प्राइमरी का मास्टर ● इन |
- फतेहपुर : डीआई कार्यालय का खतरे में अस्तित्व, लिपिकों को बीआरसी से किया गया सम्बद्ध।
- वर्ष 2021 की हाईस्कूल परीक्षा के प्रोजेक्ट कार्य एवं इण्टरमीडिएट परीक्षा के प्रयोगात्मक कार्य को कम किये गये पाठ्यक्रमानुसार सम्पादित कराये जाने के सम्वन्ध में निर्देश जारी
- प्रयागराज: ARP चयन में आवेदन समय सीमा में बढ़ोतरी हेतु विज्ञप्ति जारी
- राजकीय माध्यमिक शिक्षकों ने उठाई एसीपी की मांग
- बिना पूर्व सूचना के परिषदीय स्कूलों में ARP के भ्रमण को लेकर विरोध, सपोर्टिव सुपरविजन की मांग
- महराजगंज : कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत माह जुलाई एवं अगस्त 2020 की अवधि में एमडीएम योजनान्तर्गत खाद्यान्न एवं परिवर्तन लागत वितरण के सम्बन्ध में बीएसए का आदेश जारी
- महराजगंज : नवनियुक्त शिक्षकों की सेवा पुस्तिका, चरित्र पंजिका तैयार करने एवं मानव संपदा पोर्टल पर डाटा अपडेट कर सूचना प्रेषित करने के सम्बन्ध में बीएसए ने किया निर्देशित
- महराजगंज : एमडीएम योजना से आच्छादित बच्चों एवं अभिभावकों का विवरण प्रेरणा पोर्टल पर फीडिंग कराये जाने के सम्बन्ध में बीएसए का निर्देश जारी
फतेहपुर : डीआई कार्यालय का खतरे में अस्तित्व, लिपिकों को बीआरसी से किया गया सम्बद्ध। Posted: 10 Nov 2020 05:48 PM PST फतेहपुर : डीआई कार्यालय का खतरे में अस्तित्व, लिपिकों को बीआरसी से किया गया सम्बद्ध। फतेहपुर। जिला पंचायत भवन स्थित बेसिक शिक्षा विभाग के डीआई (डिस्ट्रिक्ट इंस्पेक्टर) कार्यालय का अस्तित्व समाप्त कर दिया गया है। कार्यालय के सभी लिपिक ब्लाक संसाधन केंद्रों से संबद्ध कर दिए गए हैं। मंगलवार से चपरासी को भी बीएसए कार्यालय बुला लिया गया। डीआई कार्यालय में 11 लिपिक और एक चपरासी की नियुक्ति थी। इनमें एक लिपिक पहले से बीएसए कार्यालय में संबद्ध है। सोमवार को बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने 10 लिपिकों को ब्लॉक संसाधन केंद्रों से संबद्ध कर वहीं पर नियमित बैठने का आदेश जारी किया है। बीईओ मुख्यालय राकेश सचान ने बताया कि अब कोई भी कार्य डीआई कार्यालय से नहीं होंगे। डीआई कार्यालय से संबंधित कार्य के लिए शिक्षक ब्लॉक संसाधन केंद्र पहुंचे। |
Posted: 10 Nov 2020 05:06 PM PST |
प्रयागराज: ARP चयन में आवेदन समय सीमा में बढ़ोतरी हेतु विज्ञप्ति जारी Posted: 10 Nov 2020 04:53 PM PST |
राजकीय माध्यमिक शिक्षकों ने उठाई एसीपी की मांग Posted: 10 Nov 2020 04:49 PM PST राजकीय माध्यमिक शिक्षकों ने उठाई एसीपी की मांगलखनऊ : राजकीय हाईस्कूल व इंटर कॉलेजों के शिक्षकों ने सरकार से सुनिश्चित करियर प्रोन्नयन (एसीपी) का लाभ दिए जाने की मांग की है। माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला की अध्यक्षता में योजना भवन के सभागार में राजकीय शिक्षक संघ व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के पदाधिकारियों के साथ बैठक में विभिन्न मुद्दों पर सहमति जताई गई और जल्द निर्णय का आश्वासन दिया गया। बैठक में शिक्षकों ने कई मांगें उठाईं। राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष पारसनाथ पांडेय ने कहा कि राजकीय स्कूलों के शिक्षकों की सेवानिवृत्त आयु राज्य कर्मचारियों की भांति 60 वर्ष है, लेकिन उन्हें एसीपी का लाभ नहीं दिया जा रहा। इस पर सामने आया कि राजकीय शिक्षकों को शिक्षक, प्रशिक्षण और प्रशासनिक आधार पर वर्गीकृत करने से वेतन विसंगति उत्पन्न होगी। फिलहाल शिक्षकों को वर्गीकरण पर निर्णय लेना होगा। शिक्षकों ने वेतन विसंगति न होने की स्थिति में ही इसे स्वीकार करने पर सहमति जताई। वहीं तीन हजार नए शिक्षकों की भर्ती होने के बावजूद एक वर्ष पूर्व स्थानांतरित किए गए शिक्षकों को रिलीव न करने के मामले पर जल्द निर्णय की बात कही गई। |
बिना पूर्व सूचना के परिषदीय स्कूलों में ARP के भ्रमण को लेकर विरोध, सपोर्टिव सुपरविजन की मांग Posted: 10 Nov 2020 04:27 PM PST बिना पूर्व सूचना के परिषदीय स्कूलों में ARP के भ्रमण को लेकर विरोध, सपोर्टिव सुपरविजन की मांग प्रयागराज : स्कूलों में पठन पाठन को बेहतर बनाने के लिए एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) को तमाम दिशा निर्देश दिए गए हैं। इनमें एक यह भी है कि वह स्कूलों का सपोर्टिव सुपरविजन करेंगे। एआरपी को हिदायत दी गई है कि वह बिना सूचना स्कूल न जाएं। जब भी जाएं तो विद्यालय में पहुंचकर अध्यापकों को सुझाव व सहयोग दें। पठन पाठन के तौर तरीकों पर चर्चा करें। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक (पीएसपीएसए) के प्रांतीय उपाध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि कुछ जगहों से शिकायत मिल रही है कि एआरपी स्कूलों में बिना सूचना के पहुंच रहे हैं। सहयोग की जगह वे प्रशासनिक गतिविधि का हिस्सा बन रहे हैं जो कि गलत है। उनका काम प्रतिदिन दो स्कूल में जाकर शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने के लिए प्रयास करना है। बच्चों व शिक्षकों से बात करने जिससे यदि अध्यापन में तकनीकी दोष हो तो उसे दूर किया जा सके। प्रत्येक एआरपी यदि सूचना देकर आएंगे तो विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों को भी बुलाया जा सकेगा। स्कूल में अभिभावक रहेंगे तो ही उनके अध्यापन संबंधी फीडबैक मिलेगा। बिना सूचना दिए आने पर अभिभावकों से कोई बात नहीं हो पाती है। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया है कि बिना सूचना दिए आने वाले एआरपी को स्कूल में स्थान न दें। ऐसे लोगों की शिकायत भी विभाग के उच्चाधिकारियों से की जाएगी। समन्वयक डॉ. विनोद मिश्र ने बताया कि एआरपी के नियुक्ति का उद्देश्य है कि परिषदीय स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधरे। अध्यापक भी जिम्मेदारी से बच्चों को पढ़ाएं। |
Posted: 10 Nov 2020 05:10 AM PST |
Posted: 10 Nov 2020 04:59 AM PST |
Posted: 10 Nov 2020 04:45 AM PST |
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