दिव्य रश्मि न्यूज़ चैनल |
- तेजस्वी के सामने राजद में शामिल होंगे श्याम रजक, कहा- नीतीश के साथ रहकर 10 साल बर्बाद किया
- अब नेताजी सुभाष चंद्र बोस के क्रांतिकारी साथियों के साथ किए गए कांग्रेसी षड्यंत्र का भी हुआ पर्दाफाश
- अटकाव – लटकाव - भटकाव
- सनातन संस्कृति में नागपूजा
- बुद्ध, महावीर, इतिहास तथा इतिहास्य
- आक्रामक हुए चिराग, कहा- वह आगे भी राज्यहित के उठाते रहेंगे मुद्दे
- सुशांत मामले में वकील ने उठाए सवाल, पूछा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का समय क्यों नहीं
- बिहार के सभी डाकघरों में खोले जाएंगे कॉमन सर्विस सेंटर, बनेंगे पैन कार्ड, रेलवे-एयर टिकट
- पटना जंक्शन पर लगी मशीन, वेंडिंग मशीन से टूथपेस्ट-ब्रश व साबुन-सर्फ खरीद सकेंगे यात्री
- पटना का मौसम 18 तक रहेगा सामान्य
- पटना में 299 कोरोना मरीज मिले, संक्रमितों की संख्या 16 हजार पार
- मंत्री विनोद को ब्रेन हैमरेज, आज एयर एंबुलेंस से दिल्ली जाएंगे
- अनलॉक थ्री खत्म, आज जारी होगा नया आदेश
- श्याम रजक मंत्री पद और जदयू से बर्खास्त; आज राजद में जाएंगे
- बिहार में मरीजा की संख्या 100000 पार, 72566 संक्रमित ठीक हुए
- स्कूली शिक्षकों, सहायक प्राध्यापकों, डॉक्टर, नर्स और खेल कोटे से होंगी भर्तियां
- धर्मांतरण के खिलाफ चलाया जाएगा अभियान: विहिप
- भुगतान के अभाव में बाजार समिति में बाउंड्री निर्माण है बाधित
- जल-जीवन-हरियाली पार्क और मूर्ति का डीएम-विधायक ने किया उद्घाटन
- गैर-सरकारी संस्थानों में किया झंडोतोलन, झंडे को दी सलामी
- कोरोना से मरने वालों के परिजनों को दिया जा रहा चेक, ग्रामीण इलाकों में अब भी मिल रहे संक्रमित मरीज, सैंपलिंग की तुलना में कम मिल रहे पॉजिटिव
- बरौनी रिफाइनरी टाउनशिप स्टेडियम में सुरक्षा निर्देशों का अनुपालन करते हुए ध्वजारोहण कार्यक्रम में ईडी ने कहा- बरौनी रिफाइनरी के विस्तारीकरण से बढ़ेगा हमारा जीआरएम
- स्वतंत्रता दिवस पर जिले के लोगों का एक ही संकल्प लेकर रहेंगे कोरोना से आजादी
- नगर निगम क्षेत्र के उमानगर में सड़क काटकर टेम्परेरी नाला बनाने की स्थानीय लोग कर रहे थे मांग
- सबलपुर व महुली घाट में 360 बोतल शराब के साथ चार तस्कर धराए, दो बाइक व कार जब्त
| तेजस्वी के सामने राजद में शामिल होंगे श्याम रजक, कहा- नीतीश के साथ रहकर 10 साल बर्बाद किया Posted: 16 Aug 2020 10:22 PM PDT बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक गतिविधि तेज हो गई है। पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में जदयू से निकाले गए पूर्व उद्योग मंत्री श्याम रजक आज तेजस्वी यादव के सामने राजद की सदस्यता ग्रहण करेंगे। इस संबंध में रजक ने कहा है कि मैंने नीतीश कुमार के साथ रहकर 10 साल बर्बाद किया। कारण बताओ नोटिस तक नहीं दिया राजद के साथ मिलकर लड़ूंगा सामाजिक न्याय की लड़ाई श्याम ने कहा कि मुझे कभी मंत्री पद का लोभ नहीं रहा है। मुझे मंत्री बनाया गया तो मैंने काम किया। मुझे रात में बर्खास्त किया गया और सुबह ही मैंने सभी सुविधाओं से हाथ जोड़ लिया। जहां तक विधानसभा सीट फुलवारी से टिकट की बात है तो मुझे अपने क्षेत्र की जनता का असीम प्यार मिला है। यहां पार्टी नहीं श्याम रजक चुनाव लड़ता और जीतता है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/news/shyam-rajak-rjd-joining-today-with-presence-of-tejashwi-yadav-ahead-of-bihar-assembly-poll-127623258.html | ||||||||||||||||||
| अब नेताजी सुभाष चंद्र बोस के क्रांतिकारी साथियों के साथ किए गए कांग्रेसी षड्यंत्र का भी हुआ पर्दाफाश Posted: 16 Aug 2020 09:58 PM PDT भारतीय स्वाधीनता संग्राम के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तित्व के नाम से हमारे हृदय पर राज करने वाले सुभाष चंद्र बोस के बारे में रह-रहकर नए नए तथ्य सामने आते जा रहे हैं । जिनसे पता चलता है कि उनके साथ स्वाधीन भारत की पहली नेहरू सरकार और उसके बाद की कांग्रेसी सरकारों ने कितना बड़ा धोखा और विश्वासघात किया है ? इसी श्रंखला में अब एक नया तथ्य जुड़ गया है । हरियाणा में सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार यह तक नहीं जानते कि उनके पूर्वजों ने भी कभी आजादी की जंग लड़ी और अपना खून बहाया था। हरियाणा के ऐसे 450 शूरवीरों के नाम सामने आए हैं जो आजाद हिंद फौज के सिपाही थे। इन सभी का रिकार्ड राज्य सरकार के अधीनस्थ हरियाणा स्वतंत्रता सेनानी सम्मान समिति को भेजा है ताकि इन्हें उनके परिजनों तक पहुंचाया जा सके।  इससे पता चलता है कि न केवल नेताजी सुभाष चंद्र बोस बल्कि उनके साथी स्वतंत्रता सेनानियों के साथ हुई कांग्रेसी सरकारों ने अन्याय करने में किसी प्रकार की कमी नहीं छोड़ी । कहने का अभिप्राय है कि किसी शूरवीर योद्धा ने देश की आजादी के लिए यदि आजाद हिंद फौज के झंडे के नीचे लड़ाई लड़ी तो उसकी ऐसी जानकारी उसके परिजनों तक को भी उपलब्ध नहीं कराई गई।हरियाणा के कई लोगों को तो सिर्फ इतना ही मालूम है कि उनके पूर्वज कभी ब्रिटिश फौज का हिस्सा थे। ब्रिटिश फौज ने उन्हें विभिन्न मोर्चों पर भेजा और उसके बाद वे कभी लौटकर नहीं आए। वे इससे अनजान हैं कि उनके पूर्वज नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आह्वान पर अंग्रेजों से बगावत कर ब्रिटिश आर्मी छोड़कर अपने देश को आजाद करवाने के लिए आजाद हिंद फौज के सिपाही बन गए थे। इस गौरवपूर्ण तथ्य कुछ छुपाने से जहां ब्रिटिश सरकार का है स्पष्ट हो जाता है कि वह नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनके क्रांतिकारियों से भयभीत रहती थी। वहीं कांग्रेस का ब्रिटिश शासकों के साथ चल रहा संबंध भी पता चल जाता है कि कांग्रेसी नेताओं ने स्वाधीनता के पश्चात भी आजाद हिंद फौज के सैनिकों को भारतीय स्वाधीनता संग्राम का सेनानी मानने से इनकार कर दिया था। बोस की आजाद हिंद फौज के अफसरों ने अपनी विभिन्न रेजीमेंटों को उनके इलाकों के हिसाब से नाम दिया हुआ था। इस रेजीमेंट के एक-एक सिपाही का रिकार्ड उन्होंने रखा था। सिपाहियों का ये रिकार्ड सुभाष चंद्र बोस के गोपनीय दस्तावेजों का ही हिस्सा था। आजादी के बाद कई दशकों तक ये दस्तावेज सरकार ने गोपनीय रखे। इसके पीछे कारण यही रहा कि सरकार किसी भी स्थिति में भारतीय स्वाधीनता संग्राम के इन महान सेनानियों को स्वाधीनता संग्राम का दर्जा नहीं देना चाहती थी । वह इस तथ्य को भी गोपनीय रखना चाहती थी कि स्वाधीनता संग्राम के दिनों में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज भारतीयों में कितनी अधिक लोकप्रिय थी ? विशेषकर हमारी सशस्त्र सेनाओं के सैनिक तो निश्चित रूप से नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम के दीवाने हो गए थे। अब बोस के तमाम दस्तावेज सार्वजनिक हो चुके हैं, इसलिए राष्ट्रीय अभिलेखागार विभाग के पास बोस के तमाम सिपाहियों का रिकार्ड भी सार्वजनिक है। इसी रिकार्ड को पिछले सात साल से चरखीदादरी के गांव दाणी फौगाट के मूल निवासी श्रीभगवान फौगाट (अभी रेवाड़ी में रहते हैं) खंगाल रहे हैं। श्रीभगवान के पिता श्रीराम सिंह फौगाट भी आजाद हिंद फौज के ही गुमनाम सिपाही थे जिन्हें लंबे संघर्ष के बाद श्रीभगवान ने पहचान दिलवाई। श्रीभगवान फौगाट ने बताया कि वे अपने पिता के रिकार्ड के बाबत कई बार सेना भवन, रक्षा व गृह मंत्रालय भवन और राष्ट्रीय अभिलेखागार विभाग जाते रहे। वहीं उन्होंने देखा कि हरियाणा से संबंधित आजाद हिंद फौज के कई सिपाही ऐसे हैं जो आज तक गुमनाम हैं और उनके नाम फाइलों में ही दबे रह गए हैं। उन्होंने बताया कि उन दिनों सुभाष चंद्र बोस का इतना ज्यादा प्रभाव था कि संयुक्त पंजाब के बहुत से ब्रिटिश फौज के सिपाही बगावत कर आजाद हिंद फौज में चले गए। अंग्रेजों ने इन्हे विद्रोही माना। अंग्रेजों से बगावत करने वाले कई सिपाही तो आजाद हिंद फौज के खत्म होने के बाद लौट आए, मगर कई विभिन्न मोर्चों पर अंग्रेजों से लड़ते हुए शहीद हो गए। उनके अनुसार अभी तक वह 450 गुमनाम सिपाहियों का रिकार्ड ढूंढकर जिला उपायुक्त रेवाड़ी के माध्यम से हरियाणा स्वतंत्रता सेनानी सम्मान समिति को भेज चुके हैं। उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मांग की है कि वे इन गुमनाम सिपाहियों का नाम संबंधित जिला उपायुक्तों के माध्यम से उनके परिजनों तक पहुंचाएं और इन स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को पेंशन सुविधा भी दें।किस प्रकार के प्रयासों से पता चलता है कि भारत के स्वाधीनता संग्राम के इतिहास के साथ भी कांग्रेसी सरकार ने कितना बड़ा धोखा किया है ? वर्तमान केंद्र सरकार को और राज्य सरकारों को चाहिए कि आजाद हिंद फौज सहित देश के क्रांतिकारियों के इतिहास को फिर से खंगालने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास होने चाहिए । कांग्रेस के चरखावादी आंदोलन की हवा निकालकर क्रांतिकारियों के महान त्याग, तपस्या और साधना को इतिहास में स्थान दिया जाना समय की आवश्यकता है । प्रधानमंत्री श्री मोदी को इस ओर तुरंत ध्यान देना चाहिए। डॉ राकेश कुमार आर्य संपादक : उगता भारत राष्ट्रीय अध्यक्ष : भारतीय इतिहास पुनर्लेखन समिति  डॉ॰ राकेश कुमार आर्य मुख्य संपादक, उगता भारत दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com | ||||||||||||||||||
| Posted: 16 Aug 2020 09:47 PM PDT अटकाव – लटकाव - भटकाववटेसरकाका ने एक बकरी की टांग तोड़ दी थी, अपने लड़कपन की बेसुधी में । अभागा जवानी तो बहुत बाद में आया । गरीब की बकरी, समुचित इलाज़ के अभाव में आठ-दस दिनों बाद मर गयी । कानाफूसी में ऐसी चर्चा भी सुनने को मिली कि इलाज़ करने का ज़हमत लेने से, शिकार का लुफ़्त लेना ज्यादा मज़ेदार है। खाल की कीमत अलग से मुनाफ़े में हासिल हो जाना है...। कुछ ऐसी ही कारगुजारी हुयी थी उस बकरी के साथ, जो एक निर्बल-धनहीन उच्च जाति के हाथों घायल हुयी थी। कानून के लहज़े में कहना चाहें तो कह सकते हैं कि पहले धारा 307 लागू हुआ, जो दस दिनों बाद धारा 302 में बदल दिया गया दारोगाजी द्वारा । क्योंकि धाराओं का पहला खेल तो उन्हीं के मारफ़त शुरु होता है न । भलेमानस दारोगाजी दस दिनों तक इन्तज़ार करते रहे थे कि अभियुक्त वटेसर आयेगा अपने वाप के साथ और क्षमा-याचना के साथ कुछ पूजा-दक्षिणा दे-दा कर सुलहनामा की अर्जी लगायेगा। किन्तु उनके पिता भी जीवट के इन्सान ठहरे। उन्होंने भी ठान रखा था कि जो भी हो, मुकदमें को अदालत में ही निपटाया जायेगा। जन्मजात " हरामखोरी की गद्दी " पर जाकर रोने-गिड़गिड़ाने की तौहीनी क्यों झेली जाए ! उस जिद्दी बाप को ये नहीं पता था कि "इन्टेन्सनली" या "इनोसेन्टली " की धाराओं की तो अभी बात ही नहीं की जा रही है। उसे तो बुद्धिमान अधिवक्ताओं के स्व-संज्ञान पर छोड़ दिया जा रहा है । क्योंकि कानून में ऐसी व्यवस्था है कि जितना चाहो, जब चाहो धाराऐं बहाते जाओ एक ही नदी में। दुर्भाग्य से वो बकरी पड़ोस के ही भूलन की थी, जिसे उस समय की राजनैतिक शब्दावली में "हरिजन" वर्ग विशेष का दर्जा प्राप्त था । सम्भवतः आप जानते ही होंगे कि स्वतन्त्रता के आसपास ही ये शब्द कुलबुला कर तत्कालीन चालू शब्दकोष के कोख से बाहर आया था। इस महान शब्द का सामयिक प्रसव हुआ था या असामयिक गर्भपात कराया गया था—इसके बावत मुझे ठीक से पता नहीं है और न वटेसरकाका ने ही कुछ जानकारी दी मुझे। वस इतना ही पता है कि देशहित के साथ-साथ जनहित का विशेष ध्यान रखने वाले एक विशेष व्यक्ति द्वारा ही जनित किया गया था ये शब्द, भावी भारत के कल्याण और नवनिर्माण के ख्याल से, जिसे आगे चल कर कल्याणकारी कार्य में कम, विनाशकारी अस्त्र-शस्त्र के रुप में ही ज्यादातर प्रयोग किया गया। सम्भवतः "दलित" शब्द के बारे में उस समय किसी को कुछ अता-पता नहीं था । क्यों कि अगर ये पता होता तो निश्चित ही ये दोनों शब्द जुड़वां पैदा हुए होते शब्द-कोख से । और ऐसे में 50-60 साल छोटे होने की व्यथा नहीं झेलनी पड़ती दलित शब्द को। आपको पता ही होगा कि उस जमाने में राष्ट्र के भी वाप-दादा, ताऊ-चाचाओं की बाढ़ सी थी। भले ही किसी इन्सान के वाप का अता-पता न हो, परन्तु राष्ट्र के वाप-चाचा की घोषणा शिलापट्टों पर कर दी गयी थी। दरअसल काफी दिनों बाद स्वतन्त्रता का नया-नया स्वाद चखा था न देशवासियों ने, इसलिए उंगली पकड़ कर चलाने के लिए अभिभावक तो चाहिए ही चाहिए। हाँ, तो मैं बात कर रहा था भूलन हरिजन की दुष्टा बकरी की, जिसने ठाकुरवाड़ी के सारे फूलों को चट किया था। बकरी को गुज़रे कोई 56-57 साल जरुर गुज़र गए, परन्तु वटेसरपंडित पर लगाये गए आरोपों वाला मुकदमा अभी तक ज्यों का त्यों जिंदा है— कालजयी द्रोणपुत्र अवत्थामा की तरह अपने सिर पर बने कलंक-व्रण की याद दिलाते हुए। नयी पीढ़ी वाले भी कभी-कभार पूछ बैठते हैं— ' का वटेसरकाका मुकदमा अभी चलिए रहा है बकरिया वाला?' आज इसी प्रश्न-वेदना ने अति व्यथित कर दिया काका को और मन हल्का करने के लिए मेरे पास चले आए। छोटी बात भी कभी-कभी बहुत बड़ी हो जाती है। कंकड़ी की चोट भी घायल कर जाती है। भले ही मारने वाले को इस परिणाम का अनुमान भी नहीं होता। काका की व्यथा को मैं भलीभाँति समझता हूँ। संत तुलसी ने कहा है न—वांझ का जाने प्रसव की पीड़ा...। आप इसे मॉर्डेनाइज्ड करके कह सकते हैं—पुरुष क्या जाने प्रसव की पीड़ा ! और बिलकुल फिल्मी अन्दाज में कहना चाहें तो कहें—मर्द क्या जाने दर्द ! यदि ये भी न समझ आए तो कह सकते हैं कि जाके पांव ना फटे बिवाई, सो क्या जाने पीर परायी । मुकदमे और तारिखों से जिसे वास्ता ही न पड़ा हो, वो भला क्या जाने कोट-कचहरी की समस्या और पीड़ा ! लड़कपन से बुढ़ापा आ गया, मुकदमा अभी चल ही रहा है। तारीख पर तारीख पड़ रहे हैं। इन तारीखों पर जाने में, हाजिरी लगाने में और वकीलसाहव को "दस्खती" देने में जितना खर्च हो गया अबतक, उतने में तो एक बकरी क्या, दो-चार हाथी खरीद लिए होते काकाजान। परन्तु आज भी चाय ' लीकर ' पीते हैं और टुटही सायकिल पर ही सवारी करते हैं। ऐसे ही व्यथित परिवेश में जब कभी मन में हलचल होने लगती है, तो स्वयं को धिक्कारने लग जाते हैं— " बुद्धि मारी गयी थी उस दिन, जो मुई बकरी पर डंडा चला दिया। ये कौन नहीं जानता कि बकरी-सूअर इसीलिए पाले जाते हैं कि दूसरे का जज़ात उजारते रहे। कोई टोके-बोले तो चढ़ बैठो। ज्यादा कुछ हो तो बाकायदा हरिजनथाना चले जाओ। अपनी वाली सरकार ने सारी व्यवस्थायें कर रखी हैं। खेत-खलिहान, जोत-जजात लूटते रहो औरों का और चिल्लाते रहो कि लुटे जा रहे हैं ... सताये जा रहे हैं। दबो नहीं किसी से,दबाते रहो और चिल्लाते रहो कि दबाये जा रहे हैं। भोजन, आवास, शिक्षा, नौकरी...सब सुलभ, फिर भी कुछ एक अपवादों को छोड़कर, बाकी की न दशा बदली न दिशा विगत 73 सालों में । अदालत की तारीखों की तरह "मुफ़्तखोरी" की तारीखें भी बढ़ती गयी। कहने को तो लोग कह देते हैं कि पढ़ोगे नहीं तो बकरी चराओगे। किन्तु क्या आज तक बकरी की चरवाही करते देखा है किसी को ! वो तो बिन कहे-सिखाए किसी का फसल यूँ चट कर जाती है मानों आरक्षित अधिकार हो । अब तो सभ्य सामाजिक व्यवस्था में गाय की भी चरवाही विरले ही कोई करता है। शहरी लोग इस मामले में ज्यादा समझदार दिखते हैं। दूध दूहने के बाद पिकनिक मनाने, सड़क-बाजार घूमने के लिए विदा कर देते हैं गायों को । " व्यथित वटेसरकाका को मैंने सान्त्वना-संदेश देने का प्रयास किया—"राम" को न्याय मिलने में 491 वर्ष लग गए, फिर "आम" की कौन कहे ! दादा के मुकदमे का फैसला पोते को भी मिल जाए तो समझो रामराज आ गया। कानून बनाये ही इस हिसाब से गए हैं कि अदालती भैंसों का जीवन सुख-चैन से पागुर करते हुए गुजरे। त्वरित न्याय मिलने लगे यदि तो फिर कितने ही वकील भूखे मरने लगेंगे । वैसे भी कुछेक की ही चाँदी रहती है, बाकी तो बदबूदार काले कोट की सफेद छींटों की धुलाई का भी औकात नहीं रखते। मुकदमों का लटके रहना प्रबुद्ध अधिवक्ताओं की बुद्धिमत्ता का कृपाप्रसाद है। द्रौपदी को सान्त्वना देने के लिए कृष्ण कहा करते थे—अनेक अपमानों के बीच तुम्हें अपना ही अपमान दीख रहा है सिर्फ ! ये अपमान केवल तुम्हारा नहीं है...। इतने बड़े देश में लाखों नहीं करोड़ों की संख्या में मुकदमे वर्षों-वर्षों से लटके पड़े हैं। इस अटकन-लटकन-भटकन की भीड़ में आपको सिर्फ अपना ही मुकदमा दीख रहा है ! अतः सिर्फ अपनी ही न सोचें, राष्ट्र की भी सोचें। इतने वड़े विसात पर एक अदने व्यक्ति का अस्तित्व ही क्या है ! काका मेरा मुंह ताकते रह गए। दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com | ||||||||||||||||||
| Posted: 16 Aug 2020 09:37 PM PDT सनातन संस्कृति में नागपूजाभारतीय और सनातन संस्कृति में प्रकृति और जीवों की पूजा विभिन्न कालों से होती आ रही है।मानव सृष्टि और सभ्यता का विकास में संस्कृति का समावेश है! सूर्य, चद्रमा ,वृक्ष, पौधों, गौपूजन की तरह नाग पूजन की परंपरा कायम है।सृष्टिकर्ता ब्रह्मा जी ने भू लोक में अनेक सृष्टि की तथा मानव की सृष्टि कर मानवीय गुणों का रूप दिया है। दक्ष प्रजापति की पुत्री तथा ऋषि कश्यप की भार्या कद्रु से नागों में शेषनाग, वासुकि ,तक्षक, कर्कोटक ,पद्म , महापद्म, शंख , कालिया, मणिभद्र, रेरावत, धनञ्जय पुत्र और मनसा पुत्री की आविर्भाव हुआ था।शेषनाग पाताल लोक के राजा, भगवान विष्णु के सेवक,और शय्या हुए, वासुकि नाग भगवान शिव के सेवक,और हार, समुद्रमंथन के दौरान मंदार पर्वत को मथानी,त्रिपुरा दाह के समय शिव धनुष का डोर बने थे।पद्मनाग गोमती नदी के तट पर नेमिस क्षेत्र मणिपुर का राजा, शंख नाग वेदों का ज्ञाता, कुलिक(अनंत ) ब्राह्मण कुल एवं ब्रह्मा जी से प्रिय भक्त थे। कश्यप की पत्नी कद्रु की पुत्री मनसा ने जरत्करू पुत्र का जन्म दी ।जरत्करू का विवाह आस्तिक से की है।मनसा शिव की तपस्या से वेद वेदांत के ज्ञाता थी।मनसा देवी के मंदिर हरिद्वार में स्थित है ।मनसा देवी की आराधना श्रावण मास कृष्णपक्ष पंचमी तिथि को बंगाल के गंगा दशहरा और हरिद्वार में बड़े पैमाने पर मनाते है। विश्व मे नागों की प्रजातियां 3000 लगभग है जिसमें अफ्रीका, भारत, अरब, चीन, भूटान, नेपाल आदि देशों में फैले हुए है।नाग पृष्ठवंशी और सरीसृप होते है।वराह पुराण, अग्नि पुराण में नाग का 80 कुलों में 9 नागों की महत्वपूर्ण चर्चा की गई है।दक्षिण भारत में अजंता, मालावार, नागालैंड, नागलोक( भोगवतीपुर ) में नाग वंशों का शासन था।शेषनाग का अवतार त्रेता युग में भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण , द्वापर युग में भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम और कलियुग के प्रारंभिक चरण में पातंजली थे।काशी में गरुड़ के भय से तक्षक नाग कूप में समाहित होकर वेदांत की शिक्षा लिए है।नाग वंश के मणिभद्रक यक्ष रहे और कालिया मथुरा के यमुना नदी में निवास बना कर रहने लगा।द्वापर युग मे भगवान कृष्ण ने कालिया का उद्धार किया था।तक्षक नाग ने अर्जुन के पौत्र अभिमन्यु के पुत्र इन्द्रप्रस्त के राजा परीक्षित को डसने से सातवां दिन मौत हो गई।अपने पिता को डसने पर सरपेष्ठी यज्ञ में तक्षक को भष्म करना चाहा परंतु इंद्र के हस्तक्षेप से तक्षक बच गया। अनंत नाग ने जम्बूकशमीर में अनंतनाग नगर बसाया और नाग वंश का प्रारंभ हुआ था।त्रेता युग में लंका के समीप नागों की माता सुरसा रहती थी ।हनुमान द्वारा माता सीता का पता लगाने के क्रम में समुद्र पार करने के क्रम में नागों की माता सुरसा से मुलाकात कर लंका में प्रवेश किये थे। द्वापर युग में मथुरा में अघासुर नाग को भगवान कृष्ण द्वारा उद्धार किया गया था।नागवंशी वसु ने गिरिबज्र में अपनी राजधानी बनाई और कीकट प्रदेश का विस्तार किया था।नाग संस्कृति का साथ दैत्य और दानव एवं असुर संस्कृति देता था।दक्षिण विंध्य और उत्तर विंध्य तक नागों का फैलाव हुआ।छोटानागपुर दक्षिण में कीकट प्रदेश जिसे किकटा के नाम से जाना जाता था वहां का राजा गया सुर था। छोटानागपुर में नागवंशी की स्थापना सुतिया नागखण्ड का निर्माण किया गया वहीं मगध में 345 ई. पू. शिशुनाग मगध पर साम्राज्य स्थापित किया।बनारस के ब्राह्मण नागवंश पार्वती के गर्भ से 64 ई. में फनीमुकुट का जन्म हुआ था।नागवंशी परंपरा के अनुसार शाकद्वीपीय ब्राह्मण पार्वती का पुत्र नाग के फन के नीचे बैठा था।इस बालक को फनि मुकुट नामकरण किया गया।फनीमुकुट ने 82 ई. से 162 ई. तक नागखण्ड पर साम्राज्य स्थापित की और 66 परगनों की मूलरूप दिया।नागखण्ड का राजा फनीमुकुट ने अपनी राजधानी रामगढ़ में बनाई।रामगढ़, तमाड़, टोरी ,बरवा आदि 46 परगने बने थे और सौर धर्म के अंतर्गत सूर्य की प्रधानता दी गयी।बाद में नागवंशीय चेरो, सबर द्वारा मगध का विस्तार किया गया ।: नाग संस्कृति के देवता भगवान सूर्य है।चैत्र मास में धाता आदित्य के साथ वासुकि नाग , वैशाख मास में अर्यमा आदित्य के साथ कच्छ वीर नाग,जेष्ठ मास के मित्र आदित्य के साथ तक्षक नाग, आषाढ़ मास के वरुण आदित्य के साथ अनंत नाग , श्रावण मास के इंद्र आदित्य के साथ एलापुत्र नाग, भाद्र मास केविवस्वान आदित्य के साथ शंखपाल नाग ,आश्विन मास के पूषा आदित्य के साथ धनंजय नाग ,कार्तिक में विश्वावसु आदित्य के साथ ऐरावत नाग, अगहन में अंश आदित्य के साथ महापद्म नाग, पौष मास में भग आदित्य के साथ कर्कोटक नाग, माघ मास में त्वष्ठा आदित्य के साथ कम्बल नाग, तथा फाल्गुन मास में विष्णु आदित्य के साथ अश्वतर नाग द्वारा वहन करने के अनुरूप रथ को सुसज्जित करते है।नाग को सर्प कहा गया है । पुरातन काल मे झारखंड के दक्षिण क्षेत्रों में नागों के राजा वासुकि ने देवघर के समीप राजधानी बनाया था।वह स्थल बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग का रक्षपाल के रूप में वासुकि नाथ के रूप में विराजमान है।सावन मास शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को नाग की उत्पत्ति और सरपेष्टि यज्ञ से वचाव एवं तक्षक नाग को गरुड़ से बनारस में बचाव तथा शिक्षा प्राप्त हुई थी।नागपंचमी में सर्प नाग का दर्शन, पूजन करने से सर्प दोष से मुक्ति तथा विषधर से छुटकारा और मनोकामनाएं पूर्ण होती है ।नाग पंचमी को नाग की आराधना के लिए दूध, धान का लावा सहित गुड़ शक्कर सहित अर्पित करते है।दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com | ||||||||||||||||||
| बुद्ध, महावीर, इतिहास तथा इतिहास्य Posted: 16 Aug 2020 09:32 PM PDT बुद्ध, महावीर, इतिहास तथा इतिहास्यसंकलन अश्विनी कुमार तिवारी बुद्ध के कथनों का बुद्ध के पश्चात क्या हुआ? उन पथों की ओर दृष्टि डालना आवश्यक हो जाता है जिसपर भगवान के महापरिनिर्वाण के पश्चात बुद्धानुयाई चलते रहे। उन चार बौद्ध सभाओं के निष्कर्षों पर हमें दृष्टिपात करना चाहिये जिसने बौद्ध धर्म की परिपाटी बनायी। पहली बौद्ध सभा राजगृह की सप्तपर्णी गुफा में सम्पन्न हुई जिसमें पाँच सौ प्रमुख भिक्षुओं ने भाग लिया। यहाँ भगवान बुद्ध के भाषणों, वार्तालापों तथा प्रवचनों को संकलित किया गया था। दूसरी बौद्ध सभा वैशाली में इसके लगभग सौ वर्ष पश्चात हुई जहाँ विचारकों के मध्य मतभेद खुल कर उजागर हुए। वैशाली के बौद्ध भिक्षुओं ने कुछ एसी प्रथाओं को मान लिया जो विनयपिटिक से विपरीत थी। अत्यधिक विवाद उत्पन्न हुआ जिसके पश्चात भिक्षु पहली बार दो भागों में विभाजित हुए पहले थे परिवर्तन पक्षीय अर्थात महासंघिक एवं दूसरे परिवर्तन विरोधी अर्थात स्थविर। तीसरी बौद्ध सभा अशोक के शासनकाल में पाटलीपुत्र में सम्पन्न हुई तथा सहमतियों की कोशिश करते हुए प्रथम दो पिटकों की धार्मिक तथा दार्शनिक व्याख्या करते हुए नये पिटक का निर्माण किया गया जिसे 'अभिधम्मपिटक' कहा गया। सम्राट कनिष्क के शासनकाल में चौथी बौद्ध सभा कश्मीर के कुण्डलवन मंत आयोजित की गयी; यहाँ प्रतीत होता है कि वैचारिक भिन्नताओं का महामंथन हुआ होगा किस कारण तीनो पिटकों के तीन महाभाष्यों की रचना हुई। इसी समय बौद्ध धर्म महायान तथा हीनयान सम्प्रदायों में विभाजित हो गया। हीनयान बुद्ध को मानव मानते हुए इस धर्म के शुद्ध एवं प्रारंभिक रूप को ही मानयता देता है जबकि महायान के संस्थापक नागार्जुन बताये जाते हैं जो बुद्ध को दिव्य आत्मा, ईश्वर अथवा ईश्वर का अवतार मानते हैं। महायान सम्प्रदाय ने मूर्तिपूजा को मान्यता प्रदान की। चतुर्थ संगति में महायान सम्प्रदाय की सर्वश्रेष्ठता की घोषणा सम्राट कनिष्क ने की थी। महायान सम्प्रदाय ने संस्कृत भाषा को अपनाया। इस सम्प्रदाय के प्रमुख विद्वानों में नागार्जुन, पार्श्व, अश्वघोष, वसुमित्र आदि गिने जाते हैं। महायान मत का इस तीव्रता से प्रचार हुआ कि देखते ही देखते अनुयाईयों की संख्या करोडों में पहुँच गयी। तिब्बत, चीन, जापान तथा मध्य एशिया में महायान सम्प्रदाय की व्यापक पैठ बन गयी। यह कटु सत्य है कि राजाश्रय एवं प्रसार के अभाव तथा भव्यता-विहीनता के कारण हीनयान धीरे-धीरे व स्वत: पतनोन्मुख होने लगा था। मतभिन्नता का सिलसिला बौद्ध मतानुयाईयों में यहीं नहीं रुका अपितु मंत्रयान, तंत्रयान, वज्रयान जैसी धारायें बनती गयीं और अपनी जडों से बुद्ध के उपदेशो की मूल भावना का क्षरण होता चला गया। वज्रयान सम्प्रदाय के उद्भव के साथ ही बौद्ध धर्म में हठयोग, तंत्र-मंत्र, सुरा, सुन्दरी और भोग-विलास का प्रवेश हो गया था। जिन व्याधियों के उपचार स्वरूप बौद्ध-धर्म का पावन पदार्पण हुआ था उस में वही व्याधियाँ महामारियाँ बन कर लिपट गयीं। कई विद्वान मानते हैं कि राजाश्रय प्राप्त होने के कारण बौद्धविहारों को मिलने वाली मूल्यवान भेंटों और सम्पदा के अम्बार ने भी बुद्ध के अनुशासन के दसो नियमों से भिक्षुओं को विमुख कर दिया था तथा अनेक अवसरवादियों ने भ्रष्टाचार को इन संघों के भीतर जन्म दिया। संघों में एक केन्द्रीय सत्ता का बुद्ध के बाद अभाव हो गया था। चूँकि स्वेच्छाचारिता में संगठन की मूल भावना नहीं होती, अत: सूत्र के अभाव में बहुत से बहुमूल्य मोती माला बनने में सफल नहीं हो सके अपितु बिखरते चले गये। यही स्थिति महावीर के पश्चात भी दृष्टिगोचर होती है। जैन आड़म्बरों से रहित एक असाधारण धर्म है जिसके सिद्धांत सरल, सुबोध तथा व्यवहारिक थे। बोलचाल की भाषा में धर्मोपदेशों ने इसे आम जन का धर्म बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी तथा समानता के सिद्धांत ने इसे मानवता की श्रेष्ठतम विरासत बना दिया। महावीर के महापरिनिर्वाण पश्चात जैन धर्म भी सम्प्रदायों में बटने लगा। बौद्धों की तरह जैनियों की भी दो महासंगतियों का उल्लेख मिलता है जिसमें मतभेदों के समंवयन का समुचित प्रयास किया गया। प्रथम जैन सभा सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के समय में स्थूलभद्र की अध्यक्षता में हुई थी। इस समय जैन सिद्धांतों का बारह अंगों में संकलन किया गया। दूसरी जैन संगति 512 ई. में वल्लभी के जैन संत देवर्धिगण की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। इस सभा में अंगों की रचनाओं के संचयन के साथ साथ चौरासी आगमों एवं बारह उपांगों को भी संकलित किया गया। तथापि जैन मतावलम्बियों में मतभेद की पहली कड़ी आरंभ होती है जब महावीर के निर्वाण के दो सौ वर्षों के पश्चात मगध में भयानक सूखा पड़ा। इस अवस्था में अनेक साधु भद्रबाहु के नेतृत्व में दक्षिण की ओर चले गये जबकि अनेक स्थूलभद्र के नेतृत्व में मगध में ही रह गये थे। अकाल समाप्ति के पश्चात जब दक्षिण की ओर गये प्रवासी जैन लौटे तो धर्म सिद्धांतों के अनुपालन को ले कर इन दोनो वर्गों में गहरे मतभेद उभर आये। इसका निबटारा करने के लिये पाटलीपुत्र में जैन मुनियों की एक परिषद बुलाई गयी। दक्षिण से लौटे जैन साधुओं ने इसमे हिस्सा लेने से इंकार कर दिया इसके साथ ही श्वेताम्बर (मगध के जैन) और दिगम्बर (दक्षिण के जैन) दो धाराये चल पड़ी। श्वेताम्बर श्वेत वस्त्र तथा दिगम्बर निर्वस्त्र रहते थे। धीरे धीरे श्वेताम्बरों में भी तीन प्रमुख उप-सम्प्रदाय बन गये – पुर्जराया, पुजेरा या डेरावासी (मूर्तिपूजक), ढुंढिया/बिस्तोला या स्थानक वासी (साधु मार्गी/गैर मूर्तिपूजक) तथा तेरा पंथी (यह पंथ 1760 ई. में भिक्खन महाराज ने चलाया था)। दिगंबर भी तीन मुख्य संप्रदाय में बँट गये – बीस पंथी (तीर्थंकरों, क्षेत्रपाल तथा भैरव आदि मूर्तियों के पूजक), तेरापंथी (केवल तीर्थंकरों की मूर्तियों के पूजक) तथा तारणपंथी या समैयापंथी (गैर मूर्तिपूजक; तारणपंथी सम्प्रदाय को पंद्रहवी शताब्दी में तारणतारण स्वामि ने चलाया था)। दिगंबरों के कम चर्चित अन्य सम्प्रदाय भी हैं जैसे गुमान पंथी, तोता पंथी आदि। जिन युगों ने हमे अनीश्वरवाद, कर्मवाद, ज्ञानवाद, स्यादवाद, अनेकांतवाद, कारणवाद, क्षणिकवाद, यथार्थवाद, आत्मवाद, अनात्मवाद जैसे दर्शन दिये संभवत: हमने उनके मर्म को समझने का यत्न नहीं किया। बुद्ध या महावीर ने जो रास्ते बतायें उनका हमारे विवेचनावादी तर्कशास्त्रियों ने आम से इमली कर दिया। कार्ल मार्क्स ने अनीश्वरवाद से ले कर सर्वजन समानता तक एसा क्या कहा है जो बुद्ध का मार्ग नहीं है अथवा जिसे महावीर ने नहीं बताया? हम भारतीयों को अपनी ही किताबें और दर्शन को पलटने में बौनेपन का अनुभव होता है और वाद-प्रतिवाद के फैशन की ओर वे अधिक आकृष्ट होते रहे है। जो दर्शन आपकी अपनी भूमि पर, आपकी अपनी खाईयों को दृष्टिगत रखते हुए तथा आपके अपने मनोविज्ञान पर आधारित हैं वे ही आपके प्रत्येक संदेह का निवारण कर सकते हैं। हम शास्त्रार्थों को निरर्थक समझने लगे हैं; ऐसी संगतियों व सम्मेलनों का युग ही समाप्त हो गया जहाँ उपलब्ध विचारों का विमर्श व मंथन के बाद समन्वयन हो। क्यों चार संगतियों के बाद बौद्ध विचारक उसी सोच के साथ पुन: एकत्रित नहीं हुए? क्या बुद्ध के विमर्श की आज की आवश्यकता के अनुरूप विश्लेषण की आवश्यकता नहीं है? तो कहाँ खोये हुए हैं दुनिया भर के बौद्ध विद्वान? क्यों उन्हें आज पाँचवी बौद्ध संगति की आवश्यकता नहीं लगती? यही प्रश्न जैन विद्वानों से कि तीसरी जैन संगति अब तक क्यों नहीं हुई, जबकि, वर्तमान अपने अनुसार दर्शन की व्याख्या चाहता हुआ महावीर की ओर उम्मीद से देखता है? इस आलोक में शिक्षा और हमारी ग्राह्यता पर एक दृष्टि डालना आवश्यक है। हमें क्या सिखाने का यत्न किया गया और हमने सीखा क्या? काश कि हमारे भीतर ही सार-सार को ग्रहण करने की क्षमता रही होती तो हर धारा के विद्वान एक दूसरे को उसकी सोच और अवधारणा के लिये सराहते, तर्क करते तथा एक दूसरे के निष्कर्षों का आदर करते पाये जाते। हमारी जडों में तू छोटा मै श्रेष्ठ इस तरह घर कर गया है कि हमने हर युग के श्रेष्ठतम को बस यूं ही नकार दिया। रटने वाला युग विमर्श नहीं कर सकता। प्रोग्रामिग की गयी पीढी फिक्स्ड आउटपुट ही प्रदान कर सकती है। इतिहास का विकृतिकरण केवल जहर ही फैला सकता है। एक प्रचलित धारणा के माधय्म से इस बात को अधिक स्पष्ट करने का प्रयास करता हूँ। इतिहास की कतिपय पुस्तकों से उद्धरित किया जा सकता है कि शंकराचार्य के उत्थान के साथ ही बौद्ध और जैन मान्यतायें भारत में हाशिये पर जाने लगीं। इसके ठीक उलट महापंडित राहुल सांकृत्यायन की पुस्तक बौद्ध संस्कृति के पृष्ठ 67 में यह विवरण प्राप्त हुआ– "भारतीय जीवन के निर्माण में इतनी देन दे कर बौद्ध धर्म भारत से लुप्त हो गया, इससे किसी भी सहृदय व्यक्ति को खेद हुए बिना नहीं रहेगा। उनके लुप्त होने के पीछे कई भ्रांतिमूलक धारणायें फैली हैं। कहा जाता है शंकराचार्य ने बौद्ध धर्म को भारत से निकाल बाहर किया। किंतु शंकराचार्य के समय आठवीं सदी में बौद्ध धर्म लुप्त नहीं प्रबल होता देखा गया है। यह नालंदा के उत्कर्ष तथा विक्रमशिला की स्थापना का काल था। आठवी सदी में ही पालों जैसा शक्तिशाली बौद्ध राजवंश स्थापित हुआ था। यही समय है जब कि नालंदा ने शांतरक्षित, धर्मोत्तर जैसे प्रकाण्ड दार्शनिक पैदा किये। तंत्र मत के सार्वजनिक प्रचार के कारण भीतर में निर्बलतायें भले ही बढ़ रही हों किंतु जहाँ तक विहारों और अनुयाईयों की संख्या का प्रश्न है, शंकराचार्य के चार सदियों बाद बारहवीं सदी के अंत तक बौद्धों का ह्रास नहीं हुआ था। उत्तरी भारत का गहड़वार वंश केवल ब्राम्हण धर्म का ही परिपोषक नहीं था बल्कि वह बौद्धों का भी सहायक था.....स्वयं शंकराचार्य की जन्म भूमि केरल भी बौद्ध शिक्षा का बहिष्कार नहीं कर पायी थी, उसने तो बल्कि बौद्धों के 'मंजूश्री मूलकल्प' को रक्षा करते हुए हमारे पास तक पहुँचाया। वस्तुत: बौद्ध धर्म को भारत से निकालने का श्रेय अथवा अयश किसी शंकराचार्य को नहीं है"। भारत के इतिहास को किस तरह इतिहास्य बनाया गया है, यह केवल एक उदाहरण भर है। आप मुझसे असहमत हो सकते हैं लेकिन अनुरोध है कि पहले दसवीं से ले कर बारहवीं तक की इतिहास पढाने वाली पाठ्यपुस्तकों को पलटिये और मिला लीजिये कितना सच है और कितना क्षेपक, कितनी निर्पेक्षता है और कितनी विचारधारा। दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com | ||||||||||||||||||
| आक्रामक हुए चिराग, कहा- वह आगे भी राज्यहित के उठाते रहेंगे मुद्दे Posted: 16 Aug 2020 06:22 PM PDT बिहार की एनडीए सरकार को लेकर लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के तेवर में कोई नरमी नहीं आई है। शनिवार को पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वे आगे भी राज्यहित के मुद्दे उठाते रहेंगे। अब इसे कोई आलोचना समझ ले तो उन्हें कुछ नहीं कहना। पार्टी राज्य के लोगों के प्रति अपना दायित्व निभाती रहेगी। उन्होंने तमाम मुद्दों पर विचार के लिए जल्द संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाने की घोषणा की। उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों से अपना राजधर्म निभाने की अपील की। कहा- जनहित के मुद्दों से पार्टी पीछे हटने वाली नहीं। उनकी प्राथमिकता चुनाव नहीं है। उनकी चिंता कोरोना संक्रमण और बाढ़ की विभीषिका है, जिससे लोग परेशान हैं। हमारी फिक्र कोटा जाकर करोड़ों खर्च कर देने वाले गरीब छात्राें को लेकर है। क्यों नहीं हम उन्हें वैसी सुविधा बिहार में दे सकते हैं? हम इस पर काम करना चाहते हैं। अब इसे कोई कैसे कमी निकालना या आलोचना मान सकता है? चिराग सोमवार को पार्टी नेताओं के साथ सीधा संवाद करेंगे। केंद्र के कारण बिहार में हो रहे विकास व कल्याणकारी कार्य Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/chirag-became-aggressive-said-he-will-continue-to-raise-issues-of-state-interest-even-further-127622449.html | ||||||||||||||||||
| सुशांत मामले में वकील ने उठाए सवाल, पूछा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का समय क्यों नहीं Posted: 16 Aug 2020 06:22 PM PDT सुशांत के पिता केके सिंह के वकील विकास सिंह ने बॉलीवुड स्टार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर ही सवाल खड़ा कर दिया गया है। उन्होंने उनके पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल खड़ा करते हुए कि आखिर रिपोर्ट में उनके मौत का समय क्यों नहीं है? यह बहुत ही अहम जानकारी है। उन्हें मारकर लटकाया गया या लटकने से उनकी मौत हुई, यह मौत के समय से ही स्पष्ट होता है। इधर, इस केस में क्राइम सीन के कुछ अनसीन वीडियो सामने आए हैं। इस वीडियो में ब्लैक ड्रेस में एक आदमी सुशांत की बॉडी के पास काला बैग पकड़े नजर आ रहा है। इसने लाइट पिंक कलर की टोपी लगाई हुई है। इसे सुशांत का हाउस मैनेजर दीपेश सावंत बताया जा रहा है। इस टोपी वाले को बैग थामे सीढ़ियों से उतरते भी देखा जाता है। इसी वीडियो में ब्लू और व्हाइट कलर की स्ट्राइप शर्ट पहने एक लड़की भी सुशांत के अपार्टमेंट में नजर आती है। वह जाकर उस टोपी पहने हुए शख्स से मिलती है और कुछ बात करती है। टोपी पहने उस व्यक्ति के हाथ से वह बैग गायब नजर आता है। जिस वक्त यह सब हो रहा था, उस वक्त तब मुंबई पुलिस भी मौके पर थी। पिता केके सिंह के वकील ने पूछा- वायरल वीडियो में मिस्ट्री गर्ल कौन थी सुशांत और रिया के बैंक खातों के ट्रांजेक्शन की मैपिंग कराएगी ईडी सुशांत के पिता केके सिंह ने राजीवनगर थाना में दर्ज केस में रिया और उसके परिजनों पर बेटे के खाते से 15 करोड़ रकम हेराफेरी करने का आरोप लगाया था। जांच में केके सिंह का आरोप सही निकला। सुशांत के खाते को जब खंगाला गया तो पता चला कि उनके खाते से 15 करोड़ रकम निकाले गए पर यह रिया के नाम से किसी भी अकाउंट में डायरेक्ट नहीं गए। सूत्रों के अनुसार जांच एजेंसी अब सुशांत के खाते से जो 15 करोड़ का ट्रांजक्शन हुए उनकी मैपिंग करने की तैयारी में है। सुशांत के कई खातों से नेट बैंकिंग और डेबिट कार्ड से हुए ट्रांजेक्शन की जांच जारी है। ईडी से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि इस निकासी की मैपिंग कर यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि पैसा कहां गया और इसके पीछे क्या मकसद था। 2.78 करोड़ का टैक्स जमा किया था सुशांत ने सूत्रों के अनुसार सुशांत ने 2.78 करोड़ रुपए का टैक्स भरा था। इसमें जीएसटी भी शामिल था। यह बात भी सामने आई है कि वे बहुत उदार थे और अक्सर जरूरतमंद करीबियों का भुगतान करने के लिए तैयार रहते थे। सुशांत और रिया एक-दूसरे को डेट कर रहे थे, इसलिए उनके बीच किन्हीं अन्य खातों से छोटे-मोटे ट्रांजेक्शन की उम्मीद की जा रही है। ईडी पता कर रहा कि सुशांत-रिया बिजनेस में साथ कैसे आए। अब इस बात की जांच हो रही है कि सुशांत, रिया और उनके भाई शौविक के साथ बिजनेस में एक साथ कैसे जुड़े। सुशांत की दो कंपनियों फ्रंट इंडिया फॉर वर्ल्ड फाउंडेशन और विविडवेज रियलिटी एक्स प्राइवेट लिमिटेड की डायरेक्टर रिया और उनके भाई शौविक हैं। जॉली मूड में सुशांत के कई वीडियो सामने आए पिछले 24 घंटे में सुशांत के कई वीडियो सामने आए हैं। परिवार के साथ बर्थडे मनाने का वीडियो हो या बहनों के साथ का। उनके कार चलाने का भी एक वीडियो वायरल हुआ है। इस वीडियो में वे गाना भी गा रहे हैं। इन वीडियो को देखने से साफ पता चलता है कि उनके जो डिप्रेशन की बात रिया कर रही है, वह गलत है। वे इन वीडियो में खुश दिख रहे हैं। डिप्रेशन में रहने वाला कोई भी शख्स इतना खुश नहीं रह सकता है। सुशांत और रिया की आखिरी बात 5 जून को महज 3 सेकंड के लिए हुई सुशांत और उनकी गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती के बीच आखिरी बात 5 जून को हुई थी। उसके बाद दोनों के बीच न बातचीत हुई और न ही मैसेज का एक्सचेंज हुआ। रिया के सीडीआर से खुलासा हुआ है कि 5 जून दोनों के बीच दो बार बातचीत हुई थी। 5 जून को पहली बार सुबह 8 बजकर 19 मिनट पर सुशांत ने रिया को कॉल कर दो मिनट तक बात की। इसके बाद रिया ने 10 बजे के आसपास सुशांत को फोन किया था। यह कॉल सिर्फ 3 सेकेंड की थी। यही उन दोनों की आखिरी बातचीत थी। 5 जून को रिया सुशांत के फ्लैट में ही थी। उनसे झगड़ा होने के बाद 8 जून को रिया ने उनका फ्लैट छोड़ा और चली गई। फिर 8 से 14 जून के बीच दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई। 14 जून को रिया ने एक महिला से एक घंटे तक की बात, एक अनजान को भी रिया ने 14 जून को किया था कॉल सुशांत की मौत 14 जून को हुई। उस दिन रिया ने किसी राधिका मेहता नाम की महिला से लंबी बातचीत की। सूत्रों के अनुसार, इस राधिका के किसी एनजीओ से जुड़े होने की बात सामने आई है। रिया और राधिका के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत हुई। रिया ने उसे 3 बार कॉल किया। सुशांत की मौत वाले दिन यानी 14 जून की सुबह 7:38 बजे राधिका के फोन पर रिया ने कॉल किया था। इस दौरान दोनों के बीच 30 मिनट 55 सेकेंड बात हुई। इसके बाद रिया ने 8:08 बजे फिर राधिका को कॉल किया और इस दौरान 30 मिनट बातचीत हुई। रिया ने तीसरी बार राधिका को 8:38 बजे कॉल किया और 5 मिनट 41 सेकेंड बातचीत हुई। कुल मिलाकर सुशांत की मौत वाले दिन रिया ने उससे 1 घंटा 36 सेकेंड बातचीत की। गौरतलब है कि एक साल में रिया और राधिका के बीच 280 बार बातचीत हुई। सुशांत की मौत के दिन दो बार किसी अंजान से रिया ने बात की रिया और एक अंजान शख्स के बीच 14 जून को दो बार बात हुई है। पहली बार इस शख्स ने रिया को दिन में 10 बजकर 14 मिनट पर फोन किया और 10 सेकेंड तक यह कॉल चली। अगली कॉल कुछ सेकंड के बाद रिया ने उससे 85 सेकेंड तक बात की। यह शख्स कोई एजे बताया जाता है। उस शख्स से रिया ने पिछले एक साल के दौरान कभी भी बात नहीं की थी। सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर यह अंजान शख्स कौन है जिससे रिया ने सुशांत की मौत के दिन ही दो बार बात की जबकि रिया से इस अंजान से एक साल में कभी भी बात नहीं हुई। आखिर यह अंजान व्यक्ति कौन है, दोनों के बीच उस दिन क्या बातचीत हुई, यह तो अब जांच के बाद ही पता चलेगा। Download Dainik Bhaskar App to 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| बिहार के सभी डाकघरों में खोले जाएंगे कॉमन सर्विस सेंटर, बनेंगे पैन कार्ड, रेलवे-एयर टिकट Posted: 16 Aug 2020 06:22 PM PDT बिहार के लोगों को डाकघर से किसान क्रेडिट कार्ड, पासपोर्ट, मनी ट्रांसफर सहित अन्य 300 सुविधाएं मिलेंगी। इसके लिए बिहार डाक सर्किल की ओर से प्रदेश के चुनिंदा डाकघरों में कॉमन सर्विस सेंटर खोले जाएंगे। सेंटर खोलने के लिए डाकघरों को चिह्नित किया जा रहा है। अक्टूबर के आखिरी सप्ताह तक पटना से इसकी शरुआत कर दी जाएगी। इसके बाद पूरे बिहार में दिसंबर तक करीब 200 सेंटर खोलने का लक्ष्य है। वहीं बिहार के हर जिले में करीब 50 कॉमन सर्विस सेंटर खोलने की प्लानिंग चल रही है। केंद्र सरकार से करीब 2000 सेंटर खोलने के लिए अनुमति मांगी गई है। प्रत्येक जिले में एक-एक कर्मचारी को बनाया जाएगा मास्टर ट्रेनर बिहार के हर जिले में कॉमन सर्विस सेंटर खोलने की योजना है। शहर, नगर परिषद और ग्रामीण इलाकों में लोगों को बेहतर सुविधा मिलेगी। एक सेंटर पर करीब 325 सेवाएं लोगों को दी जाएगी।-अनिल कुमार, चीफ पोस्ट मास्टर जनरल, बिहार डाक सर्किल ये सुविधाएं मिलेंगी
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| पटना जंक्शन पर लगी मशीन, वेंडिंग मशीन से टूथपेस्ट-ब्रश व साबुन-सर्फ खरीद सकेंगे यात्री Posted: 16 Aug 2020 06:22 PM PDT कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए रेलवे द्वारा लगातार यात्री सुविधाओं में बदलाव किया जा रहा है। स्टेशनों पर वेंडिंग मशीन लगाई जा रही है। स्वतंत्रता दिवस पर पटना जंक्शन पर एक ऐसी वेंडिंग मशीन लगाई गई जिसमें पैसे डाल कर यात्री टूथपेस्ट, ब्रश, साबुन-सर्फ, शैम्पू, ग्लिसरीन आदि खरीद सकते हैं। इससे पहले मास्क, सेनेटाइजर, ग्लव्स और सफर में इस्तेमाल के लिए बेडरोल, तकिया, कंबल, टॉयलेट शीट, सेनेटाइजर व मास्क के लिए अलग-अलग ऑटोमेटिक वेंडिंग मशीन लगाई गई थी। दानापुर मंडल के पीआरओ पृथ्वीराज ने बताया कि यात्रियों को ऑटोमैटिक वेंडिंग मशीन से डिजिटली पेमेंट के माध्यम से व प्रोडक्ट की कीमत नगदी रूप से डालने के बाद आइटम का कोड का बटन दबाना होगा। इसका शुभारंभ स्टेशन डायरेक्टर डाॅ. निलेश कुमार ने किया। कोड का बटन दबाने पर स्वतः संबंधित आइटम उपलब्ध हो जाएगा। फिलहाल 10, 20 व 50 रुपए के प्रोडक्ट्स रखे गए हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/passengers-will-be-able-to-buy-toothpaste-brush-and-soap-surf-from-vending-machine-at-patna-junction-127622253.html | ||||||||||||||||||
| पटना का मौसम 18 तक रहेगा सामान्य Posted: 16 Aug 2020 06:22 PM PDT पटना, गया, नालंदा, मुजफ्फरपुर सहित 20 जिलों में 18 अगस्त तक मौसम सामान्य रहेगा। कुछ स्थानों पर रुक-रुक कर हल्की बारिश के आसार हैं। इस दौरान 8 से 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पूर्व-पश्चिम की दिशा से चलने वाली हवाओं की वजह से गर्मी से राहत मिलेगी। जहां बारिश नहीं होगी, वहां बादल छाए रहेंगे। विभाग के मुताबिक बिहार से छत्तीसगढ़ तक चक्रवाती हवाओं का परिक्षेत्र डेढ़ से चार किमी ऊपरी क्षेत्र में बना हुआ है। बंगाल की खाड़ी से निम्न हवाओं के दबाव की वजह से बिहार के 18 जिलों में बारिश की संभावना है। रविवार को पटना का अधिकतम तापमान 32.2 डिग्री और न्यूनतम तापमान 27.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/patnas-weather-will-be-normal-till-18-127622238.html | ||||||||||||||||||
| पटना में 299 कोरोना मरीज मिले, संक्रमितों की संख्या 16 हजार पार Posted: 16 Aug 2020 06:22 PM PDT पटना जिले में रविवार को 299 कोरोना मरीज मिले हैं। जिले में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 16437 हो गई है। इनमें 12425 मरीज ठीक हो चुके हैं। अभी 3943 एक्टिव केस हैं। पीएमसीएच के कोविड अस्पताल में किडनी रोग से पीड़ित कोरोना संक्रमितों को बुधवार से डायलिसिस की सुविधा मिलेगी। डायलिसिस मशीन इंस्टॉल हो गई है। कुछ काम बाकी है, जिसे एक-दो दिन में पूरा कर लिया जाएगा। यह जानकारी प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी ने दी। इससे किडनी रोग से पीड़ित कोरोना संक्रमितों को सहूलियत होगी। डायलिसिस की सुविधा मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएगी। डॉ. चौधरी की मानें तो अभी कोविड अस्पताल में 59 मरीज भर्ती हैं। सभी बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा बहाल हो गई है। 10 बेड पर वेंटिलेटर भी कार्यरत हो गया है। 15 बेड पर वेंटिलेटर इंस्टॉल किया जा रहा है। इधर, रविवार को इंद्रपुरी में 21, दानापुर में 20, गायघाट में 13, कंकड़बाग में 5, कुम्हरार में 5, फुलवारीशरीफ में 5 कदमकुआं में 3, संपतचक में 3 कोरोना मरीज मिले हैं। पीएमसीएच में रविवार को 414 सैंपल की जांच में 58 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इनमें दो डॉक्टर और 15 स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं। शनिवार को 405 सैंपल की जांच में 54 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इनमें दो डॉक्टर व 15 स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित हुए थे। आईजीआईएमएस में रविवार को 399 सैंपल की जांच में 20 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। शनिवार को 56 सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इनमें संस्थान एक डॉक्टर, एक टेक्नीशियन और दो मरीज संक्रमित मिले थे। कंटेनमेंट और बफर जोन में चलाया गया जांच अभियान जिले में रविवार को एंटीजन किट से 3528 लोगों की जांच हुई है। इसमें 185 पॉजिटिव मिले। पाटलिपुत्र कंटेनमेंट जोन में तीन दिनों में 186 लोगों की जांच की गई है। इसमें 7 पॉजिटिव पाए गए हैं। कंकड़बाग स्थित बफर जोन में 50 लोगों की जांच हुई है। इसमें एक पॉजिटिव मिला। फुलवारी और संपतचक इलाके में 196 लोगों की जांच हुई है। यहां 15 पॉजिटिव मिले। सदर अनुमंडल पदाधिकारी तनय सुल्तानिया ने कहा कि कंटेनमेंट जोन में जांच अभियान चलाया जा रहा है। सभी कंटेनमेंट जोन में प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकारी को अपने-अपने इलाके में कोविड-19 के मानक का सख्ती से अनुपालन कराने का निर्देश दिया गया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की ओर से दनारा में शिविर लगा कर 274 लोगों की कोरोना जांच की गई, जिनमें 13 संक्रमित पाए गए। वहीं मोरियावां पंचायत भवन में 231 लोगों की जांच में 3 लोग पॉजिटिव मिले। फतुहा में 33 लोगों को कोरोना जांच की गई, जिनमें केवल एक पॉजिटिव पाया गया। इधर, पीएचसी में पॉजिटिव लोगों को मेडिकल किट भी उपलब्ध कराई जा रही है। डाॅ सुधा शंकर राय ने इसकी जानकारी दी। छपरा के डॉक्टर समेत 15 की माैत, 49 डिस्चार्ज एम्स में पिछले दाे दिनाें के दाैरान 13 कोरोना मरीजाें की माैत हाे गई। वहीं 40 मरीजाें काे छुट्टी दी गई। मृतकों में छपरा के चर्चित सर्जन डाॅ. आनंद शंकर शामिल हैं। वे 45 साल के थे। उन्हें 8 अगस्त काे एडमिट किया गया था। बताया जा रहा है कि मरीजाें का इलाज करने के दाैरान वे संक्रमित हुए थे। डिस्चार्ज होने वालों में पटना के हड्डी राेग विशेषज्ञ डाॅ. आरएन सिंह और उनकी पत्नी शामिल हैं। एनएमसीएच में दो काेराेना मरीज की मौत हाे गई। मृतकाें में गौरीचक की सुगिया देवी और बक्सर के श्रीकांत पांडे शामिल हैं। उधर स्वस्थ हुए नौ मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दी गई। अबतक स्वस्थ हुए 1412 मरीजों को एनएमसीएच से डिस्चार्ज किया जा चुका है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/299-corona-patients-found-in-patna-number-of-infected-crosses-16-thousand-127622216.html | ||||||||||||||||||
| मंत्री विनोद को ब्रेन हैमरेज, आज एयर एंबुलेंस से दिल्ली जाएंगे Posted: 16 Aug 2020 06:22 PM PDT प्रदेश के पिछड़ा-अति पिछड़ा कल्याण मंत्री विनोद सिंह को रविवार को ब्रेन हेमरेज हो गया। उन्हें रूबन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। सोमवार को उन्हें एयर एंबुलेंस से दिल्ली ले जाया जाएगा। मेदांता का एयर एंबुलेंस बुक किया गया है। उनके इलाज में लगे डॉक्टरों ने उनकी हालत को स्थिर बताया। डॉक्टरों के अनुसार उनका डायबिटीज कंट्रोल किया गया है। एमआरआई कराया गया। इसकी रिपोर्ट के अनुसार ब्रेन में दो जगह ब्लड क्लॉट है। ध्यान रहे कि विनोद सिंह पिछले 28 जून को कोरोना संक्रमित पाए गए थे। उन्हें कटिहार के एक होटल में आइसोलेट किया गया था। बाद के दिनों में उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई। वह स्वस्थ हो चले थे कि रविवार को उनको हेमरेज हो गया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/minister-vinod-gets-brain-haemorrhage-will-go-to-delhi-by-air-ambulance-today-127622188.html | ||||||||||||||||||
| अनलॉक थ्री खत्म, आज जारी होगा नया आदेश Posted: 16 Aug 2020 06:22 PM PDT कोरोना के मद्देनजर छूट के साथ अनलॉक थ्री की समय सीमा रविवार को पूरी हो गई। राज्य सरकार ने 1 से 16 अगस्त तक प्रतिबंध के साथ अनलॉक थ्री लागू किया था। हालांकि, रविवार को इसे विस्तार देने से संबंधित कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि इससे संबंधित आदेश सोमवार को जारी किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी अनलॉक 3 के दिशा-निर्देशों के मद्देनजर राज्य सरकार ने 30 जुलाई को राज्य, जिला, अनुमंडल, ब्लॉक मुख्यालय और नगर निकाय क्षेत्रों में 16 अगस्त तक प्रतिबंधों के साथ अनलॉक थ्री लागू किया था। इसमें व्यावसायिक और निजी संस्थान कुछ शर्तों के साथ छूट दी गई थी। दुकान और मार्केट को खोलने की इजाजत मिली थी। हालांकि, मॉल बंद रहे। केंद्र, राज्य सरकारों के दफ्तरों के साथ साथ निजी कार्यालय में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करने की भी छूट दी गयी थी। हालांकि, धार्मिक आयोजनों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया था। स्कूल, कॉलेज, कोचिंग आदि खोलने पर रोक लगाई गई थी। सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, अकादमिक, सांस्कृतिक आयोजनों पर रोक थी। राज्यभर में टैक्सी और ऑटो का परिचालन जारी रहा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/unlock-three-finished-new-order-will-be-issued-today-127622161.html | ||||||||||||||||||
| श्याम रजक मंत्री पद और जदयू से बर्खास्त; आज राजद में जाएंगे Posted: 16 Aug 2020 06:22 PM PDT राज्य में बड़ा सियासी उलटफेर करते हुए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्योग मंत्री श्याम रजक को सरकार और पार्टी से बर्खास्त कर दिया है। रजक सोमवार को जदयू और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर राजद में शामिल होने वाले हैं, इसकी पुष्टि होते ही रजक को बर्खास्त कर दिया गया। रजक को मंत्री पद से हटाने की मुख्यमंत्री की सिफारिश को राज्यपाल फागू चौहान ने भी मंजूरी दे दी है। सूत्रों पर भरोसा करें तो श्याम उद्योग विभाग में एक अधिकारी की तैनाती को लेकर नाराज चल रहे थे। प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि श्याम रजक लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे। इस वजह से उन्हें 6 साल के लिए प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं जदयू के राष्ट्रीय महासचिव संगठन आरसीपी सिंह ने कहा कि चुनाव के समय ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। पाला बदल काे तैयार तीन विधायकों को पार्टी से बाहर निकाला पाला बदल के लिये तैयार अपने तीन विधायकों को राजद ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। रविवार को प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद और प्रधान महासचिव आलोक मेहता ने विधायक महेश्वर यादव, प्रेमा चौधरी और फराज फातमी को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित करने की घोषणा की। आलोक मेहता ने कहा कि इन तीनों विधायकों के कई महीनों से पार्टी विरोधी गतिविधियों को देखते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद ने इन्हें पार्टी से बाहर करने का निर्देश दिया। महेश्वर यादव लगातार सीएम नीतीश कुमार की तारीफ कर रहे थे और तेजस्वी को नेता मानने से इनकार रहे थे। अली अशरफ फातमी ने जब से जदयू का दामन थामा, तब से उनके बेटे फराज फातमी राजद के गतिविधियों में शामिल नहीं हो रहे थे। प्रेमा चौधरी अपने क्षेत्र में पार्टी के खिलाफ काम कर रही हैं। इससे फराज फातमी और महेश्वर यादव का जदयू में जाना तय है। प्रेमा आज रुख साफ करेंगी। मांझी का एनडीए में जाना तय, 20 को ऐलान संभव लोजपा नेता चिराग पासवान का जदयू नेतृत्व पर लगातार सवाल उठाने और जदयू से श्याम रजक के निकाले जाने के बाद पूर्व सीएम जीतनराम मांझी का फिर से जदयू खेमे की ओर से एनडीए में आना तय माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक वे एनडीए में अपनी पार्टी का अस्तित्व कायम रखना चाहते हैं, पर जदयू नेतृत्व हम (से) का जदयू में विलय चाहता है। नए समीकरण में अब मांझी अपनी पार्टी के साथ एनडीए मंे एडजस्ट होंगे, ऐसी संभावना है। हम प्रवक्ता दानिश रिजवान बोले- 20 को फैसला होगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/shyam-rajak-sacked-as-minister-and-jdu-go-to-rjd-today-127622138.html | ||||||||||||||||||
| बिहार में मरीजा की संख्या 100000 पार, 72566 संक्रमित ठीक हुए Posted: 16 Aug 2020 06:22 PM PDT बिहार में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा एक लाख पार कर गया। रविवार काे मरीजाें की कुल संख्या बढ़कर 104093 हो गई। शुरुआती 10 हजार की संख्या पार करने में 102 दिन लगे थे। जबकि, अगला 90 हजार संक्रमित मिलने में महज 45 दिन ही लगे हैं। यानी 147 दिन में बिहार में काेराना मरीजाें का आंकड़ा एक लाख पार कर गया। साफ स्पष्ट है कि संक्रमण की रफ्तार शुरुआत में काफी धीमी थी। देश में एक लाख से अधिक संक्रमित मरीजों वाला बिहार आठवां राज्य बन गया है। हालांकि अब तक 72566 संक्रमित कोरोना को परास्त करने में सफल रहे हैं, जो कुल संक्रमित का 69.71% है। पिछले 24 घंटे में 67212 सैंपल की जांच हुई और 2187 नए मरीज मिले। 3891 संक्रमित और स्वस्थ हुए हैं। एक्टिव मरीजों की संख्या 30989 है। अब तक 538 लोगों की जान गई है। बिहार 8वां सर्वाधिक मरीजों वाला
मरीजों की संख्या लाख में Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/number-of-patients-in-bihar-crosses-100000-72566-infected-are-cured-127622119.html | ||||||||||||||||||
| स्कूली शिक्षकों, सहायक प्राध्यापकों, डॉक्टर, नर्स और खेल कोटे से होंगी भर्तियां Posted: 16 Aug 2020 06:22 PM PDT नियोजित शिक्षकों के लिए सरकार जल्द ही नई सेवा शर्त नियमावली लागू करेगी। शनिवार को स्वतंत्रता दिवस पर गांधी मैदान में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह घोषणा की। शिक्षकों काे एम्पलाइज प्रोविडेन्ट फंड (ईपीएफ) का भी लाभ दिया जाएगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने स्कूलों में शिक्षकों, विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों, डॉक्टर, नर्स, लैब टेक्निशियन, फर्मासिस्ट, सैनेटरी इंस्पेक्टर और खेल कोटे से 62320 से भी अधिक पदों पर नई बहालियों की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि सहायक प्राध्यापक की बहाली के इच्छुक लोगों की वर्ष 2009 से 2012 के बीच पीएचडी की अमान्यता और एमफिल संबंधी एतराज की भावनाओं का आदर करते हुए नियुक्ति के आधार में आवश्यक परिवर्तन किया जाएगा। डॉक्टर के 4000 समेत 62320 पदों में कहां कितनी वैकेंसी
प्लाज्मा डोनर को 5000 रु. सीएम बोले-काेराेना से स्वस्थ हो चुके व्यक्तियों के प्लाज्मा दान करने पर प्रत्येक दानकर्ता को 5 हजार रुपए की सम्मान राशि
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/recruitment-will-be-done-from-school-teachers-assistant-professors-doctors-nurses-and-sports-quota-127622104.html | ||||||||||||||||||
| धर्मांतरण के खिलाफ चलाया जाएगा अभियान: विहिप Posted: 16 Aug 2020 05:22 PM PDT अयोध्या में श्री रामजन्म भूमि बनने वाला राम मंदिर राष्ट्रीय एकता का प्रतीक होगा। जिस प्रकार प्रभु श्रीराम ने अपने शौर्य के लिए जाने जाते थे उसी प्रकार मंदिर भी देश व समाज को एक करने का काम करेगी। मंदिर की नींव रखे जाने के बाद सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विश्व के कई देश जहां हिन्दू रहते हैं या विहिप कार्यकर्ता हैं, इसका उत्सव मनाया गया। करीब 36 पंथों और सम्प्रदाय के लोगों ने इस पुनीत कार्य में शामिल होकर मिसाल कायम किया है। उक्त बातें विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने रविवार को बिहारशरीफ में प्रेस काॅन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि के लिए हिंदू समाज 1528 ई. से ही निरंतर संघर्ष कर रहा है । 1984 में पूज्य संतों के आदेश पर विश्व हिंदू परिषद ने राम जन्मभूमि मुक्ति के लिए संघर्ष प्रारंभ किया। तीन लाख से अधिक गांव से 16 करोड़ राम भक्तों ने इस अभियान के विभिन्न चरणों में सहभागिता की थी। करीब 490 वर्षों के संघर्ष और 70 वर्षों की न्यायिक लड़ाई के बाद 5 अगस्त को राम जन्मभूमि मंदिर का श्रीगणेश संभव हो सका है। चीनी सामानों का बहिष्कार बिहार में धर्मांतरण से हिन्दू समाज खतरे में गाै आधारित खेती के लिए दिया जाएगा प्रशिक्षण Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/bihar-sharif/news/campaign-will-be-launched-against-conversion-vhp-127622782.html | ||||||||||||||||||
| भुगतान के अभाव में बाजार समिति में बाउंड्री निर्माण है बाधित Posted: 16 Aug 2020 05:22 PM PDT स्मार्ट सिटी के तहत बाजार समिति की चहारदीवारी निर्माण कार्य जोरशोर से कराया जा रहा था। बुधवार से निर्माण कार्य स्थगित कर दिया गया है। संवेदक कार्य बंद होने के संबंध में किसी भी तरह की जानकारी देने से इंकार कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो भुगतान के अभाव में काम को बंद कर दिया गया है। करीब एक करोड़ का काम कराया जा चुका है। जिसका संबंधित विभाग से भुगतान नहीं हो सका। भुगतान विभागीय पेंच में फंस गया है। पुल निगम व नगर निगम एक-दूसरे को परोक्ष रूप से इसका जिम्मेवार बता रहे हैं। ये है विभागीय पेंच जल्द होगा भुगतान निगम ने कहा- कार्य स्मार्ट सिटी का नहीं Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/bihar-sharif/news/boundary-construction-is-disrupted-in-market-committee-due-to-lack-of-payment-127622774.html | ||||||||||||||||||
| जल-जीवन-हरियाली पार्क और मूर्ति का डीएम-विधायक ने किया उद्घाटन Posted: 16 Aug 2020 05:22 PM PDT प्रखंड कार्यालय में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शनिवार को बाबा भीमराव अंबेडकर जल जीवन हरियाली पार्क का उद्घाटन स्थानीय विधायक रवि ज्योति कुमार और डीएम योगेंद्र कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से किया। इसके अलावा डीएम ने पार्क में अवस्थित बाबा साहब की प्रतिमा का लोकार्पण और सामुदायिक शौचालय का शुभारंभ किया। इस अवसर पर विधायक श्री कुमार ने कहा कि जल जीवन हरियाली योजनाओं के निर्माण कार्य किया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रयास से राजगीर विधानसभा क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य किये जा रहे हैं। जिसमें गंगा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, इंटरनेशनल स्टेडियम और फिल्म सिटी आदि का काम चल रहा है। डीएम श्री सिंह ने कहा कि प्रखंड परिसर में अम्बेडकर जल जीवन हरियाली पार्क का उद्घाटन कर गौरवान्वित महसू कर रहा हूं। प्रखंड के पदाधिकारियों और कर्मियों के प्रयास से जल जीवन हरियाली पार्क का कार्य किया गया। पदाधिकारी और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से कार्य सफल रहा। गंगा वाटर ट्रिटमेंट प्लांट का कार्य शुरू हो चुका है। काम पूरा होने के बाद जिले में पानी की समस्या से निदान मिलेगा। गंगा से पानी केनाल में लाने का काम चल रहा है। घोड़ा कटोरा गंगा जल वाटर ट्रेटमेंट प्लांट बिहार का पहला यूनिक प्लांट होगा। इस मौके पर एडीएम मृत्युजंय कुमार, बीडीओ धर्मवीर कुमार, सीओ चंद्रशेखर कुमार, बीपीआरओ तरुण कुमार, बीडब्लूओ अरविंद कुमार, दुर्गापुर मुखिया राकेश कुमार, इंद्रजीत कुमार, समन्वयक विद्याभूषण, राजाबाबू उपस्थित थे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/giriyak/news/dm-mla-inaugurates-water-life-greenery-park-and-idol-127622770.html | ||||||||||||||||||
| गैर-सरकारी संस्थानों में किया झंडोतोलन, झंडे को दी सलामी Posted: 16 Aug 2020 05:22 PM PDT रोटरी क्लब बिहारशरीफ द्वारा अस्पताल चौराहा पर रोटरी सेड के पास गुब्बारे उङा कर स्वतंत्रता दिवस मनाया गया।इस अवसर पर अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार , सचिव अनिल कुमार प्रोजेक्ट चेयरमैन दिनेश कुमार केसरिया, पूर्व अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार(आई), रंजीत प्रसाद सिंह , भरत भूषण, विश्व प्रकाश, प्रमोद कुमार, परमेश्वर महतो, संजीव दास, अमित कुमार आदि उपस्थित थे। स्वतंत्रता दिवस पर कोरोना से लड़ने का संदेश किड्स केयर में निदेशक ने किया झंडोत्तोलन Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/bihar-sharif/news/flag-raising-in-non-government-institutions-salute-to-flag-127622765.html | ||||||||||||||||||
| Posted: 16 Aug 2020 05:22 PM PDT ग्रामीण इलाकों में अब भी संक्रमित मरीज मिल रहे हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि सैंपलिंग की तुलना में पॉजिटिव मरीज मिलने का अनुपात काफी कम हुआ है। कोरोना से मरने वालों के परिजनों को सहायता राशि मिलनी शुरू हो गयी है। कोरोना से मृतकों के परिजनों के बीच चेक वितरण शुरू कर दिया गया है। बिहारशरीफ प्रखंड के 16 व्यक्तियों के बीच प्रखंड विकास पदाधिकारी राजीव रंजन द्वारा चेक का वितरण किया गया। बीडीओ ने बताया कि बिहारशरीफ प्रखंड क्षेत्र के 16 लोगों की सूची प्राप्त हुई है। अधिकांश लोगों के परिजनों के बीच चेक का वितरण किया जा चुका है। दो दिनों में 248 की जांच में दस पॉजिटिव गांव में मृतक के रिश्तेदार सहित संपर्क के 209 लोगों की लिस्टिंग की गई थी। शनिवार को मेडिकल टीम ने गांव में कैंप करके सभी का रैपिड एंटीजन टेस्ट किया। जिसमें चार महिला समेत सात लोगों की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। इसके अलावा अस्पताल में 31 लोगों की जांच की गई। जिसमें हरनौत बाजार के दो लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। रविवार को तीस लोगों की जांच में रेलवे कॉलोनी की एक महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव है। नगरनौसा में तीन लोग मिले संक्रमित नीरपुर के आठ लोग पॉजिटिव मिले Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/bihar-sharif/news/checks-being-given-to-the-relatives-of-those-who-died-of-corona-infected-patients-still-getting-in-rural-areas-getting-less-positive-than-sampling-127622749.html | ||||||||||||||||||
| Posted: 16 Aug 2020 05:22 PM PDT बरौनी रिफाइनरी टाउनशिप स्टेडियम में सुरक्षा निर्देशों का अनुपालन करते हुए ध्वजारोहण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यपालक निदेशक एवं रिफ़ाइनरी प्रमुख, सुश्री शुक्ला मिस्त्री ने सीआईएसएफ़ के जवानों एवं बरौनी रिफ़ाइनरी के सीमित अधिकारियों की उपस्थिती में राष्ट्र ध्वज़ फहरा कर सलामी दी। पहली बार इस गौरवशाली कार्यक्रम का घर बैठे बरौनियन के लिए डिजिटल प्लैटफ़ार्म के माध्यम से सीधा प्रसारण किया गया। सुश्री मिस्त्री ने अपने संबोधन में स्वाधीनता आंदोलन के उन शहीदों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनके त्याग और बलिदान से हमें आजादी प्राप्त हुई। उन्होने कहा कि , "हमें गर्व है कि हम एक स्वतंत्र और विकासशील देश के नागरिक हैं। हमारा देश हर क्षेत्र में नित नई ऊचाइयों को छू रहा है और नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। शुक्ला मिस्त्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अब हमें "आत्मनिर्भर भारत" की ओर कार्य करने के लिए प्रेरित किया है। स्वतंत्रता से आत्मनिर्भता का यह सफर कड़ी मेहनत, लगन, समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा से हासिल होगा।" उन्होने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान भी पड़ोसी देश नेपाल में निर्बाध रूप से ईंधन की आपूर्ति सुनिश्चित की गई। मुख्य परियोजनाओं की प्रगति को साझा करते हुए उन्होने कहा कि, "बरौनी रिफ़ाइनरी विस्तारिकरण परियोजना में चार मुख्य संविदा अवार्ड हो गए है। नई एवीयू यूनिट के लिए सॉइल टेस्टिंग किया जा रहा है। फायर टैंकेज कार्य प्रगति पर है। हवाई ईंधन के उत्पादन हेतु, मेक इन इंडिया पहल के तहत इंडियनऑयल के अनुसंधान एवं विकास केंद्र द्वारा विकसित स्वदेशी तकनीक पर आधारित इंडजेट परियोजना के बुनियादी ढांचे का कार्य प्रगति पर है।" ध्वजारोहण कार्यक्रम के दौरान आर के झा, मुख्य महाप्रबंधक (टीएस एवं एचएसई), एके तिवारी, मुख्य महाप्रबंधक (तकनीकी), आरके सिंह, डीसी सीआईएसएफ़, संजीव कुमार, अतिरिक्त महासचिव, बीटीएमयू एवं मिथिलेश कुमार, सचिव, आफिसर्स असोसिएशन शामिल थे। ऑनलाइन प्रतियोगिता में बच्चे हुए शामिल Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/begusarai/news/in-the-flag-hoisting-program-complying-with-the-security-instructions-at-barauni-refinery-township-stadium-ed-said-our-grm-will-increase-with-the-expansion-of-barauni-refinery-127622732.html | ||||||||||||||||||
| स्वतंत्रता दिवस पर जिले के लोगों का एक ही संकल्प लेकर रहेंगे कोरोना से आजादी Posted: 16 Aug 2020 05:22 PM PDT जिलेभर में शनिवार काे स्वतंत्रता िदवस हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। काेराेना संकट के कारण साेशल डिस्टेंस का पालन करते हुए मास्क लगाकर लाेगाें ने झंडे काे सलामी दी। वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रमाें का अायाेजन नहीं िकया गया। सरकारी संस्थान, निजी कार्यालय और पॉलिटिकल पार्टी के दफ्तर में लोगों ने शहीदों को याद किया। गांधी स्टेडियम में झंडोत्तोलन करते हुए बेगूसराय के जिला अधिकारी अरविंद कुमार वर्मा ने कहा कि सदियों की गुलामी के पश्चात इस दिन भारत वासी आजाद हुए थे, देशभक्तों ने अपने अदम्य साहस एवं उत्साह व दृढ़ इच्छाशक्ति एवं संकल्प की बदौलत आजादी हासिल की है। डीएम ने बेगूसराय की गौरवमयी परंपरा का उदाहरण देते हुए कहा कि बेगूसराय सांस्कृतिक और साहित्यिक रूप से काफी उत्कृष्ट जिला है। यह जिला राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक व सामाजिक क्षेत्र में काफी आगे है। जिले में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि कल्याणकारी योजनाएं धरातल पर उतर रही है। डीएम ने कहा कि कोरोना ने आम लोगों के लिए विभिन्न तरह की चुनौतियां प्रकट की है। जिला प्रशासन द्वारा कई तरह के कार्य किए जा रहे हैं शीघ्र ही कोरोना पर काबू पा लिया जाएगा। जीडी कॉलेज में प्रधानाचार्य डॉ. अवधेश कुमार सिंह, एसबीएसएस कॉलेज में प्रधानाचार्य डॉ. लक्ष्मण झा, एसके महिला कॉलेज में प्रभारी प्राचार्य विमल कुमार, संत जोसेफ स्कूल में चेयरमैन अभिषेक सिंह, आरसी अकैडमी पोखरिया में निदेशक मुकेश कुमार, माउंट लिट्रा पब्लिक स्कूल में शीतल देवा, भारद्वाज गुरुकुल में निदेशक शिव प्रकाश भारद्वज, दून पब्लिक स्कूल में पंकज कुमार, सीनियर सेकेंडरी संत पॉल स्कूल सचिव अमिताभ कुमार, डॉन बॉस्को स्कूल में निदेशक अमितोश कुमार मधुकर, कृष्णमूर्ति पब्लिक स्कूल पोखरिया में प्राचार्य शर्मिला कुमारी ने झंडोत्तोलन किया। पूर्व मेयर आलोक अग्रवाल ने अंबेडकर चौक पर झंडोत्तोलन किया। इसके अलावा भाजपा, लोजपा, राजद, आप, जाप, विकासशील इंसान पार्टी सहित सभी राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों के कार्यालय में झंडोत्तोलन किया गया। गंगा ग्लोबल ज्ञान परिसर स्थित गंगा ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ़ टीचर एजुकेशन के प्राचार्य डॉ राजेश सिंह, गंगा ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीज की प्राचार्य डॉ सुधा झा एवं गंगा ग्लोबल स्कूल के प्राचार्य अनिल कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से झंडोत्तोलन किया। जिला कार्यालय में सदर अस्पताल में 74वां स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सिविल सर्जन डॉ कृष्ण मोहन वर्मा ने झंडोत्तोलन किया। इसके उपरांत कोविड-19 के दौरान बेहतर कार्य करने वाले लैब टेक्नीशियन जीएनएम एंबुलेंस चालक एवं सफाईकर्मियों को अस्पताल अधीक्षक डॉ आनंद शर्मा ने प्रशंसा पत्र, प्रतीक चिन्ह, मोबाइल एवं वस्त्र भेंट कर उन्हें उत्साहवर्धन करने का काम किया। इस अवसर पर जीएनएम नीलुफुमा, लैब टेक्नीशियन चंदन कुमार, राजीव कुमार सिंह, बबीता कुमारी, शैलेश कुमार, एंबुलेंस चालक मनोज सिंह, क्लर्क कामरान सहित अन्य कोरोना वारियर्स को सम्मानित किया गया। मौके पर पूर्व सिविल सर्जन डॉ. हरिनारायण सिंह, डॉ. रतीश रमन, डीपीएम शैलेश चंद, राजन सिन्हा, अस्पताल प्रबंधक पंकज कुमार सहित काफी संख्या में चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/begusarai/news/on-independence-day-the-people-of-the-district-will-take-the-same-pledge-of-independence-from-corona-127622719.html | ||||||||||||||||||
| नगर निगम क्षेत्र के उमानगर में सड़क काटकर टेम्परेरी नाला बनाने की स्थानीय लोग कर रहे थे मांग Posted: 16 Aug 2020 05:22 PM PDT नगर निगम क्षेत्र के उमानगर में सड़क काटकर टेम्परेरी नाला बनाने के बाद दुबारा सड़क निर्माण के लिए मुहल्लावासियों ने चंदवा मोड़ के समीप टायर जलाकर सड़क जाम कर दिया। प्रशासन और नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी की। लोगों ने लगभग 6 घंटे तक सड़क जाम रखा। मौके पर मेयर पहुंचकर छोटी पुलिया का निर्माण कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद लोग शांत हुए और सड़क जाम समाप्त किये। मुहल्लावासियों का आरोप है कि जिला प्रशासन और नगर निगम ने बरसात का पानी निकालने के लिए सड़क काटकर टेंपरेरी नाला बनाया गया। इसके बाद मोहल्ला में आने जाने के लिए कोई भी रास्ता नहीं बनाया गया है। जिससे रोगी को अस्पताल ले जाने में काफी परेशानी होती है। आक्रोशित लोगों ने रविवार की सुबह सड़क पर टायर जलाकर जाम कर दिया। उमा नगर निवासी अखिलेश तिवारी ने कहा कि सड़क काटकर पानी निकाला गया। इसके बाद सड़क नहीं बनाया। मौके पर मुन्ना मिश्र, संजय कुमार, सोनू कुमार, रमेश कुमार, बीरबल कुमार, सुनील सिंह व अन्य लोग शामिल थे। इधर, मेयर रूबी तिवारी ने कहा कि जाम की सूचना मिलने पर नाला के ऊपर टेंपरेरी पुलिया बना दिया गया है। पानी निकलने के बाद पुल और सड़क दोनों बना दिया जाएगा। ताकि लोगों को परेशानी ना हो सके। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/ara/news/local-people-were-demanding-to-construct-a-temperary-drain-by-cutting-the-road-in-umanagar-in-the-municipal-area-127622691.html | ||||||||||||||||||
| सबलपुर व महुली घाट में 360 बोतल शराब के साथ चार तस्कर धराए, दो बाइक व कार जब्त Posted: 16 Aug 2020 05:22 PM PDT पुलिस ने सबलपुर और महुली घाट पर छापेमारी कर 120 बोतल केन बियर और 240 बोतल शराब के साथ दो बाइक और एक कार बरामद किया है। चार तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। बड़हरा पुलिस ने मारुती जेन कार से करीब 240 बोतल विदेशी शराब के साथ एक तस्कर को सबलपुर बगीचा के समीप से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार तस्कर धोबहा ओपी क्षेत्र के हेमतपुर गांव निवासी धर्मराज कुमार है। वह नन्हक पासवान का पुत्र है। पुलिस को रविवार सुबह करीब 10 बजे सूचना मिली कि दियारा क्षेत्र से नाव द्वारा शराब यूपी से मंगाया गया है। जिसे नथमलपुर गांव से केशोपुर-सरैंया पथ के रास्ते लाल रंग की मारुती कार में भारी मात्रा में शराब भेजा जा रहा है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए घटना स्थल की ओर पहुची। उसी समय एक लाल रंग की जेन कार आती दिखाई दी। पुलिस ने उसे सबलपुर बागीचा के समीप रोकवाया। तलाशी लेने पर उसमें महंगे व्हिस्की आरएस के 375 एमएल के 48 बोतल, 180 एमएल के टेट्रापैक 192 पीस बरामद हुआ। थानाध्यक्ष अवधेश कुमार ने बताया कि वाहन और शराब जब्त कर लिया गया। तस्कर को जेल भेज दिया गया। वहीं, सिन्हा पुलिस ने महुली घाट से 120 केन बियर बरामद किया है। उसके साथ प्रयोग में लाई गयी दो बाइक के साथ तीन तस्कर को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार तस्कर आरा शहर के धरहरा दलित टोला निवासी सुनिल राम व संजय राम, सिन्हा ओपी क्षेत्र के लक्ष्मीपुर गांव निवासी विशाल राम है। आरा स्टेशन से 113 बोतल विदेशी शराब बरामद Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/badhara/news/four-smugglers-busted-with-360-bottles-of-liquor-in-sabalpur-and-mahuli-ghat-two-bikes-and-car-seized-127622686.html |
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