दिव्य रश्मि न्यूज़ चैनल |
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को कैसे देखें
- सोमवार, फरवरी 7, 2022 का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन ? क्या है आप की राशी में विशेष ? जाने प्रशिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. प्रेम सागर पाण्डेय से |
- राज्यपाल ने सुर साम्राज्ञी लता मंगेषकर के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की
- मुख्यमंत्री ने अन्डर-19 क्रिकेट वल्र्ड कप जीतने पर टीम इंडिया को बधाई दी
- स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेषकर का निधन देश के लिये अपूरणीय क्षति है:- मुख्यमंत्री
- राज्यपाल ने अन्डर-19 क्रिकेट वल्र्ड कप जीतने पर टीम इंडिया को बधाई दी
- भारत रत्न स्वर्गीय लता मंगेशकर जी को दिव्य रश्मि परिवार की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि :
- Liked on YouTube: चाँदपुर बेला पटना में दिव्य रश्मि कार्यालय के समीप रही माँ सरस्वती की पूजा की धूम एक ही जगह कई
- पुरानी पेंशन के लिए सरकारी कर्मिगण हुए आंदोलित।
- रथसप्तमी का महत्व
- हर्षोल्लास के साथ मनाया गया बसंत पंचमी की पूजा मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की गई
- बिहार सांस्कृतिक विद्यापीठ ,शेखपुरा राजाबाजार , पटना में भव्य सरस्वती पूजन समारोह का आयोजन
- मां शारदे की हुई पूजा और संस्थानों ने बच्चों के बीच कियापठन पाठन सामग्रियों का वितरण
- सरस्वती पूजा के शुभ अवसर पर बिहार के ट्रांसजेंडरों
- रविवार, फरवरी 6, 2022 का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन ? क्या है आप की राशी में विशेष ? जाने प्रशिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. प्रेम सागर पाण्डेय से |
- सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का सम्मान
- लाव-लश्कर विहीन बसंत
- भारत के लिए जुमला, चीन के लिए नौकरियां
- संयुक्त अरब अमीरात में भीख मांगना जुर्म
- सिख विरासत मिटाने में जुटी पाक सरकार
- पुतिन और जिनपिंग ने दिखाए तेवर
- भारत के खिलाफ फिर साजिश रच रहा पाकिस्तान
- बसन्त
- आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प
- लो आया मधुमास
| राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को कैसे देखें Posted: 06 Feb 2022 07:13 AM PST
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| Posted: 06 Feb 2022 06:55 AM PST सोमवार, फरवरी 7, 2022 का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन ? क्या है आप की राशी में विशेष ? जाने प्रशिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. प्रेम सागर पाण्डेय से |सोमवार, फरवरी 7, 2022 का दैनिक पंचांगतिथि : सप्तमी, 30:17 तक नक्षत्र : अश्विनी, 19:02 तक योग : शुभा, 16:38 तक प्रथम करण गारा, 17:26 तक द्वितिय करण: वणिजा, 30:17 तक वार: सोमवार सूर्योदय: 07:09 सूर्यास्त: 18:00 चन्द्रोदय: 10:55 चन्द्रास्त: 24:11 शक सम्वत: 1943 पलवा अमान्ता महीना: माघ पूर्णिमांत: माघ सूर्य राशि: मकर चन्द्र राशि मेष पक्ष: शुक्ल अशुभ मुहूर्त दुष्टमुहूर्त 12:26:07 से 13:10:35 तक, 14:39:32 से 15:24:01 तक कुलिक 14:39:32 से 15:24:01 तक कंटक 08:43:44 से 09:28:13 तक राहु काल 07:53:42 से 09:17:06 तक कालवेला / अर्द्धयाम 10:12:41 से 10:57:10 तक यमघण्ट 11:41:38 से 12:26:07 तक यमगण्ड 10:40:29 से 12:03:53 तक गुलिक काल 13:27:16 से 14:50:40 तक शुभ मुहूर्त अभिजीत: 12:13 − 12:56 अमृत कालम्: 08:10 − 10:35 दिशा शूल दिशा शूल पूर्व चन्द्रबल और ताराबल ताराबल अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती चन्द्रबल मेष, मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, कुम्भ विशेष - मन्दार षष्ठी, दारिद्रयहरण षष्ठी, शीतला षष्ठी।🌹 पं. प्रेम सागर पाण्डेय् नक्षत्र ज्योतिष वास्तु अनुसंधान केन्द्र नि:शुल्क परामर्श - रविवार सोमवार, फरवरी 7, 2022का दैनिक राशिफलमेष (Aries): आर्थिक मामलों और लेन-देन के मुद्दों में सचेत रहें। विवाद से बचें अन्यथा परिवार के सदस्यों के साथ कलह के अवसर आएंगे। खाने-पीने में सावधानी रखें। आज समय से भोजन भी नहीं मिलेगा। व्यर्थ में खर्च हो सकता है। घर में और कार्यक्षेत्र में समझौते से भरा रवैया अपनाएं। आज का दिन आपके लिए सामान्य रहेगा। शुभ रंग = उजला शुभ अंक : 4 वृषभ (Tauras): आज का दिन लाभ से भरा होगा। शारीरिक और मानसिक रुप से स्वस्थ रहेगें। आप अपनी कलात्मकता और सृजनात्मकता का उपयोग कर पाएंगें। आर्थिक मामलों में योजना बना सकेगें और धन लाभ होने की भी संभावना है। परिवार के साथ आपका समय आनंदपूर्ण बीतेगा। आज नए कपड़े व गहने खरीद सकते हैं। आमोद प्रमोद में दिन बीतेगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। शुभ रंग = आसमानी शुभ अंक : 7 मिथुन (Gemini): आज अपनी वाणी और व्यवहार में सावधानी रखें। बातचीत से कोई गलतफहमी न हो, उसका ध्यान रखें। आपका स्वास्थ्य खराब हो सकता है। विशेषकर आंखों में तकलीफ हो सकती है। आज खर्च का दिन है। मानसिक चिंता बनी रहेगी। किसी भी प्रकार के अकस्मात से बचें। ईश्वर की भक्ति और आध्यात्मिक बातों में रुचि लेने से मन को कुछ शांति मिलेगी। शुभ रंग = फीरोजा़ शुभ अंक : 6 कर्क (Cancer): नौकरी और व्यवसाय में अनुकूल परिस्थितियां बनेंगी। धन लाभ होने की संभावना है। मित्रों, विशेष कर स्त्री मित्रों से लाभ होगा। दोस्तों के साथ प्रवास और पर्यटन पर जा सकते हैं। प्रिय व्यक्ति के साथ समय बिताएंगें। आर्थिक योजनाएं सफलतापूर्वक पूरी होंगी। विवाहोत्सुक युवक-युवतियों के लिए विवाह योग की संभावना है। शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। शुभ रंग = उजला शुभ अंक : 4 सिंह (Leo): दृढ़ आत्मविश्वास और मनोबल से सभी कार्य सफलतापूर्वक पूरे होंगे। व्यवसाय के क्षेत्र में बौद्धिक प्रतिभा दिखेगी। नौकरी में पदोन्नति के योग हैं। उच्च पदाधिकारियों को अपने काम से प्रभावित कर सकेंगे। पिता की तरफ से लाभ होगा। संपत्ति, वाहन सम्बंधी कार्य अत्यंत सरलतापूर्वक पूरा कर सकेंगे। सरकारी कामकाज में सफलता मिलेगी। पारिवारिक सुख प्राप्त होगा। शुभ रंग = पींक शुभ अंक : 8 कन्या (Virgo): आपका आज का दिन आनंददायक बीतेगा। आर्थिक लाभ होगा। विदेश में रहनेवाले सगे-संबंधियों के समाचार मिलेगें जिससे आप काफी प्रसन्न रहेगें। धार्मिक कार्य या धार्मिक यात्रा के पीछे खर्च करेगें। भाई-बहनों से लाभ होने की संभावना है। विदेश जाने के इच्छुक लोगों को विदेश जाने के लिए अनुकूल अवसर मिलेगें। शुभ रंग = आसमानी शुभ अंक : 7 तुला (Libra): आज कोई नया काम आरंभ न करें। अपनी वाणी और व्यवहार को नियंत्रण में रखें अन्यथा गलतफहमी हो सकती है। दोस्त के रूप में छिपे शत्रुओं से सावधान रहें। स्वास्थ का पूरा ख्याल रखें। गूढ़ विद्या की ओर आपका आकर्षण बढ़ेगा। साधना सिद्धि के लिए आज का दिन अच्छा है। काफी कोशिश के बाद आप मानसिक शांति प्राप्त कर पाएंगें। शुभ रंग = क्रीम शुभ अंक : 2 वृश्चिक (Scorpio): आप आज के दिन को पूरी तरह से आमोद प्रमोद में बिताना पसंद करेगें। दैनिक कार्यों से मुक्त होकर अपने लिए थोड़ा समय निकाल सकेंगे। मित्रों के साथ बाहर जाने का कार्यक्रम बनेगा। उत्तम भोजन मिलेगा। नए वस्त्र आभूषण प्राप्त होगें। व्यापार और भागीदारी में लाभ होगा। मान-सम्मान बढ़ेगा। विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण रहेगा। शुभ रंग = पींक शुभ अंक : 8 धनु (Sagittarius): आज का दिन शुभ है। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। यश कीर्ति और आनंद की प्राप्ति होगी। कुटुंबीजनों के साथ आनंद में समय व्यतीत होगा। प्रतिस्पर्धियों और शत्रुओं पर विजय मिलेगी। कार्यालाय में सहकर्मियों और अधीनस्थ व्यक्तियों का पूरा सहयोग प्राप्त होगा। स्त्री मित्रों के साथ मुलाकात होगी। अधूरे कार्य पूरे होंगे। आर्थिक लाभ की संभावना है। शुभ रंग = गुलाबी शुभ अंक : 5 मकर (Capricorn): मानसिक रूप से अशांत और असमंजस में रहेंगे। आप कोई भी ठोस निर्णय नहीं ले पाएंगे। आज आप कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय न लें। भाग्य आपके साथ नहीं रहेगा जिससे आपको निराशा का अनुभव होगा। संतान के विषय में चिंतित रहेंगें। घर में बुजुर्गों की तबीयत खराब हो सकती है। पेट-दर्द से परेशानी होगी। शुभ रंग = आसमानी शुभ अंक : 7 कुंभ (Aquarius): अत्यधिक संवेदनशील होने के कारण आज आप मानसिक बेचैनी और अस्वस्थता का अनुभव करेंगे। इस कारण जिद्दीपन आएगा। सार्वजनिक रूप में मानहानि न हो, इसका ध्यान रखें। स्थावर संपत्ति, वाहन आदि के दस्तावेज करने में सावधानी रखें। सौंदर्य प्रसाधन, वस्त्र और आभूषणों की खरीदारी में महिलाएं खर्च करेगीं। पढ़ाई में सफलता मिलेगी। शुभ रंग = क्रीम शुभ अंक : 2 मीन (Pisces): महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए आज का दिन शुभ है। विचारों में दृढ़ता रहेगी। कार्य अच्छी तरह से पूरे होंगे। सृजनात्मक और कलात्मक शक्ति में वृद्धि होगी। दोस्तों के साथ किसी प्रवास पर जा सकते हैं। भाई-बहनों से लाभ होगा। कार्य की सफलता आपके मन को आनंदित करेगी। सार्वजनिक जीवन में मान-सम्मान मिलेगा। अपने प्रतिस्पर्धियों को परास्त कर सकेंगे। शुभ रंग = गुलाबी शुभ अंक : 8 प्रेम सागर पाण्डेय् ,नक्षत्र ज्योतिष वास्तु अनुसंधान केन्द्र ,नि:शुल्क परामर्श - रविवार , दूरभाष 9122608219 / 9835654844 हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
| राज्यपाल ने सुर साम्राज्ञी लता मंगेषकर के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की Posted: 06 Feb 2022 06:35 AM PST राज्यपाल ने सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त कीपटना, 06 फरवरी, 2022:- महामहिम राज्यपाल श्री फागू चैहान ने स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। राज्यपाल ने अपने शोकोद््गार में कहा है कि स्व॰ लता मंगेषकर भारत की महान और लोकप्रिय पाष्र्व गायिका थीं। उन्होंने विभिन्न भाषाओं में फिल्मी और गैर फिल्मी गीत गाये। उनकी सुरीली आवाज लोगों को सहज ही मंत्रमुग्ध कर देती थी। उन्हें भारत रत्न, पद््म विभूषण, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, फिल्मफेयर लाइफटाइम एचिवमेंट पुरस्कार सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। उनका निधन अत्यन्त दुखद तथा देष के लिए अपूरणीय क्षति है। भारतीय संस्कृति, विषेषकर संगीत के क्षेत्र में उनके अत्यन्त महत्वपूर्ण व उल्लेखनीय योगदान के लिए देष उन्हें सदैव याद रखेगा। राज्यपाल ने दिवंगत आत्मा की चिरषांति तथा शोक संतप्त परिजनों एवं प्रषंसकों को धैर्य, साहस एवं सम्बल प्रदान करने हेतु ईष्वर से प्रार्थना की है। हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
| मुख्यमंत्री ने अन्डर-19 क्रिकेट वल्र्ड कप जीतने पर टीम इंडिया को बधाई दी Posted: 06 Feb 2022 06:32 AM PST मुख्यमंत्री ने अन्डर-19 क्रिकेट वल्र्ड कप जीतने पर टीम इंडिया को बधाई दीपटना, 06 फरवरी 2022:- मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार ने टीम इंडिया को अंडर-19 क्रिकेट वल्र्ड कप 2022 जीतने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें दीं। मुख्यमंत्री ने अपने संदेष में कहा कि अपने कड़े संघर्ष, अथक प्रयास एवं कड़ी मेहनत से टीम इंडिया ने अन्डर-19 विश्व कप क्रिकेट का फाइनल जीत कर पूरे देशवासियों को गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा कि इस जीत के लिए अंडर-19 टीम इंडिया के सभी खिलाड़ी बधाई के पात्र है। हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
| स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेषकर का निधन देश के लिये अपूरणीय क्षति है:- मुख्यमंत्री Posted: 06 Feb 2022 06:29 AM PST स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर का निधन देश के लिये अपूरणीय क्षति है:- मुख्यमंत्रीपटना, 06 फरवरी 2022:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेषकर के निधन पर गहरा शोक एवं दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि स्व0 लता मंगेषकर प्रख्यात पाष्र्व गायिका थीं। उन्हें भारत रत्न, पद्म विभूषण, दादा साहब फाल्के पुरस्कार तथा फिल्मफेयर लाइफटाइम एचीवमेंट सहित कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। वे भारतीय संसद के उच्च सदन राज्यसभा की सदस्य रह चुकी थीं। आने वाली पीढ़ियां उन्हें भारतीय संस्कृति के एक दिग्गज के रूप में याद रखेंगी, जिनकी सुरीली आवाज में लोगों को मंत्रमुग्ध करने की अद्वितीय क्षमता थी। उनका जाना भारतीय संगीत के एक युग का अंत है। उनका निधन देष के लिये अपूरणीय क्षति है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शान्ति तथा उनके परिजनों एवं प्रशंसकों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
| राज्यपाल ने अन्डर-19 क्रिकेट वल्र्ड कप जीतने पर टीम इंडिया को बधाई दी Posted: 06 Feb 2022 06:26 AM PST राज्यपाल ने अन्डर-19 क्रिकेट वल्र्ड कप जीतने पर टीम इंडिया को बधाई दीपटना, 06 फरवरी, 2022:- महामहिम राज्यपाल श्री फागू चैहान ने टीम इंडिया को अंडर-19 क्रिकेट वल्र्ड कप-2022 का फाइनल जीतने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी है। राज्यपाल ने कहा है कि टीम इंडिया ने अन्डर-19 विष्व कप क्रिकेट का फाइनल जीत कर देष को गौरवान्ति किया है। हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
| भारत रत्न स्वर्गीय लता मंगेशकर जी को दिव्य रश्मि परिवार की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि : Posted: 06 Feb 2022 06:18 AM PST भारत रत्न स्वर्गीय लता मंगेशकर जी को दिव्य रश्मि परिवार की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि :स्व0 लता मंगेशकर प्रख्यात पार्श्वगायिका थीं। उन्हें भारत रत्न, पद्म विभूषण, दादा साहब फाल्के पुरस्कार तथा फिल्मफेयर लाइफटाइम एचीवमेंट सहित कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। वे भारतीय संसद के उच्च सदन राज्यसभा की सदस्य भी रह चुकी थीं। आने वाली पीढ़ियां उन्हें भारतीय संस्कृति के एक दिग्गज के रूप में याद रखेंगी, जिनकी सुरीली आवाज में लोगों को मंत्रमुग्ध करने की अद्वितीय क्षमता थी। उनका जाना भारतीय संगीत के एक युग का अंत है। उनका निधन देश के लिये अपूरणीय क्षति है। भारत रत्न श्रीमती लता मंगेशकर जी के जाने से केवल मैं ही नहीं प्रत्येक भारतीय के मन में जो वेदना और रिक्तता उत्पन्न हुई है उसको शब्दों में वर्णन करना कठिन है। आठ दशक के ऊपर अपनी स्वर वर्षा से भारतीयों के मनों को सिक्त करने वाला, तृप्त करने वाला, शांत करने वाला आनन्द धन आज हमने खो दिया। वो अब नहीं बरसेगा। लता जी शुचिता और साधना की प्रतिमूर्ति थी। उनकी संगीत साधना के बारे में तो बहुत सारे लोग जानते हैं। इतनी स्वरसिद्ध गायिका होने के बाद भी किसी गीत को गाना है तो उसकी तैयारी और उसका अभ्यास उतना ही करती थी जितना कभी 13 साल की आयु में गाना शुरू किया था तब करती होंगी। लेकिन सभी क्षेत्रों में ये उनकी तपस्या है। अपने व्यक्तिगत जीवन में उनका व्यवहार यानि शुचिता और तपस्या का, साधना का आदर्श उदाहरण, अनुकरणीय उदाहरण सबके लिए था। ऐसी सर्वार्थ से यशस्वी और सार्थक जीवन का उदाहरण हमारे सामने प्रस्तुत करने वाली लता जी चली गई। हमको उसके दुःख को सहन करने का धैर्य तथा मंगेश्कर परिवार को भी इस आघात को सहन करने का धैर्य भगवान प्रदान करे। मैं उनकी पवित्र स्मृति में जो स्वरों के रूप में शेष रहेगी लेकिन पार्थिव रूप में हमको अपनी स्मृति पर ही निर्भर करना पड़ेगा, उस स्मृति में पत्रिका परिवार की ओर से और मेरी अपनी व्यक्तिगत श्रद्धांजलि अर्पण करता हूँ। डॉ राकेश दत्त मिश्र सम्पादक दिव्य रश्मि हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
| Posted: 06 Feb 2022 06:12 AM PST चाँदपुर बेला पटना में दिव्य रश्मि कार्यालय के समीप रही माँ सरस्वती की पूजा की धूम एक ही जगह कई चाँदपुर बेला पटना में दिव्य रश्मि कार्यालय के समीप रही माँ सरस्वती की पूजा की धूम एक ही जगह कई प्रतिमा स्थापित कर बच्चों ने दिया अपनी भक्ति और श्रद्धा का परिचय | दिव्य रश्मि ! धर्म, राष्ट्रवाद , राजनीति , समाज एवं आर्थिक जगत की खबरों का चैनल है | जनता की आवाज़ बनने के उदेश्य से हमारे सभी साथी कार्य करते है अत: हमारे इस मुहीम में आप के साथ की आवश्यकता है |हमारे खबरों को लगातार प्राप्त करने के लिए हमारे चैनल को सबस्क्राइब करना न भूले और बेल आइकॉन को अवश्य दबाए | खबर पसंद आने पर👉 हमारे "चैनल" को Subscribe, वीडियो को Like 👍 & Share↪ , जरुर करें चैनल को सब्सक्राइब करें खबर को शेयर जरूर करें Facebook : https://ift.tt/CZE19Uj Twitter https://twitter.com/DivyaRashmi8 instagram : https://ift.tt/I9M6CTm visit website : https://ift.tt/hJXVSLR via YouTube https://www.youtube.com/watch?v=m91abN62eZ0 |
| पुरानी पेंशन के लिए सरकारी कर्मिगण हुए आंदोलित। Posted: 06 Feb 2022 06:03 AM PST पुरानी पेंशन के लिए सरकारी कर्मिगण हुए आंदोलित।पुरानी पेंशन की बहाली हेतु आंदोलनरत नेशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) की बिहार इकाई द्वारा 06 फरवरी, 2022 को प्रदेश अध्यक्ष वरुण पाण्डेय की अध्यक्षता में संगठन विस्तार हेतु गूगल मीट के जरिये वर्चुअल बैठक आयोजित की गई। बैठक का संचालन करते हुए वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिरुद्ध प्रसाद ने पटना, मगध, कोसी एवं मुंगेर प्रमण्ड के अधिकांश जिलों में पदाधिकारियों की घोषणा की, जिसका सभी ने स्वागत किया। बैठक में सर्वसम्मति से रोहतास जिला अध्यक्ष, श्री राजेश कुमार, बक्सर जिला अध्यक्ष, डॉ. प्रो.भरत कुमार चौबे, गया जिला अध्यक्ष, श्री अरुण कुमार पांडेय, औरंगाबाद जिला अध्यक्ष,श्री हेमंत कुमार हिमांशु, कटिहार जिला अध्यक्ष, डॉक्टर प्रोफेसर नारायण कुमार झा, मधेपुरा जिला अध्यक्ष, डॉ प्रोफेसर सुशांत सिंह, सहरसा जिला अध्यक्ष, डॉ प्रोफेसर अभय यादव एवं जिला सचिव डॉ विनोद झा, सुपौल जिला अध्यक्ष,श्री भागीरथ पासवान, खगड़िया जिला अध्यक्ष, डॉ रौशन भारती, बेगूसराय जिला अध्यक्ष डॉ प्रोफेसर मनोज कुमार, जिला सचिव डॉ किशोर झा, शेखपुरा जिला कार्यकारी अध्यक्ष, हीरालाल दास को सर्वसम्मति से बनाया गया। उपाध्यक्ष ने घोषणा करते हुए नवनियुक्त पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि बिहार के अन्य जिलों की तरह शीघ्र संतुलित व सशक्त कार्यकारिणी का गठन कर प्रदेश कार्यकारिणी को सूचित किया जाए। पेंशन के बिना बुढ़ापा रीढ़विहीन शरीर के समान होगा, इसलिए हम युवा कर्मचारियों को अभी जग जाना होगा। हम सभी कर्मचारी संकल्पित हो जाएं तो उन्हीं की बनेगी सरकार जो सुनेंगे हमारी पुकार। अध्यक्षीय सम्बोधन में वरुण पाण्डेय ने बताया कि यह लड़ाई हर परिवार की लड़ाई है। आज नहीं तक कल सभी को एहसास हो जाएगा कि एक कर्मचारी के बुढ़ापे में पेंशन की क्या अहमियत है। पुरानी पेंशन की माँग आज राष्ट्रीय मुद्दा बना हुआ है और बिहार के लोगों का इतिहास रहा है कि हर आंदोलन में बहादुरी के साथ बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। उन्होंने आगे कहा कि जिस प्रकार बिहार के सभी जिलों के लगभग सभी विभागों से एनएमओपीएस को समर्थन तथा सहयोग मिल रहा है, उससे साफ जाहिर होता है कि पुरानी पेंशन की लड़ाई 2022 में पूरे बिहार में विकराल रूप धारण कर लेगी। पुरानी पेंशन हम खैरात में नहीं मांगा रहे हैं, यह हमारा मौलिक अधिकार है और इसे लेकर रहेंगे। सचेतक प्रदीप प्रसाद में सभी को सचेत करते हुए कहा कि हमें चौकन्ना रहकर संगठन को सभी प्रखण्डों में खड़ा करना होगा वरना सत्ताधारी लोग बहुत शातिर होते हैं, वो हमारे आंदोलन को भटकाने की हरसंभव कोशिश करेंगे। प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव तिवारी ने कहा कि उन्होंने आगे कहा कि आगामी चुनावों में जो हमारी सुनेंगे, हम उन्हीं को चुनेंगे।सारण (छपरा) के जिला अध्यक्ष डॉ. दिनेश पाल ने बताया कि सारण के जिला कार्यकारिणी की घोषणा 31 जनवरी, 2022 को कर दी गई है। सोमवार से बिहार सरकार ने कोविड रोकथाम नियमों में ढील दे दी है इसलिए अब प्रत्येक विभाग में बैठक करके सभी लोगों को जोड़ने हुए अगले 15 फरवरी तक प्रयेक प्रखण्ड में प्रखण्ड-अध्यक्ष बना दिया जाएगा। प्रदेश उपमहासचिव डॉ अविनाशी सद्गुरु, प्रदेश संगठन सचिव श्री दिलीप कुमार एवं ख्वाजा अतीक-उर-रहमान, प्रदेश मुख्य प्रवक्ता संतोष कुमार, प्रदेश मुख्य सलाहकार, शंकर सिंह, मुजफरपुर जिला अध्यक्ष डॉ. विजेंद्र झा, हरैया जिला सचिव मोहम्मद रिजवान उल्ला पूर्णिया जिला अध्यक्ष मनोज मिश्रा, प्रशान्त सिंह,रवि रंजन पासवान, भोले शंकर, अध्यक्ष, बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन, गया शाखा, प्रोफेसर सोनल, प्रो. दीपक कुमार आदि ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए संगठन के विस्तार में हर संभव सहयोग करने की बात कही। बिहार से लगभग सात दर्जन एनएमओपीएस पदाधिकारी वर्चुअल बैठक में जुड़े रहे। हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
| Posted: 06 Feb 2022 12:08 AM PST रथसप्तमी का महत्वमाघ शुक्ल सप्तमी का अर्थ है रथ सप्तमी । इस वर्ष तिथि के अनुसार रथ सप्तमी 7 फरवरी को है। यह दिन सूर्यनारायण की पूरी श्रद्धा से पूजा करने का और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन है। प्रत्येक वर्ष मकर संक्रांति पर आयोजित होने वाला हल्दी-कुमकुम समारोह रथ सप्तमी के दिन संपन्न होते हैं। इस दिन का महत्व और मनाने की पद्धति इस लेखमाला के माध्यम से जानकर लेंगे। इतिहास : रथ सप्तमी वह दिन है जब सूर्य देव हीरे से जड़ित सोने के रथ में विराजमान हुए। सूर्यदेव को स्थिर रूप से खड़े रह कर साधना करते समय स्वयं की गति संभालना संभव नहीं हो रहा था। उनके पैर दुखने लगे और उसके कारण उनकी साधना ठीक से नही हो रही थी । तब उन्होंने परमेश्वर से उस विषय मे पूछा और बैठने के व्यवस्था करने के लिए कहा। मेरे बैठने के उपरांत मेरी गति कौन संभालेगा? "ऐसा उन्होंने परमेश्वर से पूछा"। तब परमेश्वर ने सूर्यदेव को बैठने के लिये सात घोड़े वाला हीरे से जड़ा हुआ सोने का एक रथ दिया। जिस दिन सूर्यदेव उस रथ पर विराजमान हुए, उस दिन को रथसप्तमी कहते हैं। इसका अर्थ है 'सात घोड़ों का रथ'। 'रथसप्तमी' सूर्य देव का जन्म दिवस ! - 'माघ शुक्ल पक्ष सप्तमी' को 'रथ सप्तमी' कहा जाता है। महर्षि कश्यप और देवी अदिति के गर्भ से सूर्य देव का जन्म इसी दिन हुआ था। श्री सूर्यनारायण, भगवान श्री विष्णु के एक रूप ही है । संपूर्ण विश्व को अपने महातेजस्वी स्वरूप से प्रकाशमय करने वाले सूर्यदेव के कारण ही पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व है। सूर्य का उत्तरायण की और मार्गक्रम हो रहा है, यह दर्शाने वाला रथ सप्तमी का त्योहार ! - रथसप्तमी एक ऐसा त्योहार है जो सूचित करता है कि सूर्य उत्तरायण में मार्गक्रमण कर रहा है। उत्तरायण अर्थात उत्तर दिशा से मार्गक्रमण करना। उत्तरायण यानी सूर्य उत्तर दिशा की ओर झुका होता है। 'श्री सूर्यनारायण अपने रथ को उत्तरी गोलार्ध में घुमा रहे हैं', इस स्थिति मे रथसप्तमी को दर्शाया गया है। रथसप्तमी किसानों के लिए फसल का दिन और दक्षिण भारत में धीरे-धीरे बढ़ते तापमान का दर्शक है एवं वसंत ऋतु नजदीक आने का प्रतीक भी है। जीवन का मूल स्रोत है सूर्य ! - सूर्य जीवन का मूल स्रोत है। सूर्य की किरणें, विटामिन 'डी' जीवनसत्व प्रदान करती हैं, जो शरीर के लिए आवश्यक है। समय का मापन सूर्य पर निर्भर होता है। सूर्य ग्रहों का राजा है और इसका स्थान नवग्रहों में है। यह स्थिर है और अन्य सभी ग्रह इसकी परिक्रमा करते हैं। सूर्य स्वयं प्रकाशमान है और अन्य ग्रह उसका प्रकाश प्राप्त करते हैं। हिंदू धर्म में सूर्य पूजा का महत्व - हिंदू धर्म में सूर्य पूजा का बहुत महत्व है। प्रतिदिन प्रातः काल सूर्य को अर्घ्य देने से, अंधकार का नाश कर जगत को प्रकाशमान करने की शक्ति सूर्य को प्राप्त होती है। (जिस प्रकार उपासना के कारण मूर्ति जागृत होती है यह उसी प्रकार है) ज्योतिष शास्त्र अनुसार रवि का (अर्थात सूर्य का) महत्व - ज्योतिष शास्त्र अनुसार रवि (अर्थात् सूर्य) आत्मकारक है। मानव शरीर का जीवन, आध्यात्मिक शक्ति और चैतन्य शक्ति इनका बोध रवि के माध्यम से होता है', यह उसका अर्थ है। किसी की जन्मकुंडली में सूर्य जितना बलवान होगा, उसकी जीवन शक्ती और प्रतिरोधक क्षमता उतनी ही बेहतर होगी। राजा, मुखिया, सत्ता, अधिकार, कठोरता, तत्वनिष्ठ, कर्तृत्व, सन्मान, प्रसिद्धि, स्वास्थ्य, वैद्यकशास्त्र आदि का कारक रवि है। सूर्य देव के रथ में सात घोड़े सप्ताह की सात दिनों का प्रतिनिधित्व करते हैं। रथ के बारह पहिये बारह राशियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। रथसप्तमी पर किये जाने वाले सूर्यदेव की पूजा विधि - रथ सप्तमी के दिन सूर्योदय के समय स्नान करना चाहिये। सूर्य देव के 12 नाम ले कर कम से कम 12 सूर्य नमस्कार करें । पीढ़े पर, रथ पर विराजमान सूर्यनारायण की आकृति बनाकर उनकी पूजा करें। उन्हे लाल फूल अर्पित करे। सूर्यदेव से प्रार्थना करें और भक्ति के साथ आदित्य हृदयस्तोत्रम, सूर्याष्टकम् और सूर्य कवचम् में से किसी एक स्त्रोत्र का पाठ करें या सुनें। रथसप्तमी के दिन कोई नशा न करे। रथसप्तमी के दूसरे दिन से प्रतिदिन सूर्य को प्रार्थना करनी चाहिए और सूर्य नमस्कार करना चाहिए। इससे स्वास्थ्य अच्छा रहता है।' रथसप्तमी मनाने की विधि सूर्यनारायण की पूजा : सूर्यनारायण के सात घोड़ों का रथ, अरुण सारथी और सूर्यनारायण को रंगोली या चंदन से पीढ़े पर बनाया जाता है और सूर्यनारायण की पूजा की जाती है । आंगन में, गाय के गोबर के उपलों को जलाकर उस पर एक कटोरे में तब तक दूध गर्म किया जाता है जब तक कि दूध बरतन से गिर नही जाता है; अर्थात अग्नि को समर्पण होने तक रखते है। फिर बचा हुआ दूध सभी को प्रसाद के रूप में दिया जाता है। मकर संक्रांति से रथसप्तमी के काल में की जाने वाली पारिवारिक विधियां : 'बहु का तिलवण अर्थात तिल और शक्कर की चिरौंजी से बने अलंकार बहू को पहनाकर हल्दी कुमकुम किया जाता है। दामाद को विवाह के उपरांत प्रथम संक्रांति पर उपायन देते हैं और एक वर्ष की आयु के बालक का बोरवण अर्थात बालक को भी तिल और शक्कर की चिरौंजी से बने अलंकार पहनाकर अन्य बच्चों को बुलाया जाता है तथा दामाद को भी अलंकार पहनाए जाते हैं।' संदर्भ :* सनातन संस्था के ग्रंथ त्योहार, धार्मिक उत्सव और व्रत' हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
| हर्षोल्लास के साथ मनाया गया बसंत पंचमी की पूजा मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की गई Posted: 05 Feb 2022 06:25 AM PST हर्षोल्लास के साथ मनाया गया बसंत पंचमी की पूजा मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की गईसारण के संवाददाता मुकेश कुमार का रिपोर्ट मशरख प्रखंड ग्राम चरिहारा इलेक्ट्रो होम्योपैथी कॉलेज के प्रांगण में हर्षोल्लास पूर्वक विद्या की जननी माता सरस्वती की प्रतिमा को स्थापित कर पूजा अर्चना की गई इस पूजा का संचालन इलेक्ट्रो होम्योपैथिक कॉलेज के प्राचार्य डॉ प्रभात कुमार सिंह ने किया इस पूजा के अवसर पर क्षेत्र के सम्मानित चिकित्सक सम्मानित जनता और छात्र छात्राएं की उपस्थिति रही।बसंत पंचमी पूजा के अवसर पर डॉ प्रभात कुमार सिंह ने क्षेत्र के सभी सम्मानित जनता जनार्दन ,बुद्धिजीवी मंच, पदाधिकारी गण, मीडिया बंधु एवं माताएं बहने छात्र छात्राओं को खुशहाली सुख शांति समृद्धि एवं ज्ञान की प्राप्ति के लिए माता सरस्वती से पूजा अर्चना करते हुए मंगल कामना कि । हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
| बिहार सांस्कृतिक विद्यापीठ ,शेखपुरा राजाबाजार , पटना में भव्य सरस्वती पूजन समारोह का आयोजन Posted: 05 Feb 2022 06:22 AM PST बिहार सांस्कृतिक विद्यापीठ ,शेखपुरा राजाबाजार , पटना में भव्य सरस्वती पूजन समारोह का आयोजनसंवाददाता प्रभाकर चौबे की खबर श्री जगत शर्मा, संचालक , के द्वारा बिहार सांस्कृतिक विद्यापीठ ने सरस्वती पूजन के अवसर पर उपस्थित महानुभावो सर्व श्री रमाकान्त पाण्डेय ।पूर्व विधायिका श्री मति दिलमणी देवी ।प्रभाकर चौबे चिंतक ब्राह्मण एवं हिन्दुवादी नेता की उपस्थिति मे सरस्वती पूजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की मूलाधार मे ज्ञानदायिनी सरस्वती, धनदायिनी लक्ष्मी एवं शक्ति दायिनी अष्ट भुजी दुर्गा माँ का स्थान सर्वोपरि है।वंदना कर ज्ञान प्राप्त करने के लिए ब्रह्मचारिणी सरस्वती की आराधना करते हैं ।सरस्वती ज्ञान दायिनी हैं विद्यादात्री हैं ।कला संगीत की देवी हैं।अनेक संस्कृत के श्लोको मे माँ सरस्वती की आराधना की गई है। शारदा शारदाम्भोज वदना वदनाम्बुजे ।सर्वदा सर्वदास्माकम सन्निधिम सन्निधिम क्रियात्। शरतकाल मे उत्पन्न कमल के समान मुखवाली और सभी मनोरथों को पूर्ण करने वाली सभी सम्पत्तियों के साथ मेरे मुख मे सदा निवास करें । हिन्दी के महान कवि श्री सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला जी ने लिखा है।वर दे वीणावादिनी वर दे। सरस्वती पूजन के दिन ही ऋतुराज बसंत का आगमन होता है।प्रभाकर चौबे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भारतीय जनक्रांति दल ( डेमोक्रेटिक ) ने माँ सरस्वती की महिमा का बर्णन करते हुए कहा कि सरस्वती ब्रह्मा की मानस पुत्री है ।ब्रह्मा जी की सृष्टि मे इतनी खुबसुरत ज्ञान ,कलायुक्त कोई सृष्टि उनके द्वारा नही हुई।ईश्वरीय अवतार सत्ताओ की बात अलग है ।वह उनके सृष्टि रचना से परे है।वे अपनी कलाकारिता पर मुग्ध हो गये ।जैसे हम चित्र बनाते है और अच्छा बन जाने पर उसे बार बार देखते हैं । माँ शारदा भवानी वाक्शक्ति प्रदायिनी हैं ।कवियो और साहित्यकारों की शक्ति हैं ।बिना सरस्वती के हम विद्यारूपी प्रकाश की कल्पना भी नही कर सकते। सरस्वती की शक्ति धन दायिनी भी है।लेकिन ब्रह्मज्ञान की खोज मे लगे उपासक धन की तृष्णा नही रखते। विद्यापीठ को उन्नत करने की जरूरत थी तो इसे मृतप्राय कर दिया गया।जिस विद्यापीठ मे एक ही जगह सरस्वती पूजन होता था ।आज दो जगह किया गया। जब स्वार्थ प्रबल हो तो सृजन और विकास रूक जाता है। एकता की स्थापना अहंकार को रखकर या किसी को दबाकर नही लाया जा सकता।यह सौहार्द और परस्पर के विश्वास से आता है।आज हिन्दुओ मे यह कमी ज्यादा पाई जा रही है ।जो दुखद है।प्रभाकर चौबे ।पूर्व प्रवक्ता ।बिहार सांस्कृतिक विद्यापीठ । हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
| मां शारदे की हुई पूजा और संस्थानों ने बच्चों के बीच कियापठन पाठन सामग्रियों का वितरण Posted: 05 Feb 2022 06:12 AM PST मां शारदे की हुई पूजा और संस्थानों ने बच्चों के बीच कियापठन पाठन सामग्रियों का वितरणसंवाददाता जितेन्द्र कुमार सिन्हा की खास खबर | शनिवार माघ मांस के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा स्कूलों में कोरोना दिशा निर्देशके साथ मनाया गया। बच्चों ने धूप दीप, अगरबत्ती, अक्षत , पंचमेवा, एवं अन्य पूजन सामग्री समेत प्रसाद के रूप में बेर, गाजर, शकरकंद, बुनिया, मिठाई आदि सामग्री से विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना एवं उपासना किया। ज्योतिषाचार्य के अनुसार यह सनातनी आस्था से जुड़ा पर्व एवं प्राकृतिक के त्यौहार के साथ ही हरियाली का उत्सव है।पौराणिक एवं वैदिक कथा के अनुसार सृष्टि के सृजन कर्ता ब्रह्मा जी जब धरती पर कमंडल से जल छिड़क दिया था तो सारी धरती हरियाली से भर गई थी और आज के ही दिन मां सरस्वती का उद्भव हुआ था। ब्रह्मा जी के आदेश से बिणा और पुस्तक से सृष्टि को मां सरस्वती आलोकित कर रही है। आज के दिन कई संस्थान बच्चों के बीच शिक्षा सामग्रियों का वितरण करते हैं। पटना के एक ऐसी ही संस्थान जो वर्ष 2008 से कार्यरत है। उक्त संस्थान सरस्वती पूजा के अवसर पर पटना के मंदिरी स्थिति "बी 4 नेशन" स्कूल के जरूरतमंद बच्चों के बीच पाठ्य-सामग्री का वितरण किया। उक्त अवसर पर "वंदे मातरम फाउंडेशन" के पदाधिकारियों ने बच्चों के बीच स्कूल में पाठ्य सामग्री, बिस्कुट, चॉकलेट का वितरण किया गया। वंदे मातरम फाउंडेशन पिछले 13 वर्षों से सामाजिक कार्यों को लगातार कर रहा है। फाउंडेशन जरूरतमंद एवं अनाथ बच्चों को मदद तो करता ही है, साथ ही वृद्धाश्रम में वृद्धों की सहायता, मुफ्त कानूनी सहायता, मुफ्त चिकित्सा जाँच सुविधा, लाल बहादुर शास्त्री जयंती सम्मान, कंचन रत्न सम्मान, सुभाष चंद्र बोस जयंती सम्मान समारोह भी आयोजित करता है। "बी 4 नेशन" स्कूल के बच्चों के बीच वंदे मातरम फाउंडेशन के अध्यक्ष राजन कुमार सिन्हा, उपाध्यक्ष- मीडिया सलाहकार जितेन्द्र कुमार सिन्हा, प्रधान महा सचिव रविन्द्र कुमार, महिला प्रकोष्ठ के अध्यक्ष चंदा दास ने पाठ्य सामग्री का वितरण किया। उक्त अवसर पर अध्यक्ष राजन कुमार सिन्हा ने कहा कि बच्चों के बीच पठन पाठन सामग्रियों का वितरण करके बहुत अच्छा लग रहा। विद्या की देवी मां सरस्वती है। मां सरस्वती बच्चों को विद्या और आशीर्वाद दें। ऐसी मेरा कामना है। उपाध्यक्ष-सह-मीडिया सलाहकार जितेन्द्र कुमार सिन्हा ने कहा कि बच्चों में ईश्वर का वास होता है और हमलोगो का दायित्व है कि जिन बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने में कोई कमी हो उसे सहयोग कर पुरा करें। आज बच्चों के उत्साह को देख कर उन्होंने मां शारदा से विद्या प्रदान करने का अनुरोध किया। प्रधान महासचिव रविंद्र कुमार ने कहा कि "बी 4 नेशन " के बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है, बस जरूरत है उन्हें निखारने की। मां सरस्वती से हमें ज्ञान लेना चाहिए है। हमें मां सरस्वती से हमेशा वंदना करनी चाहिए कि वह हमें शिक्षा का आपार ज्ञान दें। उन्होंने कहा प्रत्येक जरूरतमंद बच्चों तक मदद पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है। उक्त अवसर पर कार्यक्रम में सजीत कुमार, सूरज कुमार, राजकुमार गुप्ता एवं एवं अन्य सदस्य लोग उपस्थित थे। हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
| सरस्वती पूजा के शुभ अवसर पर बिहार के ट्रांसजेंडरों Posted: 05 Feb 2022 06:06 AM PST सरस्वती पूजा के शुभ अवसर पर बिहार के ट्रांसजेंडरोंको सप्रेम भेंट की गयी श्रीमदभगवद्गीता श्रीमदभगवदगीता आपके द्वार अभियान के संस्थापक, भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, पूर्व प्रदेश प्रवक्ता तथा पटना उच्च न्यायालय के अध्विक्ता संजीव कुमार मिश्र द्वारा निःशुल्क घर-घर श्रीमदभगवदगीता पहुँचाने के अभियान के तहत आज विद्या की देवी माँ सरस्वती पूजन के शुभ अवसर पर बिहार के ट्रांसजेंडर समुदाय के बीच श्रीमदभवदगीता सप्रेम भेंट की गयी। इसके साथ श्री मिश्र द्वारा पिछले 14 महीनों में करीब चालीस हजार श्रीमदभगवदगीता बिहार समेत सम्पूर्ण देश में भेंट करने के संदर्भ में लोगों से संवाद किया गया। बिहार की चर्चित ट्रांसजेंडर तथा प्रसि( समाजसेवी रेशमा प्रसाद के नेतृत्व में ट्रांसजेंडर समुदाय द्वारा पहली बार राजधनी के खगौल स्थित गाँध्ी उच्च विद्यालय कैम्पस के गरिमा गृह में सरस्वती पूजा का कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें सैकडो की संख्या में भाग ले रहे ट्रांसजेंडरों के बीच श्रीमदभगवदगीता सप्रेम भेंट की गयी। इस अवसर पर चर्चित ट्रांसजेंडर रेशमा प्रसाद ने कहा कि ट्रांसजेंडर परिवार के बीच आज वसंत पंचमी के पावन पर्व के अवसर पर अभियान के संस्थापक संजीव कुमार मिश्र द्वारा सभी को श्रीमदभगवदगीता सप्रेम भेंट करना सनातन ध्र्म की मजबूती के लिए अद्वितीय कदम है। रेशमा ने कहा कि श्रीमदभगवदगीता अभियान के बारे में एक कार्यक्रम के निमित हरियाणा प्रांत में भी चर्चा हुई थी। रेशमा के कहा कि ेआनेवाले दिनों में देश के ट्रांसजेंडरों के बीच भी निशुल्क श्रीमदभगवदगीता उपलब्ध् करायी जायेगी। इस अवसर पर ट्रांसजेंडर अनुप्रिया द्वारा भगवदगीता के प्रथम अध्याय के प्रथम श्लोक ''ध्र्मक्षेत्रो कुरुक्षेत्रो समवेता युयुत्सवः। मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत संजय।। को सुनाते हुए कहा कि मैं प्रतिदिन गीता पढ़़़़ती हूँ। सरस्वती पूजन एवं श्रीमदभगवदगीता कार्यक्रम में प्रखर समाजसेवी विपिन भारती, ट्रªांसजेंडर अंजली कुमारी, मुस्कान सिंह, पूजा कुमारी, रमण कुमारी, सीबो कुमारी समेत सैकड़़़ों लोग शामिल थे। हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
| Posted: 05 Feb 2022 05:50 AM PST रविवार, फरवरी 6, 2022 का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन ? क्या है आप की राशी में विशेष ? जाने प्रशिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. प्रेम सागर पाण्डेय से |रविवार, फरवरी 6, 2022 का दैनिक पंचांगतिथि :- षष्ठी - 28:40:44 तक नक्षत्र रेवती - 17:10:36 तक करण बव - कौलव - 16:08:54 तक, तैतिल - 28:40:44 तक पक्ष शुक्ल योग सिद्ध - साघ्य - 16:52:32 तक वार रविवार सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ सूर्योदय:- 06:30:52 सूर्यास्त:- 17:36:45 चन्द्र राशि:- मीन - 17:10:36 तक चन्द्रोदय:- 09:54:59 चन्द्रास्त:- 22:41:00 ऋतु:- शिशिर हिन्दू मास एवं वर्ष शक सम्वत:- 1943 प्लव विक्रम सम्वत:-2078 काली सम्वत:-5122 प्रविष्टे / गत्ते:- 24 मास पूर्णिमांत:-माघ मास अमांत:-माघ दिन काल:- 11:05:52 अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त) दुष्टमुहूर्त:- 16:07:58 से 16:52:21 तक कुलिक:- 16:07:58 से 16:52:21 तक कंटक:- 10:12:50 से 10:57:13 तक राहु काल:- 16:13:30 से 17:36:44 तक कालवेला / अर्द्धयाम:- 11:41:37 से 12:26:00 तक यमघण्ट:- 13:10:24 से 13:54:47 तक यमगण्ड:- 12:03:49 से 13:27:03 तक गुलिक काल:- 14:50:17 से 16:13:30 तक शुभ समय (शुभ मुहूर्त) अभिजीत:- 11:41:37 से 12:26:00 तक दिशा शूल दिशा शूल:- पश्चिम चन्द्रबल और ताराबल ताराबल:- अश्विनी, भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती चन्द्रबल:- वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर, मीन 🌹विशेष ~ पंचक समाप्ति रात्रि 07:47:14 उपरान्त, धनिष्ठा नक्षत्र में सूर्य का प्रवेश सायं 05:27:15 उपरान्त। 🌹 पं. प्रेम सागर पाण्डेय् नक्षत्र ज्योतिष वास्तु अनुसंधान केन्द्र नि:शुल्क परामर्श - रविवार दैनिक पंचांग का दैनिक राशिफलमेष (Aries): आज का दिन गृहस्थ एवं दांपत्य जीवन के लिए बहुत उचित है। जीवनसाथी के साथ समय बीत सकता है और प्रेम का सुखद अनुभव पा सकेंगे। आर्थिक लाभ तथा प्रवास की संभावना है। विचारों में उग्रता तथा अधिकार की भावना बढेगी। आप के कार्य की प्रशंसा भी हो सकती है। संभवतः वाद-विवाद टालें। वाहन सुख अच्छा रहेगा। शुभ रंग = गुलाबी शुभ अंक : 1 वृषभ (Tauras): आपका आज का दिन शुभफलदायक साबित होगा। निर्धारित कार्य सफलतापूर्वक पूरे होंगे। अधूरे कार्य पूरे होंगे। शारीरिक, मानसिक स्वस्थता बनी रहेगी। आर्थिक लाभ होगा। ननिहाल पक्ष की ओर से आनंदपूर्ण समाचार मिलेंगे। बीमारी में राहत महसूस होगी। नौकरीपेशा वाले लोगों को लाभ होगा। सहकर्मियों का सहयोग मिलेगा। शुभ रंग = पींक शुभ अंक : 5 मिथुन (Gemini): आज संतान और जीवनसाथी के स्वास्थ्य के सम्बंध में चिंता होगी। वाद-विवाद या चर्चाओं में गहरे न उतरना हित में रहेगा। आत्मसम्मान को ठेस पहुंचेगी और स्त्री मित्रों द्वारा खर्च या नुकसान होने की संभावना है। पेट सम्बंधी बीमारियों से तकलीफ होगी। नए कार्य की शुरुआत और प्रवास न करने के लिए कहते हैं। शुभ रंग = हरा शुभ अंक : 3 कर्क (Cancer): शारीरिक-मानसिक अस्वस्थता का अनुभव होगा। छाती में दर्द या किसी विकार से परिवार में अशांति निर्मित होगी। स्त्री पात्र के साथ मनमुटाव और तकरार होने की संभावना है। सार्वजनिक रूप से मानहानि होने से दुख होगा। समय से भोजन नहीं मिलेगा। अनिद्रा के शिकार होंगे। धन खर्च और अपयश मिलने का योग है। शुभ रंग = लाल शुभ अंक : 8 सिंह (Leo): कार्य सफलता और प्रतिस्पर्धियों पर विजय का नशा आपके दिलोदिमाग पर छाया रहेगा। भाई-बहनों के साथ मिलकर घर पर कोई आयोजन करेंगे। मित्रों, स्नेहीजनों के साथ यात्रा करने का योग है। स्वास्थ्य बना रहेगा। आर्थिक लाभ, प्रियजनों की मुलाकात से खुशी होगी। शांत मन से नए कार्यों को आरंभ कर सकेंगे। अचानक भाग्य वृद्धि का अवसर देखते हैं। शुभ रंग = गुलाबी शुभ अंक : 1 कन्या (Virgo): परिवार में आज आनंद का वातावरण रहेगा। वाणी की मधुरता और न्यायप्रिय व्यवहार से आप लोकप्रियता प्राप्त करेंगे। आर्थिक लाभ होने की संभावना है। मिष्टान्न भोजन मिलेगा। विद्यार्थियों के विद्याध्ययन के लिए अनुकूल समय है। मौज-शौक के साधनों के पीछे खर्च होगा। अनैतिक प्रवृत्तियों से दूर रहने की सलाह देते हैं। शुभ रंग = हरा शुभ अंक : 3 तुला (Libra): अपनी कला-कारीगरी को बाहर लाने के लिए सुनहरे अवसर न खोएं। शारीरिक, मानसिक स्वस्थता बनी रहेगी। मनोरंजन की प्रवृत्तियों में दोस्तों और परिवारजनों के साथ भाग लेंगे। आर्थिक लाभ होगा। सुंदर भोजन वस्त्र और वाहन सुख की प्राप्ति होगी। प्रिय व्यक्ति से मुलाकात और कार्य सफलता का योग है। दांपत्य जीवन में विशेष मधुरता रहेगी। शुभ रंग = फीरोजा़ शुभ अंक : 6 वृश्चिक (Scorpio): आज आपके विदेश में बसनेवाले स्नेहीजन या मित्रों की तरफ से शुभ समाचार मिलने की संभावना है। आमोद-प्रमोद की प्रवृत्तियों में पैसे खर्च होंगे। दांपत्य जीवन में साथी के साथ निकटता के पल व्यतीत कर सकेंगे। कोर्ट-कचहरी के मामलों में संभलकर कार्य करना उचित रहेगा। ऑफिस में स्त्री वर्ग से लाभ होने की संभावना है। शुभ रंग = लाल शुभ अंक = 8 धनु (Sagittarius): प्रेम का सुखद अनुभव प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त होगा। आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक दृष्टि से लाभ का दिन है। गृहस्थ जीवन में आनंद छाया रहेगा। मित्रों से लाभ होगा। आय के साधनों में वृद्धि होगी। व्यापार में वृद्धि और लाभ होगा। वैवाहिक योग है। मांगलिक कार्य होंगे। उत्तम भोजन मिलने की संभावना है। शुभ रंग = पीला शुभ अंक : 9 मकर (Capricorn): व्यवसाय के क्षेत्र में धन, मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। नौकरी में भी आपका परिश्रम रंग लाएगा। घर, परिवार और संतान के मामले में आनंद और संतोष की भावना अनुभव करेंगे। व्यावसायिक कार्य के संबंध में परेशानी बढ़ेगी। नौकरी में पदोन्नति होगी। सरकारी कार्यों में सफलता मिलेगी। कुलदेवता का आशीर्वाद आपके साथ है। शुभ रंग = उजला शुभ अंक : 4 कुंभ (Aquarius): आज आप अपने आपको अस्वस्थ महसूस करेंगे, परंतु मानसिक रूप से स्वस्थ होंगे। काम करने में उत्साह का अभाव रहेगा। ऑफिस में उच्च पदाधिकारियों से बचकर रहें। प्रतिस्पर्धियों के साथ दलीलों में उतरना उचित नहीं है। मौज-शौक के पीछे विशेष खर्च होगा। यात्रा का योग है। विदेशगमन की संभावनाएं पैदा होंगी। विदेश से समाचार मिलेगा। संतान की चिंता रहेगी। शुभ रंग = फीरोजा़ शुभ अंक : 6 मीन (Pisces): आकस्मिक धन लाभ का योग है। व्यापारीवर्ग के पीछे रुके हुए पैसे मिलेंगे। आज आपको शारीरिक और मानसिक रूप से अधिक परिश्रम करने पड़ेंगे। स्वास्थ्य के मामले में ध्यान रखने की सलाह देते हैं। खर्च अधिक रहेगा। अनैतिक कामवृत्ति मुसीबत में डाल सकती है, आध्यात्मिक विचार और व्यवहार आपको कुमार्ग पर जाने से रोकेंगे। शुभ रंग = पीला शुभ अंक : 9 प्रेम सागर पाण्डेय् ,नक्षत्र ज्योतिष वास्तु अनुसंधान केन्द्र ,नि:शुल्क परामर्श - रविवार , दूरभाष 9122608219 / 9835654844 हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
| सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का सम्मान Posted: 05 Feb 2022 05:30 AM PST सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का सम्मान(डॉ दिलीप अग्निहोत्री-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा) उत्तर प्रदेश जनकल्याण की करीब पैंतालीस योजनाओं के क्रियान्वयन में नम्बर वन रहा है। प्रदेश के लिए गौरव की यह यात्रा आगे बढ़ी है। गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में प्रदर्शित उसकी झांकी को इस बार भी प्रथम पुरुष्कार प्राप्त हुआ है। उत्तर प्रदेश को लगातार दूसरी बार यह प्रतिष्ठा मिली है। पिछली बार श्री राम जन्मभूमि मंदिर की झांकी को सर्वोच्च पुरुष्कार मिला था। उस समय भी राजपथ पर उपस्थित लोगों ने खड़े होकर करतल ध्वनि से उस झांकी का अभिनन्दन किया था। यह जन मानस द्वारा दिया गया सम्मान था। बाद में औपचारिक पुरष्कार घोषित हुआ था। राजपथ के इस इतिहास ने अपने को दोहराया। इस बार श्री काशी विश्वनाथ धाम की झांकी राजपथ पर सुशोभित हुई। लोगों ने श्रद्धा के स्वागत किया। इस झांकी को भी शीर्ष स्थान मिला। यह स्वभाविक था। दोनों झांकियों के दृश्य ऐतिहासिक थे। पांच सौ वर्ष बाद श्री राम लला विराजमान मंदिर का निर्माण प्रारंभ हुआ था। ढाई सौ वर्ष बाद श्री काशी विश्वनाथ धाम का भव्य रूप में पुनरूत्थान किया गया था। उत्तर प्रदेश की झांकी में काशी विश्वनाथ धाम को दर्शाया गया था। राजपथ पर परेड में उत्तर प्रदेश की झांकी में खास तौर पर विश्वनाथ धाम की झांकी और बनारस के घाट पर संस्कृति की झलक को शामिल किया गया। गंगा स्नान करते साधु और पूजन करते हुए बटुकों का दल भी था। श्री काशी विश्वनाथ धाम के नव्य और भव्य विस्तारित स्वरूप को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत वर्ष दिसम्बर को शिवभक्तों और राष्ट्र के लिए समर्पित किया था। अब यह धाम श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। मंदिर में दर्शन पूजन करने वालों की संख्या कई गुना बढ़ गई है। इसके निर्माण में बालेश्वर, मकराना, कोटा, ग्रेनाइट, चुनार, मैडोना स्टोन, मार्बल आदि सात तरह के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। गंगा तट मणिकर्णिका घाट और ललिता घाट से धाम तक पचास हजार दो सौ वर्ग मीटर में विस्तारित यह धाम भव्य रूप में प्रतिष्ठित हुआ है। पिछले गणतंत्र दिवस पर यूपी ने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की झांकी प्रस्तुत की थी। जिसको प्रथम पुरुष्कार मिला था। मंदिर निर्माण का सपना पांच शताब्दी पुराना रहा है। पहले इसका कोई समाधान दिखाई नहीं दे रहा था। अंततः यह सपना साकार हुआ। पांच सदियों का समय कोई कम नहीं होता। ऐसे में मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होना ऐतिहासिक व अभूतपूर्व था। श्री रामभूमि पर मंदिर निर्माण हेतु नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन किया था। उसके हुए गणतंत्र दीवस परेड में इस ऐतिहासिक प्रसंग की अभिव्यक्ति सहज स्वभाविक थी। यह समाधान शांति व सौहार्द के साथ हुआ। भारत के मूल संविधान में श्रीराम का चित्र भी सुशोभित था। योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में भव्य दीपोत्सव का शुभारंभ किया था। इसके माध्यम से त्रेता युग की झलक दिखाने का प्रयास किया गया। अब यह अयोध्या की परंपरा में समाहित हो गया है। पिछली बार उत्तर प्रदेश की झांकी में दीपोत्सव को भी सजाया गया था। दीपोत्सव की भव्यता व रामायण के प्रेरक प्रसंगों पर आधारित झांकी भी प्रदर्शित की थी। इसमें रामायण की रचना करते महर्षि वाल्मीकि, उनके आश्रम और पीछे मंदिर की प्रतिकृति थी। अयोध्या हमारे लिए पवित्र नगरी है और राममंदिर हर आस्थावान के लिए श्रद्धा का विषय है। इस प्राचीन नगरी की प्राचीन विरासत की झांकी का प्रदर्शन किया गया था। झांकी में भगवान राम के प्रतिरूप के साथ कलाकारों का दल था। निषादराज गृह,शबरी के बेर, पाषाण अहिल्या, संजीवनी लाते हनुमान, जटायु राम संवाद और अशोक वाटिका के दृश्य भी आकर्षक थे। योगी आदित्यनाथ ने गणतंत्र दिवस पर नई दिल्ली में आयोजित परेड में उत्तर प्रदेश द्वारा प्रस्तुत एक जनपद एक उत्पाद एवं श्री काशी विश्वनाथ धाम विषयक झांकी को राज्य केन्द्र शासित प्रदेशों की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार मिलने पर प्रदेश की जनता को हार्दिक बधाई दी है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश के सभी जनपदों के अपने विशिष्ट उत्पाद हैं। एक जनपद एक उत्पाद ओडीओपी योजना के माध्यम से इन विशिष्ट उत्पादों को प्रोत्साहन मिल रहा है। प्रदेश में सांस्कृतिक एवं धार्मिक पर्यटन की असीम सम्भावनाएं हैं। राष्ट्रीय राजधानी में उत्तर प्रदेश की झांकी को प्रथम पुरस्कार मिलने से जनपदों के विशिष्ट उत्पादों के साथ-साथ राज्य में सांस्कृतिक एवं धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। परेड के दौरान झांकी पर काशी का गौरव लौटा जब खुला भव्य गलियारा विश्वनाथ से मिलकर पुलकित है गंगा की धारा गीत का प्रसारण किया गया। गीतकार वीरेन्द्र वत्स के शब्दों को राजेश सोनी ने संगीतबद्ध किया और इसे मनीष शर्मा ने अपनी आवाज दी। झांकी में चरकुला आर्ट अकादमी मथुरा के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गई। इस झांकी का निर्माण विविड इण्डिया द्वारा किया गया था। इस झांकी के माध्यम से लोगों ने एक जनपद एक उत्पाद एवं श्री काशी विश्वनाथ धाम की झलक नई दिल्ली के राजपथ पर देखी। देश दुनिया में लोगों ने ऑनलाइन इसका अवलोकन किया। यह झांकी प्रदेश के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा प्रस्तुत की गयी थी। वर्ष 2021 में भी उत्तर प्रदेश की झांकी को प्रथम पुरस्कार मिला था। जबकि वर्ष 2020 में द्वितीय पुरस्कार मिला था। इसके पहले 1789 में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होलकर ने कराया था। महाराजा रणजीत सिंह ने 1836 में सोने का छत्र बनवाया था। लगभग ढ़ाई सौ साल बाद नरेन्द्र मोदी व योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से यह स्थल भव्य दिव्य रूप में प्रतिष्ठित हुआ। यहां देश ही नहीं विदेशों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक आते रहे है। विश्वनाथ गली और मंदिर परिक्षेत्र के छोटे बड़े मंदिरों में स्थापित विग्रहों, दुर्लभ मूर्तियों को विघ्वंस कर उन्हें मकानों की दीवार में छिपा दिया गया था। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने से पहले काशी में कहा था कि उन्हें मां गंगा ने बुलाया है। प्रतीकात्मक रूप से बात सही सिद्ध हुई। नरेंद्र मोदी यहां से एमपी व देश के पीएम बने। इधर उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी। गंगा मैया शिव जी के धाम तक पहुंच गई। श्री विश्वनाथ मंदिर को संकरी गलियों से मुक्त कर पुरातन धार्मिक स्वरूप प्रदान किया गया। श्री काशी विश्वनाथ धाम से मां गंगा भी एकाकार हो गई है। श्री विश्वनाथ धाम से मां गंगा और गंगा तट से मंदिर का स्वर्ण शिखर स्पष्ट दिखाई देने लगा है। प्रधानमंत्री बनने से पहले कहा गया नरेंद्र मोदी का कथन फलीभूत हुआ। सेक्यूलर सियासत के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वाभिमान के विषयों को साम्प्रदायिक माना जाता है। इसके तहत आस्था के स्थलों को यथास्थिति में ही सदियों तक स्वीकार कर लिया गया। नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से राष्ट्रीय स्वाभिमान को स्थापित किया गया। श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य व श्री काशी विश्वनाथ धाम लोकर्पण इसका प्रमाण है। योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि हजार वर्षों से काशी को विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। ढाई सौ वर्ष पहले इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने बाबा विश्वनाथ की पुर्नस्थापना में महती योगदान दिया। महाराजा रणजीत सिंह ने मन्दिर को स्वर्णमण्डित कराया। ग्वालियर की रानी ने भी मन्दिर में अपना योगदान किया। अब नरेंद्र मोदी द्वारा काशी विश्वनाथ धाम का यह भव्य स्वरूप साकार हुआ है। भारतीय संस्कृति एवं परम्परा को आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त हुआ है। बाबा विश्वनाथ धाम की पुर्नस्थापना, अयोध्या में भगवान श्रीराम के मन्दिर के निर्माण की प्रगति आदि भारतीय सनातन मूल्यों, सभ्यता और संस्कृति को वैश्विक मंच पर पुर्नस्थापित करने का अभियान है। इस अभियान के अंतर्गत योग की परम्परा तथा कुम्भ को दुनिया की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की भांति दुनिया में प्रतिष्ठित हुआ। गंगा जी की स्वच्छता के लिए उत्तराखण्ड से लेकर बंगाल तक प्रयास चल रहे हैं। नमामि गंगे अभियान की सफलता के लिए सजग होकर काम करते रहना होगा। (हिफी)हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
| Posted: 05 Feb 2022 05:28 AM PST लाव-लश्कर विहीन बसंत(हृदयनारायण दीक्षित-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा) बसंत आ गया है। तिथि के हिसाब से ऋतुराज बसंत आगमन पर प्रबुद्धों में चर्चा जारी है, लेकिन वास्तव में बसंत की रूप, रस, गंध दिखाई नहीं पड़ती। वायु में मधु गंध नहीं है। आम वैसे नहीं बौराये जैसे हर बसंत में बौराते थे। कोयल भी वैसे नहीं गाती जैसे पहले बसंत के आगमन पर अपना तान पूरा लेकर गीत गाती थी। महुआ के पेड़ कट गये हैं। जहाँ-जहाँ बचे हैं, वहाँ-वहाँ महुआ के कूचे भी रसीले नहीं हैं। न सुंदर रूप, न मधु मस्त वायु, न गंध, न मदिर गंध और न ही मधुरस भरी पूरी वाणी है। बसंत के साथ हमारे अपने राज्य उत्तर प्रदेश सहित पाँच राज्यों में चुनाव भी हैं। बसंत में सबके हृदय रस पूर्ण होते हैं। वाणी मधुर हो जाती है, लेकिन चुनाव प्रचार ने वाणी को कटु बनाया है। नए-नए शब्द आ गए हैं। बसंत का रस चुनावी बयानबाजी के कारण तिक्त हो गया है। चुनाव लोकतंत्र का महापर्व होते हैं और एक नियत समय के बाद बार-बार होते हैं। ऐसे ही बसंत भी मधु रस लेकर हर बरस आता है। इस बार भोले बाबा शंकर को भी सुविधा है। बसंत में पूरी प्रकृति बासंती मदन गंध लेकर नहीं आई। वायु में मदन गंध नहीं है। भोले बाबा शिव को तीसरा नेत्र खोलने की जरूरत नहीं है। ये शिव ही तो हैं। उन्होंने बसंत के बिगड़ैले प्रभाव के विरूद्ध तीसरा नेत्र खोलकर कामदेव को भस्म कर दिया था। बताते हैं तब से कामदेव अनंग हो गये थे। शिव कृपा से वह सभी प्राणियों में अंग रहित होकर व्याप्त हैं। शिशिर की विदाई हो गई है। अनंग कामदेव बसंत के सारे उपकरण लेकर नहीं दिखाई पड़ते हैं। सोचता हूँ कि बसंत के पूरे लावलस्कर के साथ न आने का कारण क्या है? पंचांग बताता है कि बसंत आ गया, लेकिन प्रकृति में बसंत के उपकरण रूप, रस, गंध लेकर नहीं आये। जान पड़ता है कि प्राकृतिक नियमों के शासक वरूणदेव भी कहीं क्षुब्ध हैं। प्रकृति को नियम बंधनों में रखना उन्हीं की जिम्मेदारी है। ऋग्वेद के ऋषि बता गये हैं कि प्रकृति के नियमों को लागू करना वरूणदेव का ही काम है, लेकिन यहाँ बसंत की ऋतु में भी बार-बार वर्षा हो रही है। बसंत में सावन के मेघ। हमारे आवास के साथ सुन्दर पार्क है। गुलाब खिले हैं। गेंदा भी हंस रहा है। लेकिन बेमौसम की बरसात गुलाब की पंखुड़ियाँ तोड़ गई हैं। मेरा मन बार-बार प्रश्नाकुल होता है कि बसंत के खुलकर अपने मधुमय अस्त्र न चलाने का कारण क्या है? क्या चुनाव आचार संहिता ने बसंत को अपना प्रभाव फैलाने से रोक रखा है। पर्यावरणविद् कहेंगे कि यह प्रकृति के साथ मनुष्य द्वारा किये गये शोषण दुव्र्यवहार का परिणाम है। कुछ न कुछ जरूर हुआ है। ऐसा न होता तो सब तरफ बासंती मधुर गंध होती। सब तरफ रस होता। सब तरफ सौंदर्य नर्तन करता। जान पड़ता है कि प्रकृति की जीवन लीला में कुछ गड़बड़ी हो गयी है। जहाँ मधुरस होना चाहिए वहाँ रस नहीं है। जहाँ रूप सौंदर्य होना चाहिए वहाँ सौंदर्य नहीं है। जहाँ प्रेम गीत होने चाहिए वहाँ गीत नहीं है। बसंत सबका है। प्रकृति के प्रत्येक प्राणी का है। मैं बार-बार अपने भीतर और बाहर का बसंत खोजता हूँ, लेकिन निराशा हाथ लगती है। भीतर बसंत है नहीं। बाहर बसंत कैसे होगा? बसंत अस्तित्व की निरंतरता का प्रसाद है। यह प्रसाद बिना मांगे ही सबको मिलता रहा है। हम सब बसंत नहीं ला सकते हैं। प्रकृति द्वारा लाये गये बसंत का आनंद ले सकते हैं, लेते रहे हैं। खेतों में सरसों के फूल खिले हैं। बहुत दूर-दूर तक पीले रंग की चादर दिखाई पड़ती है। वह बसंत का स्मरण कराते हैं। सरोवर अब है नहीं। जहाँ है वहाँ कमल खिले हैं। कालीदास कमल फूल पर मोहित थे। मेघदूत में उन्होंने अनेकशः कमल गंध का उल्लेख किया है। उसके पहले अथर्ववेद के पृथ्वी सूक्त में कमल की मधुर चर्चा है। कहा गया है कि सगंधा पृथ्वी की समूची गंध कमल के फूल पर उतर आई है और यही गंध देवों ने सूर्य की पुत्री सूर्या के विवाह में फैलाई थी। कमल जल में उगता है, लेकिन जल स्पर्श से अप्रभावित रहता है। मैं कमल का अनुरागी रहा हूँ। भारतीय परंपरा ने कमल को अतिरेकी प्यार दिया है। मेरे मन के भीतर और बाहर कमल गंध है। कमल के प्रति राग है, प्रीति है। कमल हमारी श्रुति स्मृति में छाया हुआ है। बसंत भी ऐसे ही छाया रहता है हर बरस। हमारा राग-अनुराग बार-बार संसार के आकर्षण में ले जाता है। संसार कर्तापन और भोक्तापन का परिणाम है। शंकराचार्य यही बता गये हैं। संसार आकर्षित करता है। हम सकाम कत्र्ता हो जाते हैं। कर्तापन निश्चित ही भोक्तापन बनता है पर हाथ कुछ नहीं लगता। मनुष्य संवेदनशील प्राणी है। वह प्रकृति को देखकर संवेदित होता है। मनुष्य क्या पशु, पक्षी भी प्रकृति से संवेदित होते हैं। वे आहाल्द में होते हैं, शोक में भी होते हैं। वे पतझड़ देखकर उदास होते हैं, बसंत देखकर आनंदमग्न होते हैं। महाप्राण निराला ने इसका शब्दचित्र बनाया- वर्ण गंध धर/मनमरन्द भर/ तरू-उर की अरूणिमा तरूणतर/खुली रूप-स्तर सपुरिसरा/ रंग गई पग-पग धन्य धरा। निराला से पहले कवि तुलसी के बसंत चित्रण में 'सृष्टि को ब्रह्ममय देखने वाले योगी भी कण-कण में स्त्री देखने लगे।' प्रकृति संवेदन जगाती है तो योग धरा रह जाता है। मुर्दे भी उठ पड़ते हैं। तुलसी कहते हैं- सीतल जागे मनोभाव मुएंहु मन वन सुभगता न परे कही/ सुगंध सुमन्द मारूत मदन अनल सखा सही/ विकसे सरन्हि बहु कंज गंुजल पुंज मंजुल मधुकदा/ कलहंस पिक सुक सरस रव करि गान नाचहिं अपसरा। तुलसी के भी बहुत पहले कालिदास भी बसंत और आम्रगंध में बौरा गए। उन्होंने 'कुमारसम्भव' में कहा, 'पवन स्वभाव से ही आग भड़काऊ है, बसंत कामदेव के साथ आया। उसने नई कोपलों के पंख लगाकर आम्र मंजरियों के बाण तैयार किए। आम्र मंजरियाँ खाने से नर कोकिल का सुर मीठा हुआ। उसकी कूक पर रूठी हुई स्त्रियाँ रूठना भूल जातीं।' पूर्वजों का अप्रतिम संवेदन और सौंदर्यबोध हजारों बरस प्राचीन राष्ट्र के सामाजिक और सांस्कृतिक विकास का परिणाम है। बसंत का सौंदर्य हमारे रचे मानसिक संसार का परिणाम है। पीछे कुछ बरस से बासंती वायु रूप, रस, गंध का रथ लेकर नहीं आती। काल का पहिया इस मनोदशा को रौंदते हुये आगे निकल जाता है। उपनिषद के पुरखे बता गये हैं कि वह पूर्ण है, यह पूर्ण है, पूर्ण से ही यह पूर्ण निकला है। पूर्ण में पूर्ण घटावो तो पूर्ण ही बचता है। क्या स्वयं बसंत भी ऐसा होता है? उसे ऐसा होना भी चाहिए। बसंत भी उस पूर्ण से निकला हुआ इस पूर्ण का भाग है, लेकिन इसका गणित उस पूर्ण से भिन्न है। बसंत में बसंत घटावो तो बसंत नहीं बचता। बसंत नित्य नहीं है। आता है अपनी सेना लेकर और काल की गति का शिकार हो जाता है। जीवन की पूर्णता सत्य के साक्षात्कार में है। बसंत की पूर्णता में नहीं। जीवन की पूर्णता में सब सम्मिलित है, लेकिन हम सबका मन रीता है। जीवन एक प्रवाह है प्रकृति का। प्रकृति हमारे राग की प्रतीक्षा नहीं करती। प्रकृति की अपनी गति है। वह हमारी गति की प्रतीक्षा नहीं करती। हम काल क्रम में शिशु तरूण और वृद्ध होते जाते हैं। प्रकृति बूढ़ी नहीं होती है। हमारे अग्रजों ने बताया है कि प्रकृति की अपनी गति है। मनुष्य प्रकृति का भाग है, लेकिन स्वयं को अलग मानने के कारण अपने राग के अनुसार काम करता रहता है। कभी मनोवांछित फल मिलते हैं तो कभी निराशा। इसीलिए प्रतीक्षा को सुंदर गुण बताया गया है। आस्तिक प्रतीक्षा मनुष्य के चित्त को विचलित नहीं होने देती। बसंत भी इस वर्ष अपने पूरे रूप, रस, रंग में नहीं खिला तो शिकायत की कोई गंुजाइश नहीं है। वह हमारे बिना लाये ही आगे खिलेगा। कमल भी जैसे खिलते आये हैं वैसे और खिलेंगे। आस्तिकतापूर्ण प्रतीक्षा में ही आनंद के फूल खिलते हैं। (हिफी) हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
| भारत के लिए जुमला, चीन के लिए नौकरियां Posted: 05 Feb 2022 05:25 AM PST भारत के लिए जुमला, चीन के लिए नौकरियां(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा मंे राष्ट्रपति के अभिभाषण पर नरेन्द्र मोदी सरकार को घेरने का सिलसिला जारी रखा है। उन्होंने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर मंे भी असंगठित श्रमिकों की दुर्दशा का मामला उठाया था। अब राहुल गांधी ने एक वीडियो शेयर किया है जिसमंे ग्राफिक्स के जरिए मनमोहन सिंह सरकार और नरेन्द्र मोदी सरकार की नीतियों और योजनाआंे की चर्चा की गयी है। इस ग्राफिक के माध्यम से राहुल गांधी ने बताया है कि मोदी सरकार ने भारत को सिर्फ तरह-तरह के जुमले दिये हैं जैसे स्टार्ट अप इंडिया, मेक इन इंडिया आदि लेकिन नौकरियां तो चीन के लिए पैदा की गयी हैं। राहुल गांधी ने युवाओं की बेरोजगारी का मुद्दा विशेष रूप से उठाया है और कहा कि मोदी सरकार के दौरान तीन करोड़ युवाओं ने अपना रोजगार खो दिया है। संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान से ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है, उसका सिलसिला जारी है। राहुल गांधी ने अब एक ट्वीट कर केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने सबसे अधिक रोजगार पैदा करने वाले असंगठित क्षेत्र और छोटे व मझोले उद्योगों को तबाह कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि इसका नतीजा यह हुआ कि अब भारत में बनाओ और चीन से खरीदो, यानी कि भारत के लिए जुमले और चीन के लिए नौकरियां। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, भारत के लिए जुमला, चीन के लिए नौकरियां!मोदी सरकार ने सबसे अधिक रोजगार पैदा करने वाले असंगठित क्षेत्र और एमएसएमई को तबाह कर दिया है। नतीजा यह कि मेक इन इंडिया अब चीन से खरीदें। इसके साथ ही उन्होंने एक वीडियो भी शेयर किया है जिसमें ग्राफिक्स के जरिए उनकी मनमोहन सरकार और मोदी सरकार की तुलना की गई है। इसमें बताया गया है कि साल 2021 में चीन से आयात में रिकॉर्ड 46 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली। रोजगार की बात करते हुए राहुल गांधी कहते हैं कि 50 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी आज हिंदुस्तान में है, आपने मेक इन इंडिया की बात की, स्टार्ट अप इंडिया की बात की, लेकिन जो रोजगार हमारे युवाओं को मिलना चाहिए वो नहीं मिला और जो था वो गायब हो गया। इस वीडियो में आगे सरकार पर चीन के भारत के कुछ हिस्से को जबरन हथियाने और अपना बताने पर भी वार किया गया। इसमें कहा गया कि मोदी सरकार फिर भी चीन का विकास सुनिश्चित कर रही है। राहुल गांधी ने चीन को लेकर लोकसभा में भी केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि भारत का रणनीतिक लक्ष्य चीन और पाकिस्तान को अलग रखना होना चाहिए था, क्योंकि यह दोनों ही पड़ोसी देश भारत के लिए खतरा हैं, लेकिन सरकार की नीतियां इन दोनों देशों को एक साथ ले आयीं। उन्होंने इस स्थिति को भारत के लिए गंभीर खतरा करार दिया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि भारत का युवा रोजगार मांग रहा है, लेकिन सरकार नहीं दे पा रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान आरोप लगाया था कि नरेंद्र मोदी सरकार में दो हिंदुस्तान बन गए हैं जिनमें से एक अमीरों और दूसरा गरीबों का है। उन्होंने कहा, दोनों के बीच की खाई चैड़ी हो रही है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि तीन मूलभूत चीजें हैं, पहला यह विचार है कि दो भारत हैं, एक भारत नहीं। एक बहुत धनी लोगों के लिए है, जिनके पास अपार दौलत है और जिन्हें नौकरी की आवश्यकता नहीं है। दूसरा है गरीबों के लिए। राहुल गांधी ने कहा, आप मेड इन इंडिया, मेड इन इंडिया के बारे में बात करते हैं। मेड इन इंडिया अब संभव नहीं है। आपने मेड इन इंडिया को बर्बाद कर दिया है। आपको छोटे और मझोले उद्योगों का समर्थन करने की जरूरत है, वरना मेड इन इंडिया संभव नहीं है। छोटे एवं मझोले उद्योग ही रोजगार पैदा कर सकते हैं। उन्होंने कहा, आप मेड इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया इत्यादि के बारे में बात कर रहे हैं, उधर बेरोजगारी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि आप ये मत सोचो कि जिस गरीब हिन्दुस्तान को आप बना रहे हो ये चुप बैठा रहेगा, ये चुप नहीं बैठा रहेगा। इस हिन्दुस्तान को दिख रहा है कि आज हिन्दुस्तान के 100 सबसे अमीर लोगों के पास हिन्दुस्तान के 55 करोड़ लोगों से ज्यादा जायदाद है, ये नरेंद्र मोदी जी ने किया है। लोकसभा में कांग्रेस नेता ने कहा, हिन्दुस्तान के 84 प्रतिशत लोगों की आमदनी घटी है और वो तेजी से गरीबी की ओर बढ़ रहे हैं। 27 करोड़ लोगों को हमने गरीबी से निकाला था और 23 करोड़ लोगों को आपने गरीबी में वापस डाल दिया। राहुल गांधी ने दो उद्योगपतियों (मुकेश अंबानी और गौतम अडानी) का उल्लेख करते हुए कहा, 'कोरोना के समय कई वैरिएंट आते हैं, लेकिन डबल ए वैरिएंट है जो देश की अर्थव्यवस्था में बढ़ रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि एक व्यक्ति का (नाम नहीं लूंगा) देश के सभी पोर्ट्स, एयरपोर्ट, पावर ट्रांसमिशन, माइनिंग, ग्रीन एनर्जी, गैस वितरण, एडिबल ऑयल। जो भी हिंदुस्तान में होता है, वहां अडानी जी दिखाई देते हैं। दूसरी साइड अंबानी जी की पेट्रोकेमिकल्स, टेलिकॉम, रीटेल, ई-कॉमर्स में मोनोपॉली है। पूरा धन चुनिंदा लोगों के हाथ में जा रहा है। गांधी ने कहा, मैं आपातकाल पर भी बोलूंगा। मैं इसके बारे में बात करने से नहीं डरता। राजा का विचार वापस आ गया है, जिसे कांग्रेस ने 1947 में खत्म कर दिया था। अब एक शहंशाह है। अब हमारे राज्य और लोगों के बीच बातचीत के साधनों पर एक विचार से हमला किया जा रहा है। इसलिए, उदाहरण के लिए, आज तमिलनाडु के विचार को भारतीय संस्था से बाहर रखा गया है। आप कह रहे हैं कि बाहर निकलो यहां से। उनके पास आवाज नहीं है। पंजाब के किसान खड़े हो सकते हैं, लेकिन उनके पास आवाज नहीं है। विरोध प्रदर्शन के दौरान कोरोनोवायरस महामारी के चलते लोगों की जान चली गई, लेकिन राजा ने नहीं सुना। कांग्रेस नेता ने बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर तीखे प्रहार करते हुए कहा कि देश हर तरफ से विरोधियों से घिरा हुआ है और क्षेत्र में अलग-थलग पड़ गया है। उन्होंने कहा, भारत का रणनीतिक लक्ष्य चीन और पाकिस्तान को अलग रखना होना चाहिए था, लेकिन आपने जो किया है वो उन्हें एक साथ ले आया। हम जिस स्थिति का सामना कर रहे हैं उसे कम मत समझिए। यह भारत के लिए एक गंभीर खतरा है। (हिफी) हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
| संयुक्त अरब अमीरात में भीख मांगना जुर्म Posted: 05 Feb 2022 05:23 AM PST संयुक्त अरब अमीरात में भीख मांगना जुर्मअबू धाबी। संयुक्त अरब अमीरात में भीख मांगना किसी जुर्म से कम नहीं है। हाल ही में पुलिस 45 भिखारियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए भिखारियों में 28 पुरुष, 16 महिलाएं और एक बच्चा भी शामिल है। देश में सुरक्षा स्थिति में सुधार के लिए एक हफ्ते के लंबे इंस्पेक्शन कैंपेन के बाद पुलिस ने ये कार्रवाई की है। यह अभियान लोगों के पैसे लूटने वाली इस प्रथा को मिटाने के सरकारी प्रयासों का हिस्सा है। अजमान पुलिस में आपराधिक जांच विभाग के निदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल अहमद सईद अल नूमी ने कहा कि हम समुदायों में सुरक्षा बढ़ाने, सामाजिक ताने-बाने और शांति को नुकसान पहुंचाने वाली हर अवैध प्रथा का मुकाबला करने को महत्व देते हैं और मौजूदा कार्रवाई इसका उदाहरण है। लेफ्टिनेंट कर्नल ने कहा कि अजमान पुलिस के गश्ती दल ने अलग-अलग उम्र के 45 एशियाई और अरब भिखारियों को भीख मांगते हुए गिरफ्तार किया है। अल नूमी ने बताया कि ये सभी भीख मांगने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल कर रहे थे। जैसे कुछ गरीब और जरूरतमंद बनकर खड़े थे, जबकि कुछ सड़क किनारे समान बेच रहे थे। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह समाज के सभी लोगों के लिए असुविधा और शर्मिंदगी का कारण बनता है। हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
| सिख विरासत मिटाने में जुटी पाक सरकार Posted: 05 Feb 2022 05:21 AM PST सिख विरासत मिटाने में जुटी पाक सरकारइस्लामाबाद। पाकिस्तान में एक बार फिर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया है। खैबर पख्तूनख्वा के हरिपुर में स्थानीय प्रशासन द्वारा सिद्दीकी-ए-अकबर चैक से महान सिख जनरल हरि सिंह नलवा की एक मूर्ति को हटा दिया गया है। आठ फीट लंबी धातु की संरचना का निर्माण सितंबर में किया गया था। मूर्ति को शहर के सौंदर्यीकरण योजना के तहत स्थापित किया गया था। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि मूर्ति के साथ-साथ इसके पुख्ता बेस की कीमत लगभग 25 लाख रुपये है। दरअसल, चैराहे पर लगाई गई इस मूर्ति को लेकर धार्मिक समूहों ने आपत्ति जताई थी। इसके बाद प्रशासन ने स्मारक को चैराहे से हटा दिया। इस चैराहे का नाम इस्लाम के पहले खलीफा हजरत अब्दुल बकर (आरए) के नाम पर रखा गया है। इस वजह से ही मूर्ति को लेकर आपत्ति जताई गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराजा हरि सिंह नलवा की मूर्ति को जीटी रोड पर पूर्व में आधा फरलांग दूर एक टैंक में ले जाया जाएगा। वहीं, खलीफा के नाम का एक नया स्मारक सिद्दीकी-ए-अकबर चैक पर स्थापित किया जाएगा। बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने सिख समुदाय के लिए भावनात्मक रूप से महत्व वाली मूर्ति को हटाने पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार देश से सिख इतिहास और विरासत को कम करने की कोशिश कर रही है। हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
| पुतिन और जिनपिंग ने दिखाए तेवर Posted: 05 Feb 2022 05:19 AM PST पुतिन और जिनपिंग ने दिखाए तेवरयूक्रेन विवाद पर बढ़ेगी दुनिया की टेंशन! बीजिंग। यूक्रेन को लेकर दुनिया की टेंशन और बढ़ने के आसार हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने साफ कर दिया है कि नाटो को अपना विस्तार करने से बचना चाहिए। चीन की राजधानी बीजिंग में शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन समारोह के मौके पर शुक्रवार को दोनों नेताओं के शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इसे चीन-रूस के मजबूत होते रिश्तों की दिशा में एक और कदम के रूप में देखा जा रहा है। चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंध, अंतरराष्ट्रीय रणनीतिक सुरक्षा और स्थिरता से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की। दरअसल, अमेरिका चाहता है कि यूक्रेन नाटो का हिस्सा बने, लेकिन रूस को इस पर आपत्ति है। अब चीन ने भी उसकी हां में हां मिलाकर बता दिया है कि यदि यूक्रेन नाटो में शामिल होता है तो तनाव बढ़ेगा। चीनी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है, 'रूस और चीन नाटो के विस्तार का विरोध करते हैं और उत्तरी अटलांटिक गठबंधन से अपने वैचारिक शीत युद्ध के दृष्टिकोण को छोड़ने, अन्य देशों की संप्रभुता, सुरक्षा और हितों का सम्मान करने, उनकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की विविधता का सम्मान करने का आह्वान करते हैं'। यूक्रेन विवाद के बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बीजिंग में मुलाकात करके एकजुटता का प्रदर्शन किया है। पुतिन विंटर ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए बीजिंग पहुंचे हैं। इस दौरान पुतिन ने चीन के साथ नजदीकी संबंधों की जमकर तारीफ की। पुतिन ने टीवी पर दिए अपने भाषण में कहा कि रूस का चीन के साथ संबंध अप्रत्याशित प्रकृति का है। हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
| भारत के खिलाफ फिर साजिश रच रहा पाकिस्तान Posted: 05 Feb 2022 05:16 AM PST भारत के खिलाफ फिर साजिश रच रहा पाकिस्तानवॉशिंगटन। पाकिस्तान से भारत की शांति देखी नहीं जा रही है, इसलिए वो फिर से साजिश रचने में जुट गया है। पाकिस्तान ने भारत में नफरत फैलाने, सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने और चरमपंथ को बढ़ावा देने के लिए अपनी पिछली रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। पाकिस्तान शांति भंग करने के लिए भारत के खिलाफ जिहादी गतिविधियों का समर्थन करता रहा है और अब एक बार फिर वो अपनी पुरानी रणनीति पर अमल करते हुए नापाक मंसूबों को अंजाम देने में जुट गया है। अमेरिकी थिंक टैंक हडसन इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के सुरक्षा तंत्र ने दशकों से लक्षित जिहादी और खालिस्तानी समूहों का समर्थन करना शुरू कर दिया है। इस गतिविधि का फिर से शुरू होना भारत के साथ-साथ अमेरिकी सुरक्षा तंत्र के लिए भी चिंता का विषय है। गौरतलब है कि जर्मनी में हालिया गिरफ्तारी भारत में चरमपंथ फैलाने के लिए इस्लामाबाद के समर्थन को दर्शाती है। पिछले साल दिसंबर में जसविंदर सिंह मुल्तानी को लुधियाना की अदालत में कथित रूप से विस्फोट करने के आरोप में जर्मनी से गिरफ्तार किया गया था। भारत के अधिकारियों ने हमले के लिए यूरोप में स्थित सिख अलगाववादियों को जिम्मेदार ठहराया था और आरोप लगाया था कि मुल्तानी हमले का मास्टरमाइंड था। अधिकारियों का मानना था कि मुल्तानी के पाकिस्तान से संबंध हैं और वह सीमा पार से पंजाब में हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी में शामिल रहा है। हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
| Posted: 05 Feb 2022 04:58 AM PST
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| आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प Posted: 05 Feb 2022 04:56 AM PST आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प- श्री जी. अशोक कुमार,महानिदेशक, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन एक संवेदनशील क्षेत्र के तौर पर वेटलैंड्स (आद्रभूमि) ऐसे अनोखे इकोसिस्टम हैं जहां जमीनी और जलीय प्राकृतिक वास आपस में मिलते हैं। ये झीलों, नदियों से इतर पानी से सराबोर रहने वाले क्षेत्र होते हैं। ये न तो पूरी तरह से शुष्क भूमि होती है और न ही पूरी तरह से पानी में डूबी होती है। इसमें दोनों विशेषताएं मौजूद होती हैं। रामसर कन्वेंशन के तहत आर्द्रभूमि को परिभाषित किया गया है। इसके अनुसार 'दलदल भूमि, पानी भरा रहने वाला मैदान, पिट (नमी वाला कोयला या अन्य) और पानी चाहे वह प्राकृतिक हो या कृत्रिम, स्थायी हो या अस्थायी, पानी रुका हो या बह रहा हो, ताजा, खारा या नमकीन, समुद्री जल क्षेत्र, जो कम ज्वार पर छह मीटर से अधिक गहरे न हो- आदि को आर्द्रभूमि कहते हैं'। आर्द्रभूमि एक प्रकार से प्राकृतिक अपशिष्ट जल शोधन वाले स्थान हैं क्योंकि वे प्रदूषकों को रोकने के साथ हानिकारक जीवाणुओं को बेअसर करने में सक्षम होते हैं। कार्बन सोखने की क्षमताओं के कारण, आर्द्रभूमि जलवायु परिवर्तन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आर्द्रभूमि भोजन का भी एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं जहां चावल और मछली होती है जिससे अरबों लोगों का पेट भरता है। आर्द्रभूमि के नष्ट होने और इसे बेकार भू-भाग समझकर सुखाने, भरने और दूसरे उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने के विचार को देखते हुए, 2 फरवरी को हर साल 'विश्व आर्द्रभूमि दिवस' मनाया जाता है। इसका मकसद पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने में इन महत्वपूर्ण जल क्षेत्रों की भूमिका के बारे में दुनियाभर में जागरूकता फैलाना है। इसी दिन 2 फरवरी 1971 में ईरान के रामसर शहर में 'वेंटलैंड्स कन्वेंशन' आयोजित हुआ था। विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2022 का विषय 'लोगों और प्रकृति के लिए आर्द्रभूमि संरक्षण की कार्रवाई' है, जिससे मानवीय उद्देश्यों के लिए आर्द्रभूमि के संरक्षण और सतत उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए किए जाने वाले कार्यों के महत्व पर जोर दिया जा सके। भूजल के स्तर को बढ़ाने के अलावा, आर्द्रभूमि विशाल स्पंज (जलशोषक) या जलाशयों की तरह भी काम करती है जो भारी बारिश के दौरान अतिरिक्त पानी को अवशोषित कर लेती है। यहां बहुत ही समृद्ध जलीय जैव-विविधता पाई जाती है और ये महत्वपूर्ण पोषक तत्व परिवर्तक के रूप में कार्य करते हैं। आर्द्रभूमि पक्षियों की कई प्रजातियों के प्रजनन के लिए उचित वातावरण प्रदान करती है। आर्द्रभूमि में पर्यटन की भी अपार संभावनाएं हैं और हंटिंग, लंबी पैदल यात्रा, मछली पकड़ने, पक्षियों को देखना और फोटोग्राफी जैसे कई लोकप्रिय मनोरंजक गतिविधियां भी यहां की जा सकती हैं। संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) एक सार्वभौमिक एजेंडा सामने रखता है, जिसमें पानी की कमी को दूर करने के लिए आर्द्रभूमि सहित पानी के अन्य पारिस्थितिकी तंत्र के प्रबंधन और उसके पुनरोद्धार की जरूरत पर जोर दिया गया है। इस तरह, आर्द्रभूमि दुनियाभर में पानी, भोजन और जलवायु से संबंधित कई चुनौतियों का समाधान करने के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हो जाती हैं। नदी के कायाकल्प में आर्द्रभूमि का संरक्षण विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह नदियों की पारिस्थितिक और भूगर्भीय चीजों के संरक्षण में मदद करता है। नदियों में प्राकृतिक बहाव को बनाए रखने में आर्द्रभूमि का योगदान नदियों, विशेष रूप से गंगा को बचाने में इन जल क्षेत्रों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिकाओं में से एक है। भारत में लगभग 4.6 प्रतिशत भूमि आर्द्रभूमि के रूप में है, जो 15.26 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करती है। भारत में ऐसी 47 जगहें हैं जिन्हें अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि (रामसर साइट्स) के रूप में मान्यता मिली हुई है, जिसके सतह का क्षेत्रफल 1.08 मिलियन हेक्टेयर से अधिक है। भारत के 47 रामसर स्थलों में से 21 गंगा बेसिन में हैं। अधिकतर रामसर स्थल उत्तर प्रदेश राज्य (9) में हैं, जो एक गंगा बेसिन राज्य है। वेटलैंड्स दुनिया के सबसे चुनौतीपूर्ण नदी कायाकल्प परियोजना में से एक-नमामि गंगे कार्यक्रम से अटूट रूप से जुड़े हैं। आर्द्रभूमि नदी के बेसिन क्षेत्र में समग्र जल विज्ञान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और उप-सतह व नदी धाराओं में जल प्रवाह में अहम योगदान करती है। गंगा बेसिन भारत में सबसे समृद्ध नदी प्रणाली है और इससे विविध प्राकृतिक और मानव निर्मित आर्द्रभूमि तैयार होती है जो गंगा और उसकी सहायक नदियों के साथ पारिस्थितिक और जलीय रूप से जुड़े हुए हैं। 4500 से अधिक जलाशय गंगा बेसिन की आर्द्रभूमि व्यवस्थाओं का एक अभिन्न हिस्सा हैं। एमओईएफ एंड सीसी द्वारा राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में चिन्हित 180 वेटलैंड्स में से 49 गंगा बेसिन में स्थित हैं (हिमाचल प्रदेश में एक, उत्तराखंड में सात, हरियाणा में दो, राजस्थान में चार, मध्य प्रदेश में नौ, उत्तर प्रदेश में 16, बिहार में तीन और पश्चिम बंगाल में सात)। साल 2020 में, भारत में घोषित कुल 14 स्थलों में से 9 रामसर स्थलों को गंगा के मुख्य प्रवाह पथ- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार में घोषित किया गया है। सुर सागर कीठम, काबर ताल और आसन इसके कुछ उदाहरण हैं। आर्द्रभूमि की सूची में नया नाम भी उत्तर प्रदेश के गंगा बेसिन- हैदरपुर वेटलैंड का है, जिसे दिसंबर 2021 में मान्यता मिली। 2021 और 2022 में शामिल किए गए अन्य वेटलैंड्स में त्सो कर आर्द्रभूमि क्षेत्र, लद्दाख, लोनार झील, महाराष्ट्र, थोल झील वन्यजीव अभयारण्य और वाधवाना वेटलैंड (गुजरात) और हरियाणा में सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान व भिंडावास वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं। सुंदरबन खारे पानी का दलदली क्षेत्र है जो भारत और बांग्लादेश के भूभाग में फैला हुआ है। यह दुनिया में सबसे बड़ा मैंग्रोव वन है और पश्चिम बंगाल में गंगा नदी के डेल्टा के पास बहकर आई मिट्टी पर स्थित है। पर्यावरण मंत्रालय के साथ मिलकर काम करते हुए, गंगा बेसिन में राज्य आर्द्रभूमि प्राधिकरणों को मजबूत किया जा रहा है और अन्य राज्यों को आर्द्रभूमि को मान्यता देने व रामसर स्थलों के लिए काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। नमामि गंगे कार्यक्रम विश्व वन्य कोष (डब्लूडब्लूएफ), भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्लूआईआई), राज्य आर्द्रभूमि प्राधिकरण आदि जैसे कई साझीदारों के साथ मिलकर काम कर रहा है जिससे आर्द्रभूमि के संरक्षण के लिए एक संस्थागत संरचना तैयार की जा सके। 27 जिलों में गंगा नदी के 10 किमी के बफर क्षेत्र के भीतर राज्य में 282 गंगा के बाढ़ वाले वेटलैंड्स के व्यापक संरक्षण और प्रबंधन के लिए जून 2020 में 'उत्तर प्रदेश में गंगा के बाढ़ के मैदानों का संरक्षण और सतत प्रबंधन' परियोजना को मंजूरी दी गई थी। शहरी आर्द्रभूमि के प्रबंधन के लिए 'शहरी आर्द्रभूमि/जल निकाय प्रबंधन दिशा-निर्देश' नामक एक टूल किट भी एसपीए, नई दिल्ली द्वारा तैयार किया गया है। विकेंद्रीकृत जल भंडारण प्रणालियों के रूप में कार्य करते हुए पेयजल उपलब्ध कराने में छोटे वेटलैंड्स की भूमिका को देखते हुए, एनएमसीजी ने डब्लूडब्लूएफ के सहयोग से जिला स्तर की संस्थाओं को आर्द्रभूमि की पहचान करने, वस्तुसूची बनाने, जमीनी सत्यापन करने और उनके संरक्षण के लिए कार्य योजना विकसित करने में सहयोग करने के लिए जिला गंगा समितियों के साथ एक कार्यक्रम शुरू किया है। आर्द्रभूमि की सुरक्षा और संरक्षण एनएमसीजी की प्राथमिकताओं में से एक है, जो आर्द्रभूमि संरक्षण को बेसिन स्तर पर लाने का प्रयास कर रहा है। हाल के समय में, आर्द्रभूमि के संरक्षण और बचाव को सामान्य रूप से भारत के जल संरक्षण प्रयासों और विशेष रूप से नदी कायाकल्प पहलों में सबसे आगे रखा जा रहा है। जल सुरक्षा सुनिश्चित करने में आर्द्रभूमि के महत्व को स्वीकार करते हुए, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ एंड सीसी) ने नेशनल सेंटर फॉर सस्टेनेबल कोस्टल मैनेजमेंट, चेन्नई के एक हिस्से के रूप में अपनी तरह का पहला वेटलैंड संरक्षण और प्रबंधन केंद्र (सीडब्लूसीएम) स्थापित किया है। इस केंद्र की स्थापना विशिष्ट अनुसंधान जरूरतों और जानकारी जुटाने के साथ-साथ एकीकृत तरीके से आर्द्रभूमि के संरक्षण, प्रबंधन और बेहतर उपयोग में सहायता के लिए की गई है। इस केंद्र को पिछले साल रामसर कन्वेंशन पर हस्ताक्षर करने की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर शुरू किया गया था। पिछले साल के विश्व आर्द्रभूमि दिवस (आर्द्रभूमि और जल) का विषय भी महत्वपूर्ण था जिसने जल, आर्द्रभूमि और जीवन के एक दूसरे से जुड़े होने का महत्व समझाया। गांधी जयंती 2021 के अवसर पर एमओईएफ एंड सीसी ने एक वेब पोर्टल-वेटलैंड्स ऑफ इंडिया- को आर्द्रभूमि से संबंधित सभी सूचनाओं के लिए सिंगल प्वाइंट एक्सेस वेबसाइट के रूप में लॉन्च किया है। ये सभी पहल भारत में आर्द्रभूमि को दिए गए महत्व का प्रमाण हैं, विशेष रूप से जल शक्ति अभियान और जल जीवन मिशन, जो स्रोत निरंतरता के जरिए जल संरक्षण को जन आंदोलन बनाने और भारत के हर घर में सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से काम कर रहा है। आर्द्रभूमि के महत्व- उसके पानी, भोजन और जलवायु परिवर्तन से सीधे संबध को लेकर जागरूकता फैलाना समय की मांग है। भारत सरकार इन छोटे, पर भारत की नदी प्रणालियों के अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्से को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस विश्व आर्द्रभूमि दिवस पर, आइए हम भारत को जल-समृद्ध बनाने के लिए अपनी आर्द्रभूमि का संरक्षण करने का संकल्प लें। हमारे 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| Posted: 05 Feb 2022 04:49 AM PST लो आया मधुमासखिल उठे उपवन सारे, बहारों का मौसम छाया, मधुर मधुर मधुकर गूंजे, मनमोहक मधुमास आया। मन का कोना कोना पुलकित, सुरभित चले पुरवाई, नव पल्लव तरुवर हर्षित, उत्साह उमंगे घिर आई। घट घट में उल्लास भरा, महके आंगन फुलवारी, कुदरत नजारे मनभावन, चहक उठे केसर क्यारी। खुशहाली आनंद खुशी से, सबकी झोली भर देता, उर के भाव जुबां पर आते, प्रेम गीत बनकर झरता। लहर लहर सरितायें बहती, सागर उमड़ा आता, केसरिया बाना शोभित, बसंत मनमोहक भाता। रमाकांत सोनी नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थान हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
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