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Thursday, August 26, 2021

प्राइमरी का मास्टर ● इन

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मांग : निरस्त हो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भर्ती, EWS आरक्षण दिए बगैर आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की भर्ती

Posted: 25 Aug 2021 07:34 PM PDT

मांग : निरस्त हो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भर्ती, EWS आरक्षण दिए बगैर आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की भर्ती


लखनऊ। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में 53 हजार रिक्त पदों पर चल रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी को 10 प्रतिशत का आरक्षण दिए बगैर यह भर्ती हो रही है। जबकि 103वें संविधान संशोधन में सभी श्रेणी की भर्तियों में यह आरक्षण देने का प्रावधान है। प्रदेश सरकार कैबिनेट के माध्यम से इसे मंजूरी भी दे चुकी है।


इस भर्ती के लिए विभाग द्वारा जारी आदेश में अनुसूचित जाति/जनजाति व पिछड़ी जाति के लिए आरक्षण का प्रावधान तो किया गया है, लेकिन सामान्य वर्ग के ईडब्ल्यूएस के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। विभाग द्वारा भर्ती के लिए जारी शासनादेश व आवेदन पत्र के प्रारूप में भी ईडब्ल्यूएस आरक्षण की व्यवस्था का कोई उल्लेख नहीं है। अधिकारियों की इस अनदेखी की वजह से सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर करीब 5300 अभ्यर्थियों का हक मारा जा रहा है।


सभी डीएम को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि वे नियम के हैं। अनुसार भर्ती करें। फिर भी यदि ईडब्ल्यूएस श्रेणी के आरक्षण का प्रावधान आदेश में नहीं है तो उसका परीक्षण कराया जाएगा। वी हेकाली झिमोमी, प्रमुख - सचिव बाल विकास एवं पुष्टाहार


लखनऊ । ईडब्ल्यूएस कोटे का आरक्षण दिए बगैर प्रदेश में चल रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती प्रक्रिया पर उप्र महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष गिरीश कुमार पांडेय ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने भर्ती को रद्द करने की मांग की है।

संघ ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि इस भर्ती के संबंध में जारी शासनादेश में सपा सरकार द्वारा जारी प्रावधान को लागू कर दिया गया है। यही नहीं आईसीडीएस में चयन समिति बनाने में भी केंद्र के दिशा-निर्देश की अनदेखी की गई है। साथ ही ब्लॉक स्तर की जिम्मेदार चयन समिति के स्थान पर जिला स्तरीय गैर जिम्मेदार चयन समिति बना दी गई है।

अवहेलना पर तीन माह की सजा का प्रावधान : प्रदेश सरकार द्वारा जारी गजट की अधिसूचना की धारा 5 (1) में यह भी प्रावधान किया गया है कि राज्याधीन किसी भी पद पर की जाने वाली नियुक्ति में यदि ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण न देने या रुकावट डालने पर संबंधित नियुक्ति प्राधिकारी या जिम्मेदार को न्यूनतम तीन माह का कारावास व अर्थदंड या दोनों दिए जाने का प्रावधान है। 

पालीटेक्निक प्रवेश परीक्षा के प्रवेशपत्र वेबसाइट पर अपलोड

Posted: 25 Aug 2021 07:27 PM PDT

पालीटेक्निक प्रवेश परीक्षा के प्रवेशपत्र वेबसाइट पर अपलोड


लखनऊ : सभी राजकीय, अनुदानित व निजी क्षेत्र की पालीटेक्निक संस्थाओं के लिए प्रवेश परीक्षा की तैयारियां पूरी हो गई हैं। 31 अगस्त से चार सितंबर तक होने वाले इम्तिहान के लिए प्रवेशपत्र वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए हैं, जिन्हें अभ्यर्थी डाउनलोड कर सकते हैं। प्रवेश परीक्षा तीन पालियों में सुबह आठ से 10:30, मध्यान्ह 12 से 2:30 और शाम चार से 6:30 बजे तक चलेगी। प्रदेश में 133 केंद्रों पर 3.02 लाख अभ्यर्थी इम्तिहान देंगे। केवल लखनऊ में ही 23 केंद्र बनाए गए हैं।



संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद उप्र के प्रभारी सचिव रामरतन ने बताया कि अभ्यर्थियों के लिए प्रवेश परीक्षाओं से संबंधित निर्देश और माक टेस्ट की सुविधा के साथ ही प्रवेश पत्र परिषद की वेबसाइट https://jeecup.nic.in/ पर अपलोड कर दिए गए हैं। अभ्यर्थी इन्हें डाउनलोड कर सकते हैं। साथ ही अभ्यर्थी माक टेस्ट में कई बार शामिल हो सकते हैं। इसमें आने वाली परेशानियों के लिए अभ्यर्थी ई-मेल  jeecuphelp@gmail.com व हेल्पलाइन नंबर 7829207426 या 7829207346 पर संपर्क करके अपनी जिज्ञासाओं का समाधान कर सकते हैं। परीक्षार्थियों को अपने आवंटित केंद्र पर परीक्षा शुरू होने से डेढ़ घंटे पहले पहुंचना होगा। उन्हें अपने साथ फेस मास्क, प्रवेशपत्र व फोटोयुक्त आइडी मूलरूप से लानी होगी।

68500 भर्ती : पुनर्मूल्यांकन में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का जिला आवंटन नहीं किया जा सका

Posted: 25 Aug 2021 06:41 PM PDT

68500  भर्ती :  पुनर्मूल्यांकन में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का जिला आवंटन नहीं किया जा सका



लखनऊ : प्राथमिक स्कूलों की 68500 शिक्षक भर्ती के वे अभ्यर्थी जो पुनर्मूल्यांकन में उत्तीर्ण हैं, उन्हें अभी नियुक्ति नहीं मिल सकेगी।


 अभ्यर्थी आनलाइन आवेदन कर चुके हैं लेकिन, उनका तय समय में जिला आवंटन नहीं किया जा सका है। जिलों में गुरुवार को काउंसिलिंग कराकर व शुक्रवार को नियुक्तिपत्र दिया जाना था।

शिक्षा महकमे के अधिकारियों की पदोन्नति पर भारी ‘बड़ों’ की पसंद, कार्यवाहक अफ़सरों से चलाया जा रहा काम

Posted: 25 Aug 2021 06:28 PM PDT

शिक्षा महकमे के अधिकारियों की पदोन्नति पर भारी 'बड़ों' की पसंद, कार्यवाहक अफ़सरों से चलाया जा रहा काम


■ 'शिक्षा निदेशक को सेवा विस्तार देने की तैयारी, डीपीसी न होने से कार्यवाहकों की भरमार

■ अपर निदेशक, मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक व उप शिक्षा निदेशकों के कई पद खाली



लखनऊ : शिक्षा निदेशक माध्यमिक, निदेशक एससीईआरटी, सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड), सचिव बेसिक शिक्षा परिषद व सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी उप्र जैसे अहम पदों पर नियमित अफसर नहीं हैं। चहेते कार्यवाहक अफसरों से जैसे-तैसे काम चलाया जा रहा है। विभागीय पदोन्नति की लंबे समय से राह देखी जा रही है। अफसरों की कमी के बीच दो वरिष्ठ अधिकारी 31 अगस्त को सेवाकाल पूरा कर रहे हैं। इसमें शिक्षा निदेशक बेसिक डा.सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह को सेवा विस्तार देने की तैयारी है।



वरिष्ठता पर 'बड़ों' की 'पसंद' भारी पड़ने से बेसिक से लेकर माध्यमिक शिक्षा तक में बड़े पदों पर नियमित अफसर नहीं हैं। निदेशक एससीईआरटी की अतिरिक्त जिम्मेदारी निदेशक बेसिक शिक्षा संभाल रहे हैं, जबकि निदेशक माध्यमिक शिक्षा का जिम्मा अपर निदेशक विनय कुमार पांडेय के पास है। निदेशक बेसिक शिक्षा डा.सिंह व निदेशक साक्षरता संजय सिन्हा 31 अगस्त को सेवाकाल पूरा कर रहे हैं। 


निदेशक के सभी पद खाली होने का असर विभागीय कामकाज पर पड़ेगा, इसलिए डा.सिंह को सेवा विस्तार मिल सकता है। उनकी पत्रवली भेजी जा चुकी है, आदेश होने का इंतजार है। विभाग में करीब छह अफसर निदेशक बनने की कतार में हैं। उन्हें डीपीसी यानी विभागीय पदोन्नति होने का इंतजार है। अपर निदेशक के 12 पद स्वीकृत हैं, जिसमें नौ पद खाली चल रहे हैं। मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक के कुल 21 पदों में से 15 खाली हैं।


उप शिक्षा निदेशक यानी डीडीआर व जिला विद्यालय निरीक्षक यानी डीआइओएस के स्वीकृत पदों में से लगभग 50 प्रतिशत खाली हैं। कहा जा रहा है कि अहम पदों पर पसंद के अफसरों को बैठाने में वरिष्ठता आड़े आती रही है, इसीलिए डीपीसी अटकी है। माध्यमिक, बेसिक व एससीईआरटी आदि संस्थानों में कार्यरत समूह क व ख संवर्ग के अफसरों की गोपनीय रिपोर्ट मांगी जा चुकी है।


इन्हें मिशन शक्ति की दरकार


दोनों विभागों की वरिष्ठता सूची में महिला अफसरों की संख्या सबसे अधिक है और वे भी अगले वर्षो में नियमित अंतराल पर सेवानिवृत्त होने वाली हैं। इनमें मंजू शर्मा, ललिता प्रदीप, कीर्ति गौतम, सरिता तिवारी, डा.अंजना गोयल, सुत्ता सिंह व गायत्री आदि शामिल हैं।

बच्चों को इंटरनेट सुरक्षा का पाठ पढ़ाएगा Google, कॉमिक बुक के जरिये बच्चे बनेंगे होनहार

Posted: 25 Aug 2021 06:22 PM PDT

बच्चों को इंटरनेट सुरक्षा का पाठ पढ़ाएगा Google, कॉमिक बुक के जरिये बच्चे बनेंगे होनहार



गूगल ने बुधवार को कामिक बुक 'अमर चित्र कथा' के प्रकाशक की साझीदारी से भारत में बच्चों के लिए अपने वैश्विक कार्यक्रम 'बी इंटरनेट आसम' की शुरुआत की। यह कार्यक्रम आठ भाषाओं में होगा और इसका मकसद बच्चों को इंटरनेट सुरक्षा के अहम पाठ पढ़ाना है। इंटरनेट पर यूजर्स की सुरक्षा बढ़ाने के अपने प्रयासों की तहत गूगल ने हाल में उन्नत बनाए गूगल सुरक्षा केंद्रों को भी शुरू किया।



'बी इंटरनेट आसम' अभियान में 'इंटरलैंड' नामक अत्यधिक दृश्यता और पारस्परिक संवाद का अनुभव शामिल है जहां बच्चे आनलाइन सुरक्षा की बुनियादी बातें सीख सकते हैं और मौज-मस्ती वाले व चुनौतीपूर्ण खेलों की श्रृंखला में हिस्सा ले सकते हैं। इस इंटरएक्टिविटी के जरिये बच्चे कीमती जानकारियों की सुरक्षा करना, साइबर बदमाशों से निपटना और फर्जी व वास्तविक की पहचान करना सीखेंगे। यह खेलनुमा पाठ्यक्रम कामिक बुक अमर चित्र कथा की आठ भारतीय भाषाओं में लोकप्रिय श्रृंखलाओं में भी आएंगे।


हंिदूी, मराठी, मलयालम, कन्नड़ और तेलुगु में शुरू किया गया नव-विस्तारित सेफ्टी सेंटर डाटा सिक्यूरिटी, प्राइवेसी कंट्रोल्स और आनलाइन प्रोटेक्शंस जैसे अहम विषय पर एक केंद्र के रूप में काम करेगा। इसे साल के आखिर तक बंगाली, तमिल और गुजराती में भी शुरू किया जाएगा।


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गूगल के वाइस प्रेसीडेंट और चीफ इंटरनेट इवेंजलिस्ट ¨वट सेर्फ ने कहा कि आज जिस तरह इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा रहा है वह उनके सभी शुरुआती अनुमानों से कहीं ज्यादा है। सेर्फ को इंटरनेट का जनक माना जाता है। वहीं, गूगल इंडिया के कंट्री मैनेजर और वाइस प्रेसीडेंट संजय गुप्ता ने वचरुअल ब्री¨फग में कहा कि जैसे-जैसे तकनीक की पहुंच बढ़ी है, गलत लोगों के लिए बाधाएं भी घटी हैं, इसलिए भरोसा बढ़ाने का काम भी साथ-साथ चलना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हमारे बच्चे सुरक्षित रूप से इंटरनेट के जरिये दुनिया को जानना-समझना जारी रखें।


● 'बी इंटरनेट आसम' कार्यक्रम भारत में लांच, आठ भाषाओं में होगी ट्रेनिंग

● मौज-मस्ती वाले और चुनौतीपूर्ण खेलों में हिस्सा ले सकते हैं बच्चे

शिक्षक दिवस 05 सितंबर से पहले देश के सभी शिक्षकों को कोरोना वैक्सीन लगाने की बड़ी पहल

Posted: 25 Aug 2021 06:12 PM PDT

शिक्षक दिवस 05 सितंबर से पहले देश के सभी शिक्षकों को कोरोना वैक्सीन लगाने की बड़ी पहल


नई दिल्ली : कोरोना संक्रमण के भय से बंद पड़े स्कूलों को फिर से खोलने की तैयारी के बीच केंद्र सरकार सभी जरूरी एहतियात उठाने में जुटी है। फिलहाल इसे लेकर जो बड़ा कदम उठाया गया है,उसमें देश भर के सभी शिक्षकों को अब प्राथमिकता पर कोरोना की वैक्सीन लगाई जाएगी। राज्यों को इसके लिए हर माह दी जाने वाली वैक्सीन की निर्धारित डोज के अतिरिक्त वैक्सीन की करीब दो करोड़ डोज दी जाएंगी। इस मुहिम में सभी स्कूलों के शिक्षकों को शामिल किया गया है।


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने यह जानकारी देते हुए कहा कि राज्यों को अगस्त महीने में ही दो करोड़ डोज उपलब्ध करा दी जाएंगी ताकि पांच सितंबर को शिक्षक दिवस से पहले सभी गुरुजनों को टीका लग सके। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि इस संबंध में सभी राज्यों को विशेष प्रयास करने की हिदायत दी गई है।


शिक्षकों की सुरक्षा को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्रलय की ओर से यह कदम, कोरोना की पिछली लहरों में बड़ी संख्या में शिक्षकों की मौत के मामले देखते हुए उठाया है। जब फिर से स्कूल और शिक्षण संस्थानों को खोलने की तैयारी चल रही है तब कुछ खास तैयारियां जरूरी हैं।


कुछ राज्यों में नौवीं से बारहवीं तक के बच्चों को रोटेशन के तहत स्कूलों में बुलाना भी शुरू कर दिया गया है, शिक्षकों की सुरक्षा को लेकर सरकार किसी तरह का खतरा मोल नहीं लेना चाहती। सरकार ने शिक्षकों के टीकाकरण का जो लक्ष्य रखा है, उनमें शिक्षक दिवस यानी पांच सितंबर से पहले सभी को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन लगानी है।

खास बात यह है कि स्कूल खोलने की सुगबुगाहट पर राज्यों ने ही शिक्षकों को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन लगाने का सुझाव दिया था। राज्यों ने इसके लिए सरकार से वैक्सीन की अतिरिक्त डोज मांगी थीं।

शिक्षा मंत्रलय ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष अनुरोध किया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को ट्वीट कर बताया कि प्रधानमंत्री ने अतिरिक्त वैक्सीन देने के अनुरोध को स्वीकृति दे दी है। प्रधान ने कहा कि सरकार का यह कदम कोरोना के खिलाफ हमारी भावी पीढ़ी को सुरक्षित करने के साथ-साथ इस महामारी से उनकी पढ़ाई में आ रही बाधाओं को दूर करने की दिशा में निर्णायक होगा। गौरतलब है कि देश में मौजूदा समय में स्कूली शिक्षा सहित 32 लाख से ज्यादा शिक्षक है।

बेसिक शिक्षा मंत्री का बड़ा ऐलान - बेसिक शिक्षकों का नगरीय -ग्रामीण कैडर होगा खत्‍म, इंग्‍लिश मीडियम स्‍कूल का मॉडल भी अब होगा बन्द, परिषदीय स्कूलों को मिलेगा टैबलेट, लगेगी बच्चों को शिक्षकों की हाजिरी

Posted: 25 Aug 2021 06:37 PM PDT

बेसिक शिक्षा मंत्री का बड़ा ऐलान - बेसिक शिक्षकों का नगरीय -ग्रामीण कैडर होगा खत्‍म, इंग्‍लिश मीडियम स्‍कूल का मॉडल भी अब होगा बन्द

परिषदीय स्कूलों को मिलेगा टैबलेट, लगेगी बच्चों को शिक्षकों की हाजिरी


उत्‍तर प्रदेश में प्राइमरी विद्यालयों और जूनियर हाई स्‍कूल के प्रधानाध्‍यापकों को टैबलेट मिलेगा। राज्‍य सरकार ने आईआईटी कानपुर से इस बारे में राय मांगी है। बुधवार को कानपुर पहुंचे बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि जल्‍द ही यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

राज्‍य सरकार की योजना के मुताबिक इस टैबलेट प्राइमरी और जूनियर स्‍कूलों के प्रधानाध्‍यापकों को दिए जाने वाले इस टैबलेट में स्कूलों की निगरानी से संबंधित सारे एप होंगे। टैबलेट की खरीद के लिए सर्व शिक्षा अभियान ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस पूरी योजना पर सरकार 150 करोड़ रुपये खर्च करेगी। बुधवार को कानपुर के बीएनएसडी शिक्षा निकेतन में आयोजित गुरु वंदना कार्यक्रम में भाग लेने आए बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि प्रधानाध्‍यापकों को टैबलेट दिए जाने हैं। इसके लिए एक समिति आईआईटी कानपुर की राय लेगी। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

इस टैबलेट के जरिये प्रधानाचार्य सभी योजनाओं के बारे में शासन तक अपडेट करेंगे। हालांकि इससे पहले भी सरकारी स्कूलों के प्राचार्यों को टैबलेट देने की बात उठ चुकी है लेकिन बजट के अभाव में इसे रोक दिया गया। अब इस शैक्षिक सत्र में इसे लागू किया जाएगा।

इसी से लगेगी बच्‍चों और शिक्षकों की हाजिरी

प्रदेश में अब इसके जरिये स्कूलों में बच्चों और शिक्षकों की हाजिरी भी लिये जाने की तैयारी है। इससे सुबह प्रार्थना सभा का फोटो भी मंगवाया जाएगा और एक सॉफ्टवेयर के जरिये हेड काउंट भी किया जाएगा ताकि ये निश्चित हो सके कि कितने बच्चे स्कूल आए हैं। चूंकि प्रदेश के हर स्कूल की जियो टैगिंग है, यानी उस स्कूल का अक्षांश और देशांतर भी फोटो के साथ दर्ज हो जाएगा। इससे कोई भी फर्जी फोटो नहीं भेजी जा सकेगी। वहीं किसी दूसरी जगह से यह हाजिरी नहीं लगाई जा सकेगी।


उत्तर प्रदेश में प्राइमरी शिक्षकों का ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों में तबादला अब आसान हो जाएगा। प्रदेश सरकार ने शहरी और ग्रामीण काडर खत्म करने का निर्णय लिया है।इसके साथ नई शिक्षा नीति के तहत अंग्रेजी माध्यम के परिषदीय स्कूलों को भी बंद करने का निर्णय लिया गया है। बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने कानपुर में ये ऐलान किए।


बीएनएसडी शिक्षा निकेतन में बुधवार को आयोजित गुरु वंदना कार्यक्रम में भाग लेने आए बेसिक शिक्षा मंत्री पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि परिषदीय शिक्षा में शिक्षकों के नगरीय और ग्रामीण काडर को समाप्त कर दिया जाएगा। इससे शिक्षकों के ग्रामीण क्षेत्र से नगरों में स्थानांतरण आसान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षक सरप्लस हैं और नगरीय क्षेत्र में शिक्षकों की कमी है। काडर समाप्त होने से शिक्षकों की नगर क्षेत्र में कमी खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अंग्रेज़ी माध्यम के परिषदीय स्कूल खोले गए थे लेकिन अब नई शिक्षा नीति में इसे समाप्त कर दिया जाएगा।


सभी स्कूलों में मातृभाषा में पढ़ाई होगी। इसकी तैयारी कर ली गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानाध्यापकों को टैबलेट दिए जाने हैं। इसके लिए एक समिति आईआईटी कानपुर की राय लेगी। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

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