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Monday, January 18, 2021

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अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रीय महासभा को मिलेगी नई ऊर्जा हिमांशु पटेल ,को संगठन के विस्तार की मिली जिम्मेवारी

Posted: 17 Jan 2021 06:52 AM PST

अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रीय महासभा को मिलेगी नई ऊर्जा हिमांशु पटेल ,को संगठन के विस्तार की मिली जिम्मेवारी

हमारे संवाददाता  मुकेश कुमार के अनुसार अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा बिहार प्रदेश इकाई की निष्क्रियता के कारण कोई विस्तार नहीं हो पाया महासभा का कोई सामाजिक गतिविधियां देखने को नहीं मिली वरिष्ठ समाजसेवी योग की सलाह पर संगठन को नई ऊर्जा देने के लिए समस्त नियुक्तियों को निरस्त कर दिया गया है बताते चलें कि हिमांशु पटेल 1999 से सक्रिय राजनीति में राष्ट्रीय समता पार्टी से राजनीति का शुरुआत किया जदयू और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी होते हुए राष्ट्रीय लोक समता पार्टी युवा का प्रदेश अध्यक्ष बने वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन के तहत भागलपुर जिला के सुल्तानगंज विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बना कम मतों से पराजित हुए फिर 2020 में विधानसभा चुनाव में सपा बसपा गठबंधन से प्रत्याशी बने उन्होंने कहा कि सामाजिक तौर पर काफी सक्रिय रहता हूं बिहार की राजनीति में कुर्मी समाज की राजनीतिक भूमिका और कैसे बढ़े इस पर हमेशा प्रयास करता हूं वही महासभा के पूर्ण गठन तथा विस्तार के लिए नवनीत कार्यकारी अध्यक्ष हिमांशु पटेल को अधिकृत किया गया है हिमांशु पटेल को 14 फरवरी तक प्रदेश के सभी जिलों में महासभा संगठित ढांचा तैयार करने का निर्देश दिया गया है  

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बख्तियारपुर, पटना में संस्थापित पांच स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाओं का मुख्यमंत्री की उपस्थिति में राज्यपाल ने किया लोकार्पण

Posted: 17 Jan 2021 06:48 AM PST

बख्तियारपुर, पटना में संस्थापित पांच स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाओं का मुख्यमंत्री की उपस्थिति में राज्यपाल ने किया लोकार्पण 

पटना, 17 जनवरी 2021:- भवन निर्माण विभाग द्वारा बख्तियारपुर में स्थापित 5 अमर शहीदों स्व0 पं0 शीलभद्र याजी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर, बख्तियारपुर), शहीद मोगल सिंह (प्रखंड कार्यालय परिसर. बख्तियारपुर), शहीद नाथून सिंह यादव (न्यू बाईपास रोड, राघोपुर, बख्तियारपुर), स्व0 डूमर सिंह (श्री गणेश उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर, बख्तियारपुर), स्व0 कविराज रामलखन सिंह (डाकबंगला परिसर, बख्तियारपुर) की आदमकद प्रतिमा का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा राजभवन से राज्यपाल श्री फागू चैहान ने मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में लोकार्पित किया और सभा को संबोधित किया। 

बख्तियारपुर ग्राम में जन्मे पं0 शीलभद्र याजी प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी, प्रथम बिहार विधान (धारा) सभा के सदस्य एवं राज्यसभा के पूर्व सांसद थे। पं0 शीलभद्र याजी का राजनैतिक जीवन काफी संघर्षमय रहा था। असहयोग आंदोलन में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। स्व0 शीलभद्र याजी ने 1939 से 1941 तक नेता सुभाष चंद्र बोस के निकटतम सहयोगी के तौर पर भी कार्य किया था। 

कल्याण बिगहा, नालंदा में जन्मे समाजसेवी स्व0 कविराज रामलखन सिंह बिहार के महान देशभक्त, समाजसेवी एवं प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी के रूप में याद किये जाते हैं। मात्र 19 वर्ष की अवस्था में उन्होंने साइमन कमीशन के भारत आने के देशव्यापी विरोध में 1929 में हिस्सा लिया था और पटना कैम्प जेल में 3 माह 15 दिन बिताए थे। नमक सत्याग्रह आन्दोलन में हिस्सा लेने के कारण दोबारा इन्हें हिरासत में ले लिया गया था और 1930 में पटना सिटी कैम्प जेल में 4 माह तक कैद रखा गया था। स्व0 कविराज रामलखन सिंह ने आयुर्वेद की चिकित्सा और समाज सेवा के माध्यम से सामाजिक प्रतिष्ठा अर्जित की थी। समाज में 'मद्य निषेध' के प्रति भी इन्होंने महती जागृति पैदा की थी। 

बख्तियारपुर के गाँवरबाइच के रहने वाले शहीद मोगल सिंह भी 1942 के 'भारत छोड़ो आन्दोलन' के अप्रतिम योद्धा थे। बख्तियारपुर थाने का घेराव करने वाले देशभक्तों की टोली की अगुआई करने वालों में मोगल सिंह प्रमुख थे। बख्तियारपुर थाने में अंग्रेजों द्वारा रबाइच गाँव के लूटने-खसोटने की योजना की जानकारी मिलते ही शहीद मोगल सिंह ने थाने के समीप आग लगाकर प्रतिरोध व्यक्त किया था। अंग्रेजों ने मोगल सिंह का पीछा किया और उन पर गोलियों की बौछार कर दी। बाद में अपने घर के पास ही 22 अगस्त 1942 को वे शहीद हो गए थे। 

वहीं शहीद नाथून सिंह यादव बख्तियारपुर की जमीन से जुड़े अग्रणी स्वतंत्रता सेनानी थे। इनका जन्म घोसवरी ग्राम में हुआ था। 'अगस्त क्रांति' के दौरान 9 अगस्त 1942 को बख्तियारपुर थाने में झंडा फहराने के पश्चात तत्कालीन थाना प्रभारी द्वारा झंडे के अपमान पर देशभक्त नाथून सिंह ने उन्हें ललकारा था। नाराज थाना प्रभारी ने नाथून जी के सीने में गोली दाग दी, जिससे 12 अगस्त 1942 को वे शहीद हो गए। 

इन पाॅच स्वतंत्रता सेनानियों में से स्व0 डूमर सिंह का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनका जन्म बख्तियारपुर के करनौती ग्राम में हुआ था। आजादी की लड़ाई में वे सन 1932 एवं 1936 में 10 माह तक जेल में रहे। 1942 में जब 'भारत छोड़ो आन्दोलन' शुरू हुआ तो बख्तियारपुर में क्रांति का बिगुल फूकने वालों में स्व0 डूमर सिंह प्रमुख थे। इस आन्दोलन में अंग्रेजों ने इन्हें कैद कर लिया और लगभग 3 वर्षों तक वे जेल में रहे। जेल में दी गयी यातना के कारण हुई लीवर की बीमारी से उनकी मृत्यु हो गयी। 

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने बख्तियारपुर (पटना) में संस्थापित पांच स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाओं के लोकार्पण कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि सबसे पहले मैं महामहिम राज्यपाल जी को बधाई देता हूं कि उन्होंने पांचों स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाओं का अनावरण करने के मेरे आग्रह को स्वीकार किया। लोकार्पण के दौरान उनके बारे में उन्होंने विस्तार से चर्चा की है। उन्होंने कहा कि मुझे याद है कि श्री रामचंद्र भारती जी जब एम0एल0सी0 बने थे और डाकबंगला पर मूर्ति लगाने की बात कर रहे थे, उस वक्त हमने उनसे कहा था कि बख्तियारपुर के सभी स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाओं को स्थापित किया जाए। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व0 शीलभद्र याजी जी का स्वतंत्रता संग्राम में बड़ा योगदान था। नेता जी सुभाष चंद्र बोस के साथ उन्होंने देश की आजादी के लिए काम किया। बाद में केंद्र की राजनीति में रहकर सबके लिए काम करते रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज महामहिम राज्यपाल द्वारा बख्तियारपुर के स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाओं का लोकार्पण किया गया है। इन प्रतिमाओं का निर्माण भवन निर्माण विभाग द्वारा किया गया है। मैं इस कार्य के लिए भवन निर्माण विभाग को बधाई देता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बख्तियारपुर में स्थापित की गई प्रतिमाओं के लोकार्पण के लिए जब राज्यपाल महोदय से आग्रह किया तो वे बख्तियारपुर जाने को तैयार थे। कोरोना की वजह से परेशानी न हो इसलिए राजभवन से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रतिमा का अनावरण किया गया। उन्होंने कहा कि प्रतिमा के अनावरण स्थल पर स्वतंत्रता सेनानियों के उपस्थित परिजन एवं वहां की जनता ने भी शहीदों को पुष्प अर्पित कर नमन किया है। इसके लिये मैं उपस्थित सभी लोगों को हृदय से धन्यवाद देता हूॅ। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा जन्म बख्तियारपुर में हुआ था, मेरे पिता जी वैद्य थे। जब हमलोग स्कूल में पढ़ते थे, उस समय पिताजी स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में हमें बताया करते थे। आसपास बिहार और देश-दुनिया के बारे में जानकारी मिलती थी। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमा स्थापित की गई है, इससे आने वाली पीढ़ी को उनके बारे में जानकारी मिलेगी। वे स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन से प्रेरणा लेंगे। आज की पीढ़ी जान सकेगी कि इस देश की आजादी के लिए कितना त्याग किया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जिन्होंने हमें आजादी दिलायी थी, हमें उनका अनुसरण करते हुए प्रेम, सौहार्द्र एवं भाईचारे का माहौल बनाकर समाज में एकजुट होकर रहना चाहिए। हमलोगों को देषहित एवं समाज हित में काम करना चाहिये। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में उपस्थिति के लिए आप सभी को धन्यवाद देता हूं। राज्यपाल महोदय के प्रति अपना मैं आभार प्रकट करता हूॅ कि मेरे जन्मस्थल बख्तियारपुर में आयोजित प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम के लिए आपने समय दिया और प्रतिमा भी स्थापित हो गई। 

प्रतिमा लोकार्पण कार्यक्रम को भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक चैधरी ने भी संबोधित किया। 

इस अवसर पर भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक चैधरी, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य श्री उदयकांत मिश्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, राज्यपाल के सचिव श्री राबर्ट एल0 चोंग्थु, भवन निर्माण विभाग के सचिव श्री कुमार रवि सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे, जबकि कार्यक्रम स्थल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनप्रतिनिधिगण एवं स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री ने समाजसेवी स्व0 रामलायक सिंह के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजलि

Posted: 17 Jan 2021 06:37 AM PST

मुख्यमंत्री ने समाजसेवी स्व0 रामलायक सिंह के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजलि 

पटना, 17 जनवरी 2021:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने पालीगंज प्रखंड स्थित जलपुरा गांव जाकर समाजसेवी स्व0 रामलायक सिंह के तैलचित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व0 रामलायक सिंह बचपन से ही गांधी जी के विचारों से प्रभावित थे। वे समाज के उत्थान के लिये हमेषा प्रत्यनषील रहते थे। 

मुख्यमंत्री ने स्व0 रामलायक सिंह के पुत्र- श्री राजेन्द्र प्रसाद सिंह, श्री नरेन्द्र कुमार सिंह, श्री वीरेन्द्र कुमार सिंह, श्री सुरेन्द्र कुमार सिंह सहित अन्य परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री श्री अशोक चैधरी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।
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राज्यपाल ने बख्तियारपुर (पटना) में संस्थापित राज्य के पाँच स्वतंत्रता-सेनानियों की आदमकद प्रतिमाओं का लोकार्पण किया

Posted: 17 Jan 2021 06:31 AM PST

राज्यपाल ने बख्तियारपुर (पटना) में संस्थापित राज्य के पाँच स्वतंत्रता-सेनानियों की आदमकद प्रतिमाओं का लोकार्पण किया 

''हमारे महान देश भारत को कठिन संघर्ष, त्याग और अनुपम बलिदानों के बल पर अंग्रेजों की दासता से मुक्ति मिली थी। स्वतंत्रता-आन्दोलन के स्वर्णिम इतिहास में 'भारत छोड़ो आन्दोलन' की गौरवशाली गाथा रही है। इस आन्दोलन ने भारतीय स्वतंत्रता-संग्राम की सफलता सुनिश्चित की थी।'' -उक्त उदगार , महामहिम राज्यपाल श्री फागू चैहान ने पटना जिला के अन्तर्गत बख्तियारपुर में भवन निर्माण विभाग द्वारा संस्थापित राज्य के पाँच अमर शहीदों एवं देशभक्त स्वतंत्रता-सेनानियों की आदमकद प्रतिमाओं के लोकार्पण-समारोह में आज व्यक्त किये। 

राज्यपाल ने कहा कि हमारा महान देश भारत और गौरवशाली प्रदेश बिहार आज तेजी से प्रगति कर रहा है। यशस्वी माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पूरे विश्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ रही है। बिहार भी विकास के पथ पर तेजी से कदम बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे में यह जरूरी है कि हम अपने पूर्वजों की गौरवशाली विरासत को भी याद रखें। उनकी कीर्ति-रश्मियाँ हमारा पथ आलोकित करती रहेंगी और हम अपने प्यारे भारत देश और बिहार के नवनिर्माण में लगे रहेंगे। 

राज्यपाल श्री चैहान ने कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय स्वतंत्रता-संग्राम के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में रहते हुए जमीनी स्तर पर कार्य करनेवाले एवं आन्दोलन को शक्ति और गति प्रदान करने वाले स्वतंत्रता-सेनानियों की प्रतिमाओं को स्थापित कर समाज की नयी पीढ़ी के समक्ष राष्ट्रीयता के आदर्शों को प्रस्तुत करते हुए बिहार सरकार द्वारा राज्यवासियों को देशभक्ति एवं समाज-सेवा की पावन भावना की ओर अभिप्रेरित करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि सबमें राष्ट्रीय एकता, सद््भावना और सामाजिक समरसता की भावना विकसित हो सके। 

राज्यपाल ने कहा कि अगस्त में 1942 का जो आन्दोलन भारत में गाँधी जी की नजरबंदी से शुरू हुआ, उसका विस्तार बिहार में भी देखा गया और पटना से सटे बख्तियारपुर का इलाका भी इससे अछूता नहीं रहा। देशभक्तों की टोली यहाँ भी उतने ही जोश और उमंग के साथ थी, जितना देश के किसी अन्य हिस्से में। 

राज्यपाल ने उन सभी पाँचों स्वतंत्रता-सेनानियों, जिनकी आदमकद प्रतिमाओं का आज लोकार्पण किया गया, का पुण्य स्मरण करते हुए उन्हें अपना सादर नमन 

निवेदित किया। 

आज जिन पाँच स्वतंत्रता-सेनानियों की प्रतिमाओं को बख्तियारपुर में विभिन्न स्थलों पर संस्थापित किया गया है, को राजभवन से वर्चुअल रूप में विडियो क्राॅन्फ्रेन्सिंग के जरिये लोकार्पित करते हुए, महामहिम राज्यपाल ने उनकी सामाजिक-राजनीतिक सेवाओं का विस्तारपूर्वक उल्लेख करते हुए कहा कि सभी पाँचों प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी-पं॰ शीलभद्र याजी, शहीद मोगल सिंह, शहीद नाथून सिंह यादव, स्व॰ डूमर सिंह एवं स्व॰ कविराज रामलखन सिंह ने आजादी की लड़ाई में अनुपम त्याग, बलिदान और देशभक्ति का परिचय दिया। 

राज्यपाल ने कहा कि महान स्वतंत्रता-सेनानी स्व॰ पं॰ शीलभद्र याजी नेताजी सुभाषचन्द्र बोस के निकट के सहयोगी थे। स्व॰ कविराज रामलखन सिंह ने 'साइमन कमीशन' के विरोध, 'नमक सत्याग्रह आन्दोलन', 'भारत छोड़ो आन्दोलन' आदि के दौरान काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार स्व॰ कविराज रामलखन बाबू के ही सुयोग्य पुत्र हैं, जो आज राज्य की भरपूर सेवा कर रहे हैं। शहीद मोगल सिंह, शहीद नाथून सिंह यादव एवं स्व॰ डूमर सिंह द्वारा आजादी की लड़ाई के दौरान किए गये संघर्ष एवं अंग्रेजी सल्तनत के प्रतिरोध का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि इन सभी पाँचों स्वतंत्रता-सेनानियों ने अपने जीवन के कई वर्ष कारावास एवं भूमिगत अवस्था में बिताए थे तथा भारत की आजादी की लड़ाई को ताकत एवं गति दी थी। 

राज्यपाल ने कार्यक्रम के दौरान राजभवन से ही वीडियो-क्रान्फ्रेन्सिंग के जरिये प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, बख्तियारपुर में लगी स्व॰ पं॰ शीलभद्र याजी, प्रखण्ड कार्यालय परिसर, बख्तियारपुर में लगी शहीद मोगल सिंह, न्यू बाईपास रोड, राघोपुर, बख्तियारपुर में लगी शहीद नाथून सिंह यादव, श्री गणेश उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर, बख्तियारपुर में लगी 

स्व॰ डूमर सिंह एवं डाकबंगला परिसर, बख्तियारपुर में लगी स्व॰ कविराज रामलखन सिंह की प्रतिमाओं को लोकार्पित किया तथा राजभवन में सभी पाँचांे स्वतंत्रता-सेनानियों की तस्वीरों पर माल्यार्पण भी किया। 

कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, माननीय भवन निर्माण मंत्री 

श्री अशोक चैधरी आदि ने भी पाँचों स्वतंत्रता-सेनानियों की तस्वीरों पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें अपना नमन निवेदित किया। 

कार्यक्रम में स्वागत-भाषण भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक चैधरी ने किया जबकि धन्यवाद-ज्ञापन माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार द्वारा किया गया। माननीय मुख्यमंत्री ने धन्यवाद-ज्ञापन के क्रम में कहा कि बापू ने एकजुटता, प्रेम और सद््भावना का संदेश देशवासियों को दिया था। उन्होंने कहा कि हरेक व्यक्ति को एक दूसरे के प्रति सम्मान और इज्जत का भाव रखते हुए देश और समाज की बेहतरी के लिए अपना पूरा योगदान देना चाहिए। मुख्यमंत्री ने बख्तियारपुर में पाँचों स्वतंत्रता-सेनानियों के प्रतिमा-संस्थापन के लिए भवन निर्माण विभाग को धन्यवाद दिया तथा इनके लोकार्पण के लिए महामहिम राज्यपाल के प्रति भी अपनी कृतज्ञता प्रकट की। उन्होंने नयी पीढ़ी से स्वतंत्रता-सेनानियों के अनुपम त्याग और बलिदान से प्रेरणा ग्रहण करने की भी अपील की। कार्यक्रम में भवन निर्माण विभाग के सचिव श्री कुमार रवि द्वारा महामहिम राज्यपाल, माननीय मुख्यमंत्री, माननीय भवन निर्माण मंत्री सहित आगत अतिथियों को पौधे एवं पुस्तक भेंट कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, राज्यपाल के सचिव श्री राबर्ट एल॰ चोंग्थू, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार आदि भी उपस्थित थे।
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शराब के साथ तीन व्यक्ति गिरफ्तार I

Posted: 17 Jan 2021 06:21 AM PST

शराब के साथ तीन व्यक्ति गिरफ्तार I

खुसरूपुर से कन्हैया पांडेय की खास रिपोर्ट I 
खुसरूपुर/ संवाददाता I थानाध्यक्ष सरोज कुमार ने बताया कि संध्या गश्ती के दौरान ब्लॉक के छोटी नवादा के रास्ते से पकड़े गए कारोबारी मनीष कुमार और सोनू कुमार कंकड़बाग,पटना का रहने वाला है।पुलिस पूछताछ में जुटी है।वहीं शनिवार की देर शाम पुलिस ने शफीपुर शब्जी मंडी से 6 लीटर देसी शराब के साथ मौसिमपुर निवासी रवि कुमार को गिरफ्तार किया हैमुनाफे की चाहत में नही रुक रही शराब का अवैध कारोबार,दो कारोबारी के साथ खुसरूपुर पुलिस ने पकड़ी 132 लीटर थ्री एक्स रम, एक ऑल्टो कार, एक बुलेट मोटरसाइकिल।


 
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आज 18 - जनवरी - 2021, सोमवार को क्या है आप की राशी में विशेष ?

Posted: 17 Jan 2021 06:13 AM PST

आज 18 - जनवरी - 2021, सोमवार को क्या है आप की राशी में विशेष ?

 

 दैनिक पंचांग एवं  राशिफल - सभी 12 राशियों  के लिए कैसा रहेगा आज का दिन जाने प्रशिद्ध  ज्योतिषाचार्य पं. प्रेम सागर पाण्डेय से    

श्री गणेशाय नम:

पंचांग 18 - जनवरी - 2021, सोमवार

तिथि                पंचमी                   दिन  10:01:33

नक्षत्र                पूर्वाभाद्रपद            दिन  08:46:08

करण :              बालव                   09:15:39

                       कौलव                  22:03:31

पक्ष                  शुक्ल

योग                 परिघ                   18:25:44

वार                 सोमवार

सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ

सूर्योदय                                       06:41:40

चन्द्रोदय                                      10:46:00

चन्द्र राशि                                    मीन

सूर्यास्त                                        05:19:36

चन्द्रास्त                                       22:48:59

ऋतु                                            शिशिर

हिन्दू मास एवं वर्ष

शक सम्वत                                    1942  शार्वरी

कलि सम्वत                                   5122 

दिन काल                                     10:33:44

विक्रम सम्वत                                 2077 

मास अमांत                                   पौष  

मास पूर्णिमांत                                पौष  

शुभ और अशुभ समय

शुभ समय  :- 

                       अभिजित           12:10:28 - 12:52:43

अशुभ समय   :-

               दुष्टमुहूर्त :                  12:52:43 - 13:34:58

                                             14:59:28 - 15:41:43

                  कंटक                     09:21:28 - 10:03:43

               यमघण्ट                    12:10:28 - 12:52:43

               राहु काल                  08:33:57 - 09:53:10

               कुलिक                      14:59:28 - 15:41:43

               कालवेला या अर्द्धयाम  10:45:58 - 11:28:13

               यमगण्ड                    11:12:23 - 12:31:36

                गुलिक काल              13:50:49 - 15:10:02

               दिशा शूल                  पूर्व

चन्द्रबल और ताराबल

ताराबल

भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती

चन्द्रबल 

वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर, मीन

 

 

 आज का दैनिक राशिफल  18 - जनवरी - 2021, सोमवार

1.    

मेष (Aries):

आज का दिन आनंद व उल्लास से भरा रहेगा। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा होगा। आज किए गए हर कार्य में सफलता मिलेगी। घर का वातावरण प्रफुल्लित रहेगा। मायके से अच्छे समाचार मिल सकते हैं। आर्थिक लाभ की संभावना है। मित्रों और स्नेहीजनों के साथ आनंददायी प्रवास का योग है। उनसे भेंट-सौगात मिल सकती है।

शुभ रंग  =  क्रीम

शुभ अंक  :  7

2.    

वृषभ (Tauras):

आज का दिन आपके लिए शुभ नहीं है। अनेक प्रकार की चिंता सताएगी। शारीरिक स्वास्थ्य ठीक नहीं रहेगा। परिजनों के साथ मतभेद खड़े होंगे जिससे घर में विरोध का वातावरण बनेगा। आज के कार्य अधूरे रह सकते हैं। खर्च भी अधिक होगा। आज किए गए परिश्रम के असंतोषकारक परिणाम होंगे जिनसे मन में ग्लानि होगी। अविचारी निर्णय से गलतफहमी हो सकती है।

शुभ रंग  =  फीरोजा

शुभ अंक  :  6

3.    

मिथुन (Gemini):

आज अनेक रूप से लाभ होने के कारण आपके हर्षोल्लास में दोगुनी वृद्धि होगी। पत्नी एवं पुत्र की तरफ से लाभदायी समाचार मिलेंगे। मित्रों से हुई मुलाकात से आनंद मिलेगा। विवाहोत्सुकों को योग्य जीवनसाथी मिल सकता है। समयानुसार उत्तम भोजन का सुख मिलेगा।

शुभ रंग  =  फीरोजा

शुभ अंक  :  6

4.    

कर्क (Cancer):

आज का दिन आपके व्यवसाय के लिए लाभदायी है। आप पर उच्च अधिकारीगण की कृपादृष्टि होगी और आपके वर्चस्व में वृद्धि होगी। पदोन्नति की पूरी संभावना है। परिवार में आवश्यक विषयों पर चर्चा होगी। धन संपत्ति-मान सम्मान के अधिकारी बनेंगे। घर की साज-सज्जा में फेरबदल करेंगे। कुछ थकान का अनुभव होगा। गृहस्थ जीवन आनंदपूर्ण बीतेगा।

शुभ रंग  =  उजला

शुभ अंक  :  4

5.    

सिंह (Leo):

आज का दिन धार्मिक प्रवृत्तियों में व्यतीत करेगें और स्नेहीजनों के साथ किसी धार्मिक स्थल पर जाने का सुनहरा अवसर आएगा। कर्मनिष्ठ होकर हाथ आए काम को पूर्ण करने का प्रयास करें। आपका व्यवहार न्याय अनुकूल रहेगा। क्रोध पर संयम रखें। व्यवसाय में बाधा उपस्थित होने की संभावना है। उच्च पदाधिकारियों की अप्रसन्नता के कारण दुखी होने की संभावना है।

शुभ रंग  =   उजला

शुभ अंक  :  4

6.    

कन्या (Virgo):

आज वाणी पर संयम रखने की सूचना देते हुए कहते हैं कि आज किसी नए कार्य का प्रारंभ न करें। क्रोध और आवेश में वृद्धि न हो इसका ध्यान रखें। परिवार और स्नेहियों के साथ उग्र विवाद के कारण दुख हो सकता है। संभवतः प्रवास न करें। हितशत्रुओं के प्रति सावधान रहें।

शुभ रंग  =  लाल

शुभ अंक  :  5

7.    

तुला (Libra):

आज के दिन आपका मन मित्रों व स्नेहीजनों के साथ खान-पान, सैर-सपाटे एवं प्रेम सम्बंधों की वजह से प्रफुल्लित रहेगा। यात्रा पर्यटन के योग हैं। आज मनोरंजन साधनों और वस्त्र-अलंकारों की खरीदी का योग है। तन व मन की तंदुरस्ती अच्छी है। मान-सम्मान मिल सकता है।

शुभ रंग  =  आसमानी

शुभ अंक  :  2

8.    

वृश्चिक (Scorpio):

आपका पारिवारिक वातावरण आनंद व उल्लास से लबालब रहेगा। तन में चेतना और स्फूर्ति का संचार होगा। दोस्त के वेश में छिपे शत्रु अपने प्रयासों में असफल रहेंगे। दफ्तर में सहकर्मियों का सहयोग मिलेगा। स्त्री मित्रों के साथ मेल-मिलाप से आनंद में वृद्धि होगी। आर्थिक लाभ के संकेत मिलेंगे और अधूरे कार्य पूर्ण होंगे। बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को राहत मिलेगी।

शुभ रंग  =  लाल

शुभ अंक  :  5

9.    

धनु (Sagittarius):

आज कार्य सिद्धि व सफलता न मिले तो हताश न होने की सलाह देते हुए यह सूचित करते हैं कि क्रोध पर संयम रखें। संतति से सम्बंधित विविध प्रश्नों के विषय में मन चिंताग्रस्त रहेगा। आज कोई यात्रा प्रवास न करने की सलाह देते हैं।

शुभ रंग  =  पीला

शुभ अंक  :  9

10.       

मकर (Capricorn):

आपका दिन तनावयुक्त बताते हुए कहते हैं कि शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रतिकूलता का अनुभव करेंगे। घर में परिजनों के साथ अनिच्छनीय प्रसंग घटने की वजह से मन में अशांति होगी। समयानुसार भोजन न मिलने की संभावना है और शांतिपूर्ण निद्रा का अभाव रहेगा। पानी से दूर रहें। धन हानि और अपयश का योग है।

शुभ रंग  =  क्रीम

शुभ अंक  :  7

11.       

कुंभ (Aquarius):

चिंताओं के बादल हटने से आप मानसिक हल्कापन महसूस करेंगे। मन में उत्साह का संचार होगा, जिस वजह से दिनभर का समय आनंदपूर्वक बीतेगा। भाई-बंधुओं एवं स्नेहीजनों से मेलजोल बढ़ेगा। आज कोई महत्वपूर्ण योजना भी बना सकते हैं। कोई छोटे प्रवास का आयोजन भी हो सकता है।

शुभ रंग  =  उजला

शुभ अंक  :  4

12.       

मीन (Pisces):

आज वाणी पर संयम न रखने से लड़ाई-झगड़े की संभावना बनी रहेगी। खर्च पर भी संयम रखना अतिआवश्यक है। धन सम्बंधित लेन-देन में भी अत्यंत सावधानी की आवश्यकता है। शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है। परिजनों से मनमुटाव के प्रसंग बन सकते हैं। खान-पान में भी संयम बरतिएगा।

शुभ रंग  =  पीला

शुभ अंक  :  9


पं. प्रेम सागर पाण्डेय् ,नक्षत्र ज्योतिष वास्तु अनुसंधान केन्द्र ,नि:शुल्क परामर्श -  रविवार , दूरभाष  9122608219  /  9835654844
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हो मौन सहूँ क्या?

Posted: 17 Jan 2021 05:47 AM PST

हो मौन सहूँ क्या?

अंदर से कुछ,बाहर से कुछ,
ऐसे लोगों को कहूँ क्या?
चलते घटिया चाल जो जग में,
उनको हो मैं मौन सहूँ क्या??

ऐसे ही सम्मान हैं पाते।
दुनिया को हैं मूर्ख बनाते।
साधारण जन भोले-भाले।
कवियों के मुँह पर हैं ताले।
सबकी चालें समझ रहा हूँ,
बोलो,फिर भी मौन रहूँ क्या-
उनको हो मैं मौन सहूँ क्या?

परिवर्तनकामी जो जग में,
बिछे हैं काँटें उनके मग में।
उनकी राह सरल ग़र होती,
तब दुनिया ऐसे ना रोती।
कठिन राह है मेरी लेकिन,
घटिया लोगों के चरण गहूँ क्या-
उनको हो मैं मौन सहूँ क्या?
     -मिथिलेश कुमार मिश्र 'दर्द'
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सूर्य पूजा परिषद की महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न , प्रकाश मिश्र बनाये गए सूर्य पूजा परिषद के अध्यक्ष |

Posted: 17 Jan 2021 05:51 AM PST

सूर्य पूजा परिषद की महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न , प्रकाश मिश्र बनाये गए सूर्य पूजा परिषद के अध्यक्ष | 

पटना सूर्य पूजा परिषद की संरक्षण मंडल की आवश्यक बैठक आयोजित की गई | बैठक में पिछले कुछ वर्षो में सूर्य पूजा परिषद की निष्क्रियता पसर चर्चा की गई | वर्तमान अध्यक्ष और परिषद के संस्थापक सदस्य श्री ज्ञानवर्धन मिश्र ने वर्तमान कार्यकारणी के द्वारा सहयोग नहीं प्राप्त होने की चर्चा की तथा उन्हों ने बतायाकि हमने कार्यकारणी का विघटन करदिया है इस वास्ते नए अध्यक्ष का चुनाव होना अति आवश्यक है | श्री ज्ञानवर्धन मिश्र ने वर्षो से समाजिक कार्यो में सक्रिय रहें पंडित प्रकाश मिश्र को परिषद के लिए उपयुक्त अध्यक्ष के तौर पर नाम सुझाया जिसे संरक्षण मंडल के श्री प्रभात चन्द्र मिश्र, पं सुरेश दत्त मिश्र, डॉ चंडी दत्त मिश्र प्रभाकर, श्रीनाथ मिश्र, डॉ नागेन्द्र पाठक, विजय शंकर मिश्र ने ध्वनिमत से स्वीकृति प्रदान की | 

श्री प्रकाश मिश्र ने अगली बैठक में कार्यकारणी के विस्तार की बात कही | इस बैठक में पं प्रकाश मिश्र, पं सुमन कुमार मिश्र, पं बिमल नारायण मिश्र, पं रमाकांत मिश्र, डॉ राकेश दत्त मिश्र, पं कौशलेन्द्र मिश्र, पं रविकांत शुक्ल, पं निशिकांत शुक्ल , पं संजय पाठक, पं आशीष मिश्र, पं विजय शंकर मिश्र, पं धनंजय मिश्र इत्यादि लोग उपस्थित रहे।
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सोढ़नदास की हज़ामत

Posted: 17 Jan 2021 01:02 AM PST

सोढ़नदास की हज़ामत

कमलेश पुण्यार्क "गुरु जी "
" सोढ़नदासकी हज़ामत के बारे में कुछ लेटेस्ट जानकारी रखते हो बबुआ ?"— वटेसरकाका का हर सवाल कुछ ऐसा होता है मानों पोखर के बिलकुल स्थिर पानी में बड़ा सा ढेला फेंक दिया गया हो। मेरे विचारों के पोखर में भी कुछ वैसा ही हुआ, उनका ये सवाल सुनकर। रात में ही तय कर लिया था कि अगली सुबह नित्यक्रिया से निपटकर, सीधे पूजा-घर में जाऊँगा और कुछ ध्यान-साधना का अभ्यास शुरु करुँगा, क्योंकि सोचते-सोचते समय बीता जा रहा है। सबकुछ हो रहा है, पर ध्यान नहीं हो पा रहा है। सच में ये दुनिया का सबसे कठिन काम है। टमटम के घोड़े की तरह आजीवन दौड़ते रहना—तन से कहीं ज्यादा रफ़्तार से मन की दौड़ चलती है। तन थक-हारकर मान भी जाए, पर मन भला क्यों माने !
काका के सवाल पर मैंने बे-मन से ही सवाल किया— मैं तो सोढ़नदास के बारे में ही नहीं जानता, फिर उनके हज़ामत के बारे में क्या बताऊँ। आप ही कुछ बतलायें।
काका तो यह चाहते ही थे। उन्हें किसी सवाल के जवाब की जरुरत भरसक नहीं होती, बल्कि सवालों के गलियारे से झांककर, जवाबों की सड़क पर दौड़ लगाना होता है। मैंने कहा और वे दौड़ने लगे— " तुम भला क्यों जानोगे ऐसी बातों को, ऐसी घटनाओं को। जानने-जनाने को तो मैं हूँ ही। खैर,कोई बात नहीं। नहीं जानते तो मैं जनाये देता हूँ। किन्तु सोढ़नदास के बारे में कुछ बतलाने से पहले आज का एक ताजा वाकया सुनाता हूँ।"
आप भी वड़े विचित्र हैं काका। बात निकाली सोढ़नदास के हज़ामत की और वाकया सुनाने लगे कुछ और।
काका झल्लाये— " तुम नवयुवकों में यही तो खामी है, धैर्य नाम की चीज ही नहीं है जरा भी। हो सकता है कि इस वाकया-बखान में ही सवाल का जवाब मिल जाए, जैसेकि आजकल गेसपेपर में ही आने वाली परीक्षा का कोश्चन छिपा होता है। "
तो जल्दी से सुना डालिए आज वाला वाकया।
"सब्जी मार्केट में आज एक पुराना जजमान मिल गया। कहने लगा— ' चलिए गुरुजी ! आपको आज कॉफी पिलाता हूँ। बड़ी भयंकर ठंढ है।' चाय की तलब तो मुझे भी हो रही थी, सो चल दिया उसके साथ। कॉफीकॉर्नर में हम दोनों बैठ गए और पुरानी बातें निकल पड़ी। टेबल पर वाजू की कुर्सियाँ खाली पाकर एक और युवक आबैठा । एकाएक मेरा ध्यान उनके सिर पर गया, जो पीछे से तो बिलकुल नुचा-चुथा था, पर आगे कुछ-कुछ ज़ुल्फी बरकरार थी। मैंने उसे देखते ही पूछा—कैसी गहरी नींद में सोये थे बबुआ ! कि पीछे का सारा बाल चूहा कुतर लिया? कितना भद्दा लग रहा है। तुम्हें चाहिए था कि पहले सैलून में जाकर बाकी के बाल भी मुड़वा कर ठीक कराते और तुम हो कि यहाँ कॉपी पीने चले आये । ठंढ में कॉफी की इतनी ही तलब थी तो कम से कम सिर पर तौलिया-गमछा लपेट लेते। "
मैं कुछ-कुछ समझ गया कि मामला क्या है। किन्तु काका के श्रीमुख से आगे का वाकया सुनने का मज़ा ही कुछ और है। अतः कुछ बोला नहीं। काका ने आगे कहा— " जमाना बहुत खराब है बबुआ! मैं तो उसके भले की बात कहा, किन्तु वो कॉफी का प्याला टेबल पर पटक कर, तपाक से खड़ा हो गया, मानों घोड़े की पीठ पर सवार होने की तैयारी में हो। मेरी ओर अँगुली नचा-नचा कर बकने लगा— ' का हो बुढ़ऊँ ! पहिले-पहिले शहर में निकले हो का ? तुम्हें ये नहीं मालूम कि मॉर्डन सेलेब्रेटी कट हेयर स्टाइल है ये? आजकल यही हेयर स्लाइल हिट है सब जगह। ' उसकी रोश भरे बदतमीज़ी पर मेरे जजमान भी सकपका गए। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि क्या कहें। अतः जल्दी से कॉफी सुड़क कर, मेरा हाथ पकड़े बाहर निकल गए। बाहर आकर उन्होंने भी वही बात कही, जो उस युवक ने कहा था। फ़र्क सिर्फ कहने के लहज़े का था—उसने पत्थर मारने वाले अन्दाज़ में कहा था, इन्होंने 'बुके' देने वाले अन्दाज़ में कहा। "
मुस्कुराते हुए मैंने कहा—मैं भी यही कहूँगा काका, जो उन दोनों ने कहा।
काका फिर झल्लाये— " अब तुम जो कहो, मैं तो यही कहूँगा कि ये सोढ़नदास वाला हज़ामत है। एक समय की बात है, एक पंडितजी सिर मुड़ाये हुए राज दरबार में पहुँचे। राजा ने कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि सोढ़नदास गुजर गए हैं, इसीलिए सिर मुड़ाया हूँ। राजा ने तुरत अपने हज़ाम को बुलाया और खुद भी सिर मुड़ा लिए। और जब राजा ने ही मुड़ा लिया, तो बाकी के दरबारी क्यों चूकते। एक-एककर सबने सिर मुड़वा लिया। "
ये तो बड़ा अजीब हुआ काका।
काका ने सिर हिलाया—"अजीब तो अब होगा, अभी हुआ कहाँ है। दोपहर विश्राम के लिए राजा रनिवास में गए। घुँटा हुआ सिर देख कर रानी चौंकी— ' अरे ये क्या, आपने सिर क्यों मुड़ा लिया? किसी सगे-सम्बन्धी की मृत्यु की खबर मिली क्या?' राजा ने बतलाया कि सोढ़नदास का स्वर्गवास हो गया है। पंडितजी से ये जानकारी मिली। रानी काफी समझदार थी। वैसे भी रानियाँ समझदार हुआ ही करती हैं। चट बुलावा भेजी पंडितजी को । सोढ़नदास के बारे में रानी द्वारा पूछा जाने पर पंडितजी ने कहा कि वे नहीं जानते कि कौन हैं। सुबह नदी किनारे शौच के लिए गया था तो नगर के धोबी को देखा माथा मुड़ाये हुए। पूछने पर उसने ही कहा था बेचारे सोढ़नदास का इन्तकाल हो गया। रानी रानी होती है। तुरत धोबी को बुलावा भेजी। रानी के असमय बुलाहट पर बेचारा धोबी घबरा गया। दौड़ा-दौड़ा रनिवास पहुँचा और सिर मुड़ाने का कारण बताया— ' मैं आज बहुत दुःखी हूँ रानी साहिबा! मेरा इकलौता गधा सोढ़नदास कल रात ही मर गया। वेटे की तरह उसे पाला- पोसा था। पंडित लोग कहा करते हैं कि पालतू प्राणी को भी मरने पर कफ़न-मिट्टी देना चाहिए। सो मैंने भी वही किया। कोई गुस्ताखी हुयी हो तो मुझे माफ करें।' धोबी की बात सुन पंडितजी मन ही मन जल-भुन गए, किन्तु राजा-रानी के सामने क्या कहते। "
मेरी हँसी रोके नहीं रुक रही थी—सोढ़नदास ने पूरे दरबार का हज़ामत बनवा दिया। यही कहते हैं—बिना सोचे-समझे, देखा-देखी कुछ का कुछ कर बैठना। बुद्धि-विवेक को बन्धक रख दिया है आजकल के लोगों ने। मायानगरी से निकलने वाला हर भोड़ापन लोगों के लिए मॉर्डन फैशन बन जाता है। नचनियाँ-बजनियाँ नंगे घूमे तो सभ्य घर की बहू-वेटियाँ भी नंगी घूमने लगे। भाड़-भेड़ुए जो करने लगे, युवक भी देखा-देखी वही करने लगते हैं। सुना है कि पश्चिम वालों ने एक न्यूडकॉलनी बसा रखी है। सोच-विचार, सभ्यता-संस्कृति से कोई मतलब नहीं। हम ये भी नहीं विचारते कि उन्हें अंग प्रदर्शन के लिए ही पैसा मिलता है और हम पैसा गंवाकर अपना अंग उखार रहे हैं मॉर्डनीटी के नाम पर। क्या होता जा रहा है हमारी समझ-बूझ का—टी.वी.पर गोरेपन वाली क्रीम का विज्ञापन देख कर भैंसें भी पोतने लग जा रही हैं। अब सोचो जरा जीवन भर क्रीम पोतने पर वो क्या गोरी हो जायेगी? दाग-धब्बे मिटाने वाली,जवानी बरकरार रखने वाली एक से एक बेवकूफी भरे विज्ञापन देखकर सिर भन्ना उठता है। मजे की बात तो ये है कि औरत की अधनंगी तसवीर के बिना ये विज्ञापन शोभते भी नहीं। और ये बददिमाग औरतें हैं कि खुद को नंगा करने में तत्परता दिखा रही हैं—नंगई और हुड़दंगई को ही मॉर्डनीटी माना जा रहा है।काका की बातें सोचने पर विवश करती हैं,वशर्ते कि इसी हिसाब से और लोग भी सोचें। देखा-देखी, दिखावे से बचने की कोशिश करें।
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