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Monday, September 21, 2020

दिव्य रश्मि न्यूज़ चैनल

दिव्य रश्मि न्यूज़ चैनल


कमल

Posted: 20 Sep 2020 11:46 PM PDT

कमल

वेद प्रकाश तिवारी
पांडित्य एक कुशलता है
जब कि ज्ञान एक क्रांति  
वे लोग जो बोलते हैं 
किताबों की भाषा
सीख लिए हैं 
शब्दों के सूत्र
उनके लिए शब्द साधन हैं
समाज को भ्रमित करने का
जिन्हें खुद के प्राणों का पता नहीं
वे बन जाते हैं 
परम सत्ता के साक्षी
पर ज्ञानी परे है
सुख और दुःख से
उसकी खोज नहीं है
किताबों तक सीमित
वह निकलकर सभी द्वन्द्व
उलझनों, अंधकारों से
अग्रसर है शाश्वत पथ पर
वह संसार में रहते हुए
समेट लेता है अपने को ऐसे
जैसे कीचड़ में कमल । 

दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com

असत्य का वैध व्यापार

Posted: 20 Sep 2020 10:10 PM PDT

असत्य का वैध व्यापार

'सच का ' व्यापार तो होता ही नहीं है , किन्तु हाँ, ' सच्चाई से ' व्यापार किया जा सकता है, जिसके लिए हमारे यहाँ जरुरत के मुताबिक कई तरह की विभागीय खानापुरी करनी होती है ।

किन्तु झूठ का व्यापार करना हो और वो भी निहायत वैध रुप से , तो इसके लिए सबसे पहले जरुरी होता है किसी विधि महाविद्यालय की डिग्री और फिर ' असत्यव्यापारसंघ ' की सदस्यता । और इसके साथ ही राहु-केतु-शनि को प्रिय लगने वाला वस्त्रावरण । तथा नामी-गिरामी बनने के लिए दो-चार आलमीरे में भर कर रखी गयी कुछ मोटी-मोटी फालतू की किताबें, जिनका सच्चे मानव मूल्यों से कोई वास्ता नहीं । जिनका पढ़ना उतना जरुरी नहीं है, जितना जरुरी है समय-समय पर उनका प्रदर्शन करना । और जहाँ तक समझने की बात है, तो वो तो लिखने वालों को ही सही ढंग से समझ नहीं आया था कभी, फिर पढ़ने वालों को कहाँ से समझ आयेगा । दरअसल वो लिखा ही इसी हिसाब से गया है कि अर्थ-अनर्थ जो मन हो सो निकाल लो इसमें से । या फिर जूझते रहो ।

मैंने सुना है— एक बार एक सिरफिरे डाटा-कलेक्टर को झूठ-फरेब का डाटा जुटाने का धुन सवार हुआ । काफ़ी मशक्कत के बाद जो चार्ट बन कर तैयार हुआ उसमें व्यापार मन्डियों का स्थान तीसरा-चौथा था । सबसे अन्तिम नम्बर पर था शराबखाना और वेश्यालय । जब कि न्यायालय और धर्मालय का स्थान सबसे ऊपर दीख रहा था- बिलकुल शानदार मुकुट की तरह । और इन दोनों में एकदम संघर्षपूर्ण टक्कर की स्थिति थी—दोनों अब्बल दर्ज़े पर जाने को उतावले दीख रहे थे । प्रथम श्रेणी में रखे जाने के लिए दोनों के पास एक तरह के तर्क थे – दोनों का सम्बन्ध सत्य, धर्म और न्याय से है । किन्तु ये हम सभी जानते हैं कि जितना झूठ-फरेब न्यायालय और धर्मालय में है उसका शतांश भी अन्यत्र नहीं है ।
बात कुछ चौंकाने जैसी लग सकती है, किन्तु चौंकना नहीं चाहिए । चौंकना तो तब चाहिए जब आये दिन अखबारों में ख़बरें पढ़ने को मिलती हैं या टीवी पर समाचार आते हैं । जहाँ सब कुछ विकाऊ हो वहाँ हत्या को आत्महत्या करार देने में देर ही कितनी लगती है ! और बलात्कार— इसकी तो पूछिये ही नहीं। चश्मदीद गवाह खड़ा करके कोई बलात्कार करे तब न और वो बलात्कार-दर्शक बलात्कारी का विरोध करने को राजी हो तब न काम बने। अन्यथा समुचित साक्ष्य (आँखोंदेखी) के अभाव में ज्यादातर बलात्कारी तो निकल ही जाते हैं।

दरअसल अँधा अधिक बातें करता है आँखों के बावत । अँधे कानून को इसीलिए आँखोंदेखी पर निर्भर रहना पड़ता है।

आये दिन इस तरह की घटनायें देखने-सुनने के हम आदी हो चले हैं । जिस कानून की डोर से अभियोग पक्ष आरोप लगाकर बांधता है, उसी कानून की कैंची से जाल काट कर वचाव पक्ष साफ बचा ले जाता है । बांधने वाले को बहुत मश़क्कत करनी पड़ती है, जबकि कैंची किसी खास रेशे पर चलाने भर से काम निकल जाता है ।

आतंकवादी हों या बलात्कारी, ड्रगपैडलर हों या ड्रगएडिक्ट सबको अपने वचाव में वकील रखने की सुविधा तो है ही । और मज़े की बात ये है कि जितना बड़ा अपराधी उतना बड़ा वकील, जो तरह-तरह की दलीलें पेश करके मानवता के शत्रुओं को बड़े साफगोई से सम्भाल ले जाते हैं ।

मुझे समझ नहीं आता कि विशुद्ध न्याय के नाम पर अन्याय का ये नाटक चन्द पैसों के लिए क्यों खेला जाता है, जहाँ सत्य बारबार लज्जित-पराजित होते रहता है और झूठ-अत्याचार सीना ताने अट्टहास करता नज़र आता है ।

अपने पर लगाये गए आरोप की सफाई में कुछ कहने का हमारा अधिकार जो है, उसे मात्र वकालतनामा पर दस्तख़त करके बड़ी आसानी से हम खरीद लेते हैं । फिर मुझे कुछ कहना नहीं पड़ता, मोटी सी फीस लेकर सफेद चमचमाता हुआ झूठ बोलने वाले वक्ता नहीं अधिवक्ता हमें मिल जाते हैं - ये है हमारी कानूनी व्यवस्था ।

अपराध को छिपाना, अपराधी का साथ देना, अपराधी को शरण देना, साक्ष्य मिटाना इत्यादि - हमारे यहाँ अपराध के दायरे में ही आते हैं, किन्तु अपराधी को सरेआम सफा बचा लेना अपराध के दायरे से बिलकुल बाहर है । अपने वाक् चातुर्य से न्यायाधीश की बोलती बन्द कर दे, वही असली अधिवक्ता है—वाक्येन कीलयति –वाक् कीलयति- वकील शब्द शायद इसी तरह बना है । अद्भुत है हमारी व्यवस्था - दस्ताना पहन कर मर्डर करने जैसी । तभी को काला चोंगा लपेट कर सफेद-सफेद झूठ बोलने का परमीशन मिल जाता है ।

क्या इस गम्भीर विषय पर हम कभी विचार करने को राज़ी होंगे ? या कि दुष्टनीति को ही चाणक्यनीति और फिरंगियों के ' पोथड़े ' को ही सम्माननीय कानून मानने को विवश ही रहेंगे ? कब खुलेंगी हमारी आँखें...कब लिखेंगे हम हमारा संविधान...कब मिलेगी हमें असली वाली आजादी ? कब बन्द होगा असत्य का ये वैध व्यापार ?
समय हो तो जरा इस पर विचार करें ।

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पूर्व-जन्म के संस्कारों से कुछ होता भी है ?

Posted: 20 Sep 2020 08:48 PM PDT

पूर्व-जन्म के संस्कारों से कुछ होता भी है ?


संकलन अश्विनी कुमार तिवारी

18 वीं सदी के उतरार्ध में तब के पूर्वी बंगाल के खुलना में एक डॉक्टर हुए, नाम था कृष्णधन घोष. इधर देश भी मैकाले प्रणीत शिक्षा नीति से अभिशप्त था ऊपर से घोष साहेब विलायत से डॉक्टरी पढ़ कर आये थे इसलिये अंग्रेजियत उनके ऊपर अंग्रेजों से भी अधिक हावी थी. उन्हें भारत, भारतीयता, हिन्दू धर्म, हिन्दू-परंपरा और अपनी संस्कृति से बेइंतेहा चिढ़ थी. इसलिये जब उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई तो घर में सबसे कह दिया कि मेरे बेटे को दकियानूस और मूर्तिपूजक हिन्दू संस्कार से दूर रखा जाये. बेटा कुछ बड़ा हुआ तो उसे अंग्रेजों के स्कूल में अंग्रेज शिक्षकों के मातहती में छोड़ आये. पुत्र जब उस परवरिश से बाहर आया तो उसे सिवाय अंगरेजी और कोई भारतीय भाषा यहाँ तक की अपनी मातृभाषा बांग्ला भी नहीं आती थी. घर में नौकरों के कारण उस बालक ने थोड़ा बहुत हिंदी और बांग्ला सीख लिया तो पिता चिंतित हो गये कि ये जाहिलियत की ओर जा रहा है इसलिये सपरिवार पुत्र को लेकर विलायत चले गये और वहां बेटे को एक ईसाई पादरी के हवाले कर दिया और उसे सख्त निर्देश दिया कि उनके बच्चे को न तो किसी भारतीय से मिलने दे और न ही भारत के बारे में कोई जाकारी दी जाये. इसी बीच कृष्णधन घोष को एक और पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई, अब चूँकि उनका विलायती मन बेटे को हिन्दू नाम देने से भी हिचक रहा था इसलिये पुत्र का नाम जीसस के आरंभिक नाम पर इमैनुअल रखा. 


कृष्णधन घोष के दोनों बेटों को पश्चिमी तालीम दी जाने लगी. लड़के को लैटिन, यूनानी, फ्रेंच से लेकर और भी कई यूरोपीय भाषायें सिखाई गई. मतलब ये कि युवावस्था पाने तक जन्मना हिन्दू कृष्णधन घोष के बेटों को हिन्दू संस्कार छू भी नहीं पाया था पर एक दिन कुछ कुछ ऐसा हुआ जिसने कृष्णधन घोष के बेटों का सब कुछ बदल कर रख दिया. हुआ यूं कि इन भाईयों के सामने एक ईसाई प्रचारक ने हिन्दू धर्म के बारे में कुछ अनर्गल बात कह दी. पूर्व जन्म का उत्तम संस्कार उन भाइयों के पश्चिमी परवरिश पर हावी हो गया और हिन्दू धर्म पर पादरी द्वारा लगाये आक्षेपों का उन भाइयों ने मुंहतोड़ जबाब दिया. एक झटके में उनके ऊपर से ईसाईयत का रंग उतर गया, पिता ने जबर्दस्ती आई० सी० एस० की परीक्षा में बैठाया, सभी विषयों में उत्तीर्ण हो गये पर उनका मन अंग्रेजों के सेवा के लिये तैयार नहीं था इसलिये उस परीक्षा के अंतिम पेपर में गये ही नहीं और फिर एक दिन भारत आ गये. भारत भूमि पर पहला कदम रखते ही उन्हें एक दिव्य अनुभूति हुई, समझ में आ गया कि परमात्मा ने उन्हें भारत में ही क्यों पैदा किया. ईसाई संस्कार में पले-बढ़े उस शख्स के हाथ में भगिनी निवेदिता की पुस्तक 'काली माता' लग गई, फिर उसके बाद तो पश्चिम के सारे कुसंस्कार धुल गये. अब वो सिर्फ भारत के लिये थे. यहाँ आकर अपनी मातृभाषा बांग्ला सीखी, हिंदी सीखा, संस्कृत सीखा, फिर वेदों का पारायण किया. सौभाग्य से योगी बिष्णु भास्कर भी उन्हें मिल गये जिन्होंने उनको योग की दिव्यता का एहसास कराया. ध्यान मग्न हुए तो प्रथम आध्यात्मिक अनुभूति हुई. उसी समय बंगाल अंग्रेजों की बंग-भंग की भारत-तोड़ो योजना शुरू हुई थी, वो कलकत्ता आ गये और खुलकर भारत के स्वाधीनता यज्ञ में कूद पड़े. उन्होंने युगांतर और वन्दे-मातरम् जैसी कालजयी अखबार निकाला. उनकी गतिविधियों से परेशान अंग्रेजों ने उन्हें गिरफ्तार कर कलकत्ता के अलीपुर जेल में डाल दिया. ये जेल उनके लिये वरदान साबित हुआ क्योंकि इसी जेल के अंदर उन्हें सत्य का साक्षात्कार हुआ, कृष्ण की गीता-वाणी सुनाई दी, भारत माता के दर्शन हुए, स्वामी विवेकानंद के शब्द सुनाई दिये जेल से निकल कर उत्तरपाड़ा में अपने ध्येय को देश के सामने रखते हुए कहा,


"जब यह कहा जाता है कि भारत महान बनेगा तब इसका अर्थ होता है कि सनातन धर्म महान बनेगा. जब भारत अपना विस्तार करेगा तब इंगित होता है कि सनातन धर्म अपना विस्तार कर सारे विश्व में फैलेगा. भारत धर्म के लिये एवं धर्म से ही जीवन्त है. धर्म की व्याख्या में ही राष्ट्र की व्याख्या भी है"


ये महापुरुष थे महर्षि अरविंद घोष और उनके भाई का नाम था प्रसिद्ध क्रांतिकारी वारीन्द्र घोष, ये वारीन्द्र घोष वही थे जिन्हें उनके पिता ने इमैनुअल नाम दिया था.


कहते हैं कि बच्चे को संस्कार तीन जगहों से मिलता है उसके घर से, उसके स्कूल से और उसके मित्र मंडली या समाज से. सवाल है कि अरविन्द और वारीन्द्र को हिंदुत्व और भारत भक्ति का संस्कार न तो घर से मिला, न स्कूल से मिला और न ही समाज से मिला फिर किस संस्कार ने उन्हें भारत-भक्ति सिखाई, अपने हिंदुत्व, भाषा, संस्कृति और परंपरा पर गर्व करना सिखाया? किस संस्कार ने बाईबिल पढ़ कर बड़े हुए अरविंदो को वेद-भाष्य करने को प्रेरित किया? जबाब एक ही मिलता है उनके पूर्व जन्म के पावन संस्कारों ने जिस पर कुछ अवधि के लिये भले कुसंस्कृति की गर्द जम गई थी पर जैसे ही कुछ पुण्यात्माओं का दर्शन हुआ वो सारे गर्द छंट गये. 


याद रखिये, पूर्व जन्म के संस्कार उत्तम है तो जे०एन० यू० का कलुषित माहौल, जाकिर और बेनी हिल के लेक्चर और प्रेश्याओं का दुष्प्रचार भी आपको बिगाड़ नहीं सकता और अगर पूर्व जन्म के संस्कार कलुषित हैं तो संघ प्रचारकों या ऋषि-मुनियों का सानिध्य भी आपको सुधार नहीं सकता. पिछले जन्म पर तो हमारा वश नहीं है पर कम से कम इस जन्म में खुद को और अपनी संतति को ऐसे संस्कारित जरूर करिए कि आपका या उनका अगला जन्म भारत-भक्ति के संस्कारों से निर्मित हो ताकि भारत माँ और सनातन के लिए बलिदान होने वालों का कभी इस देश में अकाल न पड़े. 
✍🏻अभिजीत सिंह


शिकागो धर्मसभा में जहाँ सभी विद्वान् दुनिया भर के चोटी के विद्वानों, वैज्ञानिकों और चिंतकों की उक्तियों के साथ अपने उद्बोधन दे रहे थे वहीं
जब आप स्वामी विवेकानंद द्वारा उस धर्म-सम्मेलन में दिए गये भाषण को पढ़ेंगे तो आपको दिखेगा कि अपने पूरे भाषण में उन्होंने किसी आधुनिक वैज्ञानिक, आधुनिक चिंतन का जिक्र नहीं किया, किसी पश्चिम के बड़े विद्वान्, किसी मानवतावादी, किसी नारी-मुक्ति का लट्ठ भांजने वाले का भी जिक्र नहीं किया, मज़े की बात ये भी है कि जिनके प्रेरणा से स्वामी विवेकानंद वहां बोल रहे थे वो उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस उन अर्थों में अनपढ़ थे जिन अर्थों में आज साक्षरता को लिया जाता है. वहां सवामी जी जितना बोले वो केवल वही था जो हमारे बचपन में हमारी दादी-नानी और माँ हमें किस्से-कहानियों के रूप में सुनाती थी यानि राम, कृष्ण, बुद्ध, महावीर की कहानियां और हमारे उपनिषदों और पुराणों से ली गई बातें.
क्या पढ़ा था रामकृष्ण परमहंस ने और क्या कह रहे थे वहां विवेकानंद , केवल वही जिसे मिथक कहकर प्रगतिशील लोग खिल्ली उड़ाते हैं, वहीँ जिसकी प्रमाणिकता को लेकर हम खुद शंकित रहते हैं और वही जिसे गप्प कहकर हमारे पाठ्यक्रमों से बाहर कर दिया गया पर इन्हीं बातों को शिकागो धर्मसभा में रखने वाले विवेकानंद को सबसे अधिक तालियाँ मिली, बेपनाह प्यार मिला और सारी दुनिया में भारत और हिन्दू धर्म का डंका बज गया.
अपने ग्रन्थ, अपनी विरासत, अपने पूर्वज और अपने अतीत पर गर्व कीजिये. आधुनिक और रोजगारपरक शिक्षा के साथ-साथ अपने बच्चों को राम, कृष्ण, बुद्ध, महावीर की कहानियाँ सुनाइए..उपनिषद, रामायण, महाभारत और पुराणों की बातें बताइए फिर देखिए उसकी मानसिक चेतना और उत्थान किस स्तर तक पहुँचता है.


मेरी ये पोस्ट उन पढ़े लिखे मानसिक विकलांगो को समर्पित है जो आज भी सोचते है कि, भारत एक पिछड़ा हुआ देश था, है और हम ऐसे ही वैदिक वैदिक की रट लगाते रहे तो आगे भी रहेगा ।।


पिछले दिनों एक मित्र से कुछ किताबे पढ़ने को मिली इस मामले में मैं थोड़ा लालची हूँ और आप कह सकते है कि मैं और किताबे बिल्कुल चुम्बक की तरह ,इसमें से एक किताब को पढ़ने के बाद मुझे आप सच मानिए भारतीय मानसिकता पे रोना आया ये किताब थी -- 


भूतपूर्व राष्ट्रपति आदरणीय डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम द्वारा लिखित(स्व. इसलिए नही लिखा क्योंकि मैं उन्हें अभी भी जीवित मानता हूँ) --
#इण्डिया2020 - #एविजनफॉरन्यू_मिलेनियम 


डॉ कलाम लिखते है -- मेरे घर की दीवार पर एक कैलेंडर टँगा है, इस कलरफुल कैलेंडर में सैटेलाइट द्वारा यूरोप, अफ्रीका महाद्वीपों के लिए गए बहोत से चित्र छपे हैं। ये कैलेंडर जर्मनी में पब्लिश किया गया था। जब भी कोई व्यक्ति मेरे घर में आता था तो दीवार पर लगे कैलेंडर को देखता था, तो वाहवाही जरूर करता था और प्रथम दृष्टि में उसके मुंह से निकलता था वाह! बहुत सुन्दर कैलेंडर है तब मैं कहता था कि यह जर्मनी में छपा है। यह सुनते ही उसके मन में आनन्द के भाव जग जाते थे। वह बड़े ही उत्साह से कहता था कि सही बात है, जर्मनी की बात ही कुछ और है उसकी टेक्नालॉजी बहुत आगे है।
सेम टाइम जब मैं उससे यह कहता कि कैलेंडर जरुर जर्मनी में पब्लिश किया गया है किन्तु जो चित्र छपे हैं उसे भारतीय सैटेलाइट नें खींचे हैं, तो दुर्भाग्य से कोई भी ऐसा आदमी नही मिला जिसके चेहरे पर वही पहले जैसे आनन्द के भाव आये हों। आनन्द के स्थान पर आश्चर्य के भाव आते थे, वह बोलता था कि अच्छा! ऐसा कैसे हो सकता है? और जब मै उसका हाथ पकड़कर कैलेंडर के पास ले जाता था और जिस कम्पनी ने उस कैलेंडर को छापा था, उसने नीचे अपना कृतज्ञता ज्ञापन छापा था ''जो चित्र हमने छापा है वो भारतीय सैटेलाइट नें खींचे हैं, उनके सौजन्य से हमें प्राप्त हुए हैं।'' जब व्यक्ति उस पंक्ति को पढ़ता था तो बोलता था कि अच्छा! शायद, हो सकता है।


डॉ कलाम इस भारतीय मानसिकता को लिखते हुए वाकई दुखी थे क्योंकि इस पूरे लेखन में इस पेज पर उनका दुःख आप सपष्ट महसूस कर सकते है ।।


#डॉकलामलिखतेहैकि --
दुनिया के कुछ वैज्ञानिक रात्रिभोज पर आये हुए थे(तब डॉ कलाम सिर्फ वैज्ञानिक थे), उसमें भारत और दुनिया के कुछ वैज्ञानिक और भारतीय नौकरशाह थे। उस भोज में विज्ञान की बात चली तो राकेट के बारे में चर्चा चल पड़ी। डॉ. कलाम नें उस चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि कुछ समय पूर्व मैं इंलैण्ड गया था वहाँ उन्हें बुलिच नाम की जगह पे रोटुण्डा नामक म्युजियम घूमने का सौभाग्य मिला। जिसमे पुराने समय के युध्दों में जिन हथियारों का प्रयोग किया गया था, उसकी प्रदर्शनी भी लगायी गयी थी। वहाँ उन्होंने देखा कि एक रॉकेट का खोल रखा गया था और जब उन्होंने उसका डिस्क्रिप्शन पढ़ा तो उनको बड़ा आश्चर्य हुआ उसपे लिखा था पर आधुनिक युग में छोड़े गये प्रथम राकेट का खोल । और आपको जानकर आश्चर्य होगा इसका प्रयोग भारतीय सेना (तत्कालीन टीपू सुल्तान की सेना) ने श्रीरंगपट्टनम के युद्ध मे टीपू सुल्तान और अंग्रेजों की लड़ाई में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ इस्तेमाल किया था । 


#इसप्रकारआधुनिकयुगमेंप्रथमराकेटकाप्रक्षेपणभारतनेंकियाथा।।


डॉ. कलाम लिखते हैं कि, जैसे ही मैने यह बात कही एक भारतीय नौकरशाह बोला मि. कलाम! आप गलत कहते हैं, वास्तव में तो फ्रेंच लोगों ने वह टेक्नोलॉजी टीपू सुल्तान को दी थी। डॉ. कलाम नें कहा ऐसा नही है, आप गलत कहते हैं! मैं आपको प्रमाण दूंगा। और सौभाग्य से वह प्रमाण किसी भारतीय का नही था, नही तो कहते कि तुम लोगों ने अपने मन से बना लिया है(भारतीय मानसिकता)। एक ब्रिटिश वैज्ञानिक सर बर्नाड लावेल ने एक पुस्तक लिखी थी --
''#दओरिजनएण्डइंटरनेशनलइकोनॉमिक्सऑफस्पेसएक्सप्लोरेशन'' 


उस पुस्तक में वह लिखते हैं कि ' भारतीय शासक टीपू सुल्तान और अंग्रेजी हुकूमत के बीच हुए युध्द में जब भारतीय सेना नें राकेट का उपयोग किया तो एक ब्रिटिश वैज्ञानिक विलियम कांग्रेह्वा ने राकेट का खोल लेकर अध्ययन किया और उसकी नकल करके एक राकेट बनाया। उसने उस राकेट को 1805 में तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री विलियम पिट के सामनें प्रस्तुत किया और उन्होने इसे सेना में प्रयुक्त करनें की अनुमति दी।' जब नैपोलियन के खिलाफ ब्रिटेन का युध्द हुआ तब ब्रिटिश सेना नें राकेट का प्रयोग किया।अगर फ्रेंचो के पास वह टेक्नोलॉजी होती तो वे भी सामने से राकेट छोड़ते, लेकिन उन्होने नही छोड़ा। जब यह पंक्तियाँ डॉ. कलामनें उस नौकरशाह को पढ़ाई तो उसको पढ़कर भारतीय नौकरशाह बोला, बड़ा दिलचस्प मामला है। डॉ. कलाम नें कहा यह पढ़करउसे गौरव का बोध नही हुआ बल्कि उसको दिलचस्पी का मामला लगा।।


ये दो उदाहरण आपको मैंने भारतीय मानसिकता समझने के लिए दिये , भारत आज भी विश्वगुरु बन सकता है लेकिन उसके लिए हमे अपनी मानसिकता में बदलाव लाना होगा ।।
#विशेष --बात मानसिकता की करते है - यहाँ ध्यान देने योग्य बात है कि जिस ब्रिटिश वैज्ञानिक नें नकल कर के राकेट बनाया उसे इंलैण्ड का बच्चा-बच्चा जानता है,किन्तु जिन भारतीय वैज्ञानिकों ने भारत के लिए पहला राकेट बनाया उन्हे कोई भारतीय नही जानता। यह पूरी तरह से प्रदर्शित करता है कि हम क्या पढ़ रहे हैं? और हमे क्या पढ़ना चाहिए? जबतक प्रत्येक भारतीय पश्चिम की श्रेष्ठता और अपनी हीनता के बोध की प्रवृत्ति को नही त्यागता तब तक भारत विश्व के सर्वोच्च शिखर पर नही पहुँच सकता। ऐसे में हमे आवश्यकता है यह जानने की कि विज्ञान के क्षेत्र में भारत नें इस विश्व को क्या दिया। इसके बारे में बताने के लिए सर्वप्रथम भारत की प्राचीन स्थिति को स्पष्ट करना आवश्यक हो जाता है। क्योंकि प्राचीन भारत के प्रतिमानों के नकारने के कारण हम वर्तमान में पश्चिम की नकल करने पर मजबूर हैं। जबकि हमारे प्राचीन ज्ञानों का नकल एवं शोध करके पश्चिम, विज्ञान के क्षेत्र में उन्नति के शिखर पर विराजमान है।✍🏻अजेष्ठ त्रिपाठी
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बख्तियारपुर में प्रसव के बाद महिला और नवजात की मौत, नर्सिंग होम में तोड़फोड़; धनरुआ में करंट लगने से दो चचेरे भाइयों की मौत

Posted: 20 Sep 2020 07:22 PM PDT

नगर क्षेत्र के एक नर्सिंग होम में इलाज के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत हो गई। इससे आक्रोशित लोगों ने नर्सिंग होम में तोड़फोड़ की। थाना क्षेत्र के रानी सराय निवासी धर्मेंद्र कुमार की गर्भवती पत्नी को शहर के प्रभा नर्सिंग होम में डिलेवरी के लिए लाया गया था, जहां इलाज के दौरान जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गई।
इसके बाद मृतका के परिजनों एवं अन्य लोगों ने नर्सिंग होम प्रबंधन, चिकित्सकों एवं अन्य कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया और नर्सिंग होम में तोड़फोड़ भी की। इधर, हंगामा होता देख नर्सिंग होम के लोग मौके से निकल भागे। घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझा-बुझा मामले को शांत करवाया वहीं शव को कब्जे में लिया। मामले में नर्सिंग हाेम का पक्ष जानने की काेशिश की गई ताे काेई नहीं मिला।

भाई को बचाने के चक्कर में गई दूसरे की जान, पटवन करने गए थे खेत में

कादिरगंज थाना के पोखरपर गांव के दक्षिण-पश्चिम खंदे में रविवार की सुबह खेत घूमने के दौरान बिजली के करंट से दो चचेरे भाइयों 53 वर्षीय अवधेश प्रसाद और 41 वर्षीय रामबली प्रसाद की मौत हो गई। दोनों बटाईदार किसान थे। रामबली प्रसाद रविवार की सुबह अपने खेत में धान की फसल पटवन के लिए खंदे में गया।

इसी बीच 11 हजार केवी के एक बिजली पोल में लगाए गए स्टेक, जिसमें करंट प्रवाहित हो रहा था, उसकी चपेट में आते ही छटपटाने लगा। इधर, कुछ दूरी पर मौजूद उसका चचेरा भाई अवधेश प्रसाद यह देख उसे बचाने पहुंचा और वह भी करंट की चपेट में आ गया।

खेत में अवैध रूप से चाइनीज तार ताना गया था
धनरुआ के कनीय विद्युत अभियंता आशीष कुमार ने बताया कि मृतक रामबली प्रसाद व अवधेश प्रसाद के द्वारा गांव के बिजली ट्रांसफार्मर से करीब 200 मीटर की दूरी तक अवैध रूप से चाइनीज तार ताना गया था। रविवार की सुबह उक्त तार की चपेट में आने से दोनों की मौत हुई है। 11 हजार केवी के बिजली पोल के स्टेक से करंट प्रवाहित नहीं हो रहा था। फिलहाल इस संबंध रामबली प्रसाद की पत्नी प्रभा देवी व अवधेश प्रसाद के पुत्र चंदन कुमार ने उक्त घटना में विद्युत विभाग की लापरवाही बता प्राथमिकी दर्ज कराई है।



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Death of woman and newborn after delivery in Bakhtiyarpur, sabotage in nursing home; Two cousins died due to electrocution in Dhanrua


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/death-of-woman-and-newborn-after-delivery-in-bakhtiyarpur-sabotage-in-nursing-home-two-cousins-died-due-to-electrocution-in-dhanrua-127739159.html

एनआईटी घाट पर पांच दोस्तों के साथ गंगा स्नान करने गया साकेतपुरी का 10वीं का छात्र डूबा

Posted: 20 Sep 2020 07:22 PM PDT

पीरबहोर थाना इलाके के एनआईटी घाट पर गंगा में स्नान के दौरान एक छात्र डूब गया। 16 वर्षीय आदित्य राज पत्रकार नगर के हनुमान नगर के साकेतपुरी का रहने वाला है। उसके पिता अशोक कुमार प्राइवेट काम करते हैं। आदित्य अपने पांच दोस्तों सुमित राज, हिमांशु शेखर, शुभम कुमार, मंजीत सिंह और मोहित कुमार के साथ गंगा नहाने आया था।

पीरबहोर थानेदार रिजवान अहमद ने कहा कि छह लड़के नहाने आए थे। पांच डूबने लगे थे। चार लड़कों को लोगों ने बचा लिया, लेकिन एक डूब गया। देर शाम तक एनडीआरएफ की टीम ने तलाश की लेकिन नहीं मिला। सोमवार की सुबह फिर से बच्चे की तलाश की जाएगी।
मॉर्निंग वाक की बात कह निकले थे घर से : आदित्य के पिता ने पुलिस को बताया कि उनका बेटा घर से मॉर्निंग वाॅक की बात कह निकला था। वह 10वीं में पढ़ता है। घर से बाहर निकलने पर वह अपने अन्य मित्रों के साथ एनआईटी घाट पहुंच गया। यहां सभी नहाने के लिए पानी में कूद गए और उसी दौरान घटना हुई। छात्र के डूबने की पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई।

कैमरे में दिख रहा है कि चार छात्र एनआईटी घाट के किनारे गंगा में नहा रहे हैं। दो छात्र बाद में गंगा में प्रवेश करते हैं। सब नहाने के दौरान खेलने लगते हैं। इसी दौरान पांच लड़के डूबने लगते हैं। एक लड़का जो खड़ा है वह चिल्लाने लगता है। इसके बाद घाट पर ही मौजूद कुछ लड़के पानी में उतरते हैं और चार लड़कों को बचा लेते हैं।

पिता की तबीयत बिगड़ी, आज भी तलाश करेगी एनडीआरएफ
सुबह से ही एनडीआरएफ की टीम आदित्य की तलाश करती रही। रविवार के देर शाम तक आदित्य का पता नहीं चला। जैसे जैसे समय बीत रहा था पिता अशोक की हिम्मत जवाब दे रही थी। शाम होते होत ही अशोक की तबियत बिगड़ गई और पड़ोसियों ने उन्हें अस्पताल पहुंचा दिया। थानेदार ने कहा कि सोमवार को भी एनडीआरएफ की टीम आदित्य की तलाश गंगा में करेगी।



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10th student of Saketpuri drowned in Ganga bath with five friends at NIT Ghat


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/10th-student-of-saketpuri-drowned-in-ganga-bath-with-five-friends-at-nit-ghat-127739158.html

आईजीआईएमएस में खुला आईवीएफ सेंटर 30 हजार रुपए में हाेगा बांझपन का इलाज

Posted: 20 Sep 2020 06:22 PM PDT

आईजीआईएमएस में अब बांझपन से पीड़ित दंपती को आईवीएफ और इक्सी तकनीक की सुविधा मिलेगी। रविवार को आईवीएफ सेंटर व पीएमआर भवन का उद‌्घाटन केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ऑनलाइन किया। पीएमआर भवन में दिव्यांगों, बच्चों और बुजुर्गों को एक छत के नीचे इलाज की सारी सुविधा मिलेगी। राज्य में पहली बार सरकारी अस्पताल में आईवीएफ तकनीक की व्यवस्था हुई है।

रिप्रोडक्टिव मेडिसिन विभाग की हेड डॉ. कल्पना सिंह ने कहा कि आईवीएफ के लिए 30 हजार, इक्सी के लिए 35 हजार और आईयूआई के लिए ढाई हजार रुपए लिए जाएंगे। दवा अलग से खरीदनी होगी। प्राइवेट अस्पताल में 1.25 लाख से 2.5 लाख रुपए तक खर्च हाेता है। कार्यक्रम स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की अध्यक्षता और विधायक संजय चौरसिया की मौजूदगी में हुआ।

हर गुरुवार एंड्राेलाॅजी क्लिनिक
पुरुष बांझपन के इलाज के लिए प्रत्येक गुरुवार को एंड्रोलॉजी क्लिनिक चलेगा। स्पर्म वॉश, सीमेन बैंक, दूरबीन से बच्चेदानी की जांच, प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए सर्जरी, हार्मोनल जांच, भ्रूण फ्रीजिंग, पीसीओडी, फैलोपियन ट्यूब की जांच की सुविधा मिलेगी। सीमेन बैंक में कोई भी अपना स्पर्म सुरक्षित रख सकता है और जरूरत के अनुसार इस्तेमाल कर सकता है।



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IVF Center opens in IGIMS for infertility treatment for 30 thousand rupees


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/ivf-center-opens-in-igims-for-infertility-treatment-for-30-thousand-rupees-127739131.html

पटना सहित 21 जिलों में कल बारिश होने के आसार, आज छाएंगे बादल, पड़ेगी गर्मी

Posted: 20 Sep 2020 06:22 PM PDT

बंगाल की खाड़ी से चलने वाली निम्न हवा के दबाव की वजह से पटना सहित दक्षिण बिहार के 21 जिलों में 22 सितंबर को बारिश होने की संभावना है। फिलहाल पटना में रविवार को हवा की रफ्तार 4 किमी प्रति घंटा हाेने से उमस भरी गर्मी का अहसास हुआ। इस दौरान अधिकतम तापमान 36 डिग्री और न्यूनतम तापमान 26.8 डिग्री सेल्सियस रिकाॅर्ड किया गया।

सोमवार को बादल छाए रहेंगे, लेकिन उमस भरी गर्मी पड़ेगी। बिहार में मानसून की शुरुआत काफी अच्छी रही। जुलाई के अंतिम सप्ताह में बिहार में सामान्य से 86 फीसदी अधिक बारिश रिकाॅर्ड की गई। अगस्त के तीसरे सप्ताह में यह घटकर 27 फीसदी तक पहुंच गया। सितंबर के तीसरे सप्ताह में बारिश सामान्य से 14 फीसदी अधिक रिकाॅर्ड की गई।

मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक संजय कुमार के मुताबिक, पिछले पांच सप्ताह से पटना में सामान्य से 42 से 60 फीसदी कम बारिश रिकाॅर्ड की गई है। मानसून सत्र में अभी 10 दिन शेष हैं। ऐसे में यदि चक्रवाती हवा, निम्न हवा के दबाव के साथ ही ट्रफ रेखा गुजरती है, तो 60 से 70 एमएम बारिश होने की संभावना है।



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There are chances of rain in 21 districts including Patna tomorrow, cloudy today, heat will fall


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अगर आप रात में चैन से साेते हैं, ताे जाग जाइए क्योंकि यहां की पुलिस भी तो साेई ही रहती है

Posted: 20 Sep 2020 06:22 PM PDT

राजधानी में चाेरी की घटनाएं लगातार हाे रही हैं। सितंबर में 15 दिनों में ही 18 घटनाएं हाे चुकी हैं। पुलिस इसे राेकने में अक्षम साबित हाे रही है। राजधानी में 35 थाने हैं और 7 तरह की पुलिस गश्त की व्यवस्था है। 108 जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। लेकिन, हकीकत में सब हवा-हवाई है।

दैनिक भास्कर के 16 रिपोर्टरों की 8 टीमाें ने राजधानी को 8 भागों में बांटकर देर रात गश्ती का जायजा लिया, तो पुलिसिया दावे फेल नजर आए। कहीं, पुलिस वाले जिप्सी में झपकी लेते दिखे, तो कहीं थाने के गेट पर ही। सड़क पर न तो साइकिल गश्त दिखी, न ही बाइक पुलिसिंग। कहीं-कहीं पुलिस जिप्सी लगाए दिखी, लेकिन आने-जाने वालाें की न रोक-टोक और न ही जांच। शहर में बने मे आई हेल्प यू में रात में मजदूर साेते दिखे। पेश है रिपोर्ट....

आर ब्लॉक-पाटलिपुत्र
आर ब्लॉक चौराहे पर जिप्सी में पुलिसकर्मी उसमें सोए थे। कहा- काम करते-करते थक जाते हैं, तो नींद आ जाती है। हड़ताली चौक पर सन्नाटा था, लेकिन सचिवालय मोड़ पर कुछ पुलिसकर्मी मौजूद थे। इनकम टैक्स गोलंबर पर भी एक भी पुलिसकर्मी नहीं दिखा। राजीवनगर थाने के पास सन्नाटा पसरा था।

रोड नंबर नौ के पास तीन लाठीधारी पुलिसकर्मी दिखे। वे भी आराम करने की तैयारी में थे। राजीवनगर गुमटी, पुराना पाटलिपुत्र थाना, पॉलीटेक्निक मोड़, पाटलिपुत्र गोलंबर, अल्पना मार्केट, बोरिंग रोड पानी टंकी मोड़ तक न गश्ती गाड़ी और न पुलिसकर्मी दिखे।
गांधी मैदान-दीघा रोड
गांधी मैदान से दीघा रोड में आगे बढ़ने पर पुलिस की गश्ती कहीं नहीं मिली। करगिल चौक पर भी सन्नाटा था। डाकबंगला पर भी सन्नाटे का आलम था। पोस्ट का गेट खुला था, लेकिन पुलिस नदारद।

न्यू बाइपास, दानापुर

न्यू बाइपास के अनीसाबाद गोलंबर और चितकोहरा गोलंबर पर पुलिस नहीं नजर आई। जगनपुरा पुलिस पोस्ट में ताला जड़ा था। रूपसपुर, दानापुर और खगौल थाना क्षेत्र सबसे अधिक अपार्टमेंट वाला इलाका है। रात 11 से 12:30 बजे तक आरपीएस मोड़ से सगुना मोड़, दानापुर, तकियापर, गोला रोड, रूपसपुर रेलवे ब्रिज के नीचे होते खगौल के मोती चौक व दानापुर जंक्शन के सामने कहीं गश्ती नजर नहीं आई। सिर्फ गोला रोड में एक अपार्टमेंट के नीचे तीन पुलिसकर्मी थे, वो भी बिना वाहन के।
कंकड़बाग

पोस्टल पार्क के पास मंदिर के पास 10:20 बजे ही पुलिस नदारत थी। कंकड़बाग और मलाही पकड़ी पर भी पुलिस बूथ खाली दिखाई दिया। 70 फीट पर एक जीप और उसमें ड्राइवर सहित पांच पुलिसकर्मी दिखाई दिए जो कुछ देर बाद 70 फीट से राजेंद्रनगर तक गश्त करते दिखे। लोहिया पार्क, साई मंदिर, कंकड़बाग निगम कार्यालय, कंकड़बाग थाने के आसपास और गलियों में पुलिस की गश्ती नहीं दिखी। वापसी के दौरान साढ़े 11 बजे भी किसी स्थान पर पुलिसकर्मी नहीं दिखे।

कदमकुआं, राजेंद्रनगर और अशोक राजपथ

कदमकुआं, राजेंद्रनगर और अशोक राजपथ पर गश्ती नदारद दिखी। मैकडाेवल गोलंबर के पुलिस पोस्ट में मजदूर सो रहा था। मखनिया कुआं पुलिस पोस्ट में भी कोई अनजान सोया था। आसपास मौजूद कुछ लोगों ने बताया कि दिन में ही पुलिस कम दिखाई पड़ती है, रात में कौन रहेगा? अशोक राजपथ पर सन्नाटा था। कुल्हड़िया कॉम्प्लेक्स के पास कुछ पुलिसकर्मी जीप में बैठे थे। टीम को देखते ही झट से गाड़ी से उतरे और चहलकदमी करने लगे।
बोरिंग राेड चाैराहा-बुद्धा काॅलोनी
बोरिंग रोड चौराहा, रात 12 बजे। एक जिप्सी लगी थी, जिसमें कुछ पुलिस वाले बैठे थे। कुछ लोग आ-जा रहे थे, लेकिन पुलिसकर्मी किसी काे रोक-टोक नहीं रहे थे। बुद्धा काॅलोनी की तरफ जाने पर एक भी गश्ती गाड़ी नहीं दिखी। बुद्धा काॅलोनी थाने के सामने एक जिप्सी खड़ी थी जिसमें कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था। थाना कैंपस में सन्नाटा पसरा था। सरिस्ता में एक एसआई मौजूद था, जो टेबल पर ही गहरी नींद में सो रहा था।
पटना सिटी: रात 12 बजे पत्थर की मस्जिद के पास दुकान के अहाते में दुबके होमगार्ड के जवान दिखे। कौन आ रहा है, कौन जा रहा है, उन्हें इससे मतलब नहीं। कैमरा देख कर चौकन्ना हो जाते हैं। महेंद्रू पोस्ट ऑफिस के पास सुल्तानगंज की मोबाइल लगी है। आलमगंज के पास एक आरक्षी एक बाइक सवार को रुकने का इशारा करता है, लेकिन वह आंबेडकर चौक की ओर निकल जाता है।
पुलिस का सात तरह की गश्त का दावा
1. डॉल्फिन मोबाइल वैन से शहर के 10 मार्गाें पर।
2. दिवा और संध्या गश्ती- 30 स्थानों पर- सुबह 9:30 से दोपहर 1:30 और शाम 4 से रात 8:30 बजे तक।
3. शस्त्र रात्रि गश्ती-30 स्थानों पर- रात 10:30 से सुबह 5:30 बजे तक।
4. पैदल गश्ती- 80 स्थानों पर- रात 10:30 से सुबह 5 बजे तक।
5. साइकिल गश्ती- रात 10 से सुबह 5 बजे तक।
6. हाईवे पैट्रोलिंग- रात 9 से सुबह 6 बजे तक।
7. एंटी रेस व क्विक मोबाइल- पूरे शहर में- सुबह 9 से शाम 7 बजे तक।

खगौल लख से चितकाेहरा

खगाैल लख से चितकाेहरा गाेलंबर तक दूरी 8 किलाेमीटर की दूरी में खगाैल, फुलवारीशरीफ, बेउर और गर्दनीबाग थाने हैं। इतनी दूरी के बीच केवल फुलवारीशरीफ टमटम पड़ाव पर दाे जवान मुस्तैद दिखे। महावीर कैंसर संस्थान के पास एक जिप्सी दिखी। बाकी जगह सन्नाटा। अनीसाबाद माेड़ का मे आई हेल्प यू बंद था।
बोर्ड काॅलोनी: शास्त्रीनगर थाना इलाके के पुनाईचक, पटेल नगर, राजवंशी नगर के इलाके में बोर्ड काॅलोनी का सरकारी क्वार्टर है। लगभग पांच हजार परिवार रहते हैं। जनवरी से यहां की सुरक्षा प्राइवेट सुरक्षाकर्मियों के भरोसे है। लोगों ने 12 सुरक्षाकर्मियों को रखा है।



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रात 12:00 बजे बुद्धा काॅलोनी थाना ।


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/if-you-take-peace-in-the-night-wake-up-because-the-police-here-are-also-sai-127739110.html

पूर्व मध्य रेल के स्टेशनों से आज से चलेंगी 10 क्लोन स्पेशल ट्रेनें, 10 दिन पहले हो सकेगा आरक्षण

Posted: 20 Sep 2020 06:22 PM PDT

सोमवार से 20 जोड़ी क्लोन स्पेशल ट्रेनें चलेंगी। इनमें से 10 का परिचालन पूर्व मध्य रेल के स्टेशनों से होगा। क्लोन ट्रेनें पूरी तरह से आरक्षित होंगी। इन ट्रेनों के लिए अग्रिम आरक्षण अवधि 10 दिन रखा गया है और किराया हमसफर एक्सप्रेस के समान होगा। 03293 राजेंद्रनगर टर्मिनल-नई दिल्ली प्रत्येक रविवार को राजेंद्रनगर टर्मिनल से दिन के 3 बजे खुलेगी और अगले दिन सुबह 6:15 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी।

03294 नई दिल्ली-राजेंद्रनगर प्रत्येक सोमवार को नई दिल्ली से दिन के 1:40 बजे खुलेगी और अगले दिन सुबह 7 बजे राजेंद्रनगर टर्मिनल पहुंचेगी। 03391 राजगीर-नई दिल्ली प्रतिदिन राजगीर से सुबह 7 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 2:30 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी। 03392 नई दिल्ली-राजगीर नई दिल्ली से 11 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 9 बजे राजगीर पहुंचेगी।

02787 सिकंदराबाद-दानापुर प्रतिदिन सिकंदराबाद स्टेशन से सुबह 7:30 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 1:30 बजे दानापुर पहुंचेगी। 02788 दानापुर-सिकंदराबाद प्रतिदिन दानापुर से सुबह 9 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 2:45 बजे सिकंदराबाद पहुंचेगी। 06509 बेंगलुरु-दानापुर सोमवार को बेंगलुरु से सुबह 8 बजे चलेगी।

06510 दानापुर-बेंगलुरु हर बुधवार को दानापुर से शाम 6:10 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 19.00 बजे बेंगलुरु पहुंचेगी। 09447 अहमदाबाद-पटना हर बुधवार को अहमदाबाद से शाम 7:45 बजे प्रस्थान कर तीसरे दिन पहुंचेगी। 09448 पटना-अहमदाबाद हर शुक्रवार को पटना से 22:30 बजे प्रस्थान कर तीसरे दिन मध्य रात बाद 2:05 बजे अहमदाबाद पहुंचेगी।

पाटलिपुत्र-सहरसा इंटरसिटी रद्द
तकनीकी कारणवश 03205/03206 सहरसा-पाटलिपुत्र-सहरसा इंटरसिटी एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन का परिचालन 21 सितंबर से रद्द किया जा रहा है। यह जानकारी पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ राजेश कुमार ने दी।



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10 clone special trains will run from East Central Railway stations from today, reservation will be available 10 days before


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/10-clone-special-trains-will-run-from-east-central-railway-stations-from-today-reservation-will-be-available-10-days-before-127739109.html

जिले में मिले 231 नए कोरोना मरीज मिले, अभी 48 कंटेनमेंट जोन में 1453 एक्टिव मरीज

Posted: 20 Sep 2020 06:22 PM PDT

पटना जिले में रविवार को 231 कोरोना मरीज मिले हैं। जिले में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 25270 हो गई है। इनमें 23175 मरीज ठीक हो चुके हैं। अभी 1995 एक्टिव केस हैं। रिकवरी रेट 92 फीसदी हो गई है। पीएमसीएच में 551 सैंपल की जांच में 39 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जिनमें बुद्धा कॉलोनी के एक डॉक्टर समेत अस्पताल में भर्ती 13 मरीज शामिल हैं।

आईजीआईएमएस में 1500 सैंपल की जांच में 37 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। पीएमसीएच कोविड अस्पताल से स्वस्थ होने पर दो मरीजों को छुट्टी मिली। एम्स में दाे मरीजाें की माैत हाे गई। इनमें पटना के आरटी इंक्लेव में रहने वाले रामउदार महताे व इंद्रपुरी के सुरेंद्र प्रसाद वर्मा हैं। वहीं 9 मरीजाें काे डिस्चार्ज कर दिया गया।

48 कंटेनमेंट जोन में 1453 मरीज
जिले के 48 कंटेनमेंट जोन में 1453 एक्टिव मरीज हैं। जिला प्रशासन द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार 667 घरों में मरीजों की कुल संख्या 1453 है। जबकि कंटेनमेंट जोन में 2355 घर हैं। इन घरों में रहने वाले 12910 लोगों के स्वास्थ्य की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है।

पटना सदर अनुमंडल क्षेत्र के 27 कंटेनमेंट जोन में 1169, दानापुर अनुमंडल क्षेत्र के 9 कंटेनमेंट जोन में 152, पटना सिटी अनुमंडल के 3 कंटेनमेंट जोन में 21, मसौढ़ी अनुमंडल के 1 कंटेनमेंट जोन में 26, पालीगंज अनुमंडल क्षेत्र के 3 कंटेनमेंट जोन में 17, बाढ़ अनुमंडल क्षेत्र के 5 कंटेनमेंट जोन में 68 कोरोना पॉजिटिव मरीज हैं।



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231 new corona patients found in district, 1453 active patients in 48 containment zones


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/231-new-corona-patients-found-in-district-1453-active-patients-in-48-containment-zones-127739107.html

स्वच्छता सर्वेक्षण में फेल नगर निगम अगले साल के लिए तैयारी में जुटा, नारा दिया-वन ड्रीम, पटना क्लीन

Posted: 20 Sep 2020 06:22 PM PDT

पटना नगर निगम ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 की तैयारी शुरू कर दी है। स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 में काफी खराब प्रदर्शन के बाद निगम प्रशासन ने लोगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। नारा दिया गया है-वन ड्रीम, पटना क्लीन। इसके तहत मलिन बस्तियों, सार्वजनिक स्थानों आदि पर कम्युनिटी क्लीनिंग का अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है।

इसी कड़ी में रविवार को मौर्यालोक कॉम्प्लेक्स परिसर में स्वच्छता अभियान चलाया गया। मेयर, डिप्टी मेयर व नगर आयुक्त के नेतृत्व में अलग-अलग टीम बनाकर पूरे परिसर की साफ-सफाई की गई। मौर्यालोक परिसर का हाल ही में रेनोवेशन किया गया है। सभी भवनों का रंग-रोगन किया गया है।

इसके कुछ ही दिनों के भीतर परिसर में कोनों व दीवारों पर लोगों के थूकने की वजह से गंदगी फैल गई है। नगर आयुक्त ने खुद उन तमाम दीवारों पर पेंटिंग की, जिन्हें लोगों ने थूक कर गंदा कर दिया था। अपर नगर आयुक्त स्थापना देवेंद्र प्रसाद तिवारी, अपर नगर आयुक्त सफाई शीला ईरानी, पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड के मुख्य वित्तीय पदाधिकारी परविंद कुमार सिंह आदि ने भी इस कार्य में उनकी मदद की।

महिला सफाईकर्मियों के बीच बंटा सेनेटरी नैपकिन
नगर निगम की ओर से कहा गया है कि घर और सार्वजनिक स्थलों के साथ-साथ शरीर की स्वच्छता भी जरूरी है। महिलाओं को हाइजीन के प्रति जागरूक करने के लिए निगम की ओर से सेनेटरी नैपकिन का नियमित रूप से वितरण किया जाएगा। रविवार को महापौर व उपमहापौर ने इस अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने सफाईकर्मियों के बीच नैपकिन के पैकेट बांटे।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए दिया जाएगा संदेश

राजधानी के लोगों को गीला-सूखा कचरा अलग-अलग रखने के लिए प्रेरित करने के लिए मिथिंगा वेस्ट मैनेजमेंट के वॉलेंटियर्स ने म्यूजिक बैंड का गठन किया है। बैंड के कलाकार लाेगाें को जागरूक करेंगे।

सिटी एंबेसडर बनने के लिए 24 तक आवेदन
स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में पटना को बेहतर रैंकिंग दिलाने के लिए निगम मुख्यालय में स्वच्छ सर्वेक्षण शाखा का गठन किया गया है। अभियान की शुरुआत सिटी एंबेसडर प्रोग्राम से की गई है। इससे उन लोगों को जोड़ा जाएगा, जो निगम के साथ मिलकर शहर की छवि बेहतर बनाने और उस पर लगे गंदे शहर के ठप्पे को हटाने के लिए इच्छुक हैं। कार्यक्रम से जुड़ने के लिए लाेग 24 सितंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।



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Municipal Corporation fails in cleanliness survey, prepares for next year, slogan-one dream, Patna clean


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/municipal-corporation-fails-in-cleanliness-survey-prepares-for-next-year-slogan-one-dream-patna-clean-127739106.html

कोंच में क्रिकेट खेलने के दौरान नहर में गई गेंद को निकालने गए दो मासूम डूबे, मौत

Posted: 20 Sep 2020 06:22 PM PDT

कोंच प्रखंड के कावर पंचायत के कचनपुर गांव में रविवार को खेलने के दौरान क्रिकेट की गेंद के चक्कर में दो मासूमों की नहर में डूबने से मौत हो गई। जानकारी के अनुसार रविवार की शाम को कचनपुर गांव के बच्चे नहर किनारे बने मैदान में क्रिकेट खेल रहे थे। इसी बीच अचानक बॉल नहर में चला गया।

बॉल को निकालने के लिए संजय यादव उर्फ दीना यादव का पुत्र 11 वर्षीय सुधांशु कुमार गया। नहर के किनारे पहुंचकर उसने गेंद को लेना चाहा तो इसी बीच उसका पैर फिसल गया। पैर फिसलने से वह नहर के गहरे पानी में चला गया और डूबने लगा। उसे डूबता देख मनीष यादव का 9 वर्षीय पुत्र प्रिंस कुमार वहां पहुंचा और इस दौरान वह भी नहर में जाकर डूबने लगा।

नहर से दोनों को निकाला पर तब तक हो चुकी थी मौत
इसके बाद किसी तरह दोनों को नहर से बाहर निकाला गया, किन्तु तब तक काफी देर हो चुकी थी। दोनों मासूमों की मौत हो जाने की खबर परिजनों को जैसे ही मिली, कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हुआ था। राजद नेता रमेश यादव ने बताया कि खेलने के दौरान दो बच्चों की डूबने से मौत हुई है, जिसके बाद उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं आंती थानाध्यक्ष को दूरभाष पर इसकी जानकारी दी



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Two innocents drowned while taking a ball in the canal while playing cricket, death


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/konch/news/two-innocents-drowned-while-taking-a-ball-in-the-canal-while-playing-cricket-death-127737955.html

भाजपा से अलग हो राजद संग 2015 में चुनावी मैदान में उतरे थे नीतीश; मोदी और भागवत के बयान से बिगड़ा गणित

Posted: 20 Sep 2020 06:22 PM PDT

(भैरवलाल दास) विधानसभा चुनाव 2015 में जदयू को 115, भाजपा को 96 और राजद को 22 सीटें मिली थीं। इतने विशाल बहुमत के बाद भी राजग की ओर से 2013 में प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी का नाम घोषित होने के बाद ही भाजपा-जदयू संबंधों में खटास शुरू हुई और जून 2013 में यह गठबंधन टूट गया।
2009 और 2010 में हुए लोकसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार को यह भरोसा हो गया था कि उनकी लोकप्रियता बहुत बढ़ गई है। उनकी ऐसी ताकत बन गई है कि वे जिस गठबंधन के साथ रहेंगे, उसी की जीत सुनिश्चित होगी। वह विरोधी गठबंधन को धूल चटाने की भी क्षमता रखते हैं। जब भाजपा ने उन्हें प्रश्रय नहीं दिया तो उनकी ओर से कोशिश हुई कि भाजपा और कांग्रेस रहित तीसरा मोर्चा उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए नामित कर दे।

नीतीश की सबसे बड़ी पूंजी विकास पुरुष की, साफ-सुथरी छवि की और गंभीर नेतृत्व क्षमता की थी। उन्होंने बिहार में इसका सफल प्रयोग कर दुनिया को दिखा दिया था कि राजनीति, प्रशासन और न्याय के साथ विकास की गाड़ी को पटरी पर कैसे सरपट दौड़ाया जा सकता है। राजद के साथ गठबंधन कर नीतीश ने यह संदेश भी देना चाहा कि उनके साथ बिहार की वह समस्त जनता है, जिसे विकास पसंद है। इसमें मुसलमानों की संख्या सबसे अधिक है।

2014 के लोकसभा चुनाव में वस्तुत: यूपीए, एनडीए और जदयू तीन ध्रुव थे। इस चुनाव के बाद नीतीश का राजनीतिक ग्राफ थोड़ा गिरा। एक प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि आज की राजनीति में 'विचारधारा' एक खराब शब्द बन चुका है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राममनोहर लोहिया और कर्पूरी ठाकुर द्वारा बताए रास्ते पर चलकर ही गरीबों का कल्याण किया जा सकता है। इस बयान के बाद ही इशारा मिलने लगा था कि नीतीश, राजद के साथ गठबंधन बनाएंगे।

जंगलराज के प्रचार के बाद भी बनी रही लालू की लोकप्रियता
महागठबंधन के राजद की पैठ यादव और मुसलमानों में थी। विपक्षी दलों द्वारा बार-बार 'जंगलराज' का प्रचार करने के बाद भी लालू की लोकप्रियता बनी हुई थी। गैर यादवों में पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और महादलित जदयू का परंपरागत मतदाता बन चुके थे। भाजपा 157 सीटों पर चुनाव लड़ी, जिसमें 90 सीटें उच्च वर्ग के उम्मीदवारों को दी गईं।

लोजपा, रालोसपा और हम का अपना जातीय आधार था। पप्पू यादव ने राजद से अलग होकर जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) का गठन किया था। इसका गठबंधन समाजवाद पार्टी और एनसीपी से था। और यह एक अलग गठबंधन के रूप में चुनाव लड़ रहा था।

मोदी और भागवत के बयान से बिगड़ा गणित
भाजपा के केंद्रीय प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह थे। नरेंद्र मोदी चुनाव प्रचार के लिए लगातार, बार-बार बिहार आए। लेकिन बात बन नहीं रही थी। आखिर उन्होंने भी यहां आकर जाति का कार्ड खेला। स्वयं को पिछड़ा वर्ग से आने वाला कहा। जब उन्हें जानकारी दी गई कि मोदी की जाति बिहार में अत्यंत पिछड़ा वर्ग में है तो दोहराने लगे कि वह भी अत्यंत पिछड़ा वर्ग से हैं।

9 अगस्त, 2015 को नरेंद्र मोदी ने गया की सभा में कह दिया कि नीतीश कुमार का डीएनए खराब है। इस वक्तव्य को नीतीश कुमार ने 'टर्निंग प्वाइंट' बनाना शुरू कर दिया। पार्टी के नेता एवं कार्यकताओं ने इसे तूल देना शुरू कर दिया। बाल-नाखून कटाकर, कागज में लपेटकर दिल्‍ली भेजा जाने लगा, ताकि डीएनए की जांच हो।

प्रधानमंत्री ने बाद में कहा कि मैं राजनीतिक डीएनए की बात कर रहा था। लेकिन, तब तक बात बिगड़ चुकी थी। रही सही कसर मोहन भागवत ने 26 अक्‍टूबर को बक्‍सर में आरक्षण विरोधी बयान देकर पूरा कर दिया। भागवत ने कहा था कि सरकार बनने पर वे आरक्षण की नीति की समीक्षा करेंगे। 2 नवंबर को फारबिसगंज और दरभंगा के चुनावी सभा में पुन: इसे दोहराया गया। आतंकवाद के 'दरभंगा मॉड्युल' के साथ मुसलमानों के साथ जुड़ाव की भी उन्‍होंने चर्चा की।



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2014 के लोकसभा चुनाव में वस्तुत: यूपीए, एनडीए और जदयू तीन ध्रुव थे। इस चुनाव के बाद नीतीश का राजनीतिक ग्राफ थोड़ा गिरा।


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/news/nitish-entered-the-electoral-fray-in-2015-with-rjd-separated-from-bjp-mathematics-disturbed-by-modi-and-bhagwats-statement-127739022.html

छपरा में ड्यूटी को लेकर नशे में जमादार ने होमगार्ड जवान से की मारपीट, सिर फटा तो मारी गोली

Posted: 20 Sep 2020 06:22 PM PDT

कानून की रखवाला ही कानून को हाथ में ले लें तो क्या होगा? मशरक में शनिवार की रात एसपी धूरत सायली सावलाराम ने पुलिस ऑफिसरों के साथ बैठक कर हिदायत दी। कानून को सख्ती से लागू करने के लिए निर्देश दिये। कहा कि कोई भी कानून को हाथ में लें उसे बख्शा नहीं जायेगा। इस मीटिंग के ठीक तीन घंटे बाद उसी थाने के एक जमादार ने नशे का सेवन कर गश्ती ड्यूटी के दौरान होम गार्ड जवान को गोली मार दी।

गोली जवान को पेट के पास छूते हुए निकल गई। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपित जमादार फरार है। घायल होम गार्ड जवान ने बयान में कहा कि नशे में आकर जमादार ने गोली मार दी। जमादार पटना के रहने वाला हरेंद्र कुमार हैं । घायल होमगार्ड जवान सोनपुर थाना क्षेत्र के फुकारा बांध निवासी अशोक कुमार है।
सर्विस रिवाल्वर से ही मारी गोली
घटना उस समय की है जब बीती देर रात्रि ड्यूटी में जमादार के नेतृत्व में गश्ती दल ड्यूटी पर तैनात थे कि एस एच-90 पर ड्यूटी के दौरान बात ही बात में ड्यूटी के जगह को लेकर उनके बीच मारपीट होने लगी। जिसमें जमादार का सिर फट गया। जिससे जमादार ने सर्विस रिवाल्वर से गोली चला दी, जो होमगार्ड के जवान की पेट के पास छूती हुई निकल गई। जिससे होमगार्ड का जवान गंभीर रूप से जख्मी हो गया। थानाध्यक्ष रत्नेश कुमार वर्मा ने होमगार्ड को पीएचसी में इलाज कराया।

होमगार्ड संघ के अध्यक्ष व सचिव ने कराई प्राथमिकी
होमगार्ड संघ के अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार यादव और सचिव वीरेंद्र कुमार थाना पहुंच विरोध दर्ज कराया। घायल जवान ने आवेदन दिया। जिसमे थानाध्यक्ष रत्नेश कुमार वर्मा ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कांड संख्या 510/20 में धारा 341,504,27 आर्म्स एक्ट, एससी-एसटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।

दहेज के लिए विवाहिता को मार डाला
छपरा|
अवतार नगर थाना क्षेत्र के प्रतापपुर गांव में दहेज लोभियों ने विवाहिता की हत्या कर दी। उसके बाद इसकी सूचना मिलने पर मायके वाले पहुंचे। इस दौरान उसके पिता सोनपुर थाना क्षेत्र के कल्याणपुर गांव निवासी रवि महतो जब पहुंचे तो ससुराल वाले भाग गये। इसकी सूचना स्थानीय थाने को दी गई। पुलिस ने पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

मृतका प्रतापपुर गांव निवासी नारायण महतो की पुत्री खुश्बू देवी है। यहां बता दें कि खुश्बू की शादी इसी साल मई में हुई थी। अभी मेंहदी के रंग फीके नहीं पड़े थे कि दहेज के लिए हत्या कर दी गई । मायके वालों ने बताया कि हत्या पहले पीटकर और उसके बाद गला दबाकर की गई है। इस मामले में परिजनों के बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है।

गोलीकांड से पहले मशरक थाने का एसपी ने किया निरीक्षण
मशरक|
एसपी धूरत सायली सावलाराम ने शनिवार की देर शाम मशरक थाने का निरीक्षण किया। मौके पर मढ़ौरा डीएसपी इन्द्रजीत बैठा के अलावे पानापुर, इसुआपुर, तरैया सहित मशरक थाना के थानाध्यक्ष रत्नेश कुमार वर्मा भी मौजूद रहे। करीब चार घंटे तक देर रात लंबित कांडों की समीक्षा की और पुलिस पदाधिकारियों को कई दिशा- निर्देश दिये।

एसपी ने इस दौरान चार थानों के थानाध्यक्ष से कई कांड व अभिलेखों की जांच की। एसपी ने बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जिले के सभी थानों का निरीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि साथ ही थाना सीमाओं और बूथों की सुरक्षा पर भी तैयारी की समीक्षा की जा रही है। उन्होंने सभी थानाध्यक्ष को निर्देश दिया कि लंबित कांडों के निष्पादन में तेजी लाएं।



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मशरक थाना के सामने पहुंचे होम गार्ड संघ के अधिकारी


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/chhapra/news/drunk-jamadar-beaten-home-guard-jawan-for-duty-shot-dead-if-his-head-cracked-127738495.html

बक्सर में जदयू जिलाध्यक्ष से मुलाकात के बाद डीजीपी बोले- चुनाव लड़ने की अफवाह से परेशान हो गया हूं, अभी ऐसा कोई इरादा नहीं

Posted: 20 Sep 2020 06:22 PM PDT

डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय रविवार को रोहतास-कैमूर होते हुए बक्सर पहुंचे। स्थानीय होने के कारण भाजपा व जदयू के कई नेताओं से मिले। जिसके बाद चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो गई। मुलाकात के बाद डीजीपी ने बक्सर आगमन को औपचारिक बताया। उसके बाद उन्होंने बक्सर के जिला अतिथि गृह में प्रेसवार्ता को संबोधित किया।

इसमें मीडिया द्वारा उठाए गए सवाल पर बोले- मैं जहां जा रहा हूं, वहां यही सवाल पूछा जा रहा है कि आप चुनाव कहां से चुनाव लडेगें। क्या आप चुनाव लड़ेगें। तो इस पर डीजीपी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आज तक जो चल रहा है, वह अफवाह है। अभी कोई ऐसा ईरादा नहीं है। चुनाव लड़ने का मैं खंडन करता हूं। यह कोरी अफवाह है। उसके बाद डीजीपी ने सवाल किया कि क्या कोई संवैधानिक पद पर या अधिकारी के रूप में तैनात व्यक्ति त्यागपत्र देकर कर चुनाव नहीं लड़ सकता है? क्या यह अनैतिक है?

पिछले छह माह से इन अफवाहों से परेशान हो गया हूं। फिलहाल मेरा चुनाव लड़ने का कोई ईरादा नहीं है। जिला जदयू अध्यक्ष विध्यांचल कुशवाहा ने डीजीपी से बंद कमरे में हुई बातचीत के बारे में कहा कि डीजीपी से मुलाकात शिष्टाचार मुलाकात थी। चुनाव पर कोई चर्चा नहीं हुई। हमलोग एक साथ के विद्यार्थी है, इसलिए आज मुलाकात हुई है। गुप्तेश्वर पांडेय अच्छे आदमी हैं, अगर पार्टी में आएंगे तो स्वागत है। तीन-चार दिनों में स्पष्ट हो जाएगा कि बक्सर से कौन चुनाव लड़ेगा।



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बक्सर में जदयू जिलाध्यक्ष विंध्याचल कुशवाहा से मुलाकात करते डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय।


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/buxar/news/after-meeting-the-jdu-district-president-in-buxar-dgp-said-i-am-upset-with-the-rumor-of-contesting-elections-no-such-intention-yet-127738978.html

एक पोस्टर में मोदी-नीतीश, राजद के पोस्टर से लालू गायब; कहीं अपनी तारीफ तो कहीं विरोधी पर पलटवार कर रहे राजनीतिक दल

Posted: 20 Sep 2020 06:22 PM PDT

पटना|चेहरों की मुनादी तो बहुत पहले से थी, अब ये बाकायदा होर्डिंग-पोस्टर की शक्ल में पब्लिक के लिए खुलेआम भी हो गए। कोरोना काल में होर्डिंग-पोस्टर, चुनावी प्रचार-सभाओं या फिर ऐसी दूसरी तमाम राजनीतिक/चुनावी प्रक्रियाओं के विकल्प मान लिए गए हैं। तरह-तरह के होर्डिंग-पोस्टर, उस पर लिखे नारे। अपनी तारीफ के; दूसरों के कोहराम के।

एक-दूसरे को काटते शब्द; एक-दूसरे से लड़ते शब्द। नए दावे; पुरानी यादें। राजधानी के उन तमाम जगहों पर ये सब साइनबोर्ड माफिक चस्पां हैं, जहां से जनता की भीड़ गुजरती है। चुनाव की निकटता के हिसाब से कमोबेश यही सीन इलाकों में भी बनता जा रहा है।

भाजपा की होर्डिंग में नरेंद्र मोदी द्वारा नीतीश कुमार की तारीफ
भाजपा ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर वाली होर्डिंग राजधानी पटना में लगाई। दोनों हाथ जोड़ें हैं। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री की तारीफ में कह रहे हैं-'नीतीश जी जैसे सहयोगी हों, तो कुछ भी संभव है।' नीचे लिखा है-'न्याय के साथ तरक्की, नीतीश की बात पक्की।'

यह थीम, पिछले कई दिनों से प्रधानमंत्री द्वारा मुख्यमंत्री और बिहार की लगातार की जा रही तारीफ से ली गई है। प्रधानमंत्री, बिहार के लिए परियोजनाओं के उद्घाटन-शिलान्यास के दौरान नीतीश कुमार की जमकर तारीफ करते रहे हैं। उनको देश को राह दिखाने वाला, विकास को समर्पित, बिहार की सूरत बदल देने वाला आदि कहते रहे हैं।

जदयू ने नीतीश कुमार को बताया- 24 कैरेट गोल्ड

जदयू के कई तरह के होर्डिंग हैं। एक में नीतीश कुमार की सोचने वाली बड़ी सी तस्वीर है। लिखा है-'नीतीश में विश्वास, बिहार में विकास।' दूसरी होर्डिंग में नीतीश कुमार के लिए लिखा है-'24 कैरेट गोल्ड ..., अपने नीतीश कुमार। ... जांचा-परखा, हर कसौटी पर खरा।' एक होर्डिंग का नारा है-'हर गांव शहर की यही पुकार, फिर से आएं नीतीश कुमार। ... विश्व में बढ़ी हम बिहारियों की शान।' एक होर्डिंग में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को जेल में बंद दिखाया गया है। लिखा है-'एक ऐसा परिवार जो बिहार पर भार।' इसमें राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव तथा डॉ.मीसा भारती की तस्वीरें हैं।

राजद की होर्डिंग में सिर्फ तेजस्वी यादव की तस्वीर
राजद नेता तेजस्वी यादव के चेहरे वाले होर्डिंग लगा दिए गए हैं। लिखा है- 'नई सोच नया बिहार, युवा सरकार अबकी बार।' राजद बनने के बाद से यह पहला चुनाव है जिसके होर्डिंग-पोस्टर में लालू प्रसाद नहीं हैं। राजद समर्थक और विरोधी, सब हैरान।

विरोधी इसे लालू-राबड़ी काल (1990-2005) के खराब शासन वाले इमेज से निकलने के लिए तेजस्वी की रणनीति मान रहे, तो यह भी कहा जा रहा है कि तेजस्वी ने इसके बूते अपने घरेलू विरोध को शून्य करने की कोशिश की है। चर्चा की एक लाइन यह भी कि यह वस्तुत: खुद लालू प्रसाद की वह रणनीति है, जिसे तेजस्वी के चेहरे पर युवाओं को राजद के पाले में आने का पूरा भरोसा है। हर होर्डिंग में यह लाइन भी है-'युवा सरकार अबकी बार।'

तेजस्वी यादव को देखकर औरंगजेब की याद आती है

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. संजय जायसवाल ने रविवार को सोशल मीडिया पर लिखा- 'तेजस्वी यादव को देखकर उन्हें औरंगजेब की याद आती है, जिसको न तो किसी पर भरोसा है, न वह किसी की बात सुनता है, न ही वह अपने सामने किसी को बढ़ने देना चाहता है। स्व. रघुवंश बाबू के साथ उन्होंने जो किया, वह सबको याद ही होगा, लेकिन अपने पिता के साथ, आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद के साथ वह क्या करना चाहते हैं, यह शोध का विषय है।

उन्हें राजद के पोस्टर से भी हटा दिया गया है। तेजस्वी के अलावा किसी का चेहरा आरजेडी के पोस्टर पर नहीं लगता। लालू प्रसाद पूरी तरह से गायब हैं। आखिर, तेजस्वी का एजेंडा क्या है, वे उस चेहरे से क्यों भाग रहे हैं, जो उनके पिता भी होते हैं। क्या तेजस्वी अपनी विरासत पर शर्मिंदा हैं? अगर उन्हें लगता है कि उनके पिता और माता के शासनकाल में जो कांग्रेस के साथ मिलकर कुशासन और अराजकता का निर्माण किया गया।

वह शर्मिंदगी की वजह है तो उन्हें पूरे राज्य की जनता से माफी मांगनी चाहिए, न कि छद्म आवरण में राजनीति करनी चाहिए। तेजस्वी का ख़ुद अपने परिवार से घमासान चल रहा है, यह जानी हुई बात है। तेजप्रताप और मीसा का उनसे छत्तीस का आंकड़ा है। तेजस्वी अपनी पार्टी के एकछत्र नेता बन गए हैं, जिनको लोकतंत्र से चिढ़ है। सत्ता के लिए अब वह लालू से पीछा छुड़ाना चाहते हैं।



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भाजपा ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर वाली होर्डिंग राजधानी पटना में लगाई।


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/news/modi-nitish-in-one-poster-lalu-missing-from-rjd-poster-somewhere-political-parties-are-getting-their-praise-back-127738981.html

ए टू जेड की पार्टी बनने के लिए इस बार राजद का अति पिछड़ों, सवर्णों पर खास जोर, पिछले चुनाव में भूमिहार को नहीं मिला था टिकट

Posted: 20 Sep 2020 06:22 PM PDT

राजद ए टू जेड की पार्टी है, यह घोषणा तेजस्वी यादव अपने सभी सार्वजनिक समारोहों में करते रहे हैं। अब जब विधानसभा चुनाव करीब है तो दबे जुबान से ही सही, टिकटार्थियों की तरफ से यह मांग उठने भी लगी है। राजद नेतृत्व उन मांगों पर गंभीरता से विचार-विमर्श भी कर रहा है। हर वर्ग के जीतने याेग्य उम्मीदवाराें की चर्चा हो रही है। राजद ने अपने संगठन में जिस तरह अति पिछड़ों को 27 फीसदी आरक्षण दिया है, उसी तरह विधानसभा चुनाव में टिकट देने की भी चर्चा है।
इस बार अपने इतिहास के उलट राजद सवर्णों को भी खासकर ब्राह्मण और भूमिहार जाति से भी मजबूत उम्मीदवार की तलाश में जुटा है। रोज सीट टू सीट एक-एक उम्मीदवार पर पार्टी में मंथन चल रहा है। राजद नेतृत्व इस बार अति पिछड़ा और सवर्णों की भागीदारी बढ़ाने के लिए ज्यादा उम्मीदवारों का चयन करने की तैयारी में जुटा है।

पार्टी प्रवक्ता चितरंजन गगन का कहना है कि कितनी फीसदी टिकट अति पिछड़ों और सवर्णों को दी जाएगी, अभी यह कहना ठीक नहीं हैं, क्योंकि वीनेबलिटी उम्मीदवार चयन का मुख्य आधार होता है। पर, टिकट वितरण के बाद यह साफ दिख जाएगा कि राजद ही ए टू जेड की पार्टी है।
पिछले चुनाव में भूमिहार को नहीं मिला था टिकट: राजद ने वर्ष 2015 के चुनाव में जदयू और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाकर 101 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें उसे 80 फीसदी सफलता मिली थी। उसके 80 उम्मीदवार जीते थे। इस चुनाव में भूमिहार जाित से किसी को राजद ने टिकट नहीं दिया था। मात्र 3 सवर्ण और 2 अति पिछड़ा समुदाय के विधायक बन पाए थे। इसमें भी कायस्थ (एक उम्मीदवार) जाति से विधायक नहीं बन पाए, जबकि राजद के 80 विधायकों में 49 पिछड़ा, 13 दलित, 12 मुसलमान और 1 एसटी समुदाय से जीते थे। वर्ष 2017 में तेजस्वी ने पार्टी की कमान संभाली तो राजद को ए टू जेड की पार्टी बनाने की कोशिश में लग गए।

वामदल महागठबंधन के साथ, जल्द होगी सीटों की घाेषणा

महागठबंधन में सीट एडजस्टमेंट के मामले में तेजी आ गई है। रविवार को राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद से मिलने सीपीआई और सीपीएम का राज्य नेतृत्व फिर पहुंचा और अपनी सीटों पर दो घंटे तक बातचीत की। बैठक का फलाफल क्या निकला, इस पर दोनों तरफ के नेता कुछ नहीं बोल रहे। पर, सीपीएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार और सीपीआई के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने कहा कि हम महागठबंधन के साथ हैं।

चुनाव की अधिसूचना घोषित होने दीजिए, सीटों की घोषणा हो जाएगी। राजद सूत्रों पर भरोसा करें तो अब सीपीआई 15 और सीपीएम 8 सीटों पर महागठबंधन में अपनी हिस्सेदारी चाह रहे हैं। पर राजद इस हिस्सेदारी पर भी तैयार नहीं है। राजद चाहता है कि तीनों वाम दलों (माले, सीपीआई और सीपीएम) 22 से ज्यादा सीटों पर दावेदारी नहीं ठोकें।
विधान और संविधान पर खतरा, तेजस्वी को सीएम बनाएं

राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद ने राजद अधिवक्ता प्रकोष्ठ के प्रदेश पदाधिकारियों एवं जिलाध्यक्षों की बैठक में कहा कि विधान और संविधान पर खतरा है, इसलिए तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बनाएं। राजनीति प्रसाद की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए अधिवक्ताओं को आगे आना होगा। बैठक में रणविजय सिंह यादव, कामेश्वर सिंह, अरविंद कुमार सिंह आदि मौजूद थे।



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This time RJD's special emphasis on backward castes, upper castes, Bhumihar did not get ticket in last election to become A to Z party


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/news/this-time-rjds-special-emphasis-on-backward-castes-upper-castes-bhumihar-did-not-get-ticket-in-last-election-to-become-a-to-z-party-127738980.html

आम लोगों की राय से विजन डाक्यूमेंट तैयार करेगी भाजपा, पार्टी ने टोल फ्री नंबर पर मांगे सुझाव

Posted: 20 Sep 2020 06:22 PM PDT

भाजपा आम लोगों की राय से अपना विजन डाक्यूमेंट तैयार करेगी। इसके लिए लोगों से सुझाव लेगी और सुझाव के आधार पर ही अगले पांच वर्षों की कार्ययोजना बनाएगी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. संजय जायसवाल ने इसके लिए रविवार को टाेल फ्री नंबर 6357171717 जारी किया। इस नंबर पर कोई भी व्यक्ति अपनी बात कह सकता है।
जायसवाल ने बताया कि विभिन्न स्थानों पर जाकर वहां के पंचायती राज के प्रतिनिधि, व्यापार से जुड़े प्रतिनिधि और किसान भाई से राय लेना है। इसके लिए पार्टी ने सभी विधानसभा क्षेत्रों में रथ रवाना किया है। समिति के संयोजक कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने बिहार में विकास की धारा बहाई है। हम इसे भी घोषणापत्र में शामिल करेंगे। इसमें सभी वर्गों के सुझाव को अहमियत दी जाएगी। इस अवसर पर समिति के सह संयोजक नीतीश मिश्रा भी मौजूद थे।

चुनावी घोषणापत्र के लिए हम सेक्यूलर ने लोगों से मांगा सुझाव

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्यूलर) ने अपने चुनावी घोषणापत्र के लिए लोगों से सुझाव मांगा है। राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान के अनुसार घोषणापत्र को लेकर लोग पार्टी के वाट्सएप 9334540741 व ई-मेल itsdanishbhai@gmail.comपर अपने सुझाव भेज सकते हैं।



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टोल फ्री नंबर जारी करते प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, डॉ. प्रेम कुमार व नीतीश मिश्रा।


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/bjp-will-prepare-vision-document-with-the-opinion-of-common-people-party-asked-for-suggestions-on-toll-free-number-127738979.html

बिहार इकलौता राज्य जहां एनएच पर शराब पीने की वजह से एक भी हादसा नहीं, राज्यसभा में पेश रिपोर्ट में खुलासा

Posted: 20 Sep 2020 05:22 PM PDT

नेशनल हाईवे पर शराब पीकर वाहन चलाने से एक्सीडेंट के मामलों में बिहार की रिपोर्ट चौंकाने वाली है। पिछले साल बिहार में नेशनल हाईवे पर हुई दुर्घटनाओं में कोई भी दुर्घटना शराब पीकर गाड़ी चलाने से नहीं हुई। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से पिछले दिनों राज्यसभा में पेश रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 5300 किलोमीटर से अधिक एनएच गुजरता है।

इसके बावजूद यहां 2019 में शराब पीकर वाहन चलाने से दुर्घटना का एक भी मामला नहीं आया । खास बात यह है कि बिहार में 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है। बिहार के बाद दूसरा स्थान प. बंगाल का है जहां 3600 किमी एनएच है। वहां 8 एक्सीडेंट के मामले सामने आए हैं।

देश में सबसे अधिक एनएच महाराष्ट्र से निकलता है, वहां एक्सीडेंट के मामले 258 रहे। इधर, देश में इस साल सड़क हादसों में 35% की गिरावट आई है। जनवरी से जून के बीच 1.6 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जो कि पिछले छह साल के औसत से 35% कम है। इस दौरान हादसे में मरने वाले लोगों की संख्या में 30 फीसद की की कमी आई है।

हमसे छोटे राज्यों में हुई कई गुना अिधक दुर्घटनाएं... वजह शराब

असम, पंजाब, ओडिशा, हरियाणा और झारखंड जैसे छोटे राज्यों सहित देश के नौ प्रदेशों में बिहार से कई गुना तक अधिक दुर्घटनाएं हुई है। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2019 में शराब पीकर वाहन चलाते समय असम में 279, हरियाणा में 299, झारखड़ में 686, मध्य प्रदेश 1030, ओडिशा में 1068, पंजाब में 1290, तमिलनाडु में 1047 और यूपी में 4496 एक्सीडेंट के मामले सामने आए हैं।
2019 में बिहार में 10007 सड़क दुर्घटनाएं हुईं

  • रोड एक्सीडेंट के दौरान 2019 में बिहार में 7205 मौतें हुईं।
  • पटना में एनएच पर 280 दुर्घटनाएं, घायल-219, मौतें-81
  • स्टेट हाईवे पर पटना में 28 हादसे, घायल-16, मौतें-9
  • पटना में अन्य सड़कों पर दुर्घटनाएं 216, घायल-97, मौतें-102


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Bihar is the only state where there is not a single accident on NH due to drinking, disclosed in report presented in Rajya Sabha


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/bihar-is-the-only-state-where-there-is-not-a-single-accident-on-nh-due-to-drinking-disclosed-in-report-presented-in-rajya-sabha-127738907.html

आज गांधी सेतु के समानांतर पुल और पटना रिंग रोड का भी शिलान्यास करेंगे पीएम मोदी

Posted: 20 Sep 2020 05:22 PM PDT

पीएम नरेंद्र मोदी साेमवार काे गांधी सेतु के समानांतर बनने वाले महासेतु और पटना रिंग राेड सहित बिहार में सड़क और पुल सेक्टर की नौ मेगा परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से समारोह का आयोजन होगा। सभी परियोजनाओं की कुल लागत 14258 करोड़ है। पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि इनमें से अधिकतर योजनाओं के लिए निर्माण एजेंसी का चयन हो गया है और कुछ के लिए चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

9 मेगा प्रोजेक्ट की सौगात, लागत 14258 करोड़



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Today, Modi will lay the foundation stone for the bridge parallel to Gandhi Setu and Patna Ring Road


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/today-modi-will-lay-the-foundation-stone-for-the-bridge-parallel-to-gandhi-setu-and-patna-ring-road-127738906.html

22 के बाद ही स्कूल जा सकेंगे छात्र, ऑनलाइन पढ़ाई भी जारी रहेगी, ट्रांसपोर्टेशन परिजनों के जिम्मे; स्कूल बोले- हम तैयार, अभिभावक बोले- हम नहीं

Posted: 20 Sep 2020 05:22 PM PDT

पटना। कोराना के कारण मार्च से बंद चले रहे स्कूलों में 9वीं से 12वीं तक छात्र डाउट क्लीयर करने और प्रैक्टिकल क्लासेस के लिए जा सकेंगे। लेकिन, बिहार में सोमवार से स्कूल नहीं खुल रहे हैं। शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि 22 सितंबर को स्कूल संचालन के मामले पर महत्वपूर्ण बैठक है। उसमें स्कूलों पर निर्णय लिया जाएगा। पटना डीएम कुमार रवि ने कहा कि शिक्षा विभाग की गाइडलाइन के बाद ही स्कूलों में गतिविधि की अनुमति दी जाएगी।
दैनिक भास्कर ने शहर के टॉप स्कूल के प्रबंधन से बातचीत कर जाना कि उनकी क्या तैयारी है? अधिकतर ने कहा कि वे स्कूल खोलने के लिए तैयार हैं, पर अधिकतर अभिभावक मना कर रहे हैं। ऑनलाइन क्लास जारी रहेंगे। स्कूल बस की सुविधा नहीं देंगे, खेल पीरियड नहीं होगा। कैंटीन बंद रहेगी। जिन स्कूलों में सीबीएसई कंपार्टमेंटल परीक्षा के सेंटर हैं, उनके बच्चे 29 सितंबर के बाद ही बुलाए जाएंगे।

जानिए पटना के बड़े स्कूलों की क्या तैयारी, कब से खुलेंगे

  • संत माइकल हाई स्कूल : कंपार्टमेंटल परीक्षा का सेंटर है। अगले महीने से ही विद्यार्थी स्कूल आ पाएंगे।
  • संत जेवियर्स हाई स्कूल : इवनिंग क्लासेज की भी शुरूआत होगी।
  • माउंट कार्मेल हाई स्कूल: हम एक दिन में एक सेक्शन के आधे से भी कम बच्चों को बुलाएंगे।
  • संत जोसेफ कॉन्वेंट हाई स्कूल और लोयला हाई स्कूल- राज्य के गाइडलाइन के बाद हम बच्चों को सूचना देंगे।
  • डीएवी बीएसईबी- शिक्षक और विद्यार्थियों को ग्रुप में बांटकर स्कूल बुलाया जाएगा।
  • डॉन बॉस्को एकेडमी- बच्चे मेल पर डाउट भेजेंगे। उसके बाद उन्हें स्कूल आने की तिथि बताई जाएगी।
  • संत कैरेंस हाई स्कूल : अलग-अलग क्लास और रॉल नंबर के अनुसार बच्चों को स्कूल बुलाया जाएगा।
  • बिशप स्कॉट ग्रुप ऑफ स्कूल : बच्चों को सेक्शनवाइज बुलाया जाएगा।
  • बॉल्डविन एकेडमी- कंपार्टमेंटल की परीक्षा के बाद ही बच्चों को बुलाएंगे।

स्कूलों ने पूछा तब भी अभिभावक राजी नहीं

बॉल्डविन एकेडमी के प्राचार्य राजीव रंजन ने बताया 9 से 12वीं तक के बच्चों के रेस्पांस मांगे थे। 11वीं-12वीं के 400 में सिर्फ 8 के अभिभावकों ने स्कूल भेजने की बात कही। 9वीं-10वीं के 400 में 53 ने सहमति दी। संत जेवियर्स हाई स्कूल के प्राचार्य फादर क्रिस्टू ने बताया कि 9वीं-10वीं के 297 बच्चों में 151 ने हां कहा है। डॉन बॉस्को एकेडमी के उप प्राचार्य एरिक जॉन डी रोजैरियो ने बताया कि अधिकतर अभिभावक स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं है।
दैनिक भास्कर टीम ने 200 से अधिक अभिभावकों से बात की। 157 लोगों ने कहा कि जब तक कोरोना का खतरा कम नहीं होता वह अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे। फिर चाहे सरकार कहे या स्कूल। बाकी ने भी ऑनलाइन क्लास को ही बेहतर बताया।



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पटना के स्कूलों में बड़े स्तर पर सेनेटाइजेशन का काम चल रहा है।


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/news/students-will-be-able-to-go-to-school-only-after-22-online-education-will-also-continue-responsibility-of-transportation-family-school-said-we-are-ready-parents-said-we-are-not-127738905.html

अब चुनावी सभा, शादी अंतिम संस्कार में 100 लोग शामिल हो सकेंगे, विष्णुपद व हरिहरनाथ मंदिर आज से खुलेगा

Posted: 20 Sep 2020 05:22 PM PDT

अनलॉक 4 के तहत सोमवार से कई पाबंदियों में छूट दी जाएगी। बिहार विधानसभा चुनाव कुछ दिनों में ही होने वाले हैं। ऐसे में अब सोमवार से 100 लोगों की चुनावी सभा भी की जा सकेगी। सामाजिक-धार्मिक आयोजनों में भी 100 लोग शामिल हो सकेंगे। ओपन एयर थिएटर भी खुल जाएंगे। शादी और अंतिम संस्कार में भी 100-100 लोग शामिल हो सकेंगे।

राज्य सरकार कंटेनमेंट जाेन के बाहर के स्कूलाें काे 50% शैक्षिक और गैर शैक्षिक स्टाफ काे ऑनलाइन पढ़ाई, टेली काउंसिलिंग और संबंधित कार्य के लिए बुलाने की अनुमति दे सकेगी। कंटेनमेंट जोन के बाहर रहने वाले 9वीं से 12 वीं तक के छात्रों को शिक्षकों से मार्गदर्शन के लिए 22 सितंबर के बाद स्कूल जाने की अनुमति होगी, लेकिन इसके लिए उनके अभिभावकों की लिखित अनुमति लेनी होगी। हालांकि स्कूल, काॅलेज, काेचिंग क्लास 30 सितंबर तक बंद रहेंगे। सिनेमा हाॅल और स्विमिंग पूल भी फिलहाल बंद रखने के निर्देश हैं।

विष्णुपद व हरिहरनाथ मंदिर आज से खुलेगा

विश्व प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर और सोनपुर का हरिहरनाथ मंदिर 21 सितंबर से खुल जाएगा। विष्णुपद मंदिर गर्भगृह में अब विष्णुचरण पर हर पिंडदानी सिर्फ एक ही पिंड चढ़ाएंगे, बाकी पिंडों को एक टब में रखा जाएगा, फिर इस टब को गोशाला भेजा जाएगा।



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Now 100 people will be able to attend the election meeting, wedding funeral, Vishnupad and Hariharnath temple will open from today


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/news/now-100-people-will-be-able-to-attend-the-election-meeting-wedding-funeral-vishnupad-and-hariharnath-temple-will-open-from-today-127738904.html

काेई भी प्रत्याशी नकद में 10 हजार से अधिक का लेनदेन नहीं कर सकेंगे, एक व्यक्ति से 10 हजार तक ही नकद चंदा ले पाएंगे

Posted: 20 Sep 2020 05:22 PM PDT

कोरोना संक्रमण के बीच बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान कोई भी प्रत्याशी किसी एक व्यक्ति को पूरे चुनाव प्रक्रिया के दौरान 10 हजार से अधिक नगद नहीं दे पाएंगे। इतना ही नहीं प्रत्याशी किसी एक व्यक्ति से 10 हजार से अधिक का नकद चंदा या अंशदान स्वीकार नहीं कर सकेंगे। चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनावी खर्च को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया है। चुनाव प्रक्रिया के दौरान इसका सख्ती से पालन किया जाएगा।

ज्यादा रकम का ट्रांजेक्शन डिजिटल, चेक या ड्राफ्ट से
चुनाव आयोग ने अपने दिशा-निर्देश में कहा है कि संपूर्ण चुनाव अवधि के दौरान किसी उम्मीदवार या इकाई के साथ निर्वाचन के संबंध में किए गए एकल लेनदेन अथवा कुल लेनदेन के लिए 10 हजार से अधिक का व्यय किसी अभ्यर्थी या राजनीतिक दल द्वारा तब तक नहीं किया जाएगा जब तक कि भुगतान अभ्यर्थी के निर्वाचन बैंक खाते से जुड़े किसी एकाउंट पेयी चेक अथवा बैंक ड्राफ्ट अथवा आरटीजीएस या एनएफटी द्वारा अथवा किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से न किया गया हो।

यानी उम्मीदवार किसी भी व्यक्ति से चुनाव प्रक्रिया के दौरान 10 हजार रुपए नकद से अधिक का लेनदेन नहीं कर सकते हैं। इससे अधिक के लेनदेन के लिए उन्हें चेक या अन्य माध्यमों का उपयोग करना होगा।



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चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनावी खर्च को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया है।


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/news/even-candidates-will-not-be-able-to-transact-more-than-10-thousand-in-cash-they-will-be-able-to-get-cash-only-up-to-10-thousand-from-a-person-127738754.html

बिहार में एक दिन में रिकॉर्ड 1.76 लाख कोरोना सैंपल की जांच, 1555 नए संक्रमित मिले, कोरोना संक्रमण की दर 0.88%

Posted: 20 Sep 2020 05:22 PM PDT

बिहार में कोरोना सैंपल की जांच के मामले में नया रिकॉर्ड बना है। पिछले 24 घंटे में 176511 सैंपल की जांच हुई। यह देश के सभी राज्यों में एक दिन में हुई जांच से अधिक है। यानी बिहार पहले नंबर पर रहा। अगर राष्ट्रीय स्तर पर देखें तो 24 घंटे में हुए कुल 1206806 सैंपलाें की जांच में बिहार का हिस्सा 14.63% है।
वहीं 176511 सैंपल की जांच में 1555 नए संक्रमित मिले। इस तरह राज्य में कोरोना संक्रमण की दर एक फीसदी से भी कम हो गई है। 176511 सैंपल के आधार पर यह दर 0.88% पर आ गई है। यह दर भी देश में सबसे कम है। अब राज्य में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 168542 हो गई है। जबकि कुल स्वस्थ होने वाले संक्रमितों की संख्या भी बढ़कर 154443 हो गई। लगातार मरीज कम मिलने और ठीक होने वालों की संख्या बढ़ने से रिकवरी दर भी बढ़कर 91.63% हो गई है।
14 जुलाई को 10 हजार जांच, 20 सितंबर को 1.76 लाख

राज्य में शुरुआती दौर में जांच कम हो रही थी। 15 जुलाई तक प्रतिदिन 10 हजार सैंपल की ही जांच हो रही थी। लेकिन जुलाई के अंतिम सप्ताह में जांच की रफ्तार तेज हुई। 30 जुलाई को रोज होने वाली जांच की संख्या बढ़कर 20 हजार से अधिक हो गई। 2 अगस्त को 35 हजार पार कर गई, 20 सितंबर को 1.76 लाख पहुंची।

सिर्फ दो जिलों में 100 से अधिक नए मरीज मिले

रविवार को पटना में सर्वाधिक 213 और मुजफ्फरपुर में 101 नए संक्रमितों की पहचान की गई। वहीं, अररिया में 64, अरवल के 18, औरंगाबाद में 16, बांका में 36, बेगूसराय में 15, भागलपुर में 49, भोजपुर में 16, बक्सर में 24, दरभंगा में 22, पूर्वी चंपारण में 73, गया में 28, गोपालगंज में 49, जमुई में 58, जहानाबाद में 19, कैमूर में 14, कटिहार में 32, खगडिय़ा में 9, किशनगंज में 22, लखीसराय में 30, मधेपुरा में 39, मधुबनी में 49, मुंगेर में 33, नालंदा में 69, नवादा में 14, पूर्णिया में 73, रोहतास में 57, सहरसा में 76 नए मरीज मिले।



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राज्य में 15 जुलाई तक प्रतिदिन 10 हजार सैंपल की ही जांच हो रही थी।


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/bihar-records-176-lakh-corona-samples-in-a-single-day-1555-new-infections-found-corona-infection-rate-088-127738753.html

जल्द ही पानी के जहाज से भी जा सकेंगे गायघाट से हाजीपुर, 200 यात्रियों की क्षमता

Posted: 20 Sep 2020 05:22 PM PDT

कुछ ही दिनों में गायघाट से हाजीपुर जाने वाले लोगों के लिए जहाज की सुविधा उपलब्ध होगी। माणिक साह नामक जहाज से यात्रियों के अलावा मालवाहक वाहनों को उस पार भेजा जाएगा। भारतीय अंतरदेर्शीय जलमार्ग प्राधिकरण ने कार्ययोजना तैयार की है,जिसे शीघ्र ही अमलीजामा पहनाया जाएगा। जहाज में एक साथ 200 पैंसेजर के बैठने की क्षमता हाेगी।

यह जहाज यात्रियों के अलावा दो ट्रक, चार कार व एक दर्जन से अधिक बाइक को लेकर गंगा उस पार करने में सक्षम हाेगा। प्राधिकरण के उप निदेशक अरविंद कुमार ने बताया कि जहाज आ चुका है। लेकिन इसका परिचालन कब से होगा, यह मुख्यालय से तय नहीं हुआ। उप निदेशक ने बताया कि इस तरह का विवेकानंद नामक जहाज वाराणसी में भी चलेगा।



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प्राधिकरण के उप निदेशक अरविंद कुमार ने बताया कि जहाज आ चुका है। लेकिन इसका परिचालन कब से होगा, यह मुख्यालय से तय नहीं हुआ।


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/soon-hajipur-from-gaighat-will-also-be-able-to-go-by-water-ship-capacity-of-200-passengers-127738752.html

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