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- आधार कार्ड में कौन सा मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी है लिंक, मिनटों में कैसे पता करें
- 30 बार असफ़लता का मुंह देखा लेकिन हार नहीं मानी और बन गए IPS अफ़सर
- 444 रुपये में जियो ने लॉन्च किया नया प्लान, मिलेगा 122 GB डेटा और अनलिमिटेड वॉयस कॉलिंग
- 12वीं पास के लिए खुशखबरी, कांस्टेबल के 7298 पदों पर निकली भर्ती
- हिमाचल के सरकारी स्कूलों में अगले सप्ताह से शुरू हो सकते हैं ऑनलाइन यूनिट टेस्ट
- हिमाचल: दर्दनाक हादसे ने एक साथ खत्म कर दी परिवार की तीन पीढ़ियां
- भोजन करने से पहले भूलकर भी न करें ये 8 गलतियाँ, माना जाता है अशुभ
- कच्चा पत्ता गोभी खाने वाले सावधान, दिमाग में घुस रहा ये खतरनाक कीड़ा
- पेट में गैस की समस्या लोग भूलकर भी न करें इन 2 चीजों का सेवन, वरना बढ़ जाएगी और परेशानी
- PF का पूरा नाम क्या है ? 99 प्रतिशत लोग नही जानते
- रविवार को छुट्टी क्यों दी जाती है? 99 प्रतिशत लोग नही जानते है
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आधार कार्ड में कौन सा मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी है लिंक, मिनटों में कैसे पता करें Posted: 12 Jan 2021 08:14 PM PST Aadhaar Card हमारे लिए इस समय एक जरुरी दस्तावेज बन गया है। आधार कार्ड के निर्माण के समय वैसे तो हम अपनी पर्सनल जानकारी सही देते हैं लेकिन कई बार ऐसा होता है कि हम अपनी इन पर्सनल डिटेल्स में कुछ बदलाव कर लेते हैं, जैसे अगर हम किराए पर रहते हैं तो हो सकता है कि आपको मकान बदलने के बाद एड्रेस को भी बदलने की जरूरत होती है, अगर आप अपना नाम या शहर बदल लेते हैं तो आपको इसे भी अपडेट करवाने की जरूरत होती है, और सबसे जरुरी है हमारी ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर कई बार हम इस प्रकार की जानकारी को दर्ज करने के बाद भूल ही जाते हैं कि आखिर आपने अपने आधार के साथ किस ईमेल आईडी को दर्ज किया हुआ है, या आपका कौन सा मोबाइल नंबर इसके साथ लिंक है. यह वह जानकारी है जो कभी न कभी समय के साथ बदल ही जाती है। अब अगर ऐसे में आप इस बारे में भूल गए है कि आखिर आपका कौन सा मोबाइल नंबर और कौन सा इमेल आईडी आधार कार्ड के साथ लिंक हैं तो आप बड़ी समस्या से फंस सकते हैं क्योंकि मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर आपके OTP आते हैं जो आपको बाकी जगहों पर भी जरुरी होते हैं। इसी कारण आपके आधार कार्ड के साथ सही मोबाइल नंबर और सही ईमेल आईडी का लिंक होना जरुरी है। अगर ऐसा नहीं है तो आप बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं. कई समस्या आपके सामने आ सकती हैं। अब अगर अभी तक आ इस बारे में नहीं कांटे हैं कि आखिर आपका कौन सा मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी जुड़ा है तो सबसे पहले आपको इस बारे में जानने के लिए अपने आधार कार्ड में इन डिटेल्स को अपडेट करना होगा। इसके लये आपको कुछ स्टेप्स को फॉलो करना होगा, जिनके बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं। आज हम आपको बताने वाले है कि आखिर आप कैसे अपने आधार कार्ड के साथ अपने मोबाइल नंबर को अपडेट कर सकते हैं, इसके साथ ही आप कैसे ईमेल आईडी को भी अपडेट कर सकते हैं। आइये अब ज्यादा देर न करते हुए आपको बताते हैं कि आखिर आप ऐसा कैसे कर सकते हैं। आधार कार्ड में मोबाइल नंबर कैसे करें अपडेट आपको बता देते है कि अगर आप अपने मोबाइल नंबर को जो आपके आधार कार्ड के साथ लिंक के बारे में भूल गए हैं, या अभी तक आपके आधार कार्ड के साथ आपका मोबाइल नंबर लिंक नहीं है तो आपको इसी समय आपके नज़दीक के आधार केंद्र जाना होगा, और यहाँ आपको ऐसा करने के लिए यानी आधार कार्ड में मोबाइल नंबर को अपडेट करने के लिए किसी भी प्रकार के किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं है। इसके लिए UIDAI ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक ट्विट करके जानकारी भी दी है, आप यहाँ इस जानकारी को देख सकते हैं। आधार कार्ड में कैसे अपडेट करें ईमेल आईडी आपको बात देते है कि अगर आप चाहते है कि आपके आधार कार्ड के साथ आपका ईमेल आईडी भी अपडेट होना चाहिए तो आप ऐसा भी कर सकते हैं। इसके लिए भी आपको अपने नजदीकी आधार केंद्र पर जाना होगा. वहां जाने के बाद आप ऐसा कर सकते हैं। यहाँ आपको बता देते हैं कि इसके लिए आपको किसी भी दस्तावेज की जरूरत नहीं है। इसके बारे में भी UIDAI की ओर से एक ट्विट करके जानकारी दी गई है। इस जानकारी को आप यहाँ देख सकते हैं। कैसे जानें आधार के साथ मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी अपडेट का स्टेटस
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30 बार असफ़लता का मुंह देखा लेकिन हार नहीं मानी और बन गए IPS अफ़सर Posted: 12 Jan 2021 08:10 PM PST राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले का एक छोटा सा गांव अजीतपुरा, यहीं के एक अध्यापक माता पिता के पुत्र हैं आदित्य. बचपन इसी गांव की मिट्टी में खेलते हुए बिता. प्रारंभिक शिक्षा भी यहीं के स्कूल से प्राप्त की. यहां वह 8वीं कक्षा तक पढ़े तथा इसके बाद आगे की पढ़ाई इन्होंने भदरा स्थित जिला मुख्यालय स्कूल से पूरी की. 12वीं के समय बहुत कुछ आदित्य के सामने ऐसा आया जो अच्छे से अच्छे विद्यार्थी का भी मनोबल तोड़ देता है. 2009 में राजस्थान बोर्ड से दी गई परीक्षा में उन्हें मात्र 67% अंक प्राप्त हुए. समाज में एक ये सोच बन चुकी है कि इंजीनियरिंग या फिर सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वालों को पहले ही अंकों में तोल दिया जाता है. जितने अंक आदित्य लेकर आए थे इतने में उन्हें तैयारी की सलाह कोई नहीं देता मगर आदित्य किसी की सुनने वाले नहीं थे. उनकी इच्छाशक्ति को ये अंकों की संख्या कमज़ोर ना कर पाई. आदित्य के परिवार के पास कोई खास ज़मीन जायदाद नहीं थी. उन्हें पता था कि उनके आगे बढ़ने का एक मात्र जरिया शिक्षा ही है जिसके दम पर वह अच्छी नौकरी और ज़िंदगी में कामयाबी हासिल कर सकते हैं. शुरुआती दिनों में आदित्य इंजीनियर बनना चाहते थे. उन्होंने कोशिश भी की लेकिन कामयाबी हाथ ना लगी, वे प्रवेश परीक्षा पास ना कर पाए. कहते हैं हर पिता अपनी ज़िंदगी के अधूरे हिस्से को अपने बेटे द्वारा पूरा होते देखना चाहता है. आदित्य के पिता ने भी कभी सिविल सर्विसेज में जाने का सपना देखा था और इसके लिए तैयारी भी की थी लेकिन वह सफल ना हो सके. उनके कुछ मित्र सफल ज़रूर हुए थे और आदित्य उन्हें अपना आदर्श मानते थे. ऐसे में आदित्य के पिता चाहते थे कि जो सपना वह खुद ना पूरा कर सके वो उनका बेटा पूरा करे. आदित्य के पिता ने उन्हें सिविल सर्विसेज की तैयारी करने के लिए प्रेरित किया. उन्हें समझाया कि इन अधिकारियों का क्या रुतबा होता है और समाज के बदलाव का सबसे पहला हक़ इन्हें ही मिलता है. पिता की बातों से प्रेरित हो कर आदित्य ने ये संकल्प लिया कि वह सिविल सर्विसेज की तैयारी करेंगे. उनके इस संकल्प के आगे ना तो उनके अंक आए और ना ही वो असफलता जो उन्हें इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा में मिली थी. 30 बार हुए असफल, मगर हार नहीं मानी वैसे लोग जीत की गाथाएं सुनाते हैं मगर असल में ये गाथा हार की होती है. हर बार की हार आपकी जीत के लिए एक नया रास्ता खोलती है. यह बात सिद्ध की आदित्य ने. 2013 में सिविल सर्विसेज की तैयारी का सपना लिए आदित्य राजस्थान से दिल्ली आ गए और जुट गए अपने सपने को सच करने में. बड़ी बात ये थी कि आदित्य जिन हालातों से गुज़र रहे थे. वहां से निकल कर नया लक्ष्य बनाना और उसकी तरफ बढ़ना आसान नहीं होता. बहुत से लोग टूट जाते हैं और अपने सपनों का त्याग कर कोई छोटी मोटी नौकरी कर लेते हैं. आदित्य 5 साल के दौरान 30 परीक्षाओं में असफल रहे थे. उन्होंने AIEEE, राज्य प्रशासनिक सेवा, बैंकिंग और केंद्रीय विद्यालय संगठन समेत 30 प्रतियोगी परीक्षाओं दीं लेकिन सफलता एक में भी हासिल ना हो सकी. राजस्थान सिविल सेवाओं के लिए भी आदित्य ने प्रयास किए. दो बार इंटरव्यू राउंड तक भी पहुंचे लेकिन असफलता ही हाथ लगी. दरअसल ये असफलताएं एक तरह से उनके लिए अच्छी भी रहीं. अगर वह इनमें सफल हो जाते तो यहां तक ना पहुंच पाते जहां वो आज हैं. मगर खुद को मोटी चमड़ी का बताने वाले आदित्य के पास वाकई में गजब की इच्छाशक्ति थी. उन्होंने ठान लिया था कि उन्हें ज़िंदगी में कुछ बड़ा करना है तो बस उसी में लगे रहे. किसी की नहीं सुनी सिवाए अपने मन के और इनका मन इन्हें सिर्फ़ मेहनत करने के लिए प्रेरित करता रहा. यूपीएससी परीक्षाएं तो अच्छे अच्छों के पसीने निकाल देती है. फिर सोचिए कि ऐसा शख्स जो पहले ही कई प्रवेश परीक्षाओं में असफलता का मुंह देख चुका हो, उसका क्या ही हाल हुआ होगा. लेकिन यहां हाल की परवाह किसे थी. ये शख्स तो सब भूल कर सिर्फ़ तैयारी में जुटा हुआ था. शुरुआती सालों में तैयारी के परिणाम भी आए मगर सफलता ना मिली. आदित्य उन लोगों के लिए भी प्रेरणा हैं जो अंग्रेजी को बहाना बना कर अपनी असफलताओं का ठिकरा इस भाषा के सर मढ़ देते हैं. आदित्य खुद हिंदी मीडियम से पढ़े छात्र हैं लेकिन वे कभी अंग्रेजी से डरे नहीं. अंग्रेजी को बेहतर करने की पहल आदित्य ने समचारपत्रों से की. शुरुआत में इन्हें एक न्यूज़पेपर खत्म करने में 6 घंटे लग जाया करते थे लेकिन धीरे धीरे सब आसान हो गया. आदित्य ने 2014 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी लेकिन ये इतना आसान नहीं था. वह प्रीलिम्स भी क्लियर ना कर पाए. आदित्य ने फिर से अपनी मेहनत बढ़ा दी और अगली बार इसका बहुत अच्छा परिणाम निकला. इस साल उन्होंने पहले प्रीलिम्स तथा उसके बाद मेन्स क्लियर कर लिया लेकिन असफलता ने फिर से साथ नहीं छोड़ा और वे इंटरव्यू में सफल ना हो पाए. यूपीएससी परीक्षाओं में 3 बार हुए आसफल ये साल 2016 था, आदित्य पिछले साल की उपलब्धियों के कारण आत्मविश्वास से भरे हुए थे, लेकिन इस साल यही आत्मविश्वास उनकी यूपीएससी में तीसरी असफलता का कारण बना. इस बार वह मेन्स भी क्लियर ना कर पाए. आदित्य को जल्द ही समझ आ गया कि यहां हर बार नए सिरे से लड़ाई शुरू करनी पड़ती है. 2017 आखिरी साल था आदित्य के लिए इसके बाद उनके लिए सिविल सर्विसेज के दरवाजे बंद होने वाले थे. वह समझ गए थे कि उन्हें अपनी तैयारी का तरीका बदलना होगा. इन असफलताओं के बाद जिस चीज़ ने आदित्य को सबसे ज़्यादा परेशान किया वो था समाजिक दबाव. चार लोगों का समाज हमेशा आदित्य पर नज़र बनाए हुए था. उनकी असफलताओं के बाद लगातार उन्हें यूपीएससी छोड़ कर कुछ और ट्राई करने की सलाह मिलने लगी. कई बार तो आदित्य को भी इस बात पर संदेह होने लगता कि कहीं वो अपना समय तो बर्बाद नहीं कर लेकिन इतना सब होने के बाद भी उन्होंने खुद को टूटने नहीं दिया. आदित्य ने सोशल मीडिया मीडिया अकाउंट बंद कर दिए, लोगों से संपर्क घटा दिया ताकि उनके जानने वाले उन पर दबाव ना बना सकें. आदित्य ने किसी को ये नहीं बाताया कि वह फिर से तैयारी कर रहे हैं. इन सबके बीच एक बात अच्छी थी और वो ये कि आदित्य के माता पिता पूरी तरह से उनके साथ थे. वे हमेशा आदित्य की हिम्मत बढ़ाते रहे. इससे ज़्यादा आदित्य को कुछ चाहिए भी कहां था. समाजिक दबाव को खुद से दूर करते हुए आदित्य जुट गए अपनी मेहनत में. तैयारी के दौरान वह 20 घंटे पढ़ाई किया करते थे. इसके अलावा उन्होंने तैयारी की रणनीति में भी बदलाव किया. पढ़ाई की रूटीन को मजबूत किया, सामान्य ज्ञान पर विशेष ध्यान देना शुरू किया. यूपीएससी जैसी किसी भी परीक्षा में आपके ज्ञान से भी ज़्यादा मायने रखता है समय. आदित्य ने ये बात समझ ली थी तथा वो अब उत्तर देने की टाइमिंग सुधार रहे थे. वह उत्तर लेखन का विशेष तौर से अभ्यास कर रहे थे. इससे उनकी गति में काफ़ी सुधार आया. आखिरकार आदित्य को सफलता मिल ही गई कुल मिला कर आदित्य के लिए उस समय उनकी ज़िंदगी का हर रास्ता यूपीएससी तैयारी की तरफ ही जाता था. 2017 में उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर यूपीएससी का आखिरी दांव खेला और इसके साथ ही उन्हें इतनी बड़ी जीत मिली कि जिसने उनकी पिछली सभी असफलताओं को ढक दिया. ऑल इंडिया 630वीं रैंकिंग के साथ आदित्य यूपीएससी क्लियर कर चुके थे. यूपीएससी क्लियर करने के बाद आदित्य ने आईपीएस को चुना. आदित्य को पंजाब कैडर मिला तथा इस समय वह संगरूर के एएसपी के रूप में पदस्थ हैं. आदित्य पिछले साल दिसंबर में पंजाब आए. वह पंजाब के मौजूदा हालातों में बदलाव लाना चाहते हैं तथा यहां के युवाओं को ड्रग्स की भयानक लत से बाहर लाना चाहते हैं. आदित्य जैसे लोग दुनिया के लिए एक मिसाल हैं. लोग असफलताओं के बाद आत्महत्या तक कर लेते हैं जबकि उन्हें सोचना चाहिए कि हर बार हार एक नया मौका लेकर आती है. आपको बस बिना रुके मेहनत करते रहना है. एक बाद याद रखिए हार जाना बुरा नहीं है लेकिन हार मान लेना बहुत बुरा है. इसीलिए बेशक हारिए मगर हार मत मानिए. |
444 रुपये में जियो ने लॉन्च किया नया प्लान, मिलेगा 122 GB डेटा और अनलिमिटेड वॉयस कॉलिंग Posted: 12 Jan 2021 08:06 PM PST रिलायंस जियो ने ग्राहकों की सुविधा के लिए कम मूल्यों पर कई सारे रिचार्ज प्लान लॉन्च कर रखे हैं. हाल ही में कंपनी ने एक 444 रुपये में 2GB Data प्रतिदिन वाला प्लान लॉन्च किया है. कंपनी का दावा है कि दूसरी टेलीकॉम कंपनियों के मुकाबले जियो का ये वाला प्लान काफी किफायती है. ऐसे में हम आपको इस प्लान के बारे में बता रहे हैं, जो कई सारी खूबियों से लैस है. मिलेगी अनलिमिटेड वॉयस कॉलिंग इस पैक के साथ ग्राहकों को जियो के अलावा अन्य नेटवर्क पर भी अनलिमिटेड वॉयस कॉलिंग की सुविधा मिलेगी. इसके अलावा रोजाना 100 एसएमएस और जियो ऐप्स का सब्सक्रिप्शन भी मुफ्त में मिलता है. इन पैक्स में भी मिलता है रोजाना 2जीबी डेटा 444 रुपये के अलावा जियो के 598 रुपये, 2,599 रुपये, 2,399 रुपये, 599 रुपये, 444 रुपये और 249 रुपये वाले रिचार्ज पैक में भी 2 जीबी डेटा हर दिन मिलता है. 2399 वाला प्लान साल भर की वैलेडिटी का है जिसमें सभी नेटवर्क पर अनलिमिटेड कॉलिंग मिलती है. इसके अलावा इस प्लान में रोज 2 जीबी डाटा के साथ रोज 100 SMS भी मिलते हैं. जियो के पास एक प्लान 2,599 रुपये का भी भी जिसमें पहले वाले प्लान के मुकाबले अतिरिक्त सुविधा के तौर पर 10 जीबी डाटा रोल ओवर और एक साल के लिए Disney+ Hotstar का सब्सक्रिप्शन मिलता है. |
12वीं पास के लिए खुशखबरी, कांस्टेबल के 7298 पदों पर निकली भर्ती Posted: 12 Jan 2021 08:01 PM PST हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) ने कांस्टेबल के पद के लिए आवेदन मांगे हैं. आवेदन करने की शुरुआत मंगलवार से शुरू हो गई है. इच्छुक और योग्य उम्मीदवार 13 मार्च, 2021 को या उससे पहले hssc.gov.in पर भर्ती परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे. भर्ती अभियान 7298 खाली पदों को भरने के लिए आयोजित किया जा रहा है, जिसमें से 5500 पद पुरुष कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) के लिए, 1100 महिला कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) के लिए, और 698 महिला कॉन्स्टेबल के लिए HAP-DURGA-1 के लिए हैं. योग्यता उम्मीदवार जो किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कक्षा 12वीं की परीक्षा या समकक्ष पास कर चुके हैं, वे पद के लिए आवेदन कर सकते हैं. आवेदकों को एक विषय के रूप में हिंदी या संस्कृत के साथ कक्षा 10वीं उत्तीर्ण होना चाहिए. उम्र सीमा 18-25 वर्ष (महीने के पहले दिन जिसमें कांस्टेबल की भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं. |
हिमाचल के सरकारी स्कूलों में अगले सप्ताह से शुरू हो सकते हैं ऑनलाइन यूनिट टेस्ट Posted: 12 Jan 2021 07:56 PM PST हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में यूनिट टेस्ट लेने की प्रक्रिया अगले सप्ताह से शुरू हो सकती है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ छह जनवरी को हुए विद्यार्थियों के ऑनलाइन संवाद के बाद टेस्ट लेने की योजना बनाने में शिक्षा विभाग जुट गया है। सप्ताह भर व्हाट्सएप के माध्यम से करवाई गई पढ़ाई के आधार पर टेस्ट लेने को लेकर योजना तैयार की जा रही है। व्हाट्सएप से पढ़ाई के लिए शिक्षण सामग्री तैयार करने वाले शिक्षकों के समूह से इस बाबत विस्तृत योजना उच्च शिक्षा निदेशालय ने मांगी है। मुख्यमंत्री के साथ हुई संवाद के दौरान अधिकांश विद्यार्थियों ने सप्ताह भर हुई पढ़ाई का टेस्ट लेने की मांग की थी। विद्यार्थियों ने कहा था कि साप्ताहिक क्विज लेकर हालांकि यह प्रक्रिया चल रही है लेकिन अगर यूनिट टेस्ट होना शुरू हो जाएं तो विद्यार्थियों को इससे लाभ होगा। बीते दिनों शिक्षा सचिव की ओर से उच्च और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक और समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक को इस संदर्भ में लिखित में भी अवगत करवा दिया है। सरकार के निर्देशानुसार शिक्षा निदेशालय ने यूनिट टेस्ट लेने के लिए योजना बनाना शुरू कर दिया है। संभावित है कि इस सप्ताह के अंत तक टेस्ट लेने को लेकर तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी। |
हिमाचल: दर्दनाक हादसे ने एक साथ खत्म कर दी परिवार की तीन पीढ़ियां Posted: 12 Jan 2021 07:51 PM PST हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के भलेई-नलेड़ मार्ग पर कुट्टा के समीप हुए हादसे में दादा और पोते के बाद अब बेटे ने भी दम तोड़ दिया। मृतक की पहचान विपन कुमार पुत्र जगदीश कुमार के रूप में हुई। यह हादसा सोमवार को दोपहर बाद हुआ था। 300 मीटर खाई में गिरने से गाड़ी परखच्चे उड़ गए थे। हादसे के दौरान दादा और पोते की मौके पर ही मौत हो गई। मंगलवार को तीनों शवों का पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार गाड़ी में सवार होकर तीनों सपाहण से भलेई की तरफ आ रहे थे। इसी दौरान नलेड़ के कुट्टा मोड़ के समीप गाड़ी हादसे का शिकार हो गई। इससे पहले विपन गाड़ी को नियंत्रित करता गाड़ी सड़क से करीब 300 मीटर खाई में जा गिरी। गाड़ी गिरने की आवाज सुन ग्रामीण मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। ग्रामीणों के सहयोग से घायलों को उपचार के लिए चंबा मेडिकल कॉलेज पहुंचाया। जहां जगदीश चंद और लक्षय को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। जबकि विपन कुमार को प्राथमिक उपचार के बाद भर्ती कर लिया। लेकिन उपचार के दौरान ही विपन कुमार की मौत हो गई। एसपी चंबा अरुल कुमार ने बताया कि हादसे में तीसरे घायल की भी मौत हो गई है। |
भोजन करने से पहले भूलकर भी न करें ये 8 गलतियाँ, माना जाता है अशुभ Posted: 12 Jan 2021 07:45 PM PST पूर्व और उत्तर दिशा की ओर मुंह करके भोजन करना चाहिए। इस उपाय से हमारे शरीर को भोजन से अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है। दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके भोजन करना अशुभ माना गया है। पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके भोजन करने से रोगों की वृद्धि होती है। कभी भी बिस्तर पर बैठकर भोजन नहीं करना चाहिए। खाने की थाली को हाथ में लेकर भोजन नहीं करना चाहिए। भोजन खड़े होकर नहीं, बल्कि बैठकर ही करना चाहिए। थाली को किसी बाजोट या लकड़ी की पाटे पर रखकर भोजन करना चाहिए। टूटे-फूटे बर्तन में भोजन नहीं करना चाहिए। व्यक्ति को स्नान करके और पूरी तरह से पवित्र होकर ही खाना बनाना चाहिए। भोजन करने से पहले अन्न देवता, अन्नपूर्णा माता का स्मरण करना चाहिए। कभी-भी परोसे हुए खाने की बुराई नहीं करना चाहिए। इससे अन्न का अपमान होता है। खाना खाने से पहले पांच अंगों (दोनों हाथ, दोनों पैर और मुंह) को अच्छी तरह से धो लेना चाहिए। मान्यता है कि भीगे हुए पैरों के साथ भोजन करना बहुत शुभ होता है। इससे स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होते हैं और उम्र बढ़ती है। |
कच्चा पत्ता गोभी खाने वाले सावधान, दिमाग में घुस रहा ये खतरनाक कीड़ा Posted: 12 Jan 2021 07:43 PM PST हम सभी जानते हैं कि मिट्टी (खेतों) में विभिन्न परजीवियों जैसे एस्केरिस, हुकवार्म, टेपवार्म,राउंडवार्म आदि के अति सूक्ष्म अंडे होते हैं जो फसलों में भी आ जातें हैं । पत्ता गोभी में मुख्य रूप से टेववार्म नामक परजीवी के अंडे होते हैं । कच्चा उपयोग करनें पर अथवा ठीक प्रकार से नहीं पकाने पर ये अंडे मनुष्य के आमाशय में पहुँच जाते हैं । वहाँ HCL के संपर्क में आने पर इनका बाहरी कठोर आवरण गल जाता है। फिर पाचक रसों से अप्रभावित ये अंडे बड़ी आँत में पहुँचते हैं और आँत की म्यूकोसा से चिपक कर छोटे छोटे वार्म के रूप में बड़े होने लगते हैं । ये वार्म हमारे भोजन से ही पोषण प्राप्त करतें हैं । कुछ सूक्ष्म वार्म (कीड़े) आँतों की म्यूकोसा को भेद कर मुख्य रक्त धारा में पहुँच जाते हैं । जहाँ ये रक्त के साथ blood brain barrier को तोड़ कर दिमाग में भी पहुँच जाते हैं । यह एक चिंता जनक स्थिति होती है क्योंकि ये महीन कीड़े विभिन्न तंत्रिका विकार जन्य रोगों का कारण बनते हैं जैसे फिट्स, मिरगी का दौरा, दिमाग में सूजन, सिरदर्द, यहाँ तक कि लकवा, मेनिन्जाइटस, सब-ड्यूरल इंफेक्सन आदि । बचाव- सब्जियों को अच्छी तरह से धो लें । सब्जियों को भलीभांति पकाए । हाथों को भी भोजन पूर्व साबुन से धो लें मिट्टी में नंगे पैर न घूमें हर 6 माह पर डीवार्म की दवाई अवश्य लें । |
पेट में गैस की समस्या लोग भूलकर भी न करें इन 2 चीजों का सेवन, वरना बढ़ जाएगी और परेशानी Posted: 12 Jan 2021 07:40 PM PST पेट में गैस की समस्या आजकल अधिकतर लोगों के लिए आम समस्या बन गई है। पेट में गैस बनने से अधिकतर लोग परेशान रहते हैं। क्योंकि कई बार पेट में गैस बनने से भयंकर दर्द भी होने लगता है। और व्यक्ति कोई भी काम ठीक से नहीं कर पाता है. पेट में गैस की समस्या का मुख्य कारण आजकल बाहर का फास्ट फूड और जंक फूड है। इससे पेट में भयंकर गैस बनती है। अगर आप भी पेट की गैस से परेशान हैं तो इससे छुटकारा पाने के लिए आपको दो चीजों का सेवन करना बंद करना पड़ेगा। आइए जान लेते हैं। क्या आपके पेट में भी बनती है गैस, तो हमेशा के लिए त्याग दे इन 2 चीजों का सेवन। अगर आपके पेट में गैस बनती है तो रात को सोते समय एक चम्मच अजवाइन में एक चुटकी काला नमक मिलाकर अच्छी तरह चबाकर खाएं। और ऊपर से एक गिलास गर्म पानी पिएं। इससे पेट की गैस बिल्कुल साफ हो जाएगी। भूलकर भी न करें इन 2 चीजों का सेवन: मसालेदार भोजन: अगर आप पेट में गैस की समस्या से परेशान हैं तो ज्यादा तेल मसाले से बनी चीजों का सेवन करना बिल्कुल बंद कर दे। क्योंकि ज्यादा तेल मसाले वाली चीजें खाने से पेट की गैस ज्यादा गंभीर हो जाती है। इसलिए ऐसी चीजों का सेवन करना आज से ही छोड़ दें। फास्ट फूड और जंक फूड: आजकल अधिकतर लोग बाजार का फास्ट फूड और जंक फूड खाना पसंद करते हैं। जो खाने में स्वादिष्ट लगता है। लेकिन हमारी सेहत के लिए बहुत हानिकारक होता है। फास्ट फूड और जंक फूड में बहुत ज्यादा तेल मसाले इस्तेमाल किए जाते हैं। जिससे आपके पेट की गैस कई गुना बढ़ सकती है। इसलिए आज से ही फास्ट फूड का सेवन करना बंद कर दें। |
PF का पूरा नाम क्या है ? 99 प्रतिशत लोग नही जानते Posted: 12 Jan 2021 07:33 PM PST 1). 1 बीघा में कितने गज होते है ? उत्तर : 1 बीघा में 1600 गज होते है। 2). दक्षिण भारत की सबसे ऊँची चोटी कौन सी है ? उत्तर : अन्नाईमुडी 3). सहरिया जनजाति किस राज्य में पाई जाती है ? उत्तर : राजस्थान में 4). सीसी साम्राज्यवाद का जनक किसे माना जाता है ? उत्तर : सेंट साइमन को 5). ICICI की फुल फॉर्म क्या होती है ? उत्तर : Industrial Credit and Investment Corporation of India. 6). अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कब मनाया जाता है ? उत्तर : 21 जून को 7). स्थाई शांति हेतु सिद्धांत किसने दिया था ? उत्तर : ट्राटस्की ने 8). PF का पूरा नाम क्या है ? उत्तर : Provident Fund 9). ताजमहल किसकी याद में बनवाया गया था ? उत्तर : मुमताज की याद में 10). भारतीय लोक प्रशासन संस्थान की स्थापना कब हुई थी ? उत्तर : मार्च, 1954 में 11). बकरी को हिन्दी में क्या कहते है ? उत्तर : छेलई 12). भारतीय लोक प्रशासन संस्थान की स्थापना कब हुई थी ? उत्तर : मार्च 1954 में 13). बांग्लादेश में स्वतंत्रता दिवस कब मनाया जाता है ? उत्तर : 16 दिसम्बर, 1971 में 14). विटामिन की खोज किसने की थी ? उत्तर : फंक ने 15). किस देश में सबसे ज्यादा फिल्में बनाई जाती है ? उत्तर : भारत देश में सबसे ज्यादा फिल्म बनाई जाती है। 16). भारत का प्रथम कम्प्यूटरीकृत डाकघर कहाँ है ? उत्तर : नई दिल्ली में 17). चार्ल्स प्रथम को फाँसी कब दी गई ? उत्तर : 1649 में 18). रविवार को छुट्टी क्यों दी जाती है ? उत्तर : आजादी से पहले जब अंग्रेज भारत पर राज किया करते थे तब मजदूरों को हफ्ते के सातों दिन काम करना पड़ता था ऐसे में नेता नारायण मेघाजी लोखंडे ने अंग्रेजों से एक दिन की छुट्टी की मांग की अंग्रेजों ने उनकी बात स्वीकार कर ली और 10 जून 1980 को पहली बार रविवार को छुट्टी दी गयी 19). उत्तर प्रदेश में उर्दू को द्वितीय राजभाषा कब घोषित किया गया था ? उत्तर : 1989 में 20). नादिरशाह कहाँ का शासक था ? उत्तर : ईरान का |
रविवार को छुट्टी क्यों दी जाती है? 99 प्रतिशत लोग नही जानते है Posted: 12 Jan 2021 07:29 PM PST 1. कौन-सी चीज लड़की खाती भी है और पहनती भी है? जवाब - (लौंग) को क्योंकि लौंग नामक चीज को लड़की खाती है और लौंग नामक गहने को लड़की पहनती भी है। 2. लड़कियों की जींस में चैन क्यों लगे होते हैं ? जवाब - लड़कियों की जींस ओरिजिनल डेनिम की बनी होती हैं जिसके कारण वह बहुत लचीली होती हैं| लड़कियों को जींस पहनने और उतारने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो, इसीलिए लड़कियों की जींस में चैन दिया जाता हैं| 3. बताइए संसार का सबसे बड़ा चोर कौन है ? जवाब - आंद्रे स्टैंडर 4. भारत का पहला विमानन विश्वविद्यालय कहाँ पर खोला गया है? जवाब - भारत का पहला विमानन विश्वविद्यालय नई दिल्ली में खोला गया। 5. बताइये रविवार को छुट्टी किस लिए दिया जाता है ? जवाब - 10 जून 1890 को सबसे पहले रविवार को छुट्टी के रूप में स्वीकार हुआ था। अंग्रेजी हुकूमत में मजदूरों को सप्ताह भर में लगातार 7 दिनों तक काम करना पड़ता था। इससे उस वक़्त के मजदूरों के नेता नारायण मेघाजी लोखंडे ने सप्ताह में 1 दिन छुट्टी की मांग कि पर अंग्रेजों ने उनके प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया। लगातार 7 सालों की लड़ाई के बाद उनके प्रस्ताव को अंग्रेजों ने मान लिया और सप्ताह के आखिरी दिन यानी की रविवार को मजदूरों के लिए छुट्टी का दिन रखा गया और उसी समय से रविवार के दिन छुट्टी दी जाती है। 6. भारत की सबसे महंगी फिल्म कौन सी है ? जवाब - भारत की सबसे महंगी फिल्म रोबोट 2 है जिसका बजट 4 सौ 50 करोड़ रूपये है| ये भारत की ही नहीं बल्कि पूरे एशिया की सबसे महंगी फिल्म है| |
आज लोहड़ी के दिन हनुमान जी इन 4 राशि के लोगों को कर सकते हैं मालामाल Posted: 12 Jan 2021 07:26 PM PST आज लोहड़ी के दिन हनुमान जी इन 4 राशि के लोगों को कर सकते हैं मालामाल: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आज इन राशि के लोगों की नौकरी में पदोन्नति के योग बने हुए हैं। आपका खोया हुआ प्यार मिल सकता है। प्यार के मामले में आप बहुत लकी रहेंगे। प्रेम संबंधों के लिए अच्छा समय है। हमेशा कुछ अलग करने की आदत आपको सफलता निश्चित तौर पर दिलाएगी। बचत और निवेश पर ध्यान देंगे।आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। नए वस्त्र और आभूषणों पर धन खर्च संभव है। दोपहर के बाद आपका दिन मध्यम रहेगा। जल्दबाजी में कोई निर्णय ना लें। थोड़ी समस्या हो सकती है। विद्यार्थी वर्ग के लिए समय अनुकूल है। नौकरी पेशा व्यक्तियों की पदोन्नति हो सकती है। लाभ का प्रतिशत बेहतर बना रहेगा। सौदेबाजी में सफलता मिलेगी। अपनों का साथ उत्साह बढ़ाएगा। रहन-सहन आकर्षक रहेगा। मेष, मिथुन, सिंह, कन्या इन 5 राशि के जातक मालामाल हो सकते हैं |
लोहड़ी की हार्दिक शुभकामनाएं , जानें-शुभ मुहूर्त और पूजा विधि Posted: 12 Jan 2021 07:21 PM PST देशभर में खासतौर पर उत्तर भारत में लोहड़ी मनाई जा रही है. वैसे इस त्यौहार की सबसे अधिक धूम पंजाब और हरियाणा में देखने को मिलती है. नए साल की शुरुआत के बाद आज देशभर में पहला त्यौहार लोहड़ी मनाया जा रहा है. लोहड़ी खासतौर पर उत्तर भारत में मनाया जाने वाला त्यौहार है. हर साल मकर संक्रांति से पहले वाले दिन लोहड़ी मनाई जाती है. वैसे इस त्यौहार की सबसे अधिक धूम पंजाब और हरियाणा में देखने को मिलती है. इस दिन किसान आग जलाकर नाचते गाते हैं और अग्नि को भी फसल से निकले दाने भेंट किए जाते हैं. अग्नि प्रज्जवलन का शुभ मुहूर्तइस दिन पौष अमावस को प्रातः 10.30 तक स्नान-दान एवं पितृ तर्पण का विशेष महातम्य होगा। बुधवार की सायंकाल 6 बजे लकड़ियां, समिधा, रेवड़ियां, तिल आदि सहित अग्नि प्रदीप्त करके अग्नि पूजन के रुप में लोहड़ी का पर्व मनाएं रात्रि 11 बजकर 42 मिनट तक। संपूर्ण भारत में लोहड़ी का पर्व धार्मिक आस्था, ऋतु परिवर्तन, कृषि उत्पादन, सामाजिक औचित्य से जुड़ा है। पंजाब में यह कृषि में रबी फसल से संबंधित है, मौसम परिवर्तन का सूचक तथा आपसी सौहार्द्र का परिचायक है। सायंकाल लोहड़ी जलाने का अर्थ है कि अगले दिन सूर्य का मकर राशि में प्रवेश पर उसका स्वागत करना। सामूहिक रुप से आग जलाकर सर्दी भगाना और मूंगफली , तिल, गज्जक , रेवड़ी खाकर षरीर को सर्दी के मौसम में अधिक समर्थ बनाना ही लोहड़ी मनाने का उद्देश्य है। आधुनिक समाज में लोहड़ी उन परिवारों को सड़क पर आने को मजबूर करती है जिनके दर्शन पूरे वर्ष नहीं होते। रेवड़ी मूंगफली का आदान प्रदान किया जाता है। इस तरह सामाजिक मेल जोल में इस त्योहार का महत्वपूर्ण योगदान है। इसके अलावा कृषक समाज में नव वर्ष भी आरंभ हो रहा है। परिवार में गत वर्ष नए शिशु के आगमन या विवाह के बाद पहली लोहड़ी पर जश्न मनाने का भी यह अवसर है। दुल्ला भटटी की सांस्कृतिक धरोहर को संजो रखने का मौका है। बढ़ते हुए अश्लील गीतों के युग में 'संुदरिए मुंदरिए हो ' जैसा लोक गीत सुनना बचपन की यादें ताजा करने का समय लें। आयुर्वेद के दृष्टिकोण से जब तिल युक्त आग जलती है, वातावरण में बहुत सा संक्रमण समाप्त हो जाता है और परिक्रमा करने से शरीर में गति आती है । गावों मे आज भी लोहड़ी के समय सरसों का साग, मक्की की रोटी अतिथियों को परोस कर उनका स्वागत किया जाता है। किंवदंतियों के अनुसार लोहड़ी की उत्पत्ति दुल्ला भट्टी से संबंधित है। जिसे पंजाब के ष्रॉबिन हुडष् के रूप में जाना जाता है। वह मुगल शासन के दौरान पंजाब का सबसे बड़ा मुस्लिम डाकू था। वह अमीर से लूट गया और इसे गरीबों के बीच वितरित किया। उन्होंने कई हिंदू पंजाबी लड़कियों को भी बचाया जिन्हें जबरन बाजार में बेचने के लिए लिया जा रहा था। हिंदू अनुष्ठानों के अनुसार और उन्हें दहेज प्रदान किया लाहौर में उनके सार्वजनिक निष्पादन के बाद अपने उद्धारकर्ता की याद में लड़कियों ने गाने गाए और बोनफायर के आसपास नृत्य किया। यह उस दिन से पंजाब की परंपरा थी और हर साल पंजाब में लोहड़ीके रूप में गर्व से मनाया जाता था। तो हर लोहड़ी गीतों में दुल्ला भट्टी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना है। |
सफलता की कुंजी: जीवन में इन कामों को करने से मिलती है लक्ष्मी जी की कृपा, हर जगह मिलता है सम्मान Posted: 12 Jan 2021 07:16 PM PST चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि धन की देवी लक्ष्मी उसी व्यक्ति को अपना आर्शीवाद देती हैं, जो अच्छे गुणों को अपनाता है. अच्छे गुणों से युक्त व्यक्ति को जीवन में कभी धन की कमी नहीं रहती है. गीता के उपदेश में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को बताता है कि जो व्यक्ति कर्मशील होता है उसके जीवन में सुख, समृद्धि और शांत हमेशा बनी रहती है. आज के दौर में हर व्यक्ति की इच्छा धनवान बनने की है. धन से सभी प्रकार के कष्टों को दूर करने में मदद मिलती है. क्योंकि भौतिक जीवन में धन एक प्रमुख साधन है,धन आने पर सुख सुविधाओं में वृद्धि होती है. धन की कमी जीवन में न रहे, इसके लिए इन बातों को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए- कठोर परिश्रम से प्रसन्न होती हैं लक्ष्मी जी चाणक्य ने लक्ष्मी जी को धन की देवी माना है. ऐसी मान्यता है कि जो लोग आलस से दूर रहते हैं और लक्ष्य को पाने के लिए कठोर परिश्रम करते हैं, उनसे लक्ष्मी जी प्रसन्न रहती है और अपना आर्शीवाद प्रदान करती हैं. इसलिए कठोर परिश्रम करने से कभी नहीं घबराना चाहिए. जो लोग परिश्रम करने से बचते हैं, उन्हें लक्ष्मी जी का आर्शीवाद कभी प्राप्त नहीं होता है. लालच कभी न करें लक्ष्मी जी उन लोगों को कभी अपना आर्शीवाद नहीं देती हैं जो लालच से घिरे रहते हैं. ऐसे लोगों का साथ लक्ष्मी जी बहुत जल्द छोड़ देती हैं. धर्मग्रंथों में लालच को एक बुरी आदत माना गया है. लालची व्यक्ति कभी प्रसन्न नहीं रहता है, हमेशा दूसरों की प्रगति से जलता रहता है. इसलिए इस आदत से हमेशा दूर रहें. जरूरतमंदों की मदद करो सफलता की कुंजी कहती है कि धन से संपंन व्यक्ति को लोक कल्याण के कार्यों में रूचि लेनी चाहिए. जो लोग धन से पूर्ण होने के बाद जरूरतमंदों की मदद नहीं करते हैं और धन को अपने सुखों के लिए प्रयोग करते हैं, ऐसे लोगों को साथ लक्ष्मी जी बहुत जल्द छोड़ देती हैं. धन से पूर्ण व्यक्ति को लोगों की मदद के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए. |
ये हैं दान के पांच प्रमुख प्रकार, समाजोत्थान में है बड़ा योगदान Posted: 12 Jan 2021 07:14 PM PST आज के दौर में धन दान को ही महत्व दिया जाता है. सनातन धर्म में पांच प्रकार के दान वर्णित हैं. विद्या, भूमि, कन्या, गौ और अन्न दान सदैव योग्य को ही किया जाना चाहिए. विद्या दान गुरु वरिष्ठ सलाहकार योग्य और जरूरतमंद को प्रदान करता है. विद्या से गुण बढ़ते हैं. विनय विवेक आते हैं. समाज और विश्व का कल्याण होता है. भारतीय संस्कृति में सदियों से गुरु-शिष्य परंपरा में विद्या दान उत्तरोत्तर बढ़ा है. भूमि दान पुरातन काल में राजाओं द्वारा योग्य और श्रेष्ठ लोगों को किया जाता था. आज भी इस दान का महत्व है. विभिन्न आश्रम, विद्यालय, भवन इत्यादि इस में आते हैं. अब सरकारें इस दान को विभिन्न जन कल्याणक योजनाओं के रूप में चलाती हैं. व्यक्ति स्तर पर भूमि दान श्रेष्ठ कार्याें जैसे धर्मशाला प्याउू गौशाला निर्माण कर सकते हैं. गौदान पशुधन का दान है. इसे चल संपत्ति अर्थात् मुद्रा दान भी स्वीकारा जा सकता है. सनातन संस्कृति में गौ दान को विशेष महत्व दिया है. भगवान राम में असंख्य गायों का दान अश्वमेध यज्ञ में किया था. वर्तमान में धन दान, वाहन सेवा, पशुधन एवं अन्य सेवाओं का दान इसके अंतर्गत समाहिज है. अन्न दान भोजन की महत्ता का परिचायक है. सभी वर्गों में यह प्रचलित है. प्राचीन काल से समस्त खाद्य सामग्रियां इसमें समाहित हैं. योग्य लोगों के अतिरिक्त भिक्षावृत्ति पर जीवित लोगों को यह दान किया जाता है. एक मात्र यही दान है जो भिक्षुक को देना मान्य है. कन्या दान पाणिग्रहण संस्कार है. धार्मिक सामाजिक पैतृक एवं मातृ परंपराओं के सुचारू संचालन के लिए कन्या का पिता योग्य वर की तलाश करता है. कन्या को उसे सौंपने का संकल्प ले वह दान को पूर्ण करता है. दान सनातन परंपरा में सर्वाेत्तम माना गया है. |
आज देशभर में मनाई जा रही लोहड़ी, जानें इस दिन क्यों सुनी जाती है दुल्ला भट्टी की कहानी Posted: 12 Jan 2021 07:11 PM PST नए साल की शुरुआत के बाद आज देशभर में पहला त्यौहार लोहड़ी मनाया जा रहा है. लोहड़ी खासतौर पर उत्तर भारत में मनाया जाने वाला त्यौहार है. हर साल मकर संक्रांति से पहले वाले दिन लोहड़ी मनाई जाती है. वैसे इस त्यौहार की सबसे अधिक धूम पंजाब और हरियाणा में देखने को मिलती है. इस दिन किसान आग जलाकर नाचते गाते हैं और अग्नि को भी फसल से निकले दाने भेंट किए जाते हैं. लोहड़ी के त्योहार की परंपरा पारंपरिक तौर पर लोहड़ी फसल की बुआई और उसकी कटाई से जुड़ा एक विशेष त्यौहार है. इस अवसर पर पंजाब में नई फसल की पूजा करने की परंपरा है. इस दिन चौराहों पर लोहड़ी जलाई जाती है. इस दिन पुरुष आग के पास भांगड़ा करते हैं, वहीं महिलाएं गिद्दा करती हैं. इस दिन सभी रिश्तेदार एक साथ मिलकर डांस करते हुए बहुत धूम-धाम से लोहड़ी का जश्न मनाते हैं. इस दिन तिल, गुड़, गजक, रेवड़ी और मूंगफली का भी खास महत्व होता है. कई जगहों पर लोहड़ी को तिलोड़ी भी कहा जाता है. क्यों सुनते हैं दुल्ला भट्टी की कहानी? लोहड़ी के दिन अलाव जलाकर उसके इर्द-गिर्द डांस किया जाता है. इसके साथ ही इस दिन आग के पास घेरा बनाकर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनी जाती है. लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनने का खास महत्व होता है. मान्यता है कि मुगल काल में अकबर के समय में दुल्ला भट्टी नाम का एक शख्स पंजाब में रहता था. उस समय कुछ अमीर व्यापारी सामान की जगह शहर की लड़कियों को बेचा करते थे, तब दुल्ला भट्टी ने उन लड़कियों को बचाकर उनकी शादी करवाई थी. कहते हैं तभी से हर साल लोहड़ी के पर्व पर दुल्ला भट्टी की याद में उनकी कहानी सुनाने की पंरापरा चली आ रही है. न्यूली वेड कपल के लिए खास लोहड़ी का पर्व न्यूली वेड कपल के लिए तो और भी ज्यादा खास होता है. जिन महिलाओं की हाल-फिलहाल शादी हुई है, लोहड़ी की रात वह एक बार फिर दुल्हन की तरह सजती-संवरती हैं. इसके बाद परिवार सहित लोहड़ी के पर्व में शामिल होती हैं और लोहड़ी की परिक्रमा करती हैं. अंतत: खुशहाल जीवन के लिए बड़े-बुजुर्गों से आशीर्वाद प्राप्त करती हैं. |
मैच जिताकर सबसे ज्यादा बार नाबाद लौटने वाले 5 बल्लेबाज़, NO.1 है बेस्ट फिनिशर Posted: 12 Jan 2021 07:03 PM PST हम आपके लिए हमेशा ऐसी ही जबरदस्त खबरें लाते रहते हैं। दोस्तों आज के इस लेख में हम आप लोगों से बात करने जा रहे हैं। वनडे में मैच जीता lकर सबसे ज्यादा बार नाबाद लौटने वाले विश्व के 5 बल्लेबाज के बारे में। आइए जानते हैं.- 5. विराट कोहली इंडियन क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली जिन्होंने 58 वनडे पारियों में लक्ष्य का पीछा करते हुए। मैच जीता कर वापस लौटे हैं। जिस दौरान विराट ने 5388 रन बनाए हैं और इस दौरान विराट इस बार नाबाद लौटे हैं। और इस सूची में वह पांचवें पायदान पर आते हैं। 4. रिकी पोंटिंग ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज रिकी पोंटिंग 104 वनडे पारियों में लक्ष्य का पीछा करते हुए मैच जिताये. जिस दौरान पोंटिंग में 4181 रन बनाए है व ये 31 बार नाबाद लौटे है. और रिकी पोंटिंग इस सूची में चौथे पायदान पर आते हैं। 3. इंजमाम उल हक पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व। महान बल्लेबाज, इमाम-उल-हकने 76 जीते हुए वनडे में 2778 रन बनाए है जिस दौरान इंजमाम में 32 बार नाबाद लौटे है. और इमाम इस सूची में तीसरे पायदान पर आते हैं। 2. जोंटी रोड्स इस लिस्ट में दूसरे बल्लेबाज़ है साउथ अफ्रीका के बेहतरीन फील्डर जोंटी रोडस. जिन्होंने 57 पारियों में लक्ष्य का पीछा करते हुए 1490 रन बनाए है. जिस दौरान रोडस 33 बार मैच जिताकर नाबाद लौटे है. 1. महेंद्र सिंह धोनी और वनडे में मैच जिताकर सबसे ज्यादा नाबाद लौटने वाले बल्लेबाज़ है भारत के एम एस धोनी. जिनकी मौजूदगी में भारत ने लक्ष्य के पीछा करते हुए 116 मैच जीते है. जिस दौरान धोनी ने 75 पारियों में 2876 रन बनाए है. धोनी वनडे में लक्ष्य का पीछा करते हुए 47 बार मैच जिताकर नाबाद लौटे है. |
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