दिव्य रश्मि न्यूज़ चैनल |
- आरक्षण और शोषण
- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर निकला शोभायात्रा
- आज 31 अगस्त 2021, मंगलवार का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन ? क्या है आप की राशी में विशेष ? जाने प्रशिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. प्रेम सागर पाण्डेय से |
- संस्कृति के उत्थान के लिए संस्कृत का विकास परमावश्यक
- संस्कारशाला ने मनाया जन्माष्ठमी
- पटना जिला जूडो चैंपियन शिप 2021-22 का हुआ आयोजन
- निःसंतानो को वेझिझक वैज्ञानिक उपचार अपना कर संतान सुख की ओर कदम बढ़ाना चाहिए –उपमुख्यमंत्री
- क्रूर मुगलों का महिमामंडन करनेवाले चलचित्र और उनके प्रायोजकों का हिन्दू बहिष्कार करें ! - अधिवक्ता सुभाष झा, सर्वोच्च न्यायालय
- शिक्षा व्यक्तित्व निर्माण का द्योतक
Posted: 30 Aug 2021 07:21 AM PDT आरक्षण और शोषणअमित कुमार सिंह अक्सर आरक्षण समर्थक यह कहते हैं कि हजारों साल शोषण किया गया, इसलिए आरक्षण हमारा हक़ है।चलिए हजारो साल पुराना इतिहास पढ़ते हैं। सम्राट शांतनु ने विवाह किया एक मछवारे की पुत्री सत्यवती से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की। सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए भीष्म आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता होगा? महाभारत लिखने वाले वेद व्यास भी मछवारे थे,पर महर्षि बन गए, गुरुकुल चलाते थे वो। विदुर, जिन्हें महा पंडित कहा जाता है वो एक दासी के पुत्र थे, हस्तिनापुर के महामंत्री बने, उनकी लिखी हुई विदुर नीति, राजनीति का एक महाग्रन्थ है। भीम ने वनवासी हिडिम्बा से विवाह किया। श्रीकृष्ण दूध का व्यवसाय करने वालों के परिवार से थे, उनके भाई बलराम खेती करते थे,हमेशा हल साथ रखते थे। यादव क्षत्रिय रहे हैं,कई प्रान्तों पर शासन किया और श्रीकृषण सबके पूजनीय हैं, गीता जैसा ग्रन्थ विश्व को दिया। राम के साथ वनवासी निषादराज गुरुकुल में पढ़ते थे। उनके पुत्र लव कुश वाल्मीकि के गुरुकुल में पढ़े जो वनवासी थे, डाकू थे। तो ये हो गयी वैदिक काल की बात, स्पष्ट है कोई किसी का शोषण नहीं करता था,सबको शिक्षा का अधिकार था,कोई भी पद तक पहुंच सकता था अपनी योग्यता के अनुसार। वर्ण सिर्फ काम के आधार पर थे वो बदले जा सकते थे,जिसको आज इकोनॉमिक्स में डिवीज़न ऑफ़ लेबर कहते हैं वो ही। प्राचीन भारत की बात करें, तो भारत के सबसे बड़े जनपद मगध पर जिस नन्द वंश का राज रहा वो जाति से नाई थे,नन्द वंश की शुरुवात महापद्मनंद ने की थी जो की राजा नाई थे।बाद में वो राजा बन गए फिर उनके बेटे भी, बाद में सभी क्षत्रिय ही कहलाये। उसके बाद मौर्य वंश का पूरे देश पर राज हुआ, जिसकी शुरुआत चन्द्रगुप्त से हुई,जो कि एक मोर पालने वाले परिवार से थेऔर एक ब्राह्मण चाणक्य ने उन्हें पूरे देश का सम्राट बनाया506 साल देश पर मौर्यों का राज रहा। फिर गुप्ताओं का राज हुआ, जो कि घोड़े का अस्तबल चलाते थे और घोड़ों का व्यापार करते थे।140 साल देश पर गुप्ताओं का राज रहा। केवल पुष्यमित्र शुंग के 36 साल के राज को छोड़ कर 92% समय प्राचीन काल में देश में शासन उन्ही का रहा, जिन्हें आज दलित पिछड़ा कहते हैं तो शोषण कहां से हो गया?यहां भी कोई शोषण वाली बात नहीं है। फिर शुरू होता है मध्यकालीन भारत का समय जो सन 1100- 1750 तक है, इस दौरान अधिकतर समय, अधिकतर जगह मुस्लिम शासन रहा। अंत में मराठों का उदय हुआ,बाजी राव पेशवा जो कि ब्राह्मण थे, ने गाय चराने वाले गायकवाड़ को गुजरात का राजा बनाया,चरवाहा जाति के होलकर को मालवा का राजा बनाया। अहिल्या बाई होलकर खुद बहुत बड़ी शिवभक्त थी।ढेरों मंदिर गुरुकुल उन्होंने बनवाये। मीरा बाई जो कि राजपूत थी,उनके गुरु एक चर्मकार रविदास थे और रविदास के गुरु ब्राह्मण रामानंद थे|। यहां भी शोषण वाली बात कहीं नहीं है। मुग़ल काल से देश में गंदगी शुरू हो जाती है और यहां से पर्दा प्रथा, गुलाम प्रथा,बाल विवाह जैसी चीजें शुरू होती हैं। 1800-1947 तक अंग्रेजो के शासन रहा और यहीं से जातिवाद शुरू हुआ जो उन्होंने फूट डालो और राज करो की नीति के तहत किया।अंग्रेज अधिकारी निकोलस डार्क की किताब कास्ट ऑफ़ माइंड में मिल जाएगा कि कैसे अंग्रेजों ने जातिवाद,छुआछूत को बढ़ाया और कैसे स्वार्थी भारतीय नेताओं ने अपने स्वार्थ में इसका राजनीतिकरण किया। इन हजारों सालों के इतिहास में देश में कई विदेशी आये जिन्होंने भारत की सामाजिक स्थिति पर किताबें लिखी हैं,जैसे कि मेगास्थनीज ने इंडिका लिखी,फाहियान ह्यू सांग, अलबरूनी जैसे कई।किसी ने भी नहीं लिखा की यहां किसी का शोषण होता था। योगी आदित्यनाथ जो ब्राह्मण नहीं हैं, गोरखपुर मंदिर के महंत रहे हैं, पिछड़ी जाति की उमा भारती महा मंडलेश्वर रही हैं। दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर निकला शोभायात्रा Posted: 30 Aug 2021 07:09 AM PDT श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर निकला शोभायात्रा पटना जिला परिषद अध्यक्ष ज्योति सोनी ने 30 अगस्त (सोमवार) को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के गॉंवों में आयोजित शोभायात्रा में भाग ली। |
Posted: 30 Aug 2021 06:58 AM PDT आज 31 अगस्त 2021, मंगलवार का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन ? क्या है आप की राशी में विशेष ? जाने प्रशिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. प्रेम सागर पाण्डेय से |श्री गणेशाय नम: !! दैनिक पंचांग ☀ 31 अगस्त 2021, मंगलवार ☀ पंचांग 🔅 तिथि नवमी रात्रि 02:13:18 🔅 नक्षत्र रोहिणी दिन 09:18:36 🔅 करण : तैतिल 15:16:42 गर 28:26:11 🔅 पक्ष कृष्ण 🔅 योग हर्शण 08:47:10 🔅 वार मंगलवार ☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ 🔅 सूर्योदय 05:43:25 🔅 चन्द्रोदय 24:18:00 🔅 चन्द्र राशि वृषभ - 23:12:40 तक 🔅 सूर्यास्त 18:17:20 🔅 चन्द्रास्त 13:52:00 🔅 ऋतु शरद ☀ हिन्दू मास एवं वर्ष 🔅 शक सम्वत 1943 प्लव 🔅 कलि सम्वत 5123 🔅 दिन काल 12:46:05 🔅 विक्रम सम्वत 2078 🔅 मास अमांत श्रावण 🔅 मास पूर्णिमांत भाद्रपद ☀ शुभ और अशुभ समय ☀ शुभ समय 🔅 अभिजित 11:55:47 - 12:46:51 ☀ अशुभ समय 🔅 दुष्टमुहूर्त 08:31:29 - 09:22:34 🔅 कंटक 06:49:21 - 07:40:25 🔅 यमघण्ट 10:13:38 - 11:04:42 🔅 राहु काल 15:32:50 - 17:08:36 🔅 कुलिक 13:37:55 - 14:29:00 🔅 कालवेला या अर्द्धयाम 08:31:29 - 09:22:34 🔅 यमगण्ड 09:09:48 - 10:45:33 🔅 गुलिक काल 12:21:19 - 13:57:05 ☀ दिशा शूल 🔅 दिशा शूल उत्तर ☀ चन्द्रबल और ताराबल ☀ ताराबल 🔅 अश्विनी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुष्य, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद ☀ चन्द्रबल 🔅 वृषभ, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मीन 🌹विशेष ~ औदयिक रोहिणी मतावलम्बी वैष्णोनाम रोहिणी व्रत, गोगा नवमी, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में सूर्य का प्रवेश दिन 11:49:36 से। 🌹 पं.प्रेम सागर पाण्डेय् राशिफल 31 अगस्त 2021, मंगलवार मेष (Aries):कार्यगति बनाए रखिए। धर्म संस्कारों को बल मिलेगा। भ्रमण मनोरंजन में रुचि रहेगी। भाग्य के सहयोग से चहुंओर सफलता पाएंगे। दिन श्रेष्ठ फलकारक। शुभ रंग = क्रीम शुभ अंक : 2 वृषभ (Tauras):धैर्य व्यक्ति का सबसे अच्छा दोस्त और मार्गदर्शक होता है। अपनी अच्छाइयों पर फोकस बनाए रखें। कामकाज पूर्ववत बना रहेगा। अपने सहयोगी रहेंगे। शुभ रंग = फीरोजा शुभ अंक : 6 मिथुन (Gemini):सहभागिता और साझेदारी के नए अनुबंध संभव हैं। स्थायित्व को बल मिलेगा। निजी जीवन में सुख सौख्य बढ़ेगा। साथी उपलब्धि अर्जित कर सकता है। दिन शुभ। शुभ रंग = आसमानी शुभ अंक : 7 कर्क (Cancer):कई विषयों में एक साथ में उलझने से बेहतर होता एक-एक कर फोकस करें। आर्थिक मामलों में सतर्क रहें। दिन सामान्य फलकारक। व्यर्थ बातों से बचें। शुभ रंग = उजला शुभ अंक : 4 सिंह (Leo):निजी मामले हितकर रहेंगे। प्रियजन के साथ श्रेष्ठ समय बिताएंगे। जीत का प्रतिशत बेहतर बना रहेगा। आवश्यक कार्यों में तेजी लाएं। दिन शुभकारक। शुभ रंग = पीला शुभ अंक : 9 कन्या (Virgo):परिवार एक इकाई होता है। निजी हित और उद्देश्य यहां अंतिम पायदान पर होते हैं। इसमें थोड़ा भी बदलाव सभी की असहजता बढ़ाता है। दिन सामान्य शुभ। शुभ रंग = केशरी शुभ अंक : 1 तुला (Libra):अच्छा करेंगे और अन्य को भी प्रेरित करेंगे। महत्वपूर्ण जानकारी हासिल हो सकती है। तेजी बनाए रखें। अधिकतर कार्यों को आज ही पूरा कर लेने की कोशिश करें। शुभ रंग = क्रीम शुभ अंक : 2 वृश्चिक (Scorpio):व्यक्तिगत मामले शुभकर बने रहेंगे। अपनों के साथ आनंदपूर्वक समय बीतेगा। भव्य आयोजन में शामिल हो सकते हैं। सामाजिकता बढ़त पर रहेगी। दिन श्रेष्ठ। शुभ रंग = पींक शुभ अंक : 5 धनु (Sagittarius):निसंकोच आगे बढ़ते रहें। बाधाएं स्वत: दूर होती नजर आएंगी। निजी जीवन खुशहाल रहेगा। प्रभावशीलता बढ़ेगी। महत्वपूर्ण आयोजन में शामिल हो सकते हैं। शुभ रंग = उजला शुभ अंक : 4 मकर (Capricorn):मूल्यवान वस्तु की प्राप्ति संभव है। रिश्तों में मधुरता बनाए रखें। श्रेष्ठ आयोजन में प्रमुखता से शामिल हो सकते हैं। प्रसिद्धि और प्रभाव बढ़ेगा। शुभ रंग = आसमानी शुभ अंक : 7 कुंभ (Aquarius):आर्थिक गतिविधियां बढ़त पर रहेंगी। अपनों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए पुरजोर प्रयास करेंगे। शिक्षा और संतान पक्ष बेहतर रहेगा। दिन लाभकर। शुभ रंग = क्रीम शुभ अंक : 2 मीन (Pisces):सफलता और सक्रियता बढ़त पर रहेंगे। प्रशासनिक मामलों में बेहतर करेंगे। सभी का सहयोग मिलेगा। तेजी बनाए रखें। दिन उत्तम फलकारक। शुभ रंग = उजला शुभ अंक : 4 दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
संस्कृति के उत्थान के लिए संस्कृत का विकास परमावश्यक Posted: 30 Aug 2021 06:46 AM PDT संस्कृति के उत्थान के लिए संस्कृत का विकास परमावश्यकस्थानीय महाकाल मंदिर के प्रांगण में अखिल भारतीय विद्वत् परिषद द्वारा एक विचार-गोष्ठी आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता पंडित वासुदेव मिश्र तथा संचालन साहित्यकार धनंजय जयपुरी ने किया। गोष्ठी की शुरुआत भगवान महाकाल की पूजा- अर्चना और मंगलाचरण के साथ हुई। उक्त बैठक में संस्कृत की अनिवार्यता एवं प्रासंगिकता विषय पर विभिन्न विद्वानों द्वारा विचार व्यक्त किए गए। आचार्य लालभूषण मिश्र ने कहा की संस्कृत विश्व की प्राचीनतम एवं सर्वोत्कृष्ट भाषा है जो सभी भाषाओं की जननी है। परंतु आज इस पर चारों ओर से प्रहार हो रहा है। यदि संस्कृत का क्षय हुआ तो भारतीय संस्कृति को विनष्ट होने से कोई बचा नहीं सकता। पंडित मधुसूदन पांडेय ने कहा कि संस्कृत केवल हमारी मातृभाषा ही नहीं है अपितु यह ज्ञान-विज्ञान के खजाने की कुंजी है। इस वजह से संस्कृत का विकास होना हर हाल में आवश्यक है। डॉ महेंद्र पांडेय के अनुसार वैश्विक स्तर पर स्पर्धा में भारत को श्रेष्ठ बनाने के लिए ज्ञान-विज्ञान के साथ-साथ जिन मानवीय मूल्यों की आवश्यकता है वह संस्कृत के पुस्तकों में भरा पड़ा है। यह दुख का विषय है कि हमारे देश में संस्कृत की अनिवार्यता समाप्त कर इसे ऐच्छिक या वैकल्पिक विषय के रूप में रखने की स्वतंत्रता प्रदान कर दी गई है। परंतु विश्व के कई ऐसे देश हैं जो संस्कृत को अपनाकर चरमोत्कर्ष को प्राप्त कर रहे हैं। आचार्य रविंद्र कुमार मिश्र के शब्दों में देश की सनातनी संस्कृति एवं संस्कार का प्रतिनिधित्व करने वाली सृष्टि की प्राचीनतम वेदभाषा संस्कृत का सरकार द्वारा तिरस्कार किया जाना हमारे देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। आचार्य शिवशंकर पांडेय ने कहा की संस्कृत दिवस वर्ष भर में केवल एक दिन ही नहीं अपितु वर्ष के हर एक दिन को संस्कृत दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए एवं इसका प्रचार-प्रसार लोकोपकार की भावना से किया जाना चाहिए। गुप्तेश्वर पाठक ने कहा कि परिषद के वैसे सदस्य जो संस्कृत के जानकार हैं, द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में कम से कम सप्ताह में एक दिन उक्त विषय के जिज्ञासु बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जानी चाहिए। उक्त विचार गोष्ठी में पंडित शशि भूषण मिश्र, आचार्य गोपाल पांडेय, धनंजय पांडेय, वंशीधर पांडेय, अनूप मिश्र, अखिलेश्वर मिश्र, आचार्य राजकिशोर पाठक, अधिवक्ता योगेश मिश्र, रामनाथ मिश्र, श्याम नंदन मिश्र इत्यादि विद्वानों ने भी अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए। दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
संस्कारशाला ने मनाया जन्माष्ठमी Posted: 30 Aug 2021 06:35 AM PDT संस्कारशाला ने मनाया जन्माष्ठमीहमारे संवाददाता जितेन्द्र कुमार सिन्हा की खास खबर कुरथौल (राजपूताना) फूलझड़ी गार्डेन स्थित दीदीजी संस्कारशाला में श्रीकृष्ण जन्माष्ठमी धूमधाम से मनाया गया। उक्त अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में बच्चों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी। संस्कारशाला के छात्रों ने बाल-गोपाल, राधा-श्रीकृष्ण, बलराम और सुदामा की पोशाक पहना वहीं राधा-कृष्ण के अलावा छात्र वासुदेव, देवकी, ग्वाले और गोपियों की वेशभूषा थे। कार्यक्रम में बांसुरी बजाने से लेकर माखन चोर और श्रीकृष्ण की लीलाओं के विभिन्न दृश्यों को भी प्रदर्शित किया गया। उक्त अवसर पर पाटलिपुत्र सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने मुख्य अतिथि के रूप मौजूद थे। उन्होंने जन्माष्टमी की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दीदी फाउंडेशन सामाजिक क्षेत्र सराहनीय कार्य कर रहा है । कार्यक्रम में जीकेसी (ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस) के कला संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रेम कुमार , समाजसेवी मिथिलेश सिंह , समाजसेवी चुन्नू सिंह, जदयू कलमजीवी प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव अनुराग समरूप, पार्श्व गायक दिवाकर कुमार वर्मा उपस्थित थे। दिवाकर कुमार वर्मा ने भक्ति गीत गाकर लोगों को मुग्ध किया । कार्यक्रम का शुभारंभ दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापक अंतर्राष्ट्रीय-राष्ट्रीय और राजकीय सम्मान से सम्मानित समाजसेविका डा.नम्रता आनंद ने दीप प्रज्ज्वलित कर भगवान श्रीकृष्ण की आराधना से की। कार्यक्रम में दही-हांडी कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ। भगवान श्रीकृष्ण की मक्खन हांडी, बांसुरी और झूलना को मनमोहन तरीके से सजाया था। डॉ. नम्रता ने बच्चों को बताया कि कैसे भगवान श्री कृष्ण ने बल और बुद्धि से बुराई पर विजय प्राप्त की। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को श्रीकृष्ण के दिखाए आदर्शों, गीता के उपदेशों एवं कर्मयोग के ज्ञान को आत्मसात करने का संकल्प लेना चाहिए। कार्यक्रम में प्रस्तुति देने वाले बच्चों में निरंतरा हर्षा, नियति सौम्या, अंकित कुमार ,गौरी कुमारी, पवन कुमार ,रोहित कुमार, निशु कुमार, सोनाली, कश्यप, प्रिया, रागिनी, सलोनी, लाडो ,खुशबू, प्रीति, प्रियंका, प्रीति, स्वीटी, श्रुति, वैष्णवी, प्रियंका, काजल, निशू ,नेहा, शिवानी ,रितिका,पीहू परी, चिंकी प्रिया, प्रिया, मुस्कान, काजल, अंजलि, अंशु, चांदनी, अंचल, काजल, नंदिनी, सुनीता रिमझिम, सिमरन, बिंदिया और रौशन समेत 75 बच्चे शामिल थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष तौर पर रंजीत ठाकुर, निरंतारा, हर्षा, नियति, सौम्या, अंकित कुमार, पिंटू कुमार, गौरी कुमारी, रौशन कुमार, सौरव कुमार, बिट्टू कुमार, सूरज कुमार, अंजली कुमारी, पवन कुमार ,गौरी कुमारी, गोलू, रोहित, निशू प्रियंका, नेहा, ने कार्यक्रम की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
पटना जिला जूडो चैंपियन शिप 2021-22 का हुआ आयोजन Posted: 30 Aug 2021 06:25 AM PDT पटना जिला जूडो चैंपियन शिप 2021-22 का हुआ आयोजनहमारे संवाददाता जितेन्द्र कुमार सिन्हा की खास खबर खेल दिवस के अवसर पर पटना जिला जूडो संघ के तत्वाधान में महिला कॉलेज खगौल के परिसर में पटना जिला जूडो चैंपियनशिप 2021-22 का आयोजन 29 अगस्त (रविवार) को किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन दानापुर विधायक रीतलाल यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। विजय लाल यादव सचिव पटना जिला जूडो संघ एवं रजनीश रंजन संयुक्त सचिव पटना जिला जूडो संघ ने कार्यक्रम में विधायक रीतलाल का स्वागत किया। सूत्रों के अनुसार कार्यक्रम में बिहार न्यूज नेटवर्क की अहम भूमिका रही। कार्यक्रम में सूर्य देव त्यागी पूर्व विधायक मनेर एवं अध्यक्ष बिहार राज्य जूडो संघ जेपी सेनानी राम प्रवेश सिंह, बिहार की पहली महिला ब्लैक बेल्ट जूडो प्रिया कुमारी एवं सतीश कुमार चंदन संयुक्त सचिव बिहार राज्य जूडो संघ मौजूद थे। जीकेसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद, सामाजिक संस्था दीदी जी फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ नम्रता आनंद, वरिष्ठ पत्रकार प्रेम कुमार, महिला कालेज की प्राचार्या डॉ कुमारी चित्रा गुप्ता एवं राम उदय सिंह संयुक्त सचिव भारतीय जूडो संघ के द्वारा प्रतिभागियों को पुरस्कार एवं आशीर्वाद देकर कार्यक्रम को संपन्न किया गया। कार्यक्रम में शामिल सभी प्रतिभागियों को उनके विजय क्रम के अनुसार गोल्ड मेडल, सिल्वर मेडल एवं ब्राॅन्ज मेडल के साथ-साथ खेल प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। पटना जिला जूडो संघ के इस टूर्नामेंट में सब जूनियर आयु वर्ग 12-15, 15-18, जूनियर में 18-21 वर्ष एवं सीनियर में 21 वर्ष के ऊपर आयु वर्ग के प्रतिभागियों ने भाग लिया। कैडेट में माइनस 50 किलो वर्ग में अविनाश रजक को गोल्ड, अमन को सिल्वर, आदित्य सिंह को ब्रोंज और सेकंड में आदित्य कुमार को मिला। कैडेट माइनस 55 किलो में अमन को गोल्ड, अंकित को सिल्वर, रोहित और रवि को ब्रोंज दिया गया। कैडेट 60 किलो वर्ग में अर्पण को गोल्ड, नीतीश को सिल्वर और सनी कुमार को ब्रोंज दिया गया। कैडेट माइनस 66 किलो वर्ग में अर्णव राज को गोल्ड, राहुल को सिल्वर दिया गया। कैडेट माइनस 73 किलो वर्ग में चंद्रशेखर कुमार को गोल्ड दिया गया। कैडेट प्लस 90 किलो वर्ग में उज्ज्वल को गोल्ड दिया गया। दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
निःसंतानो को वेझिझक वैज्ञानिक उपचार अपना कर संतान सुख की ओर कदम बढ़ाना चाहिए –उपमुख्यमंत्री Posted: 30 Aug 2021 06:21 AM PDT निःसंतानो को वेझिझक वैज्ञानिक उपचार अपना कर संतान सुख की ओर कदम बढ़ाना चाहिए –उपमुख्यमंत्रीहमारे संवाददाता जितेन्द्र कुमार सिन्हा की खास खबर इन्दिरा आईवीएफ पटना सेंटर निःसंतान दम्पतियों के लिए आईवीएफ उपचार देती है, और इस उपचार से हजारों दम्पती लाभान्वित हुए हैं | यह इस बात से प्रमाणित है कि यहां की टीम गर्भधारण के इच्छुक निःसंतान दम्पतियों की मदद कर रहा है और मदद के लिए हमेशा तत्पर है। उक्त बातें इन्दिरा आईवीएफ का छठा स्थापना दिवस के अवसर पर उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कही। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्यादातर लोग निःसंतानता की समस्या के बारे में बात करना पसंद नहीं करते हैं जबकि निःसंतानता के लिए वैज्ञानिक उपचार अपनाने में झिझक नहीं होनी चाहिए और उपचार प्राप्त करके संतान सुख की ओर कदम बढ़ाना चाहिए। स्थापना दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, रोसड़ा विधायक वीरेंद्र कुमार, और डॉ ज्ञानेंद्र कुमार ने संयुक्त रूप से किया । पटना सेंटर प्रमुख्य डॉ.दयानिधि ने बताया कि वर्ष 2011 में इसकी शुरूआत की गई थी और उसके बाद से देशभर में 100 केंद्रों के माध्यम से 85 हजार से अधिक सफल आईवीएफ प्रेगनेंसीज़ हासिल पिछले 6 वर्षों में, संतान की चाह रखने वाले परिवारों की मदद की है। उन्होंने यह भी बताया कि फर्टिलिटी श्रृंखला इन्दिरा आईवीएफ के पटना केंद्र ने निःसंतान दम्पतियों के माता-पिता बनने के सपने को साकार करने के लिए 2015 से अबतब हजारों दम्पतियों को आईवीएफ उपचार से लाभान्वित कर चुका है। उक्त अवसर पर विधायक वीरेन्द्र कुमार ने बधाई देते हुए कहा कि "निःसंतानता भारत छोड़ो अभियान" के माध्यम से इन्दिरा आईवीएफ ने हजारों दम्पतियों को जागरूक किया है, उनका यह प्रयास भविष्य में निःसंतान के जुड़े भ्रम को दूर करने और उपचार की ओर कदम बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा। डॉ.ज्ञानेन्द्र ने आधुनिक जीवनशैली को संतुलित करने पर जोर देते हुए कहा कि तनाव और खराब खानपान से स्वास्थ्य खराब होता है जिसके कारण निःसंतान की समस्या भी उत्पन्न रही है। वर्चुअल माध्यम से जुड़े इन्दिरा आईवीएफ के सीईओ और सह संस्थापक डॉ. क्षितिज मुर्डिया ने कहा कि "निःसंतानता और फर्टिलिटी उपचार से संबंधित जागरूकता की कमी रहने के कारण महिलाओं को कष्ट होता है। भारत में प्रजनन आयु के 22 से 33 मिलियन दम्पती निःसंतानता से प्रभावित हैं। उन्होंने ने कहा कि यह समझना महत्वपूर्ण है कि निःसंतानता पुरुषों, महिलाओं या दोनों में हो सकती है। निःसंतानता से जुड़ी भ्रान्तियों को दूर करना और जागरूकता फैलाना हमारा मुख्य ध्येय है, हम भारत में 2000 से ज्यादा निःशुल्क परामर्श शिविरों के माध्यम से जागरूकता फैलाने में कामयाब रहे हैं। बिहार में अधिक से अधिक स्थानों पर दम्पतियों को संतान सुख के लिए उच्चस्तरीय उपचार देने का प्रयास जारी है। उक्त कार्यक्रम में बिहार के प्रमुख चिकित्सकों सहित 200 से अधिक बुद्धिजीवियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में कोविड महामारी के दौरान चिकित्सकों द्वारा किये गये सेवा कार्यों की सराहना की गयी। स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के रूप में एक उद्देश्य के साथ संचालित इन्दिरा आईवीएफ भारत के दूरदराज के क्षेत्रों में भी निःसंतानता के उपचार को सुलभ करा रहा है। आईवीएफ प्रेगनेंसीज़ के मामले में आज देश में सबसे बड़ी और भरोसेमंद फर्टिलिटी श्रृंखला है। सेंटर की डॉ. अनुजा सिंह ने बताया कि अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ इन्दिरा आईवीएफ अनगिनत दम्पतियों को निःसंतानता की जटिल यात्रा को नेविगेट करने और परिवार पूरा करने के सपने को साकार करने में मदद कर रहा है। डॉ. सुनिता कुमारी ने कहा कि यहां अंडाणु और शुक्राणु की फ्रिजिंग के लिए परामर्श और सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं जो कई युवा पुरुषों और महिलाओं के लिए एक वरदान साबित हो रही है, जो फैमिली प्लानिंग को डिले करना चाहते हैं। कार्यक्रम में डॉ. अनुपम कुमारी, डॉ. रीना रानी, डॉ. सोनाली गुप्ता ने भी अपने-अपने विचार रखे। दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
Posted: 30 Aug 2021 06:10 AM PDT 'दी एम्पायर : क्रूर इस्लामी आक्रमकणकारियों का गुणगान' इस विषय पर ऑनलाइन विशेष संवाद ! आज बॉलीवुड मुसलमानों के श्रद्धास्थानों पर आक्रमण करनेवाले चलचित्र (फिल्म) बनाने से डरता है; क्योंकि उन्हें लगता है कि उनकी जान जा सकती है अथवा उन्हें तीव्र विरोध का सामना करना होगा । जब उन्हें बोध होगा कि हिन्दुआें के श्रद्धास्थानों पर आक्रमण करने पर हिन्दू समाज भी हमें हानि पहुंचा सकता है, तभी वे हिन्दुआें के विरोध में चलचित्र प्रदर्शित करने का साहस नहीं करेंगे । इस हेतु सभी हिन्दुआें को संगठित होकर ऐसे चलचित्रों पर और चलचित्रों के प्रायोजकों की सभी वस्तुआें का बहिष्कार करना चाहिए । उनका तीव्र विरोध करना चाहिए । ऐसा होने पर बॉलीवुड अवश्य ही उसका संज्ञान लेगा । इस हेतु हिन्दुआें को निरंतर प्रयास करना चाहिए । अन्य हिन्दुआें को शिक्षित करना चाहिए, ऐसा प्रतिपादन सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता सुभाष झा ने किया । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से 'दी एम्पायर : क्रूर इस्लामी आक्रमकणकारियों का गुणगान' इस विषय पर आयोजित विशेष संवाद में वे बोल रहे थे । इस संवाद में बोलते हुए विवेकानंद कार्य समिति के कार्याध्यक्ष श्री. नीरज अत्री ने कहा कि जब राममंदिर का निर्माणकार्य हो रहा है, तभी बाबर का महिमामंडन करनेवाली 'दी एम्पायर' नाम की वेब सीरीज आती है । यह केवल संयोग न होकर सुनियोजित षड्यंत्र है । पहले वे लोग तलवार के बल पर धर्मांतरण करते थे । वर्तमान में मन पर सर्वाधिक परिणाम करनेवाली 'वेब सीरीज' जैसे आधुनिक तकनीक का शस्त्र के रूप में उपयोग किया जा रहा है । हमें भी ऐसे असत्य प्रचार का उसी भाषा में अभ्यासपूर्ण उत्तर देना चाहिए । तो ही 'कबीर खान' जैसे मुसलमान निर्देशक सार्वजनिक रूप से 'मुगल राष्ट्र निर्माता थेे' ऐसा झूठ बोलने का साहस नहीं करेंगे । साथ ही केंद्रीय शिक्षा संस्था, सेन्सर बोर्ड और अनेक स्थानों पर जो कम्युनिस्ट और जिहादी मानसिकता के लोग बैठे हैं । उन्हें उत्तर देने के लिए वीर सावरकरजी के बताए अनुसार 'राजनीति का हिन्दूकरण करना चाहिए ।' जिससे सत्य इतिहास लोगों के सामने आएगा । सनातन संस्था के धर्मप्रचारक श्री. अभय वर्तक ने कहा कि 'मुगल-ए-आजम' से लेकर 'दी एम्पायर' तक इस्लामी आक्रमणकारियों का गुणगान कर उनका महिमामंडन किया गया है । मुगलों के प्रति सहानुभूति रखनेवाले पहले भी थे और वे आज भी जीवित हैं । राममंदिर सहित अनेक हिन्दू मंदिरों को तोडनेवाला बाबर, तैमूर का वंशज था । वह मनुष्य नहीं, अपितु हिंसक प्राणी था । आज अभिनेता सैफअली खान अपने बेटे का नाम तैमूर रखते हैं । इससे उनकी मानसिकता ध्यान में आती है । भविष्य में तालिबान भारत पर आक्रमण कर सकता है । ऐसे में 'दी एम्पायर' चलचित्र द्वारा बाबर को पुन: जीवित कर, भारत के तालिबानी समर्थकों में उत्साह निर्माण करने का कार्य किया जा रहा है । हिन्दू जनजागृति समिति के मध्यप्रदेश और राजस्थान समन्वयक श्री. आनंद जाखोटिया ने कहा कि जिस समय करीम लाला, दाऊद इत्यादि पांच प्रमुख अपराधिक टोलियों में सर्वाधिक मुसलमान थे, तब भी उन पर चलचित्र बनाते समय डॉन की भूमिका सदैव हिन्दुआें को दी जाती थी । अर्थात अपराधी कौन, हिन्दू । 'विजय' की भूमिका करनेवाला अमिताभ बच्चन मंदिर के भीतर नहीं जाता; परंतु उसे '786' का बिल्ला बचाता है, ऐसा दिखाया गया । यही मानसिकता आज भी बॉलीवुड में है । इस मानसिकता का विरोध किया जाना चाहिए । दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
शिक्षा व्यक्तित्व निर्माण का द्योतक Posted: 30 Aug 2021 06:00 AM PDT शिक्षा व्यक्तित्व निर्माण का द्योतकजहानाबाद । शिक्षा सभी के लिए बढ़ने और सफलता प्राप्त करने का मूल्यवान संपत्ति है । संबिधान शिक्षा केन्द्र कल्पा जहानाबाद द्वारा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर आयोजित केंद्र के छात्राओं और छात्रों को टॉफी एवं कॉपी वितरण समारोह में विशिष्ट अतिथि जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के उपाध्यक्ष साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि आत्मविश्वास विकसित तथा व्यक्तित्व निर्माण का सशक्त साधन शिक्षा है । शिक्षा हमारा जीवन है हमें जीना सिखाती है। जीवन में सकारात्मक विचार लाकर नकारात्मक विचारों को शिक्षा हटाती है। शरीर और आत्मा में अधिक से अधिक सौन्दर्य और सम्भावित सम्पूर्ण का विकास सम्पन्न करने में ही शिक्षा का महत्त्व है ।देश के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का महत्व अधिक देखा गया है।पिछड़े क्षेत्रों, गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए भविष्य में समान शिक्षा के लिए देश के प्रत्येक नागरिक को शिक्षा से अवगत करना आवश्यक है। इस अवसर पर संबिधान शिक्षा केन्द्र कल्पा के संस्थापक सह निदेशक रामलखन चौधरी ने कहा कि विपन्न बच्चों एवं बच्चियों को समुचित शिक्षा के लिये कल्पा में केंद्र एक माह से प्रारंभ कर 70 बच्चों को निशुल्क समुचित शिक्षा प्रारम्भ किया गया है । संबिधान शिक्षा केन्द्र से शिक्षा से वंचित बच्चे लाभान्वित हो रहे है । केंद्र के छात्रों में काजल कुमारी , गीता कुमारी , रिंटू कुमारी ने शिक्षा गीत गायन प्रस्तुति की । केंद्र के शिक्षक राजकुमार , धर्मेंद्र कुमार आदि ने संबिधान शिक्षा केन्द्र के उददेश्यों पर प्रकाश डाला । दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com |
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