प्राइमरी का मास्टर ● इन |
- देशभर में सबसे मुश्किल यूपी में शिक्षक बनना
- फतेहपुर : सर्दी विकराल, परिषदीय विद्यालयों के बच्चों के पैरों में अब तक नहीं पहुंचे जूते
- बंद हो सकते 10 हजार बेसिक विद्यालय, चतुर्थ श्रेणी अनुकंपा नियुक्ति पर भी रोक का सुझाव
- फतेहपुर : परिषदीय स्कूलों के मास्साबों को भी पास करनी होगी परीक्षा, कार्पोरेट की तर्ज पर लिखी जाएगी वार्षिक आख्या, ऐसे बनेगा शिक्षकों का रिपोर्ट कार्ड।
- गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर मा0 उप मुख्यमंत्री एवं शिक्षा निदेशक (मा0) का संदेश
- सोशल मीडिया पर 10 वीं व 12 वीं की परीक्षाओं का पास होने का प्रतिशत घटाने का दावा निकला फर्जी, देखें अधिकृत जानकारी।
देशभर में सबसे मुश्किल यूपी में शिक्षक बनना Posted: 20 Jan 2021 05:48 PM PST देशभर में सबसे मुश्किल यूपी में शिक्षक बनना यूपी में शिक्षक बनना पूरे देश में सबसे कठिन काम है। शिक्षक भर्ती की अर्हता राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) तय करता है। एनसीटीई ने शिक्षक बनने के लिए बीएड, डीएलएड आदि के अलावा टीईटी को अनिवार्य माना है। वहीं यूपी में टीईटी के बाद एक और लिखित परीक्षा देनी होती है। अन्य राज्यों में डीएलएड 12वीं के बाद ही होता है जबकि यूपी में डीएलएड में दाखिले की योग्यता स्नातक है। |
फतेहपुर : सर्दी विकराल, परिषदीय विद्यालयों के बच्चों के पैरों में अब तक नहीं पहुंचे जूते Posted: 20 Jan 2021 05:35 PM PST फतेहपुर : परिषदीय स्कूलों के बच्चों के पैर में नहीं पहुंचे जूते फतेहपुर : बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित परिषदीय स्कूलों में शिक्षारत छात्र-छात्राओं को अभी तक जूते-मोजों को वितरण नहीं हो सका है। जबकि जनवरी माह में विकराल सर्दी पड़ रही है। अभी तक विभाग को 75 प्रतिशत जूतों की खेप ही प्राप्त हो सकी है जबकि मोजे शत प्रतिशत प्राप्त हो गए हैं। हालांकि कुछ ब्लाकों में वितरण शुरू करा दिया गया है। जिले के 2785 परिषदीय स्कूलों में पंजीकृत करीब 2 लाख 44 हजार 864 नौनिहाल जूते-मोजे के लिए तरस रहे हैं। जिले के प्राथमिक स्कूलों में पंजीकृत कक्षा एक से पांच तक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के कक्षा छह से आठ तक के छात्र-छात्राओं को एक-एक जोड़े जूते व दो-दो जोड़े मोजे मिलने हैं। डीसी अखिलेश सिंह के मुताबिक बीआरसी में जूता भेज दिए गए हैं। यहीं से परिषदीय स्कूलों में पहुंचेंगे। इनका वितरण भी शुरू करा दिया गया है। जिले में 75 प्रतिशत जूते विभाग को प्राप्त हो चुके हैं और मोजों की शत प्रतिशत अवाक हो चुकी है। ब्लाक स्तर पर जूते मोजे पहुंचाए जा रहे हैं। जहां से विद्यालय स्तर पर बच्चों को वितरण किया जाएगा। एक जोड़ी जूते के साथ मिलने हैं दो जोड़ी मोजे परिषदीय स्कूलों के छात्र-छात्राओं को हर वर्ष एक जोड़ी जूते के साथ दो जोड़ी मोजे निशुल्क देने का प्राविधान है। हालांकि यह वितरण सर्दी के पूर्व हो जाना चाहिए था लेकिन यदि विभाग की मानें तो इस बार शासन से निर्देश मिलने में देरी हो जाने के कारण वितरण में लेटलतीफी हो रही है। अभी भी हो रहा स्वेटर वितरण जिले के अभी तमाम ऐसे विद्यालय हैं जहां के बच्चों को अभी तक स्वेटर नसीब नहीं हो सकी है। जबकि जनवरी माह में पड़ रही विकराल सर्दी से आमजनमानस ठिठुरने को मजबूर है। बावजूद जिम्मेदारों द्वारा शत प्रतिशत बच्चों को स्वेटर का वितरण नहीं पूरा किया जा सका है। |
बंद हो सकते 10 हजार बेसिक विद्यालय, चतुर्थ श्रेणी अनुकंपा नियुक्ति पर भी रोक का सुझाव Posted: 20 Jan 2021 04:53 PM PST बंद हो सकते 10 हजार बेसिक विद्यालय, चतुर्थ श्रेणी अनुकंपा नियुक्ति पर भी रोक का सुझाव समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बेसिक शिक्षा विभाग में 10,000 से अधिक प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं जिनके लिए आवश्यक न्यूनतम 30 छात्र उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। इनको बंद कर वहां तैनात शिक्षकों को अन्य विद्यालयों में स्थानांतरित करने की सिफारिश की है। यहां के छात्रों को निकट के प्राइमरी या निजी स्कूलों में प्रवेश दिलाने को कहा गया है। चतुर्थ श्रेणी अनुकंपा नियुक्ति पर रोक का सुझाव इसके साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग में भविष्य में अनुकंपा के आधार पर चतुर्थ श्रेणी के रूप में नियुक्ति की व्यवस्था पर नए सिरे से विचार करने का निर्देश दिया गया है। |
Posted: 20 Jan 2021 04:39 PM PST फतेहपुर : परिषदीय स्कूलों के मास्साबों को भी पास करनी होगी परीक्षा, कार्पोरेट की तर्ज पर लिखी जाएगी वार्षिक आख्या, ऐसे बनेगा शिक्षकों का रिपोर्ट कार्ड फतेहपुर : बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित सभी परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक शिक्षिकाओं काम के आधार पर रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाएगा। जिसके आधार पर ही भविष्य में तरक्की पा सकेंगे। शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित किए गए पैरामीटर्स पर उन्हें ज्यादा से ज्यादा नंबर जुटाने होंगे। परीक्षा में अच्छे नंबर ही भविष्य में उनकी तरक्की और इंक्रीमेंट तय करेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग ने यह व्यवस्था शिक्षा की गुणवत्ता व प्रबंधन को बेहतर करने के लिए लागू की है। इस परीक्षा में प्रधानाध्यापकों से लेकर सहायक अध्यापकों तक सभी को 9 पैरामीटर्स में ज्यादा से ज्यादा नंबर जुटाने होंगे। पैरामीटर्स का तीन पड़ावों पर मूल्यांकन होगा। सबसे पहले खुद शिक्षकों को अपना स्वमूल्यांकन करना होगा। दूसरे स्तर पर प्रतिवेदक अधिकारी यानी खंड शिक्षा अधिकारी उनके पैरामीटर्स को जांचेंगे। दूसरे स्तर से मूल्यांकन आख्या दाखिल किए जाने के बाद तीसरा यानी अंतिम मूल्यांकन बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा किया जाएगा। कार्पोरेट की तर्ज पर लिखी जाएगी वार्षिक आख्या बेसिक शिक्षा विभाग में पहली बार शिक्षकों की वार्षिक आख्या कापार्ेरेट की तर्ज पर लिखी जाएगी। वार्षिक गोपनीय आख्या ऑनलाइन सब्मिट की जाएगी। पहले शिक्षक स्वमूल्यांकन कर मानव सम्पदा पोर्टल पर 15 अप्रैल तक सब्मिशन करेंगे। इसके बाद खंड शिक्षा अधिकारी 15 मई तक इसका मूल्यांकन कर आख्या सब्मिट करेंगे। आखिरी में बेसिक शिक्षा अधिकारी वार्षिक आख्या को अंतिम रूप देंगे। वार्षिक आख्या को आखिरी रूप देने की अंतिम तिथि 31 मई है। ऐसे बनेगा शिक्षकों का रिपोर्ट कार्ड सभी 14 अवस्थापन सुविधाएं होने पर शिक्षक को 10 नम्बर मिलेंगे। विद्यालय में 60 से 80 फीसदी तक छात्र उपस्थिति पर 5 नंबर, विद्यालय में छात्रों की 80 फीसदी से अधिक उपस्थिति पर 10 नंबर, डिजिटल शिक्षा सामग्री के नियमित प्रयोग करने पर 10 नंबर, छात्र रिजल्ट कार्ड सभी छात्रों को शतप्रतिशत वितरित करने पर 10 नंबर, एसएमसी की नियमित बैठक में प्रतिभाग करने पर 10 नंबर, छात्रों द्वारा पुस्तकालय का नियमित प्रयोग करने पर 10 नंबर, मॉड्युल, आधारशिला, ध्यानाकर्षण एवं शिक्षण संग्रह को शिक्षण कार्य में नियमित प्रयोग करन पर 10 नंबर, आउट ऑफ स्कूल बच्चों का सर्वेक्षण व चिन्हित सभी बच्चों का नामांकन कराने पर 10 नंबर, शिक्षकों के 60 से 80 फीसदी तक उपस्थिति पर 5 अंक, 80 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति पर 10 अंक और प्रशिक्षण में सभी दिन प्रतिभाग करने पर 10 नंबर मिलेंगे। कोट........... शैक्षिक गुणवतता और विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति में बेहतर सुधार आदि के लिए शिक्षकों के लिए पैरामीटर्स तय किए गए हैं। शिक्षकों की मार्किंग करके उन्हें बेहतर कार्य प्रदर्शन के लिए प्रेरित करने का उद्देश्य है। -शिवेन्द्र प्रताप सिंह, बीएसए |
गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर मा0 उप मुख्यमंत्री एवं शिक्षा निदेशक (मा0) का संदेश Posted: 20 Jan 2021 07:06 AM PST |
Posted: 20 Jan 2021 07:05 AM PST सोशल मीडिया पर 10 वीं व 12 वीं की परीक्षाओं का पास होने का प्रतिशत घटाने का दावा निकला फर्जी, देखें अधिकृत जानकारी। दावा:- सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि 10वीं और 12वीं की 2021, बोर्ड परीक्षा में अब पास होने के लिए 33 प्रतिशत अंक को घटाकर 23 प्रतिशत कर दिया गया है। #PIBFactCheck:- यह दावा फर्जी है। @EduMinOfIndia ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है। https://t.co/Tp5bnqTBdi |
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