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Tuesday, July 14, 2020

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फतेहपुर : धन वापसी के लिए विद्यालयों को लिखा जाए पत्र, प्राथमिक शिक्षक संघ ने लेखाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

Posted: 13 Jul 2020 07:04 PM PDT

फतेहपुर : धन वापसी के लिए विद्यालयों को लिखा जाए पत्र, प्राथमिक शिक्षक संघ ने लेखाधिकारी को सौंपा ज्ञापन, बीईओ द्वारा मीटिंग बुलाने का किया विरोध।

फतेहपुर : प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के खातों से धन वापसी को लेकर मची अफरातफरी के बीच प्राथमिक शिक्षक संघ भी इसमें कूद गया है। संगठन के जिला मंत्री विजय त्रिपाठी ने सोमवार को वित्त एवं लेखाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें मांग की है कि अब तक उपयोग में न लाए गए धन की वापसी शासन के निर्देश पर होनी है। इस संबंध में अभी तक विद्यालयों के जिम्मेदार प्रधानाध्यापकों के पास कोई निर्देश नहीं पहुंचा है। ऐसी स्थिति में अध्यापकों के बीच भ्रम की स्थिति बनी हुई है। इसलिए संगठनकी मांग है कि सभी प्रधानाध्यापकों को विभाग की ओर से एक पत्र जारी किया जाए, जिससे कि पत्र के आधार पर वह शासन की मंशा का अनुपालन कर सकें और रिकार्ड के रूप में पत्र रख सकें। अन्यथा की स्थिति में संबंधित अध्यापक पर कार्रवाई होगी जो उचित नहीं है।






बीईओ द्वारा मीटिंग बुलाए जाने का विरोध :: प्राथमिक शिक्षक संघ ने खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा कोरोना संकट के बीच मीटिंग बुलाए जाने पर कड़ा विरोध जताया है। जिला मंत्री विजय त्रिपाठी ने बीएसए को एक ज्ञापन सौंपा है। इसमें कहा है कि जिले के शिक्षक वाट्सएप ग्रुप पर साझा किए जा रहे निर्देशों का पालन कर रहे हैं। मांगी जा रही सूचनाएं दे रहे हैं,शासन और विभाग की मंशा पर काम हो रहा है। ऐसे में कई खंड शिक्षा अधिकारियों ने बीजेपी में मीटिंग बुलाई है। जो बढ़ते हुए कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए उचित नहीं है।


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छात्रों के हितों और शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए परीक्षाएं जरूरी - UGC

Posted: 13 Jul 2020 06:47 PM PDT


विश्वविद्यालय और कॉलेजों की अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर यूजीसी ने फिर जारी किया बयान


छात्रों के हितों और शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए परीक्षाएं जरूरी

यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने कहा कि उन्होंने सभी राज्यों को परीक्षाओं को लेकर जारी गाइडलाइन और उसे कराने के लिए तय किए गए मानकों का ब्यौरा भेज दिया है। ...


नई दिल्ली,   विश्वविद्यालय की अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एक बार से जरूरी करार देते हुए इसे छात्रों के व्यापक हित में बताया है। ऐसे में राज्य परीक्षाओं को लेकर कोई भी फैसला लेने से पहले छात्रों के हितों और शैक्षणिक गुणवत्ता पर पड़ने वाले प्रभाव का भी आंकलन करें। वहीं परीक्षाओं को लेकर जारी गाइडलाइन पर यूजीसी कहना है कि आयोग के रेगुलेशन के तहत सभी विश्वविद्यालय उसे मानने के लिए बाध्य है। हालांकि यह विवाद का समय नहीं है। सभी विवि को तय गाइडलाइन के तहत परीक्षाएं करानी चाहिए। 


सभी राज्यों को भेजी गई संशोधित गाइडलाइन और परीक्षाओं को लेकर तैयार की गई एसओपी
आयोग के सचिव रजनीश जैन ने कहा कि उन्होंने सभी राज्यों को परीक्षाओं को लेकर जारी गाइडलाइन और उसे कराने के लिए तय किए गए मानकों का ब्यौरा भेज दिया है। फिर भी यदि विश्वविद्यालयों को किसी भी मुद्दे को लेकर कोई भ्रम है, तो वह संपर्क कर सकते है। उन्होंने कहा कि जहां तक बात परीक्षाओं की है तो कोरोना संकट के चलते वह पहले से इसे लेकर विश्वविद्यालयों को काफी सहूलियतें दे चुके हैं। इसमें वह ऑनलाइन और ऑफलाइन किसी भी तरीके से करा सकते हैं। जिसमें वह ओपन बुक एक्जाम, एमसीक्यू (मल्टीपल च्वायस क्यूश्चन) जैसे परीक्षा के तरीके भी अपना सकते है। 



एचआरडी मंत्रालय भी समर्थन में उतरा, राज्यों के साथ जल्द ही कर सकता है बैठक
यूजीसी सूत्रों की मानें तो आयोग ने विवाद के बीच उन कानूनी पहलुओं को भी खंगालना शुरू कर दिया है, जिसके दायरे में सभी विवि आते हैं। हालांकि यूजीसी के जुड़े अधिकारियों का कहना है, कि वह इस विवाद में नहीं पड़ना चाहते हैं। वैसे भी इसे लेकर काफी राजनीति हो रही है। सूत्रों के मुताबिक मानव संसाधन विकास मंत्रालय भी राज्यों के साथ इसे मुद्दे पर जल्द चर्चा कर सकता है।



छात्रों के हितों और शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए परीक्षाएं जरूरी
उनका कहना है कि कोरोना के इस संकटकाल में भी दुनिया का कोई विवि या उच्च शैक्षणिक संस्थान बगैर परीक्षा या असेसमेंट के सर्टिफिकेट नहीं दे रहा है। ऐसे में यदि भारतीय विश्वविद्यालय ऐसा करते है, तो इसका असर उनकी वैश्विक साख पर भी पड़ेगी। साथ ही जो भारतीय छात्र अपनी डिग्रियों या सर्टिफिकेट को लेकर नौकरियों के लिए जाएंगे, उन्हें भी इस चुनौती की सामना करना पड़ सकता है। यूजीसी देश में विश्वविद्यालयों की सबसे बड़ी नियामक संस्था है। सभी डिग्री कोर्स इसकी मंजूरी के बाद ही मान्य होते है। इसके साथ ही सभी विश्वविद्यालयों को शैक्षणिक और शोध से जुड़ी गतिविधियों को संचालित करने के लिए यह वित्तीय मदद भी देती है। 

फतेहपुर : वर्षा जल संचयन भी सिखाएंगे परिषदीय विद्यालय, रेन वाटर हार्वेस्टिंग से विद्यालय भवनों की छतों का पानी भूगर्भ में होगा संरक्षित

Posted: 13 Jul 2020 06:44 PM PDT

फतेहपुर : वर्षा जल संचयन भी सिखाएंगे परिषदीय विद्यालय, रेन वाटर हार्वेस्टिंग से विद्यालय भवनों की छतों का पानी भूगर्भ में होगा संरक्षित।


फतेहपुर : परिषदीय स्कूलों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग (वर्षा के पानी को भूगर्भ में संरक्षित किया जाएगा ) योजना का मॉडल बनाने की तैयारी है। शासन ने बीएसएफ को निर्देशित किया है कि परिषदीय विद्यालयों की छतों पर एकत्र होने वाले बारिश के पानी को संरक्षित करने के लिए परिसर में वाटर हार्वेस्टिंग बनाया जाए। इसमें खर्च होने वाले धन का भी प्रबंध किया जाएगा। गिरते भूगर्भ जल स्तर को लेकर संरक्षण पर काम हो रहे हैं। सरकारी इमारतों में पहले से ही जल संरक्षण को लेकर काम हुए हैं। परिषदीय स्कूलों में अभी तक यह काम नहीं हुआ है। शासन ने परिषदीय विद्यालयों को जल संरक्षण से जोड़ा है। बेसिक शिक्षा विभाग ऐसा है जिसमें सबसे ज्यादा वन हैं। ढाई हजार से ऊपर सरकारी भवनों में जल संरक्षण का काम होगा तो जल स्तर भी बढ़ेगा।




नई सरकारी इमारतों में है अनिवार्य :: शासन अब जो भी सरकारी इमारतें बनाता है उसमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य कर दी गई है। बनाई जाने वाली सरकारी इमारतों के नक्शे में वाटर हार्वेस्टिंग का काम दर्ज होता है। नगर पालिका के निर्माण विभाग के अभियंता अमित कुमार जायसवाल कहते हैं कि बीते पांच सालों से इस अनिवार्यता पर काम हो रहा है। बिना वाटर हार्वेस्टिंग के डिजाइन ही पास नहीं होती है। मरम्मत का कार्य भी होगा :: 54 परिषदीय विद्यालयों में पहले से बने रेन वाटर हार्वेस्टिंग बदहाल स्थिति में हैं उनकी मरम्मत की जाएगी।

रेन वाटर हार्वेस्टिंग का काम कुछ विद्यालयों में अभी तक हुआ है। शासन के निर्देश पर दिन रेन वाटर हार्वेस्टिंग वाले विद्यालयों की सूची बनाई जा रही है। करीब ढाई हजार प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को इस योजना से जोड़ा जाएगा। शिवेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए


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रायबरेली : ARP के अवशेष पदों पर चयन के लिए विज्ञप्ति जारी, देखें

Posted: 13 Jul 2020 06:35 PM PDT

रायबरेली : ARP के अवशेष पदों पर चयन के लिए विज्ञप्ति जारी, देखें।





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बीएड प्रवेश परीक्षा के लिए सभी जिलों में नोडल अधिकारी, 09 अगस्त को प्रदेश भर में होगी प्रवेश परीक्षा

Posted: 13 Jul 2020 06:10 PM PDT

बीएड प्रवेश परीक्षा के लिए सभी जिलों में नोडल अधिकारी, 09 अगस्त को प्रदेश भर में होगी प्रवेश परीक्षा
 

लखनऊ : बीएड कोर्स में दाखिले के लिए नौ अगस्त को होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए नोडल अधिकारी तैनात कर दिए गए हैं। कमेटी में डीआइओएस व डीएम द्वारा नामित एक अधिकारी भी शामिल होगा।


बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा की जिम्मेदारी लखनऊ विश्वविद्यालय को दी गई है। प्रमुख जिलों में जिन्हें नोडल अधिकारी बनाया गया है, उनमें राजधानी में लविव के प्रोफेसर ध्रुव सेन सिंह, कानपुर में डॉ.संदीप कुमार सिंह, आगरा में डॉ.संजीव कुमार, नोएडा में डॉ.दिव्यानाथ, मेरठ में डॉ.पीके मिश्र, प्रयागराज में डॉ.चंद्र प्रकाश, डॉ.सुनील कुमार सरोज व डॉ.आनंद शेखर सिंह और वाराणसी में प्रो.आरपी सिंह व डॉ.अवधेश कुमार को नोडल अधिकारी बनाया गया है।

यूपी में विश्वविद्यालय की परीक्षाओं पर अगले दो दिनों में निर्णय होगा निर्णय

Posted: 13 Jul 2020 05:55 PM PDT

यूपी में विश्वविद्यालय की परीक्षाओं पर अगले दो दिनों में निर्णय : डॉ. दिनेश शर्मा

deputy cm dinesh sharma said that the decision on university examinations in up in the next two days


विश्वविद्यालय की परीक्षाओं पर अगले एक-दो दिनों में निर्णय लिया जाएगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की नई गाइडलाइन के मुताबिक राज्य सरकार इस पर फैसला लेगी। उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने यह ऐलान 'हिन्दुस्तान' द्वारा आयोजित ई-संवाद में किया। 'कोरोना काल में नए शैक्षिक सत्र की चुनौतियां' विषय पर आयोजित ई-संवाद  को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमने कल ही शैक्षिक कलेंडर जारी किया था लेकिन यूजीसी की गाइडलाइन कुछ और हैं।  


इधर जल्दी-जल्दी यूजीसी की गाइडलाइन बदल कर आई हैं। हमने कोर्स शेड्यूल तैयार रखा था। परीक्षाएं कैसे होंगी या नहीं होंगी, क्या हम प्रमोशन देंगे, फाइनल इयर की परीक्षा लेंगे। ये कुछ यक्ष प्रश्न थे। इनके जवाब तलाशते हुए हम समाधान तक पहुंच चुके थे लेकिन यूजीसी ने अपनी गाइडलाइन बदली हैं। इससे सामंजस्य स्थापित करते हुए हमें प्रमोशन देना है या परीक्षाएं लेनी है, इस निष्कर्ष पर हम एक-दो दिन में पहुंच जाएंगे। 


ई-संवाद को संबोधित करते हुए सीबीएसई के पूर्व अध्यक्ष अशोक गागुंली ने ऑनलाइन शिक्षा में चॉक और ब्लैकबोर्ड प्रणाली को किनारे करने का सुझाव देते हुए कहा कि हमें इसमें चार 'ई' पर ध्यान देना होगा। पहले बच्चे को 'इंगेज' करें,'एक्स्प्लोर' करने का मौका दें, बच्चे को 'एक्सप्लेन' करें, जो बच्चे को ज्ञान दें रहे हैं उसे 'एक्सटेंड' करें यानी जो ज्ञान उसने हासिल किया उसे लागू करें। तब जाकर ऑनलाइन शिक्षा प्रभावी होगी।  


लखनऊ विवि के कुलपति प्रो आलोक कुमार राय ने विवि में लागू किए जाने वाले स्लिप माड्यूल की जानकारी देते हुए कहा कि बच्चे घर में करे व विवि में आकर अपनी जिज्ञासाओं को शांत करें। एकेटीयू के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने डिजिटल शिक्षा के लिए संसाधन जुटाने पर जोर दिया। उन्होंने इंटरनेट के साथ ही अखबार, रेडियो, टीवी आदि को साथ लेकर चलने पर बल दिया।

फतेहपुर : शासनादेश को बीईओ ने दिखाया ठेंगा, जारी किया अपना "आदेश"

Posted: 13 Jul 2020 10:25 PM PDT

फतेहपुर : शासनादेश को ठेंगा, बीईओ का अपना "आदेश" जारी!


फतेहपुर : अपर मुख्य सचिव द्वारा दिए गए 27 जून के आदेश को ठेगा दिखाते हुए विजयीपुर ब्लॉक के सीईओ ने 13 जुलाई को अपना 'आदेश' जारी कर दिया। अपर मुख्य सचिव ने गत 27 जून को प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों एवं अंशकालिक अनुदेशकों का सेवा विवरण मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड कराने, डाटा सत्यापन एवं अभिलेखों के सत्यापन के सम्बन्ध में आदेश जारी किया था। इसमें सभी जिलों के बीएसए को कई निर्देश दिए गए थे। आदेश में शिक्षामित्रों व अनुदेशकों के अभिलेखों एवं सभी प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराने का निर्देश भी शामिल है। इस बारे में बिन्दुवार कई निर्देश दिए गए हैं। बिन्दु संख्या चार में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि समस्त शिक्षामित्रों एवं अंशकालिक अनुदेशकों के शैक्षिक अभिलेखों एवं समस्त प्रमाणपत्रों का ऑनलाइन, रजिस्टर्ड डाक या वाहक द्वारा संबंधित बोर्ड या विश्वविद्यालय से सत्यापन कराया जाएगा। इस सत्यापित कार्य में व्यय की गई धनराशि यथा स्टेशनरी, डाक व्यय का भुगतान समग्र शिक्षा के अन्तर्गत किया जाएगा।







लेकिन बीईओ ने जारी किया यह आदेश :: सोशल मीडिया में सामने आए आदेश में बीईओ विजयीपुर ने बिन्दु संख्या चार की अवेहलना कर दी। उन्होंने डाक व्यय का भार शिक्षामित्रों व अंशकालिक अनुदेशकों के कंधों पर डाल दिया। उन्होंने 13 जुलाई को एक आदेश जारी कर शिक्षकों को न्याय पंचायत वार प्रभारी बनाया है। रोस्टर जारी कर तारीख एवं समय भी तय कर दिया। आदेश में उन्होंने साफ लिखा है कि जांच के दौरान शिक्षा मित्र व अनुदेशक सभी प्रमाण पत्रों की दो सेट छायाप्रति एवं पांच सादे लिफाफे रजिस्ट्री टिकट के साथ लाएं। अब अंदरखाने विरोध यह है कि जब डाक व्यय का वहन समग्र शिक्षा के मद से किया जाएगा तो फिर इसे शिक्षामित्रों व अनुदेशकों से क्यों वसूला जा रहा है।

बोले जिम्मेदार :: परियोजना के गाइड लाइन के अनुसार ही सत्यापन कार्य कराया जारहा है। किसी गलतफहमी में बीईओ विजयीपुर ने पत्र जारी किया हो। जानकारी कराने के उपरांत उसे निरस्त कराया जाएगा। शिवेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए


▪️ यहां क्लिक करके देखें शासन द्वारा निर्गत आदेश👈🏻




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CBSE Result: लखनऊ की दिव्यांशी जैन को मिले 600 में से 600 नंबर, पूरे देश में किया टॉप, 88% बच्चे हुए पास

Posted: 13 Jul 2020 05:51 PM PDT

CBSE Result: लखनऊ की दिव्यांशी जैन को मिले 600 में से 600 नंबर, पूरे देश में किया टॉप, 88% बच्चे हुए पास

CBSE Topper Divyanshi jain: लखनऊ की दिव्यांशी जैन को सीबीएसई बोर्ड 12वीं की परीक्षा में पूरे 100 पर्सेंट नंबर मिले हैं। दिव्यांशी आर्ट्स स्ट्रीम की छात्रा हैं।
 

● सीबीएसई 12वीं के रिजल्‍ट में लखनऊ की दिव्‍यांशी जैन ने पूरे देश में टॉप किया
● दिव्‍यांशी ने 600 में से 600 नंबर हासिल कर पूरे लखनऊ का मान बढ़ाया है
● डेप्‍युटी सीएम दिनेश शर्मा ने दिव्‍यांशी जैन से मुलाकात कर बधाई दी है
● पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर छात्रा के उज्‍ज्‍वल भविष्‍य की कामना की


केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 12वीं कक्षा का रिजल्ट सोमवार को घोषित कर दिया। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की दिव्यांशी जैन ने पूरे देश में इतिहास रच दिया। उन्होंने 12वीं में 600 में से 600 नंबर हासिल करके पूरे देश में लखनऊ का नाम रोशन किया है। शहर के नवयुग रेडियंस स्कूल की छात्रा दिव्यांशी की इस सफलता के बाद स्कूल से लेकर आस-पड़ोस और परिचित रिश्तेदार लगातार उन्हें बधाई दे रहे हैं, उनके घर पर लोग मुंह मीठा करवा रहे हैं। वहीं, उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।


दिव्यांशी को यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बधाई दी है। ट्विटर पर अखिलेश ने लिखा है कि 'सीबीएसई बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा में शत प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाली लखनऊ की छात्रा दिव्यांशी जैन को बहुत-बहुत बधाई एवं उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं।' 


जानकारी के अनुसार, दिव्यांशी जैन नवयुग रेडिएंस पब्लिक स्कूल की छात्रा हैं। सीबीएसई ने 12वीं लखनऊ की बेटी दिव्यांशी जैन 600 में से 600 अंक पाकर ऑल इंडिया टॉप किया है। दिव्यांशी जैन के पिता राकेश प्रकाश जैन बिजनेसमैन हैं, उनकी गणेशगंज में दुकान है। दिव्यांशी की माता सीमा जैन गृहिणी हैं।

 

आर्ट्स सब्जेक्ट में मिले 100 पर्सेंट नंबर
अपने रिजल्ट के बाद दिव्यांशी ने मीडिया को बताया कि उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि शत-प्रतिशत नंबर मिल सकते हैं। यह सफलता इसलिए भी खास है क्योंकि दिव्यांशी ने मानविकी में ये नंबर हासिल किए हैं। दिव्यांशी ने बताया कि हाईस्कूल में उन्हें 97.6 प्रतिशत अंक हासिल हुए थे। इसके बाद उन्होंने मेहनत और लगन के साथ पढ़ाई करके ये सफलता हासिल की है।


बता दें कि लखनऊ में सीबीएसई से संबद्ध करीब 150 स्कूलों का संचालन किया जाता है। यहां से करीब 11 हजार छात्र-छात्राओं ने इस बार सीबीएसई 12वीं की परीक्षा दी थी। सोमवार दोपहर को इनके नतीजे जारी किए गए हैं। नतीजे जारी होते ही सीबीएसई की वेबसाइट ठप हो गई। काफी मशक्कत के बाद नतीजे देखे गए।
 
88.78 फीसदी रहा सीबीएसई के 12वीं कक्षा का परिणाम
गौरतलब है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने सोमवार को अचानक 12वीं कक्षा के नतीजे घोषित कर दिए। इस साल सीबीएसई के 12वीं कक्षा का रिजल्ट 88.78 फीसदी रहा है, जोकि पिछले साल के मुकाबले अच्छा है। इस वर्ष 10.59 लाख विद्यार्थियों ने बारहवीं कक्षा में सफलता पाई है। अपने परिणाम से विद्यार्थी काफी खुश है।

कोरोना महामारी का शिक्षा पर पड़ेगा व्यापक प्रभाव, एक करोड़ बच्चे नहीं लौट पाएंगे स्कूल

Posted: 13 Jul 2020 05:46 PM PDT


कोरोना महामारी का शिक्षा पर पड़ेगा व्यापक प्रभाव, एक करोड़ बच्चे नहीं लौट पाएंगे स्कूल


अप्रैल 2020 में दुनियाभर में 1.6 अरब बच्चे स्कूल और यूनिवर्सिटी नहीं जा सके। यह दुनिया के कुल छात्रों का 90 फीसदी हिस्सा है। ...


नई दिल्ली । कोरोनावायरस ने पूरी दुनिया में कहर बरपाया है। करोड़ों लोग इससे संक्रमित हुए हैं और लाखों की जान जा चुकी है। कोरोनावायरस ने पूरे देश की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाया है, इसी के साथ बच्चों के भविष्य पर भी प्रभाव डाला है। बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था सेव द चिल्ड्रन संस्था ने इस संबंध में एक रिपोर्ट तैयार की है।


1.6 अरब बच्चे स्कूल और यूनिवर्सिटी नहीं जा सके 
इस रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र के डेटा का हवाला देते हुए लिखा गया हैकि अप्रैल 2020 में दुनियाभर में 1.6 अरब बच्चे स्कूल और यूनिवर्सिटी नहीं जा सके। यह दुनिया के कुल छात्रों का 90 फीसदी हिस्सा है। रिपोर्ट में लिखा गया है कि मानव इतिहास में पहली बार वैश्विक स्तर पर बच्चों की एक पूरी पीढ़ी की शिक्षा बाधित हुई। इसके परिणामस्वरूप जो आर्थिक तंगी देखी जाएगी, उसके कारण आने वाले वक्त में स्कूलों के एडमिशन पर बुरा असर पड़ेगा।


11 करोड़ बच्चों को गरीबी में धकेले जाने का खतरा 
इतना ही नहीं, रिपोर्ट के अनुसार अब 9 से 11 करोड़ बच्चों के गरीबी में धकेले जाने का खतरा भी बढ़ गया। साथ ही परिवारों की आर्थिक रूप से मदद करने के लिए छात्रों को पढ़ाई छोड़ कम उम्र में ही नौकरियां शुरू करनी होंगी। ऐसी स्थिति में लड़कियों की जल्दी शादी भी कराई जाएगी और करीब एक करोड़ छात्र कभी शिक्षा की ओर नहीं लौट पाएंगे। संस्था ने चेतावनी दी है कि निम्न और मध्यम आय वाले देशों में 2021 के अंत तक शिक्षा बजट में 77 अरब डॉलर की कमी आएगी। 


एक करोड़ बच्चे कभी स्कूल नहीं जा पाएंगे 
सेव द चिल्ड्रन की सीईओ इंगेर एशिंग बताती हैं कि करीब एक करोड़ बच्चे कभी स्कूल नहीं लौटेंगे। यह एक अभूतपूर्व शिक्षा आपातकाल है और सरकारों को तत्काल शिक्षा में निवेश करने की जरूरत है। सेव द चिल्ड्रन ने सरकारों और दानकर्ताओं से अपील की है कि स्कूलों के दोबारा खुलने के बाद वे शिक्षा में और निवेश करें और तब तक डिस्टेंस लर्निंग को प्रोत्साहित करें।


पहले ही शिक्षा के क्षेत्र में हाशिए पर थे बच्चे 
एशिंग का कहना है कि हम जानते हैं कि गरीब बच्चों को इसका सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। वे पहले ही हाशिए पर थे। इस बीच पिछले आधे अकैडमिक साल से डिस्टेंस लर्निंग या किसी भी तरह से शिक्षा तक उनकी पहुंच ही नहीं है। उन्होंने लेनदारों से कम आय वाले देशों के लिए ऋण चुकाने की सीमा को निलंबित करने का भी आग्रह किया है जिससे शिक्षा बजट में 14 अरब डॉलर बच सकेंगे। 


एशिंग के अनुसार अगर हमने शिक्षा संकट को शुरू हो जाने दिया तो बच्चों के भविष्य पर इसका बहुत बुरा असर होगा जो लंबे वक्त तक दिखेगा। दुनिया ने जो 2030 तक सभी बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिलवाने का प्रण लिया था, वह कई सालों पीछे धकेल दिया जाएगा।


12 देशों पर सबसे अधिक खतरा 
संस्था के अनुसार नाइजर, माली, चाड, लाइबेरिया, अफगानिस्तान, गिनी, मॉरिटानिया, यमन, नाइजीरिया, पाकिस्तान, सेनेगल और आयवरी कोस्ट जैसे देशों पर सबसे अधिक खतरा है। कोरोना महामारी शुरू होने से पहले भी दुनिया भर के करीब 26 करोड़ बच्चे शिक्षा से वंचित थे। अब कोरोना संकट के कारण, जिन बच्चों को शिक्षा मिल पा रही थी, उनसे भी यह छिन जाने का खतरा बन गया है।

माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों के दस्तावेजों की होगी जांच, मानव सम्पदा पोर्टल पर अपलोड होगा डाटा

Posted: 13 Jul 2020 05:43 PM PDT

माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों के दस्तावेजों की होगी जांच, मानव सम्पदा पोर्टल पर अपलोड होगा डाटा।

लखनऊ। प्रदेश में सभी राज्य और सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों और संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच होगी। माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने सभी जिलाधिकारियों को शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच के लिए एडीएम की अध्यक्षता में समिति बनाने के निर्देश दिए हैं। डीआईओएस, जीआईसी के प्रधानाचार्य और प्रतिष्ठित सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य समिति के सदस्य होंगे। मंडलीय उप शिक्षा निदेशक समितियों के नोडल अधिकारी होंगे। जांच समिति कार्यरत सभी शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों, प्रमाण पत्रों को अपने कार्यालय में जमा कर जांच पूरी होने तक सुरक्षित रखेगी समिति बोर्डवार और विश्वविद्यालय और सभी शिक्षकों की शैक्षिक सूची संबंधित बोर्ड या विवि को भेजकर एक सप्ताह में उसका सत्यापन करें। जिन शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ समिति एफआईआर दर्ज कराएगी। फर्जी शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने के लिए सक्षम अधिकारी को संस्तुति की जाएगी। अपर मुख्य सचिव ने जांच की कार्यवाही पूरी कर 31 जुलाई तक शासन को रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं।

हर जिले में डीएम की अध्यक्षता में बनेगी समिति, अपर मुख्य सचिव ने सभी डीएम को दिए निर्देश।





मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड होगा डाटा :: शिक्षकों का डाटा 15 जुलाई तक मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। विभाग के वित्त नियंत्रक पैन कार्ड व कोषागार से होने वाले भुगतान का विवरण भी चेक करेंगे। इससे किसी शिक्षक को हो रहे दोहरे भुगतान का खुलासा हो सकेगा।


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