दिव्य रश्मि न्यूज़ चैनल |
- कथा है वाल्मीकि की
- अग्नि की उड़ान...
- कहर कोरोना काँवरिया
- कहाँ दाग है
- कारगिल विजय दिवस पर रोट्री अंतर्राष्ट्रीय का संगीत प्रभाग द्वारा शहीदों को संगीतमय श्र्धांजलि दी गई
- राज्यपाल ने कारगिल युद्ध के शहीदों को नमन किया
- तीन अक्षरों से बना हाँ
- सदन की मर्यादा को तार - तार कर रहें सांसद
- प्राचीन कामेश्वर नाथ मंदिर में सावन की पहली सोमवारी पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
- देवबंदी मौलाना अब्दुल लतीफ के द्वारा दिए गए विवादित बयान पर भारतीय जन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने निंदा की और गिरफ्तारी की माँग की |
- प्रेमचंद एवं तुलसी जयंती के अवसर पर "साहित्यकुंज"'द्वारा लघुकथा व कविता प्रतियोगिता का आयोजन
- प्रेम की एक पाती
- सावन के पहले सोमवार पर बैकठपुर मंदिर के बाहर जुटे भक्त,बंद प्रवेश द्वारों पर ही कि भक्तों ने पूजा अर्चना I
- आज 27 जुलाई 2021, मंगलवार का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन ?
| Posted: 26 Jul 2021 11:28 PM PDT कथा है वाल्मीकि की ---:भारतका एक ब्राह्मण. संजय कुमार मिश्र 'अणु' एक दिन महर्षि कर रहे थे अवलोकन अपने वन-कानन।। फुदक रहा था क्रौंच का जोड़ा, कभी दूर कभी संनिकट थोड़ा, देखा एक व्याध तीर को छोडा- लगा करने वह दारुण क्रंदन।। जाग उठी महर्षि की करुणा, उठा हाथ फिर दिए उलाहना, हाय व्याध!कर दिया दुर्घटना- होगा तेरा अब निंदित जीवन।। मुंह फेर जब बढ़ गए आगे, कलपा खुद को मान अभागे, गहा चरण वह भागे-भागे- मुझे ऐसा न कहें भगवन।। आपके मार्ग का मैं नहीं बाधा, है जाति कर्म धर्म ही व्याधा, इसी लिए तो मैं यह लक्ष साधा- मान निज कर्म अकिंचन।। इस घटना को कर-कर याद, उपजा ऋषि को घोर विषाद, कैसा है यह अतिनिंद्य निषाद- छिन लिया मन भावन-पावन।। इसी दुख से प्रकटी थी शारद, मुनि को ये बात बताए नारद, बने ऋषि तब ज्ञान विसारद- रचे राम चरित अति पावन।। अमर कथा है वाल्मीकि की। "मिश्र अणु" की कीर्ति नीकी।। वलिदाद अरवल (बिहार)८०४४०२. दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
| Posted: 26 Jul 2021 10:44 PM PDT कलाम साहब की पुण्यतिथि पर सादर श्रद्धा सुमन2004 में लिखी डॉ कलाम की जीवनी पर आधारित यह रचना, इसके आधार पर ही मेरी पहली पुस्तक का नाम था "मेरी उड़ान" तथा यह रचना उस पुस्तक की प्रथम रचना थी। आज पुनः प्रस्तुत है कलाम साहब को श्रद्धा सुमन के रूप में --- अग्नि की उड़ान...इतिहास के पन्नों मे चंद ही लोग जमीन से उठकर आकाश पर छाये हैं, अन्यथा वही राजा महाराजा रंग रूप बदलकर सत्ता शीर्ष पर आये हैं। आप धरा पुत्र हैं, आम आदमी के सुख -दुःख के प्रतीक हैं। आपने देखा है जीवन को करीब से, शिक्षा का मकसद सिखा है रकीब से, पंडित से सीखी ज्ञान की बातें, मौलवी से पढ़ी कुरआन की आयातें, परिदों से सिखा आज़ादी का मतलब, पक्षी शास्त्री से सिखा धर्मनिरपेक्षता का अर्थ। सच मानों जब से मैं अग्नि मे उड़ा हूँ, मैंने पाया अपने अन्दर एक विस्तृत आकाश, जहाँ छुपा था मेरे बचपन के सपने का राज "हर इंसान मे देश भक्ति का जज्बा होगा सम्पूर्ण विश्व पर मानवता का कब्ज़ा होगा।" दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
| Posted: 26 Jul 2021 09:20 AM PDT कहर कोरोना काँवरियाभुलेटनभगत जरा अजीब किस्म के इन्सान हैं। अजीब इस मायने में कि आज के जमाने जैसे लोगों वाली सोच बिलकुल नहीं रखते। वो क्या कहते हैं न अंग्रेजी वाले—Be Practical,हालाँकि इधर वाले बुज़र्ग भी कुछ-कुछ ऐसा ही सुझाते हैं—अपनी लिट्टी जरा ढक कर सेंको...। किन्तु दोनों सीखों में भारी फ़र्क है। बी प्रैक्टिकल में तो माँ-वाप और जवान वेटे-बहू भी नहीं आते, काका-ताऊ, रिश्ते-नाते, आस-पड़ोस के समाने की गुँजाएश ही कहाँ है ! फिल्म मेरा नाम जोकर में हीरो का दिल डॉक्टरों ने इसीलिए निकाल फेंका था, क्योंकि वो बहुत बड़ा हो गया था—एकदम से बड़ा, पूरी दुनिया समा जाने जैसी औकात वाला दिल। भला आज के जमाने में इतने बड़े दिल की क्या जरुरत है दुनिया वालों को? सांयन्स ने दुनिया को बहुत ही समेट दिया है—पूरी दुनिया छोटे से ऍनरायड में समा चुकी है रॉकेटयुग में। ऐसे में छोटी दुनिया में बड़े दिल का क्या काम ! सब कुछ यूज एंड थ्रो वाला—रिश्ते-नाते भी। भुलेटनभगत इसी कारण अजीबों की गिनती में आते हैं। हालाँकि बहुत पढ़े-लिखे नहीं हैं। बामुश्किल साक्षर कह सकते हैं। फिर भी धर्म, समाज, राजनीति, कायदा-कानून, यहाँ तक कि आधुनिक विज्ञान पर भी पैनी नज़र और जबरदस्त पकड़ रखते हैं। ये उनका दैवी-देन है। अपना कुछ नहीं है। चाहत भी कोई खास नहीं, फिर भी हमेशा बेचैन रहते हैं सर्वेभवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः के लिए। औरों के सुख में ही इन्हें अपना सुख नज़र आता है। औरों की पीड़ा से ही सदा पीड़ित रहते हैं। आज ऐसी ही पीड़ा लिए मेरे यहाँ दाखिल हुए। मैंने अनुभव किया—उनके चेहरे पर थोड़ी चिन्ता थी, थोड़ा आक्रोश भी। बेंत वाले मोढ़े पर धब्ब से बैठते हुए कहने लगे —"कोरोना की तीसरी लहर का अलार्म बजना शुरु हो गया है बच्चे ! बकरीद की मस्ती के लिए थोड़ी राहत है और जहाँ कहीं भी किसी तरह का चुनाव-ऊनाव है,वहाँ भी 'एनशूलेटेड' रहने की पूरी आशा है,किन्तु बाकी जगहों में जमकर कहर ढायेगा —ऐसा ही विशेषज्ञों का मानना है। खासमखास बात ये है कि पिछली यानी दूसरी लहर के दौरान जो लखपति-करोड़पति बनने से चूक गए,उनके लिए बहुत ही सुनहरा मौका आ रहा है। माननीय सुप्रीमकोर्ट ने भी स्वयं संज्ञान ले लिया है, क्योंकि सुप्रीमकोर्ट को पूरा य़कीन है कि कोरोना सिर्फ उन्हीं लोगों को जकड़ेगा, जो श्रावण महीने में भोलेनाथ को जल चढ़ाने जायेंगे काँवर लेकर। यात्रा हरिद्वार की हो या बैजनाथधाम की या किसी अन्य भोलेदरबार की, कोरोना तो कहर ढायेगा ही उन पर। पिछले साल कोरोना के चलते ही गयाधाम में पिण्डदानियों के आगमन की रोक थी। इस बार भी ऐसा ही होना तय है,क्योंकि कोरोना को पिण्डदानियों या तीर्थ-यात्रियों से सख्त नफ़रत है। नियम-मर्यादा की धज्जियाँ उड़ाने वाले नेताओं के समारोहों में तो कोरोना डर के मारे घुसने की हिम्मत ही नहीं करता। या हो सकता है कोरोनासचिवालय में भी वैसे ही अफसरों की बहाली हो गयी हो जैसा हमारे यहाँ कार्यालयों में है। " भगतजी की बातों पर मैं चौंका। आँखिर मामला क्या है भगतजी? क्यों खफ़ा है आप सुप्रीमकोर्ट पर? कोरोना यदि मज़हबी होता तो पूरी दुनिया में लाखों लोग कैसे काल-कवलित होते? कोरोना सरकारी पदाधिकारी की तरह रिश्वतखोर भी नहीं है। रही बात सुप्रीमकोर्ट के स्वयं संज्ञान लेने की, तो ये कौन सी बड़ी बात हो गयी ! क्या आप भूल गए कि दो निशान, दो विधान हैं हमारे यहाँ ? परमात्मा ने दो आँखें दी हैं हमें। ऐसे में ये कौन सी बुद्धिमानी है कि दोनों आँखों से एक ही चीज देखें ! हमारे यहाँ धर्म और जाति देख कर वोट पड़ते हैं, नौकरी मिलती है। सरकारी अनुदान मिलते हैं। सारे नियम-कानून इसी हिसाब से हैंडिल होते हैं। ये सब तो पुरानी बातें हो गयी। कुछ नयी हो तो कहिए। भगतजी ने सिर हिलाया— " ये मीडिया वाले कुछ नयी बात रहने दें तब न। टट्टी-पखाना को भी नेशनलन्यूज बना देते हैं। सकारात्मक बातें खबरों का हिस्सा बने ना बने, नकारात्मक-विध्वंसात्मक बातें हेडलाइन बनते देर नहीं लगती। तुम कहते हो कि मैं सुप्रीमकोर्ट पर खफ़ा हूँ। मेरी क्या औकात कि किसी माननीय संस्था या व्यक्ति पर आँखें तरेरुँ। मैं तो इस दुविधा में हूँ कि देश में एक से एक कांड होते रहते हैं, महानुभाव के आँखों की पट्टी नहीं खुलती। कान पर जूँ नहीं रेंगते। बॉलीउड के डॉनों का मामला हो या उनकी थाली में हो रहे छेद का मामला, ड्रग माफियाओं का मामला हो या कास्टिंग काउच का। सत्य और न्याय की लज़ीज थाली मुँह के पास आते-आते दूर सरक जाती है। वैसे मामलों में बड़े महोदय कभी स्वयं संज्ञान लेने की ज़हतम नहीं उठाते। नीचे वाले दोनों महोदय तो लीपापोती में माहिर हैं ही। रही बात पुलिस-प्रशासन की। वो बेचारी तो कठपुतली है सफेदपोशों के हाथों की। आँखिर उसे भी अपनी वर्दी और बीबी-बच्चों के परवरिश की परवाह है कि नहीं ! अब रही बात सरकारों की, तो वो पहले से ही बहुत सी जिम्मेवारियाँ सम्भाल रखी हैं— ड्रग माफियाओं, भू माफियाओं, बालू माफियाओं, दारु माफियाओं को हर सम्भव सहयोग करने की जिम्मेवारियाँ क्या मामूली काम है ? और बेचारा विपक्ष तो एक ही काम सम्भालने में बेदम है—सरकार गिराने की पुरजोर कोशिश, चाहे वो जिस कीमत पर हो। " इतना कह कर, भगतजी जरा थथमे, फिर कहने लगे—" ये काँवरिया भी कम ड्रामेबाज नहीं हैं। भक्ति का आडम्बरी चोला पहन कर निकल पड़ते हैं पिकनिक मनाने। साल भर दारु पीयेंगे, गांजा सुड़केंगे, मुर्गमुशल्लम पर हाथ फेरेंगे और सावन आते ही गेरुआ पहनकर भक्तों की कतार लगाकर नौटंकी करने चल देंगे। ये कैसी भक्ति है मुझे समझ नहीं आती। शिव-भक्ति के नाम पर गाँजा-भाँग का स्प्रीचुअल परमिट मिल जाता है इन्हें। गले में भक्ति का बिल्ला है, इसलिए सेकुलरिज़्म वाले देश में तांडव मचाने का लाईसेंस मिला हुआ है। यदि सच्ची भक्ति है, तो अपने घरों में एकाग्रचित्त होकर शिव-साधना क्यों नहीं करते? तीर्थस्थलों का व्यापारीकरण हो चुका है। धर्मशालायें होटल-रिसोर्ट में बदल गए हैं। धर्म कहीं दूर कराह रहा है, पूर्वजों की बनायी हुयी शालाएं शेष हैं सिर्फ। " आँखिर उपाय क्या है भगतजी ! आप ही कुछ कहें। कानून पर, कानून बनाने वालों का ही नियन्त्रण नहीं है। सबसे ज्यादा कानून-भंजक तो वे ही हैं। न्यायालय की स्वतन्त्रता दाव पर लगी हुयी है। 'कॉलेज़ियम' के गलियारे में भटकती नियुक्तियाँ न्यायदेवी को रुलाने के लिए काफी हैं। पूँजीवादी विचारधारा में सबकुछ बिकाऊ हो गया है—मीडिया भी, न्याय भी, शायद धर्म भी। जनता निरंकुश होने का रिहर्सल कर रही है, क्योंकि स्वतन्त्रता का यही अर्थ निकाला है उसने। काँवरिया भी वही कर रहे हैं—अपनी स्वतन्त्रता का जश्न मना रहे हैं भक्ति-भाव से गाँजे का दम लगाकर—दम मारो दम,मिट जाए गम...। भगतजी सिर झुकाये, पैर के अँगूठे से कमरे की जमीन कुरेद रहे थे। शायद उनके पास इसका समुचित जवाब नहीं था।दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
| Posted: 26 Jul 2021 09:08 AM PDT |
| कारगिल विजय दिवस पर रोट्री अंतर्राष्ट्रीय का संगीत प्रभाग द्वारा शहीदों को संगीतमय श्र्धांजलि दी गई Posted: 26 Jul 2021 08:49 AM PDT कारगिल विजय दिवस पर रोट्री अंतर्राष्ट्रीय का संगीत प्रभाग द्वारा शहीदों को संगीतमय श्र्धांजलि दी गईरोटरी ३२५० के द्वारा कारगिल विजय दिवस पर रोट्री अंतर्राष्ट्रीय का संगीत प्रभाग द्वारा शहीदों को संगीतमय श्र्धांजलि दी गई।रंजन गंडोत्रा IPDG 3250 बिहार एवं झारखण्ड की यह परिकल्पना थी जिसे आज देश ही नही दुनिया भर के रोटरीयन ने शामिल होकर अपनी श्रधा सुमन अर्पित किए।अगले वर्ष यह कार्यक्रम कारगिल वार मेमोरीयल जाकर आयोजन करने का है।इस कार्यक्रम में बिहार रेजिमेंट वन के ब्रिगेडियर ओम् प्रकाश यादव भी शामिल हुए जो इस वार में शामिल थे कारगिल के द्रास में स्थित 'कारगिल वार मेमोरियल में द्वार पर उकेरी गई ये भावुक पंक्तियाँ :- "जब आप घर जाएं तो लोगों को जरूर बताएं कि आपके कल के लिए हमने अपना आज कुर्बान किया है"किसी भी भारतीय को गौरवान्वित होकर शहीद सैनिकों के प्रति शीश नवाने को बाध्य कर देती हैं। यही वह जगह है, जहां देश कारगिल युद्ध में शहीद हुए अपने उन जवानों को हर साल 26 जुलाई को दिल से याद करता है, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए हंसते हुए अपनी जान कुर्बान कर दी।द्रास में जब से 'कारगिल वॉर मेमोरियल' बना, कारगिल एक तरह से तीर्थस्थल बन गया है। दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
| राज्यपाल ने कारगिल युद्ध के शहीदों को नमन किया Posted: 26 Jul 2021 08:42 AM PDT राज्यपाल ने कारगिल युद्ध के शहीदों को नमन कियाकारगिल विजय दिवस के 22वें वर्षगाँठ के अवसर पर महामहिम राज्यपाल श्री फागू चैहान ने कारगिल युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के शौर्य, पराक्रम और बलिदान को नमन किया तथा उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्यपाल ने कहा कि देश की रक्षा करते हुए कारगिल की लड़ाई में अपने प्राणों की आहूति देने वाले सैनिकों के अदम्य साहस, वीरता और उनके त्याग व बलिदान के लिए राष्ट्र हमेशा उनका कृतज्ञ रहेगा। दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
| Posted: 26 Jul 2021 08:04 AM PDT हाँ-------+++तीन अक्षरों से बना हाँ छोटा नही होता। हाँ यह सच है कि यह बहुत लम्बा नही होता। होती है गहराई ऊँ सी हाँ में। हाँ देता है सकारात्मक भाव हर हाल में देखना कभी सोचना भी नकारात्मक माहौल में भी हाँ बोलकर। हाँ हाँ बहुत सार्थक संजीदा व गहन अर्थ वाला होता है। हाँ छोटा नही होता नभ जैसा विस्तारित क्षितिज के छोर तक फैला होता है। अ कीर्तिवर्धन दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
| सदन की मर्यादा को तार - तार कर रहें सांसद Posted: 26 Jul 2021 07:51 AM PDT सदन की मर्यादा को तार - तार कर रहें सांसदनरोत्तम कुमार सिंह, छात्र पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग,गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय किस प्रकार से सांसद अपने दायित्वों के प्रति गंभीर नहीं है। इस बात का प्रमाण है की बिते दिनों संसद में जो व्यवहार किया गया , तृणमूल कांग्रेस के सांसद शातनू सेन के द्वारा संसद का उच्चसदन ( राज्यसभा ) में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथो से बयान के प्रति को उनके हाथों से छिन कर फाड देना और उसे आसन की ओर फेक देना । सांसद संसद की मर्यादा को तार- तार कर रहें है। खास कर विपक्षी सांसद विरोध के नाम पर हंगामा करने में अधिक दिलचस्पी दिखा रहें है। केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी से तृणमूल कांग्रेस के सांसदो ने झड़प किया । इस प्रकार के घटनाक्रम से यह धारणा ही धवस्त होती जा रही हैं की निचले सदन यानी लोकसभा के उपेक्षा राज्यसभा में चर्चा कहीं अधिक गंभीरता से होतीं है। अफसोस की बात है कि अब दोनो सदनों के कार्यकलापो का अन्तर करना कठिन हो गया है विपक्षी सांसदो का जासूसी मामलों और कृषि बिल के खिलाफ आन्दोलित है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है की सरकार के पक्ष को न सुनें , बिना बहस किये , सरकार के जबाबो को जानने से इनकार करना , इन सब चीजों से संसद की गरिमा को कहीं न कहीं ठेस पहुंचा है। तृणमूल कांग्रेस सांसद शान्तनु सेन ने अपने अमर्यादित व्यवहार में ऐसे शारारत करनें वाले सांसदो का याद दिला दिया । ऐसे कई मामलों संसद में पहले आ चुके है , मार्च 2010 में राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक के खिलाफ विरोध कर रहें सांसदो ने सभापति हामिद अंसारी के साथ छीना - झपटी करतें हुए बिल की प्रतिया फार दिया था । जब कानून मंत्री विरप्पा मोइली ने जैसे हीं महिला आरक्षण बिल को सदन के पटल पर रखा , तो विधेयक का विरोध कर रहें राष्ट्रीय जनता दल ( राजद ) और समाजवादी पार्टी ( सपा ) के सांसदो ने सभापति हामिद अंसारी के आसन तक जा पहुंचे और राजद सांसद सुभाष यादव व राजनित प्रसाद और सपा सांसद कमाल अख्तर ने हामिद अंसारी से छीना - झपटी करतें हुए बिल की प्रतिया छीन ली और उसे फारकर सदन में लहरा दिया । इस दिन को सदन के इतिहास में काला दिन माना गया । इसमें बंगाल के मुख्य मंत्री ममता बनर्जी का भी नाम है। बतौर लोकसभा सांसद उनहोंने अगस्त 2005 मे लोकसभा उपाध्यक्ष चरणजीत सिंह अटवाला जो आशन पर आशीन थे , उन पर कागज फेके थें तब उनकीं नाराजगी का कारण बंगाल में बंग्लादेशी घुसपैठियो का मिल रहा संरक्षण था वे आज घुसपैठिया के सबसे बड़े हितैषी बन गई है। शान्तनु सेन को अपनी हरकत पर ममता और अपने अन्य साथियों से शबासी मिल रहा हैं। इससे तृणमूल कांग्रेस के संस्कृती पर सवाल सवाल उठता है । सदन में सड़क छाप व्यवहार को सहन नहीं करना चाहिए, फिर सड़क और सदन के राजनीति में फर्क क्या रह जाएगा। इसी के मद्देनजर सरकार ने सरकार ने सभापति के समझ कारवाई का प्रस्ताव रखा , और सदन से उसे बहुत मिला । शान्तनु सेन को धारा 257 के तहत अमर्यादित व्यवहार करने के लिए मौजूदा सत्र से निष्कासित किया गया। लेकिन सवाल यह है की विपक्षी पाटीयो शान्तनु सेन के इस अभद्र व्यवहार का आलोचना नहीं कर रहें है । दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
| प्राचीन कामेश्वर नाथ मंदिर में सावन की पहली सोमवारी पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ Posted: 26 Jul 2021 07:39 AM PDT प्राचीन कामेश्वर नाथ मंदिर में सावन की पहली सोमवारी पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़शेखपुरा से हमारे संवाददाता मनीष प्रसाद की खास खबर | शेखपुरा के गिरिहिण्डा पहाड़ स्थित कामेश्वर नाथ मंदिर में सावन की पहली सोमवारी पर जलाभिषेक करने को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। हालांकि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए बिहार सरकार ने मंदिरों में सामूहिक सावन पूजा पर प्रतिबंध लगा रखा है । बाबजूद इसके सुबह होते हीं महिला व पुरूष श्रद्धालुओं ने शिवालय पंहुचकर फल फुल नैवेध शिवलिंग पर चढ़ाकर जलाभिषेक किया। तथा भगवान शिव व पार्वती के समक्ष पूजा अर्चना कर अपने पुरे परिवार की सुख समृद्धि की कामना किया तथा भगवान शिव से अपनी सभी मन्नते पुरी होने का आर्शीवाद मांगा।दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
| Posted: 26 Jul 2021 07:47 AM PDT देवबंदी मौलाना अब्दुल लतीफ के द्वारा दिए गए विवादित बयान पर भारतीय जन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने निंदा की और गिरफ्तारी की माँग की |सहारनपुर के देवबंदी मौलाना अब्दुल लतीफ के द्वारा दिए गए विवादित बयान 'बद्रीनाथ मुसलमानों का है' पर भारी रोष प्रकट करते हुए भारतीय जन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने कहा है कि इस प्रकार के व्यक्ति को तत्काल गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए । कहा कि इस व्यक्ति ने देश की शांति को अस्थिर करने का कार्य किया है । इस प्रकार से वह देश के अंदर रह रहे मुसलमानों को भड़काने का काम कर रहे हैं और देश में अस्थिरता पैदा करना चाहते हैं । कहा कि ऐसे बयान से ऐसा प्रतीत होता है कि इसके संबंध किसी न किसी रूप से आतंकिस्तान के साथ हैं , तभी यह इस प्रकार की उल्टी-सीधी बातें कर रहा है । कहा कि पीओके के लोगों ने आतंकिस्तान के खिलाफ हथियार उठा लिए हैं और अब पीओके आजाद होकर रहेगा । आतंकिस्तान बौखला गया है और बौखलाहट में अब वह भारत के अंदर अशांति फैलाने का काम करने में संलग्न दिखाई देता है और अपने एजेंटों को इसी प्रकार की उल्टी-सीधी बयानबाजी करने के लिए कह रहा है । कहा कि ऐसे सनकी लोगों का इलाज सिर्फ योगी जी के पास है । आज कह रहे हैं बदरुद्दीन शाह का है बद्रीनाथ । कल कहेंगे केजुरूद्दीन शाह का है केदारनाथ । उनको अभी पता नहीं है कि अमित शाह का है हिंदुस्तान । श्री पोद्दार ने कहा कि इस अति गंभीर मामले पर त्वरित कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है, ऐसे लोगों को तत्काल सलाखों के पीछे या पागल खाने भेज देना चाहिए । दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
| प्रेमचंद एवं तुलसी जयंती के अवसर पर "साहित्यकुंज"'द्वारा लघुकथा व कविता प्रतियोगिता का आयोजन Posted: 26 Jul 2021 07:27 AM PDT प्रेमचंद एवं तुलसी जयंती के अवसर पर "साहित्यकुंज"'द्वारा लघुकथा व कविता प्रतियोगिता का आयोजनऔरंगाबाद: साहित्य,कला व संस्कृति की संवाहक संस्था "साहित्यकुंज" एवं श्री साहित्य" के द्वारा आगामी 31 जुलाई को कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती के अवसर पर ऑनलाइन लघुकथा प्रतियोगिता एवं 15 अगस्त को स्वतन्त्रता दिवस एवं तुलसीदास जयंती के अवसर कविता प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी। उपरोक्त जानकारी देते हुये "साहित्यकुंज" एवं "श्रीसाहित्य" के कार्यकारी अध्यक्ष एवं वरीय कवि श्री राम राय ने बताया कि एक अगस्त से देश के नामी गिरामी लघुकथाकारों द्वारा लघुकथा ली जा रहीं हैं जबकि देश के जानेमाने कवियों व कवियित्रीयों द्वारा कविता ली जा रहीं हैं जिन्हें साहित्यकुंज एवं पा लो लाइफ के वेबसाइट पर प्रकाशित किया जा रहा है। श्री राम राय ने बताया जिन कथाकारों एवं कवियों को जितने ज्यादा लाइक,कमेंट व व्यू मिलेंगे उन्हें प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा। "साहित्यकुंज"के प्रधान महासचिव एवं वरीय रचनाकार अरविन्द अकेला ने बताया की मुंशी प्रेमचन्द जयंती में आये कथाकारों एवं कवियों को आगामी 15 अगस्त को सम्मानित किया जाएगा। श्री अकेला ने बताया कि हिन्दी साहित्य एवं हिन्दी साहित्यकारों को बढावा देने के लिये समय समय पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहे हैं। ज्ञात हो कि संस्था द्वारा अबतक सैकड़ों साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं। -----000----- अरविन्द अकेला दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
| Posted: 26 Jul 2021 07:23 AM PDT
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| Posted: 26 Jul 2021 07:15 AM PDT सावन के पहले सोमवार पर बैकठपुर मंदिर के बाहर जुटे भक्त,बंद प्रवेश द्वारों पर ही कि भक्तों ने पूजा अर्चना Iखुसरूपुर से कन्हैया पांडेय की खास रिपोर्ट I खुसरूपुर/संवाददाता I सावन के पहले सोमवार पर बिहार के मिनी देवघर कहे जाने वाले पौराणिक एवं ऐतिहासिक श्रीगौरीशंकर बैकुंठधाम बैकठपुर(खुसरूपुर) में विभिन्न जिलों से आये शिवभक्तों को भगवान शिव को जल चढ़ाने और पूजा अर्चना करने को मंदिर के गर्वगृह में प्रवेश नही मिली।प्रवेश नही मिलने से दुखी भक्तों ने मंदिर के प्रवेश द्वारों पर ही बाबा के नाम पर जलाभिषेक किया एवं ध्यान कर पूजा अर्चना किया। विदित हो कि कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र मंदिर के पट बंद हैं। भक्त बाहर से ही पूजा-अर्चना करके जल-पुष्प चढ़ाकर वापस लौट रहे हैं। जिला प्रशासन ने भीड़ जुटने की आशंका को देखते हुए मंदिर के सभी प्रवेश द्वारों को बंद कराकर पुलिस बल की तैनाती करा दी है।इस बीच मंदिर के पंडा पुजारियों ने प्रशासन के इस रुख का विरोध करते हुए मंदिर खोले जाने की मांग की है।दूसरी ओर मंदिर के कुछ पंडों ने शिकायत की है कि रसूखदारों को मंदिर में प्रवेश कराकर पूजा करवाया जा रहा है।इस बात को लेकर पंडों ने स्थानीय अधिकारियों से भी शिकायत की है। दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
| आज 27 जुलाई 2021, मंगलवार का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन ? Posted: 26 Jul 2021 07:08 AM PDT आज 27 जुलाई 2021, मंगलवार का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन ? क्या है आप की राशी में विशेष ? जाने प्रशिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. प्रेम सागर पाण्डेय से |श्री गणेशाय नम: !! दैनिक पंचांग ☀ 27 जुलाई 2021, मंगलवार ☀ पंचांग 🔅 तिथि चतुर्थी रात्रिशेष 04:07:42 🔅 नक्षत्र शतभिषा दिन 12:45:12 🔅 करण : बव 14:38:05 बालव 26:30:46 🔅 पक्ष कृष्ण 🔅 योग शोभन 21:09:24 🔅 वार मंगलवार ☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ 🔅 सूर्योदय 05:22:42 🔅 चन्द्रोदय 21:51:00 🔅 चन्द्र राशि कुम्भ - 28:33:41 तक 🔅 सूर्यास्त 18:38:37 🔅 चन्द्रास्त 08:41:59 🔅 ऋतु वर्षा ☀ हिन्दू मास एवं वर्ष 🔅 शक सम्वत 1943 प्लव 🔅 कलि सम्वत 5123 🔅 दिन काल 13:36:15 🔅 विक्रम सम्वत 2078 🔅 मास अमांत आषाढ 🔅 मास पूर्णिमांत श्रावण ☀ शुभ और अशुभ समय ☀ शुभ समय 🔅 अभिजित 12:00:12 - 12:54:37 ☀ अशुभ समय 🔅 दुष्टमुहूर्त 08:22:32 - 09:16:57 🔅 कंटक 06:33:42 - 07:28:07 🔅 यमघण्ट 10:11:22 - 11:05:47 🔅 राहु काल 15:51:28 - 17:33:30 🔅 कुलिक 13:49:02 - 14:43:27 🔅 कालवेला या अर्द्धयाम 08:22:32 - 09:16:57 🔅 यमगण्ड 09:03:20 - 10:45:22 🔅 गुलिक काल 12:27:24 - 14:09:26 ☀ दिशा शूल 🔅 दिशा शूल उत्तर ☀ चन्द्रबल और ताराबल ☀ ताराबल 🔅 अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद ☀ चन्द्रबल 🔅 मेष, वृषभ, सिंह, कन्या, धनु, कुम्भ 🌹विशेष ~ भौमव्रत, अंगारकी संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत, चन्द्रोदय रात्रि 09:25:26 से। 🌹 पं.प्रेम सागर पाण्डेय् राशिफल 27 जुलाई 2021, मंगलवार मेष (Aries): किसी भी प्रकार के संकट में न पड़ने की सलाह देते हैं। अधिकारियों के साभ प्रेम से कार्य संपन्न करें। उग्र चर्चा में न उतरें। आज भाग्य साथ नहीं दे रहा है ऐसा अनुभव होगा। कार्य में सफलता शीघ्र नहीं मिलेगी। गृहस्थ जीवन में आनंद बना रहेगा। पदोन्नति होने की भी संभावना है। योजना अनुसार आर्थिक लाभ भी मिलेगा। शुभ रंग = पीला शुभ अंक : 9 वृषभ (Tauras): कार्य सफलता में विलंब और शारीरिक अस्वस्थता के कारण आप हताशा की भावना का अनुभव करेंगे। अत्यधिक काम के बोझ से थकान और मानसिक बेचैनी रहेगी। प्रवास में विघ्न आने की संभावना है। नए कार्य आरंभ न करने की सलाह देते हैं। खानपान में ध्यान रखें। योग और ध्यान से आप मानसिक रुप से स्वस्थ्य रह सकते हैं। शुभ रंग = उजला शुभ अंक : 4 मिथुन (Gemini): शारीरिक व मानसिक ताजगी और प्रफुल्लता का अनुभव होगा। कुटुंबीजनों और मित्रों के साथ प्रवास और पार्टी का आयोजन होगा। मनोरंजन के लिए सभी सामग्री आज आपको उपलब्ध होगी। सुंदर वस्त्र, उत्तम भोजन और वाहन सुख प्राप्त होगा। विपरीत लिंगीय पात्रों की तरफ अधिक आकर्षण होगा। शुभ रंग = फीरोजा़ शुभ अंक : 6 कर्क (Cancer): आज के दिन आपको खुशी और सफलता मिलेगी। पारिवारिक सदस्यों के साथ घर में सुख-शांति से दिन बिताएंगे। नौकरी करनेवालों को लाभ होगा। प्रतिस्पर्धियों को परास्त कर सकेंगे। कार्य में यश मिलेगा। स्त्री मित्रों के साथ मुलाकात आनंद देगी। अपने अधीनस्थ व्यक्तियों और सहकर्मियों का सहयोग प्राप्त कर सकेंगे। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। शुभ रंग = पीला शुभ अंक : 9 सिंह (Leo): लेखन, साहित्य के क्षेत्र में कुछ नए सृजन करने की आपको प्रेरणा मिलेगी। विद्यार्थी अध्ययन में उत्तम प्रदर्शन कर सकेंगे। प्रणय में सफलता और प्रिय व्यक्तियों के साथ की गई मुलाकात आपका मन हर्षित करेगा। स्त्री मित्रों का सहयोग अधिक मिलेगा। शारीरिक स्वास्थ्य बना रहेगा। आप धार्मिक परोपकार का कार्य करके धन्यता का अनुभव करेंगे। शुभ रंग = गुलाबी शुभ अंक : 1 कन्या (Virgo): आज के दिन हर कार्य में प्रतिकूलता का अनुभव करेंगे। स्वास्थ्य खराब होगा। मन चिंताग्रस्त रहेगा। पारिवारिक सदस्यों के साथ अनबन होने से अशांति रहेगी। सार्वजनिक रूप से मानहानि होने की संभावना है। पानी से भय रहेगा इसलिए जलाशय के पास न जाएं। स्थायी संपत्ति, वाहन आदि के कागज पर हस्ताक्षर करने से पहले विचार करने की आवश्यकता है। शुभ रंग = केशरी शुभ अंक : 9 तुला (Libra): शुभ या धार्मिक अवसरों पर यात्रा प्रवास का आयोजन होगा। भाई-बंधुओं के साथ सौहार्दपूर्ण वातावरण में घरेलू प्रश्नों की चर्चा होगी। व्यवहारिक अवसर पर बाहर जाएंगे। विदेश से अच्छे समाचार आएंगे। आज नए कार्यों का आरंभ कर सकते हैं। धन लाभ का योग है। पूंजी निवेश के लिए अनुकूल दिन है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बना रहेगा। भाग्य वृद्धि होगी। शुभ रंग = फीरोजा़ शुभ अंक : 6 वृश्चिक (Scorpio): पारिवारिक कलह-द्वेष का अवसर न आए, इसका ध्यान रखें। पारिवारिक सदस्यों के साथ गलतफहमियों से बचें। मन में उत्पन्न नकारात्मक विचारों को दूर भगाने की सलाह देते हैं। विद्या प्राप्ति में विद्यार्थियों को अवरोध आएगा। अनावश्यक धन खर्च न हो, इसका ध्यान रखें। शारीरिक और मानसिक अस्वस्थता आपको बेचैन करेगी। शुभ रंग = गुलाबी शुभ अंक : 1 धनु (Sagittarius): आज के दिन आप अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखेंगे। आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकेंगे। किसी तीर्थयात्रा पर जाएंगे। सगे संबंधियों और मित्रों के आगमन से मन खुश रहेगा। दांपत्यजीवन में निकटता और मधुरता रहेगी। मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। स्वादिष्ट भोजन का स्वाद लेने का आनंद प्राप्त होगा। शुभ रंग = पीला शुभ अंक : 9 मकर (Capricorn): आज सावधानी से चलने की सलाह है। अधिक परिश्रम में कम सफलता मिलने से निराशा की भावना पैदा होगी। पारिवारिक वातावरण भी अशांत रहेगा। स्वास्थ्य संबंधी शिकायत रहेगी। दुर्घटना से बचें। व्यावसायिक कार्यों में सरकारी हस्तक्षेप बढ़ेगा। कोर्ट-कचहरी के कार्यों में संभलकर कदम उठाएं। धार्मिक और सामाजिक कार्यों में भाग लेंगे। धन खर्च भी होगा। शुभ रंग = उजला शुभ अंक : 4 कुंभ (Aquarius): आज आप नए कार्य की शुरुआत या उसकी योजना बना सकेगें। नौकरी या व्यवसाय में लाभ की प्राप्ति होगी। स्त्री मित्र आपकी प्रगति में सहायक बनेगी। आर्थिक लाभ की दृष्टि से आज का दिन बहुत अच्छा रहेगा। रमणीय स्थलों पर पर्यटन का आयोजन करेंगे। पत्नी और पुत्र की तरफ से आनंद का समाचार मिलेगा। अविवाहितों के लिए विवाह का योग है। शुभ रंग = पीला शुभ अंक : 9 मीन (Pisces): नौकरी या व्यवसाय में सफलता पाने से तथा उच्च पदाधिकारियों के प्रोत्साहक व्यवहार से आप अत्यंत प्रसन्नता का अनुभव करेंगे। व्यापारियों के व्यापार में वृद्धि होगी और बकाया राशि प्राप्त होगी। पिता तथा बुजुर्गों की तरफ से लाभ मिलेगा। आय की मात्रा बढ़ेगी। कौटुंबिक माहौल आनंदमय रहेगा। मान सम्मान या उच्च पद की प्राप्ति होगी। शुभ रंग = पीला शुभ अंक : 9 दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
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