कर लॉक करने की अंतिम दिनांक/समय से आवंटन जारी होने तक प्रवेश निरस्तीकरण की सुविधा उपलब्ध नहीं रहेगी। 
(कोविड-19 के कारण, सहायता केन्द्रों पर किसी भी अभ्यर्थी को जाने की आवश्यकता नहीं)
संपर्क : 0755-6720205, 2660441, ई-मेल : dte.helpcenter@mp.gov.in
अध्यक्ष, काउंसलिंग समिति एवं आयुक्त तकनीकी शिक्षा, मध्यप्रदेश

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भारत में ट्रेन चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस कौन बनाता है, RTO की स्पेशल ब्रांच है क्या - GK IN HINDI

Posted: 20 Sep 2020 09:45 PM PDT

भारत में जमीन पर चलने वाले सभी वाहनों (BIKE, CAR, BUS या फिर TRUCK) के चालकों को ड्राइविंग लाइसेंस परिवहन विभाग द्वारा दिया जाता है। आम बोलचाल की भाषा में हम RTO भी कहते हैं। इसकी एक निर्धारित प्रक्रिया होती है। आवेदन करने के बाद टेस्ट देना पड़ता है उसके बाद ड्राइविंग लाइसेंस मिल जाता है। सवाल यह है कि जमीन पर चलने वाली ट्रेन के ड्राइवर का ड्राइविंग लाइसेंस कौन जारी करता है। क्या परिवहन विभाग द्वारा इसके लिए कोई स्पेशल ब्रांच संचालित की जाती है। दूसरा सवाल यह भी है कि क्या ट्रेन चालक के पद पर आवेदन करने से पहले लाइसेंस होना अनिवार्य है। 

2015 में रेलवे से रिटायर हुए श्री ए के कुमार बताते हैं कि RRB यानी रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड द्वारा सहायक चालक के पद पर उम्मीदवारों की नियुक्ति की जाती है। नियुक्ति के बाद सभी का मेडिकल टेस्ट होता है और फिर उन्हें ट्रेनिंग स्कूल भेज दिया जाता है। इसी ट्रेनिंग स्कूल में उन्हें रेल का इंजन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद परीक्षा होती है और अंत में मंडल यांत्रिक इंजीनियर या मंडल विद्युत इंजीनियर द्वारा कंपेटेंसी सर्टिफिकेट (competency certificate) प्रदान किया जाता है। आप इसी सर्टिफिकेट को ड्राइविंग लाइसेंस कह सकते हैं। यानी ट्रेन के ड्राइवर का ड्राइविंग लाइसेंस भारत के परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी नहीं किया जाता बल्कि रेल विभाग द्वारा जारी किया जाता है। 

क्या सहायक चालक के पद हेतु आवेदक के पास ट्रेन का ड्राइविंग लाइसेंस होना जरूरी है 

अब तक आप समझ ही गए होंगे कि कार ड्राइविंग स्कूल की तरह ट्रेन ड्राइविंग स्कूल नहीं होते और आरटीओ कार्यालय से ट्रेन का ड्राइविंग लाइसेंस जारी नहीं होता है लेकिन सहायक चालक का ड्राइवर होना अनिवार्य है इसलिए व्यवहारिक तौर पर देखा जाता है कि उसके पास परिवहन विभाग का ड्राइविंग लाइसेंस जरूर हो। यदि उसके पास हेवी मोटर व्हीकल कार ड्राइविंग लाइसेंस है तो उसे प्राथमिकता दी जा सकती है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article (current affairs in hindi, gk question in hindi, current affairs 2019 in hindi, current affairs 2018 in hindi, today current affairs in hindi, general knowledge in hindi, gk ke question, gktoday in hindi, gk question answer in hindi,)

डॉक्टर, अध्यापक या अधिकारी की किस हरकत को बलात्कार माना जाएगा, ध्यान से पढ़िए - ASK IPC

Posted: 21 Sep 2020 02:32 AM PDT

डॉक्टर, अध्यापक या फिर अधिकारी तीनों ऐसे व्यक्ति होते हैं जो बिना किसी रोक-टोक के महिला के पास जा सकते हैं। यदि यह किसी महिला के नजदीक होते हैं तो कोई अन्य पुरुष इन्हें संदेह की दृष्टि से नहीं देखता। यह माना जाता है कि तीनों अपनी ड्यूटी कर रहे हैं परंतु कई बार पद का दुरुपयोग किया जाता है। बीमार महिला, छात्रा या पीड़ित लड़की के साथ कुछ ऐसा किया जाता है जो महिला को शर्मसार करता है, उसकी लज्जा भंग हो जाती है। आइए जानते हैं डॉक्टर, अध्यापक या अधिकारी के खिलाफ किस तरह की हरकतें करने पर बलात्कार का मामला दर्ज हो सकता है।

भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 376 की परिभाषा:-

जो कोई व्यक्ति:- 1.पुलिस अधिकारी (अर्थात कोई भी पद हो पुलिस का) होते हुए थाने परिसर में, उसकी अभिरक्षा में कोई स्त्री हो तब।
2.कोई भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी अपनी अभिरक्षा में आई स्त्री का बलात्संग करेगा।
3.कोई भी सैनिक या अर्द्ध सैनिक हो।
4.कोई भी संस्थान, परिसर, घर, या जेल में वहाँ के किसी भी अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किया जाना।
5. किसी भी अस्पताल, क्लिनिक, या जहाँ महिलाएं स्वास्थ्य परीक्षण के लिए गई ही तब।
6.किसी भी स्त्री के कोई भी नातेदार, अलग रहते समय पति द्वारा, अध्यापक द्वारा, कोई भी प्राइवेट संस्थान के व्यक्ति द्वारा आदि।
7. कोई साम्प्रदायिक हिंसा या हड़ताल,धरने के दौरान किया जाए तब।
8. गर्भवती महिला के साथ किया जाना।
9. जो कोई 18 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ करेगा।
10. किसी भी स्त्री की सहमति से नहीं करेगा या डरा धमका कर सहमति ली गई हो या बहला-फुसला कोई लालच देकर ली गई हो तब बलात्संग होता है।

11. किसी भी मानसिक या शारिरिक बिकलांग महिला के साथ किया गया हो।
12. किसी महिला से गुमराह करके या जबर्दस्ती से बार-बार किया जाना बलात्संग होता है।
उपयुक्त समय, स्थान, व्यक्ति द्वारा महिलाओं के साथ किया गया कोई भी इन्द्रिय संभोग अर्थात किसी भी महिला के गुप्तांग को टच करना मात्र ही बलात्कार मना जाएगा चाहे बलात्कारी द्वारा बलात्संग प्रक्रिया पूरी हुई हो या नहीं हुई हो। बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम के लिए 30 सितंबर से पहले आवेदन करें - RAILWAY EMPLOYEE NEWS

Posted: 21 Sep 2020 12:48 AM PDT

नयी दिेल्ली।
ऐसे कर्मचारी जिनका चयन 1 जनवरी 2004 के पहले हो गया था परंतु उनकी पदस्थापना 1 जनवरी 2004 के बाद हुई है, उन्हें पदस्थापना देना अंकल के अनुसार नेशनल पेंशन सिस्टम में शामिल कर लिया गया था परंतु यदि वह चाहते हैं कि उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिले, तो उनके पास लास्ट चांस है। 30 सितंबर तक आवेदन करने पर उन्हें ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ मिलेगा।

रेल मंत्रालय की ओर से जारी निर्देश के अनुसार ऐसे कर्मचारी या अधिकारी जिनका रेलवे में चयन 01 जनवरी 2004 के पहले हो गया था लेकिन किसी कारण वे सर्विस ज्वॉइन नहीं कर पाए थे, अब उन्हें पुरानी पेंशन स्कीम का फायदा मिलेगा। इस संबंध में दक्षिण रेलवे ने निर्देश जारी कर दिए हैं। 

इस स्कीम के तहत आवेदन करने के लिए कर्मचारियों को सिर्फ एक मौका मिलेगा जिसकी अवधि 30 सितंबर तक निर्धारित है। ज्वाइनिंग में देरी की तकनीकी वजहों को इसमें शामिल करके राहत दी गयी है। इसके लिए रेलवे के कर्मचारियों को एक फॉर्म भरकर देना होगा, जिसके बाद उन्हें ओल्ड पेंशन स्कीम का फायदा मिल जायेगा।

गौरतलब है कि ओल्ड पेंशन स्कीम में कई फायदे हैं, जिसकी वजह से कर्मचारी इसकी मांग करते रहते हैं। देश में नयी पेंशन योजना की शुरुआत एक अप्रैल 2004 से हुई थी. चूंकि ओल्ड पेंशन स्कीम में परिवार वालों को भी काफी लाभ मिलता है इसलिए कर्मचारी इसकी मांग करते रहे हैं।

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Tata Sky ने दाम घटाए, मल्टी-टीवी कनेक्शन सस्ता कर दिया

Posted: 20 Sep 2020 09:45 PM PDT

नए ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए टाटा स्काई ने Tata Sky Binge+ के दाम घटा दिए हैं। सेट टॉप बॉक्स सस्ता करने के अलावा मल्टी टीवी कनेक्शन की कीमत भी कम कर दी गई है। कंपनी ने कुछ ऐसे ही फ्री फीचर्स ऐड किए हैं जो यूजर्स को पसंद आएंगे।

₹5999 वाला Tata Sky Binge+ अब मात्र ₹2999 में

नए ग्राहकों के लिए Tata Sky Binge+ सेट-टॉप बॉक्स की संशोधित कीमत कंपनी की वेबसाइट पर दिखाई दे रही है। नई कीमत 2,999 रुपये पर सेट है। याद दिला दें कि टाटा स्काई बिंज+ एंड्रॉयड टीवी आधारित सेट-टॉप बॉक्स को इस साल जनवरी में लॉन्च किया गया था। तब इसकी कीमत ₹5999 थी। मई में, इसकी कीमत में पहली बार कटौती की गई थी, जिससे इसकी कीमत 5,999 रुपये से घट कर 3,999 रुपये हो गई थी और अब आखिरकार ग्राहक इसे 2,999 रुपये में खरीद सकते हैं।

मौजूदा Tata Sky यूज़र्स, जो मल्टी टीवी कनेक्शन के लिए बिंज+ लेते हैं या टाटा स्काई बिंज+ सेट-टॉप बॉक्स में अपग्रेड करते हैं, इसे कथित तौर पर 2,499 रुपये में ले सकते हैं। यह इसकी पिछली कीमत से 1,500 रुपये कम है। जब जनवरी में सेट-टॉप बॉक्स लॉन्च किया गया था, तब ये सेवाएं 5,999 रुपये की थी। 

Tata Sky Binge+ की खास बातें एवं फ्री फीचर्स

टाटा स्काई बिंज+ एंड्रॉयड टीवी पर आधारित सेट-टॉप बॉक्स है और यह गूगल वॉइस असिस्टेंट और गूगल प्ले को सपोर्ट करता है। इतना ही नहीं, नए ग्राहकों को छह महीने तक टाटा स्काई बिंज सब्सक्रिप्शन बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के मिलेगा। इसमें Disney+ Hotsar, SunNXT, Hungama Play, Shemaroo और Eros Now जैसे ओटीटी ऐप्स का प्रीमियम कंटेंट मुफ्त में देखने को मिलेगा। Tata Sky ने इसमें तीन महीने का Amazon Prime सब्सक्रिप्शन भी मुफ्त में जोड़े हैं। फ्री टाटा स्काई बिंज सब्सक्रिप्शन खत्म होने के बाद सब्सक्राइबर्स को निरंतर उपयोग के लिए 249 रुपये प्रति माह शुल्क देना होगा। इसी तरह, तीन महीने के बाद अमेज़न प्राइम वीडियो एक्सेस के लिए ग्राहकों को 129 रुपये प्रति माह शुल्क देना होगा।

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मंत्री इमरती देवी के पति कौन हैं, कभी दिखाई क्यों नहीं देते: कांग्रेस उम्मीदवार का सवाल - MP BY-ELECTION NEWS

Posted: 20 Sep 2020 09:45 PM PDT

ग्वालियर।
डबरा विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार श्री सुरेश राजे ने खुला सवाल किया है कि मध्यप्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी के पति कौन हैं। किसी भी कार्यक्रम में उनके साथ उनके पति दिखाई क्यों नहीं देते हैं। दरअसल, व्यक्तिगत सवाल इसलिए किया गया क्योंकि कहा जा रहा था कि भाजपा की प्रत्याशी श्रीमती इमरती देवी और कांग्रेस प्रत्याशी श्री सुरेश राजे आपस में समधी है।

कांग्रेस प्रत्याशी श्री सुरेश राजे ने कहा कि हमारा तो आधार है। कई सालों से राजनीति कर रहे हैं, लेकिन इमरती देवी बताएं कि उनका आधार क्या है। अभी तो राजनीति में आई हैं। हम रिश्तेदार हैं, लेकिन उससे कोई लेना-देना नहीं है। भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस प्रत्याशी के इस सवाल पर आपत्ति उठाई है परंतु सोशल मीडिया पर सवाल का समर्थन भी किया जा रहा है। व्यक्तिगत जीवन की घटनाएं निश्चित रूप से सार्वजनिक जीवन को प्रभावित करती हैं।

भाजपा की मांग- कांग्रेस राजे को तत्काल पार्टी से निकाले

भाजपा की प्रवक्ता नेहा बग्गा ने कहा कि राजे सार्वजनिक माफी मांगे। कांग्रेस पार्टी राजे को पार्टी से बाहर करे। कांग्रेस महिलाओं का सम्मान नहीं करती है। वह लगातार चाहे जीतू पटवारी हो या शशांक भार्गव। कांग्रेस नेताओं द्वारा महिलाओं का अपमान किया जाता है। जिस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष महिला है, उस पार्टी में महिला के खिलाफ इस तरह के शब्दों का उपयोग करना पार्टी की विचारधारा बताता है।

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