प्राइमरी का मास्टर ● इन |
- RTI : सूचना न देने पर पूर्व बीएसए पर 25 हजार जुर्माना, किया तलब
- उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विवि की परीक्षाएं होंगी मार्च से, राजकीय और अनुदानित कॉलेज बनाए जाएंगे परीक्षा केंद्र
- यूपी आंगनबाड़ी : जिलों में पोषाहार निर्माण इकाई की योजना हुई फेल, मिल रहा ड्राई राशन
- School-College Reopening : स्कूल-कॉलेज तो खुले लेकिन छात्रों की उपस्थिति रही कम
- CISCE 10th 12th Results Live: जारी हुआ ISCE और ISC सेमेस्टर-1 का परिणाम, ऐसे देखें रिजल्ट
- UP Board Pre Board Exam Date: उत्तर प्रदेश प्री-बोर्ड परीक्षा जल्द, अनिवार्य रूप से होगी परीक्षा
- माध्यमिक विद्यालयों में नवनियुक्त शिक्षकों को वेतन देने के मामले में दो व्यवस्था ने डेढ़ हजार राजकीय शिक्षकों के समक्ष खड़ा किया वेतन का संकट
- KVS : केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षकों के 10368 पद खाली
- मजहबी शिक्षा नहीं दे सकते सरकारी मदरसे : हाईकोर्ट
- 100 नए सैनिक स्कूलों में दाखिले के लिए ई-काउंसलिंग की तैयारी
- यूपी : आज से खुलेंगे कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल व डिग्री कालेज, प्री बोर्ड और वार्षिक परीक्षा कराने की तैयारी
| RTI : सूचना न देने पर पूर्व बीएसए पर 25 हजार जुर्माना, किया तलब Posted: 08 Feb 2022 06:44 PM PST RTI : सूचना न देने पर पूर्व बीएसए पर 25 हजार जुर्माना, किया तलब उन्नाव। सिकंदरपुर सरोसी ब्लॉक के परियर गांव स्थित सहायता प्राप्त स्कूल में छह साल पहले तीन शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में सूचना उपलब्ध न कराने पर राज्य सूचना आयोग ने पूर्व बीएसए पर 25 हजार का जुर्माना लगाया है। साथ ही नियुक्ति की पत्रावलियों के साथ 17 फरवरी को तलब भी किया है। परियर स्थित बद्री प्रसाद इंटर कॉलेज में वर्ष 2016-17 में जूनियर स्तर (कक्षा एक से आठ) तक छात्रों को पढ़ाने के लिए तीन सहायक शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। अधिवक्ता शील सिंधु शुक्ल ने गलत तरीके से भर्ती का आरोप लगाते हुए 30 मई 2017 को तत्कालीन बीएसए दीवान सिंह से सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत सात बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। इसमें भर्ती शिक्षकों को चयन समिति द्वारा दिए गए अंक, चयन समिति का एजेंडा, चयनित अभ्यर्थी का अनुमोदन व चयन प्रक्रिया संबंधी प्रपत्रों समेत सात बिंदुओं पर सूचना मांगी थी। तत्कालीन बीएसए ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया। इस पर राज्य सूचना आयुक्त ने पूर्व बीएसए पर 25 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। साथ ही उस समय हुई नियुक्ति की पत्रावली के साथ 17 फरवरी को तलब किया है। |
| Posted: 08 Feb 2022 05:32 PM PST उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विवि की परीक्षाएं होंगी मार्च से राजकीय और अनुदानित कॉलेज बनाए जाएंगे परीक्षा केंद्र उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के दिसंबर सत्र की परीक्षा मार्च माह के दूसरे सप्ताह से होगी। इस बार विश्वविद्यालय ने राजकीय और अनुदानित कॉलेजों को ही परीक्षा केंद्र बनाने का निर्णय लिया है। मुक्त विश्वविद्यालय की परीक्षा के लिए कॉलेजों से परीक्षा केंद्र बनाने के लिए आवेदन मांगे गए हैं। 15 फरवरी तक कॉलेज आवेदन के साथ ही परीक्षा से संबंधित सुझाव भी विश्वविद्यालय को भेज सकते हैं। विश्वविद्यालय ने परीक्षा केंद्र बनाने के लिए कुछ शर्तें भी लगा रखी हैं। परीक्षा केंद्र बनाने के लिए विश्वविद्यालय ने राजकीय और अनुदानित कॉलेजों को ही प्राथमिकता दी है। 60 छात्र- छात्राओं की संख्या वाले कॉलेज परीक्षा के दौरान पालन करने के ही परीक्षा केंद्र बन सकेंगे लगातार तीन साल से जो कॉलेज परीक्षा केंद्र बन रहे हैं, उन्हें भी विश्वविद्यालय ने प्राथमिकता दी है। इस बात पर भी ध्यान दिया जाएगा कि छात्र-छात्राएं परीक्षा केंद्र तक आसानी से पहुंच सकें। कोविड के नियमों का कड़ाई से भी निर्देश दिए गए हैं। दिसंबर सत्र की परीक्षा मार्च माह में प्रस्तावित है। कॉलेजों से परीक्षा केंद्र बनाने के लिए आवेदन मांगे गए हैं। परीक्षा से जुड़े सुझाव भी कॉलेज दे सकते हैं। काली सूची वाले कॉलेज नहीं बनेंगे केंद्रः मुक्त विश्वविद्यालय परीक्षा के दौरान नकल में आरोपित कॉलेजों के अलावा किसी भी तरह की गड़बड़ी के आरोप वाले कॉलेजों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाएगा। विश्वविद्यालय द्वारा काली सूची में शामिल कॉलेजों से दूरी बनाने का निर्णय लिया गया है। |
| यूपी आंगनबाड़ी : जिलों में पोषाहार निर्माण इकाई की योजना हुई फेल, मिल रहा ड्राई राशन Posted: 08 Feb 2022 05:25 PM PST आंगनबाड़ी : जिलों में पोषाहार निर्माण इकाई की योजना हुई फेल, मिल रहा ड्राई राशन आंगनबाड़ी केंद्रों को पोषाहार मुहैया कराने के लिए वर्ष 2019 में तैयार किया गया था प्लान प्रदेश में हर जिले में निर्मित होने वाले पोषाहार इकाई की स्थापना की योजना फेल हो गई है। वर्ष 2019 में आंगनबाड़ी केंद्रों पर बंटने वाली पंजीरी की सप्लाई बंद होने के बाद शासन ने जिलो में 3.26 करोड़ रुपये की लागत से पोषाहार इकाई की स्थापना कर पोषाहार तैयार करने का फैसला लिया था मगर बजट नहीं मिलने के कारण पूरी तैयारी निरर्थक हो गई। आंगनबाड़ी केंद्रों को पंजीरी की सप्लाई बंद होने के बाद शासन ने जिलों में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के तहत रोजगार सृजन करने और बच्चों को पोषक आहार वितरित करने के लिए 3.26 करोड़ रुपये की लागत से पोषाहार उत्पादन के लिए इकाई की स्थापना करने का फैसला लिया था। शासन के निर्देश पर आरईएस विभाग ने प्राक्लन तैयार करके शासन को भेजा था। जिले के अफसर बजट का इंतजार करते रह गए और साल बीतता गया। दरअसल में शासन ने वर्ष 2019 में पंजीरी की सप्लाई बंद करने के बाद महिला स्वयं सहायता समूहों के हवाले कर दिया था। शासन ने जो प्लान तैयार किया था, उसके मुताबिक हर जिले में पोषाहार इकाई का निर्माण कराया जाएगा। महिला स्वयं सहायता के देखरेख में पोषाहार का उत्पादन होगा और जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों को पहुंचाया जाएगा। मगर न शासन से बजट मिला और न ही निर्माण कार्य पूरा हुआ। अगर जिलों में पोषाहार इकाई का निर्माण होता, तो जिले के सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलता और बच्चों को पोषक आहार मिलता। मगर बजट नहीं मिलने से सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया। आंगनबाड़ी केंद्रों को मिल रहा ड्राई राशन आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीरी की सप्लाई बंद होने के बाद ड्राई राशन मिल रहा है। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों तक पहुंचने के बाद बच्चों को दिया जा रहा है। चना की दाल और रिफाइंड हर माह पहुंच रहा है। |
| School-College Reopening : स्कूल-कॉलेज तो खुले लेकिन छात्रों की उपस्थिति रही कम Posted: 07 Feb 2022 06:17 PM PST School-College Reopening : स्कूल-कॉलेज तो खुले लेकिन छात्रों की उपस्थिति रही कम कोरोना संक्रमण के कारण लगभग एक महीने बंद रहने के बाद सोमवार को लखनऊ विश्वविद्यालय और सहयुक्त कॉलेज फिर से खोले गए। स्कूलों से लेकर विश्वविद्यालय तक परिसर में पहुंचने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या काफी कम रही। लखनऊ विवि में बमुश्किल 25% उपस्थिति ही दर्ज हुई। यहां कुछ विषयों को छोड़कर किसी भी संकाय में पहले दिन कक्षाएं नहीं चल पाईं। लखनऊ विश्वविद्यालय में जो छात्र-छात्राएं आए थे वे कोविड प्रोटोकाल के तहत पहुंचे थे। हालांकि अभी कई जगह कोविड डेस्क की स्थापना नहीं हो पाई। बता दें कि लखनऊ विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के कोरोना संक्रमित होने पर बीती 10 जनवरी से विश्वविद्यालय व कॉलेजों को भौतिक रूप से बंद कर दिया गया था। इस दौरान स्नातक, परास्नातक विषय सेमेस्टर परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई थीं और ऑनलाइन कक्षाएं जारी थीं। अब कोविड के मामले कम होने पर विश्वविद्यालय व कॉलेज खुल गए हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग में सुबह क्लास चल रही थी लेकिन छात्रों की उपस्थिति बेहद कम रही। वहीं नवीन परिसर स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज में बीबीए और एमबीए प्रथम सेमेस्टर की कक्षाएं शुरू हो गईं। अर्थशास्त्र विभाग में एमए प्रथम, तृतीय सेमेस्टर और बीए प्रथम व तृतीय सेमेस्टर की कक्षा में पहले दिन उपस्थिति कम रही। कॉलेजों में ज्यादा पहुंचे छात्र कालीचरण पीजी कॉलेज में 40 फीसदी उपस्थिति रही। प्राचार्य प्रो.चंद्रमोहन उपाध्याय ने बताया कि सुबह सचल दल ने विद्यार्थियों के मास्क चेक किए। कोविड प्रोटोकाल का पालन भी कराया गया। जेएनपीजी कॉलेज में छात्र उपस्थिति ठीक रही। यहां सम सेमेस्टर के साथ साथ यूजी और पीजी प्रथम सेमेस्टर की कक्षाएं शुरू हो गईं। आईटी कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. विनीता प्रकाश ने बताया कि पहले दिन उपस्थिति बहुत कम रही। आरटीपीसीआर रिपोर्ट के साथ मिलेगा हॉस्टल में प्रवेश लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर खुलने के बाद अब छात्रावास भी नियमानुसार खोले जाएंगे। सभी छात्रावासों में कोविड-19 गाइडलाइन का पालन कराया जाएगा। छात्रावास में आने के लिए छात्र-छात्राओं को कोविड-19 वैक्सीन की दोनों डोज का प्रमाण पत्र लाना अनिवार्य होगा। साथ ही 48 से 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट भी जरूरी होगी। इसके बिना छात्रावास में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इस सम्बंध में सोमवार को चीफ प्रोवोस्ट प्रो. नलिनी पांडेय ने निर्देश जारी किए हैं। बता दें कि जनवरी में छात्रावास के कई छात्र-छात्राओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षाएं स्थगित कर छात्रावास खाली करवा लिए थे। स्कूलों का हाल: कक्षाएं चलीं लेकिन बहुत कम रहे बच्चे लखनऊ। स्कूलों को फिर से खोलने की अटकलों और बहस के बीच अंततः निजी और सरकारी स्कूलों में 9 से 12 तक भौतिक रूप से कक्षाएं फिर से शुरू हो गईं लेकिन छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बहुत कम रही। हालांकि जो बच्चे स्कूल पहुंचे वे अपने शिक्षकों, दोस्तों से मिलकर काफी उत्साहित नजर आए। उपस्थिति की बात करें तो पहले दिन छात्रों की संख्या बहुत उत्साहजनक नहीं थी। उदाहरण के लिए, राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज, जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल में 20% उपस्थिति रही। वहीं हॉर्नर कॉलेज में लगभग 68% छात्र पहुंचे। सिटी मॉण्टेसरी स्कूल ने 75% उपस्थिति का दावा किया। सीएमएस कानपुर रोड शाखा कक्षा 10 के छात्र, दीवांश मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि लम्बे ब्रेक के बाद स्कूल वापस आना, वह भी पहले सेमेस्टर के परिणाम के दिन, खुशी के साथ घबराहट भी हुई। कई छात्रों ने कहा कि स्कूल दोबारा खुलने से बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी ठीक से हो जाएगी। थर्मल स्कैनिंग के बाद मिला प्रवेश ज्यादातर स्कूलों में छात्र-छात्राओं की गेट पर ही थर्मल स्कैनिंग की गई और उनके मास्क चेक करके उन्हें प्रवेश दिया गया। स्कूलों में सभी कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया। परिसर में प्रवेश करने से पहले सैनिटाइटर का उपयोग कराया गया और सामाजिक दूरी का ध्यान रखा गया। |
| CISCE 10th 12th Results Live: जारी हुआ ISCE और ISC सेमेस्टर-1 का परिणाम, ऐसे देखें रिजल्ट Posted: 07 Feb 2022 06:08 PM PST CISCE 10th 12th Results Live: जारी हुआ ISCE और ISC सेमेस्टर-1 का परिणाम, ऐसे देखें रिजल्ट ISC, ICSE Semester 1 2022 Result Updates in Hindi News: काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) आईसीएसई और आईएससी सेमेस्टर-1 परीक्षा परिणाम जारी हो गया है। CISCE Results: पुन: जांच के लिए आवेदन विंडो तीन दिन खुलेगी काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) आईसीएसई और आईएससी सेमेस्टर-1 परीक्षा परिणाम के रिजल्ट की दोबारा जांच के लिए रिक्वेस्ट सबमिट करने की ऑनलाइन विंडो केवल तीन दिनों के लिए यानी सात फरवरी से 10 फरवरी, 2022 तक सुबह 10 बजे तक खुली रहेगी। उम्मीदवार रीचेकिंग के लिए सीधे परिषद की वेबसाइट cisce.org के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। CISCE Results: 10वीं और 12वीं सेमेस्टर-1 रिजल्ट री-चेकिंग काउंसिल ने उम्मीदवारों के लिए 1000 रुपये प्रति पेपर (आईसीएसई) और 1000 रुपये प्रति विषय (आईएससी) के शुल्क का भुगतान करके सीधे काउंसिल की वेबसाइट www.cisce.org के माध्यम से रीचेक के लिए आवेदन करने का प्रावधान किया है। इसके अलावा, स्कूल के प्रमुख द्वारा करियर पोर्टल के माध्यम से परिणामों की पुन: जांच के लिए आवेदन करने का प्रावधान भी उपलब्ध होगा। |
| UP Board Pre Board Exam Date: उत्तर प्रदेश प्री-बोर्ड परीक्षा जल्द, अनिवार्य रूप से होगी परीक्षा Posted: 07 Feb 2022 05:42 PM PST UP Board Pre Board Exam Date: उत्तर प्रदेश प्री-बोर्ड परीक्षा जल्द, अनिवार्य रूप से होगी परीक्षा बोर्ड परीक्षा से पहले जल्द प्री बोर्ड एग्जाम कराने की तैयारी चल रही हैं। सबसे पहले यह जान लें कि कई राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश के स्कूल और कॉलेज भी सात फरवरी से खोल दिए गए हैं। यह निर्णय राज्य में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा के बाद लिया गया है। होंगी प्री बोर्ड परीक्षाएं माध्यमिक शिक्षा परिषद ने आदेश जारी किया है कि सभी स्कूलों के लिए प्री बोर्ड परीक्षाएं कराना अनिवार्यतः है। इस दौरान यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि प्रीबोर्ड मुख्य बोर्ड परीक्षा पैटर्न को फॉलो करता हो। इसके पीछे का उद्देश्य यह है कि छात्रों को यह पता चल सके कि बोर्ड परीक्षाओं में कैसे बैठना है। स्कूलों में प्री-बोर्ड आयोजित किए जाते हैं और स्कूल के शिक्षकों द्वारा पेपर की जांच की जाती है। UP Board pre-board exam 2022 मुख्य बोर्ड परीक्षा से कुछ समय पहले आयोजित किया जायेगा। प्री बोर्ड परीक्षा की संभावित तारीख कुल पांच राज्यों में एक ही समय पर विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। उत्तर प्रदेश राज्य में भी जल्द ही विधानसभा चुनाव शुरू हो जा रहे हैं, ऐसे में प्री बोर्ड परीक्षाओं को चुनाव से पहले और मुख्य परीक्षाओं (UP Board Exam 2022) को चुनाव के बाद आयोजित कराए जाने की संभावना है, लेकिन इसे लेकर काई आधिकारिक जानकारी नहीं है। यूपी प्री बोर्ड 12वीं परीक्षा हर साल उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित की जाती है। |
| Posted: 07 Feb 2022 05:31 PM PST माध्यमिक विद्यालयों में नवनियुक्त शिक्षकों को वेतन देने के मामले में दो व्यवस्था ने डेढ़ हजार राजकीय शिक्षकों के समक्ष खड़ा किया वेतन का संकट प्रयागराज : माध्यमिक विद्यालयों में नवनियुक्त शिक्षकों को वेतन देने के मामले में दो व्यवस्था ने राजकीय शिक्षकों के समक्ष संकट खड़ा कर दिया है। इस कारण प्रदेश भर के डेढ़ हजार से अधिक शिक्षकों को नवंबर से वेतन नहीं मिल रहा है। इस स्थिति पर शिक्षकों व राजकीय शिक्षक संघ ने नाराजगी जताई है। मांग उठाई है कि एडेड विद्यालयों के शिक्षकों की तरह शैक्षिक अभिलेख सत्यापित होने तक शपथपत्र लेकर राजकीय शिक्षकों का भी वेतन निर्गत किया जाए।राजकीय इंटर कालेज और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) के तहत डेढ़ हजार से अधिक शिक्षकों को सितंबर और अक्टूबर माह में नियुक्ति मिली। इन शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन अभी नहीं हुआ है। नियुक्ति के बाद शैक्षिक अभिलेख सही होने का शपथपत्र लेकर दीपावली पर्व पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक के निर्देश पर अक्टूबर माह का वेतन निर्गत किया गया था। इसके बाद से वेतन निर्गत नहीं किया जा रहा है। इसके विपरीत उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों (एडेड) के लिए चयनित शिक्षकों को नियमित वेतन निर्गत किया। जा रहा है। एडेड विद्यालयों के शिक्षकों के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने आदेश जारी किया है कि जब तक शैक्षिक अभिलेख का सत्यापन नहीं हो जाता है, तब तक शपथपत्र लेकर वेतन निर्गत किया जाए। इस स्थिति पर राजकीय माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री रामेश्वर प्रसाद पाण्डेय ने कहा है कि सितंबर अक्टूबर में नियुक्ति पाए राजकीय माध्यमिक शिक्षकों को वेतन देने के मामले में भेदभाव किया जा रहा है। बताया कि इन शिक्षकों में अधिकांश संख्या राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत नियुक्त शिक्षकों की है, जिनके लिए बजट मिलने पर प्रायः देरी हो जाती है। इस समय बजट की उपलब्धता को देखते हुए इन शिक्षकों से भी शपथपत्र लेकर वेतन निर्गत किए जाने के लिए निदेशक को पत्र भी लिखा है। |
| KVS : केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षकों के 10368 पद खाली Posted: 07 Feb 2022 05:25 PM PST केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षकों के 10368 पद खाली केंद्रीय विद्यालय संगठन के 1248 स्कूलों में शिक्षकों के 10368 पद खाली हैं। 16 नवंबर 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक संगठन के 25 रीजन में शिक्षकों, वाइस प्रिंसिपल और प्रिंसिपल को मिलाकर इतने पद खाली हैं। जबकि एक जुलाई 2021 को टीजीटी, पीजीटी और पीआरटी शिक्षकों के कुल स्वीकृत 46884 पदों में से 9236 (19.69% या 20 प्रतिशत) खाली थे। उस समय 37648 शिक्षक कार्यरत थे। वहीं एक दिसंबर 2020 तक शिक्षकों के कुल स्वीकृत 46328 पदों के सापेक्ष 7470 पद (16.12 प्रतिशत) खाली थे। साफ है कि केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हालांकि इस दौरान कुछ नए केंद्रीय विद्यालय खुलने और कुछ स्कूलों में नए वर्ग स्वीकृत होने से पदों की संख्या में इजाफा हुआ है। सर्वाधिक 1227 पद चेन्नई, 1182 हैदराबाद में रिक्त केंद्रीय विद्यालय संगठन के 25 रीजन में सबसे अधिक 1227 पद चेन्नई रीजन में खाली हैं। हैदराबाद रीजन में 1182, बंगलुरु में 927, कोलकाता में 888, भुवनेश्वर में 781 पद रिक्त हैं। वाराणसी रीजन में 122 जबकि आगरा रीजन में 84 पद खाली हैं। |
| मजहबी शिक्षा नहीं दे सकते सरकारी मदरसे : हाईकोर्ट Posted: 06 Feb 2022 07:49 PM PST मजहबी शिक्षा नहीं दे सकते सरकारी मदरसे : हाईकोर्ट असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वशर्मा ने 2020 में शिक्षा मंत्री के रूप में असम रिपील एक्ट पेश किया था। इस बिल को 30 दिसंबर 2020 को पारित किया गया था। इसके जरिये असम मदरसा शिक्षा अधिनियम 1995 को रद कर दिया गया था। गुवाहाटी । गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने असम सरकार के उस फैसले को सही ठहराया है जिसके तहत राज्य के सभी मदरसों (सरकार द्वारा वित्त पोषित) को सामान्य स्कूलों में बदलने का आदेश दिया गया था। राज्य सरकार ने यह आदेश असम रिपीलिंग एक्ट-2020 के तहत दिया था, जिसे उच्च न्यायालय ने सही ठहराया है। मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धूलिया और जस्टिस सौमित्र सैकिया की पीठ ने अपने निर्णय में कहा है कि जो विधायिका और कार्यपालिका की ओर से जो बदलवा किया गया है वह केवल सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों के लिए है, न कि निजी अथवा सामुदायिक मदरसों के लिए। इस निर्णय के साथ हाई कोर्ट ने एक्ट की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। याचिका पिछले साल 13 व्यक्तियों की ओर से दाखिल की गई थी। उच्च न्यायालय ने 27 जनवरी को मामले पर सुनवाई पूरी करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। मजहबी शिक्षा नहीं दे सकते मदरसे न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि पूरी तरह राज्य द्वारा संचालित मदरसे मजहबी शिक्षा नहीं दे सकते। यह संविधान के अनुच्छेद 28(1) के अनुकूल नहीं है। प्रांतीय मदरसों के शिक्षकों की नौकरी नहीं जाएगी। अगर आवश्यक हुआ तो उन्हें दूसरे विषय पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके साथ उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के फैसले से संबंधित सभी आदेशों को सही ठहराया। |
| 100 नए सैनिक स्कूलों में दाखिले के लिए ई-काउंसलिंग की तैयारी Posted: 06 Feb 2022 07:35 PM PST 100 नए सैनिक स्कूलों में दाखिले के लिए ई-काउंसलिंग की तैयारी मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि देश भर में 100 नए सैनिक स्कूल स्थापित करने के सरकार के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ते हुए सैनिक स्कूल सोसायटी (एसएसएस) ई-काउंसलिंग के संचालन के लिए एक स्वचालित प्रणाली विकसित कर रही है। नई दिल्ली । सैनिक स्कूल सोसायटी (एसएसएस) 100 नए सैनिक स्कूलों में प्रवेश पाने के इच्छुक विद्यार्थियों को आनलाइन परामर्श प्रदान करने के लिए एक स्वचालित प्रणाली विकसित कर रही है। रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा कि ई काउंसलिंग के लिए स्वचालित प्रणाली दाखिले की प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि देश भर में 100 नए सैनिक स्कूल स्थापित करने के सरकार के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ते हुए सैनिक स्कूल सोसायटी (एसएसएस) ई-काउंसलिंग के संचालन के लिए एक स्वचालित प्रणाली विकसित कर रही है। दाखिले की प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित होगी मंत्रालय ने कहा कि यह प्रणाली कम खर्चीली और सभी हितधारकों स्कूलों और छात्रों के लिए सुविधाजनक होगी। यह प्रणाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप स्थापित किए जा रहे नए स्कूलों पर लागू होगी। इसके तहत विद्यार्थियों को सैनिक स्कूल के पाठ्यक्रम के अनुपालन के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। इससे दाखिले की प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। इन लिंक के माध्यम से किया जा सकता है आवेदन सैनिक स्कूल सोसायटी ई काउंसलिंग के लिए आवेदन करने के संबंध में प्रचार प्रसार करेगी। विद्यार्थियों को वेबपोर्टल पर उपलब्ध लिंक http://www.Sainikschool.Ncog.Gov.In www.Sainikschool.Ncog.Gov के माध्यम से आवेदन करने को कहा जाएगा। छात्रों के पास 10 स्कूलों का चयन करने का विकल्प होगा। इसके बाद छात्रों को स्कूलों का आवंटन उनकी रैंक और स्कूलों की पसंद के आधार पर सिस्टम द्वारा किया जाएगा। परिणाम की घोषणा ई काउंसलिंग पोर्टल पर की जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया की होगी रियल टाइम निगरानी बता दें कि ई-काउंसलिंग के लिए यह स्वचालित प्रणाली प्रवेश प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी। यह सभी हितधारकों- स्कूलों, छात्रों और प्रशासनिक प्राधिकरण के लिए कम खर्चीला और उपयोगकर्ता के अनुकूल होगा। यह पूरी प्रक्रिया की रीयल-टाइम निगरानी और प्रत्येक चरण में आवश्यक कार्रवाई के लिए भी पहुंच प्रदान करेगा। |
| Posted: 06 Feb 2022 06:17 PM PST यूपी : आज से खुलेंगे कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल व डिग्री कालेज, प्री बोर्ड और वार्षिक परीक्षा कराने की तैयारी कक्षा नौ से 12 तक के सभी बोर्डों के स्कूल सोमवार से खोलने के आदेश के बाद प्री बोर्ड और अंतिम गृह परीक्षाओं की तैयारियां तेज हो गई हैं। कई स्कूल राजधानी में चुनाव से पहले तो कई इसके तुरंत बाद परीक्षा कराने की तैयारी कर रहे हैं। यूपी बोर्ड के स्कूलों में प्री बोर्ड और वार्षिक परीक्षाएं होनी हैं। सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के स्कूलों में दूसरे सेमेस्टर की पढ़ाई चल रही है। यूपी बोर्ड के स्कूलों में परीक्षा को लेकर प्रस्तावित शेड्यूल भी तैयार कर लिया गया है। मार्च के मध्य तक सभी परीक्षाएं निपटाकर परिणाम जारी करने की योजना है। इसके बाद बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो सकती हैं। अब प्रैक्टिकल पर जोर स्कूल खुलते ही 12वीं के छात्रों के प्रैक्टिकल करवाए जाएंगे। यूपी बोर्ड के छात्रों की प्रैक्टिकल परीक्षा इसी महीने प्रस्तावित है। स्कूलों को उम्मीद है कि इसी महीने प्रैक्टिकल परीक्षाओं की समयसारिणी घोषित हो सकती है। वहीं, स्कूल खुलते ही कक्षा नौ से 12 के छात्रों के मुख्य पाठों का रिविजन भी कराया जाएगा। वहीं, स्कूल जूनियर और प्राइमरी के छात्रों के लिए भी स्कूल खुलने का निर्देश मिलते ही इनकी परीक्षाएं कराने की तैयारी में हैं। |
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