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Monday, August 30, 2021

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CASTE BASED CENSUS IS NOT A WRONG DEMAND: Part-II गलत नहीं है जाति आधारित जनगणना की मांग—द्वितीय भाग

Posted: 30 Aug 2021 02:34 AM PDT

गलत नहीं है जाति आधारित जनगणना की मांग—द्वितीय भाग                             (CASTE BASED CENSUS IS NOT A WRONG DEMAND: Part-II)
प्रोफेसर आर पी सिंह,
वाणिज्य विभाग,
गोरखपुर विश्वविद्यालय
E-mail: rp_singh20@rediffmail.com
        Contact : 9935541965
(गतांक से आगे)
जब ईसाई 'वन गॉड' के आह्वान के साथ पूरी दुनिया में फैल रहे थे तो भारत में आम हिन्दू जनता को समझाया जा रहा था कि अपनी जननी जन्मभूमि विश्व में सबसे अच्छी है, अतः यहाँ से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं। (आज भी यही गलती लगातार दुहराई जा रही है। यदि अपना देश दुनिया में सबसे अच्छा है तो भी हौसला पूरी धरती पर फैलने का होना चाहिए, न कि अपने देश की आसानी से उपलब्ध सुख-सुविधाएं भोगने का। विश्व-गुरु की श्रेष्ठता का दंभ भरने के बजाय सबसे सीखने, अपनी कमजोरियों को दूर कर औरों को साथ लेकर आगे बढ़ने की मानसिकता ही ज्यादा काम करती है।) जब इस्लामी कट्टरवाद अल्लाह के नाम पर दुनिया भर में काफिरों के सर कलम कर रहा था तो यहाँ के पथ-प्रदर्शक नेता, राजे रजवाड़े तथा जमींदार खुद और जनता को ऊंच-नीच, जातिभेद समेत हरसंभव रूढ़ियों व संकीर्णताओं में उलझे-उलझाते रहे। नतीजा यह महान देश सिकुड़ता गया। घोड़ा मुंह ढक ले इससे संकट टल तो नहीं जाता। 
वास्तव में इन वर्चस्ववादी स्वार्थी नेताओं ने ही जयचंद और मीर जाफरों का काम आसान बनाया और आमजन को संकट में डाला और देश को भी बर्बाद किया। मुस्लिम शासक यहाँ के राजे-रजवाड़ों तथा जमींदारों को साथ लेकर आम जनता का उत्पीड़न करते थे। इन राजे रजवाड़ों तथा जमींदारों ने अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए उनका साथ देना प्रायः उपयुक्त समझा, कतिपय महान अपवादों को छोड़कर जिनका आगे उल्लेख है। मुस्लिम शासक यह जानते थे कि ये रजवाड़े तथा जमींदार  सीधे सीधे तो मुसलमान  बनेंगे नहीं, लेकिन यदि उनको अपने साथ हम रखेंगे (और सत्ता बनाए रखने के लालच में वे हमारे साथ आएँगे ही) तो वैसी स्थिति में आम जनता में संदेश जाएगा कि ये रजवाड़े व जमींदार मुसलमानों व मुस्लिम शासकों के प्रभाव में हैं; अतः हमारी भलाई है मुसलमान बनने में ही। मुस्लिम शासक क्या चाहते थे? हिन्दू ऊँच नीच जातियों में बटे रहें और अभिजात्य हिन्दू भी यही चाहते थे और बहुत से आज भी जाने-अनजाने यही चाहते हैं। नतीजा एक तिहाई जनता मुसलमान बन गई और आगे चलकर देश का विभाजन हुआ, फिर भी सांप्रदायिक आतंकवाद की समस्या ज्यों की त्यों। यहाँ गनीमत तो यह रही कि आमजन के मन-मस्तिष्क में भारतीय संस्कृति के प्रति गहरा लगाव और विश्वास था, नहीं तो इन राजे रजवाड़ों तथा जमींदारों की करनी से तो समूची जनता ही ईरान व तुर्की की भांति मुसलमान बन गई होती। राजा सुहेल देव, महाराणा प्रताप, गुरु गोविंद सिंह, छत्रपति शिवाजी जैसे लोग इसके अपवाद थे। और इन लोगों ने अपने समय में दुनिया की सबसे ताकतवर सेना से लोहा लिया। राणा प्रताप ने तो कोल-भीलों-पठानों के साथ मिलकर मुगलो से मोर्चा लिया। इनके कार्य लीक से हटकर थे। इसीलिए जनता के बीच में आज भी इनकी अलग पहचान है। पर ज्यादातर राजे रजवाड़े और जमींदार सत्ता के साथ मिलकर आमजन के उत्पीड़न में लगे रहे।
यही कार्यक्रम ब्रिटिश शासकों ने भी अपनाया और इन्ही राजे-रजवाड़े व जमींदारों ने उनका साथ दिया। हालांकि बाबू कुंवर सिंह, बाबू बंधू सिंह, रानी झाँसी जैसे कुछ लोग इसके अपवाद थे, इनके प्रति आज भी आमजन में अगाध श्रद्धा है।  ब्रिटिश शासकों से लोहा लेने में अलग थलग पड़ उनका क्या हश्र हुआ? यह सब लोग जानते हैं। 
आज हिंदुत्व की ही बात लें तो यह भाजपा, वीएचपी या आर एस एस की संपत्ति नहीं रही है। गांधी और उनकी कांग्रेस ने भी हिंदुत्व और रामराज्य का उपयोग अपने ढंग से करके अपने पक्ष में जनाधार बढ़ाने का उपाय किया था। किंतु गांधी से लेकर के आज तक हिंदुत्व की जो राजनीति हुई इसने भारत को लगातार कमजोर ही किया।  पहले पहले वर्मा भारत से अलग हुआ 1938 में, फिर बटवारा हुआ, फिर तिब्बत भारत के प्रभाव क्षेत्र से बाहर गया। आज हिंदुत्व के कट्टरवादी ध्रुवीकरण की मुहिम में जातियों में बटा हिंदू भले ही एक न हो पा रहा हो किंतु भारत के भीतर और बाहर उसकी प्रतिक्रिया में इस्लामी कट्टरवाद लगातार बढ़ रहा है।  भारत के बाहर अमेरिकी पूंजीवाद का समर्थन पाने की लालसा में एक ओर रूस से दूरी बढ़ी है तो दूसरी तरफ रूस-चीन जैसे देश इस्लामी कट्टरवाद के और नजदीक आए हैं। नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका भी भारत के प्रभाव क्षेत्र से बाहर जा चुके हैं। अब तो और जटिल  स्थितियां बन रही हैं। हमारे नेता सिर्फ अपनी शेखी बघारने में लगे हुए हैं और उनका जाति-धर्मवादी लोकतंत्र इस देश को बर्बाद कर रहा है—वास्तव में यह लोकतंत्र नहीं है, नेता तंत्र और दल तंत्र है। आम जनता का ध्यान केवल फालतू बातों और नेताओं का ध्यान केवल फालतू कामों में लगाया जा रहा है। जातीय समीकरण जिस लोकतंत्र की पचहत्तर सालों से अपरिहार्यता हो वह सही मायने में लोकतंत्र है ही नहीं।  ऐसे लोकतांत्रिक पाखण्ड का चोला उतार कर फेंक देना बेहतर है। समय आ गया है कि  ठोस कदम उठाए जाएँ। 
यहाँ  जापान  से सीखना चाहिए। जापान पर भारत का अच्छा प्रभाव रहा है-काफी सकारात्मक तो बहुत  कुछ नकारात्मक भी। भारत की भांति जापान में भी पहले चतुर्जातीय व्यस्था थी, गुलामी व अछूत (outcastes) प्रथाएं थीं; Daimo (विप्र) तथा Samurai(योद्धा)  जातियों का सामंती प्रभुत्व था। 1862 से 1869  के मेइजी पुनर्स्थापन (Meiji Restoration) दौरान जापान में इन कुरीतियों को एक ही झटके में समाप्त कर दिया गया बिना किसी मसीहा या अवतार का इंतजार किए। कुछ प्रभावशाली सामन्तियों ने विरोध किया तो आधुनिक रूप से गठित सशक्त  सेना ने उन्हे कुचल दिया। अमेरिका का भी समर्थन-दबाव इसमें निहित था। पर, जापान ने हमेशा कर्म और काबिलियत पर भरोसा किया है। एड्मिरल पेरी के नेतृत्व में अमेरिका ने जापानी सम्राट को अधिकार वापस दिलवाए, उक्त आधुनिक सेना का गठन करवाया। इसी सेना के द्वारा दाइमो तथा समुराई जैसे जातिवादी सामंतों को ऐसा दमन करवाया कि जापानी समाज से जातीय व सामंती वर्चस्व, विभाजन व पहिचान हमेशा के लिए समाप्त हो गया। जापान की यह आधुनिक सेना इतनी ताकतवर हो गयी कि इसने 1894 में जापान से पच्चीस गुने बड़े चीन को धूलचटा कोरिया व फार्मोसा (ताइवान) पर कब्जा कर लिया। बहुत बाद में ये द्वीप जापान से स्वतंत्र तो हो गए पर ताइवान और दक्षिणी कोरिया आज जापान से निकटता रख चीन के लिए चुनौती बने हुए हैं।  इसी जापानी सेना ने चालीस गुना बड़े आकार के रूस को 1905 में बुरी तरह शिकस्त दी थी।

काल तो गतिशील है ठहरता कहाँ है!   

यह अच्छी बात है कि दीनदयाल उपाध्याय और तिलक की सोच से बिलकुल अलग अब माननीय सांसद सुब्रमण्यम स्वामी स्पष्टतः साहसपूर्वक मान रहे हैं कि हिंदुत्व को बचना है तो जाति से मुक्त होना होगा। हमारे हित में है कि खुले मस्तिष्क से विज्ञान और टेक्नालाजी के साथ चल दुनिया में अपनी स्वीकार्यता बढ़ावें। समय रहते संकीर्ण स्थान बाधित विचारधारा के बजाय  एक ईश्वरवादी मानव धर्म अर्थात भागवत धर्म की शरण लें वही भागवत धर्म जिसका आह्वान महाभारत की संकल्पना के साथ हुआ। महाभारत के आगे भागवत परंपरा मेन ही 'बृहद विश्व' का आह्वान था—'हरमे पिता च गौरी माता, स्वदेशो भुवन त्रय' और 'उदार चरितानाम च वसुधाईव कुटुंबकम' को भुला दिये। हिंसा से डरने वाले कायर व सुविधाभोगी लोग महाभारत को घर में रखने, पढ़ने और चर्चा करने से बचने लगे और दुर्दशा को प्राप्त होते गए। अब इस 'बृहद विश्व' के आह्वान लागू कर ही देना चाहिए। 
मानव धर्म के संकल्प के तहत भारत की सभी जातियों व संप्रदायों को एक झंडे तले लाना आसान होगा। इसमें किसी को संकोच नहीं होगा, मुसलमानों को भी नहीं, कुछ कट्टरपंथियों व कठमुल्लों को छोड़कर  जिन्हें अलग-थलगकर अलग से निपटा जा सकता है। इन सांप्रदायिक अभिव्यक्तियों को पहले जातीय अभिव्यक्तियों में और फिर दोनों को स्थानीय अभिव्यक्तियों में ही सम्मानित व समाहित करने की आवश्यकता है जैसा कि इस लेख के प्रथम भाग में स्पष्टतः उल्लिखित है। बात केवल सांस्कृतिक विमिश्रण और अनुभव-ज्ञान वृद्धि की ओर उन्मुख हो तो कोई समस्या नहीं। पर इन धर्ममतों के मूल में ही कुछ ऐसी समस्या रही है कि ये विभिन्न धर्ममत अपनी श्रेष्ठता और पूर्णता के अहंकार में चूर हो अपने अलावा दूसरे किसी के अस्तित्व को अन्तर्मन से स्वीकार नहीं कर पाते और कठमुल्लों की मेहरबानी से सभ्यताओं में टकराव और मारकाट बढ़ता रहा है।  
आज दुनिया इसाइयत और इस्लाम की गलाकाट प्रतिद्वंद्विता में पिस रही है। भारत भी इस विनाश से अछूता नहीं रह सकता। दुनिया बहुत छोटी हो चुकी है।  राष्ट्रवाद के समाधान कारगर नहीं होने वाले। इससे देश और कमजोर हुआ है। ताकतवर अमेरिकी राष्ट्रवाद का क्या हश्र हो रहा है प्रत्यक्ष दिख रहा है, पहले भी सौ वर्षों में राष्ट्रवाद के ऐसे ही अनुभव सामने आए हैं। राष्ट्रवाद से कोई राष्ट्र मजबूत नहीं होता है। राष्ट्र मजबूत होता है व्यापक दृष्टि और वैश्विक व स्थानीय स्तर पर सबको साथ लेकर चलने से। भारत को मजहबी, जातीय और नस्लीय कट्टरवाद को समूल नष्ट करने में स्वयं ही वैश्विक स्तर पर बड़ी भूमिका निभानी होगी। इसके लिए भीतर के संकीर्ण मानसिकता वाले स्वार्थी नेताओं, संगठनों व गिरोहों से मुक्त होना होगा। एक मजबूत समाज का जयचंद और  मीर जाफर लाख प्रयास करके भी कुछ नहीं बिगाड़ सकते।  
अब तो इस लेख के प्रथम भाग में उल्लिखित मामूली कानूनी परिवर्तन कर जातीय व्यवस्था को आमूल समाप्त कर देना होगा। आगे बढ़ने  के लिए रचनात्मक विध्वंस अपरिहार्य है। स्थितियाँ हाथ से निकलने के बाद के बाद तो बहुत बड़ा खतरा है कि भारत परस्पर विरोधी शक्तियों के द्वंद्व का अखाड़ा बन सकता है। विविधता और बहुरसता बनाए रखने हेतु प्राकृतिक व भूसांस्कृतिक भिन्नताओं को महत्व, मान्यता व पहिचान देना उचित है  जातियों, नस्लभेदों और मत-मतांतरों के स्थान पर; जबकि मजहबी पहिचान को,  धर्ममतवादी वैश्विक अपेक्षाओं व महत्वाकांक्षाओं को स्थानीय अपेक्षाओं के अधीन लाना होगा, इनमें मिला देना होगा। भूसांस्कृतिक विविधताओं में मिलाकर इनका अस्तित्व ही खत्म करने की आवश्यकता है। 


सपा द्वारा खिलाड़ी घेरा बनाकर खिलाड़ियों की समस्या एवं सरकार की उपेक्षा पर चर्चा हुई

Posted: 29 Aug 2021 08:17 AM PDT

कृपा शंकर चौधरी

सपा द्वारा खिलाड़ी घेरा बनाकर खिलाड़ियों की समस्या एवं सरकार की उपेक्षा पर चर्चा हुई

गोरखपुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर सपा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी के नेतृत्व में खोराबार के प्रा. वि. के फुटबॉल ग्राउंड में हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती पर "राष्ट्रीय खेल दिवस" को "खिलाड़ी घेरा" कार्यक्रम के रूप में मना कर खिलाड़ियों की समस्याओं और भाजपा सरकार के द्वारा खिलाड़ियों को कोई सुविधा न दिए जाने पर चर्चा हुई जिसमें कई नेशनल व कई इंटरनेशनल खिलाड़ी व समाजवादी पार्टी के बरिष्ठ नेता गण व कार्यकर्ता साथी मौजूद रहे । निवर्तमान जिलाध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी ने कहा कि मेजर ध्यानचंद की जयंती पर उनको समर्पित 'राष्ट्रीय खेल दिवस' के अवसर पर समाजवादी पार्टी ने जनपद में 'खिलाड़ी घेरा' कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
    'खिलाड़ी घेरा' का मूल संदेश व उद्देश्य खिलाड़ियों की आवाज उठाना था सपा खिलाड़ियों के साथ खडी़ है भाजपा सरकार में स्थानीय स्तर पर खिलाड़ियों की प्रतिभा-खोज की खामियां, खिलाड़ियों की चयन प्रक्रिया में अपारदर्शिता व पक्षपात, स्पोर्ट्स  एकेडमियों की सीमित संख्या व अनुपलब्धता, खिलाड़ियों के लिये खेल व अभ्यास उपकरणों की कमी, स्थानीय, क्षेत्रीय व राष्ट्रीयस्तर पर प्रतियोगिताओं की अनियमितता, स्थानीय स्तर पर स्टेडियम की कमी व रखरखाव की समस्याएं, खिलाड़ियों पर मानसिक दबाव व मनोवैज्ञानिक प्रोत्साहन की कमी, खिलाड़ियों के समुचित शारीरिक विश्राम की कमी, खिलाड़ियों के मानदेय में भेदभाव, खिलाड़ियों की सामाजिक सुरक्षा की उपेक्षा व स्वास्थ्य बीमा का विषय, खिलाड़ियों के साथ लैंगिक भेदभाव व अनुचित व्यवहार, खिलाडियों पर प्रशासन-प्रबन्धन का दबाव, खिलाड़ियों के आवागमन, उनके उपकरणों के सुरक्षित परिवहन तथा रहने-खाने की व्यवस्था की कमियां, अंतर्राष्ट्रीय मानकों के क्रीड़ा-प्रांगणों, प्रशिक्षकों व सुविधाओं की कमी, लोकप्रिय खेलों के आगे अन्य खेलों की उपेक्षा, प्रशिक्षकों को कम वेतन, मानदेय व दुसाध्य कार्यदशाएं आदि है।
    खिलाड़ियों के साथ विभिन्न प्रकार के भेदभाव होतें है, आर्थिक पारितोषिक व वेतन की अनियमितता, वृद्ध खिलाड़ियों व प्रशिक्षकों की दीन-हीन अवस्था व पेंशन की समस्या, खिलाड़ियों पर खेल संगठनों का अनुचित दबाव, खिलाड़ियों पर राजनैतिक दबाव व राजनैतिक शोषण, विजेता खिलाड़ियों के प्रोत्साहन से अधिक 'राजनेताओं के प्रचार' की समस्या है निवर्तमान जिलाध्यक्ष ने कहा कि सपा खिलाड़ियों के साथ खडी़ है भाजपा की केंद्र और प्रदेश सरकार लगातार खिलाड़ियों की उपेक्षा कर रही है भाजपा सरकार द्वारा छात्रों, नौजवानों, महिलाओं, किसानों,मजदूरों, बुनकर, कुटीर उद्योग का धंधे करने वाले किसानों का शोषण-उत्पीड़न किया जा रहा है। लगातार बढ़ती मंहगाई से किसान-मजदूर-नौजवान, बुनकर सबसे ज्यादा गरीब हो गयें है। आर्थिक तंगी के कारण लोग आत्महत्या करने को मजबूर हैं। अपराध चरम पर है देश की 75 वर्ष की आजादी में भाजपा-कांग्रेस की कुनीतियों के कारण किसान-मजदूर भुखमरी के कगार पर पहुंच गये हैं। खेेलों के प्रति उदासीन सत्ता को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए खिलाड़ी भी तैयार बैठे है इस दौरान प्रमुख रूप से निवर्तमान जिलाध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी अखिलेश यादव विजय बहादुर यादव रजनीश यादव अमरेन्द्र निषाद दूधनाथ मौर्या जय प्रकाश यादव जितेंद्र सिंह नरसिंह यादव रामनाथ यादव बाबूराम यादव राम अजोर मौर्या राजेश यादव गिरिश यादव जितेंद्र यादव गविश दुबे एहतेसाम खान राहुल यादव रामजतन यादव हरेन्द्र यादव बृजेश कुमार गौतम नंदलाल कनौजिया सुमन पासवान देवेंद्र भूषण निषाद हरेंद्र यादव जावेद खान रणजीत पासवान सुरेंद्र निषाद सुनील आजाद कमल किशोर यादव ओम प्रकाश यादव बिंदा सैनी प्रमोद यादव सोमनाथ यादव श्याम यादव रवि शंकर राय परशुराम निषाद डॉक्टर प्रभु नाथ सोनकर घनानंद यादव स्वतंत्र सिंह यादव मनीष पांडे धर्मेंद्र यादव तथा फुटबॉल खिलाड़ी रमेश कुमार जावेद रईस मनोज कुमार रामकुमार राष्ट्रीय हाकी खिलाड़ी शिवानी सिंह शैल जायसवाल किरण कुमारी वर्षा कुमारी आदि मौजूद रही

पूर्व सभासद ओम कुमार अग्रहरि के इलाज के लिए लगभग 25000 रुपए चंदा मिला

Posted: 29 Aug 2021 08:05 AM PDT

कृपा शंकर चौधरी

पूर्व सभासद ओम कुमार अग्रहरि के इलाज के लिए लगभग 25000 रुपए चंदा मिला

पीपीगंज गोरखपुर।  अखिल भारतीय अग्रहरि समाज के प्रदेश अध्यक्ष एवं वरिष्ठ भाजपा नेता प्रमोद कुमार अग्रहरि के नेतृत्व में नगर पंचायत पीपीगंज के व्यापारियों ने पूर्व सभासद ओम कुमार अग्रहरि के इलाज के लिए लगभग 25000 रुपए चंदा मिला जो उनका इलाज लखनऊ केजीएमसी में चल रहा है जिन के इलाज के लिए काफी धन की आवश्यकता पड़ रहा है जिन के उपचार हेतु अग्रहरि समाज के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद कुमार अग्रहरि ने आगे आकर समाज के लोगों से एवं व्यापारियों से अनुरोध करके ₹25000 हजार रुपए उनके खाते में डाल कर भेज दिया गया जिसको लेकर नगर में काफी प्रशंसा का विषय बना हुआ है और समाज के हर वर्ग से अपील है कि पूर्व सभासद ओम अग्रहरि के इलाज के लिए आगे आकर सहयोग करें इस मौके पर सुनील कुमार अग्रहरि सतीश रावत अरविंद कुमार अग्रहरी रैंडी गोविंद अग्रहरि मुन्नीलाल समाज सेवक राजू इसहाक अहमद सहित तमाम लोग उपस्थित थे

नौशाद हुसैन बने सपा अल्पसंख्यक सभा के ब्लॉक अध्यक्ष

Posted: 29 Aug 2021 07:57 AM PDT

राकेश सिंह गोंडा 

 नौशाद हुसैन बने सपा अल्पसंख्यक सभा के ब्लॉक अध्यक्ष

 गोंडा । समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक सभा के जिला अध्यक्ष मोहम्मद अफजल खान ने गौरा विधानसभा क्षेत्र के ब्लॉक बभनजोत का ब्लॉक अध्यक्ष अहिरौली निवासी नौशाद हुसैन को मनोनीत किया है। श्री हुसैन के मनोनीत होने पर पूर्व विधायक राम प्रताप सिंह, पूर्व ब्लाक प्रमुख डॉक्टर ओम प्रकाश सिंह, युवा नेता डिंपल सिंह, रईस अहमद, डॉक्टर अब्दुलसलाम,माहिम बाबा, महबूब अहमद एडवोकेट, बाबर हुसैन, काजी महफूज अहमद, मकबूल अंसारी, रहम अली, अल्लन भाई, मोहम्मद इश्तियाक सहित अनेकों लोगों ने बधाइयां दी हैं।

भाजपा ने सर्व समाज को दी सत्ता में भागीदारी विपक्षी पार्टियों ने परिवारवाद को बढ़ाया: अश्वनी पटेल

Posted: 29 Aug 2021 07:55 AM PDT



भाजपा ओबीसी मोर्चा कार्यकर्ता समागम

भाजपा ने सर्व समाज को दी सत्ता में भागीदारी विपक्षी पार्टियों ने परिवारवाद को बढ़ाया: अश्वनी पटेल

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर से यह बोलते हुए जरा भी नहीं झिझकते कि मैं पिछड़े वर्ग से हूं ,इतिहास में पहली बार प्रधानमंत्री ने पिछड़े वर्ग के सर्व समाज को केंद्रीय मंत्रिमंडल में उचित भागीदारी दे कर ,पंडित दीनदयाल उपाध्याय  के अंत्योदय की परिकल्पना को साकार किया है,कोई भी सामान्य नागरिक भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता क्यों बने?    क्योंकि बड़नगर में चाय बेचने वाला देश का प्रधानमंत्री, दुनिया का सर्वशक्तिमान नेता बन सकता है। एक अनुसूचित जाति का व्यक्ति देश का महामहिम राष्ट्रपति हो सकता है , हम और हमारे नगर एवं जिला के पदाधिकारियों का कोई बैकग्राउंड में बड़े नेता का परिवार नहीं रहा है पार्टी ने सामान्य कार्यकर्ताओं को सम्मान के साथ उचित स्थान प्रदान किया है।
वहीं विपक्षी पार्टियां परिवारवाद भाई भतीजावाद से ग्रसित है वहां बड़े नेता का बेटा -बेटी बिना कोई सामाजिक सरोकार के सत्ता के भागीदार हो जाते हैं, अभी करोना काल में भाजपा के कार्यकर्ता ही समाज की सेवा में बिना अपनी जान की परवाह किए दिन-रात जुटे रहे, विपक्षी घरों में दुबके रहे भाजपा का कार्यकर्ता राजनीतिक ही नहीं सामाजिक कार्यकर्ता है।
भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष अश्वनी कुमार सिंह पटेल ने भाजपा के रोहनिया स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के पंडित दीनदयाल सभागार में आज दिनांक 28अगस्त 2021को वाराणसी महानगर एवं जिला के पिछड़ा वर्ग कार्यकर्ता समागम में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा।
कार्यक्रम के संयोजक एवं संचालक पिछड़ा वर्ग मोर्चा के नवनियुक्त महानगर अध्यक्ष शोभनाथ मौर्य ने कहा कि पार्टी में सर्व समाज का हित निहित है सरकार हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित कर रही है पिछड़ों को उत्थान के लिए आवश्यक कार्य किए जा रहे हैं । कार्यक्रम के सह संयोजक जिला अध्यक्ष विजय राज यादव ने सभी अतिथियों एवं कार्यकर्ताओं का स्वागत किया तथा क्षेत्रीय उपाध्यक्ष श्री अनूप जायसवाल ने सभी अतिथियों सभी कार्यकर्ताओं ,सभी मीडिया कर्मियों को धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया तथा सभी का आभार प्रकट किया ।
इस समागम में भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश महामंत्री सुभाष कुशवाहा, जिला अध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा एवं महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय जी, महानगर प्रभारी राम लखन बिंद, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सोमनाथ विश्वकर्मा क्षेत्रीय मंत्री विनय मौर्य क्षेत्रीय कार्यालय प्रभारी देवेंद्र मौर्य श्री योगेश वर्मा पार्षद रोहित मौर्य पार्षद सिंधु जी मंडल अध्यक्ष अभिषेक वर्मा एवं रतन सिंह मौर्य पार्षद श्याम आश्रय मौर्य, राजेश मौर्य ,शंभू पटेल ,सत्य प्रकाश आर्य, पूर्व अध्यक्ष स्वराज यादव, पार्षद अजय गुप्ता ,पार्षद मनीष यादव ,कन्हैया शर्मा , श्रीमती रत्ना वर्मा सुमित मौर्य निक्की, पंकज पटेल, रवि बिंद ,काशी विश्वनाथ धाम डमरू दल के मोहित चौरसिया आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
भाजपा के प्रदेश एवं क्षेत्र पदाधिकारियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया गया।


व्यापारी समाज को अपने हित के आधार पर समाजवादी पार्टी की सरकार बनानी चाहिए: आशुतोष सिन्हा, स्नातक एमएलसी

Posted: 29 Aug 2021 07:48 AM PDT

कैलाश सिंह विकास वाराणसी

व्यापारी समाज को अपने हित के आधार पर समाजवादी पार्टी की सरकार बनानी चाहिए: आशुतोष सिन्हा, स्नातक एमएलसी

वाराणसी। समाजवादी व्यापार सभा द्वारा आयोजित जिला कार्यकर्ता सम्मेलन एवं व्यापारी सम्मान समारोह कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में वाराणसी स्नातक खण्ड से विधान परिषद सदस्य आशुतोष सिन्हा ने अपने सम्बोधन में कहा कि जनहित की भावना के आधार पर सपा की पूर्व सरकार में, किसी बिना भेदभाव के समाज के वर्ग एवं जाति के लिए जनकल्याणकारी योजनाओं के आधार पर ऐतिहासिक कार्य हुए हैं, व्यापारी हित में धारा 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम को शिथिल करना, चुंगी, तहबाजारी, इंस्पेक्टर राज को समाप्त करना, व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना की शुरुवात आदि और आगे भी व्यापारियों के सहयोग से 2022 में सपा सरकार बनने पर व्यापार एवं व्यापारिक हित में निर्णय लिए जायेंगे।
मुख्य अतिथि आशुतोष सिन्हा ने यह भी कहा कि सरकारी विभागों द्वारा व्यापारियों के उत्पीड़न एवं दोहन के खिलाफ़ व्यापारियों के हित के लिए जरूरत पड़ी तो विधान परिषद में भी सवाल उठाऊंगा।

समाजवादी व्यापार सभा के तत्वाधान में वाराणसी के जिला एवं महानगर संगठन द्वारा आयोजित *जिला कार्यकर्ता सम्मेलन एवं व्यापारी सम्मान समारोह* कार्यक्रम पाण्डेयपुर-पैगंबरपुर-पंचक्रोशी मार्ग पर स्थित श्री राम पीजी कॉलेज ऑफ कॉमर्स एण्ड एजुकेशन, वाराणसी (महाविद्यालय प्रांगण) में समाजवादी व्यापार सभा के सभी आठों विधान सभाओं के पदाधिकारियों, वाराणसी के सम्मानित व्यापार मंडलों तथा व्यापारी व वैश्य समाज के प्रमुख प्रतिनिधियों के साथ अनुशासित एवं भव्य रूप से सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।

अति विशिष्ठ अतिथि के रूप में समाजवादी व्यापार सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप जायसवाल ने अपने संबोधन में कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए नारा दिया कि व्यापारियों ने भरी हुंकार..अबकी बार सपा सरकार। एवं  व्यापारियों ने ठाना है..सपा सरकार बनाना है।
प्रदीप जायसवाल ने कहा कि समाजवादी पार्टी कि व्यापारियों के सहयोग से 2022 में सपा सरकार आने पर व्यापारी आयोग का गठन, जटिल जीएसटी का सरलीकरण, व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना की राशि 10 लाख से 20 लाख रुपए, ऑनलाइन मार्केटिंग से बर्बाद हो रहे रेहड़ी, पटरी, फुटकर, छोटे, मझौले दुकानदारों की बेहतरी के लिए प्रभावी अंकुश लगाएंगे।

कार्यक्रम के मुख्य अथिति श्री आशुतोष सिन्हा, अति विशिष्ठ अतिथि के रूप में समाजवादी व्यापार सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्वांचल प्रभारी प्रदीप जायसवाल, अध्यक्षता जिलाध्यक्ष चरन दास गुप्ता, संचालन संयुक्त रूप से जिला महासचिव राजकुमार यादव व महानगर अध्यक्ष राजेश केशरी तथा धन्यवाद प्रकाश महानगर महासचिव रवि जायसवाल ने किया।

कार्यक्रम की शुरुवात सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवल कर एवं महान दानवीर भामाशाह, डॉ.राममनोहर लोहिया व राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर पुष्पांजलि कर हुई।

अतिथियों को माल्यार्पण, अंगवस्त्रम, सपा की लाल टोपी एवं समाजवादी व्यापार सभा के प्रतीक चिन्ह का स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया साथ ही मंच पर केवल और केवल प्रदेश कार्यकारिणी, व्यापार मण्डल, व्यापारी व वैश्य समाज के प्रतिनिधियों को ससम्मान स्थान मिला, जिसमें नन्दलाल जायसवाल, कन्हैया लाल गुप्ता, पारस नाथ जायसवाल, राजकुमार जायसवाल, मीरा सेठ, अजय साहू, आशीष गुप्ता, सुनील कसेरा, अमित अग्रहरी आदि लोग प्रमुख थे।

मुख्य अतिथि द्वारा कार्यक्रम के अन्त में 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनाने के लिए शपथ पत्र द्वारा संकल्पित किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से सपा जिलाध्यक्ष सुजीत यादव लक्कड़, महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा, समाजवादी व्यापार सभा के प्रदेश सचिव हृदय गुप्ता, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मुरलीधर जायसवाल, वाराणसी मण्डल प्रभारी जितेन्द्र सेठ, जिलाध्यक्ष चरन दास गुप्ता, जिला महासचिव राजकुमार यादव, महानगर अध्यक्ष राजेश केशरी, महानगर महासचिव रवि जायसवाल आदि शामिल थे।

गरीब जरूरतमंदों की सहायता करना मोदी योगी सरकार का पहला उत्तरदायित्व

Posted: 29 Aug 2021 07:42 AM PDT

मोहित गुप्ता बस्ती रूधौली

गरीब जरूरतमंदों की सहायता करना मोदी योगी सरकार का पहला उत्तरदायित्व

बस्ती रुधौली। वर्तमान केंद्र और प्रदेश सरकार मध्यम एवं गरीब वर्ग की जनता को मूलभूत सुविधाओं एवं उनके जरूरत की हर आवश्यक आपूर्तियों को निशुल्क अथवा सस्ते मूल्यों में प्रदान करने के लिए संकल्पित है। इन सरकारों ने गरीबों के उत्थान एवं सहयोग के लिए अपने पूरे कार्यकाल में उज्जवला गैस, प्रधानमंत्री आवास, आयुष्मान भारत जैसी कई योजनाओं को लागू किया जिसके माध्यम से आज न सिर्फ देश करोड़ों गरीब परिवारों के घरों में सुविधाएं पहुंच रही है बल्कि देश की जनता भी खुशहाल महसूस कर रही है।
       उक्त बातें रुधौली विकासखंड परिसर में आयोजित सामाजिक आधिकारिकता शिविर के अंतर्गत दिव्यांगजनों को सहायता उपकरण वितरण कार्यक्रम में सांसद एवं भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री हरीश द्विवेदी ने शनिवार को कहीं। क्षेत्रीय विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने भी मुख्य अतिथि के वक्तव्य से खुद को जोड़ते हुए वर्तमान की प्रदेश एवं केंद्र सरकार को अब तक की सबसे बेहतरीन सरकार बताया।
      कार्यक्रम की मेजबानी करते हुए ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि पुष्करादित्य सिंह ने कहा कि विकासखंड की ओर से शासन की योजनाओं को लागू करने के लिए हर संभव सहयोग किया जायेगा। जिससे कि क्षेत्र का समुचित एवं आवश्यक विकास कार्य निर्बाध रूप से हो सके।

बाबा बटुक भैरव जी का हुआ वार्षिक हरियाली एवं जल बिहार श्रृंगार, महादेव के बालरूप का दर्शन कर भक्त हुए निहाल

Posted: 29 Aug 2021 07:38 AM PDT

कैलाश सिंह विकास वाराणसी


बाबा बटुक भैरव जी का हुआ वार्षिक हरियाली एवं जल बिहार श्रृंगार, महादेव के बालरूप का दर्शन कर भक्त हुए निहाल

वाराणसी। कोविड19 पर आस्था भारी पड़ी और परम्परा को आगे बढ़ाते हुए कमच्छा स्थित प्राचीन श्री बटुक भैरव मन्दिर में प्रतिवर्ष की भाँति इस बर्ष भी बाबा बटुक भैरव जी का भव्य हरियाली श्रृंगार एवं जल बिहार रविवार को आयोजित हुआ। इस अवसर पर दिव्य झाँकी का नयनाभिराम दर्शन जिसकी प्रतिक्षा काशी के श्रद्धालुओं को सदैव रहती है, के लिए भक्तों का तांता प्रातः 5.00 बजे से ही लगना प्रारम्भ हो गया था। 

प्रातः 5.00 बजे बाबा का पंचामृत स्नान के बाद मंगला आरती हुई। इसी के साथ श्रद्धालुओं द्वारा बाबा बटुक भैरव के दर्शन पूजन का क्रम अनवरत शुरू हो गया।  बाबा के अलौकिक बालस्वरूप के दर्शन के लिए भक्त निरन्तर पहुंचते रहे। जहां मंदिर के मुख्य द्वार पर थर्मल चेकिंग के बाद सेनेटाइजर से हाथ साफ कराकर ही फिजिकल डिस्टेंशिंग के साथ मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा था, फिजिकल डिस्टेंशिंग का पालन करते हुए श्रद्धालु को अपने अराध्य के तेजपूर्ण स्वरूप के दर्शन कर अपलक निहारते रहे। रात्रि 9ः00 बजे बाबा की महा आरती हुई। महन्त राकेश पुरी ने बाबा की महा आरती 1008 बत्ती वाले दीपदान एवं सवा किलो कपूर द्वारा किया। इस दौरान 51 भक्तों द्वारा डमरू बजाया जा रहा था। 

सूच्य हो कि विगत प्रति वर्षों अग्रणी सामाजिक संस्था संकल्प के द्वारा भजन संध्या का आयोजन किया जाता रहा है, परन्तु कोरोना महामारी के मद्देनजर सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन का पालन करते हुए इस वर्ष यह आयोजन नही किया गया। 

श्री बाबा बटुक भैरव के दरबार गर्भगृह एवं मंदिर परिसर में हरियाली श्रृंगार तथा जल बिहार झाँकी की सजावट अति भव्य की गई थी। था। साथ ही मंदिर परिसर के बाहर गुफा रूपी मार्ग बनाया गया था, जहां पक्षी, सांप आदि कैलाश मानसरोवर की जीवन्तता का एहसास करा रहे थे। तो वही गुफा रूपी मुख्यद्वार से ही श्रद्धालुओं को अलौकिक आनन्द प्राप्त हो रहा था। प्रसिद्ध मालियों द्वारा कामिनी की पत्तियों, अशोक की पत्तियों, बेला, गेंदे की माला, फल, गुलाब के फूल की माला द्वारा गर्भगृह, मन्दिर परिसर एवं आसपास सुन्दर सजावट की गई थी। मन्दिर के महंत श्री राकेश पुरी व श्री भास्कर पुरी के दिशा निर्देशन में समस्त कार्यकर्तागण सम्पूर्ण व्यवस्था के संचालन में अनवरत लगे रहे।

BREKING PHARUKHABAD - दबंगो का महिला पर टूट रहा कहर

Posted: 29 Aug 2021 04:58 AM PDT

पुनीत मिश्रा फर्रूखाबाद

फर्रुखाबाद ब्रेकिंग:- 

दबंगो का महिला पर टूट रहा कहर

सरकार की महिला सुरक्षा नीति के दबंग खोल रहे दावे 

दबंगों के कहर से पीड़िता कई दिनों से काट रही पुलिस के चक्कर

फर्रुखाबाद कोतवाली पुलिस दबंग युवकों का 151 में चालान कर के कर रही खानापूर्ति

दबंगों ने दबंगई के दम पर महिला के मकान में डाला ताला

पुलिस माइक में में महिला की नहीं हो रही कोई सुनवाई

युवकों ने महिला के नंबर पर अश्लील मैसेज भेज कर कर रहा है प्रताड़ित

दबंग युवक अश्लील मैसेज की फोटो सोशल मीडिया में कर रहा वायरल

दबंगों से परेशान महिला दर-दर भटक रही

शहर कोतवाली क्षेत्र की पुलिस का नाकारापन आया सामने

फर्रुखाबाद पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा के कड़े रुख के बावजूद भी नहीं सुधरने को तैयार पुलिसकर्मी

पीड़ित महिला जिले के उच्च अधिकारियों से लेकर चौकी थाने तक नहीं हो रही कहीं कोई सुनवाई

दबंगों के हौसले बुलंद पुलिस दबंगों के सामने हुई नतमस्तक

शहर कोतवाली क्षेत्र के चांदपुर का मामला

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