प्राइमरी का मास्टर ● इन |
- डीएलएड (बीटीसी) प्रशिक्षण परीक्षा वर्ष 2021 हेतु परीक्षा केन्द्रों की मांगी गई सूची
- बाराबंकी : फोन स्विच ऑफ रहने पर वेतन काटने के मामले में शिक्षक संघ का विरोध
- तीन शिक्षा अधिकारियों के तबादले
- बीएड प्रवेश परीक्षा परिणाम जारी, जाने टॉप टेन टॉपर्स कौन? ऐसे देखें परिणाम
- यूपी बोर्ड के 1.44 लाख छात्र बिना मार्क्स हुए थे प्रोन्नत, अब दाखिले में परेशानी
- यूपी बोर्ड ने जिलों को भेजे हाईस्कूल इंटर के अंकपत्र
- डिजिलॉकर में अंकपत्र न रखने पर रोकी जाएगी शुल्क प्रतिपूर्ति
- UP Polytechnic JEECUP 2021 : पॉलिटेक्निक की प्रवेश परीक्षाएं 31 अगस्त से
- यूपी : विश्वविद्यालयों में बदलेगी छात्र मूल्यांकन प्रणाली, शासन ने सुझाईं ये छह विधियां
- बीएसए कानपुर देहात आदेश का पालन करें या हाजिर हों, ग्रेच्युटी भुगतान मामले में हाईकोर्ट का आदेश
- हाथरस : अधिक छात्र संख्या के चलते दो पालियों में चलने वाले विद्यालयों की सूची एवं कार्ययोजना जारी, देखें
डीएलएड (बीटीसी) प्रशिक्षण परीक्षा वर्ष 2021 हेतु परीक्षा केन्द्रों की मांगी गई सूची Posted: 27 Aug 2021 06:40 PM PDT डीएलएड (बीटीसी) प्रशिक्षण परीक्षा वर्ष 2021 हेतु परीक्षा केन्द्रों की मांगी गई सूची प्रयागराज : डीएलएड (बीटीसी) प्रशिक्षण 2021 की सेमेस्टर परीक्षाएं 12 सितंबर से 23 सितंबर तक प्रदेश के सभी जिलों में होनी हैं। इसके लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) सचिव ने प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को परीक्षा केंद्र निर्धारित कर उसकी सूची दो सितंबर तक भेजने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि परीक्षार्थियों के आवागमन की सुविधा को ध्यान में रखकर परीक्षा केंद्र निर्धारित किए जाने हैं। फार्मेट में केंद्र का नाम-पता, केंद्राध्यक्ष का नाम, केंद्र की ईमेल आइडी सहित सात बिंदुओं का विवरण देना है। |
बाराबंकी : फोन स्विच ऑफ रहने पर वेतन काटने के मामले में शिक्षक संघ का विरोध Posted: 27 Aug 2021 06:33 PM PDT बाराबंकी : फोन स्विच ऑफ रहने पर वेतन काटने के मामले में शिक्षक संघ का विरोध बाराबंकी : जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ जनपद बाराबंकी के जिला अध्यक्ष पवन कुमार वर्मा के नेतृत्व में जनपद के समस्त पदाधिकारी एवं सैकड़ों शिक्षकों सहित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी फोन काल के माध्यम से उपस्थिति देने के विरोध में ज्ञापन दिया गया। वार्ता के क्रम में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के साथ वार्ता सार्थक बताते हुए अध्यक्ष ने कहा कि फोन कॉल के माध्यम से किसी भी शिक्षक की उपस्थिति नहीं चेक की जाएगी ना ही कोई अनुचित कार्रवाई की जाएगी उनके द्वारा कहा गया कि यदि कोई स्थली निरीक्षण में या रजिस्टर में अनुपस्थित पाया जाता है जिसका कोई स्पष्ट कारण नहीं है उसी स्थिति में कार्यवाही की जाएगी। फोन कॉल के माध्यम से किसी भी शिक्षा का शोषण नहीं किया जाएगाम बिना स्पष्टीकरण के भी वेतन किसी भी शिक्षक का अवरुद्ध नहीं किया जाएगा। वेतनमान के संबंध में मृतक आश्रित पेंशन फाइल निस्तारण के संबंध में जल्द ही आदेश पारित किया जाएगा। इस अवसर पर जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष अरुणेंद्र कुमार वर्मा , यूटा के जिला अध्यक्ष आशुतोष बैसवार , एससी एसटी संघ के जिला अध्यक्ष रामकिशन बौद्ध के साथ जिला मंत्री प्राथमिक शिक्षक संघ विजेंद्र सिंह जूनियर हाई स्कूल मंत्री देवेंद्र सिंह धर्मेंद्र वर्मा ब्लॉक अध्यक्ष सिद्धौर जंग बहादुर वर्मा अरविंद अनजान इरशाद अली मोहम्मद आसिफ देवेंद्र मुमताज अहमद वरिष्ठ उपाध्यक्ष पुष्पेंद्र कुमार वर्मा वरिष्ठ उपाध्यक्ष बंकी मनोज वर्मा देवा ब्लॉक अध्यक्ष विजय प्रताप सिंह भूपेंद्र सिंह सूरतगंज जितेंद्र कुमार त्रिवेदीगंज ब्लॉक अध्यक्ष हरख कुलदीप कुमार पटेल मसौली ब्लाक अध्यक्ष सुरेश आज के साथ सैकड़ों शिक्षक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में उपस्थित रहे। |
तीन शिक्षा अधिकारियों के तबादले Posted: 27 Aug 2021 06:09 PM PDT तीन शिक्षा अधिकारियों के तबादले लखनऊ। प्रदेश सरकार ने तीन शिक्षा अधिकारियों के तबादले किए हैं। अयोध्या के मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक अरविंद कुमार पांडेय का तबादला मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक मुरादाबाद के पद पर किया गया है। मुरादाबाद के मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक मनोज कुमार द्विवेदी का तबादला प्रभारी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक अयोध्या के पद पर किया है। द्विवेदी को देवीपाटन के मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। वहीं, पत्राचार शिक्षा संस्थान प्रयागराज के सहायक निदेशक सत्येंद्र कुमार सिंह का तबादला डीआईओएस मिर्जापुर के पद पर किया गया है। |
बीएड प्रवेश परीक्षा परिणाम जारी, जाने टॉप टेन टॉपर्स कौन? ऐसे देखें परिणाम Posted: 27 Aug 2021 06:02 PM PDT बीएड प्रवेश परीक्षा परिणाम जारी, जाने टॉप टेन टॉपर्स कौन? ऐसे देखें परिणाम लखनऊ : संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा के नतीजे शुक्रवार को लखनऊ विश्वविद्यालय ने जारी कर दिए। कुलपति आलोक कुमार राय ने बताया इस बार लखनऊ के आशु राणा ने बीएड परीक्षा में टाप किया है। दूसरे नंबर पर एजाज अहमद (कुशीनगर), तीसरे पर अजय गौड़ (गोरखपुर), चौथे पर सक्षम पटेरिया (महोबा), पांचवें पर अक्षय मिश्र (सीतापुर), छठे पर उमेश कुमार (बिजनौर), सातवें पर युवराज सिंह (हाथरस), आठवें पर शिवम चतुर्वेदी (झौंसी), नौवें पर देवेश कुमार पटेल (मीरजापुर) और दसवें पर राघवेंद्र सिंह (फरुखाबाद) रहे। छात्रओं में झांसी की भावना मिश्र ने टॉप किया है। दूसरे स्थान पर प्रज्ञा गुप्ता (उन्नाव), तीसरे स्थान पर कृतिका गुप्ता (गाजियाबाद), चौथे स्थान पर अनमोल चौधरी (सहारनपुर), पांचवें स्थान पर निधि बंसल (बुलंदशहर) रहीं। अभ्यर्थी परिणाम विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर देख सकते हैं। कुलपति ने बताया कि अभ्यर्थी वेबसाइट पर लागिन करके (जहां से अभ्यर्थियों ने अपना आनलाइन आवेदन पत्र भरा था) अपना प्राप्तांक, स्टेट रैंक, कैटेगरी रैंक प्राप्त कर सकेंगे। |
यूपी बोर्ड के 1.44 लाख छात्र बिना मार्क्स हुए थे प्रोन्नत, अब दाखिले में परेशानी Posted: 27 Aug 2021 05:53 PM PDT यूपी बोर्ड के 1.44 लाख छात्र बिना मार्क्स हुए थे प्रोन्नत, अब दाखिले में परेशानी UP Board Result 2021: बिना अंकों के प्रोन्नत हुए तो स्नातक में दाखिला कैसे हो? यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा में बिना अंकों के प्रोन्नत विद्यार्थियों के सामने आगे प्रवेश लेने में समस्या आ रही है। अब माध्यमिक शिक्षा विभाग इन्हें अंक देने पर विचार कर रहा है ताकि आगे प्रवेश में दिक्कत न आ सके। 1.44 लाख विद्यार्थियों को बिना अंकों के प्रोन्नत किया गया है। हाईस्कूल में 82,238 और इंटरमीडिएट में 62,506 विद्यार्थी ऐसे हैं जिन्हें बिना अंकों के सामान्य प्रोन्नति दी गई है। माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने बीते दिनों निर्देश जारी किए हैं कि यह सुनिश्चित किया जाए कि जिन विद्यार्थियों को बिना अंकों के सामान्य प्रोन्नति दी गई है, उनका प्रवेश सुनिश्चित किया जाए। उन्हें आगे पढ़ने में किसी तरह की दिक्कत न हो। इसमें सबसे बड़ी दिक्कत इंटरमीडिएट पास करके उच्च शिक्षा में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों के सामने आ रही है क्योंकि जिन पाठ्यक्रमों में कट ऑफ के आधार पर प्रवेश होने हैं वहां ये विद्यार्थी पात्र हीं नहीं होंगे और ज्यादातर पाठ्यक्रमों में इसी पर प्रवेश दिया जाता है। वहीं हाईस्कूल में प्रोन्नत विद्यार्थी यदि दूसरे शहर या दूसरे स्कूल में दाखिला लेंगे तो उन्हें वहां भी दिक्कत आ रही है। लिहाजा अब अंकों को देने पर विचार किया जा रहा है और इसके फार्मूले पर मंथन किया जा रहा है। लगभग 70 हजार विद्यार्थियों को अब भी रिजल्ट का इंतजार- हाईस्कूल में 14015 और इंटरमीडिएट में 55555 ऐसे विद्यार्थी हैं जिनका रिजल्ट विदहेल्ड हैं। उनकी आपत्तियां शुक्रवार तक ली गई हैं। हालांकि इसकी धीमी गति पर भी विद्यार्थी नाराज हैं क्योंकि स्नातक स्तर पर प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई हैं। इंटरमीडिएट में ज्यादातर वे विद्यार्थी हैं जिन्होंने हाईस्कूल दूसरे बोर्ड से किया था लेकिन उनके नंबर बोर्ड को नहीं भेजे गए या फिर त्रुटिवश चढ़ना रह गए। |
यूपी बोर्ड ने जिलों को भेजे हाईस्कूल इंटर के अंकपत्र Posted: 27 Aug 2021 05:52 PM PDT यूपी बोर्ड ने जिलों को भेजे हाईस्कूल इंटर के अंकपत्र प्रयागराज: कोरोना संक्रमण के चलते बिना परीक्षा दिए प्रोन्नत हुए यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों को अंकपत्र मिलने शुरू हो गए हैं। यूपी बोर्ड ने क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से जिलों को अंकपत्र भेज दिए हैं। अंक को लेकर जिन विद्यार्थियों को दिक्कत हो वह बोर्ड की कम्पार्टमेंट परीक्षा में शामिल हो सकते हैं, जो कि 18 सितंबर से शुरू होगी और छह अक्टूबर तक चलेगी। वर्ष 2021 में हाईस्कूल में 29.94 लाख व इंटर में 26.1 लाख छात्र-छात्रएं पंजीकृत थे। कोरोना संक्रमण के कारण परीक्षा नहीं हुई और पहली बार बिना परीक्षा के विद्यार्थियों को प्रोन्नत करते हुए परिणाम जारी किया गया। सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि कई जिलों में विद्यार्थियों को अंकपत्र मिल गए हैं। जिन जिलों में विद्यालयों में अंकपत्र नहीं पहुंचे हैं, वहां भी क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से जल्द पहुंच जाएंगे, जहां से विद्यार्थी अंकपत्र ले सकेंगे। अंक को लेकर जिन विद्यार्थियों को समस्या हो वह कम्पार्टमेंट परीक्षा में शामिल होकर अंक सुधार कर सकते हैं। उन्हें बिना परीक्षा शुल्क दिए एक या अधिक विषयों में शामिल होने का अवसर दिया गया है। विद्यार्थियों को यह ध्यान रखना होगा कि कम्पार्टमेंट परीक्षा के मूल्यांकन में मिले अंक ही माने जाएंगे। जुलाई में घोषित उनका रिजल्ट मान्य नहीं रह जाएगा। |
डिजिलॉकर में अंकपत्र न रखने पर रोकी जाएगी शुल्क प्रतिपूर्ति Posted: 27 Aug 2021 05:50 PM PDT डिजिलॉकर में अंकपत्र न रखने पर रोकी जाएगी शुल्क प्रतिपूर्ति आर्थिक रूप से कमजोर मेधावियों को मिलने वाली शुल्क प्रतिपूर्ति पर कोरोना का ग्रहण न लगे, इसके लिए समाज कल्याण विभाग सभी संस्थानों का मास्टर डाटा तैयार कर रहा है। आनलाइन डाटा में फीस से लेकर कोर्स और शिक्षकों की पूरी जानकारी देनी होगी। इसके साथ ही अगले 15 दिनों में प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों को डीजी लाकर में सभी के अंकपत्र रखने होंगे, जिससे उनकी पड़ताल में दिक्कत न हो। ऐसा न करने पर संस्थान के विद्यार्थियों को प्रतिपूर्ति रुक जाएगी। समाज कल्याण विभाग की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर मेधावियों की फीस शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में दी जाती है। 2021-22 वित्तीय वर्ष में शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए सामान्य वर्ग के लिए 52,500 लाख रुपये और अनुसूचित जाति व जनजाति की शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति के लिए 98,012 लाख रुपये का बजट स्वीकृत है। इससे पूर्व दशम कक्षा नौ और 10 व दशमोत्तर कक्षा 12 के ऊपर विद्यार्थियों को पैसा दिया जाएगा। विद्यार्थी वेबसाइट https://scholarship.up.gov.in/ पर जाकर जानकारी ले सकते हैं। पालीटेक्निक और आइटीआइ की प्रवेश प्रक्रिया अभी चल रही है। काउंसिलिंग के बाद प्रवेश होंगे। हर साल 60 लाख को मिलती है शुल्क प्रतिपूर्ति : हर साल करीब 27 लाख अनुसूचित जाति व जनजाति और सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति दी जाती है। पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक विभाग को मिलाकर प्रदेश के 60 लाख विद्यार्थियों को हर साल शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति का लाभ मिलता है। कोरोना के चलते सामान्य वर्ग की छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति का बजट कम कर दिया गया है। इसके चलते सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए इंटर में 60 फीसद अंक अनिवार्य है। परास्नातक स्तर के कोर्स में प्रवेश के बाद शुल्क प्रर्तिपूर्ति के लिए आवेदन करने के लिए स्नातक में 55 फीसद अंक अनिवार्य है। शिक्षण संस्थानों को देना है आनलाइन डाटा, परास्नातक में प्रवेश के लिए शुल्क प्रर्तिपूर्ति के लिए 55 फीसद अंक जरूरी समाज कल्याण विभाग की संशोधित नियमावली के तहत मैनेजमेंट कोटे के विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं दी जाएगी। जीरो फीस की व्यवस्था भी खत्म हो गई है। सामान्य वर्ग के इंटर में 60 फीसद और स्नातक में 55 फीसद वाले को ही शुल्क प्रतिपूर्ति मिलेगी। मास्टर डाटा न देने वाले संस्थानों के विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ नहीं मिलेगा। डीजी लाकर में अंकपत्र रखना अनिवार्य है। ऐसा न होने पर संस्थान जिम्मेदार होंगे।- डा.अमरनाथ यती, जिला समाज कल्याण अधिकारी |
UP Polytechnic JEECUP 2021 : पॉलिटेक्निक की प्रवेश परीक्षाएं 31 अगस्त से Posted: 27 Aug 2021 05:50 PM PDT UP Polytechnic JEECUP 2021 : पॉलिटेक्निक की प्रवेश परीक्षाएं 31 अगस्त से UP Polytechnic JEECUP 2021 : प्रदेश में स्थित सभी राजकीय, एडेड व निजी क्षेत्र की पालीटेक्निक संस्थाओं में आनलाइन/सीबीटी प्रवेश परीक्षाएं 31 अगस्त से चार सितम्बर तक तीन पालियों में होंगी। यह जानकारी संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के प्रभारी सचिव राम रतन ने दी है। उन्होंने बताया कि अभ्यर्थियों के लिए आनलाइन मॉक टेस्ट की सुविधा/प्रक्रिया के साथ ही प्रवेश-पत्र भी परिषद की वेबसाइट पर हैं मॉक टेस्ट में आने वाली परेशानियों के लिए हेल्पलाइन नम्बर-7829207426, 7829207346 पर सम्पर्क कर अपनी परेशानियों का निराकरण कर रहे हैं। परीक्षार्थी को अपने आवंटित केन्द्र पर परीक्षा प्रारम्भ होने से डेढ़ घण्टे पहले पहुंचना होगा। अभ्यर्थी को अपने साथ परीक्षा केन्द्र पर फेस मास्क, प्रवेश-पत्र और एक फोटोयुक्त आईडी मूल रूप में लाना होगा। |
यूपी : विश्वविद्यालयों में बदलेगी छात्र मूल्यांकन प्रणाली, शासन ने सुझाईं ये छह विधियां Posted: 27 Aug 2021 05:41 PM PDT यूपी : विश्वविद्यालयों में बदलेगी छात्र मूल्यांकन प्रणाली, शासन ने सुझाईं ये छह विधियां लखनऊ : प्रदेश के राज्य व निजी विश्वविद्यालयों में छात्र मूल्यांकन प्रणाली बदलेगी। यह बदलाव नई शिक्षा नीति 2020 के तहत होना है। शासन ने विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को छात्र मूल्यांकन की छह विधियां भी सुझाई हैं। इन्हीं के अनुरूप मूल्यांकन के मानक, उनका वेटेज और प्रक्रिया तय की जानी है। निर्देश है कि एकेडमिक व एक्जीक्यूटिव काउंसिल में चर्चा करके जल्द मूल्यांकन प्रणाली तय की जाए। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए छात्रों का समयबद्ध व सतत मूल्यांकन जरूरी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी इस ओर विशेष जोर दिया गया है। इसीलिए सूबे के राज्य व निजी विश्वविद्यालयों में छात्रों की मूल्यांकन की प्रणाली तय होने जा रही है। शासन ने छह सांकेतिक सिद्धांत विश्वविद्यालयों को भेजे हैं, ताकि उन्हीं के अनुरूप छात्र मूल्यांकन की विधियां बनाई जा सकें। किस मानक को कितना वेटेज दिया जाना चाहिए और छात्रों का आकलन करने के लिए क्या प्रक्रिया बनाई जानी चाहिए, ऐसे ¨बदुओं का जल्द समाधान करने के भी निर्देश दिए गए हैं। अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग ने कुलसचिवों व उच्च शिक्षा निदेशक को सुझाया है कि विश्वविद्यालय छह मानकों पर मूल्यांकन कर सकते हैं। प्रक्रिया भी तय : शासन ने शैक्षणिक मूल्यांकन को दो हिस्सों सतत आंतरिक व बाहरी मूल्यांकन में बांटा है। आंतरिक मूल्यांकन में शैक्षणिक गतिविधियों से संबंधित कार्य कराए जाएंगे। जैसे, प्रोजेक्ट, सेमिनार, रोल प्ले, क्विज आदि। राष्ट्रीय पर्वो व अन्य महत्वपूर्ण दिवसों पर सामाजिक कार्यो में सहभागिता को शामिल किया जा सकता है। बाहरी मूल्यांकन परीक्षा के माध्यम से हो सकता है। कौशल मूल्यांकन में प्रशिक्षण का महत्व है। इसमें संबंधित कार्य में 60 प्रतिशत व परीक्षा में 40 फीसद के आधार पर मूल्यांकन किया जा सकता है। इसे भी दो भागों में बांटा गया है। व्यक्तित्व मूल्यांकन भाषा, साफ्ट स्किल व खास मौकों पर प्रतियोगिता से होगा। इसी तरह शारीरिक मूल्यांकन खेल, योग, स्वास्थ्य परीक्षण व मनोवैज्ञानिक क्षमता से होगी, जबकि बहिमरुखी मूल्यांकन के लिए छात्रों को एक्स्ट्रा करिकुलर गतिविधियों में प्रोत्साहित कर इसके परिणाम को अंकपत्र में शामिल करने को कहा गया है। स्वमूल्यांकन में छात्रों का आत्मबल बढ़ाने का प्रयास होना चाहिए। यानी छात्र स्वेच्छा से जब कोई ई-कंटेट पढ़ता है तो उसे चार-पांच सवालों का जवाब देना होगा, तब वह अगला चैप्टर पढ़ सकता है। ■ नई शिक्षानीति 2020 के तहत शासन ने विश्वविद्यालयों को सुझाईं छह विधियां ■ एकेडमिक व एक्जीक्यूटिव काउंसिल माध्यम से प्रणाली तय करने के निर्देश ★ यह हैं छह मानक 1. शैक्षणिक मूल्यांकन 2. कौशल मूल्यांकन 3. शारीरिक मूल्यांकन 4. व्यक्तित्व मूल्याकंन 5. बहिर्मुखी मूल्यांकन 6. स्वमूल्यांकन |
बीएसए कानपुर देहात आदेश का पालन करें या हाजिर हों, ग्रेच्युटी भुगतान मामले में हाईकोर्ट का आदेश Posted: 27 Aug 2021 05:31 PM PDT बीएसए कानपुर देहात आदेश का पालन करें या हाजिर हों, ग्रेच्युटी भुगतान मामले में हाईकोर्ट का आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कानपुर देहात सुनील दत्त को आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने याची के पति सहायक अध्यापक की ग्रेच्युटी का 8फीसदी ब्याज के साथ तीन माह में भुगतान करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा है कि यदि आदेश का पालन नहीं करते तो 8सितंबर को अवमानना आरोप निर्मित करने के लिए कोर्ट में हाजिर हों। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने कुंती देवी की अवमानना याचिका पर दिया है। याची के अधिवक्ता का कहना है कि सेवाकाल में याची के पति की मृत्यु हो गई। 60 साल में सेवानिवृत्ति लेने का विकल्प नहीं भरने के कारण ग्रेच्युटी देने से इंकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा सेवानिवृत्ति से पहले मृत्यु हो गई। ऐसे में विकल्प नहीं भरने के कारण ग्रेच्युटी देने से इंकार नहीं कर सकते। भुगतान करने के आदेश का पालन नहीं किया गया तो यह अवमानना याचिका दायर की गई है। सुनवाई आठ सितंबर को होगी। |
Posted: 27 Aug 2021 06:41 AM PDT |
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