प्राइमरी का मास्टर ● इन - 🌐

Breaking

Home Top Ad

Post Top Ad

Monday, July 13, 2020

प्राइमरी का मास्टर ● इन

प्राइमरी का मास्टर ● इन


CBSE 12th result 2020: 12वीं का रिजल्ट जारी, वेबसाइट क्रैश तो एक क्लिक में जानिए कैसे देखें अपना रिजल्ट?

Posted: 13 Jul 2020 01:57 AM PDT


CBSE 12th result 2020: 12वीं का रिजल्ट जारी, वेबसाइट क्रैश तो एक क्लिक में जानिए कैसे देखें अपना रिजल्ट? 


CBSE class 12 result: सीबीएसई ने कक्षा 12वीं के रिजल्ट की घोषणा कर दी है। बोर्ड की आधिकारिक रिजल्ट वेबसाइट cbseresults.nic.in पर जाकर रिजल्ट चेक कर सकते हैं। 
 

वेबसाइट क्रैश, अब कैसे चेक करें रिजल्ट
सीबीएसई (CBSE) ने बिना पूर्व सूचना के अचानक 12वीं के रिजल्ट की घोषणा कर दी। घोषणा के तुरंत बाद से ही बोर्ड की वेबसाइट्स क्रैश हो गई हैं। स्टूडेंट्स न तो मुख्य वेबसाइट एक्सेस कर पा रहे हैं, न ही रिजल्ट वेबसाइट। इस बार बोर्ड ने एसएमएस (SMS) के जरिए रिजल्ट देखने का भी विकल्प नहीं दिया है।

हालांकि डिजिलॉकर (CBSE DigiLocker) में रिजल्ट दिया गया है। इसकी डीटेल भी स्टूडेंट्स को एसएमएस के जरिए रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजी गई है। जानें इसके जरिए रिजल्ट कैसे चेक कर सकते हैं.. क्लिक करें..।

फोन कॉल पर भी पा सकते हैं रिजल्ट
वेबसाइट नहीं खुल रही है, तो परेशान न हों। आप अपना रिजल्ट फोन कॉल पर भी पा सकते हैं। सीबीएसई ने आईवीआरएस (IVRS) की सुविधा दी है। इसके लिए आपको नीचे दिए नंबर पर कॉल करना होगा। फिर जब उस कॉल के दौरान पूछा जाए तो मोबाइल में ही अपना रोल नंबर और जन्मतिथि दर्ज करें। आपको रिजल्ट मिल जाएगा।

इन नंबरों पर करें कॉल -
011-24300699
011-28127030





CBSE class 12 result 2020 delared: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 12वीं के रिजल्ट्स की घोषणा कर दी है। बोर्ड ने अपनी आधिकारिक रिजल्ट वेबसाइट ccbseresults.nic.in पर नतीजे जारी किए हैं। आप इस रिजल्ट पेज पर सीबीएसई की मुख्य वेबसाइट cbse.nic.in के जरिए भी जा सकते हैं।




जो स्टूडेंट्स इस परीक्षा में शामिल हुए थे, वे अब बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट्स पर जाकर अपना रिजल्ट देख सकते हैं।रिजल्ट का डायरेक्ट लिंक इस खबर में भी दिया जा रहा है।
इस संबंध में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट के जरिए जानकारी दी है।


■ CBSE 12th result 2020: एक नजर में रिजल्ट
● कुल रजिस्टर्ड स्टूडेंट्स की संख्या - 12,03,595
● परीक्षा में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स की संख्या - 11,92,961
● परीक्षा में पास होने वाले स्टूडेंट्स की संख्या - 10,59,080
● कितना रहा कुल पास प्रतिशत - 88.78 फीसदी
● छात्राओं का पास प्रतिशत - 92.15 फीसदी
● छात्रों का पास प्रतिशत - 86.19 फीसदी


इस साल सीबीएसई 12वीं में स्टूडेंट्स का कुल पास प्रतिशत पिछले साल की तुलना में 5.38 फीसदी ज्यादा रहा। पिछले साल कुल 83.40 फीसदी स्टूडेंट्स सफल रहे थे। वहीं, इस बार फिर से छात्राओं ने बाजी मारी है। छात्रों की तुलना में 5.96 फीसदी ज्यादा छात्राएं सफल रही हैं।


त्रिवेंद्रम पहले, पटना आखिरी पायदान पर
इस साल 12वीं के पास प्रतिशत के आधार पर त्रिवेंद्रम जोन पहले नंबर पर है। जबकि पटना जोन आखिरी स्थान पर रहा है। जोन वाइज कहां कितने स्टूडेंट्स सफल रहे, देखें पूरी लिस्ट -

त्रिवेंद्रम - 97.67 फीसदी
बेंगलुरू - 97.05 फीसदी
चेन्नई - 96.17 फीसदी
दिल्ली पश्चिम - 94.61 फीसदी
दिल्ली पूर्व - 94.24 फीसदी
पंचकूला - 92.52 फीसदी
चंडीगढ़ - 92.04 फीसदी
भुवनेश्वर - 91.46 फीसदी
भोपाल - 90.95 फीसदी
पुणे - 90.24 फीसदी
अजमेर - 87.60 फीसदी
नोएडा - 84.87 फीसदी
गुवाहाटी - 83.37 फीसदी
देहरादून - 83.22 फीसदी
प्रयागराज - 82.49 फीसदी
पटना - 74.57 फीसदी

सीबीएसई के कोर्स से हटाए गए कई प्रैक्टिकल, 30 फीसदी तक की कटौती

Posted: 12 Jul 2020 06:53 PM PDT

सीबीएसई के कोर्स से हटाए गए कई प्रैक्टिकल, 30 फीसदी तक की कटौती

 
लखनऊ : बढ़ते संक्रमण को देखते हुए थ्योरी के अलावा सीबीएसई ने प्रैक्टिकल में 30 फीसद कमी की है। ऐसे में कक्षा नौ से 12 तक में विज्ञान विषय में कई प्रैक्टिकल हटाए गए हैं। 


कक्षा 12 में जीव विज्ञान में हटाए गए प्रयोग की सूची

' दो अलग-अलग साइडों पर हवा में निलंबित कण पदार्थ की उपस्थिति का अध्ययन। 
' क्वाड्रेट विधि द्वारा पौधे की जनसंख्या घनत्व का अध्ययन करना। 
' क्वाड्रेट विधि द्वारा पौधे की जनसंख्या आवृत्ति का अध्ययन।

कक्षा 11 में जीव विज्ञान में हटाए गए प्रयोग की सूची

' तने के टीएस का अध्ययन।
' पोटैटो ओस्मोमीटर द्वारा ओसमोसिस का अध्ययन।
' एपिडर्मल पील (लिली के पत्ते या प्याज के बल्ब के स्केल लीफ ) में प्लास्मोलिसिस का अध्ययन।
' पत्तियों की ऊपरी और निचली सतह में वाष्पोत्सर्जन की दरों का तुलनात्मक अध्ययन।
' उपयुक्त पौधे और एनिमल में सुगर, स्टार्च, प्रोटीन और वसा की उपस्थिति के लिए परीक्षण करना।
' यूरिन अर्थात मूत्र में यूरिया की उपस्थिति के लिए परीक्षण करना।
' पौधों की कोशिकाओं के आकार ऊतक और विविधता का अस्थाई और स्थाई स्लाइड के द्वारा अध्ययन करना।
' रूट स्टेम एवं रूट में विभिन्न मॉडिफिकेशन का अध्ययन करना ।
' विभिन्न प्रकार के पुष्पक्रम (सिमोस और रेसमोसे)।
' मानव कंकाल और विभिन्न प्रकार के जोड़ों को केवल आभासी छवियों व मॉडल की मदद से अध्ययन करना।

कक्षा 12 में बायोटेक्नोलॉजी में हटाए गए प्रयोगों की सूची

' जीनोमिक डीएनए का सीटैब विधि से अलगाव। ' 
किसी भी प्लास्मिड का उपयोग करके जीवाणु परिवर्तन। ' 
प्लास्मिड डीएनए का और जेल इलेक्ट्रोफोरेसिस द्वारा इसका विश्लेषण

इनका होगा अध्ययन

' परमानेंट स्लाइड या स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोग्राफ के माध्यम से स्टिग्मा पर पराग कण अर्थात का अंकुरण।
' किसी भी पौधे के विभिन्न रंगों व आकारों के बीजों का उपयोग करके वंशानुक्रम का अध्ययन

कक्षा 11 में बायोटेक्नोलॉजी में हटाए गए प्रयोगों की सूची

प्रयोगशाला में व्यावहारिक परिणाम और सुरक्षा नियमों की रिकॉर्डिग' 
बैक्टीरियल ग्रोथ कर्वे का निर्धारण ' 
दूध प्रोटीन का अलगाव ' 
माइटोसिस के विभिन्न चरणों का अध्ययन और माइटोटिक इंडेक्स की गणना ' 
कायरेटाइप की तैयारी

जल्द जारी होंगे सीबीएसई के नतीजे, बोर्ड एक दिन पहले छात्रों को सूचित करेगा

Posted: 12 Jul 2020 06:43 PM PDT

जल्द जारी होंगे सीबीएसई के नतीजे, बोर्ड एक दिन पहले छात्रों को सूचित करेगा


नई दिल्ली। सीआईएससीई ने दसवीं व बारहवीं के नतीजे घोषित कर दिए हैं। अब केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के नतीजों का इंतजार किया जा रहा है। सीबीएसई के नतीजे 15 जुलाई तक कभी भी जारी हो सकते हैं। हालांकि अब तक बोर्ड ने नहीं की है। नतीजे जारी करने से कम से कम एक दिन पहले इसकी सूचना छात्रों को दी जाएगी। जल्द ही तिथि घोषित हो सकती है। 


दरअसल परीक्षाएं रद्द होने के बाद बोर्ड ने 15 जुलाई तक नतीजे जारी करने की बात कही थी। बोर्ड का कहना है कि छात्रों को पहले सूचना देकर बताया जाएगा कि रिजल्ट कब और कैसे देखना है। सीआईएससीई के रिजल्ट में मेरिट लिस्ट जारी नहीं होने के कारण उम्मीद की जा रही है कि सीबीएसई भी मेरिट लिस्ट के बिना ही परिणाम जारी कर सकता है। मालूम हो कि बची हुई परीक्षाएं रद्द किए जाने के बाद उनके लिए अलग से मूल्यांकन योजना तैयार की गई है। जिसके विषय में बोर्ड पहले ही घोषणा कर चुका है। 

यूजीसी के निर्देश में उलझा राज्य विश्वविद्यालय, बिना परीक्षा प्रमोट करने का निर्णय ले चुका है विश्वविद्यालय प्रशासन

Posted: 12 Jul 2020 06:38 PM PDT


यूजीसी के निर्देश में उलझा राज्य विश्वविद्यालय, बिना परीक्षा प्रमोट करने का निर्णय ले चुका है विश्वविद्यालय प्रशासन

अब यूजीसी ने निर्देश जारी कर सितंबर में परीक्षा कराने के दिए निर्देश


प्रयागराज। प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय स्नातक एवं परास्नातक के सभी छात्र-छात्राओं को बिना परीक्षा प्रमोट किए जाने का निर्णय ले चुका है लेकिन इस बीच यूजीसी की ओर से सितंबर में परीक्षाएं कराने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। हालांकि यूजीसी के निर्देश पर राज्य विवि ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है।


 विश्वविद्यालय प्रशासन को इस बारे में अब उत्तर प्रदेश सरकार से दिशा-निर्देश मिलने के इंतजार हैं। कुछ दिनों पूर्व प्रदेश सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद राज्य विश्वविद्यालय ने सभी छात्र-छात्राओं को बिना परीक्षा प्रमोट करने निर्णय लिया था। इससे राज्य विश्वविद्यालय के प्रयागराज मंडल में संबद्ध कॉलेजों के चार लाख 40 हजार 88 विद्यार्थियों को लाभ मिलना है। इन सभी छात्रों को बिना परीक्षा प्रमोट किए जाने का निर्णय हो चुका है। लेकिन, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने हाल ही में निर्देश जारी किए हैं कि सभी विश्वविद्यालय अंतिम वर्ष एवं अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं सितंबर में कराएं।


हालांकि यूजीसी ने यह निर्देश तब जारी किया है, जब कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। ऐसे में यूजीसी के निर्देशों के अनुरूप राज्य विश्वविद्यालय के लिए निर्णय लेना मुश्किल हो गया है। छात्रों को बिना परीक्षा प्रमोट किया जाए या उनकी परीक्षा कराई जाए, इस पर असमंजस की स्थिति बनी हुई हैं। हालांकि कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव का मानना है कि उनके लिए छात्र-छात्राओं की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। यूजीसी के निर्देश पर प्रदेश सरकार क्या गाइडलाइन जारी करती है, विश्वविद्यालय को अब इसका इंतजार है। प्रदेश सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही कोई निर्णय लिया जाएगा।

लखनऊ : ऑपरेशन कायाकल्प से संवरेंगे परिषदीय स्कूल, क्लिक करके देखें कौन- कौन से होंगे काम

Posted: 12 Jul 2020 06:30 PM PDT

लखनऊ : ऑपरेशन कायाकल्प से संवरेंगे परिषदीय स्कूल, क्लिक करके देखें कौन- कौन से होंगे काम

● नगर निकाय क्षेत्रों के विद्यालयों में भी लागू होगा 'ऑपरेशन कायाकल्प
● नगर विकास विभाग ने सभी निकायों को जारी किया आदेश


लखनऊ : नगर विकास विभाग शहरी क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों को ऑपरेशन कायाकल्प के तहत सजाने व संवारने जा रहा है। प्रमुख सचिव नगर विकास दीपक कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। प्रमुख सचिव ने सभी निकायों को निर्देश भेज दिए हैं। उन्होंने शहरी निकायों से वह सूची भी साझा की है जिसमें बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालयों की दशा सुधारने के लिए कराए जाने वाले कामों का ब्योरा दिया गया है।


 ग्रामीण इलाकों में पंचायतीराज विभाग के माध्यम से परिषदीय स्कूलों की स्थित सुधारने के लिए ऑपरेशन कायाकल्प शुरू किया गया। इसमें परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों से कहा गया कि वे ग्राम प्रधानों और सचिवों से मिलकर स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं विकसित कराएं। हालांकि शिक्षकों ने ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह का काम करा पाने में काफी असमर्थता जताई है और व्यवस्था पर सवाल भी उठाए हैं। वजह, पंचायती राज निदेशक का वह आदेश है जिसमें कहा गया है कि पंचायतीराजविभाग से तय काम होने के बाद रकम बचने पर स्कूलों में ऑपरेशन कायाकल्प का काम कराया जाए।



प्रमुख सचिव नगर विकास ने कहा है कि शहरी निकायों द्वारा परिषदीय स्कूलों में ऑपरेशन कायाकल्प से काम शुरू कराए जाएं। इसके लिए केंद्रीय वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग, स्मार्ट सिटी फंड, निकाय निधि, निगम निधि व अवस्थापना विकास निधि का इस्तेमाल किया जा सकता है।

● ऑपरेशन कायाकल्प में कराए जाएंगे ये काम छात्र और छात्राओं के लिए अलग टॉयलेट्स। स्वच्छ पेयजल, मल्टिपल हैंडवॉशिंग और जल निकासी की व्यवस्था। विद्यालय की फर्श, छत, दररवाजे और खिड़कियों का मरम्मत।

● टाइल्स लगवाना, विद्युतीकरण, किचन शेड को बेहतर कराना। फर्नीचर, चहारदीवारी व गेट, इंटरलॉकिंग, अतिरिक्त क्लास रूम्स।


 व्हाट्सप के जरिये जुड़ने के लिए क्लिक करें।

कोरोना का असर : कॉन्वेंट वाले बच्चों का सरकारी स्कूलों में प्रवेश, आय घटने के बाद अभिभावकों ने भारी मन से उठाया कदम

Posted: 12 Jul 2020 06:13 PM PDT

कोरोना का असर : कॉन्वेंट वाले बच्चों का सरकारी स्कूलों में प्रवेश, आय घटने के बाद अभिभावकों ने भारी मन से उठाया कदम।

प्रयागराज :: कोरोना ने जीवन के हर पहलू पर बहुत असर डाला है। मार्च के मध्य से बंदी और अनिश्चितता के माहौल में रोजगार एवं आमदनी प्रभावित हुई है । ऐसे में कई अभिभावक भारी मन से अपने बच्चों को प्रतिष्ठित कान्वेंट स्कूलों से निकालकर सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में दाखिला करा रहे हैं। बड़ी संख्या में ऐसे अभिभावक हैं जो बड़े स्कूलों की तीन-तीन महीने की फीस तक जमा नहीं कर सकें हैं और उन्हें समझ नहीं आ रहा कि क्या करें। केरल के एक अभिभावक ने अपनी बेटी का नाम गर्ल्स हाई स्कूल एंड कॉलेज से कटाकर जीजीआईसी में कक्षा 6 में अंग्रेजी मीडियम में कराया है। वे छोटे व्यापारी हैं और अब आमदनी आधी से भी कम रह गई है। आर्थिक कारणों से ही एक अन्य अभिभावक ने अपनी बेटी का नाम प्राइवेट स्कूल से कटाकर जीजीआईसी में कक्षा 10 में लिखवाया है। घर-घर चौका बर्तन करने वाली गीता के पति ड्राइवर हैं। दोनों अपनी बेटी को बाबा जी का बगियास्थित घर के पास प्राइवेट अंग्रेजी स्कूल में पढ़ाते थे। लेकिन आमदनी घटी तो उन्होंने भी अपनी बेटी का नाम जीजीआईसी में 6वीं में करा दिया। इसी प्रकार शिवचरण दास कन्हैया लाल इंटर कॉलेज में प्राइवेट कॉन्वेंट स्कूल छोड़कर एक बच्चे ने मानविकी वर्ग में 11वीं में प्रवेश लिया है। प्रधानाचार्यों का मानना है कि 6 जुलाई से प्रवेश शुरू हुआ है। आने वाले समय में ऐसे मामले और बढ़ सकते हैं। इसका एक बड़ा कारण है कि सरकारी स्कूलों में 8वीं तक की पढ़ाई मुफ्त है। कक्षा 9 से 12 तक सालाना फीस मुश्किल से हजार से डेढ़ हजार तक पड़ती है।




कुछ छात्राएं ऐसी हैं जो पहले प्राइवेट कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ती थीं और इस साल हमारे स्कूल में अंग्रेजी और हिन्दी मीडियम कक्षाओं में प्रवेश लिया है। हमारे यहां 8वीं तक पढ़ाई मुफ्त है और 9वीं से 12वीं तक मामूली फीस लगती है। एक अभिभावक तो सालाना फीस सुनकर चौंक गए। उन्हें यकीन ही नहीं हुआ की इतनी कम फीस में पढ़ाई हो सकती है।

-डॉ. इन्दु सिंह, प्रधानाचार्य जीआईसी प्रयागराज

कोरोना के कारण लोगों की आय पर असर पड़ा है, इसमें कोई दो राय नहीं। कॉन्वेंट स्कूलों के एक-दो बच्चों ने नाम कटवाकर हमारे यहां प्रवेश लिया है। कुछ लोगों ने पूछताछ की है।

-लालचंद पाठक, प्रधानाचार्य शिव चरण दास कन्हैया लाल इंटर कॉलेज

कोरोना के कारण कमाई आधी भी नहीं रह गई है। कई घर का चौका-बर्तन छूटा है, पति भी काम पर नहीं जा पा रहे। ऐसे में पेट पालें कि अंग्रेजी स्कूल में पढ़ाएं। वैसे भी जब जीजीआईसी जैसे बड़े स्कूल में मुफ्त अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई हो रही है तो कॉन्वेंट के नाम पर क्यों पैसा पानी में डालें।

-गीता, अभिभावक


 व्हाट्सप के जरिये जुड़ने के लिए क्लिक करें।

उच्च शिक्षा विभाग : स्नातक प्रवेश 15 सितम्बर तक पूरा करने के निर्देश, शैक्षिक सत्र 2020-21 के लिए संशोधित शैक्षणिक कैलेंडर जारी

Posted: 12 Jul 2020 06:33 PM PDT

उच्च शिक्षा विभाग : स्नातक प्रवेश 15 सितम्बर तक पूरा करने के निर्देश, शैक्षिक सत्र 2020-21 के लिए संशोधित शैक्षणिक कैलेंडर जारी।

राज्य विश्वविद्यालयों में होगी मिड-टर्म व सेशनल परीक्षा,  शैक्षिक सत्र 2020-21 का नया कैलेंडर जारी


लखनऊ :  देश के उच्च शिक्षा विभाग ने रविवार को नए शैक्षणिक सत्र 2020-21 के नए संशोधित शैक्षणिक कैलेंडर जारी कर दिया।




इसके तहत स्नातक व स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष को छोड़कर अन्य ऑनलाइन कक्षाएं आगामी चार अगस्त से शुरू हो जाएंगी। नया प्रवेश लेने वाले छात्रों की कक्षाएं पहली अक्टूबर से शुरू होंगी। विशेष सचिव मनोज कुमार की ओर से जारी कैलेंडर में स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश की अंतिम तिथि 15 सितंबर तो स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष में प्रवेश की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर निर्धारित की गई है। प्रवेश की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। स्नातक प्रथम वर्ष की कक्षाओं में शिक्षण कार्य शुरू करने की तिथि एक अक्तूबर होगी तो स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष की कक्षाओं में शिक्षण कार्य शुरू करने की तिथि पहली नवंबर होगी।



उच्च शिक्षा : ऑनलाइन कक्षाएं चार अगस्त से होंगी शुरू।

लखनऊ :: प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने रविवार को नए शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए संशोधित शैक्षणिक कैलेंडर जारी कर देया। इसके तहत स्नातक व स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष को छोड़कर अन्य ऑनलाइन कक्षाएं आगामी चार अगस्त से शुरू हो नानी। हालात सामान्य होने पर ही हली अक्टूबर से शिक्षण कार्य प्रत्यक्ष कक्षाओं में शुरू किया जा सकता है। विशेष सचिव मनोज कुमार की ओर से जारी इस शैक्षणिक कैलेंडर में स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश की अंतिम तिथि 15 सितंबर तो स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष में प्रवेश की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर है। प्रवेश की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। स्नातक प्रथम वर्ष की कक्षाओं में शिक्षण कार्य शुरू करने की तिथि एक अक्तूबर होगी तो स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष में शिक्षण कार्य 1 नवंबर से शुरू होगा।



 व्हाट्सप के जरिये जुड़ने के लिए क्लिक करें।

फतेहपुर : बीएसए ने दूर किया भ्रम, कन्टेनमेंट जोन में नहीं खुलेंगे स्कूल

Posted: 12 Jul 2020 02:57 PM PDT

फतेहपुर : बीएसए ने दूर किया भ्रम, कन्टेनमेंट जोन में नहीं खुलेंगे स्कूल।


फतेहपुर  ::  कन्टेन्मेण्ट जोन के भीतर परिषदीय एवं प्राइवेट स्कूलों के खुलने पर पूरी तरह पाबंदी है। शासन ने भले ही 31 जुलाई तक बच्चों के स्कूल आने पर रोक लगाई है लेकिन शिक्षकों के लिए इसे अनिवार्य किया गया है। इस स्थिति में उन स्कूलों को लेकर असमंजस की स्थिति थी जो कन्टेन्मेण्ट जोन के भीतर स्थित हैं। शिक्षक स्कूल खोलने को लेकर ऊहापोह की स्थिति में थे।





विभाग ने अब स्थिति स्पष्ट कर दी है। जनपद में ऐसे कई परिषदीय एवं प्राइवेट स्कूल हैं जो कोरोना केस पाए जाने के बाद बनाए गए कंटेन्मेंट जोन के भीतर स्थित हैं। इन स्कूलों के शिक्षक इस बात को लेकर संशय की स्थिति में थे कि उन्हें स्कूल जाना है कि नहीं जाना है। इस तथ्य को लेकर शिक्षकों के सवालों का जवाब देने के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों ने उदासीन रवैया अपनाया था। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि पाबंदी और सील किए गए क्षेत्र में सब कुछ बंद रहेगा चाहे वह स्कूल हो या फिर अन्य कार्यालय। उन्होंने कहा कि कन्टेन्मेण्ट जोन के भीतर स्थित सभी निजी एवं परिषदीय स्कूल बंद रहेंगे।


 व्हाट्सप के जरिये जुड़ने के लिए क्लिक करें।

Post Bottom Ad

Pages