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Wednesday, August 26, 2020

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बनना चाहती थीं IAS, बनीं वकील, 7 साल बिना पैसे लिए लड़ा निर्भया का केस

Posted: 26 Aug 2020 05:45 AM PDT


आज निर्भया को कौन नहीं जानता देश की इस बेटी के साथ कुछ समाज घिनौने हवस के अन्धे लड़कों ने बहुत बुरा काम किया था.दरिंदो को सजा मिलने को बहुत साल लग गए.इंसाफ के लिए निर्भया की माँ ने दिन रात एक कर दिए थे.

इस इंसाफ की लड़ाई सीमा कुशवाहा इस मामले से बिल्कुल शुरू से जुड़ी हुई हैं। निर्भया तो वो है सीमा कुशवाहा जिन्होंने अपनी पूरी ताकत लगा दी निर्भया को इंसाफ दिलाने में,

इनकी कड़ी मेहनत और निर्भया की माँ के दृढ संकल्प से निर्भया केस में जान आई और केस जितने में भारतीय लोगो ने अलग अलग मुहीम चला कर इंसाफ दिलाने में मदद की.

निर्भया को बाद इंडिया गेट,राष्ट्रपति भवन पर जो में अगर किसी ने निर्भया की माँ का साथ दिया है हुआ था सीमा कुशवाह उसमें शामिल थीं।

उसके बाद उन्होंने सोचा कि वकील हैं तो क्यों ना इस केस को वे ही लड़ें। इसके बाद उन्होंने निर्भया को न्याय दिलाने की ठान ली थी।

सीमा अगर वह मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट, लिस्टिंग के लिए नहीं कोशिश नहीं करतीं तो मामला लटका ही रहता.

खबरों के मुताबिक,सीमा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही लॉ की पढ़ाई की है। निर्भया केस के दौरान में ट्रेनी थीं।

वह निर्भया ज्योति लीगल ट्रस्ट से भी जुड़ी बताई जाती हैं जो कांड आदि केस में कानूनी सलाह देने के लिए निर्भया के परिवार ने ही बनाया था।

एक टीवी इंटरव्यू में सीमा ने बताया था कि वह सिविल परीक्षा देकर आईएस बनना चाहती थीं।
सीमा बताती हैं कि वह खुद ऐसी जगह से आती हैं जहां लड़कियों को ज्यादा आजादी नहीं मिलती।

बावजूद इसके वह वकील बनीं। इसके बाद उन्हें कुछ भी नामुमकिन नहीं लगता। सीमा ने कहा,'मैं ग्रामीण इलाके से आती हूं।

जहां से मैं आई वहां लड़कियों को पढ़ाया नहीं जाता,जानती हूं हक के लिए लड़ना पड़ता है।'
बातचीत में सीमा ने बताया कि वह फिलहाल रुकेंगी नहीं।

उन्होंने कहा कि अभी देश की और बेटियों को न्याय दिलवाना है। उन्होंने कहा,'पूर्णिया की लड़की को न्याय दिलवाना है। ऐसा ही केस है। 11 साल की बच्ची से रे'प हुआ। 6 लोगों ने रेप' करके उसका गला काट दिया था।'

हिमाचली घर लौटेगा तो होगा क्वॉरन्टीन, लेकिन पर्यटक मस्त नाचेगा वादियों में?

Posted: 26 Aug 2020 05:42 AM PDT


भले ही अभी कोरोना की वैक्सीन नहीं बनी है मगर आपके पास कोविड-19 की नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट है तो आप किसी भी हाल में न तो खुद संक्रमित हो सकते हैं और न किसी को संक्रमित कर सकते हैं। आपको यकीन न हो मगर सरकारें तो यही कह रही है।

प्रदेश के बॉर्डर पर्यटकों के लिए खोल दिये गए हैं। बस होटल में पांच दिन की अडवांस्ड बुकिंग करवानी होगी और जेब में 72 घण्टों के अंदर जारी हुई कोरोना का टेस्ट नेगेटिव मिलने की रिपोर्ट होनी चाहिए। भले ही बन्दा उस लैब से निकलते हुए या फिर हिमाचल आने के रास्ते में संक्रमित हो गया हो मगर उसे क्वॉरन्टीन नहीं किया जाएगा। क्वॉरन्टीन होने का नियम सिर्फ़ उन हिमाचलियों पर लागू रहेगा जो अपने घर लौट रहे होंगे।

संक्रमण होने के बाद लक्षण दिखने का औसत समय 5-6 दिन है यानी हिमाचल आने के तीसरे-चौथे दिन से संक्रमित पर्यटक छींक-छींककर संक्रमण फैलाने की स्थिति में आ सकता है और फिर भी मस्त घूम सकता है। जबकि हिमाचल वासी बाहर से घर लौटेगा तो टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आने तक क्वॉरन्टीन रहेगा और उसके बाद भी 14 दिन पूरे होने तक इधर-उधर नहीं घूम सकेगा।

सरकार ने हिमाचल लौट रहे लोगों के लिए भी एक शर्त रखी थी कि अगर आप तीन दिन के अंदर जारी कोविड 19 नेगेटिव रिपोर्ट लेकर आते हैं तो आपको अनिवार्य इंस्टिट्यूशनल क्वारन्टीन की बजाय होम क्वारन्टीन के लिए भेजा जाएगा। यानी क्वारन्टीन तो रहना ही होगा।

उस स्थिति में भी होम क्वारन्टीन इसलिए जरूरी किया गया था क्योंकि व्यक्ति उस रिपोर्ट के जारी होने के बाद से लेकर हिमाचल पहुंचने के बीच संक्रमित हो गया हो तो किसी और को संक्रमित न कर दे। मगर यही व्यवस्था टूरिस्ट्स के लिए क्यों नहीं? संक्रमित तो वह भी हो सकता है?

10KM पैदल घर ले जाते हैं फुटपाथ से 20 किलो सब्जी खरीद IAS , खुद जोत रहे हैं खेत

Posted: 25 Aug 2020 07:32 PM PDT


सोशल मीडिया पर एक IAS ऑफिसर की तस्वीर वायरल हो गई है जो अपनी पीठ पर सामान लादकर करीब 10 से 12 किमी पैदल चलते हैं। आईएएस अफसर का नाम राम सिंह है और वे मेघालय के वेस्ट गारो हिल्स में डिप्टी कमिश्नर सह डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात हैं। सिंह ने फेसबुक पर लिखा कि वे वीकेंड में 20 किलो तक सब्जी खुद उठाकर लाते हैं। यही नहीं इस बारिश के मौसम में तो वे खुद हल और कुदाल लेकर खेतों में उतर गये और खेती करने लगे। उनका हल चलाता फोटो भी काफी वायरल हुआ।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक हिमाचल प्रदेश के रहने वाले 43 साल के अफसर ही नहीं बल्कि उनकी पत्नी भी फिटनेस के लिये सजग रहती हैं और वह भी कई बार उनके साथ बाजार से खरीददारी करने जाती हैं और फिर पैदल घर तक पहुंचती हैं। मीडिया रिपोर्टस की मानें तो वे काफी समय से इसको प्रैक्टिस को नियमित जीवन में ढाल चुके हैं। यह उनके जीवन का हिस्सा बन गया है। उनका मानना है कि बांस की बनी टोकरी में पैदल चलकर सब्जी लाने से ट्रैफिक और पॉलिथीन, दोनों समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

वे खेती करने के लिये भी उतर गये हैं। सिंह से प्रेरित होकर कई और अफसर भी ऐसा ही कर रहे हैं। उन्होंने कहा- मैं अक्सर लोगों को सलाह देता हूं कि अगर छोटी दूरी है तो पैदल ही चलें। मुझे लगता है कि आधुनिक समस्या का हल पारंपरिक तरीके से निकल सकता है। इस तरीके से हम फिट भी रह सकते हैं। सिंह ने कहा कि साप्ताहिक बाजार में ऑर्गेनिक सब्जी मिलती है। सब्जी बेचने वाले दूर के इलाके से सब्जी लाते हैं। अगर वे इतनी दूरी से सामान ला सकते हैं तो हम सब्जी खरीदकर छोटी सी दूरी क्यों नहीं तय कर सकते।

राम सिंह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। पोस्ट की गईं तस्वीरों में वे कभी आम लोगों के साथ विभिन्न एक्टिविटी में हिस्सा लेते दिखाई देते हैं तो कभी पत्नी और बच्चे के साथ नजर आते हैं।

Whatsapp यूजर्स के लिए खुशखबरी, आ रहा ये कमाल का फीचर

Posted: 25 Aug 2020 07:23 PM PDT


WhatsApp को दुनियाभर में करोड़ों लोग इस्तेमाल करते हैं। फेसबुक के मालिकाना हक वाला यह ऐप दुनिया का सबसे लोकप्रिय इंस्टेंट मेसेजिंग ऐप है। ऐंड्रॉयड यूजर्स के लिए वॉट्सऐप स्टोरेज की समस्या खत्म करने के लिए नए टूल पर काम कर रहा है। नए टूल को हाल ही में वॉट्सऐप ऐंड्रॉयड बीटा के लेटेस्ट वर्ज़न में देखा गया है। जल्द ही इस फीचर को iOS यूजर्स के लिए भी उपलब्ध कराया जाएगा।

WAbetainfo के मुताबिक, वॉट्सऐप का यह नया फीचर यूजर्स को अपने फोन में स्टोरेज ऑप्टिमाइज करने में मदद मिलेगी। इस फीचर की मदद से यूजर्स स्पेस खाली कर पाएंगे। इसके अलावा फॉरवर्डेड और लार्ज फाइल्स के लिए फिल्टर भी सर्च कर पाएंगे।

इंटरफेस के एक स्क्रीनशॉट से खुलासा हुआ है कि वॉट्सऐप अब स्टोरेज को क्लीन करने के लिए सुझाव भी देगा। यूजर्स के पास रिव्यू का ऑप्शन होगा और आप उन फाइल्स को डिलीट कर पाएंगे जिनकी आपको जरूरत नहीं है।

दूसरी लाइन में 'forwarded files' रहेंगी जिसमें यह जानकारी रहेगी कि ये फाइल्स कितनी स्टोरेज की खपत कर रही हैं। तीसरी लाइन में बड़ी फाइल्स और उनके द्वारा खपत की जाने वाली स्टोरेज की जानकारी रहेगी। नए टूल के साथ पुराना फीचर भी उपलब्ध रहेगा, जिसके जरिए यूजर्स हर चैट में खपत की गई स्टोरेज को ट्रैक कर पाएंगे।

इसके अलावा, वॉट्सऐप यूजर्स एक्सपीरियंस को बेहतर करने के लिए लगातार कई नए फीचर्स पर भी काम कर रहा है। आने वाले फीचर्स में UI इंप्रूवमेंट्स, ग्रुप कॉल के लिए अलग रिंगटोन और कैमरा शॉर्टकट की वापसी शामिल है।

रात को सोने से पहले मोज़े में रखें प्याज, होंगे ये 3 गजब के फायदे…

Posted: 25 Aug 2020 07:19 PM PDT


बहुत से लोग प्याज को सिर्फ सब्जियों के रूप में इस्तेमाल करते हैं.बहुत कम लोग हैं जो इनके गुण को पहचान कर इसके दुसरे उपयोग भी करते हैं. प्याज में कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं. आज हम आपको सोने से पहले मोज़े में प्याज रखने के जबरदस्त फायदों के बारे में बताने वाले हैं. तो चलिए जानते हैं.

1. मोज़े में प्याज रखकर सोने से शरीर अन्दर के सभी विषैले पदार्थ मूत्र के जरिये बाहर निकल आते हैं. बता दें की शरीर के ज्यादातर तंत्रिकाएं पैर के तलवा से जुडी होती है. ऐसे में कुछ विषैले पदार्थ प्याज में चिपक जाते हैं और वो शरीर से बाहर निकल आते हैं. मोज़े में प्याज रखकर सोने से शरीर से विषैलापदार्थ बाहर निकलने के साथ ही रक्त भी सुद्ध हो जाती है.

2.प्याज को मोज़े में रखकर सोने से शरीर की सभी कोशिकाएं सक्रीय हो जाती है. इससे शरीर तेजी से कामकरने लगता है. जो ह्रदय के लिए फायदेमंद होती है.

3. प्याज को मोज़े में रखकर सोने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ जाती है. ये शरीर को बिमारी से लड़ने में मदद करती है.

मात्र 3 रुपए के खर्च में पैर दर्द,कमर दर्द और जोड़ो के दर्द से पाईए छुटकारा, जानें नुस्खा

Posted: 25 Aug 2020 07:17 PM PDT


अगर आपको भी कमर दर्द, पैर दर्द या किसी तरह का जोड़ों का दर्द है तो ये खबर आपके लिए ही है. आज हम आपको इस दर्द से छुटकारा दिलाने का जबरदस्त घरेलू नुस्खा बताएँगे. वैसे तो इस दर्द की समस्या से छुटकारा पाने के लिए कई सारे लोग दवाइयों का भी इस्तेमाल करते है. लेकिन उन दवाइयों से दर्द कम तो हो जाता है लेकिन बस कुछ समय के लिए. कुछ समय बाद फिर से दर्द होने लगता है. इसीलिए आज हम आपको एक ऐसे नुस्खे के बारे में बताने जा रहे है जिसके इस्तेमाल करके आप अपने हर दर्द को जड़ से ख़त्म कर सकते है. तो चलिए जानते हैं.

नुस्खे को बनाने के लिए आपक बस 3 रूपये खर्च करने की ज़रूरत होगी. इस नुस्खे में आपको बस 2 चीज़ो की ज़रूरत पड़ेगी और वो 2 चीज़े सरसों का तेल और जायफल है. सरसों का तेल आपके घर में मौजूद होगा तो आपको बस किसी दुकान से 1 जायफल खरीदना होगा जो की आपको 3 रूपये में मिल जायेगा. इस नुस्खे को बनाने का तरीका भी काफी आसान है.

इस नुस्खे को बनाने के लिए एक जायफल को पीस कर उसका पाउडर बना लीजिये. पाउडर बनाने के बाद उस पाउडर की किसी छोटी प्लेट में निकल लीजिये और उसमे 2 से 3 चम्मच सरसों का तेल मिलाकर उसका एक पेस्ट बना ले. ध्यान रहे की पेस्ट पतला ही होना चाहिए ज़्यादा गाढ़ा नहीं.

यह पतला पेस्ट बनाने के बाद इस पेस्ट को आपनी कमर पर, हाथ पर, आपके पैर पर या जहाँ भी आपको दर्द की समस्या है वहाँ लगाइये. इस पेस्ट को लगाने के लगभग 30 मिनट बाद ही आपका दर्द ख़त्म हो जायेगा. अगर आपको हमेशा दर्द की समस्या रहती है तो इस नुस्खे को 10 से 15 दिन तक रोज़ाना इस्तेमाल करने से आपके दर्द की समस्या जड़ से ख़त्म हो जाएगी.

आचार में जरुर मिलाएं ये एक चीज, आचार दवाई का काम करेगा

Posted: 25 Aug 2020 07:14 PM PDT


हमारे रसोई में बहुत सारी औषधियां उपलब्ध होती हैं जिन्हें हम आम भाषा में मसाले कहते हैं दरअसल मसाला अरबिक शब्द है हमारे शास्त्रों में इन मसालों के लिए औषधि शब्द का उपयोग हुवा है ऐसी ही एक औषधि है मैथीदाना जो की हर रसोई में पाया जाता है जो की रसोई में पाए जाने वाली अन्य ओषधियों में उच्च श्रेणी में आती है

मैथी दाने की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह दो तरह के रोगों का नाश करती है वात और कफ के रोगों को जड़ से ख़त्म करने की शक्ति इसमें है वात की बीमारियाँ निम्लिखित है घुटनों में दर्द, कंधे दुखना, जोड़ों का दर्द ये लोग जरुर मैथी दाना खाएं

इस विडियो में देखिये >>

मैथी का उपयोग करने का तरीका

बाग़भट्ट जी ने मैथी का उपयोग करने का तरीका बहुत ही सरल बताया है कि रात को एक चम्मच मैथी दाना एक गिलास गर्म पानी में डाल दें रात भर उसको रखें सुबह होने पर चबा चबाकर खाएं चबा चबाकर खाने का बहुत महत्व है कुछ लोग मैथी की फंकी लेते हैं पिस्सा हुवा मैथी की फंकी का इतना महत्त्व नही है जितना चबाकर खाई हुयी मैथी का है

मैथी को चबाकर खाने का महत्त्व

चबाकर मैथी खाने का महत्त्व ये है कि जैसे ही मैथी को चबाना शुरू करते हैं तो लार बननी बहुत तेजी से शुरू होती है क्यूंकि मैथी का स्वाद कटुक और कसाये है अगर इस स्वाद की कोई भी चीज हम खायेंगे तो मुँह में लार बनना बहुत तेजी से शुरू हो जाता है और वो लार हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण और उपयोगी है

मैथीदाने वाला आचार का महत्त्व

हमारे घरों में जो भी आचार होता है उन सबमें इसीलिए मैथीदाना डाला जाता है और बाग़भट्ट जी ने बताया है कि जो भी मैथी दाने वाला आचार हम अपने घरों में खाते हैं वो आचार नही बल्कि औषधि है, दवा है आप अपने जीवन में ऐसा आचार खाने से कभी भी मना न करें जिसमे मैथी दाना हो चाहे किसी भी तरह का आचार हो आम का ,मिर्च,नींबू का जरुर खाएं

इसका कारण यह है की किसी भी फल या आचार पर फल और आचार से ज्यादा असर औषधि का होता है जैसे अगर आप आम का आचार डालते है तो उस पर आम से ज्यादा औषधि का असर होता है

और एक बात आचार में पड़ी हुयी मैथी का असर पानी में भिगोई हुयी मैथी से ज्यादा होता है वागभट्ट जी कहते है की अगर मैथी को तेल में भिगोकर आपने रख लिया तो उसकी शक्ति पानी में भीगी हुयी मैथी दाने की शक्ति से 20 गुना ज्यादा तक बढ़ जाएगी और आप सभी जानते है की आचार में सरसों का तेल भी होता है यानी आचार वाली मैथी की शक्ति आम मैथी से 20 गुना ज्यादा तक होती है

बुधवार का दिन है कलयुग का सबसे शुभ दिन, शनिदेव इन 6 राशियों पर जमकर करेंगे पैसों की बरसात

Posted: 25 Aug 2020 07:09 PM PDT


सिंह, ,कर्क : – कार्यस्थल में उच्च अधिकारी आपसे प्रसन्न रहेंगे। आपके कामकाज की सराहना हो सकती है। सेहत में कुछ बड़े सुधार होते हुए देखने को मिल सकते हैं। अनजान व्यक्ति से आपके बेहतर मुलाकात होने वाली है। धन के निवेश के लिए भी बेहतर सोच विचार करने वाले है। बुजुर्गों से मिलकर अच्छा लगता है। मित्रों की पूरी सहायता प्राप्त हो सकती है। घरेलू खुशियों में बढ़ोतरी होगी, संतान की तरफ से उन्नति की खबर मिल सकती है। जिससे आपको खुशी और गर्व महसूस होगा।

मेष, सिंह राशि:- इन राशि वाले लोगों को शनिदेव के आशीर्वाद से आने वाले दिनों में नई उपलब्धि हासिल हो सकती है, व्यापार के सिलसिले में आपको किसी यात्रा पर जाना पड़ सकता है, जो आपके लिए फायदेमंद साबित होगा, जीवनसाथी के स्वास्थ्य में सुधार आने के योग बन रहे हैं, आप अपने रिश्ते को बेहतर तरीके से चलाएंगे, आप किसी नए कार्य की योजना बना सकते हैं, जो भविष्य में फायदेमंद रहेगा, माता-पिता का पूरा सहयोग प्राप्त होगा, मन की हर इच्छा पूरी होगी, बेरोजगारों के लिए नौकरी के शुभ अवसर प्राप्त होंगे,

वृषभ,तुला : – आपका आने वाला समय बहुत ही शुुुभ रहने वाला है। आप दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की हासिल करते हुए नई मिसाल कायम करेंगे। सामाजिक कार्य होते देखने को मिल सकते हैं। वैवाहिक जीवन में कुछ बड़े परिवर्तन हो सकते है। परिवार में सुख शांति आपके बेहतर बनी रह सकते हैं। समय में कुछ बड़े परिवर्तन से खुश नजर आ सकते हैं। आर्थिक परेशानी आपकी खत्म होते ही देखने को मिल सकती है।

महादेव दे रहे हैं 4 राशियों को खुशियों का वरदान, 26 तारीख से अचानक होगा बड़ा चमत्कार

Posted: 25 Aug 2020 07:07 PM PDT


शनि ने बदली चाल साढ़ेसाती हुई खत्म,2020 से 2035 तक बुलंदियों पर रहेगा इन राशियों का भाग्य शनिदेव की कृपा रहने से इनको व्यापार के क्षेत्र में अपार सफलता के संयोग बनते दिख रहें हैं घर परिवार का माहौल अच्छा रहेगा आपको आर्थिक परेशानियों से बहुत ही शीघ्र छुटकारा मिलने वाला है आध्यात्मिक सुख एवं सुख-शांति का वातावरण बना रहेगा आर्थिक सुदृता हेतु परिश्रम तीव्र होगा विद्यार्थियों के मन में नकारात्मक चिंताएं उत्साह में कमी ला सकती हैं नई सोच आपको जीवन में सदैव कामयाब बनाएगी।

नए कार्य का श्रीगणेश करने के लिए खूब अनुकूल दिन है। भाग्यवृद्धि और धनलाभ की संभावनाएँ हैं। पारिवारिक या व्यावहारिक कार्य के अवसर पर बाहर जाना पड़ेगा। नजदीक के स्थान पर धार्मिक प्रवास का सफल आयोजन होगा। विदेश से शुभ समाचार मिलेगा। भाई-बहनों के साथ के सम्बंध सौहार्दपूर्ण रहेंगे। गणेशजी की कृपा से आप तन-मन से भी स्वस्थता अनुभव करेंगे।

आपके लिए आने वाला समय बेहद शुभ रहने वाला है,पैसों के साथ साथ आपको प्यार भी मिलेगा समाज में अधूरे पड़े हुए कार्य को आप अकेले अपने दम पर करने में कामयाबी हासिल करेंगे आपका हर कार्य बिना रुके पूर्ण हो जायेंगे धन लाभ और बचत बढ़ सकती है व्यापार-व्यवसाय में उन्नति के अवसर सामने आएंगे आपका व्यापार सफलता की ऊंचाइयों को छुएगा घर-परिवार में खुशियों का आगमन होगा जीवन साथी से प्रेम बढ़ेगा परिवार में ख़ुशी का माहौल बना रहेगा।

यह कुंभ,तुला,मकर,मेष राशि के जातक है

श्राद्ध से जुड़ी हर वो बात जिसे आपको जानना चाहिए

Posted: 25 Aug 2020 07:05 PM PDT


Shradh Paksha 2020: पूर्णिमा श्राद्ध 2 सितंबर को होगा लेकिन पितृपक्ष के सभी श्राद्ध 3 सितंबर से ही आरंभ होंगे जो 17 सितंबर पितृ विसर्जन तक चलेंगे। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनके तर्पण के निमित्त श्राद्ध किया जाता है। यहां श्राद्ध का अर्थ श्रद्धा पूर्वक अपने पितरों के प्रति सम्मान प्रकट करने से है। हिंदू धर्म में श्राद्ध का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं श्राद्ध पक्ष से जुड़ी हर वो जरूरी बात जिसे आपको जानना चाहिए।

श्राद्ध पक्ष 2020 की महत्वपूर्ण तिथियां

पूर्णिमा श्राद्ध- 2 सितंबर 2020

पंचमी श्राद्ध- 7 सितंबर 2020

एकादशी श्राद्ध- 13 सितंबर 2020

सर्वपितृ अमावस्या- 17 सितंबर 2020


श्राद्ध किसे कहते हैं? श्राद्ध का अर्थ श्रद्धा पूर्वक अपने पितरों को प्रसन्न करने से है। सनातन मान्यता के अनुसार जो परिजन अपना देह त्यागकर चले गए हैं, उनकी आत्मा की तृप्ति के लिए सच्ची श्रद्धा के साथ जो तर्पण किया जाता है, उसे श्राद्ध कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि मृत्यु के देवता यमराज श्राद्ध पक्ष में जीव को मुक्त कर देते हैं, ताकि वे स्वजनों के यहां जाकर तर्पण ग्रहण कर सकें।

कौन कहलाते हैं पितर जिस किसी के परिजन चाहे वह विवाहित हो या अविवाहित हों, बच्चा हो या बुजुर्ग, स्त्री हो या पुरुष उनकी मृत्यु हो चुकी है उन्हें पितर कहा जाता है। पितृपक्ष में मृत्युलोक से पितर पृथ्वी पर आते है और अपने परिवार के लोगों को आशीर्वाद देते हैं। पितृपक्ष में पितरों की आत्मा की शांति के लिए उनको तर्पण किया जाता है। पितरों के प्रसन्न होने पर घर पर सुख शान्ति आती है।

कब बनता है पितृपक्ष का योग हिंदू धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्व होता है। पितृपक्ष के 15 दिन पितरों को समर्पित होता है। शास्त्रों अनुसार श्राद्ध पक्ष भाद्रपक्ष की पूर्णिणा से आरम्भ होकर आश्विन मास की अमावस्या तक चलते हैं। भाद्रपद पूर्णिमा को उन्हीं का श्राद्ध किया जाता है जिनका निधन वर्ष की किसी भी पूर्णिमा को हुआ हो। शास्त्रों मे कहा गया है कि साल के किसी भी पक्ष में, जिस तिथि को परिजन का देहांत हुआ हो उनका श्राद्ध कर्म उसी तिथि को करना चाहिए।

जब याद ना हो श्राद्ध की तिथि पितृपक्ष में पूर्वजों का स्मरण और उनकी पूजा करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। जिस तिथि पर हमारे परिजनों की मृत्यु होती है उसे श्राद्ध की तिथि कहते हैं। बहुत से लोगों को अपने परिजनों की मृत्यु की तिथि याद नहीं रहती ऐसी स्थिति में शास्त्रों में इसका भी निवारण बताया गया है।शास्त्रों के अनुसार यदि किसी को अपने पितरों के देहावसान की तिथि मालूम नहीं है तो ऐसी स्थिति में आश्विन अमावस्या को तर्पण किया जा सकता है। इसलिये इस अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या कहा जाता है। इसके अलावा यदि किसी की अकाल मृत्यु हुई हो तो उनका श्राद्ध चतुर्दशी तिथि को किया जाता है। ऐसे ही पिता का श्राद्ध अष्टमी और माता का श्राद्ध नवमी तिथि को करने की मान्यता है।

क्या है पौराणिक कथा कहा जाता है कि जब महाभारत के युद्ध में दानवीर कर्ण का निधन हो गया और उनकी आत्मा स्वर्ग पहुंच गई, तो उन्हें नियमित भोजन की बजाय खाने के लिए सोना और गहने दिए गए। इस बात से निराश होकर कर्ण की आत्मा ने इंद्र देव से इसका कारण पूछा। तब इंद्र ने कर्ण को बताया कि आपने अपने पूरे जीवन में सोने के आभूषणों को दूसरों को दान किया लेकिन कभी भी अपने पूर्वजों को नहीं दिया। तब कर्ण ने उत्तर दिया कि वह अपने पूर्वजों के बारे में नहीं जानता है और उसे सुनने के बाद, भगवान इंद्र ने उसे 15 दिनों की अवधि के लिए पृथ्वी पर वापस जाने की अनुमति दी ताकि वह अपने पूर्वजों को भोजन दान कर सके। इसी 15 दिन की अवधि को पितृ पक्ष के रूप में जाना जाता है।

पितृपक्ष कब से आरंभ हो रहा है, क्या है महत्व जानें

Posted: 25 Aug 2020 07:00 PM PDT


पितृपक्ष का आरंभ, पहला पितृ पक्ष श्राद्ध कब : भाद्र कृष्ण प्रतिपदा तिथि से हर साल पितृ पक्ष का आरंभ होता है। इस वर्ष भी पितरों की पूजा का पक्ष जिसे कुछ लोग श्राद्ध पक्ष भी कहते हैं वह 2 सितंबर से शुरू हो रहा है। लेकिन पितृ पक्ष का पहला श्राद्ध अगस्त मुनि को होता है जो भाद्र शुक्ल पूर्णिमा को लगता है। इस बार भाद्र पूर्णिमा 1 सितंबर को है इसलिए अगस्त मुनि के नाम से इसी दिन पूजन किया जाएगा। प्रतिपदा का पहला पितृ श्राद्ध 1 सितंबर को होगा।

पितृपक्ष का महत्‍व: पितृपक्ष में हर साल पितरों के निमित्त पिंडदान, तर्पण और हवन आदि किया जाता है। सभी लोग अपने-अपने पूर्वजों की मृत्यु तिथि के अनुसार, उनका श्राद्ध करते हैं। माना जाता है कि जो लोग पितृपक्ष में पितरों का तर्पण नहीं करते उन्‍हें पितृदोष लगता है। श्राद्ध करने से उनकी आत्‍मा को तृप्ति और शांति मिलती है। वे आप पर प्रसन्‍न होकर पूरे परिवार को आशीर्वाद देते हैं।

गया में नहीं हो सकेगा श्राद्ध हर साल लोग अपने पितरों की आत्‍मा की शांति के लिए गया जाकर पिंडदान करते हैं। मगर इस बार कोरोनाकाल में यह संभव नहीं दिख रहा है। बिहार सरकार ने ये फैसला किया है कि इस बार लोगों के गया जाकर पिंडदान करने पर रोक रहेगी और सभी लोग अपने घर पर कर्मकांड और दान कर पाएंगे।

पितृपक्ष का समापन कब इस साल पितृपक्ष का का समापन 17 सितंबर को होगा और मलमास आरंभ हो जाएगा। अंतिम श्राद्ध यानी अमावस्या श्राद्ध 17 सितंबर को किया जाएगा। पूर्णिमा का श्राद्ध 2 सितंबर को होगा जबकि पंचमी  का श्राद्ध 7 सितंबर को किया जाएगा। पितृपक्ष के दौरान 13 अगस्त को एकादशी तिथि का श्राद्ध किया जा सकेगा।

श्राद्ध पक्ष में यमराज करते हैं ऐसा ऐसी मान्‍यता है कि श्राद्ध पक्ष में यमराज मृत जीवों को मुक्‍त कर देते हैं ताकि वे अपने परिजनों के यहां जाकर तर्पण ग्रहण करें और पूरे परिवार को आशीर्वाद देकर जाएं। श्राद्ध की उत्‍पत्ति श्रृद्धा से हुई है। यानी कि अपने पितरों के प्रति सच्‍ची श्रृद्धा रखने का पर्व। दुनिया से विदा हो चुके पितरों की आत्‍मा की तृप्ति के लिए सच्‍ची भावना के साथ जो तर्पण किया जाता है, बस उसे ही श्राद्ध कहते हैं।

इस तारीख से शुरू हो रहे हैं पितृपक्ष, कब होगा पूर्णिमा-अमावस्या श्राद्ध, जानें हर बात

Posted: 25 Aug 2020 06:55 PM PDT


Pitru Paksha 2020 Date: हर साल पितृपक्ष पर पूर्वजों के लिए श्राद्ध कर्म किया जाता है. इन दिनों में पिंडदान, तर्पण, हवन और अन्न दान मुख्य होते हैं. ये सप्ताह पितरों को समर्पित होते हैं.

ऐसी मान्यता है कि जो लोग पितृ पक्ष में पूर्वजों का तर्पण नहीं कराते, उन्हें पितृदोष लगता है. श्राद्ध के बाद ही पितृदोष से मुक्ति मिलती है. श्राद्ध से पितरों को शांति मिलती हैं. वे प्रसन्‍न रहते हैं और उनका आशीर्वाद परिवार को प्राप्‍त होता है.

हालांकि इस साल मोक्षदायिनी 'गया' की धरती पर पिंडदान नहीं किया जा सकेगा. कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर बिहार सरकार ने ये फैसला लिया है. हालांकि आप सभी तरह के कर्मकांड व दान आदि अपने घर पर कर सकते हैं.

Pitru Paksha 2020 Date
इस साल पितृपक्ष 1 सितंबर से शुरू हो रहे हैं. अंतिम श्राद्ध यानी अमावस्या श्राद्ध 17 सितंबर को होगा.

Pitru Paksha 2020 Calender
पहला श्राद्ध (पूर्णिमा श्राद्ध) -1 सितंबर 2020
दूसरा श्राद्ध -2 सितंबर
तीसरा श्राद्ध -3 सितंबर
चौथा श्राद्ध -4 सितंबर
पांचवा श्राद्ध -5 सितंबर
छठा श्राद्ध -6 सितंबर
सांतवा श्राद्ध -7 सितंबर
आंठवा श्राद्ध -8 सितंबर
नवां श्राद्ध -9 सितंबर
दसवां श्राद्ध -10 सितंबर
ग्यारहवां श्राद्ध -11 सितंबर
बारहवां श्राद्ध -12 सितंबर
तेरहवां श्राद्ध -13 सितंबर
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गोविंदा थे कभी बॉलीवुड के स्टार,इन 3 बातो के कारन खतम हो गया करियर

Posted: 25 Aug 2020 06:49 PM PDT




बॉलीवुड में कई सुपर स्टार ऐसे रहे है जिन्होंने कई सालो तक बॉलीवुड पर राज किया है । और इनकी फेन्स फोल्लोविंग इतनी ज़बरदस्त थी की इनके नाम से ही फिल्मे हिट हो जाती थी,बीते समय में कई ऐसे एक्टरस गुज़रे है जिन्होंने अपनी एक्टिंग बेहतरीन अंजदाज से लोग उन्हें पसंद करते थे,साथ ही अपनी ज़िन्दगी में भी वही सब करना पसंद करते थे,वो उनका फवरिट स्टार करता था ।आज हम आपसे जिसकी बात कर रहे है,वो नाम है गोविंदा .जी हां एक समय ऐसा भी था की गोविंदा के आगे पीछे डायरेक्टर और प्रोडूसर घुमा करते थे । लेकिन बॉलीवुड में जो ज़्यादा उचाइयो पर जाता है वो इस चकाचोंध में कुछ गलतिया भी कर बैठता है,जो कभी कभी बहुत भरी पड़ जाती है । और इनका खामियाज़ा भी भुगतना पड़ता है ।

जिस समय गोविंदा कामयाब थे उस समय उन्होंने ऐसी कुछ गलतिया भी कर दी जिनसे उनकी डिमांड कम हो गयी,और उनका करियर ढलान पर आ गया,पर ये सब यु ही नहीं हो गया,इसके पीछे गोविंदा की कुछ गलतिया है,जिस कारण से उनका करियर ग्राफ नीचे जाने लगा,आज हम आपको वो 3 कारण बताने जा रहे है जिनसे गोविंदा का करियर ख़त्म हो गया।

गोविंदा के बारे में कहा जाता है की वो शूट पर हमेशा देर से जाते थे,इससे ना सिर्फ क्रू मेंबर्स परेशान होते थे,बल्कि फिल्म के निर्देशक और को स्टार भी खासे परेशान और नज़र हो जाते थे । गोविंदा को लाख समझने के बाद भी वो अपनी सहूलियत से सेट पर पहुंचते थे, गोविंदा के बारे में ये भी कहा जाता है की निर्देशक और को स्टार उनके साथ काम तो करते थे,लेकिन उनकी इन आदतों से नाराज़ रहते थे ।

गोविंदा की हिट फिल्मो की ज़्यादातर लिस्ट डेविड धवन के साथ थी,गोविंदा और डेविड की जोड़ी काफी सक्सेस थी,पर कहा जाता है की किसी बात पर गोविंदा ने डेविड से झगड़ा कर लिया,और इसके बाद डेविड गोविन्द से नाराज़ हो गए,धीरे धरे गोविंदा को डेविड धवन ने काम देना बंद कर दिया ।

गेंदबाजों द्वारा खेली गई इन 6 पारियों को कभी नहीं भूला पाएंगें फैन्स

Posted: 25 Aug 2020 06:46 PM PDT


क्रिकेट को अनिश्चितता का खेल माना जाता हैं, कब क्या हो जाये कुछ कहा नहीं जा सकता हैं जबकि जब तक आखिरी गेंद न फेंकी जाए तब तक नतीजे का अंदाज़ा लगाना बेहद मुश्किल हैं.

कई बार मैच में खेलने को मिलता हैं जब धुरंधर बल्लेबाज भी सस्ते में पवेलियन लौट जाते हैं और कई बार एक गेंदबाज भी यादगार बल्लेबाजी कर देता हैं. आज इस लेख में हम गेंदबाजों द्वारा खेली 6 सबसे यादगार पारी के बारे में जानेगे.

6) अजित अगरकर- 109 रन vs इंग्लैंड (लॉर्ड्स)


भारत के पूर्व तेज गेंदबाज अजित अगरकर ने 2002 में इंग्लैंड के विरुद्ध लॉर्ड्स टेस्ट में एक ऐतिहासिक पारी खेली थी. इस मैच में भारत को चौथी पारी में 569 रनों का लक्ष्य मिला था. जिसके बाद अगर 170/6 के स्कोर पर नंबर 8 पर बल्लेबाजी करने आए और 238 गेंदों पर 109 रनों की यादगार पारी खेली थी.

5) हरभजन सिंह- 115 vs न्यूज़ीलैण्ड (अहमदाबाद)

भारत के दिग्गज ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने 2010 में कीवी टीम के विरुद्ध अहमदाबाद टेस्ट में नंबर 8 पर खेलते हुए यादगार शतक लगाया था. मैच में भज्जी जब बल्लेबाजी करने आए थे तब भारत का स्कोर 65/6 था, जिसके बाद भज्जी ने 193 गेंदों पर 11 चौके और 3 छक्कों की मदद से 115 रन बनायें थे.

4) मिशेल जॉनसन- 123 vs साउथ अफ्रीका (कैपटाउन)


ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज मिशेल जॉनसन ने 2009 में साउथ अफ्रीका के विरुद्ध कैपटाउन टेस्ट में नंबर 8 पर बल्लेबाजी करते हुए यादगार पारी खेली थी. इस पारी में उन्होंने सिर्फ 103 गेदों पर 11 चौके और 5 छक्कों की मदद से नाबाद 123 रन बनाये थे.

3) स्टुअर्ट ब्रॉड- 169 vs पाकिस्तान (लॉर्ड्स)

टेस्ट क्रिकेट में कुछ दिनों पहले 500 विकेट पूरे करने वाले स्टुअर्ट ब्रॉड इस सूची में भी शामिल हैं. ब्रॉड ने 2010 में पाकिस्तान के विरुद्ध खेले गए लॉर्ड्स टेस्ट में नंबर 9 पर बल्लेबाजी करते हुए 297 गेंदों पर 18 चौके और एक छक्के की मदद से 169 रनों की पारी खेली थी.

2) जैसन गिलेस्पी- 201* vs बांग्लादेश (चटगाँव)

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तूफानी गेंदबाज जैसन गिलेस्पी को 2005 में चटगाँव टेस्ट में बतौर नाईट वाचमैन भेजा गया था, लेकिन इसके बाद उन्होंने एक ऐसी पारी खेली, देखकर सभी हैरान रह गए. गिलेस्पी ने 425 गेंदों पर मैराथन पारी में नाबाद 201 रनों की पारी खेली थी.

1) वसीम अकरम- 257* रन vs जिम्बाब्वे (शेखपूरा)

पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी वसीम अकरम अपने दौर के सबसे घातक गेंदबाजों में से एक है, हालाँकि 1996 में जिम्बाब्वे के विरुद्ध शेखपुरा टेस्ट में ऐतिहासिक पारी खेली थी. इस मैच में अकरम ने 8वें नंबर पर बैटिंग करते हुए 363 गेंदों पर 22 चौके और 12 छक्कों की मदद से नाबाद 257 रनों की पारी खेली थी. 

मंडी: 10 माह के बच्चे को इलाज के लिए ले जा रही मां पर गिरा पत्थर, मौत

Posted: 25 Aug 2020 06:44 PM PDT


हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के उपमंडल सुंदरनगर की अतिदुर्गम पंचायत धनयारा के बाढु गांव में एक महिला की पानी पीते हुए पत्थर लगने से मौत हो गई. जानकारी के अनुसार, घर से 5 महिलाओं के साथ बीमार महिला 10 माह के बीमार बच्चे को लेकर इलाज के लिए आ रही थी. रास्ते में उसने अपनी सहेली की गोद में बच्चा दिया और पानी पीने के लिए झुकी तो इसी दौरान ऊपर से एक पत्थर आकर उस पर गिर गया, जिससे वह खाई की ओर लुढ़कती हुई एक झाड़ी में फंस गई.

लोगों ने खाई से निकाला स्थानीय लोगों की मदद से उसे कड़ी मशक्कत के बाद खाई से बाहर निकाला और सुन्नी अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक महिला की मौत हो चुकी थी. बता दें कि पहले घायल महिला को सुन्नी अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस बुलाई और सड़क तक पहुंचाने के लिए पालकी मंगवाई, जिसमें करीब एक घंटा लग गया.

27 साल की विवाहिता की गई जान महिला की पहचान बाढु निवासी 27 वर्षीय पूनम देवी पत्नी कर्म चंद के रूप में हुई है. सुंदरनगर एसडीएम. राहुल चौहान ने कहा कि राजस्व अधिकारी को तुरंत मौके पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं और महिला के शव का पोस्टमार्टम करवा परिजनों के हवाले कर दिया गया है.

किन्नौर में सतलुज नदी में गिरी ITBP की गाड़ी, 2 जवान लापता

Posted: 25 Aug 2020 06:39 PM PDT


रिकांगपिओ। हिमाचल के किन्नौर जिले में बड़ा हादसा हो गया। आईटीवीपी का वाहन सतलुज नदी में गिर गया। इस हादसे में दो जवान लापता हो गए हैं। 

आशंका जताई जा रही है कि दोनों जवान सतलुज नदी में बह गए हैं।जानकारी के मुताबिक, नेशनल हाई-वे-5 पर श्रीमती ढांग के पास हादसा हुआ। ये जगह स्पीलो के पास पड़ती है। 

लापता जवानों मे हिमाचल के बिलासपुर जिले की घुमारवीं विधानसभा के बातौली गांव निवासी 29 वर्षीय प्रदीप चंदेल और अरूणाचल निवासी 25 वर्षीय नीमा दामडूब गांप गीरांग भी लापता है। वाहन रिकांगपिओ से डुवलिंग पोस्ट की ओर जा रहा था।

सूचना मिलने के बाद पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और लापता जवानों की तलाश की जा रही है। आईटीवीपी के जवान भी लापता जवानों को ढूंढ रहे हैं।

घर का टिफिन पति रोज दे देता था भिखारी को, सच्चाई पता चली तो पत्नी ने भिखारी से कर ली शादी

Posted: 25 Aug 2020 06:37 PM PDT



इस दुनिया में कई बार ऐसी अजीबो गरीब बाते सामने आती है जिन पर भरोसा करना मुश्किल होता है,पर वो सच होती है,आज हम आपके लिए ऐसी ही एक खबर लेकर आये है,जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी,की क्या ऐसा भी हो सकता ?आपने कई बार अपने घर में भी ये देखा होगा की आपकी मम्मी,बहिन या पत्नी आपको रोज़ रोज़ एक सा खाना बनाकर दे रही है,और आप चुपचाप खा रहे है,और फिर ऐसा होता है की आप एकसा खाना खाते हुए बोर हो जाते हो,और झल्लाकर बोल ही देते हो की क्या मम्मी रोज़ रोज़ एकसा खाना बना लेती हो,मै एकसा खाना खा खा कर बोर हो चूका हु,फिर आपकी माँ भी कभी गुस्सा तो कभी प्यार से कुछ और बना ही देती है।

ज़रूर हर किसी के साथ कभी न कभी तो ऐसा हुआ ही होता है,पर यहाँ जो किस्सा हम आपको बताने जा रहे है,उसमे ऐसा कुछ नहीं हुआ,बल्कि बिना कुछ कहे ही इस आदमी को पत्नी से हाथ धोने पड़ गए ।

आज जो हम आपको बताने जा रहे हैं वो भी कुछ इसी तरह का मामला है जो कि लौकी के सब्‍जी से शुरू होकर पत्नी के छोड़ के जाने पर ख़त्म हुआ ये किस्सा आपको चौका के रख देगा,ये मामला यूपी का है,यहाँ श्रावस्ती नाम की एक महिला रहती है और उसका पति आशीष रहता है।

महिला रोज़ अपने पति को टिफ़िन में एक ही सब्ज़ी देती पर पति शिकायत नहीं करता था,फिर क्या पत्नी के दिमाग को ये बात खटक गयी।आशीष रोज सुबह-सुबह टिफिन लेकर मजदूरी पर निकल जाता था। और पत्नी से कभी कोई शिकायत नहीं करता की टिफ़िन कैसा था, आशीष की पत्‍नी उसे हर रोज टिफिन में एक ही तरह की बनी हुई लौकी की सब्‍जी देती थी, श्रावस्ती ने अपने पति को रोज लगभग 20 दिन तक लौकी की सब्‍जी बनाकर दी,

श्रीवस्ति को अब पति पर शक होने लगा और उसने पति का पीछा किया की आखिर वो कभी भी टिफ़िन को लेकर कुछ कहता क्यों नहीं है,पत्नी ने देखा आशीष टिफिन को रास्‍ते में ही रोज एक भिखारी को दे देता था।श्रीवस्ती कुछ पति से पूछ पाती भिखारी ने श्रीवस्ती को देखते हुए रोमांटिक होकर दो चार शायरी कह डाली उसके बाद क्‍या? आशीष की पत्‍नी श्रावस्ती को ऐसा लगा कि जैसे मानो उसे उसके बचपन का प्यार मिल गया हो जिसे उसने कभी खो दिया था। उसी समय श्रावस्‍ती ने आशीष को तलाक देकर भिखारी से मंदिर में जाकर शादी कर ली और साथ में भीख मांगते है।यकीन करना मुश्किल है,पर बात सच है ।

कोरोना काल में नौकरी का सुनहरा मौका, 2500 पदों पर भर्ती करेगी निजी कंपनी

Posted: 25 Aug 2020 06:33 PM PDT



कोरोना काल में निजी कंपनी ने युवाओं के लिए रोजगार के द्वार खोले हैं। ज्योत्सना आईटीआई लोहारीं में 28 अगस्त को रोजगार मेला लगेगा। मोटर वाहन कंपनी को 2500 रिक्त पदों के लिए आईटीआई पास युवाओं का जरूरत है। सरकारी और निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के प्रशिक्षित 2015 से 2020 तक के पुरुष अभ्यर्थी फिटर, इलेक्ट्रीशियन, मेकेनिक मोटर व्हीकल, वेल्डर, डीजल मेकेनिक, टर्नर, मशीनिस्ट, टूल एंड डाई मेकर, प्लास्टिक प्रोसेसिंग ऑपरेटर, सीओई (ऑटोमोबाइल), ट्रैक्टर मेकेनिक एंड पेंटर ट्रेड के युवा इसमें हिस्सा ले सकते हैं।

कंपनी ने आवेदक की आयु 18 से 23 वर्ष निर्धारित की है। दसवीं कक्षा में 55 फीसदी और आईटीआई में 60 फीसदी अंक होना अनिवार्य हैं। कंपनी की ओर से मासिक वेतन 17 हजार 500 रुपये तय किया गया है। इच्छुक अथ्यर्थी 28 अगस्त सुबह 9 बजे कैंपस में लिखित परीक्षा और साक्षात्कार दे सकते हैं। अभ्यर्थी को अपने सभी मूल प्रमाण पत्र साथ लाने होंगे। प्रबंध निदेशक जेके चौहान ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान कई युवा रोजगार खो चुके हैं। ऐसे में युवाओं के लिए यह सुनहरा मौका है। कंपनी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को अपने खर्चे पर बस से गुजरात ले जाएगी। रहना, खाना-पीना सब कंपनी का होगा। 

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