प्राइमरी का मास्टर ● इन |
- फतेहपुर : मानव सम्पदा पोर्टल पर विभाग के शिक्षकों तथा कर्मियों का शैक्षिक अभिलेख 31 जुलाई 2020 तक ऑनलाइन अपलोड किए जाने के सम्बन्ध में
- शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आधार कार्ड हाेगा अनिवार्य, समाज कल्याण विभाग ने जारी किए निर्देश, 24 जुलाई से ऑनलाइन प्रक्रिया होगी शुरू
- 69000 शिक्षक भर्ती : अभ्यर्थियों ने फॉर्म में संशोधन की मांग की
- 69000 शिक्षक भर्ती निरस्त करने के लिए पोस्टर वार
- फतेहपुर : बेसिक शिक्षा में अंधेरगर्दी, 6 साल पहले बन्द कार्यालय में लगातार बैठ रहा स्टाफ
- सफल न होने वाले विद्यार्थियों को मिलेगा परीक्षा का मौका, स्नातक और स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष की परीक्षाओं का मामला
- यूपी बोर्ड : कम्पार्टमेंट/इम्प्रूवमेंट परीक्षा के इंतजार में हैं बोर्ड के 50 हजार छात्र
- CBSE : इंटरनेट रिजल्ट में बच्चों की जन्मतिथि गलत, बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं के अंकपत्र में मिली कमी
- विश्वविद्यालय परीक्षाओं के लिए गाइडलाइन जारी
- यूपी बोर्ड : 11460 मेधावियों को हर साल 10 हजार रुपये देगी केंद्र सरकार
- सूबे के 25 हजार मदरसा शिक्षकों को 50 माह से नहीं मिला मानदेय
- फर्जी शिक्षकों के खिलाफ तेज होगा अभियान, बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा-जाना होगा जेल, वेतन वसूली भी होगी
- ज्यादातर विश्वविद्यालय अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराने को राजी
- अनुसूचित जनजाति की छात्राओं को साइकिल और यूनिफॉर्म देगी सरकार
- प्रदेश में सैनिक स्कूलों का विस्तार किया जाएगा: योगी
- प्रतापगढ़ : ARP के चयन हेतु पुनः बढ़ाई गई आवेदन करने की तिथि, देखें विज्ञप्ति
- देवरिया : फर्जी और कूटरचित प्रमाण पत्रों पर नौकरी कर रहे KGBV के 14 शिक्षक बर्खास्त
- फतेहपुर : दस वर्षों में नियुक्त बेसिक शिक्षकों की होगी जांच, अब शासन के आदेश के मद्देनजर विभाग ने शिक्षकों से मांगे दस्तावेज
- यूपी बोर्ड में 30% पाठ्यक्रम कम, 70 फीसदी पाठ्यक्रम को तीन भागों में किया जाएगा पूरा
- प्रतापगढ़ : पैनकार्ड बदल कर लाखों का खेल करने वाले 31 अध्यापकों पर कसा शिकंजा, दो-दो पैनकार्ड बनाने वाले तीन शिक्षकों को एसआईटी ने पकड़ा
Posted: 16 Jul 2020 09:52 PM PDT |
Posted: 16 Jul 2020 06:38 PM PDT शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आधार कार्ड हाेगा अनिवार्य, समाज कल्याण विभाग ने जारी किए निर्देश, 24 जुलाई से ऑनलाइन प्रक्रिया होगी शुरू लखनऊ । आर्थिक रूप से कमजोर मेधावियों को मिलने वाली शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए अब आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। इसके बगैर भुगतान नहीं किया जाएगा। अभी तक आधार न होने की दशा में भी भुगतान कर दिया जाता था। अाधार कार्ड को बैंक खाते से लिंक कराना भी अनिवार्य होगा। यही नहीं शुल्क प्रतिपूर्ति के भुगतान के लिए वित्तीय सहमति लेना अनिवार्य होगा। पहले बजट मिलने के साथ ही उतने पैसे का भुगतान विद्यार्थियों के खाते में कर दिया जाता था। काेरोना संकट के चलते ऐसा निर्णय लिया गया है। हालांकि शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए अावेदन का शिड्यूल जारी कर दिया गया है। 24 जुलाई से आॅनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू होगी। समाज कल्याण विभाग की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर मेधावियों की फीस शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में दी जाती है। हर वर्ष की दो अक्टूबर और 26 जनवरी काे विद्यार्थियों के खाते में फीस भेजने का प्रावधान है। काेरोना महामारी के चलते शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए जारी बजट का खर्च वित्त विभाग की सहमति के बगैर न करने का आदेश जारी किया गया। ऐसे में वर्ष 2020-21 वित्तीय वर्ष में शुल्क प्रतिपूर्ति के भुगतान पर असमंजस की स्थिति बनी गई है। सामान्य वर्ग की शुल्क प्रतिपूर्ति और छात्रवृत्ति के लिए 52,500 लाख रुपये और अनुसूचित जाति व जनजाति के शुल्कप्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति के लिए 98,012 लाख रुपये का बजट स्वीकृत है, लेकिन भुगतान के पहले वित्त विभाग की सहमति लेनी होगी। पूर्व दशम कक्षा नौ और 10 और दशमोत्तर कक्षा 12 के ऊपर विद्यार्थियों के लिए आवेदन प्रक्रिया का शिड्यूल जारी किया गया है। इसकी पूरी जानकारी स्कॉलरशिप की वेबसाइट U.P. Scholarship & Fee Reimbursement Online System scholarship.up.nic.in पर ली जा सकती है। जिला समाज कल्याण अधिकारी डॉ.अमरनाथ यती ने बताया कि आवेदन का शिड्यूल जारी कर दिया गया है। इस बार अाधार कार्ड के बगैर न तो आवेदन होगा और न ही शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान किया जाएगा। सरकार की ओर से शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आवंटित बजट के भुगतान से पहले वित्त विभाग की सहमति जरूरी होगी। ■ इनका रखे ध्यान ● पूर्व दशम संस्थान में प्रवेश के बाद ऑनलाइन आवेदन-24जुलाई से 20 अगस्त तक ● दशमोत्तर के छात्रों के लिए ऑनलाइन आवेदन-एक अगस्त से 23 अगस्त ● कक्षा 11 व 12 के साथ अन्य दशमोत्तर छात्रों का ऑनलाइन आवेदन-एक अगस्त से पांच नवंबर ● शिक्षण संस्थान में हार्डकॉपी जमा करने की तिथि अंतिम तिथि- एक सितंबर ● शिक्षण संस्थानों द्वारा जांच-दो अगस्त से सात सितंबर आवेदनों का भौतिक सत्यापन-आठ सितंबर से 20 नवंबर ● जिला स्तरीय अधिकारी द्वारा डिजिटल नवीनीकरण जांच- 30 सितंबर ● जिला स्तरीय अधिकारी द्वारा डाटा लॉक-एक अक्टूबर सभी जिलों में शुल्क प्रतिपूर्ति वितरण-दो अक्टूबर |
69000 शिक्षक भर्ती : अभ्यर्थियों ने फॉर्म में संशोधन की मांग की Posted: 16 Jul 2020 06:17 PM PDT 69000 शिक्षक भर्ती : अभ्यर्थियों ने फॉर्म में संशोधन की मांग की प्रयागराज। परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के फॉर्म में गलती करने वाले अभ्यर्थियों ने गुरुवार को बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय पर प्रदर्शन कर त्रुटि संशोधन की अनुमति मांगी। रोहित तिवारी मिर्जापुर, प्रयागराज से राहुल तिवारी, अमर बहादुर, तुषार, आशुतोष एवं ललितपुर से निशा परवीन आदि कार्यालय पहुंची थीं लेकिन सचिव से मुलाकात नहीं हो सकी। सचिव से 18 जुलाई को मिलने का आश्वासन लेकर गए। वहीं दूसरी ओर माध्यमिक विद्यालयों में बैकलॉग पदों को भरने, लंबित साक्षात्कार शुरू करने, चयनित अभ्यर्थियों को कॉलेज आवंटित करने, टीजीटी जीव विज्ञान की परीक्षा आयोजित कराने की मांग को लेकर छात्रों ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड पर प्रदर्शन किया। |
69000 शिक्षक भर्ती निरस्त करने के लिए पोस्टर वार Posted: 16 Jul 2020 05:56 PM PDT 69000 शिक्षक भर्ती निरस्त करने के लिए पोस्टर वार शहर पश्चिमी क्षेत्र में न्याय मोर्चा ने लगाया पोस्टर प्रयागराज। 69000 शिक्षक भर्ती निरस्त करने के लिए अभ्यर्थियों की ओर से पोस्टर वार शुरू कर दिया गया है। शिक्षक भर्ती में भ्रष्टाचार के खिलाफ न्याय मोर्चा से जुड़े छात्रों ने भर्ती परीक्षा रद्द करने, सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर शहर पश्चिम में लगाकर लोगों को जागरूक करने का अभियान शुरू किए गया है। अभियान चलाने वालों ने पोस्टर के माध्यम से 'भ्रष्टाचार में लिप्त दोषियों को गिरफ्तार करो', 'भ्रष्टाचार के जिम्मेदार शिक्षा मंत्री इस्तीफा दें' की मांग की। न्याय मोर्चा उत्तर प्रदेश संयोजक सुनील मौर्य ने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए मायावती दूबे व चंद्रमा यादव समेत तमाम आरोपी अभी तक गिरफ्तार नहीं किए जा सके इन आरोपियों को ढूंढने में एसटीएफ नाकाम क्यों हो जा रही है. सरकार कानून का राज स्थापित करने की बात करती है लेकिन अभी तक शिक्षक भर्ती में भ्रष्टाचार के आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई। ।।। सांसद में शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा में सफल परंतु आवेदन में पूर्णांक प्राप्तांक गलत भरने वाले अभ्यर्थियों के समर्थन में सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी सामने आई हैं। उनसे मिलने गए शिक्षक भर्ती के सफल अभ्यर्थियों के समर्थन में बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी को पत्र लिखकर सांसद ने संशोधन का अवसर देने की मांग की। |
फतेहपुर : बेसिक शिक्षा में अंधेरगर्दी, 6 साल पहले बन्द कार्यालय में लगातार बैठ रहा स्टाफ Posted: 16 Jul 2020 09:09 PM PDT फतेहपुर : बेसिक शिक्षा में अंधेरगर्दी, 6 साल पहले बन्द कार्यालय में लगातार बैठ रहा स्टाफ। फतेहपुर : बेसिक शिक्षा विभाग में अंधेरगर्दी का साम्राज्य है। शासन के निर्देश पर छह साल से बंद उप जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अभी तक स्टाफ की नियुक्ति है। स्टाफ को हर महीने करीब 4.40 लाख वेतन का भुगतान किया जा रहा है। खास बात तो यह है सालभर पहले कार्यालय में तीन लिपिकों की नियुक्ति भी की गई। है तो यहां तक हुई कि डेढ़ साल पहले जानकारी होने पर तत्कालीन डीएम आंजनेय कुमार सिंह ने भी कार्यालय बंद कर लिपिकों की तैनाती ब्लाकों में करने के आदेश दिए थे, लेकिन उनके आदेश का क्रियान्वयन नहीं हो छह साल पहले तक जिले में बेसिक शिक्षा विभाग के दो कार्यालय संचालित होते थे। इनमें एक बीएसए और दूसरे में उप जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का कमांड था। छह साल पहले शासन बीएसए के अलावा विभाग के अन्य सभी पद खत्म कर खंड शिक्षा अधिकारी का पद सृजित किया था। इसी के साथ उप जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय का अस्तित्व समाप्त हो गया था। पद खत्म होने के बावजूद अभी तक इस कार्यालय में 11 लिपिक, दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कार्यरत । जिला पंचायत कार्यालय में संचालित इस कार्यालय के पूरे स्टाफ को महीने में करीब 4.40 लाख रुपये वेतन का भुगतान किया जा रहा है। इस मामले को डेढ़ साल पहले तत्कालीन डीएम आंजनेय कुमार सिंह ने संज्ञान लिया था। उन्होंने कार्यालय तत्काल बंद कर लिपिकों की तैनाती ब्लाकों में करने के निर्देश दिए थे। आदेश के कुछ ही दिन में उनका तबादला हो गया, तो यह आदेश रद्दी की टोकरी में फेंक दिया गया है। बीएसए शिवेेेन्द््द्र प्रताप सिंह का कहना है कि उप जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सभी लिपिकों को ब्लाकों में बैठने के निर्देश हैं। ब्लाक न जाने वाले लिपिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सालभर पहले बंद हो चुके कार्यालय में तीन लिपिकों की और कर दी गई तैनाती। |
Posted: 16 Jul 2020 05:53 PM PDT सफल न होने वाले विद्यार्थियों को मिलेगा परीक्षा का मौका स्नातक और स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष की परीक्षाओं का मामला उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने विवि से 23 जुलाई तक मांगी कार्ययोजना लखनऊ। प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों की परीक्षाओं को लेकर बीते एक महीने से चल रही ऊहापोह की स्थिति बृहस्पतिवार को स्पष्ट कर दी है। उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि यदि कोई विद्यार्थी स्नातक, स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष या अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल नहीं हो पाता है तो उसे संबंधित कोर्स या विषय में विशेष परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाएगा। विवि अपनी और छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए विशेष परीक्षाएं करा सकते हैं। लेकिन यह विशेष परीक्षा शैक्षणिक सत्र 2019-20 में केवल एक बार ही होगी। स्नातक एवं स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष और अंतिम सेमेस्टर में बैकलॉग के तहत आने वाले विद्यार्थियों की परीक्षाएं ऑफलाइन या ऑनलाइन अनिवार्य रूप से कराई जाएंगी। उपमुख्यमंत्री ने राज्य विवि को कोरोना संक्रमण के मद्देनजर विवि का सत्र नियमित रखने और विद्यार्थियों के भविष्य एवं आवश्यकता को ध्यान में रखकर परीक्षा कार्यक्रम और अपनी कार्य योजना 23 जुलाई तक शासन में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। |
यूपी बोर्ड : कम्पार्टमेंट/इम्प्रूवमेंट परीक्षा के इंतजार में हैं बोर्ड के 50 हजार छात्र Posted: 16 Jul 2020 04:53 PM PDT यूपी बोर्ड : कम्पार्टमेंट परीक्षा के इंतजार में हैं बोर्ड के 50 हजार छात्र। प्रयागराज : : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा में सम्मिलित तकरीबन 50 हजार छात्र-छात्राओं को इम्प्रूवमेंट/कम्पार्टमेंट परीक्षा का इंतजार है। 2020 बोर्ड परीक्षा का परिणाम घोषित हुए 18 दिन बीत चुके हैं लेकिन अब तक परीक्षा तिथि या आवेदन के संबंध में कुछ तय नहीं है। इस साल से एक विषय में फेल इंटर के छात्र-छात्राओं को कम्पार्टमेंट में शामिल होने की सुविधा दी जा रही है। 27 जून को घोषित परिणाम के अनुसार 12वीं में 35017 छात्र-छात्राएं एक विषय में असफल हैं। वहीं हाईस्कूल में एक विषय में फेल अभ्यर्थियों को इम्प्रूवमेंट और दो विषय में फेल छात्र छात्राओं को कम्पार्टमेंट की सुविधा दी जाती है। इस साल हाईस्कूल में एक विषय में 327663 परीक्षार्थी फेल हैं। वैसे तो इन्हें पास होने का प्रमाणपत्र जारी हो चुका है लेकिन ये चाहें तो फेल विषय में इम्प्रूवमेंट परीक्षा दे सकते हैं। वहीं 10वीं में 771 बच्चे दो विषयों में फेल है। ये छात्र दो में से एक विषय में कम्पार्टमेंट देकर पास होंगे तभी पास का प्रमाणपत्र जारी होगा। |
Posted: 16 Jul 2020 04:28 PM PDT CBSE : इंटरनेट रिजल्ट में बच्चों की जन्मतिथि गलत, बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं के अंकपत्र में मिली कमी। प्रयागराज : : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से बुधवार को घोषित 10वीं के रिजल्ट की इंटरनेट प्रति में बच्चों की जन्मतिथि गलत है। अंकपत्र में तारीख/महीना/वर्ष का जिक्र रहता है। कई बच्चों का वर्ष पूरा नहीं लिखा है। सीबीएसई की क्षेत्रीय अधिकारी श्वेता अरोड़ा का कहना है कि वेबसाइट पर रिजल्ट अपलोड करते समय कुछ तकनीकी समस्या आने के कारण कुछ गड़बड़ी हुई थी। लेकिन बोर्ड की ओर से बच्चों को जो प्रमाणपत्र भेजा जाएगा उसमें कोई कमी नहीं रहेगी। प्रयागराज में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले सेंट्रल एकेडमी झूसी के मेधावी राहुल सिंह के अंकपत्र को ही लें। उनके जन्मतिथि के कॉलम में वर्ष गलत है। डीपी पब्लिक स्कूल प्रयाग स्ट्रीट के बच्चों के अंकपत्र में भी ऐसी कमी है। |
विश्वविद्यालय परीक्षाओं के लिए गाइडलाइन जारी Posted: 16 Jul 2020 04:43 PM PDT विश्वविद्यालय परीक्षाओं के लिए गाइडलाइन जारी। लखनऊ :: उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने गुरुवार को राज्य विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं के संबंध में गाइडलाइन जारी की इसमें कई विकल्प दिए गए हैं। इनके आधार पर विश्वविद्यालयों से 23 जुलाई तक कार्ययोजना देने के लिए कहा गया है। प्रथम वर्ष-द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा (2019-20): विकल्प 1- प्रथम वर्ष के छात्रों के परिणाम (यूजीसी की संस्तुति के अनुसार) शत-प्रतिशत आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर घोषित किए जाएं। विकल्प-2- प्रदेश सरकार द्वारा गठित समिति की संस्तुतियों के अनुसार किया जाए। 1-अ : सभी संस्थानों के प्रथम वर्ष के वे छात्र जो प्रोन्नत होकर वर्ष 2020-21 की द्वितीय वर्ष की परीक्षा में शामिल होंगे और संबंधित विश्वविद्यालय के नियमों के तहत यदि ये सभी विषयों में अलग-अलग उत्तीर्ण पाए जाते हैं तो द्वितीय वर्ष के सभी विषयों के प्राप्तांकों का औसत अंक उसके प्रथम वर्ष के उन अवशेष विषयों/प्रश्नपत्रों का प्राप्तांक माना जाएगा जिनमें 2020 में परीक्षा नहीं हो सकी। 1-ब : समस्त संकायों के द्वितीय सेमेस्टर के ऐसे छात्र जिनकी 2020 में परीक्षा नहीं हो सकी है, उनके प्रथम सेमेस्टर की दिसंबर 2019 के सभी सभी विषयों के प्राप्तांकों का औसत अंक ही उसके द्वितीय सेमेस्टर का प्राप्तांक माना जाएगा। 2 : यदि 2021 में द्वितीय वर्ष का चतुर्थ सेमेस्टर सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल होने वाला छात्र कुछ विषय/विषयों में अलग-अलग उत्तीर्ण होते हुए बैकपेपर या इम्प्रूवमेंट परीक्षा के लिए अर्ह पाया जाता है तो इस छात्र द्वारा उत्तीर्ण किए गए सभी विषयों के प्राप्तांकों का औसत अंक ही उसके प्रथम वर्ष/द्वितीय सेमेस्टर के उन विषयों का प्राप्तांक माना जाएगा जिनमें परीक्षा 2020 में नहीं हो सकी। 3. यदि कोई छात्र 2021 द्वितीय वर्ष में संबंधित विश्वविद्यालय के नियमों के तहत अनुत्तीर्ण हो जाता है तो वह 2022 में इस परीक्षा में पुनः शामिल होगा तथा इस परीक्षा में उसके द्वितीय वर्ष के परिणाम के आधार पर ही उसके प्रथम वर्ष 2020 के उन अवशेष विषयों या प्रश्नपत्रों का प्राप्तांक माना जाएगा, जिनमें 2020 में परीक्षा नहीं हो सकी। इंटरमीडिएट कक्षाओं की परीक्षा (जहां तीन/चार/पांचवर्षीय पाठ्यक्रम संचालित हैं, उनके प्रथमएवं अंतिमवर्ष को छोड़कर) विकल्प 1- इंटरमीडिएट कक्षाओं के छात्रों की सेमेस्टर/वार्षिक परीक्षाओं का परिणाम (यूजीसी दिशा-निर्देशों के अनुसार) 50 प्रतिशत विगत परीक्षा परिणामों के आधार पर तथा 50 प्रतिशत आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर घोषित किया जाए। विकल्प 2- सभी संकायों के द्वितीय वर्ष/चतुर्थ समेस्टर के छात्रों को प्रथम वर्ष (2019)/प्रथम-तृतीय (सभी तीन) सेमेस्टर के सभी विषयों के प्राप्तांकों का औसत अंक उनके द्वितीय वर्ष (2020)/चतुर्थ सेमेस्टर (2020) के उन शेष विषयों या प्रश्नपत्रों का प्राप्तांक माना जाएगा। विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष की परीक्षा छोड़ सभी परीक्षाएं रद, केंद्र सरकार और यूजीसी के दिशा निर्देशों के अनुसार राज्य सरकार का फैसला। लखनऊ प्रमुख संवाददाता उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए अंतिम वर्ष या अंतिम सेमेस्टर को छोड़कर राज्य विश्वविद्यालयों की अन्य सभी परीक्षाएं अब नहीं होंगी। स्नातक व स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष या अंतिम सेमेस्टर की शेष परीक्षाएं सितंबर के अंत तक ऑफलाइन या ऑनलाइन या मिश्रित विधा से कराई जाएंगी। डॉ. शर्मा गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 30 सितंबर तक कराकर परीक्षा परिणाम 15 अक्टूबर तक और स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष का 31 अक्तूबर तक घोषित होगा। यह फैसला विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) व केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार लिया गया है। उन्होंने कहा, कुछ विश्वविद्यालयों ने सभी परीक्षाएं लॉकडाउन से पहले करा ली थीं तथा परिणाम भी जारी कर दिया था। वे परीक्षा परिणाम यथावत रहेंगे। इन परीक्षाओं पर वे नियम लागू होंगे, जो पहले से लागू थे कुछ विश्वविद्यालयों ने विभिन्न कक्षाओं की कुछ परीक्षाएं लॉकडाउन से पहले करा ली थीं, उनका मूल्यांकन कराकर अंक अंतिम परिणाम में शामिल किए जाएंगे। कोविड-19 संक्रमण के खतरे के मद्देनजर राज्य विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष या अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाओं को छोड़कर बाकी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। -डॉ. दिनेश शर्मा, उपमुख्यमंत्री बढ़ा सकेंगे अंक :: प्रथम एवं अंतिम वर्ष सहित सभी वर्षों के ऐसे छात्र जो प्रोन्नत किये जाने का आधार बनने वाले अंकों से संतुष्ट नहीं होंगे तो वे दोबारा परीक्षा दे सकेंगे। वे 2021 में आयोजित होने वाली बैक पेपर परीक्षा या 2021-22 में आयोजित होने वाली वार्षिक/सेमेस्टर परीक्षा के उन सभी अथवा किसी भी विषय में शामिल होकर अंकों में सुधार करने का अवसर प्राप्त कर सकेंगे। अंतिम वर्ष व अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं सितंबर से। 15 अक्टूबर तक घोषित होगा स्नातक अंतिम वर्ष का परीक्षा परिणाम विश्वविद्यालयों से 23 जुलाई तक मांगी गई कार्ययोजना उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि कक्षाओं में पदोन्नति के नियम बनाने के लिए लिए विश्वविद्यालयों को विकल्प भी दिए गए हैं। उप्र राज्य उच्च शिक्षा परिषद की तरफ से विश्वविद्यालयों को मार्गदर्शी गाइडलाइन भेजी गई है और उनसे 23 जुलाई तक कार्ययोजना बनाकर देने को कहा गया है। 31 अक्टूबर तक आएगा पटना स्नातक अंतिम वर्ष का परीक्षा परिणाम तकनीकी और प्रबंधन कोर्स के लिए ये दिशा-निर्देश नहीं :: ये दिशा-निर्देश विश्वविद्यालयों में संचालित कला, विज्ञान, वाणिज्य, विधि एवं कृषि विषयों के स्नातक व परास्नातक पाठ्यक्रमों के संदर्भ में ही लागू होंगे। अभियंत्रण एवं प्रबंधन के स्नातक व परास्नातक पाठ्यक्रमों के संबंध में प्राविधिक शिक्षा विभाग से जारी होने वाले निर्देश लागू होंगे। ऐसे छात्र जो पूर्व में कराई गई इस परीक्षा के अपूर्ण परिणाम के आधार पर संबंधित विश्वविद्यालय के नियमानुसार बैकपेपर के लिए भी अर्ह नहीं है तथा अनुत्तीर्ण हैं, उनको वर्ष 2020 की परीक्षा में उत्तीर्ण घोषित किया जाएगा। राज्य सरकार ने सभी वर्षों या सेमेस्टर के छात्रों के परीक्षा परिणाम घोषित करने के लिए कई विकल्प दिए हैं। राज्य विश्वविद्यालय उनके आधार पर कार्ययोजना बना सकते हैं। |
यूपी बोर्ड : 11460 मेधावियों को हर साल 10 हजार रुपये देगी केंद्र सरकार Posted: 16 Jul 2020 10:25 AM PDT यूपी बोर्ड : 11460 मेधावियों को हर साल 10 हजार रुपये देगी केंद्र सरकार यूपी बोर्ड की 2020 इंटरमीडिएट परीक्षा में 80 परसेंटाइल से पास करने वाले 11460 मेधावियों को केंद्र सरकार की ओर से स्नातक स्तर पर सालाना दस हजार रुपये की छात्रवृत्ति मिलेगी। बोर्ड ने बुधवार को छात्रवृत्ति के लिए योग्य छात्र-छात्राओं का कटऑफ जारी कर दिया। विज्ञान, वाणिज्य व कला वर्ग में क्रमश: 334, 313 व 304 अंक पाने वाले ऐसे अभ्यर्थी जिनकी सालाना पारिवारिक आय आठ लाख रुपये से कम हो, वे आवेदन कर सकते हैं। योग्य छात्र-छात्राओं के विवरण मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) की वेबसाइट www.scholarships.gov.in पर उपलब्ध हैं। सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने मेधावियों को सलाह दी है कि इस वेबसाइट पर विस्तृत विवरण प्राप्त कर आवेदन अवश्य करें। ऐसे मेधावी छात्र-छात्राएं जो किसी भी उच्च शिक्षण संस्थान के नियमित पाठ्यक्रम में प्रवेश लेते हैं, वे यह छात्रवृत्ति पाने के योग्य होंगे। विज्ञान, वाणिज्य व मानविकी वर्ग में क्रमश: 3:2:1 के अनुपात से छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। पूर्व के वर्षों 2016, 2017, 2018 व 2019 में छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राएं अपनी छात्रवृत्ति नवीनीकरण के लिए इस वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करें। सभी छात्र-छात्राओं को अपना आधार नंबर अपने राष्ट्रीयकृत बैंक खाता संख्या से लिंक कराना होगा। |
सूबे के 25 हजार मदरसा शिक्षकों को 50 माह से नहीं मिला मानदेय Posted: 16 Jul 2020 10:11 AM PDT सूबे के 25 हजार मदरसा शिक्षकों को 50 माह से नहीं मिला मानदेय रामपुर: केंद्र सरकार ने मदरसों की हालत सुधारने के लिए मदरसा आधुनिकीकरण योजना चलाई है। इसके तहत दीनी तालीम के साथ ही दुनियाबी तालीम भी दी जाती है। इसी के लिए हिदी, अंग्रेजी, गणित और साइंस पढ़ाने के लिए शिक्षक लगाए गए हैं। प्रदेशभर में 25500 शिक्षक हैं। स्नातक शिक्षकों को आठ हजार रुपये मानदेय मिलता है। इसमें दो हजार प्रदेश सरकार और छह हजार केंद्र सरकार देती है। परास्नातक शिक्षकों को 15 हजार मानदेय मिलता है। इसमें 12 हजार केंद्र सरकार और तीन हजार प्रदेश सरकार देती है। प्रदेश सरकार अपने हिस्से का मानदेय तो दे रही है। लेकिन, केंद्र सरकार ने 50 माह से मानदेय नहीं दिया है। इससे मदरसा शिक्षकों के सामने आर्थिक समस्या खड़ी हो गई है। संयुक्त मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक समूह उत्तर प्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष शहजादे अली अंसारी कहते हैं कि मदरसा आधुनिकीकरण योजना केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश के 8584 आच्छादित मदरसों में कार्यरत 25500 शिक्षक हैं। जिनमें जनपद रामपुर के 98 आच्छादित मदरसों में 32 स्नातक शिक्षक तथा 231 परास्नातक शिक्षक कार्यरत हैं। इस तरह यहां कुल 263 शिक्षक हैं। पिछले 50 माह से केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने केंद्रांश की धनराशि नहीं दी है, जबकि प्रदेश सरकार अपनी ओर से राज्यांश निरंतर दे रही है।ऐसी स्थिति में शिक्षक भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। इस संबंध में कई आला अफसरों और मंत्रियों को भी अवगत कराया। लेकिन अभी तक मानदेय नहीं मिल सका है। |
Posted: 16 Jul 2020 10:06 AM PDT फर्जी शिक्षकों के खिलाफ तेज होगा अभियान, बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा-जाना होगा जेल, वेतन वसूली भी होगी प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री डा. सतीश द्विवेदी ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में फर्जी शिक्षकों पर व्यापक पैमाने पर कार्रवाई हो रही है। अब तक 1701 फर्जी शिक्षक बर्खास्त किये जा चुके हैं। जितने भी फर्जी शिक्षक होंगे उन्हें जेल भेजा जाएगा। उनसे वेतन वसूली की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। उन्होंने गुरुवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश में बसपा व सपा शासनकाल में फर्जी शिक्षकों की भर्ती हुई। प्रदेश में भाजपा सरकार बनते ही फर्जी शिक्षकों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। श्री द्विवेदी ने कहा कि आगरा विश्वविद्यालय की फर्जी लगातार शिक्षक बनने वाले चार हजार शिक्षकों को चिह्नित किया गया है। इनके विरुद्ध कार्रवाई हो रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में अब तक 50 हजार शिक्षकों की भर्ती हो चुकी है लेकिन एक भी शिकायत नहीं हुई। कस्तूरबा विद्यालय में अनामिका शुक्ला प्रकरण आने के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी शिक्षकों का सत्यापन शुरू हो गया है। बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित विद्यालयों में संविदा पर तैनात होने वाले शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों का बोर्ड एवं विश्वविद्यालयों से सत्यापन भी अब अनिवार्य होगा। ऑनलाइन पढाई बनी संकट मोचन उन्होंने कहा कि कोरोना संकट काल में परिषदीय शिक्षकों ने ऑनलाइन पढ़ाई में सक्रिय सहभागिता की है। ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से ही बच्चों की शिक्षा में अवरोध नहीं उत्पन्न हुआ। बच्चों की पढ़ाई के लिए स्कूलों द्वारा उनके घरों पर निशुल्क किताबें उपलब्ध कराई जा रही हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए यूनिफार्म के साथ मॉस्क भी देने पर विचार किया जा रहा है। लॉक डाउन के समय का मिडडे मील का खाद्यान्न व परिवर्तन लागत बच्चों को उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षण और विभागीय कार्यो को सहज व पारदर्शी बनाने के लिए पूरी व्यवस्था को ऑनलाइन किया जा रहा है। मानव सम्पदा पोर्टल पर सभी शिक्षकों व छात्रों का विवरण दर्ज हो रहा है। इससे फर्जीवाड़ा पकड़ में आ रहा है। उन्होंने कहा कि शैक्षिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए प्रेरणा एप लांच किया गया है। इसके लिए शिक्षकों को टैबलेट उपलब्ध कराया जाएगा। शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए अत्याधुनिक पैटर्न पर कार्यक्रमों से परिषदीय विद्यालयों की शैक्षिक व्यवस्था में लगातार सुधार हो रहा है। बेसिक शिक्षा मंत्री ने सर्किट हाउस में मंडल व जिला के शिक्षा अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए उन्हें स्कूल खुलने से पहले बच्चों को किताबें घरों पर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने लॉकडाउन अवधि को लेकर मिडडे मील के अन्तर्गत खाद्यान्न व परिवर्तन लागत के वितरण की प्रगति का जायजा लिया। |
ज्यादातर विश्वविद्यालय अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराने को राजी Posted: 16 Jul 2020 06:45 PM PDT UGC ने दी जानकारी, फाइनल ईयर की परीक्षाओं को लेकर 177 यूनिवर्सिटी ने नहीं लिया अब तक फैसला ज्यादातर विश्वविद्यालय अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराने को राजी हाल ही में यूजीसी ने अपनी संशोधित गाइडलाइन तैयार कर विश्वविद्यालयों के सामने पेश की थी। ये गाइडलाइंस फाइनल ईयर की परीक्षाओं को लेकर जारी की गई थीं। गाइडलाइंस आने के बाद सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में परीक्षाओं को लेकर उथल पुथल शुरू हो गई। ऐसी स्थिति में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने गुरुवार को इस विषय पर कहा कि परीक्षाओं के आयोजन की स्थिति बताने के लिए विश्वविद्यालयों से संपर्क किया गया था। अभी तक केवल 640 विश्वविद्यालयों ने फाइनल ईयर की परीक्षाओं को लेकर जवाब दिया है। बता दें कि इनमें से लगभग 454 विश्वविद्यालयों ने या तो परीक्षा आयोजित करा ली हैं या फिर वो करना को लेकर विचार कर रहे हैं। लेकिन 177 विश्वविद्यालय अभी भी ऐसे हैं, जिन्होंने फाइनल परीक्षाओं पर कोई निर्णय नहीं लिया है। एएनआई के अनुसार, यूजीसी ने सूचना दी है कि 2019-20 के दौरान स्थापित हुए 27 प्राइवेट विश्वविद्यालय फाइनल ईयर की परीक्षा के लिए मान्य नहीं हैं। |
अनुसूचित जनजाति की छात्राओं को साइकिल और यूनिफॉर्म देगी सरकार Posted: 15 Jul 2020 06:36 PM PDT अनुसूचित जनजाति की छात्राओं को साइकिल और यूनिफॉर्म देगी सरकार लक्ष्य पूरा न करने वाले जिला स्तरीय अधिकारियों पर होगी कार्रवाई लखनऊ। प्रदेश सरकार अनुसूचित जनजाति (एसटी) की छात्राओं को यूनिफॉर्म और साइकिल देगी। कक्षा 6,9 और 11 में पढ़ने वाली छात्राओं को इस योजना का लाभ मिलेगा। इस मद में प्रति चयनित छात्रा 4000 रुपये का बजट रखा गया है। जनजातीय कल्याण निदेशालय ने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों से कहा है कि वे संबंधित जिलों में पात्र छात्राओं का चयन करें। एक छात्रा को 700 रुपये मूल्य की यूनिफॉर्म और 3300 रुपये की साइकिल दी जाएगी। अभी तक प्रदेश सरकार इस संबंध में राशि का प्रावधान तो करती थी, पर जिला स्तरीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण बजट खर्च नहीं हो पाता था। वर्ष 2019-20 में सोनभद्र में इस मद का 40 लाख का बजट सरेंडर किया गया। इस बार सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए जिला स्तरीय अधिकारियों से कहा है कि वे समय रहते छात्र-छात्राओं का चयन कर सूची निदेशालय को भेजो। अगर किसी जिले से सूची नहीं आई और वहां जांच में छात्राएं पात्र मिली, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। जनजातीय कल्याण निदेशालय के मुताबिक, साइकिल और यूनिफॉर्म मद में सरकार ने एक करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किया है। |
प्रदेश में सैनिक स्कूलों का विस्तार किया जाएगा: योगी Posted: 15 Jul 2020 06:11 PM PDT प्रदेश में सैनिक स्कूलों का विस्तार किया जाएगा: योगी लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में सैनिक स्कूलों की श्रृंखला को प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कैप्टन मनोज पांडेय उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल के विकास और सुविधाओं के लिए प्रदेश सरकार हर संभव मदद करेगी, बह खुद इसकी समीक्षा करेंगे। स्कूल के हीरक जयंती वर्ष 2020-21 का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल की स्थापना के शिल्पी पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सम्पूर्णानंद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने ही देश के इस पहले सैनिक स्कूल की आधारशिला वर्ष 1960 में रखी थी। उन्होंने कहा कि आज सैनिक स्कूल मातृभूमि की रक्षा के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए दिखाई दे रहा है। कैप्टन मनोज पांडेय इस विद्यालय की उसी विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। कारगिल युद्ध के समय जब पाकिस्तान की सेना ने भारत भूमि में घुसने का दुःसाहस किया था और देश पर जबरन एक युद्ध थोपने का कुत्सित प्रयास हुआ था। यह प्रयास किया जाना चाहिए कि वर्ष 2021 में स्कूल के हीरक जयंती समापन कार्यक्रम में राष्ट्रपति को आमंत्रित किया जाए। कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने भी संबोधित किया। माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। |
प्रतापगढ़ : ARP के चयन हेतु पुनः बढ़ाई गई आवेदन करने की तिथि, देखें विज्ञप्ति Posted: 15 Jul 2020 06:46 PM PDT |
देवरिया : फर्जी और कूटरचित प्रमाण पत्रों पर नौकरी कर रहे KGBV के 14 शिक्षक बर्खास्त Posted: 15 Jul 2020 05:38 PM PDT देवरिया : फर्जी और कूटरचित प्रमाण पत्रों पर नौकरी कर रहे KGBV के 14 शिक्षक बर्खास्त। देवरिया : फर्जी और कूटरचित प्रमाण पत्रों पर नौकरी कर रहे कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की 14 शिक्षक बुधवार को बर्खास्त कर दिए गए। इनमें एक वार्डेन, आठ पूर्णकालिक, चार अंशकालिक और एक उर्दू शिक्षक शामिल हैं। यह कार्रवाई पांच सदस्यीय कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर हुई है। जिले के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में फर्जी प्रमाण पत्रों पर बड़ी संख्या में नियुक्ति की शिकायत किसी ने शासन से की थी। इसी बीच अनामिका प्रकरण सामने आने के बाद इसमें तेजी आ गई। राज्य परियोजना कार्यालय के निर्देश पर मामले की जांच शुरूहुई। पांच सदस्यीय कमेटी गठित गई थी। जांच कमेटी में रामपुर कारखाना के बीईओ विनोद तिवारी, पथरदेवा के बीईओ डीएन चंद, सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी डॉ.उपेंद्र मणि त्रिपाठी, डीसी प्रशिक्षण स्वप्निल कुमार मंगलम व डीसी बालिका त्रिभुवन नाथ पाण्डेय शामिल थे। 16 व 17 जून को शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की मूल प्रति, आधार नंबर को बीएसए कार्यालय में जमा करा कर उनका सत्यापन शुरू किया गया। |
Posted: 15 Jul 2020 05:28 PM PDT फतेहपुर : दस वर्षों में नियुक्त बेसिक शिक्षकों की होगी जांच, अब शासन के आदेश के मद्देनजर विभाग ने शिक्षकों से मांगे दस्तावेज। फतेहपुर :: जिले में 2010 से अब तक विभिन्न शिक्षक भर्तियों के अधीन नौकरी पाने वाले शिक्षकों की जांच कराकर सूची शासन को मुहैया कराई जाएगी। शासन की मंशा पर बीएसए ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों से कहा है कि वर्ष 2010 से अब तक जिले में तैनाती पाने वाले सभी बेसिक शिक्षकों से उनके सभी शैक्षिक एवं नियुक्ति सम्बन्धी अभिलेख एकत्र कराए जाएं। अनामिका एवं फर्जी नियुक्तियों से संबंधित मामलों के सामने आने के बाद सभी शिक्षकों की जांच कराई जाएगी। पिछले दस वर्षों के दौरान बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक पद परहुई विभिन्न शिक्षक भर्ती शासन के रडार पर हैं। एक तरफ जहां सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय एवं डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से शिक्षा स्नातक की डिग्री हासिल करने वाले शिक्षकों के अभिलेखों की एसआईटी जांच कराई जा रही है तो वहीं अब पिछले नौ वर्षों में कई शिक्षक भर्तियों के अधीन नौकरी पाने वाले शिक्षकों की जांच कराने का निर्णय किया गया है। 2018 में शासन द्वारा गठित की गई समिति ने जांच कराने का फैसला किया था। इसके बाद अब अनामिका एवं फर्जी शिक्षकों के सामने आने के बाद शासन ने बड़े पैमाने पर जांच कराने का फैसला किया है। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों से कहा है कि 2010 से अब तक जितनी भी सहायक शिक्षक पद पर भर्ती हुई हैं उनकी अलग अलग सूची तैयार की जाए। प्रत्येक भर्ती के अन्तर्गत कितने शिक्षक नियुक्त किए गए हैं, सभी को चिन्हित किया जाए। उन्होंने ताकीद दी कि यह मामला शासन की प्राथमिकता में है इसलिए निर्धारित अवधि में सूचना निर्धारित फार्म के साथ उपलब्ध कराएं। बीआरसी में शिक्षकों की भीड़ :: इस समय 2010 से बाद नियुक्त हुए शिक्षकों के साथ शिक्षामित्रों एवं अंशकालिक अनुदेशकों के शैक्षिक अभिलेखों समेत अन्य सभी प्रपत्रों की जांच कराई जा रही है। इसके लिए निर्धारित प्रारूप पर विवरण भराकर अभिलेखों की स्वप्रमाणित फोटोप्रतियां भी जमा कराई जा रही हैं। इसके चलते ब्लॉक संसाधन केन्द्रों में शिक्षकों एवं शिक्षामित्रों की खासी भीड़ एकत्र हो रही है। शिक्षकों का होने लगा पुलिस वेरिफिकेशन :: नियुक्तियों में धांधली देख शासन ने पिछली भर्ती से शिक्षकों का पुलिस वेरिफिकेशन भी शुरू करा दिया है। शासन ने भी पहले 2010 से अब तक सभी भर्तियों के अधीन चयनित हुए शिक्षकों का उनके पतों पर पुलिस वेरिफिकेशन कराने का फैसला किया था। कहा जा रहा है कि शासन अब प्रत्येक बिन्दु की बारीकी से जांच कराएगा। हालांकि 68500 सहायक शिक्षक भर्ती के अधीन नियुक्त हुए शिक्षकों का पुलिस वेरिफिकेशन कराने में पसीने छूट गए थे। |
यूपी बोर्ड में 30% पाठ्यक्रम कम, 70 फीसदी पाठ्यक्रम को तीन भागों में किया जाएगा पूरा Posted: 15 Jul 2020 04:46 PM PDT यूपी बोर्ड में 30% पाठ्यक्रम कम, 70 फीसदी पाठ्यक्रम को तीन भागों में किया जाएगा पूरा। लखनऊ। शासन ने यूपी बोर्ड के 9वीं से 12वीं तक के पाठ्यक्रम 30 फीसदी कम कर दिए हैं। पहले के मुकाबले बचा हुआ 70 फीसदी पाठ्यक्रम तीन भाग में पढ़ाया जाएगा। नियमित कक्षाएं न शुरू हो पाने की समस्या को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा परिषद ने शासन के पास पाठ्यक्रम कम करने का प्रस्ताव भेजा था। प्रस्ताव पर शासन ने अपनी मुहर लगा दी है। कोरोना महामारी की वजह से शैक्षिक सत्र 2020-21 में अभी तक स्कूलों में कक्षाओं का संचालन शुरू नहीं हो पाया है। शासन ने 15 जुलाई से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने का आदेश दे रखा हैं। लेकिन कॉलेज के साथ काफी विद्यार्थी ऐसे हैं जो संसाधनों अभाव में ऑनलाइन पढ़ाई की हालत में नहीं है। इसको देखते हुए पाठ्यक्रम कम करने पर मंथन किया जा रहा था। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि शेष 70 प्रतिशत पाठ्यक्रम को तीन भागों में बांटकर पूरा कराया जाएगा। पहले भाग में पाठ्यक्रम का वह भाग लिया जाएगा जिसे कक्षावार, विषयवार और अध्यायवार वीडियो बनाकर ऑनलाइन पढ़ाया गया है। उनको स्वयंप्रभा चैनल व डीडी यूपी से भी प्रसारित किया गया है। दूसरे भाग में वह पाठ्यक्रम शामिल किया जाएगा जिसे विद्यार्थी स्वयं पढ़कर पूरा कर सकते हैं। तीसरे भाग में पाठ्यक्रम का वह हिस्सा होगा जिसे प्रोजेक्ट के जरिये पूरा कराया जा सकता है। पाठ्यक्रम कम होने से 1 करोड़ 10 लाख से अधिक विद्यार्थियों को राहत मिलेगी। ऑनलाइन पढ़ाई के लिए संसाधनों की कमी से जूझने वालों को राहत। एकेडमिक कैलेंडर बनेगा : : उप मुख्यमंत्री ने बताया कि विषय विशेषज्ञों द्वारा शैक्षिक पंचांग के अनुसार माहवार वार्षिक एकेडमिक कैलेंडर बनाया जाएगा। इसके अनुसार पढ़ाई व मूल्यांकन की विद्यालय, जिला, मंडल और राज्यवार मॉनिटरिंग की जाएगी। इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर भी तैयार किया जाएगा। विषय विशेषज्ञों से कक्षावार, अध्यायवार और विषयवार प्रश्न बैंक तैयार कराकर माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। उसका मासिक, त्रैमासिक वार्षिक मूल्यांकन किया जाएगा। सीबीएसई-सीआईएससीई ने भी कम किया है पाठ्यक्रम : : इससे पहले सीबीएसई व सीआईएससीई ने भी 30 फीसदी तक अपना सिलेबस कम किया है। दोनों बोर्ड ने अपना नया सिलेबस भी जारी कर दिया है। |
Posted: 15 Jul 2020 04:27 PM PDT प्रतापगढ़ : पैनकार्ड बदल कर लाखों का खेल करने वाले 31 अध्यापकों पर कसा शिकंजा, दो-दो पैनकार्ड बनाने वाले तीन शिक्षकों को एसआईटी ने पकड़ा। प्रतापगढ़ :: बेसिक शिक्षा विभाग के 31 शिक्षक प्रतिवर्ष आयकर विभाग को लाखों का चूना लगा रहे हैं। इनमें कुछ शिक्षक नेता है, जो खंड शिक्षा अधिकारियों की मिलीभगत से एक ही पैन कार्ड पर दर्जनों शिक्षकों का आयकर रिटर्न दाखिल करके मोटी कमाई कर रहे हैं। तीन ऐसे अध्यापक हैं, जिन्होंने एक ही नाम से दो-दो पैन कार्ड बनवा रखे हैं। इन शिक्षकों पर विभाग ने शिकंजा कसते हुए नोटिस थमाया है। बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात प्राइमरी और मिडिल स्कूलों के शिक्षकों से अवैध कमाई करने वाले शिक्षक नेताओं के एक और राज का पर्दाफाश हुआ है। जिले के 28 अध्यापक ऐसे हैं जो सैकड़ों अध्यापकों के आयकर रिटर्न दाखिल करने में अपना पैन कार्ड डालकर रिफंड के लाखों रुपये का खेलकर आयकर विभाग को चूना लगा रहे हैं। प्रदेश में जांच अभियान चलते ही वित्त एवं लेखा विभाग अलर्ट हुआ और ऐसे 28 शिक्षकों कोचिहिनत करके नोटिस थमाया है। इधर, शासन की ओर से गठित एसआईटी ने जिले के तीन ऐसे शिक्षकों को चिह्नित किया है, जिन्होंने आयकर रिटर्न दाखिल करने में दूसरा और बैंक खाते में दूसरा पैन कार्ड लगा रखा है। विभाग ने नोटिस थमा करो सभी से स्पष्टीकरण तलब किया है। |
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