प्राइमरी का मास्टर ● इन |
- परिषदीय बच्चों को नहीं मिल पाई किताबें, कोरोना से फिर अटकी पढ़ाई
- एडेड डिग्री शिक्षक भर्ती : शिक्षक-छात्र अनुपात तय होने से पदों में कटौती का अंदेशा
- फतेहपुर : तबादले से चूके शिक्षक फिर ले सकेंगे लाभ, 487 में 330 स्थानांतरण का ले चुके हैं लाभ, 157 हैं वंचित
- बीएसए दफ्तरों में वसूली का बड़ा आरोप, शासन से शिकायत
- मांग : टीकाकरण में बेसिक शिक्षकों को मिले प्राथमिकता, ग्रीष्मावकाश में ड्यूटी पर उपार्जित अवकाश भी दें
- फतेहपुर : पत्रावलियों की औचक जांच देंगे शिक्षकों को वेतन, इसी सप्ताह जारी होगा नवनियुक्त शिक्षकों के वेतन का आदेश।
- शिक्षक संघ का दावा, पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान 1600 शिक्षकों की हुई मौत, एक करोड़ मुआवजे के लिए सीएम को लिखा पत्र
- यूपी : स्कूलों में नहीं होगा ग्रीष्मावकाश, जारी रहेंगी ऑनलाइन क्लासेस
- शासन ने 20 मई से दी है अनुमति, निजी स्कूल आज से शुरू कर रहे ऑनलाइन पढ़ाई
परिषदीय बच्चों को नहीं मिल पाई किताबें, कोरोना से फिर अटकी पढ़ाई Posted: 16 May 2021 07:18 PM PDT परिषदीय बच्चों को नहीं मिल पाई किताबें, कोरोना से फिर अटकी पढ़ाईगोरखपुर : कोरोना के कारण जिले के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले साढ़े तीन लाख बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गई है। गत 24 मार्च से स्कूल बंद चल रहे हैं। अभी तक बच्चों को न तो कापी-किताबें मिलीं और न ही स्कूलों में आनलाइन पढ़ाई के लिए ही कोई तैयारी ही शुरू हुई। ऐसे में सरकारी स्कूल के बच्चों का हौसला टूटता नजर आ रहा है। स्कूल बंद होने से इस बार भी इनका भविष्य अधर में लटक गया है। अधिकारियों को भी नहीं मालूम, कब तक आएंगी किताबें हर साल अप्रैल में परिषदीय स्कूलों के नए सत्र की शुरूआत हो जाती थी। पहले दिन से ही सभी बच्चे नई किताब-कापी के साथ स्कूल पहुंचते थे। इस बार भी ऐसा होने जा रहा था कि ऐन वक्त पर कोरोना के कारण सत्र शुरू होने के पहले ही स्कूलों को बंद करने का फरमान जारी हो गया। इस बार बच्चों को कब तक कापी-किताबें मिलेगी विभागीय अधिकारियों को भी इसकी जानकारी अधिकारी है। शिक्षक भी असमंजस में हैं कि यदि आनलाइन पढ़ाई को लेकर वह तैयारी भी कर लें तो बिना किताब के वह बच्चों को कैसे पढ़ाएंगे। पिछली बार नहीं रहा था अच्छा अनुभव पिछली बार भी इन स्कूलों में आनलाइन, वाट्सएप ग्रुप और दूरदर्शन के माध्यम से क्लासेज जरूर चली, लेकिन संसाधन की कमी के कारण आधे से भी कम बच्चे इसका लाभ उठा पाए। आधा-अधूरा ज्ञान लेकर प्रमोट हुए बच्चे जब एक बार स्कूल जाना शुरू किए तो शिक्षकाें को उन्हें समझा पाना आसान नहीं हो रहा था तभी स्कूल एक बार फिर बंद हो गए। किताबों को लेकर अभी कोई सूचना नहीं बीएसए बीएन सिंह ने बताया कि कोरोना के कारण अभी स्कूल बंद चल रहे हैं। किताबों को लेकर अभी तक कोई सूचना नहीं हैं। यदि किताबें आती हैं तो उसे शिक्षकों के जरिए अभिभावकों को बुलाकर किताबें वितरित कराईं जाएंगी। |
एडेड डिग्री शिक्षक भर्ती : शिक्षक-छात्र अनुपात तय होने से पदों में कटौती का अंदेशा Posted: 16 May 2021 07:10 PM PDT एडेड डिग्री शिक्षक भर्ती : शिक्षक-छात्र अनुपात तय होने से पदों में कटौती का अंदेशाप्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त एडेड डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती में नया नियम लागू किया गया है। हर कॉलेज में शिक्षक व छात्र का अनुपात तय किया जाएगा। जहां छात्रों की संख्या कम होंगी उन कॉलेजों में शिक्षकों का पद खत्म करने की तैयारी है। कोरोना संक्रमण काल बीतने के बाद सर्वे का काम तंज किया जाएगा। सर्वे हर जिला में जिलाधिकारी के जरिए कराया जाएगा। उनकी रिपोर्ट के आधार पर नया विज्ञापन निकाला जाएगा। शासन के नए नियम से अभ्यर्थियों में बेचैनी बढ़ गईं है। उन्हें सैकड़ों पद खत्म होने का भय सता रहा है। एडेड डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रंफिसर की भर्ती के लिए अधियाचन उच्च शिक्षा निदेशालय तैयार करता है। जबकि खाली पदों को भरने के लिए उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की ओर से विज्ञापन जारी किया जाता है। उच्च शिक्षा निदेशालय प्रदेशभर के डिग्री कॉलेजों में शिक्षक व छात्र का अनुपात नए सिंरे से तय करवा रहा है। यह कार्य मार्च में पूरा होना था, लेकिन कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण सारी प्रक्रिया रोक दी गई है। स्थिति सामान्य हाने पर सर्व की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। हर जिला के जिलाधिकारी को उनके क्षेत्र में स्थित डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों व छात्र का ब्योरा एकत्र करने का निर्देश दिया गया है। एक शिक्षक पर 80 छात्रों की संख्या तय की गई है, जबकि यूजीसी का मानक एक शिक्षक पर 40 छात्र संख्या है। अभ्यर्थियों का कहना है कि एक शिक्षक पर 80 छात्र संख्या के मानक का पालन भी ईमानदारी से नहीं किया जा रहा है। जिन कॉलेजों में छात्रसंख्या अधिक है उससे संबंधित विषय के शिक्षकों के पद बढ़ाने का प्रविधान नहीं है। जबकि जहां छात्र कम हैं वहां शिक्षकों का पद खत्म कर दिया जाएगा। |
Posted: 16 May 2021 06:48 PM PDT फतेहपुर : तबादले से चूके शिक्षक फिर ले सकेंगे लाभ, 487 में 330 स्थानांतरण का ले चुके हैं लाभ, 157 हैं वंचित अच्छी खबर ✳️ गैर जनपद स्थानांतरण की पहली प्रक्रिया हो चुकी पूरी। फतेहपुर : गैर जिले से आकर नौकरी करने वालों को शासन ने एकबार फिर से राहत दी है। शिक्षिकाओं के लिए एक वर्ष और शिक्षकों के लिए तीन वर्ष की सेवाओं की बाध्यता के साथ फिर से लाभ देने का निर्णय लिया था। पूर्व में तबादला न करा पाने वाले शिक्षक शिक्षिकाओं के चेहरे पर खुशी के भाव उभर आए हैं। गैर जनपद स्थानांतरण प्रक्रिया फरवरी माह में पूरी हो चुकी है। जिलें से इस प्रक्रिया के तहत 487 शिक्षक-शिक्षिकाओं ने आवेदन किया था। इसमें 330 अध्यापक लाभ पाकर गैर जिले जा चुके हैं। 157 शिक्षक शिक्षिकाएं ऐसे हैं जो प्रक्रिया के अंदर रहने के बावजूद लाभ नहीं पा सके हैं। हाल ही में शासन से हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में निर्णय लिया गया है कि ऐसे शिक्षक-शिक्षिकाओं को समय देते हुए प्रक्रिया पूरी कराई जाए। अन्यथा इनके आवेदन निरस्त कर दिए जाएं और जिले में ही सेवाएं रखी जाएं। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि गैर जिला स्थानांतरण में शामिल 157 शिक्षक-शिक्षिकाओं को नोटिस देकर प्रक्रिया पूरी कराते हुए समाप्त कराई जाएगी। |
बीएसए दफ्तरों में वसूली का बड़ा आरोप, शासन से शिकायत Posted: 16 May 2021 06:43 PM PDT बीएसए दफ्तरों में वसूली का बड़ा आरोप, शासन से शिकायतलखनऊ। उप्र. दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने आरोप लगाया है बीएसए कार्यालयों में तैनात लेखाधिकारी और बाबू धन उगाही के लिए नवनियुक्त शिक्षकों का बेतन भुगतान नहीं कर रहे हैं। उन्होंने शासन से पांच दिनों में नवनियुक्त शिक्षकों को वेतन भुगतान कराने की मांग को है। उन्होंने शिक्षकों का आर्थिक और मानसिक शोषण करने वाले लेखाधिकारियों और बाबुओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। |
Posted: 16 May 2021 06:33 PM PDT मांग : टीकाकरण में बेसिक शिक्षकों को मिले प्राथमिकता, ग्रीष्मावकाश में ड्यूटी पर उपार्जित अवकाश भी देंउत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव एवं जिलामंत्री शिव बहादुर सिंह ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर मांग की है कि अगर 20 मई के बाद भी बेसिक शिक्षकों की कोबिड से जुड़े कार्यों में ड्यूटी लगाई जाती है तो उन्हें उपार्जित अवकाश दिया जाए, क्योंकि 20 मई के बाद विद्यालय बंद हो जाते हैं। साथ ही बेसिक शिक्षकों एवं उनके परिवारवालों का टीकाकरण प्राथमिकता के आधार पर हो और इसके लिए अलग सेंटर खोले जाएं। महामारी के दौरान जनपद में 46 बेसिक शिक्षा परिवार के सदस्यों की मौत हुई है, जिनमें 38 शिक्षक, सात शिक्षामिश्र और एक अनुदेशक शामिल हैं। सभी को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए और पीड़ित परिवार के प्रत्येक सदस्थ को नौकरी दी जाए। कोविड के कमांड सेंटर एवं सर्वे में शिक्षकों की ड्यूटी रोस्टर में लगाई जाए और इस कार्य में माध्यमिक शिक्षा, मदरसा, संस्कृत पाठशाला एवं सहायक प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों को भी लगाया जाए। उधर, प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने मुख्यमंत्री को ट्वीट कर कहा है कि एक पखवाडे में कोरोना से मृत बेसिक शिक्षक/कर्मचारियों की संख्या 706 से बढक़रर 1600 तक पहुंच गई। इतनी जनहानि के बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों को बेसिक शिक्षकों के साथ व्यवहार नहीं बदला। |
Posted: 16 May 2021 06:32 PM PDT फतेहपुर : पत्रावलियों की औचक जांच देंगे शिक्षकों को वेतन, इसी सप्ताह जारी होगा नवनियुक्त शिक्षकों के वेतन का आदेश। फतेहपुर : बेसिक शिक्षा विभाग के नव नियुक्त 475 शिक्षकों के इंतजार की घड़ियां खत्म हो चुकी है। छह महीने से आर्थिक तंगी के बीच नौकरी कर रहे इन शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन का काम पूरा हो गया है। वेतन समिति की पत्रावलियों की औचक जांच के बाद वेतन आदेश जारी कर देगी। यह काम इसी सप्ताह पूरा हो जाएगा। सप्ताह के अंत तक इन शिक्षकों को वेतन मिल सकता है। नवंबर 2020 में बेसिक शिक्षा विभाग ने जिले में 475 परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति की थी। छह महीने से अधिक समय से बिना वेतन ड्यूटी कर रहे ये शिक्षक आर्थिक तंगी से परेशान हैं। वेतन के लिए डीएम से लेकर केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति तक से गुहार लगा चुके हैं। केंद्रीय मंत्री के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन कराने के बाद वेतन जारी करने का आश्वासन दिया था। इस काम में बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने नवनियुक्त दो बीईओ को लगाया था। दोनों बीईओ ने पूरे चुनाव के दरम्यान बीएसए कार्यालय में बैठकर अभिलेखों का सत्यापन किया। शनिवार की शाम सत्यापन का काम पूरा हो गया है। बीएसए ने बताया कि नए शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों का आनलाइन सत्यापन का काम पूरा हो गया है। वेतन समिति के सदस्य पत्रावलियों की औचक जांच करने के बाद वेतन जारी करने का आदेश पारित करेगी। कमेटी के प्रस्ताव के बाद इन्हें वेतन आदेश जारी कर दिया जाएगा। सब ठीकठाक रहा, तो यह काम इसी सप्ताह में पूरा हो जाएगा। |
Posted: 16 May 2021 06:38 PM PDT शिक्षक संघ का दावा, पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान 1600 शिक्षकों की हुई मौत, एक करोड़ मुआवजे के लिए सीएम को लिखा पत्र प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोरोना से मृत शिक्षक / कर्मचारियों के आश्रितों को सहायता के सम्बन्ध में सीएम को भेजा ज्ञापन शिक्षकों ने मांग की है कि पंचायत चुनाव की ड्यूटी करने के बाद कोविड 19 के संक्रमण के कारण मरने वाले शिक्षकों को 2005 से पहले लागू पुरानी पेंशन दी जाए। उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ ने दावा किया है कि अब तक 1600 शिक्षकों की मौत हो चुकी है, जिन्होंने पंचायत चुनाव में ड्यूटी की थी। इससे पहले तीन चरणों के चुनाव के बाद संक्रमित होकर मृत हुए 706 शिक्षकों की सूची संघ ने राज्य निर्वाचन आयोग को सौंपी थी, जिसका सत्यापन जिलाधिकारियों के माध्यम से करवाया जा रहा है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. दिनेश चन्द्र शर्मा ने कहा है कि हाईकोर्ट ने भी माना है कि इन शिक्षकों-कर्मचारियों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये का आर्थिक मुआवजा दिया जाए। इनके परिवार में जो आश्रित डीएलएड या बीएड की योग्यता रखता है उसे टीईटी से छूट देते हुए शिक्षक के पद पर तुरंत नियुक्ति दी जाए। वहीं बाकियों को लिपिक के पद पर नियुक्त दी जाए। उन्होंने इन शिक्षकों को कोरोना योद्धा घोषित करने की मांग करते हुए कहा कि इनकी ग्रेच्युटी की धनराशि भी दी जाए। वहीं कोरोना संक्रमित शिक्षकों के इलाज में खर्च हुई धनराशि की प्रतिपूर्ति भी सरकार करे। संघ ने चुनाव में अनुपस्थित शिक्षकों-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई भी खत्म करने का अनुरोध किया है और कहा है कि बेसिक शिक्षकों से आरटीई एक्ट के तहत शिक्षण के अलावा और कोई भी काम नहीं लिया जाए। उधर, प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने मुख्यमंत्री को ट्वीट कर कहा है कि एक पखवाडे में कोरोना से मृत बेसिक शिक्षक/कर्मचारियों की संख्या 706 से बढक़रर 1600 तक पहुंच गई। इतनी जनहानि के बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों को बेसिक शिक्षकों के साथ व्यवहार नहीं बदला। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने दावा किया है कि प्रदेश में पंचायत चुनाव की ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण से मरने वाले शिक्षकों व कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 1600 के पार हो गई है। संघ ने आरोप लगाया है कि सरकार ने शिक्षकों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी है। लेकिन जिलों में अधिकारी शिक्षकों को कोरोना कंट्रोल रूम सहित अन्य कार्यों में ड्यूटी लगाकर शिक्षकों की जान जोखिम में डाल रहे हैं। संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि सरकार लगातार शिक्षकों को प्रताड़ित कर रही है। मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी से गत दिनों हुई बार्ता में आश्वासन मिला था कि चुनाव ड्यूटी से अनुपस्थित शिक्षकों पर कार्रवाई नहीं होगी। इसके बाद भी शिक्षकों के निलंबन और वेतन काटने की कार्रवाई की जा रही है। शर्मा ने सरकार से कोरोना संक्रमण के कारण असमय मौत का शिकार हुए शिक्षकों के आश्रितों को एक करोड़ रुपये का भुगतान और अश्रितों को जल्द देने की मांग की है। |
यूपी : स्कूलों में नहीं होगा ग्रीष्मावकाश, जारी रहेंगी ऑनलाइन क्लासेस Posted: 16 May 2021 05:55 PM PDT यूपी : स्कूलों में नहीं होगा ग्रीष्मावकाश, जारी रहेंगी ऑनलाइन क्लासेस सार उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि 20 मई से प्रस्तावित ग्रीष्मावकाश में ऑनलाइन क्लास संचालित करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में भी 20 मई से ऑनलाइन क्लास संचालित की जाएगी। विस्तार माध्यमिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में ग्रीष्मावकाश नहीं होगा बल्कि 20 मई से स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौरान अप्रैल से 20 मई तक स्कूलों में शैक्षणिक कार्य बंद रहा है, उसे ही ग्रीष्मावकाश मानते हुए 20 मई से स्कूलों में ऑनलाइन क्लास संचालित की जाएगी। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कोई विद्यार्थी, उनके परिवार के सदस्य या शिक्षक कोरोना संक्रमित होते हैं तो उन पर ऑनलाइन क्लास की बाध्यता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि 20 मई से ऑनलाइन क्लास शुरू की जाएगी। यदि कोरोना संक्रमण की स्थिति किसी जिले में नियंत्रित नहीं होती है तो वहां पर सक्षम अधिकारी ऑनलाइन क्लास स्थगित करने का निर्णय ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि नए सत्र में शैक्षिक कार्य बाधित नहीं हो इसलिए 20 मई से प्रस्तावित ग्रीष्मावकाश में ऑनलाइन क्लास संचालित करने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में भी 20 मई से ऑनलाइन क्लास संचालित की जाएगी। कोरोना संक्रमण की स्थानीय स्थिति के मद्देनजर कुलपति इस संबंध में अवकाश बढ़ाने या ऑनलाइन क्लास स्थगित करने का निर्णय ले सकते है। |
शासन ने 20 मई से दी है अनुमति, निजी स्कूल आज से शुरू कर रहे ऑनलाइन पढ़ाई Posted: 16 May 2021 04:03 PM PDT शासन ने 20 मई से दी है अनुमति, निजी स्कूल आज से शुरू कर रहे ऑनलाइन पढ़ाई लखनऊ : शासन ने बेसिक शिक्षा को छोड़कर 20 मई से स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई की अनुमति दी है, लेकिन निजी स्कूल संगठन 17 मई से ही ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करने पर अड़े हैं। यही नहीं वह सभी कक्षाओं की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि सभी कक्षाओं की ऑनलाइन पढ़ाई की अनुमति मिले तभी वे 20 के बाद कक्षाएं शुरू करेंगे। निजी स्कूलों के संगठन अन एडेड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन ने शासन के आदेश का विरोध करते हुए 17 मई से ही सभी कक्षाओं के लिए ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया है। संगठन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि शासन ने साफ तौर पर नहीं लिखा है कि किस कक्षा से पढ़ाई शुरू करनी है। आदेश में बेसिक शिक्षा को छोड़ कर बाकी कक्षाओं की ऑनलाइन पढ़ाई की अनुमति दी है। ऐसे में यह माना जाए कि स्कूल कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई करा सकते हैं। स्कूल खोलना नहीं है और घर से ही शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करने की मांग की जा रही है, ऐसे में शासन द्वारा आठवीं तक के छात्रों को अनुमति न देना समझ से परे है। जब कक्षा 9 से 12 तक के शिक्षक घर बैठे पढ़ा सकते हैं तो कक्षा 8 तक के शिक्षक क्यों नहीं पढ़ा सकते। इसका जवाब शासन के पास नहीं है। उन्होंने बताया कि निजी स्कूल शासन के इस आदेश का विरोध करते हैं और 17 मई से ही सभी कक्षाओं की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करने जा रहे हैं। हालांकि, जिन स्कूलों ने अभी व्यवस्था नहीं की है वे बाद में शुरू कर सकते हैं। अनिल अग्रवाल ने बताया कि शासन पहले ही वर्क फ्रॉम होम का आदेश दे चुका है। ऐसे में यदि शिक्षक पढ़ा नहीं सकता तो वह कौन सा कार्य करे, इसका भी उल्लेख शासनादेश में करना चाहिए था। छात्र और अभिभावक भी लगातार सवाल कर रहे हैं कि पढ़ाई कब शुरू होगी। छात्र हित को देखते हुए सभी कक्षाओं की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करने जा रहे हैं। अभिभावक संघ ने किया निजी स्कूलों के निर्णय का विरोध इधर, अभिभावक संघ ने निजी स्कूलों के निर्णय का विरोध किया है। लखनऊ अभिभावक विचार परिषद के अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने बताया कि शासन ने 20 मई से कक्षा 9 से 12 तक की ऑनलाइन पढ़ाई का आदेश दिया है, लेकिन निजी स्कूल संगठन 17 मई से सभी कक्षाओं की ऑनलाइन पढ़ाई पर अड़ा है। निजी स्कूल संगठन खुद को शासन से ऊपर समझ रहा है। अभिभावक संघ स्कूलों के निर्णय का विरोध करता है। |
You are subscribed to email updates from प्राइमरी का मास्टर ● इन | Primary Ka Master | District News | Basic Shiksha | Shikshamitra. To stop receiving these emails, you may unsubscribe now. | Email delivery powered by Google |
Google, 1600 Amphitheatre Parkway, Mountain View, CA 94043, United States |