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Thursday, January 21, 2021

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Bhopal Samachar | No 1 hindi news portal of central india (madhya pradesh)


Airtel के 2 नए रिचार्ज प्लान लॉन्च, पढ़िए क्या-क्या मिल रहा है - NEW PREPAID RECHARGE PLAN

Posted: 21 Jan 2021 08:07 AM PST

Airtel की तरफ से दो शानदार रिचार्ज प्लान लॉन्च किये गये हैं, जो सालभर की वैधता के साथ आते हैं। यह दोनों रिचार्ज प्लान 78 रुपये और 248 रुपये में आते हैं। Airtel के 78 रुपये के रिचार्ज प्लान में एक माह का Wynk
म्यूजिक का प्रीमियम सब्सक्रिप्शन मिलता है। वहीं Airtel के 248 रुपये के रिचार्ज प्लान पर एक साल का Wynk प्रीमियम सब्सक्रिप्शन मिलता है। ग्राहक Airtel के इन दोनों रिचार्ज प्लान से अलग Wynk प्रीमियम सब्सक्रिप्शन को Airtel Thanks ऐप से या फिर सीधे डिजिटल स्टोर से हासिल कर सकते हैं। 

Airtel सबसे सस्ता ₹78 रिचार्ज प्लान में क्या मिलेगा

OnlyTech की रिपोर्ट के मुताबिक Airtel का 78 रुपये वाला प्री-पेड प्लान 5GB डेटा के साथ आता है, जिसकी वैधता पूरे एक माह की होती है। इस प्लान का 5GB डेटा खत्म होने के बाद अगर यूजर डेटा एक्सेस करते हैं, तो उनसे 50 पैसे प्रति MB के हिसाब से चार्ज किया जा सकेगा। 

Airtel ₹248 प्रीपेड रिचार्ज प्लान

Airtel का 248 रुपये वाला प्री-पेड प्लान 25GB डेटा पैक के साथ आएगा। इस डेटा प्लान की वैधता आपके मौजूदा प्लान पर निर्भर करेगी। 25GB डेटा खत्म होने के बाद अगर यूजर डेटा का इस्तेमाल करते हैं, तो उनसे 50 पैसा प्रति MB के हिसाब से चार्ज किया जाएगा। अगर यूजर Wynk का अलग से सब्सक्रिप्शन लेते हैं, तो उन्हें 49 रुपये प्रतिमाह और 399 रुपये सालाना आधार पर देने होंगे। 

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INDORE की महिला व्यापारी ने उज्जैन के थोक व्यापारियों को सवा करोड़ का चूना लगाया, FIR - MP NEWS

Posted: 21 Jan 2021 07:59 AM PST

इंदौर।
 मध्य प्रदेश के इंदौर शहर की एक महिला कपड़ा व्यापारी के खिलाफ सवा करोड़ की धोखाधड़ी का केस उज्जैन के चिमनगंज मंडी थाने में दर्ज हुआ है। महिला ने थोक व्यापारियों से कपड़े खरीदे और जब भुगतान की बारी आई तो उन्हें फर्जी केस में फंसा देने की धमकी देकर भगा दिया। शिकायतों की जांच के बाद पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ अमानत में खयानत का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 

जैन ब्रदर्स इंटरप्राइजेस संचालिका ने अजमेर के व्यापारी को ठगा 

जानकारी के अनुसार, इंदौर के रवि नगर निवासी दीपिका ओरा का उज्जैन में मक्सी रोड स्थित इंडस्ट्रियल एरिया में जैन ब्रदर्स इंटरप्राइजेस के नाम से शो रूम है। आरोप है कि दीपिका ने अजमेर राजस्थान के प्रदीप माहेश्वरी से दिसंबर 2018 में आठ लाख के सूती कपड़े खरीदे थे, जिसमें दीपिका ने डेढ़ लाख रुपए का भुगतान कर दिया। प्रदीप ने पुलिस को बताया कि शेष राशि लेने के लिए वह कई बार फोन से संपर्क करता तो हर बार भुगतान के लिए टाल मटोल करती। 

प्रदीप ने बताया कि जब भुगतान के लिए मैंने दबाव बनाया तो दीपिका ने मेरा मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिया। पिछले दो साल में मैं कई बार उज्जैन आया और दीपिका के इंदौर स्थित घर भी गया। हर बार दीपिका कोई न कोई बहाना बनाकर टाल देती। उसने बताया कि 15 नवंबर 2020 को मैं पत्नी के साथ दीपिका के घर गया उसने मुझे और मेरी पत्नी के साथ गालीगलौज कर भगा दिया।

टीआई अजीत तिवारी ने बताया कि जांच के बाद दीपिका के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। उसने न केवल प्रदीप के साथ बल्कि आठ अन्य व्यापारियों के साथ भी लाखों की धोखाधड़ी की है। दीपिका ने उज्जैन के व्यापारी अशोक मूंदडा से 47 लाख, विशाल चंद्र जैन से 25 लाख, दिलीप जैन से 15 लाख, आनंद माहेश्वरी से 10 लाख, संजय चौरसिया से 8 लाख, मनीष नागर से 9 लाख, विभा नीमा से 2 लाख, दर्पण नीमा से 2 लाख की धोखाधड़ी की है।

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नाबालिग आरोपी को अग्रिम जमानत का अधिकार नहीं: हाई कोर्ट - Minor accused has no right to anticipatory bail: high court

Posted: 21 Jan 2021 07:48 AM PST

ग्वालियर
। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच युगल पीठ है एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा कि नाबालिग आरोपी को अग्रिम जमानत याचिका प्रस्तुत करने का अधिकार नहीं है क्योंकि उसे गिरफ्तार करके जेल नहीं भेजा जाता। जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत उसे सुधार गृह भेजा जाता है।

हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने नाबालिग आरोपी को अग्रिम जमानत दे दी थी

एक नाबालिग की ओर से हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। आरोपित की ओर से तर्क दिया गया कि उसे दुष्कर्म के मामले में झूठा फंसाया गया है। उसके खिलाफ अपराध नहीं बनता है। पुलिस उसे गिरफ्तार करना चाहती है। हाई कोर्ट की इंदौर बेंच से एक नाबालिग को अग्रिम जमानत मिल चुकी है। इसी आधार पर उसे भी अग्रिम जमानत पर रिहा किया जाए। 

हाई कोर्ट ने 40 दिन तक फैसला सुरक्षित रखा

इस याचिका के आने के बाद एकलपीठ ने मामले को बड़ी बेंच में भेजने का निर्णय लिया। मामला चीफ जस्टिस को भेज दिया गया। वहां से मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ की युगलपीठ को मामला भेज दिया। 10 दिसंबर 2020 को युगलपीठ में इस मामले की अंतिम बहस हुई थी। नाबालिग की ओर से पैरवी अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह कुशवाह ने की थी। हाई कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। 40 दिन बाद इस मामले में हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। 

नाबालिग आरोपी को अग्रिम जमानत याचिका का अधिकार नहीं: हाई कोर्ट

कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि नाबालिग की अग्रिम जमानत याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। नाबालिग को गिरफ्तार नहीं किया जाता है, उसमें बदलाव के लिए सुधार गृह भेजा जाता है। भारतीय दंड विधान की धारा 226 व 482 के तहत नाबालिग को याचिका दायर करने का अधिकार नहीं है। युगलपीठ ने स्थिति स्पष्ट कर मामले को फिर से एकलपीठ के पास भेज दिया।

नाबालिग के खिलाफ कौन सा मामला दर्ज हुआ है

डबरा के देहात थाने में एक युवती ने सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था। पुलिस ने धर्मेंद्र व अनूप गुर्जर को 30 जुलाई 2020 को गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में एक नाबालिग को भी आरोपित बनाया था। इस नाबालिग पर आरोप था कि वह सह आरोपितों के साथ कट्टा लेकर आता था और युवती को धमकाता था। सह आरोपी युवती के साथ दुष्कर्म करते थे। इस आधार पर नाबालिग को भी एट्रोसिटी एक्ट, दुष्कर्म की धारा में आरोपित बनाया था।

कर्मचारियों का प्रमोशन: केंद्रीय मंत्री ने कहा मुकदमेबाजी के कारण परेशानी आती है - EMPLOYEE NEWS

Posted: 21 Jan 2021 07:26 AM PST

नई दिल्ली।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत के दौरान बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार शासकीय कर्मचारियों को समय पर पदोन्नति देना चाहती है और प्रमोशन की प्रोसेस को सरल बनाना चाहती है परंतु मुकदमा बाजी के कारण इसमें दिक्कत आती है।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ईमानदार और बढ़िया प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को प्रोस्ताहित किया जा रहा है। सिंह ने कहा, ईमानदारी और प्रदर्शन को हर चीज पर तवज्जो दी जा रही है। कार्य अनुकूल माहौल उपलब्ध करवाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, ताकि अधिकारी अपनी क्षमता के मुताबिक बेहतर प्रदर्शन कर सकें। सिंह ने इस संबंध में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा हाल में मंजूर मिशन कर्मयोगी सुधार का भी खास तौर पर जिक्र किया। 

कार्मिंक मंत्रालय से जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, सिंह ने कहा कि कार्मिंक और प्रशिक्षण विभाग पदोन्नति की प्रक्रिया को सुगम बनाने का प्रयास कर रहा है। लेकिन समय-समय पर कई याचिकाएं दायर होने के कारण इसमें बाधा आ रही है। सिंह ने कहा कि वह कर्मचारियों के विभिन्न समूहों तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने इन सब दिक्कतों से निजात दिलाने के लिए उनसे सहयोग की अपील भी की।

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नरोत्तम मिश्रा, शराब के कारण पार्टी में अकेले पड़े, उमा भारती विरोध में - MP NEWS

Posted: 21 Jan 2021 07:10 AM PST

भोपाल
। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा शराब की नई दुकान खोलने के मामले में अकेले पड़ गए हैं। पूरी पार्टी में कोई भी उनके समर्थन में नहीं है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उनके प्रस्ताव को टाल दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा की धाकड़ महिला नेता उमा भारती का कहना है कि मध्यप्रदेश में शराबबंदी होना चाहिए। 

राजस्व का लालच और माफिया का दबाव शराबबंदी नहीं होने देता: उमा भारती

इस मामले में उमा भारती ने एक के बाद एक आठ ट्वीट किए। उन्होंने कहा कि थोड़े से राजस्व का लालच और शराब माफिया का दबाव शराबबंदी नहीं होने देता है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मांग की कि जहां-जहां भाजपा की सरकारें हैं, वहां शराबबंदी की जाए। उमा भारती ने यह भी कहा कि बिहार में भाजपा की जीत यह साबित करती है कि शराबबंदी के कारण ही महिलाओं ने एकतरफा वोट नीतीश कुमार को दिए।

लॉकडाउन में शराबबंदी सफल रही, जहरीली शराब से कोई मौत नहीं हुई थी

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शराब दुकानों की संख्या बढ़ाए जाने को लेकर फैसला न होने के बयान को उमा भारती ने वंदनीय बताया। फिर अगले ट्वीट में कहा-कोरोनाकाल के लॉकडाउन के समय पर लगभग शराबबंदी की स्थिति रही। इससे यह स्पष्ट हो गया कि अन्य कारणों और कोरोना से लोगों की मृत्यु हुई किंतु शराब नहीं पीने से कोई नहीं मरा।

ज्यादातर सड़क हादसों का कारण शराब होती है: उमा भारती

उमा ने आगे कहा-अभी हाल में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में शराब पीने से बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु हुई। सड़क दुर्घटनाओं में भी अधिकांश में मामला ड्रायवर का शराब पीना ही होता है। फिर भी राजस्व का लालच और माफिया का दबाव शराबबंदी नहीं होने देता है। 

शराब की दुकान खोलना, जनता को जहर पिलाने जैसा: उमा भारती

अगर देखा जाए तो सरकारी व्यवस्था ही लोगों को शराब पिलाने का प्रबंध करती है, जैसे मां की जिम्मेदारी उसके पोषण के साथ उसकी रक्षा की होती है, वही मां अगर बच्चे का जहर पिला दे तो...। सरकारी तंत्र द्वारा शराब दुकानें खोलना ऐसा ही है।

शराब से इतना पैसा नहीं मिलता जितना व्यवस्था में खर्च हो जाता है: उमा भारती

उमा भारती ने कहा कि मैं तो अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से इस ट्वीट के माध्यम से सार्वजनिक रूप से अपील करती हूं कि जहां जिन राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं, उन राज्यों में पूर्ण शराबबंदी की तैयारी करिये। अगले ट्वीट में कहा, शराबबंदी घाटे का सौदा नहीं है। शराबबंदी से राजस्व को हुई क्षति को कहीं से भी पूरा किया जा सकता है किंतु शराब के नशे में दुष्कर्म, हत्याएं, दुर्घटनाएं और छोटी बच्चियों के साथ अमानवीयता की घटनाएं भयावह हैं। यह देश के लिए कलंक भी हैं। कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए हजारों करोड़ स्र्पये खर्च करने पड़ते हैं। समाज में संतुलन बनाए रखने के लिए शराबबंदी एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पर बहस शुरू की जा सकती है।

मैं अपनी बात पर कायम हूं, नई दुकानें खुली चाहिए: डॉ नरोत्तम मिश्रा


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वन विभाग का रेंजर दिलीप सिंह रिश्वत लेते गिरफ्तार: लोकायुक्त पुलिस - MP NEWS

Posted: 21 Jan 2021 07:06 AM PST

छिंदवाड़ा।
लोकायुक्त पुलिस ने दावा किया है कि उसने एक छापामार कार्रवाई के दौरान फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के रेंजर दिलीप सिंह भलावी को एक कारपेंटर से 50,000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। लोकायुक्त पुलिस ने बताया कि कारपेंटर नियम अनुसार फर्नीचर का काम करना चाहता था परंतु फिर भी रेंजर दिलीप सिंह उसे विभागीय अनुमति नहीं दे रहा था। रेंजर दिलीप सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

फर्नीचर का वैध कारोबार करने के लिए भी रिश्वत की मांग की गई

राजना गांव के रहने वाले श्याम राव (61) कारपेंटर ने लोकायुक्त में शिकायत की थी। उनका कहना है कि वह फर्नीचर का कारोबार करते हैं। इसके लिए वन विभाग की अनुमति की जरूरत पड़ती है। उन्होंने इसके लिए वन विभाग में रेंजर दिलीप सिंह भलावी से संपर्क किया। उन्होंने इसके बदले में एक लाख रुपए मांगे। उन्होंने रुपए में असमर्थता जताई, लेकिन दिलीप सिंह अड़े रहे। इसके बाद श्याम राव ने इसकी शिकायत लोकायुक्त जबलपुर को कर दी। लोकायुक्त ने रेंजर को रंगे हाथ पकड़ने के लिए योजना बनाई।

गुरुवार दोपहर करीब पौने दो बजे लोकायुक्त पुलिस की योजना के अनुसार कारपेंटर श्याम राव केमिकल लगे नोट लेकर पहली किश्त देने दिलीप सिंह भलावी के सरकारी आवास पहुंचे। यहां जैसे ही उन्होंने रेंजर को रुपए दिए, लोकायुक्त डीएसपी दिलीप झर, इंस्पेक्टर घनश्याम मर्सकोेले समेत 8 लाेगों की टीम ने उन्हें पकड़ लिया।

पहले रिश्वत में फर्नीचर लेता था रेंजर, अब नगद पैसे मांगने लगा

श्याम राव का आरोप है कि इससे पहले वे कई बार दिलीप सिंह के यहां फर्नीचर बनाकर भेज चुके हैं। करीब डेढ़ लाख का फर्नीचर वह पहले उनके यहां भिजवा चुके हैं। श्याम राव का कहना है कि जैसे-तैसे वह फर्नीचर देते रहे, लेकिन अब इतने पैसे कैसे देते, इसलिए लोकायुक्त में शिकायत कर दी।

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INDORE: दुर्ग के कैंटीन संचालक ने GF से रेप किया, VIDEO-फोटो वायरल करने की धमकी दी - MP NEWS

Posted: 21 Jan 2021 06:56 AM PST

इंदौर।
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के तुकोगंज थाना पुलिस 28 वर्षीय युवती की शिकायत पर दुर्ग निवासी आरोपित नितेश अग्रवाल के खिलाफ दुष्कर्म, ब्लैकमेलिंग और जान से मारने की धमकी का केस दर्ज किया है। आरोपित ने शारीरिक संबंध बना कर वीडियो बना लिया और रिश्तेदारों को फोटो भेज कर ब्लैकमेल कर रहा था।

एसआइ मीना बौरासी के मुताबिक युवती के स्वजनों शादी डॉटकॉम पर रिश्ते तलाश रहे थे। आरोपित ने उसकी प्रोफाइल देखकर चेटिंग की और उसके नंबर ले लिए। इसके बाद दोनों वॉट्सएप और इंस्टाग्राम पर बातें करने लगे। युवती के मुताबिक दोनों ने एक दूसरे को पसंद कर लिया था। पिछले वर्ष सितंबर में आरोपित मिलने के लिए इंदौर आया और साउथ तुकोगंज स्थित होटल में ले गया। यहां कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया और उससे शारीरिक संबंध बना लिए। आरोपित ने मूर्छित अवस्था में उसका वीडियो भी बना लिया। पीड़िता ने उसकी हरकतों के कारण शादी से इन्कार कर दिया और बातचीत भी बंद कर दी।

आरोपित ने उसका वीडियो वायरल करने की धमकी दी और संबंध बनाने के लिए दबाव बनाया। आरोपित ने पीड़िता के भाई को आपत्तिजनक फोटो भेज कर बदनाम करने की धमकी दी। रिश्तेदार और दोस्तों को इंस्टाग्राम पर भद्दे मैसेज कर परेशान करने लगा। पीड़िता ने आइजी हरिनारायणाचारी मिश्र को शिकायत कर बुधवार रात नितेश पर केस दर्ज करवा दिया। एसआइ के मुताबिक नितेश की दुर्ग में कैंटीन है। पुलिस उसकी तलाश में दुर्ग जाएगी।

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GWALIOR MELA: ऑटोमोबाइल में RTO की छूट मिलेगी, भूमि पूजन 30 को - MP NEWS

Posted: 21 Jan 2021 06:50 AM PST

भोपाल
। 115 साल पुरानी ऐतिहासिक ग्वालियर व्यापार मेले के आयोजन की तैयारियां पूरी हो गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सहमति के बाद भूमि पूजन की तारीख 30 जनवरी निर्धारित की गई है। इस अवसर पर सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उपस्थित रहेंगे। इसकी आधिकारिक घोषणा होना अभी शेष है।

ग्वालियर मेले के लिए मंत्री गोविंद सिंह राजपूत सीएम शिवराज सिंह चौहान से मिले

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंत्रियों से चाय पर मुलाकात का सिलसिला जारी है। बुधवार को मुख्यमंत्री श्री चौहान से मंत्रालय में परिवहन एवं राजस्व मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत ने चर्चा की। मंत्री श्री राजपूत ने मुख्यमंत्री श्री चौहान से ग्वालियर व्यापार मेले में वाहनों के बिक्री में पंजीयन शुल्क की छूट देने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि ग्वालियर मेला सौ साल पुराना है। इस मेले में देशभर के लोग शामिल होने आते हैं। मेले में बड़ी तादाद में वाहनों की बिक्री भी होती है। मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि ग्वालियर मेले के सचिव एवं राज्य सभा सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी ग्वालियर मेले में छूट देने के लिये पत्र लिखा है। 

मुख्यमंत्री ग्वालियर मेले में वाहनों की बिक्री पर छूट देने के लिए तैयार

ऑटोमोबाइल के लिये प्रसिद्ध इस मेले में छूट मिलने से वाहनों की बिक्री में भारी वृद्धि की संभावना है। मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ग्वालियर मेले में वाहनों की बिक्री पर छूट दिये जाने पर सहमति व्यक्त की है। मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों के साथ चाय पर मुलाकात की जो पहल शुरू की है, उसके काफी सार्थक परिणाम मिल रहे हैं।

भाजपा की जिला अध्यक्ष कमल मखीजानी नहीं चाहते ग्वालियर मेला लगे 

बुधवार को क्राइसेस मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य कैट के प्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र जैन एवं चैंबर के मानसेवी सचिव डा.प्रवीण अग्रवाल, पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल व मदन कुशवाह आदि ने मेला आयोजित करने का पक्ष कलेक्टर काैशलेंद्र विक्रम सिंह के सामने रखा। सभी का कहना था कि मेला जरूर लगना चाहिए, मगर भाजपा जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी का कहना था कि कोरोना का खतरा अब भी बना हुआ है, साथ ही काफी देरी भी हो चुकी है, इसलिए मेले काे इस साल टाल देना ही ठीक रहेगा। इसके चलते ग्वालियर के लोकल लेवल पर अभी तक कोई डिसीजन नहीं हो पाया है।

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हनुमान जी की हवा में उड़ने की टॉप स्पीड क्या थी, आइए 1 मिनट में कैलकुलेट करते हैं - GK IN HINDI

Posted: 21 Jan 2021 06:28 AM PST

यह तो पूरी दुनिया मान चुकी है कि रामायण कोई काल्पनिक उपन्यास नहीं है। भगवान श्री राम के शारीरिक अस्तित्व को सभी स्वीकार कर चुके हैं। समुद्र में वह पुल भी मिल चुका है जो नल और नील ने भारत से रावण की लंका तक पहुंचने के लिए बनाया था। कथा में बताया जाता है कि श्री राम भक्त हनुमान हवा में उड़ सकते थे। वानर गुण होने के कारण विज्ञान यह मानता है कि वह हवा में लंबी छलांग लगा सकते थे। सवाल यह है कि हनुमान जी जब हवा में छलांग लगाते थे तो उनकी हाई स्पीड कितनी होती थी:- 

श्री हनुमान चालीसा की किस दोहे में पृथ्वी से सूर्य की दूरी बताई गई है

श्री रामचरितमानस में विज्ञान के कई रहस्य लिखे हुए। वैज्ञानिकों के पता लगाने से पहले श्री हनुमान चालीसा में पृथ्वी से सूर्य की दूरी (जुग सहस्त्र जोजन पर भानु, लील्यो ताहि मधुर फल जानू) बताई गई है। इस दोहे का सरल अर्थ यह है कि हनुमानजी ने एक युग सहस्त्र योजन की दूरी पर स्थित भानु यानी सूर्य को मीठा फल समझकर खा लिया था।
एक युग = 12000 वर्ष
एक सहस्त्र = 1000
एक योजन = 8 मील
युग x सहस्त्र x योजन = पर भानु
12000 x 1000 x 8 मील = 96000000 मील
एक मील = 1.6 किमी
14.96 करोड़ किलोमीटर।

श्री हनुमान जी की हवा में उड़ने की स्पीड कितनी थी - Hanuman ji ki flying speed

यह बताने की जरूरत नहीं कि यदि किसी भी चीज को पृथ्वी से किसी दूसरे ग्रह (चंद्रमा को छोड़कर) तक जाना है तो उसे पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से मुक्त होना होगा। पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण (gravitational force) से मुक्त होने के लिए पलायन वेग (escape velocity) होना जरूरी है। यदि स्पीड नहीं हुई तो वह चीज पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में बनी रहेगी और गोल गोल पृथ्वी के चक्कर लगाती रहेगी। अंतरिक्ष विज्ञान के अनुसार पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बाहर निकलने के लिए किसी भी चीज को कम से कम 11 किलोमीटर मीटर प्रति सेकेंड की स्पीड से उड़ना होगा। क्योंकि उपरोक्त दोहे में बताया गया है कि हनुमान जी ने पृथ्वी से सूर्य तक की यात्रा की है अतः उनके उड़ने या छलांग लगाने की हाई स्पीड 11 किलोमीटर प्रति सेकंड से ज्यादा होगी। 

Flying Speed of Hanuman Ji 

तभी तो वह विशाल समुद्र पार करके लंका तक पहुंच पाए थे और उनकी गति के कारण ही संजीवनी बूटी वाला पर्वत हिमालय से युद्ध भूमि तक लाया जा सका। नहीं तो भगवान श्री लक्ष्मण वीरगति को प्राप्त हो जाते। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article (current affairs in hindi, gk question in hindi, current affairs 2019 in hindi, current affairs 2018 in hindi, today current affairs in hindi, general knowledge in hindi, gk ke question, gktoday in hindi, gk question answer in hindi,)

बिजली कंपनी के संविदा कर्मचारी की एक्सीडेंट में मौत - MP NEWS

Posted: 21 Jan 2021 07:15 AM PST

जबलपुर।
 मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के नटवारा बस स्टैंड के पास गुरुवार सुबह छह बजे हादसे में 28 वर्षीय युवक की मौत हो गई। युवक बिजली कंपनी में ठेके पर कम्प्यूटर ऑपरेटर का काम करता था। वह बालाघाट से आ रहे रिश्तेदार को रिसीव करने जबलपुर बायपास निकला था, तभी यह हादसा हुआ। युवक की दो महीने पहले ही शादी हुई थी। पत्नी भोपाल में जॉब करती है। पांच दिन की छुट्टी लेकर वह आज की रात भोपाल जाने वाला था। शहपुरा पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामला जांच में लिया है।   

शहपुरा पुलिस के मुताबिक बालाघाट निवासी विजय उर्फ सोनू रुढ़के ठेका कंपनी ईगल की ओर से कम्प्यूटर ऑपरेटर का काम करता था। 28 वर्षीय सोनू का तबादला 20 दिन पूर्व सुरई शहपुरा सब स्टेशन से बेलखेड़ा के मेरेगांव सब स्टेशन पर हुआ था। आज बालाघाट से उसके रिश्तेदार आने वाले थे। सुबह छह बजे वह बाइक से जबलपुर बायपास पर रिश्तेदार को रिसीव करने निकला था। बाइक लेकर वह नटवारा बस स्टैंड के सामने पहुंचा था, तभी एक लोडिंग वाहन ने टक्कर मार दी। हादसे में उसके सिर में गंभीर चोट आई ​​​​​और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। दुर्घटना के समय विजय ने हेलमेट नहीं पहना था। सुबह का वक्त होने की वजह से कोई टक्कर मारने वाले वाहन को नहीं देख पाया। पास में ही उसकी क्षतिग्रस्त बाइक भी पड़ी थी। उसके पास मिले मोबाइल से पहचान हुई और उसके रिश्तेदार सहित परिजनों को सूचना दी गई।

नटवारा के स्थानीय लोगों का दावा है कि हादसे की खबर स्थानीय शहपुरा पुलिस को तुरंत दी गई। थाने से दो किमी की दुर्घटनास्थल की दूरी तय करने में पुलिस को दो घंटे लग गए। तब तक शव उसी हालत में मौके पर पड़ा रहा। घटनास्थल पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई थी। इसी दौरान बालाघाट से आने वाला उसका रिश्तेदार भी इस हादसे की खबर पाकर वहां पहुंच गया। पुलिस ने शहपुरा में पीएम कराने के बाद दोपहर में शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। इसके बाद वे शव लेकर बालाघाट रवाना हो गए।

विजय उर्फ सोनू रुढ़के की दो महीने पहले नवंबर में ही शादी हुई थी। पत्नी आरती रुढ़के भोपाल में प्राइवेट जॉब करती है। बालाघाट से आ रहे रिश्तेदार के साथ विजय को आज ही रात भोपाल निकलना था। इसके लिए विजय ने पांच दिन की छुट्‌टी भी ले रखी थी। पत्नी के पास पति के पहुंचने से पहले उसकी मौत की खबर पहुंच गई।

21 जनवरी को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार

ज्योतिरादित्य सिंधिया: 3 साल इंतजार के बाद सरकारी आवास आवंटित - MP NEWS

Posted: 21 Jan 2021 03:54 AM PST

भोपाल
। मध्य प्रदेश की राजनीति के यूथ ब्रांड ज्योतिरादित्य सिंधिया को 3 साल लंबे इंतजार के बाद सरकारी आवास आवंटित हो गया है। 2018 में शिवराज सिंह चौहान ने और 2019 में कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के आवेदन को डस्टबिन में डाल दिया था। सत्ता परिवर्तन के बाद भी ज्योतिरादित्य सिंधिया को सरकारी आवास के लिए 10 महीने इंतजार करवाया गया।

दिग्विजय सिंह की छत से दिखेगा ज्योतिरादित्य सिंधिया का आंगन 

मध्य प्रदेश की राजनीति में मजेदार एंगल देखिए। ज्योतिरादित्य सिंधिया को श्यामला हिल्स में B5 बंगला आवंटित किया गया है जबकि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह B1 में रहते हैं। दोनों की बीच कितनी कट्टर दुश्मनी है, बताने की जरूरत नहीं। ज्योतिरादित्य सिंधिया की 1-1 गतिविधि पर नजर रखने वाले दिग्विजय सिंह के लिए फायदे की बात यह है कि उनकी छत से ज्योतिरादित्य सिंधिया का आंगन दिखाई देगा। कौन आ रहा है, कौन जा रहा है सब पता चलता रहेगा।

सिंधिया समर्थकों की खुशी: दिग्विजय सिंह से 110 वर्ग मीटर बड़ा है महाराज का बंगला

ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक कुछ ना कुछ पॉजिटिव देख ही लेते हैं। सिंधिया समर्थक इस बात से खुश हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का बंगला दिग्विजय सिंह के बंगले से 110 वर्ग मीटर बड़ा है।
एलाॅट बंगलों का एरिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया B-5- 6180 वर्गमीटर
दिग्विजय सिंह B- 1- 6070 वर्गमीटर
उमा भारती B-6- 4046 वर्गमीटर

ज्योतिरादित्य सिंधिया: सिर्फ चुनाव ही नहीं दिल्ली में अपनी पहचान भी हार गए थे

सिंधिया कई वर्षों से 27 सफदरजंग रोड बंगले में रह रहे थे। वो मध्य प्रदेश के गुना लोकसभा सीट से लगातार सांसद रहते हुए इसी बंगले में 17 साल रहे। यह बंगला पहले ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव सिंधिया को आवंटित हुआ था। उनकी असमय मृत्यु के बाद जब ज्योतिरादित्य चुनाव जीत कर संसद पहुंचे तो सरकार ने उन्हें यह बंगला आवंटित कर दिया था। इस बंगले से ज्योतिरादित्य की काफी यादें जुड़ी हैं, क्योंकि उनका लंबा समय यहां बीता है। राजनीति में कहा जाता था कि यह बंगला सरकार द्वारा स्थाई रूप से सिंधिया परिवार को दे दिया गया है।

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MPPEB: परीक्षा नियंत्रक की मौत , ग्रुप-2 (सब ग्रुप-4) परीक्षा आगे टल सकती है - MP NEWS

Posted: 21 Jan 2021 06:27 AM PST

भोपाल
। वर्तमान में जबकि पूरे देश में कोरोनावायरस संक्रमण के मामले तेजी से कम हो रहे हैं वहीं मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड ऑफिस में 10 कर्मचारी पॉजिटिव पाए गए हैं। परीक्षा नियंत्रक AKS भदौरिया की कोरोनावायरस के संक्रमण के कारण मौत हो गई। उनकी उम्र 64 वर्ष थी। उन्हें चिरायु मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था। चिरायु के डॉक्टर उन्हें बचाने में असफल रहे। 

चिरायु अस्पताल के डॉक्टर कोरोना पीड़ित को बचा नहीं पाए

प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक एकेएस भदौरिया (64) का इलाज 10 जनवरी से चिरायु मेडिकल कॉलेज में चल रहा था। भदौरिया को 70 फीसदी लंग्स इंफेक्शन था। भदौरिया के बेटे प्रखर ने बताया कि पिछले कई दिनों से पापा आईसीयू में थे। लगातार उनकी तबीयत खराब होती जा रही थी। मंगलवार रात को उनकी तबीयत खराब होने की सूचना मिली थी। रात में ही उनका निधन हो गया। बुधवार को उनका अंतिम संस्कार भदभदा विश्राम घाट पर किया गया। 

ग्रुप-2 (सब ग्रुप-4) परीक्षा आगे टल सकती है

पीईबी के अफसरों ने बताया कि भदौरिया के अलावा संयुक्त परीक्षा नियंत्रक समेत करीब 10 कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो गए थे। यह सभी क्वारेंटाइन हैं। परीक्षा संबंधी कार्य गोपनीय होने के कारण यह कार्य अन्य किसी स्थान से नहीं हो सकते। इसलिए 29 जनवरी से होने वाली ग्रुप-2 (सब ग्रुप-4) परीक्षा आगे टल सकती हैं। भोपाल में अब मौत का आंकड़ा 646 से बढ़कर 647 हो गया है। बुधवार को कोरोना के 56 नए मरीज मिले हैं। कोरोना के मरीजों की संख्या 43 हजार 374 से बढ़कर 43 हजार 430 हो गई है।

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कोरोना वैक्सीन बनाने वाले प्लांट में आग, सरकारी खजाने से 300 करोड रुपए खर्च किए थे - NATIONAL NEWS

Posted: 21 Jan 2021 03:10 AM PST

पुणे, महाराष्ट्र।
पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट की लैब के दो फ्लोर पर आग लगी, इस लैब में BCG का टीका बनाया जाता है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के टर्मिनल एक गेट में आग लग गई है। इस प्लांट के निर्माण में सरकार ने जनता से टैक्स के माध्यम से वसूले गए 300 करोड रुपए खर्च किए हैं। इस प्लांट से उम्मीद की गई थी कि भारत के नागरिकों की लॉकडाउन से पहले वाली नॉर्मल लाइफ जल्दी से वापस आ पाएगी।

बता दें कि एसआईआई ही कोरोना वायरस की वैक्सीन कोविशील्ड का निर्माण कर रही है। इसकी भारत सहित कई देशों में आपूर्ति की जा रही है। जानकारी के अनुसार, पुणे के मंजरी में स्थित एसआईआई के नए प्लांट में आग लगी है। 300 करोड़ की लागत से बने इस प्लांट में बड़े पैमाने पर कोरोना की वैक्सीन कोविशील्ड का उत्पादन किए जाने की योजना है। 

पिछले साल ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने इस प्लांट का उद्घाटन किया था। हालांकि इस प्लांट में अभी वैक्सीन का उत्पादन शुरू नहीं हुआ है। वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पुणे म्युनिसिपल कमिश्नर के संपर्क में हैं और ऑन-ग्राउंड अपडेट्स ले रहे हैं। उन्होंने राज्य की मशीनरी को निर्देश दिया है कि वे इस स्थिति को नियंत्रित और सुनिश्चित करें।

हम हर पहलू की जांच करेंगे: अमिताभ गुप्ता, पुणे पुलिस कमिश्नर

हमें 2:45 बजे सीरम इंस्टीट्यूट की एक इमारत में आग लगने की सूचना मिली। पुलिस और फायर ब्रिगेड तुरंत मौके पर पहुंची। सभी लोगों को निकाल लिया गया है। 1 घंटे में आग बुझा दी जाएगी। इस इमारत में वैक्सीन का प्लांट या भंडारण नहीं किया जा रहा था। आग बुझ जाने के बाद पुलिस की जांच शुरू हो जाएगी। हम हर पहलू की जांच करेंगे। इस इमारत में निर्माण कार्य चल रहा था: अमिताभ गुप्ता, पुणे पुलिस कमिश्नर

CII के एक अधिकारी ने यह बताने से इनकार कर दिया कि क्या आग लगने की इस घटना से कोविड-19 वैक्सीन का उत्पादन प्रभावित होगा। IANS Hindi

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300 दिन में 3000 तबादलों की फैक्ट्री किस कुटिया में चल रही है: कांग्रेस - MP NEWS

Posted: 21 Jan 2021 02:38 AM PST

भोपाल
। मध्य प्रदेश में करोना महामारी के बीच जब हजारों लोग अपनी जान के लिए लड़ाई लड़ रहे थे। तब मध्य प्रदेश की सरकार 3000 से ज्यादा तबादलों के माध्यम से तबादला फैक्ट्री चला रही थी।  

प्रदेश कांग्रेस के मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने तबादले के इन चौकाने वाले आंकड़ों को भारतीय जनता पार्टी की सरकार की असली सूरत बताया है। उन्होंने कहा कि अभी 4 दिन पहले ही प्रदेश के मुखिया ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नसीहत दी थी कि  भाजपा का कार्यकर्ता तबादले की दलाली और तबादला मंडली से दूर रहे। मुख्यमंत्री जी की इतनी अच्छी भावना के बावजूद फिर ये तीन हजार तबादले किन दलालों ने करवाये? यह प्रदेश की जनता जानना चाहती है। 

सरकार ने यह भी घोषणा की है कि अप्रैल तक तबादलों पर प्रतिबंध लगा हुआ है तब यह तबादले किस तबादला फैक्ट्री का उत्पादन है यह सरकार को बताना चाहिए। गुप्ता ने कहा कि कमलनाथ सरकार पर घिनौने आरोप लगाने वाले नेता बतायें कि दलाली के अड्डे किस कुटिया में कैद हैं। जब कोरोना में लोग जान बचाने घूम रहे थे तब भी इस प्रदेश में हर दिन 10 तबादले कौन कर रहा था? यह खुलासा होना चाहिए।

गुप्ता ने कहा कि आज मध्यप्रदेश में रोज गैंगरेप हो रहे हैं। शराब के अवैध जखीरे पकड़े जा रहे हैं। कोरोना काल में जिन्होंने गरीब के निवाले छीने ऐसा राशन माफिया पकड़ा जा रहा है। सरकार के भंडारों में जहरीला और जानवरों के खाने योग्य खाद्यान्न पकड़ा जा रहा है, और तो और इस प्रदेश में कोरोना बीमारी का फायदा उठाने वाला दुनिया का निकृष्टतम नकली प्लाज्मा माफिया तक पैदा हो गया जिससे मध्य प्रदेश कलंकित हुआ है। 

यह स्थिति ताबड़तोड़ तबादलों के कारण उत्पन्न हुई प्रशासनिक अराजकता से पैदा हुई है या सरकार की आपसी फूट और गुटबाजी के कारण यह प्रदेश की जनता जानना चाहती है। गुप्ता ने जनसेवा का दावा करने वाले नेता से भी सवाल किया है कि वे बतायें कि उनके गुट के किन-किन लोगों ने इस तबादला तालाब में हाथ धोये हैं।

GWALIOR: पति ने लोहे की रोड मारकर गर्भवती पत्नी की हत्या कर दी - MP NEWS

Posted: 21 Jan 2021 01:11 AM PST

ग्वालियर।
 मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के बरई में स्थित शूकर पालन केंद्र में चौकीदार मिथुन वाल्मीकि ने बुधवार की रात को लोहे की रोड सिर में मारकर गर्भवती पत्नी अनीता वाल्मीकि की हत्या कर दी। झगड़े का कारण पति पत्नी के बीच हुई नोंकझोंक बताया जा रहा है।   
 
पुलिस ने पत्नी की हत्या के आरोप में मिथुन को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस आरोपित से हत्या का वास्तविक कारण उगलवाने का प्रयास कर रही है। गुड़ा-गुढ़ी का नाका पर निवास करने वाला मिथुन वाल्मीकि पिछले कुछ दिनों से श्यामपुर बरई में स्थित शूकर पालन केंद्र में चौकीदारी करता है। मिथुन यहां परिवार सहित रहता है। बुधवार की रात को मिथुन का पत्नी से झगड़ा हो गया। झगड़े में आरोपित ने शूकर पालन केंद्र में पड़े लोहे के पाइप से बेरहमी से अनीता को पीटना शुरू कर दिया। लोहे का पाइप सिर में लग जाने के कारण गर्भवती अनीता की मौके पर ही मौत हो गई। मृतिका का मायका छत्तीसगढ़ में हैं। पुलिस ने अनीता की मौत की सूचना मायके पक्ष को भी दे दी है।

डेड हाउस में पहुंचाया शवः शूकर पालन केंद्र में महिला की हत्या की सूचना मिलते ही मोहना थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने शुरुआती जांच के बाद महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। पुलिस ने गुरुवार की दोपहर को महिला के शव का डाक्टर परीक्षण कराने के बाद स्वजनाें को सौप दिया है। मोहना थाना पुलिस ने मिथुन वाल्मीकि के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने हत्या के आरोप में मिथुन को हिरासत में ले लिया है। पुलिस आरोपित से हत्या के संबंध में पूछताछ कर रही है।

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INDORE: पुलिस अधिकारी का बेटा ब्राउन शुगर सप्लाई में गिरफ्तार - MP NEWS

Posted: 21 Jan 2021 12:38 AM PST

इंदौर।
 मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में ड्रग स्कैंडल की जांच में पुलिसकर्मी के बेटे की संलिप्तता निकली है। वह देह व्यापार,मानव तस्करी और एमडीएमए सप्लाय करने वाले सागर जैन उर्फ सैंडो की कॉलोनी में ही ड्रग का नेटवर्क संचालित कर रहा था।

पुलिस अधिकारी का भाई मानव तस्करी और देह व्यापार के आरोप में गिरफ्तार हुआ था 

परदेशीपुरा थाना पुलिस टीआइ अशोक पाटीदार के मुताबिक गिरफ्तार आरोपित का नाम विमल बैरागी निवासी गुलाबबाग कॉलोनी है। आरोपित को क्राइम ब्रांच ने ब्राउन शुगर के साथ गिरफ्तार किया है। विमल के पिता लक्ष्मीनारायण शाजापुर में हैड कांस्टेबल हैं। परदेशीपुरा थाना पुलिस ने उसको एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया है। उसके मोबाइल के आधार पर पैडलर और सप्लायर की जांच की जा रही है। 

अफसरों को यह भी आशंका है कि विमल पिता की आड़ में शहर में मादक पदार्थों की खरीद-फरोख्त कर रहा था। पुलिस उसके साथी, रिश्तेदार और मोबाइल की जांच कर रही है। गौरतलब है कि इसके पूर्व एसआइटी ने पुलिस वाले के भाई प्रमोद मोटा को मानव तस्करी और देह व्यापार के आरोप में गिरफ्तार किया था।

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BHOPAL: प्यारे मियां की शिकार नाबालिग लड़की की संदिग्ध मौत - MP NEWS

Posted: 21 Jan 2021 06:27 AM PST

भोपाल।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के नेहरू नगर में स्थित बालिका गृह में प्यारे मियां के माध्यम से यौन शोषण का शिकार हुई पांच नाबालिग लड़कियों में से एक की संदिग्ध मौत हो गई है। डॉक्टर का कहना है कि अत्यधिक मात्रा में नींद की गोली के सेवन से मौत हुई है। सवाल यह है कि बालिका गृह में नींद की गोलियां कहां से आई। लड़की ने आत्महत्या की है या फिर उसकी साजिश के तहत हत्या की गई है।

गौरतलब है कि 12 जुलाई 2020 को चाइल्ड लाइन की सदस्य अमिता मिश्रा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। उसमें उन्‍हाेंने बताया था कि शाहपुरा इलाके के एक फ्लैट में बर्थ-डे पार्टी के दौरान राजधानी के रसूखदार प्यारे मियां ने चार नाबालिग बालिकाओं का यौन शोषण किया। काउंसिलिंग में पता चला कि प्यारे मियां पूर्व में कई बार बालिकाओं के साथ दुष्कर्म कर चुका है। इन्वेस्टिगेशन के दौरान पुलिस ने बताया कि प्यारे मियां भोपाल एवं इंदौर में हाई प्रोफाइल प्राइवेट पार्टियों में कम उम्र की लड़कियां सप्लाई करता था। इन पार्टियों में लड़कियों को शराब पिलाकर अश्लील डांस करवाया जाता था एवं बलात्कार किया जाता था।

शिकायत के बाद पुल‍िस ने प्यारे मियां को नाबालिगों के यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस मामले में प्यारे मियां जेल में है, जबकि पांच पीड़ित किशोरियों को नेहरू नगर स्थित बालिका गृह में रखा गया था। बीते सोमवार शाम को उनमें से दो बालिकाओं की तबीयत खराब होने की सूचना बालिका गृह की अधीक्षिका ने बाल कल्याण समिति को दी थी। उनमें से एक बालिका की हालत गंभीर होने से उसे हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया।

बालिका गृह में पीड़ित लड़की की संदिग्ध मौत से उपजे सवाल

बुधवार रात करीब 11 बजे एएसपी रजत सकलेचा ने बालिका की मौत की पुष्टि कर दी। पीड़ित लड़की की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

बालिका गृह में इतनी अधिक मात्रा में नींद की गोलियां कहां से आई।
लड़की ने आत्महत्या किया या फिर साजिश के तहत उसकी हत्या की गई है।
कहीं इस मौत के पीछे कोई दूसरी कहानी तो नहीं।
क्या बालिका गृह में कुछ ऐसा हो रहा है जो अप्रत्याशित है।
क्या बलात्कार की शिकार लड़की या फिर से किसी शोषण का शिकार हो रही है।

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JABALPUR: सरपंच के बेटे की गोली मारकर हत्या - MP NEWS

Posted: 20 Jan 2021 09:41 PM PST

जबलपुर।
 मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में बाइक से कट लगने के विवाद में शहपुरा में बुधवार देर रात एक आपराधिक प्रवृत्ति के युवक ने पूर्व सरपंच के बेटे को गोली मार दी। गोली उसके पेट में लगी है। युवक को गंभीर हालत में निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शहपुरा पुलिस ने हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर जांच में लिया है। 

पुलिस के अनुसार शहपुरा कस्बे में वार्ड नंबर 14 निवासी प्रदीप सिंह के चचेरे भाई अनंत सिंह दोपहर में बाइक लेकर निकला था। भैरव मंदिर के पास रहने वाले अभिषेक सिंह से उसके वाहन से कट लग गया था। इसे लेकर उनके बीच कहासुनी हुई थी। रात में अनंत ने इसकी जानकारी चचेरे भाई प्रदीप सिंह को दी। प्रदीप के पिता रमेश सिंह पूर्व सरपंच रह चुके हैं। जबकि वर्तमान में अनंत की मां सुधा सिंह सरपंच हैं।

बताते है कि प्रदीप सिंह चचेरे भाई अनंत और परिवार के अन्य लोगों के साथ अभिषेक सिंह के घर दोपहर में हुए विवाद में समझौता करने के लिए गया था। वहां बातचीत के दौरान उनकी बहस हो गई। प्रदीप सिंह के मुताबिक अभिषेक सिंह अचानक बातचीत से उठा और घर के अंदर चला गया। इसके बाद उसने छत पर चढ़कर पिस्टल से गोली चला दी। गोली प्रदीप के पेट में लगी है। परिजन उसे शहर के निजी अस्पताल में ले आए। जहां देर रात तक ऑपरेशन किया गया।

वारदात के समय एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा जिले के सभी टीआई की बैठक ले रहे थे। तभी इस घटना की जानकारी पहुंची। बैठक छाेड़कर टीआई सीएम शुक्ला शहपुरा के लिए रवाना हुए। वहां तनाव बना हुआ है। पुलिस ने मामले में अभिषेक सिंह सहित चार लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। तनाव को देखते हुए आसपास के अन्य थानों का बल भी बुला लिया गया है। पुलिस देर रात तक आरोपी की धर पकड़ में जुटी थी।

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BHOPAL के करोड़पति कारोबारी आदित्य त्रिपाठी और हैदराबाद की श्रीनिवास राजू मंटेना गिरफ्तार: MP ई-टेंडर घोटाला

Posted: 20 Jan 2021 09:50 PM PST

भोपाल।
मध्य प्रदेश के सबसे बड़े 3000 करोड रुपए के ई टेंडर घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने AMI INFRA BHOPAL के आदित्य त्रिपाठी और Mantena Group हैदराबाद के श्रीनिवास राजू को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों लोगों पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। कोर्ट ने दोनों को 3 फरवरी तक के लिए जेल भेज दिया है।

ईडी के मुताबिक, इस मामले में हैदराबाद की कई इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों समेत अन्य ने कथित तौर पर कुछ वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और मध्य प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड की आइटी सेवा सेवा प्रदाता से मिलीभगत कर ई-टेंडर में हेराफेरी कर अवैध तरीके से भारी-भरकम कांट्रैक्ट हासिल कर लिए।

अप्रैल 2019 में राज्य पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने द्वारा दर्ज एफआइआर में इस कथित घोटाले में मैक्स मंटेना, माइक्रो जेवी हैदराबाद, जीवीपीआर इंजीनियर्स लिमिटेड हैदराबाद आदि को मुख्य लाभार्थी बताया गया है। इसी मामले में मनी लांड्रिंग केस दर्ज किया गया है।

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BHOPAL में लव जिहाद का पहला केस इंजीनियरिंग की छात्रा ने दर्ज कराया - MP NEWS

Posted: 20 Jan 2021 09:21 PM PST

भोपाल।
 मध्य प्रदेश के राजधानी भोपाल में 'लव जिहाद के खिलाफ 'धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020' के तहत अशोका गार्डन थाने में पहला मामला दर्ज किया गया है। आरोपी ने धर्म छुपाकर एक लड़की से प्रेम प्रसंग किया। उसके बाद उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने लगा।   

पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। यह प्रदेश का दूसरा और भोपाल का पहला मामला है। हिंदू संगठन के कार्यकर्ता इसे लेकर अशोका गार्डन थाने पहुंच गए और युवक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। लव जिहाद के मामले में राजधानी के अशोका गार्डन थाने में पहला केस दर्ज किया गया। ASP राजेश सिंह भदौरिया ने बताया, आरोपी असद ने आशु बनकर छात्रा से दोस्ती की। आरोपी ने अपना धर्म छुपाकर उसके साथ कई बार दुष्कर्म भी किया। दोनों की दोस्ती वर्ष 2019 से थी। दोनों जब रायसेन गए, तब युवक के धर्म के बारे में लड़की को पता चला।

इसके बाद आरोपी ने उसे धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाया। इतना ही नहीं, उसके साथ मारपीट भी की। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020' के तहत मामला दर्ज किया गया। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी ऐशबाग भोपाल का रहने वाला है। उस पर 3/5 धर्म स्वतंत्र कानून की धारा और 376 के तहत मामला किया हुआ है।

इंजीनियरिंग द्वितीय वर्ष की छात्रा है पीड़िता 

पीड़िता मूलत: बालाघाट की रहने वाली 23 वर्षीय युवती इंजीनियरिंग द्वितीय वर्ष की छात्रा है। वह अशोका गार्डन इलाके में किराये से कमरा लेकर रहती है। 2019 में वह जिस बस स्टॉप से बस पकड़ती थी, वहां एक 30 वर्षीय आशु नाम का युवक उसका पीछा कर बात करने की कोशिश करता था। वह अपने आप को मैकेनिकल इंजीनियर बताता था। नवंबर 2019 में धीरे- धीरे दोनों की दोस्ती हो गई। 12 दिसंबर 2019 को आरोपित युवक छात्रा के घर पहुंचा और खुद को हिंदू बताकर उससे शादी करने की इच्छा जाहिर की और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। इसके बाद साल 2020 में मई महीने में आशू एक फंक्शन में गया था, उसी दौरान वह मस्जिद गया और इबादत करने लगा। 

मस्जिद में नमाज पढ़ने लगा। पीड़िता ने जब उससे पूछा तो उसने बताया कि वह मुस्लिम है और उसका असली नाम असद है। वह मैकेनिकल इंजीनियर नहीं, बल्कि एक साधारण मैकेनिक है। यह बात सुनकर पीड़िता ने आरोपित से कहा कि तुमने झूठ बोलकर धोखा दिया। इसके बाद युवती ने उससे दूरी बना ली। इसके बाद अक्टूबर 2020 में आरोपित ने छात्रा के साथ सड़क पर ही गाली-गलौज और मारपीट भी की। बीती 11 जनवरी को भी उसने युवती को रोका और धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया।

मंगलवार को उसने युवती की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी भी की। परेशान होकर युवती ने इसकी शिकायत भाजपा भोपाल जिला कार्यसमिति सदस्य संजय मिश्रा से की और उनके साथ अशोका गार्डन थाने पहुंची। पुलिस ने असद खान के खिलाफ ज्यादती, छेड़छाड़, मारपीट, गाली गलौच, धमकाने और मप्र धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 के तहत केस दर्ज कर हिरासत में ले लिया है।

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दिग्विजय सिंह: राम भक्ति या राजनीति, सभी सवालों के जवाब यहां पढ़िए - Digvijay Singh politics

Posted: 20 Jan 2021 08:55 PM PST

भोपाल
। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अयोध्या में प्रस्तावित भव्य श्री राम मंदिर निर्माण के लिए अपनी ओर से 111111 रुपए का दान भेजा है। इस दान पर कई सवाल उठ रहे हैं। सवाल उठाने वालों में केवल भाजपाई ही नहीं बल्कि कांग्रेस कार्यकर्ता भी शामिल है। हालांकि, दिग्विजय सिंह को जानने वाले बहुत अच्छी तरीके से समझ रहे हैं कि उन्होंने क्या किया है। 

दिग्विजय सिंह के दान पर भाजपा के सवाल 

भारतीय जनता पार्टी और उसकी विचारधारा से जुड़े हुए लोग दिग्विजय सिंह द्वारा श्री राम मंदिर निर्माण के लिए दिए गए दान पर सवाल उठा रहे हैं। वह पूछ रहे हैं कि दिग्विजय सिंह को यदि मंदिर निर्माण के लिए दान देना था तो सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित किए गए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को देना चाहिए था, भारत के प्रधानमंत्री को चेक भेजने का क्या मतलब है। याद दिलाया जा रहा है कि यह वही दिग्विजय सिंह है जिन्होंने हिंदू आतंकवाद को प्रमाणित करने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी। सवाल यह भी है कि जो कांग्रेस पार्टी भगवान श्री राम के अस्तित्व को स्वीकार नहीं करती उसके नेता दान क्यों दे रहे हैं। कुछ इसी प्रकार के 20 सवाल और भी हैं। 

दिग्विजय सिंह के दान पर कांग्रेस के सवाल 

कांग्रेस पार्टी की विचारधारा में विश्वास करने वाले लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि दिग्विजय सिंह ने ऐसा क्यों किया। यदि उन्हें दान देना ही था तो हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं की तरह गुप्त दान कर देते। इस प्रकार सार्वजनिक रूप से मंदिर निर्माण के लिए दान देकर वह क्या साबित करना चाहते हैं। जबकि अयोध्या में प्रस्तावित श्री राम मंदिर हिंदुत्व का प्रतीक है और दिग्विजय सिंह हिंदुत्व के विरोधी। 

दिग्विजय सिंह को नजदीक से जानने वालों के जवाब 

दिग्विजय सिंह ने जो भी किया बहुत सोच समझकर किया है। 
भगवान श्री राम मंदिर के निर्माण में योगदान के साथ उन्होंने विश्व हिंदू परिषद के कथित चंदा घोटाले को एक बार फिर सुर्खियों में लाने की कोशिश की है। 
भारत के प्रधानमंत्री को चेक भेजने का उद्देश्य यही था कि वह विश्व हिंदू परिषद के कथित चंदा घोटाले की जांच कराएं। 
मंदिर निर्माण में योगदान देकर उन्होंने साबित किया कि वह एक धार्मिक व्यक्ति है। क्षत्रिय होने के नाते भगवान श्रीराम में आस्था रखते हैं। फिर चाहे मंदिर का निर्माण कितना भी विवादित क्यों ना हो। 
दिग्विजय सिंह ने एक चेक के माध्यम से सनातन धर्म और हिंदुत्व के बीच लाइन खींचने की कोशिश की है। 
दिग्विजय सिंह हमेशा कहते हैं कि सनातन धर्म एक महत्वपूर्ण विषय है परंतु हिंदुत्व की राजनीति हमेशा निंदा का विषय होती है। 
लेकिन अफसोस, दिग्विजय सिंह अपना चेक बना नहीं पाए। वह जो चाहते थे उन मुद्दों पर कहीं कोई चर्चा नहीं हो रही।

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BHOPAL: आस्था हाइट्स में बुआ की प्रताड़ना से दुखी भतीजे ने सुसाइड किया - MP NEWS

Posted: 20 Jan 2021 09:22 PM PST

भोपाल।
 मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के ईंटखेड़ी इलाके में 10 महीने पहले एक युवक द्वारा बिल्डिंग से छलांग लगाकर की गई खुदकुशी के मामले में पुलिस ने उसकी बुआ के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज किया है। 

बुआ अपने भतीजे पर दबाव बना रही थी कि वह माता-पिता को छोड़कर अलग रहने लगे। बुआ की प्रताड़ना का मैसेज युवक ने दोस्तों को वायरल किया था। फिलहाल इस मामले में अभी आरोपी बुआ की गिरफ्तारी नहीं हुई है।ईंटखेड़ी थाना प्रभारी करण सिंह के मुताबिक अशोका गार्डन निवासी 28 वर्षीय जय उर्फ गोलू ने 10 महीने पहले आस्था हाइट्स से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली थी। आस्था हाइट्स में जय की सगी बुआ 60 वर्षीय उमा मैथिल रहती हैं। 

जांच में सामने आया था कि घटना वाली रात करीब 11 बजे जय अपनी बुआ के घर पहुंचा था। यहां उसका बुआ से विवाद हुआ था। उसने अपने दोस्तों को एक मैसेज वायरल किया था कि मैं मां-बाप को भगवान की तरह मानता हूं।बुआ मुझे मां-बाप से अलग करना चाहती है। वह सबको बहुत परेशान करती है। जय के माता-पिता और भाइयों ने भी अपने बयानों में उमा द्वारा परेशान करने की बात बताई थी। पुलिस ने जांच के बाद बुधवार को उमा मैथिल के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज किया है।

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BF को फंसाने के लिए BCom की छात्रा ने गैंगरेप और किडनैपिंग की फर्जी FIR दर्ज कराई - INDORE CRIME NEWS

Posted: 21 Jan 2021 06:28 AM PST

इंदौर
। कोचिंग क्लास से लौट रही 19 वर्षीय छात्रा का बीच रास्ते में अपहरण, गैंगरेप और जिंदा जलाने की कोशिश वाला मामला फर्जी निकला। छात्रों ने पूरी कहानी अपने बॉयफ्रेंड को फंसाने के लिए रची थी। 19 साल की शादीशुदा लड़की इससे पहले भी 4 मामले दर्ज करवा चुकी है। लड़की का कहना है कि वह सुसाइड करने जा रही थी लेकिन रेलवे ट्रैक के पास पहुंचकर उसका मन बदल गया और उसने लड़कों को फंसाने की प्लानिंग की।

आइजी हरिनारायणाचारी मिश्र के मुताबिक मामले में अब रिपोर्ट खारिज की जाएगी और कोर्ट में छात्रा के विरुद्ध इस्तगाशा पेश होगा। परदेशीपुरा निवासी 19 वर्षीय छात्रा ने मंगलवार सर्वहारा नगर निवासी अक्षय सहित पांच युवकों पर गंभीर आरोप लगाए थे। उसने बताया था कि उसे कोचिंग से लौटते समय सरेआम किडनैप किया गया। 5 लड़कों ने रेलवे ट्रैक के पास उसके साथ गैंगरेप किया और फिर एक बोरे में भरकर जिंदा जलाने की कोशिश की।

सिर्फ बलात्कार की झूठी कहानी नहीं बल्कि झूठे सबूत भी बनाए

बाणगंगा और परदेशीपुरा थाना के पुलिस अफसरों ने रातभर जांच कर पता किया तो इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि छात्रा झूठ बोल रही है। बुधवार शाम छात्रा, उसके पति, भाई और मां से अलग-अलग बयान लिए तो वह टूट गई और कहा मुझसे गलती हो गई। मैं अवसाद में थी और आत्महत्या करने की ठानकर घर से निकली थी। रेलवे ट्रैक पर पहुंचने पर इरादा बदल गया और केरोसिन खरीदकर शरीर पर उड़ेल लिया। बैग में रखें कटर से शरीर पर घाव बनाए और अक्षय और उसके साथियों पर आरोप लगा दिया।

कैसे पता चला किडनैपिंग और रेप की घटना झूठी है

एएसपी शशिकांत कनकने, सीएसपी निहित उपाध्याय फोरेंसिक अफसरों को लेकर घटना स्थल पर पहुंचे। वहां उस व्यक्ति से पूछताछ की जिसके फोन से कॉल किया था। उसने कहा कि मैंने लड़की को सामान्य अवस्था में आते देखा था। इसके बाद पाटनीपुरा से लेकर रेलवे ट्रैक तक के 50 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों के फुटेज निकाले। उसमें छात्रा खुद ही जाते दिखाई दी। देर रात अक्षय भी घर मिल गया। उसने बताया वह डमरु उस्ताद का अखाड़ा, रणजीत हनुमान मंदिर और दोस्त के घर पर ही था। पुलिस को उसके सब जगहों पर फुटेज मिल गए। इससे छात्रा पर ज्यादा शक गहराया गया।

मां और पति से मशवरा करके मामला दर्ज कराया था

एसआइ श्रृद्धा पवार और एसआइ रेखा चौधरी ने एमवाय अस्पताल में बयान लिए तो अलग-अलग बातें बताई। पहले कहा दुष्कर्म हुआ है। बाद में कहा उसे स्पष्ट नहीं कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ है या नहीं। रिपोर्ट लिखवाने में भी छात्रा ने मां और पति ने मशविरा किया। आखिर में वह समझ गई कि पुलिस ने सच जान लिया है। बुधवार शाम उसने कहा मेरे साथ घटना नहीं घटी है। वह तो आत्महत्या करने जा रही थी। अचानक इरादा बदल गया और झूठी कहानी बना ली। 

अमित नाम के लड़के पर 3 केस दर्ज करा चुकी है

एएसपी के मुताबिक छात्रा पूर्व में भी अमित नामक युवक पर तीन केस दर्ज करवा चुकी है। अक्षय से भी उसका परिचय था। लॉकडाउन के दौरान दोनों की मुलाकात हुई थी। उसे शक था कि उसका अश्लील वीडियो है। इसी अवसाद में उसने पूरा षड़यंत्र रच लिया।

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Posted: 20 Jan 2021 08:36 PM PST

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MP में शासकीय कर्मचारी का परिवार राजनीति कर सकता है या नहीं, MADHYA PRADESH CIVIL SERVICES (Conduct) RULES

Posted: 20 Jan 2021 09:04 PM PST

यह सभी जानते हैं कि शासकीय कर्मचारी किसी भी राजनीतिक दल की सदस्य नहीं हो सकते और ना ही सरकार के खिलाफ किसी भी प्रकार के आंदोलन में भाग ले सकते हैं, लेकिन यहां हम आपको बताएंगे कि शासकीय कर्मचारी के परिवार का कोई भी सदस्य राजनीति कर सकता है या नहीं एवं सरकार के खिलाफ किसी आंदोलन में भाग ले सकता है अथवा नहीं।

मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 की धारा 5 की परिभाषा:-

1. कोई भी शासकीय सेवक किसी भी राजनीतिक पार्टी या किसी ऐसे संगठन जो राजनीति में भाग लेता हो, उसका सदस्य नहीं बनेगा और न ही ऐसे संगठन से कोई संबंध रखेगा। 

2.कोई भी लोकसेवक अपने परिवार के किसी भी सदस्य को किसी ऐसे आंदोलन या कार्यकलाप में जो शासन के विरोध में या विध्वंसकारी हो ऐसे कार्यक्रमों में चंदा देने या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भाग लेने नहीं देगा। अगर वह लोकसेवक ऐसा करने में असमर्थ होता है तो शासन को रिपोर्ट करेगा। 

3. कोई भी शासकीय सेवक न तो किसी विधानमंडल के चुनाव में या निकाय चुनाव में किसी विशेष पार्टी के लिए वोट की याचना नहीं करेगा न कोई हस्तक्षेप करेगा और न अपने पद के प्रभाव का उपयोग करेगा। लेकिन वह निर्वाचन में मत दे सकता है अपनी इच्छा अनुसार स्वयं। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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