प्राइमरी का मास्टर ● इन |
- शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण हेतु राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ 21 जनवरी को जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजेगा 10 सूत्री ज्ञापन
- माध्यमिक शिक्षा परिषद अंतर्गत संचालित सरकारी स्कूल कॉलेजों में व्यवस्थाओं को सुधारने पहल होगी शुरू
- बेसिक शिक्षकों की सर्विस बुक की जवाबदेही बीईओ के जिम्मे देने से उपजी नाराजगी।
- पीलीभीत : आपरेशन कायाकल्प अन्तर्गत परिषदीय विद्यालयों को अवस्थापना सुविधाओं से संतृप्त किये जाने के उपरान्त उनके रख-रखाव / सुरक्षा की सम्पूर्ण जिम्मेदारी संबंधित प्रधानाध्यापक/इंचार्ज और बीईओ के ऊपर
- पुरानी पेंशन, वित्तविहीन शिक्षकों को वेतन व अन्य मांगों के लिए गरजा माध्यमिक शिक्षक संघ
- NIOS से प्रशिक्षित डीएलएड अभ्यर्थियों ने की यूपीटीईटी में शामिल करने को लेकर प्रस्ताव में संशोधन की मांग
- श्रद्धांजलि : शिक्षक राजनीति के वटवृक्ष थे ओमप्रकाश शर्मा, लगातार 50 साल तक उठाते रहे सदन में शिक्षकों की आवाज
- फतेहपुर : वित्तीय वर्ष 2020-21 में जिला परियोजना कार्यालय से SMC को विभिन्न गतिविधियों/ योजनाओं/ कार्यक्रमों हेतु अवमुक्त धनराशि का शत-प्रतिशत उपभोग/ व्यय कराए जाने के सम्बंध में
- यूपी के मदरसों में अब प्रबंधक नहीं कर सकेंगे सीधी भर्ती, मानव सम्पदा पोर्टल पर ऑनलाइन होगा शिक्षकों-कर्मचारियों का ब्यौरा
| Posted: 16 Jan 2021 08:43 PM PST लखनऊ। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश (प्राथमिक संवर्ग) के प्रदेशीय नेतृत्व के आवाहन पर प्रत्येक जनपद में दिनाँक 21 जनवरी को मुख्यमंत्री को संबोधित 10 सूत्री ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा जाएगा। यह जानकारी राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रदेशीय मीडिया प्रमुख बृजेश श्रीवास्तव ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी है। उन्होंने बताया कि महासंघ लंबे समय से शिक्षकों की लंबित समस्याओं के निराकरण हेतु मांग कर चुका है व विभाग द्वारा उन मांगों को पूर्ण करने हेतु आश्वासन भी दिए गए, परन्तु समस्याओं के निराकरण में विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते प्रभावी कार्यवाही न होने से कई महत्वपूर्ण समस्याएं लंबित है। जिनका निराकरण शीघ्र कराया जाना अत्यवश्यक है। प्रदेशीय अध्यक्ष अजीत सिंह, प्रदेशीय महामंत्री भगवती सिंह, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मातादीन द्विवेदी, प्रदेश संगठन मंत्री शिवशंकर सिंह ने पत्र जारी कर सभी जिला इकाइयों को निर्देश दिए गए हैं कि दिनाँक 21 जनवरी को विद्यालय समायोपरांत पदाधिकारी व शिक्षक-शिक्षिकाएं जिला मुख्यालय पर एकत्रित होकर कोविड-19 की गाइडलाइंस का पालन करते हुए शान्तिपूर्ण तरीके से जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को 10 सूत्री ज्ञापन भेजा जाएगा। ज्ञापन में अध्यापकों की वार्षिक गोपनीय आख्या के पैरामीटर्स में अधिकांश का शिक्षण व्यवस्था से सम्बन्ध न होने के कारण शिक्षकों के शोषण, दमन व अधिकारियों के भ्रष्टाचार का जरिया है। अतः इस 'काला कानून पत्र' को अविलंब वापस लेने, शिक्षकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा देने, विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के शिक्षकों को पुरानी पेंशन व्यवस्था से आच्छादित करने, पूर्व में सृजित पदों के आधार पर पदोन्नतियां करने, जनपद के अंदर शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू करने, शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को 10 लाख रुपये का सामूहिक बीमा तथा दुर्घटना के कारण असामयिक निधन की स्थिति में 20 लाख रुपये का सामूहिक बीमा कवर प्रदान करने, मृतक आश्रितों को शिक्षक पद की वांछित योग्यता न होने पर लिपिक पद पर नियुक्त करने व विगत वर्षों में नियुक्त मृतक आश्रितों को शिक्षक पद की योग्यता पूर्ण करने पर शिक्षक पद पर समायोजित करने, शिक्षकों को बर्खास्त करने का अधिकार बीएसए से ऊपर के अधिकारी में निहित करने, केंद्रीय कर्मियों की तरह पदोन्नत अध्यापकों को 17140/18150 का लाभ देने, विद्यालयों में सुरक्षा हेतु चौकीदार की नियुक्ति करने की मांग सम्मिलित है। लखनऊ मण्डल अध्यक्ष महेश मिश्रा ने सभी पदाधिकारियों व शिक्षक-शिक्षिकाओं से ज्ञापन कार्यक्रम हेतु 21 जनवरी को जिला मुख्यालय पर एकत्रित होने की अपील की है। |
| माध्यमिक शिक्षा परिषद अंतर्गत संचालित सरकारी स्कूल कॉलेजों में व्यवस्थाओं को सुधारने पहल होगी शुरू Posted: 16 Jan 2021 07:48 PM PST माध्यमिक शिक्षा परिषद अंतर्गत संचालित सरकारी स्कूल कॉलेजों में व्यवस्थाओं को सुधारने पहल होगी शुरू।राजधानी समेत प्रदेश भर में माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित सरकारी स्कूल कॉलेजों में व्यवस्थाओं को सुधारने पहल शुरू होगी। ऐसे में सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को नियमित निरीक्षण प्रक्रिया शुरू होगी। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव माध्यमिक आराधना शुक्ला ने योजना भवन में आयोजित बैठक में सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, मंडलीय उप शिक्षा निदेशक तथा जिला विद्यालय निरीक्षक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। अपर मुख्य सचिव ने विभागीय अधिकारियों से बाउंड्री वाल रहित राजकीय विद्यालयों, 50 वर्ष से पूर्व संचालित राजकीय विद्यालयों एवं उनके भवनों की स्थिति, विगत 3 वर्षों में किए गए नियमित निरीक्षण की संख्या तथा उनके निरीक्षण आख्या के अनुपालन की स्थिति, अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड से चयनित अभ्यर्थियों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों के सत्यापन एवं वेतन भुगतान की अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त की। अपर मुख्य सचिव, माध्यमिक शिक्षा ने बैठक में विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि ऐसे राजकीय विद्यालय जहां पर बाउंड्रीवॉल नहीं हैं का स्थलीय निरीक्षण कर उनकी सूची उपलब्ध कराएं तथा ऐसे विद्यालयों की बाउंड्रीवॉल का सुदृढ़ीकरण कराकर विद्यालय को भव्य बनाया जाय। |
| बेसिक शिक्षकों की सर्विस बुक की जवाबदेही बीईओ के जिम्मे देने से उपजी नाराजगी। Posted: 16 Jan 2021 07:28 PM PST बेसिक शिक्षकों की सर्विस बुक की जवाबदेही बीईओ के जिम्मे देने से उपजी नाराजगी। प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों की सेवा पंजिका की निगरानी खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) को सौंपी गई है। बीईओ को निर्देश दिए गए हैं कि किसी शिक्षक की सेवा पंजिका गायब न हो और उन्हें बिना वजह परेशान न किया जाए। हालांकि बीईओ इस निर्देश से सहमत नहीं है, उनका कहना है कि विभाग ने उनके कार्यालय में इस काम के लिए एक भी पद सृजित नहीं किया है, ऐसे में सेवा पंजिका की सुरक्षा कैसे संभव है। शिक्षा निदेशक की ओर से सहायक शिक्षा निदेशक नंदलाल ने सभी बीएसए को पत्र भेजा है कि यदि भविष्य में किसी शिक्षक की सेवा पंजिका गायब होती है तो बीईओ पर कार्रवाई की जाएगी। वे ही इसके लिए पूरी तरह से जवाबदेह होंगे। इस निर्देश से प्रदेश भर के बीईओ खासे नाराज हैं। खंड शिक्षा अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रमेंद्र कुमार शुक्ल कहते हैं कि आज तक बेसिक शिक्षा विभाग ने बीईओ कार्यालय में एक भी पद सृजित नहीं किया है। |
| Posted: 16 Jan 2021 06:49 PM PST |
| पुरानी पेंशन, वित्तविहीन शिक्षकों को वेतन व अन्य मांगों के लिए गरजा माध्यमिक शिक्षक संघ Posted: 16 Jan 2021 06:15 PM PST पुरानी पेंशन, वित्तविहीन शिक्षकों को वेतन व अन्य मांगों के लिए गरजा माध्यमिक शिक्षक संघ पुरानी पेंशन की बहाली, वित्तविहीन शिक्षकों को समान कार्य समान वेतन, नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा, ऑनलाइन स्थानांतरण की सुनिश्चित व्यवस्था समेत अन्य मांगों के समर्थन में माध्यमिक शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षकों ने शनिवार को उपवास रहकर जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर धरना दिया। शिक्षक विधायक सुरेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि यह संघर्ष का आगाज है। आगे लंबा और कठिन संघर्ष होगा। हम वित्तविहीन शिक्षकों को समान कार्य समान वेतन, पुरानी पेंशन, नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा जैसी अनेक मांगों के पूरा होने तक संघर्ष करते रहेंगे। सदन में कम संख्या में होने के बावजूद शिक्षक विरोधी कार्यों का आखिरी सांस तक विरोध होगा। धरने के बाद मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सह जिला विद्यालय निरीक्षक बीएस यादव को सौंपा गया। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष राम प्रकाश पांडेय ने की व संचालन जिला मंत्री अनुज कुमार पांडेय ने किया। सभा को कुंज बिहारी मिश्रा, श्याम बहादुर सिंह बिसेन, अरविन्द त्रिपाठी, रमेश चंद्र शुक्ला, रामसेवक त्रिपाठी, अनय प्रताप सिंह, अजीत सिंह, डॉक्टर सुयोग पांडेय, रविंद्र त्रिपाठी, अशोक कुमार, जगदीश प्रसाद, दिवाकर मिश्रा, श्वेता दूबे, विनय तिवारी, प्रदीप शुक्ला आदि ने संबोधित किया। एबादुर रहमान, सविता मिश्रा, मो. जैद, संजीव तिवारी, अनुराग अवस्थी, विक्रम यादव, राजू यादव, प्रेमचन्द यादव, सुधीर मिश्र, विकाश शुक्ल आदि मौजूद रहे। |
| Posted: 16 Jan 2021 05:15 PM PST एनआईओएस से प्रशिक्षित डीएलएड अभ्यर्थियों ने की यूपीटीईटी के प्रस्ताव में संशोधन की मांग प्रयागराज : एनआईओएस से डीएलएड करने वाले अप्रशिक्षित शिक्षकों ने प्रदेश सरकार एवं सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी से यूपीटीईटी के प्रस्ताव में संशोधन कर उन्हें शामिल करने की मांग की है। एनआईओएस से डीएलएड करने वाले अभ्यर्थियों का कहना है कि सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से शासन के पास डीएलएड का भेजा प्रस्ताव छह जनवरी 2021 के पहले का है। छह जनवरी को एनसीटीई ने एनआईओएस से डीएलएड करने वालों को शिक्षक भर्ती परीक्षा एवं यूपीटीईटी में शामिल करने का निर्देश दिया है। ऐसे में एनआईओएस से डीएलएड करनेवालों ने पूर्व में भेजे गए प्रस्ताव में संशोधन की मांग की है। प्रदेश सरकार डीएलएड प्रशिक्षितों के हित में करे संशोधन प्रदेश में 1.51 लाख अप्रशिक्षित शिक्षक हुए थे प्रशिक्षित देश में अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए केंद्र सरकार ने एनआईओएस को प्रशिक्षण (डीएलएड) कराने की जिम्मेदारी सौंपी थी। केंद्र सरकार के निर्देश के बाद देश भर में लगभग 14 लाख अप्रशिक्षित शिक्षकों ने एनआईओएस से डीएलएड पूरा कर लिया। प्रदेश में डीएलएड करने वाले 1.51 लाख शिक्षक शामिल हैं। प्रस्ताव में संशोधन नहीं तो यूपीटीईटी, शिक्षक भर्ती से बाहर होंगे एनआईओएस से डीएलएड करने वालों का कहना है कि प्रस्ताव में संशोधन कर उन्हें यूपीटीईटी में शामिल होने का मौका नहीं मिला तो वह आगामी शिक्षक भर्ती से भी बाहर हो जाएंगे। एनआईओएस से प्रशिक्षण लेने वालों का कहना है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो सचिव परीक्षा नियामक पर धरना प्रदर्शन के साथ न्यायालय में याचिका दाखिल करेंगे। इन शिक्षकों का तर्क है कि केंद्र सरकार की एजेंसी से डीएलएड करने के बाद भी उनके साथ अन्याय किया जा रहा है। |
| Posted: 16 Jan 2021 06:26 PM PST शिक्षक संघ की राजनीति में 50 साल तक एकछत्र राज करने वाले शिक्षक पूर्व एमएलसी ओम प्रकाश शर्मा का निधन 50 साल से थे शिक्षक संघ सीट से एमएलसी, नवंबर में मिली थी करारी हार श्रद्धांजलि : शिक्षक राजनीति के वटवृक्ष थे ओमप्रकाश शर्मा, लगातार 50 साल तक उठाते रहे सदन में शिक्षकों की आवाज शिक्षक राजनीति के वटवृक्ष थे ओमप्रकाश,50 साल से थे जीत की गारंटी, संघर्ष था मूलमंत्र Meerut Newsओमप्रकाश शर्मा का शिक्षक राजनीति में करिश्माई दखल था। ओमप्रकाश शर्मा ने शिक्षक राजनीति में एक मुकाम हासिल किया था। उनके विरोधी भी मानते हैं कि उनके राजनीतिक दबदबे तक पहुंचना किसी सियासतदां के लिए मुश्किल हागा। सूबे में सरकारों का आना-जाना लगा रहा। राष्ट्रीय दलों से सत्ता सरककर क्षेत्रीय दलों के पाले में आ गई। मेरठ । शिक्षक राजनीति के स्तंभ रहे ओमप्रकाश शर्मा की सियासी परछाई बेहद लंबी थी। शिक्षक राजनीति में लगातार 50 साल की मैराथन पारी खेलने के बाद पिछले चुनावों में क्रीज से बाहर हुए, लेकिन शिक्षकों के हित में उनकी आवाज आज भी बुलंद थी। राजनीति के पंडित बताते हैं कि उनकी एक आवाज पर सूबे के कोने-कोने से शिक्षक हाथ उठाकर खड़े हो जाते थे। सत्तर और अस्सी के दशक में उन्हें कई दिग्गजों ने मंत्री बनाने का भी आफर दिया, लेकिन वो सिद्धांतों की डगर से नहीं भटके। नहीं हुए थे टस से मस ओमप्रकाश शर्मा के विरोधी भी मानते हैं कि उनके राजनीतिक दबदबे तक पहुंचना किसी सियासतदां के लिए मुश्किल हागा। सूबे में सरकारों का आना-जाना लगा रहा। राष्ट्रीय दलों से सत्ता सरककर क्षेत्रीय दलों के पाले में आ गई। प्रदेश की सियासत में भारी बदलाव नजर आया, लेकिन शर्मा का वजूद दलगत सियासत की मोहताज नहीं रही। बदलते दौर में चौधरी चरण सिंह की सरकार से लेकर कांग्रेस, जनता दल, सपा, बसपा और भाजपा ने सत्ता संभाला, लेकिन उनका राजनीतिक दुर्ग अभेद्य रहा। उनके आठ बार एमएलसी रहने के दौरान 19 मुख्यमंत्रियों ने यूपी की कमान संभाली। कहते हैं कि हेमवती नंदन बहुगुणा और मुलायम सिंह यादव ने उन्हें मंत्री बनाने के अलावा लखनऊ से संसदीय चुनाव लडऩे का प्रस्ताव भी दिया था, लेकिन शर्मा टस से मस नहीं हुए। 87 साल की उम्र में भी जमकर लड़े चुनाव शिक्षक राजनीति में ओम प्रकाश का करिश्माई दखल ऐसा रहा कि सूबे का शिक्षक उनकी एक आवाज पर उठ खड़ा होता था। 87 साल की उम्र में एमएलसी चुनाव लड़े। वक्त काफी आगे निकल चुका था। संगठन में भी भारी मतभेद उभरा, और जिलाध्यक्षों की उनके महामंत्रियों से ठन गई। संगठन में नए लोग भावनात्मक रूप से जुड़ नहीं सके। लंबे समय से उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने सूबे में संगठन को बड़ी ताकत और विस्तार दिया। आखिरकार भाजपा प्रत्याशी श्रीचंद शर्मा से चुनाव हार गए। लेकिन उनका कद ऐसा था कि चुनाव जीतने के बाद श्रीचंद शर्मा ओमप्रकाश से मिलने उनके घर गए। पैर छूकर आशीर्वाद लिया। ओमप्रकाश शर्मा के निधन से शिक्षा जगत की राजनीति में रिक्तता आ गई है। वो कई दशकों तक राजनीति में अपने मूल्यों के साथ आगे बढ़ते रहे। संघर्ष किया, और शिक्षकों का भरोसा जीता। भगवान उन्हें अपने चरणों में स्थान दें। - डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा मेरठ : शिक्षक संघ की राजनीति में 50 साल तक एकछत्र राज करने वाले शिक्षक एमएलसी ओमप्रकाश शर्मा का आज निधन हो गया। वे करीब 84 साल के थे। हालांकि उनका निधन किन कारणों से हुआ इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं हो पाई है लेकिन पूर्व एमएलसी के निधन की खबर मिलते ही उनके समर्थकों का घर पर तांता लगना शुरू हो गया। बताया जाता है कि उन्होंने खुद को कुछ अस्वस्थ महसूस किया और उसके बाद उनके चिकित्सक पुत्र ने उनका उपचार शुरु किया लेकिन इसके कुछ ही देर बाद उनका निधन हो गया। उतर प्रदेश शिक्षक राजनीति का 50 साल से नेतृत्व कर रहे शिक्षक नेता व निवर्तमान एमएलसी ओमप्रकाश शर्मा एक बड़ा नाम थे । 50 साल तक ओमप्रकाश शर्मा के इर्द-गिर्द ही शिक्षकों, कर्मचारियों की राजनीति घूमती रही। ओम प्रकाश शर्मा ने विधान परिषद का पहला चुनाव 1970 में जीता था। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। अंतिम चुनाव उन्होंने 2014 में जीता था। शर्मा की लोकप्रियता 90 के दशक में इतनी थी कि सुबह आठ बजे मतगणना शुरू हुई और साढ़े 10 बजे तक उन्हें प्रथम वरीयता के 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिल जाते थे। गत दिनों मिली हार पर उन्होंने साफ कहा था कि हार से शिक्षकों के आंदोलन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। शिक्षक हित में आंदोलन जारी रहेगा। चुनाव हारने के बाद भी पूर्व एमएलसी ओम प्रकाश शर्मा शिक्षकों के हित के लिए प्रयासरत थे। शनिवार काे भी वे जीआईसी में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गए थे। |
| Posted: 16 Jan 2021 06:42 AM PST |
| Posted: 16 Jan 2021 06:28 AM PST यूपी के मदरसों में अब प्रबंधक नहीं कर सकेंगे सीधी भर्ती, मानव सम्पदा पोर्टल पर ऑनलाइन होगा शिक्षकों-कर्मचारियों का ब्यौरा उत्तर प्रदेश के मान्यता प्राप्त और अनुदानित मदरसों के प्रबंधकों व संचालकों की मनमानी अब नहीं चलने वाली। प्रदेश सरकार इन मदरसों के संचालन के लिए नियमावली तैयार करवा रही है। इसके साथ ही उ.प्र.मदरसा शिक्षा परिषद के अधीन 'मानव सम्पदा' पोर्टल भी विकसित किया जा रहा है। इस पोर्टल पर उक्त मदरसों के शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मियों का पूरा ब्यौरा उपलब्ध रहेगा। प्रदेश में कुल 560 मान्यता प्राप्त व अनुदानित मदरसे हैं और इनमें करीब नौ हजार शिक्षक तथा हजारों की तादाद में शिक्षणेत्तर कर्मचारी हैं। यह जानकारी प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने 'हिन्दुस्तान' से बातचीत में दी। श्री रजा ने बताया कि उक्त सभी मदरसों में कार्यरत कार्मिकों का पूरा ब्यौरा जब मानव सम्पदा पोर्टल पर सार्वजनिक कर दिया जाएगा तो साफ हो जाएगा कि कौन सा शिक्षक किस मदरसे में कार्यरत है और उसकी शैक्षिक योग्यता क्या है। उन्होंने बताया कि अभी ऐसी भी शिकायतें आती हैं कि एक शिक्षक कई मदरसों में पढ़ा कर एक नहीं बल्कि कई मदरसों से वेतन प्राप्त कर रहे हैं। मानव सम्पदा पोर्टल पर सारी जानकारी सार्वजनिक हो जाने के बाद इस फर्जीवाड़े पर भी अंकुश लगेगा। उन्होंने कहा कि अभी तक यह सारी लिखा पढ़ी मैनुअली होने की वजह से ऐसे फर्जीवाड़े पकड़े नहीं जा पा रहे थे। मोहसिन रजा ने बताया कि इस बारे में मुख्यमंत्री ने अपनी सहमति जता दी है। उन्होंने बताया कि मदरसों के आलिम, फाजिल की योग्यता प्राप्त करने वालों को स्नातकोत्तर डिग्री के बराबर मान्यता दिये जाने पर भी विचार किया जा रहा है ताकि विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में उर्दू के प्रवक्ता व प्रोफेसर आदि के पदों पर ऐसे युवाओं को नौकरियां मिल सकें। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि राज्य अलपसंख्यक आयोग और राज्य हज कमेटी में चेयरमैन व कार्यकारिणी सदस्यों के खाली पदों पर जल्द ही मनोनयन कर दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि उ.प्र.सेण्ट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड और उ.प्र.शिया सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड की सारी वक्फ सम्पत्तियों का विशेष आडिट भी करवाया जाएगा। |
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