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Tuesday, February 8, 2022

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अरूणाचल में बर्फीले तूफान में फंसे 7 जवान शहीद.. हिमाचल के घुमारवीं का और एक कांगड़ा का जवान ,दुखद

Posted: 08 Feb 2022 09:19 AM PST

बिलासपुर. हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh)  के बिलासपुर जिले (Bilaspur District) के उपमंडल घुमारवीं (Ghumaravi) की पंचायत सेऊ के गांव सेऊ (Seu) का फौजी जवान अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh)  में बर्फीले तूफान में लापता हो गए थे. इस खबर के बाद से ही उनके परिवार वाले और शुभचिंतक खासे परेशान थे. वे उनके सकुशल मिलने की प्रार्थना कर रहे थे लेकिन हिमाचल से हाल ही आई खबर दिल दुखाने वाली है. खबर है कि हिमस्खलन की चपेट में आए बिलासपुर घुमारवीं के गांव सेऊ के 21 वर्षीय अंकेश भारद्वाज (Ankesh Bhardwaj) शहीद हो गए हैं.

इस खबर के बाद से पूरा परिवार और गांव सकते में है. सभी अंकेश के लौटने की उम्मीद कर रहे थे लेकिन इस खबर के बाद से किसी को भी यकीन नहीं हो रहा है कि​ अब अंकेश हमारे बीच नहीं रहे. बता दें कि पेट्रोलिंग पार्टी में शामिल अंकेश के साथ कुल सात जवान लापता हैं. अभी बाकी जवानों की तलाश की जारी है.

दरअसल ये सातों जवानों का गस्ती दल अरुणाचल की दुर्गम पहाड़ियों पर गश्त कर रहा था. अचानक खराब मौसम और बर्फीला तूफान आने की वजह से यह दल 6 फरवरी को लपाता हो गया था. इन जवानों का पिछले 24 घंटों से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी कोई पता नहीं चल पाया है. ऐसे में अंकेश की मौत की खबर के बाद से अन्य जवानों के परिजन भी खासे परेशान हैं.

राजस्थान सहायक जनसंपर्क के पदों पर निकली भर्ती, फटाफट यहाँ से ऑनलाइन करें आवेदन

Posted: 07 Feb 2022 09:21 PM PST

राजस्थान सहायक जनसंपर्क के पदों पर निकली भर्ती, फटाफट यहाँ से ऑनलाइन करें आवेदन

RSMSSB APRO Recruitment 2022: राजस्थान सरकार के जनसंपर्क विभाग में सहायक जनसंपर्क अधिकारी (एपीआरओ) के 76 पदों पर भर्ती निकाली है। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया 1 बार फिर से शुरू हो गई है। ऐसे में किसी कारणवश पिछली बार आवेदन ना कर पाने वाले इच्छुक अभ्यर्थी राजस्थान एपीआरओ भर्ती 2022 के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस संबंध में राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (आरएसएमएसएसबी), जयपुर ने 24 जनवरी 2022 को एक नोटिस जारी करके जानकारी दी थी।

बता दें कि आवेदन हेतु आधिकारिक वेबसाइट rsmssb.rajasthan.gov.in पर विजिट करना होगा। यहां ऑनलाइन अप्लीकेशन विंडो आज यानी 31 जनवरी 2022 से फिर से एक्टिव कर दी गई है। आवेदन करने की नई आखिरी तारीख 14 फरवरी 2022 है। खास बात यह है कि ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने पहले आवेदन किया था उन्हें फिर से अप्लाई करने की आवश्यकता नहीं है।

RSMSSB APRO Recruitment 2022: शैक्षणिक योग्यता
सहायक जनसंपर्क अधिकारी पदों (RSMSSB APRO Recruitment 2022) के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के पास किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए। साथ ही अभ्यर्थी के पास किसी भी प्रतिष्ठित समाचार पत्र कार्यालय या राज्य सरकार व केंद्र सरकार के जनसंपर्क विभाग में पत्रकारिता का 3 वर्ष का अनुभव होना चाहिए।

RSMSSB APRO Recruitment 2022: आयु सीमा
इन पदों (RSMSSB Recruitment 2022) पर आवेदन करने वाले अभ्यर्थी की उम्र 18 वर्ष से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए। वहीं अधिकतम उम्र सीमा में एससी, एसटी, अति पिछड़ा वर्ग और अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को 5 वर्ष की छूट दी गई है। इस भर्ती (RSMSSB Bharti 2022) से संबंधित अधिक जाकनकारी के लिए अभ्यर्थी आधिकारिक वेबसाइट पर जारी नोटिफिकेशन को देख सकते हैं।

RSMSSB APRO Recruitment 2022: आवेदन फीस
सामान्य व ओबीसी वर्ग के लिए 450 रुपए आवेदन शुल्क निर्धारित किया गया है। वहीं एससी व एसटी वर्ग को 250 रुपए आवेदन फीस देना होगा।

RSMSSB APRO Recruitment 2022: चयन प्रक्रिया

अभ्यर्थियों का चयन (Sarkari Naukri 2022) लिखित परीक्षा के जरिए किया जाएगा। अभ्यर्थी इस भर्ती से संबंधित अधिक जानकारी के लिए जारी आधिकारिक नोटिफिकेशन देख सकते हैं।

आधिकारिक नोटिफिकेशन

सर्दी में गुड़ खाने से होते है ये 15 चमत्कारिक फायदे

Posted: 07 Feb 2022 09:16 PM PST

सर्दी में गुड़ खाने से होते है ये 15 चमत्कारिक फायदे

गुड़ जैसा कि इसका नाम है यह उतना ही गुणकारी है। खास तौर पर सर्दी के दिनों में इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए अति उत्तम माना गया है। गुड़ खाना वैसे तो आपके स्वास्थ्य और पाचन के लिए लाभदायक होता है, लेकिन सर्दी के मौसम में गुड़ खाने के अपने ही फायदे हैं। गुड़ स्वास्थ्य के लिए अमृत माना गया है क्योंकि गुड़ खाने के बाद यह शरीर में क्षार पैदा करता है जो हमारे पाचन को अच्छा बनाता है। सर्दी के दिनों में गुड़ आपके लिए हर तरह से फायदेमंद है। 

फिलहाल जानिए गुड़ के यह 15 फायदे –

अक्सर भोजन के बाद गुड़ खाने की सलाह दी जाती है। शकर या चीनी को सफेद जहर कहा जाता है यह अम्ल पैदा करती है जो शरीर के लिए हानिकारक है। शकर की तुलना में गुड़ को पचाने में शरीर को काफी कम कैलोरी खर्च करनी होती है। गुड़ में कैल्शियम के साथ-साथ फास्फोरस भी होता है जो अस्थियों को बनाने व उन्हें मजबूती प्रदान करने में सहायक होता है। इसके अलावा मैग्नीशियम, पोटेशियम, आयरन और कुछ मात्रा में कॉपर जैसे स्वास्थ्य वर्धक तत्व होते हैं।

गुड़ में ब्राउन शुगर की अपेक्षा पाँच गुना अधिक और शकर की तुलना में पचास गुना अधिक मिनरल्स होते है। गुड़ की न्यूट्रीशन वैल्यू शहद के बराबर मानी गई है। बच्चे के जन्म के बाद माता को गुड़ देने से कई बड़ी बीमारियां दूर होती हैं यह मिनरल्स की कमी को दूर करता है बच्चे के जन्म के 40 दिनों के अन्दर माता के शरीर में बनने वाले सभी ब्लड क्लाट्स को खत्म करता है। गुड़ आधे सिर के दर्द से बचाव करता है स्त्रियों में मासिक धर्म से सम्बंधित परेशानियों को ठीक करता है।

सर्दी में गुड़ खाने के हैं ये है 15 फायदे

गुड़ की तासीर गर्म होती है, इसलिए सर्दी के दिनों में इसका सेवन आपको गर्माहट देने में बेहद कारगर होता है। सर्दी में गुड़ का प्रति‍दिन सेवन आपको सर्दी, खांसी और जुकाम से भी बचाता है। इन दिनों में गले और फेफड़ों में संक्रमण बहुत जल्दी फैलता है। इससे बचने में भी गुड़ का सेवन आपकी बहुत मदद कर सकता है। सर्दी और संक्रमण की दवाईयों में गुड़ का प्रयोग किया जाता है।

गुड़ शरीर का रक्त साफ करता है और मेटाबॉलिज्म ठीक करता है। रोज एक गिलास पानी या दूध के साथ गुड़ का सेवन पेट को ठंडक देता है। इससे गैस की समस्या नहीं होती। जिन लोगों को गैस की परेशानी है, वो रोज़ लंच या डिनर के बाद थोड़ा गुड़ ज़रूर खाएं।

गुड़ आयरन का मुख्य स्रोत है। इसलिए यह एनीमिया के मरीज़ों के लिए बहुत फायदेमंद है। खासतौर पर महिलाओं के लिए इसका सेवन बहुत अधिक लाभदायक है। गुड़ मैग्नीशियम का एक बेहीतरीन स्रोत है।

गुड़ ब्लड से खराब टॉक्सिन दूर करता है, जिससे त्वचा दमकती है और मुहांसे की समस्या नहीं होती। गुड़ खाने से मांसपेशियों, नसों और रक्त वाहिकाओं को थकान से राहत मिलती है। और खून की कमी दूर करने में भी यह बेहद मददगार साबित होत ह।

ज्यादा थकान और कमजोरी महसूस करने पर गुड़ का सेवन करने से आपका एनर्जी लेवल बढ़ जाता है। गुड़ जल्दी पच जाता है, इससे शुगर का स्तर भी नहीं बढ़ता। दिनभर काम करने के बाद जब भी आपको थकान हो, तुरंत गुड़ खाएं।

गुड़ शरीर के टेंपरेचर को नियंत्रित रखता है। इसमें एंटी एलर्जिक तत्व होते हैं, इसलिए दमा के मरीज़ों के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद होता है।

रोज़ गुड़ के एक टुकड़े के साथ अदरक का सेवन करें, इससे सर्दियों में जोड़ों के दर्द की समस्या नहीं होगी।
गुड़ के साथ पके चावल खाने से बैठा हुआ गला व आवाज खुल जाती है।
गुड़ और काले तिल के लड्डू खाने से सर्दी में अस्थमा की परेशानी नहीं होती ।
जुकाम जम गया हो, तो गुड़ पिघलाकर उसकी पपड़ी बनाकर खिलाएं।
गुड़ और घी मिलाकर खाने से कान का दर्द ठीक हो जाता है।
भोजन के बाद गुड़ खाने से पेट में गैस नहीं बनती ।
पांच ग्राम सौंठ दस ग्राम गुड़ के साथ लेने से पीलिया रोग में लाभ होता है।
गुड़ का हलवा खाने से स्मरण शक्ति बढती है।
पांच ग्राम गुड़ को इतने ही सरसों के तेल में मिलाकर खाने से श्वास रोग से छुटकारा मिलता है।

सर्दियों में बीमारियों से बचने के लिए शरीर को अंदर से गर्म रखना बहुत जरूरी है। शरीर अंदर से गर्म न होने के कारण कई बीमारियों की चपेट में आता है। इस मौसम में शरीर को नेचुरल गर्म रखने और बीमारियों से दूर रहने के लिए आप गुड़ का सेवन कर सकतें है।

बड़े काम का है नागकेसर का फूल, इसके चमत्कारिक औषधीय गुण जानकर हैरान

Posted: 07 Feb 2022 09:14 PM PST

बड़े काम का है नागकेसर का फूल, इसके चमत्कारिक औषधीय गुण जानकर हैरान

शिव प्रिय, मेंहदी के पौधे के समान लगने वाले सहज, सुलभ, सस्ता, पवित्र व प्रभावशाली पौधा तांत्रिक साधना में अति महत्वपूर्ण होता है। नागकेसर के सूखे फूल औषध, मसाले और रंग बनाने के काम में आते हैं। नागकेसर एक छोटा सा पौधा होता है और इसे आयुर्वेद में गुणकारी माना जाता है। नाग केसर को और भी कई नामों से जाना जाता है और इसे नागचम्पा, भुजंगाख्य, हेम और नागपुष्प भी कहा जाता है। नाग केसर दक्षिणी भारत, पूर्व बंगाल, और पूर्वी हिमालय में अधिक पाया जाता है।

प्रायः नागकेसर का ये पौधा गर्मियों के समय खिलाता है। नाग केसर के पौधे पर लगने वाले फूलों का प्रयोग आयुर्वेद में किया जाता है और इसकी मदद से कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं। इनके रंग से प्रायः रेशम रँगा जाता है। श्रीलंका में बीजों से गाढा, पीला तेल निकालते हैं, जो दीया जलाने और दवा के काम में आता है। तमिलनाडु में इस तेल को वातरोग में भी मलते हैं। इसकी लकड़ी से अनेक प्रकार के सामान बनते हैं। नाग केसर में कई सारे औषधियां गुण पाए जाते हैं और ये सेहत के लिए लाभदायक होता है। तो आइए जानते हैं नागकेसर के फायदे।

नागकेसर के फायदे-
खांसी करे दूर

नागकेसर की मदद से खांसी को सही किया जा सकता है। खांसी होने पर आप नागकेसर का काढ़ा बनाकर पी लें। इसका काढ़ा बनाने हेतु आपको इसकी जड़ और छाल की जरूरत पड़ेगी।

पैरों की जलन

गर्मी के मौसम में अक्सर कई लोगों को पैरों में जलन की शिकायत हो जाती है। पैरों में जलन की शिकायत होने पर आप नागकेसर के पत्तों को अच्छे से पीसकर लेप तैयार कर लें और इस लेप में चंदन का पाउडर मिला दें। फिर इस लेप को पैरों पर लगा दें। ये लैप लगाने से जलन सही हो जाएगी।

ओज वृद्धि

नागकेशर, चमेली के पुष्प, अगर, तगर, कुमकुम व घी का लेप बनाकर मस्तक पर लगाने से व्यक्ति तेजवान बनता है।

इस तरह से तैयार करें काढ़ा

आप नागकेसर की जड़ और छाल को अच्छे से साफ कर लें। फिर दो गिलास पानी गैस पर गर्म करने के लिए रख दें। इनके अंदर जड़ और छाल को अच्छे से पीसकर डाल लें। इस पानी को अच्छे से उबाल लें। आप चाहें तो इसके अंदर चीनी भी डाल सकते हैं। जब ये पानी आधा रहे जाए तो आप गैस बंद कर इसे छान लें। थोड़ा ठंडा होने के बाद आप ये काढ़ा पी लें। दिन में दो बार ये काढ़ा पीने से आपकी खांसी तुरंत सही हो जाएगी।


वहीं अगर आप नागकेसर का काढ़ा नहीं पीना चाहते हैं, तो आप 1 ग्राम पीला नागकेसर में थोड़ी सी मिश्री और मक्खन मिला दें और इस मिश्रण को दिन में तीन बार खा लें। इसे खाने से भी खांसी दूर हो जाती है।

हिचकी में सहायक

हिचकी को रोकने के लिए भी नागकेसर लाभदायक होता है और इसे खाने से हिचकी आना बंद हो जाती है। अधिक हिचकी आने पर आप पीला नागकेसर में शहद मिला दें और इसे खा लें। ये मिश्रण खाते ही आपकी खांसी रुक जाएगी।

मासिक-धर्म के विकारों में सहायक

मासिक-धर्म सही समय पर ना आने पर या पेट में दर्द होने पर आप नागकेसर में सफेद चन्दन और पठानी लोध्र का पाउडर मिला दें। फिर रोज इस मिश्रण को पानी के साथ खाएं। ये मिश्रण खाने से मासिक-धर्म के विकार सही हो जाएगा और मासिक धर्म के दौरान होने वाला दर्द भी नहीं होगी।

दर्द हो सही

शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द होने पर आप उस जगह पर नागकेसर का तेल लगा लें। नागकेसर के तेल से मालिश करने से दर्द दूर हो जाएगी। दर्द के अलावा चोट लगने पर आप घाव पर इसका तेल लगा लें। ऐसा करने से घाव सही हो जाएगा और इसमें दर्द भी नहीं होगी। गठियों के दर्द में भी इसके तेल से मालिश की जा सकती है।

जलन हो सही

अन्न नली या आहार नली में जलन की शिकायत होने पर आप पीला नागकेसर की जड़ और छाल का काढ़ा बनाकर पी लें। ये काढ़ा पीने से जलन सही हो जाएगी। वहीं गैस्ट्रिक होने पर आप इसकी छाल और जड़ का पाउडर खा लें। पाउडर खाने से गैस्ट्रिक की समस्या से आपको राहत मिल जाएगी। छाल और जड़ का पाउडर तैयार करने के लिए आप इन दोनों चीजों को अच्छे से धो लें। फिर इनको सूखा लें और मिक्सी में डालकर इन्हें अच्छे से पीस लें। इस पाउडर को आप एक डिब्बी में डालकर रख लें और जब जरूर हो तो इसे खा लें।

हैजा करे खत्म

हैजा पेट से जुड़ा हुआ रोग होता है और अगर सही समय पर इसका इलाज ना किया जाए तो जान तक जा सकती है। हैजा होने पर आप पीले नागकेसर के अंदर बड़ी इलायची, लौंग, बेर की गुठली का पाउडर मिलाकर एक चूर्ण तैयार कर लें। इस चूर्ण में पिसी हुई मिश्री मिला दें और रोज तीन बार ये चूर्ण खाएं। इस चूर्ण को खाने से हैजा सही हो जाता है।

चेहरा बनें सुंदर

चेहरे की त्वचा के लिए भी नागकेसर उत्तम माना जाता है और इसका तेल अगर रोज चेहरे पर लगाया जाए तो चेहरे की रंगत निखर जाती है और चेहरे की नमी हमेशा बरकरार रहती है। इसलिए सुंदर त्वचा पाने के लिए आप अपने चेहरे पर इसका तेल जरूर लगाया करें।

गैस की समस्या से मिले निजा

गैस होने पर आप नागकेसर के अंदर मुलहठी, राल और मिश्री मिलाकर एक चूर्ण तैयार कर लें। फिर रोज गर्म दूध के साथ इस चूर्ण का सेवन करें। ये चूर्ण खाने से पेट में गैस नहीं बनेंगी और गैस की समस्या दूर हो जाएगी।

जुकाम से मिले राहत

जुकाम होने पर आप नागकेसर के पत्तों को अच्छे से पीस लें। फिर इस लेप को अपने सिर पर लगा लें। ये लेप लगाते ही जुकाम सही हो जाएगा और नाक खुल जाएगी।

खुजली भगाएं

शरीर के किसी भी हिस्से में खुजली की शिकायत होने पर आप नागकेसर के तेल से मालिश कर लें। नाग केसर का तेल लगाने से खुजली की समस्या सही हो जाती है औ त्वचा मुलायम भी बन जाती है।

कमजोरी हो दूर

शरीर की कमजोरी को दूर करने में भी नागकेसर लाभदायक होता है और इसे खाने से शरीर की कमजोरी सही हो जाता है। आप नागकेशर को पीसकर चूर्ण बना लें और रोज इस चूर्ण का सेवन करें। ये चूर्ण खाने से शरीर में कमजोरी नहीं होगी। इस चूर्ण को आप शहद के साथ खा सकते हैं।

नागकेसर के नुकसान
नागकेसर के साथ कई तरह के नुकसान भी जुड़े हुए हैं और इसका अधिक सेवन करने से उल्टी की शिकायत हो सकती है।

जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की बीमारी है वो लोग इसका सेवन ना करें। क्योंकि इसे खाने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।
नागकेसर की तासीर गर्म होती है इसलिए आप इसका सेवन संतुलित मात्रा में करें। अधिक नागकेसर खाने से नाक से खून आने की शिकायत हो सकती है। हो सके तो आप इसका सेवन सर्दी के मौसम में ही किया करें।

इस तरह करे सेवनI

नागकेसर का सेवन आप मक्खन और मिश्री के साथ ही करें और दिन में एक ग्राम से अधिक नाग केसर ना खाएं। बच्चों को नाग केसर देने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

गर्दन के कालेपन से पाना चाहते है छुटकारा, तो आजमाएं ये आसान घरेलू नुस्खें

Posted: 07 Feb 2022 09:07 PM PST

गर्दन के कालेपन से पाना चाहते है छुटकारा, तो आजमाएं ये आसान घरेलू नुस्खें

अक्सर लोग अपने चेहरे को चमकाने के लिए कई तरह की क्रीम का प्रयोग करते हैं ताकि उनका चेहरे एकदम साफ और गोरा नजर आए। सभी लड़के-लड़कियां खूबसूरत दिखे के लिए काफी मेहनत करती हैं, चेहरे का तो वे बहुत ख्याल रखते हैं लेकिन गर्दन की देखभाल करना अक्सर भूल जाते है। जिसकी वजह से गर्दन काली पड़ जाती है, जो आपकी सुंदरता को खराब कर देता है। अगर आपकी गर्दन भी काली है, तो इसे आसानी से चमका सकते हैं। गर्दन को चमकाने के लिए आप बस नीचे बताए गए नुस्खों को अपनाएं। इन नुस्खों की मदद से आपकी गर्दन का कालापन दूर हो जाएगा और गर्दन एकदम साफ हो जाएगी।

गर्दन का कालापन दूर करने के लिए आजमाएं ये नुस्खे

नींबू का प्रयोग नींबू का रस गर्दन पर लगाने से गर्दन का कालापन एकदम दूर हो जाता है। आप एक नींबू अच्छे से निचोड़ लें और इस नींबू के रस के अंदर थोड़ा सा गुलाब जल मिला लें और मिश्रण तैयार कर लें। अब इसे गर्दन पर अच्‍छी तरह से लगाकर रातभर के लिए छोड़ दें। सुबह गर्दन को पानी से धो लें। एक हफ्ते तक रोज नींबू के रस को गर्दन पर लगाने से आपकी गर्दन में निखार आ जाएगा और आपकी गर्दन गोरी हो जाएगी।

शहद का उपयोग शहद की मदद से भी गर्दन को चमकाया जा सकता है। आप दो चम्मच शहद के अंदर थोड़ी सी हल्दी मिला दें और एक पेस्ट तैयार कर लें। इस पेस्ट को अपनी गर्दन पर लगा लें। ये पेस्ट आप 15 मिनट तक गर्दन पर लगा रहने दें और जब ये सूख जाए तो गुनगुने पानी की मदद से गर्दन को साफ कर लें। आपकी गर्दन का कालापन खत्म हो जाएगा और गर्दन में निखार आ जाएगा।

नींबू और शहद का पेस्ट दो चम्मच नींबू के रस को शहद में मिलाकर पेस्ट बना लें। अब इसे आधे घंटे गर्दन पर लगा रहने दें। गर्दन की मसाज करते हुए इसे धोएं ऐसा करने से सारी गंदगी निकल जाएगी।

बेसन और दही का पेस्ट 
आप दो चम्मच बेसन के अंदर दही मिला दें और एक पेस्ट तैयार कर लें। इस पेस्ट को गर्दन पर लगा लें और 15 मिनट बाद पानी की मदद से गर्दन को साफ कर लें। आपकी गर्दन का कालापन दूर हो जाएगा। इस पेस्ट को रोज लगाने से महज तीन दिनों में ही आपकी गर्दन साफ हो जाएगी।

खीरा खीरे के रस की मदद से भी गर्दन को साफ किया जा सकता है। खीरे को पीसकर इसमें गुलाबजल मिलाएं। अब इस मिश्रण को 10 मिनट गर्दन पर लगाकर छोड़ दें। मसाज करते हुए इसे पानी से धो लें। रोज नहाने से पहले आप नींबू और खीरे के मिश्रण को अपनी गर्दन पर लगाकर हल्के हाथों से रगड़ा करें। आपकी गर्दन में एकदम चमक जाएगी और गोरी हो जाएगी।

हल्दी हल्दी का प्रयोग प्रचानी समय में खूब किया जाता था और इसे चेहरे के लिए उत्तम माना जाता था। आज भी हल्दी का प्रयोग कई लोग सुदंर त्वचा पाने के लिए करते हैं और इसे चेहरे पर लगाया करते हैं। चेहरे की तरह ही आप हल्दी को अपनी गर्दन पर भी लगा सकते हैं। हल्दी को गर्दन पर लगाने से गर्दन साफ हो जाती है और गर्दन पर जमा काला पन दूर हो जाता है। हल्दी का पेस्ट तैयार करने के लिए आप दही के अंदर दो चम्मच हल्दी डाल दें और इस पेस्ट को लगा लें।

शिवलिंग पर हर सोमवार चढ़ाये ये चीजें, खुल जायेंगे भाग्य के द्वार

Posted: 07 Feb 2022 09:02 PM PST

शिवलिंग पर हर सोमवार चढ़ाये ये चीजें, खुल जायेंगे भाग्य के द्वार

भगवान शिव का वार सोमवार माना जाता है। सोमवार के दिन भोलेनाथ की पूजा की जाती है। ऐसे में कहा जाता है कि यदि सोमवार को अगर भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा की जाए तो सारे क्लेशों से मुक्ति मिलती है और मनोकामना पूर्ण होती है। भगवान शिव ऐसे देवता हैं जो भक्तों से काफी जल्दी और सरलता से प्रसन्न हो जाते हैं। यही कारण हैं कि शिव जी को भोलेनाथ नाम से भी जाना जाता है।

वैसे तो भोलेनाथ एक लोटा जल चढ़ाने मात्रा से ही प्रसन्न हो जाते हैं। शिव सदा अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। इसलिए मान्यता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सोमवार को सुबह उठकर स्नान करके भगवान शिव की आराधना करें। उनकी पूजा विधिवत करने पर मनचाहा फल मिलता है। शिवलिंग की पूजा का महत्व बढ़ जाता है। शिवलिंग पर ये खास चीजें अर्पित करने से उनकी कृपा हमेशा बनी रहेगी।

कच्चे चावाल- सोमवार को भक्त भोलेनाथ पर चावल चढ़ाएं, ऐसा करने से आपको कभी धन की कमी नहीं होगी और धन की प्राप्ति होगी। पूजा करते समय कच्चे चावल शिवलिंग को जरूर अर्पित करें। कच्चे चावल शिवलिंग पर चढ़ाने से इंसान को आर्थिक लाभ मिलता है। ध्यान देने योग्य बात, शिवलिंग पर केवल साफ और अखंड चावल के दाने ही चढ़ाएं। मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग पर खंडित चावल नहीं चढ़ाये जाते है।

जौ- शास्त्रों में जौं को पवित्र अन्न बताया गया है, मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग पूजा करते समय जौं का प्रयोग इंसान की समस्त परेशानियों से निजात दिलाता है। इसलिए अगर आप कोई समस्या में या परेशानी में हैं तो आप शिवलिंग पर हर सोमवार के दिन जौ को चढ़ाया करें। भगवान् भोले कृपा बनायेगे।

दूध और चीनी- भोला भंडारी बैसे तो सिर्फ एक लोटे जल से ही भक्तो की हर मुराद पूरी करते है, लेकिन अगर शिवलिंग पर मीठा दूध अर्पित किया जाए तो ये अतयंत लाभकारी माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पर मीठा दूध और मिस्ठान अर्पण करने से भोले नाथ अत्यंत प्रसन्न होते है। इसलिए जो लोग पढ़ाई कर रहे हैं वो सोमवार के दिन चीनी वाला दूध शिवलिंग को अर्पित करें। आप चाहें तो दूध के अंदर चीनी की जगह शहद भी डाल सकते हैं।

गेहूं- जिन दंपत्ति की कोई भी संतान नहीं है वो हर सोमवार को मंदिर जाकर शिवलिंग का जल अभिषेक करें और जल अभिषेक करने के बाद कुछ गेहूं के दाने शिवलिंग पर अर्पित करें। ऐसा करने से दंपत्ति को पुत्र की प्राप्ति हो जाती है।

गाय का दूध- गाय का दूध अत्यंत पवित्र माना जाता है, शास्त्रों के अनुसार गाय में 64 करोड़ देवी देवताओ का निवास होता है। इस लिए शिवलिंग पर गाय का दूध चढ़ाने से ब्यक्ति की हर मनोकामना भगवान् भोले पूर्ण करते है। जो ब्यक्ति नियमित रूप से शिवलिंग पर गाय का दूध अर्पित करता है, बह हमेशा निरोगी रहता है। भगवान् भोले का आशीर्वाद हमेशा उसके ऊपर रहता है।

शिव पूजन में प्रयोग होने बाली वस्तुए जल, दूध, दही, शहद, घी, चीनी, इत्र, चंदन, केसर, भांग। इन सभी चीजों को एक साथ मिलाकर या एक-एक चीज शिवलिंग पर चढ़ा सकते हैं। शिवपुराण में बताया गया है कि इन चीजों से शिवलिंग को स्नान कराने पर सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

शिव पूजन सामान्य विधि जिस दिन शिव पूजन करना चाहते हैं, उस दिन सुबह स्नान आदि नित्य कर्मों से निवृत्त होकर पवित्र हो जाएं। इसके बाद घर के मंदिर में ही या किसी शिव मंदिर जाएं। मंदिर पहुंचकर भगवान शिव के साथ माता पार्वती और नंदी को गंगाजल या पवित्र जल अर्पित करें। जल अर्पित करने के बाद शिवलिंग पर चंदन, चावल, बिल्वपत्र, आंकड़े के फूल और धतूरा चढ़ाएं।

जल्द मां लक्ष्मी की इन 4 राशियों पर बरसने वाली है कृपा, सूर्य के राशि परिवर्तन से मिलेगा लाभ

Posted: 07 Feb 2022 08:56 PM PST

जल्द मां लक्ष्मी की इन 4 राशियों पर बरसने वाली है कृपा, सूर्य के राशि परिवर्तन से मिलेगा लाभ

Surya Rashi Parivartan 2022: सूर्य का राशि परिवर्तन हर एक महीने बाद होता है। जिसका प्रभाव सभी राशि के लोगों के जीवन पर पड़ता है। वर्तमान में सूर्य देव शनि के साथ मकर राशि में गोचर कर रहे हैं जो 13 फरवरी से कुंभ राशि में गोचर करने लगेंगे। इस राशि में सूर्य के प्रवेश करते ही 4 राशि वालों के अच्छे दिन शुरू हो जायेंगे। ज्योतिष की मानें तो इन राशियों के लोगों पर सूर्य देव और धन की देवी मां लक्ष्मी की विशेष कृपा रहेगी। जिससे हर काम में सुनहरी सफलता मिलने की उम्मीद दिखाई दे रही है।

जल्द मां लक्ष्मी की इन 4 राशियों पर बरसने वाली है कृपा, सूर्य के राशि परिवर्तन से मिलेगा लाभ

मेष राशि: सूर्य के गोचर से इस राशि वालों को लाभ प्राप्त होता दिखाई दे रहा है। आर्थिक स्थिति में जबरदस्त सुधार आने की संभावना है। आय में बढ़ोतरी के प्रबल आसार दिखाई दे रहे हैं। एक से अधिक माध्यमों से धन की प्राप्ति करने में आप सफल रहेंगे। यात्रा के शुभ योग बन रहे हैं। अटका हुआ धन इस अवधि में वापस मिल सकता है। किसी खास दोस्त से मुलाकात हो सकती है।

वृषभ राशि: आपकी किस्मत चमकने के आसार दिखाई दे रहे हैं। आय में बढ़ोतरी होगी। करियर में आप एक अलग पहचान बनाने में कामयाब रहेंगे। पदोन्नति के प्रबल आसार दिखाई दे रहे हैं। धन-दौलत को बढ़ेगी ही साथ ही मान-सम्मान भी प्राप्त होगा। जो जातक नौकरी की तलाश में हैं उन्हें इस दौरान अच्छी नौकरी मिलने के योग बन रहे हैं।

तुला राशि: आपकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी। करियर में अच्छा मुकाम हासिल करने में आप कामयाब रहेंगे। बिजनेस करने वालों को भी लाभ प्राप्त होता नजर आ रहा है। नई योजनाओं पर काम करने से फायदा मिलेगा। जिन लोगों के पास नौकरी नहीं हैं उन्हें इस गोचर से विशेष तौर पर लाभ प्राप्त होता नजर आ रहा है।

धनु राशि: सूर्य के गोचर से आपको धन लाभ होने की उम्मीद रहेगी। धन संबंधी सभी दिक्कतें दूर होंगी। भाग्य का हर काम में साथ मिलेगा। अलग-अलग माध्यमों से धन प्राप्त होने के प्रबल आसार हैं। कार्यस्थल में आपको कोई बड़ पद मिल सकता है। आपके मान-सम्मान में काफी बढ़ोतरी होगी।

मां काली के इस मंत्र का रात में करें प्रयोग, सुबह तक होगा चमत्कार

Posted: 07 Feb 2022 08:53 PM PST

मां काली के इस मंत्र का रात में करें प्रयोग, सुबह तक होगा चमत्कार

भगवान शंकर जितनी शीघ्रता से प्रसन्न होते हैं, नाराज होने पर उतनी ही प्रचंडता से अपना तीसरा नेत्र खोल कर सर्वनाश भी कर देते हैं। मां काली उन्हीं की शक्ति हैं या यह भी कह सकते हैं कि मां भगवती काली ही शिव की प्रेरणा और ऊर्जा है जो इस सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को चलायमान रखे हुए हैं। उनके पलकों के इशारों से ही इस विश्व में तमाम उथल-पुथल होती है।

तांत्रिक ग्रंथों में बताया गया है मां काली को प्रसन्न करने वाला मंत्र
मां भगवती काली और भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तांत्रिक ग्रंथों में एक बहुत ही गुप्त मंत्र बताया गया है। यह मंत्र हर किसी को नहीं दिया जाता, केवल योग्य तथा समर्थ शिष्यों को ही गुरु द्वारा प्रदान किया जाता है। इस मंत्र प्रयोग में मां काली का उनके एक हजार नामों का उच्चारण करते हुए आह्वान किया जाता है। इस प्रकार आह्वान किए जाने के बाद भगवती प्रसन्न होकर अपने भक्तों की समस्त इच्छाओं को पूर्ण करती हैं। मां काली के इस मंत्र को काली सहस्त्रनाम भी कहा जाता है। इसका प्रयोग केवल रात को ही किया जाना चाहिए। यदि सच्चे मन और पूरी श्रद्धा से इस प्रयोग को किया जाए तो एक रात में ही इसका असर दिखाई देने लगता है।

रात के समय ऐसे करें काली सहस्त्रनाम का प्रयोग
इस प्रयोग में रात के समय स्नान आदि से निवृत होकर लाल वस्त्र धारण कर सर्वप्रथम लाल रंग के कपडे पर महाकाली जी का चित्र स्थापित करें। साधक स्वयं लाल आसन का ही प्रयोग करे । हाथ मे किसी भी प्रकार का लाल पुष्प लेकर अपना कामना बोलकर पुष्प को मातारानी के चरणों मे समर्पित करें। रुद्राक्ष माला से ऊँ क्रीं कालिके स्वाहा ऊँ मंत्र का एक माला जाप सहस्त्रनाम पाठ से पूर्व और अंत मे करे तो शीघ्र सफलता प्राप्त होती है।

यह साधना मंगलवार अथवा शनिवार से ही आरंभ करनी चाहिए। यदि दक्षिण दिशा में मुख करके जप करने से समस्त प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं और उत्तर दिशा में मुख करने जप करने से मां के दर्शन होते हैं। इसी प्रकार पूर्व दिशा में मुख करके जप करने से वाक सिद्धि (अर्थात् जो कह दे, वही सत्य हो जाए) मिलती है तो पश्चिम दिशा में मुंह करके जप करने से अखंड धन-सौभाग्य मिलता है।
प्रयोग इस प्रकार है-

विनियोग

अस्य श्री श्मशानकालिका सहस्त्रनाम स्तोत्रस्य
महाकाल भैरव ऋषिस्त्रिष्टुप छन्द: श्मशानजाली देवता,
धर्मार्थ-काम-मोक्षार्थे ,अर्थ संतान सुख प्राप्त्यर्थे जपे विनियोग:।इस प्रकार हाथ में जल लें और उपरोक्त विनियोग बोलकर उसे जमीन पर छोड़ दें

काली-सहस्रनामश्मशान-कालिका काली भद्रकाली कपालिनी । गुह्य-काली महाकाली कुरु-कुल्ला विरोधिनी ।।1।।
कालिका काल-रात्रिश्च महा-काल-नितम्बिनी । काल-भैरव-भार्या च कुल-वत्र्म-प्रकाशिनी ।।2।।
कामदा कामिनी कन्या कमनीय-स्वरूपिणी । कस्तूरी-रस-लिप्ताङ्गी कुञ्जरेश्वर-गामिनी।।3।।
ककार-वर्ण-सर्वाङ्गी कामिनी काम-सुन्दरी । कामार्ता काम-रूपा च काम-धेनु: कलावती ।।4।।
कान्ता काम-स्वरूपा च कामाख्या कुल-कामिनी । कुलीना कुल-वत्यम्बा दुर्गा दुर्गति-नाशिनी ।।5।।
कौमारी कुलजा कृष्णा कृष्ण-देहा कृशोदरी । कृशाङ्गी कुलाशाङ्गी च क्रींकारी कमला कला ।।6।।
करालास्या कराली च कुल-कांतापराजिता । उग्रा उग्र-प्रभा दीप्ता विप्र-चित्ता महा-बला ।।7।।
नीला घना मेघ-नादा मात्रा मुद्रा मिताऽमिता । ब्राह्मी नारायणी भद्रा सुभद्रा भक्त-वत्सला ।।8।।
माहेश्वरी च चामुण्डा वाराही नारसिंहिका । वज्रांगी वज्र-कंकाली नृ-मुण्ड-स्रग्विणी शिवा ।।9।।
मालिनी नर-मुण्डाली-गलद्रक्त-विभूषणा । रक्त-चन्दन-सिक्ताङ्गी सिंदूरारुण-मस्तका ।।10।।
घोर-रूपा घोर-दंष्ट्रा घोरा घोर-तरा शुभा । महा-दंष्ट्रा महा-माया सुदन्ती युग-दन्तुरा ।।11।।
सुलोचना विरूपाक्षी विशालाक्षी त्रिलोचना । शारदेन्दु-प्रसन्नस्या स्फुरत-स्मेताम्बुजेक्षणा ।।12।।
अट्टहासा प्रफुल्लास्या स्मेर-वक्त्रा सुभाषिणी । प्रफुल्ल-पद्म-वदना स्मितास्या प्रिय-भाषिणी ।।13।।
कोटराक्षी कुल-श्रेष्ठा महती बहु-भाषिणी । सुमति: कुमतिश्चण्डा चण्ड-मुण्डाति-वेगिनी ।।14।।
प्रचण्डा चण्डिका चण्डी चर्चिका चण्ड-वेगिनी । सुकेशी मुक्त-केशी च दीर्घ-केशी महा-कचा ।।15।।
प्रेत-देहा -कर्ण-पूरा प्रेत-पाणि-सुमेखला । प्रेतासना प्रिय-प्रेता प्रेत-भूमि-कृतालया ।।16।।
श्मशान-वासिनी पुण्या पुण्यदा कुल-पण्डिता । पुण्यालया पुण्य-देहा पुण्य-श्लोका च पावनी ।।17।।
पूता पवित्रा परमा परा पुण्य-विभूषणा । पुण्य-नाम्नी भीति-हरा वरदा खङ्ग-पाशिनी ।।18।।
नृ-मुण्ड-हस्ता शस्त्रा च छिन्नमस्ता सुनासिका । दक्षिणा श्यामला श्यामा शांता पीनोन्नत-स्तनी ।।19।।
दिगम्बरा घोर-रावा सृक्कान्ता-रक्त-वाहिनी । महा-रावा शिवा संज्ञा नि:संगा मदनातुरा ।।20।।
मत्ता प्रमत्ता मदना सुधा-सिन्धु-निवासिनी । अति-मत्ता महा-मत्ता सर्वाकर्षण-कारिणी ।।21।।
गीत-प्रिया वाद्य-रता प्रेत-नृत्य-परायणा । चतुर्भुजा दश-भुजा अष्टादश-भुजा तथा ।।22।।
कात्यायनी जगन्माता जगती-परमेश्वरी । जगद्-बन्धुर्जगद्धात्री जगदानन्द-कारिणी ।।23।।
जगज्जीव-मयी हेम-वती महामाया महा-लया । नाग-यज्ञोपवीताङ्गी नागिनी नाग-शायनी ।।24।।
नाग-कन्या देव-कन्या गान्धारी किन्नरेश्वरी । मोह-रात्री महा-रात्री दरुणाभा सुरासुरी ।।25।।
विद्या-धारी वसु-मती यक्षिणी योगिनी जरा । राक्षसी डाकिनी वेद-मयी वेद-विभूषणा ।।26।।
श्रुति-स्र्मृतिर्महा-विद्या गुह्य-विद्या पुरातनी । चिंताऽचिंता स्वधा स्वाहा निद्रा तन्द्रा च पार्वती ।।27।।
अर्पणा निश्चला लीला सर्व-विद्या-तपस्विनी । गङ्गा काशी शची सीता सती सत्य-परायणा ।।28।।
नीति: सुनीति: सुरुचिस्तुष्टि: पुष्टिर्धृति: क्षमा । वाणी बुद्धिर्महा-लक्ष्मी लक्ष्मीर्नील-सरस्वती ।।29।।
स्रोतस्वती स्रोत-वती मातङ्गी विजया जया । नदी सिन्धु: सर्व-मयी तारा शून्य निवासिनी ।।30।।
शुद्धा तरंगिणी मेधा लाकिनी बहु-रूपिणी । सदानन्द-मयी सत्या सर्वानन्द-स्वरूपणि ।।31।।
स्थूला सूक्ष्मा सूक्ष्म-तरा भगवत्यनुरूपिणी । परमार्थ-स्वरूपा च चिदानन्द-स्वरूपिणी ।।32।।
सुनन्दा नन्दिनी स्तुत्या स्तवनीया स्वभाविनी । रंकिणी टंकिणी चित्रा विचित्रा चित्र-रूपिणी ।।33।।
पद्मा पद्मालया पद्म-मुखी पद्म-विभूषणा । शाकिनी हाकिनी क्षान्ता राकिणी रुधिर-प्रिया ।।34।।
भ्रान्तिर्भवानी रुद्राणी मृडानी शत्रु-मर्दिनी । उपेन्द्राणी महेशानी ज्योत्स्ना चन्द्र-स्वरूपिणी ।।35।।
सुय्र्यात्मिका रुद्र-पत्नी रौद्री स्त्री प्रकृति: पुमान् । शक्ति: सूक्तिर्मति-मती भक्तिर्मुक्ति: पति-व्रता ।।36।।
सर्वेश्वरी सर्व-माता सर्वाणी हर-वल्लभा । सर्वज्ञा सिद्धिदा सिद्धा भाव्या भव्या भयापहा ।।37।।
कत्र्री हत्र्री पालयित्री शर्वरी तामसी दया । तमिस्रा यामिनीस्था च स्थिरा धीरा तपस्विनी ।।38।।
चार्वङ्गी चंचला लोल-जिह्वा चारु-चरित्रिणी । त्रपा त्रपा-वती लज्जा निर्लज्जा ह्रीं रजोवती ।।39।।
सत्व-वती धर्म-निष्ठा श्रेष्ठा निष्ठुर-वादिनी । गरिष्ठा दुष्ट-संहत्र्री विशिष्टा श्रेयसी घृणा ।।40।।
भीमा भयानका भीमा-नादिनी भी: प्रभावती । वागीश्वरी श्रीर्यमुना यज्ञ-कत्र्री यजु:-प्रिया ।।41।।
ऋक्-सामाथर्व-निलया रागिणी शोभन-स्वरा । कल-कण्ठी कम्बु-कण्ठी वेणु-वीणा-परायणा ।।42।।
वंशिनी वैष्णवी स्वच्छा धात्री त्रि-जगदीश्वरी । मधुमती कुण्डलिनी शक्ति: ऋद्धि: सिद्धि: शुचि-स्मिता ।।43।।
रम्भोर्वशी रती रामा रोहिणी रेवती रमा । शङ्खिनी चक्रिणी कृष्णा गदिनी पद्मनी तथा ।।44।।
शूलिनी परिघास्त्रा च पाशिनी शान्र्ग-पाणिनी । पिनाक-धारिणी धूम्रा सुरभि वन-मालिनी ।।45।।
रथिनी समर-प्रीता च वेगिनी रण-पण्डिता । जटिनी वज्रिणी नीला लावण्याम्बुधि-चन्द्रिका ।।46।।
बलि-प्रिया महा-पूज्या पूर्णा दैत्येन्द्र-मन्थिनी । महिषासुर-संहन्त्री वासिनी रक्त-दन्तिका ।।47।।
रक्तपा रुधिराक्ताङ्गी रक्त-खर्पर-हस्तिनी । रक्त-प्रिया माँसप्त रुधिरासवासक्त-मानसा ।।48।।
गलच्छोणित-मुण्डालि-कण्ठ-माला-विभूषणा । शवासना चितान्त:स्था माहेशी वृष-वाहिनी ।।49।।
व्याघ्र-त्वगम्बरा चीर-चेलिनी सिंह-वाहिनी । वाम-देवी महा-देवी गौरी सर्वज्ञ-भाविनी ।।50।।
बालिका तरुणी वृद्धा वृद्ध-माता जरातुरा । सुभ्रुर्विलासिनी ब्रह्म-वादिनि ब्रह्माणी मही ।।51।।
स्वप्नावती चित्र-लेखा लोपा-मुद्रा सुरेश्वरी । अमोघाऽरुन्धती तीक्ष्णा भोगवत्यनुवादिनी ।।52।।
मन्दाकिनी मन्द-हासा ज्वालामुख्यसुरान्तका । मानदा मानिनी मान्या माननीया मदोद्धता ।।53।।
मदिरा मदिरोन्मादा मेध्या नव्या प्रसादिनी । सुमध्यानन्त-गुणिनी सर्व-लोकोत्तमोत्तमा ।।54।।
जयदा जित्वरा जेत्री जयश्रीर्जय-शालिनी । सुखदा शुभदा सत्या सभा-संक्षोभ-कारिणी ।।55।।
शिव-दूती भूति-मती विभूतिर्भीषणानना । कौमारी कुलजा कुन्ती कुल-स्त्री कुल-पालिका ।।56।।
कीर्तिर्यशस्विनी भूषां भूष्या भूत-पति-प्रिया । सगुणा-निर्गुणा धृष्ठा कला-काष्ठा प्रतिष्ठिता ।।57।।
धनिष्ठा धनदा धन्या वसुधा स्व-प्रकाशिनी । उर्वी गुर्वी गुरु-श्रेष्ठा सगुणा त्रिगुणात्मिका ।।58।।
महा-कुलीना निष्कामा सकामा काम-जीवना । काम-देव-कला रामाभिरामा शिव-नर्तकी ।।59।।
चिन्तामणि: कल्पलता जाग्रती दीन-वत्सला । कार्तिकी कृत्तिका कृत्या अयोध्या विषमा समा ।।60।।
सुमंत्रा मंत्रिणी घूर्णा ह्लादिनी क्लेश-नाशिनी । त्रैलोक्य-जननी हृष्टा निर्मांसा मनोरूपिणी ।।61।।
तडाग-निम्न-जठरा शुष्क-मांसास्थि-मालिनी । अवन्ती मथुरा माया त्रैलोक्य-पावनीश्वरी ।।62।।
व्यक्ताव्यक्तानेक-मूर्ति: शर्वरी भीम-नादिनी । क्षेमंकरी शंकरी च सर्व- सम्मोहन-कारिणी ।।63।।
उध्र्व-तेजस्विनी क्लिन्न महा-तेजस्विनी तथा । अद्वैत भोगिनी पूज्या युवती सर्व-मङ्गला ।।64।।
सर्व-प्रियंकरी भोग्या धरणी पिशिताशना । भयंकरी पाप-हरा निष्कलंका वशंकरी ।।65।।
आशा तृष्णा चन्द्र-कला निद्रिका वायु-वेगिनी । सहस्र-सूर्य संकाशा चन्द्र-कोटि-सम-प्रभा ।।66।।
वह्नि-मण्डल-मध्यस्था च सर्व-तत्त्व-प्रतिष्ठिता । सर्वाचार-वती सर्व-देवप्त कन्याधिदेवता ।।67।।
दक्ष-कन्या दक्ष-यज्ञ नाशिनी दुर्ग तारिणी । इज्या पूज्या विभीर्भूति: सत्कीर्तिब्र्रह्म-रूपिणी ।।68।।
रम्भीरुश्चतुरा राका जयन्ती करुणा कुहु: । मनस्विनी देव-माता यशस्या ब्रह्म-चारिणी ।।69।।
ऋद्धिदा वृद्धिदा वृद्धि: सर्वाद्या सर्व-दायिनी । आधार-रूपिणी ध्येया मूलाधार-निवासिनी ।।70।।
आज्ञा प्रज्ञा-पूर्ण-मनाश्चन्द्र-मुख्यानुकूलिनी । वावदूका निम्न-नाभि: सत्या सन्ध्या दृढ़-व्रता ।।71।।
आन्वीक्षिकी दंड-नीतिस्त्रयी त्रि-दिव-सुन्दरी । ज्वलिनी ज्वालिनी शैल-तनया विन्ध्य-वासिनी ।।72।।
अमेया खेचरी धैर्या तुरीया विमलातुरा । प्रगल्भा वारुणीच्छाया शशिनी विस्फुलिङ्गिनी ।।73।।
भुक्ति सिद्धि सदा प्राप्ति: प्राकाम्या महिमाणिमा । इच्छा-सिद्धिर्विसिद्धा च वशित्वीध्र्व-निवासिनी ।।74।।
लघिमा चैव गायित्री सावित्री भुवनेश्वरी । मनोहरा चिता दिव्या देव्युदारा मनोरमा ।।75।।
पिंगला कपिला जिह्वा-रसज्ञा रसिका रसा । सुषुम्नेडा भोगवती गान्धारी नरकान्तका ।।76।।
पाञ्चाली रुक्मिणी राधाराध्या भीमाधिराधिका । अमृता तुलसी वृन्दा कैटभी कपटेश्वरी ।।77।।
उग्र-चण्डेश्वरी वीर-जननी वीर-सुन्दरी । उग्र-तारा यशोदाख्या देवकी देव-मानिता ।।78।।
निरन्जना चित्र-देवी क्रोधिनी कुल-दीपिका । कुल-वागीश्वरी वाणी मातृका द्राविणी द्रवा ।।79।।
योगेश्वरी-महा-मारी भ्रामरी विन्दु-रूपिणी । दूती प्राणेश्वरी गुप्ता बहुला चामरी-प्रभा ।।80।।
कुब्जिका ज्ञानिनी ज्येष्ठा भुशुंडी प्रकटा तिथि: । द्रविणी गोपिनी माया काम-बीजेश्वरी क्रिया ।।81।।
शांभवी केकरा मेना मूषलास्त्रा तिलोत्तमा । अमेय-विक्रमा क्रूरा सम्पत्-शाला त्रिलोचना ।।82।।
सुस्थी हव्य-वहा प्रीतिरुष्मा धूम्रार्चिरङ्गदा । तपिनी तापिनी विश्वा भोगदा धारिणी धरा ।।83।।
त्रिखंडा बोधिनी वश्या सकला शब्द-रूपिणी । बीज-रूपा महा-मुद्रा योगिनी योनि-रूपिणी ।।84।।
अनङ्ग मदनानङ्ग लेखनङ्ग कुशेश्वरी । अनङ्ग-मालिनि-कामेशवरी देवि सर्वार्थ-साधिका ।।85।।
सर्व-मन्त्र-मयी मोहिन्यरुणानङ्ग-मोहिनी । अनङ्ग-कुसुमानङ्ग-मेखलानङ्ग रूपिणी ।।86।।
वज्रेश्वरी च जयिनी सर्व-द्वन्द -क्षयंकरी । षडङ्ग-युवती योग-युक्ता ज्वालांशु-मालिनी ।।87।।
दुराशया दुराधारा दुर्जया दुर्ग-रूपिणी । दुरन्ता दुष्कृति-हरा दुध्र्येया दुरतिक्रमा ।।88।।
हंसेश्वरी त्रिकोणस्था शाकम्भर्यनुकम्पिनी । त्रिकोण-निलया नित्या परमामृत-रञ्जिता ।।89।।
महा-विद्येश्वरी श्वेता भेरुण्डा कुल-सुन्दरी । त्वरिता भक्त-संसक्ता भक्ति-वश्या सनातनी ।।90।।
भक्तानन्द-मयी भक्ति-भाविका भक्ति-शंकरी । सर्व-सौन्दर्य-निलया सर्व-सौभाग्य-शालिनी ।।91।।
सर्व-सौभाग्य-भवना सर्व सौख्य-निरूपिणी । कुमारी-पूजन-रता कुमारी-व्रत-चारिणी ।।92।।
कुमारी-भक्ति-सुखिनी कुमारी-रूप-धारिणी । कुमारी-पूजक-प्रीता कुमारी प्रीतिदा प्रिया ।।93।।
कुमारी-सेवकासंगा कुमारी-सेवकालया । आनन्द-भैरवी बाला भैरवी वटुक-भैरवी ।।94।।
श्मशान-भैरवी काल-भैरवी पुर-भैरवी । महा-भैरव-पत्नी च परमानन्द-भैरवी ।।95।।
सुधानन्द-भैरवी च उन्मादानन्द-भैरवी । मुक्तानन्द-भैरवी च तथा तरुण-भैरवी ।।96।।
ज्ञानानन्द-भैरवी च अमृतानन्द-भैरवी । महा-भयंकरी तीव्रा तीव्र-वेगा तपस्विनी ।।97।।
त्रिपुरा परमेशानी सुन्दरी पुर-सुन्दरी । त्रिपुरेशी पञ्च-दशी पञ्चमी पुर-वासिनी ।।98।।
महा-सप्त-दशी चैव षोडशी त्रिपुरेश्वरी । महांकुश-स्वरूपा च महा-चक्रेश्वरी तथा ।।99।।
नव-चक्रेश्वरी चक्रेश्वरी त्रिपुर-मालिनी । राज-राजेश्वरी धीरा महा-त्रिपुर-सुन्दरी ।।100।।
सिन्दूर-पूर-रुचिरा श्रीमत्त्रिपुर-सुन्दरी । सर्वांग-सुन्दरी रक्ता रक्त-वस्त्रोत्तरीयिणी ।।101।।
जवा-यावक-सिन्दूर -रक्त-चन्दन-धारिणी । जवा-यावक-सिन्दूर -रक्त-चन्दन-रूप धृक 77102 77
चामरी बाल-कुटिल-निर्मला-श्याम-केशिनी । वज्र-मौक्तिक-रत्नाढ्या-किरीट-मुकुटोज्ज्वला ।।103।।
रत्न-कुण्डल-संसक्त-स्फुरद्-गण्ड-मनोरमा । कुञ्जरेश्वर-कुम्भोत्थ-मुक्ता-रञ्जित-नासिका ।।104।।
मुक्ता-विद्रुम-माणिक्य-हाराढ्य-स्तन-मण्डला । सूर्य-कान्तेन्दु-कान्ताढ्य-स्पर्शाश्म-कण्ठ-भूषणा ।।105।।
वीजपूर-स्फुरद्-वीज -दन्त पंक्तिरनुत्तमा । काम-कोदण्डकाभुग्न-भ्रू-कटाक्ष-प्रवर्षिणी ।।106।।
मातंग-कुम्भ-वक्षोजा लसत्कोक-नदेक्षणा । मनोज्ञ-शष्कुली-कर्णा हंसी-गति-विडम्बिनी ।।107।।
पद्म-रागांगद-ज्योतिर्दोश्चतुष्क-प्रकाशिनी । नाना-मणि-परिस्फूर्जच्दृद्ध-कांचन-कंकणा ।।108।।
नागेन्द्र-दन्त-निर्माण-वलयांचित-पाणिनी । अंगुरीयक-चित्रांगी विचित्र-क्षुद्र-घण्टिका ।।109।।
पट्टाम्बर-परीधाना कल-मञ्जीर-शिंजिनी । कर्पूरागरु-कस्तूरी-कुंकुम-द्रव-लेपिता ।।110।।
विचित्र-रत्न-पृथिवी-कल्प-शाखि-तल-स्थिता । रत्न-द्वीप-स्फुरद-रक्त-सिंहासन-विलासिनी ।।111।।
षट्-चक्र-भेदन-करी परमानन्द-रूपिणी । सहस्र-दल पद्यान्तश्चन्द्र मण्डल-वर्तिनी ।।112।।
ब्रह्म-रूप-शिव-क्रोड-नाना-सुख-विलासिनी । हर-विष्णु-विरिंचिन्द्र-ग्रह नायक-सेविता ।।113।।
शिवा शैवा च रुद्राणी तथैव शिव-वादिनी । मातंगिनी श्रीमती च तथैवानन्द-मेखला ।।114।।
डाकिनी योगिनी चैव तथोपयोगिनी मता । माहेश्वरी वैष्णवी च भ्रामरी शिव-रूपिणी ।।115।।
अलम्बुषा वेग-वती क्रोध-रूपा सु-मेखला । गान्धारी हस्ति-जिह्वा च इडा चैव शुभंकरी ।।116।।
पिंगला ब्रह्म-सूत्री च सुषुम्णा चैव गन्धिनी । आत्म-योनिब्र्रह्म-योनिर्जगद-योनिरयोनिजा ।।117।।
भग-रूपा भग-स्थात्री भगनी भग-रूपिणी । भगात्मिका भगाधार-रूपिणी भग-मालिनी ।।118।।
लिंगाख्या चैव लिंगेशी त्रिपुरा-भैरवी तथा । लिंग-गीति: सुगीतिश्च लिंगस्था लिंग-रूप-धृक ।।119।।
लिंग-माना लिंग-भवा लिंग-लिंगा च पार्वती । भगवती कौशिकी च प्रेमा चैव प्रियंवदा ।।120।।
गृध्र-रूपा शिवा-रूपा चक्रिणी चक्र-रूप-धृक । लिंगाभिधायिनी लिंग-प्रिया लिंग-निवासिनी ।।121।।
लिंगस्था लिंगनी लिंग-रूपिणी लिंग-सुन्दरी । लिंग-गीतिमहा-प्रीता भग-गीतिर्महा-सुखा ।।122।।
लिंग-नाम-सदानंदा भग-नाम सदा-रति: । लिंग-माला-कंठ-भूषा भग-माला-विभूषणा ।।123।।
भग-लिंगामृत-प्रीता भग-लिंगामृतात्मिका । भग-लिंगार्चन-प्रीता भग-लिंग-स्वरूपिणी ।।124।।
भग-लिंग-स्वरूपा च भग-लिंग-सुखावहा । स्वयम्भू-कुसुम-प्रीता स्वयम्भू-कुसुमार्चिता ।।125।।
स्वयम्भू-पुष्प-प्राणा स्वयम्भू-कुसुमोत्थिता । स्वयम्भू-कुसुम-स्नाता स्वयम्भू-पुष्प-तर्पिता ।।126।।
स्वयम्भू-पुष्प-घटिता स्वयम्भू-पुष्प-धारिणी । स्वयम्भू-पुष्प-तिलका स्वयम्भू-पुष्प-चर्चिता ।।127।।
स्वयम्भू-पुष्प-निरता स्वयम्भू-कुसुम-ग्रहा । स्वयम्भू-पुष्प-यज्ञांगा स्वयम्भूकुसुमात्मिका ।।128।।
स्वयम्भू-पुष्प-निचिता स्वयम्भू-कुसुम-प्रिया । स्वयम्भू-कुसुमादान-लालसोन्मत्त मानसा ।।129।।
स्वयम्भू-कुसुमानन्द-लहरी-स्निग्ध देहिनी । स्वयम्भू-कुसुमाधारा स्वयम्भू-कुसुमा-कला ।।130।।
स्वयम्भू-पुष्प-निलया स्वयम्भू-पुष्प-वासिनी । स्वयम्भू-कुसुम-स्निग्धा स्वयम्भू-कुसुमात्मिका ।।131।।
स्वयम्भू-पुष्प-कारिणी स्वयम्भू-पुष्प-पाणिका । स्वयम्भू-कुसुम-ध्याना स्वयम्भू-कुसुम-प्रभा ।।132।।
स्वयम्भू-कुसुम-ज्ञाना स्वयम्भू-पुष्प-भोगिनी । स्वयम्भू-कुसुमोल्लासा स्वयम्भू-पुष्प-वर्षिणी ।।133।।
स्वयम्भू-कुसुमोत्साहा। स्वयम्भू-कुसुमोन्मादा स्वयम्भू पुष्प-सुन्दरी ।।134।।
स्वयम्भू-कुसुमाराध्या स्वयम्भू-कुसुमोद्भवा । स्वयम्भू-कुसुम-व्यग्रा स्वयम्भू-पुष्प-पूर्णिता ।।135।।
स्वयम्भू-पूजक-प्रज्ञा स्वयम्भू-होतृ-मातृका । स्वयम्भू-दातृ-रक्षित्री स्वयम्भू-रक्त-तारिका ।।136।।
स्वयम्भू-पूजक-ग्रस्ता स्वयम्भू-पूजक-प्रिया । स्वयम्भू-वन्दकाधारा स्वयम्भू-निन्दकान्तका ।।137।।
स्वयम्भू-प्रद-सर्वस्वा स्वयम्भू-प्रद-पुत्रिणी । स्वम्भू-प्रद-सस्मेरा स्वयम्भू-प्रद-शरीरिणी ।।138।।
सर्व-कालोद्भव-प्रीता सर्व-कालोद्भवात्मिका । सर्व-कालोद्भवोद्भावा सर्व-कालोद्भवोद्भवा ।।139।।
कुण्ड-पुष्प-सदा-प्रीतिर्गोल-पुष्प-सदा-रति: । कुण्ड-गोलोद्भव-प्राणा कुण्ड-गोलोद्भवात्मिका ।।140।।
स्वयम्भुवा शिवा धात्री पावनी लोक-पावनी । कीर्तिर्यशस्विनी मेधा विमेधा शुक्र-सुन्दरी ।।141।।
अश्विनी कृत्तिका पुष्या तैजस्का चन्द्र-मण्डला । सूक्ष्माऽसूक्ष्मा वलाका च वरदा भय-नाशिनी ।।142।।
वरदाऽभयदा चैव मुक्ति-बन्ध-विनाशिनी । कामुका कामदा कान्ता कामाख्या कुल-सुन्दरी ।।143।।
दु:खदा सुखदा मोक्षा मोक्षदार्थ-प्रकाशिनी । दुष्टादुष्ट-मतिश्चैव सर्व-कार्य-विनाशिनी ।।144।।
शुक्राधारा शुक्र-रूपा-शुक्र-सिन्धु-निवासिनी । शुक्रालया शुक्र-भोग्या शुक्र-पूजा-सदा-रति:।।145।।
शुक्र-पूज्या-शुक्र-होमा-सन्तुष्टा शुक्र-वत्सला । शुक्र-मूर्ति: शुक्र-देहा शुक्र-पूजक-पुत्रिणी ।।146।।
शुक्रस्था शुक्रिणी शुक्र-संस्पृहा शुक्र-सुन्दरी । शुक्र-स्नाता शुक्र-करी शुक्र-सेव्याति-शुक्रिणी ।।147।।
महा-शुक्रा शुक्र-भवा शुक्र-वृष्टि-विधायिनी । शुक्राभिधेया शुक्रार्हा शुक्र-वन्दक-वन्दिता ।।148।।
शुक्रानन्द-करी शुक्र-सदानन्दाभिधायिका । शुक्रोत्सवा सदा-शुक्र-पूर्णा शुक्र-मनोरमा ।।149।।
शुक्र-पूजक-सर्वस्वा शुक्र-निन्दक-नाशिनी । शुक्रात्मिका शुक्र-सम्पत् शुक्राकर्षण-कारिणी ।।150।।
शारदा साधक-प्राणा साधकासक्त-मानसा । साधकोत्तम सर्वस्वा साधकाअभक्त रक्तपा ।।151।।
साधकानन्द-सन्तोषा साधकानन्द-कारिणी । आत्म-विद्या ब्रह्म-विद्या पर ब्रह्म स्वरूपिणी ।।152।।
त्रिकूटस्था पञ्चकूटा सर्व-कूट-शरीरिणी । सर्व-वर्ण-मयी देवी जप-माला-विधायिनी ।।153।।
इसके बाद भूमि पर जल छोडकर, छोड़े हुये जल को तीन बार अपने हाथ से स्पर्श करके तीन बार अपने सर से लगा लें।

इस प्रकार प्रतिदिन काली सहस्त्रनाम का जप करने से जन्मकुंडली के समस्त बुरे ग्रहों का असर समाप्त होता है और अन्य नकारात्मक शक्तियां भी स्वतः ही दूर भाग जाती हैं। इस मंत्र का प्रयोग करने वाले व्यक्ति पर किसी भी प्रकार के तंत्र-मंत्र का असर नहीं होता और विश्व की समस्त शक्तियां उसकी इच्छा को पूर्ण करने में सहयोग देती है।

10 रुपये में खरीदे 12 वाट का LED बल्ब, 3 साल की मिलेगी गारंटी, एक परिवार को मिलेंगे 5 बल्ब, ऐसे खरीदें

Posted: 07 Feb 2022 08:44 PM PST

10 रुपये में खरीदे 12 वाट का LED बल्ब, 3 साल की मिलेगी गारंटी, एक परिवार को मिलेंगे 5 बल्ब, ऐसे खरीदें

12 watt-7watt bulb in 10rs: वर्तमान समय में घरों में एलईडी बल्ब काफी ज्यादा इस्तेमाल किए जाते हैं। एलईडी बल्बों के इस्तेमाल से काफी बिजली की बचत होती है। लेकिन खुले बाजार में उच्चकोटि के एलईडी बल्ब की कीमत काफी ज्यादा होती है। अगर आपसे कहा जाए कि आपको केवल 10 रुपये में 12 वाट तक का एलईडी बल्ब मिल सकता है, तो शायद आपको इस बात पर विश्वास नहीं होगा। लेकिन ये एकदम सच है। सस्ते एलईडी बल्ब की योजना केंद्र सरकार ने शुरू की है और इन बल्बों पर 3 साल की गारंटी भी दी जा रही है। आप ये बल्ब कैसे ले सकते हैं आइए बताते हैं।

इन राज्यों में है योजना केंद्र सरकार उजाला योजना अभी सरकार उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में चला रही है। अभी सिर्फ यहां के गांवों के लोग 12 वॉट का एलईडी बल्ब 10 रुपये में खरीद सकते हैं। आप इस सरकारी योजना का फायदा 31 मार्च 2022 तक उठा सकते हैं। आपको बस 10 रुपये देकर बल्द खरीदना है और 50 रुपये देकर आप 5 बल्ब खरीद सकते हैं।

यहां से खरीदें बल्ब ग्राम उजाला योजना के तहत सरकार बिजली की खपत को कम करना चाहती है। एलईडी बल्ब से बिजली की बचती है। बिजली मंत्रालय ने बताया कि एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (EESL) की सहायक कंपनी CESL ने ग्राम उजाला परियोजना के तहत 50 करोड़ बल्ब बांटने का टारगेट रखा है। ये बल्ब इस योजना के तहत लिये जा सकते हैं।

एक परिवार को मिलेंगे 5 बल्ब सीईएसएल (CESL) बिजली की अधिक खपत करने वाले पुराने बल्बों के बदले महज 10 रुपये की कीमत में 3 साल की गारंटी के साथ हाई-क्वालिटी वाले सात वॉट और 12-वॉट के LED बल्ब उपलब्ध करा रही है। इस कार्यक्रम के एक परिवार को अधिकतम पांच बल्ब दिए जा सकते हैं। एलईडी बल्ब की इतनी कम कीमत होने के कारण भी सरकार इसमें कोई सहायता या सब्सिडी नहीं दे रही है।

इंटरव्यू का सवाल : एक ऐसी चीज जो ना आग में जलती है और ना पानी में डूबती है

Posted: 07 Feb 2022 08:37 PM PST

इंटरव्यू का सवाल : एक ऐसी चीज जो ना आग में जलती है और ना पानी में डूबती है

यूपीएससी की परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षा और विश्व की सबसे दूसरी कठिन परीक्षा है। भारत में हर साल हजारों छात्र आईएएस बनने का ख्वाब लेकर इस परीक्षा देते हैं। परीक्षा में सफल होने के लिए कैंडिडेट दिन रात मेहनत करते हैं। पर बहुत कम है जो इस परीक्षा में सफल हो पाते हैं और अपना सपना पूरा कर पाते हैं।

यूपीएससी की परीक्षा 3 राउंड्स में होती है। जिसमें से दो राउंड लिखित होते हैं और एक राउंड मौखिक इंटरव्यू द्वारा लिया जाता है। इस मौखिक इंटरव्यू में कैंडिडेट के प्रेजेंस ऑफ माइंड और आइक्यू को चेक किया जाता है। अगर हम इस मौखिक इंटरव्यू की बात करें तो इसमें काफी आम से लगने वाले सवाल पूछे जाते हैं परंतु इनके पूछने का तरीका कुछ ऐसा होता है जो कैंडिडेट्स को कंफ्यूज कर देता है। आज हम आपको आईएएस इंटरव्यू में पूछे जाने वाले कुछ सवालों का जवाब बताएंगे…


प्रश्न 1: ऐसी कौन सी चीज है जो एक औरत किसी को भी दे सकती है पर अपने पति को नहीं?

उत्तर : राखी

प्रश्न 2: एक औरत की तरफ इशारा करके एक बच्चे ने कहा कि वह मेरी माता के पति की माता की पुत्री है। तो वह औरत उस बच्चे की क्या लगी?
उत्तर : बुआ

प्रश्न 3: वह कौन सा इंसान है जो बिना टिकट के ट्रेन पर सफर कर सकता है?
उत्तर : नवजात शिशु

प्रश्न 4: अदालत में गीता पर हाथ रखकर कसम क्यों दिलवा देते हैं?
उत्तर : ऐसा सिर्फ फिल्मों में होता है।

प्रश्न 5: नेत्रदान के लिए डाक्टर क्या पूरी आँख काटकर लगा देता हैं ?

उत्तर : वैज्ञानिक तौर पर इस सवाल का सही जवाब है नेत्र दान में दाता की आँख के कार्निया भाग का उपयोग किया जाता है। वर्तमान में आई ट्रांसप्लांट करने की कोई सर्जरी उपलब्ध नहीं है उसके अलग-अलग पार्ट की सर्जरी की जाती है जैसे रेटिना, कॉर्निया आईडीएफसी प्याली आदि के द्वारा मरीज की जरूरत के हिसाब से सर्जरी की जाती है।

प्रश्न 6: ट्रक ड्राइवर रॉन्ग साइड जा रहा है तो पुलिस उसे क्यों नहीं रोक रहे?
उत्तर : क्योंकि वह पैदल चल रहा है।

प्रश्न 7: आदमी की वह कौन सी चीज है जो हमेशा बढ़ती रहती हैं ?
उत्तर : उम्र

प्रश्न 8: वह कौन सी चीज़ है जो आग में नही जलती और पानी में नहीं डूबती ?
उत्तर : बर्फ

प्रश्न 9: भारत का वह कौन सा राज्य है, जहा की लड़कियां सबसे ज्यादा लंबी होती हैं ?
उत्तर : जम्मू और कश्मीर

प्रश्न 10: बुर्ज खलीफा के मालिक कौन हैं ?
उत्तर : अबू धाबी के शासक और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति एच एच शेख खलीफा बिन जायद बुर्ज खलीफा के मालिक हैं।

वनडे के 10 ओवर में सबसे ज्यादा रन रन लुटाने वाले टॉप-5 बल्लेबाज

Posted: 07 Feb 2022 08:32 PM PST

वनडे के 10 ओवर में सबसे ज्यादा रन रन लुटाने वाले टॉप-5 बल्लेबाज

आजकल फटाफट क्रिकेट का जमाना है. लोग टी20 और वनडे क्रिकेट को देखना ज्यादा पसंद करते हैं. वनडे क्रिकेट में बल्लेबाज तेजी से रन बनाते हैं और खूब चौके-छक्के भी लगाते हैं. आज हम आपको उन पांच गेंदबाजों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने वनडे के 10 ओवर में सबसे ज्यादा रन लुटाए हैं.

एमएल लेविस इस लिस्ट में पहले नंबर पर पूर्व ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज एमएल लेविस का नाम आता है. जिन्होंने 2006 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ एक वनडे मैच के दौरान अपने स्पेल के 10 ओवर में 113 रन लुटा दिए थे और एक भी विकेट हासिल नहीं किया था.

वहाब रियाज लिस्ट में दूसरे नंबर पर पाकिस्तान के गेंदबाज वहाब रियाज आते हैं. इंग्लैंड के खिलाफ 30 अगस्त 2016 को नॉटिंघम के मैदान पर अपने 10 ओवर में कुल 110 रन दे डाले थे. इस दौरान उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला था.

भुवनेश्वर कुमार भारतीय टीम के बेहतरीन तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर है. 2015 में साउथ अफ्रीका के विरुद्ध मुंबई के मैदान पर खेलते हुए भुवनेश्वर कुमार ने 10 ओवर में 106 रन लुटा दिए थे. इस दौरान उन्हें केवल एक ही विकेट हासिल हुआ था.

नुवान प्रदीप श्रीलंका के तेज गेंदबाज नुवान प्रदीप ने 2017 में भारत के खिलाफ खेलते हुए मोहाली के मैदान पर 10 ओवर में 106 रन लुटा दिए थे.

टिम साउदी इस लिस्ट में पांचवे नंबर पर न्यूजीलैंड के तेज पूर्व तेज गेंदबाज टिम साउदी का नाम आता है. जिन्होंने 2009 में क्राइस्टचर्च में भारत के खिलाफ खेले गए अपने कोटे के 10 ओवर में 105 रन लुटा दिए थे और इस दौरान उन्हें कोई विकेट भी नहीं मिला था.

बैंक में 500 पदों पर आई भर्ती, 38 साल तक के उम्मीदवार कर सकते हैं आवेदन

Posted: 06 Feb 2022 08:02 PM PST

बैंक में 500 पदों पर आई भर्ती, 38 साल तक के उम्मीदवार कर सकते हैं आवेदन

Bank of Maharashtra Vacancy 2022 बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने Generalist Officers पदों के लिए भर्ती प्रकाशित की है इक्छुक उम्मीदवार से अनुरोध है की इस सरकारी रोजगार में आवेदन करने से पहले सारी जानकारियां ले उसके बाद ही अपनी योग्यता के अनुसार आवेदन करे।

नोटिफिकेशन व आवेदन का लिंक नीचे दिया गया है।

Educational Qualification (शैक्षिक योग्यता)

Degree या इसके सामान उपाधि होने पर भी स्वीकृति है अधिक जानकारी पाने के लिए प्रकाशित नोटिफिकेशन देखे।

Name of Posts (पदों के नाम एवं संख्या)

रिक्त पदों की संख्या - 500 पद
जनरलिस्ट ऑफिसर्स

Important Dates (जरुरी तिथि )

नौकरी प्रकाशित होने की तिथि: 04-02-2022
आवेदन करने के लिए अंतिम तिथि: 22-02-2022
Age Limit (रोजगार में आयु सीमा)

जनरलिस्ट ऑफिसर्स स्केल II - 25 से 35 वर्ष
जनरलिस्ट ऑफिसर्स स्केल III - 25 से 38 वर्ष

Selection Process (चयन प्रक्रिया)

इंटरव्यू, ऑनलाइन टेस्ट, में परफॉरमेंस के अनुसार इस रोजगार में प्रत्याशी का चयन होगा |
Salary (वेतनमान)

नोटिफिकेशन के अनुसार प्रकाशित Govt Job में सैलेरी 48,170/- से 69,810/- तक होगी |

Application Mode (आवेदन प्रक्रिया)

इस रोजगार के लिए आपको आवेदन Online करना होगा सभी उपयोगी जानकारियो को ऑफिसियल वेबसाइट में जाकर भरना होगा।

आवेदन शुल्क (Application Fees)

इस रोजगार में आवेदन शुल्क सम्बंधित जानकारी के लिए प्रकाशित नोटिफिकेशन देखिये |

Notification PDF Click Here
Apply Online Registration | Login


Love Tips: बोरिंग शादीशुदा जिंदगी को कहें Goodbye, इन 5 तरीकों से लौट आएगा Romance

Posted: 06 Feb 2022 07:58 PM PST

बोरिंग शादीशुदा जिंदगी को कहें Goodbye, इन 5 तरीकों से लौट आएगा Romance

आपको जब भी समय मिले, अपने पार्टनर के साथ लॉन्ग ड्राइव पर निकल जाएं. ऐसा करने से आपको एक-दूसरे के साथ वक्त बिताने का मौका मिल जाएगा. इसके अलावा आप साथ में मूवी देखने का भी प्लान बना सकते हैं. ऐसे करने से आप दोनों तरोताजा महसूस करेंगे और आपके रिश्ते में फिर से प्यार और रोमांस की एंट्री हो जाएगी.

प्यार का करें इजहार अगर आप अपने रिश्ते में प्यार और रोमांस को बनाए रखना चाहते हैं तो कभी भी प्यार का इजहार करने से न कतराएं. आपको जब भी मौका मिले, अपने पार्टनर को I Love You बोलें. ऐसा करने से आपके बीच नजदीकियां बढ़ जाएंगी.

हंसी-मजाक करना जरूरी माना कि जिंदगी में कई तरह की परेशानियां होती हैं लेकिन हर समय गंभीर न बने रहें. ऐसा करने से आपके पार्टनर को आपसे बोरियत महसूस होने लगेगी. इसलिए कभी-कभी हंसी-मजाक करें और जोक्स सुनाते रहें. ऐसा करने से आपको जिंदगी में बोरियत महसूस नहीं होगी

साथी को दें जादू की झप्पी अपने साथी को कभी-कभार प्यार से गले लगाना न भूलें. पार्टनर को जादू की झप्पी देने से रिश्ते में प्यार और रोमांस बना रहता है.

एक किस से सब होगा ठीक किसी को चुंबन (Kiss) देना प्यार का इजहार करना होता है. ऐसा करने से आपके रिश्ते में रोमांस बना रहता है. याद रखें, आपको जब भी मौका मिले तुरंत अपने साथी को चूम लें.

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जब मैदान पर खड़ा होकर गुस्सा करने लगे थे श्रीसंत, धोनी ने कहा जाकर गेंद डाल भाई

Posted: 06 Feb 2022 07:52 PM PST

जब मैदान पर खड़ा होकर गुस्सा करने लगे थे श्रीसंत, धोनी ने कहा जाकर गेंद डाल भाई

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने अपने कप्तान रहते हुए मैदान में कई दिलचस्प किस्सों के लिए याद किए जाते हैं। अपने साथी खिलाड़ियों के साथ महेन्द्र सिंह धोनी के कई यादगार किस्से जुड़े रहे। जिसमें कई किस्सों का तो खुलासा हो जाता है। लेकिन कुछ किस्से मैदान में ही सीमित रह जाते हैं।

महेन्द्र सिंह धोनी के साथ एस श्रीसंत का एक किस्सा…

महेन्द्र सिंह धोनी के अपने साथी खिलाड़ियों के साथ बातचीत या अन्य किस्से वैसे तो सामने आ ही जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी वाकये रहे हैं, जिससे हम आज तक अनजान ही रहे हैं। इसी तरह का एक किस्से का खुलासा हुआ है।

ये किस्सा किसी और का नहीं बल्कि भारतीय क्रिकेट इतिहास में सबसे गुस्सैल खिलाड़ी के रूप में याद किए जाने वाले एस श्रीसंत से जुड़ा है। जो भारत की साल 2007 के विश्व टी20 टीम का हिस्सा रहे हैं।
जब श्रीसंत हुए गुस्सा, तो धोनी ने समझाया अपने अंदाज में

भारत की टीम से आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग कांड के बाद से बाहर तेज गेंदबाज शांताकुमारन श्रीसंत अपने ही गुस्सैल स्वभाव के लिए जाने जाते थे। जो मैदान में अपने एग्रेशन से विरोधी टीम से कई बार भिड़ते नजर आए हैं। इसी तरह की आक्रमकता में वो एक बार नजर आए थे।

ये घटना थी साल 2007 के विश्व टी20 को जीतने के बाद करीब एक सप्ताह बाद की। जब भारत, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेल रहा था। जिसमें एस श्रीसंत काफी गुस्सा कर रहे थे, जिसके बाद कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने उन्हें अपनी ही स्टाइल में समझाया।

रॉबिन उथप्पा ने किया इस घटना का खुलासा

इस घटना का खुलासा वैसे इससे पहले कभी नहीं हुआ था, लेकिन इसे आखिरकार 14 साल के बाद भारत के क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा ने किया जो उस वक्त टीम के साथ मैदान में मौजूद थे। रॉबिन उथप्पा ने इस घटना का जिक्र अपने यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से किया।

रॉबिन उथप्पा ने यू-ट्यूब चैनल पर कहा कि

"ये विश्व कप के बाद की बात है और हम लोग हैदराबाद (मैच मुंबई में हुआ था) में ऑस्ट्रेलिया से खेल रहे थे। और जहां तक मुझे लगता है कि या तो एंड्रयू साइमंड्स या माइक हसी बैटिंग करते हुए रुक गए थे। और तब श्रीसंत रुका और स्टंप उखाड़ दिया और कहा कि ये कैसा रहा? कैसा लगा? तो एमएस(धोनी) दौड़ते हुए आए और उसे खींचते हुए कहा कि जाकर गेंद डालो भाई। अगर किसी ने उसे सही से संभाला तो वो एमएस ही थे।"

2007 के टी20 विश्व कप को लेकर भी किया जिक्र

इसके बाद उथप्पा ने भारत की 2007 में टी20 विश्व कप जीत को लेकर और श्रीसंत के द्वारा आखिरी कैच को लेकर भी बात की

उथप्पा ने आगे कहा कि

"मैं लॉन्ग ऑन पर खड़ा था। उस मैच में काफी सारी चीजें हुई थीं। जब गेंद हवा में गई तो मेरा पहला ख्याल था कि ठीक है, शॉर्ट फाइन लेग पर कौन हैं? और जब मैंने देखा कि श्री (श्रीसंत) है तो मैंने दौड़ना शुरू कर दिया था. मैं प्रार्थना कर रहा था कि पकड़ लेना। क्योंकि आप विश्व कप फाइनल पाकिस्तान से नहीं हार सकते। विश्व कप में ऐसा कुछ होता है कि हम हमेशा उनसे बेहतर होते हैं।"

भरी महफिल में परिणीति चोपड़ा को करना पड़ा था शर्मींदगी का सामना

Posted: 06 Feb 2022 07:49 PM PST

भरी महफिल में परिणीति चोपड़ा को करना पड़ा था शर्मींदगी का सामना

बात जब बालिवुड की हो और बात फैशन की न की जायी ऐसा तो संभव ही नहीं है. बालिवुड की अभीनेत्रियां अक्सर अपने फैशन के चक्कर में कई बार ऐसे पलों का शिकार हो जाती हैं जिससे उन्हे शर्मिंदगी झेलनी पड़ जाती है. एक ऐसी ही मूमेंट का शिकार हुई थी एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा.

बता दें एक बार परिणीति चोपड़ा एक पार्टी में पहुची जहां वो एक ऐसा टॉप पहन कर गयी थी जिस पर लाईट पड़ते ही उनके टॉप के अंदर पहने हुए अंडर गारमेंट्स दिखने लगे. बता दे अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा एक बार बालिवुड के मशहूर फैशन डिज़ाइनर मनीषा मल्होत्रा की बर्थडे पार्टी में पहुंची थी. जहां वो शर्मिंदगी भरे पलों की शिकार हो गयीं थी. परिणीती जब पार्टी में पहुची और जैसे ही उनके उनके टॉप पर लाइट पड़ी वैसे ही उनके अंडर गारमेंट्स दिखने लगे जिसके चलते उन्हे पूरी पार्टी में शर्मिंदा होना पड़ा था.

भरी महफिल में परिणीति चोपड़ा को करना पड़ा था शर्मींदगी का सामना

बता दें अभिनेत्री कं साथ ऐसा पहली बार नहीं हुआ था जब परिणीति उप्स मूमेंट के चलते सुर्खियों में आयी थी. इससे पहले भी कई बार एक्ट्रेस ऐसी शिचुऐशन का सामना कर चुकीं हैं. गौरतलब है परिणीति पार्टी में एक हार्ट शेप ब्लैक एंड वाईट टॉप पहन कर पहुचीं थी. पार्टी में जब फोटोग्राफर्स ने परिणीति की फोटो खीचने लगे और फोटोग्राफर्स के कैमरा की लाईट परिणीती के टॉप पर पड़ रही थी वैसे-वैसे परिणीति का वो टॉप पारदर्शी होने लगा जिसके वजह से उनके टॉप के नीचे के अंडर गारमेंटेस दिखने लगे. इस टॉप के साथ परिणीति एक ग्रीन कलर की पैंट पहन रखी थी.

बता दें परिणीति का यह लुक इतना वायरल और एक्पोज़ हुआ जितना कि उनकी किसी शार्ट ड्रेस का लुक भी परवान न चढ़ा होगा. बता दें कि परिणिति अपने इस फैशन से बिल्कुल अंजान थी और उन्हे इस बात का बिल्कुल भी होश न था कि उनकी तस्वीरें भी खिंच रहीं हैं.

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आज भी डोगरा जवानों का हौसला बढ़ाता है लता मंगेशकर का ये गीत

Posted: 06 Feb 2022 07:43 PM PST

आज भी डोगरा जवानों का हौसला बढ़ाता है लता मंगेशकर का ये गीत

सरहदों की रक्षा कर बलिदान देने वालों को अपने गीतों से अमर करने वाली स्वर कोकिला लता मंगेशकर डोगरा सैनिकों व उनके स्वजन के दिल में हमेशा रहेंगी। लता दीदी जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान और चीन से लड़ी जंगों में डोगरा सैनिकों की वीरता की भी कायल थीं। ऐसे में जम्मू-कश्मीर की लेखिका दिवंगत पदमा सचदेव जब लता मंगेशकर के पास पहुंचीं थी तो वह डोगरा सैनिकों की सराहना करते हुए इन पर बहादुरी भरे गीतों को आवाज से अमर करने के लिए तैयार हो गर्इं। इसके बाद उन्होंने ..भला सपाहिया डोगरेया गीत गाया तो सैनिकों में जोश भर पाया।

जम्मू के डोगरी कवि कृष्ण समैलपुरी के लिखा गीत डोगरा सैनिक पर था जो सरहद पर तैनात हैं और घर में उसकी विवाहिता छुट्टी पर अपने का बेसब्री से इंतजार कर रही है। भले ही इसे गीत में लता ने डोगरा सैनिक के परिवार की मनोस्थिति को उजागर किया हो, लेकिन यह देश के हर सैनिक के परिवार की सोच है।

सैनिकों के प्रति असीम प्रेम था

लता जी के दिल में सैनिकों के प्रति असीम प्रेम था। उनके गीत सुनकर युवा अधिकारी के रूप में मेरा भी खून खोलता था। ऐसे में जब वह वर्ष 1979 में राष्ट्रपति नीलम संजीवा रेड्डी का सैन्य सचिव था तो मुझे कई बार उनसे मिलने का मौका मिला। मैंने उनका आभार जताया तो उन्हें मुझसे कहा कि मुझे डोगरा सैनिकों व जम्मू-कश्मीर के लोगों के योगदान के बारे में अच्छी तरह से पता है।

जब स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने गढ़वाली में दिया 'रैबार'

वर्ष 1989 की बात है, निर्माणाधीन गढ़वाली फिल्म 'रैबार' के सोलो गीत की मुंबई में रिकार्डिंग चल रही थी। इसके लिए हमने लालचंद रिकार्डिंग थिएटर को बुक कराया हुआ था। स्वर कोकिला लता मंगेशकर भी उन दिनों उसी थिएटर में रियाज के लिए आती थीं। जब हमें इस बारे में पता चला तो थिएटर के स्वामी से संपर्क किया और पूछा कि क्या लताजी हमारी फिल्म का एक गाना गा सकती हैं। हम इंतजार कर रहे थे कि गीत की फीस कितनी होगी, लेकिन बिना फीस की बात किए ही लताजी ने गीत के लिए हां कर दी। वह मुझसे बोलीं, 'घबराएं नहीं, इस गीत का मुझे हिंदी में अर्थ बता दीजिए, इसे मैं जरूर गाऊंगी। क्योंकि, विशेष रूप से पहाड़ के गीत मैंने पहले कभी नहीं गाए। मुझे पहाड़ बेहद पसंद है।' सुर साम्राज्ञी भारत रत्न लता मंगेशकर से जुड़ी यह यादें फिल्म 'रैबार' के लिए 'मन भरमै गे' गीत लिखने वाले गीतकार देवी प्रसाद सेमवाल ने 'दैनिक जागरण' से साझा कीं।

छत्तीसगढ़ बोली में भी एक गीत में दी थी आवाज

लता मंगेशकर ने छत्तीसगढ़ी फिल्म भखला के लिए एक गीत गाया था। यह गीत छत्तीसगढ़ में शादी के बाद बेटी की विदाई को लेकर है। गीते के बोल 'छूट जाही अंगना अटारी.. छूटही बाबू के पिठइया' थे। इस गीत को मदन शर्मा लिखा था और संगीतकार कल्याण थे। दोनों छत्तीसगढ़ के है।

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