प्राइमरी का मास्टर ● इन |
- नवोदय स्कूलों के 10 हजार शिक्षकों को इग्नू करेगा ट्रेंड, छह महीने का कराया जाएगा विशेष सर्टिफिकेट कोर्स
- UPSESSB Principal Recruitment 2011: यूपी के एडेड माध्यमिक स्कूलों में जल्द हो सकेगी 1453 पदों पर प्रधानाचार्य भर्ती
- उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए छिड़ेगा अभियान
- फिरोजाबाद : डेंगू और वायरल बुखार के चलते जनपद के कक्षा आठवीं तक के स्कूल छह सितंबर तक बंद
- यूपी बोर्ड : तीन हफ्ते की तैयारी में अंक सुधार की परीक्षा देंगे छात्र, परीक्षा 18 सितंबर से
- बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा एक से पांच तक के विद्यालय बच्चों के लिए कल से रहें खुल, कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराने का निर्देश
- शिक्षक नहीं करेंगे किताबों की ढुलाई का कार्य, मैनपुरी में शिक्षक संघ ने किया एलान
- मनमानी - स्कूलों तक नहीं पहुंच रही किताबें, शिक्षक ढो रहे किताबें, शिक्षक संगठनों ने किया विरोध
Posted: 31 Aug 2021 12:46 AM PDT नवोदय स्कूलों के 10 हजार शिक्षकों को इग्नू करेगा ट्रेंड नई शिक्षा नीति और सामाजिक संवेदना के तहत पढ़ाई पर आधारित छह महीने का विशेष सर्टिफिकेट कोर्स कराया जाएगा नई दिल्ली : देश के सभी 638 जिलों में स्थापित 661 नवोदय स्कूलों के 10 हजार शिक्षकों को नई शिक्षा नीति और सामाजिक संवेदना के तहत विशेष ट्रेनिंग मिलेगी। इन शिक्षकों को इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) ट्रेनिंग और पढ़ाई करवाएगी। इसके लिए छह महीने का विशेष सर्टिफिकेट कोर्स तैयार किया जाएगा। खास बात यह है कि शिक्षकों को छात्रों को पढ़ाई के अलावा भविष्य में रोजगार के मौके देने वाले क्षेत्र चुनने में मदद करने की भी ट्रेनिंग मिलेगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, नवोदय स्कूल केंद्र सरकार के आवासीय स्कूल हैं। यहां पर छठीं कक्षा में दाखिला लेने और 12वीं कक्षा पास करने के बाद ही छात्र बाहर निकलता है। बेहद पिछड़े और दूर दराज के इलाकों के छात्र यहां पढ़ते हैं। ऐसे छात्रों के पास बेहतर भविष्य में किस प्रकार के कोर्स आदि से रोजगार में मौके मिलेंगे या अन्य जानकारियां नहीं होती है। एक तरह से सामाजिक रूप से यह अन्य छात्रों से कट जाते हैं। इसी के चलते इन शिक्षकों को विशेष ट्रेनिंग और कोर्स करवाया जाएगा। |
Posted: 30 Aug 2021 08:55 PM PDT UPSESSB Principal Recruitment 2011: यूपी के एडेड माध्यमिक स्कूलों में जल्द हो सकेगी 1453 पदों पर प्रधानाचार्य भर्ती यूपी के एडेड माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य पद पर भर्ती का इंतजार करने वाले अभ्यर्थियों के लिए अच्छी खबर है। यूपीएसईएसएसबी को 1453 पदों के लिए अधियाचन मिला है। अब इन खाली पदों को भरने के लिए आवेदन लिया जाएगा। प्रयागराज । UPSESSB Principal Recruitment 2011: उत्तर प्रदेश के अशासकीय सहायताप्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य पद पर भर्ती का इंतजार करने वालों के लिए यह खुश करने वाली खबर है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड (यूपीएसईएसएसबी) को 1453 पदों के लिए अधियाचन मिला है। अब इन खाली पदों को भरने के लिए आवेदन लिया जाएगा। इस भर्ती से कार्यवाहक के भरोसे चल रहे विद्यालयों को स्थाई प्रधानाचार्य मिल जाएंगे। वर्ष 2011 में उत्तर प्रदेश के सभी 17 मंडलों (तब 17 मंडल थे) में रिक्त पदों पर प्रधानाचार्य की भर्ती शुरू हुई थी, लेकिन छह मंडलों में रिजल्ट आने के 21 दिन के भीतर ही इंटरव्यू कर लिया गया, जो कि नियम विरुद्ध था। ऐसे में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की सुचिता पर सवाल उठने लगे तो चयन बोर्ड ने इन छह मंडलों का इंटरव्यू निरस्त करके शेष 11 मंडलों की भर्ती प्रक्रिया पूरी की। छह मंडलों में रिक्त पदों की भर्ती निरस्त करने के चयन बोर्ड के फैसले के खिलाफ कई अभ्यर्थी कोर्ट चले गए, जिसमें अभी निर्णय नहीं हुआ है। इस बीच कई विद्यालय प्रभारी प्रधानाचार्य के भरोसे चल रहे हैं। इससे प्रशासनिक व शैक्षिक कार्य विद्यालयों में प्रभावित हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अभी 2021 की प्रवक्ता संवर्ग (पीजीटी) और प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) की भर्ती प्रक्रिया में व्यस्त है, जो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 31 अक्टूबर तक पूरी करनी है। इसके चलते चयन बोर्ड का पूरा जोर इस भर्ती को पूरी करने पर है, ताकि सुप्रीम कोर्ट में उसे असहज स्थिति का सामना न करना पड़े। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सचिव नवल किशोर ने बताया कि प्रधानाचार्य के रिक्त 1453 पदों के लिए मिले अधियाचन पर भर्ती प्रक्रिया अक्टूबर में शुरू की जाएगी। फिलहाल, पिछली भर्ती पूरी करने की प्रक्रिया के साथ इस भर्ती के लिए भी तैयारी की जा रही है। |
उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए छिड़ेगा अभियान Posted: 30 Aug 2021 08:46 PM PDT उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए छिड़ेगा अभियान प्रमुखों के खाली पदों की भरने की कवायद के साथ शिक्षकों के खाली पदों को भरने की बड़े स्तर पर तैयारी है। मौजूदा समय में अकेले केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ही शिक्षकों के छह हजार से ज्यादा पद खाली हैं। नई दिल्ली । नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उच्च शिक्षण संस्थानों को भले ही ज्ञान और विज्ञान के क्षेत्र में नालंदा और तक्षशिला जैसी ऊंचाई पर ले जाने का सपना बुना गया है, लेकिन बिना गुरु के यह संभव नहीं है। यही वजह है कि सरकार ने इस दिशा में अहम कदम उठाया है, जिसमें केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के खाली पदों को तेजी से भरने की पहल की गई है। यह कदम इसलिए भी अहम हैं, क्योंकि मौजूदा समय में अकेले केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ही शिक्षकों के छह हजार से ज्यादा पद खाली हैं। इनमें दिल्ली विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय सहित कई ऐसे विश्वविद्यालय भी हैं, जहां शिक्षकों के आधे से ज्यादा पद खाली हैं। अकेले केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के छह हजार से ज्यादा पद हैं खाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल में पूरी शिद्दत से जुटे शिक्षा मंत्रालय ने इससे पहले उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों के खाली पदों को भरने की देशव्यापी मुहिम चला रखी है। इसमें अब तक दर्जन भर से ज्यादा विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति की गई है। साथ ही कुलपति और निदेशकों के बाकी खाली पड़े पदों को भरने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। वैसे तो उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के पदों का खाली होना और भरना एक सतत प्रक्रिया है। लेकिन कुछ अड़चनों के चलते ये पद लंबे समय से खाली पड़े हैं, जिन्हें भरने के लिए मंत्रालय ने पहल की है। सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से शिक्षकों के खाली पड़े पदों को जल्द चिह्नित कर उन्हें भरने के लिए कहा गया है। साथ ही इसे लेकर उठाए गए कदमों से शिक्षा मंत्रालय को भी अवगत कराने के निर्देश दिए गए हैं। आइआइटी व आइआइएम में भी शिक्षकों के करीब 34 फीसद पद हैं रिक्त मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के करीब 34 फीसद पद खाली हैं। इनमें अकेले केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के करीब 63 सौ पद खाली हैं, जबकि विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के स्वीकृत पदों की कुल संख्या करीब 19 हजार है। इनमें दिल्ली विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, हरी सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर (मध्य प्रदेश), केंद्रीय विश्वविद्यालय ओडिशा, केंद्रीय विश्वविद्यालय कश्मीर, केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा आदि की स्थिति कुछ ज्यादा ही दयनीय है। यहां स्वीकृत पदों के मुकाबले शिक्षकों के करीब आधे पद खाली हंै। वैसे भी देश में कुल 45 केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं और सभी में शिक्षकों के पद बड़ी संख्या में खाली हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय विश्वविद्यालयों जैसी ही स्थिति कमोबेश आइआइएम, आइआइटी और एनआइटी की भी है, जहां औसतन 34 फीसद पद खाली है। इसलिए भी अहम है यह पहल केंद्रीय विश्वविद्यालयों सहित उच्च शिक्षण संस्थानों के खाली पदों को भरने की यह पहल उस समय तेज की गई है, जब सरकार की कोशिश उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले छात्रों को देश में ही वैसी शिक्षा देने की है। इस दिशा में विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए संयुक्त डिग्री कोर्स शुरू किए जा रहे हैं। हालांकि इस मुहिम को मजबूती देने के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्वस्तरीय संस्थानों के लिए तय मापदंडों पर खरा भी उतरना होगा। इसमें शिक्षकों की उपलब्धता भी एक बड़ा आधार है। कुछ प्रमुख विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के स्वीकृत और खाली पद ● दिल्ली विश्वविद्यालय- 1,706--- 846 ● इलाहाबाद विश्वविद्यालय--863---598 ● डा हरी सिंह गौर विवि सागर--413---227 ● जेएनयू---926----308 ● हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि-478---211 ● सेंट्रल यूनिवर्सिटी ओडिशा--157---137 ● सेंट्रल यूनिवर्सिटी हरियाणा--266--125 ● सेंट्रल यूनिवर्सिटी कश्मीर--195--114 |
फिरोजाबाद : डेंगू और वायरल बुखार के चलते जनपद के कक्षा आठवीं तक के स्कूल छह सितंबर तक बंद Posted: 30 Aug 2021 06:00 PM PDT फिरोजाबाद : डेंगू और वायरल बुखार के चलते जनपद के कक्षा आठवीं तक के स्कूल छह सितंबर तक बंद ■ सतर्कता ● डेंगू और वायरल के प्रकोप को देखते हुए डीएम ने दिए निर्देश ● एक सितंबर से नहीं खुलेंगे पांचवीं तक के स्कूल, सात दिन की छुट्टी फिरोजाबाद : कोरोना संक्रमण के बाद डेंगू और वायरल के प्रकोप से कक्षा छह से आठवीं तक के स्कूल एक सप्ताह के लिए बंद कर दिए हैं। वहीं कक्षा एक से पांचवीं तक के एक सितंबर से खुलने वाले स्कूलों की तारीख आठ दिन के लिए बढ़ा दी गई है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के दौरे के बाद डीएम ने निर्देश जारी कर दिए हैं। वर्ष 2020 का पूरा शैक्षिक सत्र कोरोना संक्रमण की भेंट चढ़ गया था। कोरोना की चाल थमने के बाद 16 अगस्त से माध्यमिक स्कूलों में और 23 अगस्त से कक्षा छह से आठवीं तक के छात्र-छात्रओं को स्कूल बुलाया जा रहा है। लेकिन पिछले दो सप्ताह से जिले में डेंगू और वायरल तेजी से फैल रहा है। जिसकी चपेट में आने से कई बच्चों की मौत हो चुकी है। इसके बाद डीएम चंद्र विजय सिंह ने कक्षा आठवीं तक के सभी स्कूलों में छह सितंबर तक अवकाश घोषित कर दिया है। वहीं एक सितंबर से खुलने वाले स्कूल छह सितंबर तक नहीं खुलेंगे। बीएसए अंजली अग्रवाल ने बताया कि छात्र-छात्रओं के स्वास्थ्य को देखते हुए अवकाश किया गया है। यदि किसी स्कूल संचालक द्वारा इसकी अवहेलना की जाएगी, तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। |
यूपी बोर्ड : तीन हफ्ते की तैयारी में अंक सुधार की परीक्षा देंगे छात्र, परीक्षा 18 सितंबर से Posted: 30 Aug 2021 05:56 PM PDT यूपी बोर्ड : तीन हफ्ते की तैयारी में अंक सुधार की परीक्षा देंगे छात्र, परीक्षा 18 सितंबर से यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की अंक सुधार परीक्षा के लिए आवेदन की अंतिम समाप्त हो गई। परीक्षा 18 सितंबर से 6 अक्तूबर के मध्य संपन्न होगी। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के छात्र सिर्फ तीन सप्ताह की तैयारी में अंक सुधार परीक्षा देंगे। हालांकि ग्रीवांस सेल में अंक सुधार के लिए आईं शिकायतों की तुलना में परीक्षा के लिए आवेदन करने वालों की संख्या कम बताई जा रही है। हालांकि अभी यूपी बोर्ड की ओर से यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि कितने विद्यार्थियों ने अंक सुधार परीक्षा के लिए आवेदन किया है। यूपी बोर्ड की ओर हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का परीक्षाफल 31 जुलाई को घोषित किया गया था। परीक्षा परिणाम के बाद बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने बोर्ड के फार्मूले पर आपत्ति जताते हुए कम नंबर मिलने का आरोप लगाया था। यूपी बोर्ड ने विद्यार्थियों की परीक्षाफल से जुड़ी खामियों को दूर करने के लिए ग्रीवांस सेल और ऑनलाइन माध्यम से शिकायत ली थी। बाद में बोर्ड ने अंक सुधार परीक्षा कराने का निर्णय लिया। बोर्ड की ओर इसके लिए 17 अगस्त से ऑनलाइन आवेदन लिया गया। छात्रों को प्रधानाचार्य के पास आवेदन के लिए 27 अगस्त तक मौका दिया गया था। जबकि प्रधानाचार्यों को कॉलेज की वेबसाइट के माध्यम से बोर्ड की वेबसाइट पर आवेदन अपलोड करने के लिए 29 अगस्त तक क ा समय दिया गया था। बोर्ड की चूक, अंक सुधार परीक्षा देने को मजबूर छात्र यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट 2021 की परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद बड़ी संख्या में छात्रों के अंक पत्र में गड़बड़ी रही। नंबर कम मिलने की शिकायत के साथ ही सूबे में तकरीबन एक लाख विद्यार्थियों के अंकपत्र में नंबर की जगह पर ट्रिपल एक्स लिखा हुआ है। जबकि, उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया गया है। अंकपत्र में नंबर गायब होने की शिकायत लेकर विद्यार्थी प्रधानाचार्य के पास पहुंचे। प्रधानाचार्योँ ने बोर्ड के अफसरों से संपर्क किया तो कहा गया कि ग्रीवांस सेल में शिकायत करें। अंकपत्र में जो भी कमी है, दूर कर दी जाएगी। प्रधानाचार्यों का कहना है कि बाद में बोर्ड की ओर से कहा गया कि ऐसे विद्यार्थी भी अंकसुधार परीक्षा के लिए आवेदन करें। तभी अंकपत्र में नंबर चढ़ेगा। |
Posted: 30 Aug 2021 05:51 PM PDT बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा एक से पांच तक के विद्यालय बच्चों के लिए कल से रहें खुल, कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराने का निर्देश बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा एक से पांच तक के विद्यालय बुधवार से खुल रहे हैं। कई महीनों के बाद स्कूल में कदम रखने वाले बच्चों के स्वागत के लिए स्कूल भी तैयार हैं। स्कूल के गेट पर पहले बच्चों की थर्मल स्कैनिंग होगी। महानिदेशक बेसिक शिक्षा की ओर से सभी बीएसए को निर्देश दिए गए है कि स्कूलों में कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराया जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कक्षा छह से आठ तक के स्कूल खुल चुके हैं। एक सितंबर से कक्षा एक से पांच तक के विद्यालय भी खुल जाएंगे। इससे पहले मार्च में चंद दिनों के लिए स्कूल खुले थे लेकिन कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते बंद कर दिए गए थे। कक्षाओं में सेनेटाइजर की व्यवस्था की जाएगी। उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा एक से पांच तक के स्कूल बुधवार से खुल जायेंगे। इसके लिए सरकारी स्तर पर विशेष तैयारी की जा रही है। स्कूल के गेट पर पहले बच्चों की थर्मल स्कैनिंग होगी फिर उनका स्वागत किया जाएगा। करीब डेढ़ साल बाद बच्चे स्कूल आएंगे। पिछले साल मार्च में स्कूल बंद होने के बाद पहली बार छोटे बच्चों के स्कूल एक सितंबर से खुलेंगे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कक्षा 6 से 8 तक के स्कूल खुल चुके हैं। एक सितम्बर से कक्षा एक से के विद्यालय भी खुल जाएंगे। प्राथमिक स्कूलों में कोविड प्रोटोकॉल पालन के लिए महानिदेशक बेसिक शिक्षा की ओर से प्रदेश के सभी बीएसए को दिशा निदेर्श जारी कर दिए गए हैं। बच्चों की थर्मल स्कैनिंग के बाद उनको स्कूल प्रवेश दिया जाएगा। बच्चों को दो मास्क लेकर आना होगा। मिड डे मील खाने के लिए अपने बर्तन साथ में लाना होंगे ताकि बच्चे एक दूसरे के बर्तनों का प्रयोग न कर सकें। बच्चों को अपनी पानी की बोतल साथ लाना होगी। ऑफलाइन कक्षा के लिए अभिभावकों की अनुमति जरूरी होगी। जो बच्चें ऑफलाइन नहीं पढ़ना चाहते वह ऑनलाइन कक्षा में शामिल हो सकते हैं। |
शिक्षक नहीं करेंगे किताबों की ढुलाई का कार्य, मैनपुरी में शिक्षक संघ ने किया एलान Posted: 30 Aug 2021 05:42 PM PDT शिक्षक नहीं करेंगे किताबों की ढुलाई का कार्य, मैनपुरी में शिक्षक संघ ने किया एलान मैनपुरी। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की बैठक रविवार को शहर स्थित संघ कार्यालय पर हुई। बैठक में निशुल्क पाठ्य पुस्तकों के उठान के मुद्दे पर चर्चा हुई। शिक्षकों ने किसी भी हाल में पाठ्य पुस्तकों का उठान बीआरसी अथवा संकुल केंद्रों से नहीं करने का निर्णय लिया। जिलाध्यक्ष राजीव यादव ने कहा कि शिक्षक अब किसी कीमत पर बीआरसी और संकुल से पाठ्यपुस्तकें उठाने के लिए नहीं जाएंगे जिलाध्यक्ष ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस बार भी शिक्षको को स्वयं के खर्चे पर नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों का उठान बीआरसी से करना पड़ रहा है जबकि शासन से बजट का अनुमोदन विद्यालय स्तर तक का किया गया है। संगठन ने निर्णय लिया है कि विभाग की इस कार्यशैली को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिला मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि जिम्मेदार अधिकारी टेंडर न होने का बहाना बनाकर अपनी जिम्मेदारी से अब बच नहीं सकेंगे। नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों को हर हाल में विद्यालय तक पहुंचाना ही होगा। शिक्षक किसी भी स्थिति में बीआरसी अथवा संकुल केंद्रों से किताबों का उठान नहीं करेंगे। हरिओम दुबे ने कहा कि बीआरसी केंद्र पर भीड़ के बीच शिक्षक पुस्तकें उठाने पहुंच रहे हैं। पिछले साल कई शिक्षक- शिक्षिकाएं कोरोना की चपेट में आए थे। बैठक में सत्यवीर सिंह, कमलेश यादव, केपी सिंह, हरिओम दुबे, सत्यप्रकाश, प्रदीप यादव, जितेंद्र कुमार, कमलेश यादव, योगेश कुमार, कौशल गुप्ता, दलवीर कठेरिया, डॉ. आलोक शाक्य अशोकपाल, राजीव गुप्ता आदि मौजूद रहे। |
मनमानी - स्कूलों तक नहीं पहुंच रही किताबें, शिक्षक ढो रहे किताबें, शिक्षक संगठनों ने किया विरोध Posted: 30 Aug 2021 05:49 PM PDT मनमानी - स्कूलों तक नहीं पहुंच रही किताबें, शिक्षक ढो रहे किताबें, शिक्षक संगठनों ने किया विरोध फिरोजाबाद। बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षाधिकारियों की मनमानी सामने आ रही है। सत्र शुरु होने के पांच माह बाद तक किताबें नहीं पहुंची हैं। दूसरी ओर शासन से स्कूलों तक किताबें पहुंचाने का बजट दिए जाने के बाद भी शिक्षाधिकारी शिक्षकों से किताबें ढोने का दबाव बना रहे हैं। इसका शिक्षक संगठन विरोध करने पर उतर आए हैं। शिक्षाधिकारी और शिक्षक संगठन की आपसी खींचतान के बीच जूनियर स्कूलों में बच्चे बिना किताबों के पढ़ने को मजबूर हो रहे हैं। एक सितंबर से प्राइमरी कक्षाएं भी शुरू होने जा रही हैं। एक अप्रैल से नया शैक्षणिक सत्र शुरु हो गया था। ऑफलाइन कक्षाओं के नाम पर खानापूर्ति चलती रही। अब जूनियर विद्यालयों में ऑफलाइन कक्षाओं की शुरुआत हुई है। इसके बाद भी शिक्षा का माहौल नहीं मिल पा रहा है। क्योंकि किताबें अभी तक अधिकांश स्कूलों में नहीं पहुंची हैं। शिक्षक संगठनों के मुताबिक आठ लाख रुपये का बजट किताबें स्कूलों तक पहुंचाने के लिए शासन ने बेसिक शिक्षा विभाग को भेजा है। हर साल इस बजट को खपा दिया जाता है, मगर किताबें शिक्षकों को ही ढोने पर मजबूर किया जाता है। नगर क्षेत्र के कुछ स्कूलों में किताबें बेसिक शिक्षा विभाग ने पहुंचाई है। मगर ब्लॉक संसाधन केंद्रों से ही किताबें उठाने का दबाव शिक्षकों पर बनाया जा रहा है। विरोध करते हुए उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला उपाध्यक्ष कमलकांत पालीवाल ने कहा कि शिक्षाधिकारी बैठकों में कह रहे हैं कि शिक्षक ब्लाकों से किताबें उठाएं। लेकिन हम इस बात का विरोध करते हैं। क्योंकि शासन के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। किताबों को स्कूलों तक ही पहुंचाया जा रहा है। हम खंड शिक्षाधिकारियों से रिपोर्ट मांगेंगे कि कितने स्कूलों में किताबें पहुंच गइ हैं। जिन स्कूलों में किताबें नहीं पहुंची हैं, उनमें आखिर दिक्कतें क्या आ रही हैं। -अंजलि अग्रवाल, बीएसए |
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