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Tuesday, April 19, 2022

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होमियोपैथी के जनक डा. हैनिमैन की 267वीं जयंती मनी

Posted: 19 Apr 2022 07:41 AM PDT

होमियोपैथी के जनक डा. हैनिमैन की 267वीं जयंती मनी

मढ़ौरा (सारण) :- मढ़ौरा में हैनिमैन अनुयायी संघ के द्वारा डॉ. बीरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में होमियोपैथी के जनक डॉ. हैनिमैन की 267वीं जयंती बहुत हीं धूमधाम से मनायी गयी। जयंती समारोह का उद्घाटन मढ़ौरा के अंचलाधिकारी रवि शंकर पांडेय ने किया। तत्पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. कर्ण सिंह एवं डॉ. सुरेश राजन के हैनिमैन पर गाये गीत के साथ हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. आर. पी. सिंह ने कहा कि किसी भी बीमारी को जड़ मूल से नष्ट करने मे होमियोपैथ से बेहतर कोई अन्य पैथी नहीं हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस पैथी की दवाएं काफी शक्तिशाली होती हैं और रोगों के सिमिलर होती है। इसलिए यह दवाएं रोगों का समूल शमन करने में कारगर हैं। इसलिए चिकित्सक लोग मेहनत कर के इलाज करें और होमियोपैथ को ऊंचाई पर पहुंचाए। संघ के सचिव डॉ. सुमन राय ने संगठन की मजबूती पर ध्यान आकर्षित कराया। डॉ. परमेश्वर गुप्ता ने डॉ. हैनिमैन के जीवन वृत पर विस्तार से प्रकाश डाला। मौके पर संघ के उप सचिव डॉ. एच. के. रंजन ने कार्यक्रम को बहुत ही अच्छे तरीके से मनाया और कहा कि अगले साल जिला स्तर पर हम सब संघ के सभी साथी मिलकर इसे और भी भव्य तरीके से मनाएंगे। इस अवसर पर संघ के सदस्य डॉ. मुकेश कुमार, डॉ. ददन प्रसाद सिंह, डॉ. पीयूष कुमार, डॉ. सुबोध चन्द्र सिंह, डॉ. कल्याण चन्द्र सिंह, डॉ. तान्या कुमारी, डॉ. पी. कुमार, डॉ. विक्रमा प्रसाद यादव, डॉ. निशु नारायण सिंह, डॉ. शिवपूजन सिंह, डॉ. कृष्ण रंजन सिंह, डॉ. दीपक कुमार सिंह, डॉ. लखेन्द्र प्रसाद, डॉ. निशा कुमारी, डॉ. नित्यानंद सहित अन्य कई प्रमुख लोग मौजूद रहे।
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बांग्लादेश के 63 विस्थापित हिन्दू परिवारों का पुनर्वास

Posted: 19 Apr 2022 07:20 AM PDT

बांग्लादेश के 63 विस्थापित हिन्दू परिवारों का पुनर्वास

सीएम योगी ने जमीन और घर की दी सौगात

लखनऊ। बांग्लादेश से 50 साल पहले आए निर्वासित हिंदू परिवारों को अब उत्तर प्रदेश में खेती की जमीन और मकान के लिए सौगात मिली है। लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन परिवारों को पुनर्वास प्रमाण पत्र बांटे और कहा कि पहले की सरकारें इन हिंदू रिफ्यूजियों को लेकर संवेदनहीन बनी रहीं, लेकिन हमने मानवता की मिसाल पेश कर इन्हें पुनर्वसित करने का काम किया। योगी आदित्यनाथ ने इन परिवारों को पट्टे बांटते हुए यह भी कहा कि इन्हें सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ भी दिया जाएगा।
योगी सरकार ने किस तरह इन परिवारों को सौगात दी है, इससे पहले आपको बता दें कि ये उन्हीं 407 हिंदू परिवारों में से हैं, जो 1970 में बांग्लादेश से विस्थापित होकर आए थे। इनमें से 332 परिवारों को देश के विभिन्न हिस्सों में रख गया था। हस्तिनापुर की मदन सूत मिल्स में इन्हें काम दिलवाकर इनके पुनर्वास की कोशिश की गई थी, लेकिन 1984 में मिल बंद हो गई। इसके बाद से मेरठ में 63 परिवार 38 सालों से पुनर्वास की प्रतीक्षा कर रहे थे। योगी ने कहा कि इन विस्थापित हिंदू परिवारों का दर्द पिछली सरकारों ने नहीं समझा। योगी सरकार तो पांच साल से है, लेकिन दूसरे कार्यकाल में ही इन परिवारों की सुध क्यों ली गई? जवाब में सरकार का कहना है कि प्रक्रिया 2017 में ही शुरू कर दी गई थी। '2017 में हमारे सामने कई चुनौतियां थीं। मुसहर, वनटांगिया कोल, भील, थारू की स्थिति बदहाल थी। हमने मैपिंग करके ऐसे परिवारों को 1.08 लाख मुख्यमंत्री आवास दिए। 2017 में सरकार बनने के बाद 38 वनटांगिया गांवों को विकास से जोड़ा। आजादी के बाद पहली बार उन्हें वोट देने का अधिकार मिला।' योगी ने कहा, 'अब इन विस्थापित हिंदू परिवारों के पुनर्वास के लिए एक कॉलोनी के रूप में विकसित करने के कार्य करेंगे। जहां इनके रहने, जीवन जीने की सर्वसुलभता हो। वहां महिलाओं के रोजगार के लिए भी अवसर बनाए जाएंगे। स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित करने का हमारा प्रयास होगा।' पूर्वी पाकिस्तान के विस्थापितों को जमीन देने के लिए यूपी सरकार की तरफ से कैबिनेट बैठक में जो फैसला लिया गया था, उसके अनुसार इन परिवारों को इस तरह सौगात मिलेगी।
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सच में ‘हिजाब’ किसे चाहिऐ ?

Posted: 19 Apr 2022 07:06 AM PDT

सच में 'हिजाब' किसे चाहिऐ ?

    कर्नाटक उच्च न्यायालय ने छात्राआें का हिजाब पहनकर विद्यालय आना अथवा परीक्षा में बैठने पर प्रतिबंध लगाया हैपरंतु अब भी कुछ स्थानों पर हिजाब की अनुमति के लिए आंदोलन भी हो रहे हैं । कुछ हिजाबियों ने परीक्षा में बैठने से नकार दिया है । वास्तव में हिजाब की सक्ती किसे चाहिएइस प्रश्‍न का खुलासा करने के लिए एक अनुभव लिख रहा हूं ।

रेल्वे की हिजाबी कन्याओं से संवाद

     साधारणतः वर्ष 2017 की यह घटना है । मैं भाग्यनगर (हैदराबादमें एक कार्यक्रम के निमित्त से गोवा से रेल्वे से निकला । इस प्रवास के अंतर्गत हुबळी (कर्नाटकरेल्वे स्थानक पर तीन मुस्लिम छात्राएं और उनके अब्बाजान (संभवतदादाजी होंगे ।हमारी रेलगाडी में चढे ।  मेरे आसपास की सीटें इन चारों की होने से मेरी उनसे पहचान हुई । फिर वार्तालाप हुआ ।

      ये तीन कन्याएं ग्यारवीं कक्षा में पढ रही थीं और किसी परीक्षा के लिए भाग्यनगर (हैदराबादजा रही थीं । उनके अभिभावक के रूप में उनके साथ उन कन्याओं में से किसी एक के सगे-संबंधी आए थे । वे लडकियां उन्हें 'अब्बाजान' कह रही थीं । काले रंग का हिजाब पहनी तीनों कन्याएं बातूनी थीं । उनमें से एक तो संपूर्णतबुरखे में ही ढकी थीकेवल चेहरा खुला था । मैंने जिज्ञासावश उनसे पूछा, 'हिजाब का अर्थ क्या है' और 'बुरखा क्या होता है?' उनमें से एक के पिता मस्जिद में मौलाना थेइसलिए उसने विस्तार से इस संदर्भ में इस्लाम की जानकारी दी ।
मैंसे उससे पूछा, 'तुम्हें यह सब कैसे पता ?' तब उसने बताया कि उसके पिता मौलाना हैं और उन्होंने ही यह सब उसे सिखाया है ।

हिजाब एवं घूंंघट पर 'गरम' चर्चा !

       ''गर्मियों के दिन हैं । मई महीने में तो अत्यंत गर्मी होती है । फिर काले रंग का स्कार्फ (हिजाबडालने से तुम्हें गर्मी नहीं लगती ?'' तब उन तीनों ने ही कहा, 'यह हमारे मजहब का फैसला है इसीलिए हमने हिजाब को अपनाया है ।'' उनमें से एक ने आगे कहा, 'आपके धर्म में भी तो घूंंघट डालते हैं । वैसा ही यह हिजाब है ।'' संक्षेप में आपके और हमारे धर्म की सीख एक ही हैऐसा कहने का उसका निरर्थक प्रयत्न था !

      मैंने उन्हें 'घूंंघटप्रथा भारत में कैसे आई'इस बारे में कुछ विस्तार से बताते हुए सुलतानी आक्रमकों द्वारा हिन्दू कन्याओं पर किए गए अत्याचारों का वर्णन किया । मैंने उन्हें बताया कि ''घूंंघटप्रथादहशत के कारण आई । वह कभी हिन्दू धर्म में नहीं थी । हमारी सभी देवी मां कभी घूंघट नहीं डालती थीं''यह सरल-सुलभ शब्दों में उन्हें बताया ।

       घूंघटप्रथा के लिए मेरे इस्लाम को दोष देने से उनमें से एक को क्रोध आया और वह कुछ क्रोधित स्वर में बोली, ''आपने झूठी कहानी बताई है । यह देश पहले मुसलमानों का ही था । गांधी और नेहरू ने हमारे लोगों को पाकिस्तान भेज दिया ।'' उसके ये वाक्य विद्यार्थीदशा के मुसलमान-मन को समझने के लिए पर्याप्त थे !

'हिजाब' किसे चाहिए ?

       अन्य दोनों और उनके अब्बाजान जिज्ञासा से हमारा वार्तालाप सुन रहे थे । मैंने उनसे कहा, ''कई बार हमें मिली जानकारी सत्य ही हैऐसा नहीं होता । इसलिए उसके बारे में विचार मत करो । मुझे तो लगा था कि आपके अब्बाजान साथ हैंइसलिए आप लोगों ने इतनी गर्मी में भी यह काला स्कार्फ डाला होगा ।'' मेरे ऐसा कहते ही उनमें से एक लडकी शरमाई । उतने में ही उनके अब्बाजान चर्चा में सहभागी होते हुए बोले, ''मैंने किसी को मजबूर नहीं किया । यह तो उनका खुद का फैसला है ।'' दूसरी लडकी ने भी कुछ बल देकर कहा, ''यह हमारा खुद का फैसला है ।'' तीसरी लडकी ने प्रांजलता से कहा, ''मुझे मेरे अब्बा ने बताया है । वीं कक्षा तक हम नहीं पहनते थे ।''

        कुछ समय पश्‍चात गुंटकल नामक रेल्वे स्थानक आ गया । यहां गाडी घंटे रुकनी थीकारण हमारी मुख्य गाडी बेंंगलोर जानेवाली थी और हमारे भाग्यनगर (हैदराबादके डिब्बे दूसरी गाडी से जोडे जानेवाले थे । गुंटकल स्थानक पर गाडी रुकने के पश्‍चात अब्बाजान उठे और इन कन्याओं से बोले, ''मेरे पुराने रिश्तेदार यहां रहते हैं । मैं घंटे में वापस लौट आऊंगा । तब तक अपना ख्याल रखना ।'' उनके गाडी से उतरने की निश्‍चिति होते ही वे तीनों 'हिजाबी' कन्याएं अपने-अपने स्थान से उठती हुई बोलीं, ''भैयाहम घंटों में बाजार होकर आते हैं । अब्बाजान आने के पहले ही आ जाएंगे ॥''

        गुंटकलयह नगर अलंकार एवं सौंदर्यप्रसाधनों के लिए प्रसिद्ध है । साधारणतः घंटों में ये लडकियां पुनरेलगाडी में चढ गईं । उन्होंने कर्णफूलगले की मालाकाली बिंदीक्लिप और छोटे-छोटे आइने खरीदे थे । रेलगाडी में चढने के उपरांत उन तीनों ने ही अपने-अपने 'हिजाबी' स्कार्फ उतार करएक ओर रख दिए और वे अलंकार परिधान किए । अलंकार परिधान करवे स्वयं को दर्पण में निहार रही थीं । तब मैंने हंसते-हंसते उनसे पूछा, ''गुंटकल में यह शृंगारसामग्री सस्ती मिलती है क्या तीनों ही एकसुर में बोलीं, ''भैया बहुत सस्ती ।'' मैंने तुरंत पूछा, ''पर इस्लाम में शृंगार जायज (वैधहै क्या ?'' मेरा यह प्रश्‍न सुनते ही तीनों कन्याओं ने एक-दूसरे को देखा और कुछ शर्मा गईं । उनमें से एक के ''नहीं'' कहने का धैर्य दिखाते ही दूसरी बोली, ''भैया हमने यह सामान खरीदा हैऐसा आप अब्बाजान को ना बताएं ।'' मैंने अपनी गर्दन हिलाते हुए सहमति दीकारण उनकी विनती से 'सच में हिजाब किसे चाहिए'इस प्रश्‍न का उत्तर मुझे मिल गया था ।
       शृंगारनारी का प्राकृतिक कर्म है । वास्तव मेंउसे नकार कर काले स्कार्फ में नारी को लपेटनेवालों की प्रवृत्ति के विरोध में नारीस्वतंत्रता अभियान होना चाहिएपरंतु यह आधुनिक नारीस्वतंत्रतावालों को कौन बताएगा ?


- श्री. चेतन राजहंस, प्रवक्ता, सनातन संस्था
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हरिद्वार के भगवानपुर में भड़की हिंसा में अब तक 11 गिरफ्तार

Posted: 19 Apr 2022 07:03 AM PDT

हरिद्वार के भगवानपुर में भड़की हिंसा में अब तक 11 गिरफ्तार

रुड़की। हरिद्वार जिले के भगवानपुर में पुलिस बल अब भी तैनात है और हालात फिलहाल शांतिपूर्ण बताए जा रहे हैं। वहीं सांप्रदायिक हिंसा के भड़कने के बाद संत समाज भी प्रतिक्रिया देते हुए कह रहा है कि हरिद्वार का सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिशें की जा रही हैं, जो बर्दाश्त करने लायक नहीं हैं। हनुमान जयंती के मौके पर पथराव के बाद भड़की हिंसा के मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी द्वारा सख्ती बरते जाने संबंधी बयान के बाद 11 गिरफ्तारियां होने की खबरें हैं। सीएम धामी ने दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके की सांप्रदायिक हिंसा की घटना की आलोचना भी की और भगवानपुर की घटना को लेकर आरोपियों के खिलाफ सख्ती बरतने की बात भी कही। इधर, कांग्रेस ने इस हिंसा को लेकर मोर्चा खोल दिया है और कांग्रेस का बीजेपी सरकार पर आरोप है कि लगातार हिंसा और छेड़खानी की घटनाएं बढ़ रही हैं, लेकिन पुलिस और प्रशासन लंबे समय से मौन है। वहीं, इलाके में हालात काबू में होने का दावा किया जा रहा है, लेकिन अब भी पुलिस बल तैनात है। हरिद्वार के एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने लिखा कि प्रभावित डाडा जलालपुर गांव में माहौल शांत है। वहीं, मीडिया से बातचीत करते हुए भगवानपुर विधायक ममता राकेश ने कहा कि तनाव बना हुआ है और इस घटना की न्यायिक जांच करवाई जानी चाहिए। कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की नीतियों के चलते राज्य का सांप्रदायिक माहौल बिगड़ रहा है।
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जहांगीरपुरी हिंसा के मामले में एक ही परिवार के पांच और गिरफ्तार

Posted: 19 Apr 2022 07:00 AM PDT

जहांगीरपुरी हिंसा के मामले में एक ही परिवार के पांच और गिरफ्तार

नई दिल्ली। दिल्ली के जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल यानी हनुमान जयंती के अवसर पर हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने एक ही परिवार के पांच लोगों को गिरफ्तार और एक नाबालिग को हिरासत में लिया है। जहांगीरपुरी हिंसा के सिलसिले में अब तक कुल 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और दो किशोरों को हिरासत में लिया गया है। दरअसल, शोभायात्रा के दौरान हुई पत्थरबाजी में 2 पुलिसर्मी समेत नौ लोग घायल हुए थे। दिल्ली पुलिस ने जहांगीरपुरी हिंसा के लिए दोनों समुदायों के लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए सभी लोगों में पुलिस ने 'एक विशेष समुदाय' के एक परिवार के सभी पुरुषों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों की पहचान सुकेन सरकार, उनके भाई सुरेश सरकार, सुकेन के दो बेटों नीरज और सूरज, और सुकेन के बहनोई सुजीत के रूप में हुई है। पुलिस ने सुकेन के नाबालिग बेटे को भी हिरासत में लिया है। गिरफ्तारी के बाद आरोपी सुकेन की पत्नी दुर्गा सरकार ने एएनआई को बताया कि मेरे पति, देवर, तीन बेटों और मेरे भाई को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वे सभी निर्दोष हैं। वे जुलूस में रथ पर सवार थे और उन पर पथराव किया गया था। मेरे पति पर ईंट फेंकी गईं। उनके भाई के सिर में गंभीर चोटें आईं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने भगवान हनुमान की मूर्ति को बचा लिया। दुर्गा ने आगे बताया कि उनके पति घर आए और उन्हें बताया कि 'दूसरे समुदाय' के लोग पहले उनसे बहस करने लगे और फिर उन्होंने पथराव शुरू कर दिया। दुर्गा ने काह कि मेरे पति अपनी जान बचाने के लिए उस जगह से भाग गए। वह एक छोटा-मोटा काम करते हैं और मेरा बेटा 12वीं कक्षा में है। उसकी बोर्ड परीक्षा है। अगर उसे रिहा नहीं किया गया, तो उसका जीवन बर्बाद हो जाएगा। दुर्गा सरकार ने आगे एक बड़ी साजिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सिर्फ मेरे परिवार के सदस्यों को ही क्यों गिरफ्तार किया गया है? अन्य भी थे। यह एक साजिश है, मैं चाहती हूं कि मेरे परिवार के सदस्यों को रिहा कर दिया जाए। वहीं, गिरफ्तार सुजीत की पत्नी मीनू ने कहा कि मेरे पति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वह शोभा यात्रा में रथ खींच रहे थे। उन्होंने बताया कि मस्जिद से 5-6 लोग आए और उन्हें लाउडस्पीकर बंद करने और जय श्री राम का जाप बंद करने को कहा। जब जुलूस में शामिल लोगों ने ऐसा करने मना किया, तो 'दूसरे समुदाय' के सैकड़ों लोग तलवारों के साथ बाहर आए और जुलूस पर हमला कर दिया। मेरे पति किसी तरह अपनी जान बचाने के लिए दौड़े। मीनू के मुताबिक उनके पति ने पथराव में हिस्सा नहीं लिया था। उन्होंने कहा कि अगर वह पथराव में शामिल भी होंगे तो ऐसा वह केवल आत्मरक्षा के लिए किए होंगे। अगर कोई मुझे मारने आता है, तो क्या मुझे अपनी रक्षा करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए?। मेरे पति उन सभी लोगों को जानते हैं जिन्होंने वास्तव में दंगा शुरू किया था, लेकिन इसके बावजूद दूसरा समुदाय नायक बन गया, हमारे लोग खलनायक बन गए। हम हिंदुस्तान में रहते हैं और जय श्री राम का जाप करना हमारा अधिकार है। बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी के जहांगीरपुरी इलाके में 16 अप्रैल को एक जुलूस के दौरान पथराव की घटनाओं की सूचना मिलने के बाद दो समूहों के बीच झड़प हो गई। दो पुलिसकर्मियों समेत कुछ लोग घायल हुए हैं।
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भाजपा से सपा में गये रोशन लाल पढ़ने लगे योगी की तारीफ के कसीदे

Posted: 19 Apr 2022 06:57 AM PDT

भाजपा से सपा में गये रोशन लाल पढ़ने लगे योगी की तारीफ के कसीदे

लखनऊ। स्वामी प्रसाद मौर्य का इस्तीफा लेकर जाने वाले पूर्व विधायक और सपा प्रत्याशी रोशन लाल वर्मा की बिल्डिंग और प्लॉट की नाप प्रशासन ने शुरू कर दी है। रोशल लाल के खिलाफ मिली शिकायत के बाद राजस्व की टीम ने सोमवार को दल-बल के साथ बिल्डिंग और प्लॉट का नाप-जोख किया। वहीं राजस्व की टीम पहुंचने पर सपा प्रत्याशी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ में कसीदे पढ़ने शुरू कर दिए और सीएम योगी से न्याय की गुहार लगाई है। बीजेपी छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए रोशन लाल वर्मा की बिल्डिंग और प्लॉट की राजस्व विभाग की टीम ने सोमवार को लगभग 4 घंटे तक बारीकी से नाप की। इस दौरान उनकी सुरक्षा के लिए पुलिस की टीम भी मौजूद रही। राजस्व विभाग का कहना है कि नाप के बाद अगर जमीन सरकारी पाई गई तो आगे की कार्रवाई की जाएगी। राजेश विभाग के तहसीलदार ने बताया कि, 'सरकारी जमीन के अतिक्रमण की शिकायत मिली थी, राजस्व विभाग की टीम दो जगहों पर जांच कर रही है। मौजूदा जमीन को देखते हुए नक्शे बनाए गए हैं। सरकारी नक्शे से मिलान करके यदि इसमें अतिक्रमण पाया जाएगा तो उसके बाद कार्यवाही की जाएगी।' हालांकि सपा प्रत्याशी और पूर्व विधायक रोशनलाल वर्मा का कहना है कि बिल्डिंग उनकी पुत्रवधू के नाम से है, जो सभी नियम-कानूनों के अनुसार बनी है।
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सकारात्मक संवाद ही हितकर

Posted: 19 Apr 2022 06:53 AM PDT

सकारात्मक संवाद ही हितकर

(डॉ. दिलीप अग्निहोत्री-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
भारत में प्राचीनकाल से सकारात्मक संवाद का महत्व रहा है। प्रश्न जिज्ञासा व तर्क वितर्क से दर्शन यात्रा आगे बढ़ती रही। वर्तमान समय में संवाद के क्षेत्र में व्यापक बदलाव हुए है। तकनीक के चलते संवाद सम्प्रेषण आसान हुआ है किंतु सकारात्मक संवाद के शाश्वत मूल्य यथावत है। इसमें विश्वसनीयता के साथ-साथ समाज व राष्ट्र का हित भी समाहित रहता है। संवाद में सामाजिक सरोकार होना चाहिए। ऐसा संवाद देश काल की सीमा तक सीमित नहीं रहता है। भारतीय परिवेश के संवाद ने उच्च प्रतिमान स्थापित किये हैं जबकि वामपंथी रुझान के संवाद में नकारात्मक तत्व भी रहते है। उसमें राष्ट्र के हित का आग्रह नहीं रहता है। यूरोप अमेरिका आदि में कोरोना की दूसरी लहर के समय स्थिति भयावह थी किंतु वहां की मीडिया ने विचलित करने वाले कष्टप्रद प्रसंगों को दिखाने में परहेज किया। उस समय जन सामान्य के मनोबल को बनाये रखने का दायित्व भी मीडिया पर था। वहां के मीडिया ने यह कार्य किया। इधर, भारत के राष्ट्रवादी मीडिया ने भी इस तथ्य का ध्यान रखा लेकिन उस समय भी एक वर्ग दुनिया में भारत की छवि को बिगाड़ने का जाने अनजाने प्रयास कर रहा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान में पत्रकारिता के समक्ष नई चुनौतियां हैं। प्रिण्ट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं डिजिटल मीडिया के अपने-अपने महत्व हैं। समाज में विभिन्न आयुवर्ग के लोगों की अपनी अपनी रुचि और आवश्यकताएं हैं, जिन्हें मीडिया द्वारा अपनी जिम्मेदारियों के साथ पूर्ण किया जा रहा है। आजादी के अमृतकाल को मीडिया जगत द्वारा दुनिया के समक्ष भारतीयता का काल बनाना होगा।

दुनिया एक तरफ सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना से जूझ रही है, तो वहीं दूसरी तरफ रूस और यूक्रेन के युद्ध से प्रभावित है। इन दोनों ही वैश्विक संकटों में दुनिया भारत के शान्तिपूर्ण सहअस्तित्व के भाव देख रही है। इस आपदाकाल में विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्ष प्रधानमंत्री से संवाद स्थापित कर रहे हैं। भारत के कौशल एवं प्रबन्धन को दुनिया सराह रही है। कोरोना महामारी के दौरान भारत का कोरोना प्रबन्धन एवं नियंत्रण दुनिया के विकसित और मजबूत स्वास्थ्य आधारभूत अवसंरचना वाले देशों की तुलना में बेहतर रहा है।

वर्तमान में दुनिया का दृष्टिकोण यह है कि भारत की पहल का असर पड़ेगा। विश्व की वर्तमान स्थिति और यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच दुनिया की निगाहें शांति की अपेक्षा के साथ भारत पर टिकी हुई हैं। भारत ने कोविड काल में प्रबंधन के क्षेत्र में दुनियाभर में अपना लोहा मनवाया है।

विश्व भारत के कौशल एवं प्रबन्धन का लोहा मान रहा है। इसी कारण कि भारत आज जिस दिशा में आगे बढ़ रहा है, उसी दिशा में देश का मीडिया आगे बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश कई प्रश्नों के उत्तर ढूंढने वाला

प्रदेश है। प्रश्नों का समाधान करने के लिए प्रखरता निष्ठा, लगन और मन का संकल्प आवश्यक है। नरेंद्र मोदी के सक्षम नेतृत्व में पहली बार भारत का सही चित्रण विश्व पटल पर हुआ है। आजादी के अमृत महोत्सव पर सभी युवाओं से भारत का समग्र स्वर्णिम इतिहास से परिचित होने का अवसर मिल रहा है। भारत का इतिहास लिखते समय कुछ विशेष लोगों पर ही ध्यान दिया गया। अन्य महत्वपूर्ण योगदानों को इतिहास का हिस्सा नहीं बनाया गया। इसलिए इतिहास में सभी के योगदान का उल्लेख आवश्यक है। भारत का इतिहास सिर्फ स्वतंत्रता संग्राम तक सीमित नहीं है। यह आदिकाल से भारतीय संस्कृति की यात्रा है। भारत का इतिहास ऐतिहासिक इमारतों के साथ संस्कृति, परंपराएं, संस्कार और जीवन मूल्यों को संजोए हुए है। प्रदूषण केवल पर्यावरण का ही नहीं बल्कि संवाद व संस्कृति का भी है। पश्चिमी और पूंजीवादी विचार में एकाधिकारवादी प्रवृत्ति होती है। मीडिया में इनका वर्चस्व हो रहा है। भारतीय संस्कृति उदारता में विश्वास रखती है। अंग्रेजी का महत्व बढ़ना और हिंदी के महत्व का कम होना चिंता का विषय है। मदर्स, फादर्स के नाम पर एक दिन का आयोजन यूरोप की सोच है। यह भी सांस्कृतिक प्रदूषण है। हमारे यहां प्रतिदिन माता पिता का सम्मान होता है। पूर्वाग्रह से संवाद को कभी सही दिशा नहीं मिलती। जैसे असहिष्णुता अभियान चलाने वाले लोग पूर्वाग्रह से पीड़ित थे। ये वही लोग थे जो नरेंद्र मोदी के खिलाफ थे। पिछले लोकसभा चुनाव से पहले यही लोग राष्ट्रपति से मिले थे। मोदी के प्रधानमंत्री बनने का विरोध किया था। यह विचार संविधान और प्रजातंत्र के विरुद्ध था। कल्चर छोटा शब्द है, संस्कृति व्यापक होती है। पहले आंगन में तुलसी जी का विरवा होता था। पूरा परिवार आंगन के चारो ओर रहता था। कमरे से बाहर आते ही संस्कृति शुरू होती है। जेएनयू हमारे देश में है। वहां जो टीचर विद्यार्थियो के सामने हिन्दू धर्म की निंदा करते है, उन्हें रोका नहीं जाता। यह सहिष्णुता नहीं है। यह दूसरों की भावनाओं पर हमला है। इस प्रकार की सहिष्णुता केवल हिन्दू धर्म के विरुद्ध ही दिखाई देती है। इस पर भी विचार होना चाहिए। भारत जैसी सहिष्णुता विश्व में कहीं नहीं है। यह ऐसा अकेला देश है जिसने अपने आक्रान्ताओं से भी घृणा नहीं की लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि नालंदा को जलाने वाले के नाम पर रेलवे स्टेशन का नाम बना रहे। संस्कृति के प्रति आत्मगौरव होना चाहिए। वीर सावरकर ने कभी हिंसा का सहारा नहीं लिया। वह राष्ट्रवादी थे। अंग्रेजों ने उन्हें बहुत यातना दी लेकिन भारत के वामपंथी लेखकों, पत्रकारों ने उनकी सदैव निंदा की। यही लोग सोवियत संघ,चीन, क्यूबा आदि कम्युनिस्ट देशों में लाखों लोगों की हत्या की भी कभी आलोचना नहीं करता। ये लोग ईसाई मिशनरी के विरोध में कुछ नहीं बोलते। हिन्दू संगठन सदैव इनके निशाने पर रहते है। एक तरफ कम्युनिस्ट व पश्चिम सभ्यता से प्रभावित मीडिया है, दूसरा राष्ट्रवादी मीडिया है। यह भारतीय संस्कृति के अनुरूप कार्य करता है। पत्रकारिता संस्कृति की संवाहक होती है। ऐसे में इसका भारतीय मूल्यों के अनुरूप होना अपरिहार्य है। संस्कृति से मनुष्य की मानसिक और सभ्यता से भौतिक क्षेत्र की जानकारी मिलती है। भारत की पत्रकारिता को श्रेष्ठ होना है तो उसे भारतीय मूल्य स्वीकार करना होगा। भारतीय चिंतन में असहिष्णुता संभव ही नहीं है। जिस दिन यह विचार प्रभावी होगा, उसके सकारात्मक प्रभाव दिखाई देने लगेंगे। पत्रकारिता अपनी संस्कृति से अलग होकर कल्याणकारी नहीं हो सकती। यह अच्छा है कि भारतीय पत्रकारिता में राष्ट्रवादी लोगों की संख्या बढ़ रही है।
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वादा निभाना सरकार का दायित्व

Posted: 19 Apr 2022 06:49 AM PDT

वादा निभाना सरकार का दायित्व

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
सरकार का दायित्व ज्यादा है क्योंकि उसके पास शक्ति और संसाधन दोनों रहते है। योगी सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में जुट गई है। वर्ष 2022-23 में प्रदेश सरकार विशिष्ट एफपीओ योजना के तहत 825 एफपीओ स्थापित करने जा रही है। संगठित खेती करने से किसानों को उनके उपज की और बेहतर कीमत मिल सकेगी। राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई एनएएम) ने कृषि उत्पादों के लिए बेहतर कारोबारी अवसरों को बढ़ावा देते हुए कई कीर्तिमान रचे हैं।

योगी आदित्यनाथ की सरकार किसानों को बड़ी सुविधा देने जा रही है। वहीं, सरकार के इस कदम से किसानों को उनकी फसल का और बेहतर मूल्य मिलेगा, तो बिचैलियों के जाल से मुक्ति मिल सकेगी। भाजपा सरकार एक वर्ष में विकासखंडवार 825 एफपीओ स्थापित करने जा रही है, इसके लिए 354.75 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। इससे प्रदेश के 4 लाख किसानों को लाभ पहुंचेगा। साथ ही 100 दिनों में प्रत्येक विकासखंड में एक विशेष फसल का चुनाव किया जाएगा। ये सभी कार्य सरकार के दायित्व भी हैं। विधानसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दलों ने जनता से तमाम वादे किये थे। हालांकि उनमें से कुछ ललचाने वाले थे जो वोट पाने के लालच में किये गये थे। स्कूटी नकद पैसा और किसानों की कर्ज माफी भी लोक लुभावन वादे हैं लेकिन किसानों की फसल का उचित मूल्य दिलाना युवाओं को रोजगार और शिक्षा स्वास्थ्य, सुरक्षा महिला सशक्तीकरण भी सरकार के दायित्व हैं। सरकार ही नहीं बल्कि यह कर्तव्य तो सभी जनप्रतिनिधियों का है चाहे वे ग्राम प्रधान ही क्यों न हो। कर्तव्य निभाने का दायरा छोटा-बड़ा हो सकता है। विपक्ष के विधायक और सांसद भी इससे बरी नहीं हो सकते। वे आवाज तो उठा ही सकते हैं। दबाव बनाने के लिए धरना-प्रदर्शन भी कर सकते हैं।

सरकार का दायित्व ज्यादा है क्योंकि उसके पास शक्ति और संसाधन दोनों रहते है। योगी सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में जुट गई है। वर्ष 2022-23 में प्रदेश सरकार विशिष्ट एफपीओ योजना के तहत 825 एफपीओ स्थापित करने जा रही है। संगठित खेती करने से किसानों को उनके उपज की और बेहतर कीमत मिल सकेगी। राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई एनएएम) ने कृषि उत्पादों के लिए बेहतर कारोबारी अवसरों को बढ़ावा देते हुए कई कीर्तिमान रचे हैं। इस अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल का उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 14 अप्रैल 2016 को किया गया था। बीते छह सालों से यह मंडी संचालन को सुव्यवस्थित करने, ई.बिडिंग द्वारा मूल्य खोज को बढ़ावा देने और गुणवत्ता परख प्रणाली को स्थापित करने का काम कर रही है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के तहत काम करने वाला 'लघु कृषक कृषि व्यापार संघ' (एसएफएसी) ई-नाम को लागू करने वाली सबसे बड़ी संस्था है।

किसान अब राजनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुके हैं। उत्तर भारत में तो किसान आंदोलन ने केंद्रीय सरकार को हिला दिया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजनीतिक दूरदर्शिता दिखाते हुए विवादास्पद तीनों क्रषि कानून वापस ले लिये थे। चार राज्यों में इसीलिए कोई विपरीत प्रभाव नहीं पडा और भाजपा की सरकार बन गयी लेकिन किसानों को लेकर राजनीति अब भी हो रही है। दक्षिण भारत के राज्य तेलंगाना के मुख्यमंत्री और तेलंगाना राष्ट्र समिति के अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव ने केंद्र सरकार को चुनौती दी है। उन्होंने यह चुनौती केंद्र सरकार की धान खरीद नीति के खिलाफ दी है। पिछले कुछ समय से चंद्रशेखर राव लगातार पीएम मोदी और केंद्र सरकार पर निशाना साथ रहे हैं और अब उन्होंने सरकार को सीधे-सीधे चेतावनी दे डाली है। सीएम ने केंद्र सरकार से कहा कि जल्द से जल्द नई कृषि नीति लाओ नहीं तो हम सत्ता से हटा देंगे और इसकी ताकत है हमारे पास। खैर, यह तो उनका बड़बोलापन है। मोदी की सरकार गिराने की उनकी हैसियत नहीं है लेकिन उत्तर प्रदेश में किसानों के नेता दक्षिण भारत में अपने पैर जमाना चाहते हैं। इसलिए टीआरएस नेता की धमकी को हल्के में भी नहीं लेना चाहिए।

बता दें कि तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव, टीआरएस एमएलसी के. कविता और टीआरएस पार्टी के कई अन्य नेताओं ने धान खरीद के मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। इस धरने में केसीआर के साथ किसान नेता राकेश टिकैत भी मौजूद रहे। राकेश टिकैत उत्तर प्रदेश के ही किसान नेता हैं। हालांकि विधान सभा चुनाव में जनता ने राकेश टिकैत को ठुकरा दिया है।

सीएम केसीआर ने कहा कि मैं हाथ जोड़कर केंद्र सरकार से कहता हूं कि कृपया हमारा अनाज खरीद लें। हम आपको 24 घंटे का वक्त देते हैं। इसके बाद हम अपना निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है। इतना ही नहीं केसीआर ने यह भी कहा कि हम किसी भी हाल में किसानों को एमएसपी दिलाकर रहेंगे।

इसलिए योगी सरकार ने किसानों को लेकर जो बड़ा कदम उठाया है उसके बेहतर नतीजे मिल सकते हैं। यूपी सरकार एक वर्ष में विकास खंडवार 825 एफपीओ स्थापित करने जा रही है, इसके लिए 354.75 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। इससे एक तरफ किसानों के प्रति सरकार का दायित्व पूरा होगा और दूसरी तरफ किसानों को उनकी फसल का और बेहतर मूल्य मिलेगा। बिचैलियों से भी मुक्ति मिलेगी।

इससे प्रदेश के 4 लाख किसानों को लाभ पहुंचेगा। साथ ही 100 दिनों में प्रत्येक विकासखंड में एक विशेष फसल का लाभ मिलेगा।

एफपीओ यानी किसान उत्पादक संगठन किसानों का एक समूह है, जो कृषि उत्पादन करता हो और खेती-किसानी से जुड़ी व्यावसायिक गतिविधियां भी चलाएगा। एफपीओ के माध्यम से सामूहिक खेती को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए बाजार आसानी से उपलब्ध होगा

एफपीओ के तहत संगठित रूप से खेती करने के लिए सरकार सहायता भी उपलब्ध कराएगी, जिससे एक साथ खाद, बीज, दवाइयां और कृषि उपकरण खरीदने में आसानी होगी. इसके अलावा प्रोसेसिंग यूनिट और स्टोरेज की व्यवस्था की जा सकती है और फसल की अच्छी कीमत प्राप्त की जा सकती है। अगर किसान अकेले अपनी फसल को बेचने जाता है तो उसका फायदा बिचैलिया उठाता है। एफपीओ व्यवस्था में बिचैलिये नहीं होंगे, इसलिए किसानों को उनके उत्पाद की अच्छी कीमत मिलेगी। इससे किसानों की शक्ति भी बढ़ेगी। इसके साथ ही प्रदेश सरकार 100 दिनों में हर विकासखंड के लिए विशेष फसल का चयन करने जा रही है, जिससे खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
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पार्टी को ले डूबती है नेताओं की बदजुबानी

Posted: 19 Apr 2022 06:47 AM PDT

पार्टी को ले डूबती है नेताओं की बदजुबानी

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

  • आप के राघव चड्ढा ने भाजपा को बताया गुण्डों-लफंगांे की पार्टी
  • सपा विधायक शहजिल इस्लाम ने कहा कि अगर उनके (योगी) के मुंह से आवाज निकलेगी तो हमारी (सपा की) भी बंदूकों से धुंआ नहीं बल्कि गोलियां निकलेंगी


आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली के बाद पंजाब में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाकर राजनीतिक गलियारे में अपनी जगह पक्की कर ली है। पार्टी के संस्थापक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल गुजरात और हिमाचल प्रदेश में पार्टी की जमीन तलाश रहे हैं। इन राज्यों में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। इस बात को पार्टी के नेता नहीं समझ पा रहे हैं। राघव चड्ढा ने अपनी बदजुबानी से पार्टी के लिए संकट खड़ा कर दिया है। भाजपा को गुण्डों-लफंगों की पार्टी बताकर राघव चड्ढा अब सफाई दे रहे हैं। भाजपा के टारगेट पर आम आदमी पार्टी विशेष रूप से है क्योंकि उसके चक्रवर्ती सम्राट बनने में केजरीवाल भी एक बड़ी बाधा बन रहे हैं। राघव चड्ढा ने वही मौका दे दिया है। नेताओं की बदजुबानी पार्टी पर कितनी भारी पड़ती है, यह कांग्रेस से बेहतर और कोई नहीं जानता। गुजरात के विधानसभा चुनाव में 2017 में मणिशंकर अय्यर के बयान ने कांग्रेस की लगभग जीती हुई बाजी को हरा दिया था। उत्तर प्रदेश में भी समाजवादी पार्टी मुख्य विपक्षी दल हैं लेकिन उसके एक विधायक शहजिल इस्लाम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बयान देकर अखिलेश यादव के लिए संकट खड़ा किया है।

आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा की मुसीबत बढ़ती दिख रही है। भारतीय जनता पार्टी को गुंडों-लफंगों की पार्टी कहने के आरोप में राघव चड्ढा कानूनी पचड़े में फंसते नजर आ रहे हैं। पंजाब में भाजपा युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष अशोक सरीन ने राघव चड्ढा को कानूनी नोटिस भेजा है और भाजपा पर टिप्पणी के लिए उनसे लिखित माफी की मांग की है।

राज्यसभा सांसद और दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने 16 अप्रैल को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान भाजपा पर अपनी टिप्पणी से विवाद खड़ा कर दिया था। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राघव ने बीजेपी को 'गुंडों-लफंगों की पार्टी' के अलावा बीजेपी को 'भारत की जाहिल पार्टी' कहा था। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 के तहत भेजे गए कानूनी नोटिस में भाजपा नेता अशोक सरीन ने राघव चड्ढा से 3 दिनों के भीतर लिखित माफी की मांग की है। नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि अगर राघव ऐसा करने में विफल रहते हैं तो उनके खिलाफ दीवानी और आपराधिक शिकायत दर्ज की जाएगी। राघव चड्ढा को जारी नोटिस में लिखा गया है, 'आपने झूठे और द्वेषपूर्ण तरीके से प्रतिष्ठा को कम किया है और समाज के लोगों के मन में भाजपा के खिलाफ दुर्भावना पैदा की है। आपकी ओर से बयान अपमानजनक, आपत्तिजनक और पूरी भारतीय जनता पार्टी के चरित्र हनन के समान हैं।

इसी प्रकार उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के भोजीपुरा विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के नवनिर्वाचित विधायक शहजिल इस्लाम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा है कि अगर उनके (योगी के) मुंह से आवाज निकलेगी तो हमारी (सपा की) भी बंदूकों से धुआं नहीं, बल्कि गोलियां निकलेंगी। हालांकि बाद में उन्होंने सफाई देते हुए एक समाचार चैनल पर अपने बयान को संपादित करके जारी करने का आरोप लगाया है। बरेली के भोजीपुरा से सपा विधायक द्वारा की गई टिप्पणी का वीडियो भी वायरल हो गया। भोजीपुरा में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए शहजिल इस्लाम ने कहा था, पहले (2017-2022 तक) हमारे कम विधायक थे तो सदन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहुत भला बुरा कहा, बस मुंह से गाली नहीं दी, बाकी सारे क्रिया कर्म कर दिए, लेकिन अब हम लोगों की अच्छी संख्या है और राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव नेता प्रतिपक्ष हैं तो अब अगर योगी आदित्यनाथ अपशब्द कहेंगे तो हम लोग भी चुप बैठने वाले नहीं हैं। हम लोग करारा जवाब देंगे। उन्होंने कहा, हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ऐलान कर दिया है कि हम समाजवादी लोग सड़कों पर भी लड़ाई लड़ेंगे और सदन के अंदर भी सरकार से लड़ेंगे। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि परेशान और निराश होने की जरूरत नहीं है। इस्लाम ने योगी की ओर इशारा करते हुए कहा, वे दिन चले गए जब उनकी तानाशाही चलती थी अब एक मजबूत विपक्ष सदन में मौजूद है।'' बाद में मीडिया से बात करते हुए, इस्लाम ने कहा, एक समाचार चैनल ने मेरे वीडियो को संपादित किया और फिर वायरल कर दिया। कार्यक्रम में मैंने कहा था कि एक मजबूत विपक्ष होने के नाते हर बात का जवाब मजबूती से देंगे, (उसी तरीके से) जिस तरीके से बंदूक से धुआं नहीं गोलियां निकलती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल नहीं गिरने दिया जाएगा।

इसी संदर्भ में कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर एक बार फिर से चर्चा में हैं। दरअसल उन्होंने 2017 में गुजरात चुनाव के दौरान पीएम मोदी पर अपनी नीच संबंधी विवादित टिप्पणी को सही ठहराया था। उन्होंने ब्लॉग लिखकर कहा कि क्या उस वक्त जो भविष्यवाणी मैंने की थी, वो गलत थी। इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि 23 मई को जनता मोदी सरकार को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा देगी। पीएम मोदी के बालाकोट एयर स्ट्राइक संबंधी दावे और दिल्ली के रामलीला मैदान में राजीव गांधी के आईएनएस विराट को निजी टैक्सी के रूप में इस्तेमाल करने संबंधी बयानों की पृष्ठभूमि में अय्यर ने लिखा था कि 23 मई को सबसे अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करने वाले प्रधानमंत्री मोदी को भारत सटीक जवाब देते हुए बाहर का रास्ता दिखा देगा। इस शीर्षक से लिखे अपने आर्टिकल में अय्यर ने कहा है कि पीएम मोदी को ये चेतावनी दिए जाने की जरूरत है कि सीआरपीएफ जवानों की शहादत पर वोट मांगने जैसा काम कर उन्होंने देश-विरोधी काम किया है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने अय्यर को गांधी परिवार की मणि (रत्न) बताते हुए कहा था कि गांधी परिवार की मणि ने भी राहुल गांधी की प्रेम की राजनीति में अपना योगदान दिया है। यह एक व्यंग्य था। अब पंजाब विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत से गदगद आम आदमी पार्टी की नजर गुजरात चुनाव पर है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान शनिवार को अहमदाबाद में रोड शो किया। इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दोस्तों मुझे राजनीति करनी नहीं आती, मुझे भ्रष्टाचार खत्म करना आता है। हमने दिल्ली में भ्रष्टाचार खत्म कर दिया। केजरीवाल के इन प्रयासों पर चड्ढा पानी फेर सकते हैं।
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जलता हुआ दिखा काला सागर में रूसी युद्धपोत

Posted: 19 Apr 2022 06:37 AM PDT

जलता हुआ दिखा काला सागर में रूसी युद्धपोत

मॉस्को। रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। बीते दिनों रूस का सबसे बड़ा युद्धपोत मोस्कवा एक विस्फोट में तबाह हो गया था। काला सागर में तैनात रूसी युद्धपोत मोस्कवा 'गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त' होने के बाद डूब गया है। इस वॉरशिप के डूबने से पहले की कुछ तस्वीरें और एक 3 सेकंड का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। अपने युद्धक जहाज मोस्कवा के डूबने की बात से रूस भी सहमत है लेकिन यूक्रेन रूसी युद्धपोत के डूबने के पीछे जिन वजहों का दावा कर रहा है, रूस ने उन दावों से मतभेद जताया है। यूक्रेन का दावा है कि काला सागर में उसने नैपच्यून मिसाइल से रूसी युद्धक जहाज मोस्कवा पर हमला किया था। इस हमले में बुरी तरह क्षतिग्रस्त होने के बाद मोस्कवा ने जलसमाधि ले ली है। वहीं, रूस का कहना है कि मोस्कवा जहाज पर रखे गए गोला-बारूद में आग लगने की वजह से उसे नुकसान पहुंचा और यही घटना काला सागर में इस युद्धपोत के डूबने का कारण बनी। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो रूसी नौसेना के इस युद्धक जहाज पर 510 नौसैनिक तैनात थे।
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इमरान ने सेना के दावे को झूठा साबित किया

Posted: 19 Apr 2022 06:31 AM PDT

इमरान ने सेना के दावे को झूठा साबित किया

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को इस बात का खुलासा किया कि शक्तिशाली 'प्रतिष्ठान' (सेना) ने उन्हें 'तीन विकल्प' दिए थे। खान ने ऐसा कहकर सेना के इस दावे का खंडन कर दिया कि देश में हालिया राजनीतिक उथल-पुथल के दौरान उसके द्वारा कोई विकल्प नहीं दिया गया था। क्रिकेटर से नेता बने 69 वर्षीय खान ने यह टिप्पणी इस्लामाबाद में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत के दौरान की। खान को दिए गए 'तीन विकल्पों' के बारे में सेना के स्पष्टीकरण को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में पूर्व प्रधानमंत्री खान ने कहा, 'प्रतिष्ठान ने मुझे तीन विकल्प दिए थे, इसलिए मैं चुनाव के प्रस्ताव से सहमत हो गया। मैं इस्तीफे और अविश्वास प्रस्ताव के सुझाव को कैसे स्वीकार कर सकता था।' इस महीने की शुरुआत में नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान में हारने के बाद खान सत्ता से बाहर हो गए थे। खान ने कहा कि वह ऐसा कुछ नहीं कहेंगे जिससे देश को नुकसान पहुंचे। उन्होंने कहा, 'मैं कुछ नहीं कह रहा, क्योंकि पाकिस्तान को एक मजबूत और एकजुट सेना की जरूरत है। हम एक मुस्लिम देश हैं और एक मजबूत सेना हमारी सुरक्षा की गारंटी है।' उन्होंने यह भी कहा कि सेना उनकी रूस यात्रा को लेकर अवगत थी और उन्होंने यात्रा से पहले सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा को फोन किया था। जियो टीवी ने खान के हवाले से कहा, 'जनरल बाजवा ने कहा कि हमें रूस की यात्रा करनी चाहिए।' खान की यह टिप्पणी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार के यह कहने के कुछ दिनों बाद आयी है कि विपक्ष और सरकार के बीच गतिरोध के दौरान, प्रधानमंत्री कार्यालय ने राजनीतिक संकट का समाधान खोजने में मदद करने के लिए सेना प्रमुख से संपर्क किया था।
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विरोध प्रदर्शन के साथ श्रीलंका में संसद का सत्र शुरू

Posted: 19 Apr 2022 06:10 AM PDT

विरोध प्रदर्शन के साथ श्रीलंका में संसद का सत्र शुरू

कोलंबो। गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे द्वीपीय देश श्रीलंका में विपक्ष लाएगा अविश्वास प्रस्ताव संसद का सत्र शुरू हो गया है। इधर विपक्षी दलों का गठबंधन गोटबाया राजपक्षे सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। सजिथ प्रेमदासा के नेतृत्व वाला श्रीलंका का सबसे बड़ा विपक्षी दल समागी जाना बालवेगया राजपक्षे सरकार के खिलाफ समर्थन जुटाने में लगा है। हालांकि, राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने 17 नए मंत्रियों की नियुक्ति कर एक बड़ा दांव चला है। लेकिन देश की जनता भी उनके समर्थन में नजर नहीं आ रही है। गोटबाया राजपक्षे से इस्तीफे की मांग को लेकर राजधानी कोलंबो में राष्ट्रपति सचिवालय के बाहर बीते कई दिनों से प्रदर्शन चल रहा है। विपक्षी सांसद हर्षा डी सिल्वा ने सोमवार को दावा किया कि उनके गठबंधन के पास मौजूदा सरकार के विरोध में जरूरी आंकड़े मौजूद हैं और सही समय आने पर संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने कहा कि आगे चाहे कितनी भी चुनौतियां हों, वे अपनी जिम्मेदारियों से नहीं बचेंगे। मंत्री जीएल पीरिस, अली साबरी पीसी और सेंट्रल बैंक के गवर्नर डॉ नंदलाल वीरसिंघे ने देश की स्थिति के बारे में मददगार देशों से जानकारी साझा की। वहीं, संसद सत्र के लिए मंत्री प्रसन्ना रणतुंगा को राजपक्षे सरकार ने व्हिप की जिम्मेदारी दी है। श्रीलंका के राष्ट्रपति का कहना है कि देश की अर्थव्यवस्था को सही दिशा में ले जाना और युवा पीढ़ी की उम्मीदों को पूरा करना उनकी सरकार की जिम्मेदारी है।
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ब्रिटेन यूक्रेन को देगा स्पेशल मिसाइल लांचर

Posted: 19 Apr 2022 06:00 AM PDT

ब्रिटेन यूक्रेन को देगा स्पेशल मिसाइल लांचर

कीव। रूस-यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन की सबसे अधिक सहायता देने वाले देशों में ब्रिटेन सबसे आगे है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के हालिया कीव दौरे से व्लादिमीर पुतिन बेहद गुस्से में हैं। रूस ने यूक्रेन में ब्रिटेन के दो लड़ाकों को पकड़ कर उसे गहरा सदमा दिया है।
ब्रिटेन युद्ध की शुरुआत से ही यूक्रेन की हर संभव मदद करता रहा है। अब ब्रिटेन ने यूक्रेन को अत्याधुनिक स्टॉर्मर मिसाइल लॉन्चर देने की योजना बनाई है। ये मिसाइल लॉन्चर रूस के लड़ाकू जहाजों और हेलिकॉप्टरों को निशाना बनाने में यूक्रेन की बेहद अहम मदद करेंगे। रक्षा विशेषज्ञों को मुताबिक, पश्चिम देशों की ओर से यूक्रेन को ये अब तक की सबसे घातक सैन्य मदद होगी।
13 टन के इस सैन्य वाहन को चलाने के लिए सिर्फ तीन लोगों की जरूरत होती है। इसमें एक ड्राइवर, कमांडर और गनर शामिल होते हैं। इसे ट्रांसपोर्ट प्लेन में लाद कर कुछ ही दिनों में यूक्रेन भेजा जा सकता है। एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन के डेलीगेशन ने करीब दो हफ्ते पहले स्टॉर्मर मिसाइल लॉन्चर का मुआयना भी किया था। स्टॉर्मर मिसाइल लॉन्चर को कंधे पर रखकर या टैंकर में रखकर दागा जा सकता है। दागने के बाद ये तीन हिस्सों में बंट जाती है और एक साथ कई निशानों को तहस-नहस कर देती है। ये ध्वनि की गति से तीन गुना अधिक तेजी से चलती है। हाल ही में रूस की फौज से ब्रिटेन के दो लड़ाको को यूक्रेन में जंग के दौरान पकड़ा भी है।
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रोग लग रहा है

Posted: 19 Apr 2022 05:46 AM PDT

रोग लग रहा है

जब कोई अपना मिल जाता है
तो सच में दिल खिल जाता है। 
जैसे पानी में खिला हुए कमल
तालाब को शोभीत कर रहा। 
देखने वालो के दिल भी 
उन्हें देखकर खिल उठे है। 
और मोहब्बत के दीपक
दिलमें अब जल उठे है।। 

देख पानी कमल की जोड़ी को 
प्यास दिलकी अब बढ़ रही है। 
और अपने प्रीतम के लिए 
सागर किनारे तड़प उठी हूँ। 
और सोच रही हूँ की कब
वो स्पर्श करे मेरे को। 
जिससे खिल उठे मेरा 
ये सुंदर चंचल सा बदन।। 

जो भी तेरे दिल दिमाग में है
उसे लब्जो से कह दो तुम। 
और दिलकी धड़कनों को
खुलकर आज कह दो तुम। 
माना की मैं तेरी आँखो को
नहीं पढ़ पा रहा हूँ। 
इसलिए अपनी मोहब्बत का
तुम ही इजहार कर दो ना।। 

देखकर सागर तट पर तुझे
मेरे दिलमें कुछ हो रहा है। 
जो मेरे दिल को बहुत 
बेचैन कर रहा है।
और प्यास दिल की 
बढ़ाये जा रहा है। 
लगता है मोहब्बत का
रोग हमें भी लग गया है।। 

जय जिनेंद्र 
संजय जैन "बीना" मुंबई
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20 अप्रैल 2022, बुधवार का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन ? क्या है आप की राशि में विशेष ? जाने प्रशिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. प्रेम सागर पाण्डेय से |

Posted: 19 Apr 2022 05:36 AM PDT

20 अप्रैल 2022, बुधवार का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन ? क्या है आप की राशि में विशेष ? जाने प्रशिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. प्रेम सागर पाण्डेय से |

20 अप्रैल 2022, बुधवार का दैनिक पंचांग

🔅 तिथि चतुर्थी 04:44 PM
🔅 नक्षत्र ज्येष्ठा रात्रि 02:38
🔅 करण :
                बालव 01:55 PM

                कौलव 01:55 PM

🔅 पक्ष कृष्ण

🔅 योग वरियान 01:38 PM

🔅 वार बुधवार
☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ

🔅 सूर्योदय 05:38 AM

🔅 चन्द्रोदय 10:18 PM

🔅 चन्द्र राशि वृश्चिक

🔅 सूर्यास्त 06:22 PM

🔅 चन्द्रास्त 07:58 AM

🔅 ऋतु वसंत

☀ हिन्दू मास एवं वर्ष

🔅 शक सम्वत 1944 शुभकृत

🔅 कलि सम्वत 5124

🔅 दिन काल 12:51 PM

🔅 विक्रम सम्वत 2079

🔅 मास अमांत चैत्र

🔅 मास पूर्णिमांत वैशाख

☀ शुभ और अशुभ समय

☀ शुभ समय

🔅 अभिजित कोई नहीं

☀ अशुभ समय

🔅 दुष्टमुहूर्त 11:23 AM - 12:14 PM

🔅 कंटक 04:31 PM - 05:23 PM

🔅 यमघण्ट 07:57 AM - 08:48 AM

🔅 राहु काल 11:48 AM - 01:25 PM

🔅 कुलिक 11:23 AM - 12:14 PM

🔅 कालवेला या अर्द्धयाम 06:14 AM - 07:05 AM

🔅 यमगण्ड 06:59 AM - 08:35 AM

🔅 गुलिक काल 10:12 AM - 11:48 AM

☀ दिशा शूल

🔅 दिशा शूल उत्तर

☀ चन्द्रबल और ताराबल

☀ ताराबल

🔅 अश्विनी, भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती

☀ चन्द्रबल

🔅 वृषभ, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुम्भ

🌹विशेष ~ अनुसूया जयन्ती। 🌹

पं.प्रेम सागर पाण्डेय् नक्षत्र ज्योतिष वास्तु अनुसंधान केन्द्र नि:शुल्क परामर्श - रविवार

20 अप्रैल 2022, बुधवार का दैनिक राशिफल

मेष (Aries): आज संभलकर कदम उठाने की सलाह देते हैं। आसपास के स्वजनों के साथ उग्र चर्चा न हो इसका ध्यान रखें। शारीरिक और मानसिक रूप से व्यग्रता का अनुभव करेंगे। अनिद्रा के कारण स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। बौद्धिक चर्चा से आनंद तो प्राप्त हो सकता है, लेकिन बौद्धिक चर्चा से दूर रहने की सलाह है। प्रवास भी संभव हो तो टाल दें।

शुभ रंग = केशरी

शुभ अंक : 6

वृषभ (Tauras): भावनाओं के बंधन में बंधने का अनुभव होगा। आपके कार्य संपन्न हो जाने से आनंद में वृद्धि होगी। भाई-बहनों से लाभ होगा। शारीरिक और मानसिक रूप से आप खुशी का अनुभव करेंगे। आर्थिक लाभ होने की भी संभावना है। परंतु मध्याहन के बाद की स्थिति विपरीत हो सकती है। धन का खर्च अधिक होगा और अपयश प्राप्त होने का योग है।

शुभ रंग = हरा

शुभ अंक : 3

मिथुन (Gemini): नकारात्मक मानसिक व्यवहार न रखने की सलाह देते हैं। असंतोष की भावनाओं से मन ग्रस्त रहेगा। पारिवारिक वातावरण में मेलजोल नहीं रहेगा। शारीरिक रूप से भी आप स्वस्थ नहीं रह पाएंगे। पढ़ने-लिखने में विद्यार्थियों का मन नहीं लगेगा। नए कार्य का प्रारंभ न करें। प्रतिस्पर्धियों को परास्त करेंगे। स्वजनों से भेंट करने से मन आनंदित होगा।

शुभ रंग = हरा

शुभ अंक : 3

कर्क (Cancer): आज आप भावनाओं के प्रवाह में आप न बह जाएं इसका ध्यान रखें। छोटे प्रवास या पर्यटन की संभावना है। आपका आरोग्य अच्छा रहेगा और मन भी प्रफुल्लित रहेगा। मध्याहन के बाद आपके मन में हताशा की भावना आ जाने से मन अस्वस्थ रहेगा। अनैतिक प्रवृत्तियों से मन भ्रष्ट न हो जाए इसका ध्यान रखिएगा। धन का खर्च अधिक होगा।

शुभ रंग = क्रीम

शुभ अंक : 2

सिंह (Leo): कोई भी निर्णय लेने की स्थिति में आप नहीं रहेंगे इसलिए आवश्यक निर्णय आज न लें। पारिवारिक कार्यों के पीछे धन का खर्च होगा। वाणी पर संयम रखें। गलतफहमियों को दूर कर दीजिएगा। संबंधियों के साथ मनमुटाव के प्रसंग बनेंगे। मध्याहन के बाद मित्रों और स्नेहीजनों के साथ हुई भेंट से आपका मन प्रसन्न होगा।

शुभ रंग = लाल

शुभ अंक : 1

कन्या (Virgo): आज परिस्थिति अनुकूल रहेगी। शारीरिक और मानसिक रूप से सुख शांति रहेगी। व्यवसायिक क्षेत्र में वातावरण अनुकूल रहेगा। मध्याहन के बाद मन की स्थिति द्विधापूर्ण रहेगी जिससे महत्वपूर्ण निर्णय लेने में बाधा होगी। आज वाणी पर संयम बरतने की सलाह देते हैं। कोर्ट-कचहरी के कार्यों में निर्णय लेते समय सावधानी बरतें। धन हानि के साथ मानहानि से भी बचें।

शुभ रंग = हरा

शुभ अंक : 3

तुला (Libra): पारिवारिक वातावरण आनंदप्रद रहेगा। परिवार के सदस्यों के साथ प्रेमपूर्ण वर्तन रहेगा। घर की साज-सजावट में भी परिवर्तन करेंगे। मानसिक स्वस्थता में भी वृद्धि होगी। व्यवसाय में उच्च अधिकारियों की ओर से आर्थिक लाभ होगा। आर्थिक आयोजन निष्ठापूर्वक संपन्न कर सकेंगे। स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। मानसिक रूप से शांति का अनुभव होगा। संतान से सुख मिलेगा।

शुभ रंग = उजला

शुभ अंक : 4

वृश्चिक (Scorpio): आपके लिए भाग्यवृद्धि का दिन है। विदेश स्थित स्नेहीजन से अच्छे समाचार प्राप्त होंगे। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। धार्मिक प्रवास होने की संभावना है। धन लाभ की भी संभावना है। व्यवसाय में पदोन्नति के योग हैं। आपका प्रत्येक कार्य सफल होने के साथ-साथ पूर्ण भी होगा। माता से संबंध अच्छे रहेंगे। मान-सम्मान प्राप्त होगा। गृहस्थ जीवन आनंदपूर्ण रहेगा।

शुभ रंग = लाल

शुभ अंक : 1

धनु (Sagittarius): प्रातःकाल के समय आपका शारीरिक स्वास्थ्य नरम-गरम रह सकता है। निषेधात्मक विचार मन को अस्वस्थ कर सकते हैं इसलिए वैचारिक स्तर पर संयम रखें। आर्थिक रूप से तंगी का अनुभव करेंगे। आकस्मिक धन प्राप्ति का योग है। व्यवसायियों को लाभ होगा। मित्रों और स्नेहीजनों के साथ आनंदपूर्वक समय बीतेगा। प्रवास का योग है।

शुभ रंग = उजला

शुभ अंक : 4

मकर (Capricorn): आज के दिन परिजनों के साथ आनंदपूर्वक प्रवास या पर्यटन का आनंद उठाएंगे। मध्याहन के बाद आपका मन व्यग्रता का अनुभव करेगा। अधिक खर्च होने से धन की तंगी रहेगी। सरकारी कार्यों में विघ्न आएंगे। अनैतिक कार्यों से सम्बंधित वृत्तियों पर अंकुश रखें।

शुभ रंग = केशरी

शुभ अंक : 6

कुंभ (Aquarius): गणेशजी के आशीर्वाद से आपका दिन सुख-शांतिपूर्वक बीतेगा। पारिवारिक जीवन में भी आनंद छाएगा। शारीरिक और मानसिक स्वस्थता प्राप्त होगी। आनंद-प्रमोद के साथ वाहन सुख प्राप्त होगा। व्यवसायिक क्षेत्र में आपको कीर्ति प्राप्त होगी। नए वस्त्र और आभूषणों के पीछे धन का व्यय होगा। छोटे से प्रवास या पर्यटन की संभावना है।

शुभ रंग = हरा

शुभ अंक : 3

मीन (Pisces): आज के दिन आकर्षण से दूर रहें। किसी भी व्यक्ति के साथ बौद्धिक चर्चा या वाद-विवाद न करें। नए कार्य का प्रारंभ न करें। मध्याहन के बाद स्थिति में सुधार दिखेगा। शारीरिक और मानसिक रूप से आप स्वस्थता का अनुभव करेंगे। व्यवसायियों को कार्यालय में सानुकूल वातावरण रहेगा। प्रतिस्पर्धियों पर विजय प्राप्त कर सकेंगे।

शुभ रंग = उजला

शुभ अंक : 4 
प्रेम सागर पाण्डेय् ,नक्षत्र ज्योतिष वास्तु अनुसंधान केन्द्र ,नि:शुल्क परामर्श - रविवार , दूरभाष 9122608219 / 9835654844
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हिन्दू समाज जब तक प्रतिकार नहीं करेगा, तब तक हिन्दू त्योहारों के समय होनेवाले जिहादी आक्रमण नहीं रुकेंगे ! अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित

Posted: 19 Apr 2022 05:24 AM PDT

'रामनवमी की * *शोभायात्राओं पर देशभर में जिहादी आक्रमण !' इस विषय पर विशेष संवाद !

हिन्दू समाज जब तक प्रतिकार नहीं करेगा, तब तक हिन्दू त्योहारों के समय होनेवाले जिहादी आक्रमण नहीं रुकेंगे ! अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित

हिन्दू नववर्ष, श्रीरामनवमी, श्री हनुमान जयंती आदि हिंदुओं के त्योहारों के समय देशभर में निकाली गई शोभायात्राओं पर जिहादी प्रवृत्तियों द्वारा भीषण आक्रमण किए गए । ये हिन्दू-मुसलमान दंगे नहीं थे, अपितु आतंकवादी प्रवृत्ति के जिहादियों द्वारा योजनाबद्ध पद्धति से किए गए एक पक्षीय आक्रमण थे । करौली के आक्रमण में सम्मिलित राजस्थान के सत्ताधारी दल के जनप्रतिनिधि और अन्य जिहादियों पर कार्यवाही करना तो दूर उनकी जानकारी प्रसारमाध्यमों द्वारा देने एवं लोगों द्वारा शिकायत करने पर भी उन पर कार्यवाही नहीं की गई । इसके विपरीत सरकार उनका बचाव कर रही है । जो तीव्र प्रतिकार और विरोध करता है, उसकी बात सरकार और न्यायालय सुनते हैं । इसलिए बहुसंख्यक हिन्दू समाज जब तक ऐसे आक्रमणों का उचित प्रतिकार और विरोध नहीं करते, तब तक ये घटनाएं नहीं रुकेंगी, ऐसा प्रतिपादन राजस्थान उच्च न्यायालय के अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित ने किया । हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित '*रामनवमी की शोभायात्राओं पर देशभर में जिहादी आक्रमण | इस 'ऑनलाइन' विशेष संवाद में वे बोल रहे थे । इस अवसर पर 'लष्कर -ए-हिन्द' के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री. **ईश्‍वरप्रसाद खंडेलवाल* ने कहा कि, जिस समय मुसलमानों के जिहादी विचारों की पराकाष्ठा होती है, तब ऐसी घटनाएं होती हैं । केवल भारत में हिन्दुओं के संबंध में ऐसी घटनाएं होती हैं, ऐसा नहीं है, अपितु पाकिस्तान, अफगानिस्तान, पॅलेस्टाईन आदि इस्लामी देशों में भी निरंतर ऐसी लडाइयां हो रही हैं । इस जिहाद की बलि चढकर पाकिस्तान दे दिया गया है, तब भी ये लोग शांत बैठने के लिए तैयार नहीं है । इस देश के सेक्युलर प्रसारमाध्यम, राजनीतिक दल और संगठन इन जिहादी प्रवृत्तियों को पोसने का काम कर रहे हैं । इसलिए इन आतंकवादी प्रवृत्तियों को लोकतांत्रिक पद्धति से रोकना कठिन है तथा उसके लिए सीधे सैन्य कार्यवाही करने की ही आवश्यकता है । इस समय* 'हिन्दु विधिज्ञ परिषद' के संगठक अधिवक्ता नीलेश सांगोलकर* ने कहा कि, जो कश्मीर में वर्ष 1990 में घटा, वही राजस्थान के करौली, मध्य प्रदेश के खरगोन और देशभर में चल रहा है । हिन्दू समाज को जागृत होने की आवश्यकता है । हमारे तेजस्वी राष्ट्रपुरुषों और महान राजाओं के इतिहास का स्मरण करने की आवश्यकता है । पलायन नहीं, अपितु प्रतिकार करना ही एकमात्र उपाय है । जब तक सरकार की इच्छाशक्ति नहीं होगी, तब तक दंगाखोरों पर कोई कार्यवाही नहीं होती, ऐसा आज तक का अनुभव है । दंगाखोरों पर कार्यवाही के लिए सरकार से शिकायत, पत्रव्यवहार, सूचना के अधिकार, न्यायालयीन संघर्ष आदि माध्यमों से दबाव निर्माण करना चाहिए ।
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आगामी रविवार दिनांक 24 - 04 - 2022 को संध्या ठीक 4:00 बजे से भारतीय जन महासभा के द्वारा एक अंतर्राष्ट्रीय गूगल मीटिंग का आयोजन किया जा रहा है ।

Posted: 18 Apr 2022 11:21 PM PDT

आगामी रविवार दिनांक 24 - 04 - 2022 को संध्या ठीक 4:00 बजे से भारतीय जन महासभा के द्वारा एक अंतर्राष्ट्रीय गूगल मीटिंग का आयोजन किया जा रहा है ।


इस बारे में जानकारी देते हुए भारतीय जन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने बताया कि इस मीटिंग में निम्नलिखित विषयों पर चर्चा होगी ।

1) बिट्टा कराटे को कड़ी से कड़ी सजा मिले ।


2) कश्मीरी विस्थापितों के दर्द को समझ कर उनके हित में आवश्यक कदम उठाये जाए ।


3) श्रीमद्भगवद्गीता को पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाए ।


यह भी बताया कि मीटिंग संध्या ठीक 4:00 बजे प्रारंभ होगी और लगभग 1 घंटे चलेगी ।


कहा कि इस मीटिंग में भारत के विभिन्न प्रांतों के लोगों के अलावा विदेशों से भी लोग जुड़ेंगे ।


कहा कि विदेशों के जिन स्थानों से लोग जुड़ेंगे वे हैं सिंगापुर , यूएसए एवं युगांडा ।


यह भी बताया कि यह मीटिंग अभूतपूर्व होगी और इस मीटिंग के पश्चात जम्मू कश्मीर सरकार की स्टेट गवर्नमेंट के साथ-साथ भारत की केंद्र सरकार से मीटिंग में लिए गए निर्णय के अनुसार मांग की जाएगी ।


यह भी बताया कि कश्मीरी हिन्दू विस्थापितों की संस्था कश्मीरी समिति के अध्यक्ष श्री सुमित चरुंगू भी इस मीटिंग को संबोधित करेंगे ।
वे बताएंगे कि कश्मीरी हिंदू विस्थापितों को किस प्रकार कश्मीर में पुन:श्च बसाने पर विचार किया जा सकता है या उनके हितों को ध्यान में रखते हुए किस प्रकार से उनका पुनर्वास किया जा सकता है ।


श्री पोद्दार ने कहा कि भारत एवं विदेशों के विभिन्न स्थानों से अनेक लोगों ने इस मीटिंग को अटेंड करने के लिए अपनी सहमति प्रदान की है ।

इस मीटिंग में मुख्य रूप से श्री पोद्दार के अलावे ओम प्रकाश अग्रवाल , जयपुर राजस्थान , पवन सिंगला , जींद हरियाणा , डॉ प्रतिभा गर्ग , सिंगापुर , श्री ए के जिंदल , युगांडा , श्रीमती पिंकी देवी , जमशेदपुर झारखंड , संरक्षक आदरणीय श्री गंगादीन शर्मा (जांगिड़) जी , नई दिल्ली , प्रकाश मेहता , सरायकेला-खरसावां झारखंड , श्री विजय नारायण सिंह , जमशेदपुर झारखंड , श्रीमती लक्ष्मी सिंह , भागलपुर बिहार , श्रीमती अर्चना वर्मा , शाहदरा दिल्ली , डॉ अवधेश कुमार अवध , मेघालय , श्रीमती लक्ष्मी गुसाईं , मेरठ उत्तर प्रदेश , श्रीमती बिदेह नंदनी चौधरी , सिंगापुर , श्रीमती रीता सिंह , यूएसए , श्रीमती जयश्री शर्मा , जोरहाट असम एवं अन्य सम्मिलित होंगे ।
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प्रसिद्ध गणितज्ञ और खगोलशास्त्री आचार्य आर्यभट्ट:- डॉ सच्चीदानंद प्रेमी

Posted: 18 Apr 2022 11:17 PM PDT

प्रसिद्ध गणितज्ञ और खगोलशास्त्री आचार्य आर्यभट्ट के जन्म दिन पर विशेष

प्रसिद्ध गणितज्ञ और खगोलशास्त्री आचार्य आर्यभट्ट:- डॉ सच्चीदानंद प्रेमी 

प्रसिद्ध गणितज्ञ और खगोलशास्त्री आचार्य आर्यभट्ट का जन्म उनके ही सुप्रसिद्ध ग्रंथ आर्यभटीय के अनुसार बिहार के कुसुमपुर सम्प्रति पटना में संवत् 398 (476 ईस्वी ) में हुआ था। उनकी शिक्षा नालंदा विश्वविद्यालय में ही हुई थी । यद्यपि कि खगोल शास्त्र के सूत्र ॠग्वेद में मिलते हैं और हमारे वैदिक कालीन ॠषिओं ने ही इसके प्रारूप दिए हैं ,उसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने, गणित, ज्योतिष शास्त्र तथा खगोल शास्त्र से संबंधित कई महत्वपूर्ण सूत्र और सिद्धांत दिए ।उनके सम्मान में भारत ने अपने पहले उपग्रह का नाम आर्यभट्ट दिया था ।आधुनिक शोधकर्ताओं ने इस कुसुमपुर को दक्षिण के महाराष्ट्र में होने का दाबा किया है ,परन्तु पाटलिपुत्र के पास ही खगौल की वेध शाला एवं तारेगना की वेधशाला यह प्रमाणित करता है कि आचार्य आर्यभट्ट पातलिपुत्र के ही थे ।
खगोल विज्ञानं के क्षेत्र में, सर्वप्रथम आचार्य आर्यभट्ट ने ही पृथ्वी के संदर्भ में अनुमान लगाया था कि अग्नि, मिट्टी, वायु और पानी से बनी यह पृथ्वी, चारों ओर से गोल है और इसकी परिधि 24835 मील है ।। आर्यभट्टीय अंक पद्धती द्वारा उन्होंने पृथ्वी का व्यास भी बता दिया था। साथ ही यह सिद्धांत भी दिया था कि पृथ्वी स्थिर नहीं है, बल्कि वह निरंतर अपने अक्ष पर घुमती रहती है, साथ ही सूर्य के चारों ओर परिक्रमा भी करती है । इसलिए अन्य खगोलीय घटनाओं के साथ ही दिन और रात भी घटित होते हैं ।उन्होंने सौर प्रणाली के भूकेंद्रीय प्रारूप प्रस्तुत किया था जिसमे उन्होंने बताया था कि पृथ्वी ब्रह्माण्ड के केंद्र में है । उन्होंने गुरुत्वाकर्षण की अवधारणा की नींव भी रखी थी। उन्होंने अपने "आर्यभटीय
सिघ्रोका " में आज के 1500 वर्ष पूर्व ही खगोलीय गणनाओ के तरीको को प्रतिपादित कर दिया था जो सिद्धान्त कोपर्निकस और गैलीलियो ने बहुत बाद में प्रतिपादित किया ।
आर्यभट्ट के अनुसार पृथ्वी के इर्द-गिर्द ग्रहों की कक्षाएं है । सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण से संबंधित भ्रमों का निराकरण करते हुए यह सिद्ध किया था कि, सूर्य ग्रहण और चन्द्र ग्रहण खगोलीय घटनाएं है । इन ग्रहणों की घटनाओं से राहु और केतु का कोई लेना-देना नहीं है ।, पृथ्वी और चंद्रमा की छाया के कारण ही ग्रहण की घटनाएँ होती हैं साथ ही अमावस्या को सूर्य ग्रहण तथा पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण होने तथा उसके शास्त्रीय कारणों की व्याख्या भी की है । इनके अनुसार, एक युग में 4320000 बार पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है, इसलिए युग में वर्ष भी इतने ही होते हैं।
आर्यभट्ट के अनुसार, सूर्य के सम्मुख यानी सूर्य के सामने जो भी ग्रह या नक्षत्र होते हैं वे सूर्य के प्रकाश से प्रतिविम्बित होकर ही प्रकाशवान दिखते हैं और इसके विपरित जो भी ग्रह या नक्षत्र सूर्य के पीछे यानी सूर्य के प्रकाशक्षेत्र से बाहर चले जाते हैं वे अस्त कहलाते हैं ,क्योंकि वहां अंधकार रहता है । इसका निष्कर्ष यह है कि चंद्रमा, पृथ्वी तथा अन्य ग्रह, सूर्य के प्रकाश से ही प्रकाशित होते हैं।
गणित के क्षेत्र में आर्यभट्ट के योगदान अद्वितीय है । उन्होने गणित के आदार पर पृथ्वी से सूर्य की दूरी निकाली जो अनुमानतः93750000 मील यानी लगभग 150000000 किलोमीटर है । इसे Astrological Unit (A U ) कहा जाता है । इसके आधार पर पृथ्बी से बुध की दूरी का मान 0.375 A U, शुक्र की दूरी का मान 0.725 A U,मंगल की दूरी का मान 1.538 A U,गुरु की दूरी का मान 4.16 A U तथा शनि की दूरी का मान 9.41 A U है । यह उस समय की गणना है जब माप का कोई आधुनिक यंत्र नहीं था ,फिर भी आज के आधुनिक ञंतंत्र की माप से लगभग मिलता जुलता है ।उन्होंने त्रिकोण और वृत्त के क्षेत्रफलों को निकालने के लिए सूत्र का प्रारूप दिया था । उन्होंने पाई का मान 62832/20000 = 3.1416 के बराबर दिया था ।यह पाई का सुक्ष्मतम मूल्य है।
उन्होंने ज्या ( sine ) तालिका दी, जो तुकांत वाले एक छंद के रूप में थी जहाँ प्रत्येक इकाई वृत्तचाप के 225 मिनट्स या 3 डिग्री 45 मिनट्स के अंतराल पर बढ़ती थी । वृद्धि संग्रह को परिभाषित करने के लिए वर्णमाला कोड का प्रयोग किया ।एक के बाद ग्यारह शून्य वाली संख्या को बोलने के लिए उन्होने नई पद्धति दी । ज्या 30 (Sine 30 ) के मान की गणना करने पर 1719/3438 = 0.5 उन्होने निकाला था । उनके वर्णमाला कोड को सामान्यतः आर्यभट्ट सिफर के रूप में जाना जाता है।किसी भी वृत्त की परिधि और व्यास के अनुपात को पाई कहते हैं। इसे π चिन्ह द्वारा दर्शाया जाता है।लोगों का यह भ्रम है कि पाई का सिध्यांत आर्कमिडीज ने दिया है । सच्चाई तो यह है कि उनके बहुत पहले आर्यभट्ट ने ही पाई का सही और सटीक मूल्यांकन किया है।
आर्यभट्ट की दशमान पद्धति
आर्यभट्ट ने अक्षरांक पद्धति की तरह ही दशमान पद्धति (दशमलव) का भी अविष्कार किया है। इस पद्धति के अनुसार, किसी भी संख्या में स्थान के अनुसार अंकों का मूल्य बदलता है। किसी भी संख्या में दाईं ओर से बाईं ओर जाने पर अंको का मूल्य दस गुना हो जाता है। दशमान पद्धति के उपयोग से, जोड़,घटाव, गुणा,भाग करना आसान होता है।
शून्य का आविष्कार पांचवीं शताब्दी में भारतीय गणितज्ञ आर्यभट्ट ने ही किया था। हालांकि आर्यभट्ट ने शून्य को दर्शाने के लिए किसी भी चिन्ह का उपयोग नहीं किया था।
आर्यभट्ट ने 21 वर्ष में ही आर्यभट्टीय नामक ग्रंथ लिखा था जो विज्ञान एवं गणित विषयों के 108 श्लोकों का शोध संग्रह है जिसमें गणित, खगोल विज्ञान तथा ज्योतिष शास्त्र विशेषकर बीजगणित, त्रिकोणमिति तथा बृतीय त्रिकोणमिति के कई सिद्धांत और समीकरण दिए हैं। साथ ही क्षेत्रफल, वर्ग, वर्गमूल, इत्यादि के नियम और सूत्र भी प्रतिपादित किए हैं जो श्लोकबद्ध हैं ।
यथा-
उदयो यो लंकायां सोस्तमयः सवितुरेव सिद्धपुरे ।
मध्यान्हो यवकोट्यां रोमकविषयेऽर्धरात्रःस्यात ॥
आर्यभट्टीय गोलपाद -13
यानी जब लंका में सूर्योदय होता है तब सिद्धपुर में सूर्यास्त हो जाता है, यबकोटी में मध्याह्न तथा रोमक प्रदेश में अर्धरात्री होती है ।
आर्यभट्ट आर्यभट्टीय के अतिरिक्त दासगीतिका,तंत्र,आर्य सिद्धांत और सूर्य सिद्धांत पर आधारित ग्रंथ "सूर्य सिद्धांत प्रकाश ऐसे प्रमुख ग्रंथओं का प्रणयण किया है ।
आर्य सिद्धांत ग्रंथ
गणित शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र के विषय पर आधारित आर्यभट्ट द्वारा रचित ग्रंथ "आर्य सिद्धांत" के चार विभाग है, जिनके नाम क्रमशः गितीकापाद,गणितपाद,कालक्रियापाद तथा गोलपाद है। कूल मिला कर इस ग्रंथ में 121 श्लोक है जिनमें गणित तथा ज्योतिष शास्त्र के सिद्धांतों को सूत्रों के रुप में दर्शाया गया है।यथा-
संस्कृत के 33 × 9 = 297 वर्णांक
9 स्वर -a -i -u -ṛ -ḷ -e -ai -o -au
अ इ उ ऋ ऌ ए ऐ ओ औ
× 10 0 10 2 10 4 10 6 10 8 1010 1012 1014 1016
गितीकापादम्
गितीकापाद में 13 श्लोक है, जिनमें आर्यभट्ट ने बड़ी बड़ी संख्याओं को छोटे रुप में लिखने का वर्णन किया है। इसमें व्यंजन का उपयोग अंको को दर्शाता है तथा स्वरों का प्रयोग शून्य के लिए किया गया हैं।
इसके अलावा पृथ्वी, सूर्य चंद्र तथा अन्य ग्रहों के बीच अंतर तथा उनकी गति को नापने के विषय में जानकारी दी गई है।यथा-
ख्युघृ = 43,20,000 में 2 के लिए ख् लिखा गया है और 30 के लिए य्। दोनों अक्षर मिलाकर लिखे गए हैं और उनमें उ की मात्रा लगी है, जो 10,000 के समान है; इसलिए ख्यु का अर्थ हुआ 3,20,000; घृ के घ् का अर्थ है 4 और ऋ (मात्रा) का 10,00,000, इसलिए घृ का अर्थ हुआ 40,00,000. इस तरह ख्युघृ का उपर्युक्त मान (43,20,000) हुआ
गणितपाद
गणितपाद में अंक गणित,बीज गणित, त्रिकोणमिति गोलाकार त्रिकोणमिति, क्षेत्रफल, वर्ग, वर्गमूल, घन तथा घन मूल आदि से संबंधित 33 श्लोक है। इसी भाग मं पाई का मूल्य भी दर्शाया गया है।
कालक्रियापाद
कालक्रियापाद में 25 श्लोक है जिनमें वर्ष, महिने तथा युग के विषय में जानकारी है। आर्यभट्ट ने अपने सूत्रों से सिद्ध किया है कि वर्ष के दिन 365 न होकर 365.2951 होते हैं । आर्यभट की खोज के अनुसार, एक युग में 4320000 बार पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है, इसलिए एक युग में 4320000 वर्ष भी होने का प्रमाण मिलता हैं।
गोलपाद
गोलपाद में आर्यभट्ट ने प्रमुख ग्रहों सूर्य, चंद्र और पृथ्वी की व्याख्या की है ,साथ ही सूर्य से इन ग्रहों की दूरी की भी जानकारी दी है । गोलपाद में 50 श्लोक है।
अतः आर्य सिद्धांत में गणित, भूगोल तथा ज्योतिष शास्त्र का विस्तारपूर्वक बर्णन किया गया है।
आर्यभट्ट की अक्षरांक पद्धति
आर्यभट्ट के अनुसार, संख्याओं को अंको में लिखने के बजाय यदि अक्षरों में लिखा जाएं तो उसे और अधिक आसानी से पढ़ा जा सकता हैं। अतः आर्यभट्ट ने बड़ी बड़ी संख्याओं को संक्षिप्त रूप से अक्षरों में लिखने की पद्धति का अविष्कार किया है जिसे अक्षरांक पद्धति कहते हैं।यथा-
वर्गाक्षराणि वर्गेऽवर्गेऽवर्गाक्षराणि कात् ङ्गौ यः ।
खद्विनवके स्वरा नव वर्गेऽवर्गे नवान्त्यवर्गे वा ॥
आर्यभटीय गीतिकापाद २
अर्थात् क से प्रारंभ करके वर्ग अक्षरों को वर्ग स्थानों में और अवर्ग अक्षरों को अवर्ग स्थानों में (व्यवहार करना चाहिए), (इस प्रकार) ङ और म का जोड़ य (होता है)। वर्ग और अवर्ग स्थानों के नव के दूने शून्यों को नव स्वर व्यक्त करते हैं। नव वर्ग स्थानों और नव अवर्ग स्थानों के पश्चात् (अर्थात् इनसे अधिक स्थानों के उपयोग की आवश्यकता होने पर) इन्हीं नव स्वरों का उपयोग करना चाहिए।
आर्यभट्ट के द्वारा किए गए प्रयोगों और इनके द्वारा लिखित ग्रंथों को एक ओर जहां दुनियां भर में सराहा गया , वहीं दूसरी ओर उनकी बहुत आलोचना भी हुई हैं । हजारों वर्ष पहले खगोल विज्ञान और ज्योतिष शास्त्र के विषय में आर्यभट्ट ने जो भी सिद्धांत, सूत्र तथा समीकरण दिए थे, उनके विषय में कई विद्वानों की मत भिन्नता रही , परंतु इससेआर्यभट्ट की योग्यता पर संदेह नहीं किया जा सकता । गणित तथा विज्ञान के क्षेत्र में उनका योगदान सदैव ही सराहनीय रहेगा।
उनके द्वारा गणित और खगोलविज्ञान से सम्बन्धित सारे अविष्कारों को जो श्लोको के रूप में प्रणीत थे , का अनुवाद लैटिन में 13वीं शताब्दी में किया गया। आर्यभटीय के लैटिन संस्करण की सहायता से ही यूरोपीय गणितज्ञों ने त्रिभुजो का क्षेत्रफल, गोलीय आयतन की गणना के साथ साथ वर्गमूल और घनमूल की गणना करना सीखा।
काल गणना से ब्रह्मगुप्त के अनन्तर यह ग्रन्थ रचा गया प्रतीत होता है । इससे इस सिद्धान्त को कलियुग के प्रारम्भ ही में बनना बतलाया जाता है ।
इससे इनके ग्रन्थों को पौरुष ग्रन्थ में गवना होती है । ब्रह्मगुप्त के पहिले इन के ग्रन्थोलिखित वर्षमान या अन्यान्य मानों का वस्तुतः कहीं प्रचार होने का कोई प्रमाण नहीं मिलता।
इनकी विद्वता तथा इनके अनुसंधानिक असाधारण प्रतिभा पूर्ण ग्रंथ आर्यभट्टीय की प्रतिष्ठा के आधार पर ही गुप्त शासक बुद्धगुप्त ने उन्हें नालन्दा विश्वविद्यालय का प्रमुख नियुक्त किया था। हमें,सम्पूर्ण बिहार वासियों को ,सम्पूर्ण भारतियों को आचार्य आर्यभट्ट की कृतियों पर ,बिहार के होने पर ,भारत के होने पर गर्व है ।
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विश्व विरासत दिवस और प्राचीन पाटलिपुत्र में चक्रवर्ती सम्राट अशोक के अवशेषों की खोज: राकेश कपूर

Posted: 18 Apr 2022 11:13 PM PDT

विश्व विरासत दिवस और प्राचीन पाटलिपुत्र में चक्रवर्ती सम्राट अशोक के अवशेषों की खोज: राकेश कपूर 

विश्व विरासत दिवस के अवसर पर पटना जिला सुधार समिति ने बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार से प्राचीन पाटलिपुत्र में चक्रवर्ती सम्राट अशोक के अवशेषों को खोजने की गुहार लगाई है।
जिस पाटलिपुत्र से विश्व के बड़े भूभाग पर सम्राट अशोक ने शासन किया वहीं के इतिहास के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। सर्वप्रथम प्राचीन पाटलिपुत्र शहर का रेलवे स्टेशन जो पूर्व बेगमपुर और कालान्तर में पटना सिटी और पटना साहिब के नाम जाता है, उसका नामकरण पाटलिपुत्र स्टेशन न कर ऐसे जगह पर बने स्टेशन का नाम रखा गया है जिसका इतिहास से कोई वास्ता ही नहीं ! पटना जंकशन व पटना शहर का नामकरण पाटलिपुत्र करने के लिए जेनरल एस. के.सिन्हा आन्दोलन करते करते दिवंगत भी हो गये।
चुनावी परिसीमन के तहत इस प्राचीन ऐतिहासिक शहर के साथ साजिशन पुनः खिलवाड़ किया गया। लोक सभा और विधानसभा क्षेत्र का नाम भी पाटलिपुत्र रखते हुये इसके इतिहास का सरकार ने स्मरण नहीं किया। पटना के प्राचीन इतिहास को तोड़ मरोड़ कर मुख्य लोक सभा क्षेत्र को पटना साहिब और पटना पूर्वी विधानसभा क्षेत्र को भी पटना साहिब कर दिया गया।
पिछले दिनों डबल इंजन की सरकार में सम्राट अशोक की जयंती मनाने की जदयू और भाजपा में एक दूसरे को पछाड़ने की होड़ लगी हुई थी। अशोक को कुशवाहा समाज का ऐतिहासिक पुरुष साबित किया जा रहा था। इसी के तहत दोनों राजनीतिक दल लव-कुश जाति के मत को गोलबन्द करने की कोशिश में जुट गए हैं। यह दुर्भाग्य की बात है कि जिस सरकार को अपनी विरासत को संरक्षित करते देश के सामने प्रस्तुत करना चाहिए वह जातीय समीकरण को गोलबंद करने में जुटी हुई है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सिर्फ अपने गृह जिला नालंदा की धरोहरों की ही चिंता रहती है और उसे ही राष्ट्रीय पटल पर लाने के लिए प्रयास करते हैं जबकि बिहार में लुप्त होती धरोहरों का संरक्षण करने के लिए प्रयास किया गया होता तो विश्व के मानचित्र में बिहार का विशिष्ट होता! पाटलिपुत्र में सिर्फ अशोक के अवशेषों को खोज निकाल कर सहेजने से ही विश्व धरोहर दिवस की सार्थकता साबित हो पायेगी। अभी सिर्फ ले देकर आंशिक कुम्हार में ही कुछ अशोककालीन अवशेष मिला है। पटना सिटी के धर्म शाला गली स्थित आचार्य चाणक्य की गुफा की व मंगल तालाब की उड़ाही होने पर बहुत कुछ मौर्य कालीन अवशेष मिलने की संभावना है।
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मंत्रिपरिषद् के निर्णय

Posted: 18 Apr 2022 07:39 AM PDT

मंत्रिपरिषद् के निर्णय

  • 18 वर्ष से 59 वर्ष तक के निवासिय को कोविड 19 के निःशुल्क प्रीकाॅशन डोज दिये जाने की स्वीकृति।
  • महान शासक सम्राट अशोक की जयंती चैत्र शुक्ल अष्ट्मी तिथि को सम्राट अशोक कन्वेंशन केन्द्र, पटना में राजकीय समारोह के रूप में मनाये जाने की स्वीकृति।

पटना-18 अप्रैल 2022:ः- आज सम्पन्न मंत्रिपरिषद् की बैठक में कुल 26 (छबीस) एजेंडों पर निर्णय लिया गया। इस सन्दर्भ में मंत्रिपरिषद् की बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव, श्री संजय कुमार ने पे्रस को संबोधित करते हुए बताया कि बिहार के 18 वर्ष से 59 वर्ष तक के निवासियों (60 वर्ष एवं उससे अधिक के निवासियों को पूर्व से अनुमान्य) को कोविड 19 के निःशुल्क प्रीकाॅशन डोज दिये जाने हेतु कुल अनुमानित व्यय रू० 1314.15 करोड़ (व्चमतंजपवदंस ब्वेज सहित) की स्वीकृति के साथ 583.43 करोड़ रू० की राशि बिहार आकस्मिकता निधि से विमुक्त किये जाने की स्वीकृति दी गई।
मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के तहत महान शासक सम्राट अशोक की जयंती चैत्र शुक्ल अष्ट्मी तिथि को सम्राट अशोक कन्वेंशन केन्द्र, पटना में राजकीय समारोह के रूप में मनाये जाने की स्वीकृति दी गई।
ऊर्जा विभाग के अन्तर्गत राज्य की दोनों वितरण कम्पनियों यथा-नाॅर्थ/साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी लिमिटेड द्वारा विद्युत वितरण व्यवस्था की सुदृढ़ीकरण हेतु ''पुर्नाेत्थान वितरण क्षेत्र योजना'' (त्मअंउचमक क्पेजतपइनजपवद ैमबजवत ैबीमउम)- त्क्ैै की मार्गदर्शिका के अनुरूप तैयार कार्य योजना (।बजपवद च्संद) की स्वीकृति तथा वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए ''मुख्यमंत्री विद्युत उपभोक्ता सहायता योजना'' अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा विभिन्न श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत खपत में प्रति इकाई निर्धारित अनुदान (ैनइेपकल) की राशि के लिए कुल 7801 करोड़ (सात हजार आठ सौ एक करोड़) रूपये स्वीकृत करते हुए माह अप्रैल, 2022 से मार्च, 2023 तक की अवधि के लिये 650.08 करोड़ (छः सौ पचास करोड़ आठ लाख) रूपये प्रतिमाह की दर से कुल 7801 करोड़ (सात हजार आठ सौ एक करोड़) रूपये रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया के माध्यम से सीधे एन०टी०पी०सी० लि० को भुगतान करने की स्वीकृति एवं (ख) वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए आयोग द्वारा निर्धारित ए०टी०एण्ड सी० लाॅस से अधिक अनुमानित ए०टी० एण्ड सी० लाॅस के कारण राज्य सरकार द्वारा बिहार स्टेट पावर (हो०) कं० लि० के दोनों वितरण कम्पनियों को अनुमानित वित्तीय हानि की राशि की भरपाई हेतु तत्काल 1094 करोड़ (एक हजार चैरानबे करोड़) रूपये की अनुदान (ैनइेपकल) स्वीकृत करते हुए माह अप्रैल, 2022 से मार्च, 2023 तक की अवधि के लिये 91.16 करोड़ (एक्यानबे करोड़ सोलह लाख) रूपये प्रति माह की दर से कुल 1094 करोड़ (एक हजार चैरानबे करोड़) रूपये रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया के माध्यम से सीधे एन०टी०पी०सी०लि० को भुगतान करने की स्वीकृति प्रदान की गई।

गृह विभाग के तहत मंडल कारा, औरंगाबाद के नये भवन के निर्माण हेतु भवन निर्माण विभाग, बिहार, पटना से प्राप्त पुनरीक्षित प्राक्कलन /प्रस्ताव के आलोक में अनुमानित लागत 25,82,97,110 (पच्चीस करोड़ बेरासी लाख सनतानबे हजार एक सौ दस रूपये मात्र) की लागत से योजना की पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई।


ग्रामीण कार्य विभाग के तहत पटना जिलान्तर्गत, ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल, पटना के अंतर्गत पटना बख्तियारपुर फोर लेन (एन॰एच॰- 30) के 49वें कि०मी० से चेरो-नगरनौसा आर०सी०डी० पथ के 5वें कि०मी० छठ्ठी घाट तक सड़क निर्माण कार्य में रैयती भूमि की अधिप्राप्ति हेतु स्वीकृत बिहार रैयती भूमि लीज नीति, 2014 को उचित प्रतिकर का अधिकार एवं भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास एवं पुनः बंदोबस्ती में पारदर्शिता अधिनियम, 2013 में सम्परिवर्तित करने के संबंध में स्वीकृति प्रदान की गई।


परिवहन विभाग के तहत बिहार मोटरगाड़ी नियमावली, 1992 के अन्तर्गत निर्गत परिवहन विभाग की अधिसूचना संख्या-4966, दिनांक- 26.09.2017 में अधिसूचित ''अधिभार (ैनतबींतहम)'' शब्द के स्थान पर उपर्युक्त अधिसूचना के निर्गमन की तिथि- 26.09.2017 के प्रभाव से ''अतिरिक्त फीस'' से प्रतिस्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की गई।


राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के तहत बिहार सेवा संहिता के नियम 74 (ख) (पप) में निहित प्रावधान के आलोक में बिहार राजस्व सेवा के मूल कोटि के पदाधिकारी श्री मनोज झा, कानूनगो, भू-अर्जन कार्यालय, बांका को तीन माह पूर्व लिखित सूचना के आधार पर उन्हें तत्काल प्रभाव से अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिये जाने के प्रस्ताव की स्वीकृति तथा श्री धर्मेन्द्र कुमार भारती, तत्कालीन प्रभारी अंचल अधिकारी, सिकन्दरा, जमुई सम्प्रति निलम्बित को सेवा से बर्खास्त करने की स्वीकृति प्रदान की गई


आपदा प्रबंधन विभाग के तहत 15वें वित्त आयोग के द्वारा की गई अनुशंसा के आलोक में वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2025-26 एवं अगले आदेश तक के लिए राज्य आपदा रिस्पौंस कोष (ैक्त्थ्) का गठन एवं उसके संचालन की प्रक्रिया की स्वीकृति प्रदान की गई।


नगर विकास एवं आवास विभाग के तहत ''बिहार नगरपालिका निर्वाचन (संशोधन) नियमावली, 2022 के प्रारूप की स्वीकृति प्रदान की गई।


निर्वाचन विभाग के तहत भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली के पत्रांक-म्ब्प्ध्च्छध्26 ध्2022 दिनांक 02.03.2022 द्वारा निर्गत प्रेस नोट के आलोक में बिहार विधान परिषद् के 24 स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्रों के द्विवार्षिक निर्वाचन, 2022 एवं वर्ष 2023 उप निर्वाचन के निमित्त मतपत्रों के मुद्रण हेतु बिहार वित्त (संशोधन) नियमावली के नियम 131ज्ञ(ङ) के तहत नामांकन के आधार पर पश्चिम बंगाल, राज्य सरकार के उपक्रम मेसर्स सरस्वती प्रेस लिमिटेड, 11 बी०टी० रोड, कोलकाता-700056 को प्राधिकृत करने की अनुमति दिये जाने की घटनोत्तर स्वीकृति तथा भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली के निर्देश के आलोक में भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली के पत्रांक- म्ब्प्ध्च्छध्26ध्2022 दिनांक 02.03.2022 द्वारा निर्गत प्रेस नोट के आलोक में बिहार विधान परिषद् के 24 स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्रों के द्विवार्षिक निर्वाचन, 2022 चिन्हित लगभग 600 (छः सौ) तथा उप निर्वाचन में मतदान केन्द्रों से निर्वाचन मतदान, मतगणना प्रक्रिया का स्पअम ॅमइबंेजपदह कराये जाने के लिए बिहार वित्त (संशोधन) नियमावली के नियम 131ज्ञ(ङ) के तहत नामांकन के आधार पर छप्ब्ैप् को एजेंसी के रूप में कार्य करने की घटनोत्तर अनुमति दिये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई।


श्रम संसाधन विभाग के तहत पूर्व से स्थापित औ०प्र० संस्थानों में 118 व्यवसाय अनुदेशकों के पदों का सृजन की स्वीकृति तथा पूर्व से स्थापित महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में नया व्यवसाय प्रारंभ करने हेतु 28 व्यवसाय अनुदेशकों के पदों का सृजनकी स्वीकृति प्रदान की गई।




स्वास्थ्य विभाग के तहत नालन्दा जिला के पावापुरी में अवस्थित सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय एवं इसके संबद्ध अस्पताल का नामकरण वर्द्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान, पावापुरी के स्थान पर भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान, पावापुरी एवं वर्द्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान अस्पताल, पावापुरी के स्थान पर भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान अस्पताल, पावापुरी करने की स्वीकृति तथा राज्य के दो जिलों यथा-मुंगेर एवं पूर्वी चम्पारण मंे राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के निर्माण हेतु बिहार चिकित्सा सेवाएँ एवं आधारभूत संरचना निगम लि॰, पटना से तकनीकी अनुमोदन प्राप्त माॅडल प्राक्कलन के आधार पर प्रति चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल रू॰ 603.68 करोड़ (रूपये छः सौ तीन करोड़ अरसठ लाख) मात्र अर्थात् कुल रू॰ 1207,36,00,000/- (रूपये बारह सौ सात करोड़ छत्तीस लाख) मात्र की लागत पर वित्तीय वर्ष 2022-23 में स्कीम (योजना) की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई।


सामान्य प्रशासन विभाग के तहत बिहार व्यवहार न्यायालय अधिकारी एवं कर्मचारी (नियुक्ति, प्रोन्नति, स्थानांतरण एवं अन्य सेवा शर्तें) नियमावली-2022 की स्वीकृति प्रदान की गई।


शिक्षा विभाग के तहत बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार, पटना (बियाडा) द्वारा भारतीय प्रबंध संस्थान, बोधगया (आई०आई०एम०, बोधगया) के सेटेलाईट कैम्पस हेतु बिहटा (सिंकदरपुर) औद्योगिक क्षेत्र में आवंटित किए गए 05 एकड़ भूखण्ड के लिए बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार, पटना (बियाडा) को रू० 11,24,56,894/- (ग्यारह करोड़ चैबीस लाख छप्पन हजार आठ सौ चैरानबे) मात्र का भुगतान करने की स्वीकृति प्रदान की गई।


राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के तहत समस्तीपुर जिलान्तर्गत ''बाबा केवल स्थान मेला'' को राजकीय मेला का दर्जा देने तथा जिलान्तर्गत समीपस्थ बाबा अमर सिंह जी की तपस्थली हजरत शिउरा मंे आयोजित होने वाले मेले को बिहार राज्य मेला प्राधिकार के प्रबंधन में लेते हुए राजकीय मेला का दर्जा देने की स्वीकृति प्रदान की गई।


शिक्षा विभाग के तहत बिहार राज्य गैर सरकारी मान्यता प्राप्त अनुदानित मदरसा (मौलवी स्तर तक) शिक्षण एवं गैर शिक्षण कर्मचारी सेवा शर्Ÿा नियमावली, 2022 की स्वीकृति, बिहार राज्य गैर सरकारी मान्यता प्राप्त अनुदानित मदरसा प्रबंध समिति गठन नियमावली, 2022 की स्वीकृति तथा बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड नियमावली, 2022 की स्वीकृति प्रदान की गई।




पथ निर्माण विभाग के तहत नालन्दा जिलान्तर्गत हरनौत रेल फैक्ट्री पथ में लेवल क्राॅसिंग संख्या-10/ब् के बदले पहुॅच पथ सहित त्व्ठ के निर्माण कार्य हेतु कुल राशि ृ6613.20 लाख (छियासठ करोड़ तेरह लाख बीस हजार) मात्र हेतु अनुमानित लागत पर प्रशासनिक स्वीकृति तथा पटना जिलान्तर्गत बख्तियारपुर इंजीनियरिंग काॅलेज के नजदीक (छभ्.30 एवं ैभ्.106 के बीच) त्व्ठ के निर्माण हेतु कुल राशि ृ6244.22 लाख (बासठ करोड़ चैवालीस लाख बाईस हजार) मात्र हेतु अनुमानित लागत पर प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई।


तथा स्वास्थ्य विभाग के तहत ''मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के नाम से, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (छथ्ै।)-2013 के वैसे लाभार्थी परिवार जो आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के पात्र लाभार्थी नहीं है, को प्रति परिवार प्रति वर्ष पाँच लाख रूपये तक की स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने हेतु, योजना एवं इस योजना को बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति (राज्य स्वास्थ्य अभिकरण) के माध्यम से एस्योरेंस मोड में संचालित करने की स्वीकृति दी गई।

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मसरख में मानव कल्याण हेतु संपन्न हुआ सात दिवसीय महा मृत्युंजय महायज्ञ

Posted: 18 Apr 2022 07:37 AM PDT

मसरख में मानव कल्याण हेतु संपन्न हुआ सात दिवसीय महा मृत्युंजय महायज्ञ

संवाददाता मुकेश कुमार का रिपोर्ट
मसरख में मैया स्थान के बगल में सुमन प्रकाश अपार्टमेंट में सात दिवसीय महामृत्युंजय यज्ञ का समापन रविवार को भजन कीर्तन और महा आरती के साथ किया गया। जिसमें काफी संख्या में श्रद्धालु भक्त शामिल हुए। यज्ञ का अनुष्ठान मसरख होम्योपैथ के सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ राम प्रकाश गुप्ता ने किया। इस दौरान महामृत्युंजय मंत्रों के जाप से पूरा प्रखंड मुख्यालय भक्तिमय बना रहा। बंगाल से आए आचार्य की मंडली द्वारा महाकालेश्वर भगवान शिव के प्रतिमा का मनमोहक श्रृंगार किया गया। जिसका पूजा याचना बड़े भक्ति भाव प्रेम से किया गया। कई जगह से अचार्जो को बुलाया गया था बाबा विश्वनाथ की नगरी बनारस से कौशल पंडित, प्रकाश कुमार पांडे,अंकुर बाबा त्रिलोकी नाथ शास्त्री, मध्य प्रदेश के ईशु पांडे, रायपुर के अनीश कुमार और सारण के सुमन बाबा,मुरारी बाबा गोलू बाबा सहित दर्जनों विद्वान पंडित इस महायज्ञ में शामिल होकर पुजा का समापन किए जिसके मंत्रोच्चारण से पूरा वातावरण भक्तिमय बना रहा
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हिन्दुस्तान को अपना पुण्यभूमि मानने वाला हिन्दुस्तानी-अशोक “प्रवृद्ध”

Posted: 18 Apr 2022 07:35 AM PDT

हिन्दुस्तान को अपना पुण्यभूमि मानने वाला हिन्दुस्तानी-अशोक "प्रवृद्ध"

भारत के कुछ अति राष्ट्रवादियों का विचार है कि भारत में जन्मजात जाति-पाँति का विचार मिटा देना चाहिए। बहुसंख्यक हिन्दूओं में स्वार्थरत रहने की प्रवृति के स्थान पर शिक्षा के माध्यम से धर्म और न्याय की प्रवृति उत्पन्न कर दी जाए। शिक्षा व संविधान के द्वारा सब के सब धनी, निर्धन, राजा, रईस और मजदूर, ब्राह्मण और चाण्डाल को एकसमान मानने की प्रवृति उत्पन्न कर दिया जाए और इस देश को हिन्दुओं की बपौती और हिन्दुओं को यहाँ के राज्य का उत्तराधिकारी स्वीकार कर कह देना चाहिए कि यहाँ धर्म का राज्य स्थापित होगा। जब यह विचार पर्याप्त विस्तार पा जायेगा तो फिर यहाँ स्वतः ही एक स्वयंसेवक संस्था अस्तित्व में आ जायेगा, जो इस पूर्ण देश के संगठन को चालू रख देश की रक्षा हेतु क्षत्रिय भाग अर्थात सेना का निर्माण कर सके। तब निश्चय ही हिन्दू राष्ट्र का निर्माण हो जायेगा और हिन्दू राज्य भी हो जायेगा। प्रश्न उत्पन्न होता है कि क्या ऐसा संभव है? कुछ लोगों का विचार है कि हिन्दू संगठन तो दूर रहा, हिन्दू जाति टूक-टूक हो जाएगी और हिन्दू -हिन्दू परस्पर ही लड़ पड़ेंगे। इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं कि भारत के स्वाधीनता संग्राम के समय इस देश का बहुसंख्यक हिन्दू ही स्वराज्य प्राप्त करने के लिए प्रयत्नशील थे और भारत विभाजन के बाद भी देश के बहुसंख्यक ही राष्ट्रोत्थान के लिए प्रयत्न कर रहे हैं, परन्तु उनमें हीन भावना उत्पन्न होने के कारण सामर्थ्य होने के बावजूद वे अपने को दुर्बल समझने लगे हैं कि वे अपनी सफलता के उतुंग शिखर को नहीं पा सकेंगे। इस हीन भावना के कई कारण हैं। एक तो यह कि इस देश में हिन्दू, जाति-पाँति, ऊँच-नीच, प्रान्त-प्रान्त की भावना और छुआछूत के भेद-भाव में फंसा हुआ प्राणी है। यह तुरन्त दूर होनी चाहिए। दूसरे, हिन्दू किसको कहते हैं? इस बात में सब सहमत नहीं हैं। कोई चोटी रखना हिन्दू होने का लक्षण समझता है, तो कोई तिलक लगाना हिन्दू होने का लक्षण मानता है। किसी का हिन्दूपन धोती पहनने में दिखाई देता है, इत्यादि। परन्तु ये सब लक्षण हिन्दू होने के नहीं हैं। हिन्दू तो वह जनसमुदाय है, जो इस देश को अपनी जन्म-भूमि तथा पुण्य-भूमि मानता है। शेष सब लक्षण सामाजिक, स्थानीय और गौण हैं। हिन्दुस्तान को अपनी पुण्यभूमि मानने में यहाँ का इतिहास, यहाँ के रीति-रिवाज, यहाँ की परम्पराएँ, यहाँ का साहित्य और धर्म हमारे उत्कट प्रेम का विषय हो जाते हैं। तब यदि कोई हमारे इतिहास को गलत माने अथवा हमारे पूर्वज को हीन, दीन, अशिक्षित कहे तो हम इसको गाली समझें, इत्यादि। तीसरे, यह कि धर्म, विशेषरूप में हिन्दू धर्म क्या है, यह जान लेने से ही हिन्दू संगठन स्वयमेव बन जायेगा। हिन्दू मूर्ति -पूजक है, हिन्दू, ब्राह्मण. क्षत्रिय , वैश्य तथा शूद्र हैं, हिन्दू शिवजी का उपासक है, इत्यादि भावनाएँ मिथ्या हैं । इन सब बातों का सम्प्रदाय से सम्बन्ध है। हिन्दू धर्म तो इन सबसे भिन्न है। ये बातें रह सकती हैं, परन्तु वास्तविक बात है कि यहाँ के रहने वालों के आचार-विचार ही, जिनका स्रोत हमारे धर्मशास्त्र वेद हैं, हमारे धर्म के सूचक हैं।
इस समय इस निमित्त करणीय कार्य है- छुआ-छूत एवं जन्मजात वर्णाश्रम धर्म समाप्त करना । पिछड़ी जाति की कल्पना को निर्मूल करना। सब बराबर हैं, सबको उन्नति करने के अवसर समान हों और जो इस देश को जन्मभूमि और कर्मभूमि मानते हैं, उनका संगठन हो। जो ऐसा नहीं मानते, जो इसके लिए अपना सब कुछ न्योछावर करना नहीं चाहते, वे हिन्दू नहीं हैं। हिन्दुस्तान उनका देश नहीं है और वे यहाँ के राष्ट्र के अंग नहीं हैं। भारतीय परम्परानुसार धर्म ही कानून का मुख्य आधार है। कोई भी कानून धर्म के व्यापक नियमों के विपरीत नहीं हो सकता। इस पर भी धर्म अन्तःप्रेरणा से पालन किया जा सकता है। कानून का पालन बाहरी दबाव से होता है। उदहारण के रूप में, चोरी करना अधर्म है। एक व्यक्ति जौहरी के दुकान पर जाता है और वहाँ पड़े हीरा-पन्ना, सोना-चांदी देख, उनके उठाने की इच्छा करने लगता है। इससे अधर्म तो हो गया, किन्तु यह चोरी नहीं हुई। वह देखता है कि चौकीदार बन्दूक लिए दरवाजे पर खड़ा है और वह पकड़ लेगा तो कई वर्षों की सजा हो जायेगी। इसके डर से भयभीत वह कोई वस्तु नहीं चुराता। चोरी नहीं की गई, परन्तु अधर्म तो हो गया है। इसी प्रकार यदि मुसलमान आज देश के दुश्मन आतंकवादियों के साथ मिलकर देश के विकास में बाधक और राष्ट्र के पुनः परतन्त्रता में सहायक बना रहता है, परन्तु छद्म रहन-सहन से बहुसंख्यक हिन्दुओं के साथ रहता है तो अधर्म तो गया यद्यपि दिखावे में देशभक्ति बनी हुई है। यही कारण है कि राष्ट्रोत्थान व देश के सर्वांगीण विकास हेतु यहाँ धर्म का राज्य आवश्यक हो गया है। जिससे जो भी करना अथवा कहना हो, वह स्पष्ट रूप में अपनी अन्तःप्रेरणा से हो।
अन्तःप्रेरणा संस्कारों से आती है। हिन्दू के संस्कार और मुसलमान के संस्कार समान होने चाहिए, तब दोनों के कर्तव्य समान प्रेरणा से सम्पन्न होंगे। प्रश्न उत्पन्न होता है कि यह कैसे होगा? इसके लिए मुसलमान को कम से कम बाहरी व्यवहार में हिन्दू के समान हो जाना चाहिए। संस्कार ऐसे होने चाहिए जिससे एक-एक मुसलमान भी अपने को हिन्दुस्तान का रहने वाला समझने लगे। हिन्दू ऐसा करता है, इसीलिए तो जब-जब भी देश पर भीड़ पड़ती है, वह इसके लिए लड़ता है, मरता है। संस्कार हों हिन्दुस्तानी जबान को सीखना, हिन्दुस्तानी पोशाक पहनना, हिन्दुस्तानी जबान में अपने और अपने बच्चों के नाम रखना और यहाँ रहने वाले पूर्वजों के लिए इज्जत और तारीफ़ करना। प्रश्न यह भी उत्पन्न होता है कि मुसलमानों को हिन्दुओं के समान क्यों हो जाना चाहिए? हिन्दू मुसलमानों के समान क्यों नहीं हो जायें?? ऐसा इसलिए कि दोष मुसलमानों में है। उनकी निष्ठा देश के बाहर की भाषा, देश के बाहर की भूषा और देश के बाहर की भावना में है। मुसलमान अपना नाम रखता है- अब्दुल माजिद खान , सारिक खान इत्यादि। यह हिन्दुस्तानी भाषा नहीं है। हालाँकि आज सम्पूर्ण विश्व का पोशाक एक समान पैंट-शर्ट ,टाई और जूता हो गया है, तथापि आज भी एक मुसलमान तुर्की टोपी पहनता है अथवा अफगानी सलवार पहिनता है, वह हिन्दुस्तानी पोशाक नहीं पहनता। खातूनें आधुनिकता के नाम पर सब कुछ करेंगी, लेकिन पढने के लिए विद्यालय, महाविद्यालय जायेंगी, तो विद्यालय के सामान्य वस्त्र के स्थान पर हिजाब में आयेंगी।
यदि तो इस देश में विदेशी आचार-व्यवहार, भाषा-भेष और भावना की आवश्यकता है तो निःसंदेह हिन्दू को इस देश की बातों को छोड़ मुसलमान अथवा किसी अन्य देश की भाषा इत्यादि ग्रहण कर लेनी चाहिए। इससे मुसलमान मुसलमान रहता हुआ हिन्दुस्तान में विकास का सहभागी बन रहने का भागीदार हो सकता है। इसके लिए किसी मुसलमान को वैदिक धर्मी होना जरुरी नहीं है। हमारा तो यह कहना है कि मोहसिन खान, अब्दुल माजिद खान इत्यादि में इस्लाम है क्या? तुर्की टोपी में अथवा अफगानी सलवार में इस्लाम के उसूल घुसे हैं क्या? इसी प्रकार इस्लाम एक सिद्धांत है अथवा अरब या फिर तुर्की का सुल्तान इस्लाम है। इस्लाम के मजहबी उसूलों को बदलने की कोई आवश्यकता नहीं। दरअसल आचार- व्यवहार का मजहब से उतना घनिष्ठ सम्बन्ध नहीं है। आचार-व्यवहार का मजहब से सम्बन्ध हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता है। कई व्यवहार ऐसे भी हैं, जो रिवाज और परम्परा से बनते हैं। अभिप्राय यह कि कुछ व्यवहार ऐसे हैं जो मजहब के आदेश से बाहर हैं। उदाहरणार्थ, भाषा का प्रश्न है। मुसलमान अंग्रेजी तो पढ़ लेते हैं परन्तु हिन्दी अथवा संस्कृत नहीं पढ़ते। जब अंग्रेजी पढने में आपत्ति नहीं तो हिन्दी पढने में भी नहीं होनी चाहिए। इसी प्रकार इस्लाम का सम्बन्ध हिन्दुस्तानी नामों से क्यों नहीं? एक रामदयाल मुसलमान क्यों नहीं हो सकता? और रुस्तम ही क्यों हो सकता है ? मुसलमान अपने को बाहरी लक्षणों में हिन्दू के समान कर हिन्दुस्तान में विकास का सहभागी बन हिन्दुओं से सम्मिलित होकर रह सकता है, उसे मजहब से सम्बन्ध रखने वाले व्यवहार को छोड़ने की कतई आवश्यकता नहीं। यह सत्य है कि हमारे देश में नैतिक पतन हो चूका है। उस नैतिक पतन से देशवासियों को उभारने के लिए लोगों में राष्ट्रभक्ति अर्थात देश से प्रेम की और नैतिक आचरण की सुदृढ़ता के लिए एक आचार संहिता की आवश्यकता है। अनैतिकता को दूर करने के लिए एक आचार संहिता का निर्माण व प्रचार करने की आवश्यकता होगी। यदि मुसलमान उस आचार-संहिता में भागीदार बनना चाहेंगे तो इस देश में रह सकेंगे और यदि नहीं, तो उनको देश में रहने का अधिकार कैसे हो सकता है ? देश में रहने वालों के लिए देश से प्रेम, इस देश की वस्तुओं से प्रेम, इस देश की समृद्धता से प्रेम, इस देश के रहने वालों से प्रेम होना आवश्यक है। इस देश के रहने वालों की भावनाओं का आदर और देश के रहने वालों की विचार स्वतंत्रता का आदर करने के गुण देशवासियों में अनिवार्य रूप से रहने ही चाहिए। लेकिन मुसलमान पाकिस्तान के शासक को, तुर्की के सुल्तान को, अफगान के तालिबान को अपना रहनुमा मानते हैं और यदि आज पाकिस्तान अथवा कोई इस्लामी देश हिन्दुस्तान पर आक्रमण करे तो इसमें से अधिकांश उसकी सहायता करने को तैयार हो जायेंगे। ऐसे में उन पर बिश्वास कर उन्हें हिन्दुस्तानी कैसे माना जा सकता है?
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अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत रद्द

Posted: 18 Apr 2022 07:27 AM PDT

अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत रद्द

  • सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का फैसला किया रद्द
  • एक गवाह की हुई थी बेरहमी से पिटाई
  • सभी गवाहों को सुरक्षा देने का निर्देश

नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी केस में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत रद्द हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीड़ितों को हर कार्यवाही में सुनवाई का अधिकार है। मौजूदा मामले में पीड़िता को सुनवाई के अधिकार से वंचित किया गया है। हाईकोर्ट ने कई अप्रासंगिक विचारों और अनदेखी मिसालों को ध्यान में रखा है। कोर्ट ने कहा कि एक हफ्ते में आशीष मिश्रा सरेंडर करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट नए सिरे से विचार करे। पीड़ित पक्षकारों के वकील दुष्यंत दवे ने आग्रह किया कि हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से सुप्रीम कोर्ट कहे कि इस बार किसी अन्य पीठ के सामने ये मैटर जाए। सीजेआई ने कहा कि ऐसा आदेश पारित करना उचित नहीं होगा। हमें यकीन है कि वही जज दोबारा इस मामले को सुनना भी नहीं चाहेंगे। गौरतलब है कि 16 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार और आशीष मिश्रा को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था कि आशीष मिश्रा की जमानत रद्द क्यों न की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने गवाह पर हमले के मुद्दे पर भी चिंता जताई थी। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर गवाहों की सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे कदमों पर विस्तृत जवाब मांगा था। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को सभी गवाहों की सुरक्षा करने का निर्देश दिया था। याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि आशीष मिश्रा को जमानत मिलने के बाद एक प्रमुख संरक्षित गवाह पर बेरहमी से हमला किया गया था और हमलावरों ने धमकी दी थी कि अब जब बीजेपी यूपी चुनाव जीत गई है तो वे उसका ध्यान रखेंगे। उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने 10 फरवरी को मिश्रा को मामले में जमानत दे दी थी। इससे पहले, वह चार महीने तक हिरासत में रहा था। इस हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे। गौरतलब है कि किसानों का एक समूह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के खिलाफ पिछले साल तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहा था और तभी लखीमपुर खीरी में एक एसयूवी (कार) ने चार किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया था।
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विरासत के संरक्षण का संदेश

Posted: 18 Apr 2022 07:22 AM PDT

विरासत के संरक्षण का संदेश

  • देश में बनाया जा रहा विश्व हैरिटेज डे
  • इस साल का लक्ष्य है विरासत और जलवायु

लखनऊ। दुनिया में संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने और संरक्षित करने के लिए हर साल 18 अप्रैल को वल्र्ड हैरिटेज डे यानी विश्व विरासत दिवस मनाया जाता है। विश्व स्तर पर आयोजित किए जाने वाले इस दिवस का मनाने का श्रेय पेरिस स्थित इंटरनेशनल काउंसिल ऑन मॉन्यूमेंट्स एंड साइट्स को जाता है। साल 1982 में 18 अप्रैल के दिन इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ मोनुमेंट्स एंड साइट के द्वारा पहला विश्व विरासत दिवस मनाया गया था, पहली बार इस डे को ट्यूनीशिया में मनाया गया था। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य स्थानीय समुदायों और व्यक्तियों को उनके जीवन में सांस्कृतिक विरासत के मूल्य को पहचानने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह दिन स्मारकों को संरक्षित करने के उपायों के अलावा, सांस्कृतिक विरासत की विविधता और भेद्यता के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर भी केंद्रित है। 18 अप्रैल 1982 में, इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ मोनुमेंट्स एंड साइट ने स्मारकों और स्थलों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में इस दिन को मनाने का प्रस्ताव दिया था। उसके अगले वर्ष यूनेस्को ने अपने 22 वें आम सम्मेलन में इस तारीख को अपनाया और तब से यह एक वैश्विक कार्यक्रम बन गया। इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ मोनुमेंट्स एंड साइट तब से हर साल इस दिन के लिए एक थीम प्रस्तावित करता रहा है। इस साल यानी 2022 में वल्र्ड हैरिटेज डे की थीम विरासत और जलवायु है। आईसीओएमओएस ने अपने सदस्यों, व्यक्तियों और संगठनों से थीम के इर्द-गिर्द गतिविधियां आयोजित करने का आह्वान किया है। इस वर्ष की थीम विरासत की रक्षा के लिए जलवायु के साथ न्याय और समानता के सवालों के जवाब देने का अवसर है। यह उन तरीकों पर चर्चा करने का भी एक अवसर है जिससे हम कमजोर समुदायों को समान सुरक्षा प्राप्त करा सकते हैं। आईसीओएमओएस ने कहा, यह दिन विरासत संरक्षण अनुसंधान और अभ्यास की पूरी क्षमता को बढ़ावा देने के लिए रणनीतियों को प्रदर्शित करने का एक समय पर अवसर प्रदान करता है ताकि कम कार्बन ट्रांजिशन में बदलाव की वकालत करते हुए सतत विकास को मजबूत करने के लिए जलवायु के लिए लचीला मार्ग प्रदान किया जा सके।
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नासिक में अजान के समय लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाने पर रोक

Posted: 18 Apr 2022 07:19 AM PDT

नासिक में अजान के समय लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाने पर रोक

पूरे महाराष्ट्र में लागू हो सकता है यह फैसला
मुंबई। महाराष्ट्र में नासिक के प्रशासन ने फरमान जारी किया है कि वहां अजान के समय लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा या भजन बजाने की अनुमति नहीं होगी। नासिक पुलिस कमिश्नर दीपक पांडे ने यह भी कहा है कि अजान से पहले और बाद में 15 मिनट के भीतर इसकी अनुमति नहीं होगी। मस्जिद के 100 मीटर के दायरे में लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा या भजन नहीं बजाया जा सकेगा। उन्हांेने कहा कि यह आदेश शांति और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए दिया गया है। दीपक पांडे ने कहा है कि 2 मई तक अर्थात् ईद तक सभी धार्मिक स्थलों को लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के लिए इजाजत लेनी होगी। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृहमंत्री दिलीप बालासे पाटिल आज राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति और सार्वजनिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के मुद्दे पर चर्चा करेंगे। मिली जानकारी के मुताबिक नासिक के साथ पूरे महाराष्ट्र में यह फैसला लागू किया जा सकता है।
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