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Wednesday, August 25, 2021

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दो सौ अंक पर बनाई जाएगी संविदा पर चयनित होने वाले संस्कृत शिक्षकों की मेरिट

Posted: 24 Aug 2021 06:32 PM PDT

दो सौ अंक पर बनाई जाएगी संविदा पर चयनित होने वाले संस्कृत शिक्षकों की मेरिट



प्रयागराज: प्रदेश में अशासकीय सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी से प्रभावित हुई शिक्षण व्यवस्था जल्द ही पटरी पर आएगी। विद्यालयों ने रिक्त पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया है। सहायक अध्यापक के लिए होने वाली भर्ती में कुल 200 अंक होंगे। इसमें 120 अंक शैक्षिक अर्हता पर आधारित होंगे, जबकि 80 अंक साक्षात्कार के लिए निर्धारित किए गए हैं।


ये शिक्षक मानदेय पर शैक्षिक सत्र 2021-22 एवं 2022-23 के लिए अस्थाई रूप से चयनित किए जाएंगे। उप शिक्षा निदेशक माध्यमिक संस्कृत सीएल चौरसिया ने बताया कि शासन के आदेश पर पूर्व मध्यमा (कक्षा नौ से दस) और उत्तर मध्यमा (कक्षा 11 से 12) स्तर तक के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए चयन समिति गठित की गई है। चयन समिति में संबंधित अशासकीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालय के प्रबंधक को अध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा संबंधित जनपद के जिलाधिकारी द्वारा नामित जनपदीय अधिकारी, मंडलीय उप निरीक्षक संस्कृत पाठशालाएं एवं संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी द्वारा नामित दो विशेषज्ञ चयन समिति में सदस्य हैं। संबंधित जिले के जिला विद्यालय निरीक्षक समिति में सदस्य सचिव मनोनीत किए गए हैं। जिन विद्यालयों में शिक्षकों का अस्थाई रूप से चयन किया जाएगा, वहां नियमित चयनित शिक्षक की तैनाती हो जाने पर मानदेय शिक्षकों का चयन खत्म हो जाएगा।


इधर, भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षकों ने संस्कृत विद्यालयों के प्रबंधतंत्र से रिक्त पदों की सूचना मंगाकर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को भेज दी है। विद्यालय इसी के अनुरूप विज्ञापन जारी कर रहे हैं।

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नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल में जुटी केंद्र सरकार, वर्चुअल स्कूल लाएंगे 17 करोड़ बच्चों के जीवन में शिक्षा का उजियारा

Posted: 24 Aug 2021 06:28 PM PDT

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल में जुटी केंद्र सरकार, वर्चुअल स्कूल लाएंगे 17 करोड़ बच्चों के जीवन में शिक्षा का उजियारा


 नई दिल्ली : नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल में जुटी केंद्र सरकार ने मंगलवार को विद्यालय से वंचित करीब 17 करोड़ बच्चों के लिए वर्चुअलओपन स्कूल की शुरुआत की है। शिक्षा मंत्रलय ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रलय के साथ मिलकर दिव्यांग बच्चों की बेहतर और रूचिकर शिक्षा के लिए भी बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत बच्चों को अब उन्हीं की भाषा में सरल व इंटरैक्टिव तरीके से पढ़ाया जा सकेगा।


केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस मौके पर कहा कि शिक्षा सिर्फ अंक गणित या डिग्री प्राप्त करने की व्यवस्था नहीं है। देश में आज भी करीब 17 करोड़ ऐसे बच्चे हैं, जो सामाजिक, आर्थिक व दूसरे कारणों से पारंपरिक शिक्षा हासिल नहीं कर पा रहे हैं। स्कूली शिक्षा विभाग अब ऐसे वंचित बच्चों के लिए एक नया मंच लेकर आया है। 


इन बच्चों को अब नेशनल इंस्टीट्यूट आफ ओपन स्कूलिंग (एनआइओएस) के वचरुअल स्कूल की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि जब ये बच्चे एटीएम से पैसे निकाल सकते हैं और प्री-पेड वाउचर भरने के साथ-साथ डिजिटल भुगतान कर सकते हैं, तो वे ओपन वचरुअल माध्यम से शिक्षा भी प्राप्त कर सकते हैं। प्रधान ने दिव्यांग बच्चों की मदद के लिए तैयार की गई ई-कामिक पुस्तिका प्रिया सुगम्यता को भी जारी किया।

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