दिव्य रश्मि न्यूज़ चैनल |
- स्वस्थ और सुपोषित नौनिहाल से ही देश खुशहाल
- हम सब मिलकर प्रयास करेंगे तो बिहार के गौरवशाली इतिहास को पुनः प्राप्त कर लेंगे: मुख्यमंत्री
- कौशल विकास का प्रशिक्षण ले युवा बना रहे मिनटों में आभूषण : अवधेश नारायण सिंह
- मुख्यमंत्री ने बिहार म्यूजियम विनाले-2021 का वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया उद्घाटन
- मुख्यमंत्री ने प्रख्यात सिने अभिनेता श्री मनोज वाजपेयी को बेस्ट एक्टर का नेशनल अवार्ड मिलने पर बधाई एवं शुभकामनायें दीं
- आज 23 - मार्च - 2021, मंगलवार को क्या है आप की राशी में विशेष ?
- जल और जंगल
स्वस्थ और सुपोषित नौनिहाल से ही देश खुशहाल Posted: 22 Mar 2021 09:27 AM PDT स्वस्थ और सुपोषित नौनिहाल से ही देश खुशहाल- आशुतोष अनत स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मन का निवास होता है और स्वस्थ मन में ही सुंदर और सकारात्मक विचार पनपते हैं। बेहतर पोषण के बिना बेहतर स्वास्थ्य की कल्पना नहीं की जा सकती है। पोषण में आहार का महत्वपूर्ण स्थान है। पोषणयुक्त भोजन शरीर को सुचारू रूप से कार्य करने में मदद करता है। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन तथा खनिज लवण भोजन के प्रमुख पौष्टिक तत्व हैं। केंद्र सरकार देश को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए तत्परता के साथ सतत कार्य करते रही है। कोरोना संकट में भी बच्चों के पोषण के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चिंतित रहे हैं। प्रधानमंत्री ने 30 अगस्त 2020 को प्रसारित रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 68वें संस्करण में पोषण पर विस्तार से चर्चा की थी, कहा था कि नेशन और न्यूट्रिशन का गहरा संबंध है। बच्चों के साथ-साथ मां को भी पौष्टिक आहार मिलना चाहिए। न्यूट्रिशन अभियान में लोगों की भागीदारी बहुत जरूरी है। जन-भागीदारी ही से यह अभियान सफलता हासिल करेगा। उन्होंने बताया था कि पोषण यह नहीं है कि आप क्या खाते हैं और कितना खाते हैं, बल्कि आवश्यक है कि आप यह समझें कि आपके शरीर को किस न्यूट्रिएंट की कितनी मात्रा में जरूरत है। बच्चे किसी भी देश का भविष्य होते हैं। अतः उनके पोषण और उन्हें जन्म देनेवाली मां के पोषण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पोषण के प्रति लोगों में जागृति आये, बच्चों का बेहतर तरीके से पोषण हो, कोई भी बच्चा कुपोषित न रह जाये, इसके लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। पोषण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए पोषण अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत 16 मार्च से 31 मार्च 2021 तक पोषण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इस अभियान के माध्यम से बताया जा रहा है कि बच्चों को कुपोषण से कैसे बचाया जाये। पोषण पखवाड़ा 2021 का मुख्य उद्देश्य पोषण वाटिका के निर्माण को बढ़ावा देना, स्थानीय पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित सदस्यों की भागीदारी के साथ पोषण संबंधी विषयों पर जागरूकता लाना, अंतरविभागीय समन्वय से पोषण के पांच सूत्रों का व्यापक प्रचार-प्रसार करना और स्वास्थ्य के लिए योग के महत्व को लोगों तक पहुंचाना है। पोषण पखवाड़ा के दौरान सुपोषण संबंधी संदेशों को लक्षित परिवारों तक पहुंचाने और उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कई कार्यक्रम किये जा रहे हैं। इस दौरान आंगनबाड़ी केन्द्रों में औषधि और फलदार पौधों का वितरण और रोपण, पोषण वाटिका का निर्माण, पोषण पंचायत का आयोजन और कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया जा रहा है। पोषण के पांच सूत्रों के प्रचार-प्रसार के लिए अन्तरविभागीय समन्वय से सुपोषण रथ, पोषण मेला, एनीमिया कैम्प, रैली, कृषक समूह की बैठक, स्कूल आधारित गतिविधियां, युवा और स्व-सहायता समूह की बैठक जैसी गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। पोषण पखवाड़े के दौरान हितग्राहियों के घर-घर जाकर पोषण, स्तनपान, उपरी आहार, पोषण आहार में विविधता संबंधी जागरुकता बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं। साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका द्वारा अपने क्षेत्र के सभी घरों में जाकर एक से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों को कृमि मुक्ति की दवा खिलायी जा रही है। गर्भवती महिलाओं को क्या आहार लेना चाहिए, ताकि गर्भ में पल रहे शिशु का बेहतर पोषण हो, इसकी जानकारी दी जा रही है। बच्चों के स्वस्थ विकास के लिए बचपन का पोषण बेहद जरूरी है। उचित पोषण किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन बच्चों के पोषण पर खास ध्यान देने की जरूरत है। पौष्टिक आहार बच्चों को सिर्फ स्वस्थ ही नहीं रखते, अपितु आहार का प्रभाव बच्चों के विकास पर भी पड़ता है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में बच्चों और महिलाओं में कुपोषण की समस्या दूर करने के लिए 2,700 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार बच्चों के पोषण और उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए कई योजनाएं भी चला रही है। स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचागत सुविधाओं में निवेश-वृद्धि की गयी है। मिशन पोषण 2.0 के लिए 20,105 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि छह वर्षों में लगभग 64,180 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली एक नयी स्कीम 'पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना' शुरू की जायेगी। इससे प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक स्वास्थ्य प्रणालियों की क्षमता विकसित होगी। साथ ही मौजूदा राष्ट्रीय संस्थान मजबूत होंगे, और नये संस्थानों का सृजन होगा, जिससे नयी बीमारियों की पहचान कर इलाज करने में आसानी होगी। साथ ही, नये बजटीय प्रावधान के अनुसार 17,788 ग्रामीण और 11,024 शहरी स्वास्थ्य एवं वेलनेस केंद्रों के लिए आवश्यक सहायता दी जाएगी। 11 राज्यों के सभी जिलों और 3382 प्रखंड सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों में एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। देश के 602 जिलों और 12 केन्द्रीय संस्थानों में गंभीर बीमारी की देखभाल से जुड़े अस्पताल ब्लॉक स्थापित किये जाएंगे। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र (एनसीडीसी), इसकी 5 क्षेत्रीय शाखाओं और 20 महानगरों में स्थित स्वास्थ्य निगरानी इकाइयों को मजबूत किया जाएगा। 15 स्वास्थ्य आपातकालीन आपरेशन केन्द्रों और 2 मोबाइल अस्पतालों की स्थापना की जाएगी। साथ ही, सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं को आपस में जोड़ने के लिए एकीकृत स्वास्थ्य सूचना पोर्टल का विस्तार सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में किया जाएगा। इनके अलावा वन हेल्थ के लिए एक राष्ट्रीय संस्थान, डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के लिए एक क्षेत्रीय अनुसंधान प्लेटफॉर्म, जैव सुरक्षा स्तर-3 की 9 प्रयोगशालाओं और विषाणु विज्ञान के लिए 4 क्षेत्रीय राष्ट्रीय संस्थानों की स्थापना की जाएगी। बच्चों और महिलाओं को कुपोषण से मुक्ति दिलाने की दिशा में राष्ट्रीय पोषण अभियान ने माइलस्टोन का काम किया है। राष्ट्रीय पोषण अभियान (नेशनल न्यूट्रिशन मिशन) की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला दिवस के मौके पर 08 मार्च 2018 को राजस्थान के झुंझुनू जिले में की थी। इस मिशन के तहत बच्चों, महिलाओं में कुपोषण की समस्या को दूर करना है राष्ट्रीय योजना के अंतर्गत नवजात बच्चों के वजन में कमी, ठिगनेपन, खून की कमी, खाने में पोषक तत्वों का असंतुलन आदि के निवारण के लिए महती कार्य किये गये हैं। इसका उद्देश्य वर्ष 2022 तक भारत को कुपोषण से मुक्त करना है। अनुमान है कि इस योजना से देश में करीब 10 करोड़ लोगों को लाभ पहुंचाया जाएगा। इसके अतिरिक्त नरेंद्र मोदी सरकार अन्य कई योजनाओं के द्वारा कुपोषण की समस्या से निबटने का सतत प्रयास कर रही है। उनमें प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना भी शामिल है। केंद्र सरकार ने मातृत्व सहयोग के मकसद से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना शुरू किया है। इस योजना के तहत गर्भवती और स्तनपान करानेवाली माताओं को पहले जीवित जन्म के लिए 6000 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान किया जाता है। इसके अलावा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम भी कुपोषण को दूर करने में कारगर साबित हुआ है। इसका उद्देश्य लोगों को सस्ती दर पर पर्याप्त मात्रा में बेहतर खाद्यान्न उपलब्ध कराना है ताकि उन्हें खाद्य और पोषण सुरक्षा मिले और वे सम्मान के साथ जीवन जी सकें। इस कानून का खास जोर गरीब-से-गरीब व्यक्ति, महिलाओं और बच्चों की जरूरतें पूरी करने पर है। बच्चों के पोषण स्तर में सुधार करने में मध्याह्न भोजन योजना भी मददगार साबित हुई है। इसके तहत हर सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल के प्रत्येक बच्चे को न्यूनतम 200 दिनों के लिए 8-12 ग्राम प्रतिदिन प्रोटीन और ऊर्जा के न्यूनतम 300 कैलोरी अंश के साथ मध्याह्न भोजन परोसा जाता है। ऐसे में यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि बच्चे स्वस्थ और सुपोषित हों, इसके लिए सरकार लगातार बेहतर कार्य कर रही है। क्योंकि बच्चे ही देश के भविष्य हैं और उन्हें सुपोषित करके ही किसी भी देश के उज्ज्वल भविष्य की नींव रखी जा सकती है। (लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।) दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
हम सब मिलकर प्रयास करेंगे तो बिहार के गौरवशाली इतिहास को पुनः प्राप्त कर लेंगे: मुख्यमंत्री Posted: 22 Mar 2021 09:23 AM PDT हम सब मिलकर प्रयास करेंगे तो बिहार के गौरवशाली इतिहास को पुनः प्राप्त कर लेंगे: मुख्यमंत्रीपटना, 22 मार्च 2021:- ज्ञान भवन में 109वें बिहार दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुये। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 109वें बिहार दिवस के अवसर पर आप सभी बिहारवासियों को बधाई देता हूं। आज के इस अवसर पर बिहार के गौरव से जुड़ी कई बातों की चर्चा सभी वक्ताओं ने संक्षेप में की है। उन्होंने कहा कि जब से बिहार में हमलोगों को काम करने का मौका मिला हमलोगों ने बिहार दिवस मनाने के लिए विस्तृत चर्चा शुरू की। अंग्रेजों ने बिहार को अलग प्रांत के रुप में 22 मार्च 1912 को नोटिफाई किया। इसके आधार पर हमलोगों ने 22 मार्च को बिहार दिवस मनाना निष्चित किया। वर्ष 2010 में हमलोगों ने पटना के गांधी मैदान में भव्य बिहार दिवस मनाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। वर्ष 2012 में 100 साल पूरे होने पर बिहार दिवस खास तरीके से आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा कि बिहार का गौरवशाली इतिहास रहा है यह ज्ञान की भूमि है। पूर्व में बिहार काफी विकसित रहा है। पटना जो पहले पाटलिपुत्र कहलाता था यहीं से बहुत बड़े क्षेत्र पर शासन होता था। बिहार दिवस के आयोजन की जिम्मेवारी शिक्षा विभाग को दी गई है। शिक्षा विभाग की लोगों को शिक्षित करने में, ज्ञानी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका है। बिहार दिवस मनाने का मकसद है कि बिहार को हम सब मिलकर आगे बढ़ाएं एवं बिहार को विकसित करें। सबलोगों के मन में आत्मविश्वास बढ़े, सभी लोग प्रेम और आपसी भाईचारे के साथ मिलकर बिहार को आगे बढ़ाएं। देश और देश के बाहर भी बिहार दिवस मनाया जाने लगा है। आदरणीय राष्ट्रपति जी एवं प्रधानमंत्री जी ने बिहारवासियों को बिहार दिवस के अवसर पर बधाई दी है। हम उन्हें इसके लिए धन्यवाद देते हैं। उन्होंने कहा कि पहले बिहार दिवस के कार्यक्रम भव्य तरीके से आयोजित किए जाते रहे हैं और इस अवसर पर लोगों को सम्मानित भी किया जाता रहा है लेकिन कोरोना के कारण पिछले साल कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया। इस बार हमलोग वीडियो कॉनफ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार दिवस मना रहे हैं। बिहार ज्ञान और मोक्ष की धरती है। हमलोगों का उद्देश्य है सभी बच्चे-बच्चियां शिक्षित हों। जब सभी लोग शिक्षित होंगे तभी बिहार फिर से गौरवशाली इतिहास को प्राप्त करेगा, बिहार फिर से आगे बढ़ेगा और देश भी आगे बढ़ेगा। हमलोगों ने लड़कियों के पढ़ने के लिए पोशाक एवं साईकिल योजना शुरु की। राज्य की आबादी बढ़ रही है, क्षेत्रफल सीमित है। राज्य में प्रजनन दर को घटाने के लिए लड़कियों को शिक्षित करना जरुरी है। हर ग्राम पंचायत में प्लस-2 की पढ़ाई के लिए उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना की जा रही है। मैट्रिक की परीक्षा में लड़के-लड़कियों की भागीदारी अब बराबर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब मिलकर प्रयास करेंगे तो बिहार के गौरवशाली इतिहास को एक बार फिर से प्राप्त कर लेंगे और बिहार के साथ देश और पूरी दुनिया में अपनी पहचान पुनस्र्थापित कर लेंगे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई कार्य किए गए हैं। सड़क, पुल-पुलियों का निर्माण किया गया है। शहरों के अंदर बाईपास का निर्माण कराए जाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। लोगों को तकनीक के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रशासनिक सुधार के क्षेत्र में भी कई कार्य किए गए हैं। लोक सेवा के अधिकार कानून से लोगों को सहूलियत हो रही है। लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून के माध्यम से लोगों की शिकायतों का निवारण हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग को इस बात के लिए बधाई देते हैं कि बिहार दिवस के अवसर पर इस बार का थीम जल-जीवन-हरियाली को रखा गया। पर्यावरण संरक्षण के लिए 13 जुलाई, 2019 को सभी विधायकों एवं विधान पार्षदों के साथ बैठक हुई थी जिसमें जल-जीवन-हरियाली अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। जल-जीवन-हरियाली अभियान का मतलब है जल और हरियाली है तभी जीवन सुरक्षित है। इस अभियान के तहत 11 अवयवों को शामिल किया गया है। इसमें सात योजनाएं जल संरक्षण से संबंधित हैं, एक योजना वृक्षारोपण से, एक योजना मौसम के अनुकूल कृषि से, एक योजना सौर ऊर्जा से तथा एक योजना इस अभियान के प्रति लोगों को जागृत करने से है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत 15,229 जल स्त्रोतों, तालाब, आहर, पईनों को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है। 5 एकड़ तक 6,425 तालाब, 5 एकड़ से बड़े 696 तालाब, 17,917 आहर, पईन का जीर्णोद्धार तथा 10,169 सार्वजनिक कुओं का जीर्णोंद्धार किया गया है। कुओं के पास 13,802 तथा चापाकल के पास 1 लाख 37 हजार 590 सोख्ता का निर्माण कराया जा चुका है। छोटी नदियों एवं पहाड़ी क्षेत्रों में 8,586 चेक डैम संरचनाओं का निर्माण कराया गया है। 12,101 नए जल स्त्रोतों का निर्माण कराया गया। गंगा जल उद्वह योजना का काम तेजी से किया जा रहा है। 14,136 सरकारी भवनों में छत वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण किया गया है। 5 जून 2020 से 9 अगस्त तक 2 करोड़ 51 लाख वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन 3 करोड़ 90 लाख से ज्यादा वृक्षारोपण किया गया। 941 सरकारी भवनों पर सौर उर्जा के संयंत्र स्थापित किए गए हैं। बिहार में किए जा रहे कार्यों के संबंध में देश के बाहर भी चर्चाएं होती हैं। यूनाइटेड नेशंस में भी चर्चा हुई। 24 सितंबर 2020 को उच्च स्तरीय राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में पर्यावरण संरक्षण को लेकर जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुझे भी अपनी बात रखने का मौका मिला था। इस कॉन्फ्रेंस में कई देशों के प्रधानमंत्रियों ने भी हिस्सा लिया था। हमलोग अपना काम करते रहते हैं प्रचार नहीं करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा जल उद्वह योजना के अंतर्गत बोधगया, गया, राजगीर और नवादा में सभी घरों में गंगा जल को शुद्ध पेयजल के रुप में उपलब्ध कराया जाएगा। मौसम अनुकूल कृषि कार्य को बढ़ावा दिया जा रहा है। बिहार के 8 जिलों से इसकी शुरुआत की गई है। अब सभी जिलों में विशेषज्ञों को लगाकर इस पर काम किया जा रहा है। फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर काम किए जा रहे हैं। सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए काम किए जा रहे हैं। हर माह के पहले मंगलवार को जल-जीवन-हरियाली को लेकर अद्यतन स्थिति पर चर्चा की जाती है। जीविका समूहों को पोखर एवं तालाबों को देखने की भी जिम्मेदारी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि बिहार दिवस पर बापू की चर्चा जरुरी है। बापू ने कहा था कि मेरा जीवन ही मेरा संदेश है। अगर बापू के विचारों को 10 से 15 प्रतिशत लोग अपना लें तो बिहार भी आगे बढ़ेगा और देश भी आगे बढ़ेगा। वर्ष 1917 में बापू बिहार आए थे और 30 सालों के बाद ही देश आजाद हो गया। बापू की इच्छा थी कि शराबबंदी हो, नशाबंदी हो। महिलाओं की मांग पर ही हमने राज्य में शराबबंदी लागू की। शराबबंदी को लेकर सभी को सचेत रहना है, क्योंकि कुछ गड़बड़ करने वाले लोग लगे रहते है। आज के दिन को अंतर्राष्ट्रीय जल संरक्षण दिवस के रुप में मनाया जा रहा है और हमलोग बिहार दिवस मना रहे हैं। हमलोग जल के संरक्षण एवं हरियाली बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। बिहार से झारखंड अलग हुआ तो बिहार का हरित आवरण 9 प्रतिशत था। वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की शुरूआत की गई। 24 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया जिसमें से 19 करोड़ पौधे लगाए गए। अब राज्य का हरित आवरण बढ़कर 15 प्रतिशत से ज्यादा हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी कार्यक्रमों में राज्यगीत जरुर गाए जाएं ताकि सभी के मन में बिहार के प्रति सम्मान का भाव पैदा हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई देशों में तथा देश के कुछ राज्यों में कोरोना तेजी से बढ़ रहा है। अपने यहां भी कोरोना के मामले कुछ बढ़े हैं। होली को देखते हुए हम सभी लोगों को और सतर्क रहने की जरुरत है। हम अपील करते हैं कि कोरोना को लेकर सभी लोग सजग और सचेत रहें। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका स्वागत किया। कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री श्रीमती रेणु देवी, शिक्षा मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा श्री संजय कुमार ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में नेक संवाद में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलों से जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव श्री अरुण कुमार सिंह, विकास आयुक्त श्री आमिर सुबहानी, राज्य परियोजना के निदेशक श्री संजय सिंह सहित शिक्षा विभाग के अन्य पदाधिकारीगण, प्रमंडलीय आयुक्तगण, सभी जिलों के जिलाधिकारीगण, अन्य पदाधिकारीगण, शिक्षकगण, छात्रगण, जीविका दीदियां एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति जुड़े हुए थे। दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
कौशल विकास का प्रशिक्षण ले युवा बना रहे मिनटों में आभूषण : अवधेश नारायण सिंह Posted: 22 Mar 2021 09:17 AM PDT कौशल विकास का प्रशिक्षण ले युवा बना रहे मिनटों में आभूषण : अवधेश नारायण सिंहबिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि कल के बिहार व आज के बिहार में बदलाव हुआ है। अब हमारे युवा कौशल विकास का प्रशिक्षण लेकर मिनटों में आभूषण बना रहे हैं। सभापति अवधेश नारायण सिंह सोमवार को राजधानी के होटल एक्सजार्टिका में एसएसवीएएसएस के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय ज्वेलरी प्रदर्शनी में देशभर से आए स्वर्णकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पहले जहां आभूषण कारीगरों को एक अंगूठी बनाने में कई दिन लग जाते थे अब वे प्रशिक्षित होकर व तकनीक का प्रयोग कर मिनटों में कई आभूषण बना रहे हैं। इसके अलावा अब नयी-नयी मशीनों के द्वारा आभूषणों की गुणवत्ता जांच हो जाने से समाज में स्वर्णकारों के प्रति विश्वास बढ़ा है। इस मौके पर प्रदर्शनी के आयोजक अरुण कुमार वर्मा ने कहा कि बिहार के स्वर्णकार समाज के कारीगरों व व्यावसायियों के व्यापार में विस्तार के लिए यह आयोजन हर साल आयोजित होता है। लगातार दशवें साल उनके संस्थान की तरफ से आभूषण कारोबारियों को नये नये डिजाइन व नयी तकनीक युक्त आभूषण व उससे जुड़े समानों के बारे में जानकारी देना ही इस ज्वेलरी प्रदर्शनी का उद्देश्य है। इस मौके पर डेहरी से एनडीए प्रत्याशी व जदयू नेता रिंकु सोनी ने कहा कि बिहार में बदलाव एनडीए सरकार के कार्यकाल में हुआ है और अब मेरठ, राजकोट,मथुरा,दिल्ली, आगरा, बैगलोर सहित कई प्रदेश से स्वर्ण व्यावसायियों ने यहां आकर बिहार में आ रहे बदलाव मुहर लगा दी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय का फायदा सबसे अधिक युवाओं को हो रहा है इससे वे प्रशिक्षित होकर अपना नया उद्योग आरंभ कर रहे हैं। श्री सोनी ने अपने संस्थान जेएसआर पायल पर सभापति का मोमेंटो व अंगवस्त्र देकर स्वागत किया। कार्यक्रम में समाज की राष्ट्रीय अध्यक्ष किरण वर्मा, प्रदेश महासचिव विक्रमादित्य विक्रम, प्रदेश सचिव रामवृक्ष प्रसाद वर्मा, राजेश कुमार वर्मा, संयोजक अमित वर्मा व अमरजीत वर्मा ने भी अपना सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन इशा वर्मा ने किया। दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
मुख्यमंत्री ने बिहार म्यूजियम विनाले-2021 का वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया उद्घाटन Posted: 22 Mar 2021 09:08 AM PDT मुख्यमंत्री ने बिहार म्यूजियम विनाले-2021 का वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया उद्घाटनपटना, 22 मार्च 2021:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने बिहार दिवस के अवसर पर आयोजित बिहार म्यूजियम विनाले-2021 का उद्घाटन रिमोट के माध्यम से शिलापट्ट का अनावरण कर किया। बिहार म्यूजियम के ओरिएंटेशन थिएटर में आयोजित बिहार म्यूजियम विनाले-2021 कार्यक्रम में मुख्यमंत्री 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बिहार, इंडिया एंड द वल्र्ड: सेलिब्रेटिंग म्यूजियम कलेक्षन तथा बिहार म्यूजियम गाइड पुस्तक का विमोचन किया। इसके पष्चात् सी0एस0एम0वी0एस0 इंस्टीट्यूट मुंबई के डायरेक्टर जनरल श्री सव्यसाची मुखर्जी एवं भारत में फ्रांस के राजदूत एच0ई0 श्री इमैनुएल लिनैन का वर्चुअल शुभकामना संदेश प्रसारित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार दिवस के अवसर पर आज बिहार म्यूजियम विनाले-2021 की शुरुआत की गयी है, मैं इसके लिए आप सभी को बधाई देता हूँ। बिहार म्यूजियम विनाले कार्यक्रम पिछले वर्ष ही होने वाला था लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण इसे स्थगित करना पड़ा। उन्होंने कहा कि इस विनाले के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय वर्चुअल काॅन्फ्रेंस में 20 संग्रहालयों की प्रस्तुति होगी और 8 मास्टर क्लासेस होंगे। उन्होंने कहा कि पटना म्यूजियम सिर्फ बिहार ही नही पूरे देश की धरोहर है। पटना संग्रहालय विस्तार को ध्यान में रखते हुए जब 16 दिसम्बर 2009 को हम पटना म्यूजियम देखने गये थे तो वहां हमने देखा कि अमूल्य धरोहर काफी नजदीक-नजदीक रखे हुये थे। उसी समय हमने कहा था कि पटना म्यूजियम को बेहतर बनाने के साथ-साथ पटना में एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का संग्रहालय बनाया जाएगा ताकि बेशकीमती प्रदर्शो एवं प्राचीन धरोहरों को सुरक्षित रखा जा सके। इसके लिए नेहरु पथ पर जगह चुना गया और वहां से पांच भवनों को हटाकर बिहार म्यूजियम का निर्माण कराया गया। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संग्रहालय के निर्माण के लिए शिक्षा विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह को 11 जुलाई 2011 को नोडल ऑफिसर के रूप में मनोनीत किया गया। म्यूजियम के अंतर्राष्ट्रीय मानक को ध्यान में रखते हुए दुनिया भर के विशेषज्ञों का चयन किया गया। कनाडा की अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी लार्ड कल्चरल रिसोर्सेज को मुख्य योजना परामर्शी के रूप में चयनित किया गया। बिहार के इतिहास के बारे में उन्होंने लोगों से सुझाव लेने के बाद हमसे भी चर्चा की। वास्तुविद के रूप में जापान के माकी एंड एसोसिएट्स का चयन अंतर्राष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त लोगों के जूरी के द्वारा किया गया। 16 जून 2013 को पटना में 498 करोड़ रूपये की लागत से अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संग्रहालय निर्माण की स्वीकृति दी गयी और 9 जुलाई 2013 को हमने इसका शिलान्यास किया। वर्ष 2015 के बिहार दिवस तक निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया लेकिन 2015 में इसके एक हिस्से का ही उद्घाटन हो सका। इसके बाद वर्ष 2017 में गांधी जयंती के अवसर पर बिहार म्यूजियम को पूरे तौर पर जनता को समर्पित किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 14 अक्टूबर 2017 को पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री शामिल हुये थे, उस दिन कार्यक्रम के बाद उन्होंने बिहार म्यूजियम को देखने की इच्छा प्रकट की और करीब डेढ़ घंटे तक उन्होंने बिहार म्यूजियम का भ्रमण किया। अब प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग बिहार म्यूजियम को देखने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार म्यूजियम के निर्माण के समय कुछ लोग तरह-तरह के सवाल उठा रहे थे लेकिन ज्यादातर लोगों ने इसका स्वागत किया। हमने कहा था कि हमलोग पटना म्यूजियम को भी विकसित करेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार संग्रहालय के अंतर्राष्ट्रीय मानकों एवं आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ओरिएंटेशन दीर्घा, इतिहास दीर्घा, कंटेम्प्रोरी आर्ट गैलरी, बिहारी रीजनल आर्ट गैलरी, चिल्ड्रेंस गैलरी आदि का निर्माण कराया गया है। ओरिएंटेशन गैलरी गौरवशाली अतीत को प्रदर्शित करता है जबकि इतिहास दीर्घा प्रागैतिहासिक काल से लेकर 1764 ई0 तक के कालखंड को प्रदर्शित करता है। इसके अलावा बिहार म्यूजियम में कैफेटेरिया का निर्माण कराया गया है। यहाॅ कला से संबंधित वस्तुओं के विक्रय की भी व्यवस्था की गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रख्यात मनीषी पंडित राहुल सांकृत्यायन द्वारा तिब्बत से लायी गयी पांडुलिपियों को पटना संग्रहालय में ही रखने का निर्णय लिया गया है। उसका हिंदी, अंग्रेजी सहित विभिन्न भाषाओं में तिब्बत से जुड़े लोगों से अनुवाद करवाइए ताकि नई पीढ़ी के लोगों को तिब्बत के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त हो सके। पटना संग्रहालय में नेचुरल हिस्ट्री गैलरी भी होगी जहाँ दो करोड़ वर्ष पुरानी चीड़ प्रजाति के वृक्ष के जीवाश्म भी संरक्षित होंगे। इसके अलावा पटना संग्रहालय में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद के नाम पर डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद दीर्घा, पंडित राहुल सांकृत्यायन गैलरी, आर्ट गैलरी, पेंटिंग गैलरी, भगवान बुद्ध अस्थि कलश दीर्घा प्रमुख हैं। पटना संग्रहालय से भगवान बुद्ध के अस्थि कलश को वैशाली बुद्ध सम्यक दर्शन ले जाया जाएगा। पटना म्यूजियम जाने वाले लोग बिहार म्यूजियम भी जा सकें, इसके लेकर काम किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पटना और बिहार म्यूजियम को अंडरग्राउंड जोड़ने की हमारी ख्वाहिश है। बिहार म्यूजियम अंतर्राष्ट्रीय स्तर का म्यूजियम है इसके साथ पटना म्यूजियम जुड़ा रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण का खतरा नहीं होता तो बिहार म्यूजियम विनाले 2021 के कार्यक्रम का दृश्य काफी सुंदर होता। मुझे पूरा भरोसा है कि कुछ दिनों के बाद हम सबको कोरोना से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने कहा कि संग्रहालय का रखरखाव ठीक ढंग से होना चाहिए। पटना म्यूजियम के विस्तार का कार्य भी जारी है। देश के बाहर बिहार म्यूजियम की काफी चर्चा है और इसे अब तक कई अवार्ड भी मिल चुके हैं। सभी स्कूली बच्चों को बिहार म्यूजियम दिखाने की भी योजना है ताकि वे अपने इतिहास को बेहतर तरीके से समझ सकें। उन्होंने कहा कि बिहार म्यूजियम को बेहतर तरीके से संचालित करते हुए इसकी प्रतिष्ठा को कायम रखना है। बिहार का इतिहास काफी गौरवशाली है, हम गौरव के उस स्थान को पुनः प्राप्त कर बिहार को नई उंचाई पर ले जायेंगे। कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री श्रीमती रेणु देवी, शिक्षा मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी, कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री श्री आलोक रंजन एवं मुख्यमंत्री के परामर्शी श्री अंजनी कुमार सिंह ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर नेक संवाद में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से कला संस्कृति एवं युवा विभाग के प्रधान सचिव श्री रवि मनुभाई परमार, कला संस्कृति विभाग के अपर सचिव सह बिहार म्यूजियम के निदेशक श्री दीपक आनंद, बिहार म्यूजियम विनाले 2021 की प्रोजेक्ट डायरेक्टर श्रीमती अलका पाण्डेय सहित देष-विदेष से कला प्रेमीगण एवं कला संस्कृति एवं युवा विभाग के अन्य पदाधिकारी एवं कर्मीगण जुड़े हुये थे।दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
Posted: 22 Mar 2021 09:09 AM PDT मुख्यमंत्री ने प्रख्यात सिने अभिनेता श्री मनोज वाजपेयी को बेस्ट एक्टर का नेशनल अवार्ड मिलने पर बधाई एवं शुभकामनायें दीं
पटना, 22 मार्च 2021:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने प्रख्यात सिने अभिनेता श्री मनोज वाजपेयी को नेशनल फिल्म अवार्ड-2021 में उनकी फिल्म 'भोंसले' के लिये बेस्ट एक्टर का पुरस्कार मिलने पर बधाई एवं शुभकामनायें दी हैं। मुख्यमंत्री ने स्व0 सुषांत सिंह राजपूत अभिनीत फिल्म 'छिछोरे' को सर्वश्रेष्ठ हिन्दी फिल्म का नेशनल अवार्ड मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये स्व0 सुषांत सिंह के पिता एवं उनके परिजनों को अपनी बधाई एवं शुभकामनायें दी हैं। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
आज 23 - मार्च - 2021, मंगलवार को क्या है आप की राशी में विशेष ? Posted: 22 Mar 2021 08:48 AM PDT आज 23 - मार्च - 2021, मंगलवार को क्या है आप की राशी में विशेष ? दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन जाने प्रशिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. प्रेम सागर पाण्डेय से श्री गणेशाय नम: पंचांग 23 - मार्च - 2021, मंगलवार तिथि दशमी रात्रिशेष 05:46:12 नक्षत्र पुनर्वसु सायं 06:29:07 करण : कौलव 10:08:43 तैतिल 22:23:36 पक्ष शुक्ल योग शोभन 12:37:17 वार मंगलवार सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ सूर्योदय 06:22:21 चन्द्रोदय 12:58:00 चन्द्र राशि मिथुन - 16:31:00 तक सूर्यास्त 18:33:50 चन्द्रास्त 27:21:00 ऋतु वसंत हिन्दू मास एवं वर्ष शक सम्वत 1942 शार्वरी कलि सम्वत 5122 दिन काल 12:11:28 विक्रम सम्वत 2077 मास अमांत अमांत फाल्गुन मास पूर्णिमांत पूर्णिमांत फाल्गुन शुभ और अशुभ समय शुभ समय :- अभिजित 12:03:43 - 12:52:29 अशुभ समय :- दुष्टमुहूर्त : 08:48:39 - 09:37:25 कंटक 08:49:29 - 09:38:08 यमघण्ट 10:26:11 - 11:14:57 राहु काल 15:30:58 - 17:02:24 कुलिक 13:41:15 - 14:30:01 कालवेला या अर्द्धयाम 08:48:39 - 09:37:25 यमगण्ड 09:25:14 - 10:56:40 गुलिक काल 12:28:06 - 13:59:32 दिशा शूल उत्तर चन्द्रबल और ताराबल
आज का दैनिक राशिफल 23 - मार्च - 2021, मंगलवार
पं. प्रेम सागर पाण्डेय् ,नक्षत्र ज्योतिष वास्तु अनुसंधान केन्द्र ,नि:शुल्क परामर्श - रविवार , दूरभाष 9122608219 / 9835654844 दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
Posted: 22 Mar 2021 08:36 AM PDT जल और जंगलविश्व जल संरक्षण दिवस को समर्पित।(कविता) आरंभ में हमारी सभ्यता पली और बढ़ी थी नदियों के कछार पर फिर वह धीरे-धीरे अपना विकास जंगलों में खोजने लगी जंगल और जमीन प्राणियों के बने जीवन के आधार और वह मानव तथाकथित सभ्यता के नंगी दौड़ में नदि और जंगल को मटियामेट कर दिया पहले नदियों की अविकल धाराओं को बांधा और शनै:शनै: जंगल को वह नेस्तनाबूद करता चला गया वह मानव आज कंक्रीट के जंगलों में बसते-बसते अपने विनाश का कारण खुद बनते जा रहा है जीवन के लिए जंगल और जल जरूरी है इससे भागना तेरी कौन सी मजबूरी है रहेगा सुरक्षित आज और कल गर बचे रहेगें ये जल और जंगल --:भारतका एक ब्राह्मण. संजय कुमार मिश्र 'अणु' वलिदाद अरवल (बिहार) ---------------------------------------- दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
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