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Monday, January 18, 2021

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इस फल को खाने से हो सकते हैं ये चमत्कारिक फायदे जाने क्या-क्या

Posted: 18 Jan 2021 08:32 AM PST


हम सभी किसी किसी फलका सेवन जरूरकरते हैं, लेकिनहमें एक चीजजरूर कही जातीहै कि एकसेब जरूर खानाचाहिए। ऐसा करनेसे शरीर कोकई फायदे मिलतेहैं। लेकिन कईलोग इन बातोंपर यकीन नहींकरते। दरअसल, हररोज सुबह एकसेब खाने सेये हमें बीमारहोने से बचानेमें काफी मददकरता है। सेबमें पर्याप्त मात्रामें एटीऑक्सीडेंट समेतकई ऐसे तत्वपाए जाते हैं, जो बीमारियों सेलड़ने में कारगरमाने जाते हैं।तो चलिए जानतेहैं सेब खानेसे हमारे शरीरको क्या-क्याफायदे मिल सकतेहैं।

सेब हमारे हृदय कोस्वस्थ रखने मेंकाफी मदद करताहै। सेव मेंकई प्रकार केफायटोन्यूट्रियन्ट्स समाविष्ट हैं जोहृदय प्रणाली कीरक्षा करने मेंअत्यंत सक्षम हैं। येहृदय पर ऑक्सीडेशनसे होने वालीक्षति पर रोकलगाकर हृदय रोगोंको बढ़ने सेपहले ही रोकदेता है। यहीनहीं, ये हमारेशरीर में कोलेस्ट्रॉलकी मात्रा कोघटाने में भीमदद करता हैऔर साथ हीशुगर की मात्राको भी नियंत्रितकरने में मददकरता है। इसलिएसेब खाने कीसलाह दी जातीहै।

सेब खाने सेहमारे दांत मजबूतऔर बीमारियों सेदूर रहते हैं।पानी और फाइबरका अच्छा स्त्रोतसेब को मानाजाता है, जोहमारे शरीर कीआंतरिक सफाई करनेके रूप मेंकाम करता है।इसमें मौलिक एसिडहोत है जोकि लार केउत्पादन को बढ़ाताहै, जिसके कारणहमारे मुंह केबैक्टीरिया हट जातेहैं। सेब कासेवन करने सेहमारे दांतों कापीलापन भी दूरहोता है। इसमेंपाए जाने वालेखनिज और विटामिनहमारे दांतो कोबीमारियों से दूररखने में मददकरते हैं।

सेब खाने सेसबसे पहला फायदाहमें ये होताहै कि इससेहमारी हड्डियां मजबूतरहती हैं। सेबमें काफी कैल्शियमपाया जाता है, जो हमारी हड्डियोंको मजबूत करनेऔर गठिया जैसीबीमारियों को रोकनेमें काफी मददकरता है। साथही सेब मेंमौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स हड्डियोंको मजबूत करनेके साथ हीहड्डी को टूटनेसे भी बचानेमें मदद करतेहैं। सेब केबाहरी हिस्से मेंफेवोनोइड फ्लोरिजिन पाया जाताहै, जो हड्डियोंसे जुड़ी समस्याको रोकने मेंमदद कर सकताहै।

आज के समयमें लिवर कीसमस्या भी काफीलोगों में पाईजाती है। लेकिनशायद आप नहींजानते होंगे किसेब में उत्तमविषहरण गुण पाएजाते हैं, जोलिवर से विषाक्तपदार्थं को दूरकरने का कामकरते हैं। ऐसेमें अगर दोदिन तक केवलसेब का सेवनकिया जाए तोइससे हमारे शरीरसे विषाक्त पदार्थोंका अंत होजाएगा। साथ हीसेब का जूसपीने से भीशरीर को फायदेमिलते हैं। यहीनहीं, सेब कारस उम्र केसाथ बढ़ने वालेमानसिक रोगों के लिएभी काफी प्रभावशालीहो सकता है।

वेडिंग इंडस्ट्री के इन क्षेत्रों में बनायें शानदार करियर

Posted: 18 Jan 2021 04:07 AM PST

भारत में शादी के समारोहों को आजकल विस्तृत मामलों के लिए जाना जाता है, जो अक्सर कई दिनों तक चलते हैं और इस दौरान सैकड़ों मेहमान शामिल हो सकते हैं। अधिकांश अन्य उद्योगों की तरह, भारत में शादी का व्यवसाय महामारी-प्रेरित तालाबंदी से प्रभावित हो गया था, लेकिन यह उद्योग अब धीरे-धीरे सुधार के संकेत दे रहा है और अभी भी काफी लोग इस क्षेत्र में अपना कॅरियर बनाने के लिए गंभीर दिखाई दे रहे हैं। विशिष्टता के लिए बढ़ते शौक के साथ, जैसे-जैसे लोग शादियों पर अधिक से अधिक खर्च कर रहे हैं, शादियाँ अपने आप में एक बड़ा उद्योग बनती जा रही हैं। और अगर शादियों जैसा इवेंट आपको रोमांचित करता है, तो  काम करने के लिए यह एक आकर्षक जगह है। इवेंट प्लानिंग से लेकर वॉर्डरोब स्टाइलिंग तक, आपके लिए बहुत सारे विकल्प खुले हैं, जिनमें से कुछ के बारे में हम इस लेख में बात कर रहे हैं।

इस बड़े भारतीयशादी उद्योग मेंप्रवेश करने केइच्छुक लोगों के लिएयहाँ कुछ कैरियरभूमिका विकल्प दिए जारहे हैं।

1. वेडिंग प्लानिंग

वेन्यू से लेकरमेनू तय करनेतक, यह साराकाम वेडिंग प्लानरके अधिपत्य मेंआता है। संक्षेपमें कहें तोआप एक थीमबनाने, सजाने, विक्रेताओं सेसमय समय परकोआर्डिनेट करने, एक कैटररखोजने और संगीतकी योजना बनानेके लिए जिम्मेदारहोते हैं। पीआर, कम्युनिकेशंस, इवेंट या बिज़नेसमैनेजमेंट में डिग्रीया डिप्लोमा वेडिंगप्लानर बनने केइच्छुक लोगों के लिएएक एडेड एडवांटेजहै। कुछ पदोंके लिए हॉस्पिटैलिटीउद्योग में अनुभवकी उम्मीद कीजा सकती है।शुरूआती वेतन 20k रुपये सेशुरू होते हैंऔर सिर्फ कुछवर्षों के अनुभवके बाद यहएक लाख रुपयेप्रति माह तकपहुंच सकता है।

2. डिजिटल मार्केटिंग और सोशलमीडिया विशेषज्ञ

आज, ब्रांडों को एकमजबूत डिजिटल उपस्थितिकी आवश्यकता होतीहै। चाहे वहजिफ और कॉमिक्सके माध्यम सेएक प्रेम कहानीकैप्चर कर रहाहो या शादीकी वेबसाइट परसौंदर्य-फोटो शूटले रहा हो, आज  सभीजोड़े सोशल मीडियापर अपने विशेषक्षणों को साझाकरने के बारेगंभीर और सतर्करहते हैं। डिजिटलविपणक और सोशलमीडिया विशेषज्ञ इस व्यवसायमें महत्वपूर्ण भूमिकानिभाते हैं। डिजिटलमार्केटिंग में विशेषज्ञताके साथ डिग्रीइस उद्योग मेंआपके लिए एकप्रवेश द्वार हो सकताहै। एक फ्रेशरसोशल मीडिया एग्जीक्यूटिव, कंटेंट मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव याएसईओ एनालिस्ट केरूप में शुरूकर सकता है, जो उच्च पदोंकी पेशकश करनेवाले प्रबंधकीय पदोंतक जाता है।

3. कैटरिंग

कैटरिंग एक बहुतमहत्वपूर्ण हिस्सा होता हैइस पूरे आयोजनका, जिसमें आपखाद्य विभाग केप्रभारी हैं। मेनूको चुनने सेलेकर उसे परोसनेतक, यह सबआपके नियंत्रण मेंहोता है। आपकोटेबल सेटिंग्स औरअतिरिक्त स्टाफ प्रदान करनाहोगा जो सभीकोर्सेज को समयपर मेहमानों केसामने पेश करताहै। कई कैटरर्सपेय और बारसेवा भी प्रदानकरते हैं। आपकोकम से कमएक हाई-स्कूलकी डिग्री औरखाद्य-सेवा उद्योगमें अनुभव कीआवश्यकता होती है।

4. फैशन डिज़ाइनर और स्टाइलिस्ट

जैसा कि नामसे पता चलताहै, आप ड्रेसविभाग के प्रमुखहोते हैं। फैब्रिकसे लेकर डिजाइनका चयन करनेया इसमें फेरबदलकरने तक, सबकुछ आपके निर्णयके मोहताज़ होतेहैं। आपको कपलके साथ विभिन्नघटनाओं के लिएसही वेशभूषा कोतय करने केलिए उनसे समयसमय पर समन्वयबनाने की आवश्यकताहोती है। पेशेवरफैशन डिजाइनरों को  एकलाइसेंस परीक्षा उत्तीर्ण करनेके साथ एकराज्य-अनुमोदित फैशनडिजाइनिंग कार्यक्रम से स्नातककी आवश्यकता होतीहै।

5. वेडिंग फोटोग्राफी

आपका काम विभिन्नघटनाओं और समारोहोंके दौरान विभिन्नक्षणों को अपनेकैमरे में कैदकरना होता है।प्री-वेडिंग शूटके लिए आपकोशादी से पहलेहायर भी कियाजा सकता है।आपको तस्वीरों कोक्लिक करना होगा, उन्हें संपादित करना होगा, उन्हें संकलित करना होगाऔर उन्हें क्लाइंटकी आवश्यकतानुसार प्रस्तुतकरना होगा। फोटोग्राफर्सऔर वीडियोग्राफरों कोशादियों की शूटिंगऔर एडिटिंग काकुछ साल काअनुभव होना चाहिए।

जांबाज वन अधिकारी बनें और करें राष्ट्र की सेवा

Posted: 18 Jan 2021 03:46 AM PST

आईएफएस, यानी इंडियन फॉरेस्ट सर्विसेज। जिस प्रकार से आईएएस और आईपीएस नामक भारतीय सेवाएं होती हैं, ठीक उसी प्रकार आईएफएस भी इसी रैंक की सेवा होती है। हालांकि आईएएस यानी, इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज और आईपीएस यानी, इंडियन पुलिस सर्विसेज बहुधा प्रयोग में लाई जाती हैं और लोग इसके बारे में काफी कुछ जानते हैं, जबकि आईएफएस के बारे में कम लोग ही जानते हैं। अगर आप भी आईपीएस अधिकारी बनना चाहते हैं तो उसके कार्यों को आप अवश्य समझ लें। इनका मुख्य कार्य वनों की सुरक्षा करना होता है। जिस प्रकार से वनों में अवैध वृक्षों की कटाई की जाती है और वनों में तमाम प्राणियों को अवैध रूप से मार डाला जाता है, और उसकी तस्करी की जाती है, उसकी सुरक्षा के लिए वन सेवा अधिकारी नियुक्त होते हैं। जिस प्रकार आईएएस, आईपीएस के लिए यूपीएससी यानी यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन एग्जाम आयोजित करता है, आईएफएस के लिए भी आपको ऐसा ही एग्जाम देना पड़ता है। इसके लिए आपको मैथ, फिजिक्स, केमिस्ट्री या फिर जीव विज्ञान, पशु चिकित्सा विज्ञान और पशुपालन अथवा इंजीनियरिंग इत्यादि किसी एक स्ट्रीम से ग्रेजुएशन होना आवश्यक है।

अगर इसके लिएएज की बातकरें तो 21 सालसे लेकर 32 सालके बीच मेंआप अप्लाई करसकते हैं। वहींअनुसूचित जाति औरजनजातियों के लिएइंडियन गवर्नमेंट द्वारा उम्रमें संबंधित छूटदी जाती है।आप आईएफएस केएग्जाम को आसानना समझें, बल्कियह भी आईएएसऔर आईपीएस कीतरह ही कठिनएग्जाम होता है।इसके लिए भीआपको पहले प्री, यानी प्रारंभिक परीक्षादेनी पड़ती है, फिर मेंस, अर्थातमुख्य परीक्षा होतीहै और तत्पश्चातइंटरव्यू देने केबाद आप इसकेलिए सिलेक्ट होतेहैं। तैयारी का पैटर्नभी कमोबेश सिमिलरही होता है, किंतु आईएफएस केसिलेबस में एग्रीकल्चर, पशुपालन, केमिस्ट्री, मैथ औरस्टैटिसटिक्स के साथ-साथ इलेक्ट्रिकलइंजीनियरिंग, इंडियन हिस्ट्री, मैकेनिकलइंजीनियरिंग, पॉलीटिकल साइंस, फिजिक्स, साइकोलॉजी, सार्वजनिक प्रशासन, प्राणीविज्ञान इत्यादि से संबंधितप्रश्न कवर कियेजाते हैं।

अगर आप इनएक्जाम्स में सिलेक्टहो जाते हैंतो आपको नियुक्तिदी जाती है।पदों की बातकरें तो इसमेंसहायक वन संरक्षक, जिला वन संरक्षक, वन संरक्षक प्रमुख, वन संरक्षक जैसेपद सम्मिलित हैं।इसके अलावा सबसेसीनियर पदों मेंप्रधान वन संरक्षकएवं वन महानिरीक्षक की रैंकहोती है। जाहिरतौर पर शुरुआतमें जिम्मेदारियां कमहोती हैं, किंतुबाद में यहजिम्मेदारियां धीरे-धीरेबढ़ती ही चलीजाती हैं औरआपको उस अनुरूपकार्य करना पड़ताहै। भारत भरमें मौजूद तमामनेशनल पार्क औरजहां पर अभ्यारणइत्यादि बनाए गएहैं, वहां परइन ऑफिसर्स कीतैनाती होती है।सच कहा जाएतो इस जॉबमें वही लोगबेहतरीन ढंग सेकार्य कर सकतेहैं, जो अपनीजॉब को प्यारकरते हैं। वन्यजीवोंके अलावा तमामआदिवासियों से भीइन लोगों कासामना होता हैऔर अगर एकआईएफएस ऑफिसर के पासपेशेंस और करेजनहीं है, तोउसका काम करनाबड़ा मुश्किल होताहै।

हालांकि इसके लिएआवश्यक ट्रेनिंग जरूर दीजाती है। अगरआप प्री, मेंसऔर इंटरव्यू मेंसिलेक्ट हो जातेहैं, तो उसकेबाद आपको शुरुआतीप्रशिक्षण के लिएलाल बहादुर शास्त्रीअकादमी में भेजाजाता है,  जहां परतमाम सब्जेक्ट कीगहन जानकारी आपकोदी जाती है।उसके बाद आपकोइंदिरा गांधी राष्ट्रीय वनअकादमी, जो देहरादूनमें स्थित है, वहां पर भेजाजाता है। वहांपर आपको वनप्रबंधन, मृदा संरक्षण, आदिवासी कल्याण, वन्यजीव प्रबंधनसर्वेक्षण करने तथादूसरे ऑन जॉबट्रेनिंग दी जातीहै। इसके बादआप कहीं तैनातीके काबिल होपाते हैं। सैलरीकी बात करेंतो स्टैण्डर्ड सेलरीस्ट्रक्चर होता है।सामान्यतः इनकी सैलरी रूपए 15600 सेलेकर रूपए 40000 तक होती है।उन्हें प्रत्येक माह ग्रेडपे के तौरपर रूपए 5400 भी मिलते हैं।वेतन आयोगों कीसिफारिशों के आधारपर इनकी सेलरीबढती रहती है।हालाँकि, इनको सैलरीके अलावा औरबहुत सारी सुविधाएंभी प्राप्त होतीहैं, साथ हीसाथ इन्हें समाजमें बहुत सम्मानभी मिलता है।

कोरोना महामारी से जूझती जनता के लिए Reserve Bank of India ने कीं यह पहलें

Posted: 18 Jan 2021 03:32 AM PST

मौजूदा कोविड-19  महामारी के मद्देनजर भारतीय बाजार में खुदरा और साथ ही संस्थागत प्लेयर्स पर बोझ को कम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा हाल ही में कई उपाय किए गए हैं। RBI ने हाल ही में 27 मार्च, 2020 को एक कोविद-19 नियामक पैकेज की घोषणा की थी, जिसमें भारत भर के उधारदाताओं को सभी किश्तों के भुगतान पर तीन महीने- 1 मार्च, 2020 और 31 मई, 2020 (मोरेटोरियम पीरियड) के बीच की मोहलत देने की अनुमति थी।

यह स्टेटमेंट विभिन्न विकासात्मकऔर विनियामक नीतियोंको निर्धारित करताहै, जो COVID-19 कीवजह से वित्तीयस्थितियों की मुश्किलोंको सीधे संबोधितकरता है। इसमेंशामिल हैं: (i) सिस्टममें तरलता काविस्तार से यहसुनिश्चित करना किवित्तीय बाजार और संस्थानCOVID से संबंधित अव्यवस्थाओं केसामने सामान्य रूपसे कार्य करनेमें सक्षम हैं; (ii) मौद्रिक संचरण को सुदृढ़करना ताकि आसानशर्तों पर बैंकऋण प्रवाह उनलोगों के लिएबने रहे जोमहामारी से प्रभावितरहे हैं; (iii) COVID-19 व्यवधानोंके कारण पुनर्भुगतानके दबावों कोकम करने औरकार्यशील पूंजी तक पहुंचमें वित्तीय तनावकम करना और(iv) महामारी की शुरुआतऔर इसके प्रसारके साथ उच्चअस्थिरता को देखतेहुए बाजारों केकामकाज में सुधार।

नियामक पैकेज के तहतकुछ उपाय:

1. लक्षित दीर्घकालिक परिचालन संचालन

भारत में COVID-19 की शुरुआतऔर तेजी सेप्रसार ने घरेलूइक्विटी, बॉन्ड और विदेशीमुद्रा बाजारों में बड़ेबिकवाली को उत्साहितकिया है। रिडेम्पशनप्रेशर के तेजहोने से कॉरपोरेटबॉन्ड, कमर्शियल पेपर औरडिबेंचर जैसे इंस्ट्रूमेंट्सपर लिक्विडिटी प्रीमियरबढ़ गए हैं।COVID-19 प्रकोप के साथव्यापारिक गतिविधि के कमज़ोरहोने के साथ, इन उपकरणों केलिए वित्तीय स्थितियां, जो उपयोग कीजाती हैं, बैंकक्रेडिट में मंदीकी स्थिति मेंकार्यशील पूंजी तक पहुंचनेके लिए इसेसख्त कर दियागया है। बैंकोंको प्राथमिक बाज़ारनिर्गमों से अपनेसक्षम उपकरणों केवृद्धिशील होल्डिंग्स के पचासप्रतिशत और द्वितीयकबाजार से शेषपचास प्रतिशत काअधिग्रहण करना होगा, जिसमें म्यूचुअल फंड औरगैर-बैंकिंग वित्तकंपनियां शामिल हैं। इससुविधा के तहतबैंकों द्वारा किए गएनिवेश को परिपक्वता(HTM) के रूप मेंवर्गीकृत किया जाएगा, यहां तक किकुल निवेश का25 प्रतिशत से अधिकHTM पोर्टफोलियो में शामिलकरने की अनुमतिहोगी।

2. नकद आरक्षित अनुपात

बैंकिंग प्रणाली में तरलतापर्याप्त बनी हुईहै, जैसा कि1-25 मार्च, 2020 के दौरानदैनिक औसत आधारपर 2.86 लाख करोड़के ऑर्डर केएलएएफ के रिवर्सरेपो परिचालन केतहत बैंकिंग प्रणालीसे अधिशेष केअवशोषण में परिलक्षितहोता है। हालाँकि, इस तरलता कावितरण वित्तीय प्रणालीमें अत्यधिक विषमहै और बैंकिंगप्रणाली के भीतरभी ऐसा हीहै। COVID-19 के कारणहोने वाले व्यवधानपर बैंकों कीमदद करने केलिए एकमुश्त उपायके रूप में, सभी बैंकों केनकदी आरक्षित अनुपात(CRR) को 100 आधार अंकोंकी घटाकर शुद्धमांग और समयदेनदारियों (एनडीटीएल) के 3.0 प्रतिशतकरने का निर्णय28 मार्च, 2020 के रिपोर्टिंगपखवाड़े से लियागया है। सीआरआरमें यह कमीसम्पूर्ण बैंकिंग प्रणाली मेंलगभग 1,37,000 करोड़ की प्राथमिकतरलता को अतिरिक्तएसएलआर की होल्डिंग्सके संबंध मेंघटकों की देयताओंके अनुपात मेंजारी करेगी। यहवितरण 26 मार्च, 2021 को समाप्तहोने वाली एकवर्ष की अवधिके लिए उपलब्धहोगा। इसके अलावा, कर्मचारियों की सामाजिकदूरी और परिणामस्वरूपबैंकों द्वारा सामना कीजाने वाली कठिनाइयोंका संज्ञान लेतेहुए, पहले दिनसे प्रभावी दैनिकसीआरआर बैलेंस रखरखाव कीआवश्यकता को 90 प्रतिशत सेघटाकर 80 प्रतिशत करने कानिर्णय 28 मार्च, 2020 से लियागया है।

3. सीमांत स्थायी सुविधा

सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) केतहत, बैंक वैधानिकतरलता अनुपात (SLR) में2 प्रतिशत तक कीकटौती करके अपनेविवेक पर रातोंरातउधार ले सकतेहैं। TLTRO, CRR और MSF से संबंधितये तीन उपायसिस्टम में कुल3.74 लाख करोड़ की तरलताको इंजेक्ट करेंगे।

4. मौद्रिकनीति दर गलियारेका चौड़ीकरण

लगातार अधिक तरलताको देखते हुएमौजूदा नीति दरगलियारे को 50 बीपीएस सेबढ़ाकर 65 बीपीएस करने कानिर्णय लिया गयाहै। नए कॉरिडोरके तहत, तरलतासमायोजन सुविधा (एलएएफ) केतहत रिवर्स रेपोदर पॉलिसी रेपोदर से 40 बीपीएसकम होगी। सीमांतस्थायी सुविधा (MSF) की दरपॉलिसी रेपो दरसे 25 बीपीएस ऊपररहेगी। इस तरहके प्रयास वास्तविकअर्थव्यवस्था के वित्तीयतनाव के संचरणको रोकेंगे औरव्यवहार्य व्यवसायों की निरंतरतासुनिश्चित करेंगे और इनअसाधारण रूप सेपरेशान समय मेंउधारकर्ताओं को राहतप्रदान करेंगे।

5. सावधि ऋण परअधिस्थगन

सभी वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीयग्रामीण बैंकों, छोटे वित्तबैंकों और स्थानीयक्षेत्र के बैंकोंसहित), सहकारी बैंक, अखिलभारतीय वित्तीय संस्थान औरNBFC (आवास वित्त कंपनियों औरसूक्ष्म-वित्त संस्थानों सहित) ("ऋण देने वालीसंस्थाएं)" को 1 मार्च, 2020 तक बकाया सभी सावधिऋणों के संबंधमें किश्तों केभुगतान पर तीनमहीने की मोहलतदेने की अनुमतिदी गई।

6. कार्यशीलपूंजी सुविधाओं परब्याज का स्थगितकरण

नकद ऋण / ओवरड्राफ्टके रूप मेंस्वीकृत कार्यशील पूंजीगत सुविधाओंके संबंध में, उधार देने वालीसंस्थाओं को 1 मार्च, 2020 तक बकाया ऐसी सभीसुविधाओं के संबंधमें ब्याज केभुगतान पर तीनमहीने की छूटदेने की अनुमतिदी जा रहीहै। ब्याज काभुगतान आस्थगित अवधि कीसमाप्ति के बादकिया जाएगा। उधारकर्ताओंको COVID-19 की वजहसे उत्पन्न आर्थिकगिरावट से सक्षमबनाने के लिएविशेष रूप सेअधिस्थगन / स्थगन प्रदान कियाजा रहा है।

7. वर्किंगकैपिटल फाइनेंसिंग में आसानी

नकद ऋण / ओवरड्राफ्टके रूप मेंस्वीकृत कार्यशील पूंजी सुविधाओंके संबंध में, उधार देने वालीसंस्थाएं मार्जिन को कमकरके और / याउधारकर्ताओं के लिएकार्यशील पूंजी चक्र कोआश्वस्त करके ड्राइंगपावर को रिकलकुलेटकर सकती हैं।उधारकर्ताओं के लिएविशेष रूप सेCOVID-19 से आर्थिक गिरावट कीवजह से दीगई क्रेडिट शर्तोंमें इस तरहके बदलाव कोउधारकर्ता की वित्तीयकठिनाइयों के कारणदी गई रियायतोंके रूप मेंनहीं माना जाएगा।

8. नेट स्टेबल फंडिंग रेशियो(NSFR) के कार्यान्वयन को स्थगितकरना

वैश्विक वित्तीय संकट केबाद के वर्षोंमें किए गएसुधारों के हिस्सेके रूप में, बेसल कमेटी ऑनबैंकिंग सुपरविजन (BCBS) ने नेटस्टेबल फंडिंग रेशियो (NSFR) कीशुरुआत की थी, जो बैंकों कोफंडिंग के पर्याप्तस्थिर स्रोतों केलिए अपनी गतिविधियोंकी फंडिंग कोभविष्य के वित्तपोषण के तनावके जोखिम कोकम करने केलिए बैंकों कीआवश्यकता के हिसाबसे जोखिम कोकम करता है। 

तांडव विवाद: सैफ अली खान की वेब सीरीज पर क्यों हो रहा हंगामा, जानें पूरा मामला

Posted: 18 Jan 2021 03:13 AM PST

लॉकडाउन के दौरान ओटीटी प्लेटफॉर्म मनोरंजन के क्षेत्र में तीसरे पर्दे के तौर पर उभरा है। इस प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने वाली फिल्मों या वेब सीरीजों का सेंसर नहीं किया जाता, यानी कि ओटीटी के लिए किसी तरह का कोई सेंसर बोर्ड नहीं है जिसके कारण ओटीटी के काफी कंटेंट विवादों में घिरे रहते हैं। पिछले साल अनुष्का शर्मा के प्रोडक्शन हाउस में बनीं वेब सीरीज पाताल लोक अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई थी। जिसमें पालतू कुतिया का नाम सावित्री रखा गया था जिसे लेकर काफी विवाद हो गया था। अब सैफ अली खान की हाल ही में रिलीज हुई वेब सीरीज 'तांडव' को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। कुछ हिंदू संगठनों ने सैफ अली खान की फिल्म 'ताडंव' पर पूजनीय देवी-देवताओं का अपमान करने का आरोप लगाया है।

वेब सीरीज के अंदरएक यूनिवर्सिटी मेंस्टेज पर होनेवाले नाटक कासीन दिखाया गयाहै जिसमें भगवानश्री राम केबढ़ते सोशल मीडियाफैंस की बातकही गयी है।इसके अलावा यूनिवर्सिटीके प्रेसिडेंट इलेक्शनमें एक छात्रद्वारा ताडंव नाम सेपॉलिटिकल पार्टी बनाये जानेजैसी चीजें दिखाईगयी है। इसीतरह की चीजोंको लेकर हिंदूसंगठन काफी ज्यादानाराज है। उन्होंनेवेब सीरीज केमेकर्स पर हिंदूभावनाओं को आहतकरने का आरोपलगाया है। वेब सीरीज'तांडव' में धार्मिकभावनाओं को आहतकरने के आरोपमें लखनऊ कीहजरतगंज कोतवाली में इसकेनिर्माता-निर्देशक, लेखक औरअन्य के खिलाफप्राथमिकी दर्ज कीगयी है। पुलिसअधिकारियों ने बतायाकि इंडिया ओरिजिनलकंटेंट (अमेजन) की प्रमुखअपर्णा पुरोहित, निर्देशक अलीअब्बास जफर, प्रोड्यूसरहिमांशु कृष्ण मेहरा, लेखकगौरव सोलंकी औरअन्य के खिलाफप्राथमिकी दर्ज कीगई है। हजरतगंजके वरिष्ठ उपनिरीक्षकअमरनाथ यादव नेइस संबंध मेंमामला दर्ज करायाहै। प्राथमिकी मेंआरोप लगाया गयाहै कि ओटीटीप्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियोपर 16 जनवरी कोरिलीज हुई वेबसीरीज 'तांडव' को लेकरकई लोगों नेआपत्ति जतायी है। थाने मेंरविवार रात दर्जप्राथमिकी में कहागया कि वेबसीरीज के पहलेएपिसोड में हिंदूदेवी-देवताओं कागलत चित्रण कियागया है जिससेधार्मिक भावनाएं आहत हुईहैं। इसमें 'अमर्यादित' शब्द का इस्तेमालभी किया गयाहै, जिससे लोगोंमें काफी आक्रोशहै। मामले कीगंभीरता को देखतेहुए पुलिस नेवेब सीरीज केनिर्माता-निर्देशक, लेखक समेतअन्य के खिलाफप्राथमिकी दर्ज कीहै। सूचना एवंप्रसारण मंत्रालय ने भीवेब सीरीज तांडवमें हिंदू देवी-देवताओं का उपहासउड़ाने संबंधी शिकायतों कासंज्ञान लिया हैऔर अमेजन प्राइमवीडियो से इसमुद्दे पर स्पष्टीकरणमांगा है।

शिकायत के बातवेब सीरीज कोलेकर राजनीति भीशुरू हो गयीहै। मुंबई उत्तर-पूर्व से भाजपासांसद कोटक नेभी तांडव कीअलोचना की है।उन्होंने सीरीज के निर्माताओंको आंडे हाथलेते हुए आरोपलगाया की पिछलेकाफी समय सेदेखा जा रहाहै कि हमेशाइस तरह कीफिल्मों और सीरीजोंमें हिंदूओं कोलेकर काफी टारगेटकिया जाता है।हमारे भगवान कोगलत तरीके सेदिखाने का प्रयासकिया जाता है।हम ऐसी चीजेंऔर बर्दाश्त नहींकरेंगे। कोटक नेकहा है किअभिनेताओं, निर्माता और निर्देशकको भावनाओं कोआहत करने केलिए माफी मांगनीचाहिए। इसके अवालाबीजेपी विधायक राम कदमने भी तांडवकी काफी कड़ीआलोचना की। वहकाफी ज्यादा नाराजदिखाई पड़े। उन्होंनेकहा कि पिछलेकुछ काल सेलगातार फिल्म जगत केकुछ लोग हिंदू-देवी देवताओं कोटारगेट कर रहेहैं। अगर उन्होंनेऐसा करना बंदनहीं किया तोउन्हें चौराहें पर जूतेसे मारने कीआवश्यकता है। साथही वेब सीरीजको बैन करनेकी मांग की।उन्नाव के बीजेपीसांसद साक्षी महाराजने भी वेबसीरीज़ 'ताडंव' पर प्रतिक्रियादी। साक्षी महाराजने वेब श्रृंखलापर प्रतिबंध लगानेकी मांग की।भाजपा नेता कपिलमिश्रा ने अमेजनप्राइम वीडियो को कानूनीनोटिस भेजकर मांगकी है किवेब सीरीज तांडवको उनके मंचसे तुरंत हटादिया जाए अन्यथाउनके खिलाफ आपराधिककार्यवाही शुरू कीजाएगी।

सैफ अली खान, डिंपल कपाड़िया, सुनीलग्रोवर, तिग्मांशु धूलिया, डिनोमोरिया, कुमुद मिश्रा, मोहम्मदजीशान अय्यूब, गौहरखान और कृतिकाकामरा अभिनीत 'तांडव' का शुक्रवार कोस्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर प्रीमियरहुआ। फिल्मकार अलीअब्बास ज़फर नेहिमांशु किशन मेहराके साथ मिलकरराजनीति पर आधारितइस सीरीज कानिर्माण एवं निर्देशनकिया है। इसकीकहानी गौरव सोलंकीने लिखी है।

पाली वनपरिक्षेत्र में दूसरे जगह की मिट्टी से तैयार करा दिया लाखों का तालाब, नही रुकता चुल्लू भर पानी

Posted: 18 Jan 2021 02:49 AM PST

कोरबा/पाली:- वनमंडल कटघोरा के उपवनमण्डल में पदस्थ एसडीओ प्रहलाद यादव ने लगता है पाली रेंजर रहते हुए भ्रष्ट्राचार करने की जैसे कसम खा ली थी तभी तो कराए गए स्टॉफडेम, पहुँचमार्ग व तालाब निर्माण के कार्यों को धरातल पर अधूरा व कागजों में पूरा बताकर उन कार्यों का जनाजा निकाल दिया।उन्होंने एक तालाब का निर्माण ऐसा कराया जिसमें दूसरे जगह के मुरुम- मिट्टी से नाला का मुहाना बांधकर तालाब निर्माण का कार्य पूर्ण करा लिया जहां उसमें चुल्लू भर पानी रुका हुआ भी देखने को नही मिला। 

अपने कार्यों से पाली परिक्षेत्र में लगातार सुर्खियों में रहने वाले चर्चित तत्कालीन रेंजर एवं वर्तमान कटघोरा उपवनमण्डल के एसडीओ प्रहलाद यादव के द्वारा जेमरा सर्किल के ग्राम बगदरा के समीप करखापानी नाला मे बीते वर्ष 2020 जून- जुलाई में लाखों की लागत का एक तालाब निर्माण कराया गया।जब ग्राम बगदरा बस्ती से लगभग एक किलोमीटर पहाड़ी एवं जंगल के उबड़- खाबड़ और पथरीली रास्तों से गुजरकर उक्त तालाब निर्माण स्थल पर पहुँचा गया तो प्रहलाद यादव द्वारा तैयार कराए गए तालाब को देखकर सहसा ही एक शायर की गजल याद आ गई जिसमे कहा गया है कि जंगल- जंगल ढूंढ रही है मृग अपनी कस्तूरी को, कितना मुश्किल है तय करना भ्रष्ट्राचार की दूरी को...!अपने भ्रष्ट्र कृत्य को अंजाम तक पहुचाँने तत्कालीन रेंजर श्री यादव द्वारा जंगल मे अन्य स्थान से मिट्टी- मुरुम का खनन कराकर तथा ट्रेक्टर के माध्यम से उसे करखापानी नाला के मुहाने को पाटकर और इस प्रकार लाखों का एक तालाब तैयार करा लिया गया।औपचारिकता पूर्ण तालाब निर्माण के महज एक माह बाद जब पहली बारिश हुई तो पानी का बहाव नाले के मुहाने पर पाटे गए मिट्टी- मुरुम को अपने साथ बहा ले गया अब स्थिति ऐसी है कि जिस उद्देश्य को लेकर करखापानी नाले में तालाब निर्माण की स्वीकृति मिली थी वह तो प्रहलाद यादव के भ्रष्ट्राचार की भेंट चढ़ गया जिसमें वर्तमान चुल्लू भर पानी रुका हुआ देखने को नही मिलता।इस प्रकार साहब ने अपने रेंजरी कार्यकाल में जंगल मे मंगल वाली कहावत को चरितार्थ कर दिखाया क्योंकि जंगल के भीतर उनके द्वारा कराए जाने वाले कार्यों को तब ना कोई देखने वाला, न कोई बोलने वाला था।लेकिन अब उनके भ्रष्ट्राचारित कार्यों की शिकायत उपरांत विभागीय जांच में भ्रष्ट्राचार किये जाने की पुष्टि होने के बाद डीएफओ द्वारा उचित कार्यवाही की सिफारिश के साथ सीसीएफ एवं पीसीसीएफ को भेजी गई जांच रिपोर्ट पश्चात भी कार्यवाही नही होना अनेक संदेहों को जन्म देता है जहाँ रेंजर से एसडीओ बने प्रहलाद यादव के हौसले कार्यवाही के अभाव में इन दिनों आसमान की बुलंदियों को छूते नजर आ रहा है।बताया जाता है कि एसडीओ श्री यादव की पहुँच सूबे के मुख्यमंत्री के एक खास सिपहसालार तक है।जिसकी वजह से वे अनेकों भ्रष्ट्र कार्यों को अंजाम देने के बाद भी कटघोरा वनमंडल में सीनातान जमे हुए है।ऐसे में उन पर विभागीय कार्यवाही का अभाव होना विभाग के अन्य भ्रष्ट्राचारियों के हौसले को भी बुलंद करता है।

-कमल महंत

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