प्राइमरी का मास्टर ● इन |
- जालौन : विद्यालयों के संविलियन के सम्बन्ध में खण्ड शिक्षा अधिकारी जालौन ने जारी किये दिशा-निर्देश
- पुरानी पेंशन, पदोन्नति के साथ वेतन वृद्धि, चिकित्सा भत्ता जैसी मांगों को लेकर आंदोलनरत शिक्षणेत्तर कर्मचारी एक बार फिर आंदोलन के मूड में, डिप्टी सीएम से करेंगे वार्ता
- समाज कल्याण के स्कूलों के बच्चों को नहीं मिलेगी यूनीफार्म, शासन की तरफ से नहीं दिया गया इस मद में धन
- प्रमोशन, वेतन विसंगति को लेकर शिक्षक परेशान, 2008 से राजकीय कॉलेज में एलटी ग्रेड को नहीं मिली प्रोन्नति
- लखनऊ : मूल अभिलेख जमा नहीं करेंगे शिक्षक, रविवार को हुई माध्यमिक शिक्षक संघ की ऑनलाइन बैठक में लिया गया फैसला
- लखनऊ : सरकारी स्कूल में वाहनों से किताबें भेजी जाएंगी, सभी बीईओ को अपने क्षेत्र के स्कूलों का रूट चार्ट बनाने के निर्देश
- ऑनलाइन पढ़ाई को हाजरी मानेगी सरकार, छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति का बनेगी आधार
- कलंक कथा : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को बिना बताए 14 जनपदों के डीआईओएस ने कर लीं शिक्षकों की भर्तियां
- फतेहपुर : अब परिषदीय शिक्षकों को भी घोषित करें "कोरोना वारियर्स", सोशल मीडिया पर शिक्षकों ने बुलंद की मांग
जालौन : विद्यालयों के संविलियन के सम्बन्ध में खण्ड शिक्षा अधिकारी जालौन ने जारी किये दिशा-निर्देश Posted: 27 Jul 2020 02:22 AM PDT |
Posted: 26 Jul 2020 06:35 PM PDT पुरानी पेंशन, पदोन्नति के साथ वेतन वृद्धि, चिकित्सा भत्ता जैसी मांगों को लेकर आंदोलनरत शिक्षणेत्तर कर्मचारी एक बार फिर आंदोलन के मूड में, डिप्टी सीएम से करेंगे वार्ता पुरानी पेंशन, पदोन्नति के साथ वेतन वृद्धि, चिकित्सा भत्ता जैसी मांगों को लेकर आंदोलनरत शिक्षणोतर कर्मचारी एक बार फिर सक्रियता बढ़ाने वाले हैं। कोरोना संक्रमण काल में आंदोलन स्थगित करने वाले कर्मचारी अगस्त में लखनऊ कूच करने की तैयारी कर रहे हैं। वह उच्च शिक्षा मंत्रलय का प्रभार देख रहे डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा से लंबित मांगों को लेकर निर्णायक वार्ता की तैयारी कर रहे हैं। डिप्टी सीएम का रुख देखने के बाद कर्मचारी आंदोलन की रूपरेखा तय करेंगे। प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में 50 हजार के लगभग शिक्षणोतर कर्मचारी कार्यरत हैं। वह योग्यताधारी कर्मचारियों को शिक्षक पद पर पदोन्नति देने, राजकीय कर्मचारियों के समान तीन सौ दिनों के अवकाश का नगदीकरण, चिकित्सा भत्ता, आवास की सुविधा, प्रबंध समिति में भागीदारी, पुरानी पेंशन बहाली, कर्मचारियों की नियुक्ति पर लगी रोक हटाने जैसी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। मांगें पूरी करवाने के लिए 28 व 29 जनवरी को शिक्षा निदेशालय प्रयागराज पर कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया था। उन्हें मार्च में लखनऊ में प्रदर्शन करना था। लेकिन, कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन के कारण आंदोलन स्थगित कर दिया गया था। इधर, अनलॉक घोषित होने पर कर्मचारी आंदोलन को गति देने में जुट गए हैं। वह उच्च शिक्षा मंत्रालय का प्रभार देख रहे डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा से लंबित मांगों को लेकर निर्णायक वार्ता की तैयारी कर रहे हैं। डिप्टी सीएम का रुख देखने के बाद कर्मचारी आंदोलन की रूपरेखा तय करेंगे। प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में 50 हजार के लगभग शिक्षणेतर कर्मचारी कार्यरत हैं। वह योग्यताधारी कर्मचारियों को शिक्षक पद पर पदोन्नति देने, राजकीय कर्मचासियों के समान तीन सौ दिनों के अवकाश का नगदीकरण, चिकित्सा भत्ता, आवास की सुविधा, प्रबंध समिति में भागीदारी, पुरानी पेंशन बहाली, कर्मचारियों की नियुक्ति पर लगी रोक हटाने जैसी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। मांगें पूरी करवाने के लिए 28 व 29 जनवरी को शिक्षा निदेशालय प्रयागराज पर कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया था उन्हें मार्च में लखनऊ में प्रदर्शन करना था। लेकिन, कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन के कारण आंदोलन स्थगित कर दिया गया था इधर अनलॉक घोषित होने पर कर्मचारी आंदोलन को गति देने में जुट गए हैं। |
समाज कल्याण के स्कूलों के बच्चों को नहीं मिलेगी यूनीफार्म, शासन की तरफ से नहीं दिया गया इस मद में धन Posted: 26 Jul 2020 06:35 PM PDT प्रयागराज : समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित स्कूलों के बच्चों को इस बार भी यूनिफॉर्म नहीं मिल पाएगी। शासन की तरफ से इस मद में धन नहीं दिया गया है। परिषदीय विद्यालयों और राजकीय विद्यालयों के बच्चों को यूनीफार्म वितरण करने के लिए धन आ गया है। रकम सभी विद्यालयों की प्रबंध समिति के खातों में भी भेज दी है। प्रधानाध्यापक अपने स्तर से कपड़े के लिए कोटेशन मांग रहे हैं। उसके बाद स्वयं सहायता समूहों की मदद से यूनीफार्म तैयार कराकर विद्यार्थियों को दी जाएगी। प्रत्येक विद्यार्थी को दो सेट यूनीफार्म देनी है। प्रदेश में कुल 571 विद्यालयों में 30 प्रयागराज में हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय कुशवाहा ने बताया कि सिर्फ परिषदीय और राजकीय विद्यालयों के बच्चों को यूनीफार्म देने के लिए बजट आया है। उसी के अनुरूप कार्य किया जा रहा है। अभी समाज कल्याण विभाग के विद्यालयों के लिए कोई दिशा निर्देश नहीं मिला है। |
Posted: 26 Jul 2020 06:30 PM PDT प्रमोशन, वेतन विसंगति को लेकर शिक्षक परेशान, 2008 से राजकीय कॉलेज में एलटी ग्रेड को नहीं मिली प्रोन्नति। लखनऊ :: प्रदेश के 800 से ज्यादा राजकीय इंटर कॉलेजों में से किसी में भी नियमित प्रधानाचार्य नहीं है। वर्ष 2008 से राजकीय इंटर कॉलेजों में एलटी ग्रेड को प्रोन्नति नहीं दी गई। 2001 से एसीपी यानी एश्योर्ड कॅरिअर प्रमोशन का भी लाभ नहीं मिला। वहीं खण्ड शिक्षा अधिकारियों को भी 2011 से प्रोन्नति नहीं दी गई। बेसिक और माध्यमिक के बीच संवर्गों को अलग करने को लेकर घोषणाएं भले हुई हों लेकिन अधिकारी इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं। राजकीय शिक्षकों के प्रमोशन के लिए कई बार गोपनीय आख्या मांगी गई लेकिन प्रवक्ता पद पर प्रोन्नति नहीं दी। वहीं प्रधानाचार्य पदों पर डीपीसी को लगभग 2 वर्ष हो चुके हैं लेकिन उसका रिजल्ट अभी तक नहीं दिया गया। मामला कोर्ट में है और शिक्षकों का आरोप है कि लचर पैरवी के अभाव में उनके मामला लटक गया है। प्रधानाचार्य के 50 फीसदी पद सीधी भर्ती से और 50 फीसदी प्रोन्नति से भरे जाते हैं। |
Posted: 26 Jul 2020 05:57 PM PDT लखनऊ। माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों ने जांच के लिए मूल अभिलेख जमा करने से इनकार कर दिया है। मा.शिक्षक संघ की रविवार को हुई ऑनलाइन बैठक में यह फैसला लिया गया। शासन के स्तर पर शुरू की गई शिक्षकों की जांच के लिए डीआईओएस ने शिक्षकों को मूल अभिलेख जमा करने का निर्देश दिया है उधर शिक्षकों का कहना है कि मूल अभिलेख जमा करने पर उनके खोने का खतरा है। संघ के प्रदेश मंत्री डॉ. आरपी मिश्र का कहना है कि शिक्षकों के शैक्षणिक अभिलेखों/प्रमाण पत्रों की जांच संबंधित बोर्ड और विश्वविद्यालय द्वारा की जानी है। डीआई ओएस के स्तर पर मूल अभिलेख जमा कराने का कोई औचित्य ही नहीं है। |
Posted: 26 Jul 2020 05:43 PM PDT लखनऊ | राजधानी के सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों तक अब वाहन के जरिए किताबें पहुंचाई जाएंगी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के स्तर पर गाड़ियों की व्यवस्था की गई है। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान में खबर छपने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय हरकत में आया है। बच्चों को किताबें नहीं मिल पाने के मुद्दे को हिंदुस्तान ने रविवार के अंक में प्रमुखता से उठाया। इसके बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय हरकत में आया है। बीएसएफ दिनेश कुमार ने रविवार को वाहन से किताबें पहुंचाने के लिए आदेश जारी कर दिया। बीएसए की ओर से पूरे लखनऊ को 12 विकासखण्ड में बांटकर गाड़ियां उपलब्ध कराई गई हैं। सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों को अपने क्षेत्र के स्कूलों का रूट चार्ट बनाने के निर्देश दिए गए हैं। यह चार्ट संबंधित ड्राइवर को उपलब्ध कराना होगा। |
ऑनलाइन पढ़ाई को हाजरी मानेगी सरकार, छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति का बनेगी आधार Posted: 26 Jul 2020 04:55 PM PDT ऑनलाइन पढ़ाई को हाजरी मानेगी सरकार, छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति का बनेगी आधार। लखनऊ :: प्रदेश सरकार ऑनलाइन पढ़ाई को कक्षा में हाजिरी की तरह मानेगी। इसी के आधार पर माध्यमिक, उच्च शिक्षा और तकनीकी एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए समाज कल्याण विभाग प्रस्ताव तैयार कर रहा है। वर्तमान में छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना का लाभ लेने के लिए यह अनिवार्य है कि विद्यार्थी की उपस्थिति न्यूनतम 75 प्रतिशत रही हो। परीक्षा देने के लिए भी इतनी उपस्थिति जरूरी है। कोरोना के चलते स्कूल-कॉलेज व अन्य शिक्षण संस्थान ऑनलाइन क्लास चला रहे हैं इसलिए समाज कल्याण विभाग ने ऑनलाइन क्लासेज में उपस्थिति को कक्षा में व्यक्तिगत हाजिरी के समान ही स्वीकार करने का निर्णय लिया है। इस बारे में प्रस्ताव तैयार करने के लिए इसी हफ्ते शासन ने सभी विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों के साथ ऑनलाइन बैठक करने की कार्ययोजना बनाई है। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बैठक में उपस्थिति को लेकर नियम तय होंगे ताकि, छात्रों को योजना का लाभ मिल सके। |
Posted: 26 Jul 2020 04:01 PM PDT कलंक कथा : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को बिना बताए 14 जनपदों के डीआईओएस ने कर लीं शिक्षकों की भर्तियां। प्रयागराज : प्रदेशभर के 4300 से अधिक सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रबंधकों और अफसरों की साठगांठ से शिक्षकों की नियुक्ति का मामला प्रकाश में आया है। इन स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों की सूचना प्रबंधकों से लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक यूपी माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को भेजते हैं और फिर बोर्ड चयन करते हुए स्कूल आवंटित करता है। पिछले दो दशक में 14 जिलों के डीआईओएस ने रिक्त 271 पदों की सूचना चयन बोर्ड को न भेजकर प्रबंधकों से मिलीभगत करते हुए रुपये लेकर बैकडोर शिक्षकों की एडहॉक नियुक्ति करवाई और फिर सालों भर्ती न होने का आधारहीन आरोप चयन बोर्ड पर लगाते हुए एडहॉक शिक्षकों को नियमित करने की याचिकाएं हाईकोर्ट में कर दी। 14 जिलों के डीआईओएस ने शिक्षा निदेशालय को जानकारी दी है कि रिक्त पदों की सूचना चयन बोर्ड को भेजी गई थी, जबकि बोर्ड के पास इन रिक्त पदों के मिलने का रिकॉर्ड नहीं है। |
Posted: 26 Jul 2020 03:57 PM PDT फतेहपुर : अब परिषदीय शिक्षकों को भी घोषित करें "कोरोना वारियर्स", सोशल मीडिया पर शिक्षकों ने बुलंद की मांग। फतेहपुर : कोरोना काल में राष्ट्रनिर्माण में योगदान दे रहे परिषदीय शिक्षकों ने भी खुद को कोरोना वायरस का दर्जा दिए जाने की मांग की है। उनका तर्क है कि कोरोना के प्रकोप के दौर में वह अपने परिवार को खतरे में डालकर समाज के बीच रहकर काम कर रहे हैं इसलिए उन्हें भी बीमा कौरव कोरोना से मृत्यु होने पर परिजनों को आर्थिक मदद का भरोसा मिलना चाहिए। शिक्षक अपने संघों से इस मांग को शासन के समक्ष रखने की आवाज उठा रहे हैं। गत एक जुलाई से परिषदीय स्कूलों के शिक्षक स्कूल पहुंच रहे हैं। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रसार व प्रकोप के बीच शिक्षकों को अपने व परिवार की चिंता सताने लगी है। इसके लिए सोशल मीडिया व शिक्षकों के समूहों में जबरदस्त चर्चा जारी है। शिक्षकों की मांग है कि जिस तरह सरकार ने पुलिस, डॉक्टर व सफाईकर्मियों को कोरोना योद्धा का दर्जा देकर उनके परिजनों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान की है उसी तरह की सुरक्षा उनके परिवारीजनों को भी मिलनी चाहिए। इसके पीछे वह तर्क देते हैं कि अन्य विभागों के कर्मचारी व अधिकारी तो अपने दफ्तरों में रहकर ही काम करते हैं लेकिन परिषदीय शिक्षक लगातार समाज के बीच रहकर काम कर रहा है। वह अभिभावकों के स्मार्टफोन में दीक्षा ऐप डाउनलोड कराने से लेकर राशन, ड्रेस व पुस्तक वितरण के साथ मिड डे मील की फीडिंग के लिए भी भटक रहा है। मांग : परिषदीय शिक्षकों ने सोशल मीडिया पर बुलंद की अपनी मांग स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिस की तरह कर रहे समाज के लिए काम खतरों से खेलकर राष्ट्र निर्माण : 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों का कहना है कि हमारे पास न तो पुरानी पेंशन है और न ही फंड, इसलिए हमारे परिवार की सुरक्षा आवश्यक है। कहते हैं कि यदि दुर्भाग्य से कोरोना के कारण उनकी मौत होती है तो उनके परिजनों की आर्थिक सुरक्षा कैसे हो पाएगी। हम भी तो समाज के बीच रहकर विपत्ति की इस घड़ी में राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रहे हैं। |
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