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Tuesday, January 12, 2021

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जारी रहेगा किसान आंदोलन सरकार ने जबरदस्ती हटाया तो मारे जा सकते हैं 10 हजार लोग: राकेश टिकैत

Posted: 12 Jan 2021 01:48 AM PST



सुप्रीम कोर्ट द्वारा अगले आदेश तक कृषि कानूनों पर रोक लगाए जाने और कमेटी के गठन के आदेश के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को स्पष्ट कर दिया कि यह आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि वे किसानों के साथ बातचीत करने के बाद तय करेंगे कि सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के पास जाएंगे या नहीं। किसान नेता टिकैत ने आगे कहा कि यदि सरकार ने जबरदस्ती किसानों को हटाने की कोशिश की तो इसमें दस हजार लोग मारे जा सकते हैं। मालूम हो कि दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले डेढ़ महीने से भी ज्यादा समय से बड़ी संख्या में किसान आंदोलन कर रहे हैं। इन किसानों की मांग तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाए जाने की है।

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कोर्ट के आदेश के बाद कहा, ''हम किसानों की कमेटी में इसकी चर्चा करेंगे। 15 जनवरी को होने वाली किसान नेताओं और सरकार के बीच बातचीत में भी शामिल होंगे। जो कोर्ट ने कमेटी बनाने की बात की है, उसमें बाद में बताएंगे कि जाएंगे या नहीं, लेकिन आंदोलन जारी रहेगा। जब तक बिल वापस नहीं होगा, तब तक घर वापसी नहीं होगी।'' उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को दिल्ली में किसान परेड करके रहेगा।

राकेश टिकैत ने आगे कहा कि किसान यहां से अब कहीं नहीं जा रहा है। सरकार का आकलन है कि यहां हटाने पर एक हजार आदमी मारा जा सकता है। यह गलत आकलन है। यदि जबरन हटाने की कोशिश की गई तो यहां 10 हजार आदमी मारा जा सकता है। टिकैत ने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट के आदेश से किसानों को कोई राहत नहीं मिली है। आंदोलन लंबा चलेगा। कोर्ट की तरफ से जारी समिति के नाम में सरकार से बातचीत कर रहे 40 संगठनों में से कोई भी नाम नहीं हैं।''

अगले आदेश तक कानून लागू करने पर रोक
चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने इस मामले में मंगलवार को भी सभी पक्षों को सुनने के बाद इन कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी। पीठ ने कहा कि वह इस बारे में आदेश पारित करेगी। कोर्ट द्वारा गठित की जाने वाले समिति इन कानूनों को लेकर किसानों की शंकाओं और शिकायतों पर विचार करेगी। इस मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने विरोध कर रहे किसानों से भी सहयोग करने का अनुरोध किया और स्पष्ट किया कि कोई भी ताकत उसे गतिरोध दूर करने के लिए इस तरह की समिति गठित करने से नहीं रोक सकती है। 

कोर्ट ने लगाई थी सरकार को फटकार
इससे पहले, सोमवार को हुई सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मोदी सरकार को जमकर फटकार लगी थी। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकार से सवाल किया था कि कृषि कानूनों पर आप रोक लगाएंगे या हम लगाएं। हालांकि, इसके बाद केंद्र सरकार ने नए कृषि कानूनों पर रोक लगाने का विरोध किया था। सरकार की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने कोर्ट से कहा था कि किसी कानून पर तब तक रोक नहीं लगाई जा सकती, जब तक वह मौलिक अधिकारों या संवैधानिक योजनाओं का उल्लंघन ना करें। वहीं, जब वेणुगोपाल ने मामले में और समय मांगा तो कोर्ट ने कहा कि श्रीमान अटॉर्नी जनरल हम आपको बहुत समय दे चुके हैं, कृपया आप हमें संयम पर भाषण ना दें।

राजस्थान - आया 311 करोड़ का बिजली का बिल

Posted: 12 Jan 2021 01:28 AM PST



राजस्थान के भिवाड़ी जिले में एक चौकाने वाला मामला सामने आया है, जहां बिजली विभाग ने जिले में एक उपभोक्ता के नाम पर करीब 311 करोड़ 41 लाख रुपए की भारी भरकम राशि का बिजली बिल जारी कर दिया। इतनी बड़ी राशि में बिल देखकर लेखा-जोखा विभाग के अधिकारियों के होश उड़ गए। जब बिल की यह कॉपी सोशल मीडिया में वायरल हो गई तो जल्द ही गलती सुधार कर निगम अभियंताओं ने संशोधित बिल जारी कर दिया।  

जानकारी के अनुसार, विद्युत् निगम की लेखा शाखा ने 9 जनवरी को डीजल पावर इंटरनेशनल खुशखेड़ा 80 केवीए डिमांड के बिल की राशि 311 करोड़ 41 लाख रुपए जारी कर दी। जिसकी यूनिट खपत 24,457 है। यह राशि 25 जनवरी तक जमा करनी थी, लेकिन यह बिल उपभोक्ता तक पहुंचने से पहले ही वायरल हो गया।

निगम की लेखा शाखा ने जांच की तो अपनी गलती का एहसास हुआ। बताते चलें कि भिवाड़ी उपखंड में करीब 35 हजार उपभोक्ता को हर महीने 150 से 180 करोड़ रुपए तक के बिजली बिल जारी होते हैं। वही जब एक ही उपभोक्ता को जब 311 करोड़ का बिल जारी हुआ तो सब सन्न रह गए, जबकि बिल में यूनिट की गणना सामान्य तरीके से ही दर्ज थी। 

इस मामले में एक्सईएन एससी महावर ने बताया कि, सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के चलते बिल ज्यादा का बन गया, साथ ही यह बिल उपभोक्ता को नहीं दिया गया था। एआरओ ने बिल जनरेट करने से पहले चेक किया तो गलती पकड़ में आ गई, उसे तुरंत सुधार लिया गया है।

राजनीतिक वंशवाद लोकतंत्र के लिए खतरा - पीएम मोदी

Posted: 11 Jan 2021 11:08 PM PST



स्वामी विवेकानंद की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने देश में मौजूद राजनीतिक वंशवाद पर निशाना साधते हुए उसे लोकतंत्र को कमजोर करने वाला बताया। पीएम मोदी ने देश के युवाओं से अपील की कि वे बिना किसी लोभ के राजनीति में आएं और वंशवाद से निपटें।

कार्यक्रम में लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल मौजूद रहे। स्वामी विवेकानंद की जयंती को हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। पीएम मोदी ने सोमवार को ट्वीट करके स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि दी थी और कहा था कि वह 12 जनवरी को कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय युवा संसद समारोह के कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।

- स्वामी विवेकानंद का जन्मदिन हम सबको आज भी प्रेरणा देता है।

-स्वामी जी ने जो देश को दिया है। वह समय से परे हर पीढ़ी को प्रेरित करने वाला है, रास्ता दिखाने वाला है। आप देखते होंगे कि भारत का शायद ही ऐसा कोई गांव हो, व्यक्ति हो जो स्वामी जी से खुद को जुड़ा महसूस न करता हो। उनसे प्रेरित न होता हो।

-गुलामी के लंबे कालखंड ने भारत को हजारों वर्षों तक भारत को अपनी ताकत से दूर कर दिया था। स्वामी विवेकानंद ने भारत को उसकी इस ताकत का अहसास कराया। राष्ट्रीय चेतना को जागृत किया। आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि उस समय क्रांति के मार्ग से भी और शांति के मार्ग से भी दोनों ही तरह के लोग जो आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे वे कहीं न कहीं स्वामी विवेकानंद से प्रेरित थे। 

-तब यह अध्ययन कराया गया था कि स्वामी विवेकानंद के विचारों में ऐसा क्या है जो सबको प्रभावित करता है।

-मुझे यकीन है कि आप युवा साथी भी इस बात को महसूस करते होंगे। कहीं भी आप विवेकानंद की तस्वीर दिखती होगी तो मन में श्रद्धा का भाव आता होगा, यह जरूर होता होगा।

-स्वामी विवेकानंद ने एक और उपहार दिया। व्यक्तियों और संस्थाओं के निर्माण का। इसकी चर्चा आजकल बहुत कम होती है। हम अध्ययन करेंगे तो पाएंगे कि स्वामी विवेकानंद ने ऐसी संस्थाओं का निर्माण किया जो आज भी व्यक्तियों के निर्माण का काम लगातार कर रही हैं।

-स्वामी जी का मंत्र था अपने आप पर भरोसा करो, लीडरशीप को लेकर उनका मंत्र था सबपर भरोसा करो। वह कहते थे कि नास्तिक वह है जो खुद पर भरोसा नहीं करता और वह नेतृत्व करते समय सब पर भरोसा करते थे।

-लोग स्वामी जी के प्रभाव में आते हैं, संस्थानों का निर्माण करते हैं, फिर उन संस्थानों से ऐसे लोग निकलते हैं जो स्वामी जी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए नए लोगों को जोड़ते चलते हैं।

-आज देश में ऐसा इको सिस्टम तैयार किया जा रहा है, जिसकी तलाश में अकसर हमारे युवा विदेशों का रुख करते हैं। अब देश में ही ऐसी व्यवस्था हमारे युवा साथियों को मिले इसके लिए हम प्रतिबद्ध भी है और प्रयासरत भी हैं। 

-स्वामी जी हमेशा शारीरिक ताकत पर भी बल देते थे और मानसिक ताकत पर भी बल देते थे। इसे कभी भूलना नहीं चाहिए। उनकी प्रेरणा से आज भारतीय युवाओं की शारीरिक मानसिक ताकत पर फोकस किया जा रहा है।

-स्वामी जी ही थे जिन्होंने उस दौर में कहा था कि निडर, साहसी और साफ दिल वाले युवा ही वह नींव है जिसपर राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है। वह युवा शक्ति पर विश्वास करते थे, अब आपको उनके इस विश्वास की कसौटी पर खरा उतरना है।

- साथियों हमें देश की आजादी के लिए मरने का मौका नहीं मिला, लेकिन हमें आजाद देश को आगे बढ़ाने का मौका जरूर मिला है। आने वाले 25-26 साल बहुत महत्वपूर्ण हैं।

-आप जो भी फैसला लीजिए, ये जरूर सोचिए कि इससे देश को क्या हित होगा। हमारे युवाओं को आगे आकर राष्ट्र का भाग्यविधाता बनना चाहिए।

-पहले देश में ये धारणा बन गई थी कि अगर कोई युवक राजनीति की तरफ रुख करता था तो घर वाले कहते थे कि बच्चा बिगड़ रहा है। क्योंकि राजनीति का मतलब ही बन गया था- झगड़ा, फसाद, लूट-खसोट, भ्रष्टाचार! लोग कहते थे कि सब कुछ बदल सकता है लेकिन सियासत नहीं बदल सकती।

- कुछ बदलाव बाकी हैं, और ये बदलाव देश के युवाओं को ही करने हैं। राजनीतिक वंशवाद, देश के सामने ऐसी ही चुनौती है जिसे जड़ से उखाड़ना है। अब केवल सरनेम के सहारे चुनाव जीतने वालों के दिन लदने लगे हैं। लेकिन राजनीति में वंशवाद का ये रोग पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है।

-अभी भी ऐसे लोग हैं, जिनका विचार, जिनका आचार, जिनका लक्ष्य, सबकुछ अपने परिवार की राजनीति और राजनीति में अपने परिवार को बचाने का है। ये राजनीतिक वंशवाद लोकतंत्र में तानाशाही के साथ ही अक्षमता को भी बढ़ावा देता है।

-राजनीतिक वंशवाद, नेशन फर्स्ट के बजाय सिर्फ मैं और मेरा परिवार, इसी भावना को मज़बूत करता है। यह भारत में राजनीतिक और सामाजिक करप्शन का भी एक बहुत बड़ा कारण है।

अखिलेश सरकार ने मुझे 12 बार पूर्वांचल आने से राेका था - ओवैसी

Posted: 11 Jan 2021 10:33 PM PST



यूपी विधानसभा चुनाव में छोटे दलों के साथ गठबंधन की घोषणा कर चुके एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी मंगलवार को पूर्वांचल के दौरे पहुंचे। वाराणसी एयरपोर्ट पर उनसे मिलने के लिए कार्यकर्ताओं में होड़ मच गई। इस दौरान काफी देर तक अफरातफरी का माहौल हो गया। बाद में ओवैसी ने कहा कि यूपी में जब अखिलेश यादव की सरकार थी तो मुझे 12 बार पूर्वांचल आने से रोका गया। इस बार आ गया हूं। अब ओमप्रकाश राजभर के साथ गठबंधन किया है, मैं दोस्ती निभाने आया हूं। हम दोनाें यूपी में टक्कर देंगे। 

बता दें कि पूर्वांचल पर ओवैसी के साथ सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर भी होंगे। दोनों नेता इस दौरान चार जिलों का तूफानी दौरा करेंगे। इस दौरे को यूपी में होने वाले पंचायत चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। ओमप्रकाश राजभर पहले ही पंचायत चुनाव को मजबूती से लड़ने की बात कह चुके हैं। दोनों नेताओं का वाराणसी, जौनपुर, आजमगढ़ और मऊ जाने का कार्यक्रम है। संयोग से मंगलवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी जौनपुर आ रहे हैं। पिछली बार सुभासपा ने भाजपा के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था। ओमप्रकाश राजभर कैबिनेट मंत्री भी बने थे। बाद में कई मुद्दों पर रार के बाद ओमप्रकाश को बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद से सुभासपा पूर्वांचल में अपनी जमीन मजबूत करने में जुटी है। इसी को देखते हुए भागीदारी संकल्प मोर्चा में ओवैसी की पार्टी को जोड़ा गया है। 

यह है ओवैसी का कार्यक्रम : 

ओवैसी सबसे पहले वाराणसी पहुंचे। यहां से जौनपुर जाएंगे। इसके बाद आजमगढ़ और मऊ जिले में कई आयोजनों में हिस्‍सा लेंगे। जौनपुर में जहां जगह जगह पार्टी कार्यकर्ता अपने नेताओं का स्‍वागत करेंगे वहीं दोनों नेता ठहरकर कार्यकर्ताओं को संबोधित भी करेंगे। ओवैसी और ओम प्रकाश राजभर पूरे समय एक साथ मौजूद रहेंगे। दोपहर में भोजन के बाद उनका काफिला सरायमीर होते हुए वापस बाबतपुर एयरपोर्ट निकल जाएगा। जिलाध्यक्ष ने बताया कि पार्टी प्रमुख का स्वागत किया जाएगा। इस दौरान उनसे पार्टी की मजबूती और आगामी चुनाव के मद्देनजर बातचीत भी होगी। ओवैसी के वाराणसी और फिर ओम प्रकाश राजभर के साथ आजमगढ़, मऊ व जौनपुर जिलों में कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें व कुछ सभाएं भी करेंगे। 

उत्तर प्रदेश : सोशल मीडिया पर उड़ा पुलिस का मजाक

Posted: 11 Jan 2021 10:30 PM PST


कोरोना प्रोटोकॉल का पालन न करने पर उठने वाले सवालों से बचने का प्रयास करना पुलिस को उल्टा पड़ गया। गिरफ्तार किए गए अपराधी और उसे पकड़कर खड़े पुलिसकर्मी के चेहरे पर फोटोशॉप से मास्क लगा दिया गया। फिर ट्विटर पर बुरी तरह ट्रोल होने के बाद पुलिस को अपना वह ट्वीट डिलीट करना पड़ा।

यह वाकया है कि गोरखपुर का। हुआ यह कि जिले की पुलिस ने पहले एक फोटो ट्वीट की, जिसमें एक कांस्टेबल गिरफ्तार अभियुक्त को पकड़कर खड़ा है। कोरोना प्रोटोकॉल का ध्यान आने पर पुलिस ने थोड़ी देर बाद उसी फोटो को दोबारा ट्वीट किया, जिसमें दोनों के चेहरे पर फोटोशॉप से मास्क लगा दिया गया। बस इसी के बाद तो ट्विटर पर धमाल मच गया। यूजर्स ने पुलिस को ट्रोल करते हुए तरह-तरह की टिप्पणियां कीं।

एक यूजर ने लिखा-'यह यूपी पुलिस का डिजिटल मास्क है' तो दूसरे ने लिखा-'ये फोटोशॉप करने की जरूरत नहीं थी, आपकी ही सरकार है क्या कर लेते आपका।' इसी तरह एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की-'पिक्स आर्ट एप गजब है।' कुछ लोगों ने पुलिस की फोटो एडिटिंग पर भी सवाल उठाया और कहा कि इससे अच्छा तो हम लोग कर लेते हैं। एक यूजर ने तो यह सलाह भी दे दी कि पुलिस को एक बढ़िया फोटोशॉप करने वाला हायर कर लेना चाहिए।

इस प्रकरण पर जिले के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। हालांकि डीजीपी मुख्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान किसी अभियुक्त को गिरफ्तार करने और उसे कोर्ट में पेश करने के बारे में बाकायदा एक प्रोटोकॉल जारी किया गया है। इसके उल्लंघन की शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाती है।

गौरतलब है कि अक्‍टूबर 2018 में सोशल मीडिया में एनकाउंटर के दौरान का संभल पुलिस का एक वीडियो खूब वायरल हुआ था। उस वीडियो में पिस्टल जाम होने पर एक दरोगा मुंह से ही 'ठांय-ठांय' बोलकर 'एनकाउंटर' करते नजर आ रहे थे। वीडियो पर लोगों ने चुटकी ली लेकिन पुलिस डिपार्टमेंट मुंह से 'ठांय-ठांय' बोलने वाले दरोगा के बचाव में खड़ा रहा। दरोगा ने भी कहा कि वह अपराधियों को संदेश देना चाहते थे कि उन्हें चारों तरफ से घेर लिया गया है।

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