करोना संकट के बीच रिलायंस प्रमुख अम्बानी का फेसबुक जरिये एक बड़ा दाव
नई दिल्ली(अलर्ट आपतक- के आर अरुण )मुकेश अंबानी ने कहा, 'Jio के विश्व स्तरीय डिजिटल कनेक्टिविटी प्लेटफॉर्म और भारतीय लोगों के साथ फेसबुक के जुड़ाव की संयुक्त शक्ति अपने आप हर एक के लिए नए नए समाधान पेश करेगी। मुकेश अम्बानी की पैठ विश्व बाजार में मुकाम बनाने की पहल के लिए फेसबुक में मुकेश अंबानी की जियो में 43,574 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। इस निवेश के बाद जियो में फेसबुक की हिस्सेदारी 9.99% हो जाएगी। कहा जाये तो भारतीय टेक्नाेलॉजी सेक्टर में यह सबसे बड़ा एफडीआई है- दोनों कंपनियों के बीच इस डील के बाद जियो का वैल्यूएशन 4.62 लाख करोड़ रुपए का हो जाएगा। यह मूल्यांकन डॉलर के मुकाबले रुपए को 70 मानकर किया गया है। नियामक की मंजूरी मिलने के बाद फेसबुक की जियो कम्पनी में सबसे बड़ी माइनॉरिटी शेयरहोल्डर बन जाएगी। फेसबुक की सब्सिडियरी वॉट्सऐप के भी भारत में एक बड़ा बाजार -
यहां यह बात समझने योग्य है कि भारतीय बाजार में करीब 100 करोड़ मोबाइल यूजर हैं। वास्तव में फेसबुक के लिए भी भारत सबसे बड़ा बाजार है। फेसबुक की सब्सिडियरी वॉट्सऐप के भी भारत में 40 करोड़ यूजर हैं। रिलायंस जियो के देश में 38.8 करोड़ यूजर हैं। डील के बाद भी रिलायंस जियो इन्फोकॉम जियो फ्लेटफॉर्म की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई बनी रहेगी।
टेक कंपनी में माइनॉरिटी हिस्से के लिए दुनिया भर में यह सबसे बड़ा निवेश - फेसबुक और जियो के बीच पार्टनरशिप कई मामलों में महत्वपूर्ण है। किसी टेक्नोलॉजी कंपनी में माइनॉरिटी हिस्सेदारी के लिए दुनिया भर में यह सबसे बड़ा निवेश है। भारतीय टेक्नोलॉजी सेक्टर में यह सबसे बड़ी एफडीआई है। मार्केट कैपटीलाइजेशन की बात करें तो जियो की पैरेंट कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज टॉप पर है। 2016 में शुरू हुई जियो का पूरा नेटवर्क 4जी पर आधारित है जबकि दूसरी कंपनियों के पास 2जी, 3जी और 4जी का मिश्रण है। इस डील के बाद जियो का वैल्यूएशन 4.62 लाख करोड़ रुपए का हो जाएगा।
नयी दिल्ली/चण्डीगढ ( अलर्ट आपतक -के आर अरुण ) लॉक डाऊन के तगड़ी वय्व्वस्था के बार बार चेताये जाने बावजूद सोशल डिस्टेंस की पूरी तरह पालना आभाव में करोँना वायरस को लेक्रर स्थिति बिगडने के आसार सामने आने लगे हैं। समिक्षा अनुसार स्क्रमण की रिपोर्टें काफी चेतावनी दे रही हैं जिससे वायरस के प्रति जागरूकता मजबूत हो सके और लोग इसपर गंभीर होकर सोशल डिस्टेंस लाक डाउन पर मददगार हों। आइसीएमआर के वैज्ञानिकों के अनुसार- 30 अप्रैल तक कोरोना वायरस का प्रसार तेज दिखेगा और इस लिहाज से प्रतिदिन संक्रमण की संख्या भी बढ़ेगी यानी रिपोर्ट मुताबिक भारत में कोरोना संक्रमण अपने चरम पर हो सकता है ।
यही कारण है कि जिन जिलों में कोरोना के नए मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, वहां की कमान केंद्र सरकार ने अपने हाथ में ले ही और इसके लिए छह अंतरमंत्रालय विशेष टीमों का गठन कर दिया है। बतादें कि इसमें से दो-दो महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के लिए हैं और एक एक मध्य प्रदेश और राजस्थान के लिए टीम बनाई गई है।स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आइसीएमआर के आकलन का समर्थन करते हुए कहा कि अगले दो-तीन दिन में स्थिति और भी साफ हो जाएगी। दरअसल पीक पर पहुंचने का अर्थ यह है कि भारत इसका आकलन करने के लिए पूरी तरह तैयार होगा कि अब कदम किस दिशा में उठने चाहिए। रोजाना संक्रमण की गति तेज दिखेगा लेकिन नंबर दोगुना होने में वक्त बढेगा। इस बीच कोरोना मुक्त होने वालों की संख्या भी बढ़ेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार महाराष्ट्र के मुंबई और पुणे, पश्चिम बंगाल के कोलकाता, हावड़ा, मेदनीपुर पूर्व, 24 परगना उत्तर, दार्जलिंग, कलिम्पोंग व जलपाईगुड़ी, मध्यप्रदेश के इंदौर और राजस्थान के जयपुर में स्थिति बदतर होती जा रही है। इलाकों में नियमों का नहीं हो रहा पालन - एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लॉकडाउन के बावजूद इन स्थानों पर हालात बिगड़ने के पीछे का एक मुख्य कारण यहां सोशल डिस्टेंसिंग (शारीरिक दूरी) और लोगों की आवा जाही रोकने के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया जाना है। केंद्रीय ःस्वास्थ्य मंत्रलाय इस समय काफी स्तरों पर उन तरिकों को ईजाद करने पर जोर दे रहा है जिससे स्क्रमण का फैलाव रुके। लोगों में जागरूकता आये तथा वे इस बिमारी को हलकी बात में ना लें जिससे महामारी की बढ़ती आहट को रोका जा सके। यदि लोगों ने एक दूसरे से सामाजिक दूरी नही बनाइ तो परिणाम उन देशों की तरह हॉन्गगे जिन्होंने इसे हल्के में लिया और आज समसान और कब्रीस्तानो में जगह नही बची है दफनाने को। आँखिर कोरोना वायरस की जड़ तक क्यों नहीं पहुंचे अबतक - -अमरीका के जाने-माने संक्रामक बीमारी विशेषज्ञ डॉ फाउची ने कहा कि कोरोना वायरस सीजनल संक्रमण बन सकता है.कोरोना वायरस को बिना किसी वैक्सीन या असरदार इलाज के पूरी तरह ख़त्म नहीं किया जा सकता। अभी तक ये पूरी तरह से पता नहीं चल सका है कि कोरोना वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कैसे फैलता है। भारत में कोरोना वायरस के स्वरूप पर नजर रख रहे आइसीएमआर के वैज्ञानिकों के अनुसार भारत में पाए गए कोरोना वायरस काफी हद तक एक समान है। जबकि ये कई देशों में रहने वाले लोगों के माध्यम से भारत पहुंचे है। सामान्य रूप से कोरोना वायरस एक से दूसरे मानव शरीर के भीतर गुजरते समय अपनी संरचना बदलता रहता है, जिसे म्युटेशन कहते हैं। कोरोना वायरस में यह म्युटेशन की प्रक्ति्रया नहीं देखी जा रही है। पिछले हफ्ते आईसीएमआर के वैज्ञानिक रमन गंगाखेड़कर ने बताया था कि भारत में मिले कोरोना के वायरस की जेनेटिक संरचना 99.9 फीसदी वुहान शहर में मिले वायरस के समान थी।लंबे समय तक कोरोना वायरस पर नजर रखने के बाद किसी निष्कर्ष तक पहुंचा जा सकता है। यह कहना भी मुश्किल है कि कितनी जल्द वैक्सीन तैयार हो सकती है। बचाव की बात करें तो विश्व स्वास्थ्य संगठन गाइड लाइन कहती है - एनएचएस की सलाह के मुताबिक़, अपने हाथ अच्छी तरह धोएं. खांसते या छींकते वक़्त अपना मुंह ढक लें और हाथ साफ़ न हों तो आंखों, नाक और मुंह को छूने बचें। मूक जीवों से दुरी बनाएं - घर में चूहे इत्याद्दी ना पनपने दें। ख़ुद को अकेले कैसे रखें?
अगर आप संक्रमित इलाक़े से आए हैं या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहे हैं तो आपको अकेले रहने की सलाह दी जा सकती है. ऐसे में ये तरीके अपनाएं -
घर पर रहें,मास्क पहने- रुमाल गमछा शुध्द धूला हुआ पहने --
ऑफ़िस, स्कूल या सार्वजनिक जगहों पर न जाएं
सार्वजनिक वाहन जैसे बस, ट्रेन, ऑटो या टैक्सी से यात्रा न करें-
जिद्द्द से बचें ,घर में मेहमानों को न बुलाएं
कोशिश करें कि घर का सामान किसी और से मंगाएं.
अगर आप और भी लोगों के साथ रह रहे हैं तो ज़्यादा सतर्कता बरतें. अलग कमरे में रहें और साझा रसोई व बाथरूम को लगातार साफ़ करें.
21 दिनों तक ऐसा करते रहें ताकि संक्रमण का ख़तरा कम हो सके.-
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