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Monday, August 17, 2020

न्यूज़ हिमाचली News Himachali | हिमाचल की No. 1 हिंदी वेबसाइट

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यह चीज अस्थमा, दाँत और जोड़ों के दर्द सहित 4 रोगों का है काल, जानें चौंकाने वाले फायदे

Posted: 16 Aug 2020 10:47 PM PDT


अगर आप भी अस्थमा, दांत दर्द या जोड़ों के दर्द से परेशान हैं तो आज मैं आपके लिए एक आयुर्वेदिक नुस्खा लेकर आया हूँ. इस नुस्खे से आप इन सभी परेशानियों से निजात पा सकते हैं. तो चलिए जानते हैं.

बता दें कि भटकटैया अस्‍थमा रोगियों के लिए फायदेमंद होता है. 20 से 40 मिलीलीटर की मात्रा में भटकटैया की जड़ का काढ़ा या इसके पत्तों का रस 2 से 5 मिलीलीटर की मात्रा में सुबह शाम रोगी को देने से अस्‍थमा ठीक हो जाता है. भटकटैया के पंचांग को छाया में सुखाकर और फिर पीसकर छान लें. अब इस चूर्ण को 4 से 6 ग्राम की मात्रा में लेकर इसे 6 ग्राम शहद में मिलाकर सेवन करने से फायदा मिलता है.

भटकटैया दर्दनाशक गुण से युक्त औषधि भी है. दर्द दूर करने के लिए 20 से 40 मिलीलीटर भटकटैया की जड़ का काढ़ा या पत्ते का रस चौथाई से 5 मिलीलीटर सुबह शाम सेवन करने से शरीर का दर्द कम होता है. साथ ही यह अर्थराइटिस में होने वाले दर्द में भी लाभकारी होता है. समस्‍या होने पर 25 से 50 मिलीलीटर भटकटैया के पत्तों के रस में कालीमिर्च मिलाकर रोजाना सुबह-शाम पिलाने से लाभ होता है. इसके अलावा सिर में दर्द होने पर भटकटैया के फलों का रस माथे पर लेप करने से सिर दर्द दूर हो जाता है.

अगर दाढ़ (जबड़े) में तेज दर्द हो रहा हो तो कटेरी के बीजों को जलाकर उसका धुआं लें. इससे दर्द में तुरंत आराम मिलता हैं. कटेरी की जड़, पत्ते व फल को मिलाकर काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से दांतों का दर्द ठीक होता है.

कफ, बुखार, दमा व छाती का दर्द आदि रोगों में कटेरी का प्रयोग बहुत किया जाता है. छाती में कफ पैदा होने पर कटेरी के फलों का काढ़ा बनाकर 50 मिलीलीटर काढे़ में 2 ग्राम भुनी हुई हींग व 2 ग्राम सेंधानमक डालकर पीना चाहिए. इससे कफ दूर होकर दमा रोग ठीक होता है.

कैसे बनी बस कंडक्टर की बेटी एक आईपीएस ऑफिसर ? जानिए...

Posted: 16 Aug 2020 10:43 PM PDT


सफलता उन्ही को मिलती है जिनके सपनो में जान होती है, पंखो से कुछ नहीं होता है होसलो से उड़ान होती है.... यह पंक्ति तो अपने काफी सुनी होगी है | इस पंक्ति को सच कर दिखाया है हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से गांव में जन्मी इस लड़की ने | लड़की में हौसला था, जज्बा था, जूनून था... हार भी कैसे मान लेती वो हिन्दुस्तानी कौन... थी | हम अक्सर यह फिल्मो में देखते है की एक छोटे से गांव से निकलकर लड़का एक पुलिस अफसर बन गया | लेकिन यदि हम आपसे कहे की यह कहानी सच हो गई है तो क्या आप विश्वास करेंगे | आज हम आपको ऐसी ही कहानी बताने जा रहे है |

शालिनी का जन्म ऊना के ठठ्ठल गांव में 14 जनवरी 1989 में हुआ था | शालिनी के पिता एक बस कंडक्टर थे | जबकि इनकी माँ एक हाउसवाइफ थी | बचपन में ही देश के लिए कुछ कर गुजर जाने के सपने लिए शालिनी ने आईपीएस की कठिन परीक्षा पार कर ली | शालिनी IPS की तैयारी कर रही है | इस बात का पता तो शालिनी के घर वालो को भी नहीं था | 

हम आपको बता देना चाहते है की शालिनी ने हिमाचल प्रदेश की एग्रीकल्चर युनिवेर्सिटी से अपना ग्रेजुएशन कम्पलीट किया था | इसके बाद अब समय था अपने बचपन के सपनो को पूरा कर दिखाने का | शालिनी जानती थी की UPSC के एग्जाम काफी कठिन होते है | इन परीक्षाओ में बहुत ही कम लोग सफल हो पाते है | इसका पूरी तरह मनन करते हुए शालिनी काफी सोच-समझकर UPSC के कॉम्पिटिशन एग्जाम में कूद गयी | 

पूरी लगन और मेहनत करने के उपरांत शालिनी ने 2011 में IPS का एग्जाम पास कर लिया | अब 2012 में इंटरव्यू एग्जाम का शालिनी को सामना करना था | लेकिन इससे भी शालिनी ने अपने कदम पीछे नहीं हटाए और इस इंटरव्यू को पास कर लिया | शालिनी ने ऑल इंडिया लेवल पर 285वीं रैंक हासिल की | शालिनी अपनी बैच की टॉपर स्टूडेंट रही थी |

शालिनी ने अपनी ट्रेनिंग हैदराबाद से पूरी की | अब शालिनी की पोस्टिंग कुल्लू में है | शालिनी ने अपनी इस सफलता के पीछे अपने घरवालों को बताया | शालिनी का कहना था की उनके घरवालों ने उनका भरपूर साथ दिया | उन्हें कोई भी कार्य करते वक्त टोका नहीं | जब उन्होंने अपनी परीक्षा पूरी की थी उनके परिवार वालो को बेहद ख़ुशी हुई |

शालिनी को प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के द्वारा अवार्ड भी मिल चुके है | वास्तविकता में शालिनी इस सम्मान के योग्य थी | शालिनी अपने बैच में टॉपर रहने के लिए स्पेशल अवार्ड से भी सम्मानित की जा चुकी है | शालिनी कहती है की जब वे कोई केस सॉल्व कर लेते है और फिर जो उन्हें जो ख़ुशी होती है | उसे वह बयां नहीं कर सकती है |

ये कैसा प्यार है ? शरीर पर आग लगाकर गर्लफ्रेंड को किया प्रपोज़...

Posted: 16 Aug 2020 10:40 PM PDT


प्यार में पड़ा इंसान क्या नहीं करता | अपनी प्रेमिका को मनाने के लिए शख्स बड़ी मेहनत करता है | लेकिन लन्दन के रहने वाले एक शख्स ने तो अपनी मंगतेर को शादी के लिए प्रपोज़ करने के लिए हदे ही पार कर दी | इस शख्स ने अपनी गर्लफ्रेंड को शादी के लिए प्रपोज़ करने के लिए जो किया, उससे हर कोई हैरान है |

ब्रिटेन का का रहने वाला एक शख्स रिकी ऐश पेशे से स्टन्टमैन है | तो उसने अपनी गर्लफ्रेंड को शादी के लिए प्रपोज़ करने के लिए तरीका भी स्टन्टमैन वाला ही निकला | उसने अपने शरीर पर आग लगायी और घुटनो पर बैठकर अपनी प्रेमिका को प्रपोज़ किया | सोशल मीडिया पर इसका वीडियो खूब वायरल हो रहा है |

न्यूयोर्क पोस्ट में छपी खबर के अनुसार स्टन्टमैन रिकी ऐश ने अपनी गर्लफ्रेंड कैटरीना डॉबसन को शादी के लिए प्रपोज़ करने के लिए ये खतरनाक तरीका निकाला | प्रोफेशनल स्टन्टमैन है, इसीलिए रिकी ने पहले ही अपनी सुरक्षा के इंतजाम कर लिए थे | 

वायरल वीडियो में रिकी गर्लफ्रेंड को प्रपोज़ करने से पहले सारी तैयारी करते नजर आ रहे है | साथ ही वीडियो में अपनी गर्लफ्रेंड को प्रपोज़ करते हुए भी नजर आ रहे है | रिकी के प्रपोज़ करने के बाद एक शख्स के उनके कपड़ो पर लगी आग को बुझा देता है |

रिकी ने बताया कि उनकी मुलाकात कैटरीना से ऑनलाइन हुयी थी | वह पेशे से एक नर्स है | वहीँ रिकी पिछले 27 सालो से स्टन्टमैन के पेशे में है |

हिमाचल के आठ जिलों में दो दिन भारी बारिश की चेतावनी, येलो अलर्ट जारी

Posted: 16 Aug 2020 10:35 PM PDT


हिमाचल के आठ जिलों में दो दिन भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश में 22 अगस्त तक मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान जताया है। मौसम विभाग ने 17 और 18 अगस्त को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिले के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।

पूरे प्रदेश में बीस अगस्त तक बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान है। देवभूमि हिमाचल में पिछले 48 घंटों में भारी बारिश ने खूब तबाही मचाई है। अकेले मंडी जिला में डेढ़ दर्जन घरों को नुकसान पहुंचा है। यहां पांच मकान ढह गए जबकि तीन हवा में लटक गए हैं। 10 घरों को भी आंशिक नुकसान पहुंचा है।

वहीं रविवार को प्रदेश में मौसम मिलाजुला बना रहा। ऊना-भुंतर में अधिकतम तापमान 34.8, सुंदरनगर 31.7, बिलासपुर 30.5, हमीरपुर 30.2, चंबा 32.5, कांगड़ा 29.3, सोलन 28.5 , मंडी 32.1, नाहन 27.0, मनाली 27.0, धर्मशाला 27.2, केलांग 28.4, कल्पा 25.6, शिमला 23.6 और डलहौजी में 21.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।

कांगड़ा: सगे चाचा ने अपनी मासूम भतीजी को बनाया आपका शिकार, 2 वर्षों तक किया ये गन्दा काम

Posted: 16 Aug 2020 10:29 PM PDT



कांगड़ा: सगे चाचा ने अपनी मासूम भतीजी को बनाया आपका शिकार, 2 वर्षों तक किया ये गन्दा काम 
उपमंडल इंदौरा के एक गांव में रिश्तों को तार-तार करने वाली एक घटना सामने आई है, जिसमें एक नाबालिग लड़की ने अपने सगे चाचा पर उससे गत लगभग 2 वर्षों से शारीरिक शोषण करने के आरोप लगाए हैं। बताया जा रहा है कि लड़की की मां नहीं है, जिस कारण पिछले 2 वर्षों से वह इस शोषण को सहन करती रही लेकिन अब उक्त उत्पीडऩ से मानसिक रूप से तंग आकर उसने अपनी व्यथा अपनी एक सहेली को बताई और पुलिस थाना इंदौरा में इस बाबत मामला दर्ज करवाया है।

मामले के संदर्भ में पुलिस थाना प्रभारी इंदौरा सुरेंद्र धीमान ने बताया कि थाना इंदौरा के अंतर्गत एक गांव की नाबालिग लड़की ने पुलिस थाना इंदौरा में आकर प्राथमिकी दर्ज करवाते हुए बताया कि उसका सगा चाचा गत लगभग 2 वर्षों से उसके साथ अनैतिक रूप से संबंध बनाकर उसका शारीरिक शोषण करता रहा है। घर में उसकी मां न होने के कारण वह अपनी व्यथा किसी को नहीं बता पाई लेकिन अब तंग आकर उसने इसकी रिपोर्ट दर्ज करवाई है।

उधर, एएसपी कांगड़ा दिनेश कुमार ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस ने नाबालिग लड़की शिकायत के आधार पर भारतीय दंड विधान की धारा 376, 506 एवं पॉक्सो अधिनियम के अंतर्गत मुकद्दमा दर्ज कर पीड़िता की चिकित्सकीय जांच करवाई है। वहीं आरोपी चाचा को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है, जहां से उसे 4 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।

अब सभी जिलों में ऑनलाइन बनेंगे ड्राइविंग लाइसेंस : ऐसे करें आवेदन

Posted: 16 Aug 2020 10:23 PM PDT


कांगड़ा-शिमला जिलों में ऑनलाइन सेवाओं के पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद अब हिमाचल के सभी जिलों में इसका दायरा बढ़ाया जाएगा। प्रदेशभर में ड्राइविंग और कंडक्टर लाइसेंस को लेकर ऑनलाइन सेवा ही लागू की जाएगी। परिवहन विभाग ने यह फैसला लिया है। आपको बता दें कि पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर विभाग ने कांगड़ा और शिमला में 27 जुलाई को ऑनलाइन सेवाओं का शुभारंभ किया था। दोनों जिलों में 19 दिनों में ही 14 हजार लोगों ने ड्राइवर, कंडक्टर लाइसेंस समेत आरसी से जुड़े कार्य की मंजूरी के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है।

विभाग की ओर से 5 हजार आवेदकों को ऑनलाइन अप्रूवल भी दी गई है। इससे पहले तक लोगों को लर्निंग और ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए एसडीएम या आरटीओ कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते थे। कागजी कार्रवाई की लंबी प्रक्रिया के चलते लोगों को परेशानी होती थी। लाइसेंस बनाने में 10 से 15 दिन का समय लग जाता था।

ऑनलाइन सुविधा मिलने से लोगों को राहत मिली है। परिवहन विभाग के निदेशक कैप्टन जेएम पठानिया ने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस के साथ लोगों को परमिट के लिए भी ऑनलाइन अप्रूवल दी जा रही है। विभाग कॉल सेंटर संचालित कर लोगों को ऑनलाइन सेवाओं से जुड़ी आवश्यक जानकारी और प्रक्रिया भी मुहैया करा रहा है।

परिवहन विभाग की वेबसाइट पर ई-परिवहन व्यवस्था या सारथी पर जाकर लाइसेंस के लिए आवेदन किया जा सकेगा। इस पर ही ऑनलाइन फीस जमा होगी। मेडिकल और अन्य तरह के दस्तावेज भी ऑनलाइन ही अटैच किए जा सकते हैं।

इस प्रक्रिया के बाद परिवहन विभाग की ओर से आवेदक को ड्राइविंग टेस्ट की डेट दी जाएगी। तय तिथि पर ही आवेदक आरटीओ या एसडीएम कार्यालय टेस्ट देने आएंगे। इसके बाद आवेदक को टेस्ट में पास और फेल की जानकारी भी ऑनलाइन दी जाएगी। पास आवेदक को लाइसेंस भी ऑनलाइन उपलब्ध करा दिया जाएगा।

यह है दुनिया का सबसे ताकतवर फल, एक हफ्ते तक खाने से सभी कमजोरियां हो जाएँगी दूर

Posted: 16 Aug 2020 10:16 PM PDT


निषेचित, परिवर्तित एवं परिपक्व अंडाशय को फल कहते हैं। साधारणतः फल का निर्माण फूल के द्वारा होता है। फूल का स्त्री जननकोष अंडाशय निषेचन की प्रक्रिया द्वारा रूपान्तरित होकर फल का निर्माण करता है। कई पादप प्रजातियों में, फल के अंतर्गत पक्व अंडाशय के अतिरिक्त आसपास के ऊतक भी आते है। फल वह माध्यम है जिसके द्वारा पुष्पीय पादप अपने बीजों का प्रसार करते हैं, हालांकि सभी बीज फलों से नहीं आते।हर फल की अपनी एक खाशियत होती है, जिससे वो फल शरीर को लाभ पहुंचाते हैं, 

आज हम आपको एक ऐसे ही फल के बारे में बताने वाले हैं जिसे दुनिया का सबसे ताकतवर फल माना जाता है, इस फल का सेवन करने से शरीर बलशाली बनता है और शरीर में ताकत और उर्जा का संचार होता है, दुबले पतले लोगों को इस फल का सेवन नियमित सेवन जरुर करना चाहिए, जिससे उनका शरीर फौलादी बन सके, तो चलिए जान लेते हैं उस एक चीज के बारे में|

हम जिस फल की बात कर रहें है, उस फल को भोकर फल कहा जाता है, इस फल को खाने से हमारे शरीर को ताकत मिलने के साथ ही सभी जरूरी पोषक तत्व भी मिलते हैं, यह शरीर में ताकत की मात्रा बढ़ाने के साथ ही हड्डियों को भी मजबूत बनाता है|
इस फल में विटामिन, प्रोटीन और फाइबर जैसे गुण होते हैं, जिससे शरीर को मजबूती मिलने के साथ ही इसमें मौजूद कैल्शियम हड्डियों के सभी रोगों जैसे- जोड़ों के दर्द और हड्डियों के कमजोर होने से बचाती है, यह फल ग्रामीण इलाकों आसानी से मिल जाता है, इस फल का हर दिन सेवन करने से गजब के फायदे मिलते हैं|

सिर्फ इतनी देर तक रहता है सैनिटाइजर का असर, जाने कब और कैसे करना है इस्तेमाल

Posted: 16 Aug 2020 10:14 PM PDT


चीन के वूहान शहर से उत्पन्न होने वाला 2019 नोवेल कोरोनावायरस इसी समूह के वायरसों का एक उदहारण है, जिसका संक्रमण सन् 2019-20 काल में तेज़ी से उभरकर 2019–20 वुहान कोरोना वायरस प्रकोप के रूप में फैलता जा रहा है। हाल ही में WHO ने इसका नाम COVID-19 रखा।कोरोना वायरस संक्रमण से बचने केलिए आपको हाथ धोने और हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करने की सलाह दी गई है. तो आइए हम आपको बताते हैं कि हैंड सैनिटाइजर आपके हाथों पर कितने समय तक रहता है और कब और कैसे इसका इस्तेमाल करें

वैश्विक स्तर पर फैलें कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए सभी को घरों में रहने और बार-बार हाथ धोने या हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करने की सलाह दी गई है. लेकिन इसके चलते लोगों के मन में यह सवाल बना रहता है कि हैंड सैनिटाइजर कितनी देर तक हमारे हाथों पर काम कर सकता है? ये सवाल बहुत आम है लेकिन संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए बहुत ही जरूरी है, तो आइए हम आपको बताते हैं कि हैंड सैनिटाइजर आपके हाथों पर कितने समय तक रहता है और कब और कैसे इसका इस्तेमाल करें.

बाहर निकलने पर हाथों को सैनिटाइज जरूरी करें
लॉकडाउन में थोड़ा लचीलापन आ जाने से अपनी सेफ्टी का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है क्योंकि बाजार, डॉक्टर के पास या फिर किसी काम के लिए घर से बाहर निलकने पर हाथों को सैनिटाइज करते रहना. यह हमें वायरस से बचाने में मददगार हो सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो वायरस को फैलने से रोकने का एक सबसे अच्छा तरीका है, एल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करना.

सच में काम करता है हैंड सैनिटाइजर?
यह लंबे समय तक काम नहीं करता है और इसलिए साबुन और पानी से हाथ धोना बेहतर होता है. वैसे हैंड सैनिटाइज़र एक सुविधाजनक विकल्प है. जब आप साबुन और पानी से हाथ धोते हैं तो सभी तरह के कीटाणु नाली में बह जाते हैं जबकि हैंड सैनिटाइजर आपके हाथ पर मौजूद सभी कीटाणुओं को उसी समय मार देता है. लेकिन जैसे ही आप किसी दूसरी दूषित सतह के संपर्क में आते हैं तो आपके हाथ फिर से गंदे हो जाते हैं. इसलिए आपके हाथ कितनी देर तक सेफ रहेंगे यह आपके द्वारा किसी संक्रमित चीज को छूने पर निर्भर करता हैं.

कब-कब आवश्यक है हाथ धोना
जब आप किसी गंदी सतह को छूएं तो आपको तुरंत हाथ साफ करने की जरूरत होती है. जब भी आप कुछ खाएं या अपने चेहरे को छूएं तो आप अपने हाथ जरूर धोएं. इसके अलावा शौचालय जाने के बाद आपको अपने हाथों को फिर से साफ करना आवश्यक होता है. फिर भले ही आपने उन्हें सिर्फ 10 मिनट पहले ही साफ क्यों न किया हो.

बरते ये सावधानियां हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करते समय
इसका उपयोग करते वक्त अपने हाथों को कवर करें और उसके सूख जाने तक एक साथ रगड़ें. जब आपको अपने हाथ स्पष्ट रूप से गंदे दिखाई दें तो सैनिटाइज़र और स्प्रे काम नहीं करते हैं. इसके लिए आपको अपने हाथ साबुन और पानी से ही धोने चाहिए.

साबुन और पानी से कितनी देर हाथ धोएं
अपने हाथों को अच्छी तरह से धोने के लिए, साबुन को अपने हाथों पर कम से कम 20 सेकंड के लिए रगड़ें. आप उंगलियों और अपने हाथों के पीछे वाले हिस्से को भी साफ करें. अपने नाखूनों को भी हथेली पर रगड़कर धोएं.

अगर आप भी कर रहे हैं UPI का इस्तेमाल तो तत्काल जान ने इन बातों को वरना उठाना पड़ सकता है भारी नुकसान

Posted: 16 Aug 2020 10:10 PM PDT


एकीकृत भुगतान अन्तरापृष्ठ (Unified Payments Interface (UPI)), भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम एवं भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शुरू किया गया ऑनलाइन भुगतान का एक नया तरीका है। जो अंतर बैंक लेनदेन को सुविधाजनक बनाता है। इंटरफ़ेस को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा नियंत्रित किया जाता है और मोबाइल प्लेटफ़ॉर्म पर दो बैंक खातों के बीच तुरंत धनराशि स्थानांतरित करके काम करता है।कोरोना काल के इस वक्त में लोग बाहर और भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बच रहे हैं. अधिकतर लोग इस वक्त ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं. ऐसे मेें डिजिटल लेनदेन में पिछले कुछ महीनों में काफी तेजी देखी गई है. 

भारत में अधिकतर लोग डिजिटल लेनदेन के लिए यूपीआई (UPI) का प्रयोग करते हैं. UPI के जरिए आप डिजिटल पेमेंट कर सकते हैं. UPI के इस्तेमाल से आपको साथ में कैश नहीं होने पर भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है. हालांकि जैसे-जैसे डिजिटल लेनदेन बढ़ रहा है वैसे-वैसे ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में भी तेजी देखी जा रही है. ऐसे में आज हम आपको सुरक्षित लेनदेन के लिए कुछ जरूरी टिप्स बताने जा रहे हैं, इन बातों का ध्यान रखकर आप ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार होने से बच सकते हैं.

बिना सोचे समझे एप्लिकेशन न करें डाउनलोड
आजकल ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले एप्लिकेशन के जरिए भी आपकी निजी जानकारी ले लेते हैं. इसलिए बिना सोचे समझें किसी भी एप्लिकेशन को डाउनलोड न करें उसके बारे में पढ़ें और उसके बाद उसे डाउनलोड करें. भीम यूपीआई जैसे सुरक्षित एप्लिकेशन पर ही यूपीआई पिन का इस्तेमाल करें. केवल गूगल प्ले स्टोर और Apple स्टोर द्वारा प्रामाणिक और सत्यापित ऐप्स को ही डाउनलोड करें.

फिशिंग अटैक
फ्रॉड करने वाले आपको SMS के जरिये अनधिकृत भुगतान लिंक भेज सकते हैं. इसलिए किसी अज्ञात संस्था से किसी भी फाइल को डाउनलोड या खोलन से बचें. एंटीवायरस, एंटीस्पायवेयर और फ़ायरवॉल सॉफ़्टवेयर का यूज करें. अपने वेब ब्राउजर को नियमित रूप से अपडेट करें और फिशिंग फिल्ट को एक्टिव करें.

किसी को न बताएं UPI पिन
अगर आप सुरक्षित डिजिटल लेनदेन करना चाहते हैं तो कभी भी अपना UPI पिन किसी के साथ शेयर ना करें. बता दें कि यूपीआई पिन एटीएम पिन की तरह ही होता है.

OTP और UPI Pin के जरिए भी होता है फ्रॉड
पेमेंट के दौरान अपना वन टाइम पासवर्ड (OTP) और यूपीआई पिन किसी को न बताएं. क्योंकि ओटीपी और यूपीआई पिन मिलने के बाद किसी भी अकाउंट से पैसे निकाले जा सकते हैं.

पुलिस कांस्टेबल की निकली बम्पर भर्ती, 12वीं पास छात्रों के लिए नौकरी पाने का सुनहरा मौका

Posted: 16 Aug 2020 10:07 PM PDT



हाल ही में SSC (Staff Selection Commission) एक सुनहरा मौका लेकर आया है। कक्षा 12वीं के बाद सरकारी नौकरी का सपना अब पूरा होता नजर आ रहा है। एसएससी की ओर से 12वीं पास छात्रों के लिए दिल्ली पुलिस कांस्टेबल पद पर अब तक की सबसे बड़ी भर्ती निकाली है। दिल्ली में कांस्टेबल (Executive) के 5846 पदों पर भर्ती की अधिसूचना जारी की गयी है।

पदों का विवरण: 

पदों का नाम: कांस्टेबल (Executive)

पदों की संख्या: 5846 पद

# आवेदन की प्रक्रिया: ऑनलाइन आवेदन

# प्रारंभिक तिथि: 1 अगस्त 

# अंतिम तिथि 7 सितंबर

# परीक्षा तिथि: 27 नवंबर से 14 दिसंबर

# योग्यताएं : मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं की परीक्षा पास उम्मीदवार

# आयु सीमा: 18 से 25 वर्ष 

# वेतन: 35,000 से 38,000 रुपये प्रति माह

# ऑफिसियल वेबसाइट: https://ssc.nic.in/

आस्ट्रेलिया के पूर्व विकेटकीपर गिलक्रिस्ट ने धोनी की जमकर तारीफ की

Posted: 16 Aug 2020 10:02 PM PDT



भारत के पूर्व कप्तान धोनी ने क्रिकेट से सन्यास ले लिया है। आस्ट्रेलिया के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की जमकर तारीफ की है। गिलक्रिस्ट ने ट्विटर पर कहा, माही, आपके खिलाफ खेलना हमेशा खुशी की बात रही। आपने इसे तेजतर्रार, सबसे ऊपर और शांत स्वभाव शैली के साथ किया। आपने जो भी हासिल किया, उसके लिए बधाई।

धोनी की जमकर तारीफ की: गिलक्रिस्ट ने साथ ही अपने इंस्टग्राम पर धोनी के साथ एक फोटो भी पोस्ट किया है, जिसमें गिलक्रिस्ट आईपीएल की पूर्व फ्रेंचाइजी डेक्कन चार्जर्स और धोनी चेन्नई सुपर किंग्स की जर्सी पहने हुए हैं। भारत को दो विश्व कप दिलाने वाले कप्तान धोनी ने शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया।

संन्यास का ऐलान: शांत स्वाभाव के लिए मशहूर धोनी ने अपनी अंदाज के मुताबिक ही इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट के जरिए शांति से अपने संन्यास का ऐलान कर दिया। धोनी ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हुए लिखा, आप सभी के प्यार और समर्थन के लिए बहुत शुक्रिया। आज शाम 7.29 बजे के बाद से मुझे रिटायर समझा जाए।

ये है दुनिया की सबसे पहली घड़ी, जिसे देख थम जाता है वक़्त

Posted: 16 Aug 2020 10:00 PM PDT


वक्त के साथ-साथ हम ओर हमारे हालात भी बदलते जा रहे हैं. दिन , महीने , साल बदलते हैं. समय के साथ वक्त का एहसास भी हमारे जीवन से कम होता जा रहा है, जिसकी हम घड़ी से तुलना कर सकते है. क्या कभी आपने सोचा है कि दुनिया की सबसे पहली घड़ी कैसी दिखती होगी, किसने उस घड़ी को बनाया होगा?

आज हम जिस घड़ी के बारे मे आपको बताने वाले है उसे दुनिया की सबसे पुरानी और पहली घड़ी बताया जा रहा है. आपकी जानकारी के लिए बता दे की दुनिया की सबसे पहली घड़ी को पीटर हैनलैन ने बनाया था.

उनकी हाल ही मे एक घड़ी मिली है, जिसे पोमैंडर नाम दिया गया है. इस घड़ी को दुनिया की पहली घड़ी का नाम दिया गया है.सेब के आकार की इस पोमैंडर घड़ी को दुनिया की सबसे पुरानी घड़ी बताया जा रहा है.

इस घड़ी के दुनिया के सामने आने की दिलचस्प कहानी है. कहा जाता है की एक युवक ने 1987 में लंदन के कबाड़ी मार्केट से 10 पाउंड में एक बॉक्स खरीदा था, उसी बॉक्स में यह अद्भुत घड़ी निकली थी. उन्होने इस घड़ी को 2002 में बेच दी.

घड़ी के अगले मालिक ने भी इसे अन्य किसी को बेच दी. अंत मे इसे एक रिसर्चर ने खरीद ली. जिसने इसे पहचान दिलाई. कहा जा रहा है की यह घड़ी कॉपर और सोने से बनी हुई है. साल 1505 में इस घड़ी का निर्माण हुआ था. जिसे पीटर हैनलैन की पर्सनल घड़ी बताया जा रहा है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसे लोगों के लिए अच्‍छा नहीं है रात में दूध पीना

Posted: 16 Aug 2020 09:58 PM PDT


ज्‍योतिष विज्ञान के अनुसार शनि के चौथे भाव का परिणाम बेहद व्‍यापक होता है। यह भाव चंद्रमा का घर माना गया है। इसलिए शनि इस भाव में मिलेजुले परिणाम ही देता है। इस योग वाला जातक अपने माता-पिता के प्रति समर्पित होगा और प्रेम-मोहब्‍बत से रहने वाला होगा। जब कभी जातक बीमार होगा तो चंद्रमा से संबंधित चीजें फायदेमंद होंगी। जातक के परिवार से कोई व्यक्ति चिकित्सा विभाग से संबंधित होगा। जब शनि इस भाव में नीच का होकर स्थित हो तो शराब पीना, सांप मारना और रात के समय घर की नींव रखना जैसे काम बहुत बुरे परिणाम देते हैं। रात में दूध पीना भी अहितकर है।

शनि का पांचवें भाव में फल-यह भाव सूर्य का घर होता है। जो शनि का शत्रु ग्रह है। इस स्‍थिति में जातक घमंडी होगा। जातक को 48 साल तक घर का निर्माण नहीं करना चाहिए, अन्यथा उसके बेटे को तकलीफ होगी। उसे अपने बेटे के बनवाए या खरीदे हुए घर में रहना चाहिए। जातक को अपने पैतृक घर में बृहस्पति और मंगल ग्रह से संबंधित वस्तुएं रखनी चाहिए, इससे उसके बच्चों का भला होता है। यदि जातक के शरीर में बाल अधिक होंगे तो जातक बेईमान हो जाएगा।

शनि का छठें भाव में फल-यदि शनि ग्रह से संबंधित काम रात में किया जाय तो हमेशा लाभदायक परिणाम मिलेंगे। यदि शादी के 28 साल के बाद होगी तो अच्छे परिणाम मिलेंगे। यदि केतु अच्छी स्थित में हो जातक धन, लाभदायक यात्राओं और बच्चों के सुख का आनंद पाता है। यदि शनि नीच का हो तो शनि से सम्बंधित चीजें जैसे चमडा एवं लोहे को लाना हानिकारक होता है। खासकर तब, जब शनि वर्षफल में छठवें भाव में आएगा।

इन 4 राशियों वालों को गलती से भी नहीं पहननी चाहिए कछुवे की अंगूठी

Posted: 16 Aug 2020 09:56 PM PDT


इंसान धनसंपत्ति और खुशहाली के लिए हर संभव उपाय करता है पर अगर उपाय ठीक तरह से ना हों तो ये ज्योतिष उपाय अच्छा फल देने के बजाये दुर्भाग्य का कारक भी बन जाते है। इसलिए जो भी ज्योतिष उपाय करें सोच समझ कर करें और पहले उस उपाय की बारीकियों को समझना बेहद जरूरी है।

आजकल आपने देखा होगा की कछुवे की अंगूठी पहने आपने बहुत लोगों को देखा होगा। पर बहुत से लोग नहीं जानते की कछुवे वाली अंगूठी पहनना शुभ भले ही माना जाता है पर हर किसी को ये शुभ फल नहीं देता। कुछ राशियों के लिए ये उत्तम भाग्य फल देता है पर कुछ राशियाँ ऐसी भी है जिन्हें ये बिलकुल भी अनुकूल प्रभाव नहीं देता। ऐसे में अगर इन राशियों के जातक हाथ में कछुवे की अंगूठी को धारण करते है को बर्बादी निश्चित है।

मेष, कन्या, वृश्चिक और मीन राशि के लोगों को भूलकर भी कछुए की अंगूठी नहीं पहननी चाहिए। इन राशियों के लोगों द्वारा कछुए की अंगूठी पहनने से इसका विपरीत प्रभाव होता है। और उनके व्यापार और कामकाज में नुकसान होता है। इनके जीवन में दुख-दर्द बढ़ जाता है। और परिवार में क्लेश का वातावरण बन जाता है। और इनकी धन-दौलत में कमी आने लगती है। इसलिए इन राशियों के लोग भूलकर भी कछुए की अंगूठी नहीं पहने।

आखिर कैलाश पर्वत पर आज तक कोई क्यों नहीं चढ पाया- पढ़िए और जानिए

Posted: 16 Aug 2020 09:54 PM PDT



पूरी दुनिया में जगह-जगह पर पर्वत और पहाड़ स्थित है। लोग घूमने के लिए, मनोरंजन व छुट्टियो आदि के लिए भी पहाड़ों पर चढ़ाई करते हैं। माउंट एवरेस्ट में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी है जिसकी ऊंचाई लगभग 8848 मीटर है। इस चोटी पर अभी तक 7000 से भी अधिक लोग चाढान कर चुके हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कैलाश पर्वत पर अभी तक कोई भी इंसान नहीं चढ पाया है। आज हम जानेंगे कि आखिर कैलाश पर्वत में ऐसा क्या है कि आज तक कोई इस पर नहीं चढ पाया।

हिंदू धर्म में कैलाश पर्वत का बहुत महत्व है क्योंकि यह भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। हालांकि कैलाश पर्वत की ऊंचाई माउंट एवरेस्ट से करीब 2000 मीटर कम यानी करीब 6638 मीटर है लेकिन अभी तक इस पर कोई भी अपनी चढ़ाई पूरी नहीं कर सका। यह अभी तक रहस्य ही बना हुआ है। कैलाश पर्वत पर न चढ पाने के पीछे कई कहानियां प्रचलित है। कुछ लोगों का मानना है कि कैलाश पर्वत पर शिव जी निवास करते हैं और इसीलिए कोई जीवित इंसान वहां ऊपर नहीं पहुंच सकता।

मरने के बाद या वह इंसान जिसने कभी कोई पाप ना किया हो केवल वही कैलाश पर्वत पर फतेह कर सकता है। ऐसा भी माना जाता है कि कैलाश पर्वत पर थोड़ा सा ऊपर चढ़ते ही व्यक्ति दिशाहीन हो जाता है। और बिना दिशा के चढ़ाई करना मतलब मौत को दावत देना है। इसलिए कोई भी इंसान आज तक कैलाश पर्वत पर नहीं चढ पाया।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक पर्वतारोही ने अपनी किताब में लिखा कि उसने कैलाश पर्वत पर चढ़ने की कोशिश की थी। लेकिन इस पर्वत पर रहना असंभव था क्योंकि वहां शरीर के बाल और नाखून तेजी से बढ़ने लगते हैं। इसके अलावा कैलाश पर्वत बहुत ही ज्यादा रेडियो एक्टिव है। साथ ही कैलाश पर्वत का स्लोप 65 डिग्री से ज्यादा है। रूस के एक पर्वतारोही ने सरगे सिस्टियाकोव ने बताया, "जब मैं कैलाश पर्वत के बिल्कुल पास पहुंचा तो मेरा दिल तेजी से धड़कने लगा। 

अचानक मुझे बहुत कमजोरी महसूस होने लगी और मन में यह ख्याल आने लगा कि मुझे यहां और नहीं रुकना चाहिए। उसके बाद जैसे-जैसे मैं नीचे आज तक गया मेरा मन हल्का होता गया।" कैलाश पर्वत पर चढ़ने की आखिरी कोशिश 19 साल पहले यानी साल 2001 में की गई थी।

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