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Wednesday, January 13, 2021

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पहले दिया 251 रुपए में स्मार्ट फोन का झांसा अब कर गया 200 करोड़ का काजू-किशमिश घोटाला

Posted: 13 Jan 2021 06:56 AM PST

आज से करीब पांच साल पहले की बात है सितंबर का महीना था 2015 की नई नवेली कंपनी रिंगिंग बेल कुछ ही महीने में पूरे भारत में चर्चा का विषय बन गई। 18 फरवरी, 2016 को एक वए स्मार्टफोन की घोषणा की। वैसे कोई ऐसी खास फीचर नहीं थी जैसा कि आई-फोन या सैमसंग के हर वर्जन का इंतजार करते हैं। लेकिन इस फोन की खास बात थी इसकी कीमत। मात्र 251 रुपये। वो भी 3 जी स्मार्टफोन था। फोन का नाम था फ्रीडम 251, लोगों ने इसे हाथों-हाथ लिया और तीस हजार के लगभग स्मार्टफोन की बुकिंग हो गई। बाद में पता चला कि ये सारा कंपनी के फाउंडर मोहित गोयल का बनाया फर्जीवाड़ा था। 251 रुपये में लोगों को स्मार्ट फोन का झांसा देने वाले मोहित गोयल ने अब करोड़ों का काजू-किशमिश घोटाला कर दिया।

मोहित गोयल नेदुबई ड्राई फ्रूट्सनाम से एककंपनी बनाई औरलोगों को लूटनेमें लग गया।नोएडा पुलिस नेइस फर्जी कंपनीका भंडाफोड़ करतेहुए 2 लोगों मोहितगोयल और ओमप्रकाशजांगिड़ को गिरफ्तारकिया। इनके पाससे पुलिस को2 लक्जरी कार, 3 मोबाइल और60 किलो ड्राई फ्रूट केसैंपल बरामद हुए।पुलिस के अनुसारशुरुआत में येलोग देश केतमाम हिस्सों सेट्रेडर्स से ड्राईफ्रूट्स को बाजारसे ऊंचे दामपर खरीदते थेऔर समय सेभुगतान कर उनकाभरोसा हासिल करतेथे। इसके बादवह बड़े ऑर्डरदेने लगता और40 प्रतिशत का भुगतानतो बतौर एडवांसपेमेंट कर दियाजाता। बाकी कीशेष रकम केलिए कहा जाताकि चेक केजरिये किया जाएगा।लेकिन यहीं सेशुरू होता थाअसली खेल। चेकबैंक पहुंचकर बाउंसहो जाता था।इस तरह ड्राईफ्रूट्स का पूराऑर्डर तो लेलेते लेकिन भुगताननहीं करते। फिरबाजार में इनड्राई फ्रूट्स कोबेचकर पैसा कमातेथे।

नोएडा पुलिस के पासकरीब 40 शिकायतें मिली। जिसकेबाद नोएडा पुलिसने कंपनी केखिलाफ एक्शन लिया।ये शिकायतें उत्तरप्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश और अन्यराज्यों के ट्रेडर्सकी ओर सेकी गई थीं।जिसके बाद एक्शनमें आई पुलिसऔर मोहित गोयलऔर उसके सहयोगीओमप्रकाश जानगिद को गिरफ्तारकर लिया। गिरफ्तारआरोपियों के पाससे कार, 60 किलोड्राई फ्रूट आदिबरामद हुए। मोहित गोयल नेएक लीगल टीमबना रखी है।फ्राड किए गएरकम का तीसप्रतिशत हिस्सा लीग टीमको जाता है।बदले में वोमोहित कि जमानतकरवा देते हैंऔर फिर मोहितगोयल अपने अगलेजालासाजी की ओरचल पड़ता है।इसके अलावा ठगीका शिकार हुएलोग जो आवाजउठाते हैं उननेखिलाफ फर्जी मुकदमेदर्ज करवा उसेतंग करता हैं।

साल 2016 में 251 रुपये केमोबाइल फोन नेदेश-दुनिया मेंसुर्खियां बटोरी थी। हालांकिइसकी घोषणा केवक्त ये भीदावे किए गएथे कि उसवक्त के रक्षामंत्री मनोहर पार्रिकर इसफोन को लांचकरेंगे। लेकिन ऐसा हुआनहीं। लेकिन फ्रीडम251 के नाम वालीइस फोन कीघोषणा के कुछही दिनों बादइसे बनाने वालीकंपनी रिंगिंग बेलको लेकर तमामतरह की खबरोंने खलबली मचादी। नोएडा केसेक्टर 63 में स्थितइस कंपनी नेमोबाइल फोन कीऑनलाइन बुकिंग शुरू की।लेकिन ऑर्डर इतने रहे थेकि इसके चलतेरिंगिर बेल कीवेबसाइट क्रैश हो गई।इस फोन कोदुकान से नहींखरीदा जा सकताथा और ही किसी ऑनलाइनप्लेटफार्म से। इसकेलिए तो ग्राहकोंको  रिगिंगबेल की वेबसाउटपर ही जानापड़ता था। बार-बार क्रैशहो रही वेबसाइटके बाद आनन-फानन मेंलोग बड़ी तादादमें कंपनी केऑफिस पहुंचे। मोबाइलखरीदने वालों के अलावाइसका डिस्टि्ब्यूशन लेनेके लिए भीकई कारोबारी नोएडास्थित इस कंपनीके चक्कर काटनेलगे। सुर्खियों मेंआई कंपनी इसकाफायदा उठाने कीकोशिश में लगगई। अभी कंपनीका प्लान रनिंगप्रोसेस में हीथा कि कईतरह की खबरेंसामने आने लगी।लोगों ने आरोपलगाए कि आॅनलाइनबुकिंग करवाते समय पैसेपेमेंट होने परभी रसीद नहींमिली। तभी नेशनलकंज्यूमर फोरम मेंकंपनी के फर्जीहोने की शिकायतकी गई। कंपनीने दावा कियाकि 25 लाख फोनबुक किए गएऔर जल्दी हीसस्ता स्मार्ट टीवीभी लाया जाएगा।इसके साथ हीकंपनी ने जून2016 तक बुकिंग करवाए लोगोंको फोन उपलब्धकरवाने का दावाभी किया। लेकिनलगातार रहीविवादित खबरों से कंपनीने प्री-बुककरवाने वाले ग्राहकोंसे पैसे लौटानेकी बात कही।

21 मार्च को बीजेपीनेता किरीट सोमैयाकी शिकायत पररिंगिंग बेल केमालिक मोहित गोयलऔर अशोक चढ्ढाके खिलाफ नोएडाफेज-3 पुलिस स्टेशनमें धोखाधड़ी औरआईटी एक्ट केतहत केस दर्जकिया गया। गिरफ्तारीसे बचने केलिए कंपनी केडायरेक्टर हाई कोर्टचले गए थे।हाई कोर्ट केआदेश पर मोहितगोयल समेत कंपनीके डायरेक्टरों केपासपोर्ट भी जब्तकर लिए गए। रिंगिंग बेल केसीईओ मोहित गोयलने साढ़े सातकरोड़ यूनिट कीडिलिवरी के लिएप्रधानमंत्री मोदी सेसहायता मांगी। गोयल नेपीएम मोदी कोपत्र लिखकर डिजिटलइंडिया पहल केतहत सरकार से50,000 करोड़ रुपये की मांगभी की। इंडियनएक्सप्रेस की खबरके अनुसार मोहितगोयल ने 28 जूनको प्रधानमंत्री कोलिखे पत्र मेंकहा कि हमफ्रीडम 251 लेकर आएहैं जो कैशआन डिलिवरी कीशर्तों पर पेशकर रहे हैं।लेकिन बीओएम ( बिलऑफ मैटेरियल) औरब्रिकी मूल्य को लेकरसमस्या है। अत: सरकार से सहयताकरने का अनुरोधहै।

बाद में बीजेपीनेता किरीट सोमैयाकी शिकायत पररिंगिंग बेल केमालिक मोहित गोयलऔर उसके सहयोगीके खिलाफ नोएडाथाने में धोखाधड़ीऔर आईटी एक्टके तहत केसदर्ज किया गया।गिरफ्तारी से बचनेके लिए कंपनीके डायरेक्टर हाईकोर्ट चले गए।हाई कोर्ट केआदेश पर मोहितगोयल समेत कंपनीके डायरेक्टरों केपासपोर्ट भी जब्तकर लिए गए।नोएडा क्राइम ब्रांचने इस पूरेमामले में मोहितको क्लीन चिटदे दी। बादमें डिस्ट्रीब्यूशन मेंहुए फ्राॅड केचलते मोहित कोपुलिस ने पकड़लिया। 3 महीने जेल मेंरहने के बाद2018 में उसे जमानतमिल गई।

हिंदी में एकप्रचलित कहावत है आदतसे मजबूर होना।जेल से छूटनेके बाद मोहितगोयल ने एककंपनी खोल लीऔर लोगों केसाथ धोखाधड़ी करनेलगा। 10 जून 2018 को नेताजीसुभाष पैलेस केएक माॅल सेतीन लोगों कोपुलिस ने धरदबोचा। ये तीनोंहनी ट्रैप रैकेटके सदस्य थे।रैकेट ऐसा किक्राइम में फंसाताया झूठे आरोपलगाता और फिरब्लैकमेलिंग के जरियेपैसे बनाता। जानकारीके अनुसार जालसाजमहिला ने दिल्लीके पांच कारोबारियोंको हनीट्रैप मेंफंसाया। उस परगैंगरेप का आरोपलगाकर जेल भीभिजवाया। केस वापसलेने की एवजमें 2 करोड़ 40 लाखकी डील करकरीब आधी रकमभी वसूल ली।लेकिन 30 लाख लेनेके चक्कर मेंपुलिस ने धरलिया। लेकिन गैंगरेपके मामले कोसुलटाने के लिएजो तीन लोगधरे गए उनमेंसे एक रिंगिंगबेल के मोहितगोयल भी थे।

ठगी के यहनए-नए आइडियालाने वाला मोहितउच्च शिक्षित है, उसने ऑस्ट्रेलिया केसिडनी से पढ़ाईकी है। जानकारीके अनुसार, मोहितने अपनी प्रारंभिकशिक्षा सेंट आरसीकॉन्वेंट स्कूल शामली सेकी। उसने अपनीइंजीनियरिंग की डिग्रीनोएडा की एकनिजी यूनिवर्सिटी सेप्राप्त की औरएमबीए की डिग्रीवेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी न्यूसाउथ वेल्स सेहासिल की है।मोहित के पिताकी शामली मेंकिराना की दुकानहै।

अब फिर सेमोहित गोयल नएमामले में धरेगए हैं। एडीसीपीके अनुसार मोहितने फर्जीवाड़ा करकरोड़ों की कमाईकी है। करीब10 करोड़ रुपये की लागतसे इसे नोएडासेक्टर 62 में गेम्सएप बनाने कीकंपनी चला रहाहै। यह कंपनीएप कंपनी वीआरकेगेम्स के नामसे चल रहीहै। नोएडा सेक्टर 62 में कंपनीके दफ्तर मेंपुलिस को कईडायरियां मिली है।बताया जा रहाहै कि इनकेजरिये उसके औरकाले कारनामों केचिट्ठे खुलेंगे।

WhatsApp ने दी सफाई, कहा- हम आपकी निजी चैट या कॉल नहीं देख सकते

Posted: 13 Jan 2021 03:03 AM PST

इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp नई प्राइवेसी पॉलिसी लेकर आया है। व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी (WhatsApp New Privacy Policy) के मुताबिक एक यूजर का डाटा व्हाट्सऐप फेसबुक और उससे जुड़ी कंपनियों को शेयर करेगा। इस नई पॉलिसी के आने के बाद से ही एक बड़ा समूह अपनी डेटा प्राइवेसी को लेकर परेशान दिख रहा है। कई लोग अब व्हाट्सऐप (WhatsApp) का इस्तेमाल करना सुरक्षित नहीं समझ रहे। आलोचनाओं के बाद अब व्हाट्सऐप ने सफाई दी है। व्हाट्सऐप ने कहा कि नई सेवा शर्तों से निजी चैट प्रभावित नहीं होंगे। व्हाट्सऐप के हेड विल कैथार्ट ने कहा कि कंपनी ने अपनी नीति पारदर्शी होने और पीपुल-टू-बिनजेस के वैकल्पिक फीचर की जानकारी देने के लिए अपडेट की है। उन्होंने कहा कि एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के साथ, हम आपकी निजी चैट या कॉल नहीं देख सकते हैं और न ही। हम इस तकनीक और विश्व स्तर पर इसका बचाव करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

व्हाट्सऐप ने नईप्राइवेसी पॉलिसी में फ़ेसबुकऔर इससे जुड़ीकंपनियों के साथअपने यूज़र्स काडेटा शेयर करनेकी बात कासाफ़ तौर परज़िक्र किया है।नई प्राइवेसी पॉलिसीके मुताबिक व्हाट्सऐपअपने यूज़र्स काइंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस (आईपीएड्रेस) फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम याकिसी अन्य थर्डपार्टी को देसकता है। व्हाट्सऐपके पास अबबैट्री लेवल, सिग्नल, ब्राउजर, भाषा, टाइम ज़ोनफ़ोन नंबर, आदिजानकारियां भी इकट्ठाकरेगा। आप वॉट्सऐपका 'लोकेशन' फ़ीचरयूज करें या करें, आपकेआईपी एड्रेस, फ़ोननंबर, देश औरशहर आदि कीजानकारी व्हाट्सऐप के पासमौजूद होगी। व्हाट्सऐपने भारत मेंपेमेंट सेवा शुरूकर दी हैऔर इस फीचरका इस्तेमाल करनेपर आपके पेमेंटअकाउंट और ट्रांज़ैक्शनसे जुड़ी जानकारियांइकठ्ठा की जाएगी।अगर आप अपनेमोबाइल से ऐपडिलीट करते हैंऔर 'माई अकाउंट' सेक्शन में जाकर'इन-ऐप डिलीट' का ऑप्शन नहींचुनते हैं तोआपका पूरा डेटाकंपनी के पासरह जाएगा।

आइए जानते हैं 2 ऐसेपॉप्युलर विकल्प के बारेमें जो WhatsApp काअच्छा रिप्लेसमेंट हैं।

सिग्नल

मैसेंजिंग ऐप सिगनलव्हाट्सऐप का बेहतरविकल्प हो सकताहै। व्हाट्सऐप कीनई पॉलिसी केआने के बादसे ही यहकाफी चर्चा मेंहै। व्हाट्सऐप केको-फाउंडर Brian Acton नेव्हाट्सऐप को छोड़नेके बाद Signal App में2017 में करीब 50 मिलियन डॉलरका इन्वेस्ट कियाथा। 2021 के शुरूहोते ही Signal काइस्तेमाल करने वालोंकी संख्या तेजीसे बढ़ रहीहै। कंपनी कादावा है किSignal आपको कोई डाटाशेयर या स्टोरनहीं करता।

टेलीग्राम

टेलीग्राम मैसेंजिंग ऐप केरूप में काफीपॉपुलर हो चुकाहै। यह भीएंड-टू-एंडएन्क्रिप्शन ऑफर करताहै। इसमें मैसेजिंगएप्लिकेशन में इन-ऐप बॉट, ऑडियो और वीडियोभेजने की भीसुविधा है। इसकेजरिये मल्टीमीडिया फाइलशेयरिंग का ऑप्शनभी मौजूद है।इसे आप मोबाइलके साथ हीडेस्कॉप और टैबपर भी एक्सेसकर सकते हैं।

दिल्ली सरकार ने 10वीं और 12वीं के स्कूल 18 जनवरी से खोलने के दिए आदेश

Posted: 13 Jan 2021 02:52 AM PST

नए साल पर कई राज्यों के स्कूल खुल गए और कुछ खुलने की तैयारी में हैं। बीते 9 महीने से लाॅकडाउन और फिर अनलाॅक के दौरान बंद रहे स्कूल अब धीरे-धीरे खुलने लगे हैं। देश की राजधानी दिल्ली के स्कूलों के लिए हर किसी का यही सवाल रहता है कि दिल्ली में स्कूल आखिर कब खुलेंगे? लोगों के सवाल पर विराम लगाते हुए दिल्ली सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। प्री-बोर्ड तैयारी और व्यावहारिक कार्यों से संबंधित गतिविधियों का संचालन करने के लिए सरकारी और सहायता प्राप्त/ सहायता प्राप्त स्कूल केवल कक्षा 10 और 12 के छात्रों को 18 जनवरी से स्कूल बुला सकते हैं। इसके साथ ही दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया कि माता पिता की सहमति से ही बच्चों को स्कूल बुलाया जाना चाहिए।

अटेंडेंस के लिएनहीं होगा इस्तेमाल

दिल्ली सरकार की ओरसे कहा गयाकि कौन सेबच्चे स्कूल रहे हैं इसकारिकॉर्ड को बनाएरखा जाना चाहिए।वहीं इसका उपयोगअटेंडेंस के लिएनहीं किया जानाचाहिए क्योंकि बच्चेको स्कूल भेजनामाता-पिता केलिए पूरी तरहसे वैकल्पिक है।

आसान है Secured PVC Aadhar Card बनवाना, जानें पूरी प्रक्रिया

Posted: 12 Jan 2021 10:47 PM PST

भारतवर्ष में आधार कार्ड गेम चेंजर रहा है। गवर्नमेंट के लिए किसी भी सरकारी योजना का लाभ सीधे आधार कार्ड होल्डर के पास पहुंचाना अब काफी सरल हो गया है। दुनिया भर में आधार कार्ड योजना की बड़े स्तर पर तारीफ हुई है।

हालाँकि, पहले इसकोलेकर कई सारीशंकाएं-आशंकाएं जाहिर कीगईं, किंतु समयबीतते बीतते यहसब निर्मूल हीसाबित हईं. संभवतःइसलिए आधार कार्डकी सफलता अपनेआप में सबसेबड़ा अभियान साबितहुआ है।

बहरहाल, आज केसमय में स्मार्टकार्ड का जमानाहै और पीवीसी(PVC) यानी पॉलिविनाइल कार्ड खूबप्रचलन में है।तो क्या आपभी अपना औरअपने परिवार केसदस्यों का पीवीसीआधार कार्ड बनवानाचाहते हैं?

आइए जानते हैं...

सबसे पहले हमेंपीवीसी यानी पॉलिविनाइलआधार कार्ड कीखासियत जानना उपयुक्त रहेगा।पीवीसी कार्ड ना केवलदेखने में अट्रैक्टिवरहता है, बल्किइसमें तमाम सुरक्षाके उपाय भीदिए गए हैं।आप समझ लीजिएकि इसमें होलोग्राम, घोस्ट इमेज, माइक्रोटेक्स्ट और गिलोचेपैटर्न (Guilloche Pattern) सम्मिलित है।

जाहिर तौर परयह केवलआधुनिक है, बल्किसिक्योर भी उतनाही है। सबसेबड़ी बात यहहै कि इसकार्ड को कैरीकरने में आपकोजरा भी परेशानीनहीं आएगी। जिसतरह से आपएटीएम कार्ड रखतेहैं या दूसरेबैंकिंग कार्ड रखते हैं, उतनी ही आसानीसे आप इसकोअपने पास मेंरख सकते हैं।साथ ही इसके खराब होनेकी गुंजाइश भीबेहद कम होतीहै।

पीवीसी आधार ऑर्डरकरने के लिएक्या करें?

अगर आप भीआधार कार्ड कापीवीसी फॉर्मेट बनवाना चाहतेहैं तो इसकेलिए मात्र 50 रूपए की फीसलगेगी। सबसे पहलेआपको आधार कार्डकी ऑफिशियल वेबसाइट(https://uidai.gov.in/) पर जाना होगा।यहां पर मायआधार सेक्शन मेंऑर्डर आधार पीवीसीकार्ड का ऑप्शनलिखा आएगा, जहांपर आपको क्लिककरना है। यहाँअपना आधार नंबरया फिर वर्चुअलआईडी (Virtual ID) अथवा ईआईडी(EID) दर्ज करना होताहै। फिर कैप्चाडालने के बादआपके मोबाइल परएक ओटीपी आताहै।

ओटीपी इंटर करनेके बाद आपकोपेमेंट का ऑप्शनदिखने लगता है, जो आप यूपीआईया फिर बैंकिंगकार्ड के द्वाराआसानी से प्रोसेसकर सकते हैं।फिर 50 रूपए की फीसदेने के बादअगले 7 दिनों के भीतरआपको पीवीसी कार्डप्राप्त हो जाएगा।है आसान! सच कहा जाएतो आधार कार्डका यह फीचरबेहद उपयोगी है।बता दें किआधार के ऑफिशियलट्विटर अकाउंट (@UIDAI) से बीते10 अक्टूबर से ऑफिशियलतौर पर इसकीजानकारी ट्वीट करके दीगई है। यहकार्ड सीधे आधारऑफिस से जारीकिया जाता हैजो बेहतरीन प्रिंटिंगक्वालिटी और लेमिनेशनके साथ उपलब्धहै। आधार कापीवीसी कार्ड जैसे हीप्रिंट हो जाताहै, स्पीड पोस्टद्वारा आपके रजिस्टर्डआधार एड्रेस परयह कार्ड पहुंचजाएगा।

तो फिर देरकिस बात की? अपने साथ अपनेपरिवार के अन्यसदस्यों के PVC आधार कार्डबनवाइए और आकर्षक, सुरक्षित पीवीसी कार्ड अपनेवालेट में रखनेको तैयार होजाइए।

बर्थ एंड डेथ रजिस्ट्रेशन में आधार कार्ड जरुरी है या नहीं, आइये जानते हैं

Posted: 12 Jan 2021 10:28 PM PST

आप में से बहुत सारे लोगों को इसके प्रोसेस के बारे में पहले से पता होगा, तो नया अपडेट यह समझ लीजिए कि अब बर्थ और डेथ रजिस्ट्रेशन के लिए आधार नंबर का इस्तेमाल करना आवश्यक नहीं है। बहुत सारे लोगों ने इस प्रक्रिया पर आपत्ति जताई थी और अब बगैर आधार नम्बर के भी जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण कराया जा सकता है।

बहरहाल, आइए जानतेहैं इसकी समूचीप्रक्रिया को...

देशभर में कहींभी, किसी बच्चेका जन्म होताहै, या परिवारके किसी सदस्यकी मृत्यु होतीहै, तो इसकीजानकारी आपको जन्ममृत्यु रजिस्ट्रार ऑफिस मेंकराना जरूरी होताहै। गांव इत्यादिक्षेत्रों में ग्रामपंचायत कार्यालय और अगरआप शहर मेंरहते हैं, आपकामकान शहरी क्षेत्रमें पड़ता है, तो नगर पालिका, या नगर परिषद, अथवा नगर निगमऑफिस में इसेदर्ज करा सकतेहैं।

कई लोग आजभी जन्म मृत्युप्रमाण-पत्र बनवानेको बहुत गंभीरतासे नहीं लेतेहैं, तो उनकेलिए यह समझनाजरूरी है किकानूनन यह बहुतजरूरी प्रक्रिया है, जिसे आप कोसमय रहते पूराकर लेना चाहिए।

यूं भी जन्मप्रमाण पत्र तोआगे बच्चे केभविष्य से जुड़ेतमाम कार्यों मेंकाम आता हीहै। जैसे अगरकिसी स्कूल मेंप्रवेश लेना होतब जन्म प्रमाणपत्र की जरूरतपड़ती है। इसीप्रकार से चाहेड्राइविंग लाइसेंस बनवाना हो, पासपोर्ट बनवाना हो, कोईबीमा पॉलिसी लेनीहो या फिरदूसरे राशन कार्डया सामाजिक सुरक्षाकार्यक्रम में लाभलेने के लिएभी इसका प्रयोगकिया ही जाताहै। अतः आपजन्म प्रमाण पत्रअवश्य बनवाएं।

इसी प्रकार से डेथरजिस्ट्रेशन के भीअपने फायदे हैं।इसमें सबसे अधिकफायदा उत्तराधिकार कोलेकर होता है।इसमें संपत्ति वितरणया ट्रान्सफर तभीसंभव हो पाताहै, जब मृत्युप्रमाण पत्र आपकेपास हो। इसकेअलावा पेंशन, इंश्योरेंस, जमीन के हस्तांतरणइत्यादि की प्रक्रियामृत्यु प्रमाण पत्र मिलनेके बाद हीहोती है।

बताते चलें कियह पूरी प्रक्रियानिशुल्क होती हैऔर जन्म अथवामृत्यु के 21 दिन कीसमयसीमा में परिवारका कोई भीसदस्य या फिररिलेटिव इसका पंजीकरणकरा सकता है।21 से 30 दिन केअंदर 2 का विलंबशुल्क देना पड़ताहै तो 30 दिनसे 1 साल केभीतर पंजीकरण करानेके लिए आपकोनोटरी पब्लिक सेसर्टिफाई कराकर जिला सांख्यिकीअधिकारी या फिरअतिरिक्त जिला पंजीयक(विकास अधिकारी) से शपथपत्र साइन करानापड़ता है। इसकेबाद ही जन्म-मृत्यु का प्रमाणपत्र मिल सकताहै। इसीलिए बेहतरहो कि अगर21 दिन के भीतरही आप इसप्रक्रिया को पूरीकर लें। हालांकिघटना कितनी भीपुरानी हो जन्ममृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 केनियम 9 (3) के मुताबिकउसका रजिस्ट्रेशन करायाजा सकता है।

अलग-अलग राज्योंमें अलग-अलगवेबसाइट्स पर यहप्रक्रिया ऑनलाइन भी कीजा रही है, पर मूलतः सभीजगह नियम एकही हैं औरअब तो इसकेलिए आधार कार्डभी अनिवार्य नहींहै।  बतातेचलें कि रजिस्ट्रारजनरल ऑफ इंडिया(आरजीआई) ने साफ़किया है किजन्म और मृत्यपंजीकरण के लिएआधार नंबर कतईअनिवार्य नहीं है।इतना ही नहीं, आरजीआई ने यहजानकारी एक आरटीआईके जवाब मेंदी और सर्कुलरजारी करते हुएकहा कि अगरकोई व्यक्ति अपनीइच्छा से आधारनंबर देता हैतो भी यहसुनिश्चित करना होगाकि किसी भीसूरत में आधारका प्रिंट आउट लिया जाएऔर जन्म मृत्युडाटाबेस में पूराआधार नंबर स्टोर हो।

सर्कुलर में साफ़-साफ़ कहागया है कि"किसी भी हालमें आधार नंबर तो डाटाबेसमें स्टोर कियाजायेगा, हीकिसी दस्तावेज परप्रिंट किया जायेगा।आवश्यकता पड़ने परआधार नंबर केपहले चार अंकही प्रिंट कियेजा सकते हैं।

ज़ाहिर तौर परयह बड़ा साफ़आदेश है। अगरआपको कुछ भीनहीं पता होतो फिर आपअपने नजदीकी सीएससी(कॉमन सर्विस सेंटर- जनसुविधा केंद्र) जाकर इसकीजानकारी ले सकतेहैं। वहां राज्यके हिसाब सेआपको एग्जैक्ट जानकारीमिलने की पूरीसंभावना है।

जानिये क्या है नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन? आपको इससे क्या होगा लाभ?

Posted: 12 Jan 2021 10:02 PM PST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 74 वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन की घोषणा की थी। साल 2018 में नीति आयोग ने डिजिटल हेल्थ मिशन जैसे स्कीम शुरू करने की सिफारिश की थी, ताकि देश के हर नागरिक के स्वास्थ्य डेटा का एक मेकेनिज्म तैयार किया जा सके। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य के क्षेत्र में लोगों को जागरूक कर हेल्थ मिशन से जोड़ना है। इस योजना के जरिए सभी स्वास्थ्य संबंधित सेवाओं को एक डिजिटल माध्यम मिलेगा। इस मिशन के तहत प्रत्येक नागरिक का हेल्थ रिकॉर्ड डिजिटलाइज्ड किया जाएगा। साथ ही इसमें डॉक्टर्स और हेल्थ फैसिलिटी भी रजिस्टर की जाएगी। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के अंतर्गत नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन बनाया गया है। कुल मिलाकर इस मिशन के जरिए सभी लोगों को स्वास्थ्य की जानकारी दी जाएगी और सेवाओं को एक प्लेटफार्म पर लाया जाएगा। सरकार इसके लिए टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर रही है।

इसमें रजिस्टर हर व्यक्तिको एक मुफ्तहेल्थ आईडी मिलेगाजिससे वह खुदअपनी गोपनीय जानकारीपर नियंत्रण करसकता है। बिनाव्यक्ति के इजाजतसे उसकी कोईभी जानकारी हासिलनहीं की जासकती। इतना हीनहीं, अगर व्यक्तिचाहे तो अपनीजानकारी साझा करनेवालों पर भीरोक लगा सकताहै। माना जारहा है किइस मिशन केजरिए स्वास्थ्य सेवाओंकी क्षमता औरपारदर्शिता में वृद्धिहोगी। इसके अलावाभारत संयुक्त राष्ट्रवैश्विक हेल्थ कवरेज केलक्ष्य को भीहासिल करने कीदिशा में आगेबढ़ सकता है।

कैसे बनेगा हेल्थ कार्ड

हेल्थ कार्ड बनवाने केलिए आपको अपनामोबाइल नंबर औरआधार नंबर देनाहोगा। इन्हीं दोनंबरों के आधारपर आपकी आईडीबनाई जाएगी जोकि यूनिक होगी।हां, हेल्थ आईडीसे आपके हेल्थरिकॉर्ड जुड़ेंगे या नहीं, यह उस व्यक्तिका अधिकार होगा।हेल्थ आईडी कार्डकिसी भी व्यक्तिकी बनाई जासकती है। उसकेपास आधार नंबरऔर मोबाइल नंबरहोने चाहिए। इसकेअलावा हेल्थ आईडीकार्ड नवजात बच्चेकी भी बनाईजाएगी लेकिन इसकेलिए रजिस्ट्रार ऑफिसमें बर्थ सर्टिफिकेटकी जरूरत होगी।

इस योजना से जुड़ीकुछ खास बातेंआपको बता देतेहैं:-

हेल्थ आईडी सिस्टमके तहत लोगोंकी हेल्थ आईडीकार्ड बनाई जाएगी।सभी डॉक्टरों कायूनिक आईडी होगाऔर इसमें सभीजानकारी होगी। हेल्थ फैसिलिटीरजिस्ट्री के तहतसभी हॉस्पिटल, क्लीनिकललैब आपस मेंजुड़ सकेंगे औरयूनिक आईडी भीपा सकेंगे। इसमिशन के तहतपर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड भीशुरू किया गयाहै जिसमें लोगअपनी स्वास्थ्य संबंधीजानकारी अपलोड या स्टोरकर सकेंगे।

हेल्थ आईडी कैसेबनवाया जा सकताहै और इसकातरीका क्या है?

पब्लिक हॉस्पिटल, कम्युनिटी हेल्थसेंटर, हेल्थ एंड वेलनेससेंटर या वैसाहेल्थकेयर प्रोवाइडर जो नेशनलहेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर रजिस्ट्रीसे जुड़ा हो, किसी व्यक्ति कीहेल्थ आईडी बनासकता है। इसकेअलावाhealthid.ndhm.gov.in/register http://healthid.ndhm.gov.in/register पर खुदके रिकॉर्ड्स रजिस्टरकरा कर भीआप अपनी हेल्थआईडी बना सकतेहैं। हेल्थ आईडीके रजिस्ट्रेशन सेजुड़ी किसी परेशानीके लिए ndhm@nha.gov.in mailto:ndhm@nha.gov.in पर विजिटकर सकते हैंया टोल फ्रीनंबर 1800-11-4477 / 14477 पर बातकर सकते हैं।

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